हाल ही में इकोनौमिस्ट सूरज जैकोब और ऐंथ्रोपोलौजिस्ट श्रीपर्णा चट्टोपाध्याय द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक भारत में करीब 14 लाख लोग तलाकशुदा हैं.
यह कुल आबादी का करीब 0.11% है और शादीशुदा आबादी का करीब 0.24%. आश्चर्य की बात यह है कि अलग हो चुके लोगों की संख्या तलाकशुदाओं से 3 गुना ज्यादा है. मरदों के मुकाबले तलाकशुदा और पति से अलग रह रही महिलाओं की संख्या कहीं अधिक है. पुरुष अकसर दूसरी शादी कर लेते हैं जबकि तलाकशुदा औरतें अकेली रह जाती हैं.
लव मैरिज हो या अरेंज्ड मैरिज कई दफा परिस्थितियां ऐसी बनती हैं कि पहले एकदूसरे से बेपनाह मुहब्बत करने वाले पतिपत्नी भी दूर हो जाते हैं. प्रेम के धागों से बना पतिपत्नी का रिश्ता जब अचानक टूटता है तो भावनात्मक रूप से कमजोर स्त्री/पुरुष गहरे संताप में आ जाते हैं. ध्यान दें कि क्या विवाह के दौरान आप का जीवनसाथी करीब हो कर भी दूर महसूस होता है? क्या उस की बाहों में आ कर भी आप को पहली सी मुहब्बत का एहसास नहीं होता? क्या जीवनसाथी बहाने बना कर आप से दूर जाने का प्रयास करने लगा है? यदि ऐसा है तो संभल जाएं और तैयार रहें किसी भी परिस्थिति को फेल करने के लिए. आप दोनों गौर कीजिए कुछ ऐसी बातों पर जो आप के रिश्ते के कमजोर पड़ने की ओर इशारा कर रही हैं:
करीब हो कर भी एकदूसरे के साथ नहीं
औफिस से आ कर आप भले ही एक कमरे में बैठे हों, मगर एक शख्स अपने लैपटौप या कंप्यूटर पर और दूसरा टीवी या मोबाइल में व्यस्त हो, पार्टी में एकसाथ गए हों, मगर एक इस कोने में तो दूसरा दूसरे कोने में दोस्तों के साथ व्यस्त हो यानी एकसाथ मिल कर किसी कार्य का आनंद लेने के बजाय अपनीअपनी दुनिया में व्यस्त रहने लगे हों तो यह आप की बढ़ती दूरी का नतीजा है.
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लड़ना छोड़ दिया है
यदि आप ने एकदूसरे से बहस या लड़ाईझगड़ा करना छोड़ दिया है तो यह भी दूरी बढ़ने का इशारा है. यदि झगड़े के बाद आप दोनों उस विषय पर बातचीत नहीं करते या पार्टनर की बात सुनने को तैयार नहीं होते तो यह आदत रिश्ते के टूटने की ओर इशारा करती है. कई दफा कपल्स के बीच होने वाला झगड़ा उन की निकटता बढ़ाने का काम करता है. मगर ऐसा तब होता है जब दोनों झगड़े की तह तक जाते हैं और एकदूसरे का पक्ष सुन और समझ कर मन का मैल दूर करने का सफल प्रयास करते हैं. मगर इस तरह का प्रयास नहीं किया जा रहा है तो समझिए दूर होने का वक्त आ चुका है.
कई कारण दिल तोड़ने के
अमेरिका के कपल्स थेरैपिस्ट कैरी कोल कहते हैं कि कुछ बातें रिश्ते में दरार लाने के लिए पर्याप्त होती हैं मसलन हर बार अपने जीवनसाथी की आलोचना करना, उसे बातें सुनाना, भद्दे शब्दों का प्रयोग करना या खुद को सुपीरियर दिखाने का प्रयास करना. किसी विवाद पर खुल कर बात करने के बजाय बातचीत करनी बंद कर देना आदि. यदि आप भी एकदूसरे के प्रति ऐसा व्यवहार करने लगे हैं तो समझिए आप के बीच दूरी आ चुकी है.
मन की आवाज को इग्नोर कर रहे हैं
अकसर हम अपने मन की आवाज नहीं सुनते. यह आवाज बहुत ही हलकी और शांत होती है जो बाहरी दुनिया के शोरशराबे के बीच इग्नोर हो जाती है. कई बार दिल से आवाज आती रहती है कि अब मैं अपने जीवनसाथी से प्यार नहीं करता या वह मुझ से दूर हो चुका है. मगर तार्किक प्रमाण के अभाव में हम इस पर ध्यान नहीं देते और हकीकत से दूर भागते रहते हैं. मगर बाद में पता चलता है कि आप के मन की आवाज सही थी और आप का जीवनसाथी वाकई दूर जा चुका है.
जीवनसाथी का नियंत्रण असहनीय
यदि एक पार्टनर खुद को दूसरे के कठोर नियंत्रण में घुटा हुआ सा महसूस करता है और बारबार कहने के बावजूद उस की बात सुनी नहीं जाती तो वह खुद को हारा हुआ महसूस करने लगता है. ऐसा रिश्ता ज्यादा समय नहीं टिक पाता.
बौडी लैंग्वेज में परिवर्तन
जब आप किसी के साथ रिलेशन में होते हैं या प्यार करते हैं तो रातदिन उसे ही देखना और महसूस करना चाहते हैं. मगर जब कोई आप का दिल तोड़ जाता है या उस के लिए आप के मन में प्यार नहीं रह जाता तो उस का सामना करने या उस की तरफ देखने से भी कतराने लगते हैं. प्यार में इंसान करीब जाने और बातें करने के बहाने ढूंढ़ता है, मगर दूरी बढ़ने पर एकदूसरे से दूर जाने के बहाने ढूंढ़ने लगता है. जो कपल्स इमोशनली जुड़े होते हैं उन की बौडी लैंग्वेज ही अलग होती है जैसेकि अनजाने ही एकदूसरे के आगे सिर झुकाना, गीत गुनगुनाना, केयर करना और एकदूसरे की बातें ध्यान दे कर सुनना आदि. मगर जब रिश्ता बे्रकअप के कगार पर पहुंच चुका होता है तो वे बातें कम और बहस ज्यादा करने लगते हैं. एकदूसरे की बगल में बैठने के बजाय आमनेसामने बैठते हैं और केयर करने के बजाय एकदूसरे को इग्नोर करने लगते हैं.
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आई कौंटैक्ट का घट जाना
आप उन चीजों को देखना पसंद करते हैं जो आप को पसंद होती हैं. जाहिर है मुहब्बत में नजरों का मिलना और मिला रह जाना अकसर होता है. मगर जब आप दोनों एकदूसरे की तरफ देखते ही नजरें हटा लें, आंखों में देख कर बातें करना छोड़ दें तो समझिए आप दोनों ब्रेकअप की ओर बढ़ रहे हैं.
इस संदर्भ में 1970 में सोशल साइकोलौजिस्ट जिक रुबिन ने कपल्स के बीच आई कौंटैक्ट के आधार पर उन के रिश्ते की गहराई नापने का प्रयास किया. कपल्स को कमरे में अकेले छोड़ दिया गया. वैसे कपल्स जिन के बीच गहरा प्यार था, अधिक समय तक अपने पार्टनर को देखते पाए गए, जबकि कम प्यार रखने वाले कपल्स में ऐसी बौंडिंग नहीं देखी गई.
जब आप किसी और से इमोशनली जुड़ने लगें
यदि आप अपने जीवनसाथी के साथ खुश नहीं हैं तो आप के किसी और शख्स से इमोशनली अटैच्ड होने और अफेयर करने की संभावना बढ़ जाती है. वैसे भी आजकल के तकनीकी युग में औनलाइन फ्लर्टिंग जैसे औप्शंस उपलब्ध हैं और स्मार्टफोंस व सोशल मीडिया के जरीए भी जीवनसाथी को बताए बिना किसी से लगातार कौंटैक्ट में रहना मुमकिन है.
यदि आप भी ऐसे अफेयर में फंस चुके हैं और अपनी खुशियां सैलिब्रट करने या परेशानियों को बांटने के लिए अपने जीवनसाथी के बजाय किसी और का कंधा ढूंढ़ने लगे हैं तो समझिए वक्त आ गया है इस रिश्ते के बारे में गंभीरता से सोचने का.
दूसरों में अधिक व्यस्त रहना
कई दफा हम जीवनसाथी से दूरी के एहसास को दूसरों से नजदीकी बढ़ा कर कम करना चाहते हैं. खासकर महिलाएं यदि अपनी रिलेशनशिप से खुश नहीं हैं तो इस दर्द को भूलने के लिए उस पर फोकस करने के बजाय दूसरों की जिंदगी में चल रही परेशानियों से जूझने लगती हैं.
एक-दूसरे से कहने को कुछ नहीं होता
यदि आप जिंदगी के खास मौकों, घटनाओं या तरक्की से जुड़ी बातों को सब से पहले अपने जीवनसाथी से नहीं, बल्कि किसी और से शेयर करने लगे हैं, जबकि जीवनसाथी से घरेलू कामकाज या बच्चों से जुड़ी बातों के अलावा आप के पास करने को कोई खास बातें नहीं होतीं तो समझिए आप एकदूसरे से दूर हो रहे हैं.
क्वालिटी टाइम गुजारने की चाह नहीं
यदि आप जीवनसाथी के साथ लंबे समय से एकसाथ रोमांटिक मूवी देखने, पसंदीदा जगह पर जा कर डिनर करने, समुद्र किनारे बैठ कर वक्त गुजारने जैसी योजनाओं को टाल रही हैं, यदि अब आप दोनों को जीवनसाथी के लौटने का इंतजार नहीं रहता और उस के आने पर भी आप अलगअलग कमरे में अपनेअपने काम में बिजी रहते हैं तो समझिए इस रिश्ते का आकर्षण आप के लिए घटता जा रहा है.
एक-दूसरे की बात पर कम ध्यान देना
अच्छे रिश्ते के लिए एकदूसरे की बातें सुनना और उन पर ध्यान देना सब से जरूरी होता है, पर जब आप को लगने लगता है कि चाहे कितनी भी बातें कर लो, कोई परिवर्तन नहीं होने वाला है तो यह रिश्ते के कमजोर पड़ने का लक्षण है, क्योंकि रिश्ते की मजबूती के लिए एकदूसरे को समझना और सुनना जरूरी होता है. इस से नाराजगी और गुस्सा तुरंत दूर हो जाता है.
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भविष्य के सपने बगैर हमसफर
यदि अकसर आप अपने खुशहाल भविष्य के सपनों में जीवनसाथी को जगह नहीं दे पा रहे हैं तो इस का अर्थ जीवनसाथी से बढ़ती भावनात्मक दूरी है.
विश्वास की कमी
साइकोलौजिस्ट जौन गौटमैन ने करीब 4 दशकों तक किए गए अपने अध्ययन में पाया कि जो कपल्स लंबे समय तक रिश्ते में हैं वे करीब 86% समय एकदूसरे की ओर मुड़े होते हैं. ऐसा न सिर्फ अफैक्शन की वजह से वरन एकदूसरे पर विश्वास के कारण भी होता है. वे गंभीर मुद्दों पर एकदूसरे की राय जानने और मदद लेने का प्रयास भी करते हैं. मगर रिश्ता कमजोर हो तो विश्वास भी टूटने लगता है.
आधा-अधूरा मुसकराना
यदि आप लंबे समय तक एकदूसरे की ओर देख कर मुसकराना या चुहलबाजियां करना भूल चुके हैं, तो समझिए रिश्ता टूटने वाला है. सरल और अपनत्व भरी मुसकान रिश्ते की प्रगाढ़ता का सुबूत होती है. एकदूसरे से बिना किसी शर्त मुहब्बत करने वालों के चेहरों पर मुसकान स्वाभाविक रूप से खिली होती है.
मतभेद जब बहस का रूप लेने लगे
अपने पार्टनर के साथ किसी बात पर मतभेद का होना स्वाभाविक है, पर यह बहस यदि स्वस्थ न रह कर अकसर लड़ाईझगड़े पर खत्म होने लगे और दोनों में से कोई भी कंप्रोमाइज करने को तैयार न हो तो समझिए रिश्ता ज्यादा नहीं टिक सकता.
जब दोनों ने प्रयास करना छोड़ दिया हो
आप का रिश्ता कितना भी कंफर्टेबल क्यों न रहे, आप को हमेशा इस में सुधार लाने का प्रयास करते रहना चाहिए. गलती करने पर तुरंत माफी मांगना, पार्टनर को सरप्राइज देना, अपने अच्छे पक्ष सामने लाना और छोटीछोटी बातों से पार्टनर का दिल जीतने का प्रयास करना जैसी बातें रिश्ते को टूटने से बचाती हैं. यदि आप के साथी ने ऐसे प्रयास करने छोड़ दिए हों और हमेशा आप की गलतियों पर ही फोकस करना शुरू कर दिया हो तो समझिए वह आप से दूर जा रहा है.
तारीफ बंद कर देना
मजबूत रिश्ते के लिए समयसमय पर एकदूसरे की तारीफ करना अहम होता है. जब आप दोनों एकदूसरे को फौर ग्रांटेड लेने लगते हैं, तारीफ करना छोड़ देते हैं तो धीरेधीरे दोनों के बीच शिकायतों का दौर बढ़ने लगता है जो आप को ब्रेकअप की ओर ले जाता है.
जौन गौटमैन ने 20 सालों तक 200 कपल्स पर किए गए अध्ययनों के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि किसी भी रिश्ते की सफलता कपल्स द्वारा आपसी विवाद और झगड़ों को खूबसूरती से सुलझाने की काबिलीयत पर निर्भर करती है. कभी न झगड़ना अच्छे रिश्ते की पहचान नहीं, बल्कि फिर से एक हो जाना रिश्ते को मजबूत और गहरा बनाता है. मगर जब रिश्ते में इतनी दूरी आ जाए कि फिर एक होना मुमकिन न हो, रिश्ते में रहने से दम घुट रहा हो तो ग्रेस के साथ रिश्ते को खत्म कर देना बेहतर है.