कैसे पहचानें बढ़ती दूरियों की आहट

हाल ही में इकोनौमिस्ट सूरज जैकोब और ऐंथ्रोपोलौजिस्ट श्रीपर्णा चट्टोपाध्याय द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक भारत में करीब 14 लाख लोग तलाकशुदा हैं.

यह कुल आबादी का करीब 0.11% है और शादीशुदा आबादी का करीब 0.24%. आश्चर्य की बात यह है कि अलग हो चुके लोगों की संख्या तलाकशुदाओं से 3 गुना ज्यादा है. मरदों के मुकाबले तलाकशुदा और पति से अलग रह रही महिलाओं की संख्या कहीं अधिक है. पुरुष अकसर दूसरी शादी कर लेते हैं जबकि तलाकशुदा औरतें अकेली रह जाती हैं.

लव मैरिज हो या अरेंज्ड मैरिज कई दफा परिस्थितियां ऐसी बनती हैं कि पहले एकदूसरे से बेपनाह मुहब्बत करने वाले पतिपत्नी भी दूर हो जाते हैं. प्रेम के धागों से बना पतिपत्नी का रिश्ता जब अचानक टूटता है तो भावनात्मक रूप से कमजोर स्त्री/पुरुष गहरे संताप में आ जाते हैं. ध्यान दें कि क्या विवाह के दौरान आप का जीवनसाथी करीब हो कर भी दूर महसूस होता है? क्या उस की बाहों में आ कर भी आप को पहली सी मुहब्बत का एहसास नहीं होता? क्या जीवनसाथी बहाने बना कर आप से दूर जाने का प्रयास करने लगा है? यदि ऐसा है तो संभल जाएं और तैयार रहें किसी भी परिस्थिति को फेल करने के लिए. आप दोनों गौर कीजिए कुछ ऐसी बातों पर जो आप के रिश्ते के कमजोर पड़ने की ओर इशारा कर रही हैं:

करीब हो कर भी एकदूसरे के साथ नहीं

औफिस से आ कर आप भले ही एक कमरे में बैठे हों, मगर एक शख्स अपने लैपटौप या कंप्यूटर पर और दूसरा टीवी या मोबाइल में व्यस्त हो, पार्टी में एकसाथ गए हों, मगर एक इस कोने में तो दूसरा दूसरे कोने में दोस्तों के साथ व्यस्त हो यानी एकसाथ मिल कर किसी कार्य का आनंद लेने के बजाय अपनीअपनी दुनिया में व्यस्त रहने लगे हों तो यह आप की बढ़ती दूरी का नतीजा है.

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लड़ना छोड़ दिया है

यदि आप ने एकदूसरे से बहस या लड़ाईझगड़ा करना छोड़ दिया है तो यह भी दूरी बढ़ने का इशारा है. यदि झगड़े के बाद आप दोनों उस विषय पर बातचीत नहीं करते या पार्टनर की बात सुनने को तैयार नहीं होते तो यह आदत रिश्ते के टूटने की ओर इशारा करती है. कई दफा कपल्स के बीच होने वाला झगड़ा उन की निकटता बढ़ाने का काम करता है. मगर ऐसा तब होता है जब दोनों झगड़े की तह तक जाते हैं और एकदूसरे का पक्ष सुन और समझ कर मन का मैल दूर करने का सफल प्रयास करते हैं. मगर इस तरह का प्रयास नहीं किया जा रहा है तो समझिए दूर होने का वक्त आ चुका है.

कई कारण दिल तोड़ने के

अमेरिका के कपल्स थेरैपिस्ट कैरी कोल कहते हैं कि कुछ बातें रिश्ते में दरार लाने के लिए पर्याप्त होती हैं मसलन हर बार अपने जीवनसाथी की आलोचना करना, उसे बातें सुनाना, भद्दे शब्दों का प्रयोग करना या खुद को सुपीरियर दिखाने का प्रयास करना. किसी विवाद पर खुल कर बात करने के बजाय बातचीत करनी बंद कर देना आदि. यदि आप भी एकदूसरे के प्रति ऐसा व्यवहार करने लगे हैं तो समझिए आप के बीच दूरी आ चुकी है.

मन की आवाज को इग्नोर कर रहे हैं

अकसर हम अपने मन की आवाज नहीं सुनते. यह आवाज बहुत ही हलकी और शांत होती है जो बाहरी दुनिया के शोरशराबे के बीच इग्नोर हो जाती है. कई बार दिल से आवाज आती रहती है कि अब मैं अपने जीवनसाथी से प्यार नहीं करता या वह मुझ से दूर हो चुका है. मगर तार्किक प्रमाण के अभाव में हम इस पर ध्यान नहीं देते और हकीकत से दूर भागते रहते हैं. मगर बाद में पता चलता है कि आप के मन की आवाज सही थी और आप का जीवनसाथी वाकई दूर जा चुका है.

जीवनसाथी का नियंत्रण असहनीय

यदि एक पार्टनर खुद को दूसरे के कठोर नियंत्रण में घुटा हुआ सा महसूस करता है और बारबार कहने के बावजूद उस की बात सुनी नहीं जाती तो वह खुद को हारा हुआ महसूस करने लगता है. ऐसा रिश्ता ज्यादा समय नहीं टिक पाता.

बौडी लैंग्वेज में परिवर्तन

जब आप किसी के साथ रिलेशन में होते हैं या प्यार करते हैं तो रातदिन उसे ही देखना और महसूस करना चाहते हैं. मगर जब कोई आप का दिल तोड़ जाता है या उस के लिए आप के मन में प्यार नहीं रह जाता तो उस का सामना करने या उस की तरफ देखने से भी कतराने लगते हैं. प्यार में इंसान करीब जाने और बातें करने के बहाने ढूंढ़ता है, मगर दूरी बढ़ने पर एकदूसरे से दूर जाने के बहाने ढूंढ़ने लगता है. जो कपल्स इमोशनली जुड़े होते हैं उन की बौडी लैंग्वेज ही अलग होती है जैसेकि अनजाने ही एकदूसरे के आगे सिर झुकाना, गीत गुनगुनाना, केयर करना और एकदूसरे की बातें ध्यान दे कर सुनना आदि. मगर जब रिश्ता बे्रकअप के कगार पर पहुंच चुका होता है तो वे बातें कम और बहस ज्यादा करने लगते हैं. एकदूसरे की बगल में बैठने के बजाय आमनेसामने बैठते हैं और केयर करने के बजाय एकदूसरे को इग्नोर करने लगते हैं.

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आई कौंटैक्ट का घट जाना

आप उन चीजों को देखना पसंद करते हैं जो आप को पसंद होती हैं. जाहिर है मुहब्बत में नजरों का मिलना और मिला रह जाना अकसर होता है. मगर जब आप दोनों एकदूसरे की तरफ देखते ही नजरें हटा लें, आंखों में देख कर बातें करना छोड़ दें तो समझिए आप दोनों ब्रेकअप की ओर बढ़ रहे हैं.

इस संदर्भ में 1970 में सोशल साइकोलौजिस्ट जिक रुबिन ने कपल्स के बीच आई कौंटैक्ट के आधार पर उन के रिश्ते की गहराई नापने का प्रयास किया. कपल्स को कमरे में अकेले छोड़ दिया गया. वैसे कपल्स जिन के बीच गहरा प्यार था, अधिक समय तक अपने पार्टनर को देखते पाए गए, जबकि कम प्यार रखने वाले कपल्स में ऐसी बौंडिंग नहीं देखी गई.

जब आप किसी और से इमोशनली जुड़ने लगें

यदि आप अपने जीवनसाथी के साथ खुश नहीं हैं तो आप के किसी और शख्स से इमोशनली अटैच्ड होने और अफेयर करने की संभावना बढ़ जाती है. वैसे भी आजकल के तकनीकी युग में औनलाइन फ्लर्टिंग जैसे औप्शंस उपलब्ध हैं और स्मार्टफोंस व सोशल मीडिया के जरीए भी जीवनसाथी को बताए बिना किसी से लगातार कौंटैक्ट में रहना मुमकिन है.

यदि आप भी ऐसे अफेयर में फंस चुके हैं और अपनी खुशियां सैलिब्रट करने या परेशानियों को बांटने के लिए अपने जीवनसाथी के बजाय किसी और का कंधा ढूंढ़ने लगे हैं तो समझिए वक्त आ गया है इस रिश्ते के बारे में गंभीरता से सोचने का.

दूसरों में अधिक व्यस्त रहना

कई दफा हम जीवनसाथी से दूरी के एहसास को दूसरों से नजदीकी बढ़ा कर कम करना चाहते हैं. खासकर महिलाएं यदि अपनी रिलेशनशिप से खुश नहीं हैं तो इस दर्द को भूलने के लिए उस पर फोकस करने के बजाय दूसरों की जिंदगी में चल रही परेशानियों से जूझने लगती हैं.

एक-दूसरे से कहने को कुछ नहीं होता

यदि आप जिंदगी के खास मौकों, घटनाओं या तरक्की से जुड़ी बातों को सब से पहले अपने जीवनसाथी से नहीं, बल्कि किसी और से शेयर करने लगे हैं, जबकि जीवनसाथी से घरेलू कामकाज या बच्चों से जुड़ी बातों के अलावा आप के पास करने को कोई खास बातें नहीं होतीं तो समझिए आप एकदूसरे से दूर हो रहे हैं.

क्वालिटी टाइम गुजारने की चाह नहीं

यदि आप जीवनसाथी के साथ लंबे समय से एकसाथ रोमांटिक मूवी देखने, पसंदीदा जगह पर जा कर डिनर करने, समुद्र किनारे बैठ कर वक्त गुजारने जैसी योजनाओं को टाल रही हैं, यदि अब आप दोनों को जीवनसाथी के लौटने का इंतजार नहीं रहता और उस के आने पर भी आप अलगअलग कमरे में अपनेअपने काम में बिजी रहते हैं तो समझिए इस रिश्ते का आकर्षण आप के लिए घटता जा रहा है.

एक-दूसरे की बात पर कम ध्यान देना

अच्छे रिश्ते के लिए एकदूसरे की बातें सुनना और उन पर ध्यान देना सब से जरूरी होता है, पर जब आप को लगने लगता है कि चाहे कितनी भी बातें कर लो, कोई परिवर्तन नहीं होने वाला है तो यह रिश्ते के कमजोर पड़ने का लक्षण है, क्योंकि रिश्ते की मजबूती के लिए एकदूसरे को समझना और सुनना जरूरी होता है. इस से नाराजगी और गुस्सा तुरंत दूर हो जाता है.

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भविष्य के सपने बगैर हमसफर

यदि अकसर आप अपने खुशहाल भविष्य के सपनों में जीवनसाथी को जगह नहीं दे पा रहे हैं तो इस का अर्थ जीवनसाथी से बढ़ती भावनात्मक दूरी है.

विश्वास की कमी

साइकोलौजिस्ट जौन गौटमैन ने करीब 4 दशकों तक किए गए अपने अध्ययन में पाया कि जो कपल्स लंबे समय तक रिश्ते में हैं वे करीब 86% समय एकदूसरे की ओर मुड़े होते हैं. ऐसा न सिर्फ अफैक्शन की वजह से वरन एकदूसरे पर विश्वास के कारण भी होता है. वे गंभीर मुद्दों पर एकदूसरे की राय जानने और मदद लेने का प्रयास भी करते हैं. मगर रिश्ता कमजोर हो तो विश्वास भी टूटने लगता है.

आधा-अधूरा मुसकराना

यदि आप लंबे समय तक एकदूसरे की ओर देख कर मुसकराना या चुहलबाजियां करना भूल चुके हैं, तो समझिए रिश्ता टूटने वाला है. सरल और अपनत्व भरी मुसकान रिश्ते की प्रगाढ़ता का सुबूत होती है. एकदूसरे से बिना किसी शर्त मुहब्बत करने वालों के चेहरों पर मुसकान स्वाभाविक रूप से खिली होती है.

मतभेद जब बहस का रूप लेने लगे

अपने पार्टनर के साथ किसी बात पर मतभेद का होना स्वाभाविक है, पर यह बहस यदि स्वस्थ न रह कर अकसर लड़ाईझगड़े पर खत्म होने लगे और दोनों में से कोई भी कंप्रोमाइज करने को तैयार न हो तो समझिए रिश्ता ज्यादा नहीं टिक सकता.

जब दोनों ने प्रयास करना छोड़ दिया हो

आप का रिश्ता कितना भी कंफर्टेबल क्यों न रहे, आप को हमेशा इस में सुधार लाने का प्रयास करते रहना चाहिए. गलती करने पर तुरंत माफी मांगना, पार्टनर को सरप्राइज देना, अपने अच्छे पक्ष सामने लाना और छोटीछोटी बातों से पार्टनर का दिल जीतने का प्रयास करना जैसी बातें रिश्ते को टूटने से बचाती हैं. यदि आप के साथी ने ऐसे प्रयास करने छोड़ दिए हों और हमेशा आप की गलतियों पर ही फोकस करना शुरू कर दिया हो तो समझिए वह आप से दूर जा रहा है.

तारीफ बंद कर देना

मजबूत रिश्ते के लिए समयसमय पर एकदूसरे की तारीफ करना अहम होता है. जब आप दोनों एकदूसरे को फौर ग्रांटेड लेने लगते हैं, तारीफ करना छोड़ देते हैं तो धीरेधीरे दोनों के बीच शिकायतों का दौर बढ़ने लगता है जो आप को ब्रेकअप की ओर ले जाता है.

जौन गौटमैन ने 20 सालों तक 200 कपल्स पर किए गए अध्ययनों के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि किसी भी रिश्ते की सफलता कपल्स द्वारा आपसी विवाद और झगड़ों को खूबसूरती से सुलझाने की काबिलीयत पर निर्भर करती है. कभी न झगड़ना अच्छे रिश्ते की पहचान नहीं, बल्कि फिर से एक हो जाना रिश्ते को मजबूत और गहरा बनाता है. मगर जब रिश्ते में इतनी दूरी आ जाए कि फिर एक होना मुमकिन न हो, रिश्ते में रहने से दम घुट रहा हो तो ग्रेस के साथ रिश्ते को खत्म कर देना बेहतर है.

ब्रेकअप : जमूरे का खेल नहीं  

लेखिका- स्नेहा सिंह 

“हम ने अपने संबंधों पर काफी सोचाविचारा. काफी सोचने के बाद हमें ऐसा लगा कि हम एक साथ आगे नहीं बढ़ सकते, इसलिए हम ने इस संबंध को खत्म करने का निर्णय लिया.” मेलिंडा से अलग होने के बाद बिल गेट्स ने यह ट्वीट किया था. एक संबंध का यह एक अद्भुत एक्जिट नोट था. जिसमें कोई एलिगेंस नहीं था. कोई शिकायत नहीं थी. मात्र समझदारी थी. बिल गेट्स के इस ट्वीट के बाद सभी ने मिल कर उनके टूट ग्ए संबंध का पिष्टपेषण किया. किसी ने कहा कि उन दोनों के बीच अनबन इस हद तक बढ़ गई थी कि उनके पास अलग होने के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं था.किसी ने यह भी कहा कि बिल गेट्स का किसी दूसरी महिला के साथ अफेयर था. किसी नै मेलिंडा को मिलने वाली भारी भरकम एलिमनी की रकम में रुचि दिखाई. हमने जेफ बेजोस के मामले में भी कुछ ऐसा ही सोचाविचारा था. हम टूटते हुए संबंधों के बारे में कुछ ऐसा ही सोचते हैं. टूटता हुआ संबंध कोई जमूरे का खेल नहीं. टूटता हुआ संबंध मेले में लगा कोई चरखी वाला झूला भी नही है कि जिसका मन हो, वह आ कर उसके हिंडोले में बैठ कर झूल ले. टूटता हुआ संबंध मल्टीप्लेक्स की स्क्रीन पर लगी कोई फिल्म भी नही है. ये वे संबंध हैं, जिन्हें बचाने के लिए भावनाएं भी मदद में नहीं आतीं. यह वह संबंध है, जिसका अस्तित्व पहले की तरह अनिवार्य नहीं रहा. ‘तुम्हारे बिना जी नहीं सकता”,  इस पूरे वाक्य से ‘नहीं’ शब्द गायब हो गया है. यह संबंध अब न फेविकोल से चिपकाया जा सकता है और न सेलोटेप से जोड़ा जा सकता है और न ही स्टेपलर से इकट्ठा किया जा सकता है. ब्रेनडेड आदमी के वेंटिलेटर का स्विच बंद कर दिया जाए तो उसकी कोई चर्चा नहीं होती, सिर्फ आंसू होते हैं, स्तब्धता होती है और मौन होता है. दो व्यक्ति जब एकदूसरे से अलग होने का निर्णय लेते हैं तो उनके दर्द के बारे में सोचना चाहिए. उनके अलग होने के कारण के बारे में भी नही.

हमारे यहां जितनी धूमधाम से शादी की जाती है, उतने ही शोरशराबे के साथ अलगाव भी होते हैं. शादी में हम डेकोरेशन के बारे में, चढ़ाव में आए गहनों के बारे में, खाने के बारे में,  लड़की द्वारा पहनी गई साड़ी के बारे में बातें करते हैं. जबकि अलगाव के समय ‘सास बहुत जबरदस्त थी, पति से कोई लड़की नियमित मिलने आती थी, लड़की का पूरा कैरियर ही बरबाद कर दिया, बच्चों से कोई लगाव नहीं था, वह थी ही ऐसी, खाना भी बनाने नहीं आता था, आदि बातें करते हैं. ब्रेकअप दो लोगों के बीच घटने वाली व्यक्तिगत घटना है और इसे हमें व्यक्तिगत ही रहने देना चाहिए. दो लोग एकदूसरे से ऊब जाते हैं, तब ऐसा होता है. साथ चलने का वादा कर के कोई एक पीछे रह जाता है, तब ऐसा होता है. वेवलेंथ मैच नहीं होता, अपेक्षाएं अधूरी रह गईं हों, उद्देश्य बदल गया हो, रास्ते अलग हो गए हों, दो लोगों के बीच कोई तीसरा आ गया हो, कारण कोई भी हो, उनसे हमारा कोई सामान्य ज्ञान नहीं बढ़ने वाला है. दस साल, बीस साल या पच्चीस साल साथ रहने के बावजूद ऐसी कोई जबरदस्ती नहीं है कि आगे भी साथ ही रहना है. बच्चे हैं, इसलिए अलग नहीं हो सकते, इस तरह का भी कोई बंधन नहीं बांध सकता. हाथ से कांच की बरनी छूट जाए तो वह आवाज के साथ बिखर गए कांच के टुकड़ों को इकट्ठा करने लगेंगे तो हाथ लहूलुहान हो जाएगा. मानलीजिए कि कांच के टुकड़े इकट्ठा कर भी लेंगे तो उससे पहले जैसी बरनी बन तो नहीं सकती न. इसलिए वे टुकड़े लगे नहीं,  हाथ के बजाय झाड़ू से कचरा उठाने वाली ट्रे से उन टुकड़ों को उठा कर कचरे के डिब्बे में डालना चाहिए. संबंधों का भी कुछ ऐसा ही है.

शादी मंडप में होती है, पर अलगाव कोर्ट में लेना पड़ता है. पंडितजी के मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुआ विवाह वकीलों की दलील और संपत्ति के बंटवारे के साथ पूरा हो जाता है. सड़ गए संबंधों की अपेक्षा मर चुकी अपेक्षाएं, रुढ़िया गई इच्छाएं अधिक बदबू मारने लगती हैं. रोमांचित करने वाला स्पर्श छाती में नश्तर की तरह चुभने लगता है. जो आदमी एक साथ  एक घर में, चार-छह दीवालों के बीच कुछ सालों तक जिए हों, उन सालों को अब भुला देना है. कुछ भी ‘वर्कआउट’ न कर सकने की असफलता काटने दौड़ती है. संतानों को अब हिस्से में मिलना है. आदतें बदलनी हैं, जो आसान नहीं है. आदमी अस्पताल में, घर में, कमरे में, अकेले या चार लोगों के बीच से गुजर जाता हो, पर विवाह कभी रसोई में, कभी बैडरूम में, कभी ड्राइंगरूम में, कभी छींटवाली चादर पर, कभी बाथरूम में, कभी होटल में अनगिनत बार टूटता है. सुबह की गुडमार्निंग से ले कर रात की गुडनाइट की किस के बीच फैली विवाह की मर गई भावनाओं की चिता पर सुला कर देना होता है और सीने के किसी एक कोने में एकदम अकेले चुपचाप उसका मातम मनाना होता है.

मेलिंडा ने जब विवाह किया होगा, तब दिल में सिर्फ बिल गेट्स के लिए ही जगह रही होगी. बिल गेट्स ने भी मेलिंडा को दिल में बसा कर विवाह किया होगा. उस समय उनके लिए न पैसे का महत्व रहा होगा न लाइफस्टाइल का. तब जब ये लोग अलग हुए तो हम पैसे की या लाइफस्टाइल की बात क्यों करते हैं? हम भावनाओं के बारे में क्योँ नहीं बात करते? हर ब्रेकअप चर्चा का विषय क्यों बन जाता है. हर ब्रेकअप को हम सनसनीखेज क्यों बना देते हैं?

हमें ब्रेकअप के बारे में सोचना सीखना होगा. हमें समझना होगा कि आदमी मर जाता है तो हम शोक संवेदना व्यक्त करने जाते हैं. अगर संबंध मर जाए तो हम उसकी संवेदना व्यक्त करने नहीं जा सकते? हमें यह भी समझना होगा कि आदमी मर जाता है तो हम पूछते हैं कि ‘क्या हुआ था?’ तो क्या संबंध मर जाता है तो हमें यह पूछने का अधिकार नहीं है कि ‘क्या हुआ था?’

मैं एक लड़की से शादी करना चाहता हूं, लेकिन अतीत में रेप के अपराध में जेल जा चुका हूं?

सवाल

मैं 37 वर्षीय अविवाहित डाक्टर हूं, एक सरकारी अस्पताल में कौंट्रैक्ट बेसिस पर कार्यरत हूं. मैं एक लड़की से विवाह करना चाहता हूं. समस्या यह है कि इस से पहले मैं रेप के अपराध में 5 साल की जेल की सजा भुगत चुका हूं. मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं जिस लड़की से विवाह करना चाहता हूं उसे इस बारे में बताऊं या नहीं. हालांकि वह और उस का परिवार अगर जांच पड़ताल करेंगे, भी तो इस बारे में उन्हें कुछ पता नहीं चल पाएगा. पर मुझे क्या करना चाहिए, उन्हें सब कुछ बता देना चाहिए या नहीं?

जवाब

आप का परेशान होना जायज है लेकिन इस मामले में हमारी आप को यही सलाह होगी कि जिस लड़की के साथ आप अपनी आने वाली जिंदगी गुजारना चाहते हैं, उसे अपने अतीत से अवश्य वाकिफ कराएं, फिर उस के बाद वह लड़की जो निर्णय ले, उसे आप मंजूर करें. आप उसे पूरी बात विस्तार से बताएं और वर्तमान स्थिति से भी अवगत कराएं क्योंकि यह जानना उस का हक भी है. जहां तक आप का यह समझना कि लड़की और उस के परिवार वालों को आप के अतीत के बारे में पता नहीं चलेगा, इस गलतफहमी में न रहें. ऐसी बातें छिपाए नहीं छिपतीं, इसलिए उसे यह बात कहीं और से पता चले और उस का असर आप की आने वाली जिंदगी पर पड़े, इस से बेहतर है उसे आप सबकुछ सचसच बता दें. इसी में आप की भलाई है.

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हर इंसान का एक अतीत होता है, जिससे ऐसी कई बातें जुड़ी होती हैं जो वह किसी को बताना नहीं चाहता है. खासकर जब आप किसी रिलेशनशिप में आते हैं तो अपने अतीत से जुडी कई बातें अपने पार्टनर से छिपाते हैं, जो आपके रिश्ते पर भी असर डालता है.

लेकिन कुछ बातें ऐसी होती हैं जो अपने पार्टनर के साथ जरूर शेयर की जानी चाहिए क्योंकि इससे दोनों का एक दूसरे के प्रति विश्वास और प्रेम बढ़ता है. तो आइये जानते हैं उन बातों के बारे में जो आपको अपने पार्टनर से नहीं छुपानी चाहिए.

1. रोमांटिक स्टोरी को बताएं

आप अपने पार्टनर को अपनी बीती हुई रोमांटिक स्टोरी के बारे में जरूर बताएं. ऐसा करने से आप दोनों के बीच विश्वास बढ़ेगा. लेकिन यदि आप अपनी रोमांटिक स्टोरी को अपने पार्टनर से बताती हैं तो उसका मूड तथा समय को अवश्य देख लें.

आपके तथा आपके एक्स के संबंध

कई लोग ब्रेकअप के बाद भी अपने एक्स से दोस्ती का रिलेशन बनाएं रखते हैं. यदि आपके जीवन में भी कोई ऐसा संबंध है तो उससे अपने पार्टनर को जरूर परिचित कराएं.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

साथ रहने के दौरान इन तरीकों से चेक करें अपना रिश्ता

अगर आप दोनों अलग अलग रह रहे हैं तो हो सकता है आपके कभी कभार झगड़े होते हों और ज्यादातर समय आप एक दूसरे के साथ कुछ इस तरह रहते हों मानो हर चीज परफेक्ट है. लेकिन आपके रिश्ते का असली टेस्ट तब होता है जब आप एक साथ रहते हैं. इस दौरान आपको एक दूसरे की कमियों का पता चलता है और यह सब बातें पता लगती हैं कि आपको किन किन चीजों पर काम करने की आवश्यकता है. अगर आप पहले से ही इन चीजों को जान लेंगे तो आपको शादी के बाद अधिक परेशानियां नहीं होंगी. इसलिए अगर आप एक दूसरे के साथ लिव इन में रहने की सोच रहे हैं तो यह एक बुरा आइडिया नहीं है. आइए जानते हैं किन किन तरीकों से आप अपने रिलेशनशिप को टेस्ट कर सकते हैं.

आप यह सोचेंगी कि क्या आप सच में ही खुश हैं

जब आप एक साथ रहते हैं तो आपको अपने पार्टनर की बुरी आदतों के बारे में पता चलेगा और आप उनकी बहुत से चीजों को नोटिस करना शुरू कर देंगी चाहे वह चीजें आपको बुरी ही क्यों न लगती हों. इन चीजों को देख कर अगर आप खुद को खुश महसूस नहीं कर रही हैं तो उन्हें यह आदतें बदलने के लिए बोलें और इससे पता लगेगा कि वह आपके लिए सही है या नहीं.

वह आपको कितनी अटेंशन देते हैं 

एक साथ रहते समय आपको यह पता चलेगा कि आपके पार्टनर अपनी अधिक अटेंशन किसे देते हैं और वह आपको कितना समय दे पाते हैं. अगर वह आपकी ओर जरा भी ध्यान नही देते हैं तो समझ जाएं वह आपके लिए सही नहीं हैं.

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वह एक परिस्थिति का कैसे सामना करते हैं

अगर कल को कोई चुनौती का सामना करना पड़ जाए तो आपके पार्टनर किस तरह रिएक्ट करेंगे यह भी आप साथ रहते समय बहुत सी बातों में नोट कर सकती हैं. उनकी इन्हीं छोटी छोटी बातों पर आपको ध्यान रखना है.

वह घर के कामों में कितनी जिम्मेदारी लेते हैं

अगर आप चाहती हैं कि आपके पार्टनर आपके साथ मिल कर सारा काम करें तो आपको पहले यह देखना होता है कि वह आपकी काम में कितनी मदद करते हैं और कितने आलसी हैं. क्या वह किसी काम की जिम्मेदारी लेते हैं या उनसे बच कर भागते हैं?

इस दौरान आपको पता चलेगा कि वह आपके साथ कितने लंबे समय तक रह सकते हैं :

ज्यादातर रिश्तों के खत्म होने का यही कारण होता है कि पार्टनर्स एक दूसरे से बोर हो जाते हैं. जब आप साथ रहेंगे तो वह आपकी सभी आदतों को देखेंगे और इस दौरान अगर वह आपसे इंप्रेस रहते हैं और आपमें अधिक रुचि दिखाते हैं तो इसका मतलब है वह आपके साथ लंबे समय तक रहने वाले हैं.

आप अपनी खुशियों को पा रहे हैं :

अगर आपको उनके साथ रहने से या समय बिताने से ऐसा लगता है कि अब आप और अधिक खुश रहने लगे हैं या आपके अंदर की खुशियां बाहर आने लगी हैं तो वह व्यक्ति आपके लिए बिल्कुल सही हैं.

यह आपकी मानसिक सेहत का भी एक टेस्ट है :

अगर उनके साथ रहने से आपकी मेंटल हेल्थ स्थिर रहती है और आपके मन को शांति मिलती है तो वह आपके लिए सही है लेकिन अगर उनकी वजह से आपके दिमाग में हर समय चिंता और स्ट्रेस रहती है तो वह आपकी मानसिक सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं.

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अगर आपके पार्टनर में ऊपर लिखित टेस्टों को पास कर दिया है तो आप उन्हें अपना होने वाला पति  मान सकती हैं और यह समझ सकती हैं कि आपकी पसंद सच में ही बहुत अच्छी है लेकिन अगर वह आधे से अधिक टेस्टों में फेल हो जाते हैं तो आपको थोड़ा चौकन्ना होने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसे व्यक्ति भविष्य में अपनी जिम्मेदारियों से भाग सकते हैं या आप अगर उनके साथ शादी करती हैं तो थोड़ा दुखी रह सकती हैं. इसलिए अपना निर्णय सोच समझ कर ही लें.

पुरुषों को शुक्र मनाना चाहिए कि महिलाएं उन्हें धक्का देकर दूर रहने को नहीं कहतीं !

हालांकि यह स्टडी तो करीब 9 साल पुरानी है,लेकिन इन 9 सालों में कई अलग अलग देशों में भी नए सिरे से इसकी जांच परख की गयी है और पाया गया है कि यह बिलकुल सही है  कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष कई गुना ज्यादा गंदा रहते हैं.हालांकि जब तक लाइफस्टाइल विषयों पर रिसर्च अध्ययनों को तरजीह देने वाली वेबसाईट ‘प्लोस वन’ [PLOS ONE] ने यह स्टडी नहीं छापी थी, तब भी दुनियाभर में औरतें विशेषकर पत्नियां अपने पतियों को गंदे रहने के उलाहने देती रही हैं और  दुनिया भरके पुरुषों ने कभी इसका खंडन करना भी जरूरी नहीं समझा बल्कि चुपचाप इस सबकी अनदेखी करते रहे हैं.शायद एक दूसरे के लिए यह साझा भ्रम बनाने के लिए कि औरतें तो होती ही सनकी हैं,इसलिए क्या उनके मुंह लगना.लेकिन अब पिछले कुछ सालों में सफाई को लेकर हुए कई शोध सर्वेक्षणों ने साबित कर दिया है कि महिलाएं कभी गलत नहीं थीं,पुरुष महिलाओं के मुकाबले गंदे ही रहते हैं.

हालांकि प्लस वन की यह रिसर्च स्टडी पुरुषों के गंदे रहने के लिए उनको आलसी होना नहीं मानती जैसा कि दुनिया की ज्यादातर औरतें अपने पतियों के बारे में राय रखती हैं.इस स्टडी में खुलासा हुआ है कि इसके पीछे परवरिश का विज्ञान और लिंगभेद का मनोविज्ञान शामिल है.सवाल है आखिर महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा साफ कैसे रहती हैं? इस सवाल का जवाब जानने के पहले आइये जान लें कि इस स्टडी के तथ्य क्या कहते हैं ? स्टडी के मुताबिक़ 93 फीसदी महिलाएं एक बार पहनने के बाद अंडरवियर को धो देती हैं, लेकिन 18 फीसदी पुरुष बिना धोए एक ही अंडरवियर कई कई बार पहन लेते हैं.

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सवाल है ऐसा क्यूँ ?  इस क्यूँ का जवाब मनोवैज्ञानिक देते हैं उनके मुताबिक़ इसके लिए बचपन में लड़कों और लड़कियों के साथ घर वालों का किया जाने वाला अलग-अलग किस्म का व्यवहार जिम्मेदार है. वास्तव में बचपन के दिनों में लड़कों की तुलना में लड़कियों के कपड़े ज्यादा और जल्दी-जल्दी बदले जाते हैं. इससे लड़कियों में साफ कपड़े पहनने की आदत पड़ जाती है और ऐसी आदतें उम्र बढ़ने के साथ भी बनी रहती हैं. सर्वे में तमाम पुरुषों ने इस बात को कबूला है कि वो एक ही अंडरवियर कई दिन तक पहने रहते हैं और महिलाओं ने पुरुषों की स्वीकारोक्ति पर आश्चर्य दर्शाने के साथ यही कहा है, ‘मर्दों की यह बात जानकार उनसे घिन आती है.’

हालाँकि सफाई का यह मामला सिर्फ चड्डी तक ही नहीं सीमित.कई और भी सर्वे हैं जो यह भी दावा करते हैं कि पुरुष करीब-करीब हर मामले में महिलाओं के मुकाबले गंदे रहते हैं.मसलन पुरुष एक ही बेडशीट को बिना धोए चार हफ्तों तक बड़ी सहजता से इस्तेमाल करते हैं. महिलाएं तीन हफ्तों तक भी एक ही बेडशीट उपयोग में नहीं लाती हैं . इसी तरह मर्दों के वर्किंग डेस्क पर महिलाओं के मुकघबले 10 फीसदी ज्यादा बैक्टीरिया पाए जाते हैं. 78 फीसदी महिलाएं हाथ धोने के लिए साबुन का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन 50 फीसदी पुरुष ऐसे ही धो लेते हैं. लेकिन पुरुषों की इन तमाम आदतों में माँ-बाप की भी विशेषकर माँ की भी भूमिका होती है.

दरअसल लड़कियां आमतौर पर पूरी दुनिया में लड़कों की तरह घर के बाहर के खेलों में हिस्सा कम लेती हैं. वे ज्यादातर समय माँ के साथ घर में बिताती हैं, इसलिए उन्हें माँ की तरह ही सफाई की आदत पड़ जाती है साथ ही उनके ज्यादातर समय घर में रहने के कारण वे गंदी भी कम हुआ करती हैं. इसके पीछे एक और बात भी है. वास्तव में लडकियां बचपन से ही अच्छा दिखने की चाहत से भरी होती हैं इसलिए भी बचपन से साफ रहने की कोशिश करती हैं,जबकि पुरुष बचपन से ही लापरवाह होते हैं. उन्हें इस लापरवाही की छूट समाज भी देता है. क्योंकि समाज में लड़कों की ख़ूबसूरती पर ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाती जबकि वही समाज सुंदर दिखने वाली लड़कियों को ज्यादा तरजीह देता है.

यह सामाजिक मनोविज्ञान ही है कि महिलाएं यदि शॉर्ट स्कर्ट, टाइट फिटिंग ड्रेस और लो कट टॉप पहनती हैं तो उन्हें अधिक गंभीरता से लिया जाता है ; क्योंकि वे इन ड्रेस में ज्यादा जवान दिखती हैं. बेडफोर्डशायर यूनिवर्सिटी के डॉ. एल्फ्रेडो गाइटन ने 21 से 64 साल की महिलाओं के बीच यह रिसर्च किया और इसे ऐसे ही पाया है. लो कट टॉप, मिनी स्कर्ट और जैकेट पहनी हुई लडकियां और महिलायें सबको भाती हैं.रिसर्च में ये भी सामने आया कि कपड़े बदलते ही महिलाओं का एटीट्यूट बदल जाता है. दरअसल, जब लोग पॉजिटिव लेने लगते हैं तो एटीट्यूट में बदलाव आ जाता है.

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कहने का मतलब साफ रहना और उसे आदत में ढाल लेना जिससे सुंदर भी दिखा जाए इस सबके लिए कोई कुदरती स्वभाव नहीं जिम्मेदार होता बल्कि बहुत सी चीजें मायने रखती हैं. सवाल है फिर महिलाएं पुरुषों के थोड़ा सा गंदा रहने पर आखिर इतना नाक भौं क्यों सिकोड़ती हैं ? सच तो यह है कि महिलाएं अपने पतियों से इस बात पर भी झगड़ा कर बैठती हैं कि उन्होंने अपने गंदे कपड़े वॉशिंग मशीन में डालने की बजाय सोफे पर क्यों रख दिए ? पुरुषों के लिए यह बहुत छोटा मसला है,लेकिन महिलाएं इस बात को भी दिल पर ले लेती हैं.

मनोवैज्ञानिक कहते हैं इसे ऐसे नहीं देखना चाहिए.वास्तव में महिलाएं गंदे कपड़े मशीन में न डालने से नाराज नहीं होतीं, वे तो इस बात से नाराज हो जाती हैं कि आपने उनकी बात नहीं मानी.मतलब यह कि आप उन्हें प्यार नहीं करते. उन्हें पूरी अटेंशन नहीं देते.जी हाँ,सुनकर हैरानी हुई न ! लेकिन सच यही है. कि वे आपकी छोटी सी छोटी बात को भी आपके प्यार न करने से जोड़ लेती हैं.कहने का मतलब दोनों तरफ मामला आदत का नहीं मनोविज्ञान का है.

7 Tips: रिश्ते की गहराई को नापें

अगर आप दोनों अलग अलग रह रहे हैं तो हो सकता है आपके कभी कभार झगड़े होते हों और ज्यादातर समय आप एक दूसरे के साथ कुछ इस तरह रहते हों मानो हर चीज परफेक्ट है. लेकिन आपके रिश्ते का असली टेस्ट तब होता है जब आप एक साथ रहते हैं. इस दौरान आपको एक दूसरे की कमियों का पता चलता है और यह सब बातें पता लगती हैं कि आपको किन किन चीजों पर काम करने की आवश्यकता है. अगर आप पहले से ही इन चीजों को जान लेंगे तो आपको शादी के बाद अधिक परेशानियां नहीं होंगी. इसलिए अगर आप एक दूसरे के साथ लिव इन में रहने की सोच रहे हैं तो यह एक बुरा आइडिया नहीं है. आइए जानते हैं किन किन तरीकों से आप अपने रिलेशनशिप को टेस्ट कर सकते हैं.

1. सोचें क्या आप सच में ही खुश हैं :

जब आप एक साथ रहते हैं तो आपको अपने पार्टनर की बुरी आदतों के बारे में पता चलेगा और आप उनकी बहुत से चीजों को नोटिस करना शुरू कर देंगे चाहे वह चीजें आपको बुरी ही क्यों न लगती हों. इन चीजों को देख कर अगर आप खुद को खुश महसूस नहीं कर रहे हैं तो उन्हें यह आदतें बदलने के लिए बोलें और इससे पता लगेगा कि वह आपके लिए सही है या नहीं.

2. पार्टनर आपको कितनी अटेंशन देता है:

एक साथ रहते समय आपको यह पता चलेगा कि आपके पार्टनर अपनी अधिक अटेंशन किसे देते हैं और वह आपको कितना समय दे पाते हैं. अगर वह आपकी ओर जरा भी ध्यान नही देते हैं तो समझ जाएं वह आपके लिए सही नहीं हैं.

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3. क्या मुश्किलों का सामना कर सकता है-

अगर कल को कोई चुनौती का सामना करना पड़ जाए तो आपके पार्टनर किस तरह रिएक्ट करेंगे यह भी आप साथ रहते समय बहुत सी बातों में नोट कर सकते हैं. उनकी इन्हीं छोटी छोटी बातों पर आपको ध्यान रखना है.

4. वह घर के कामों में कितनी जिम्मेदारी लेते हैं :

अगर आप चाहती हैं कि आपके पार्टनर आपके साथ मिल कर सारा काम करें तो आपको पहले यह देखना होता है कि वह आपकी काम में कितनी मदद करते हैं और कितने आलसी हैं. क्या वह किसी काम की जिम्मेदारी लेते हैं या उनसे बच कर भागते हैं?

5. कितने लंबे समय तक चलेगा रिश्ता :

ज्यादातर रिश्तों के खत्म होने का यही कारण होता है कि पार्टनर्स एक दूसरे से बोर हो जाते हैं. जब आप साथ रहेंगे तो वह आपकी सभी आदतों को देखेंगे और इस दौरान अगर वह आपसे इंप्रेस रहते हैं और आपमें अधिक रुचि दिखाते हैं तो इसका मतलब है वह आपके साथ लंबे समय तक रहने वाले हैं.

6. आप अपनी खुशियों को पा रहे हैं :

अगर आपको उनके साथ रहने से या समय बिताने से ऐसा लगता है कि अब आप और अधिक खुश रहने लगे हैं या आपके अंदर की खुशियां बाहर आने लगी हैं तो वह व्यक्ति आपके लिए बिल्कुल सही हैं.

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7. यह आपकी मानसिक सेहत का भी एक टेस्ट है :

अगर उनके साथ रहने से आपकी मेंटल हेल्थ स्थिर रहती है और आपके मन को शांति मिलती है तो वह आपके लिए सही है लेकिन अगर उनकी वजह से आपके दिमाग में हर समय चिंता और स्ट्रेस रहती है तो वह आपकी मानसिक सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं.

अगर आपके पार्टनर में ऊपर लिखित टेस्टों को पास कर दिया है तो आप उन्हें अपना होने वाला पति या पत्नी मान सकते हैं और यह समझ सकते हैं कि आपकी पसंद सच में ही बहुत अच्छी है लेकिन अगर वह आधे से अधिक टेस्टों में फेल हो जाते हैं तो आपको थोड़ा चौकन्ना होने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसे व्यक्ति भविष्य में अपनी जिम्मेदारियों से भाग सकते हैं या आप अगर उनके साथ शादी करते हैं तो थोड़े दुखी रह सकते हैं. इसलिए अपना निर्णय सोच समझ कर ही लें.

जायज नहीं पति का सरेआम झिड़कना

कभी तो अक्लमंदी की बात किया करो,’’ पति ने कहा.

बेटेबहू के सामने पति द्वारा यों झिड़कना पत्नी को बहुत आहत कर गया. उदास स्वर में बोली, ‘‘आप ने ही तो कहा था कि दाल ठंडी हो गई है, गरम कर लाओ.’’

‘‘गरम करने को कहा था, खौलाने को नहीं. बूढ़ी हो गई पर अक्ल नहीं आई.’’

बात बढ़ती देख पत्नी ने चुप रहने में ही भलाई समझी कि भला गरम दाल को ठंडा होने में कितनी देर लगती है? किंतु जब घर में पत्नी को बातबात पर झिड़कने का रिवाज हो, तो ये संस्कार पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहते हैं. बच्चे ये सब देखते हुए बड़े होते हैं, तो जाहिर है बड़े होने पर वे ऐसा ही करेंगे.

कई लोगों का मानना है कि छोटामोटा झगड़ा और अपमान की स्थिति पतिपत्नी के रिश्ते में आम बात है, जिस का कोई गहरा प्रभाव नहीं पड़ता. किंतु यदि आप का साथी कुछ अधिक ही ऐसी स्थिति पैदा करने लगता है, तो उसे सहना सर्वथा गलत है. गाली देना भी उतना ही गलत है जितना हाथ उठाना. झिड़कना भी उतना ही गलत है जितना अपमान करना.

असल जिंदगी का उदाहरण

श्वेता और रवीश की शादी को 14 वर्ष बीत चुके हैं. श्वेता एक निजी विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक हैं और रवीश एक बैंक कर्मचारी. जब कभी रवीश को गुस्सा आता या वे परेशान होते तो अपना स्ट्रैस श्वेता पर निकालते, बिना यह देखे कि वे दोनों उस समय कहां और किस के समक्ष हैं. रवीश श्वेता से अपमानजनक तरीके से बात करते, उसे झिड़कते, चीखते, नीचा दिखाते. ऐसे व्यवहार से न केवल श्वेता आहत होती, अपितु रवीश के प्रति उन के प्यार को भी ठेस पहुंचती. श्वेता के शिकायत करने पर बाद में वे अपने गलत व्यवहार के लिए उन से माफी भी मांगते. लेकिन उन की माफी की कोई कीमत नहीं होती, क्योंकि कुछ अरसे बाद वे फिर ऐसा ही करते.

स्थिति में सुधार लाने हेतु श्वेता ने डा. स्टीवेन स्टोस्नी की पुस्तक ‘लव विदाउट हर्ट’ पढ़ी. इस पुस्तक से उन्हें भावनात्मक अपमानजनक व्यवहार और उस से निबटने के बारे में जानकारी मिली. चूंकि रवीश पर श्वेता के समझाने का कोई असर नहीं हो रहा था, इसलिए उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर, अन्य लोगों के बीच रवीश से दूरी बनानी शुरू कर दी. रवीश के कारण पूछने पर उन्होंने साफसाफ बता दिया कि सब के सामने बेइज्जत होना उन्हें पसंद नहीं. श्वेता का यह तरीका वाकई रवीश में बदलाव लाया.

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फिल्मों से उदाहरण

पुरानी फिल्म ‘अभिमान’ में दर्शाया गया है कि पत्नी की सफलता से कुढ़ कर पति उसे सब के सामने झिड़कने लगता है. कुछ समय पहले आई फिल्म ‘इंगलिशविंगलिश’ में श्रीदेवी का पति उसे सदैव झिड़कता रहता है. अंगरेजी न आने पर सार्वजनिक तौर पर उस की हंसी उड़ाता है. उस के लड्डुओं के व्यवसाय का भी उपहास उड़ाता है, इस का परिणाम यह होता है कि उस के बच्चे भी उस का उपहास उड़ाने लगते हैं.

अगली पीढ़ी पर असर

अकसर महिलाएं अपनी गपबाजी में एक विषय अवश्य लाती हैं कि पति उन्हें कैसे डांटतेफटकारते हैं. ये सब बातें करते हुए कई बार वे अतिशयोक्ति भी कर बैठती हैं. उस समय वे यह भूल जाती हैं कि बच्चे भी उन की बातें सुन रहे हैं. बच्चे जो देखतेसुनते हुए बड़े होते हैं, बड़ा होने पर वैसा ही अचारण करने लगते हैं. ऐसे में हमारा सामाजिक दायित्व है कि हम आने वाली पीढ़ी को एकदूसरे की इज्जत करना सिखाएं.

ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रैसिडैंट जेफ्री आर हौलेंड का मत है कि यदि डेटिंग के दौरान आप का पार्टनर आप को नीचा दिखाए, आप की आलोचना करे, आप से क्रूर व्यवहार करे या अकारण मजाक उड़ाए, तो ऐसे रिश्ते को फौरन समाप्त कर देना चाहिए और यदि ऐसा विवाह के बाद होता है, तो आप को अपने साथी से कुछ दूरी अवश्य बना लेनी चाहिए. ऐसा व्यवहार सहना गलत है खासकर तब जब आप के बच्चे भी ये सब देखते हों.

पहली बार से ही न सहें

मोनिका ने अपने पति के मौखिक हमले सहते हुए यह सोचा कि समय के साथ सब ठीक हो जाएगा, परंतु पति के हमले बढ़ते गए. अपशब्द, हंसी उड़ाना, बदतमीजी करना, अपमानजनक बातें कहना आदत में शुमार हो गया. इसलिए पहली बार से ही पति को यह ज्ञात करा देना चाहिए कि क्या सहनीय है और क्या नहीं.

बात को हंसी में उड़ा दें

कुछ मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि पत्नी पति की अशिष्ट बातों को हंसी में उड़ा दे. हालांकि ऐसा करना बेहद कठिन होता है. जब कोई आप से अपमानजनक तरीके से बात कर रहा हो तो उस की बात के उत्तर में हंसने के बजाय तेज गुस्सा आएगा. लेकिन जरा प्रिया को देखिए, पति अमित ने जब यह कहा कि इतना भी नहीं आता तुम्हें? तो उत्तर में प्रिया हंस कर कहती है कि अजी हमें क्या आता है, सब कुछ तो आप ही जानते हैं. कुछ हमें भी शिक्षा दीजिए न. हास्य की ताकत यह है कि वह बदतमीजी के गाढ़ेपन को पतला कर देती है और जो बदतमीजी कर रहा होता है उसे समझ आ जाता है कि कहने वाले ने किस आशय से कहा है. सब के सामने बात रफादफा हो जाती है.

हो सकता है कि आप के पति सकारात्मक आलोचना से आप की कमियां सुधारना चाहते हों और आप ही अत्यधिक संवेदनशील हो रही हों. यदि आप घर को व्यवस्थित नहीं रखती हैं और आप के पति आप को इस बात के लिए झिड़क देते हैं, तो आप को मुंह फुलाने के बजाय अपनी आदतें सुधारनी चाहिए.

पति को अकेला छोड़ कर दूर चली जाएं

जब कभी आप के पति आप को अकेले में या सार्वजनिक स्थान पर अपमानित करें, तो आप किसी भी बहाने से वहां से हट जाएं. यह अपने पति के क्रोध को संभालने का एक बहुत सरल तरीका है.

बात साफ करें

कितना भी प्रयास कर लें, मगर एक न एक दिन आप अपने पति के गलत व्यवहार से थक ही जाएंगी. इसलिए अच्छा है कि जल्दी से जल्दी बात साफ कर ली जाए. अपनी बात साफतौर से उन से कहें और उन्हें बीच में टोकने न दें. जब तक आप की बात पूरी न हो जाए उन्हें बताएं

कि उन की झिड़कियां आप को कितना आहत करती हैं. उन्हें एहसास दिलाएं कि मानसिक चोट भी शारीरिक चोट की भांति बहुत तकलीफ पहुंचाती है. याद रखें कि अपनी बात नम्रता से कहें. आखिर आप यह बात इसलिए बता रही हैं ताकि आप दोनों का रिश्ता सुदृढ़ हो न कि झगड़ा बढ़े.

अनजाने ही झिड़कने की भूल

हो सकता है कि आप के पति इस बात से अनभिज्ञ हों कि वे आप को सरेआम झिड़क कर आप को आहत कर रहे हैं. कुछ ऐसी बातें होती हैं जिन से पत्नी तो खिन्न हो उठती है, किंतु पति यह जान नहीं पाते कि उन्होंने अनजाने ही अपने जीवनसाथी को ठेस पहुंचाई है.

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प्रत्यक्ष बातचीत द्वारा हल संभव

मनीषा ने अपने पति की इस आदत को कुछ समय नकारा. किंतु जब उस ने यह देखा कि पति की उसे सरेआम झिड़कने की आदत नकारने से बढ़ती जा रही है तो उस ने एक ब्लौग में पढ़े हल को आजमाया. उस ने अपने पति से इस विषय में प्रत्यक्ष रूप से बात की, ‘‘मैं जानती हूं कि तुम मुझे कितना प्यार करते हो और कभी मेरा बुरा नहीं चाहोगे, मगर यों सब के सामने तुम्हारा मुझे झिड़कना मुझे बहुत आहत कर जाता है. कभीकभी तुम ऐसी बातें कर जाते हो जो सिर्फ कमरे की अंदर कहनी चाहिए. तुम्हारा नकारात्मक ढंग से मुझे चिढ़ाना मुझे बहुत ठेस पहुंचाता है.’’

मनीषा की साफ बात उस के पति के मन तक पहुंचने में देर न लगी और अपनी गलती स्वीकार कर तुरंत ही अपने रवैए में सुधार कर लिया.

कब चाहिए प्रोफैशनल मदद

कैथी बौश जोकि पारिवारिक जीवन शिक्षा की विशेषज्ञा हैं, कहती हैं, ‘‘यदि आप का पति लगातार ऐसी बातें करता है, जिन से आप का आत्मविश्वास डगमगाता है, जान कर ऐसे क्रियाकलाप करता है जिन से आप का स्वयं पर से भरोसा उठता है, आप की आत्मनिर्भरता समाप्त होती है, तो यह गंभीर विषय है. यह अपमानजनक मुद्दा है और आप को प्रोफ्रैशनल मदद लेनी चाहिए.

यदि आप को अपने पति की झिड़कने की आदत पर आपत्ति है, तो उन से इस विषय में बात करें. बातों को मन में दबाए रखने की जगह साफ करने में ही रिश्ते की भलाई है. हो सकता है आप के पति की इस आदत के पीछे आप की कोई कमी हो, तो आप उसे दूर करने का प्रयास करें. अच्छा है कि आप दोनों आपसी समझ और सुलह से इस परिस्थिति से अकेले में निबटें न कि अन्य परिवार वालों या मित्रों के समक्ष.

10 सवाल जो आप को समस्या की गंभीरता बतलाएंगे

यदि आप इस दुविधा में रहती हैं कि आप के पति या बौयफ्रैंड या फिर लिव इन पार्टनर की आप को सरेआम झिड़कने की आदत है या हलकीफुलकी छेड़छाड़ तो आप ये प्रश्न स्वयं से पूछें:

– क्या वे आप की जिंदगी की छोटी से छोटी बातों पर भी काबू पाना चाहते हैं? मसलन, आप ने दिन कैसे बिताया, उस के हर मिनट का हिसाब मांगते हैं, जो काम आप ने दिन में नहीं किए, उन के बारे में आप को खरीखोटी सुनाते हैं, खास निर्णयों में आप की राय नहीं लेते.

– क्या वे आप से झूठ बोलते हैं और झूठ पकड़े जाने पर क्षमायाचना के बजाय बहानों की झड़ी लगाते हैं?

– क्या आप से अपमानजनक भाषा में, व्यंग्यात्मक सुर में या फिर कृपाशीलता दर्शाते हुए बातचीत करते हैं? क्या उन्हें शांति और तर्क से बात समझाना कठिन है?

– क्या वे आप की प्रतिभा, गुणों तथा योगदान के बारे में जिक्र होने पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हैं?

– क्या भावनात्मक संबलता प्रदान करने में हिचकिचाते हैं? मनमुटाव के दौरान बातचीत द्वारा हल निकालने के बजाय वहां से उठ कर चले जाना उचित समझते हैं या फिर आत्म बचाव/प्रतिउत्तर में उलझ जाते हैं?

– क्या उन का क्रोध आप को भयभीत करता है?

– क्या वे हर संभव बहाने से आप की आलोचना करते रहते हैं?

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– क्या उन का सरेआम दूसरों के साथ फ्लर्ट करना आप को आहत करता है? क्या उन के ऐसे बरताव के लिए आप की तरफ से कोई कमी या पहल है?

– क्या वे अपने बरताव को ले कर कोई बदलाव करने को तैयार नहीं हैं? क्या उन का व्यवहार आप को कठोर लगता है? मसलन, घर के कामकाज को ले कर हुए मतभेद के बावजूद वे आप की कोई मदद करने को तैयार नहीं होते?

– क्या उन्होंने कभी आप के प्रति शारीरिक हिंसा या मौखिक दुरुपयोग किया है? मसलन, अश्लील भाषा का प्रयोग, गालीगलौज, हाथ उठाना?

परिवार नियोजन के बाद सेक्स से कोई प्रौब्लम तो नहीं है?

सवाल- 

मैं 52 वर्षीय महिला हूं. पति को गुजरे 5 साल हो गए हैं. पिछले कुछ महीनों से एक 27 वर्षीय अविवाहित युवक से मेरे जिस्मानी संबंध हैं. वह मेरा बहुत खयाल रखता है और हम दोनों आपसी रजामंदी से सैक्स संबंध बनाते हैं. मैं उस के साथ सहज महसूस करती हूं और वह न सिर्फ सैक्स में, बल्कि दुखतकलीफ में भी सदैव साथ निभाता है. वह काफी जोशीला भी है मगर सैक्स के समय उसे कंडोम लगाना पसंद नहीं है. हालांकि मैं परिवार नियोजन करा चुकी हूं. इस में कोई खतरा तो नहीं है? कृपया सलाह दें?

जवाब-

आप के सैक्स पार्टनर का सैक्स के दौरान कंडोम का प्रयोग नहीं करने से परिवार नियोजन से कोई संबंध नहीं है. सैक्स संबंध के दौरान गर्भ ठहरेगा इस की भी गुंजाइश न के बराबर है. पर कंडोम न सिर्फ गर्भनिरोध में बल्कि यौनजनित संक्रमण से भी बचाव करने का अच्छा साधन माना जाता है.

सैक्स पार्टनर से कहें कि वह सैक्स के दौरान कंडोम का प्रयोग करे. इस से आप दोनों ही

यौन संक्रमण से बचे रहेंगे और तनावमुक्त हो कर सैक्स का आनंद उठा पाएंगे.

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श्वेता खाना खाकर सोने चली गयी थी. उसका पति प्रदीप अभी घर नहीं लौटा था. पहले श्वेता रात के खाने पर पति का देर तक इंतजार करती थी. कुछ दिनों के बाद प्रदीप ने कहा कि अगर वह 10 बजे तक घर न आये तो खाने पर उसका इंतजार न करे. इसके बाद देर होने पर श्वेता खाना खाकर लेट जाती थी. इसके बाद भी उसको नंीद नहीं आ रही थी. वह अपने संबंधें के बारे में सोच रही थी. उसको लग रहा था जैसे वह पति की जबरदस्ती का शिकार हो रही है. प्रदीप ज्यादातर देर रात से घर लौटता था. इसके बाद कभी सेा जाता था तो कभी श्वेता को शारीरिक संबंध् बनाने के लिये मजबूर करने लगता था. नींद के आगोश में पहुच चुकी श्वेता को इस तरह संबंध बनाना अच्छा नहीं लगता था. कभी तो श्वेता को लगता जैसे पति प्यार न करके बलात्कार कर रहा हो.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- सेक्स में पति की जबरदस्ती

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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जानें शादी के बाद क्यों बदलती है जिंदगी

शादी जिंदगी का एक अहम रिश्ता होता है. इसके जरिए आपको ढ़ेर सारा प्यार और नए रिश्ते मिलते हैं. शादी और भी कई चीजों से जुड़ी होती है जो आपके जीवन में कई तरह के बदलाव लाती है. ऐसी बहुत सी चीजे हैं जिन्हें आप शादी के बिना अनुभव नहीं कर सकती हैं. जब आप शादी के बंधन में बंध रही होती हैं तो आप एक नई जीवनशैली के साथ भी जुड़ रही होती हैं. शादी के बाद शुरुआत में आपकी जीवनशैली की बहुत सी चीजें बदल सकती है. आइए आज हम ऐसी ही चीजों के बारे में बात करते हैं.

1. आपको कुछ आदतों को छोड़ना पड़ता है

शादी से पहले हो सकता है काफी देर रात तक दोस्तों के साथ मस्ती करना, उनसे बात करना आपकी दिनचर्या का एक अहम हिस्सा हो, लेकिन शादी के बाद हो सकता है आपका पार्टनर आपको इन सभी चीजों की अनुमति ना दे, ऐसे में आपको इन चीजों की कुर्बानी देनी पड़ सकती है.

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2. आपको एक नई जगह पर रहना होता है

शादी के बाद आपको इस बदलाव का सामना करना पड़ता है. आप अब तक जिस जगह पर रह रही थीं उसे छोड़कर किसी नई जगह पर शिफ्ट होना आपके लिए उत्साहित करने वाला भी हो सकता है तो बहुत से लोग इस बदलाव से परेशान भी हो सकते हैं. जैसे महिलाओं को अपने परिवार को छोड़कर अपना कमरा छोड़कर आपको एक नए घर में शिफ्ट होना पड़ता है.

3. आपको हर रोज एक इंसान की बातें सुननी होंगी

औफिस से आने के बाद आप थक जाती हैं और आराम करना चाहती हैं लेकिन अगर आप शादीशुदा हैं तो आपको अपने साथी को समय देना भी जरुरी है. जिस तरह आप शादी से पहले औफिस से आकर अपने कमरे में जाकर आराम करती थीं उस तरह की जीवनशैली शादी के बाद बदल जाती है. अब आपको अपने साथी की दिन भर की बातें सुनने के लिए समय देना भी जरुरी हो जाता है.

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4. आपको अपनी नौकरी भी छोड़नी पड़ सकता है

मान लीजिए कि आपके साथी को किसी दूसरे शहर में नौकरी मिली है और उनकी आय आपके परिवार की सबसे बड़ी वित्तीय शक्ति है तो आप क्या करेंगी. इस मोड़ पर आपको अपना नौकरी छोड़नी पड़ सकती है. इस तरह के बदलाव भी शादी के बाद आप अनुभव कर सकती हैं.

घरवाले किसी ओर से मेरी शादी करना चाहते हैं, लेकिन मेरा प्यार कोई और है?

सवाल

मैं 20 वर्षीय युवती एक युवक से प्यार करती हूं, लेकिन पिछले महीने मेरे घर वालों ने मेरी सगाई एक अन्य युवक से कर दी जो अच्छाखासा सैटल है. मैं ने मां से कहा भी पर वे नहीं मानीं, कारण था मेरे बौयफ्रैंड का सैटल न होना. बौयफ्रैंड से मेरे शारीरिक संबंध भी हैं. मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं?

जवाब

जब आप किसी से प्यार करती हैं तो उस से शादी के लिए भी पहले से घर में बता कर रखना चाहिए था, साथ ही आप के बौयफ्रैंड को भी चाहिए था कि वह जल्दी से अपने पैरों पर खड़ा हो ताकि आप का हाथ मांग सके, तिस पर आप इतनी आगे बढ़ गईं कि शारीरिक संबंध भी बना लिए.

‘खैर, जब प्यार किया तो डरना क्या.’ आप के सामने लक्ष्य है उसे भेदिए. सब से पहले अपने बौयफ्रैंड से सैट होने को कहिए, हो सके तो उस की मदद कीजिए. आप भी अपनी कोशिश कर  कोई जौब इत्यादि कीजिए, इस से आप घर में बता सकती हैं कि हम दोनों मिल कर अपनी गृहस्थी चला लेंगे. मातापिता लड़की के सुरक्षित भविष्य को ले कर आश्वस्त होंगे तो अवश्य मान जाएंगे आप के रिश्ते को.

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शादी से पहले शारीरिक संबंध में बरतें सावधानी

आजकल लगभग सभी समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में पाठकों की समस्याओं वाले स्तंभ में युवकयुवतियों के पत्र छपते हैं, जिस में वे विवाहपूर्व शारीरिक संबंध बना लेने के बाद उत्पन्न हुई समस्याओं का समाधान पूछते हैं. विवाहपूर्व प्रेम करना या स्वेच्छा से शारीरिक संबंध बनाना कोई अपराध नहीं है, मगर इस से उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर विचार अवश्य करना चाहिए. इन बातों पर युवकों से ज्यादा युवतियों को ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े :

विवाहपूर्व शारीरिक संबंध भले ही कानूनन अपराध न हो, मगर आज भी ऐसे संबंधों को सामाजिक मान्यता नहीं है. विशेष कर यदि किसी लड़की के बारे में समाज को यह पता चल जाए कि उस के विवाहपूर्व शारीरिक संबंध हैं तो समाज उस के माथे पर बदचलन का टीका लगा देता है, साथ ही गलीमहल्ले के आवारा लड़के लड़की का न सिर्फ जीना दूभर कर देते हैं, बल्कि खुद भी उस से अवैध संबंध बनाने की कोशिश करते हैं.

युवती के मांबाप और भाइयों को इन संबंधों का पता चलने पर घोर मानसिक आघात लगता है. वृद्ध मातापिता कई बार इस की वजह से बीमार पड़ जाते हैं और उन्हें दिल का दौरा तक पड़ जाता है. लड़की के भाइयों द्वारा प्रेमी के साथ मारपीट और यहां तक कि प्रेमी की जान लेने के समाचार लगभग रोज ही सुर्खियों में रहते हैं. युवकों को तो अकसर मांबाप समझा कर सुधरने की हिदायत देते हैं, मगर लड़की के प्रति घर वालों का व्यवहार कई बार बड़ा क्रूर हो जाता है. प्रेमी के साथ मारपीट के कारण लड़की के परिवार को पुलिस और कानूनी कार्यवाही तक का सामना करना पड़ता है.

अधिकतर युवतियों की समस्या रहती है कि उन्हें शादीशुदा व्यक्ति से प्यार हो गया है व उन्होंने उस से शारीरिक संबंध भी कायम कर लिए हैं. शादीशुदा व्यक्ति आश्वासन देता है कि वह जल्दी ही अपनी पहली पत्नी से तलाक ले कर युवती से शादी कर लेगा, मगर वर्षों बीत जाने पर भी वह व्यक्ति युवती से या तो शादी नहीं करता या धीरेधीरे किनारा कर लेता है. ऐसे किस्से आजकल आम हो गए हैं.

इस तरह के हादसों के बाद युवतियां डिप्रेशन में आ जाती हैं व नौकरी छोड़ देती हैं. इस से उबरने में उन्हें वर्षों लग जाते हैं. कई बार युवक पहली पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी कर लेते हैं. मगर याद रखें, ऐसी शादी को कानूनी मान्यता नहीं है और बाद में बच्चों के अधिकार के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है जिस का फैसला युवती के पक्ष में आएगा, इस की संभावना बहुत कम रहती है.

शारीरिक संबंध होने पर गर्भधारण एक सामान्य बात है. विवाहित युवती द्वारा गर्भधारण करने पर दोनों परिवारों में खुशियां मनाई जाती हैं वहीं अविवाहित युवती द्वारा गर्भधारण उस की बदनामी के साथसाथ मौत का कारण भी बनता है.

अभी हाल ही में मेरी बेटी की एक परिचित के किराएदार के घर उन के भाई की लड़की गांव से 11वीं कक्षा में पढ़ने के लिए आई. अचानक एक शाम उस ने ट्रेन से कट कर अपनी जान दे दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि लड़की गर्भवती थी. उसे एक अन्य धर्म के लड़के से प्यार हो गया और दोनों ने शारीरिक संबंध कायम कर लिए, मगर जब लड़के को लड़की के गर्भवती होने का पता चला तो वह युवती को छोड़ कर भाग गया. अब युवती ने आत्महत्या का रास्ता चुन लिया. ऐसे मामलों में अधिकतर युवतियां गर्भपात का रास्ता अपनाती हैं, लेकिन कोई भी योग्य चिकित्सक पहली बार गर्भधारण को गर्भपात कराने की सलाह नहीं देगा.

अधिकतर अविवाहित युवतियां गर्भपात चोरीछिपे किसी घटिया अस्पताल या क्लिनिक में नौसिखिया चिकित्सकों से करवाती हैं, जिस में गर्भपात के बाद संक्रमण और कई अन्य समस्याओं की आशंका बनी रहती है. दोबारा गर्भधारण में भी कठिनाई हो सकती है. अनाड़ी चिकित्सक द्वारा गर्भपात करने से जान तक जाने का खतरा रहता है.

युवती का विवाह यदि प्रेमी से हो जाता है तब तो विवाहोपरांत जीवन ठीकठाक चलता है, मगर किसी और से शादी होने पर यदि भविष्य में पति को किसी तरह से पत्नी के विवाहपूर्व संबंधों की जानकारी हो गई तो वैवाहिक जीवन न सिर्फ तबाह हो सकता है, बल्कि तलाक तक की नौबत आ सकती है.

विवाहपूर्व शारीरिक संबंधों में मुख्य खतरा यौन रोगों का रहता है. कई बार एड्स जैसा जानलेवा रोग भी हो जाता है. खास बात यह है कि इस रोग के लक्षण काफी समय तक दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन बाद में यह रोग उन के पति और होने वाले बच्चे को हो जाता है. प्रेमी और उस के दोस्तों द्वारा ब्लैकमेल की घटनाएं भी अकसर होती रहती हैं. उन के द्वारा शारीरिक यौन शोषण व अन्य तरह के शोषण की आशंकाएं हमेशा बनी रहती हैं.

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युवती का विवाह यदि अन्यत्र हो जाता है और वैवाहिक जीवन ठीकठाक चलता रहता है, घर में बच्चे भी आ जाते हैं, लेकिन यदि भविष्य में बच्चों को अपनी मां के किसी दूसरे पुरुष से संबंधों के बारे में पता चले तो उन्हें गंभीर मानसिक आघात पहुंचेगा, खासकर तब जब बच्चे टीनएज में हों. मां के प्रति उन के मन में घृणा व उन के बौद्धिक विकास पर भी इस का असर पड़ता है.

इन संबंधों के कारण कई बार पारिवारिक, सामाजिक व धार्मिक विवाद व लड़ाईझगड़े भी हो जाते हैं, जिन में युवकयुवती के अलावा कई और लोगों की जानें जाती हैं. इस के बावजूद यदि युवकयुवती शारीरिक संबंध बना लेने का निर्णय कर ही लेते हैं, तो गर्भनिरोधक विशेषकर कंडोम का प्रयोग अवश्य करें, क्योंकि इस से गर्भधारण व यौन संक्रमण का खतरा काफी हद तक खत्म हो जाता है.

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