जानें बेहतर मैरिड लाइफ से जुड़ी जानकारी

लेखिका- भाषणा बांसल गुप्ता

कई दिनों से निशा की बढ़ती व्यस्तता नितिन की बेचैनी बढ़ा रही थी. जब भी नितिन सेक्स के मूड में होता वह उस की व्यस्तता के कारण यौनसुख प्राप्त नहीं कर पाता. यह नहीं कि निशा को इस की जरूरत महसूस नहीं होती, पर वह अपने काम को अपनी इस जरूरत से अधिक महत्त्व देती. इस से नितिन की यौन भावनाएं आहत होतीं.  धीरेधीरे वह यौन कुंठा का शिकार हो गया. अकसर व्यस्त दंपती अपनी सेक्सलाइफ का पूर्णरूप से आनंद नहीं उठा पाते, क्योंकि अगर वे सेक्स करते भी हैं तो किसी कार्य को निबटाने की तरह. न तो उन्हें एकदूसरे से रोमांटिक बातें करने की फुरसत होती, न ही वे परस्पर छेड़छाड़ का मजा ले पाते. सेक्स विशेषज्ञों का मानना है कि सेक्स में चरमसुख की प्राप्ति तभी हो पाती है जब पतिपत्नी दोनों पूरी तरह उत्तेजित हों और यह उत्तेजना उन में तभी आ सकती है, जब वे सेक्स से पहले आवश्यक क्रियाएं जैसे परस्पर छेड़छाड़, एकदूसरे के गुप्त अंगों को सहलाना, होंठ चूमना, आलिंगनबद्ध होना इत्यादि करें. इन क्रियाओं से सेक्सग्रंथियां तेजी से काम करना शुरू कर देती हैं व पतिपत्नी में अत्यधिक उत्तेजना पैदा हो जाती है, जो उन्हें चरमसुख प्रदान करने में सहायक होती है. पर जो दंपती अपने काम को सेक्स से ज्यादा महत्त्वपूर्ण मानते हैं, वे ऐसा कदापि नहीं कर पाते.

घातक स्थिति है यह

राघव की जौब ऐसी है कि वह रात को 11 बजे से पहले घर नहीं लौट पाता. उस की पत्नी ट्विंकल भी नौकरी करती है. दोनों इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें एकदूसरे से ढंग से बात  करने तक की फुरसत नहीं मिलती. सेक्स को भी दोनों अपने जौबवर्क की तरह ही निबटाते हैं. नतीजा यह होता है कि वे कई सप्ताह तक शारीरिक तौर पर एकदूसरे के साथ जुड़ते ही नहीं, क्योंकि सेक्स में उन्हें बिलकुल भी आनंद नहीं आता और इसी कारण उन की इस में रुचि घटती जा रही है. अधिक व्यस्त रहने के कारण पतिपत्नी लगातार अपनी यौनइच्छाओं को दबाते रहते हैं, क्योंकि कई बार ऐसी स्थिति भी आती है कि उन में से एक जल्दी फ्री हो जाता है व दूसरे के साथ अपना समय गुजारना चाहता है, शारीरिक सुख प्राप्त करना चाहता है परंतु उस की यह चाहत पूरी नहीं हो पाती, क्योंकि उस का साथी बिजी है. ऐसे में पतिपत्नी न तो कभी अपनी यौन भावनाओं को एकदूसरे से शेयर कर पाते हैं, न ही सेक्स के विषय पर एकदूसरे से खुल कर बातचीत करते हैं. या तो वे लगातार सेक्स को नजरअंदाज करते हैं या इसे सिर्फ निबटाते हैं. ऐसी स्थिति में उन के सेक्स संबंधों पर प्रतिकूल असर पड़ता है. धीरेधीरे सेक्स उन्हें बोर करने लगता है.

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सेक्स में बोरियत होने से दोनों ही इस से विमुख होने लगते हैं. उन की सेक्स के प्रति अंदरूनी चाहत खत्म होने लगती है और पति का अंग शिथिल पड़ता चला जाता है, साथ ही पत्नी को भी उत्तेजित होने में अधिक समय लगता है. यह स्थिति दांपत्य संबंधों के लिए खतरे की घंटी है. सेक्स, जो सफल वैवाहिक जीवन का आधार है, अगर पतिपत्नी इस से ही विमुख हो जाएंगे तो उन्हें एकदूसरे के प्रति कोई आकर्षण नहीं रहेगा. ऐसे में विवाहेतर संबंध पनपते हैं, जो पतिपत्नी के आपसी रिश्ते की जड़ें खोखली करने में अहम भूमिका निभाते हैं. अगर पतिपत्नी दोनों मिल कर प्रयास करें तो वे अपने व्यस्त जीवन में से सेक्स में पूर्ण आनंद प्राप्त करने हेतु समय निकाल ही सकते हैं. बस, जरूरत है थोड़ी समझदारी व इच्छाशक्ति की. अपनी यौनइच्छाओं को दबाएं नहीं बल्कि मौका देख कर उन्हें जीवनसाथी के समक्ष उजागर करें.

नेहा और सूजल ऐसी स्थिति में एकदूसरे को पूर्ण सहयोग देते हैं. एक फ्री है तो उस ने दूसरे के काम निबटा दिए, दूसरा जल्दी फ्री हो जाता है तो वह अपने साथी के कार्यों में सहयोग देता है ताकि वे दोनों एकदूसरे के साथ कुछ वक्त बिता सकें. नेहा कहती है, ‘‘कई बार सूजल जल्दी फ्री हो जाते हैं तो वह नौकरानी को खाना बनाने संबंधी हिदायतें देते हैं, फिर अन्य काम जैसे प्रेस के कपड़े भिजवाना, बेडरूम को व्यवस्थित करना इत्यादि कार्य निबटा लेते हैं. मैं जब घर लौटती हूं तो वह जल्दी से मुझे फे्रश होने को कह खाना लगा देते हैं. ऐसे में हमारा शारीरिक व मानसिक रिश्ता अधिक मजबूत हो जाता है.’’ यह तो तय है कि जिन पतिपत्नी में परस्पर सहयोग की भावना होती है, वे मानसिक तथा शारीरिक तौर पर एकदूसरे के अधिक करीब होते हैं, क्योंकि एकदूसरे का सहयोग उन्हें मानसिक संबल प्रदान करने के साथसाथ आपसी लगाव, प्यार व विश्वास में भी वृद्धि करता है. ऐसे में वे शारीरिक तौर पर भी सहज ही एकदूसरे से जुड़ जाते हैं और उन्हें उत्तेजित होने में भी अधिक समय नहीं लगता.

इन्हीं सब बातों पर आप की सेक्सलाइफ निर्भर करती है. अगर आप चरमसुख की अनुभूति प्राप्त करना चाहते हैं तो परस्पर सहयोग तो करना ही होगा, क्योंकि सेक्स भी टैक्स मांगता है. तो फिर देर किस बात की, टैक्स चुकाइए व सेक्स का लुत्फ उठाइए.

नवीनता लाएं

अगर आप सदैव व्यस्तता का रोना रो कर सेक्स से कटते हैं तो आप के संबंध बेहद नीरस हो जाते हैं. ऐसी स्थिति पैदा होने पर आप को स्वयं में कुछ बदलाव लाने होंगे, तभी आप अपने संबंधों को चरमसुख के रस से सराबोर कर सकते हैं.

सेक्स का पूरा आनंद उठाने हेतु आप दोनों का पूर्णरूप से उत्तेजित होना बहुत आवश्यक है और यह उत्तेजना तभी आ सकती है, जब आप सेक्स से पूर्व एकदूसरे के साथ मीठीमीठी बातें, शरारतें, छेड़छाड़ करें.

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कभीकभी रूटीन से हट कर कुछ नया करें. समय निकाल कर जीवनसाथी से मोबाइल पर मीठी बातें करें. अगर वह बिजी हो तो उसे रोमांटिक मैसेज भेजें.

अपने अंत:वस्त्रों में बदलाव लाएं. ऐसे रंग के अंत:वस्त्र पहनें, जो जीवनसाथी को बेहद पसंद हों.

डिनर के वक्त प्यार से एकदूसरे को निहारें. पैरों से शरारतें करें. कभी खाना लेते वक्त हलके से हाथों का स्पर्श करें या फिर अचानक उस अंग को छू दें, जिस से जीवनसाथी में उत्तेजना पैदा होती हो. रोमांटिक गाने सुनें.

आप का बेडरूम व्यवस्थित व खुशबूदार होना चाहिए. बेडरूम में भीगी महक वाला स्पे्र करें. यह महक आप को मदहोश कर देगी और आप मौका मिलते ही आलिंगनबद्ध हो जाएंगे और आप को पता भी नहीं चलेगा कि कब आप एकदूसरे में समा गए.

मेरे जीजाजी की हरकतों के कारण मैं परेशान हूं, मैं क्या करुं?

सवाल

मेरे जीजाजी बहुत आशिकमिजाज हैं. पिछले दिनों वे हमारे घर आए हुए थे, तो बारबार बातचीत में मुझे टच करने की कोशिश करते रहे. एक दिन मैं स्कर्टकोटी में बैठी थी कि मेरे पास बैठ गए और बातोंबातों में हंसते हुए मेरी जांघ पर हाथ फेरने लगे, उस समय दीदी भी बाहर गई हुई थीं. मुझे यह अच्छा नहीं लगा. मैं क्या करूं?

जवाब

आप पहले तो दीदी के घर ज्यादा जाना छोड़ें. वजह पूछने पर पेरैंट्स को यह बात बता दें. जब आप वहां जाना छोड़ देंगी तो जीजाजी से भी दूरी बनेगी. इसी तरह जब वे आप के घर आएं तो उन से दूरी बना कर रहें. पेरैंट्स के साथ बैठ कर उन से बात करें, अकेले में न मिलें. कौन्फिडैंस में ले कर दीदी को भी यह बात बताएं ताकि वे भी उन पर नजर रख सकें व आप के बचाव में साथ दें. जीजाजी से अपना व्यवहार भी रिजर्व रखें.

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रिश्तों की आड़ में सेक्स का खेल

हमारे समाज में ऐसी औरतें या लड़कियां कम नहीं हैं, जो अपने किसी न किसी हथकंडे से मर्दों को पा कर ही रहती हैं. ऐसी औरतें सोचती हैं कि अगर वे किसी को अपना जिस्म सौंप कर उन्हें मजे दे देंगी, तो इस से उन का बिगड़ेगा भी क्या? 24 साला सुचित्रा अंगरेजी में एमए और फिर बीऐड करने के बाद भी सरकारी टीचर नहीं बन पाई, तो उस ने तमाम प्राइवेट स्कूलों में टीचर की नौकरी के लिए आवेदन देना शुरू कर दिया. सुचित्रा पिछड़ी जाति की थी, इसलिए उसे बहुत सी जगह रखा ही नहीं गया. जब उसे अपने शहर के स्कूलों में नौकरी नहीं मिल पाई, तो उस ने गांवों के निजी स्कूलों में आवेदन भेजना शुरू कर दिया था. वहां ऊंची जाति की औरतें नौकरी के लिए नहीं जाती थीं.

जब अपने शहर से डेढ़ सौ किलामीटर दूर एक कसबेनुमा गांव के निजी स्कूल में नौकरी मिली, तो सुचित्रा ने उसे स्वीकर कर लिया था. स्कूल के मैनेजर ने सुचित्रा के रहने का इंतजाम अपने गांव के सेना एक रिटायर्ड अफसर लाखन सिंह के मकान में कर दिया था. 50 साला मकान मालिक लाखन सिंह अपने मकान में अकेले ही रहते थे. उन का बेटा अपने परिवार के साथ किसी बड़े शहर में रहता था. लाखन सिंह ने अपने मकान के चौक में पानी के लिए बोरिंग लगा रखा था. जब वे नहाते थे, तब उन के गठीले बदन को देख कर सुचित्रा का दिल उन्हें पाने को मचल उठता था. एक रात जब लाखन सिंह शौच के लिए जाने लगे, तो उन्होंने बैड पर सोती हुई सुचित्रा को झीने कपड़ों में देखा. उन का दिल उसे पाने के लिए मचलने लगा. 10 साल पहले उन की बीवी की मौत हो चुकी थी. उस के बाद उन्होंने किसी औरत से जिस्मानी संबंध नहीं बनाए थे. उस समय सुचित्रा भी जागी हुई थी, पर वे सोती समझ बैड के पास खड़े हो कर उस के शरीर को गौर से देखने लगे.

अचानक सुचित्रा ने उन की ओर मुसकराते हुए एक मादक अंगड़ाई ली और अपने बैड पर बिठा लिया. सुचित्रा उन से बोली, ‘‘आप भी प्यासे हैं और मैं भी प्यासी हूं, इसलिए अब हम दोनों अपनीअपनी प्यास बुझा लेते हैं. कोई हम पर शक भी नहीं कर सकता है.’’ यह कहते हुए जब सुचित्रा ने उन्हें अपने ऊपर गिराया, तो वे भी उस समय अपना आपा खो बैठे. वे उस पर बुरी तरह झपट पड़े. प्यार का खेल खेलने के बाद जब वे दोनों एकदूसरे से अलग हुए, तो सुचित्रा उन से बोली, ‘‘अच्छी सेहत के लिए सैक्स करना जरूरी होता है, क्योंकि इस से हमारे शरीर की जकड़ी हुई नसें खुल जाती हैं. आप में तो इतनी ताकत है कि मुझे वाकई मजा आ गया.’’

कुछ दिनों के बाद सुचित्रा की एक 22 साला सहेली प्रमिला उस के पास रहने आई. उसे पता चल गया कि उस की सहेली सुचित्रा और अंकल के बीच क्या संबंध हैं. वह भी उन से मजे लेने के लिए मचल उठी और दूसरे दिन खुद ही उन के पास चली गई. प्रमिला के मादक अंगों को देख कर वे हैरान रह गए थे. उस के बाद वे दोनों सहेलियां उन से खूब मजे लेने लगी थीं. लाखन सिंह ने एक जिगरी दोस्त अमर सिंह को भी अपने पास बुला लिया और उसे भी मजे दिलवाना शुरू कर दिया था.

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मजे लेने के बाद वे दोनों ही उन्हें खूब पैसे देने लगे थे. एक बार जब सुचित्रा के मांबाप उस से मिलने गांव आए, तब वे यह जान कर खुश हुए थे कि लाखन सिंह ने उन की बेटी को अपनी धर्म बेटी बना लिया है. लेकिन उन्हें इस बात की भनक तक नहीं थी कि इस रिश्ते की आड़ में उन की बेटी सुचित्रा लाखन सिंह के साथ सैक्स संबंध बना कर मजे ले रही है. सुचित्रा ने जब अपने मांबाप को लाखन सिंह के दिए हुए रुपए थमाए, तो वे उन्हें किसी देवता से कम नहीं समझ रहे थे. यही हाल सुचित्रा की सहेली प्रमिला के मां बाप का भी था. लाखन सिंह ने न सिर्फ उसे जिस्मानी मजे दिए थे, बल्कि एक लाख रुपए देने के साथसाथ अपने गांव के स्कूल में नौकरी भी लगवा दी थी.

ऐसी ही एक और दास्तान शहर में रहने वाले सुनील और उस के मकान में किराए पर रहने वाले मोहन की 20 साला खूबसूरत बीवी हर्षा की थी. शादी के बाद जब हर्षा पहली बार अपने पति मोहन के साथ शहर में आई, तो उसे देख कर उस का मकान मालिक सुनील ऐसा लट्टू हुआ कि वह उसे पाने के लिए बेचैन हो गया. इधर, राधिका अपने पति सुनील से बोर हो चुकी थी. उस का दिल मोहन पर आ गया था. एक दिन वह मोहन के कमरे में जा कर बोली, ‘‘मैं आप की हर्षा को अपनी छोटी बहन बनाना चाहती हूं और आप को अपना जीजा.’’ यह सुन कर मोहन उस से बोला, ‘‘बना लो. इसी बहाने मुझे भी अपनी साली से हंसीठिठोली करने का मौका मिलेगा और हर्षा भी साली बन कर सुनीलजी से हंसीठिठोली कर लेगी.’’

मोहन ने अपनी नईनई बनने वाली 23 साला खूबसूरत साली राधिका को आंख मारी, तो वह खुशी से मुसकरा उठी.  राधिका अपने पति सुनील से बोली, ‘‘जब हर्षा को मैं ने अपनी छोटी बहन बना कर आप की साली बना दिया है, तो आप इसे अपने साथ ले जा कर इस की पसंद की खरीदारी कराओ और इसे कुछ खिलापिला कर शहर में घुमाफिरा कर लाओ. इस पर कुछ पैसे खर्च करो.’’ हर्षा से मजे पा कर सुनील ने उसे खूब खिलायापिलाया और उस की पसंद की खरीदारी कराई. जब वे दोनों घर पहुंचे, तब तक मोहन दफ्तर जा चुका था.

राधिका ने हर्षा से पूछा, ‘‘तुम्हें जीजाजी ने परेशान तो नहीं किया?’’

‘‘परेशान तो काफी किया था, पर मैं उस परेशानी को भूल गई हूं. रात को इन से फिर मिलूंगी.’’

इन झूठे रिश्तों की आड़ में सैक्स संबंध बनाने की दास्तानें बहुत हैं. आजकल सैक्स संबंध बनाने के लिए लोग किसी से भी अपने रिश्ते बना लेते हैं. दिक्कत तब होती है, जब कई मर्दों से संबंध रखने वाली औरत पेट से हो जाती है, तब सारे मर्द उस का साथ छोड़ कर भाग जाते हैं.

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मंगेत्तर और पति से जुड़ी प्रौब्लम का जवाब दें?

सवाल-

मैं विवाहित युवती हूं. हमारे विवाह को अभी सिर्फ 1 साल हुआ है. मेरे पति कहते हैं कि सहवास करते समय उन्हें किसी प्रकार की आनंदानुभूति नहीं होती. बताएं मैं क्या करूं? मेरी तो कुछ समझ में नहीं आता.

जवाब-

आप सहवास करने से पहले परस्पर प्रेमालाप करें. समागम से पहले एकदूसरे की कामोत्तेजना बढ़ाने के लिए चुंबन, आलिंगन आदि कामक्रीडाएं यानी फोरप्ले करें. इन रतिक्रीडाओं से आप दोनों की ही कामोत्तेजना में वृद्धि होगी. उस के बाद जब आप सहवास करेंगे तो यकीनन आप दोनों को आनंदानुभूति होगी.

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मेरी सगाई हो चुकी है.6 महीने बाद शादी है. होने वाले पति का घर सुखीसंपन्न है. पर एक बात के लिए मैं मुश्किल में हूं. मंगेतर शादी पूर्व ही शारीरिक संबंध के लिए जोर दे रहा है. मैं विवाहपूर्व यह सब नहीं चाहती, मगर मंगेतर का कहना है कि विवाह तय हो चुका है तो खतरा किस बात का है? मंगेतर मिलने बुलाता है तो डर लगता है. मैं क्या करूं?

विवाहपूर्व शारीरिक संबंध के कई खतरे हैं. भले ही आप लोगों की शादी तय हो चुकी है पर फिर भी मंगेतर की जिद पर आप उन्हें समझाएं कि मात्र 6 महीने ही तो शेष हैं, जो जल्दी ही बीत जाएंगे. इस से पूर्व संबंध बनाना उचित नहीं है. इस के अलावा विवाह को ले कर वरवधू में एक रोमांच होता है, वह विवाहपूर्व संबंध स्थापित कर लेने से जाता रहेगा. समझदारी से काम लेंगी तो मंगेतर मान जाएंगे.

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‘‘नहीं, आज नहीं,’’ अजय ने जैसे ही भारती को अपने करीब खींचने की कोशिश की, भारती ने झट से उसे पीछे धकेल दिया.

‘‘यह क्या है? कुछ समय से देख रहा हूं कि जब भी मैं तुम्हारे पास आना चाहता हूं, तुम कोई न कोई बहाना बना कर दूर भागती हो. क्या अब मुझ में दिलचस्पी खत्म हो गई है?’’ अजय ने क्रोधित स्वर में पूछा.

‘‘मुझे डर लगता है,’’ भारती ने उत्तर दिया.

‘‘2 बच्चे हो गए, अब किस बात का डर लगता है?’’ अजय हैरान था.

‘‘इसीलिए तो डर लगता है कि कहीं फिर से प्रैग्नैंट न हो जाऊं. तुम से कहा था कि मैं औपरेशन करा लेती हूं, पर तुम माने नहीं. तुम गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करना पसंद नहीं करते, इसलिए मैं किसी किस्म का रिस्क नहीं लेना चाहती हूं.’’

भारती की बात सुन कर अजय दुविधा में पड़ गया कि पत्नी कह तो ठीक रही है, लेकिन वह भी क्या करे? उसे कंडोम का इस्तेमाल करना पसंद नहीं था. उसे लगता था कि इस से सहवास का मजा बिगड़ जाता है, जबकि भारती को लगता था कि अगर वे कोई कौंट्रासेप्टिव इस्तेमाल कर लेंगे तो यौन संबंधों का वह पूरापूरा आनंद उठा सकेगी.

अब सुजाता की ही बात लें. उस का बेटा 8 महीने का ही था कि उसे दोबारा गर्भ ठहर गया. उसे अपने पति व स्वयं पर बहुत क्रोध आया. वह किसी भी हालत में उस बच्चे को जन्म देने की स्थिति में नहीं थी, न मानसिक न शारीरिक रूप से और न ही आर्थिक दृष्टि से. पहले बच्चे के जन्म से पैदा हुई कमजोरी अभी तक बनी हुई थी, उस पर उसे गर्भपात का दर्द झेलना पड़ा. वह शारीरिक व मानसिक तौर पर इतनी टूट गई कि उस ने पति से एक दूरी बना ली, जिस की वजह से उन के रिश्ते में दरार आने लगी. जब पति कंडोम का इस्तेमाल करने को राजी हुए तभी उन के बीच की दूरी खत्म हुई.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- कौंट्रासेप्टिव सैक्सुअल : आनंद की चाबी

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जिद्दी पत्नी से कैसे निभाएं

पत्नियों की जिद का खमियाजा पतियों को कैसेकैसे भुगतना पड़ता है इस का सटीक उदाहरण सीता की वह जिद है जिस के चलते वह खुद तो रावण की कैद में रही ही, साथ ही पति राम और देवर लक्ष्मण को भी जोखिम में डाल दिया. किस्सा बहुत प्रचलित है कि वनवास के दौरान सीता ने जंगल में सोने का हिरण देखा और जिद पकड़ बैठी कि मु  झे वह चाहिए.

मर्यादापुरुषोत्तम कहे जाने वाले राम ने लाख सम  झाया, लेकिन उन की एक नहीं चली. लिहाजा वे दौड़ पड़े मारीच नाम के हिरण के पीछे. फिर इस के बाद जो हुआ उसे रामायण न पढ़ने वाले भी जानते हैं कि रामरावण युद्ध में लाखों लोग मारे गए.

सीता की इस जिद को समीक्षक और टीकाकार भले ही भगवान की लीला बताते भक्तों को ठगते रहें, लेकिन इस सवाल का जवाब वे भी नहीं ढूंढ़ पाए कि आखिर निर्जन वन में एक स्त्री का स्वर्णप्रेम क्यों इतना परवान चढ़ा कि उस ने पुत्र समान अपने देवर पर भी चारित्रिक लांछन तक लगा दिया.

त्रेता युग से ले कर आज तक पत्नियों की जिद में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. उन्हें इस बात से आज भी कोई सरोकार नहीं कि उन की बेजा जिद पति और परिवार पर कितनी भारी पड़ती है. उन्हें तो बस जो चाहिए उसे पाने के लिए वे कुछ भी करने को तैयार रहती हैं. कभीकभी तो लगता है कि पतियों को मुश्किल में डालना ही उन की प्राथमिकता रहती है.

आज की सीता

भोपाल के आनंद नगर इलाके में रहने वाली 22 वर्षीय पूजा आर्य की जिद किसी सीता से कम नहीं कही जा सकती. फर्क बस इतना था कि उसे अकल्पनीय सोने का हिरण नहीं बल्कि क्व15 हजार वाला खास ब्रैंड का एक मोबाइल फोन चाहिए था. पूजा का पति विशाल रेलिंग लगाने का कारोबार करता है. उस की आमदनी या हैसियत कुछ भी कह लें इतनी नहीं थी कि वह पूजा की पंसद का महंगा मोबाइल फोन खरीद पाता.

लिहाजा उस ने पूजा को सम  झाया. कम आमदनी और बढ़े खर्चों के साथसाथ महंगाई और मोबाइल की उपयोगिता का हवाला भी दिया लेकिन पूजा के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. वह भी सीता की तरह जिद पर अड़ गईर् कि लूंगी तो क्व15 हजार वाला मोबाइल ही नहीं तो…

जिद ने उजाड़ दी दुनिया

बीती 11 जुलाई को विशाल ने मोबाइल फोन की जरूरत सम  झते हुए बाजार से क्व7 हजार की कीमत वाला फोन खरीद कर पूजा की दे दिया. बात पूजा को नागवार गुजरी तो वह पति से कलह करने लगी. इस पर विशाल को गुस्सा आना स्वाभाविक बात थी जो दिनरात मेहनत कर जैसेतैसे घर चलाता था. उस ने गुस्से में आ कर पूजा को पीट दिया. इस पर और ज्यादा गुस्साई पूजा ने डेढ़ साल की बेटी के बारे में भी नहीं सोचा और फांसी लगा कर जान दे दी.

अब विशाल सकते में है और थाने के चक्कर लगाते सफाई देता फिर रहा है कि उस ने कोई हिंसा नहीं की थी. मुमकिन है 2-4 साल में कानून के फंदे से वह छूट जाए, लेकिन तय है उसे जिंदगीभर इस बात का मलाल तो रहेगा ही कि अगर क्व8 हजार और मिला कर क्व15 हजार वाला मोबाइल ला ही देता तो पूजा बच तो जाती.

मगर इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि पूजा उस के बाद कभी महंगी चीजों की जिद नहीं करती बल्कि आशंका है कि उस की जिद और बढ़ती जाती क्योंकि उसे पति और नन्ही बेटी से ज्यादा महंगे मोबाइल से लगाव था.

कहने का मतलब यह नहीं कि जो हुआ सो ठीक हुआ बल्कि यह है कि जिद्दी पत्नियां भलाबुरा कुछ नहीं सोचतीं. पूजा को यह सम  झना चाहिए था कि मोबाइल के उपयोग का उस की कीमत से कोई खास संबंध नहीं होता और पति ने उस की मांग या इच्छा का अनादर नहीं किया बल्कि अपनी हैसियत के मुताबिक मोबाइल ला कर दिया. मगर पूजा की इस जिद के चलते बेवजह एक हंसताखेलता परिवार उजड़ गया तो इस की जिम्मेदार भी पूजा ही कही जाएगी.

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ऐसे करती हैं परेशान

जैसे राम सीता की जिद के आगे बेबस और लाचार हो गए थे वैसा ही विशाल के साथ हुआ और वैसा ही लगभग हर उस पति के साथ होता है जिसे जिद्दी पत्नी मिलती है. उन की जिद पति पूरी न करें तो वे उन का उठनाबैठना, खानापीना और सोना तक हराम कर देती हैं. और तो और उन्हें शारीरिक सुख के अपने हक से वंचित करने से भी बाज नहीं आतीं.

भोपाल के ही एक व्यापारी रिव अरोरा का रोना यह है कि उन की पत्नी जब किसी चीज की जिद पकड़ लेती है जिसे वे पूरा नहीं कर पाते तो वह हाथ नहीं लगाने देती. सब्जी में नमक ज्यादा डाल देती है और हर बात का उलटा जवाब देती है.

दिनभर अपनी दुकान में तरहतरह के ग्राहकों के सामने सिर खपा कर रोजाना क्व2-3 हजार कमाने वाले रवि की जिंदगी का दर्द हरकोई आसानी से नहीं सम  झ सकता. वह अपनी पत्नी को बेइंतहा प्यार करता है लेकिन पत्नी की जिद जब जोर पकड़ती है तो वह सिर पकड़ कर बैठ जाता है कि अब क्या करे. आखिर में मन मार कर करता यही है कि पत्नी की हर जायजनाजायज जिद पूरी कर देता है ताकि घर में सुखशांति बनी रहे.

डरते हैं पति

इसी तरह का एक और दिलचस्प मामला भोपाल में ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आया. इस मामले में पत्नी की जिद यह थी कि पति उस के कमरे में अलग टीवी लगवाए क्योंकि वह अपना पसंदीदा धारावाहिक ‘बिग बौस’ नहीं देख पाती. पत्नी की शिकायत थी कि घर में एक ही टीवी है जिस में ससुरजी अपनी पसंद का सीरियल ‘क्राइम पैट्रोल’ देखते रहते हैं.

पति ने जब नया टीवी खरीदने में असमर्थता जताई तो पत्नी ने मायके जाने की जिद पकड़ ली. पत्नियों के ‘मैं मायके चली जाऊंगी…’ वाले सनातनी हथियार से अच्छेअच्छे पति डरते हैं.

समस्या का हल नहीं

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आशुतोष मिश्रा ने पूरा मामला सुनने के बाद पति को आदेश दिया कि वह पत्नी के लिए 1 महीने में टीवी की व्यवस्था करे. आशुतोष मिश्रा के मुताबिक ऐसा हाल ही में एक नहीं बल्कि 3 मामलों में हुआ कि पतियों को इस बात का आदेश दिया गया कि वे पत्नियों को अलग मोबाइल व टीवी का इंतजाम करें. हालांकि पत्नियों को भी सम  झाया गया कि वे परिवार के साथ तालमेल बैठा कर चलें.

मगर यह समस्या का हल नहीं है उलटा पत्नियों की बेजा जिद को शह देने जैसी बात है. यह ठीक है कि उन की अपनी भी इच्छाएं और जरूरतें होती हैं, लेकिन देखा यह जाना चाहिए कि वे कैसी हैं और पति इन्हें पूरा करने में समर्थ हैं या नहीं.

टीवी या मोबाइल ऐसे गैजेट्स नहीं हैं जिन के बिना पत्नी का गुजारा न होता हो. हर पति की मुमकिन कोशिश रहती है कि वह पत्नी को ये चीजें ला कर दे. लेकिन बजट और आर्थिक स्थिति अच्छी न रहे तो वह कैसे इस जिद को पूरा करे? इस सवाल का जवाब यह निकलता है कि कलह और दुर्घटनाओं से बचने के लिए जरूरी है कि पति पत्नियों की जिद को ठुकराएं नहीं बल्कि मैनेज करना सीखें.

कलह नहीं कोशिश करें

पत्नी को रास्ते पर लाने के लिए अपने खर्चों और जरूरतों में कटौती करे और उसे बताए कि ऐसा वह उस की जिद या इच्छा पूरी करने के लिए कर रहा है तो भी वास्तविकता उसे सम  झ आ सकती है.

इस के बाद भी वह न माने तो उस की बात मानने के अलावा कोई रास्ता नहीं रह जाता. वह किसी तरह का असहयोग खासतौर से सैक्स में करे तो उसे चुनौती की शक्ल में न ले बल्कि कोशिश करे कि सामान्य जीवन में खलल पैदा न हो.

पत्नी अगर गुस्से में आ कर धमकियां देने लगे तो उन्हें हलके में न ले. यही वह जिद है जहां आ कर पत्नी मन ही मन अपनी बात मनवाने का फैसला ले चुकी होती है और जिद पूरी न हो तो धमकी पर अमल भी कर डालती है. नतीजा पति बेचारा फंस जाता है. पत्नी आत्महत्या भी कर सकती है, मायके भी जा सकती है और घरेलू हिंसा की रिपोर्ट लिखाने थाने भी जा सकती है, इसलिए पति सोच ले कि मुनाफे का सौदा क्या है.

आखिर में यह सोच कर तसल्ली कर ले कि जब राम की भी अपनी पत्नी के आगे नहीं चली तो उस की बिसात क्या है.

ऐसे करें मैनेज

हालांकि यह बात सोलह आने सच है कि पत्नी एक बार अगर किसी जिद पर अड़ कर उसे अहम का सवाल बना ले तो पति के पास उसे मानने के अलावा कोई रास्ता नहीं रह जाता. लेकिन अगर पति खुद भी पत्नी की जिद पूरी न कर उसे अहम और प्रतिष्ठा का सवाल बना ले तो फसाद खड़ा होना तय है, इसलिए बेहतर है कि ऐसी नौबत ही न आने दी जाए यानी तब पति इन बातों पर गौर करे:

– पत्नी की जिद पर एकदम भड़के नहीं बल्कि सब्र से उस की बात सुनें.

– शुरू में उस से सहमति भड़के नहीं बल्कि सब्र से उस की बात सुने.

– जब पत्नी बात पूरी कर ले तो कुछ देर बाद अपनी बात कहें.

– पत्नी को सम  झाए कि वह उस की भावनाओं (दरअसल में जिद) का सम्मान करता है, लेकिन हालफिलहाल पैसों की तंगी या किसी दूसरी वाजिब वजह के चलते ऐसा होना संभव नहीं.

– पत्नी को चुनौती या धमकी न दे कि वह ऐसा नहीं कर सकता. फिर भले ही वह जो चाहे सो कर ले. बात यही से बिगड़ती है.

– मिसाल अगर मोबाइल फोन की ही लें तो पत्नी को सम  झाए कि वह क्व7 हजार का हो या क्व15 हजार का उस का उपयोग या फीचर्स तो करीबकरीब समान ही रहेंगे फर्क ब्रैंड का है, जिस से सम  झौता किया जा सकता है.

– अपने और पत्नी के बीच परिवारजनों को न घसीटे न ही उन के सामने पत्नी को उस की जिद की बाबत बेइज्जत करे.

– घर से बाहर ले जा कर पत्नी को घुमाएफिराए, होटल में खाना खिलाए और तब एकांत में अपनी बात कहे कि उस की जिद पूरी करने से उसे क्या परेशानियां पेश आ रही हैं.

– पत्नी को एहसास कराए कि वह उस से बहुत प्यार करता है और खुद चाहता है कि उस की हर इच्छा पूरी करे, लेकिन वह भी सोचे कि घर की खासतौर से आर्थिक स्थिति कैसी है. एक ही बात पर बारबार कलह न करें.

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मेरे न्यू बौर्न बेबी की हार्ट प्रौब्लम के कारण मौत हो गई, कृपया इसका कारण बताएं?

सवाल-

मैं 20 वर्षीय विवाहिता हूं. 4 महीने पहले मैं ने एक बेटे को जन्म दिया था. बच्चे को कोई हार्ट प्रौब्लम थी और उस का पेट भी सामान्य से बड़ा था. शायद इसीलिए औपरेशन से प्रसव होने के 13 घंटों के बाद ही मेरे बेटे की मृत्यु हो गई. प्रसव से पूर्व सब कुछ ठीक था अर्थात प्रसवावस्था में मुझे कोई समस्या नहीं थी. फिर मेरे बच्चे के साथ ऐसा क्यों हुआ? मैं बहुत दुखी रहती हूं.

जवाब-

एक मां 9 महीने तक जिस शिशु को अपने गर्भ में रखती है, जिस के लिए कष्ट सहती है, उसे अपनी गोद में लेने और उस पर अपनी ममता लुटाने के सपने देखती है. पर जब उस सपने को यों ठेस पहुंचती है तो मायूस होना लाजिम है. आप को स्वयं को इस दुख से उबारना होगा. साथ ही अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा. अभी आप की उम्र बहुत कम है. आप थोड़े अंतराल के बाद किसी स्त्रीरोग विशेषज्ञा की देखरेख में दोबारा गर्भधारण कर सकती हैं.

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अबौर्शन कराने का निर्णय कठोर और साहसिक निर्णय होता है. कुछ महिलाएं विवाह से पहले अनचाहे गर्भ से, तो कुछ विवाह बाद के अनप्लान्ड गर्भ से छुटकारा पाने के लिए अबौर्शन कराती हैं. कई महिलाओं को बच्चे की चाह रखने के बावजूद चिकित्सकीय या सामाजिक दबाव के कारण यह निर्णय लेना पड़ता है. अबौर्शन में कई शारीरिक और मानसिक बदलावों से गुजरना पड़ता है. अबौर्शन सर्जरी या दवाईयों के द्वारा किया जाता है.

ये शारीरिक लक्षण चिंता का कारण

वैसे तो अधिकतर अबौर्शन सुरक्षित होते हैं, लेकिन फिर भी दूसरे सर्जिकल प्रोसैस की तरह इस में कई जटिलताएं और जोखिम होते हैं. अबौर्शन के बाद ये शारीरिक लक्षण चिंता का कारण हो सकते हैं:

– 48 घंटे से अधिक समय तक 100 डिग्री से अधिक बुखार रहना.

– अत्यधिक ब्लीडिंग.

– वैजाइना से रक्त के बड़ेबड़े थक्के निकलना.

– अबौर्शन के 4-5 दिन बाद तक ब्लीडिंगजारी रहना.

– पेट में मरोड़ और अत्यधिक दर्द होना.

– वैजाइना से ऊतकों का डिसचार्ज होना.

– वैजाइना से निकलने वाले डिसचार्ज सेदुर्गंध आना.

– मूत्र और मल त्याग की आदत में बदलाव आना.

– पेशाब और मल में रक्त आना.

– चक्कर आना, बेहोशी छाना.

– कमजोरी महसूस होना.

– अवसादग्रस्त अनुभव करना.

– भूख न लगना.

– सोने में समस्या आना.

अबौर्शन कराने के बाद प्रैगनैंसी हारमोन भी शरीर में रहते हैं यानी अबौर्शन के बाद शरीर और हारमोन सिस्टम को सामान्य अवस्था में आने में 1 से 6 हफ्ते लग सकते हैं. आमतौर पर अबौर्शन सुरक्षित होता है. 100 में से 1 महिला मेंही गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं. अबौर्शन के बाद के ये समस्याएं हो सकती हैं:

पूरी खबर पढ़ने के लिए- अबौर्शन: क्या करें क्या नहीं

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

पति के बिहेवियर में आए बदलाव तो आजमाएं ये 8 Tips

जिंदगी का सफर उन पतिपत्नी के लिए और भी आसान बन जाता है, जो एकदूसरे को समझ कर चलते हैं. कई बार दिनबदिन बढ़ती जिम्मेदारियों व जीवन की आपाधापी की वजह से पति पारिवारिक जीवन में सही तालमेल नहीं रख पाते. जिस के कारण उन के व्यवहार में चिड़चिड़ापन व बदलाव आना स्वाभाविक होता है. ऐसी स्थिति में पत्नी ही पति के साथ सामंजस्य बैठा कर दांपत्य की गाड़ी को पटरी पर ला सकती है.

1. पति का सहयोग लें

पति की अहमियत को कम न आंकें. वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याओं में उन की सलाह जरूर लें. परिवार की समस्याओं का समाधान अकेले न कर के उन का भी सहयोग लें. यकीनन उन के व्यवहार में बदलाव आएगा.

2. जब उम्मीदें पूरी नहीं होतीं

कई बार पति चाहते हैं कि घरेलू कामों में उन की साझेदारी कम से कम हो. लेकिन पत्नियां अगर कामकाजी हैं तो वे पति से घरेलू कामों में हाथ बंटाने की अपेक्षा करती हैं. इस स्थिति से उपजा विवाद भी पति के स्वभाव में बदलाव का कारण बनता है. ऐसे में कार्यों का बंटवारा आपसी सूझबूझ व प्यार से करें. फिर देखिएगा, पति खुशीखुशी आप का हाथ बंटाएंगे.

3. छोटी पोस्ट को कम न आंकें

एक प्राइवेट फर्म में मार्केटिंग मैनेजर की पोस्ट पर कार्यरत आराधना को यह शिकायत रहती थी कि उन के पति एक फैक्टरी में सुपरवाइजर की छोटी पोस्ट पर हैं. इसे ले कर दोनों में गाहेबगाहे तकरार भी होती थी, जिस से पति चिड़चिड़े हो उठे. घर में अशांति रहने लगी. हार कर आराधना को साइकोलौजिस्ट के पास जाना पड़ा. उन्होंने समझाया कि पत्नी को पति के सुपरवाइजर पद को ले कर हीनभावना का शिकार नहीं बनना चाहिए और न ही पति की पोस्ट को कम आंकना चाहिए.

4. नजरिया बदलें

परिवार से जुड़ी छोटीछोटी समस्याओं का निबटारा स्वयं करें. रोज शाम को पति के सामने अपने दुख का पिटारा न खोलें. इस का सीधा असर पति के स्वभाव पर पड़ता है. वे किसी न किसी बहाने से ज्यादा समय घर के बाहर बिताने लगते हैं या स्वभाव से चिड़चिड़े हो जाते हैं.

संयुक्त परिवारों में रह रहे कपल्स में यह समस्या आम है. छोटीछोटी घरेलू समस्याओं का हल स्वयं निकालने से आप का आत्मविश्वास तो बढ़ेगा ही, पति भी आप जैसी समझदार पत्नी पर नाज करेंगे.

5. ज्यादा पजेसिव न हों

पति के पत्नी के लिए और पत्नी के पति के लिए जरूरत से ज्यादा पजेसिव होने पर दोनों में एकदूसरे के प्रति चिड़चिड़ाहट पैदा हो जाती है. अत: रिश्ते में स्पेस देना भी जरूरी है. पति की महिला मित्रों या पत्नी के पुरुष मित्रों को ले कर अकसर विवाद पनपता है, जिस का बुरा असर आपसी रिश्तों पर व पतिपत्नी के व्यवहार पर पड़ता है. जीवनसाथी को हमेशा शक की निगाहों से देखने के बजाय उन पर विश्वास करना आवश्यक है.

6. ईर्ष्यालु न बनने दें

कभीकभी ऐसा भी होता है कि कैरियर के क्षेत्र में पत्नी पति से आगे निकल जाती है. इस स्थिति में पति के स्वभाव मेंबदलाव आना तब शुरू होता है, जब पत्नी अपने अधिकतर फैसलों में पति से सलाहमशवरा करना आवश्यक नहीं समझतीं. ऐसे हालात अलगाव का कारण भी बन जाते हैं. अपनी तरक्की के साथसाथ पति की सलाह का भी सम्मान करें. इस से पति को अपनी उपेक्षा का एहसास भी नहीं होगा और रिश्ते में विश्वास भी बढ़ेगा.

7. खुल कर दें साथ

खुशहाल वैवाहिक जीवन जीने के लिए सैक्स संबंध में खुलापन भी बेहद जरूरी है. रोजरोज बहाने बना कर पति के आग्रह को ठुकराते रहने से एक समय ऐसा आता है कि पति आप से दूरी बनाने लगते हैं या कटेकटे से रहने लगते हैं, जिस से दांपत्य में नीरसता आने लगती है.

कभीकभी ऐसा हो सकता है कि आप पति का सहयोग करने में असक्षम हों. ऐसे में पति को प्यार से समझाएं. सैक्स में पति का खुल कर साथ दें, क्योंकि यह खुशहाल दांपत्य की ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की भी कुंजी है.

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8. घर का बजट

घर का बजट संतुलित रखने की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी पत्नी के कंधों पर होती है. अनापशनाप खर्चों का बोझ जब पति पर पड़ने लगे तो वे चिड़चिड़े होने लगते हैं. इस समस्या से निबटने का सब से सरल उपाय है महीने भर के बजट की प्लानिंग करना व खर्चों को निर्धारित करना. समझदार गृहिणी की तरह जब आप अपने बजट के अलावा बचत भी करेंगी, तो आप के पति की नजरों में आप के लिए प्यार दोगुना हो जाएगा.

Top 10 Husband-wife Relationship Tips in Hindi: पति-पत्नी के रिश्ते से जुड़ी टॉप 10 खबरें हिंदी में

Top 10 Husband-wife Relationship Tips in Hindi: पति-पत्नी के रिश्ते में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं. जिसके कारण जहां कई रिश्ते मजबूत होते हैं तो वहीं कईं टूट जाते हैं. क्योंकि हरेक की सोच और बिहेवियर एक दूसरे से अलग होता है. हालांकि अगर इन रिश्तों को समझदारी और प्यार से सुलझाया जाए तो वह सालों तक मजबूत बने रहते हैं. तो अगर आप भी अपनी मैरिड लाइफ को मजबूत बनाना चाहते हैं तो पढ़िए गृहशोभा की Top 10 Husband-wife Relationship Tips in Hindi. आप इन खास टिप्स को अपनाकर अपने पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत कर सकते हैं.

1. गंदी बात नहीं औरत का और्गेज्म

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हाल ही में दूसरे देशों में नैशनल और्गेज्म डे मनाया गया और वहां इस से जुड़ी बातें लोग खुले तौर पर करते भी रहते हैं. वहीं भारत में सैक्स और और्गेज्म पर बात करने से लोग मुंह छिपाने लगते हैं. यहां तक कि ज्यादातर लोग अपने ही साथी या पार्टनर से भी इस पर बात नहीं कर पाते. एक बेहद दिलचस्प बात यह भी है कि हिंदी में और्गेज्म का मतलब तृप्ति है जो इस शब्द का सही अर्थ नहीं है.

महिला और पुरुष दोनों एकदूसरे से शारीरिक तौर पर बेहद अलग हैं और दोनों पर धर्म से नियंत्रित समाज का नजरिया और भी अलग है. जहां पुरुषों को सभी प्रकार की छूट बचपन से ही भेंट में मिल जाती है, वहीं महिलाओं को बचपन से ही अलग तरीकों से पाला जाता है. उन के लिए तमाम तरह के नियमबंधन बनाए जाते हैं. उन के बचपन से वयस्क होने की दहलीज तक आते आते उन्हें इस तरह की शिक्षा दी जाती है कि वे अपने शरीर से जुड़ी बातें चाह कर भी नहीं कर पाती हैं.

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2. आर्थिक तनाव सैक्स पर हावी तो नहीं

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सैक्स केवल शारीरिक गतिविधि ही नहीं है वरन इस में भावनात्मक लगाव भी प्रमुख होता है. आर्थिक तनाव के कारण इमोशन के स्तर पर खासा प्रभाव पड़ता है. चिंता में डूबा मन शरीर का पूरी तरह साथ नहीं दे पाता है, जिस वजह से सैक्स लाइफ प्रभावित होती है. इस का प्रभाव केवल पतिपत्नी पर ही नहीं वरन घरपरिवार बच्चे और समाज पर भी पड़ता है. खराब सैक्स लाइफ का प्रभाव व्यक्ति की कार्यक्षमता पर भी पड़ता है.

वैसे तो हर तरह का तनाव सैक्स लाइफ पर असर डालती है. आर्थिक तनाव होने पर केवल खुद पर ही असर नहीं पड़ता साथी या पार्टनर पर भी असर पड़ता है. इस की वजह यह है कि पैसों की कमी के कारण डाक्टर और दवा दोनों मुश्किल हो जाते हैं.

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3. आपकी पत्नी को ये बातें लग सकती हैं बुरी, इसलिये रखें खास ख्याल

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पति –पत्नी का रिश्ता बहुत अहम होता है खासतौर पर उस वक्त जब आपकी नई-नई शादी हुई हो और आपको एक-दूसरे को वक्त देना ज्यादा जरूरी होता है. क्योंकि अगर आपने अपना रिश्ता उस वक्त नहीं संभाला तो आने वाने समय में आपको बहुत सारी समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है इसलिए कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनका खास खयाल आपको रखना चाहिए.

जब आपकी शादी होती है तो सब कुछ नया होता है ऐसे में एक पति को पत्नी को ज्यादा वक्त देना चाहिए ये नहीं की आप बस अपने में मस्त हैं. दिन-भर बस फोन पर लगे हुए हैं.क्योंकि पत्नी जो की आपकी जीवन संगिनी है उसको सिर्फ आपका प्यार औऱ वक्त के अलावा कुछ भी नहीं चाहिए होता है.यदि आप वक्त नहीं देंगे तो ये आपके रिश्ते के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा.

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4. 10 टिप्स: ऐसे मजबूत होगा पति-पत्नी का रिश्ता

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जीवन की खुशियों के लिए पति-पत्नी के रिश्ते को प्यार, विश्वास और समझदारी के धागों से मजबूत बनाना पड़ता है. छोटी-छोटी बातें इग्नोर करनी होती हैं. मुश्किल के समय में एक-दूसरे का सहारा बनना पड़ता है. कुछ बातों का ख्याल रखना पड़ता है. जैसे…

1 मैसेज पर नहीं बातचीत पर निर्भर रहे…

ब्राइघम यूनिवर्सिटी में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक जो दंपत्ति जीवन के छोटे-बड़े पलों में मैसेज भेज कर दायित्व निभाते हैं जैसे बहस करना हो तो मैसेजेज, माफी मांगनी हो तो मैसेज, कोई फैसला लेना हो तो मैसेज, ऐसी आदत रिश्तों में खुशी और प्यार कम करती है. जब कोई बड़ी बात हो तो जीवनसाथी से कहने के लिए वास्तविक चेहरे के बजाय इमोजी का सहारा न लें.

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5. सैक्स संबंधों में उदासीनता क्यों?

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बिना सैक्स के आदमी और औरत का संबंध अधूरा है.कुछ लोग चाहे जितना गुणगान कर लें कि सैक्स गंदा है, असल में आदमीऔरत में पूरा प्यार या लगाव सैक्स से ही होता है. यह बात दूसरी है कि कुछ मामलों में यह प्यार व लगाव कुछ मिनटों तक सिमट कर रह जाता है और शारीरिक प्रक्रिया पूरी होते ही दोनों अपनेअपने काम में व्यस्त हो जाते हैं. सैक्स के बराबर ही पेट भरना जरूरी है. शायद सैक्स से ज्यादा दूसरे मनोरंजन भी भारी पड़ते हैं.

एक संस्थान जो लगातार अमेरिकी लोगों पर शोध कर रही है ने पता किया है कि अमेरिकियों में भी सैक्स की चाहत कम हो रही है और वे सैक्स की जगह वीडियो गेम्स या अपने कैरियरों पर समय और शक्ति अधिक लगाने लगे हैं. युवा लड़कियों में 18% और युवा लड़कों में 23% ने कहा कि उन्हें पिछले 1 साल में एक बार भी सैक्स सुख नहीं मिला. 60 वर्ष की आयु से अधिक के 50% लोग सैक्स से दूर रहते हैं.

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6. किसी और की जरूरत कब

relationship tips in hindi

वैवाहिक जीवन में सैक्स की अहम भूमिका होती है. लेकिन यदि पति किसी ऐबनौर्मल सैक्सुअल डिसऔर्डर से ग्रस्त हो, तो पत्नी की जिंदगी उम्र भर के लिए कष्टमय हो जाती है. सैक्सोलौजिस्ट डा. सी.के. कुंदरा ऐबनौर्मल सैक्सुअल डिसऔर्डर के बारे में बताते हुए कहते हैं कि उन की क्लीनिक में शादी के बाद कृष्णानगर की मृदुला अपनी मां के साथ आई. हुआ यह था कि शादी के बाद मृदुला एकदम बुझीबुझी सी मायके आई, तो उस की मां उसे देख कर परेशान हो गईं. लेकिन मां के लाख पूछने पर भी उस ने कोई वजह नहीं बताई. उस ने अपनी सहेली आशा को बताया कि वह अब ससुराल नहीं जाना चाहती, क्योंकि उस के पति महेश उस से संबंध बनाने के दौरान उस के यौनांग में बुरी तरह से चिकोटी काटते हैं और पूरे शरीर को हाथ फेरने के बजाय नाखूनों से खरोंचते हैं. जिस से घाव बन जाते हैं, हलका खून निकलता है. उसे देख कर महेश खुश होते हैं. फिर संबंध बनाते हैं. यह कह कर मृदुला रोने लगी. डा. कुंदरा ने आगे बताया कि आशा ने जब उस की मां को यह बात ताई तो वे मृदुला को ले कर मेरे पास आईं.

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7. पति जब मां मां करे, तो क्या करें पत्निया

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नेहा की नई-नई शादी हुई है. वह विवाह के बाद जब कुछ दिन अपने मायके रहने के लिए आई तो उसे अपने पति से एक ही शिकायत थी कि वह उस का पति कम और ‘मदर्स बौय’ ज्यादा है. यह पूछने पर कि उसे ऐसा क्यों लगता है? उस का जवाब था कि वह अपनी हर छोटीबड़ी जरूरत के लिए मां पर निर्भर है. वह उस का कोई काम करने की कोशिश करती तो वह यह कह कर टाल देता कि तुम से नहीं होगा, मां को ही करने दो.

नेहा पति के ये सब काम खुद करना चाहती है, लेकिन उस की सास उसे कोई मौका नहीं देतीं. नेहा की मां माला ने बेटी को समझाया कि चिढ़ने और किलसने से कोई लाभ नहीं है. बेकार में अपना खून जलाओगी. मांबेटे की इस दोस्ती का खुलेदिल से स्वागत करो और फिर बड़ी होशियारी से उन के बीच अपनी जगह बनाओ. नेहा की बातें सुन कर माला को अपने पुराने दिन याद आ गए. जब वे इस घर में ब्याह कर आई थीं, इस समस्या को उन्होंने भी लंबे समय तक झेला था.

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8. कहीं बोझ न बन जाए प्यार

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प्यार एक खूबसूरत एहसास है. जिंदगी तब बेहद हसीन लगने लगती है जब हम किसी के ख्यालों में खोए होते हैं. इस के विपरीत वही प्यार जब जी का जंजाल बन जाता है तो एकएक पल गुजारना कठिन लगने लगता है. कई दफा प्यार को भार बनाने में हमारी कुछ छोटीछोटी भूल जिम्मेदार होती हैं.

ओवर पजेसिव नेचर

कुछ लोग अपने प्यार को किसी के साथ भी बंटता हुआ नहीं देख सकते. यहां तक कि वे अपने गर्लफ्रेंड / बौयफ्रेंड को अपने दोस्तों से भी बातें करता देख इनसिक्योर फील करने लगते हैं, शक करते हैं और इस बात पर उन के बीच झगड़े होने लगते हैं. जाहिर सी बात है कि किसी से प्यार करने का अर्थ यह तो नहीं कि इंसान अपने दोस्तों से नाता तोड़ ले. यदि गर्लफ्रेंड किसी और लड़की से बात करने पर अपने बौयफ्रेंड से नाराज हो जाती है ऐसे में बौयफ्रेंड के पास एक ही औप्शन बचता है, और वह है झूठ बोलना. वह छुप कर दोस्तों से बातें करेगा और फोन से बातचीत का सारा रिकौर्ड डिलीट कर देगा. यही नहीं बाकी जो भी बातें उस की गर्लफ्रेंड को बुरी लगती है उन सब को छुपाने लगेगा. एक समय आएगा जब झूठ बोलते बोलते वह आजिज आ जाएगा. हर वक्त उसे अपनी आज़ादी छिनती हुई नजर आएगी. वह बंधा हुआ महसूस करने लगेगा और एक दिन उस के सब्र का बांध टूट जाएगा और तब प्यार के रिश्ते में जज्बातों का दम घुट जाएगा. प्यार भार बन जाएगा और व्यक्ति अपने प्यार से पीछा छुड़ाने के बहाने ढूंढने लगेगा.

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9. जब डेटिंग किसी से और शादी किसी और से

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क्या हो अगर डेटिंग वाला शादी के समय आ धमके? पता चला कि इधर दुलहन शादी की तैयारियों में मगन, सजधज कर शादी के लिए तैयार है और उधर पुराने मजनूजी दिल हथेली पर लिए लैला की शादी में खलल डालने पधार गए. ऐसी स्थिति लड़कों के साथ भी हो सकती है कि दूल्हे मियां साफा बांध कर शादी करने चले और पुरानी गर्लफ्रैंड आ धमके रंग में भंग डालने.

ऐसे माहौल में रिश्तेदारों की प्रतिक्रिया अलग होगी. कुछ को शायद मजा आए, कुछ तरस खाएं, लेकिन खुद शादी वाले लड़के/लड़की का क्या हाल होगा, कैसे निबटेंगे वे इस परिस्थिति से, आइए जानते हैं:

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10. पति ही क्यों जताए प्यार

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अंजलि की पीठ पर किसी ने धौल जमाई. उस ने मुड़ कर देखा तो हैरान रह गई. उस की कालेज की फ्रैंड साक्षी थी. आज साक्षी अंजलि से बहुत दिनों बाद मिल रही थी.

अंजलि ने उलाहना दिया, ‘‘भई, तुम तो बड़ी शैतान निकली. शादी के 6 साल हो गए. घर से बमुश्किल 5 किलोमीटर दूर रहती हो. न कभी बुलाया और न खुद मिलने आई. मियां के प्यार में ऐसी रमी कि हम सहेलियों को भूल ही गई.

अंजलि की बात सुनते ही साक्षी उदास हो गई. बोली, ‘‘काहे का मियां का प्यार यार. मेरा पति केशव शुरूशुरू में तो हर समय मेरे आगेपीछे घूमता था, लेकिन अब तो लगता है कि उस का मेरे से मन भर गया है. बस अपने ही काम में व्यस्त रहता है. सुबह 10 बजे घर से निकलता है और रात 8 बजे लौटता है. लौटते ही टीवी, मोबाइल और लैपटौप में व्यस्त हो जाता है. दिन भर में एक बार भी कौल नहीं करता?’’

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रूठों को मनाए Sorry

सीमा उदास बैठी थी. तभी उस के पति का फोन आया और उन्होंने उसे ‘सौरी’ कहा. सीमा का गुस्सा एक मिनट में शांत हो गया. दरअसल, सुबह सीमा का अपने पति से किसी बात पर झगड़ा हो गया था. गलती सीमा की नहीं थी, इसलिए वह उदास थी. लड़ाईझगड़े हर रिश्ते में होते हैं पर सौरी बोल कर उस झगड़े को खत्म कर के रिश्तों में आई कड़वाहट दूर की जा सकती है. यह इतनी छोटी सी बात है. लेकिन बच्चे तो क्या, बड़ों की समझ में भी यह बात न जाने क्यों नहीं आती.

हर रिश्ते में कभी न कभी मतभेद होता है. अच्छा और बुरा दोनों तरह का समय देखना पड़ता है. कभीकभी रिश्तों में अहंकार हावी हो जाता है और दिन में हुआ विवाद रात में खामोशी की चादर बन कर पसर जाता है. अपने साथी की पीड़ा और उस से नाराजगी के बाद जीवन नरक लगने लगता है. फिर हालात ऐसे हो जाते हैं कि आप समझ नहीं पाते कि सौरी बोलें तो किस मुंह से. पर सौरी बोलने का सही तरीका आप के जीवन में आई कठिनाई और मुसीबत को काफी हद तक दूर कर रिश्तों में आई कड़वाहट को कम कर सकता है. यह तरीका हर किसी को नहीं आता. यह भी एक हुनर है. जब आप अपने रिश्तों के प्रति सतर्क नहीं होते और हमेशा अपनी गलतियों को नजरअंदाज करते रहते हैं, तभी हालात बिगड़ते हैं. आप इस बात से डरे रहते हैं कि आप का सौरी बोलना इस बात को साबित कर देगा कि आप ने गलतियां की हैं. यही बात कई लोग पसंद नहीं करते. अगर आप सौरी नहीं कहना चाहते तो आप के पास और भी तरीके हैं यह जताने कि आप अपने बरताव और अपने कहे शब्दों के लिए कितने दुखी हैं.

कैसे कहें सौरी

शुरुआत ऐसे शब्दों से करें जिन से आप के जीवनसाथी, दोस्त या रिश्तेदार को यह लगे कि आप उस से अपने बरताव के लिए वाकई बहुत शर्मिंदा हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि लोग आपस में हो रहे विवाद या बहस को खत्म करने के लिए वैसे ही सौरी बोल देते हैं. लेकिन उन्हें अपने किए पर कोई भी पश्चात्ताप नहीं होता. अगर आप सच में अपने बरताव के लिए माफी मांग रहे हैं तो यह जरूर तय कर लें कि आप में अपनेआप को बदलने की इच्छा है. दूसरी बात यह है कि आप सौरी बोल कर अपनी सारी गलतियों को स्वीकार रहे हैं न कि सफाई दे कर अपने बरताव के लिए बहस कर रहे हैं. ये सारी बातें आप के साथी को यह एहसास कराएंगी कि आप सच में अपनी गलतियों के लिए शर्मिंदा हैं और उन सब को छोड़ कर आगे बढ़ना चाहते हैं. बीती बातों को भूल कर एक नई शुरुआत करना चाहते हैं.

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कई लोगों को सौरी बोलने में काफी असहजता महसूस होती है तो कई लोग सौरी बोलने से कतराते हैं. लेकिन सौरी कह कर आप न केवल मन का बोझ हलका करते हैं, बल्कि सामने वाले व्यक्ति के मन की पीड़ा को भी दूर कर देते हैं. इस के दूरगामी नतीजे सामने आते हैं. आप किसी भी गलती के लिए सौरी बोल कर उसे बड़ी बात बनने से रोक सकते हैं. सौरी एक ऐसा शब्द है, जिसे बोलने से टूट रहे रिश्ते को आप न केवल बचाते हैं, बल्कि उस से और भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं. फिर धीरेधीरे पुरानी बातें खत्म हो जाती हैं.

भेंट भी दें

सौरी बोलने के साथ आप अपने साथी को फूल या जो भी उन्हें पसंद हो, वह भेंट कीजिए. अगर डांस करना पसंद है तो उन्हें बाहर डांस के लिए ले जाइए और डांस करतेकरते उन्हें सौरी बोल दीजिए. कौफी हाउस या रेस्तरां में बैठ कर एक नई पहल करते हुए भी अपने किए पर खेद जता सकते हैं. जिस ने भी झगड़ा शुरू किया है या झगड़े की कोई भी वजह रही हो, उस पर कभी तर्कवितर्क नहीं करना चाहिए. पीछे मुड़ कर देखने का कोई फायदा भी नहीं है. आप यह तय कर लें कि आप सच में खेद महसूस कर रहे हैं. तय कर लीजिए कि आप केवल सामने वाले को खुश करने के लिए उसे सौरी नहीं बोल रहे. अपने पार्टनर की भावनाओं की कद्र करें और उन्हें तकलीफ देने की कोशिश न करें. अगर झगड़ा बहुत बढ़ गया है तो थोड़ी देर के लिए उन्हें अकेला छोड़ दें. उन्हें काल कर के या एसएमएस कर के परेशान न करें. 1-2 दिन इंतजार करें, फिर सारी बातें भुला कर अपना और अपने साथी का झगड़ा वहीं खत्म करें. अपनी गलती मान लेना सब से बड़ी बात है. इस से आप का और दुखी साथी का मन निर्मल हो जाता है. इसलिए जहां कहीं भी यह लगे कि आप गलत हैं, अपना जीवनसाथी हो या दफ्तर का साथी या फिर कोई भी रिश्तेदार, उसे सौरी बोल कर गिलेशिकवे दूर कर लीजिए. देर मत कीजिए वरना गांठें बढ़ती जाएंगी. सच मानिए यह सौरी बोलना अपनेआप में जादू से कम नहीं.

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शादी से जुड़े कुछ डर के बारे में जानकारी दें?

सवाल

मैं ने सुना है कि यदि शादी से पहले लड़की किसी लड़के से शारीरिक संबंध स्थापित कर ले तो विवाह के बाद उस के पति को पता चल जाता है कि लड़की कुंआरी नहीं है, अर्थात उस का किसी से शारीरिक संबंध रहा है. मैं जानना चाहती हूं कि पति को यह कैसे पता चल जाता है? कृपया मुझे जवाब मेरे मोबाइल पर मैसेज कर दें.

जवाब-

लड़कियों की योनि में एक झिल्ली होती है, जो प्रथम समागम के दौरान फट जाती है. इस से थोड़ा रक्तस्राव होता है और हलकी सी पीड़ा भी होती है. पहले प्रथम सहवास के समय रक्तस्राव न होने को इस बात का प्रमाण माना जाता था कि युवती का कौमार्य भंग हो चुका है. लेकिन आजकल लड़कियों के साइकिल चलाने, गिरने या और किसी वजह से भी कौमार्य झिल्ली फट सकती है.

इस के अलावा कुंआरी युवतियों के यौनांगों में कसावट होती है पर यदि युवती विवाहपूर्व किसी से अवैध संबंध बना चुकी हो तो यौनांग की कसावट खत्म हो जाती है, जिस से पता चल जाता है कि युवती शारीरिक संबंधों की अभ्यस्त है.अगर पति को ऐसा अंदेशा हो जाए तो उन का वैवाहिक जीवन प्रभावित हो सकता है.

अत: विवाहपूर्व ऐसे अनैतिक संबंध बनाने से यथासंभव बचने की सलाह दी जाती है.जहां तक मोबाइल फोन पर आप के प्रश्न का उत्तर देने की बात है तो हम पहले भी कई बार अपने पाठकों को बता चुके हैं कि उन के प्रश्नों के उत्तर सिर्फ गृहशोभा में ही प्रकाशित किए जाते हैं. मैसेज द्वारा संभव नहीं.

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अनिल और सुधा की शादी की पहली रात थी. शादी में आए लोगों के जातेजाते रात का 1 बज गया. तब अनिल की बहन को ध्यान आया कि इस नवविवाहित जोड़े को तो अपने कक्ष में भेजो. चूंकि रात काफी बीत चुकी थी, इसलिए अपने कक्ष में पहुंचते ही अनिल आननफानन सहवास करने लगा तो एक हलकी सी चीख के साथ सुधा उस के बाहुपाश से अलग हो गई. बोली कि नहीं, मैं यह बरदाश्त नहीं कर सकूंगी. मुझे दर्द होता है. बेचारा अनिल मन मसोस कर रह गया. सुधा की दिन पर दिन बीतते चले गए और फिर दर्द की तीव्रता भी बढ़ती चली गई. पहली रात की मिठास कड़वाहट में बदल गई थी. फिर एक दिन जब अनिल ने यह बात अपने दोस्त को बताई तो उस की सलाह पर वह पत्नी के साथ चिकित्सक के पास पहुंचा. तब जा कर दोनों सहवास का आनंद उठाने में कामयाब हो पाए.

वास्तव में सहवास परम आनंद देता है. मगर इस में इस तरह की कोई परेशानी हो जाए तो नौबत तलाक तक की भी आ जाती है.

आइए, जानें कि ऐसी स्थिति आने पर क्या करें:

पतिपत्नी को चाहिए कि भले प्रथम 1-2 मिलन में दर्द हो, तो भी वे संपर्क बनाना न छोड़ें. कामक्रीड़ा करते रहें ताकि एकदूसरे के प्रति आकर्षण बना रहे और दर्द की बात मन में न बैठे.

चूंकि यह शारीरिक से ज्यादा मनोवैज्ञानिक समस्या है, अत: मानसिक स्तर पर भी मजबूत बने रहें.

ऐसे पतिपत्नी को चाहिए कि वे यह सोच कर कि सहवास नहीं करेंगे, प्रतिदिन यौनक्रीड़ा यानी आलिंगन, चुंबन, बाहुपाश में बांधना, सहलाना आदि करते रहें. यौनक्रीड़ा में बहतेबहते उन्हें पता भी नहीं चलेगा कि वे कब सहवास में सफल हो गए. तब सारा डर जाता रहेगा.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- मिलन की रात बन जाए बात

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

जब Tour पर हों पति

बड़े चाव से मेरे मातापिता ने मेरी शादी सुधीर से की. हमारी अरेंज मैरिज थी. घरबार और लड़का मेरे मातापिता को पसंद थे, बस सुधीर के घर वालों ने पहले ही बोल दिया था कि लड़के ने इंजीनियरिंग अभीअभी पूरी की है. जल्द ही उसे नौकरी के लिए दूसरे शहर जाना पड़ेगा. वहां सैटल होते ही आप की बेटी को भी वहां ले जाएगा. मेरे मातापिता भी राजी हो गए और मैं भी, क्योंकि मातापिता अपने बच्चे के लिए अच्छा ही सोचते हैं. लेकिन शादी होते ही सुधीर का बाहर रहना मेरी बरदाश्त के बाहर हो गया. हम दोनों में खटपट शुरू हो गई. लेकिन इस में सुधीर की कोई गलती नहीं थी. वे भी तो अपने कैरियर पर ही फोकस कर रहे थे. इसी बीच मेरी स्कूल की

एक दोस्त मिली, जिस ने मुझे कुछ ऐसी बातें समझाईं कि उन से मेरी शादीशुदा जिंदगी में बदलाव आ गया.

यदि आप के पति भी ज्यादातर टूअर पर रहते हैं या फिर कुछ समय के लिए बाहर रहने गए हैं तो कैसे आप दोनों अपनी रिलेशनशिप को मजबूत बना कर रख सकते हैं, आइए जानें:

भावनात्मक रूप से जुड़ें

जरूरी नहीं है कि जब हम आमनेसामने बैठे हों तभी अपने भाव प्रकट कर सकते हैं. जब हम एकदूसरे से दूर होते हैं तो पूरे दिन में हलकीफुलकी बात फोन पर कर के भी अपने भाव प्रकट कर सकते हैं. इस तरह की हलकीफुलकी बातचीत यह दर्शाती है कि आप एकदूसरे की बहुत परवाह करते हैं. रिश्ते को बड़ी समझदारी से निभाते हैं. पूरा दिन व्यस्त रहने के बाद यदि आप रात को थोड़ी देर एकदूसरे से फोन पर बात कर लेते हैं तो भी मन हलका हो जाता है, साथ ही आप को अकेलापन भी महसूस नहीं होता.

न हो बातचीत में लंबा गैप

यदि आपस में बातचीत किए लंबा समय हो जाता है, तो आप दोनों के बीच एक लंबा फासला आ जाता है, जिस से मनमुटाव आना स्वाभाविक है. आप रोज बात करते हैं, तो आप को एकदूसरे के बारे में पता चलता रहता है. इसलिए जरूरी है कि आपसी बातचीत में लंबा गैप न आने दें.

एकदूसरे को समझें

किसी भी रिश्ते में फूट जरूरी नहीं कि दूर रहने से ही पड़े. यदि आप उस रिश्ते को समझेंगे नहीं तो तनाव आना ही है. ऐसे में जरूरी है कि एकदूसरे को समझने के लिए एकसाथ समय बिताएं, फिर चाहे वह फोन पर बात करने में बिताएं या ईमेल अथवा मैसेज करें. बात करते समय ध्यान दें कि साथी को किन बातों को करने से खुशी मिलती है. उन पर रिसर्च करें. अगली बार फोन पर बात करने पर उन से जुड़े टौपिक पर बात करें.

हमेशा साथ दें

ध्यान रखें कि आप का पार्टनर किसी समस्या में फंसा है, तो उसे मानसिक तौर से धैर्य बंधाएं. जितना हो सके अपना सहयोग दें, क्योंकि यदि उसे समस्याओं को अकेले झेलने की आदत हो जाएगी तो उसे आप की भी परवाह नहीं होगी. उसे ऐसे समय में खुश रहने की सलाह देते रहें. साथ ही कुछ ऐसी बातें भी करें, जिन से साथी का मूड फ्रैश हो जाए.

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विश्वास बनाए रखें

किसी भी रिश्ते में बेहद जरूरी है कि एकदूसरे पर विश्वास रखें. लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप में यह थोड़ा कठिन कार्य हो जाता है, लेकिन आपसी मतभेद न हों इस का पूरा प्रयास करें. एकदूसरे पर विश्वास बनाए रखें. झूठ बोलने से कभी न कभी झूठ सामने आ ही जाता है, जो बाद में आप के रिश्ते को प्रभावित कर सकता है, इसलिए बेहतर है अपने पार्टनर को पहले ही सच बता कर चलें.

रिश्तों में बनी रहती है गरमाहट

दूर रहने पर रिश्तों में और भी अधिक मजबूती आ जाती है, क्योंकि आप को दूर रहने पर ही पता चलता है कि आप एकदूसरे से कितना प्यार करते हैं. इस के अलावा आप को मिलने का एक अलग सा उत्साह बना रहता है. घंटों साथ बैठ कर बात करने की चाहत के लिए आप तरहतरह की प्लानिंग करते रहते हैं.

कैसे रखें खुद को व्यस्त

यदि आप के हसबैंड टूअर पर या बाहर रहते हैं, तो इस तरह खुद को व्यस्त रखें:

– अपनेआप को किसी भी कार्य में व्यस्त रखें. यदि वर्किंग हैं तो बेहद अच्छी बात है और अगर नहीं हैं तो अपनी पसंद के किसी कार्य को अपना टाइमपास बना लें.

– फिट रहने की कोशिश करें. यदि आप फिट रहेंगी तो नकारात्मक विचार भी मन में नहीं आएंगे. इस के लिए शाम या सुबह थोड़ा समय अपनेआप को दें.

– क्रिएटिव बनें. कुछ अलग हट कर करें. हसबैंड के टूअर से आने से पहले घर की अच्छी तरह साफसफाई कर के रखें. इस से

उन को और आप को दोनों को अच्छा महसूस होगा.

– कुकिंग में नया ऐक्सपैरिमैंट करें जो आप के हसबैंड को पसंद हो. उन के आने पर कुछ नया बनाएंगी तो उन्हें अच्छा लगेगा.

– घिसीपिटी बातों में अपना वक्त बेकार न करें. कई लोग मनोबल को गिराने की कोशिश करते हैं. आप उन की बातों को एक कान से सुनें दूसरे से निकाल दें, जो आप को सही लगता हो, वही करें.

– यदि आप के बच्चे हैं तो उन की पढ़ाई पर ध्यान दें. बच्चों के साथ तो वैसे भी वक्त का पता  नहीं चलता है.

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लाएं कुछ नयापन

रिश्तों में मिठास और नयापन बनाए रखने के लिए पेश हैं कुछ टिप्स:

– हमेशा ध्यान रखें कि यदि आप के हसबैंड टूअर या जौब के सिलसिले में बाहर रहते हैं, तो आप उन से हमेशा सकारात्मक तरीके से ही बात करें.

– आप दोनों एकदूसरे को दिन की शुरुआत गुड मौर्निंग के मैसेज से कर सकते हैं.

– कुछ ऐसे मैसेज या टैक्स्ड एकदूसरे को भेज सकते हैं, जिन से मन खुश हो जाए.

– किसी दिन सरप्राइज दें. साथ ही बताए बिना उन के पास पहुंच जाएं. फिर देखिएगा उस की खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा.

– विडियो चैट करें. इस से आप को लगेगा आप आमनेसामने ही बैठे हैं.

– जब आप के पति छुट्टी पर घर आ रहे हों, तो कुछ नया प्लान करें जहां आप फुरसत से एकदूसरे के लिए समय निकाल सकें.

– हमेशा शिकायतों को ही एकदूसरे के सामने न रखें. अगर शिकायत रखनी भी है, तो कुछ इस तरह कि कल तुम मुझ से बिना बात किए ही सो गए.

– एकदूसरों के परिवार की चिंता जाहिर करें. इस से महसूस होता है कि आप को एकदूसरे के पविर की भी चिंता है.

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