Married Life में क्या है बिखराव के संकेत

Married Life में प्रेम की ऊष्मा जब कम होने लगती है तब पतिपत्नी के जीवन में ऐसी छोटीछोटी बातें होने लगती हैं, जो इस बात की ओर संकेत करती हैं कि उन के बीच दूरियां बननी शुरू हो रही हैं. अधिकतर दंपती इन संकेतों पर ध्यान नहीं देते या फिर वे समझ नहीं पाते हैं. समय रहते इन संकेतों पर ध्यान न दिया जाए तो उन के बीच प्यार, अपनापन, समर्पण की भावना कम होती जाती है और फिर एक दिन उन का दांपत्य जीवन टूट जाता है. इन संकेतों के प्रति संवेदनशील रह कर संबंधों के बीच पनप रही खाई को गहरा होने से रोका जा सकता है. बिखराव के ये संकेत दांपत्य जीवन के हर छोटेबड़े पहलू से जुड़े हो सकते हैं.

घर में छाई चुप्पी

प्यार भरे संबोधन के साथ हंसनाबोलना, हंसीखुशी का माहौल पैदा करना, खुशियों का जोश भरना ये सब बातें पतिपत्नी के बीच मधुरता और समीपता लाती हैं. यदि हंसीखुशी के क्षणों में भी पतिपत्नी के बीच खामोशी छा जाए, दोनों के स्वर मद्धम पड़ने लगें तो समझना चाहिए उन के बीच प्यार की ऊष्मा कम हो रही है. उहें आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है.

छोटीछोटी बातों में मतभेद

हर बात पर पतिपत्नी के विचार एक हों, यह जरूरी नहीं है. दोनों में थोड़ाबहुत वैचारिक मतभेद होना स्वाभाविक है. यदि बातबात पर या हर छोटीछोटी बातों पर दोनों में मतभेद हो और यह मतभेद झगड़े में तबदील होने लगे, दोनों एकदूसरे की कमियां निकालने लगें तो समझना चाहिए कि दोनों के बीच खाई गहरी होनी शुरू हो चुकी है. दोनों को संभलने की जरूरत है.

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झूठ बोलने लगें

पतिपत्नी का आपसी प्यार विश्वास की नींव पर टिका होता है. यदि दोनों के बीच झूठ, बेईमानी, छल, कपट का बोलबाला होने लगे तो समझना चाहिए एकदूसरे के प्रति समर्पण की भावना खत्म हो चुकी है. उन की जोड़ी कभी भी टूट सकती है. विवाह को बनाए रखने के लिए दोनों के बीच भरोसा और विश्वास होना जरूरी है.

तूतू, मैंमैं

2 बरतन जहां रहेंगे वहां आवाज तो आएगी ही. इसी तरह दंपती के बीच किसी बात को ले कर थोड़ी बहस होना परेशानी की कोई बात नहीं है. लेकिन बातबात पर झगड़ा होना, छोटीछोटी बात को ले कर दोनों में लंबी बहस होना, गलती होने पर गलती न मानना, दोनों में बराबर तनाव बना रहना दांपत्य जीवन के लिए खतरनाक संकेत है. इस के लिए दोनों को सोचने व समझने की आवश्यकता है.

दोस्त जब कैक्टस लगें

एकदूसरे को दोस्तों को आदर देने से दंपती के बीच आपसी प्यार बढ़ता है. जब एकदूसरे के दोस्त या सगेसंबंधी रास न आएं, दोनों उन के सामने एकदूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करें तो समझें उन के बीच के प्यार का दम घुटने लगा है. उसे बचाने के लिए आपसी समझदारी की आक्सीजन की जरूरत है.

कामयाबी पर जलन

एकदूसरे की कामयाबी दोनों के जीवन में खुशियों की बहार लाती है. यदि एकदूसरे की कामयाबी पर संतोषजनक स्वर न मिलें, मन में ईर्ष्या होने लगे, जलन की बू आने लगे तो समझना चाहिए दोनों के बीच प्यार की गरमाहट खत्म होने लगी है. उन के बीच की दूरियां गहरी होने लगी हैं.

अहं की अट्टालिकाएं ऊंची होने लगें

एकदूसरे के बीच अंह या ईगो आना तलाक का एक बड़ा कारण है. मैं क्यों झुकूं, मैं ही क्यों करूं जैसी बातें रिश्ते में कटुता भरती हैं. यदि दोनों हर बात को जीतहार का मुद्दा बना लें तो समझना चाहिए कि पतिपत्नी के बीच अहं की अट्टालिकाएं ऊंची उठने लगी हैं. उन का प्यार अहं की अट्टालिकाओं के नीचे दब कर छटपटा रहा है. उन्हें जल्द ही संभलने की जरूरत है वरना रिश्ता टूटने में देर नहीं लगेगी. शादी का मतलब एकदूसरे को शेयर करना, एकदूसरे की जिंदगी को शेयर करना, एकदूसरे की चीजें शेयर करना होता है. फिर एकदूसरे की चीजें शेयर करने में नाराजगी क्यों?

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सेक्स हैरेसमेंट

सुखी दांपत्य जीवन के लिए सेक्स सब से खास जरूरत है. एकदूसरे के बीच समर्पित सेक्स प्यार, अपनापन और खुशियों की बहार लाता है. पति द्वारा सेक्स के लिए जबरदस्ती करना, पत्नी की इच्छा के विरुद्ध सेक्स संबंध बनाना या सेक्स प्रताड़ना देना, वहीं पत्नी द्वारा सेक्स के लिए इनकार करना या सेक्स में सहयोग न देना जैसी बातें सेक्स हैरेसमेंट में आती हैं. ऐसी स्थिति में दोनों को जल्दी संभलने की जरूरत है. दोनों तुरंत विवाह सलाहकार से मिलें ताकि जीवन में दोबारा खुशियों की बहार आ सके.         

बिखराव के संकेत

घर में सन्नाटा छाना.

दरवाजों का तेजी से खुलना, बंद होना.

चीजों के उठाने व रखने के अंदाज में बदलाव आना.

छोटीछोटी बातों पर बहस होना.

बातों का जवाब न देना.

चीजों का टूटना या पटकना.

बिना वजह किसी बात पर चिल्ला उठना.

पति का कमरा छोड़ कर भाग जाना.

पत्नी का कमरे में घुस कर दरवाजा बंद कर लेना.

बिस्तर पर मुंह फेर कर सो जाना.

एकदूसरे से झूठ बोलना.

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पतिपत्नी दोनों के लिए सुझाव

गलती हो या न हो, दोनों में से कोई एक समर्पण कर दे.

समर्पण कर देने पर सामने वाला नखरे न दिखा कर पूरा मामला भूल जाए.

पुरानी बातों को भूलना सीखें.

किसी भी बात को लंबा तूल न दें.

जब जिंदगी शेयर कर रहे हैं तब भौतिक चीजें शेयर करने में परेशानी नहीं होनी चाहिए.

एकदूसरे को सुधारने के बजाय जैसा है वैसा ही स्वीकार करें.

अच्छी बातों के लिए एकदूसरे को श्रेय दें.

बिना सोचेसमझे आक्रामक रूप न अपनाएं.

माफी मांगने में शर्म महसूस न करें.

ताली एक हाथ से नहीं, दोनों हाथों से बजती.

क्या प्यार करने वाला आपकी गरिमा का ख्याल रखता है?

लेखिका- स्नेहा सिंह 

आप किसी से बहुत प्यार करती हैं. उस पुरुष या महिला ने आप को भावनाओं से ले कर सुरक्षा तक देने की कोशिश की है. जमीन से जुड़े होने के बावजूद उसने आपको सातवें आसमान का सफर कराया है. आप के लिए कभी दीवार, कभी पहाड़, कभी दरवाज़ा, कभी खिड़की तो कभी आकाश भी बन गया है. उसने तूम्हारे लिए वह सब किया है, जो एक प्रेमी-प्रेमिका, पति अथवा पत्नी का फर्ज होता है. हां, हो सकता है आपकी थोड़ी इच्छाएं, थोड़ा सुख उसकी नजर से बाहर गया हो. ऐसा भी हो सकता है कि उसकी किसी बात से आप के हृदय को ठेस पहुंची हो, पर आप को संभालने, आप को दुख न पहुंचे, इसके लिए उसने तमाम कोशिश तहेदिल से की हो. आप का कैरियर, आप की सोशल लाइफ का ग्राफ ऊपर गया हो, उसमें उसका भी कुछ हिस्सा रहा हो. संक्षेप में संबंधों के ऐसे तमाम पलों में उसने आप को कभी यह अनुभव कराया हो कि आप दुनिया की सब से सुखी और सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं. भगवान न करे कभी आप के संबंध में कमिटमेंट ब्रेक हो. आपके संबंध हिचकोले खाने लगें और एक्जिट के दरवाजे पर आ कर खड़े हो जाएं तो आप क्या करेंगी?

‘आप हमारे नहीं ती किसी और के भी नहीं.’ यह सोच कर उसके साथ क्लिक किए बैडरूम के फोटो वायरल कर देंगें? सेक्स्युअल प्लेजर के लिए बनाए वीडियो उसके पारिवारिक सदस्यों को भेज देंगें? नेटवर्किंग साइट पर उन्हें वायरल कर देंगें? आप पर खूब विश्वास कर के भावनाओ के आवाश में आ कर आप को किए ह्वाटसएप मैसेज के स्क्रीन शाॅट की नुमाइश करेंगें? या चुपचाप एक्जिट के दरवाजे से बाहर निकल जाएंगें?

सहमति से बने संबंधों में बंदिशें क्यों?

पिछले कुछ समय से संबंध टूटने के बाद न्यूड फोटोग्राफ्स या सेक्स्युअल एक्ट के वीडियो वायरल कर देनें की घटनाएं खूब बढ़ी हैं. एक 16 साल की लड़की अपने साथ पढ़ने वाले लड़के से प्यार करने लगी. लड़की ने अपने वक्षस्थल के फोटो खींच कर लड़के को भेज दिए. कुछ दिनों बाद लड़की ने लड़के से संबंध खत्म करने की बात की तो लड़के ने लड़की के नाम के साथ उसके वक्षस्थल के फोटो वायरल कर दिए. 17वां साल हो या 37वां साल, संबंध टूटने पर लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं.

सब से पहली बात तो यह है कि इस तरह के न्यूड फोटोग्राफ भेजने ही नहीं चाहिए. मानलीजिए कि प्रेम के आवेश में अथवा विशाल के अतिरेक के बीच न्यूड फोटोग्राफ भेज रही हैं तो उस फोटोग्राफ से चेहरा कट कर देने की सामान्य समझ क्यों नहीं दिखातीं? आप कहेंगीं कि जिसे प्रेम किया है, उस पर खुद से अधिक विश्वास होता है. बिलकुल होना चाहिए, पर जिस पर विश्वास किया है, यह पता कर लेना जरूरी है कि वह विश्वास करने लायक है भी या नहीं?आप को यह पता है, आप जिससे प्रेम कर रही हैं, उसे आप की गरिमा का ख्याल है या नहीं? वह व्यक्ति अभी आप को जितना सम्मान देता है, आप की जिंदगी से निकल जाने पर भी वह आप को उतना ही सम्मान देगा?

सामान्य रूप से हम जल्दी किसी को अपने आधार कार्ड का नंबर नहीं देते. डेबिट कार्ड या मोबाइल का पासवर्ड जल्दी किसी के साथ शेयर नहीं करते, तो न्यूड फोटोग्राफ शेयर करने के पहले क्यों नहीं सोचतेविचारते? प्यार करने वाला आदमी क्या कर सकता है? इसकी अपेक्षा यह जानना चाहिए कि प्रेम टूटने पर वह नीचता की किस हद तक जा सकता है? आपने जिस पर विश्वास किया है, वह आदमी प्रेम टूटने पर आप के फोटोग्राफ वायरल करने की हद तक जाता है तो साफ है कि वह आप से प्रेम नहीं करता था. लड़कियों को एक बात समझने की खास जरूरत है कि जिस आदमी को मात्र आपके शरीर में रुचि है, उसके मन में तुम्हारे प्रति वासना है, प्रेम नहीं. ऐसी तमाम लड़कियां हैं, जो मानती हैं कि मेरा प्रेम उसे बदल देगा, प्रेम उसके मन में मेरे लिए डिग्निटी पैदा करेगा, यह सरासर मूर्खता है. प्रेम कुछ भी नहीं बदल सकता.

जब तक लोभी लोग हैं, ठग भूखो नही मरेंगे, यह कहावत यहां भी उतनी ही सच है. अपने शरीर, अंगों का बखान सुनने के लिए लालायित लड़कियां न्यूड फोटोग्रफ भेज देती हैं. प्रशंसा का स्वर्ण मृग पाने के लिए हर सीता लक्ष्मणरेखा पार करने को तैयार हो जाती है और रावणों के मनपसंद काम हो जाता है. हर महिला को अपने शरीर, फीगर और कर्व्ज की प्रशंसा सुनना अच्छा लगता है. पर इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि कहीं यह प्रशंसा गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली तो नहीं है.

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टीनेजर्स के बीच वीडियो सेक्स अब सामान्य बात हो गई है. वीडियो सेक्स के दौरान ले लिए गए स्क्रीन शाॅट्स टाइम बम बन कर मोबाइल में समाए रहते हैं और कमिटमेंट टूटते ही फूट पड़ते हैं. मुझे लगता है कि अब पैरेंटिंग को बदलने की जरूरत है. देखो, मैं प्रेम में पड़ी नहीं, यह कहने के बजाय अगर प्रेम में पड़ती हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इस बात की चर्चा समझदार लोगों से जरूर करें. अपनी डिग्निटी खुद मेंनटेन करनी होती है. लड़कियों को यह समझना होगा कि उन्हें किसी दूसरे का इंतजार नहीं करना है. मां-बाप को चाहिए कि संतानों को पास बैठा कर ब्रेकअप का अर्थ समझाएं. उन्हें समझाएं कि एकदूसरे से प्रेम करने वाले व्यक्ति अलग हो सकते हैं. यह भी समझाएं कि इस समय जो आदमी उनके साथ नहीं जीना चाहता, इसका मतलब यह नहीं कि उनके साथ का अतीत खराब था.

हमारा कानून खून की सजा देता है. पर संबंध में हुए विश्वास के खून की सजा अभी तक मुकर्रर नहीं हो सकी है. इसलिए इस विश्वासघात को खुद ही रोकने की कोशिश करें.

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सवाल-

मैं 37 साल की हूं. सैक्स के दौरान चरम पर नहीं पहुंच पाती. इस से मन बेचैन रहने लगा है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

यह महिलाओं में एक आम समस्या है, जिसे दवा से ज्यादा आप खुद ही दूर कर सकती हैं.

इस बारे में आप पति से बात करें. सोने से 2-3 घंटे पहले खाना खाएं और हलका भोजन करें. सैक्स के दौरान जल्दबाजी दिखाने से भी यह समस्या होती है. इसलिए बेहतर होगा कि सैक्स से पहले फोरप्ले की प्रक्रिया अपनाएं, जो लंबी हो.

इस मामले में गलती पुरुषों की भी होती है. सैक्स को निबटाने की सोच रखने वाले ऐसे पुरुषों की संख्या ज्यादा है, जो खुद की संतुष्टि को ही ज्यादा तवज्जो देते हैं और सैक्स के तुरंत बाद करवट बदल कर सो जाते हैं.

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बेहतर होगा कि सैक्स से पहले ऐसा माहौल बनाएं जो सैक्स प्रक्रिया को उबाऊ न बना कर प्यारभरा व रोमांचक बनाए.

सैक्स से पहले कमरे में मध्यम रोशनी के बीच मधुर आवाज में संगीत चला दें, एकदूसरे से प्यारभरी बातें करें, एकदूसरे के अंगों की तारीफ करें यानी देर तक फोरप्ले करने के बाद ही सैक्स करें. यकीनन ऐसा करने से आप की समस्या दूर हो जाएगी.

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कोरोना काल में सेक्स सबसे बडी परेशानी का सबब बन गया है. बिना तैयारी के सेक्स से गर्भ ठहरने लगाहै. उम्रदराज लोगों के सामने ऐसी परेशानियां खडी हो गई है. स्कूल बंद होने से बच्चों के घर पर रहने से पति पत्नी को अपने लिये समय निकालना मुश्किल होने लगा. बाहर आना जाना बंद हो गया. कभी पति के पास समय है तो कभी पत्नी का मूड नहीं. कभी पत्नी का मूड बना तो पति को औनलाइन वर्क से समय नहीं. ऐसे में आपसी तनाव, झगडे और जल्दी सेक्स की आदत आम होने लगी है. जिस वजह से आपसी झगडे बढने लगे है. ऐसे में जरूरी है कि आपस में समय तय करके सेक्स करे. जिससे आपसी झगडे कम होगे तालमेल बढेगा.

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सहमति से बने संबंधों में बंदिशें क्यों?

व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं में पत्नियों की किसी से प्रेम करने व यौन संबंध बनाने की स्वतंत्रता है या नहीं, यह अच्छी रोचक बहस का मामला है. भारतीय दंड विधान स्पष्ट कहता है कि किसी की पत्नी के साथ संबंध बनाने पर पुरुष को दंड दिया जा सकता है पर पत्नी किसी पर पुरुष से संबंध बनाए तो उसे दंड नहीं दिया जा सकता. ऐसे मामले में पति पत्नी को तलाक अवश्य दे सकता है.

नौसेना ने ब्रिगेडियर रैंक के एक अफसर को इसलिए निकाला है क्योंकि उस ने अपने एक सहयोगी की पत्नी के साथ अपनी पत्नी की इच्छा के बिना संबंध बना लिए थे. पतिपत्नी के बीच क्या हुआ यह तो नहीं मालूम पर इस संबंध को अपराध या दुर्व्यवहार की संज्ञा देना गलत होगा. कहा यही जाता है कि विवाह के बाद पतिपत्नी को एकदूसरे के प्रति निष्ठा रखनी चाहिए और किसी तीसरे की ओर नजर नहीं डालनी चाहिए. पर यह सलाह है, कानूनी निर्देश नहीं. अगर दोनों में से कोई इस वादे को तोड़ता है तो उसे विवाह तोड़ने का हक कानून में है और उस का इस्तेमाल किया जा सकता है पर इस के लिए तीनों में से किसी को भी दंडित करना गलत होगा.

विवाह से पतिपत्नी को एकदूसरे पर बहुत से अधिकार मिलते हैं पर ये अधिकार आपसी समझौते और समझदारी के हैं. समाज का काम इन पर पहरेदारी करना नहीं है.

समाज ने इस बारे में सदा एकतरफा व्यवहार किया है. सदियों से औरतों को कुलटा कहकह कर इसलिए बदनाम और घर से बेदखल किया जाता है, क्योंकि उन को पति की संपत्ति का सा हक दे दिया गया है.

भारतीय दंड कानून के अंतर्गत कभी भी पति उस बिग्रेडियर के खिलाफ फौजदारी का मुकदमा कर सकता है और उसे जेल भेजवा सकता है जबकि उस ब्रिगेडियर ने सहमति व प्यार में दूसरे की पत्नी से संबंध बनाए थे.

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कुछ लोगों को यह बात भले ही अनैतिकता फैलाने वाली लगे पर सच यह है कि इस कोरी नैतिकता के दंभ के कारण पौराणिक गाथाओं की सीता और अहिल्या ने दुख भोगे और द्रौपदी ने बारबार अपमान सहा. राजा दशरथ की 3 पत्नियों को तो सहज लिया जाता है पर औरतों पर बंदिशें लगाई जाती हैं.

विवाहिता अपने शरीर व दिल के सारे अधिकार पुरुष को सौंप दे और बदले में सिर्फ घर की छत, रोटी, कपड़ा और शायद डांट, मार, तनाव पाए यह गलत है. अगर पति की बेरुखी के कारण पत्नी को कोई और आकर्षित करे तो समाज, कानून और ऐंपलायर को हक नहीं कि वे नैतिकता के ठेकेदार बन जाएं.

पतिपत्नी का प्यार दोनों की आपसी लेनदेन पर निर्भर है. जैसे प्रेम करते हुए युवक को एक लड़की के अलावा कोई और नहीं दिखता, उसी तरह लड़की को भी प्रेमी के अलावा सब तुच्छ लगते हैं. इसी तरह का व्यवहार पतिपत्नी में अपनेआप होना चाहिए. वह थोपा हुआ न हो.

पत्नियां ही अपना मन मारें, किसी के प्रति चाहत पर अपराधभाव महसूस करें, यदि किसी से हंसबोल लें तो मार खाएं जबकि पति पूरी तरह छुट्टा घूमे यह न्याय कैसे है, नैतिक कैसे है?

गलती असल में धर्मों की है जिन्होंने औरतों पर तरहतरह की बंदिशें लगाईं. विडंबना यह है कि औरतें ही सब से ज्यादा अपना मन, धन और यहां तक कि तन भी धर्म के नाम पर निछावर करती हैं. उस धर्म पर जो औरतों के लिए अन्यायी है, अत्याचारी है, अनाचारी है, असहनशील है.

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मेरे जेठ मुझसे जबरन संबंध बनाना चाहतें हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

 मेरी शादी करीब 4 साल पहले दिल्ली में हुई थी. पति बिजनैसमैन हैं. हमारी अरेंज्ड मैरिज हुई थी. शुरुआत में पति के साथ थोड़ी खटपट रहती थी, मगर फिर धीरेधीरे हम एक-दूसरे को समझने लगे और सब ठीक चलने लगा. मगर इसी बीच मेरी जेठानी जो परिवार के साथ ऊपर वाले फ्लोर पर रहती थीं अचानक चल बसीं. उनके 2 बच्चे हैं जो इतने बड़े हो चुके हैं कि खुद अपनी देखभाल कर सकें. मेरे जेठ की पास में ही कपड़ों की शौप है. वे अकसर मेरे पति के पीछे भी हमारे घर आते-जाते रहते थे. जेठानी की मौत के बाद मेरे मन में उन के लिए सहानुभूति की भावना रहती थी. मगर उन का रवैया कुछ और ही रहने लगा. वे अकसर मेरे करीब आने का प्रयास करने लगे. एक दिन तो खुलेतौर पर मुझ से हमबिस्तर होने का आग्रह करने लगे.  मैंने उस समय तो उन्हें किसी तरह झटक दिया और जाने को कह दिया, मगर अब मुझे डर लगा रहता है कि न जाने कब वे फिर से ऐसे ही इरादे के साथ आ धमकें. मुझे पति से भी इस संदर्भ में बात करने में हिचक हो रही है, क्योंकि वे अपने बड़े भाई को बहुत मानते हैं. मुझे डर है कि कहीं वे मुझे ही दोषी न मान बैठें. बताएं क्या करूं?

जवाब-

सब से पहले तो आप को बिना किसी डर या हिचकिचाहट के अपने पति से बात करनी चाहिए. उन्हें अपने विश्वास में ले कर अपना डर जाहिर करना होगा. यदि वे बिलकुल न मानें तो किसी दिन मौका देख कर कोई सुबूत जुटाने का प्रयास करें. जेठ जब भी दरवाजा खटखटाएं तो आप मोबाइल का वौइस रिकौर्डर औन कर के अपने पास रख लें तब दरवाजा खोलें. ऐसे में जेठ यदि कोई गलत बात कहते या ऐसीवैसी कोई हरकत करते हैं तो सब रिकौर्ड हो जाएगा और फिर आप अपने पति को बतौर सुबूत उस रिकौर्डिंग को सुना सकती हैं.

वैसे अच्छा होगा कि आप पति से कहीं और घर लेने का आग्रह करें या फिर जेठ की दोबारा शादी कराने का प्रयास करें. उन्हें पत्नी की कमी खल रही है, इसलिए आप की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. नई पत्नी के आ जाने पर संभव है कि वे आप से सामान्य व्यवहार करने लगें.

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आप चाहकर भी नहीं बदल सकतीं पति की ये 5 आदतें, पढ़ें खबर

सभी मानते हैं कि जब भी किसी लड़के की शादी होती हैं तो उसकी जिंदगी में कई बदलाव आते हैं और उसकी कुछ आदतें छूट जाती हैं. लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं हैं क्योंकि हर पति में कुछ आदतें ऐसी कौमन होती हैं जो एक बीवी चाहकर भी नहीं बदल पाती है.

हर लड़की यही सोचती रहती है कि किस तरह से पति की इन आदतों को बदला जाए, लेकिन वह सभी प्रयासों में असफल रहती हैं. तो आइये जानते हैं हर पति में पाई जाने वाली उन 5 कौमन आदतों के बारे में.

1. क्रिकेट से प्यार

लड़कों को क्रिकेट देखना बहुत पसंद होता है. खासतौर पर जब वर्ल्ड कप मैच हो, वह स्पैशल औफिस से छुट्टी लेते हैं. क्रिकेट का मैच देखते हुए अपने पार्टनर को अपनी ओर आकर्षित करने की जितनी भी कोशिश कर लें लेकिन आप उनका ध्यान नहीं हटा पाएंगी.

2. मां से कंपैरिजन

पुरुषों में एक बहुत बुरी आदत होती है अपनी पत्नी की मां से तुलना करने की आदत. वह हर छोटी-छोटी बात पर अपनी पत्नी की मां से तुलना करने लगते हैं. खासतौर पर खाने के लेकर कि तुम मेरी मां जैसा स्वादिष्ट खाना बना ही नहीं सकती.

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3. झूठ बोलने की आदत

पत्नी कभी भी अपने पार्टनर की झूठ बोलने की आदत कभी नही छुड़ा सकती. पुरुष अपनी पत्नी को खुश रखने और नोक-झोंक से बचने से लिए उसे छोटे-छोटे झूठ बोलते ही रहते हैं.

4. स्मोक करने की आदत

पुरुषों में सबसे बुरी आदत होती है नशे की. पत्नी कभी भी उनकी इस आदत को छुड़ा नहीं सकती. आपका पति चाहे आपके सामने सिगरेट न लेता हो लेकिन वह बाहर जा कर आपसे चोरी छिपे सिगरेट जरूर पी लेता होगा.

5. दूसरी लड़कियों को देखने की आदत

पुरुषों की अपनी पत्नी चाहे जितनी भी मर्जी खूबसूरत हो, लेकिन वह दूसरी लड़कियों को देखने से कभी नहीं हटते, चाहे वो उन्हें गलत नजर से न देखते हों. उनकी इन आदतों को लेकर झगड़ा न करें. उन्हें समझाने की कोशिश करें.

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नीरस हो रहे रिश्ते में रोमांस जगाने के आजमाएं ये टिप्स

जब लंबे समय तक साथ रह कर ऐसा अनुभव होने लगे कि आप सोलमेट के साथ नहीं, फ्लैटमेट के साथ रह रहे हैं, तो समझ लीजिए आप को कुछ तरीके अब सोचने ही पड़ेंगे कि कैसे रोमांस फिर से लाया जाए. कुछ बोरियत को उम्र का बढ़ना मान लेते हैं और फिर इस बोरियत से बचने के लिए कहीं और आकर्षित होने लगते हैं. मगर ऐसी नौबत आने ही न दें.

रिलेशनशिप थेरैपिस्ट रीता कोठारी का कहना है, ‘‘परफैक्ट रिलेशनशिप का आइडिया ही एक भ्रम है. सब में अच्छीबुरी आदतें होती हैं. बस प्यार ही वह भावना है, जो इस रिश्ते को सहेज कर रख सकती है और एकदूसरे की बुरी आदतों की उपेक्षा कर सकती है.’’

आइए, जानें कि विशेषज्ञ आप के रिश्तों को सुधारने के लिए क्या होमवर्क करने के लिए कहते हैं:

आलिंगन से बढ़ता है विश्वास

रिलेशनशिप कोच आदिति का कहना है, ‘‘आलिंगन से विश्वास बढ़ता है और हैप्पीनैस हारमोंस औक्सीटोसिन और सैरोटोनिन बढ़ते हैं. इस से निराशा कम होती है और अंडरस्टैंडिंग बढ़ती है. जानें कि आप के पार्टनर को क्या अच्छा लगता है. कुछ पल बांहों में रहना या कम देर रहना. रिसर्च कहती है कि बहिर्मुखी लोगों को दिन में 8 बार हग करना अच्छा लगता है.’’

मनोवैज्ञानिक डा. अंजलि कहती हैं, ‘‘रिसर्च के अनुसार प्रिय की मौजूदगी से किसी भी कार्य को करने की सामर्थ्य बढ़ती है. जो कपल्स साथ ऐक्सरसाइज करते हैं उन की बौंडिंग ज्यादा अच्छी होती है. एक दंपती ने अपना अनुभव बताया कि दोनों ने एक डांस क्लास साथ जौइन की तो दोनों के रिश्ते में बहुत सकारात्मक परिवर्तन हुआ. अत: कोई भी ऐक्टिविटी साथ जरूर करें.’’

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कैसे बढ़ाएं अंतरंगता

अंजलि आगे कहती हैं, ‘‘बैड पर एक ही समय जाएं. इस से दोनों को कुछ समय साथ रहने को मिलेगा जिस से अंतरंगता बढ़ेगी. हां, यह प्रतिदिन तो संभव नहीं हो

सकता, क्योंकि कोई पार्टनर देर तक काम कर रहा हो सकता है या बाहर हो सकता है पर कोशिश करें कि ऐसा महीने में 7 दिन तो हो.

1991 में जेफरी लार्सन की रिसर्च के अनुसार जिन पतिपत्नी का स्लीपिंग पैटर्न मैच नहीं करता उन्हें ऐडजस्टमैंट में मुश्किलें आती हैं.

छोटेछोटे संकेत से बढ़ाएं प्यार

एकदूसरे का हाथ पकड़ कर दिन की शुरुआत करें या मौर्निंग वाक के समय या चाय पीते हुए. इस से प्यार में ऊष्मा बढ़ती है या बाहर जाने पर टेबल तक ही हाथ पकड़ लें. हाथ और उंगलियों में सब से ज्यादा स्पर्श की अनुभूति होगी. इस टच से स्ट्रैस हारमोंस कम होते हैं और दोनों रिलैक्स्ड होते हैं. इसलिए एकदूसरे के हाथ में अपना हाथ देने में देर न करें. इस स्पर्श का आनंद उठाएं.

वैवाहिक जीवन की सफलता और इसे आनंददायक बनाने के लिए पार्टनर को थैंक्स बोलते रहना बहुत जरूरी है. धीरेधीरे दोनों एकदूसरे को टेकेन फौर ग्रांटेड लेने लगते हैं पर रोज किसी न किसी बात पर एकदूसरे को प्यार से थैंक्स कहने से यही लगेगा कि दोनों की हर बात पर एकदूसरे का ध्यान है. ये छोटेछोटे संकेत प्यार बढ़ाते हैं.

मोबाइल से दूर रहें

अमेरिकन साइकोलौजिकल ऐसोसिएशन के अध्ययन के अनुसार स्मार्टफोन के ज्यादा प्रयोग से रिश्तों में अनिश्चितता आती है, गैजेट्स ने पतिपत्नी के समय और स्पेस पर असर डाला है. दोनों भले ही साथ खाना खा रहे हों पर ध्यान फोन पर होता है. साथ होने पर आधा घंटा फोन से दूर रहने की आदत डालना इतना मुश्किल भी नहीं है. हो सके तो डाइनिंग टेबल को नो फोन जोन बना दें. आधा घंटा भी बात कर के दोनों एकदूसरे के साथ और जुड़ सकते हैं.

हंसने से फील गुड हारमोन इंडोर्फिंस बढ़ता है जो इम्यून सिस्टम को अच्छा रखता है. महिलाएं पुरुषों में सैंस औफ ह्यूमर होना पसंद करती हैं पर इस के लिए स्टैंडअप कौमेडियन होना जरूरी नहीं है. कोई फनी मूवी साथ देखें या कोई फनी चीज किसी बुक से सुनाएं, साथ हंसें और हंसाएं.

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बिताएं खुशनुमा पल

धीरेधीरे समय के साथ काम और परिवार की जिम्मेदारी में सैक्स पीछे छूटता चला जाता है. सब से ध्यान हटा कर हफ्ते में कम से कम 1 बार ही सही सैक्स का आनंद अवश्य लें.

कभीकभी अकेले कहीं समय बिताने जाएं, यह जरूरी है. चाहे आप को हर काम अपने पार्टनर के साथ करने की आदत हो पर कभीकभी सिर्फ अपनी कंपनी ऐंजौय करें.

मैरिड लाइफ को लेकर छपने वाले विज्ञापनों के दावे क्या सच हैं?

सवाल

मैं 35 वर्षीय विवाहिता हूं. पत्र पत्रिकाओं के पन्ने पलटते समय देखती हूं कि उन में प्राय: सैक्स टौनिकों को ले कर कई तरह के विज्ञापन छपते रहते हैं. क्या उन में किए गए दावे सचमुच सच होते हैं? उन से कैसे और क्या क्या लाभ मिल सकता है?

जवाब

अच्छा होता आप अपने सवाल के पीछे छिपे उद्देश्य के बारे में भी हमें खुल कर लिखतीं. क्या आप के पति शिश्नोत्थान से संबंधित किसी प्रकार की समस्या से गुजर रहे हैं या आप दोनों यों ही अपनी सैक्स लाइफ में कुछ ऐक्सपैरिमैंट करने के इच्छुक हैं?

बहरहाल, सचाई यह है कि अधिकांश सैक्स टौनिक मात्र विज्ञापन के जोर पर बिकते हैं, उन में कोई ऐसा औषधीय गुण नहीं होता कि व्यक्ति उन से लाभ पा सके. उन की कामयाबी का जादू मात्र उन से मिली मानसिक प्रेरणा होती है न कि अंदर आया कोई कैमिकल परिवर्तन. यह सोच कि दवा लेने से यौन सामर्थ्य बढ़ जाएगी, दवा की सफलता मात्र इसी से जुड़ी होती है.

दवा की जगह गोलीकैप्सूल में ग्लूकोज की पुडि़या बांध दी जाए और व्यक्ति को उस के प्रति विश्वास हो तो यह भी लाभकारी साबित होगी. सैक्स टौनिक बेचने वाली बहुत सी कंपनियां दवा की बोतल और गोलीकैप्सूल के पैक पर इसीलिए घोड़े और दूसरे चित्र भी लगा देती हैं ताकि ग्राहक का मन जीता जा सके. दरअसल, कमाल बोतल पर चिपके घोड़े के चित्र से ही होता है न कि गोलीकैप्सूल में बंधी दवा से.

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शबनम अकेले ही एक टेबल पर बैठ कर खाना खा रही थी और जावेद अलग टेबल पर. 5 सालों के बाद उन के चेहरों में कोई खास फर्क नहीं आया था.

शबनम को खातेखाते कुछ याद आया और वह खाना छोड़ कर जावेद के टेबल की तरफ बढ़ी. शायद उसे 5 साल पहले की कोई बात याद आई थी.

‘‘आप ने खाने से पहले इंसुलिन

का इंजैक्शन लिया है कि नहीं?’’ शबनम ने जावेद से पूछा.

‘‘इंजैक्शन लिया है. लेकिन 5 साल तक तलाकशुदा जिंदगी गुजारने के बाद तुम्हें कैसे याद है?’’ जावेद ने पूछा.

‘‘जावेद, मैं एक औरत हूं.’’

‘‘तुम्हारे जाने के बाद, इतना मेरा किसी ने खयाल नहीं रखा,’’ जावेद

ने कहा.

‘‘अगर ऐसी बात थी तो तुम ने मुझे तलाक क्यों दिया?’’

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Relationship Tips: शादी से पहले आखिर क्यों जरूरी है मैडिकल जांच

श्वेता और अमन की कुंडली व गुण मिला कर विवाह कराया गया. ज्योतिषी ने दावा करते हुए कहा था, ‘‘श्वेता और अमन जीवनभर खुश रहेंगे.’’

मगर विडंबना देखिए कि शादी के दूसरे दिन ही श्वेता आंखों में आंसू लिए घर लौट आई. उसे शादी में आए किसी रिश्तेदार से पता चला कि अमन को एड्स है. विवाह से पहले अमन ने उस से इतनी बड़ी बात छिपा ली थी. यदि ज्योतिष के पाखंड में न पड़ कर दोनों की मैडिकल जांच की गई होती तो श्वेता को यह दुख न भोगना पड़ता.

आज के विज्ञान के युग में भी ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि मैडिकल टैस्ट कराना बेकार है. मैडिकल टैस्ट कराने में उन के अहंकार को चोट पहुंचती है. उन्हें लगता है कि जब उन्हें बीमारी है ही नहीं तो बेकार में मैडिकल टैस्ट क्यों कराया जाए. कुछ लोग सबकुछ भाग्य के भरोसे छोड़ देते हैं. कुछ सोचते हैं कि शादी के बाद कोई बीमारी हो जाएगी तब भी तो निभाना पड़ेगा. कुछ को ऐसा भी लगता है कि मैडिकल टैस्ट पर क्यों बेकार में इतने रुपए खर्च किए जाएं. मगर यदि डाक्टर की सलाह ले कर छोटी सी सावधानी बरतते हुए विवाह से पहले कुछ टैस्ट करा लिए जाएं तो दोनों परिवार बहुत सी परेशानियों से बच सकते हैं.

अब समय बदल रहा है. आजकल बड़ी उम्र में विवाह होते हैं. मैडिकल साइंस भी दिनप्रतिदिन तरक्की कर रही है. आज का युवावर्ग बहुत समझदार हो गया है. पहले की तरह मात्र जन्मपत्री मिला कर शादी कर लेना युवाओं को भी अब मान्य नहीं. सफल एवं सुरक्षित वैवाहिक जीवन के लिए यह जरूरी है कि विवाह से पहले लड़कालड़की अपनी इच्छा से अपनी मैडिकल जांच जरूर कराएं ताकि औलाद और खुद को रोगों से बचाया जा सके. इस से वैवाहिक जीवन में प्रेम और स्थिरता बनी रहेगी.

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सामाजिक परंपरा: आज के बदलते परिवेश में समाज तथा सरकार को विवाह से पहले लड़केलड़की की मैडिकल जांच के लिए बढ़ावा देना चाहिए. विवाह से पहले मैडिकल टैस्ट की सामाजिक परंपरा बनने से लोग अपनी इच्छा से मैडिकल टैस्ट कराने के लिए तैयार होंगे.

अकसर देखा जाता है कि विवाह के समय कुछ लोग अपनी बीमारियों को छिपा लेते हैं. जब शादी के बाद बीमारी के बारे में पता चलता है तब नए संबंध के शुरू में ही प्रेम और विश्वास की डोर टूटने से मनमुटाव बढ़ जाता है. कभीकभी तो तलाक तक की नौबत आ जाती है, तो कभी इस के दुष्परिणाम जीवनभर भोगने पड़ते हैं.

रीमा से विवाह के समय यह बात छिपाई गई कि उस के पति के दिल में छेद है. कुछ समय बाद ही वह विधवा हो गई. इस घटना के बाद से उस का विवाह से विश्वास ही उठ गया. अब वह अकेले जीवन व्यतीत कर रही है.

कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि लड़के या लड़की को खुद भी अपनी बीमारी का पता नहीं होता. मैडिकल टैस्ट के द्वारा उन्हें खुद भी अपने रोग का पता चलता है. इस से समय रहते इलाज कराया जा सकता है.

विवाह जैसे बंधन की नींव झूठ पर नहीं होनी चाहिए. अपने रोग की जानकारी लड़के और लड़की को जरूर देनी चाहिए. मैडिकल टैस्ट की संख्या बहुत है, इसलिए सभी टैस्ट कराने तो मुमकिन नहीं है, फिर भी कुछ जरूरी टैस्ट कराने से बहुत से रोगों का पता चल जाता है. प्रेमपूर्ण सुरक्षित वैवाहिक जीवन तथा अपनी औलाद के स्वास्थ्य के लिए शादी से पहले जरूरी मैडिकल टैस्ट कराना उचित होगा.

जरूरी टैस्ट

निम्न मैडिकल टैस्ट शादी से पहले जरूर करा लेने चाहिए:

एसटीडी टैस्ट: आजकल युवकयुवतियां बड़ी उम्र में विवाह करते हैं. अत: एसटीडी यानी ट्रांसमिटेड डिजीज टैस्ट बेहद जरूरी है. वरवधू को यह टैस्ट जरूर करवाना चाहिए. कुछ सैक्सुअली ट्रांसमिटेड बीमारियों जैसे एड्स, सिफलिस, गोनोरिया आदि. ये एक पार्टनर से दूसरे तक आ जाती हैं. लड़का या लड़की किसी को भी यदि बीमारी होगी तो दूसरे को भी वह बीमारी हो सकती है. औलाद भी इस रोग से ग्रस्त हो सकती है. अत: टैस्ट कराना बहुत जरूरी होता है.

हीमोग्लोबिन इलैक्ट्रोफोरेसिस टैस्ट: इस टैस्ट के द्वारा थैलेसीमिया, सैकल सैल डिजीज जैसे आनुवंशिक डिसऔर्डर का पता चल जाता है. यदि वर और वधू दोनों इस बीमारी के वाहक हैं तो संतान भी इस बीमारी से ग्रस्त हो जाएगी. अत: यह टैस्ट कराना बहुत जरूरी है ताकि घातक बीमारियों से बचा जा सके.

फर्टिलिटी से संबंधित टैस्ट: इस टैस्ट से औलाद पैदा करने की क्षमता का पता चल जाता है. कई बार संतान न होने पर केवल पत्नी को ही दोषी ठहरा दिया जाता है. यह टैस्ट लड़कालड़की दोनों को कराना चाहिए. लड़कों का सीमन ऐग्जामिनेशन कराना चाहिए ताकि स्पर्म काउंट पता चल सके. लड़कियों के लिए हारमोनल जांच जरूरी है.

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जेनेटिक डिजीज चैकअप: यदि विवाह से पहले जेनेटिक डिजीज चैकअप करा लिया जाए तो अपनी पारिवारिक बीमारियों का पता चल जाता है. यदि कोई आनुवंशिक बीमारी है तो समय रहते उस का इलाज करवाया जा सकता है.

जनरल हैल्थ चैकअप: यदि शादी से पहले जनरल हैल्थ चैकअप करवा लिया जाए तो यह वरवधू दोनों के लिए बहुत सहायक होगा. सीबीसी टैस्ट यानी कंप्लीट ब्लड सैल काउंट,  किडनी फंक्शन, लिवर फंक्शन, शुगर टैस्ट आदि कराने से जो भी बीमार निकले उस का इलाज किया जा सकता है.

शादी का मतलब खुद को खोना नहीं

हाल ही में लांसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित गए एक ग्लोबल सर्वे के मुताबिक 2016 में दुनिया भर की जितनी भी महिलाओं ने आत्महत्या की उन में हर तीसरी महिला यानि 37 % एक भारतीय है.

कम उम्र में शादी और बच्चे, घरेलू  हिंसा, समाज में दोयम दर्जा, करियर के साथ पारिवारिक जिम्मेदारियों का बोझ, कलह, वित्तीय परतंत्रता जैसी वजह उन्हें डिप्रेशन में डाल जाते हैं. वे अपना पक्ष बोलना चाहें तो उन्हें चुप करा दिया जाता है. उन की अपेक्षाओं को नजरअंदाज किया जाता है.

असल में, ज्यादातर महिलाएं एक बात से ज़्यादातर जूझती हैं या यह कह सकते हैं कि उसके लिए वह तैयार नहीं हो पाती, वह मुद्दा है उन की स्वयं से अपेक्षाएं और दूसरों की उनसे अपेक्षाओं के बीच उठने वाला विरोधाभास.

28 साल की प्रज्ञा कहती हैं  , “शादी से पहले तो मेरा बॉयफ्रेंड अलग था. हम दोनों के बीच में बहुत अंडरस्टेंडिंग थी लेकिन शादी के बाद तो वह बिलकुल बदल गया है.   मुझ से कहता है कि मुझे उसके पेरेंट्स के हिसाब से चलना होगा.ऐसा लगता है जैसे मेरा अपना कोई वजूद ही नहीं.’

वस्तुतः  शादी के बाद महिलाओं से खुद ब खुद आधुनिक से पारंपरिक तौरतरीकों में बदल जाने की अपेक्षा की जाती है और उन्हें इस दोहरी भूमिका की तैयारी के लिए वक्त भी नहीं दिया जाता है.

कई महिलाएं शादी के बाद काम करना चाहती हैं लेकिन उन से ऐसा नहीं करने की उम्मीद की जाती है. कभीकभी काम करने वाली महिलाओं से घर भी संभालने और साथ ही उन की कमाई भी घर में देने की उम्मीद की जाती है.

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इस के अतिरिक्त छोटे परिवारों में घरेलू जिम्मेदारियों को साझा करना भी एक विवाद का विषय है. वित्तीय फैसले और यहां तक कि सामान्य निर्णय लेना अभी भी पुरुषों का एकाधिकार माना जाता है और महिलाओं पर इन मामलों से दूर रहने का दबाव बनाया जाता है.

परिवार शुरू करने के लिए अक्सर महिलाओं को अपना कैरियर छोड़ना पड़ता है और कभीकभी वह वापसी भी नहीं कर पाती हैं. आज के समय में महिला सिर्फ वित्तीय कारणों के लिए काम नहीं करती बल्कि वह इस माध्यम सेअपना वजूद महसूस करना करना चाहती हैं. जॉब उन अंदर आत्मविश्वास भरता है.

वैवाहिक संघर्ष की एक सब से बड़ी जड़ यह है कि महिला अपनी राय व्यक्त करने और निर्णय लेने की आजादी चाहती हैं लेकिन विवाह के बाद उन्हें यह नहीं मिल पाता है.

शीरोज डॉट कॉमसे जुड़ी लाइफ कोच मोनिका मजीठिया  इस सन्दर्भ में कुछ उपाय बताते हुए कहती हैं, शुरुआत के तौर पर, महिलाओं को शादी से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातचीत करने की सलाह दी जाती है. परंपराओं के दायरे में महिलाएं अपनी आकांक्षाओं और सपनों को अपने भावी जीवन साथी से साझा कर सकती हैं. ऐसा करने का मतलब अपनी कोई माँग दूसरों के आगे रखना बिलकुल नहीं है, बल्कि स्वयं की पहचान को बनाए रखना है.शादी से पहले इन बातों पर चर्चा करने की कोशिश करें अपने कैरियर, आकांक्षाएं और आप दोनों शादी के बाद इन्हें कैसे संतुलित कर सकते हैं.

आप समानता केवल तभी व्यक्त कर सकती हैं जब आप समानता खुद महसूस करती हों. अपने आप को निवेश, बचत, बीमा जैसे वित्तीय मामलों के बारे में शिक्षित करें. विवाह में अधिकतम झगड़े वित्तीय मुद्दों के कारण होते हैं, इसलिए उन्हें सुलझाएं या संतुलित कर लें.अपनी सैलरी के रूपए पूरी तरह घरवालों के सुपुर्द न करें बल्कि कुछ निवेश के लिए रख लें जो बुरे वक़्त आप के काम आये.

अपने कैरियर की योजना बनाएं. अक्सर विवाह के बाद महिलाओं पर परिवार शुरू करने और माँ बनने का अप्रत्यक्ष दवाब पड़ना  शुरू हो जाता है. भले ही उन का प्रमोशन ड्यू हो  पर हस्बेंड और घरवाले फॅमिली स्टार्ट करने के लिए प्रेशर डालते रहते  हैं. मगर इस का मतलब यह नहीं कि आप अपना करियर भूल जाएँ.

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आप को परिवार शुरू करने के लिए एक ब्रेक की आवश्यकता होगी इसलिए अपने अनुसार कैरियर के ब्रेक और काम पर अपनी वापसी की योजना बनाएं. खुद के लिए एक ऐसी दिनचर्या स्थापित करें जहां आप अपने लिए भी समय निकाल सकें.  व्यायाम करें, नए कौशल विकसित करें और अपनी हॉबी पूरी करें.

नई जिम्मेदारियों को लेने का मतलब यह नहीं है कि आप अपनी  उपेक्षा करें और न ही आप को इस सन्दर्भ में खुद को दोषी महसूस करने की जरूरत है. आप खुश रहेंगी तो अपने परिवार को भी खुश रख सकेंगी.

प्यार या शादी का मतलब स्वयं को खो देना अर्थात आत्मसम्मान और अपनी गरिमा भुला देना नहीं है. याद रखें अगर आप को खुद से प्यार नहीं है तो आप  किसी और से भी प्यार नहीं कर सकतीं. शादी के बंधन में रह कर सदा “विनम्र रहें दूसरों का सम्मान भी  करें, लेकिन अपंनी बात पर हमेशा दृढ़ रहें.’

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