False Ceiling से अपने घर को करें जगमग

“फाल्स सीलिंग” का शाब्दिक अर्थ है “बनावटी छत” अर्थात ऐसी छत जो केवल देखने के लिए हो. इसे फाल्स कहे जाने का कारण है कि इसे घर की ईंट और सीमेंट की आर सी सी से बनी वास्तविक छत के नीचे जिप्सम बोर्ड और टीन के एंगल द्वारा बनावटी रूप से बनाया जाता है. इसीलिए इसे ड्राप सीलिंग भी कहा जाता है. कुछ समय पूर्व तक इस प्रकार की सीलिंग केवल अभिजात्य वर्गीय घरों में ही बनाई जाती थी परन्तु आजकल यह हर घर के इंटीरियर का प्रमुख हिस्सा हो गईं हैं. यह सही है कि फाल्स सीलिंग घर की खूबसूरती में चार चांद लगा देतीं हैं परन्तु कई बार ये बजट में नहीं होतीं तो ऐसी स्थिति में आप केवल ड्राइंग रूम या केवल हॉल में भी फाल्स सीलिंग करवा सकते हैं. फाल्स सीलिंग की कीमत का निर्धारण प्रति स्क्वेयर फिट और डिजाइन के अनुसार होता है. अर्थात जितनी अधिक डिजाइन और जगह वाली सीलिंग उतनी अधिक कीमत.

कैसी कैसी सीलिंग

-जिप्सम फाल्स सीलिंग

एल्युमिनियम के एंगल्स के द्वारा जिप्सम के बोर्ड को छत पर फिक्स किया जाता है. ये जिप्सम सीट वजन में हल्की, साउंड प्रूफ और फायर प्रूफ होती हैं. इन सीट्स को पुट्टी  की परत से कवर करके पेंट, वाल पेपर, वुड और टेक्सचर के द्वारा सजाया जाता है. इनके अंदर कोप लाइट लगाई जाने से घर के सौंदर्य में चार चांद लग जाते हैं. वर्तमान में यह सर्वाधिक लोकप्रिय फाल्स सीलिंग है.

-वुडन फाल्स सीलिंग

इस प्रकार की सीलिंग पहाड़ी क्षेत्र में सर्दी से बचाव के लिए की जाती है.परन्तु यह खर्चीली अधिक होती है इसलिए कम प्रचलित है.

-प्लास्टर ऑफ पेरिस फाल्स सीलिंग

इस प्रकार की सीलिंग पूरी छत पर अलग से परत न बनाकर केवल बीच में और छत के किनारों पर डिजाइन बनाकर की जाती है यह बहुत कम खर्चीली होती है इसलिए कम बजट में भी आप अपने घर को इसे करवाकर सुंदर बना सकते हैं.

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क्यों कराएं फाल्स सीलिंग

-फाल्स सीलिंग करवाने से छत की ऊंचाई 4 से 5 फ़ीट तक कम हो जाती है जिससे कमरे की बीम्स, और दोष आदि पूरी तरह से छुप जाते हैं, सीलिंग में लगी कोप लाइट्स कमरे को भव्य लुक प्रदान करती हैं.

-फाल्स सीलिंग मूल छत के ऊपर एक परत प्रदान करती है जिससे छत पर धूप का सीधा प्रभाव नहीं पड़ता इससे गर्मी के मौसम में कमरे के तापमान में कमी हो जाती है और ए सी की क्षमता बढ़ जाती है.

-फाल्स रूफ में छोटी छोटी एल ई डी लाइट्स का प्रयोग किया जाता है जिससे ऊर्जा की खपत में काफी कमी हो जाती है और यह बिजली के बिल को कम कर देता है.

-सामान्य से कमरे को यदि आप एक बेहतर लुक देना चाहते हैं तो फाल्स सीलिंग अवश्य करवाएं.

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ध्यान रखने योग्य बातें

-छोटे कमरे और घर मे बहुत अधिक डिजाइन वाली फाल्स सीलिंग करवाने के स्थान पर साधारण कम डिजाइन वाली फाल्स सीलिंग करवाएं ताकि कमरा एकदम भरा भरा सा होटल जैसा न लगे.

-फाल्स सीलिंग सदैव किसी कुशल इंटीरियर डिजाइनर से ही करवाएं साथ ही सामान की क्वालिटी में कोई समझौता न करें.

-यदि आपके कमरे की छत की हाइट कम है तो अधिक लेयर्स की डिजाइन के स्थान पर सिंगल लेयर की डिजाइन बनवाएं.

-यदि दीवारों पर टेक्सचर और वाल पेपर लगवाया है तो छत का रंग सफेद ही रखें क्योंकि सफेद रंग प्रत्येक रंग के साथ मैच कर जाता है.

 (इंटीरियर डिजाइनर आशीष मालवीय से की गई बातचीत के आधार पर)

Holi Special: अरोमा थेरेपी और नेचुरल तरीकों से स्किन को रखें होली-प्रूफ

रंगो के त्यौहार होली फेस्टिवल खेलने के ख्याल के साथ ही सभी को हार्ड केमिकल युक्त रंगों को हटाने के तरीकों के बारे में चिंता अधिक सताने लगती है, और होली के एक्ससिटेमेंट कई लोगो के लिए फीकी पड़ जाती है. हालांकि इस साल सभी होली खेलने को लेकर अधिक सतर्क हैं लेकिन फिर भी लोग अपने परिवार के लोगो के साथ या फिर अपने बेहद ख़ास मित्रों के साथ होली मिलान का कार्यक्रम बना रहे हैं और  अपने निकट और प्रियजनों के साथ होली खेलने के लिए तैयार हैं.

आजकल होली खेलने और होली के रंग उतारने के लिए लोगो के पास बहुत से विकल्प मौजूद हैं, जैसे की  नेचुरल, इको-फ्रेंडली, होममेड और अरोमाथैरेपी आधारित रंगों और स्किन और  बालों से रंग छुटाने के लिए भी कई नेचुरल विकल्प मौजूद है. ऐसे में सिल्वर लाइन सलोन एंड मेकओवर्स की सौंदर्य एक्सपर्ट पूर्णिमा गोयल, ऐसे ही कुछ विकल्प इस्तेमाल करने के तरीके बता रही हैं, आईये जाने की कैसे आप थोड़े ही बदलाव और सावधानियों के साथ होली मिलन की अपनी स्पिरिट को दुगना कर सकते हैं और अपनी स्किन और बालों की सुरक्षा सकते हैं.

स्किन पर होली के रंग का प्रभाव

जैसा की सभी जानते हैं की रसायन युक्त रंग स्किन और बालों पर बुरी तरह से प्रतिक्रिया करते हैं, जिससे स्किन और बालों पर एक रासायनिक परत चढ़ जाती है.  और इस समस्या के चलते स्किन और स्कैल्प  संवेदनशील हो  सकती है और साथ ही  खुजली, चकत्ते आदि की समस्या भी हो सकती है. बेहद संवेदनशील और डिहाइड्रेट स्किन वाले लोग या थायराइड या पायरोसिस जैसी समस्या से जूझ रहे है अथवा किसी भी तरह के हार्मोनल असंतुलन से परेशान लोगो को  होली खेलने से बचना चाहिए . यदि फिर भी, उन्हें खेलने का मन है तो वो  रंगो के विपरीत असर को दूर करने के लिए अपने स्नान के पानी में टी ट्री  या लैवेंडर के तेल की बूंदों को मिला सकते हैं.

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स्किन में बढ़ाएं पोषण

प्री होली और पोस्ट होली स्किन केयर के लिए आप अपने शरीर पर बादाम के तेल अप्लाई कर सकते हैं, यह विटामिन ई से भरपूर होता है और कठोर रंगों के खिलाफ एक सुरक्षा प्रदान करते हुए आपकी स्किन के स्वास्थ्य और पोषण को बढ़ाता है. अगर आपके पास बादाम का तेल नहीं है, तो आप इसे जैतून के तेल या नारियल के तेल से बदल सकते हैं, जो आपकी स्किन की बनावट और टोन को बढ़ाने के लिए अच्छा है. अपने बालों को कोट करना मत भूलिए, साथ ही स्कैल्प भी.

स्किन की सुरक्षा हो खास

होली चूँकि ओपन में खेली जाती है तो स्किन टैनिंग, सन बर्न जैसी समस्याएं बेहद कॉमन होती हैं, इसलिए ज़रूरी है की आप स्किन को मोएस्ट्राईस रखने के साथ ही सन प्रोटेक्शन क्रीम का इस्तेमाल करें, आप वाटरप्रूफ सनस्क्रीन लगा सकते हैं.  अपने होंठों और स्किन के लिए आप होली खेलने से पहले अपनी स्किन पर पेट्रोलियम जेली लगा सकते हैं. इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आप अपनी पलकों और आंखों के नीचे के क्षेत्र में भी पेट्रोलियम जेली लगाएं. जैसा कि आप सूती कपड़ों में पूरी तरह से ढके रहते हैं, ऐसे में आपको अपने नाखूनों की सुरक्षा भी करनी चाहिए, नाखूनों पर दो रंगों के नेल पेंट और तेल लगाने के साथ ही उन्हें भी रंगों से बचा सकते हैं.

स्कैल्प का ध्यान रखें कुछ ऐसे

आमतौर पर होली खेलने के बाद लोग बालों और स्कैल्प से रंग हटाने के लिए कई बार अपने बालों को शैम्पू करना पसंद करते हैं और ऐसा करते हुए  अपनी स्कैल्प को भी  रगड़ते हैं, इसके साथ ही बालों से रंग उतारने के लिए ब्लीच लगा लेते हैं , लेकिन इन तरीकों से रंग खोपड़ी या बालों से नहीं निकलते,  ब्लीच की परत के नीचे सील हो जाते हैं. रंग के साथ रसायनों के अति प्रयोग में और फिर ब्लीच का इस्तेमाल स्कैल्प को संक्रमित कर सकता है. ऐसे में  बालों का असमय सफेद होना , रूखी स्किन आदि की समस्या भी उत्पन हो जाती है.  आप ध्यान रखे की शैम्पू का इस्तेमाल हमेशा उसे डाईलयूट करके ही करें और कंडीशनर को आप बालों पर लगाएं ना के जड़ो पर या स्कैल्प पर लगाएं.

स्किन पर नमी बनाएं रखने के खास उपाय

इसके अतिरिक्त स्किन को क्लीन करते हुए स्किन को हाइड्रेट रखना और नमी बना कर चलना बहुत ज़रूरी है , आप स्क्रब्स या सोपी फेस वाश का इस्तेमाल ना करते हुए घर पर बने फेस पैक लगाएं और उसे ही ड्राई हनी पर हल्के हाथो से दूध लगाते हुए उतारें , आप इसमें स्क्रबिंग का इफ़ेक्ट डालते हुए पपीते के बीज, शीआ सीड्स मिक्स करते हुए स्क्रब बना सकते हैं और स्किन पर अप्लाई कर सकते हैं , साथ ही कच्चे दूध में नींबू का रस डाले , इसे अपनी स्किन पर हल्के से लगाएं. नींबू, दूध और नारियल का दूध प्राकृतिक ब्लीच के रूप में काम करते हैं और स्किन से रंग हटाने के लिए सबसे सुरक्षित और आसान विकल्प हैं. आप अरोमाथेरपी की भी मदद ले सकते हैं और जोजोबा तेल का 1 बड़ा स्पून या लैवेंडर और फिर  चमेली के तेल की 2 बूंदों के साथ मिला कर इसका इस्तेमाल कर सकते है , यह करने से होली के दौरान भी आपकी स्किन की नमी बरकरार रहेगी और सन -बर्न- आदि स्किन की परेशानियों से आप बचे रहेंगे साथ ही यह नेचुरल पैक्स आपकी स्किन की  नमी आदि  के स्तर को बनाये रखेंगे.

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स्किन की पूरी सुरक्षा इस तरह

अब स्किन को फूलप्रूफ प्रोटेक्ट करने के साथ ही आप थोड़ा आराम कर सकते हैं और फिर एक अच्छे सैलून और स्पा में जाकर अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए  नेचुरल मैनीक्योर, पेडीक्योर, हेयर स्पा और लिम्फेटिक ड्रेनेज मसाज के लिए जा सकते हैं ,  जो न केवल आपको आराम देगी , बल्कि detoxify भी करेगी . आप एक फुल-बॉडी स्पा का विकल्प भी चुन सकते हैं, खासकर चॉकलेट स्पा आपके लिए सबसे अच्छा हो सकता है, और आहार के लिए  आप फलों और रसों को अपनी डाइट में अच्छी मात्रा में शामिल करें.

Diwali Special: फैस्टिव सीजन में कैसा हो पहनावा

आजकल हरकोई आने वाले त्योहरों की तैयारियों में व्यस्त है. त्योहारों के साथ आने वाली सकारात्मकता और उत्साह हम सभी के लिए बेहद जरूरी है. इस बार त्योहरों के मौसम में आप भी अपने स्टाइल और खूबसूरती से अपने और दूसरों के मन में नई उमंगें भर सकती हैं. तो फिर तैयार हो जाएं, जलवे दिखाने और धूम मचाने को.

आप के ओवरऔल लुक में कपड़ों का खास योगदान होता है खासकर त्योहारों में पहनावे के जरीए आप अपना लुक बदल सकती हैं. औरेलिया के ब्रैंड हैड अरिंदम चक्रवर्ती के मुताबिक फैस्टिव सीजन में आप का पहनावा कुछ इस तरह का होना चाहिए:

परफैक्ट ए लाइन

क्लासिक ए लाइन कुरता आप को आरामदायक और खूबसूरत एहसास देगा. अटैच्ड दुपट्टे वाला पिंक या रैड ए लाइन कुरता चुनें और इस के साथ सफेद चूड़ीदार, टैसल झुमके और लैट्स मैच कर आप परफैक्ट लुक पा सकती हैं.

 ऐंबैलिश्ड ऐन्सैंबल

ऐंबैलिश्ड ऐन्सैंबल त्योहारों के खास मौकों के लिए परफेक्ट है, जो आप को भीड़ से अलग लुक देगा. इसे प्रिंटेड स्कर्ट और फ्रंट पर मैचिंग प्रिंटेड जिलेट के साथ मैच करें. सिल्वर झुमकों के साथ परफैक्ट लुक दें. इस ड्रैस के साथ आप अपने बाल खुले रखेंगी तो ज्यादा अच्छे लगेंगे. इस तरह आप फैस्टिवल का आनंद उठाने के लिए एक खूबसूरत लुक के साथ तैयार हो जाएंगी.

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  कोऔर्डिनेटेड मौम ऐंड डौटर सैट्स

अपनी गेटी के साथ तालमेल बनाते हुए ड्रैस चुनिए और मौम ऐंड मी लुक के साथ सब को आकर्षित करने के लिए तैयार हो जाए. इन त्योहारों के लिए आप गहरा पीले, नीले, गुलाबी या हरे रंग के खूबसूरत प्रिंट चुन सकती हैं और अपने लुक के साथ ऐक्सपैरिमैंट कर सकती हैं.

  जिओमैट्रिक प्रिंट

त्योहारों के इस सीजन में जिओमैट्रिक प्रिंट वाले कुरते आप को ग्लैमरस लुक देंगे. ज्योमैट्रिक पीच कलर के कुरते को पीच कलर के प्लाजो पैंट्स के साथ मैच करें. हील और मिनिमल ऐक्सैसरीज के साथ अपने लुक को पूरा कीजिए.

  मिनिमलिस्ट

इस साल त्योहार वर्चुअल तरीके से मनाए जाएंगे इसलिए बेहतर होगा कि आप आरामदायक लुक चुनें. इस के लिए लंबी प्रिंटेड या टियर्ड ड्रैसज से बेहतर और क्या हो सकता है. इस तरह की ड्रैस के साथ आप छोटे सिल्वर झुमके और ब्रैंडेड हील पहनिए और अपने लुक को पूरा कीजिए.

त्योहारों में महिलाएं खासतौर पर ऐथनिक ड्रैसस पसंद करती हैं. इसे आप थोड़े प्रयास से अधिक कंफर्टेबल और आकर्षक बना सकती हैं.

लाइमरोड की क्रिएटिव वाइस प्रैसिडैंट रागिनी सिंह कुछ ऐसे ही पहनावों के बारे में जानकारी दे रही हैं:

अंगरखा विद ब्लैक प्रिंटेड प्लाजो

 

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Shot some more of the Festive Hack Series 🪔 ( Since so many of you found these helpful💕 ) Serving a festive spin with Black on black ✨🖤 Pick a black bustier from your wardrobe, pair it with black sharara / palazzo pants & experiment with a complimentary jacket , cape or dupatta like I have here 💫 Which one would you try this Diwali 1 or 2? . . . . . . . . . #festivehacks #festivewear #ethnicwear #stylingtips #stylinghacks #indianwear #indiandesigners #vocalforlocal #indianfestivals #festiveseason #shararapants #blackonblack #festivetips #reuse #rewear #restyling #repurposefashion #fashionvideo #stylingvideo #fashionblog #fashionblogger #kanikakhatri #thecovetedcode

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यदि आप साड़ी ज्यादा नहीं पहनती हैं, तो प्लाजा आप के लिए सब से अच्छा औप्शन है. इसे लंबे अंगरखे कुरते या शौर्टनीलैंथ शार्पली कट कुरते के साथ पहनें. आप पारंपरिक लुक के साथ अधिक कैजुअल दिखने के लिए दुपट्टे का इस्तेमाल नहीं भी कर सकती हैं.

  जरी मोटिफ बनारसी साड़ी ब्लाउज के साथ


लाल बनारस साड़ी में हर महिला आकर्षक लगती है. इस के साथ झुमके या गोल्ड इयररिंग्स, नैकपीस और बड़ी लाल बिंदी का इस्तेमाल आप की खूबसूरती में चार चांद लगा देगा.

कंट्रास्ट स्ट्राइप्ड बौर्डर टैंट साड़ी

कोई भी पारंपरिक भारतीय त्योहार सही ऐथनिक पहनावे के बगैर अधूरा होता है. त्योहारों के इस मौसम में आकर्षक, गौर्जियस, स्ट्राइप्ड बौर्डर से युक्त रैड कलर की बंगाली साड़ी आप किसी भी त्योहार के दिन पहन सकती हैं.

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 औरेंज आर्ट सिल्क बंधनी दुपट्टा

दुपट्टे को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है और यह आप के पहनावे को पारंपरिक से मौडर्न में बदल सकता है. सुंदर औरेंज और गोल्ड कौंबिनेशन दुपट्टा आप को आकर्षक बनाएगा. इसे लौंग स्कर्ट और क्रौप टौप, बेसिक सूट या लहंगे के साथ पहनें. आप फैस्टिव पार्टी में धूम मचाने के लिए तैयार हैं.

फेस्टिव सीजन में फ़ास्ट के बाद ग्लोइंग स्किन पाने के आसान से टिप्स

फेस्टिवल सीजन में व्रत के बाद स्किन बिल्कुल डल और सुस्त हो जाती है, इसलिए स्किन की खोई हुई ग्लो को वापस पाने के लिए आप कई तरह की स्किनकेयर रूटीन को फॉलो कर सकती है. यह न सिर्फ आपकी खोई हुई ग्लो को वापस लाता है बल्कि स्किन को हेल्दी भी बनाता है:

व्रत के बाद स्किन को हेल्दी रखने के उपाय बता रहें है, डर्मेटोलॉजिस्ट और एस्थेटिक फिजिशियन, संस्थापक और निदेशक, डॉ. अजय राणा (आईएलएएमईडी).

1. व्रत के कारण स्किन बिल्कुल डिहाइड्रेट हो जाती है, इसलिए व्रत के बाद अपनी स्किन को हाइड्रेटेड और कोमल रखना महत्वपूर्ण है. इसके लिए अधिक से अधिक पानी, जूस और नारियल पानी पियें. यह आपके शरीर को हाइड्रेट करेगा और आपकी स्किन को भीतर से ग्लो पहुँचाने में मदद करता है.

2. उपवास खत्म हो जाने के बाद हर दिन अपने दिन की शुरुआत अपने चेहरे को साफ करके करें. इसके लिए अपने चेहरे को हल्के क्लींजर का उपयोग करके धो लें, यह स्किन को फ्रेश और ग्लोइंग रखने में मदद करता है.

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3. स्किन टोनिंग स्किनकेयर रूटीन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो नौ दिनों के उपवास के दौरान हुई स्किन की सारी थकान को को खत्म करने में मदद करता है. यह स्किन की नेचुरल चमक और ग्लो को बनाए रखने में आपकी मदद करता है, साथ ही साथ टोनर स्किन के pH लेवल को बनाए रखता है.

4. व्रत के दौरान यह जरूरी है कि आप जो भी स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें वह आपकी स्किन को सूट करता हो. ग्लोइंग स्किन के लिए आप विटामिन सी सीरम का भी इस्तेमाल कर सकते है. यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जो उपवास के बाद स्किन पर होने वाले पिगमेंटेशन और डार्क स्पॉट्स से आपकी स्किन को बचाता है. यह स्किन से डेड सेल्स को भी रिमूव करके स्किन को ग्लोइंग बनाने में मदद करता है.

5. उपवास के बाद दिन में कम से कम दो बार स्किन को मॉइस्चराइज़ करें. उपवास के दौरान स्किन पर मॉइस्चराइजेशन की कमी से स्किन बहुत ऑयली और ड्राई हो जाती है. इससे स्किन पर एक्ने होने की चान्सेस बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. इसीलिए स्किन को ग्लोइंग बनाने और एक्ने और अन्य तरह के स्किन प्रोब्लेम्स को रोकने के लिए मॉइस्चराइज़ सबसे अच्छा उपाय है.

6. एक्सफोलिएशन एक ऐसी प्रक्रिया है जो डेड स्किन सेल्स से छुटकारा पाने में मदद करती है. अपनी स्किन को एक बार धो लें. हमारी स्किन डर्मल लेयर में डेड स्किन सेल्स को बनाती है. नौ दिनों के उपवास के बाद स्किन में डेड स्किन सेल्स बढ़ने की संभावनाएं काफी ज्यादा हो जाती है. इसके लिए सप्ताह में कम से कम दो बार स्किन को एक्सफोलिएट करें. डेड स्किन सेल्स को धोने के लिए हफ्ते में एक बार फेशियल स्क्रब का इस्तेमाल करें.

7. व्रत के दौरान शरीर में विटामिन और अन्य तरह के नुट्रिएंट्स की कमी हो जाती है, जिसके कारण भी स्किन डल और सुस्त हो जाती है. इसलिए व्रत के बाद ताजे फल, साग, पर्याप्त प्रोटीन और विटामिन खाएं. विटामिन सी से भरपूर और फैट और चीनी में कम आहार, स्किन को ग्लोइंग बनाने में मदद करती है. यह बॉडी में इंसुलिन के लेवल को बनाए रखते है, जिससे बॉडी में सेल्स को बनाये रखने में मदद मिलती है. इस प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट स्किन सेल्स को हाइपरपिग्मेंटेशन जैसी डैमेज से बचाने में मदद करती है.

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8. व्रत के बाद यह जरुरी है कि सभी अपने स्किन पर ध्यान दें इसके लिए ऐसे स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का उपयोग करें जो आपकी स्किन के अनुकूल हों. ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बिलकुल ना करें जो हार्श हो, केमिकल, सल्फेट इंग्रेडिएंट्स हो, जिससे यह इतने दिनों तक सुस्त पड़ी स्किन को और खराब कर सकता है.

9. व्रत के दौरान नींद न पूरी होने की समस्या सबसे कॉमन है, इसमें आई बैग्स और सूजी हुई आँखें सबसे कॉमन है, जिससे स्किन पर भी इफ़ेक्ट पड़ता है. आई बैग प्राप्त करने से बचने के लिए पर्याप्त नींद लें. जिससे आपकी स्किन भी फ्रेश और ग्लोइंग होगी.

त्योहारों की रौनक में खिल उठे जीवन

कोरोना के लंबे कहर से उत्पन्न बेरोजगारी के साथसाथ बीमारी के खौफ ने लोगों को अवसादग्रस्त और उदासीन भी बना दिया है. लोगों के दिलों में कुछ नया सोचने या करने का हौसला नहीं रहा. ऐसे में त्योहारों का मौसम उम्मीद और रोशनी की नई किरण ले कर आया है.

वैसे लोग इस बार फैस्टिवल्स मनाने से भी डर रहे है. दरअसल, फैस्टिवल्स का मतलब ही है लोगों का एकदूसरे के घर आनाजाना, रिश्तेदारों से मिलनामिलाना और शौपिंग के लिए बाजार जाना. लेकिन स्वाभाविक है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ये सब करने से बीमारी फैलने का डर और बढ़ जाता है. लेकिन डर कर हम अपने पुराने उत्सवों को मनाने का मौका नहीं छोड़ सकते. ये जहां एक तरफ हमें एकसूत्र में बांधते हैं, अपनों के बीच प्यार बढ़ाते हैं, वहीं जीवन में उत्साह और उमंग भी ले कर आते हैं.

ऐसे में जीवन में फिर से सकारात्मकता और खुशियां लाने के लिए त्योहार मनाने से डरें नहीं, बल्कि इन्हें एक नए अंदाज में मनाएं.

दूर रह कर भी अपनों के करीब आएं

समयसमय पर आने वाले फैस्टिवल्स ऐसे मौके होते हैं जब आप रिश्तों में गरमाहट वापस लाते. मगर इस बार बीमारी के डर से लोगों के

मन में आशंका है कि वे इन का मजा ले पाएंगे भी या नहीं. वैसे भी आनेजाने और मिलनेमिलाने से जुड़े कई तरह के प्रतिबंध लागू हैं. ऐसे में अपनों को करीब लाने का सब से सहज माध्यम है वर्चुअल मीटिंग. आप लैपटौप या मोबाइल पर अपनों के साथ वर्चुअल मीटिंग करें, गु्रप चैट करें, जूम मीटिंग और व्हाट्सऐप वीडियो कौल करें. फैस्टिवल्स का मजा लेते हुए रिश्तेदारों और दोस्तों से अपने वीडियो और फोटो शेयर करें. बच्चों की आपस में बातें कराएं. इस तरह आप अपनों के करीब हो सकेंगे और दूरी का एहसास नहीं होगा.

घर की कलात्मक सजावट

इस वक्त बाजार से सजावट का सामान लाने के बजाय अपने हाथों से बनी चीजों से घर की सजावट करें. लैंप्स, रंगोली, बंदनवार, रंगबिरंगी मोमबत्तियां, पेंट किए खूबसूरत दीए और भी बहुत कुछ बना सकते हैं. बच्चों को भी इस काम में शामिल कर सकते हैं. आजकल पत्रिकाओं में या फिर यूट्यूब और दूसरे चैनल्स में इस तरह की बहुत सामग्री या वीडियो मिल जाएंगे, जिन के जरीए आप कलात्मक चीजें बनाना सीख सकते हैं.

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साफसफाई और रंगरोगन

फैस्टिवल्स के पहले घर की साफसफाई और रंगरोगन कराने का रिवाज सदियों से चला आ रहा है. इस से घर भी साफ हो जाता है और हर साल घर को एक नया लुक भी मिलता है. कोरोना की वजह से यदि आप मजदूरों को घर पर बुलना नहीं चाहते तो कोई बात नहीं. आप के पास मौका है कि घर के सभी सदस्य मिल कर यह काम खुद करें. घर की व्हाइट वाशिंग हो या दीवारों व दरवाजों को पेंट करना सब आप खुद बहुत अच्छे तरीके से और कम कीमत कर सकते हैं. इस के जरीए आप अपनी कला दिखा सकती हैं. एक तरफ जहां सब के साथ मिल कर ये सब करना ऐंजौय करेंगी वहीं जब आप की कला की तारीफ होगी तो आप का मन भी खिल उठेगा.

औनलाइन शौपिंग का मजा लें

कोरोना के कहर को देखते हुए भीड़भाड़ वाले बाजारों में जा कर शौपिंग करना उचित नहीं. ज्यादातर लोगों ने फिलहाल शौपिंग पर बंदिश लगा रखी है. मगर जब बात फैस्टिवल्स की हो तो भला शौपिंग से दूर कैसे रह सकते हैं. वैसे भी नएनए कपड़े, दूसरों के लिए गिफ्ट और घर के लिए नया सामान खरीद कर मन में सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है. नए कपड़े आप की ख्वाहिशों में नयापन लाते हैं. आप नए जोश से भर जाते हैं. ऐसे में शौपिंग करने का सब से सरल तरीका है औनलाइन शौपिंग. आप घर बैठे अपनी पसंद की चीजें सही कीमत पर खरीद सकते हैं. विकल्प भी बहुत से होते हैं और कुछ सेविंग भी हो जाती है.

दोस्तों के साथ मस्ती

कोरोना की वजह से आप दोस्तों के घर नहीं जा सकते तो क्या हुआ, दोस्तों के साथ मस्ती करने के दूसरे तरीके आजमाएं. फैस्टिवल का मजा तब तक अधूरा है जब तक कि आप उन के साथ बैठ कर हंसीठिठोली न कर लें. आप अपनी गाड़ी लें और यदि घर में गाड़ी न हो तो एक कैब हायर करें और अपने दोस्तों या सहेलियों के घर जा कर बाहर गाड़ी में ही बैठ कर गप्पें मारें. आसपास किसी दोस्त का घर है तो उसे भी बुला लें. पुरानी यादें ताजा करें. साथ मिल कर मनपसंद चीजें खाएं. ध्यान रखें कि खाना बांटें नहीं. इस मामले में अभी सावधानी जरूरी है. इसलिए आप अपना खाना खाएं और उन्हें अपना खाने दें.

बच्चों की पिकनिक

अपने घर के छोटे बच्चों को किसी बाग या खुले मैदान में ले जाएं और वहां दीए बगैरा जलाएं. रंगबिरंगी  झालरें और कैंडल्स लगाएं. आतिशबाजी के मजे लें. आसपास के मित्रों व रिश्तेदारों और उन के बच्चों को भी बुला सकते हैं. इस तरह एक छोटीमोटी पिकनिक पार्टी हो जाएगी, जिसे बच्चे बहुत ऐंजौय करेंगे. आप को भी अलग तरह का ऐंजौयमैंट मिल जाएगा. सब मिल कर त्योहार मना भी लेंगे और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन भी हो सकेगा.

दोस्तों को किसी फूड जौइंट का खाना भेजें

वैसे तो आप अपने दोस्तों को कई तरह से सरप्राइज दे सकते हैं, पर फैस्टिवल के समय सब से प्यारा सरप्राइज होगा कि आप उन्हें किसी फूड जौइंट का उन की पसंद का खाना भिजवाएं. ऐसा करने से न केवल आप दोनों की दोस्ती गहरी होगी, बल्कि फैस्टिवल्स का फील भी आएगा.

जूम मीटिंग में सजधज कर बैठें

कोरोना में आप किसी के घर आजा नहीं सकते. इस का मतलब यह नहीं है कि आप लोग फैस्टिवल की रौनक का मजा न लें. फैस्टिवल्स का इंतजार महिलाओं को सब से अधिक इस बात के लिए रहता है कि उन्हें सजनेधजने का मौका मिलेगा. नएनए आभूषण और स्टाइलिश कपड़े पहनने और खूबसूरत दिखने का मौका मिलेगा. इस से मन में उमंगें पैदा होंगी कि दूसरे जब आप की तारीफ करते हैं तो मन खिल उठता है. जीवन में रौनक आती है. मगर आप जरूर सोच रही होंगी कि इस कोरोनाकाल में नए कपड़े और मेकअप करने का क्या मतलब जब घर में ही बैठे रहना है, दूसरों को दिखा कर ललचाना नहीं है तो फिर ये सब करने का फायदा ही क्या? पर रुकिए. इस का भी उपाय है. आप अच्छी तरह सजधज कर तैयार होएं और फिर रिश्तेदारों या सहेलियों के साथ जूम मीटिंग करें. एकदूसरे की फैस्टिवल की तैयारियां देखने के साथसाथ अपने नए लुक पर लोगों के कमैंट सुनने का मजा भी मिलेगा. तो फिर देर कैसी? पूरे उत्साह के साथ तैयार होइए और फैस्टिवल का  आनंद उठाएं.

गरीबों की मदद

कोरोना का सब से अधिक कहर गरीबों पर टूटा है. उन के रोजगार छूट गए, नौकरियां मिल नहीं रहीं, व्यवसाय ठीक से चल नहीं रहे, उस पर उन के पास सेविंग भी नहीं होती कि गुजारा चल जाए. इसलिए ऐसे समय में यदि अपना कुछ समय और थोड़े पैसे इन पर खर्च करें, इन के लिए कुछ मिठाई, कपड़े, पटाखे आदि खरीद कर ले जाएं तो इन के चेहरे पर आने वाली मुसकान आप के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के रूप में रोशनी ले आएगी. इन के बच्चों के लिए हंसी खरीद कर आप अपने जीवन की खुशियां ढूंढ़ सकेंगी.

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बुजुर्गों का साथ

27 साल की नीना प्रसाद बताती हैं, ‘‘हमारी बगल में महिलाओं का एक वृद्धाश्रम है. उस में  200 से ज्यादा महिलाएं रहती हैं. हम अकसर शाम के समय उन के पास जाते थे. सारी बुजुर्ग महिलाएं अलगअलग अंदाज में हमारे साथ मस्ती करतीं. कोई बातें करती, कोई गाना सुनाती तो कोई किताबों की अच्छी बातें और अपनी पुरानी यादें ताजा करती. मु झ से सब की दोस्ती हो गई है. मैं दीवाली के दिन खासतौर पर बहुत सारे गिफ्ट्स, पटाखे, कैंडल्स और मिठाई ले कर उन से मिलने जाती. होस्टल के बीचोंबीच बहुत बड़ा आंगन था. सब वहां बैठ कर मस्ती करतीं, दीप जलातीं.

इस बार कोरोना की वजह से मैं अपने घर में हूं. मैं उन से मिलने नहीं जाऊंगी, मगर मैं ने इस का भी इंतजाम कर लिया है कि उन के लिए कुछ खास करूं. मैं ने उन के लिए बहुत सी चीजें कूरियर की हैं, साथ ही होस्टल के पास रहने वाली सहेली से कहा है कि वह मेरी तरफ से कैंडल्स और पटाखे ले कर दीवाली के दिन उन्हें दे आए. मैं ने यह भी सोचा है कि उस रात मैं वीडियो कौल कर के उन की खुशियों में शरीक होऊंगी. उन्हें हंसतामुसकराता देख कर मु झे बहुत सुकून और खुशी मिलती है.’’

इस तरह अनजान बुजुर्गों के साथ खुशियां बांट कर आप अपने जीवन में एक अलग तरह की सकारात्मकता महसूस कर सकते हैं. यही वह समय है जब आप उन को अपनेपन का एहसास दिला सकते हैं.

रिश्तों का मर्म समझें

लौकडाउन के दौरान हम ने अच्छी तरह सम झ लिया है कि जिंदगी केवल भौतिक चीजों से ही नहीं चलती, बल्कि जिंदगी में सहनशीलता, प्यार सद्भावना, भाईचारा, एकदूसरे को सम झना और सब का खयाल रखना भी जरूरी है. जब सब साथ मिल कर फैस्टिवल मनाते हैं तो अलग ही खुशी मिलती है.

हमें यह सोचना चाहिए कि हमें इतनी अच्छी जिंदगी मिली है. हम जिंदा हैं, हमें अपने परिवार के साथ मिल कर रहने का मौका मिला है और इस के लिए हमें इस समय को सैलिब्रेट करना चाहिए. आज हमारी सारी भौतिक चीजें अलमारियों में बंद हैं. जिंदगी में इतनी भागदौड़ कर के हम ने जो चीजें बड़े अरमानों से जुटाई थीं वे हमारे लिए बेकार हैं मगर परिस्थितिवश आज वे लोग हमारे साथ हैं, हमारे आसपास हैं, जिन्हें हम ने फोन में बंद कर रखा था और गाहेबगाहे हमें जिन की याद आती थी, जिन्हें देखने या जिन से मिलने की हमारे पास फुरसत नहीं थी आज वे और उन का प्यार सब से महत्त्वपूर्ण है. इस संकट के समय पूरा परिवार सही अर्थों में साथ है तो फिर क्यों न इस अपनेपन को खुशियों की डोर से बांध लें. क्यों न फैस्टिवल्स के इन लमहों को प्यार से सैलिब्रेट करें.

पौजिटिविटी का गहरा रिश्ता है मैंटल हैल्थ से

अच्छी हैल्थ का मतलब है कि हम बिना किसी शारीरिक तकलीफ के अपनी जिंदगी खुशी से बिता रहे हों. व्यवस्थित जीवनशैली अपना कर अपने शरीर को आने वाली तकलीफों से बचाते हैं. कोई परेशानी आने पर हम डाक्टर से मिलते हैं ताकि उन की दी गई दवा खा कर बीमारी दूर हो जाए. लेकिन जब दिमाग बीमार होता है तो हम डाक्टर के पास नहीं जाते, क्योंकि हमें डर लगता है कि लोग हमें पागल न सम झ लें. आजकल हम हमेशा स्ट्रेस में रहते हैं. वजह है दिनरात काम कर अधिक से अधिक पैसा कमाना चाहते हैं ताकि सारी जरूरतें पूरी कर सकें, पर हम यह भूल जाते हैं कि शारीरिक जरूरतें पूरी करने के क्रम में हम मानसिक जरूरतों को भूल जाते हैं. काम का स्ट्रैस तो पूरा लेते हैं, मगर जीवन में सकारात्मकता लाना भूल जाते हैं. इस से डिप्रैशन तक हो जाता है. कई बार हमें लगता है कि जैसे हमें कोई प्यार नहीं करता. हम लो फील करने लगते हैं. दिल दुखी रहने लगता है.

फैस्टिवल का मतलब है रोशनी, संगीत, गानाबजाना, मिठाई खाना, हंसनागुनगुनाना, अपनों के साथ मगन हो जाना. यह एक ऐसा मौका है जब आप अपनी रंजिशें मिटा सकते हैं. एकदूसरे को प्यार से गले लगा सकते हैं. ये सब स्ट्रैस से नजात दिलाता है. अपनों के साथ मिल कर हम खुश होते हैं, बातें करते हैं, हंसीमजाक करते हैं.  इस से हमारे अंदर डोपामाइन नाम के गुड हारमोन का स्राव होता है और हमारे अंदर सकारात्मक सोच पैदा होती है. स्ट्रैस लैवल घटता है तो हम मानसिक रूप से मजबूत होते हैं. मैंटल हैल्थ पौजिटिविटी से डाइरैक्टली कनैक्टेड है जब हम अच्छा सोचेंगे, अच्छा महसूस करेंगे तो हमारी मानसिक सेहत बेहतर होती जाती है.

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याद रखें सकारात्मकता दिमाग को फिट रखने के लिए सब से जरूरी टौनिक है. दिमाग फिट रहेगा तभी शरीर फिट रह सकता है वरना स्ट्रैस से हजारों रोग होते हैं. फैस्टिवल्स के इस समय को ऐंजौय कर दिमाग में सकारात्मकता की तरंगें पैदा कीजिए, जो दिमाग को लंबे समय तक फिट रखेंगी.

फेस्टिवल शुरू होने से पहले किचन को ऐसे करें जर्म फ्री

त्योहारों का मतलब ही जम कर मस्ती करना, खूब खानापीना, खूब पकवान बनाना खुद व घर को संवारना होता है. ऐसे में जब घर की साफसफाई की बात आती है, तो किचन को विशेष रूप से साफ करने पर ध्यान देना होता है, क्योंकि उसी में हम अपनों की सेहत का ध्यान रखने के साथसाथ त्योहारों पर इस में तरहतरह के पकवान बना कर मेहमानों का स्वागत करते हैं. लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है कि अगर आप की किचन साफसुथरी नहीं होगी, चीजें अच्छी तरह अरेंज कर के नहीं रखी होंगी, तो न तो आप को त्योहारों जैसा फील आएगा और न ही आप के घर आए मेहमानों को अच्छा फील होगा. इसलिए इन त्योहारों पर आप अपनी किचन की हाइजीन का खास ध्यान रख कर उसे त्योहारों के लिए तैयार करें. जानिए कुछ आसान से टिप्स:

शुरुआत करें खुद को साफ रखने से

किचन की हाइजीन के बारे में सोचने से पहले आप को पर्सनल हाइजीन का खास ध्यान रखना होगा, क्योंकि रोजाना घर व बाहर के काम करतेकरते कब जर्म्स हमारे संपर्क में आ जाते हैं, हमें पता ही नहीं चलता. ऊपर से इन के न दिखने के कारण हम यह सोच कर भ्रमित हो जाते हैं कि हमारे हाथ तो साफ हैं. जबकि ऐसा नहीं होता.

जब भी हम किसी चीज को छूते हैं या फिर किसी से हाथ मिलाते हैं, तो हम हर बार अपने हाथों में बैक्टीरिया को आने का निमंत्रण ही देते हैं, जिन के कारण इन्फैक्शन, फूड पौइजनिंग होने और कई बार तो जान पर भी बन आती है. ऐसे में जरूरी है कि हाथों को थोड़ीथोड़ी देर बाद साफ पानी से धोते रहें. इस से आप बीमार होने से बचने के साथसाथ त्योहारों पर अपनों का खास खयाल रख भी पाएंगी.

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चीजों को अरेंज कर के रखें

जिस तरह आप अपने वार्डरोब को अरेंज कर के रखती हैं ताकि आप का वार्डरोब सुंदर लगने के साथसाथ चीजें भी आसानी से मिल सकें. उसी तरह आप अपनी किचन में भी चीजों को अरेंज कर के रखें. बहुत सी महिलाओं की आदत होती है कि वे किचन में छोटीछोटी चीजों को यहांवहां रख देते हैं, जिस से न तो वे दिखने में अच्छी लगती हैं और साथ ही खुले में पड़े होने के कारण उन में बैक्टीरिया पनपने के चांसेज भी काफी बढ़ जाते हैं और फिर अनजाने ही सही, जब हम उन का इस्तेमाल करते हैं, तो वे हमारे शरीर में जा कर हमें बीमार कर सकते हैं.

ऐसे में जब त्योहार आने वाले हैं तो क्या आप चाहेंगी कि त्योहारों में रंग में भंग का काम करे आप की लापरवाही नहीं. तो फिर आज से ही किचन में चीजों को अरेंज कर के यानी डब्बों में रखने की आदत डाल लें. इस से चीजें आसानी से मिल भी जाएंगी, किचन सुंदर भी लगेगी और चीजों के खराब होने की टैंशन भी नहीं होगी.

फूड क्लिप्स से करें खाने की चीजों को लौक

क्या आप नहीं चाहतीं कि आप जो भी खाएं वह हैल्दी होने के साथसाथ लंबे समय तक फ्रैश भी रहे? आप की छोटी सी हैबिट आप की स्नैक्स आइटम्स व अन्य चीजों को लंबे समय तक फै्रश रखने का काम करेगी. अकसर देखने में आता है कि स्टोरेज बौक्स नहीं होने की स्थिति में चीजें खुले में पड़े रहने के कारण उन में सीलन आने से कीड़े भी लग जाते हैं, जिस से दोबारा इस्तेमाल करते समय वे किसी काम की नहीं रहतीं. ऐसे में आप अपनी किचन में छोटीछोटी चीजों को जैसे हब्स, मसाले, बिस्कुट, चिप बैग को फूड क्लिप्स से लौक कर के रखें खासकर त्योहारों के समय तो ये क्लिप्स बहुत काम आते हैं. घर में मेहमानों का आनाजाना लगा रहता है. ऐसे में बारबार चीजों को निकालने के कारण उन के खराब होने के चांसेज ज्यादा रहते हैं. लेकिन ये क्लिप्स पैकेट में हवा व पानी अंदर नहीं जाने देते, जिस से आप का फूड सेफ रहता है. इसलिए चीजों को बरबाद होने व खुद को बीमारी से बचाने के लिए फूड क्लिप्स का इस्तेमाल जरूर करें.

किचन में रखें मल्टी स्पेस वाले कंटेनर

कोरोना के कारण लोगों के मन में इस बार डर है. ऐसे में त्योहारों की रौनक तो फीकी है ही. लेकिन कब तक लोग खुद को अपनों से मिलने से रोक पाएंगे? ऐसे में भले ही कम लेकिन अपने मिलने तो आएंगे ही. तो ऐसे में बारबार आप उन के लिए बाउल्स में नमकीन, ड्राई फ्रूट्स, बिस्कुट्स सर्व करें इस से बेहतर है कि आप त्योहारों पर पहले से ही अपनी किचन में मल्टी बौक्स कंटेनर में स्नैक्स रख लें. इस बात का भी ध्यान रखें कि इस काम के लिए आप जिस कंटेनर का इस्तेमाल करें, उस में ऊपर से कवर करने का भी औप्शन हो. इस से जहां आप बारबार सर्व करने से बच जाएंगी, वहीं स्नैक्स के खराब होने के चांसेज भी नहीं रहेंगे. तो हुआ न मल्टीपर्पज कंटेनर फायदे का साबित, जो प्रेजैंटेबल दिखने के साथसाथ आप के खाने को भी रखे सेफ व फ्रैश.

माइक्रोवैव का खास ध्यान

माइक्रोवैव हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है. इस में खाना बनाने से ले कर खाना गरम करने की प्रक्रिया इतनी आसान है कि अब तो यह हर किचन का हिस्सा बनता जा रहा है. लेकिन क्या आप जानती हैं कि जिस माइक्रोवैव को आप सुविधा का साधन मानती हैं, अगर उसे सही तरीके से साफ नहीं किया जाता है तो यह आप को बीमार भी कर सकता है, क्योंकि जब भी हम माइक्रोवैव में खाने को गरम करते या फिर बनाते हैं तो उस से आसपास व माइक्रोवैव की प्लेट पर गंदगी जमा होने से उस में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो हमारी हैल्थ पर घातक प्र्रभाव डालने का काम करते हैं.

एक शोध में 50% माइक्रोवैव डोर के हैंडल पर एटीपी की संख्या 300 से ज्यादा देखी गई. एटीपी यानी एडानोसीन ट्राइफास्फेट जो एक मौलेक्यूल है, जिस का उपयोग यह आंकलन करने के लिए किया जाता है कि सतह कितनी गंदी है. अगर एटीपी की संख्या 100 से 300 के बीच आती है तो इस का मतलब सतह को जल्दीजल्दी साफ करने की जरूरत होती है और अगर 300 या उस से ज्यादा है तो इस का मतलब  सतह बहुत गंदी है और इस के कारण बीमारी फैल सकती है.

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तो अब आप सम झ गए होंगे कि माइक्रोवैव आप को सुविधा देने के साथसाथ आप की मुसीबत को भी बढ़ा सकता है अगर आप ने उसे जल्दीजल्दी साफ करने की आदत नहीं डाली. आप माइक्रोवैव को डिशवाशर या फिर हलके गरम पानी में नीबू का रस डाल कर उसे साफ कर सकती हैं. आप सिरके से भी इसे साफ कर सकती हैं. यकीन मानिए साफसुथरे माइक्रोवैव में खाना बनाने व गरम कर के सर्व करने का मजा ही कुछ और होता है खासकर त्योहारों पर जब जल्दबाजी में होने के कारण इस की ज्यादा जरूरत पड़ती है.

स्पोंज व सिंक रखें हमेशा साफ

आप जान कर हैरान होगी कि एक छोटे से स्पौंज में 54 बिलियन बैक्टीरियल सैल्स होते हैं, जो स्पौंज के कारण बाकी चीजों में आ कर आप की हैल्थ को प्रभावित कर सकते हैं. अत: स्पौंज किचन के कपडों व सिंक को गरम पानी में डिशवाशर डाल कर रोजाना साफ करें. इस से बैक्टीरिया मरने से आप अपनी किचन हाइजीन का खासतौर पर ध्यान रख पाएंगी. इस बात का भी ध्यान रखें कि कपड़ों को धोने के बाद उन्हें सुखाएं जरूर और कभी भी गंदे कपड़ों से साफ बरतनों को साफ न करें. आप की यह सम झदारी आप के अपनों का खास खयाल रखेगी.

इन जगहों की जल्दीजल्दी सफाई

किचन में बहुत सारी ऐसी जगहे होती हैं, जो खाने के संपर्क में नहीं आतीं, लेकिन हम जब उन्हें अपने हाथों से बारबार टच करते हैं तो वे बैक्टीरिया के संपर्क में आ जाती हैं जैसे डोर नोब्स, हैंडल्स, नल, फ्रिज डोर आदि. ऐसे में जर्म्स के फैलने के चांसेज काफी बढ़ जाते हैं. इसलिए आप के लिए जरूरी है कि जब भी आप हैंडल्स को टच करें तो अपने हाथ जरूर धोएं ताकि आप के द्वारा खाने तक जर्म्स न पहुंच पाएं इन्हें हफ्ते में एक बार ब्लीच सौल्यूशन से जरूर साफ करें ताकि जर्म्स मर सकें.

छोटीछोटी सफाई रखे कीटाणुओं से दूर

बात चाहे किचन के स्लैब की हो या फिर किचन में रखे स्टोव की या फिर डस्टबिन की, इन की साफसफाई अच्छी तरह करने की जरूरत होती है, स्टोव पर रोज खाने बनाने के कारण गंदगी जमा हो जाती है, किचन स्लैब पर हम सब्जियां रखने से ले कर रोटी तक बनाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप रोज इन्हें डिस इन्फैक्टैंट से जरूर साफ करें. इस से बैक्टीरिया मरने के साथसाथ आप की किचन भी क्लीन दिखेगी.

वहीं डस्टबिन से सब से ज्यादा बीमारी फैलने के चांसेज होते हैं. इस में भी कई तरह के बैक्टीरिया पनपते हैं. इसलिए जरूरी है कि आप इसे डिसइन्फैक्टैंट या सिरके वाले पानी से हफ्ते  में एक बार जरूर साफ करें. इस से डस्टबिन साफ होने के साथसाथ उस से दुर्गंध आनी भी बंद हो जाएगी.

कोरोना वायरस में आप के लिए फैस्टिवल्स को खुल कर ऐंजौय करने के साथ अपनी व अपनों की सेफ्टी का भी खास ध्यान रखने की जरूरत है. इस के लिए जरूरी है कि जब भी बाहर से खानेपीने का सामान लाएं तो उसे पानी से धो लें या फिर वाइप्स से क्लीन कर लें ताकि संक्रमण के चांसेज न रहें. कोशिश करें कि बाहर से लाए सामान को एक कोने में ही रखें ताकि उसे साफ करना आसान हो और अगर आप किचन के स्लैब पर सामान रखते हैं तो उसे साफ करना न भूलें. इस तरह आप सेफ भी रहेंगे और त्योहारों का पूरापूरा आनंद भी ले पाएंगे.

लुभावने औफर्स न निकाल दें दिवाला

फैस्टिव सीजन की शुरुआत होते ही बाजार सुनहरे औफर्स से सराबोर नजर आते हैं और भला डिस्काउंट किसे नहीं भाता. लेकिन ज्यादा बचत का लोभ कई बार आप की जेब ढीली भी करा देता है, क्योंकि बंपर फैस्टिवल औफर्स के चक्कर में काम न आने वाला सामान भी खरीद लिया जाता है, जो आप के लिए फायदे का सौदा न हो कर घाटे का सौदा बन जाता है. ऐसे में इस दीवाली समझदारी से करें खरीदारी.

1. बड़े डिस्काउंट से बचें

आप जब भी सेल सीजन में कुछ खरीदने के लिए निकलें, तो आप को यही सलाह है कि देखें, सोचें और फिर खरीदें. बड़े डिस्काउंट औफर्स के चक्कर में बिलकुल न फंसें. उदाहरण के तौर पर आप एक नौनस्टिक पैन खरीदने के लिए बाजार जाती हैं, तो दुकानदार आप को पैन सैट खरीदने पर 30% की छूट का औफर देता है और आप बचत के चक्कर में एक नौनस्टिक पैन खरीदने के बजाय पूरी नौनस्टिक कुकिंग रेंज घर ले आती हैं और खुद को स्मार्ट खरीदार समझती हैं, जबकि दुकानदार बड़े डिस्काउंट की ऐसी तरकीबों को अपना कर एक पैन के बजाय आप से पूरी नौनस्टिक कुकिंग रेंज खरीदवा देता है और आप की जेब से ज्यादा पैसा निकलवा लेता है.

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2. मुफ्त उपहार के चक्कर में न आएं

कुछ खरीदने पर कुछ मुफ्त मिलना सभी को भाता है. लेकिन सेल में किसी भी आइटम के साथ मिलने वाला मुफ्त उपहार खरीदार को लुभाने का एक तरीका है. एक माइक्रोवेव के साथ फ्री कैसरोल पाएं या राइस कुकर के साथ लंच बौक्स का औफर देख अधिकांश इस तरह के मुफ्त उपहार के लालच

में फंस जाते हैं और दुकानदार की चाल को समझ नहीं पाते कि कोई दुकानदार मुफ्त में कुछ भी नहीं देता है, बल्कि उस ने पहले ही कैसरोल का दाम माइक्रोवेव की कीमत में जोड़ लिया होता है. इसलिए दीवाली पर दुकानदारों के द्वारा दिए जाने वाले इस तरह के लुभावने औफर्स पर गौर जरूर फरमाएं. जो भी खरीदें अकलमंदी से खरीदें.

3. शौपिंग की योजना बनाएं

सेल मतलब फायदे का सौदा और यह सौदा आप के लिए तभी फायदेमंद होगा जब आप समय रहते अपनी खरीदारी निबटा लेंगी. कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जो दीवाली से 2 दिन पहले खरीदारी करने निकलती हैं और सोचती हैं कि आखिरी समय में दाम कम होंगे जबकि होता इस का बिलकुल उलटा है. आखिरी समय में दुकानदार कीमत घटाता नहीं, बल्कि बढ़ा देता है, क्योंकि उसे पता होता है कि त्योहार सिर पर है, तो यकीनन ग्राहक को आइटम किसी भी कीमत पर बेचो उसे खरीदनी ही है. इसलिए स्मार्ट बनें और शौपिंग ऐडवांस में करें.

4. स्कीमों से रहें सावधान

आप को हर शोरूम में बाय 2 गैट 1 फ्री या बाय 3 गैट 1 फ्री जैसी स्कीमें देखने को मिल जाएंगी. लेकिन क्या आप को पता है कि ये ग्राहकों को आकर्षित करने और सेल बढ़ाने का एकमात्र तरीका है. दरअसल, दुकानदार को पता होता है कि ग्राहक 40, 50 या 60% छूट पर आकर्षित हो न हो, लेकिन फ्री मिलने वाली चीज पर उस का ध्यान जरूर जाएगा और जब ग्राहक उस के चंगुल में फंस जाता है, तो वह उस से अधिक कीमत वसूल लेता है और उसे सस्ती कीमत वाला फ्री उपहार देता है. इस तरह के औफर्स से बचने का सब से अच्छा तरीका यह है कि अगर आप कीमत कम करना जानती हैं, तो उस के जरीए ही बचत करें न कि इन बाय 2 गैट 1 फ्री के चक्कर में पड़ें.

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5. जिस की जरूरत वही खरीदें

हम सेल के दौरान गजब छूट देख कर मन को काबू में नहीं रख पाते हैं और जरूरत से ज्यादा खरीदारी कर लेते हैं. ऐसे में घर से निकलने से पहले लिस्ट जरूर बना लें ताकि आप का बजट न बिगड़े. जब शौपिंग पर जाएं तो लिस्ट में लिखा सामान ही खरीदें.

6. भारी न पड़े ईएमआई

आजकल लगभग हर बैंक खरीदारी पर नो कौस्ट ईएमआई की सुविधा दे रहे हैं. यह सुविधा तो अच्छी है, मगर यदि इस का बिना सोचेसमझे इस्तेमाल किया जाए तो मुसीबत भी बन सकती है. त्योहारी सीजन में कई बैंक इस पर कम डाउनपेमैंट का औफर भी देते हैं. यहां सावधान रहने की जरूरत है. कम डाउनपेमैंट

के साथसाथ हर महीने आने वाली किश्त का हिसाब भी कर लें. ऐसा न हो कि लालच में आ कर ‘यह भी ले लो वह भी ले लो’ की तर्ज पर खरीदारी कर लें और फिर किश्तें चुकाने में पसीना आ जाए.

7. बस थोड़ी शौपिंग और

मल्टीब्रैंड स्टोर औफर्स की झड़ी लगाने में सब से आगे रहते हैं. आप ने अपनी पसंद और जरूरत का सारा सामान ले लिया और बिलिंग काउंटर पर पहुंच गईं. बिल बनाने वाला बिल बनातेबनाते आप को पौइंट्स से ले कर बचत वाले कई विकल्प बताता रहता है. यदि आप का टोटल क्व2,500 हुआ है तो वह यह भी लालच देगा कि यदि आप क्व500 की शौपिंग और कर लें तो क्व3,000 की कुल शौपिंग पर एक आकर्षक गिफ्ट फ्री है. यदि आप उस के झांसे में आ गईं तो फ्री गिफ्ट के चक्कर में बजट से ऊपर शौपिंग कर लेंगी और जब गिफ्ट खोलने पर सस्ता और गैरजरूरी सामान निकलेगा तो अपना माथा भी पीट लेंगी.

8. डिस्काउंट ट्रैप से बचें ऐसे

– शौपिंग करने के लिए बड़े बाजारों की जगह छोटे और लोकल बाजारों में जाएं. वहां अच्छा विकल्प मिलने के अवसर

बढ़ जाते हैं और ज्यादा डिस्काउंट भी मिलता है.

– मासिक बजट बनाएं और उस पर अडिग रहें. इस तरह आप अधिक खर्च से बच सकती हैं.

– खरीदारी करने से पहले जानकारी इकट्ठी कर लें. अखबार में देखें, इंटरनैट पर खोजें.

– स्टोर पर 40 से 50% से ज्यादा का डिस्काउंट नहीं मिलता, इसलिए इस से ज्यादा डिस्काउंट का इंतजार न करें.

– सेल के शुरुआती समय में ही खरीदारी करने जाएं.

– भीड़ से बचने के लिए दिन के समय और वीक डेज में ही खरीदारी करने जाएं.

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