अकसर यह कहा जाता है कि सुबह का नाश्ता दिन का सब से महत्त्वपूर्ण भोजन है. ऐसा इसलिए क्योंकि पूरी रात नींद लेने और 12 घंटे या इस से अधिक समय तक बिना भोजन के रहने के बाद जब आप का शरीर पोषण के लिए तरस रहा होता है, तो उस की आपूर्ति सुबह का नाश्ता ही करता है. इस के अलावा जागने पर आप के मस्तिष्क में, जो काम करने के लिए ग्लूकोज इस्तेमाल करता है, ऊर्जा की कमी होती है. सुबह का नाश्ता ग्लूकोज की मात्रा को बैलेंस करता है और आप के चयापचय (रस प्रक्रिया) को दोबारा क्रियाशील बनाता है.
इन के अलावा, सुबह नाश्ता करने के अन्य लाभ भी हैं. यह आप की स्मरणशक्ति को बेहतर बनाता है और आप के वजन को काबू में रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सुबह के नाश्ते को नियमित रूप से छोड़ने वालों को दिन में जब भूख लगती है तो वे ज्यादा खाते हैं, जिस से उन का वजन बढ़ता ही है. सुबह नाश्ता करने की अच्छी आदत उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और मधुमेह से पीडि़त लोगों के लिए भी मददगार होती है.
हो पोषक तत्त्वों से भरपूर
न्यूट्रिशनिस्ट कहते हैं कि सुबह का नाश्ता आप को जागने के बाद 2 घंटे के अंदर कर लेना चाहिए. लेकिन इस में यह भी अहम होता है कि आप क्या खाते हैं. दिन का यह पहला भोजन कैल्सियम, आयरन, प्रोटीन, फाइबर और विटामिन बी जैसे जरूरी पोषक तत्त्वों से भरपूर होना चाहिए. लेकिन आमतौर पर अपने देश में सुबह के नाश्ते में खाई जाने वाली चीजें अच्छे स्वास्थ्य के लिए नहीं बनी होतीं. उन में खूब इस्तेमाल की गई चीनी, मक्खन, घी और तेल वगैरह कभीकभी एक बड़ी समस्या का कारण बनते हैं. चिकनाई व तेलयुक्त भोजन में खराब वसा की उच्च मात्रा होती है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है. इस में अत्यधिक कैलोरी और वसा भी खूब होती है, जिस के परिणामस्वरूप मोटापा बढ़ता है और खराब कोलैस्ट्रौल की मात्रा बढ़ती है. धमनियों की भित्तियों पर वसा और प्लाक का धीरेधीरे लेकिन लगातार जमा होना रक्तप्रवाह को बाधित करता है और अंतत: हृदयाघात या स्ट्रोक को जन्म देता है. उच्च कोलैस्ट्रौल पित्त का असंतुलन भी पैदा कर सकता है.
ये भी पढ़ें- जेनेटिक टेस्टिंग है मददगार
फोर्टिस अस्पताल, नई दिल्ली की कंसल्टैंट डा. सिमरन सैनी का कहना है कि नाश्ते में घी और मक्खन का अधिक होना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता. पूड़ी, मक्खन के परांठे, सफेद डबलरोटी और ब्रैड रोल जैसे गहरे तले हुए व्यंजनों का नियमित सेवन शरीर में खराब वसा को खतरनाक मात्रा में एकत्रित कर सकता है. चिकनाई व वसायुक्त और मीठे भोजन का इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा तंत्र पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो जुकाम से ले कर कैंसर तक की संभावना को बढ़ाता है. अपने आहार में घी, मक्खन और चीनी के नियमित सेवन के स्थान पर स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों को अपनाना बीमारी मुक्त जीवन की कुंजी है.
मीठा करें कम
स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आप को सुबह के नाश्ते में अतिरिक्त मीठे को कम करने और चीनीयुक्त चीजों को उच्च फाइबर वाले और कम मीठे पदार्थों से बदलने की आवश्यकता होती है. मीठे के शौकीन एक सुरक्षित विकल्प के रूप में चीनी के विकल्प इस्तेमाल कर सकते हैं, जो मधुमेह, मोटापे और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीडि़त लोगों के लिए भी आदर्श हैं. स्टेविया, एस्पारटेम और सूक्रैलोस चीनी के ऐसे विकल्प हैं, जो पूरी दुनिया में लोकप्रिय हैं और अपने देश में भी उपलब्ध हैं. परंतु इन का प्रयोग डाक्टर की सलाह से ही करें. तो सुबह के नाश्ते में क्या खाना है और किस से बचना है? इस सवाल का जवाब यह है कि ऐसी चीजें चुनिए जो फाइबर, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर हों और अतिरिक्त मीठे की मात्रा कम रखती हों. अपने आहार को बदलते रहना भी जरूरी है. एक ही चीज को हर रोज मत खाइए. एक ही दिन में भी नाश्ते की भरपूर विविधता रखिए और थोड़ीथोड़ी मात्रा में हर चीज खाइए.
सुबह के स्वास्थ्यवर्धक नाश्ते के कुछ विकल्पों में दलिया, जई, फलों का सलाद, गेहूं की डबलरोटी, मल्टीग्रेन डोसा, पोहा, उपमा, सांबर, दाल, सोया, अंकुरित दालें, सब्जियों के सैंडविच, मक्का, कम वसा या शून्य वसा का दूध एवं दही, लस्सी, कौटेज चीज, ताजे फलों का रस, भूरा चावल, संपूर्ण दानेदार अन्न और केला, तरबूज एवं सेब जैसे फल शामिल हैं. चीनी की अधिक मात्रा रखने वाली चीजों से बचें जैसेकि पेस्ट्री और डब्बाबंद फल. खूब सारे घी या तेल में बने हुए परांठे और आमलेट भी न खाएं. इन के अलावा बहुत ज्यादा मक्खन या घी, सफेद डबलरोटी, सफेद चावल, फ्रैंच टोस्ट, वसायुक्त मीट, संपूर्ण दूध से बना दही और अन्य उत्पाद भी न खाएं. मक्खन और चीनी के स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों को चुनें. सुबह एक अच्छा नाश्ता बच्चों और किशोरकिशोरियों के लिए और भी ज्यादा जरूरी है. जो सुबह स्वास्थ्यवर्धक नाश्ता करते हैं, उन्हें अधिक ऊर्जा मिलती है और उन के द्वारा शारीरिक क्रियाकलापों में भाग लिए जाने की संभावना अधिक होती है, जिस से मोटापे और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलती है.
ऐसे बच्चे स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि वे चिड़चिड़े, बेचैन, थके हुए या तुनकमिजाज भी अपेक्षाकृत कम होते हैं. इसलिए हर किसी को सुबह के नाश्ते को गंभीरता से लेना चाहिए, भले ही वह बालिग हो या बच्चा.
-डा. सिमरन सैनी, फोर्टिस हौस्पिटल