Breakfast में क्या खाएं क्या नहीं

अकसर यह कहा जाता है कि सुबह का नाश्ता दिन का सब से महत्त्वपूर्ण भोजन है. ऐसा इसलिए क्योंकि पूरी रात नींद लेने और 12 घंटे या इस से अधिक समय तक बिना भोजन के रहने के बाद जब आप का शरीर पोषण के लिए तरस रहा होता है, तो उस की आपूर्ति सुबह का नाश्ता ही करता है. इस के अलावा जागने पर आप के मस्तिष्क में, जो काम करने के लिए ग्लूकोज इस्तेमाल करता है, ऊर्जा की कमी होती है. सुबह का नाश्ता ग्लूकोज की मात्रा को बैलेंस करता है और आप के चयापचय (रस प्रक्रिया) को दोबारा क्रियाशील बनाता है.

इन के अलावा, सुबह नाश्ता करने के अन्य लाभ भी हैं. यह आप की स्मरणशक्ति को बेहतर बनाता है और आप के वजन को काबू में रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सुबह के नाश्ते को नियमित रूप से छोड़ने वालों को दिन में जब भूख लगती है तो वे ज्यादा खाते हैं, जिस से उन का वजन बढ़ता ही है. सुबह नाश्ता करने की अच्छी आदत उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और मधुमेह से पीडि़त लोगों के लिए भी मददगार होती है.

हो पोषक तत्त्वों से भरपूर

न्यूट्रिशनिस्ट कहते हैं कि सुबह का नाश्ता आप को जागने के बाद 2 घंटे के अंदर कर लेना चाहिए. लेकिन इस में यह भी अहम होता है कि आप क्या खाते हैं. दिन का यह पहला भोजन कैल्सियम, आयरन, प्रोटीन, फाइबर और विटामिन बी जैसे जरूरी पोषक तत्त्वों से भरपूर होना चाहिए. लेकिन आमतौर पर अपने देश में सुबह के नाश्ते में खाई जाने वाली चीजें अच्छे स्वास्थ्य के लिए नहीं बनी होतीं. उन में खूब इस्तेमाल की गई चीनी, मक्खन, घी और तेल वगैरह कभीकभी एक बड़ी समस्या का कारण बनते हैं. चिकनाई व तेलयुक्त भोजन में खराब वसा की उच्च मात्रा होती है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है. इस में अत्यधिक कैलोरी और वसा भी खूब होती है, जिस के परिणामस्वरूप मोटापा बढ़ता है और खराब कोलैस्ट्रौल की मात्रा बढ़ती है. धमनियों की भित्तियों पर वसा और प्लाक का धीरेधीरे लेकिन लगातार जमा होना रक्तप्रवाह को बाधित करता है और अंतत: हृदयाघात या स्ट्रोक को जन्म देता है. उच्च कोलैस्ट्रौल पित्त का असंतुलन भी पैदा कर सकता है.

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फोर्टिस अस्पताल, नई दिल्ली की कंसल्टैंट डा. सिमरन सैनी का कहना है कि नाश्ते में घी और मक्खन का अधिक होना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता. पूड़ी, मक्खन के परांठे, सफेद डबलरोटी और ब्रैड रोल जैसे गहरे तले हुए व्यंजनों का नियमित सेवन शरीर में खराब वसा को खतरनाक मात्रा में एकत्रित कर सकता है. चिकनाई व वसायुक्त और मीठे भोजन का इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा तंत्र पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो जुकाम से ले कर कैंसर तक की संभावना को बढ़ाता है. अपने आहार में घी, मक्खन और चीनी के नियमित सेवन के स्थान पर स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों को अपनाना बीमारी मुक्त जीवन की कुंजी है.

मीठा करें कम

स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आप को सुबह के नाश्ते में अतिरिक्त मीठे को कम करने और चीनीयुक्त चीजों को उच्च फाइबर वाले और कम मीठे पदार्थों से बदलने की आवश्यकता होती है. मीठे के शौकीन एक सुरक्षित विकल्प के रूप में चीनी के विकल्प इस्तेमाल कर सकते हैं, जो मधुमेह, मोटापे और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीडि़त लोगों के लिए भी आदर्श हैं. स्टेविया, एस्पारटेम और सूक्रैलोस चीनी के ऐसे विकल्प हैं, जो पूरी दुनिया में लोकप्रिय हैं और अपने देश में भी उपलब्ध हैं. परंतु इन का प्रयोग डाक्टर की सलाह से ही करें. तो सुबह के नाश्ते में क्या खाना है और किस से बचना है? इस सवाल का जवाब यह है कि ऐसी चीजें चुनिए जो फाइबर, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर हों और अतिरिक्त मीठे की मात्रा कम रखती हों. अपने आहार को बदलते रहना भी जरूरी है. एक ही चीज को हर रोज मत खाइए. एक ही दिन में भी नाश्ते की भरपूर विविधता रखिए और थोड़ीथोड़ी मात्रा में हर चीज खाइए.

सुबह के स्वास्थ्यवर्धक नाश्ते के कुछ विकल्पों में दलिया, जई, फलों का सलाद, गेहूं की डबलरोटी, मल्टीग्रेन डोसा, पोहा, उपमा, सांबर, दाल, सोया, अंकुरित दालें, सब्जियों के सैंडविच, मक्का, कम वसा या शून्य वसा का दूध एवं दही, लस्सी, कौटेज चीज, ताजे फलों का रस, भूरा चावल, संपूर्ण दानेदार अन्न और केला, तरबूज एवं सेब जैसे फल शामिल हैं. चीनी की अधिक मात्रा रखने वाली चीजों से बचें जैसेकि पेस्ट्री और डब्बाबंद फल. खूब सारे घी या तेल में बने हुए परांठे और आमलेट भी न खाएं. इन के अलावा बहुत ज्यादा मक्खन या घी, सफेद डबलरोटी, सफेद चावल, फ्रैंच टोस्ट, वसायुक्त मीट, संपूर्ण दूध से बना दही और अन्य उत्पाद भी न खाएं. मक्खन और चीनी के स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों को चुनें. सुबह एक अच्छा नाश्ता बच्चों और किशोरकिशोरियों के लिए और भी ज्यादा जरूरी है. जो सुबह स्वास्थ्यवर्धक नाश्ता करते हैं, उन्हें अधिक ऊर्जा मिलती है और उन के द्वारा शारीरिक क्रियाकलापों में भाग लिए जाने की संभावना अधिक होती है, जिस से मोटापे और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलती है.

ऐसे बच्चे स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि वे चिड़चिड़े, बेचैन, थके हुए या तुनकमिजाज भी अपेक्षाकृत कम होते हैं. इसलिए हर किसी को सुबह के नाश्ते को गंभीरता से लेना चाहिए, भले ही वह बालिग हो या बच्चा.

-डा. सिमरन सैनी, फोर्टिस हौस्पिटल

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जानें एक्ट्रेस फ्लोरा सैनी के फिटनेस मंत्र

हिंदी, तमिल, तेलगू, कन्नड़ फिल्मों में काम करने के अलावा ऑल्ट बालाजी की सबसे बोल्ड वेब सीरीज ‘गंदी बात’ के 5वें सीजन से धमाल मचाने वाली ग्लैमरस एक्ट्रेस फ्लोरा सैनी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है. अक्सर अपनी बोल्ड और सेक्सी फोटोज शेयर करती रहती है. हाल ही में उन्होंने वीमेंस डे के मौके पर महिलाओं को फिट रहने के अपने पर्सनल सीक्रेट्स शेयर किए है. उनके फिट रहने का राज क्या है बताते है उन्ही की जुबानी.

एक्ट्रेस फ्लोरा सैनी का फिटनेस मंत्र-

1.वीमेंस डे आने वाला है इस मौके पर महिलाओं को क्या संदेश देना चाहती है?

मैं ये ही कहना चाहती हूं महिलाएं बहुत ही स्ट्रांग है , सुपर वीमेंस है. अपने आप को किसी के कहने पर कभी कम मत समझना, सारे आदमियों की जितनी भी पोस्ट है उन पर कब्जा करना, सबको दिखा देना आप कितना अच्छा कर सकती हो. यंग लड़कियों के लिए इंस्प्रेशन बनना. महिलाओं के लिए वर्क लाइफ और प्रोफेशनल लाइफ दोंनो को बैलेंस करना आसान नही है बिग सेल्यूट आल द वीमेंस.

2.आपकी नजर में महिलाओं के लिए हेल्थ अवेरनेस होना कितना जरूरी है?

मेरे नजरिए में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों , सभी के लिए हेल्थ अवेरनेस होना जरूरी है. पहले  हमारे समय में प्ले ग्राउंड होते थे उस समय बच्चे खेलते थे. पर अब सब चेंज हो चुका है. आजकल के बच्चे अपना  समय मोबाइल या फिर गेम पर ज्यादा बिताते  है. इसलिए  बहुत जरूरी है कि बच्चों को अधिक से अधिक एक्टिवेटी में शामिल करें. महिलाएं अगर अपने लिए टाइम नहीं निकाल पा रहीं हैं तो वह घर के काम करके भी अपने को फिट रख सकती हैं. अपने घर को साफ करके जो वर्क आउट होता है उससे बढ़िया कुछ हो ही नहीं सकता.

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3.महिलाओं को ऐसी कौन सी 5 चीजें स्ट्रांग बनाती है?

मुझे 5 चीजे तो नही पता बट महिलाएं, आदमियों के मुकाबले ज्यादा स्ट्रांग है. मेरी मम्मी कहती है आदमियों को जब स्ट्रेस होता है तो उन्हें कुछ न कुछ सहारे की जरूरत होती है वो स्ट्रेस में सिगरेट और शराब का सहारा लेते है लेकिन महिलाओं को इन सब चीजों की जरूरत नहीं होती है. हमारी नानी, दादी, मां और बहनों ने कम पैसों में भी घर चलाया है. बहुत सारे बच्चों को एक साथ एजुकेट किया है. महिलाएं बनी ही स्ट्रांग है. जो अपने अंदर से एक बच्चे को निकाल सकती है वो कुछ भी कर सकती है. उसकी लाइफ में कुछ भी हो जाए वो दोबारा उसे फिर से शुरू कर सकती है. महिलाओं की स्ट्रेंथ ही उसकी खूबसूरती है.

4- लॉक डाउन बहुत लंबा सफर रहा जिसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत पड़ा है आप इससे बाहर कैसे निकली?

लॉक डाउन लंबा सफर जरूर था थैंकफुली मैं अपना ऐप चला रही थी तो मैं मेंटली काफी बिजी थी. मैंने बहुत सारे लोगों को एडवाइज जरूर दी जिन्हें डिप्रेशन हुआ, अकेलापन महसूस हुआ. आजकल की लाइफ डिजिटल ज्यादा हो गई है लोग आपस में कम मिलते है डिजिटली फोन पर सोशल मीडिया के जरिए ज्यादा टच में रहते है तो लॉक डाउन एक क्रेच कोर्स था. हमें ये रिलाइज करने के लिए की ह्यूमेन इमोशन को मत भूले एक दूसरे से मिलना, गले लगाना सिंपल सी चीज है इसमें कितनी हीलिंग है.

मेरी 3 चीजे जो लॉक डाउन से रिलेटेड है जिससे आपको जिंदगी में किसी भी चीज से मेंटल स्ट्रेस नही होगा. एक तो मीठा खाएं, मीठा खा कर अपना गम भूल जाएं, जो मीठा खाता है तो हैप्पी हार्मोन्स आते है. दूसरा अच्छा गाना लगाएं तो आटोमेटेकली आपको लगेगा कि अच्छे गाने पर डांस करू और जो आदमी डांस करेगा तो वह बिना स्माइल किये रहेगा नही,  उसे डिप्रेशन होएगा नही और तीसरा अच्छे दोस्तों से बात करना यानी खुशमिजाज दोस्त जो पॉजिटिव वाइवज वाले हो, आज के समय मैं हंसी, ख़ुशी और मुस्कुराहट ही सबसे बड़ा खजाना है जिससे आपके दिमाग में निगेटिव ख्याल ही नही आते है.

5.बॉडी को फिट रखने के लिए दिन की शुरुआत किस तरह करतीं है?

मेरे दिन की शुरुआत बुलेट कॉफी से होती है. आप भी सोच रहें होंगे कि आख़िर  बुलेट कॉफी है क्या? तो मैं आपको बता दूं कि ये नॉर्मल ब्लैक कॉफी का

थोड़ा हाईटेक वर्जन है, जिसमें घी और कोकोनेट  ऑयल डाला जाता है . ये पीने में बहुत टेस्टी होता है. मैं इसे अपने तरीके से टेस्टी बनाती हूं. इसको पीने के बाद काफी देर तक भूख नहीं लगती क्योंकि ये हैवी होती है.पर  मैं जब शूट पर होती हूं तो एक कड़क मसाला चाय पीती हूं.

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6.योग या एक्सरसाइज में क्या करना पसंद करती है?

ये मेरे मूड पर डिपेंड करता है उस समय स्ट्रेसफुल डे है कैसा दिन है. मुझे डांस करना पसंद है. अगर मैं  शूट पर होती हूं तो शॉट के बीच में डायलॉग याद करते हुए चलती रहती हूं इससे मेरी वॉक होती रहती है.

7- फिट रहने के लिए रुटीन फालो करने के क्या नियम है?

फिट रहने के लिए रूटीन को फॉलो करना बहुत जरूरी होता है पर लोग ऐसा नहीं कर पाते. अकसर देखने को  मिलता है कि न्यू ईयर पर लोग फिट रहने का रेसलूशन लेते हैं पर थोड़े दिन बाद ब्रेक हो जाता है. ऐसा ना हो इसके लिये बहुत जरूरी है कि रूटीन को ब्रेक ना होने दें.

8.आप वेजिटेरियन है या नॉन वेजिटेरियन डाइट में क्या लेती है. डाइट प्लान क्या है?

वैसे तो मैं नॉन वेजिटेरियन हूं मगर मुझे वेजिटेरियन खाना बहुत पसंद है. अगर मुझे ऑप्शन दिया जाए तो मैं वेजिटेरियन खाना ही पसंद करती हूं. मुझे लगता है कि यह बहुत कंपलीट खाना है. वैसे अभी तो मैं स्ट्रिक्ट डाइट पर हूं तो चिकन और सैलिड बहुत जरूरी है मेरी डाइट में. वेजिटेरियन में अगर  मुझे ऑप्शन दिया जाए तो मैं इडली की बहुत बड़ी फैन हूं.

Independence Day Special: बीमारियों से आज़ादी दिलवाने के लिए अपनाएं एक्सपर्ट के 5 टिप्स

इस वर्ष हमारा देश आज़ादी के 75 साल मना रहा है. इस सदी में आज़ादी का हर व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व है – चाहे वो पुरुष हो या महिला, बच्चा हो या बुज़ुर्ग. एक इंसान के लिए सबसे कीमती होता है उसका स्वास्थ्य.  यदि स्वास्थ्य सही हो तो यह इंसान सब कुछ हासिल कर सकता है.  तो आईये इस स्वतंत्रता  दिवस पर हम अपने शरीर को बीमारियों से आज़ाद रखने के लिए कुछ टिप्स जानते हैं:

 ये टिप्स बता रहीं हैं न्यूट्रीशनिस्ट, डायटीशियन और फिटनेस एक्सपर्ट मनीशा चोपड़ा.

टिप्स 1: मौसमी सब्जियां और फलों का सेवन करें

वैसे तो कई सब्जियां और फल पूरे साल मौजूद रहे हैं, लेकिन सिर्फ उन्हीं को खाना जरूरी है जो चल रहे मौसम के लिहाज से उपयुक्त हों. स्वस्थ और ताजा भोजन हासिल करने की कोशिश करें. आप इस मौसम के लिहाज से अनुकूल टमाटर, बेरी, आम, तरबूज, खरबूज, आलू बुखारा, अजवायन, नारंगी आदि जैसे फलों और सब्जियों पर ध्यान दे सकते हैं.

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टिप्स 2: पूरे दिन पर्याप्त पानी पीएं

पानी पीना और इस मानसून के सीजन में शरीर में नमी बनाए रखना बेहद जरूरी है. सुनिष्चित करें कि स्वयं को ताजगी महसूस कराने के प्रयास में हर दिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीएं. यदि संभव हो, तो कम ठंडा पानी पीएं, क्योंकि ज्यादा ठंडा पानी पीने से स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

टिप्स 3: नियमित रूप से व्यायाम करें

व्यायाम हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है.  एहूमे अनेक बीमारियों से बचाये रखता है इसलिए अपने शरीर को बीमारियों से आज़ाद करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत आवश्यक है.

टिप्स 4: कोल्ड ड्रिंक के बजाय ताजा फलों का जूस पीएं

बहुत से ऐसे लोग हैं जो ज्यादा प्यास का अनुभव महसूस करते हैं और अक्सर अपनी प्यास बुझाने के लिए कोल्ड ड्रिंक पीना पसंद करते हैं. लेकिन ऐसे ठंडे पेय आपके शरीर को फायदे के बजाय नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए, अपनी प्यास बुझाने के प्रयास में कोल्ड ड्रिंक के बजाय ताजा फलों के रस का इस्तेमाल करें. ये कोल्ड ड्रिंक के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद हैं और इनसे आपका स्वस्थ और फिट रह सकता है.

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टिप्स 5: स्वस्थ शरीर के लिए स्वच्छता बनाए रखें

जैसा कि आप जानते हैं, स्वस्थ शरीर के लिए स्वच्छता जरूरी है. यह सुनिष्चित करें कि क्या आप जो भोजन या पेय पदार्थ ले रहे हैं, वह स्वच्छ और ताजा है. आपका शरीर घर या रेस्तरां में गंदे बर्तनों की वजह से बैक्टीरियल इन्फेक्षन का शिकार हो सकता है. इसलिए हमेशा यह सुनिष्चित करें कि खाने से पहले और बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं. इसके अलावा, अपने चेहरे को समय समय पर धोते रहें.

5 Tips: हैल्दी Eating पर महंगी नहीं 

अधिकांश लोगों को लगता है कि अगर हैल्दी फूड खाना है, तो अपनी जेब पर बोझ डालना पड़ेगा. तभी आप अपनी सेहत का ध्यान रख पाएंगे. लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता. आप इस बात से अनजान हैं कि अगर आपको फ़ास्ट फूड  व स्नैक्स की ज्यादा लत है, तो ये आपके हैल्दी फूड से ज्यादा महंगा व आपकी सेहत के लिए भी काफी नुकसानदेय साबित होता है. आपको बता दें कि अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखकर हैल्दी फूड के ओप्शन को चूज़ करते हैं , तो ये इकोनोमिकली भी आपकी पौकेट को सूट करने के साथ आपकी हैल्थ का भी खास ध्यान रखने का काम करेगा. तो जानते हैं इस संबंध में न्यूट्रिशनिस्ट शिखा महाजन से.

1. सीजनल चीजें ही खाएं 

हमेशा सीजनल फल व सब्जियां ही खाएं. क्योंकि ये ज्यादा फ्रैश , स्वादिष्ट होने के साथ गैर मौसमी उत्पादों की तुलना में कम महंगे होते हैं. असल में इस तथ्य का कारण यह है कि मौसमी फल व सब्जियों को उनके पूरी तरह से पकने के बाद ही काटा जाता है. और उन्हें बहुत दूर तक नहीं ले जाया जाता. जिससे खेत से ग्रोसरी स्टोर शेल्फ तक पहुंचने वाले समय में कमी आती है. और सीजनल फल व सब्जियां ज्यादा फ्रैश व स्वादिष्ट लगती है. साथ ही हमें सस्ते दामों पर भी मिल पाती है.

विभिन्न प्रकार के इंटरनेट संसाधन हैं , जो आपको इस बात की जानकारी देंगे कि इस सीजन में आपके क्षेत्र में कौन से फल व सब्जियां उपलब्ध हैं. जिसकी जानकारी लेकर आप अपने नज़दीकी ग्रोसरी स्टोर या लोकल मार्केट से उसे खरीद कर अपनी पॉकेट व अपनी सेहत का ध्यान रख सकते हैं.

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2. खुद से कटिंग करें 

आज हर चीज इतनी आसान हो गई है कि चाहे ग्रोसरी सामान को घर लाने की बात हो या फिर फ्रूट्स, वेजिज़ की कटिंग की, हर चीज हमें अपनी सुविधानुसार मिल जाती है. आपको फलों , सब्ज़ियों से लेकर मीट , नट्स, चीज सब कटा हुआ मिल जाता है. यहां तक कि रेडी टू ईट फूड भी. जो भले ही आपके काम को आसान बनाने का काम करें, लेकिन दुकानदार इसकी पैकेजिंग, कटिंग के नाम पर काफी पैसे वसूलते हैं. और साथ ही इन चीजों की फ्रेशनेस की भी कोई गारंटी नहीं होती है.  ऐसे में आप रेडी टू इट फ़ूड व कटी हुई फल व सब्जियों के आसान आप्शन को छोड़ कर खुद से ही घर पर फल, सब्जियों व अन्य चीजों को काटें. इससे आप एक्टिव भी रहेंगे, हैल्दी भी खाएंगे और साथ ही पैसों की भी बचत कर पाएंगे.

3. प्लांट बेस्ड प्रोटीन स्रोत को चुनें 

दिनोंदिन जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है. उसी तरह मीट, फिश, चिकन के रेट्स में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. भले ही ये प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं. लेकिन अगर बात सिर्फ प्रोटीन लेने की है तो आप इसे लेने के लिए अपनी डाइट में थोड़े सस्ते प्रोटीन के स्रोत जैसे बीन्स, पनीर, टोफू, छोले , दालें आदि को शामिल करें. क्योंकि ये चीजें प्रोटीन व फाइबर में हाई होने के साथ इसमें ढेरों विटामिन्स व मिनरल्स भी होते हैं. इन चीजों को आप पुलाव, सैलेड, स्टिर फ्राई, सूप इत्यादि में भी शामिल कर सकते हैं. लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल नहीं कि आप पूरी तरह से वेजिटेरियन बन जाएं. बस आप पहले प्लांट बेस्ड प्रोटीन डाइट को हफ्ते में 3 – 4 दिन शामिल करें और देखें कि ये कम पैसों में भी आपकी हैल्थ का ध्यान रखती है. यहां तक कि फ्लेक्सिटरियन डाइट भी आपको बड़ी मात्रा में प्लांट बेस्ड मील्स लेने की सलाह देती है और ओकेशनली एनिमल बेस्ड मील्स.  इसलिए समझदार बनकर पौकेट को सूट करने वाली प्रोटीन रिच फूड को अपनी डाइट में शामिल करें.

4. घर पर उगाएं सब्जियां 

आप अपने घर में सब्जियां उगा सकते हैं. अब आप ये सोच रहे होंगे कि हमारे आंगन में तो इतनी जगह ही नहीं है. तो आपको बता दें कि आप अपनी छोटी सी बालकनी में भी कम जगह घेरने वाले गमले लगाकर उसमें हरी पत्तेदार व मौसमी सब्जियां उगाकर घर बैठे खुद की सेहत का ध्यान रखने के साथसाथ नेचर के प्रति अपने प्यार को और जता सकते हैं. इसके लिए बस आपको सोइल, सीड और धूप वाले एरिया की जरूरत होगी. इसके लिए खिड़की के पास वाली जगह या फिर बालकनी का एरिया परफेक्ट है.

यदि आप सीमित धूप वाले अपार्टमेंट में रहते हैं तो आप इंडोर हाइड्रोपोनिक गार्डन के विकल्प को चुनें. क्योंकि ये पौधों को हवा देने के लिए एलईडी लाइट्स के साथ आते हैं. ताकि पौधों को पनपने के लिए अनुकूल वातावरण मिल सके.

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5. शौपिंग रूटीन बदलें 

क्या आज रोजाना फल व सब्जियां खरीदते हैं और हफ्ते भर बाद उसके खराब हो जाने के बाद उसे फ़ेंक देते हैं ? अगर ये नियमित रूप से होता है तो फ्रोज़न फूड सैक्शन में देखें कि फल व सब्जियां अपनी नूट्रिशनल वैल्यू नहीं खोते हैं , अगर उन्हें ताजा होने की स्तिथि में ही रख दिया जाता है. इसलिए जरूरत की चीजों को ही बाहर निकालें , बाकी को एडवांस्ड फ्रिजर  में सही टेम्परेचर पर स्टोर करके रख दें. ये ताजा रहने के साथसाथ ज्यादा महंगे भी नहीं पड़ेंगे. क्योंकि ख़राब होने पर फेंक देना मतलब पैसों की बर्बादी होना ही है. ऐसे में आप बिना नुकसान उठाए अपनी हैल्थ का रखें खयाल.

जानें कैसा हो उमस में आपका डाइट

कोरोना की दूसरी लहर के बाद देश में राज्य स्तरीय लौकडाउन शुरू किया गया था. चूंकि अब मामलों में गिरावट आई है तो कई शहर अनलौक की प्रक्रिया अपना रहे हैं. लोगों का कामधंधा फिर से खुल गया तो लोग वापस बाहर निकलने लगे हैं. लेकिन बाहर निकलने के साथ बढ़ती उमस कोरोना समय में स्वास्थ्य पर खराब असर डाल सकती है.

उमस में न सिर्फ मौसम का तापमान बढ़ता है बल्कि शरीर का तापमान भी बढ़ने लगता है. बेचैनी, घरबराहट, सुस्ती के अलावा शरीर संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जिस में शरीर का डीहाइड्रेट होना, अति पसीना आना, जल्दी बीमार पड़ना, इम्यूनिटी की कमी होना संबंधित दिक्कतें आ सकती हैं.

ऐसे में इन दिक्कतों को दूर करने के लिए ऐसी डाइट टिप्स आजमाए जाने की जरूरत है जो शरीर को फायदा पहुंचाएं.

डाइट टिप्स

ताजा खाना खाएं और स्वस्थ रहें : बेहतर है कि उमस में तुरंत पकाया हुआ खाना ही खाएं क्योंकि इस मौसम में खाना जल्दी खराब होने की संभावना रहती है. साथ ही, ऐसा खाना अपनी डाइट में शामिल करें जो जल्दी पच जाए. गाजर, टमाटर, पालक, खीरे के अलावा पानी से भरपूर लौकी, तुरई जैसी सब्जियां कम कैलरी वाली होती हैं, साथ ही इन से एसिडिटी  जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं. इन में उमस से लड़ने की ताकत होती है.

चायकौफी कम : उमस में कोशिश करें कि चाय या कौफी का अधिक सेवन न हो. कैफीन से शरीर में डीहाइड्रेशन होता है. इस के बजाय जूस, आइस टी, दही, लस्सी, छाछ, नीबू पानी, आम पन्ना, बेल शरबत, नारियल पानी, गन्ने का रस पी सकते हैं. आप ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं.

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ग्लूकोज सेवन : उमस में हर समय ग्लूकोस मौजूद रहना चाहिए. यह बहुत साधारण और आम चीज है. बाहर निकलते समय यह जरूरी है कि बोतल में पानी के साथ ग्लूकोस मिला कर लिया जाए. यह शरीर को डीहाइड्रेट होने से बचाता है.

फलों पर जोर : यदि मीठा खाने का मन हो तो कोशिश करें कि फल को ही प्रायोरिटी में रखें और मिठाई खाने से बचें. उमस के मौसम में ऐसे बहुत से फल होते हैं जिन में भरपूर पानी होता है जो शरीर को रिफ्रैश रहने में मदद पहुंचाते हैं, जैसे तरबूज, खरबूजा, अन्नानास, पपीता इत्यादि.

पेय पदार्थ आवश्यक

– उमस में कम से कम 3 लिटर पानी पीना आवश्यक है. शरीर का तापमान बढ़ता है तो सब से पहले शरीर में पानी की कमी महसूस होती है. ऐसे में समयसमय पर पानी पीते रहें.

– डाइट में लिक्विड के तौर पर सूप, सैलेड फ्रूट्स बढ़ाएं. मसालेदार और तेज खाने से बचें.

– खाने में सफाई का पूरा ध्यान रखें. इस मौसम में पानी से संबंधित काफी बीमारियां फैलने की संभावनाएं रहती हैं. ऐसे में पानी का साफ होना सब से जरूरी है.

– कहीं बाहर उमस से आए हों तो तुरंत ठंडा पदार्थ न लें. घर पर भी हों तो ऐसे पेय पदार्थों से दूर रहें जो अत्यधिक ठंडे हों. इस तरह के पदार्थ पाचनक्रिया के अलावा शरीर के नैचुरल कूलिंग सिस्टम पर प्रभाव डाल सकते हैं.

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वर्किंग वुमन और हाउसवाइफ कैसे रहें फिट?

आज के मौर्डन टाइम में फिट रहना काफी जरुरी हैं. पर बिजी होने के कारण आपके पास या तो समय नहीं होता या फिर काम के कारण थकान आपको ऐक्सरसाइज करने से रोकती हैं. बदलती लाइफ स्टाइल जहां लोगों को प्रगति पथ पर ला रही है, वहीं कई समस्याएं उन्हें कम उम्र में ही होने लगी हैं. उन में शुगर, ब्लडप्रैशर, नींद न आना वगैरह खास हैं. अधिकतर ये समस्याएं बिना सोचेसमझे उद्देश्य के पीछे भागने, तनावपूर्ण जीवन बिताने, कम सोने, समय पर भोजन न करने आदि कारणों से होती हैं. अगर आप फिट रहना चाहती हैं, तो स्वास्थ्यवर्धक भोजन समय पर करना, व्यायाम करना, पूरी नींद लेना आदि बहुत जरूरी है. आप चाहे वर्किंग वूमन हों चाहे हाउसवाइफ अगर आप इन बातों पर विशेष ध्यान दे कर इन्हें अपनाती हैं तो आप स्फूर्तिवान, ताजगीपूर्ण और फ्रैश दिख सकती हैं. इस बारे में मुंबई के फिटनैस ऐक्सपर्ट मिकी मेहता कहते हैं कि फिटनैस के प्रति महिलाएं सब से अधिक उदास रहती हैं. वे इस बात पर ध्यान नहीं देतीं कि केवल घर पर रह कर या बाहर के काम से आप का वर्कआउट पूरा नहीं होता. कुछ व्यायाम आप को समयसमय पर करने जरूरी हैं.

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वर्किंग विमंस के लिए जरूरी व्यायाम

  1. काम करते-करते जब भी समय मिले, कुरसी पर बैठ कर अपने सिर को बाएं हाथ से दाईं ओर ले जाएं. 15 से 20 सैकंड वैसे रखने के बाद सिर को दाएं हाथ से बाईं ओर ले जाएं. इसे ट्रंक ट्विस्ट कहा जाता है. यह गरदन के लिए बहुत आरामदायक वर्कआउट है.
  2. अपने दोनों हाथों को सिर के पीछे ले जा कर कुहनी से दाएं घुटने को छूने की कोशिश करें. इस के लिए 15 से 20 सैकंड काफी होते हैं. फिर बाएं घुटने के साथ ऐसा करें.
  3. कुरसी पर बैठ कर पैरों को सीधा कर 30 सैकंड तक रखें. ऐसा थोड़ीथोड़ी देर में करने से दोनों पैरों में सूजन या थकान नहीं आती.
  4. कुरसी पर ही बैठ कर पैरों को सीधा कर, अंगूठे को जमीन पर टिका कर एक बार क्लौकवाइज और एक बार ऐंटीक्लौकवाइज घुमाएं. इस से पैरों में होने वाला दर्द कम होता है व ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है.

हाउसवाइफ के लिए टिप्स 

हाउसवाइफ को किसी ऐक्सपर्ट से व्यायाम को सीख लेना चाहिए ताकि उन की सेहत पर इस का बुरा प्रभाव न पडे़. कई बार सही जानकारी के अभाव में किया गया व्यायाम कई परेशानियों को भी दावत देता है. एक अनुभव को शेयर करते हुए मिकी मेहता बताते हैं कि एक महिला ने घर पर पतले होने के लिए साइकिलिंग करना शुरू किया. लेकिन जरूरत से अधिक साइकिलिंग करने की वजह से उन के स्पाइनल कौर्ड में दर्द शुरू हो गया. वे कई महीनों तक ठीक से उठनेबैठने में असमर्थ थीं. काफी इलाज के बाद वे नौर्मल हुईं. हलके-फुलके व्यायाम, जैसे जौगिंग करना, तैरना, साइकिल चलाना, टहलना आदि व्यक्ति कभी भी कर सकता है. पर कुछ खास व्यायाम जो आप को फिट रखें निम्न हैं:

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  1. स्क्वाट्स शरीर को फिट रखने का उत्तम व्यायाम है. इस में कंधे को सीधा कर खड़े हो कर, पैरों को थोड़ा अलग करें. फिर दोनों हाथों को ऊपर ले जा कर झुकें और अंगूठे को छुएं. करीब 10 सैकंड के बाद वापस खड़ी हो जाएं और 5 बार दोहराएं.
  2. जमीन पर उलटी लेट कर दोनों हाथों के सहारे शरीर को सहारा दे धीरेधीरे शरीर को ऊपर उठाएं. इसे 5 बार दोहराएं.
  3. महिलाओं के लिए पेट का व्यायाम एबडौमिनल कं्रचेस बहुत लाभदायक होता है. इस में फर्श पर लेट कर घुटनों को मोड़ लें और गरदन के पीछे दोनों हाथों को ले जा कर अपनी बौडी को घुटनों के साथ जोड़ने की कोशिश करें. बौडी को उठाते वक्त सांस खींच लें. फिर धीरेधीरे छोड़ें. इसे 12 से 15 बार दोहराएं.

ऐसे करें मोटापे को दूर

  1. कभी भी भूखी न रहें. आहार तालिका में फल, हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें.
  2. भोजन से पहले सलाद या सूप अवश्य लें.
  3. हर्बल या ग्रीन टी भी भोजन से पहले ले सकती हैं. इस से मैटाबोलिज्म अच्छा रहता है.

Winter Special: सर्दियों में फायदेमंद है संतरे का सेवन

सर्दियों के मौसम में संतरा, कीनू, अमरूद आदि फल बहुतायत में पाए जाते हैं, लेकिन विटामिन ‘सी’ से भरपूर संतरा इस मौसम में आप के लिए लाभप्रद है. यदि आपको ब्लडप्रैशर की शिकायत है तो संतरे को अपने खानपान में अवश्य शामिल करें, क्योंकि संतरा सोडियम की मात्रा को नौर्मल रख ब्लडप्रैशर को सही रखता है. यही नहीं, रोजाना संतरे का सेवन किडनी में होने वाली पथरी के खतरे को भी कम करता है. यदि किडनी में पथरी हो तो संतरे का जूस इस के लिए लाभदायक रहता है. विटामिन ‘सी’ युक्त संतरा शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रैडिक्लस से भी सुरक्षित रखता है. साथ ही इस में मौजूद लाइमोनिन कैंसर सैल्स को बढ़ने से रोकता है.

सर्दियों के मौसम में अधिकतर होने वाले सर्दीजुकाम में भी संतरे का सेवन कारगर साबित होता है. वैसे तो सर्दी में विटामिन ‘सी’ युक्त सभी फल बीमारियों से निजात दिलाते हैं. अधिकतर लोगों का मानना है कि संतरे की तासीर ठंडी होने से इसे इस मौसम में नहीं खाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है.

कई फायदे

सर्दियों में संतरे का सेवन काफी फायदेमंद है. इस के नियमित सेवन से हम कई मौसमी बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं. भले ही यह फल ठंडी तासीर का है लेकिन गर्मियों के बजाय यह सर्दियों के लिए ज्यादा कारगर है. संतरे में विटामिन ‘सी’ पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जिस से हमारी स्किन में टाइटनैस आती है, कभी भी ड्राइनैस नहीं आती.

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इसलिए इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा संतरे का इस्तेमाल करें और नियमित रूप से जूस पीएं. यदि आप शुगर की बीमारी से जूझ रहे हैं तो संतरा जरूर खाएं. यह ब्लड शुगर को नियंत्रत रखता है, साथ ही इस में मौजूद विटामिन ‘ए’ आंखों के लिए काफी लाभकारी है.

संतरे के जूस के फायदे

संतरे का जूस पीने से स्वास्थ्य और स्किन दोनों को फायदा होता है. यह शरीर में विटामिन ‘सी’ की कमी को पूरा करता है और कई बीमारियों से बचाने में कारगर है. विटामिन ‘सी’ संतरे में सब से ज्यादा होता है लेकिन इस के साथ ही इस में विटामिन ‘ए’ पोटैशियम, फाइबर आदि पोषक तत्त्व भी मौजूद होते हैं. यह बड़ों से ले कर बच्चों के लिए भी काफी फायदेमंद है. इसे पीने से निम्न फायदे हैं :

– वजन कम करना चाहते हैं तो एक संतरा रोज खाएं.

– संतरे के जूस से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है.

– इस को नियमित पीने से सर्दीजुकाम, खांसी जैसी छोटीछोटी बीमारियों से नजात मिलती है.

– संतरे का जूस पीने से शरीर में कैंसर पैदा करने वाले सैल्स नष्ट हो जाते हैं.

– शरीर की पाचनक्रिया संतरे का जूस पीने से सही रहती है साथ ही पेट की अन्य समस्याएं भी इस से दूर हो जाती हैं.

– इस के सेवन से बौडी में ब्लड सर्ककुलेशन भी ठीक रहता है.

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– यह ब्लडप्रैशर और कौलेस्ट्रौल नियंत्रित करने में कारगर है.

– संतरा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी सिस्टम को भी मजबूत करता है.

– इस के सेवन से आप सर्दी, खांसी और वायरल संक्रमण से जल्दी प्रभावित नहीं होते.

– संतरे में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो कौलेस्ट्रौल के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार होता है.

– यह दिल से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करता है.

मेरी 20 साल की बेटी हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से मना करती है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी 20 साल की बेटी कालेज जाती है. वह हरी पत्तेदार सब्जियां नहीं खाती और दूध पीने में भी आनाकानी करती है. कृपया सुझाव दें कि उसे किस तरह का भोजन दैनिक पोषण की सभी जरूरतों को पूरा कर सकता है?

जवाब-

आज कई बच्चों का शैड्यूल काफी व्यस्त रहता है और उन के आहार में बहुत अधिक सुविधाजनक भोजन और जंक फूड शामिल हैं. खाने की ये चीजें आमतौर पर हानिकर होती हैं. वे आप के बच्चे की सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं. स्वस्थ आहार और पोषण पर ध्यान देने से कई गंभीर बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है. इन में मोटापा, दिल की बीमारी, टाइप 2 डायबिटीज आदि शामिल हैं.

शरीर के लिए संतुलित नाश्ता जरूरी है. सुबह व्यस्त होने पर भी सेहतमंद नाश्ते के लिए इन में से कोई एक आजमाए जैसेकि साबूत गेहूं के ब्रैड वाला अंडा सैंडविच, ग्रीक योगर्ट, साबूत अनाज, पीनट बटर, अच्छी तरह से उबले अंडे और एक सेब. उस के खाने की आदतों पर नजर रखें और अस्वास्थ्यकर खाने की जगह सेहतमंद खाना देने की कोशिश करें. उदाहरण के लिए आइसक्रीम की जगह स्मूदी, व्हाइट ब्रैड की जगह साबूत गेहूं की ब्रैड, आलू के चिप्स की जगह बेक्ड चिप्स और नट्स, दूध की जगह शेक.

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हम अपने काम में अपने आप को इतना व्यस्त कर लेते हैं कि हम अकसर अपनी सेहत से समझौता कर बैठते हैं और हैल्दी रहने के लिए जिम जा कर पसीना बहाते हैं, डाइटिंग करते हैं और सोचते हैं कि ये सब कर खुद को बीमारियों से बचा सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है आप चुस्त हो या दुरूस्त हो कितने ही हैल्थ कौंशस क्यों न हो फिर भी दुनियाभर की बीमारियां आप को घेर ही लेती हैं इसलिए सिर्फ स्वस्थ आहार या व्यायाम ही काफी नहीं है बल्कि इन के साथसाथ हैल्दी ईटिंग हैबिट भी जरूरी हैं. क्योंकि हैल्दी ईटिंग हैबिट स्वस्थ जीवन जीने के लिए बहुत जरूरी है. फिर भी हम में से बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि इन का क्या महत्व है या ये कौन सी आदते हैं, जिन्हें अपना कर वे स्वस्थ रह सकते हैं और अनचाही बीमारियों से अपने आप को दूर रख सकते हैं. अगर आप भी हैल्दी रहना चाहते हैं तो यह जानकारी आप ही के लिए है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- Health Tips: बदल डालें खाने की आदतें

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Bollywood Dietitian से जानें जुकाम, खांसी और फ्लू को दूर भगाने के 7 घरेलू उपाय

कोरोना वायरस महामारी भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में फैल चुकी हैं. दिन-प्रति दिन इस महामारी से जूझने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. ऐसे में इस वायरस से बचने के लिए इम्युनिटी को स्ट्रांग रखना व इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए हैलदी डाइट बहुत  ज़रूरी है, जो इस हालात में खांसी, जुकाम और फ्लू से हमें बचा सके.

इसी बात को ध्यान में रखते हुए अभी हाल ही में सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट व डाइटीशियन रुजुता दिवेकर ने सर्दी-खांसी और फ्लू से बचने के कुछ घरेलू उपाय बताए हैं.

न्यूट्रिशनिस्ट व डाइटीशियन रुजुता दिवेकर ने पोस्ट में लिखा है कि हमारे किचन व दादी मां के टाइम-टेस्ट्ड ज्ञान को फिर से रोशनी में आने के लिए किसी महामारी की जरूरत नहीं है.  इन चीजों को एक्सप्लोर करें, खुद भी खाएं और आने वाले जेनरेशन को भी इन चीजों को खाने के लिए प्रोत्साहित करें,  ठीक उसी तरह जैसे बचपन में आपकी दादी-नानी आपको प्यार से खिलाया करती थीं.

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आइए जानते हैं रुजुता दिवेकर के क्या हैं 7 उपाय, जिसको  आप अपनी डाइट में शामिल कर सकती है-

1. घी, सूखी अदरक या  सोंठ, हल्दी, गुड़ को एक समान मात्रा में मिलाकर सुबह और रात में खाएं.

2. ब्रेक फ़ास्ट में रागी की खिचड़ी और डोसा का सेवन करें.

3. मीड मॉर्निंग में काजू और गुड़ का सेवन करें.

4. लंच में मूंग दाल के साथ हर रोज चावल और घी को अपनी डाइट में शामिल करें.

5. इवनिंग स्नैक में गुड़, पोहा और दूध या फिर, टोस्ट के साथ अंडा अथवा घर में जमाई हुई दही के साथ पोहा खाएं.

6.  डिनर में दाल खिचड़ी, या फिर चावल के साथ फिश और घी खाएं.

7. इसके अलावा, नींबू, लेमन ग्रास और शहद से बनी चाय पिएं. आप चाहें तो केसर, अदरक और बादाम युक्त कश्मीरी कहवा का सेवन दिन में किसी भी समय कर सकते हैं.

बॉलीवुड में सलेब्स की फिटनेस को फिट करने के लिए रुजुता दिवेकर एक जाना – पहचाना नाम है जो  करीना, करिश्मा, अर्जुन कपूर, अनिल कपूर, सोनम कपूर, आलिया और तमाम फ़िल्मी हस्तियों की डाइटीशियन गाइड  हैं.  लेकिन  रुजुता को असली पहचान बेबो यानी करीना कपूर को जीरो साइज़ फिगर के बाद मिली. करीना के जीरो फिगर का श्रेय रुजुता दिवेकर को भी जाता है. रुजुता मानती हैं कि यदि उनकी ज़िंदगी में करीना कपूर न होतीं तो वे आज इतना बड़ा नाम न होतीं.

Facebook Vote Poll- ‘फेयर एंड लवली’ से जल्द हटेगा ‘फेयर’ शब्द… 

फिट रह कर लें फेस्टिवल्स का मजा

त्यौहारों के सीजन में जहां एक तरफ उत्साह जोरों पर होता है, वहीं दूसरी तरफ तैयारियां भी जोरशोर से चलती हैं. कभी घर की साफ-सफाई तो कभी दीवारों की रंगरोगन करने का. घर में कई तरह के पकवान भी बनते हैं. फैस्टिवल्स पर क्या, कैसे करना है इस की योजना भी कई दिनों पहले से ही शुरू हो जाती है, जिस में हम खुद की हैल्थ को पूरी तरह इग्नोर कर देते हैं, जो हमारे ऐनर्जी लैवल को कम करने का ही काम करता है. ऐसे में आप त्योहारों का भी मजा ले पाएं और अंदर से भी फिट रहें, इस के लिए टिप्स दे रही हैं फरीदाबाद स्थित एशियन इंस्टिट्यूट की डाइटीशियन डा. विभा बाजपेई:

1. खुद को रखें हाइड्रेट

पानी शरीर के तापमान को ठीक रखने के साथसाथ बौडी फंक्शंस को भी सुचारु रूप से चलाने का काम करता है. जब हम कोई काम करते हैं तो शरीर से पसीना निकलता है, जिस की पूर्ति पानी के माध्यम से ही की जाती है. साथ ही पानी शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का भी काम करता है. इसलिए आप का शैड्यूल चाहे कितना भी व्यस्त क्यों न हो, बीचबीच में पानी जरूर पीते रहें. शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए छाछ, नारियल पानी, जूस वगैरह भी लेती रहें.

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2. थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाएं

अगर आप पूरा दिन काम करती रहेंगी तो आप का ऐनर्जी लैवल शाम होतेहोते लो हो जाएगा. ऐसे में आप थोड़ीथोड़ी देर में कुछ न कुछ खाती रहें. आप घर पर हैं तो फ्रूट चाट बना कर खाएं, जूस पीएं, स्प्राउट्स या फिर रोस्टेड चने खाएं. इस से आप ऐनर्जी से भरी रहेंगी.

3. गो टु ग्रीन डाइट

अगर आप जल्दबाजी के चक्कर में रोज बाहर के खाने या फास्टफूड पर निर्भर रहेंगी तो भले ही इस से आप की टमी फुल हो जाए, लेकिन शरीर को जरूरी पोषक तत्त्वों का अभाव ही रहेगा. इसलिए हरी सब्जियों जैसे पालक का सूप, वैजिटेबल सूप, चपाती के साथ हरी सब्जियों का साग आदि लें. ये शरीर में स्फूर्ति लाने के साथसाथ आप को फैस्टिवल्स के लिए नई ऊर्जा देने का भी काम करेंगे.

4. हैल्दी रैसिपीज से रहें फिट

फैस्टिवल्स पर हर कोई नया ट्राई करने के मूड में होता है. ऐसे में क्यों न आप भी हैल्दी रैसिपीज ट्राई कर के रहें हैल्दी. आप वैजिटेबल सैंडविच बना सकती हैं या फिर सूजी की इडली अथवा सूजी का वैजिटेबल चीला ट्राई करें. आप पनीर, अंडे का परांठा भी बना सकती हैं, जो हैल्दी होने के साथसाथ खाने में भी स्वादिष्ठ लगता है.

5. एक्सरसाइज से रहें ऐनर्जेटिक

फैस्टिवल्स का हम तभी लुत्फ उठा पाते हैं जब हम अंदर से फिट होते हैं. इस के लिए रोजाना ऐक्सरसाइज करना जरूरी है. सुबह ताजा हवा में सांस लेना आप को अंदर से स्वस्थ रखने के साथसाथ फिट रखने का काम भी करेगा. अगर आप 15 मिनट रनिंग, जौगिंग या बैड पर लेटेलेटे साइक्लिंग कर लेंगी, तो इस से आप की अंदरूनी थकान दूर होने के साथसाथ आप का ऐनर्जी लैवल भी बूस्ट होगा.

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6. कैलोरी का इनटेक ज्यादा न हो

फैस्टिवल्स पर चाहे हम कितनी भी कोशिश कर लें, मीठा व तला खाने से खुद को नहीं रोक पाते हैं, जिस से जरूरत से ज्यादा कैलोरीज शरीर में जाती हैं जो वजन बढ़ाने का ही काम करती हैं. अत: फैस्टिवल्स से पहले अपना कैलोरी इनटेक का चार्ट बनाएं, जिस से आप को पता रहेगा कि किस से कितनी कैलोरी शरीर में जा रही है और एक दिनमें कुल कितनी कैलोरीज आप को लेनी है. ऐसा करने पर शरीर में जरूरतानुसार कैलोरी ही जाएगी और आप को सही खाने से ऐनर्जी भी मिलेगी.

7. चेहरे पर रौनक भी रहेगी बरकरार

त्वचा की खूबसूरती का राज हमारे अच्छे व हैल्दी खानपान पर ही निर्भर करता है और फैस्टिवल्स पर तो हरकोई खूबसूरत दिखना चाहता है, क्योंकि फैमिली व फ्रैंड्स गैटटुगैदर में सब से मिलनाजुलना जो होता है. ऐसे में अगर आप हैल्दी डाइट लेंगी तभी भीतर से खूबसूरती निखर कर आ पाएगी. वरना चेहरे की डलनैस आप के फैस्टिवल की रौनक को फीका करने का ही काम करेगी.

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