कभी तो अक्लमंदी की बात किया करो,’’ पति ने कहा.
बेटेबहू के सामने पति द्वारा यों झिड़कना पत्नी को बहुत आहत कर गया. उदास स्वर में बोली, ‘‘आप ने ही तो कहा था कि दाल ठंडी हो गई है, गरम कर लाओ.’’
‘‘गरम करने को कहा था, खौलाने को नहीं. बूढ़ी हो गई पर अक्ल नहीं आई.’’
बात बढ़ती देख पत्नी ने चुप रहने में ही भलाई समझी कि भला गरम दाल को ठंडा होने में कितनी देर लगती है? किंतु जब घर में पत्नी को बातबात पर झिड़कने का रिवाज हो, तो ये संस्कार पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहते हैं. बच्चे ये सब देखते हुए बड़े होते हैं, तो जाहिर है बड़े होने पर वे ऐसा ही करेंगे.
कई लोगों का मानना है कि छोटामोटा झगड़ा और अपमान की स्थिति पतिपत्नी के रिश्ते में आम बात है, जिस का कोई गहरा प्रभाव नहीं पड़ता. किंतु यदि आप का साथी कुछ अधिक ही ऐसी स्थिति पैदा करने लगता है, तो उसे सहना सर्वथा गलत है. गाली देना भी उतना ही गलत है जितना हाथ उठाना. झिड़कना भी उतना ही गलत है जितना अपमान करना.
असल जिंदगी का उदाहरण
श्वेता और रवीश की शादी को 14 वर्ष बीत चुके हैं. श्वेता एक निजी विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक हैं और रवीश एक बैंक कर्मचारी. जब कभी रवीश को गुस्सा आता या वे परेशान होते तो अपना स्ट्रैस श्वेता पर निकालते, बिना यह देखे कि वे दोनों उस समय कहां और किस के समक्ष हैं. रवीश श्वेता से अपमानजनक तरीके से बात करते, उसे झिड़कते, चीखते, नीचा दिखाते. ऐसे व्यवहार से न केवल श्वेता आहत होती, अपितु रवीश के प्रति उन के प्यार को भी ठेस पहुंचती. श्वेता के शिकायत करने पर बाद में वे अपने गलत व्यवहार के लिए उन से माफी भी मांगते. लेकिन उन की माफी की कोई कीमत नहीं होती, क्योंकि कुछ अरसे बाद वे फिर ऐसा ही करते.
स्थिति में सुधार लाने हेतु श्वेता ने डा. स्टीवेन स्टोस्नी की पुस्तक ‘लव विदाउट हर्ट’ पढ़ी. इस पुस्तक से उन्हें भावनात्मक अपमानजनक व्यवहार और उस से निबटने के बारे में जानकारी मिली. चूंकि रवीश पर श्वेता के समझाने का कोई असर नहीं हो रहा था, इसलिए उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर, अन्य लोगों के बीच रवीश से दूरी बनानी शुरू कर दी. रवीश के कारण पूछने पर उन्होंने साफसाफ बता दिया कि सब के सामने बेइज्जत होना उन्हें पसंद नहीं. श्वेता का यह तरीका वाकई रवीश में बदलाव लाया.
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फिल्मों से उदाहरण
पुरानी फिल्म ‘अभिमान’ में दर्शाया गया है कि पत्नी की सफलता से कुढ़ कर पति उसे सब के सामने झिड़कने लगता है. कुछ समय पहले आई फिल्म ‘इंगलिशविंगलिश’ में श्रीदेवी का पति उसे सदैव झिड़कता रहता है. अंगरेजी न आने पर सार्वजनिक तौर पर उस की हंसी उड़ाता है. उस के लड्डुओं के व्यवसाय का भी उपहास उड़ाता है, इस का परिणाम यह होता है कि उस के बच्चे भी उस का उपहास उड़ाने लगते हैं.
अगली पीढ़ी पर असर
अकसर महिलाएं अपनी गपबाजी में एक विषय अवश्य लाती हैं कि पति उन्हें कैसे डांटतेफटकारते हैं. ये सब बातें करते हुए कई बार वे अतिशयोक्ति भी कर बैठती हैं. उस समय वे यह भूल जाती हैं कि बच्चे भी उन की बातें सुन रहे हैं. बच्चे जो देखतेसुनते हुए बड़े होते हैं, बड़ा होने पर वैसा ही अचारण करने लगते हैं. ऐसे में हमारा सामाजिक दायित्व है कि हम आने वाली पीढ़ी को एकदूसरे की इज्जत करना सिखाएं.
ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रैसिडैंट जेफ्री आर हौलेंड का मत है कि यदि डेटिंग के दौरान आप का पार्टनर आप को नीचा दिखाए, आप की आलोचना करे, आप से क्रूर व्यवहार करे या अकारण मजाक उड़ाए, तो ऐसे रिश्ते को फौरन समाप्त कर देना चाहिए और यदि ऐसा विवाह के बाद होता है, तो आप को अपने साथी से कुछ दूरी अवश्य बना लेनी चाहिए. ऐसा व्यवहार सहना गलत है खासकर तब जब आप के बच्चे भी ये सब देखते हों.
पहली बार से ही न सहें
मोनिका ने अपने पति के मौखिक हमले सहते हुए यह सोचा कि समय के साथ सब ठीक हो जाएगा, परंतु पति के हमले बढ़ते गए. अपशब्द, हंसी उड़ाना, बदतमीजी करना, अपमानजनक बातें कहना आदत में शुमार हो गया. इसलिए पहली बार से ही पति को यह ज्ञात करा देना चाहिए कि क्या सहनीय है और क्या नहीं.
बात को हंसी में उड़ा दें
कुछ मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि पत्नी पति की अशिष्ट बातों को हंसी में उड़ा दे. हालांकि ऐसा करना बेहद कठिन होता है. जब कोई आप से अपमानजनक तरीके से बात कर रहा हो तो उस की बात के उत्तर में हंसने के बजाय तेज गुस्सा आएगा. लेकिन जरा प्रिया को देखिए, पति अमित ने जब यह कहा कि इतना भी नहीं आता तुम्हें? तो उत्तर में प्रिया हंस कर कहती है कि अजी हमें क्या आता है, सब कुछ तो आप ही जानते हैं. कुछ हमें भी शिक्षा दीजिए न. हास्य की ताकत यह है कि वह बदतमीजी के गाढ़ेपन को पतला कर देती है और जो बदतमीजी कर रहा होता है उसे समझ आ जाता है कि कहने वाले ने किस आशय से कहा है. सब के सामने बात रफादफा हो जाती है.
हो सकता है कि आप के पति सकारात्मक आलोचना से आप की कमियां सुधारना चाहते हों और आप ही अत्यधिक संवेदनशील हो रही हों. यदि आप घर को व्यवस्थित नहीं रखती हैं और आप के पति आप को इस बात के लिए झिड़क देते हैं, तो आप को मुंह फुलाने के बजाय अपनी आदतें सुधारनी चाहिए.
पति को अकेला छोड़ कर दूर चली जाएं
जब कभी आप के पति आप को अकेले में या सार्वजनिक स्थान पर अपमानित करें, तो आप किसी भी बहाने से वहां से हट जाएं. यह अपने पति के क्रोध को संभालने का एक बहुत सरल तरीका है.
बात साफ करें
कितना भी प्रयास कर लें, मगर एक न एक दिन आप अपने पति के गलत व्यवहार से थक ही जाएंगी. इसलिए अच्छा है कि जल्दी से जल्दी बात साफ कर ली जाए. अपनी बात साफतौर से उन से कहें और उन्हें बीच में टोकने न दें. जब तक आप की बात पूरी न हो जाए उन्हें बताएं
कि उन की झिड़कियां आप को कितना आहत करती हैं. उन्हें एहसास दिलाएं कि मानसिक चोट भी शारीरिक चोट की भांति बहुत तकलीफ पहुंचाती है. याद रखें कि अपनी बात नम्रता से कहें. आखिर आप यह बात इसलिए बता रही हैं ताकि आप दोनों का रिश्ता सुदृढ़ हो न कि झगड़ा बढ़े.
अनजाने ही झिड़कने की भूल
हो सकता है कि आप के पति इस बात से अनभिज्ञ हों कि वे आप को सरेआम झिड़क कर आप को आहत कर रहे हैं. कुछ ऐसी बातें होती हैं जिन से पत्नी तो खिन्न हो उठती है, किंतु पति यह जान नहीं पाते कि उन्होंने अनजाने ही अपने जीवनसाथी को ठेस पहुंचाई है.
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प्रत्यक्ष बातचीत द्वारा हल संभव
मनीषा ने अपने पति की इस आदत को कुछ समय नकारा. किंतु जब उस ने यह देखा कि पति की उसे सरेआम झिड़कने की आदत नकारने से बढ़ती जा रही है तो उस ने एक ब्लौग में पढ़े हल को आजमाया. उस ने अपने पति से इस विषय में प्रत्यक्ष रूप से बात की, ‘‘मैं जानती हूं कि तुम मुझे कितना प्यार करते हो और कभी मेरा बुरा नहीं चाहोगे, मगर यों सब के सामने तुम्हारा मुझे झिड़कना मुझे बहुत आहत कर जाता है. कभीकभी तुम ऐसी बातें कर जाते हो जो सिर्फ कमरे की अंदर कहनी चाहिए. तुम्हारा नकारात्मक ढंग से मुझे चिढ़ाना मुझे बहुत ठेस पहुंचाता है.’’
मनीषा की साफ बात उस के पति के मन तक पहुंचने में देर न लगी और अपनी गलती स्वीकार कर तुरंत ही अपने रवैए में सुधार कर लिया.
कब चाहिए प्रोफैशनल मदद
कैथी बौश जोकि पारिवारिक जीवन शिक्षा की विशेषज्ञा हैं, कहती हैं, ‘‘यदि आप का पति लगातार ऐसी बातें करता है, जिन से आप का आत्मविश्वास डगमगाता है, जान कर ऐसे क्रियाकलाप करता है जिन से आप का स्वयं पर से भरोसा उठता है, आप की आत्मनिर्भरता समाप्त होती है, तो यह गंभीर विषय है. यह अपमानजनक मुद्दा है और आप को प्रोफ्रैशनल मदद लेनी चाहिए.
यदि आप को अपने पति की झिड़कने की आदत पर आपत्ति है, तो उन से इस विषय में बात करें. बातों को मन में दबाए रखने की जगह साफ करने में ही रिश्ते की भलाई है. हो सकता है आप के पति की इस आदत के पीछे आप की कोई कमी हो, तो आप उसे दूर करने का प्रयास करें. अच्छा है कि आप दोनों आपसी समझ और सुलह से इस परिस्थिति से अकेले में निबटें न कि अन्य परिवार वालों या मित्रों के समक्ष.
10 सवाल जो आप को समस्या की गंभीरता बतलाएंगे
यदि आप इस दुविधा में रहती हैं कि आप के पति या बौयफ्रैंड या फिर लिव इन पार्टनर की आप को सरेआम झिड़कने की आदत है या हलकीफुलकी छेड़छाड़ तो आप ये प्रश्न स्वयं से पूछें:
– क्या वे आप की जिंदगी की छोटी से छोटी बातों पर भी काबू पाना चाहते हैं? मसलन, आप ने दिन कैसे बिताया, उस के हर मिनट का हिसाब मांगते हैं, जो काम आप ने दिन में नहीं किए, उन के बारे में आप को खरीखोटी सुनाते हैं, खास निर्णयों में आप की राय नहीं लेते.
– क्या वे आप से झूठ बोलते हैं और झूठ पकड़े जाने पर क्षमायाचना के बजाय बहानों की झड़ी लगाते हैं?
– क्या आप से अपमानजनक भाषा में, व्यंग्यात्मक सुर में या फिर कृपाशीलता दर्शाते हुए बातचीत करते हैं? क्या उन्हें शांति और तर्क से बात समझाना कठिन है?
– क्या वे आप की प्रतिभा, गुणों तथा योगदान के बारे में जिक्र होने पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हैं?
– क्या भावनात्मक संबलता प्रदान करने में हिचकिचाते हैं? मनमुटाव के दौरान बातचीत द्वारा हल निकालने के बजाय वहां से उठ कर चले जाना उचित समझते हैं या फिर आत्म बचाव/प्रतिउत्तर में उलझ जाते हैं?
– क्या उन का क्रोध आप को भयभीत करता है?
– क्या वे हर संभव बहाने से आप की आलोचना करते रहते हैं?
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– क्या उन का सरेआम दूसरों के साथ फ्लर्ट करना आप को आहत करता है? क्या उन के ऐसे बरताव के लिए आप की तरफ से कोई कमी या पहल है?
– क्या वे अपने बरताव को ले कर कोई बदलाव करने को तैयार नहीं हैं? क्या उन का व्यवहार आप को कठोर लगता है? मसलन, घर के कामकाज को ले कर हुए मतभेद के बावजूद वे आप की कोई मदद करने को तैयार नहीं होते?
– क्या उन्होंने कभी आप के प्रति शारीरिक हिंसा या मौखिक दुरुपयोग किया है? मसलन, अश्लील भाषा का प्रयोग, गालीगलौज, हाथ उठाना?