सही ब्रा चुनना है जरूरी

सब से बढि़या फैशन लुक पाना हर लड़की और स्त्री की चाह होती है. आप के फैशन कोशंट को बढ़ाने में सही ब्रा की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण होती है. आइए, जानें इस संदर्भ में विस्तार से जिवामे की किरूबा देवी से:

आर्नेट ग्लिट्ज ब्रा:

यह बहुत ही सुंदर, शानदार, हाई ग्लैम ब्रा है, जिसे बहुत ही छोटे और सुंदर स्पार्कल्स से सजाया जाता है. किसी भी लहंगे या साड़ी के साथ यह ब्रा खूब जंचती है. रिच वाइन और बेज कलर के इस कलैक्शन में ब्लाउज ब्रा भी होती है, जो स्टाइलिश होने के साथसाथ बेहतर फिटिंग वाली भी होती है. इसे पहन लेने पर ब्लाउज पहनने और उस के अंदर ब्रा की कोई जरूरत नहीं.

स्वीट कैरोलाइन ब्रा:

फूलों के प्रिंट्स से सजाई गई टीशर्ट ब्रालेट दिन में आउटिंग के समय पहनने के लिए बिलकुल सही है. हाई ग्लैम लुक्स से थोड़ा ब्रेक लेना चाहती हैं तो इस फ्लोरल ब्रालेट पर कोई भी श्रग, हाई वेस्टेड पैंट और स्नीकर्स पहन लीजिए और अपने दोस्तों के साथ किसी कौफी शौप में चिल टाइम के लिए तैयार हो जाएं. इतना ही नहीं, इस डे लुक को आप बड़ी आसानी से नाइट लुक में भी बदल सकती हैं. जींस की जगह कोई भी फ्लोरल स्कर्ट पहन लीजिए. उस पर मैचिंग ज्वैलरी और दुपट्टे के साथ पूरा हो जाता है आप का चिक लुक.

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विंटेज लेस ब्रा:

पुरानी बौलीवुड अभिनेत्रियों ने क्लासिक साडि़यों, नो मेकअप लुक्स और बेजोड़ अदाकारी से विंटेज जमाने को यादगार बनाया है. अत: विंटेज लेस ब्रा पहन कर आप भी वही खूबसूरती, वही रोमांस अपने फैशन के जरीए दिखा सकती हैं. इस शानदार ब्रा के साथ पफ्ड स्लीव ब्लाउज और अपनी दादी या नानी की सब से प्यारी साड़ी पहनिए. आप की खूबसूरती को चार चांद लग जाएंगे.

ट्रिव्लाइट ब्लूम ब्रा

पुराने स्टाइल के ब्लाउज से ऊब चुकी हैं तो इस ब्रा के साथ परफैक्ट फिट होने वाला व्हाइट क्रौप टौप पहनिए. साथ में फ्लेयर्ड पैंट्स, चंकी सिल्वर ज्वैलरी और कूल फ्लैट्स के साथ पूरे आत्मविश्वास से बाहर निकलिए. दोपहर में किसी त्योहार में जाना हो या पंडाल में दोस्तों के साथ समय बिताना हो तो यह लुक सब से अच्छा है.

यह भी जानें

बेहतर हैल्थ और आकर्षक लुक के लिए सही साइज और शेप की ब्रा चुननी जरूरी होती है. यही नहीं ब्रा का ध्यान कैसे रखा जाए, अपने शरीर के आकारप्रकार और जरूरत के अनुसार किस ब्रा का चुनाव किया जाए, इस की जानकारी भी आवश्यक है.

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आइए, जानें कि ऐसी जानकारी जो हमें प्राय: अपने मित्रों, जानकारों और इंटरनैट से मिलती है वह कितनी सही होती है और

कितनी झूठी:

ब्रा को रोज धोना जरूरी नहीं

यह बिलकुल सही नहीं है. क्या ऐसा किसी ने आप के दूसरे अंतर्वस्त्रों के लिए कहा है? आखिर सभी अंतर्वस्त्र त्वचा के ठीक ऊपर पहने जाते हैं. उन पर शरीर से निकलने वाली गंदगी, पसीना और चिकनाई एकत्रित होती है. ऐसे में अगर इन कपड़ों की ठीक ढंग से सफाई न की जाए तो ये न केवल कम समय तक चलते हैं, बल्कि इन का लचीलापन भी कम हो जाता है.

सफेद कपड़ों के नीचे सफेद ब्रा

दरअसल, सफेद कपड़ों के नीचे रंगीन ब्रा से भी ज्यादा आसानी से सफेद ब्रा दिखती है. अत: बेहतर यही है कि आप हलके गुलाबी, न्यूड और भूरे रंग की ब्रा ही पहनें.

अंडर वायर ब्रा पहनने से कैंसर होता है:

इस बात का कोई भी वैज्ञानिक सुबूत नहीं है. ब्रा का उपयोग ब्रैस्ट कैंसर का कारण नहीं हो सकता. फिर वह भले गहरे रंग की हो या अंडरवायर्ड. अत: इस बात को तुरंत अपने दिमाग से निकल दें. हां, यह कहना सही है कि सही माप की ब्रा पहनना महत्त्वपूर्ण है ताकि यह वायर ब्रैस्ट टिशू में धंस कर आप की परेशानी का कारण न बने.

साइज:

ध्यान रखें कि अलग-अलग ब्रैंड्स के अपने अलगअलग साइज चार्ट्स होते हैं. ये साइज मौडल के शरीर के आकारप्रकार के अनुसार तय किए जाते हैं और हर ब्रैंड का अपना अलग ही फिट मौडल होता है. अत: किसी नए ब्रैंड की ब्रा खरीदने से पहले अपना साइज जरूर माप लें.

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ब्रा का उपयोग:

शारीरिक गतिविधियों के दौरान ब्रैस्ट को बेहतर सपोर्ट देने के लिए स्पोर्ट्स ब्रा पहनी जाती है. यह सामान्य ब्रा से थोड़ी अलग होती है. हर स्त्री को दौड़ते या व्यायाम करते समय सही स्पोर्ट्स ब्रा पहननी चाहिए.

जितना पैसा उतना तनाव

एक अमेरिकी अर्थशास्त्री डेनियल हेमरमैश का कहना है कि जो जितना अमीर हो जाता है वह उतना ही ज्यादा तनाव में रहता है, क्योंकि उस के पास पैसा होता है पर उसे खर्च करने का समय नहीं. उस के पास तो अपनी पत्नी और बच्चों के लिए भी समय नहीं होता. अमेरिका में पिछले 50 सालों में बहुत पैसा आया है और अमीर ज्यादा अमीर हुए हैं पर वे बहुत खुश हों, जरूरी नहीं. अब अमीर कपड़ों पर पैसा नहीं खर्च करते, वे हाई ऐंड महंगे जिमों, होटलों, रेस्तराओं में खर्च करते हैं. यह बात दूसरी है कि जितनी देर वहां रहते हैं उन के ईमेल और फोन उन्हें पूरी तरह इन सेवाओं का लाभ नहीं उठाने देते.

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उन की पत्नियां महंगे कपड़े खरीदती हैं, ज्वैलरी खरीदती हैं पर हर समय डरी रहती हैं कि पति के इर्दगिर्द मंडराती स्मार्ट, लालची लड़कियों से पति को कैसे बचा कर रखें. वे पति से उस के घंटों का हिसाब नहीं मांग सकतीं. वह कब, कहां और किस के साथ है पूछ नहीं सकतीं. आमतौर पर वे पतियों के विशाल दफ्तरों तक में नहीं जा पातीं और पतियों को मिलने वाले पैसे के लालच में लंबी छूट देती हैं पर इस से तनाव में घुलती रहती हैं. अमीर लोगों की एक चिंता यह भी होती है कि कहीं आय कम न हो जाए जैसे अभी इस बार बजट में अचानक अमीरों पर आयकर 7-8% बढ़ गया. ऐसे सरकारी फैसले पतियों को हर समय परेशान रखते हैं.

कम आय वालों की पत्नियों को कम में गुजारा तो करना पड़ता है पर भरोसा होता है कि पति दफ्तर में कहां है और घर आ कर कौन से सोफे पर कौन सा टीवी चैनल देख रहा है. कम आय वाले पुरुषों पर लड़कियां डोरे नहीं डालतीं. वे घर पर काम नहीं लाते, रसोई में मदद करते हैं और जब छुट्टी पर जाते हैं, तो पूरी तरह पत्नी के होते हैं.

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अमीर की पत्नी होना फक्र की बात जरूर है पर तनावग्रस्त पति का कोई क्या करे खासतौर पर तब जब सब से बड़ा तोहफा हीरों का हार नहीं, 24 घंटों के तनाव देता हो.

करना है कम खर्च तो महिलाएं अकेले जाएं शौपिंग

महिलाओं के शौपिंग के बिहेवियर संबंधित लोगों में ये धरणा होती है कि वो काफी खर्चीली होती हैं. जब भी वो बाजार जाती हैं हमेशा जरूरत से ज्यादा की खरीदारी करती हैं, बेकार का पैसा उड़ाती हैं. पर इस खबर में इस धारणा से जुड़ा एक अहम तथ्य रखने वाले हैं. एक नए शोध में ये बात सामने आई है कि जब महिलाएं शौपिंग करने समूह में जाती हैं, ज्यादा खरीदारी करती हैं. वहीं जो अकेले जाती हैं, तुलनात्मक रूप से कम खरीदारी करती हैं.

एक अंग्रेजी वेबसाइट के हालिया शोध में ये बात सामने आई कि महिलाएं जब समूह में बाजार जाती हैं, तो अधिक खर्च कर देती हैं, इसलिए उन्हें खरीदारी करने अकेले बाजार जाना चाहिए. इस वेबसाइट के मुताबिक इसका असर सैंपल की 62 फीसदी महिलाओं पर देखने को मिला.

अध्ययन के मुताबिक, जब महिलाएं अपने समूह में बाजार जाती हैं तो अकेले बाजार जाने की अपेक्षा 37.25 पाउंड अधिक खर्च कर डालती है. आपको बता दें कि इस शोध को 2000 महिलाओं पर किया गया है. इस शोध को करने वाली कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि ‘सहेलियों के साथ खरीददारी के लिए जाना, भले ही कभी-कभी खर्चीला साबित हो सकता है, लेकिन अकेले बाजार जाने की अपेक्षा यह अधिक आनंददायक हो सकता है.’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘जब आप अकेले खरीददारी करती हैं, तो आप आसानी से पसंद न आने वाली वस्तु को न खरीदने का फैसला कर सकती हैं.’

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