Married Life में प्रेम की ऊष्मा जब कम होने लगती है तब पतिपत्नी के जीवन में ऐसी छोटीछोटी बातें होने लगती हैं, जो इस बात की ओर संकेत करती हैं कि उन के बीच दूरियां बननी शुरू हो रही हैं. अधिकतर दंपती इन संकेतों पर ध्यान नहीं देते या फिर वे समझ नहीं पाते हैं. समय रहते इन संकेतों पर ध्यान न दिया जाए तो उन के बीच प्यार, अपनापन, समर्पण की भावना कम होती जाती है और फिर एक दिन उन का दांपत्य जीवन टूट जाता है. इन संकेतों के प्रति संवेदनशील रह कर संबंधों के बीच पनप रही खाई को गहरा होने से रोका जा सकता है. बिखराव के ये संकेत दांपत्य जीवन के हर छोटेबड़े पहलू से जुड़े हो सकते हैं.
घर में छाई चुप्पी
प्यार भरे संबोधन के साथ हंसनाबोलना, हंसीखुशी का माहौल पैदा करना, खुशियों का जोश भरना ये सब बातें पतिपत्नी के बीच मधुरता और समीपता लाती हैं. यदि हंसीखुशी के क्षणों में भी पतिपत्नी के बीच खामोशी छा जाए, दोनों के स्वर मद्धम पड़ने लगें तो समझना चाहिए उन के बीच प्यार की ऊष्मा कम हो रही है. उहें आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है.
छोटीछोटी बातों में मतभेद
हर बात पर पतिपत्नी के विचार एक हों, यह जरूरी नहीं है. दोनों में थोड़ाबहुत वैचारिक मतभेद होना स्वाभाविक है. यदि बातबात पर या हर छोटीछोटी बातों पर दोनों में मतभेद हो और यह मतभेद झगड़े में तबदील होने लगे, दोनों एकदूसरे की कमियां निकालने लगें तो समझना चाहिए कि दोनों के बीच खाई गहरी होनी शुरू हो चुकी है. दोनों को संभलने की जरूरत है.
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झूठ बोलने लगें
पतिपत्नी का आपसी प्यार विश्वास की नींव पर टिका होता है. यदि दोनों के बीच झूठ, बेईमानी, छल, कपट का बोलबाला होने लगे तो समझना चाहिए एकदूसरे के प्रति समर्पण की भावना खत्म हो चुकी है. उन की जोड़ी कभी भी टूट सकती है. विवाह को बनाए रखने के लिए दोनों के बीच भरोसा और विश्वास होना जरूरी है.
तूतू, मैंमैं
2 बरतन जहां रहेंगे वहां आवाज तो आएगी ही. इसी तरह दंपती के बीच किसी बात को ले कर थोड़ी बहस होना परेशानी की कोई बात नहीं है. लेकिन बातबात पर झगड़ा होना, छोटीछोटी बात को ले कर दोनों में लंबी बहस होना, गलती होने पर गलती न मानना, दोनों में बराबर तनाव बना रहना दांपत्य जीवन के लिए खतरनाक संकेत है. इस के लिए दोनों को सोचने व समझने की आवश्यकता है.
दोस्त जब कैक्टस लगें
एकदूसरे को दोस्तों को आदर देने से दंपती के बीच आपसी प्यार बढ़ता है. जब एकदूसरे के दोस्त या सगेसंबंधी रास न आएं, दोनों उन के सामने एकदूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करें तो समझें उन के बीच के प्यार का दम घुटने लगा है. उसे बचाने के लिए आपसी समझदारी की आक्सीजन की जरूरत है.
कामयाबी पर जलन
एकदूसरे की कामयाबी दोनों के जीवन में खुशियों की बहार लाती है. यदि एकदूसरे की कामयाबी पर संतोषजनक स्वर न मिलें, मन में ईर्ष्या होने लगे, जलन की बू आने लगे तो समझना चाहिए दोनों के बीच प्यार की गरमाहट खत्म होने लगी है. उन के बीच की दूरियां गहरी होने लगी हैं.
अहं की अट्टालिकाएं ऊंची होने लगें
एकदूसरे के बीच अंह या ईगो आना तलाक का एक बड़ा कारण है. मैं क्यों झुकूं, मैं ही क्यों करूं जैसी बातें रिश्ते में कटुता भरती हैं. यदि दोनों हर बात को जीतहार का मुद्दा बना लें तो समझना चाहिए कि पतिपत्नी के बीच अहं की अट्टालिकाएं ऊंची उठने लगी हैं. उन का प्यार अहं की अट्टालिकाओं के नीचे दब कर छटपटा रहा है. उन्हें जल्द ही संभलने की जरूरत है वरना रिश्ता टूटने में देर नहीं लगेगी. शादी का मतलब एकदूसरे को शेयर करना, एकदूसरे की जिंदगी को शेयर करना, एकदूसरे की चीजें शेयर करना होता है. फिर एकदूसरे की चीजें शेयर करने में नाराजगी क्यों?
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सेक्स हैरेसमेंट
सुखी दांपत्य जीवन के लिए सेक्स सब से खास जरूरत है. एकदूसरे के बीच समर्पित सेक्स प्यार, अपनापन और खुशियों की बहार लाता है. पति द्वारा सेक्स के लिए जबरदस्ती करना, पत्नी की इच्छा के विरुद्ध सेक्स संबंध बनाना या सेक्स प्रताड़ना देना, वहीं पत्नी द्वारा सेक्स के लिए इनकार करना या सेक्स में सहयोग न देना जैसी बातें सेक्स हैरेसमेंट में आती हैं. ऐसी स्थिति में दोनों को जल्दी संभलने की जरूरत है. दोनों तुरंत विवाह सलाहकार से मिलें ताकि जीवन में दोबारा खुशियों की बहार आ सके.
बिखराव के संकेत
घर में सन्नाटा छाना.
दरवाजों का तेजी से खुलना, बंद होना.
चीजों के उठाने व रखने के अंदाज में बदलाव आना.
छोटीछोटी बातों पर बहस होना.
बातों का जवाब न देना.
चीजों का टूटना या पटकना.
बिना वजह किसी बात पर चिल्ला उठना.
पति का कमरा छोड़ कर भाग जाना.
पत्नी का कमरे में घुस कर दरवाजा बंद कर लेना.
बिस्तर पर मुंह फेर कर सो जाना.
एकदूसरे से झूठ बोलना.
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पतिपत्नी दोनों के लिए सुझाव
गलती हो या न हो, दोनों में से कोई एक समर्पण कर दे.
समर्पण कर देने पर सामने वाला नखरे न दिखा कर पूरा मामला भूल जाए.
पुरानी बातों को भूलना सीखें.
किसी भी बात को लंबा तूल न दें.
जब जिंदगी शेयर कर रहे हैं तब भौतिक चीजें शेयर करने में परेशानी नहीं होनी चाहिए.
एकदूसरे को सुधारने के बजाय जैसा है वैसा ही स्वीकार करें.
अच्छी बातों के लिए एकदूसरे को श्रेय दें.
बिना सोचेसमझे आक्रामक रूप न अपनाएं.
माफी मांगने में शर्म महसूस न करें.
ताली एक हाथ से नहीं, दोनों हाथों से बजती.