दीवाली की व्यस्तता में भी इन 10 घरेलू टिप्स से अपने चेहरे को दें इंस्टेंट ग्लो

दीवाली यूं तो खुशी और उल्लास का प्रतीक है.. पर महिलाओं के लिए दीवाली के ये दिन बेहद थकान और व्यस्तता भरे होते हैं. बारिश के बाद घरों की डीप क्लीनिंग, पेंट, रंगरोगन व सजावट दीवाली के दिन तक चलती ही रहती है और जब यह साफ सफाई समाप्त होती है तो शुरू हो जाता है मिठाईयां और नाश्ता बनाने का सिलसिला जिसमें घर की गृहिणी इतनी अधिक व्यस्त हो जाती है कि महिलाओं को अपने लिए जरा भी वक़्त नहीं मिल पाता. आज हम आपको ऐसे कुछ टिप्स बता रहे हैं जिनसे आप अपने चेहरे पर इंस्टेंट ग्लो पा सकतीं हैं. इन दिनों चूंकि ब्यूटी पार्लर जाने का समय आपके पास होता नहीं है इसलिए आप इन घरेलू टिप्स को आजमाकर दीवाली की व्यस्तता में भी कुछ ही समय में अपने चेहरे पर ब्यूटी पार्लर जाए बिना भी इंस्टेंट ग्लो देकर खूबसूरत दिख सकतीं हैं-

1-पपीता जहां स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है वहीं सुंदरता के लिए भी पपीता एक वरदान होता है. पपीते के 1 चम्मच गूदे को 1/2 चम्मच शहद में मिलाकर चम्मच से अच्छी तरह मैश कर लें फिर इसे 15 मिनट के लिए चेहरे पर लगाएं, 15 मिनट बाद साफ पानी से चेहरा धोकर कोई भी क्रीम लगा लें.

2-1 चम्मच शहद को 1 चुटकी दालचीनी पाउडर और 1/2 चम्मच नींबू के रस में मिलाकर चेहरे पर लगाएं. 20 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें. चेहरा एकदम ग्लोइंग और शाइनी हो जाएगा.

3-1 चम्मच ओट्स को 1चम्मच दूध में 15 मिनट के लिए भिगोएं और फिर इस पेस्ट से अपने चेहरे की हल्के हाथ से 10 मिनट तक मसाज करें चेहरा एकदम साफ और चमकदार हो जाएगा.

4-1चम्मच बेकिंग सोडा में इतना पानी मिलाएं कि यह एक पेस्ट जैसा बन जाये अब इसे चेहरे पर 5 मिनट लगाकर छोड़ दें. 5 मिनट बाद चेहरे को धो लें.

5-पके केले के 2 इंच टुकड़े को एक बाउल में अच्छी तरह मैश करके चेहरे पर 20 मिनट तक  लगाएं फिर गुनगुने पानी से चेहरे को धो लें चेहरा एकदम चमक जाएगा.

6-पुदीने की पत्तियों को पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरा दाग धब्बे रहित और चमकदार हो जाता है.

7-गुलाब की ताजी पत्तियों को 1 चम्मच शहद के साथ पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरा एकदम ग्लो करने लगता है.

8-यदि आपको चेहरे की त्वचा एकदम रूखी, चटकी और बेजान सी लग रही है तो 1 चम्मच ताजी मलाई में 1/2 चम्मच नींबू का रस और 1/2 चम्मच शहद मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे 20-25 मिनट चेहरे पर लगाएं, 20 मिनट बाद गुनगुने पानी से धोकर सॉफ्ट टॉवेल से पोंछ लें.

9-एक चम्मच कच्चे दूध में कुछ केसर के धागे डालकर 10 मिनट के लिए रख दें और इसमें एक रुई का फाहा भिगोकर चेहरे पर अच्छी तरह लगाएं और 20 मिनट बाद चेहरे को धो लें.

10-एक चम्मच फ्रेश एलोवीरा गूदा या जेल में 4-5 बून्दे नीबू का रस मिलाकर चेहरे पर 20 मिनट तक  लगाएं और फिर चेहरे को साफ पानी से धो लें.

Diwali Special: मनमुटाव भूल कर मनाएं त्योहार

आलिया जब 19 साल की थी तब ही उस के पिता मनोज यादव ने अपनी प्रौपटी के कागज तैयार करवा लिए थे, जिन में उन्होंने अपनी प्रौपटी के 2 हिस्से कराए. एक हिस्सा अपने बेटे सुमित यादव और दूसरा हिस्सा आलिया यादव के नाम किया.

अब तक सुमित इस सोच में बैठा था कि वह पूरी संपत्ति का एकलौता वारिस है, दूसरा कोई नहीं. लेकिन जब सुमित को पता चला कि आलिया भी संपत्ति में हिस्सेदार है तो उस के तोते उड़ गए. वह नहीं चाहता था कि किसी दूसरे को भी हिस्सा देना पड़े. वह भी घर की बेटी को तो बिलकुल नहीं.

मगर सुप्रीम कोर्ट ने भी बेटियों को बाप की प्रोपर्टी में हिस्सा देने का फैसला दिया है. ऐसे में सुमित की जरा भी नहीं चली और आलिया को भी प्रौपर्टी में हिस्सा मिल गया. इस बात को गुजरे 9 साल हो गए हैं, लेकिन सुमित और आलिया के बीच मनमुटाव आज भी कायम है.

ऐसी ही कहानी अहमदाबाद की डिंपल और मयंक की है. डिंपल की अपनी भाभी यामिनी से बिलकुल नहीं बनती है. डिंपल और मयंक भाईबहन हैं. लेकिन जब से मयंक की शादी हुई है तब से वह हर वक्त यामिनीयामिनी करता रहता है.

डिंपल को ऐसा लगता है कि उस के और उस के भाई के बीच में जो बौंडिंग थी वह डिंपल के आने से खत्म हो गई है. इसलिए डिंपल और यामिनी के बीच में काफी मनमुटाव है. इसी वजह से डिंपल ने तीजत्योहार पर अपने मायके आना भी छोड़ दिया.

मनमुटाव होना कोई नई बात नहीं

अभिषेक और नैना की कहानी भी मनमुटावों से भरी है. वैसे भाईबहन के बीच मनमुटाव होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन यही मनमुटाव रिश्तों को खत्म करने का कारण भी बनता है. असल में अभिषेक और नैना के बीच मनमुटाव इस बात से है कि नैना की शादी में अभिषेक और नैना के देवर के बीच में बहसबाजी हो गई. यह बहसबाजी इतनी ज्यादा बढ़ गई कि अभिषेक ने कहा कि मु?ो अपनी बहन की शादी आप के घर में नहीं करनी. नैना इस बात से बहुत आहत हुई क्योंकि वह यह शादी तोड़ना नहीं चाहती थी. बहुत सम?ाने के बाद आखिर नैना की शादी उस घर में हो गई.

मगर उस दिन के बाद से नैना के ससुराल वाले आए दिन उसे अभिषेक की बात के लिए ताना कसते रहते हैं. आज 3 साल हो गए, लेकिन अभिषेक और नैना के बीच का मनमुटाव खत्म नहीं हुआ.

ऐसे ही न जाने कितने ही मनमुटाव हर रिश्ते में होते हैं. फिर चाहे वह मनमुटाव ननदभाभी के बीच हो, चाहे सासबहू के बीच हो या फिर चाचाभतीजे के बीच हर रिश्ते में रहेगा ही रहेगा. लेकिन जरूरी यह है कि आप इस मनमुटाव के बीच भी अपने रिश्तों को अहमियत दें. अपने मनमुटाव को आप त्योहारों के बीच में न आने दें. इसे साइड में ही रखें. आप बस अपनों के साथ खास पलों को जीएं. यही वे पल हैं जो आप की यादों को और यादगार बनाऐंगे.

त्योहार को भरपूर जीएं

अगर आप और आप के भाई या बहन के बीच किसी बात को ले कर मनमुटाव है तो आप बेशक उसे दूर न करें, आप उन पर वर्क भी न करें, लेकिन अपने त्योहार पर इस मनमुटाव को भूल जाएं और बस अपने त्योहार को भरपूर जीएं क्योंकि यही भाईबहन जो आप के साथ ताउम्र रहेंगे.

दोस्त तो बस मन बहलाने, घूमनेफिरने के लिए हैं. आखिर में तो परिवार ही काम आता है. इसलिए त्योहार में अपने परिवार को शामिल करें या परिवार का हिस्सा खुद बनें ताकि आप के बीच अपनापन बना रहे. इस से आप के बच्चे भी अपने बड़ेबुजुर्गों से भी मिल लेंगे और उन्हें भी दादादादी, नानानानी, मामामामी का प्यार मिलेगा.

बच्चों को शामिल करें

अगर आप को लगता है कि त्योहार पर मिलने से भी आप और आप के भाई या बहन के बीच चल रहा मनमुटाव खत्म नहीं होगा तो आप बिलकुल सही हैं. यह मनमुटाव एक दिन में खत्म नहीं होगा. लेकिन हमारी राय यह है कि अगर आप मनमुटाव होते हुए भी त्योहारों पर अपने रिश्तेदारों से मिलते हैं तो आप अपने साथ कुछ नई यादें बनाते हैं. साथ बिताए इन पलों को आप और आप का रिश्तेदार हमेशा याद रखेगा.

त्योहारों पर मनमुटाव होते हुए भी अपने रिश्तेदारों से मिलने का एक कारण यह भी है कि अब परिवार छोटे हो गए हैं. अब परिवार में सिर्फ पतिपत्नी और बच्चे शामिल हैं. ऐसे में वे नए लोगों और अपने रिश्तेदारों से दूर ही रहते हैं. अगर त्योहारों में आप अपने बच्चों को उन के चाचाचाची, मौसामौसी से मिलाएंगे तो वे भी खुश हो जाएंगे और आप का भी उन से मेलजोल  बढ़ेगा.

Diwali Special : इस त्योहार कुछ ऐसा हो श्रृंगार

माना कि दीवाली रोशनी का त्योहार है, जिस के आगमन की आहट से ही आप अपने आशियाने को सजानेसंवारने में जुट जाती हैं. लेकिन इस खास पर्व पर सिर्फ अपने आशियाने को संवारना और स्वादिष्ठ पकवान बनाना ही काफी नहीं, बल्कि इस अवसर पर आकर्षक नजर आने के लिए अपनी पर्सनैलिटी को निखारना भी जरूरी है. इस खास पर्व पर आप की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए हम ने फैस्टिव मेकअप लुक्स के साथसाथ मेकअप के कुछ खास और न्यू प्रोडक्ट्स भी जुटाए हैं.

यों तो आप ने अब तक दीवाली के दिन पहनने के लिए कपड़ों की खरीदारी कर ली होगी. लेकिन आकर्षक लुक के लिए सिर्फ अच्छे कपड़े खरीदना ही काफी नहीं है. आप को अपने नैननक्श को भी मेकअप से हाईलाइट करना होगा. आप कितने भी महंगे कपड़े पहन लें. अगर आप के चेहरे पर मेकअप नहीं है, तो आप हुस्न की मलिका नजर नहीं आ सकतीं, जबकि सादे कपड़ों के साथ भी यदि आप सही ढंग से मेकअप करें, तो मिनटों में आप का रूप निखर उठता है. दरअसल, मेकअप चेहरे की खूबसूरती को निखारने के साथसाथ चेहरे की कमियों को छिपाता भी है यानी मेकअप करने के बाद खूबसूरत नजर न आने का कोई चांस ही नहीं होता.

वैसे इस दीवाली बैलेंस्ड लुक के लिए आप मेकअप आर्टिस्ट क्रिस्टल फर्नांडिज द्वारा

बताए गए मेकअप के ये डिफरैंट फैस्टिव लुक भी ट्राई कर सकती हैं. लेकिन इस बात का खास ध्यान रखें कि फैस्टिव सीजन में ही नहीं बाकी मौकों पर भी मेकअप करते समय इन बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है.

बैलेंस्ड लुक के लिए ट्राई करें ये 6 फैस्टिव लुक:

ज्वैल्ड लुक: ज्वैल्ड लुक के लिए शुरुआत आई मेकअप से करें. सब से पहले आईलिड पर शैंपेन शेड का आईशैडो लगाएं. फिर ज्वैल टोंड जैल या लिक्विड आईलाइनर लगाएं. ब्लैक मसकारे का सिंगल कोट लगा कर आई मेकअप पूरा करें. लिप मेकअप के लिए फ्रैश टोंड लिपग्लौस अप्लाई करें. अब पिंक या ब्राउन शेड का ब्लशऔन लगा कर चीकबोंस को हाईलाइट करें.

शिमर गर्ल लुक: शिमर गर्ल लुक के लिए सब से पहले आइब्रोज बोन पर व्हाइट शिमर आईशैडो लगाएं ताकि आईशैडो और आईलाइनर का शेड उभर कर दिखे. जिस शेड का आईशैडो लगा रही हैं, उस का डार्क शेड आईलाइनर के लिए यूज करें जैसे आईशैडो के लिए सी ग्रीन शेड चुन रही हैं, तो आईलाइनर के लिए डार्क ग्रीन चुनें. अब मसकारे के 2 कोट लगा कर आई मेकअप पूरा कर लें. होंठों के लिए लिपग्लौस और चीकबोंस के लिए फ्रैश शेड ब्लशर चुनें.

बोल्ड लुक: अगर आप गोरी हैं, तो पिंकिश रूबी या रैड, सांवली या गेहुएं रंग की हैं, तो डार्क बरगंडी शेड की लिपस्टिक लगाएं. आई मेकअप के लिए पलकों पर स्नोव्हाइट शेड का आईशैडो अप्लाई करें और फिर लाइट शेड का आईलाइनर लगाएं और ब्लैक मसकारा लगा कर आई मेकअप कंप्लीट करें. अब चीकबोंस को हाईलाइट करने के लिए नैचुरल शेड का ब्लशर लगाएं.

शाइनी सिल्वर लुक: डार्क शेड की लिपस्टिक लगा कर लिप मेकअप को हैवी लुक दें. अब आई मेकअप के लिए सिल्वर आईशैडो लगा लें और फिर ग्रे शेड का आईलाइनर लगा लें. अब सिल्वर मसकारा लगा कर आई मेकअप कंप्लीट करें. चीकबोंस के लिए लाइट शेड का चुनाव करें.

गोल्डन ग्लो लुक: पलकों पर गोल्डन शेड का आईशैडो लगाएं. अब डार्क चौकलेट शेड का आईलाइनर यूज करें. पिंक या गोल्डन शेड की शीयर लिपस्टिक लगाएं और आखिर में नैचुरल ब्लशर से चीकबोंस को हाईलाइट करें. इस के अलावा गोल्डन ग्लो के लिए पंपकिन, कौपर या जिंजरब्रेड शेड्स का इस्तेमाल भी चीक्स, लिप्स और आई मेकअप के लिए कर सकती हैं.

चौको लुक: आईशैडो के लिए कौपर शेड इस्तेमाल करें. अब आंखों के कोनों में डार्क ब्राउन कलर का आईलाइनर लगाएं. ऊपरी और निचली आईलिड पर ब्लैक कलर का पैंसिल आईलाइनर अप्लाई करें. अब ब्लैक मसकारा के 2 कोट लगा कर आई मेकअप कंप्लीट करें. होंठों पर गोल्डन ब्राउन लिपग्लौस लगाएं.

खास मेकअप प्रोडक्ट्स

अगर आप यह सोच रही हैं कि रैग्युलर मेकअप शेड्स से आप फैस्टिव लुक पा सकती हैं, तो आप गलत हैं. फैस्टिव लुक के लिए आप को अपने वैनिटी बौक्स में कुछ खास मेकअप प्रोडक्ट्स को जगह देनी होगी. आइए, जानते हैं वे मेकअप प्रोडक्ट्स कौनकौन से हैं:

मूस: बेस मेकअप के लिए अपने वैनिटी बौक्स में कौंपैक्ट और फाउंडेशन की जगह मूस रखें. मेकअप की शुरुआत करने से पहले चेहरे को फेसवाश से धोएं. फिर पूरे चेहरे पर मूस लगा कर मेकअप का बेस तैयार कर लें. मूस का चुनाव अपनी स्किनटोन को ध्यान में रख कर करें.

व्हाइट आईशैडो: आई मेकअप को क्लीन बेस देने के लिए वैनिटी बौक्स में व्हाइट आईशैडो जरूर रखें. आई मेकअप की शुरुआत करने से पहले आईब्रोज बोन पर व्हाइट आईशैडो लगाएं. उस के बाद मनचाहा आईशैडो, आईलाइनर यूज करें. ऐसा करने से आईब्रोज भी हाईलाइट होंगी.

जेट ब्लैक आईलाइनर: आई मेकअप को मिनटों में ड्रामैटिक लुक देने के लिए जेट ब्लैक आईलाइनर जरूर खरीदें. इसे लगाने के बाद आईशैडो और मसकारा लगाने की जरूरत नहीं पड़ती. जेट ब्लैक आईलाइनर आई मेकअप को स्मोकी इफैक्ट देने के लिए काफी है.

शिमर ब्लशर: फैस्टिव सीजन में अपने लुक को ग्लैम टच देने के लिए शिमर ब्लशर का इस्तेमाल करें. शिमर ब्लशऔन लगाने के बाद आई मेकअप और लिप मेकअप के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी. इस के इस्तेमाल से चेहरा शाइन करेगा.

न्यूड लिप कलर: माना कि लिपस्टिक के डार्क शेड्स लिप मेकअप को बोल्ड लुक देते हैं, लेकिन लिप मेकअप को हाईलाइट करने का यह फौर्मूला काफी पुराना हो गया है. इन दिनों लिपस्टिक के न्यूड शेड डिमांड में हैं. लिपस्टिक के पीच, पिंक जैसे शेड्स हौट लुक दे सकते हैं.

ग्लिटर फौर हेयर: लिप और आई मेकअप के साथसाथ बालों पर भी ग्लिटर का इस्तेमाल आप को फैस्टिव लुक दे सकता है. इसलिए अपने वैनिटी बौक्स में ग्लिटर स्प्रे को खास जगह दें. सिल्वर और गोल्डन के साथ ही अलगअलग कलर्स के हेयर ग्लिटर भी मिलते हैं. आप चाहें तो उन का भी चुनाव कर सकती हैं.

बैलरीना पिंक नेल पेंट: नेल पेंट्स के डार्क या निओन शेड्स को कहें बायबाय और फैस्टिव लुक के लिए बैलरीना पिंक नेल पेंट खरीद कर घर ले आएं. हैवी मेकअप के साथ नाखूनों पर लगा यह लाइट शेड नेल पेंट आप की खूबसूरती में चार चांद लगा सकता है.

यह सच है कि मेकअप चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाता है, लेकिन मेकअप के दौरान हुई गलती आप की खूबसूरती को बिगाड़ भी सकती है. इसलिए मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल सूझबूझ से करें.

दीवाली को यादगार बनाने के लिए घर को सजानेसंवारने के साथसाथ खुद भी सजेंसंवरें ताकि इस खूबसूरत त्योहार को ताउम्र यादों में सहेजा जा सके…

त्योहार कोई भी हो, उस दिन खुद को सब से खूबसूरत नजर आने का मौका अपने हाथ से कतई न जाने दें…

ग्लिटर आईशैडो का इस्तेमाल करती हूं

‘‘मैट फिनिश मेकअप से लुक काफी अच्छा आता है. यह हर फेस टाइप पर सूट भी करता है, इसलिए मैं ज्यादातर समय मैट फिनिश मेकअप प्रोडक्ट्स ही इस्तेमाल करती हूं. लेकिन दीवाली रात के समय मनाई जाती है इसलिए मेकअप में थोड़ा ग्लिटर भी जरूरी है. ऐसे में आई मेकअप के लिए मैं ग्लिटर आईशैडो का इस्तेमाल करूंगी और होंठों को नैचुरल टच देने के लिए मैट फिनिश की पिंक शेड लिपस्टिक बिलकुल परफैक्ट रहेगी.’’

-अंकिता शर्मा

दीवाली में नैचुरल मेकअप पसंद है

‘‘शूटिंग के दौरान हैवी मेकअप होने के कारण मैं बाकी समय नैचुरल मेकअप करना ज्यादा पसंद करती हूं. मैं दीवाली के दिन नैचुरल लुक के लिए काजल और मसकारा का इस्तेमाल आई मेकअप के लिए करती हूं और लिप्स को नैचुरल लुक देने के लिए लिपबाम लगा कर लिपग्लौस लगाती हूं.’’

-मोना सिंह

ट्रैडिशनल लुक पसंद है

‘‘दीवाली के दिन मैं प्योर ट्रैडिशनल लुक पसंद करती हूं. सुबह पीले रंग की पारंपरिक साड़ी और शाम को लाल रंग की साड़ी के साथ सोने के आभूषण पहनती हूं. चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने के लिए आंखों में काजल, होंठों पर लिपस्टिक, माथे पर लाल रंग का पाउडर वाला सिंदूर और पैरों में अलता भी लगाती हूं. कुदरती निखार के लिए दीवाली से एक दिन पहले चेहरे पर हलदी वाला उबटन और मुलतानी मिट्टी का लेप लगाती हूं. इस से चेहरे की रंगत खिल उठती है और मेकअप की दोहरी परत की जरूरत नहीं होती.’’

-नेहा मर्दा

पूरा फोकस आई मेकअप पर

‘‘दीवाली मौके पर इंडियन आउटफिट पहनने पर मेरा पूरा फोकस अपने आई मेकअप पर होता है. मुझे लगता है कि आंखें चेहरे का आकर्षण होती हैं, जिन्हें मेकअप से और भी आकर्षक बनाया जा सकता है. अपनी आंखों को स्मोकी लुक देने के लिए मैं ब्लैक कलर का थिक आईलाइनर लगाती हूं और डार्क ब्लैक शेड का मसकारा. इस से आई मेकअप हैवी नजर आता है. आई और लिप मेकअप को बैलेंस्ड लुक देने के लिए होंठों पर न्यूड शेड की लिपस्टिक भी लगाती हूं.’’

-ऐश्वर्या सखूजा

ड्रैस से मैच करती लिपस्टिक लगाती हूं

‘‘मुझे लगता है कि फैस्टिव सीजन के लिए ब्राइट मेकअप परफैक्ट होता है. मैं खुद भी अपना मेकअप ब्राइट रखती हूं. बेस मेकअप को नैचुरल लुक देती हूं. लिप मेकअप के लिए पिंक या कोरल शेड की, जो ड्रैस से मैच करे वही लिपस्टिक लगाती हूं.  आई मेकअप को शाइनी इफैक्ट देने के लिए ग्लिटर इस्तेमाल करती हूं.’’

-सना खान

साड़ी पहनना पसंद है

‘‘मैं दीवाली के मौके पर साड़ी पहनना पसंद करती हूं. मुझे लगता है कि साड़ी के साथ इंडियन मेकअप ज्यादा खूबसूरत नजर आता है. इंडियन मेकअप के अनुसार आई मेकअप के लिए डार्कलिप और चीक मेकअप के लिए लाइट शेड मेकअप प्रोडक्ट्स यूज करने चाहिए. इसलिए मैं आई मेकअप को हैवी लुक देने के लिए काजल, आईलाइनर और डार्क शेड का आईशैडो लगाती हूं. लिप्स पर न्यूड शेड की लिपस्टिक और चीक्स को हाईलाइट करने के लिए लाइट शेड का ब्लशऔन यूज करती हूं.’’

-बरखा बिष्ट

Diwali Special: फैमिली के लिए बनाएं Cheese Paper Rice Ball

गुरुवार के दिन रविवार आने का इंतिजार परवान चढ़ जाता है. यूं तो हर दिन एक लड़ाई है, पर संडे का इंतजार करना तो और भी मुश्किल होता है. विकडे ब्लूज को दूर करें चीज पेपर राइस बौल्स से. हमें मैसेज कर के जरूर लिखें कि आपको ये रेसिपी कैसी लगी.

सामग्री

– 1 कप बासमती चावल पके

– 1 बड़ा चम्मच लाल, पीली व हरी शिमलामिर्च बारीक कटी

– 2 बड़े चम्मच कौटेज चीज कद्दू कस किया

– 1 बड़ा चम्मच मोजरेला चीज

– 1 बड़ा चम्मच कौर्न फ्लोर

– 1 हरीमिर्च कटी

– 2 बड़े चम्मच धनियापत्ती कटी

– 1 बड़ा चम्मच चाट मसाला

– तलने के लिए पर्याप्त तेल

– 1/2 कप बैडक्रंब्स

– नमक व कालीमिर्च स्वादानुसार

विधि

तेल व ब्रैडक्रंब्स छोड़ कर बाकी सारी सामग्री को एक बाउल में थोड़ा सा पानी मिला कर मिश्रण तैयार करें. तैयार मिश्रण की बौल्स बना कर ब्रैडक्रंब्स में कोट करें और सुनहरा होने तक तलें. सौस के साथ गरमागरम परोसें.

 – व्यंजन सहयोग : शैफ एम. रहमान

Diwali Special: दीवाली मैनेजमेंट के 10 टिप्स

दीवाली मिठाइयों, घर की सजावट और सजने धजने का पर्व है. आम तौर पर देखा जाता है कि दीवाली के दिन तक महिलाएं घर के कार्यों में खुद को इस कदर व्यस्त कर लेतीं हैं कि उन्हें अपने लिए समय नहीं मिलता और दीवाली के दिन शाम को किसी तरह तैयार होकर वे पर्व को सेलिब्रेट तो करतीं हैं परन्तु तब तक वे इस कदर थक जातीं हैं कि पर्व को भी अच्छी तरह इंजॉय नहीं कर पातीं परन्तु यदि दीवाली की तैयारियां पहले से मैनेज करके की जाएं तो आप पर्व को एंजॉय भी कर सकेंगीं और आपको तनाव भी नहीं होगा.आज हम आपको ऐसे ही कुछ टिप्स बता रहे हैं जिन्हें ध्यान में रखकर आप अपनी दीवाली को अच्छे से मना सकेंगी-

-दीवाली वाले दिन का मेन्यू परिवार के सभी  सदस्यों की सहमति से तय कर लें ताकि उस दिन आपके समक्ष ऊहापोह की स्थिति न रहे.

-इस दिन के लिए भांति भांति की मिठाईयां और व्यंजन बनाये जातें हैं इसलिए दीवाली के दिन नाश्ता और लंच हल्का फुल्का बनाएं इससे आपकी व्यस्तता तो कम होगी ही साथ ही आप शाम के खाने की तैयारियां भी आराम से कर पाएंगी.

-यदि घर के कुछ हिस्सों की साफ सफाई छूट गयी है तो अंत तक उसे करने का प्रयास न करें बल्कि कुछ काम दीवाली के बाद के लिए छोड़कर पर्व को परिवार के सदस्यों के साथ बिना किसी तनाव के इंजॉय करें.

-दीवाली की शॉपिंग को भी अंत तक छोड़ने के स्थान पर 2 दिन पहले ही समाप्त करने का प्रयास करें ताकि आप दीवाली की तैयारियां आराम से कर सकें.

-यदि आप घर पर ही मिठाईयां और नमकीन बनाना चाहतीं है तो दीवाली के दिन से 2 दिन पूर्व ही उन्हें बनाकर एयरटाइट जार में रख लें.

-दीवाली चूंकि मिठाइयों के साथ साथ सजने संवरने का भी पर्व है इसलिए दीवाली के दिन की प्लानिंग इस प्रकार करें कि आप अपने तैयार होने के लिए पर्याप्त समय निकाल सकें.

-दीवाली के दिन की टू डू लिस्ट इस प्रकार बनाएं कि पर्व की तैयारियों के साथ साथ आप आराम के लिए भी समय निकाल सकें.

-रंगोली की डिजाइन पहले से सुनिश्चित कर लें तथा सम्भव हो तो सुबह सुबह ही रंगोली बनाने का प्रयास करें ताकि आप दिन में अन्य कार्यों को आराम से कर सकें.

-परम्पराओं, रूढ़िवादियों और अंधविश्वासों से परे उठकर घर में वह बनाएं जिसे परिवार के सदस्य खुश होकर खाएं.

-पूजा के दीपक को एक दिन पूर्व ही पानी में 1 घण्टे भिगोकर निकाल कर सुखा लें, जलाने के लिए बत्तियों को भी तेल में डुबोकर रख दें इससे दीवाली के दिन दिए आराम से जल सकेंगें.

कुल मिलाकर आप दीवाली के दिन के लिए कम से कम काम छोड़ें ताकि पर्व को आप परिवार के सभी सदस्यों के साथ भली भांति सुकून से इंजॉय कर सकें साथ ही सारे कार्य स्वयं ही सम्पादित करने के स्थान पर घर के कार्यो को परिवार के सभी सदस्यों का सहयोग लें.

Diwali Special: 8 ब्यूटी पैक से पाएं निखरी व मुलायम Skin

दिवाली का त्यौहार आने में कुछ ही समय शेष रह गए हैं. अगर आप भी इस दिवाली सुंदर व आकर्षक दिखना चाहती हैं तो यह खबर हम खास आपके लिए ही लेकर आए हैं. आज हम आपको 8 ब्यूटी पैक के बारें में बताने जा रहे हैं. इस पैक को लगाकर आप अपने चेहरे पर निखार ला सकती हैं.

1. मलाई-चंदन पाउडर

बराबर मात्रा में मलाई, चंदन पाउडर, गुलाब जल और शहद मिलाकर पेस्ट तैयार करें. अब इसे चेहरे और गले पर लगाएं. 30 मिनट के बाद धो लें. बेहतर रिजल्ट के लिए हफ्ते में 2 बार यह प्रक्रिया दोहराएं.

2. मलाई-आलिव आयल

त्वचा का रंग निखारने के लिए आलिव आयल बेहतरीन उपाय है. 1 टेबलस्पून मलाई में 10 बूंद आलिव आयल मिलाकर पेस्ट तैयार करें. अब इसे चेहरे पर लगाएं. 15 मिनट बाद धो लें.

3. बेसन-हल्दी

बेसन और हल्दी, दोनों त्वचा में निखार लानेवाले पुराने, लेकिन असरदार उपाय हैं. एक चुटकी हल्दी में मलाई और बेसन मिलाएं. अब इसे चेहरे पर लगाएं. 15 मिनट के बाद धो लें. चेहरा दमक उठेगा. ऐसा हफ्ते में दो बार करें.

4. राइस पाउडर-बादाम

त्वचा पर निखार लाने के लिए चावल का आटा बहुत उपयोगी है. इसके लिए चावल का आटा, बादाम पाउडर और मलाई को बराबर मात्रा में मिलाकर पेस्ट तैयार करें. इसे चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद पानी से पहले चेहरा गीला करें और स्क्रब करते हुए पेस्ट निकालें. इससे जल्द ही आपको त्वचा में निखार दिखेगा.

5. मिल्क-एलोवेरा जेल

डल और पैची स्किन को रिमूव करने का सबसे आसान तरीका है ये. इसके लिए 2 टेबलस्पून दूध में 1 टीस्पून बादाम पेस्ट, 1 टीस्पून एलोवेरा जेल और 1 टीस्पून शहद मिलाकर पेस्ट तैयार करें. इसे चेहरे पर लगाएं और 30 मिनट के बाद धो लें.

6. सैंडलवुड-रोज वाटर

ये तो आप भी जानती होंगी कि हर ब्यूटी क्रीम में सैंडलवुड यानी चंदन का यूज किया जाता है. कभी चंदन पाउडर तो कभी चंदन का तेल क्रीम में मिलाया जाता है. आप भी घर पर इसका यूज करके 2 टोन निखरी त्वचा पा सकती हैं. 2 टेबलस्पून चंदन पाउडर में गुलाबजल मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैयार करें और इसे चेहरे पर लगाएं. 15-20 मिनट बाद पानी से चेहरा धो लें. हफ्ते में दो बार ऐसा करें.

7. तुलसी-मिंट पैक

स्वास्थ्यवर्धक तुलसी और पुदीना चेहरे की खूबसूरती निखारने में भी लाभकारी हैं. बराबर मात्रा में तुलसी और पुदीना की पत्तियों को लें और पेस्ट बनाएं. इसे चेहरे पर लगाएं. 30 मिनट के बाद चेहरा धो लें.

8. केसर-मलाई

खूबसूरती निखारने के लिए केसर से बढ़िया और कुछ हो ही नहीं सकता. आमतौर पर लोग रात को सोने से पहले दूध में केसर मिलाकर पीते हैं. इससे त्वचा में निखार आता है. आप केसर और मलाई को बराबर मात्रा में मिलाकर पेस्ट तैयार करें और उसे चेहरे व गर्दन पर लगाएं. जल्द ही फर्क महसूस होगा.

प्ले बैक सिंगर अन्वेषा इस बार दिवाली कैसे मनाने वाली है, पढ़ें इंटरव्यू

कला के माहौल में पैदा हुई अन्वेषा को बचपन से ही संगीत के क्षेत्र में जाने की इच्छा थी, उन्होंने हिन्दुस्तानी क्लासिकल संगीत की शिक्षा 4 साल की उम्र में गुरु पंडित जयंत सरकार, जो पटियाला घराने के गुरु और पंडित अजय चक्रवर्ती के शिष्य रहे, उनसे लिया है. टीवी पर अन्वेषा की पहली प्रस्तुति साल 2007 में ‘वौइस् ऑफ़ इंडिया छोटे उस्ताद से किया, जब वह केवल 13 साल की थी. इसके बाद उन्होंने म्यूजिक का महा मुकाबला में भाग लिया है. बॉलीवुड संगीत के क्षेत्र में उनका पहला ब्रेक 14 साल की उम्र में गोलमाल रिटर्न्स के गीत ‘था कर के……’ से मिला, जिसके संगीतकार प्रीतम थे. गाना सुपरहिट रही, इसके बाद अन्वेषा को पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा और उन्होंने डेंजरस इश्क, राँझना, लव यू इश्क, प्रेम रतन धन पायों आदि कई फिल्मों में सुरीले संगीत से सबको सरोबार किया है. उन्होंने इंडस्ट्री के सभी बड़े संगीतकारों जैसे ए आर रहमान, अजय अतुल, इस्माइल दरबार, शंकर इशान लोय, जॉय सरकार आदि के गाने गाये है. हिंदी के अलावा उन्होंने बांग्ला, तमिल, तेलगू मलयालम, गुजराती, राजस्थानी, भोजपुरी और मराठी में भी गाने गाएं है.

म्यूजिक में आने की प्रेरणा

अन्वेषा कहती है कि मैं सेकंड जेनेरेशन की संगीतज्ञ हूँ, मेरे परिवार में कई लोग संगीत, कला और साहित्य से जुड़े है. इससे घर में संगीत पर चर्चा होती रहती है, मैं सुर के साथ ही पैदा हुई और इसे निखारने के लिए मैंने शिक्षा ली है. मेरी माँ गाती थी, उनका नाम मीता दत्ता गुप्ता है. प्रोफेशनली वह गा चुकी है. उन्होंने संगीत की शिक्षा भी ली है, इसलिए बचपन में उनको संगीत की रियाज़ करते देखती थी, ऐसे में बहुत छोटी उम्र से मैं उन्हें फोलो करती रहती थी, उनके जैसे आवाज निकालती थी. थोड़ी बड़ी होने पर उन्होंने मुझे गुरु के पास ले गए, ताकि सुर की पकड़, संगीत की बारीकियों को मैं सीख सकूँ. मैंने 4 साल की उम्र से गुरु से संगीत की तालीम लेनी शुरू की. क्लासिकल संगीत गाते हुए मुझे फ़िल्मी और हर तरह के पॉप संगीत की तरफ रुझान बढ़ने लगा. उस समय पॉप के क्षेत्र में यहाँ कुछ नहीं था, अब कई सारी संस्थाएं पॉप के क्षेत्र में भी आ चुकी है.

संगीत बना मेरा पैशन

वह आगे कहती है कि इससे मुझे प्ले बैक सिंगिंग में बड़े सिंगर्स के गाने के तरीके को सुनना और सीखना अच्छा लगने लगा था. मेरे अंदर लाइट म्यूजिक के प्रति प्यार बढ़ता गया और मेरा झुकाव इंडी पॉप की तरफ हो गया. इसके बाद रियलिटी शो में जाने की कोशिश करने लगी. ऑडिशन दिया, बच्चों की रियलिटी शो ‘वौइस् ऑफ़ इंडिया, छोटे उस्ताद में आने के बाद मैं सबकी नजर में आ गई, क्योंकि वहां लोगों ने मुझे चुना और मैं वर्ल्डवाइड जानी गई. शो के ख़त्म होने के 25 दिनों के बाद मुझे पहला प्ले बैक मिल गया था, जो संगीतकार जतिन ललित के साथ था. इसके बाद से मेरा किसी प्रोजेक्ट में आना आसान हुआ. केवल हिंदी फिल्मों में ही नहीं, रीजनल फिल्मों में भी गाने का अच्छा अवसर मिल रहा है.

था स्टेज फियर

अन्वेषा हंसती हुई कहती है कि पहली परफॉरमेंस मैंने 4 साल की उम्र में दिया था और पूरी गाने के दौरान मैं माथा नीची कर गाई थी, बचपन में स्टेज का डर बहुत था, इसे दूर करने में काफी साल लगे है, लेकिन रियलिटी शो से मेरे अंदर कॉन्फिडेंस आया और मैं वहां सामने देखकर गाना गा सकी.

तकनीक के खिलाफ नहीं

तकनीक की मदद से आज हर कोई अच्छा गा सकता है, ऐसे में प्ले बैक सिंगर की भूमिका को लेकर अन्वेषा चिंतित है. वह कहती है कि मैं तकनीक के खिलाफ नहीं हूँ, समय के साथ चलना जरुरी है. मैं अगर नए ज़माने के तकनीक का सहारा लेकर गाने वाले के बारें में सोचूं, तो मेरा ग्रोथ रुक जायेगा. ये सही है कि सालों की संगीत साधना के बाद मैं यहाँ तक पहुंची हूँ और अपना एक मुकाम पाई है, मुझे अपनी मेहनत और लगन पर भरोसा है. अगर आप की नीव मजबूत है, तो कोई आपको हिला नहीं सकता. पहले जब तकनीक नहीं थी, तब भी गायकों में राजनीति होती थी, लेकिन तब अलग हुआ करती थी. आज की तारीख में दुनिया में घटने वाले सभी चीजें सोशल मिडिया पर आसानी से मिल जाती है, लोग ओवर लोड हो चुके है और सभी एक दूसरे की नक़ल करने में लगे है. हर किसी को स्टार बनना  है और ये समाज के लिए अनहेल्दी परिस्थिति है, जिसका असर समाज पर पड़ रहा है. इनफार्मेशन की ओवर लोड से व्यक्ति जितना खुद को बचा सकता है, उतना ही उसके लिए अच्छा होता है. बहुत लोगों को लगता है कि तकनीक का प्रयोग कर वे आसानी से गा सकते है, लेकिन मेरे हिसाब से तकनीक का प्रयोग कर किसी की टैलेंट को अपमानित करना ठीक नहीं. तकनीक का गलत प्रयोग करना भी ठीक नहीं, टैलेंट की कद्र जितनी पहले होती थी, उतनी ही आज भी होनी चाहिए. मेहनत की वैल्यू केवल गायिकी में ही नहीं, हर क्षेत्र में है, लेकिन गलत प्रयोग करने वालों का इलाज कुछ नहीं है. इसके साथ ही सबको आगे बढ़ना है.

मनी मेकिंग डिवाइस

रियलिटी शोज अच्छा मंच देती है, लेकिन कुछ लोग रियलिटी शोज करने के बाद गायब हो जाते है या शोज करते रहते है, आप की राय इस बारें में क्या है? अन्वेषा कहती है कि मंच मिलना एक बड़ी बात होती है, आज कई लोग काफी टेलेंटेड भी है, लेकिन शोज की संख्या इतनी अधिक है कि टैलेंट को याद रखना मुश्किल हो रहा है. इतने सारे डांस रियलिटी शोज, सिंगिंग शोज है कि एक सीजन के बाद तुरंत दूसरी शोज शुरू हो जाती है, ऐसे में आज ये एक व्यवसाय हो चुका है, पहले जो प्रतिभा की खोज का एक इमानदार एप्रोच था, आज वह नहीं है. आज के रियलिटी शोज मनी मेकिंग डिवाइस हो चुके है. टैलेंट को खोजने के लिए अगर सही प्रयास है, तो उसमे समय लगता है. हर थोड़े दिन में टैलेंट तैयार नहीं होते, क्योंकि इसके लिए बहुत मेहनत, समय और लगन की जरुरत होती है. अगर इतने सारे टैलेंट है, तो वे बाद में किसी को दिखते क्यों नहीं है, म्यूजिक कंपोजर क्या उन्हें बुलाकर नए गाने देते है? ये मेरा भी प्रश्न है, जिसका उत्तर मिलना आसान नहीं.

किये काफी संघर्ष

अन्वेषा अपनी संघर्ष के बारें में कहती है कि जब मैं संगीत के क्षेत्र में मेहनत कर रही थी, तो एक गाने की ऑफर के लिए बहुत इंतज़ार करना पड़ता था. इन्टरनेट तब इतना स्ट्रोंग नहीं था. इसलिए किसी संगीतकार तक पहुंचना आसान नहीं था. आज के गायक कलाकारों के पास हर तरह की सुविधा उपलब्ध है, वे सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म पर अपनी आवाज रिकॉर्ड कर डाल सकते है. वे एक इंडिपेंडेंट सिंगर या चैनेल भी बना सकते है, जिसे संगीतकार नोटिस करते है और उन्हें काम मिलता है. सोशल मीडिया से कई बच्चे आज संगीत के क्षेत्र में आ रहे है, इन्टरनेट उनके लिए वरदान है, कई सरे कंपोजर ऐसे है जो संगीत के लिए फिल्म इंडस्ट्री पर डिपेंडेंट नहीं है, जो एक अच्छी बात है. मैंने तो अभी मेरा इंडिपेंडेंट म्यूजिक जोन शुरू किया है, जिसमे सोंग बालकनी को लोगों ने काफी पसंद किया.

बढाएं संगीत का ज्ञान

किसी गायक कलाकार को शस्त्रीय संगीत के सीखने को लेकर अन्वेषा कहती है कि कैरियर के पहले पडाव में मैंने देखा है कि शास्त्रीय संगीत की तालीम के साथ आने वाले कलाकार को एक सम्मानित दृष्टी से देखा जाता था, लेकिन समय के साथ – साथ संगीत में काफी बदलाव आया है. आज थोड़े पॉप संगीत को अधिक महत्व दिया जा रहा है और इसमें शास्त्रीय संगीत सीखना जरुरी नहीं होता, लेकिन हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत अपने आप में काफी रिच है, इसकी क़द्र भी है. इसलिए संगीत के ज्ञान को बढाने के लिए क्लासिकल संगीत को सीखना जरुरी होता है, जिसमे संगीत की सभी बारीकियों को आसानी से समझा जा सकता है.

खुद को रखे शेप में

इतने सारे टैलेंट के बीच में खुद को प्रूव कर टिके रहना कितना मुश्किल होता है? अन्वेषा कहती है कि मैं खुद को खुशनसीब समझती हूँ, क्योंकि मुझे अच्छा काम मिल रह है. उस दिशा में अभी अधिक एफर्ट नहीं लगाना नहीं पड़ता. मैं खुद को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से हेल्दी रखना चाहती हूँ. इससे किसी भी उतार – चढ़ाव को आसानी से झेला जा सकता है, नहीं तो बहुत अधिक तनाव में जीना पड़ता है. क्रिएटिव लोग अधिक सेंसेटिव होते है और बहुत जल्दी तनावग्रस्त हो जाते है. खुद को प्रेजेंटेबल रखने के लिए मैं योगा, वर्कआउट और डांस करती हूँ.

हूँ फॅमिली पर्सन

अन्वेषा का कहना है कि समय मिलने पर मैं कुछ समय तक चुप रहना पसंद करती हूँ, कुछ नहीं करती. क्योकि साइलेंस रहने से मैं खुद को आगे के लिए तरोताजा करती हूँ. उसे मैं एन्जॉय भी करती हूँ. लॉकडाउन के समय मैंने काफी पुरानी घूल जमी किताबों को निकाल कर पढ़ी थी, जो बचपन की आदत थी. मैं काम से वापस आने के बाद परिवार के साथ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्में देखना पसंद करती हूँ और पूरे दिन में एक भोजन उनके साथ करती हूँ.

सेलिब्रेट करना जरुरी

अन्वेषा त्योहारों में सेलिब्रेशन को अधिक पसंद करती है, क्योंकि इसमें सभी साथ मिलकर इसे मनाते है, जिससे व्यक्ति फिर से तरोताजा महसूस करते है. अधिकतर त्योहारों में बाहर शोज होते है, लेकिन इस बार दिवाली को परिवार के साथ मनाना पसंद है. उन्हें दिवाली पर स्वादिष्ट पकवान के साथ रंगोली बनाना बहुत पसंद है, जिसे वे खुद बनाने का प्रयास करती है.

Diwali Special: फेस्टिवल पर बनाएं ये इंस्टेंट स्वीट्स

दीवाली अपने साथ ढेर सारा काम लेकर आती है. इन दिनों जहां लोग जमकर शॉपिंग करते हैं वहीं घर की साफ सफाई और सजावट सम्बन्धी अनेकों काम भी किये जाते हैं. इसके साथ ही दीवाली मिठाइयों और भांति भांति के व्यंजनों का भी पर्व है. इतनी व्यस्तता में हम सभी चाहते हैं कि झटपट  कुछ ऐसा बना लिया जाए जो स्वादिष्ट भी हो और आसान भी. आज हम आपको ऐसी ही कुछ डिशेज बनाना बता रहे हैं जिन्हें आप घर की सामग्री से ही बड़ी आसानी से बना सकतीं हैं-

-चॉकलेटी लौकी बर्फी

कितने लोगों के लिए            8

बनने में लगने वाला समय      20 मिनट

मील टाइप                          वेज

सामग्री

लौकी                               500 ग्राम

मिल्कमेड                          1/4 टिन

घी                                     1 टीस्पून

काजू पाउडर                      1 टीस्पून

नारियल बुरादा                    1 टीस्पून

कोको पाउडर                     1 टेबलस्पून

बारीक कटे पिस्ता                1 टीस्पून

विधि

लौकी को छीलकर बीच से काट लें, अब इसके बीज वाले हिस्से को काटकर अलग करके मोटी किसनी से किस लें. अब एक नॉनस्टिक पैन में 1/2 टीस्पून घी डालकर लौकी को मध्यम आंच पर चलाते हुए पकाएं. जब लौकी नरम हो जाये तो मिल्क मेड, नारियल बुरादा और कोको पाउडर डालें और धीमी आंच पर गाढ़ा होने तक पकाएं. घी डालें और जब मिश्रण पैन में चिपकना छोड़ दे तो चिकनाई लगी ट्रे में जमाएं. कटे पिस्ता डालें और ठंडा होने पर चौकोर टुकड़ों में काटकर सर्व करें.

-गुलकंद लड्डू

कितने लोगों के लिए            6

बनने में लगने वाला समय      20 मिनट

मील टाइप                          वेज

सामग्री

नारियल बुरादा                 2 कप

गुलकंद                            2 टेबलस्पून

केसर के धागे                   8-10

इलायची पाउडर             1/4 टीस्पून

टूटी फ्रूटी                       1 टीस्पून

दूध                               1/2 टीस्पून

घी                                1 टीस्पून

विधि

केसर के धागों को पीसकर दूध में डाल दें. 15 मिनट बाद घी को छोड़कर केसर के दूध सहित समस्त सामग्री को एक साथ मिलाएं और हाथों में चिकनाई लगाकर छोटे छोटे लड्डू बनाकर मेहमानों को खिलाएं.

-पीनट बर्फी

कितने लोगों के लिए          8

बनने में लगने वाला समय     20 मिनट

मील टाइप                         वेज

सामग्री

मूंगफली के दाने             500 ग्राम

पिसी शकर                  200 ग्राम

काजू पाउडर                1 टेबलस्पून

घी                              1 टीस्पून

इलायची पाउडर            1/4 टीस्पून

सिल्वर फॉयल             1

विधि

मूंगफली के दानों को बिना घी के भून लें. अब हाथों से मसलकर इनका छिल्का उतार दें. छिल्का उतरे मूंगफली को मिक्सी में पल्स मोड पर बारीक पीस लें. एक पैन में घी डालकर पिसी मूंगफली, काजू पाउडर और शकर डाल कर लगातार चलाते हुए मिश्रण के गाढ़ा होने तक पकाएं. जब मिश्रण बीच में इकट्ठा होने लगे तो चिकनाई लगी ट्रे में जमाकर सिल्वर फॉयल लगाएं. गुनगुने में ही काटकर एयरटाइट जार में रखें.

Diwali Special: यों करें व्हाइट आईलाइनर का इस्तेमाल

आई मेकअप को मिनटों में अट्रैक्टिव लुक देने के लिए आईलाइनर से उम्दा मेकअप प्रोडक्ट और कोई नहीं. इसलिए महिलाएं अपनी खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए ब्लैक से ले कर कलरफुल आईलाइनर भी बिंदास लगाती हैं. लेकिन बात जब व्हाइट आईलाइनर यूज करने की आती है तब वे थोड़ा झिझक महसूस करती हैं. उन्हें लगता है कि व्हाइट आईलाइनर उन के लुक को बिगाड़ सकता है.

अगर आप भी कुछ ऐसी ही सोच रखती हैं तो इसे बदल दें, क्योंकि व्हाइट आईलाइनर आंखों की खूबसूरती बढ़ाने के साथ साथ आईब्रो बोन, लिप्स जैसे फेशियल फीचर को भी हाईलाइट करता है. कैसे, आइए जानते हैं.

1. ब्राइट लुक

अगर आप की आंखें छोटी हैं, तो आई मेकअप की शुरुआत पैंसिल व्हाइट आईलाइनर से करें. आंखों की निचली आईलिड पर व्हाइट आईलाइनर का सिंगल कोट लगाएं. उस के बाद (उस के ऊपर नहीं, उस के पीछे) काजल, ब्लैक या फिर दूसरे किसी कलर का आईलाइनर लगाएं. इस से आप की छोटी आंखें बड़ी नजर आएंगी.

2. विंटेज लुक

अगर आप अपने आई मेकअप को विंटेज लुक देना चाहती हैं, तो लिक्विड व्हाइट आईलाइनर को अपने वैनिटी बौक्स में खास जगह दें. पलकों पर पहले ब्लैक आईलाइनर का डबल कोट लगाएं. सूख जाने पर उस से सटा कर व्हाइट आईलाइनर का डबल कोट लगाएं. ब्लैक ऐंड व्हाइट आईलाइनर का कौंबिनेशन आप को विंटेज लुक देगा.

3. कैट लुक

कैट आई लुक के लिए पलकों पर लिक्विक ब्लैक आईलाइनर का डबल कोट लगाएं. आईलाइनर को आखिरी छोर पर ला कर ऊपर की तरफ ले जाएं. अब निचली आईलिड के सिर्फ कौर्नर पर लिक्विड व्हाइट आईलाइनर लगा कर उसे नीचे की तरफ ले जा कर मोड़ दें.

4. वी लुक

वी लुक के लिए आई कौर्नर (आगे के) पर पैंसिल व्हाइट आईलाइनर से वी का शेप बनाएं. उस के बाद ब्लैक, ब्राउन जैसा चाहे वैसा आईलाइनर लगाएं. व्हाइट आईलाइनर से आई कौर्नर को जितना नुकीला बना सकती हैं बनाएं. इस से आंखें और भी आकर्षक नजर आएंगी.

5. कूल लुक

मिस कूल नजर आना चाहती हैं तो अपने आई मेकअप को भी कूल लुक दें. इस के लिए पहले पलकों पर ब्लैक कलर का लिक्विड आईलाइनर लगाएं. उस के बाद पैंसिल शिमरी व्हाइट आईलाइनर लगा कर हलके से स्मज करें. इस से आई मेकअप को आइसी (बर्फ की तरह) इफैक्ट मिलेगा और आप कूल गर्ल नजर आएंगी.

6. ब्लैक ऐंड व्हाइट लुक

अगर आप ब्लैक ऐंड व्हाइट आउटफिट पहन रही हैं, तो उस के साथ में ब्लैक ऐंड व्हाइट ऐक्सैसरीज कैरी करने के साथसाथ आई मेकअप को भी ब्लैक ऐंड व्हाइट लुक दें. इस के लिए पलकों पर ब्लैक लिक्विड आईलाइनर और निचली आईलिड पर व्हाइट लिक्विड आईलाइनर लगाएं. आप चाहें तो ऊपर व्हाइट नीचे ब्लैक आईलाइनर भी लगा सकती हैं.

7. ड्रामैटिक लुक

पार्टी या फंक्शन में ड्रामा क्वीन का खिताब पाने के लिए सब से पहले पलकों पर ब्लैक या ब्राउन कलर का सिंगल कोट आईलाइनर लगाएं. उस के  बाद लिक्विड व्हाइट आईलाइनर लगाएं. फिर ब्लू, ग्रीन या पर्पल शेड का आईलाइनर लगा कर ग्लिटर आईलाइनर लगा लें. लोगों की निगाहें आप के आई मेकअप पर थम सी जाएंगी.

डिफरैंट आई लुक देने के साथ साथ व्हाइट आईलाइनर चेहरे की कुछ कमियों को छिपाने का भी काम करता है. चलिए जानते हैं किस तरह आप व्हाइट आईलाइनर का इस्तेमाल कर अपनी खूबसूरती में चार चांद लगा सकती हैं.

8. आईलाइनर कम आईशैडो

पैंसिल व्हाइट आईलाइनर का इस्तेमाल आप बतौर व्हाइट आईशैडो भी कर सकती हैं. अगर आप व्हाइट आईलाइनर आईशैडो की तरह लगा कर किसी भी रंग का आईशैडो उस के ऊपर लगाती हैं तो उस का शेड और भी गहरा नजर आता है और आईशैडो लंबे समय तक टिका भी रहता है.

9. प्योर शेड

जब भी ब्लू, ग्रीन, पर्पल जैसा कोई भी कलरफुल आईलाइनर लगाना हो, उस से पहले लिक्विड व्हाइट आईलाइनर लगाएं. फिर उस के ऊपर कलरफुल लिक्विड आईलाइनर लगाएं. व्हाइट बेस होने की वजह से आप को कलरफुल आईलाइनर का प्योर शेड मिलेगा.

10. हाइड डार्क सर्कल्स

अगर आप की आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स हैं तो उन्हें छिपाने के लिए पैंसिल व्हाइट आईलाइनर लगा कर उसे हलके से स्मज करते हुए फैला दें. जब आईलाइनर से डार्क  सर्कल्स पूरी तरह कवर और सैट हो जाएं, तब मेकअप की शुरुआत करें.

11. हाईलाइट आईब्रोज

अपनी आईब्रोज को हाईलाइट करने के लिए आईब्रो बोन पर पैंसिल व्हाइट आईलाइनर लगाएं. इसे अच्छी तरह स्मज करें. इस से आंखों और आईब्रोज के बीच का गैप बढ़ेगा और आईब्रोज और भी आकर्षक नजर आएंगी.

13. करैक्ट आईब्रोज

अगर आप की आईब्रोज बहुत पतली या शेप में नहीं हैं तो पैंसिल व्हाइट आईलाइनर का इस्तेमाल करते हुए आईब्रोज को करैक्ट शेप दें, फिर उन के अंदर ब्लैक या ब्राउन शेड का आईशैडो लगा कर आईब्रोज को फुलर लुक दें.

14. फुलर लिप्स

अगर आप के लिप्स पतले हैं, तो आप पैंसिल व्हाइट आईलाइनर का इस्तेमाल लिप लाइनर की तरह भी कर सकती हैं. व्हाइट आईलाइनर से पहले अपने लिप्स को परफैक्ट शेप दें. उस के बाद लिपस्टिक लगा लें. इस से आप के लिप्स को फुलर लुक मिलेगा.

Diwali Special: अंतस के दीप- दीवाली में कैसे बदली पूजा और रागिनी की जिंदगी

‘‘अरे रागिनी, 2 बज गए, घर नहीं चलना क्या? 5 बजे वापस भी तो आना है स्पैशल ड्यूटी के लिए.’’ सहकर्मी नेहा की आवाज से रागिनी की तंद्रा टूटी. दीवाली पर स्पैशल ड्यूटी लगने का औफिस और्डर हाथ में दबाए रागिनी पिछली दीवाली की काली रात के अंधेरों में भटक रही थी जो उस के मन के भीतर के अंधेरे को और भी गहरा कर रहे थे. नफरत का एक काला साया उस के भीतर पसर गया जो देखते ही देखते त्योहार की सारी खुशी, सारा उत्साह लील गया. रागिनी बुझे मन से नेहा के साथ चैंबर से बाहर निकल आई.

ऐसा नहीं है कि उसे रोशनी से नफरत है. एक वक्त था जब उसे भी दीपों का यह त्योहार बेहद पसंद था. घर में सब से छोटी और लाड़ली रागिनी नवरात्र शुरू होने के साथ ही मां के साथ दीवाली की तैयारियों में जुट जाती थी. सारे घर में साफसफाई करना, पुराना कबाड़, सालभर से इस्तेमाल नहीं हुआ सामान, छोटे पड़ चुके कपड़े और रद्दी आदि की छंटाई करना व उस के बाद घर की सजावट का नया सामान खरीदना उस का शौक था. इन सारे कामों में तुलसीबाई और पूजा भी उस का हाथ बंटाती थीं और सारा काम मजेमजे में हो जाता था.

दीवाली के सफाई प्रोजैक्ट में कई बार स्टोर में से पुराने खिलौने और कपड़े ?निकलते थे जिन्हें रागिनी और पूजा पहनपहन कर देखतीं व मां को दिखातीं, कभी टूटे हुए खिलौनों से खेल कर बीते हुए दिनों को फिर से जीतीं…मां कभी खीझतीं, कभी मुसकरातीं. कुल मिला कर हंसीखुशी के साथ घर में दीवाली के स्वागत की तैयारियां की जाती थीं.

पूजा उन की घरेलू सहायिका तुलसीबाई की एकलौती बेटी थी और दोनों मांबेटी उन के घर में ही छत पर बने छोटे से कमरे में रहती थीं. पूजा के पिता की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी. पति की मृत्यु के बाद जवान विधवा तुलसीबाई पर उन की झुग्गी बस्ती का हर पुरुष बुरी नजर रखने लगा तो उस ने रागिनी की मां शीला से उन के घर में रहने की इजाजत मांगी. शीला को वैसे भी एक फुलटाइम सहायक की जरूरत थी, सो, उन्होंने खुशीखुशी हामी भर दी. तब से इस पूरी दुनिया में रागिनी का परिवार ही उन का अपना था. पूजा रागिनी से लगभग 10 वर्ष छोटी थी. खूबसूरत गोलमटोल पूजा उसे गुडि़या सी लगती थी और गुडि़या की तरह ही सजाती, उस के बाल बनाती और उस के साथ खेला करती थी.

समय के साथ दोनों लड़कियां बड़ी हो रही थीं. रागिनी ने इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटैक की डिगरी ली और एक कंपीटिशन एग्जाम पास कर बिजली विभाग की राजकीय सेवा में आ गई. रागिनी को पहली पोस्ंिटग जैसलमेर के पास एक छोटे से कसबे फलौदी में मिली. रागिनी के मम्मीपापा उसे अपने शहर जोधपुर से इतनी दूर अकेली भेजने में संकोच कर रहे थे. तभी तुलसीबाई ने उन की मुश्किल यह कह कर आसान कर दी कि दीदी, बुरा न मानें तो छोटे मुंह बड़ी बात कहूं? आप पूजा को रागिनी बेबी के साथ भेज दीजिए. यह उन का छोटामोटा काम कर देगी, दोनों का मन भी लगा रहेगा और आप बेफिक्र भी हो जाएंगी.

हालांकि यह खयाल शीला के दिल में भी आया था मगर वह यह सोच कर चुप रह गई कि पराई बेटी की सौ जिम्मेदारियां होती हैं, कल को कोई ऊंचनीच हो गई तो क्या जवाब दूंगी तुलसी को?

और फिर रागिनी जब अपने पूरे परिवार यानी मम्मीपापा, तुलसीबाई और पूजा के साथ अपनी नौकरी जौइन करने आई तो सब को एकसाथ देख कर रागिनी के अधिकारी मुसकरा उठे. 4 दिन रैस्टहाउस में रह कर स्टाफ की मदद से औफिस के पास ही 2 कमरों का एक छोटा सा फ्लैट किराए पर ले कर रागिनी और पूजा को वहां शिफ्ट कर दिया गया. अब मम्मीपापा रागिनी की तरफ से पूरी तरह बेफिक्र थे.

रागिनी की फील्ड की जौब थी. अकसर उसे साइट्स पर दूरदूर जाना पड़ता था. कई बार तो वापसी में रात भी हो जाती थी. मगर उस के अधिकारी और स्टाफ सभी अच्छे स्वभाव के थे, इसलिए उसे कोई परेशानी नहीं होती थी. घर आते ही पूजा गरमागरम खाना बना कर उस के इंतजार में बैठी मिलती. दोनों साथसाथ खाना खातीं, रागिनी दिनभर का हाल पूजा को सुनाती, उसे दिनभर में मिलने वाले तरहतरह के लोगों के बारे में बताती और दोनों खूब हंसतीं. कुल मिला कर सबकुछ ठीकठाक चल रहा था.

4 महीने बाद रागिनी का खास त्योहार दीवाली आया. वह त्योहार पर अपने घर नहीं जा सकती थी. जिस तरह पुलिस वालों की होली पर और पोस्टमैन की रक्षाबंधन पर स्पैशल ड्यूटी लगती है उसी तरह बिजली विभाग के इंजीनियर्स की दीवाली पर स्पैशल ड्यूटी लगाई जाती है, ताकि बिजली की व्यवस्था सुचारु बनी रहे और लोग बिना व्यवधान के यह त्योहार मना सकें.

रागिनी की धनतेरस से दीवाली तक 3 दिन शाम 5 बजे से रात 12 बजे तक स्पैशल ड्यूटी लगाई गई. पहले 2 दिनों की ड्यूटी आराम से निबट गई. रागिनी की असली परीक्षा तो आज यानी दीवाली के मुख्य त्योहार के दिन ही होनी थी. वह तय समय पर अपने सबस्टेशन पहुंच गई. शाम लगभग 7 बजे फीडरों पर बिजली का लोड बढ़ने लगा. 8 बजे तक लोड स्थिर हो गया और इस बीच किसी तरह की कोई ट्रिपिंग भी नहीं आई यानी सबकुछ सामान्य था.

‘अब लोड और नहीं बढ़ेगा, मुझे एरिया का एक राउंड ले लेना चाहिए,’ यह सोचते हुए रागिनी गाड़ी ले कर राउंड पर निकली. अपनी गली के पास से गुजरते हुए अचानक पूजा का खयाल आ गया तो सोचा, ‘आ ही गई हूं तो घर में दीयाबाती करती चलूं वरना पूजा रात 12 बजे तक घर में अंधेरा किए बैठी रहेगी.’

उसे देखते ही पूजा खुश हो गई. पहली बार दोनों ने घर में दीये जलाए और थोड़ा सा कुछ खा कर रागिनी फिर से निकल पड़ी अपनी ड्यूटी पर.

अब बस, इसी तरह का शेड्यूल बन गया था हर दीवाली पर रागिनी 5 बजे ड्यूटी पर जाती और 8 बजे फिर से ड्यूटी पर चली जाती, फिर दीवाली के दूसरे दिन सप्ताहभर की छुट्टी ले कर दोनों बहनें मम्मीपापा के पास जोधपुर चली जातीं त्योहार मनाने और सालभर की थकान उतारने…

पिछले 3 सालों में काफीकुछ बदल गया था रागिनी और पूजा की लाइफ में. 2 साल पहले अचानक हार्टअटैक से तुलसीबाई की मृत्यु हो गई. पूजा अनाथ हो गई. रागिनी के मम्मीपापा ने उसे विधिवत गोद ले कर अपनी बेटी बना लिया. रागिनी तो उसे हमेशा से ही अपनी छोटी बहन सा प्यार करती थी, अब इस रिश्ते पर सामाजिक मुहर भी लग गई.

सालभर पहले रागिनी की शादी विवेक से हो गई. विवेक भी उसी की तरह विद्युत विभाग में अधिकारी था. उस की पोस्टिंग जैसलमेर में थी. शादी के बाद यह उन की पहली दीवाली थी. मगर हमेशा की तरह दोनों की ही ड्यूटी अपनेअपने सबस्टेशन पर लगी थी. इसलिए दोनों को ही अपनी पहली दीवाली साथ नहीं मना पाने का दुख था. दीवाली के अगले दिन रागिनी विवेक के पास जैसलमेर और पूजा मांपापा के पास जोधपुर चली गई. पहली बार दोनों बहनें अलगअलग बसों में सवार हो कर गई थीं.

रागिनी और उस के घर वाले सभी अब चाह रहे थे कि विवेक और उस का ट्रांसफर एक ही जगह हो जाए तो वे रागिनी की चिंता से मुक्त हो कर पूजा की शादी के बारे में सोचें. दोनों परिवारों ने बहुत कोशिश की, कई नेताओं की सिफारिश लगवाई, सरकारी नियमों का हवाला दिया और लगभग सालभर की मेहनत के बाद आखिरकार रागिनी का ट्रांसफर फलौदी से जैसलमेर हो गया. रागिनी बहुत खुश थी. अब उसे विवेक की जुदाई नहीं सहनी पड़ेगी. अब उस का परिवार पूरा हो सकेगा और पूजा की भी शादी हो जाएगी. कई तरह के सपने देखने लगी थी रागिनी.

ट्रांसफर के बाद पूजा भी रागिनी के साथ जैसलमेर आ गई. यहां विवेक को बड़ा सा सरकारी क्वार्टर मिला हुआ था. एक सहायक भी था घर के काम में मदद करने के लिए, मगर वह सिर्फ बाहर के काम ही देखता था. घर के अंदर की सारी व्यवस्था पूजा ने संभाल ली थी.

अब रागिनी यही कोशिश करती थी कि उसे देर तक घर से बाहर न रहना पड़े. वह औफिस से जल्दी घर आ कर ज्यादा से ज्यादा टाइम विवेक के साथ बिताना चाहती थी. अकसर दोनों शाम को घूमने निकल जाते थे और देररात को लौटते थे. मगर चाहे कितनी भी देर हो जाए, रात का खाना वे पूजा के साथ ही खाते थे. छुट्टी के दिन रागिनी पूजा को भी अपने साथ ले कर जाती थी. कभी पटवों की हवेली, कभी सोनार किला, कभी गढ़ीसर लेक और कभी सम के धोरों पर. तीनों खूब मस्ती करते थे. पूजा भी अधिकार से विवेक को जीजूजीजू कह कर उस से मजाक करती रहती थी. पूरा घर तीनों की हंसी से गुलजार रहता था.

देखते ही देखते फिर से दीवाली आ गई. इस बार रागिनी पूरे उल्लास से यह त्योहार मनाने वाली थी. हमेशा की तरह दोनों बहनों ने मिल कर घर की साफसफाई की, कई तरह के नए सजावटी सामान खरीद कर घर को सजाया. 2 दिन पहले दोनों ने मिल कर कई तरह की मिठाइयां व नमकीन बनाईं. नए कपड़े खरीदे गए. पूरे घर पर रंगीन रोशनी की झालरें लगाई गईं. घर के मुख्यद्वार पर इस बार पूजा ने सुंदर सी रंगोली भी बनाई थी.

हमेशा की तरह शाम 5 बजे रागिनी अपनी ड्यूटी पर निकल गई और विवेक अपनी पर. धनतेरस और छोटी दीवाली बिना किसी अड़ंगे के निकल गई. आज दीवाली का मुख्य त्योहार था. रागिनी विवेक को सरप्राइज देना चाहती थी. वह लगभग 8 बजे औफिस से निकली और सीधे मार्केट गई. ज्वैलरी के शोरूम से विवेक के लिए सोने की चेन ली जो उस ने धनतेरस पर बुक करवाई थी और घर की तरफ गाड़ी घुमा ली.

घर पहुंचने से पहले ही न जाने क्यों किसी अनहोनी की आशंका से उस का दिल बैठने लगा. घर के बाहर शगुन का एक भी दीया नहीं जलाया था आज पूजा ने. घर का दरवाजा भी अंदर से बंद है. दीवाली के दिन तो पूजा घर का दरवाजा एक मिनट के लिए भी बंद नहीं करने देती थी. कहीं उसे कुछ हो तो नहीं गया…घबराई हुई रागिनी जोरजोर से दरवाजा पीटने लगी. दरवाजा कुछ देर में खुला. खुलते ही पूजा रोती हुई रागिनी से लिपट गई.

पूजा के आंसू और विवेक का हड़बड़ाहट में अपनी पैंट पहनते हुए घर से बाहर निकलना, वहां हुए हादसे को बयान करने के लिए काफी था. पत्थर हो गई रागिनी. उस ने तुरंत पूजा का हाथ थामा और निकल गई घर से. रात दोनों ने रोतेरोते विभाग के गैस्टहाउस में बिताई और सुबह होते ही दोनों जोधपुर के लिए निकल गईं.

पीछेपीछे विवेक भी आया था माफी मांगने, मगर रागिनी को अब ऐसे व्यक्ति का साथ कतई स्वीकार नहीं था जिस ने अपनी बहन जैसी साली पर बुरी नियत रखी. मम्मीपापा ने भी उस का ही साथ दिया और दोनों का रिश्ता बनने से पहले ही टूट गया.

आज उसे विशाल बहुत याद आ रहा था जो कालेज के समय से ही उसे बेहद पसंद करता था, उस से शादी करना चाहता था. धर्म के ठेकेदारों के हिसाब से वह छोटी जाति का था, इसलिए रागिनी की हिम्मत नहीं हुई थी उस का जिक्र अपने मम्मीपापा के सामने करने की. हां, पूजा जरूर सबकुछ जानती थी, विवेक से रिश्ता जुड़ने के बाद रागिनी अपने अनकहे प्यार को दिल के एक कोने में दफन कर के सिर्फ विवेक की हो कर रह गई थी.

एक ही विभाग और एक ही शहर होने के कारण रागिनी का विवेक से सामना होना लाजिमी था. उस ने फिर से कोशिश कर के अपना ट्रांसफर फलौदी करवा लिया. पूजा ने सारा कुसूर अपना मानते हुए कभी शादी न करने का रागिनी के साथ रहने की जिद पकड़ ली. मगर रागिनी नहीं चाहती थी कि उस की बहन की जिंदगी बरबाद हो. पिछले दिनों ही एक अच्छा सा लड़का देख मांपापा ने पूजा की शादी करवा दी.

इस दीवाली रागिनी बिलकुल अकेली थी. तन से भी और मन से भी…आज दीवाली का मुख्य त्योहार है. वह बुझे मन से अपनी ड्यूटी कर रही थी. हर बार की तरह आज भी रात 8 बजे वह एरिया के राउंड पर निकली तो अभ्यस्त सी गाड़ी खुदबखुद घर की तरफ मुड़ गई. यह क्या? घर के बाहर दीये किस ने जला दिए. घर का दरवाजा भी खुला हुआ था. दरवाजे पर खड़ी रागिनी पसोपेश में थी, तभी किसी ने पीछे से आ कर उसे बाहों में भर लिया, ‘‘दीवाली मुबारक हो, दीदी.’’

‘‘अरे, पूजा, तुम यहां? आने की खबर तो दी होती. मैं स्टेशन पर गाड़ी भेज देती.’’

‘‘तब यह खुशी कहां देखने को मिलती हमें, दीदी जो अभी आप के चेहरे पर दिखी है,’’ पूजा ने उस का चेहरा अपनी हथेलियों में थामते हुए कहा. पूजा के पति ने झुक कर रागिनी के पांव छू लिए.

‘‘और हां, हम सब ने तय किया है कि अब से आने वाली हर दीवाली हम सब साथसाथ मनाएंगे हमेशा की तरह, पूजा फिर से अपनी बहन से लिपट गई.’’

‘‘अरे भई, और भी बहुत से लोग आए हैं.’’ पीछे से मांपापा की आवाज आई तो रागिनी ने मुड़ कर देखा. मां के पीछे खड़ा विशाल शरारत से मुसकरा रहा था. मां ने रागिनी का हाथ विशाल के हाथ में थमाते हुए कहा, ‘‘हमें पूजा ने सबकुछ बता दिया है. तुम दोनों को दीवाली बहुतबहुत मुबारक हो.’’ यह सुन कर रागिनी की पलकें शर्म से झुक गईं.

घरों की मुंडेरों और छज्जों पर जगमगाते दीपकों के साथ रागिनी के भीतर भी खुशी की लौ झिलमिलाने लगी.

‘‘चलो, चलो, जल्दी से खाना लगा लें, फिर आतिशबाजी करेंगे. दीदी को वापस ड्यूटी पर भी तो जाना है,’’ पूजा ने कहा तो सब मुसकरा उठे. रागिनी मां के कंधे पर सिर टिकाए घर के भीतर चल दी. सब से पीछे चल रहे पापा ने सब की नजर बचा कर अपने आंसू पोंछ लिए.

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