क्या हंसने को व्यायाम के रूप में देखना सचमुच विवेकपूर्ण है?

सवाल-

मेरे पति और मैं रोजाना सुबह पास के पार्क में घूमने जाते हैं. वहां हर दिन हमारा कुछ ऐसे लोगों से सामना होता है, जो सामूहिक रूप से कई मिनटों तक खूब जोरजोर से हंसते हैं. मुझे उन का यह बनावटी हंसना कुछ समझ में नहीं आता, पर मेरी एक मित्र का कहना है कि यह हास्य योग है जो स्वास्थ्य के नजरिए से बेहद लाभकारी सिद्ध होता है. क्या यह सोच वैज्ञानिक है? क्या हंसने को व्यायाम के रूप में देखना सचमुच विवेकपूर्ण है?

जवाब-

यह बात बिलकुल सच है कि हंसना स्वास्थ्य के लिए हर लिहाज से बहुत अच्छा है. हास्य योग की सोच सदियों से जीवित है. समाज में इसी सोच के अंतर्गत लाफ्टर थेरैपी की बात कही गई है और आधुनिक वैज्ञानिक शोध से भी हंसने के शरीर और मन पर पड़ने वाले सद्प्र्रभावों की पुष्टि हो गई है.

भौतिक स्तर पर हंसना एक भरपूर व्यायाम है. उस से छाती, पेट और हाथों की पेशियों की कसरत तो होती ही है, दिल, फेफड़ों और रक्तसंचार व्यवस्था का भी खूब अच्छा व्यायाम हो जाता है. दिल और संचरण की गति तेज हो जाती है और सांस नलियों में कहीं बलगम हो तो वह बाहर आ जाता है. यह मन के लिए भी बहुत अच्छा टौनिक है. खुल कर हंस लेने से आदमी जीवन की नीरसता, एकाकीपन, तनाव, अवसाद और थकान से भी छुटकारा पाता है.

इतना ही नहीं शोध चिकित्सकों ने हंसने के उपयोगी गुणों का जैव रासायनिक आधार भी तलाश किया है. पाया गया है कि हंसने से मस्तिष्क में अनेक महत्त्वपूर्ण जैव रसायन उत्पन्न होते हैं. उन में स्ट्रैस में काम आने वाले कुछ प्राकृतिक पीड़ाहारी जैव रसायन प्रमुख हैं.

बात यहीं खत्म नहीं हो जाती. हंसने के बहुपयोगी गुणों को देखते हुए आधुनिक चिकित्सा में हास्य का प्रयोग रोगोपचार औषध के रूप में होने लगा है. बीते कई दशकों से लाफ्टर थेरैपी अमेरिका में कई अस्पतालों में उपचार का अंग बनी हुई है.

स्वस्थ बने रहने के लिए आप और आप के पति भी लाफ्टर थेरैपी क्लब के सदस्य बनें और खूब हंसें. इस से सस्ती, अच्छी चिकित्सा भला और क्या हो सकती है.

  -डा. यतीश अग्रवाल 

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#coronavirus: घर पर रहकर करें नियमित व्यायाम

कोरोना के दिनों दिनों बढ़ते केसेज और इसे पेंडेमिक रोग के तौर पर घोषित किये जाने से पूरे विश्व में इंडस्ट्री, वर्क प्लेस, जिम, स्कूल कॉलेज, फिटनेस के सभी सेंटर्स आदि सब इस महीने के अंत तक बंद है,ऐसे में यूथ और फिटनेस फ्रीक सभी को सबसे अधिक समस्या आ रही है. वे घर में कैद होकर अपने आप को रेस्टलेस फील कररहे है. ये सही है कि सरकार इसे कम्युनिटी में फैलने नहीं देना चाहती, इसलिए हर संभव प्रयास की जा रही है,ताकि अधिक से अधिक लोग घर में रहकर इस रोग को फैलने से रोके . इस बारें में फिटरनिटी कीसीनियर वाईस प्रेसिडेंटधारा तन्ना कहती है कि जिममेम्बेर्स और अपने कर्मचारियों की फिटनेस को लेकर मैं बहुत जागरूक है, इसलिए कुछ जिम ओपरेटर्स, इन्टरनेट के ज़रिये अपने ट्रेनर को शिक्षित कर रहे है और ये ट्रेनर ऑनलाइन के ज़रिये सबकी फिटनेस को बनाये रखने में समर्थ हो रहे है. उनके  कुछ  सुझाव निम्न है,

 1. सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए और जब तक सबकुछ नार्मल नहीं हो जाता तब तक हेल्थ और फिटनेस सेंटर्स ने वीडियो कॉल और वर्चुअल वर्कआउट के द्वारा उन्हें फिट रखने की कोशिश कर रहे है, इतना ही नहीं इनमें ऑनलाइन फ्री वर्कआउट सुझाव, स्काइप के द्वारा वन एन वन पर्सनल ट्रेनिंग और फ्री फिटनेस एप भी शामिल है.

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2. मेम्बरशिपएकाउंट को अभी फ्रीज कर दिया गया है ताकि सोशल डिस्टेंस बनी रहे और उन्हें कुछ पैसे देने की भी अब जरुरत नहीं, जब सब नार्मल हो जायेगा, वे जिम में आ सकते है, तब उनके दिए गए पैसे तबसे लागू होंगे,उन्हें घबराने की जरुरत नहीं, वे घर पर रहकर अपनी फिटनेस को बनाये रख सकते है,

3. जब आप आइसोलेशन रूम में है औरअधिक से अधिक समय सोशल मीडिया पर एक्टिव है, ऐसे में फ्री फिटनेस गाइड को फोलो करें, जो हर जिम सेंटर ने निकाले है,इसमें हर वर्कआउट के सही तरीके को पूरी पिक्चर और मूवमेंट के साथ दिखाया गया है,इसकेअलावा कुछ जिम ट्रेनर ने बहुत ही कम दाम मेंऑनलाइन प्रोग्राम और फिटनेस के तरीके कोभी शामिल किये है.

4. कुछ वर्कआउट जिन्हें कर आप फिट रह सकते है, मसलनपुश अप और कार्डियो एक्सरसाइज करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढेगा और आप फिट रहेंगे,

5. इसके अलावा नियमित प्राणायाम और सूर्यनमस्कार भी फिटनेस के लिए काफी फायदेमंद होता है, नियमित तरल पदार्थ का सेवन अवश्य करें, अच्छी संतुलित भोजन करें और घर पर रहकर अपने शिड्यूल का पालन करें.

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6. ये सही है कि बाहर खुले में जाकर फिटनेस की प्रैक्टिस करना सबसे अधिक अच्छा होता है, लेकिन जब समस्या ऐसी हो और आपको घर पर कैद में रहना है तो घबराएं नहीं,बल्किबताये गए तरीके से अपने आपको फिट और स्वस्थ रखें.

5 टिप्स: मौर्निंग एक्सरसाइज करना न भूलें

आज की भागती दौड़ती और अस्वस्थ जीवनशैली को अगर व्यवस्थित करना चाहते हैं तो सुबह-सुबह एक्सरसाइज करें. आपको तमाम बीमारियों से सुरक्षा तो मिलेगी ही  साथ ही साथ आपकी बौडी फिटनेस भी मेंटेन रहेगी. जिन लोगों के पास जिम जाने का टाइम नहीं  और वो अपने बॉडी की फिटनेस बनाए रखना चाहते हैं, तो  आज हम उनके लिए कुछ ऐसी एक्सरसाइज  बताने जा रहे हैं, जिन्हें करने के लिए ज्यादा वक्त नहीं लगेगा और  लाभ जिम में घंटों पसीना बहाकर मिलने वाले लाभ के बराबर होगा.

1. स्केट्स करें ट्राय

अपनी हार्टबीट, ब्लड सरकुलेशन और मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने के लिए यह एक्सरसाइज बेस्ट है.  इस व्यायाम को करने के लिए सबसे पहले आप सीधे खड़े हो जाएं. अब अपने दोनों पैरों को थोड़ा फैलाकर हाथों को सामने की तरफ करके थोड़ा झुकिए और फिर खड़े हो जाइए. यही क्रिया कम से कम दस बार दोहराइए.

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2. टहलना है जरूरी

अगर आप ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या कोलेस्ट्रौल के पेशेंट है, तो आपके लिए रोज सुबह उठने के बाद तेज कदमों वाली चाल से चलना, यानी स्पीड वॉक करना फायदेमंद है. टहलने से केवल आपमें सक्रियता ही नहीं आती भोजन करने के बाद हमें जो आलस महसूस होता है, उससे भी निजात मिलती है.

3. रस्सी कूदना

अगर आप पूरे शरीर की एक अच्छी कसरत जानना चाहते हैं तो रस्सी कूदनाा सबसे वेदर और स्वास्थ्यवर्धक एक्सरसाइज है रोजाना 20 मिनट रस्सी कूदने से लगभग 200 कैलोरी तक बर्न की जा सकती है. इससे पूरे शरीर में ब्लड सरकुलेशन दुरूस्त होता है. अगर आप रस्सी नहीं कूदना चाहते तो आप एक ही जगह पर कई बार उछलकर भी यह व्यायाम कर सकते हैं.

4. साइकिल चलाना

साइकिलिंग भी अपने आप में पूरे शरीर का व्यायाम है इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और ब्लड सरकुलेशन सुचारू रूप से होता है. इससे  मांसपेशियां मजबूत होती हैं, और शरीर की ऊर्जा बढ़ती है. तेजी से वजन  कम करने में सहायक  है. कम दूरी वाली जगह पर साइकिल से जाना स्वास्थ्यवर्धक और पर्यावरण की दृष्टि से भी अच्छा है.

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5. इन बातों का भी रखें ध्यान

स्किन को खूबसूरत और जवान बनाए रखने में सबसे प्रभावकारी उपाय एक्सरसाइज ही है. क्योंकि करने  रक्तसंचार तेज होता है, जिससे स्किन पर तेज और चमक बढ़ जाती है, और स्किन स्वस्थ व जवां नजर आती है. साथ ही नियमित एक्सरसाइज से रक्त में कोलेस्ट्रौल के स्तर कम होता है .कसरत हानिकारक कोलेस्ट्रौल को कम कर एचडीएल कोलेस्ट्रौल या गुड कोलेस्ट्रौल को बढ़ाने में मदद करती है. इससे हृदय अधि‍क मात्रा में ब्लड पंप करता है, और हम अधि‍क मात्रा में औक्सीजन ले पाते हैं.

शाम के वक्त करेंगी ये वर्कआउट तो हमेशा रहेंगी फिट

कामकाजी लोगों के लिए सुबह-सुबह वर्कआउट करना या जिम जाना थोड़ा परेशानी का कारण होता है. क्‍या आपने कभी सोचा है कि शाम के समय वर्कआउट करने के भी कुछ फायदे हो सकते हैं? इसलिए हम लाए हैं आपके लिए कुछ कसरतें जिन्हें आप शाम के समय भी आसानी से कर सकते हैं और इनको करने से उतना ही लाभ मिलेगा जितना सुबह की कसरत से मिलता है. असल में शाम के समय बौडी पहले से ही वार्मअप होती है और औफिस जाने की टेंशन भी नहीं रहती. इसलिए शाम को कसरत करने से अच्छी नींद आती है और स्ट्रेस दूर होता है.और सबसे बड़ी बात कि यह आपका अपना समय है आप इसमें आसानी से वर्कआउट कर सकते हैं. आइए जानते हैं शाम को की जा सकने वाली एक्सरसाइज के बारे में–

1. बौल एक्सरसाइज

नाम जरूर फनी है लेकिन फायदे बहुत हैं. इस एक्सरसाइज से बेली फैट कम  होता है. इसे करने के लिए जमीन पर पीठ के बल  सीधा लेट कर एक्सरसाइज वाली बौल को हाथों में लेकर अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं. इसके बाद अपने हाथों से बौल को अपने पैरों में पकड़ाएं . फिर पैरों को नीचे ले जाकर दुबारा बौल को लेकर ऊपर आएं. और बाल को दुबारा हाथों में पकाड़ाएं. इस प्रक्रिया को लगातार 10 से 12 बार करना फायदेमंद है.

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2. क्लासिक एक्सरसाइज है अच्छा औप्शन

अगर पेट की मसल्स में कसाव और उसको टोन करना चाहते हैं तो  स्टेबिलिटी बौल एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए. बौल को कमर के नीचे रखें. हाथ और कोहनी से टिके रहने के लिए सपोर्ट बनाए रखें. अब पैर की अंगुलियों को थोड़ा खींचे और कमर से नीचे वाले भाग को जमीन की तरफ ले जाएं. बौडी को को इस आकार में लाएं कि बौडी सिर से लेकर एड़ी तक लाइन में आ जाए. इस स्थिति में तीस से साठ सेकंड तक बनी रहें. अब इस एक्सरसाइज को दायीं और बाई तरफ भी दोहराएं.

3. फ्लैट बैली क्रंच एक्सरसाइज

क्रंच एक बेहतरीन एक्सरसाइज है फ्लैट बैली के लिए इस क्रम को अपनाकर आसानी से पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है, लेकिन इसके साथ आपको कार्डियो एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए. साथ ही ज्यादातर जिम में कैप्टन्स चेयर होती है. इसका इस्तेमाल करें. रोज 12-16 रिपीटेशन के 1-2 सेट करें. बहुत जल्द असर नजर आने लगेगा.

4. कसरत छोड़ने के नुकसान

मांसपेशियों की शक्ति कम होने लगती है लचीलापन भी घटने लगता है साथ ही बौडी की फिटनेस पर भी प्रभाव पड़ता है और पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है.

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5. जरूरी बात का रखें ध्यान

भोजन के तुरंत बाद किसी भी प्रकार की कसरत ना करें. अगर आप की तबीयत सही नहीं है ,आप को बुखार है या जोड़ों में दर्द है या गठिया की कोई प्रौब्लम है, तब भी आपको कसरत नहीं करनी चाहिए. कसरत करते समय पंखा हल्का या बंद होना चाहिए.

4 टिप्स: ऐसे घटाएं बैली फैट

बढ़ती कमर सेहत और फिगर दोनों को खराब करती है. बैली फैट के बढ़ने का कारण है कोर्टिसोल का असंतुलित होना. अगर आप के शरीर में कोई बीमारी होती है, तो यही हारमोन है जो बीमारी को और फिर आप के इम्यून सिस्टम को इतना बढ़ा देता है कि आप का शरीर उस बीमारी से लड़ कर उसे जड़ से खत्म कर सके. मगर जब आप स्टै्रस में होते हैं तो यही हारमोन आप के लिए मुसीबत बन जाता है. ज्यादा और लगातार स्ट्रैस लेने से कोर्टिसोल बहुत ज्यादा मात्रा में और ज्यादा समय के लिए रिलीज होने लगता है, जिस की वजह से बहुत सी बीमारियां तो होती ही हैं, साथ ही यह हारमोन फैट को भी बढ़ाने लगता है व शरीर के हिस्सों में फैट को जमाने लगता है, जिस की वजह से बैली फैट या वजन बढ़ता है. कोर्टिसोल को बैलेंस रखने के लिए आप को कार्डिओ एक्सरसाइज  करनी चाहिए और खानपान पर भी ध्यान देना चाहिए. इस से आप अपना बैली फैट कम कर पाएंगी और साथ ही वजन भी. पेश हैं, कुछ सुझाव जो बैली फैट कम करने में सहायक होंगे:

  1. अच्छी नींद है जरूरी

अच्छी नींद लेने से बढ़ा कोर्टिसोल लैवल बैलेंस होता है, क्योंकि उस समय शरीर और दिमाग दोनों ही आराम की अवस्था में होते हैं. अच्छी नींद का मतलब 8 से 12 घंटे की नींद नहीं. बस 6 घंटे की नींद पर्याप्त है, जिस में कि आप सोने से पहले मन में किसी भी तरह का विचार न करें, बस सोते समय सांस पर ध्यान देना है.

साउंड स्लीप का मतलब बीच में बारबार न उठना. एक बार सोएं तो सीधे 5-6 घंटे की नींद ले कर ही उठें. अच्छी नींद के लिए सोने से पहले कम से कम 3 घंटे पहले भोजन करें. हलका भोजन करें और सोने से 2-3 घंटे पहले पानी या कोई लिक्विड ड्रिंक न लें. सिर्फ सोते समय 2-3 घूंट पानी पीएं ताकि आप को रात को वाशरूम जाने के लिए उठना न पड़े. अगर आप इन आदतों को अपनाते हैं तो आप का कोर्टिसोल लैवल कम होने लगेगा और बैली फैट भी कम होने लगेगा.

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  1. मैट एक्सरसाइज क्रंचेज करें

रिवर्स क्रंच करने के लिए पीठ के बल लेट दोनों हाथों को सिर के नीचे रखें. अब बौडी के ऊपरी और निचले हिस्से को एकसाथ ऊपर उठाएं और कुछ देर रुकने के बाद वापस आएं. नीचे से ऊपर जाते वक्त सांस अंदर खीचें, फिर बाहर निकालें. क्रंचेज में ही और बहुत से वैरिएशंस हैं जैसे बाल क्रंच, 90 डिग्री लैग क्रंच, फिगर 4 क्रंच, इत्यादि. ये सभी एक्सरसाइज  हमारे लोअर, मेनली, मिडल और ऐब्स के फैट को कम करने के लिए बहुत ही इफैक्टिव हैं.

इतनी हो लैग रेंज

60 डिग्री लैग रेंज

इस एक्सरसाइज  को करने के लिए आप किसी समतल जगह मैट पर लेट जाएं और अपनी दोनों लैग्स को एकसाथ 60 डिग्री के ऐंगल में उठाएं. आप के दोनों हाथ साइड में हिप्स के पास होने चाहिए. लैग ऊपर की ओर लाते हुए सांस को बाहर छोड़ना है. लैग को सीधा ही रखना है. मतलब नी को मोड़ते हुए एक्सरसाइज नहीं करनी है.

साइड बैंडिंग एक्सरसाइज है बेस्ट

बेसिक साइड बैंड से आप की साइड्स का फैट तो जाता ही है, साथ ही यह आप के बैली फैट को भी कम करने में हैल्प करती है. इस एक्सरसाइज  को करने के लिए दोनों पैरों को शोल्डर लैंथ जितना ओपन कर लीजिए और दोनों हाथ साइड में ही रहें. आप हाथ में डंबल्स या वेट प्लेट्स भी ले सकती हैं. फिर राइट से लैफ्ट की तरफ आप को झुकना है, ध्यान रहे बौडी को सीधा ही रखना है.

  1. कार्डिओ एक्सरसाइज करना है जरूरी

सिर्फ मैट एक्सरसाइज  ही नहीं, साथ में कार्डिओ वर्कआउट करना भी जरूरी है. ये सभी एक्सरसाइज  अपने घर, रूम, जिम, पार्क में भी कर सकती हैं. इन्हें करने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती. कार्डियो वर्कआउट में आप लो हाई ऐरोबिक्स, डांस फिटनैस, फंक्शनल टे्रनिंग, हाई इंटैंसिटी कार्डिओ वर्कआउट, सर्किट ट्रेनिंग, स्टैप ऐरोबिक्स इत्यादि शामिल कर सकती हैं.

हाई नीज

हाई नीज एक कार्डिओ वर्कआउट है. इस में आप को एक जगह पर खड़े रह कर बौडी को सीधा रख कर अपनी नीज को 90 डिग्री के ऐंगल में बना कर वन बाई वन ऊपरनीचे करना होता है. इस एक्सरसाइज  को आप स्लो से फास्ट मोशन और जंप कर के भी कर सकती हैं.

स्पौट रन

इस एक्सरसाइज  में किसी लंबे ट्रैक पर जा कर रनिंग करने की जरूरत नहीं है. आप को एक ही जगह खड़े हो कर अपने पैरों को वन बाई वन जल्दीजल्दी चलाना है और अपनी नीज को हलका सा बैंड और बौडी को भी हलका सा आगे की ओर झुकाना है ताकि टमी पर ज्यादा असर पड़े.

जंपिंग जैक्स

इस एक्सरसाइज  में आप को दोनों पैर मिला कर ताड़ासन की स्थिति में खड़ा होना है और फिर जंप करते हुए पैरों और हाथों को खोलना है पर शोल्डर लैंथ से थोड़ा बाहर की और खुलेंगे और हाथ ही सोल्डर्स या आप के सिर तक सीधे ऊपर जाएंगे. इसे लगातार करते रहना है.

  1. बैली फैट कम करने के लिए जरूरी है डाइट

बैली फैट को कम करने के लिए वर्कआउट के साथसाथ अपनी डाइट में भी बदलाव करना बहुत जरूरी है. बैली फैट को कम करने के लिए अपनी डाइट में प्रोटीन शामिल करें. प्रोटीन लेने से भूख कम लगती है और आप कुछ भी ऊटपटांग खाने से बचते हैं, क्योंकि जब भूख लगती है तो जो भी मिलता है हैल्दी या अनहैल्दी आप बिना सोचेसमझे खा लेते हैं, जिस की वजह से वजन और बैली या ओवरआल बौडी का फैट बढ़ता रहता है.

आप व्हे प्रोटीन ले सकती हैं, क्योंकि इस में बायोलौजिकल वैल्यू बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो हमारी बौडी में न्यूट्रिशंस को जल्दी औब्जर्व करती है. अपनी डाइट में नट्स और सीड्स शामिल करें. पनीर, टोफू, सोयाबीन चंक्स, खाने से लंबे समय तक पेट के भरे रहने से पेट की चरबी कम होती है.

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रौ वैजिटेबल्स ऐंड फ्रूट्स

खाने से आधा घंटा पहले रौ वैजिटेबल्स की प्लेट तैयार कर लें और पेट भर कर खाए, जिस में आप टमाटर, खीरा, ककड़ी, प्याज, गाजर, पुदीना, धनिया, नीबू इत्यादि ऐड कर सकती हैं. ऐसा करने से खाने में धीरेधीरे 1 रोटी खाना कम कर दें, जिस से आप ओवरईटिंग से बचेंगी हैं और बैली फैट कम होने लगेगा. आप सेब, अमरूद, तरबूज, पपीता, अनन्नास जरूर खाएं.

अपने बैली फैट को कम करने के लिए ब्रेकफास्ट जरूर करें, क्योंकि ब्रेकफास्ट करने से पूरे दिन की ऐनर्जी बनती है. आप अगर अच्छा ब्रेकफास्ट करते हैं मतलब हैल्दी जैसे पोहा, नट्स और सीड्स, रोटी और दाल, ब्रैड सैंडविच, मिल्क या जूस तो आप का पेट मौर्निंग में ही भरा रहता है और आप दिन में ओवरईटिंग से बचते हैं, जो बैली फैट को कम करने में मदद करता है. ब्रेकफास्ट करने से स्ट्रैस लैवल भी कम रहता है. फाइबर रिच फूड्स का इन्टेक बढ़ाना चाहिए.

– शक्ति- गुडवेज फिटनेस की फिटनेस एक्सपर्ट

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कार्डियो एक्सरसाइज से रखें खुद को फिट

आजकल की भाग-दौड़ वाली जिंदगी में खुद के लिए समय निकालना बहुत ही मुश्किल होता है. खासकर आप जब सोच रहे हो कि आपको एक्सरसाइज के लिए समय निकालना हो. इसीलिए आप जब कई बार योजना बनाते हैं रोजाना जिम जाकर जमकर वर्कआउट करने कि तो वो योजना कभी पूरी नही हो पाती और आप मायूस हो जाते है. लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे एक्सरसाइज के बारे में बताएंगे जिससे की आप घर बैठे अपने आपको फिट रख सकते हैं. ये सभी एक्सरसाइज आप घर बैठे बिना किसी मशीन के आसानी से कर सकते है. खुद को फिट रखने के साथ ही शरीर को मेनटेन करने के लिए कार्डियो एक्सरसाइज बेस्ट तरीका है. इसे करने से कैलोरी तो बर्न होती है साथ ही ये आपके मेटाबॉलिज्म में भी सुधार लाता है.

1. सबसे अच्छा है रनिंग करना

रनिंग शरीर को फिट रखने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे किसी भी व्यक्ति का स्टैमिना अच्छा हो जाता है. इसके साथ ही रनिंग से पैरों की हड्डियों से जुड़ी परेशानीयों भी दूर होती है.

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2. रस्सी कूदना है अच्छा औप्शन

रस्सी कूदना कार्डियो का सबसे बेहतर तरीका माना जाता है. यह न सिर्फ आपके दिल की सेहत को मजबूत रखेगा बल्कि शरीर में खून के प्रवाह को भी सुधारेगा. इसके साथ ही रस्सी कूदने से पैरों को मजबूती मिलेगी और बैलेंस सुधरेगा.

3. एक्सरसाइज के लिए परफेक्ट है डांसिंग

ये खासकर उन लोगों के लिए है जिन्हें एक्सरसाइज करना बिल्कुल पसंद ना हो पर डांस करना अच्छा लगता हो. इसके लिए सिर्फ एक अपना मनपसंद गाना बजाए और जमकर एक या दो घंटे टे तक डांस करें. डांस करने से व्यक्ति का स्टैमिना बढ़ता है साथ ही ब्लड सर्कुलेशन सुधारने, मसल्स को मजबूत बनाने और लंग्स मजबूत करने में मदद मिलती है. डांस करने वाले व्यक्ति को दिल की बीमारी होने का कम खतरा होता है.

4. लंग्स की मजबूती के लिए साइकलिंग

कार्डियो के इस तरीके से लंग्स को मजबूती मिलती है और शरीर में बेहतर तरीकें से औक्सिजन जाती है. इके साथ ही साइकलिंग से पैरों के मसल्स मजबूत होते है जिससे उम्र के साथ पैरों में होने वाली कमजोरी की शिकायत नही होती.

5. सीढ़ियां चढ़ना-उतरना है अच्छी एक्सरसाइज

ये उन लोगों के लिए है जिन लोगों के पास कम समय होता है अपने लिए. इसे आप अपना काम करते बक्त भी कर सकते है साथ ही इसके लिए आपको बाहर जाने की जरूरत नही पड़ती. इससे आप घर में ही अगर सीढ़ियां है और अगर आप रोज इन्हें 15 से 20 मिनट चढ़ें या उतरें तो आपका वर्कआउट हो जाएगा.

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6. जंपिंग जैक करें ट्राय

जंपिंग जैक एक्सरसाइज करने से भारी मात्रा में कैलोरी बर्न होता है. साथ ही इसे करने से पेट और व्यक्ति के शरीर को सही शेप मिलती है.

7. बौडी को फ्रेश रखने के लिए बेस्ट है सूर्य नमस्कार

कार्डियो एक्सरसाइज में सूर्य नमस्कार को सबसे बेहतर माना जाए सेहत के लिए तो गलत नही होगा. यह अकेला ऐसा एक्सरसाइज है, जो पूरे शरीर को चुस्त-दुरस्त रखने में मदद करती है. ये कार्डियो के साथ-साथ योगा में भी सबसे बेहतर माना जाता है. इस योगासान में 12 प्रकार के एक्सरसाइज होते है, जिससे पूरे शरीर का एक्सरसाइज हो जाता है. अगर कोई व्यक्ति सूर्य नमस्कार आसान 25 मिनट तक कर लें तो उसे और दूसरी एक्सरसाइज करने की जरूरत नही होगी. इसे करने से पहले एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसे आप खाली पेट ही करें.

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करती हैं अधिक सफर तो एक्सरसाइज है बेहद जरूरी

अगर आप अलग अलग शिफ्ट में काम करती हैं या लंबी यात्राएं करती हैं तो आपको कई तरह के रोगों का सामना करना पड़ सकता है. इससे आपकी नींद सबसे अधिक नकारात्मक ढंग से प्रभावित होती है. इस दौरान होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए व्यायाम बेहद जरूरी है. व्यायाम व्यस्त दिनचर्या से पैदा होने वाली थकान को मिटाने में काफी कारगर होता है.

हाल ही में अमेरिका में हुए एक अध्ययन में ये बात सामने आई कि व्यस्त दिनचर्या के बाद भी व्यायाम शरीर के लिए काफी अहम होता है. इस शोध में पांच दिनों तक करीब 101 प्रतिभागियों पर प्रयोग किए गए. इनपर इनकी दिनचर्या के बाद व्यायाम करने को कहा गया और शरीर की गतिविधियों का परीक्षण किया गया.

इस अध्ययन में पचा चला कि सुबह में सात बजे से पहले या दिन में एक से चार बजे के बीच किए व्यायाम बौडी क्लौक को थोड़ा पहले कर देते हैं. जबकि शाम सात बजे से रात दस बजे के बीच व्यायाम करने से बौडी क्लौक और आगे हो जाता है.

जानकारों की माने तो ‘बौडी क्लौक’ पर व्यायाम के प्रभाव की तुलना करने वाला यह पहला अध्ययन है और यह अध्ययन ‘जेट लैग’ और अलग अलग पाली में काम करने के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद हेतु व्यायाम के इस्तेमाल की संभावना बता सकता है.

परफेक्ट फिगर के लिए एक्सरसाइज

आजकल के युवा जहां सलमान खान की तरह अपनी मसल्स बनाना चाहते हैं, वहीं युवतियां दीपिका पादुकोण और करीना कपूर खान जैसी सैक्सी फिगर पाना चाहती हैं. लड़कों में मसल्स और ऐब्स का क्रेज है तो लड़कियों में ब्रैस्ट, अंडर आर्म्स और हिप्स को ले कर क्रेज है, जिस की वजह से वे जिम जाती हैं.

सब से खास बात यह है कि उन को यह पता नहीं होता कि बौडी में फैट समानरूप से हर जगह बढ़ता और घटता है. इस को कम करने के लिए डाइटिंग करनी पड़ती है. इस के साथ ही बौडी को टोन करने के लिए ऐक्सरसाइज ही एकमात्र उपाय है. आप बोल्ड ऐंड ब्यूटीफुल शेप में बौडी को देखना चाहते हैं तो ऐक्सरसाइज जरूर करें. यह केवल बौडी को शेप ही नहीं देती बल्कि कई तरह की बीमारियों से भी शरीर को दूर रखती है.

सनी फिटनैस फैक्ट्री के सनी और सोनिया मेहरोत्रा कहते हैं, ‘‘युवावस्था में यदि शरीर अनफिट होता है, तो बाकी जीवन पर भी इस का प्रभाव पड़ता है. मोटापा लड़कियों में शादी के बाद बांझपन को बढ़ाता है. लड़कों में यह कई बीमारियों को जन्म देता है. सही माने में वे जिंदगी का पूरा आनंद नहीं ले पाते हैं. लड़केलड़कियों में ऐक्सरसाइज के तरीके एकजैसे ही होते हैं. इस का समय कमज्यादा हो सकता है. लड़कियों में बजाय लड़कों के तुरंत असर दिखता है.

‘‘युवाओं में आज तेजी से ब्लडप्रैशर, डायबिटीज और कोलैस्ट्रौल की बीमारी बढ़ रही है. इस की मुख्य वजहों में नशा करना, हैल्दी डाइट न लेना और ऐक्सरसाइज न करना हैं. नशा करने से बौडी कई तरह की बीमारियों से घिर जाती है और कुछ सालों में ही कमजोर हो कर बीमारी का घर बन जाती है.

‘‘पेरैंट्स बच्चों को आउटडोर गेम्स के लिए नहीं भेजते जिस वजह से उन को बचपन से ही दौड़भाग की आदत नहीं पड़ती है. ज्यादातर यूथ मसल्स बनाने के लिए जिम आते हैं और सप्लीमैंट्स डाइट का सहारा लेने की कोशिश करते हैं, जबकि जरूरत इस बात की है कि वे अच्छी डाइट लें. इस में नाश्ता जरूर हो. नाश्ते में ओट्स, फू्रट्स और नट्स शामिल करें. फ्राइड फूड छोड़ दें. नियमित जिम या ऐक्सरसाइज करें.’’

सोनिया बताती हैं, ‘‘लड़कियां वेट बढा़ने और कम करने दोनों के लिए जिम आती हैं. वे भी ऐक्सरसाइज के जरिए ही फिटनैस हासिल कर सकती हैं. इस के लिए ऐक्सरसाइज का नियमित करना जरूरी है.

‘‘कई बार यह देखा जाता है कि लड़कियां जिम जाती हैं पर एकदो दिन ऐक्सरसाइज करने के बाद ही जिम छोड़ देती हैं. वे ज्यादातर इस प्रयास में रहती हैं कि क्रश डाइट से उन का वजन कम हो जाए. वेट लौस के साथ अगर सही से जिम नहीं किया गया तो बौडी टोन सही नहीं दिखेगी. फैट लटकालटका सा दिखेगा. ऐक्सरसाइज शुरू करते समय कुछ समय बौडी में दर्द रहता है पर धीरेधीरे यह सही हो जाता है.

‘‘वजन बढ़ने से कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में जरूरी है कि वजन सही रखें और स्वस्थ रहें. वजन घटाने के लिए डाइटिंग की नहीं, बल्कि राइट डाइट की जरूरत होती है. कोल्डड्रिंक से दूर रहें. ग्रीन टी वजन घटाने में मददगार होती है. ऐक्सरसाइज की शुरुआत फिटनैस ऐक्सपर्ट की देखरेख में ही करें. लड़कियां चेस्ट पुशअप से ब्रैस्ट साइज बढ़ा सकती हैं.’’

टोंड आर्म के लिए ऐक्सरसाइज

बेहतर फिटनैस के लिए बाजुओं का भी स्ट्रौंग और टोंड होना जरूरी है. इस के लिए कुछ ऐक्सरसाइज हैं जो आर्म्स को टोंड और स्ट्रौंग बनाती हैं. आर्म के 2 हिस्से होते हैं. पहला बाइसेप्स और दूसरा ट्राइसेप्स. दोनों ही हिस्सों के लिए अलगअलग ऐक्सरसाइज होती हैं.

अल्टरनेट हैमर कर्ल

अल्टरनेट हैमर कर्ल करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और रीढ़ की हड्डी जितनी हो सके सीधी रखें. अब दोनों हाथों में समान वजन के डंबल्स लें. डंबल्स अंदर की तरफ रखें. इस के बाद दाएं हाथ को छाती तक ऊपर ले जाएं और धीरेधीरे नीचे लाएं. इस प्रक्रिया को कम से कम 10 से 15 बार करें.

प्लांक आर्म ऐक्सरसाइज

प्लांक आर्म ऐक्सरसाइज न केवल बाजुओं बल्कि एब्स मसल्स को भी मजबूत बनाती है. प्लांक आर्म के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं और फिर माथे को जमीन से छुआएं इस के बाद शरीर के ऊपरी हिस्से से कोहनी को आगे लाते हुए कोहनी को जमीन से और पैरों को पंजों के ऊपर टिका दें. अब पेट व जांघों को धीरेधीरे ऊपर की ओर उठाने का प्रयास करें. इस के रोज 10 राउंड करें.

एल्बो प्लांक

प्लांक आर्म ऐक्सरसाइज करने के बाद एल्बो प्लांक करें. इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और फिर दाएं पैर को बाएं पैर के ऊपर रखें. हाथों को सीधा सिर के ऊपर तक उठाएं. लेकिन ध्यान रहे कि बाजू कान से छूते हुए जाएं. इस के बाद अपने शरीर को रैगुलर क्रंच की तरह ऊपर उठाएं. फिर शरीर के ऊपरी हिस्से पर दबाव डालते हुए अपनी कोहनी से घुटने को छूने की कोशिश करें. दूसरे पैर से भी इस प्रक्रिया को दोहराएं.

रिवर्स बारबेल कर्ल

रिवर्स बारबेल कर्ल को इजेड बार के साथ करने पर अधिक लाभ होता है. आप इसे साधारण तरीके से भी कर सकते हैं.

3 सैट 10 रैप की इस कसरत का उद्देश्य अपर मसल के नीचे की मसल्स को लाभ देना है.

स्टैंडिंग डंबल ट्राइसेप्स ऐक्सटैंशन

कमर में दर्द की शिकायत वाले लोग स्टैंडिंग डंबल ट्राइसेप्स ऐक्सटैंशन को बैठ कर भी कर सकते हैं. इसे रस्सी लगा कर मशीन के साथ भी किया जा सकता है, क्योंकि डंबल में कई बार ग्रिप अच्छी नहीं बन पाती. इस के रोजाना 3 सैट और 15 रैप लगाएं.

इंक्लाइन डंबल कर्ल

इंक्लाइन डंबल कर्ल एक कमाल की बाइसेप्स की कसरत है. यह सीधा बाइसेप्स के सहारे होती है, तो इस का पूरा फायदा भी बाजुओं को ही मिलता है. यदि इस के कई रैप नहीं निकल पा रहे हैं तो डंबलों को नीचे लाने के बाद हथेलियां पैरों की ओर कर लें और फिर ऊपर ले जाते समय फिर से सीधा ले जाएं. इस के 3 सैट और 15 रैप किए जा सकते हैं.

क्लोज ग्रिप बैंच प्रैस

ट्राइसेप्स की 2 बेहतरीन कसरत हैं, एक ट्राएंगल पुशअप्स और दूसरी यह. बाइसैप्स को टोंड करने के लिए ट्राइसेप्स पर काम करना भी बेहद जरूरी होता है. मोटे, मजबूत ट्राइसैप्स की इस कसरत से चैस्ट पर भी काम होता है. इस में आप हैवी वेट भी लगा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि इसे करते समय एक अच्छा रिस्ट बैंड इस्तेमाल में लें.

ट्रेडमिल ऐक्सरसाइज

आप कोई भी कसरत कर लें, लेकिन जब तक आप ट्रेडमिल पर दौड़ नहीं लगा लेते, वर्कआउट अधूरा माना जाता है. उम्र, वजन या लिंग चाहे जो भी हो, ट्रेडमिल पर वर्कआउट करने के कई फायदे होते हैं. इस से शरीर फिट तो रहता ही है, साथ ही, आप के शरीर के सारे अंग भी चुस्तदुरुस्त रहते हैं. ट्रेडमिल ऐक्सरसाइज के पूरे फायदे लेने के लिए इसे ठीक से करना जरूरी है.

सही जूते पहनें

ऐक्सरसाइज के लिए लोगों का जूतों पर ध्यान नहीं, बल्कि उन के लुक्स पर अधिक रहता है. ट्रेडमिल पर या सामान्य रनिंग के लिए जूतों के सोल में ऐक्स्ट्रा पैडिंग होनी चाहिए. इस से पैर आरामदायक रहते हैं और दौड़ते समय  पैरों पर अधिक जोर भी नहीं पड़ता. जूते ठीक न होने पर पैरों में दर्द, मोच जैसी दिक्कतें आ सकती हैं. इस से आप का संतुलन बिगड़ सकता है.

दौड़ते हुए नीचे देखना

जब भी ट्रेडमिल पर दौड़ें या वाक करें तो सामने देखें. यदि आप नीचे देखेंगे या फिर पैरों की गतिविधि पर ध्यान देंगे तो ध्यान हट सकता है और आप फिसल सकते हैं. वहीं नीचे देखने पर कमर या गरदन की नस में भी खिंचाव आ सकता है.

दौड़ते समय हैंडल पकड़ना

कई लोग ट्रेडमिल पर दौड़ते समय हैंडल पकड़ लेते हैं ताकि उन को सहारा मिल जाए, लेकिन फिटनैस ऐक्सपर्ट्स इसे सही नहीं मानते. उन की राय में ऐसा करने से शरीर को सहारा मिल जाता है और कैलोरी सही प्रकार बर्न नहीं होती. यदि आप इंक्लाइन मोड पर हैं तब भी बहुत आगे की ओर झुक कर नहीं चलना चाहिए.

मुंह से सांस लेना

यदि आप ट्रेडमिल पर दौड़ते समय मुंह से सांस लेते हैं, तो इस का मतलब है कि रेस्पिरेटरी सिस्टम को दुरुस्त करने की आवश्यकता है. इस से बचने के लिए डीप ब्रीदिंग की प्रैक्टिस करें, ताकि नाक से गहराई से सांस लेते हुए आप के शरीर को पूरी औक्सीजन मिले.

दौड़ने से पहले स्ट्रैचिंग न करना

किसी भी ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी का होना बहुत जरूरी है. इसलिए अगर आप बिना स्ट्रैचिंग के ट्रेडमिल पर ऐक्सरसाइज करेंगे तो थकान अधिक होगी और चोट लगने की आशंका भी अधिक रहेगी. ऐसे में मसल्स पर भी खिंचाव सब से ज्यादा परेशान करता है. ट्रेडमिल पर दौड़ने से पहले हमेशा 5 मिनट की स्ट्रैचिंग प्रैक्टिस जरूर करें और उतरने के बाद भी.

बेहतर मैटाबौलिज्म

ट्रेडमिल पर ऐक्सरसाइज करने से शरीर का मैटाबौलिज्म बढ़ता है. शरीर का मैटाबौलिज्म रेट शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारु करने में मदद करता है. शरीर का मैटाबौलिज्म जितना ज्यादा होता है, शरीर में उतनी ही ज्यादा एनर्जी होती है. बढ़े हुए मैटाबौलिज्म से वजन कम करने में भी मदद मिलती है.

देखा गया है कि जैसेजैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, उन की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, लेकिन अगर नियमित रूप से ट्रेडमिल पर दौड़ लगाएं तो आप की हड्डी की मोटाई बढ़ेगी और हड्डी जितनी मोटी होगी वह उतनी ही मजबूत बनेगी.

टोंड मसल्स

ट्रेडमिल पर रनिंग करने से न केवल वजन घटता है बल्कि शरीर की मासपेशियां भी टोंड होती हैं. ध्यान रहे अच्छे शेप में आने के लिए मांसपेशियों का टोंड होना जरूरी है. ट्रेडमिल पर ऐक्सरसाइज करने से पैर, जांघ, पेट और कूल्हे पर जोर पड़ता है और इन का शेप बेहतर होता है. ट्रेडमिल पर दौड़ने से शरीर में औक्सीजन की मात्रा ठीक होती है और इस का ठीक प्रवाह होता है. इस से पसीना आता है और त्वचा के पोर्स खुल जाते हैं, शरीर से गंदगी बाहर निकलती है और त्वचा कुछ ही दिनों में चमकदार बन जाती है, जो आप को सुदंर बनाती है.

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