इन दिनों बाजार में आमों की भरमार है एक तरफ जहां पके आमों की विविध वेरायटी उपलब्ध है तो इन्हीं दिनों देशी कच्चे आम जिन्हें कैरी भी कहा जाता है भी खूब मिल रहे हैं. इन दिनों जो कैरी आती है वह अचार के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है. आम का अचार एकमात्र ऐसा अचार है जो प्रत्येक घर में रुचिपूर्वक खाया जाता है. प्रस्तुत हैं आम के अचार की कुछ विधियां और कुछ टिप्स जिन्हें ध्यान रखने से वर्ष भर तक आपका अचार खराब नहीं होगा-
अचार रखते समय ध्यान रखने योग्य बातें
-अचार के लिए आम सदैव ताजे, बिना दाग धब्बे वाले और कच्चे ही लें, पिलपिले और दगीले आम का अचार अधिक दिनों तक नहीं चलता.
-यदि आप मीठा अचार बना रहीं हैं तो कलमी आम का प्रयोग करें क्योंकि इनका स्वाद मिठास वाला होता है जिससे शकर की मात्रा कम लगती है.
-अचार रखने के लिए एकदम सूखे कांच के जार का प्रयोग करें.
-1 किलो आम के अचार में 2 टेबलस्पून वेनेगर या सिरका अवश्य मिलाएं इससे आपका अचार खराब नहीं होगा.
-आम के अचार में यदि मैथीदाना, मूंगफली दाना और चने का प्रयोग कर रहीं हैं तो इन्हें पहले पानी में भिगोकर फुला लें फिर साफ सूती कपड़े पर रातभर सुखाकर अचार में मिलाएं.
-जारी सहित अचार डालने की अपेक्षा आप जारी के ऊपरी हिस्से को छिल्के सहित छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें फिर अचार डालें इससे अचार का मसाला और तेल कम लगेगा साथ ही अचार की वेस्टेज भी नहीं होगी.
-यदि आपके घर में छोटे बच्चे हैं तो आम को किसकर चटनी अचार डालें ताकि आप जरूरत के अनुसार ही बच्चों को अचार दे सकें.
-अचार में तेल इतना डालें कि अचार पूरी तरह तेल में डूबा रहे अन्यथा अचार के खराब होने की सम्भावना रहती है.
-अचार बनाने के लिए सदैव सरसों के तेल का ही प्रयोग करें.
1.सलोनी अचार
सामग्री
बिना जारी की छोटी कैरी 500 ग्राम,
नमक 1 टी स्पून,
हल्दी 1/4 टी स्पून,
लाल मिर्च पाउडर 1 टी स्पून,
दरदरी सौंफ 1 टी स्पून,
राई की दाल 1 टी स्पून,
सरसों की दाल 1 टी स्पून,
सरसों का तेल 1/2 लीटर,
हींग चुटकी भर,
कश्मीरी लाल मिर्च 1 टी स्पून,
मैथी दाना 1/4 टी स्पून
विधि-
कैरी को छीलकर हल्दी नमक लगाकर कांच के जार में भरकर जार के मुंह को कपड़े से बांध दें और इसे दो दिन तक धूप में रखें. सरसों के तेल को अच्छी तरह गर्म कर लें. जब तेल गुनगुना सा रहे तो उसमें मैंथी दाना और हींग डालकर भूनें और गैस बंद कर दें फिर एक एक करके सभी मसाले डाल दें. अच्छी तरह चलाकर ठंडा होने दें. अब कैरी में तैयार मसाले को मिलाकर पुनः कांच के जार में भरकर धूप में रखें. एक सप्ताह बाद प्रयोग करें.
2.हींगला
सामग्री
कच्ची कैरी 500 ग्राम
काला नमक 1 टी स्पून
हींग 1/ टी स्पून
लाल मिर्च पाउडर 1 टी स्पून
विधि-कैरी को धो छीलकर छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें. कटी कैरी में नमक, हींग और लाल मिर्च मिलाएं. कांच के जार में भरकर दो तीन दिन धूप में रखकर प्रयोग करें. यह अचार हाजमे के लिए बहुत लाभकारी होता है.
3.आम का नवरत्न अचार
सामग्री
कलमी कच्चे आम 1 किलो
शकर 1 किलो
गुड़ 500 ग्राम
दरदरी काली मिर्च 10
लौंग 6
बड़ी इलायची 4
दालचीनी 1 इंच
बारीक कटी मेवा 1 कटोरी
मगज के बीज 1 टेबल स्पून
कटा खोपरा 1 टेबल स्पून
घी 1 टी स्पून
विधि-
आम को छीलकर मोटी किसनी से किस लें. गर्म घी में काली मिर्च, बड़ी इलायची, दालचीनी, लौंग, डालकर भून लें और किसे आम डालकर ढक दें धीमी आंच पर 2-3 मिनट तक पकाएं. अब शकर और गुड़ डालकर पुनः धीमी आंच पर ही शकर के पूरी तरह घुलने तक पकाएं. मेवा, मगज और कटा नारियल डालकर गैस बंद कर दें। ठंडा होने पर जार में भरकर प्रयोग करें.
4.आम का छुंदा
सामग्री
कच्चे आम 1 किलो ग्राम
काला नमक 1 टी स्पून
गुड़ 50 ग्राम
लाल मिर्च पाउडर 1 टी स्पून
कलौंजी 1/4 टी स्पून
विधि-
आम को धोकर छील लें. सूती कपड़े से पोंछकर किस लें. गर्म कड़ाही में डालकर नमक डाल दें. 5 मिनट तक धीमी आंच पर हल्का सा गलने तक पकाएं. अब किसा गुड़, लाल मिर्च पाउडर मिलाकर कांच के जार में भरें. एक सप्ताह तक धूप में रखकर प्रयोग करें.
5.आम और मैथीदाना का अचार
सामग्री
कच्चे आम 500 ग्राम
मैथी दाना 100 ग्राम
हल्दी पाउडर 1 टी स्पून
लाल मिर्च पाउडर 1 टी स्पून दरदरी
सोैंफ 1 टी स्पून
राई और सरसों की दाल 1 टेबल स्पून
नमक 1 टेबल स्पून,
सरसों का तेल 1/2 लीटर
विधि-
आम को धोकर छील लें और लंबे टुकड़ों में काट लें. नमक और हल्दी लगाकर 12 घंटे रखा रहने दें. मैथी को भी 1 कप पानी में भिगो दें. दूसरे दिन मैथी दाना को छानकर नमक हल्दी वाले आम में मिलाकर पुनः 12 घंटे के लिए रख दें. अगले दिन तेल को गर्म करें जब धुआं निकलने लगे तो गैस बंद कर दें. गुनगुने तेल में समस्त मसाले डालकर चलाएं जब मसाला ठंडा हो जाए तो कच्चे आम और मैथी दाना मिलाएं. कांच के जार में भरकर एक सप्ताह तक धूप में रखकर प्रयोग करें.