कितनी भरोसेमंद होती है क्रेडिट रेटिंग

बाजार की दूरी, दुकानें खुली मिलने का निर्धारित सीमित समय, बाजार जाने में बढ़ता पैट्रोल का खर्च, औफलाइन खरीदारी में चुनाव की सीमित संभावना आदि कई कारण हैं, जो औनलाइन खरीदारी के लिए प्रेरित करते हैं. कपड़े खरीदने हों तो मंत्रा, नायिका, इलैक्ट्रानिक्स के लिए अमेजन, फ्लिपकार्ट, दवाइयों के लिए ट्रू मेड, फार्म इजी. फर्नीचर लेना हो तो पेपर फ्राई या वेकफिट, किराना के लिए बिग बास्केट, जियोमार्ट सहित अनेक स्थानीय प्लेटफौर्म सीधे मोबाइल पर ही ऐप्स के जरीए उपलब्ध हैं.

जोमैटो, स्विगी आदि ऐप्स के जरीए होटलों से बनाबनाया भोजन हम जहां चाहें वहां मंगा सकते हैं. इन प्लेटफौर्म्स पर कंपीटिटिव कीमतों में अच्छा सामान उपलब्ध होता है, जो सीधे आप के घर पर आ जाता है. भुगतान के भी कई विकल्प होते हैं जिस में कैश औन डिलिवरी की सुविधा शामिल है. पसंद न आने पर निर्धारित अवधि के भीतर सामान वापसी की सुविधाएं भी यह वैब साइट देती है. जो सब से बड़ी कठिनाई औनलाइन खरीदी में है वह है सामान को भौतिक रूप से देखे बिना चित्र देख कर पसंद करने की होती है.

सच बयां करें

इसी से प्रोडक्ट के फोटो के साथ उपभोक्ताओं द्वारा की गई रेटिंग का महत्त्व बहुत बढ़ जाता है. नए ग्राहक, पुराने उपयोगकर्ताओ के अनुभव के आधार पर उन के द्वारा की गई स्टार रेटिंग तथा अन्य उपभोक्ताओं के रिव्यू देख कर अपनी खरीदारी का निर्णय ले सकते हैं. कस्टमर रिव्यू पढ़ कर आप को प्रोडक्ट की क्वालिटी का एक अंदाजा हो जाता है. ई कौमर्स में रिव्यू बड़ी भूमिका निभाता है. रिव्यू की संख्या जितनी अधिक होती है, रिव्यू उतना ही विश्वसनीय होता है. लेकिन यह तभी संभव है जब कस्टमर रिव्यू वास्तविक उपभोक्ता ही लिखें और फीडबैक में सच बयां करें.

रिव्यू के महत्त्व को देखते हुए विक्रेता इन दिनों फेक रिव्यू का जाल बुन रहे हैं. प्राय: कंपनियां खुद ही औनलाइन फर्जी रिव्यू करवाती हैं और नए ग्राहकों को रिव्यू के आधार पर आकर्षित कर रही हैं. अमेजन से ही खरीदे गए कुछ प्रोडक्ट्स के साथ मु?ो कुछ कूपन प्राप्त हुए जिन में स्पष्ट उल्लेख है कि यदि मैं प्रोडक्ट की फाइव स्टार रेटिंग कर के उस का स्क्रीन शौट भेज दूं तो मु?ो सौ रुपए का कैश बैक दिया जाएगा, जबकि मूल सामान ही कुल 4 सौ रुपए का था. यूपीआई से पेमैंट की सुविधा के चलते इस तरह का लेनदेन बड़ा सरल हो चुका है. उपभोक्ता हित में रिव्यू के इस तरह के फर्जीवाड़े पर नियंत्रण बहुत जरूरी हो गया है.

बढ़ रहा घपला

एक और तरह का घपला इन दिनों चल रहा है. फेसबुक प्रमोशनल पेज के जरीए स्टाक क्लीयरेंस के नाम पर अति उच्च गुणवत्ता के मेवे, फर्नीचर या अन्य किसी सामान के फोटो लगा कर औनलाइन और्डर लिए जाते हैं. 5-6 दिनों में जैसे ही कुछ राशि इकट्ठी हो जाती है ये पेज गायब हो जाते हैं. कुछ दिन और्डर की प्रतीक्षा के बाद जब ठगे गए व्यक्ति को अपनी गलती का एहसास होता है तब वह पुलिस में शिकायत तक नहीं करता क्योंकि जिस व्यक्ति के साथ यह घटना होती है, उस के लिए दी गई रकम ज्यादा बड़ी नहीं होती.

दरअसल, यह एक तरह का ई कौमर्स के नाम पर किया जा रहा साइबर अपराध है. इस से बचने का सब से बेहतर तरीका थोड़ी सी सजगता है. इस तरह की वैब साइट कभी भी कैश औन डिलिवरी का औप्शन नहीं देती. आशय यही है कि ई कौमर्स हमेशा ट्रस्टेड वैब साइट से किया जाना चाहिए.

ई कौमर्स सैक्टर के लिए प्रथक सरकारी रेगुलेटर आवश्यक है. वर्तमान में इन शिकायतों को ले कर उपभोक्ता नैशनल कंज्यूमर हैल्पलाइन पर ही निर्भर हैं. वाणिज्य और उपभोक्ता मंत्रालय ने ई कौमर्स के लिए नई गाइड लाइन बनाई है जिस के अनुसार प्रोडक्ट फेक या डैमेज हुआ तो विक्रेता के साथ ई कौमर्स पोर्टल को भी जिम्मेदार बनाया गया है. गलत या टूटा सामान पहुंचने पर 14 दिन के भीतर ग्राहक को रिफंड देना होगा. 30 दिन के भीतर ग्राहक की शिकायत पूरी तरह दूर करनी होगी. डिटेल्स के मुताबिक सामान नहीं होने पर ग्राहक को सामान लौटने का अधिकार होगा. अनफेयर बिजनैस प्रैक्टिस के तहत कंपनी द्वारा करवाए गए फर्जी रिव्यू पाए जाने पर कानूनी कदम उठाए जाएंगे.

ताकि उपभोक्ता सतर्क रहें

पोर्टल पर विक्रेता का पूरा पता और कौंटैक्ट नंबर देना जरूरी हो. रिफंड और रिटर्न पौलिसी स्पष्ट रूप से पठनीय हो तो उपभोक्ता खरीदारी से पहले ही सतर्क होगा.

पिछले वर्षों में औनलाइन उपभोक्ता लगातार बढ़ रहे हैं. साथ ही ई कौमर्स कंपनियों के खिलाफ शिकायतों में भी बढ़ोतरी हुई है. आमतौर पर डिलिवरी में देरी, गलत प्रोडक्ट, रिटर्न और रिप्लेसमैंट के साथ रिफंड को ले कर शिकायतें होती हैं. इसलिए समय के साथ चलते हुए अपनी सतर्कता से औनलाइन शौपिंग को मजेदार, सुविधाजनक अनुभव बनाएं न कि विवादों में उल?ा कर अपना समय बरबाद कर और तनाव बढ़ाएं. हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं.

औनलाइन प्लेटफौर्म्स को शोरूम या दुकान के खर्च से छुटकारा मिल जाती है, उन की बिक्री चौबीसों घंटे चलती रहती है. अत: वे अपेक्षाकृत सस्ता सामान उपलब्ध करवा सकते हैं, किंतु पैकिंग एवं डिलिवरी का अतिरिक्त व्यय भी उन्हें उठाना पड़ता है.

तो ठगी से बच सकते हैं

उपभोक्ता की दूरिज्ट से यदि हम और्डर करने से पहले फेक रेटिंग और रिव्यूज की जांच कर लें तो हम ठगी से बच सकते हैं. द्घड्डद्मद्गह्यश्चशह्ल.ष्शद्व वैब साइट की मदद से किसी भी सामान की फेक रेटिंग और रिव्यूज पढ़ सकते हैं. सभी यूजर्स के लिए यह वैब साइट मुफ्त उपलब्ध है. फेक चैक करने के लिए इस वैब साइट पर लौगइन करने की जरूरत नहीं होती.

जो भी सामान खरीदना चाहते हैं वह लिंक कापी करें और फिर लिंक को इस वैब साइट पर पेस्ट कर एनालाइज बटन पर क्लिक कर दें. इस के बाद आप नीचे फेक रेटिंग और रिव्यू देख सकते हैं. औनलाइन शौपिंग प्लेटफौर्म साल में 1 या 2 बार सेल के शौपिंग फैस्टिवल मनाते हैं, जिन में कम समय में ज्यादा विक्रीय होने के कारण कुछ कम कीमत पर सामान उपलब्ध हो जाता है, इसलिए जागरूग बने रहिए और औनलाइन शौपिंग के मजे उड़ाते रहिए. नई मोबाइल डिपैंडैंट पीढ़ी के साथसाथ दुनियाभर में औनलाइन शौपिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है.

दीवाली नई सोच नया अंदाज

प्रिया कई दिनों से दीवाली की शौपिंग कर रही थी. आज वह कपड़ों की शौपिंग के लिए गई थी. जैसाकि हर साल होता था उस के पति और सास उम्मीद कर रहे थे कि वह अपने दीवाली लुक के लिए कोई खूबसूरत सी साड़ी या शरारा या फिर घेरदार सूट जैसी कोई ऐथनिक ड्रैस लाएगी. दरअसल, दीवाली में ऐथनिक लुक को ही परफैक्ट माना जाता है.

लेकिन प्रिया के मन में कुछ और ही चल रहा था. जब वह वापस आई तो उस के हाथ में एक खूबसूरत सी वैस्टर्न ड्रैस थी. यह ड्रैस मैरून कलर की स्टाइलिश मिडी थी जिस की बाजुओं पर कुछ गोल्डन स्टोंस जड़े थे. उस के ऊपर गोल्डन कलर की कोटी यानी जैकेट थी. ओवरऔल ड्रैस बहुत खूबसूरत लग रही थी मगर उसे डर था कि ड्रैस देख कर उस की सास उस से नाराज न हो जाए. इसलिए बड़े प्यार से उन के गले में बांहें डाल कर प्रिया ने पूछा, ‘‘क्या मैं दीवाली के दिन अपनी पसंद की यह ड्रैस पहन सकती हूं मां?’’

सास ने उस की तरफ आश्चर्य से देखा और बोलीं, ‘‘साड़ी/शरारा या फिर अनारकली सूट क्यों नहीं लिया? इस बार तुम यह क्या ले कर आई हो?’’

‘‘मां याद है आप को पिछले साल मैं ने साड़ी पहनी हुई थी और मेरी साड़ी के आंचल में दीए से आग लग गई थी. 1 मिनट में ही क्या से क्या हो सकता था.’’

‘‘हां वह तो याद है मुझे मगर उस में तेरी लापरवाही थी. आखिर तो दीवाली के दिन घर की बहू को इस तरह के ही कपड़े पहनने चाहिए न जो उसे शोभा दें.’’

तभी पति ने बीच में कहा, ‘‘नहीं मां ऐसा क्या है? कपड़े तो वे पहनने चाहिए न जो कंफर्टेबल हों और स्टाइलिश भी हों. लेकिन ऐसा न पहनें जो आप को बोझ लगने लगे. प्रिया को साड़ी पहननी भी नहीं आती. उसे साड़ी संभालने में दिक्कत होती है. उस के बावजूद वह हर साल साड़ी पहनती है. मगर आप ने पिछले साल देखा कि साड़ी की वजह से किस तरह बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. अगर वह चाहती है कि कुछ और पहने और अच्छी दिखे तो क्या बुराई है?’’

मां ने एक बार फिर ऊपर से नीचे तक वह ड्रैस देखी और मुंह बना लिया. पति ने मां को फिर सम?ाया, ‘‘मां, एक बार देख तो लो कि कितनी खूबसूरत लगेगी प्रिया इसे पहन कर.’’

प्रिया ड्रैस को पहन कर आई तो वाकई सब देखते रह गए. वह जितनी स्टाइलिश लग रही थी उतनी ही खूबसूरत भी लग रही थी और साथ ही यह ड्रैस बिलकुल दीवाली के मिजाज की भी थी.

सास ने प्यार से उस के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा, ‘‘पुरानी सोच और पुरानी परंपराओं को मानने के बावजूद मैं तेरी इस नई सोच और इस नई ड्रैस के लिए पौजिटिव हूं. यह मुझे पसंद आई है. तू वही पहन और वही कर जो तुझे अच्छा लगे, जो कर के तुझे खुशी मिले. यह त्योहार खुशियों का त्योहार है. इस में हर किसी को अपने हिसाब से अपनी खुशियां बटोरने का पूरापूरा हक है.’’

प्रिया सास के गले लग गई. पति भी हौलेहौले उन दोनों को देख कर मुसकराने लगा.

जो मन आए वह पहनें दरअसल, महिलाओं से उम्मीद की जाती है कि वे दीवाली जैसे मौके पर ऐथनिक ड्रैस ही पहनें साड़ी/लहंगा/चोली/शरारा या फिर घेरदार सूट वगैरा. जबकि इस तरह के कपड़े अकसर जल्दी आग पकड़ते हैं और कंफर्टेबल भी नहीं होते. कभी दुपट्टा संभालो तो कभी साड़ी का पल्लू. इसलिए वह ड्रैस पहनें जो आप का दिल कर रहा है. जरूरी नहीं कि इस दिन बंधीबंधाई परंपराओं के हिसाब से आप कोई ऐथनिक ड्रैस ही पहनें. ऐसा भी नहीं कि ऐथनिक ड्रैस में ही आप खूबसूरत लगेंगी.

आप का मन है तो आप मौडर्न ड्रैस भी पहन सकती हैं. आप अपने हिसाब से कुछ अलग और क्रिएटिव सोच रखें और अलग तरह की ड्रैस ला कर देखें. बस चुनाव करते समय इतना ध्यान रखें कि वह ड्रैस आप के ऊपर फबे और आप कंफर्टेबल रहें. साथ ही वह थोड़ी ब्राइट कलर की भी ड्रैस हो. डल कलर न पहनें. थोड़ाबहुत काम भी किया हुआ हो ताकि वह दीवाली के मिजाज से मिलता हुआ हो. इस से आप दूसरों से एकदम अलग नजर आएंगी और दूसरों से ज्यादा खूबसूरत लगेंगी.

हमारे जीवन में दीवाली जैसे रंग और रोशनी के त्योहार बेहद खास होते हैं. रोजाना की बोरिंग दिनचर्या से दूर ये कुछ दिन हम सब अपने परिजनों और दोस्तों के साथ सैलिब्रेट करते हैं. हर परेशानी और मुश्किल को भूल कर कुछ समय केवल हंसतेमुसकराते और मस्ती करते हुए बिताते हैं. बाद में ये ही पल खूबसूरत यादें बन कर हमारे मन में उत्साह भरते रहते हैं.

महिलाएं दीवाली के कुछ दिन पहले से ही इस की तैयारियों में व्यस्त रहने लगती हैं. सारे घर की सफाई, सजावट, नए कपड़ों और दूसरे सामान की शौपिंग, मिठाई का इंतजाम, दीवाली की दूसरी तैयारियां वगैरह. मगर कुछ बातें ऐसी भी हैं जिन का ध्यान रख कर आप अपनी दीवाली और भी खूबसूरत और यादगार बना सकते हैं:

सप्ताहभर की मस्ती

पति के दोस्तों और अपनी सहेलियों को घर पर इन्वाइट करें और जम कर पार्टी कीजिए. दिल खोल कर एकदूसरे से मिलिए. एक दिन आप को मेजबानी करनी है और बाकी दिन आप अपने खास दोस्तों के घर मेहमान बन कर जाइए. उन के साथ कुछ खुशियों के पल गुजारिए. पुरानी यादें ताजा कीजिए. किसी दिन एक दोस्त के घर जाएं तो दूसरे दिन किसी और दोस्त के घर पार्टी करें. मतलब दीवाली पार्टी सप्ताहभर का प्रोग्राम है. नाचगानों का आनंद उठाएं. खाएं और खिलाएं. लड़ाई?ागड़े और शिकवेशिकायतें भूल कर बस प्यार और खुशियां बांटें. अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों से मिल कर उन से अपने दिल की बातें करें.

बिंदास रहें

दीवाली का मतलब है दिल खोल कर खुशियों को अपने दिलोदिमाग में और अपने जीवन में जगह देना. इसे किसी तरह की मजबूरी या बंधन के साथ न मनाएं. आप ऐसा न सोचें कि आप परंपराओं से बंधी हुई हैं. आप बिंदास रहें. वैसे दीवाली मनाएं जैसे आप का मन कर रहा हो. खूब मिठाई खाएं. अपने ऊपर यह सोच हावी न होने दें कि मिठाई खाने से मोटी हो जाएंगी. हां, इतना जरूर कीजिए कि मिठाई अपने घर में बनाएं. 1-2 दिन जी भर कर मिठाई खा भी ली तो कोई आफत नहीं टूटेगी. अपनी जिंदगी को जीने की कोशिश कीजिए.

त्योहारों के इस मौसम में बंधी हुई सी या रुकी सी जिंदगी से दूर एक मस्त जिंदगी का आनंद लीजिए. अभी आप के पास छुट्टियां हैं. अगर आप औफिस जा भी रही हैं तो घर आ कर अपनेआप को पूरी तरह उत्सव के रंगों में डुबो लीजिए. शाम में शौपिंग कीजिए. नईनई चीजें घर लाइए जिन से दीवाली में आप के मन में भी रौनक रहे.

दीवाली के दिन कोई झगड़ा नहीं

कई बार होता यह है कि हम त्योहार के समय किसी से झगड़ पड़ते हैं और पूरे परिवार का मजा खराब कर देते हैं. प्रिया ने भी यही गलती की. दीवाली से 10 दिन पहले ही अपनी जेठानी से झगड़ पड़ी. बात बहुत छोटी सी थी मगर दोनों में बातचीत बंद हो गई. दोनों एक ही बिल्डिंग में ऊपर और नीचे के फ्लोर में रहती थीं. दरअसल, उन के बच्चों के बीच झगड़ा हुआ था और उसी झगड़े को दोनों ने आपसी झगड़े में बदल दिया.

इस बात का उन की दीवाली की रौनक पर इतना बुरा असर पड़ा कि न तो बच्चे ही खुश हो कर दीवाली मना पाए और न ही बाकी घर वाले. दोनों ने अपने बच्चों को दूसरे के बच्चों से मिलने से मना कर दिया. दीवाली के दिन भी बच्चे अपनेअपने घर में गुमसुम से रहे.

पहले हमेशा दीवाली के दिन दोनों परिवार मिल कर दीवाली मनाते थे तो रौनक लगी रहती थी. मगर इस दफा रिश्तेदार भी उन के घर आने से कतराने लगे क्योंकि इस तरह के माहौल में कोई भी आना नहीं चाहता था. इस का असर घर के माहौल पर पड़ा. पतिपत्नी के बीच भी झगड़ा हो गया और एक अच्छाखासा खुशी का त्योहार नाराजगी और रोनेधोने में बीत गया.

जाहिर है अगर आप त्योहार के दौरान किसी से विवाद करती हैं तो आप का मूड खराब हो जाता है और त्योहार का मजा किरकिरा हो जाता है. पतिपत्नी एकदूसरे को ताने कस रहे हों, शिकवेशिकायतें कर रहे हों तो उस से भी मन खट्टा हो जाता है और त्योहार का उत्साह ठंडा पड़ने लगता है. इसलिए दीवाली के दिनों में बिलकुल अपने पति या घर के दूसरे सदस्यों से ?ागड़ा या विवाद न करें. सारे मामले प्यार से और एकदूसरे को सम्मान दे कर सुल?ाएं क्योंकि जब आप के रिश्ते खूबसूरत होंगे तो त्योहारों का भी मजा आएगा.

कपल्स मिल कर करें तैयारी

कपल्स की दीवाली तब अधिक शानदार होगी जब दोनों मिल कर हर जिम्मेदारी निभाएं. शौपिंग के लिए अकेली पत्नी क्यों जाए? दोनों जाएंगे तो 2 दिमाग मिल कर ज्यादा बेहतर शौपिंग कर पाएंगे. दोनों की पसंद की चीजें घर में आएंगी और खरीदी गई चीजों पर मीनमेख निकालने के चांसेज कम हो जाएंगे. किसी एक पर बर्डन नहीं पड़ेगा तो दोनों के चेहरे खिलेखिले रहेंगे. साथ समय बिताने का मौका भी मिलेगा और लगे हाथ दोनों बाहर लंच या डिनर करने का आनंद भी उठा सकेंगे. एकदूसरे की पसंद की गिफ्ट आइटम्स भी ले सकेंगे और दोनों को पता रहेगा कि कहां कितना खर्च हो रहा है. इसलिए अब पुरानी सोच भूल जाएं कि दीवाली की तैयारी और शौपिंग करना अकेली पत्नी का ही काम है. कपल्स के लिए दीवाली रोशनी और उमंग का त्योहार ही नहीं है बल्कि एक नई खूबसूरत जिंदगी की धरोहर भी है. रूठों को मनाएं या सोचना छोड़ दें कई बार होता यह है कि हम किसी रिश्ते के कारण अकसर ही परेशान रहते हैं. हमारे कई रिश्तेदार ऐसे होते हैं जो हमें कहीं न कहीं परेशान किए रहते हैं. वे जिंदगीभर कुछ न कुछ शिकवेशिकायत कर के आप को दुखी करते रहते हैं. ऐसे में या तो उस रिश्ते को अच्छे से निभाएं और सामने वाले की सारी शिकायतें दूर करने का प्रयास करें. आप यह कोशिश सालों से कर रही हैं पर यह संभव नहीं हो पा रहा है तो मिट्टी डालें और उस रिश्ते को पूरी तरह भूल जाएं.

दीवाली या इस तरह के त्योहारों के मौके पर अपने मन को उल?ान में न डालें या दुखी और उदास न रखें बल्कि अगर कोई आप से अच्छे से बरताव नहीं कर रहा है और आप की लाख कोशिशों के बावजूद वह आप के प्रति अपना मन साफ नहीं रखता है, आप से शिकायतें करता है, ताने कसता है तो ऐसे व्यक्ति से त्योहार के मौके पर दूरी बना कर रहें. उस के बारे में न सोचें और न उसे फोन करें या बुलाएं, न ही उस के लिए कोई गिफ्ट भेजें यानी बिलकुल कट औफ कर लीजिए या रिश्ता बिलकुल खूबसूरत बना लीजिए ताकि आप का मन आनंदित रहे. आप के मन की खुशी के बीच किसी तरह का व्यवधान न आए.

नशा या जुआ जैसी चीजों से दूर रहें आप अपने पति से साफ बात करें कि इस दिन न तो वे शराब पीएंगे और न ही कोई दूसरा नशा करेंगे. अपने दोस्तों को बुला कर उन के साथ भी किसी तरह के नशे में शामिल नहीं होंगे. साथ ही जुआ खेलने की परंपरा भले ही पुरानी मानी जाए मगर यह सही नहीं है क्योंकि आप जुआ खेलेंगे तो आप के बीच झगड़ा हो सकता है और त्योहार का मजा किरकिरा हो जाता है. जितना आडंबर कम होगा, ताश या शराब से दूरी रहेगी उतना त्योहार खूबसूरत बना रहेगा.

Diwali Special: ज्वैलरी और आप की स्टाइल स्टेटमैंट

त्योहारों का मौसम यानी रोशनी, उत्साह, दोस्तों और परिवारजनों का साथ और खूबसूरत दिखने का नशा. चाहे दीवाली की पार्टी हो या फिर भैयादूज की गैटटुगैदर हर लड़की इस अवसर पर स्टाइलिश और सुंदर दिखना चाहती है. तभी तो त्योहारों के सीजन में लड़कियां और

महिलाएं अपनी खूबसूरती और फैशन स्टाइल के लिए कितने ही टिप्स आजमाती हैं. ऐसे में सही ज्वैलरी कैरी करने का स्टाइल उन्हें दूसरों से बेहतर बनाने में मदद करता है. आप भी गौर्जियस दिखना चाहती हैं तो इन ज्वैलरी फैशन टिप्स पर ध्यान दें:

ड्रैस के हिसाब से पहनें ज्वैलरी

साड़ी के साथ कैसी हो ज्वैलरी: साड़ी के साथ सही ज्वैलरी पहनी जाए तो आप किसी अप्सरा से कम नजर नहीं आएंगी. साड़ी के साथ नजाकत भी बहुत जरूरी है. ज्वैलरी का चुनाव साडि़यों के टैक्स्चर व रंगों पर निर्भर करता है. हलके रंगों की साड़ी के साथ हलकी व भारी ज्वैलरी दोनों चल जाती हैं. मगर गहरे रंगों की साड़ी के साथ ज्वैलरी बहुत सावधानी से मैच करनी चाहिए.

मोतियों की यानी पर्ल ज्वैलरी सभी प्रकार की साडि़यों के साथ पहनी जा सकती है. साड़ी के साथ बहुत सारी ज्वैलरी एकसाथ न पहनें. भारी नैकपीस के साथ बहुत ही हलके इयर स्टड्स कैरी करें या फिर स्टड्स न ही पहनें. भारी झुमकों यानी डैंगलर्स के साथ खाली गला भी अच्छा लगता है. बस ध्यान रखें कि डिजाइनर ब्लाउज होना चाहिए.

साड़ी के साथ कभीकभी सिर्फ एक ज्वैलरी भी पहनी जा सकती है जो हाईलाइट हो जाती है. हैंडलूम कौटन साडि़यों के साथ अर्टिफिशियल ज्वैलरीज या फिर कोरल डैंगलर्स और ब्रेसलेट्स काफी सुंदर दिखते हैं.

हाथ से बुनी हुई बोमकाई साड़ी के साथ ब्लैक मैटल के गहने बहुत सुंदर दिखते हैं. इसी तरह चंदेरी कौटन या सिल्क के साथ रंगों के हिसाब से सोने या चांदी के गहने ट्राई कर सकती हैं

बनारसी सिल्क, कांचीपुरम सिल्क व असम मोगा सिल्क के साथ स्वर्णाभूषण या चांदी के आभूषण साड़ी को बहुत अच्छा लुक देंगे. असम सिल्क व बनारसी साड़ी के साथ मोती व प्रेशस स्टोंस की ज्वैलरी भी बहुत जंचेगी.

इसी तरह भागलपुरी साड़ी के साथ साड़ी के रंग से मैच करते हुए कान के झुमके और दूसरी ज्वैलरीज अच्छी लगती हैं. हलके रंग की हैंडलूम साड़ी के साथ डायमंड ज्वैलरीज बहुत ही अच्छा कंट्रास्ट मैच है.

सिल्क की साड़ी: सिल्क की साडि़यों का निखार तब आता है जब उन के साथ अच्छी ज्वैलरी भी कैरी की जाए. अगर आप भी सिल्क की साड़ी पहनने का सोच रही हैं तो इस साड़ी के मुताबिक गहने भी पहनें ताकि आप सब से हट कर नजर आएं.

चोकर पहनें: सिल्क की साड़ी के साथ चोकर पैंडैंट और बड़ेबड़े इयररिंग्स खूबसूरत लगते हैं.

सिल्क की हलकी साड़ी के साथ भारी पैंडैंट: किसी पार्टी या फैस्टिवल पर जब आप सिल्क की हलकी साड़ी पहन रही हों तो उस के साथ भारी पैंडैंट कैरी करें. इंडियन ड्रैस के साथ भारी पैंडैंट में आप और भी खूबसूरत दिखेंगी. इस के साथ आप मैचिंग इयररिंग्स, ब्रेसलेट और रिंग्स कैरी कर सकती हैं.

सिल्क की साड़ी के साथ मांगटीका: साड़ी का लुक और सुंदर तब लगता है जब उस के साथ मांगटीका भी पहना जाए. अगर आप  सिल्क की साड़ी पहन रही हैं तो उस के साथ मांगटीका जरूर कैरी करें. यह आप को और भी खूबसूरत और डिफरैंट लुक देगा.

शरारा के साथ कैसी हो ऐक्सैसरीज: त्योहारों के लिए पसंद की जाने वाली ट्रैडिशनल ड्रैसेज में शरारा क्लासी लुक पाने का बैस्ट औप्शन है. शरारा के साथ खास ज्वैलरी स्टाइल ट्राई कर के आप गौर्जियस लुक पा सकती हैं.

झुमके और मांगटीका: शरारा सूट के साथ झुमके काफी फबते हैं. अगर आप कैजुअल शरारा सूट पहनती हैं तो ऐसे में आप शरारा के साथ सिल्वर झुमके भी ट्राई कर सकती हैं. लाल या मैरून शरारा पर सिल्वर झुमकों का कंट्रास्ट काफी अच्छा लगता है. वहीं शरारा के साथ मांगटीका का कौंबिनेशन आप को हैवी लुक देने में मदद करता है.

चोकर: अगर आप गोल गले का शरारा सूट पहन रही हैं तो सूट के साथ चोकर भी कैरी कर सकती हैं. इस के अलावा डीप नैक सूट के लिए कुंदन का सैट पहनना अच्छा औप्शन हो सकता है.

नोज पिन: शरारा में परफैक्ट ट्रैडिशनल लुक पाने के लिए नोज पिन कैरी करना बेहतर विकल्प हो सकता है. इस के लिए आप शरारा से मैचिंग डिजाइनर नोज पिन पहन सकती हैं.

ड्रैस के कलर के अनुसार ऐक्सैसरीज चुनें ऐक्सैसरीज को ड्रैस के कलर के साथ मैच करें: अगर आप कोई ऐसी एक्सैसरीज चुनते हैं जो आप की ड्रैस के कलर की हों तो इस से आप को एक बैलेंस्ड लुक मिलेगा और आप आकर्षक लगेंगी.

उदाहरण के लिए अगर आप कोई लाइट पिंक कलर की ड्रैस पहन रही हैं तो इस के साथ पिंक या रोज कलर की ऐक्सैसरीज चुनें. कलर के शेड में अंतर हो तो भी अच्छा लगता है. मसलन, लाइट पिंक ड्रैस के साथ डार्क पिंक कलर की जूतियां या ब्रेस्लेट खूबसूरत लगता है. इस से आप की मैचिंग भी थोड़ी फैशनेबल लगेगी.

आप ड्रैस के ओवरऔल कलर से ऐक्सैसरीज को मैच करने के बजाय सैकंडरी कलर से भी मैच कर सकती हैं. यह खासतौर पर पैटर्न ड्रैस के साथ बहुत अच्छा लगता है क्योंकि इन में मैच करने के लिए एक से ज्यादा कलर होते हैं. अगर आप पिंक और ब्लू फूलों वाली व्हाइट ड्रैस पहन रही हैं तो पिंक ऐक्सैसरीज भी पहन सकती हैं और ब्लू भी.

अगर ड्रैस बहुत ज्यादा ब्राइट कलर की हो तो न्यूट्रल ऐक्सैसरीज पहनें. उदाहरण के लिए अगर आप अपनी चमकदार गोल्डन ड्रैस के ऊपर उस जैसी ही ब्राइट ऐक्सैसरीज पहनेंगी तो आकर्षक दिखने के बजाय अजीब सा लुक आएगा.

औफ व्हाइट, ब्लैक या ब्राउन जैसे न्यूट्रल कलर की ज्वैलरी लगभग सभी कलर के कपड़ों के साथ अच्छी लगती है. इसी तरह गोल्ड या सिल्वर ज्वैलरी हर ड्रैस के साथ अच्छी लगती है.

अगर आप की ड्रैस सफेद, बेज या ब्राउन जैसे न्यूट्रल कलर की है तो ब्राइट ऐक्सैसरीज पहनें. इस से ड्रैस का लुक ही बदल जाएगा. अपनी ड्रैस की टोन से भी ज्वैलरी को मैच करें. प्रत्येक कलर की अपनी टोन होती है. लाल, नारंगी और पीले ये सभी वार्म टोन वाले कलर हैं जबकि ग्रीन, ब्लू और पर्पल कूल टोन वाले होते हैं.

अब ज्वैलरी की बात की जाए तो गोल्ड एक वार्म टोन वाला कलर है जबकि सिल्वर को आप कूल टोन वाली ज्वैलरी कह सकती हैं.

ड्रैस के कट के आधार पर ऐक्सैसरीज चुनें

वी या यू नैक वाली ड्रैस के साथ नैकलैस पहनें. यह नैकलैस ड्रैस की नैकलाइन के कर्व से मैच करता हुआ होना चाहिए. आप चाहें तो  सिंपल पैंडैंट वाला नैकलैस भी पहन सकती हैं.

इस के विपरीत हौल्टर नैक वाली ड्रैस के साथ नैकलैस पहनने से बचें क्योंकि ऐसी ड्रैस में पहले से ही नैक लाइन में काम होता है. ऐसे में नैकलैस या बड़ेबड़े इयररिंग्स पहनने से आउटफिट बहुत भरा हुआ लगेगा. इसलिए जब भी हौल्टर नैक वाली ड्रैस के साथ ऐक्सैसरीज पहननी हो तो ब्रेसलेट्स पहनें. इस से आप के हाथों पर ज्यादा ध्यान जाएगा और ड्रैस के ऊपरी हिस्से का लुक बैलेंस हो जाएगा.

अगर आप हाई नैक वाली ड्रैस पहन रही हैं तो लंबे नैकलैस पहनने से और भी आकर्षक लुक पाया जा सकता है.

स्ट्रैपलैस ड्रैस के साथ इयररिंग्स पहनें क्योंकि स्ट्रैपलैस ड्रैस आप के हाथों और कंधों को हाईलाइट करती है. नैकलैस पहनने से ड्रैस की चमक फीकी पड़ जाती है. इस के बजाय स्ट्रैपलैस ड्रैस के साथ हैवी इयररिंग्स पहने जा सकते हैं.

मैचिंग ऐक्सैसरीज पहनें अगर आप बहुत सारी ज्वैलरी पहनने वाली हैं तो उसे अपनी मैटल वाली ज्वैलरी के साथ मैच करें. उदाहरण के लिए सभी सिल्वर या फिर सारी गोल्ड ज्वैलरी पहनें. आप मैटल को दूसरी तरह की ज्वैलरी के सैट से भी मिक्स और मैच कर के पहन सकती हैं. उदाहरण के लिए आप लंबे पर्ल वाले नैकलैस के साथ एक छोटा सिल्वर नैकलैस पहनेंगी तो आकर्षक लुक आएगा.

अपनी ऐक्सैसरीज के लिए 1 या 2 ब्राइट कलर ही चुनें. अगर आप एक से ज्यादा भड़कीले रंगों वाली ऐक्सैसरीज पहनना चाहती हैं तो ध्यान रखें कि ऐक्सैसरीज एकसमान कलर की होनी चाहिए.

डायमंड ऐवरग्रीन है…

अभिषेक, अवामा के फाउंडर

ज्वैलरी जनरली जब नैक खाली रहे तब यानी जहां गला खाली हो वहां अच्छी लगती है. अगर नैक पर बहुत ज्यादा हैवी वर्क है तो उस का लुक ज्यादा अच्छा नहीं आता है. ऐंटीक ज्वैलरी औक्सिडाइज्ड होती है. आजकल पुरानी ज्वैलरी का मौडर्न वर्जन आ गया है. वह फिनिशिंग, स्टोन के कौंबिनेशन, मीनाकारी और अलगअलग टैक्स्चर आदि से औथैंटिक लुक के साथ मौडर्न फीलिंग देती है. यह सभी तरह की ड्रैस पर चलती है.

डायमंड ऐवरग्रीन है जो सब की पहली पसंद है. इस के अलावा टैंपल ज्वैलरी जो साउथ में पहले ज्यादा चलती थी अब पैन इंडिया चल रही है. इस में कुछ नक्काशी होती है और कुछ मोर बगैरा के काम होते हैं.

ऐंटीक ज्वैलरी जो कुंदन, स्टोन आदि के होती है आजकल बहुत चल रही है. आजकल पुराने जमाने का नक्काशी वाले काम भी चल रहा है जो पुरानी हैवी काम वाली ज्वैलरी का फील देता है. यह आप को रौयल लुक देता है. फिनिशिंग जितनी अच्छी होगी ज्वैलरी उतनी ही अच्छी लगेगी. पुरानी डिजाइन की ज्वैलरी की बात ही अलग होती है. यह ज्वैलरी दिखती हैवी है मगर होती लाइट है.

बाल खुले हैं तो उन में तो नैकलेस भी ढक जाता है जबकि जूड़ा बना हुआ है तो ईयररिंग्स विजिबल रहेंगे. बाल जितने नीट और क्लीन बंधे हुए होंगे ज्वैलरी उतनी ही बेहतर दिखेगी.

साड़ी पर कैसी ज्वैलरी

साड़ी पर हमेशा ट्रैडिशनल ज्वैलरी ही अच्छी लगती है. आप डायमंड का नैकलैस पहनें या गोल्ड की ऐंटीक लाइट शेड की ज्वैलरी पहनें. अगर आप सिल्क की या प्लेन साड़ी पहन रही हैं तो उस पर टैंपल ज्वैलरी अच्छी लगती है. अगर आप औफ व्हाइट साड़ी पहन रही हैं तो उस के साथ ऐंटीक ज्वैलरी अच्छी निखर कर आती है. कुछ मीनाकारी भी हो तो लुक खूबसूरत आता है. ज्वैलरी हमेशा कंट्रास्ट में खिलती है. औफ व्हाइट के साथ थोड़ी औक्सिडाइटेड की हुई या स्टोन वाली ज्वैलरी अच्छी लगेगी.

रैड कलर की साड़ी के साथ पन्ना, ग्रीन कलर की साड़ी के साथ लाइट ग्रीन कलर के स्टोन वाली ज्वैलरी वैस्टनाइटेड भी लगेगी और यह मौडर्न लुक भी देगी. हाथों में बड़े साइज के रिंग भी पहन सकती हैं जिस से हाथ भी भरेभरे दिखते हैं.

लहंगाचोली के हैवी लुक के साथ चोकर कंप्लीट लुक देगा. नैक हैवी हो गया और आउटफिट भी हैवी है तो बीच में जो थोड़ा गैप रह जाता है वह अच्छा लुक देता है. सूट के साथ इयररिंग्स, ब्रेसलेट और रिंग का कौंबिनेशन अच्छा लगता है. गले में ज्वैलरी का लंबा सैट भी अच्छा लगेगा.

जब कभी आप का हैवी आउटपुट हो तो आप केवल इयररिंग्स और मांगटीका भी पेयरिंग कर के पहन लें तो स्मार्ट लुक मिल जाएगा.

 

ऐथनिक आउटफिट को दें वैस्टर्न टच

फैस्टिव सीजन में हर युवती और हर महिला ऐथनिक आउटफिट ही चाहती है. जो भी नया फैशन आता है उसे खरीदने के लिए मार्केट में भीड़ उमड़ पड़ती है. मगर फैस्टिव सीजन खत्म होने के बाद ये आउटफिट्स अलमारी के कोने में पड़े रहते हैं.

जहां एक ओर एक कपड़े को कई बार पहनने का मतलब गरीबी समझ लिया जाता है तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे खराब फैशन सैंस भी समझ लेते हैं. कई बार लोग इन्हें पहनते पहनते बोर हो जाते हैं. वे अब कुछ नया ट्राई करना चाहते हैं. जो लोग अमीर होते हैं या जिन्हें लगता है कि ये कपड़े अब उन के किसी काम के नहीं हैं. वे इन्हें गरीबों को दान कर देते हैं.

इन महंगे कपड़ों को खरीदने में जो रुपए लगे होते हैं वे भी नहीं वसूल पाते. अगर आप इन कपड़ों से अपने पैसे वसूलना चाहती हैं तो आप को इन कपड़ों को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए. लेकिन समस्या यह भी है कि दोबारा इस्तेमाल करने से वे आउट औफ फैशन और बोरिंग लगेंगे. इस के लिए आप को कुछ ऐसे हैक चाहिए जो आप के ऐथनिक आउटफिट को एकदम नए लुक में बदल दें.

इस के लिए सब से अच्छा तरीका है ऐथनिक आउटफिट को वैस्टर्न आउटफिट में बदलना. इस से वे अपने ऊपर लगे बोरियत के टैग को हटा सकेंगे.

आइए, अब कुछ ऐसे ही हैक जानते हैं जो ऐथनिक आउटफिट को वैस्टर्न आउटफिट में बदल देगा:

साड़ी विद जींस

साड़ी एक ऐसा ऐथनिक वियर है, जो हर महिला और लड़की के वार्डरोब में होता ही है. वैसे तो साड़ी पेटीकोट या शेपवियर के साथ पेयर की जाती है. लेकिन अगर आप साड़ी को इस तरह से पहनतेपहनते बोर हो गई हैं और अब कुछ नया ट्राई करना चाहती हैं तो साड़ी को जींस के साथ ट्राई कर सकती हैं. इस से आप को यूनीक स्टाइल मिलेगा. जहां आप जींस को लैगिंग के साथ भी चेंज कर सकती हैं वहीं ब्लाउज की जगह क्रौप टौप भी पहन सकती हैं.

ऐक्स्ट्रा लुक देने के लिए आप बैल्ट भी ट्राई कर सकती हैं. ज्वैलरी के लिए गोल्डन या औक्साइड ज्वैलरी पेयरअप कर सकती हैं. इस के साथ आप को हील ऐलिगैंट लुक देगी. अगर आप की हाइट अच्छी है तो आप फ्लैट स्लीपर और जूती पहन सकती हैं. सोनम कपूर भी एक इवेंट के दौरान इस लुक को ट्राई कर चुकी हैं.

चिकनकारी कुरते के साथ जींस

चिकनकारी कुरता तो हर लड़की के वार्डरोब में बड़ी आसानी से मिल ही जाता है. अगर आप इसे लैगिंग और प्लाजो के साथ पहन कर बोर हो गई हैं तो इसे स्किनी, रिपड और बौयफ्रैंड जींस के साथ ट्राई करें. ध्यान रहे कुरता थोड़ा लूज ही हो. ज्वैलरी के लिए आप चांद बालियां और लौंग झुमके कैरी करें. बालों को खुला छोड़ सकती हैं.

अगर आप खुला नहीं रखना चाहतीं तो लूज बन ट्राई कर सकती हैं. इस के साथ फ्लैट स्लीपर या जूती पहनें. अगर आप की हाइट कम है तो पौयटेट हील पहन सकती हैं. अगर आप कंफर्टेबल लुक चाहती हैं तो ब्लैक शूज और स्पार्ट्स शूज ट्राई कर सकती हैं. अनुष्का शर्मा की हिंदी फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ का ब्रेकअप सौंग अपने इसी लुक की वजह से रातोंरात सब का फैवरिट बन गया था.

ऐथनिक जैकेट को कैसे करें कैरी

अगर आप के पास सूटसलवार का एक सैट पड़ा है जिस के साथ एक ऐथनिक जैकेट भी है और आप इसे कई बार पहन चुकी हैं और अब नहीं पहनना चाहती हैं तो इस के लिए आप अपनी इस जैकेट को वैस्टर्न टच दे कर एक नया लुक क्रिएट कर सकती हैं. इस ऐथनिक जैकेट को जींस और टौप के साथ कैरी कर सकती हैं. जींस और टौप का कलर अपनी पसंदानुसार चुनें.

आप चाहें तो ऐथनिक जैकेट को कुरते के साथ भी कैरी कर सकती हैं. इस के अलावा आप कुरते के लिए अंगरखा कुरते को भी चुन सकती हैं. इस के साथ वी नैक औकसाइट ज्वैलरी कैरी करें. साथ ही औक्साइट ब्रैसलेट भी पहनें. बालों की फ्रैंच चोटी कर के आगे की साइड से कुछ लटे निकाल लें. आप इसे हाई हील के साथ कंप्लीट करें. आप का फैस्टिव लुक एक नए अंदाज में तैयार है. फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में अनुष्का शर्मा ने इस लुक से वाहवाही लूटी थी.

जींस, ब्लाउज, दुपट्टा से पाएं वैस्टर्न लुक

अगर आप फैस्टिव सीजन में नई ड्रैस लेने की सोच रही हैं तो अपना माइंड बदल दें. आप बस ब्लाउज, दुपटटे और जींस की हैल्प से यूनीक वैस्टर्न लुक तैयार कर सकती हैं. सब से पहले ब्लाज और जींस पहन लें.

ध्यान रहे जींस स्किनी जींस ही हो. फिर दुपट्टे के साइड वाले कोने को जींस के अंदर खोस लें. इस के बाद जैसे साड़ी का पल्ला लिया जाता है वैसे ही दुप्पटे को सैट कर लें. इस के साथ लौकेट स्टाइल में औक्साइड या कुंदन की ज्वैलरी कैरी करें. हाथ में वाच पहनें. इस के साथ पौयटेंट हील पहनें. बालों को ब्लो ड्राई कर के ओपन छोड़ सकती हैं.

इस लुक को कई सैलिब्रिटीज भी ट्राई कर चुकी हैं. आजकल लड़कियों में इस लुक का बेहद क्रेज है.

लौंग ए लाइन कुरता विद जींस या शौर्ट्स

लौंग ए लाइन कुरते को लैगिंग के साथ पहनना अब आउट औफ फैशन हो गया है. इसे वैस्टर्न आउटफिट बनाने के लिए शौर्ट्स के साथ पहनें. बालों को स्ट्रैट कर के ओपन कर लें. क्यूट लुक के लिए हाफ बन भी बना सकती हैं. इस आउटफिट में मिनिमम ज्वैलरी कैरी करें. कानों में मल्टीकलर इयररिंग्स या हूप पहन सकती हैं.

हाथों को सुंदर दिखाने के लिए बड़े साइज में औक्साइड रैड या ग्रीन कलर की रिंग पहनें. अपने इस लुक को आप सैंडल या कैजुअल शूज के साथ कंप्लीट करें.

घेरेदार प्लाजो के साथ टैंग टौप घेरेदार प्लाजो पहनना अच्छा औपशन है. इसे फुल हाईनैक क्रौप टौप के साथ पहना जा सकता है. इसे आप शर्ट के साथ ऐक्सचेंज भी कर सकती हैं. ज्वैलरी के लिए मार्केट में आने वाले कुंदन पैंडैंट ट्राई कर सकती हैं.

आप औक्साइड ज्वैलरी की तरफ भी जा सकती हैं. इस के लिए लौंग लौकेट और नैकलैस टाइप की ज्वैलरी ट्राई कर सकती हैं. इस के साथ के मैचिंग इयररिंग्स पहनें. बालों को स्ट्रेट कर सकती हैं.

अगर आप ने हैवी चोकर औक्साइड ज्वैलरी पहनी है तो इयररिंग्स को अवौइट भी कर सकती हैं. इस के साथ हील पहनें. आजकल पार्टियों में इस लुक को बहुत पसंद किया जा रहा है.

लहंगा विद शर्ट

आप की ऐंग्जमैंट का लहंगा वार्डरोब में बेकार रखा है. आप सम?ा नहीं पा रही हैं कि इसे कैसे दोबारा पहना जाए तो इसे वैस्टर्न स्टाइल में कैरी कर सकती हैं. इस के लिए आप अपने लहंगे को सफेद शर्ट के साथ ट्राई कर सकती हैं, साथ में पर्ल ज्वैलरी पहनें और आपन हेयर करें. यह एकदम परफैक्ट कौंबिनेशन है.

आप चाहें तो लो पोनीटेल कर के इसे माथापट्टी के साथ स्टाइल कर सकती हैं. माथापट्टी आप को रिच लुक देगी. इस के साथ ट्राइपेरेट सैंडल या हील कुछ भी पहन सकती हैं. दोनों ही आप के लुक को पूरा करेंगे.

बड़े काम के हैं ये फर्टिलिटी एप्स

इस डिजिटलाइजेशन के दौर ने हमारी जिन्दगी को बहुत ही आसान बना दिया है . आज हर इंसान रफ्तार को पसंद करता है और यही कारण है कि वो हर बात का जवाब जल्द से जल्द चाहता है . यही कारण है कि आज विभिन्न ऐप्स बहुत ही तेज़ी से लोकप्रिय हो  चाहे वो ट्रेवलिंग हो , कौलिंग या फिर चैटिंग  हर चीज के लिए आज बहुत सारे ऐप्स आ गए है जो आज – कल बहुत ज़्यादा पौपुलर हो गए हैं . लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसे भी कई एप्स हैं जो आपको कंसीविंग के लिए सही टाइमिंग के अलावा अन्य भी बहुत सी उपयोगी जानकारियां भी देते हैं. इस बारे में इस बारे में फर्टिलिटी एंड आईवीएफ एक्सपर्ट डौ. प्रीती गुप्ता (फर्स्ट स्टेप आईवीएफ क्लिनिक ) बता रही हैं विस्तार से .

1. फर्टिलिटी फ्रेंड

यह सटीक रूप से आपके अंडाणु की तारीख और फर्टाइल दिनों का अनुमान लगा लेता है . इतना ही नहीं यह ऐप आपके शरीर के तापमान, ग्रीवा द्रव इत्यादि जैसे प्रजनन के लक्षणों की व्याख्या भी करता है.

इसके अलावा इसमें आप एक अलार्म का उपयोग कर सकते हैं जो आपको दैनिक प्रविष्टि में फ़ीड करने की याद दिलाता है. आप वीडियो, क्विज़, ईपुस्तक, ट्यूटोरियल आदि जैसे शैक्षणिक संसाधनों द्वारा उसी विषय पर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं.

2. ग्लो ओव्यूलेशन और फर्टिलिटी ट्रैकर

यह  एप आपको गर्भावस्था की योजना बनाते समय आपकी प्रजनन क्षमता पर एक टैब रखता है. मासिक धर्म, मूड स्विंग आदि से से सम्बंधित जानकारियां देता है . यह बहुत लाभकारी है तथा अगर आप यदि आईवीएफ उपचार से गुजर रहे हैं

तो यह आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित होता हैं , क्योंकि यह अंडाशय के डेटा का सटीक  विश्लेषण करने में सक्षम है . महिलाओं के अलावा पुरुष भी इस ऐप का इस्तेमाल अपने स्वास्थ्य को रिकॉर्ड कर सकते हैं और अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

3. किंडरा

इसका प्रयोग दुनिया भर में 1.2 मिलियन से ज्यादा महिलाएं प्रयुक्त करती हैं . एन्कोडिंग के लिए विशेष रूप से एक विशेष फीचर वंक है तथा  एक वायरलेस बीबीटी थर्मामीटर जो सेंसर के माध्यम से तापमान पर नज़र रखता है. इसके साथ ही यह महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा के तरल पदार्थ पर नज़र रखता है व  गर्भधारण करने के लिए सबसे अच्छा समय दर्शाता है. यह ऐप एंड्रॉइड और आईओएस पर आसानी से उपलब्ध है.

4. क्लू

इस ऐप के माध्यम से, आप आसानी से अपने मासिक धर्म चक्र, सेक्स, दर्द, मूड स्विंग आदि को ट्रैक कर सकते हैं. चक्र एप में एक अनूठी विशेषता है जो प्रजनन चक्र का एक पूर्वावलोकन देता है.

5. ओविया फर्टिलिटी

यह मुख्य रूप से आईफोन में ही चलता है . इस ऐप से आप एक विस्तृत विश्लेषण के माध्यम से पूर्ण स्वास्थ्य की निगरानी कर सकते हैं .  इस ऐप में कई संकेतक होते हैं जो प्रजनन क्षमता का अनुमान लगाते हैं.

डौ. प्रीती गुप्ता फर्टिलिटी एंड आईवीएफ एक्सपर्ट (फर्स्ट स्टेप आईवीएफ क्लिनिक ) से बातचीत पर आधारित.

11 टिप्स: टीनऐज युवा से दोस्ती के

टीनऐज युवा बहुत सारे बदलावों से गुजरते हैं. इस का सब से बड़ा कारण है हारमोंस. एक तरफ जहां शरीर में तेजी से बदलाव आते हैं, वहीं ये हारमोंस उन की फीलिंग्स और भावनाओं में भी कई तरह के बदलाव लाते हैं. प्यार, अट्रैक्शन, गुस्सा, हर्ट होने जैसी फीलिंग्स अब युवाओं में बढ़ने लगती हैं. जहां एक तरफ वे इन फीलिंग्स और बदलावों को सम  झने की कोशिश कर रहे होते हैं, वहीं स्कूल में पढ़ाई का प्रैशर भी बढ़ने लगता है. यह प्रैशर और हारमोंस बच्चे के बदलते स्वभाव के लिए जिम्मेदार होते हैं.

सकारात्मक रिश्ता बनाए रखने के लिए इन टिप्स को अपनाएं:

  1. जानकारी रखें

भले ही युवा चाहते हैं कि उन पर भरोसा रखा जाए और उन्हें आजादी भी दी जाएं, लेकिन मांबाप इस बात की जानकारी जरूर रखें कि युवा या किशोर कहां जा रहे हैं, किस से मिल रहे हैं, क्या कर रहे हैं या दोस्त कौन हैं.

2. लक्ष्य तक पहुंचने में करें मदद

हर टीनऐजर अपना एक लक्ष्य बनाता है और उसे पूरा करना चाहता है. ऐसे में मांबाप उस की मदद चाहता है और उसे बताया जाए कि उस के इस लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़े उस के साथ हैं, साथ ही असफल होने पर उस के आत्मविश्वास को बनाए रखने में हरसंभव उस की मदद भी करेंगे.

3.दोस्त बनें

टीनऐजरों की बेहतर परवरिश के लिए पेरैंट्स बनने के साथसाथ एक दोस्त का रिश्ता भी बनाना होगा जिस से किशोर व युवा अपनी परेशानियां या हर तरह की बातें उन के साथ खुल कर सा  झा कर सकें ताकि वे किसी तरह की गलत चीजों में फंसने से बचे रहें. उन का दोस्ताना व्यवहार टीनऐजरों को करीब रखेगा तभी बड़े उन्हें सहीगलत की जानकारी बेहतर तरीके से बता सकेंगे.

4.कुछ समय साथ में गुजारें

यह जरूरी है कि बड़े दिनभर में कम से कम 1 घंटा जरूर साथ गुजारें. यह समय साथ खाना खाने का, कुकिंग का या सफाई का हो सकता है या कुछ और. रात में सोने से पहले आप साथ में 20-25 मिनट की वाक कर सकते हैं और दिनभर की बातों को सा  झा कर सकते हैं. टीनऐजरों के साथ वीडियो गेम्स, बोर्ड गेम्स खेले जा सकते हैं. उन से राजनीति पर गंभीर चर्चा की जा सकती है. बुक्स या पत्रिकाओं में लिखी बातों की चर्चा की जा सकती है.

5.धैर्य रखें

टीनऐजरों को एक बेहतर परवरिश देने का तरीका है कि मांबाप धैर्य रखें. टीनऐजर खुद इतने बदलावों से गुजर रहा है कि बड़ों से सहयोग की जरूरत होती है. यहां बड़े सम  झें कि उन का बच्चा या बच्ची अजीब तरीके से व्यवहार क्यों कर रहा है. उस के मूड स्विंग्स को ले कर उस पर चिल्लाएं नहीं. ऐसे में एक पेरैंट होने के नाते बड़े उस की परेशानियों को अच्छी तरह से सम  झें. इस के लिए थोड़ा धैर्य रखें. डांटडपट और गुस्सा न करें. याद रखें कि टीनऐज तक आतेआते टीनऐजर खुद जोर से बोलना, गुस्सा करना सीख चुके होते हैं. उन्हें बहुत सी ऐसी बातें भी मालूम होती हैं जो बड़ों को नहीं मालूम होती.

टीनऐजरों से उस के मन का हाल पूछें. लेकिन अगर वह बड़ों को अपनी कोई बात नहीं बताना चाहता तो उस पर जवाब देने की जबरदस्ती न की जाए. बस उसे यह भरोसा दिलाएं कि बड़े उस के साथ हैं. जब भी वह बात करने के लिए आए तो बड़े उसे पूरा समय दें. उसे कुरेदने के बजाय खुद बोलने का मौका दें. इस से वह किसी भी तरह का दबाव का प्रैशर महसूस नहीं करेगा और बड़ों से खुल कर अपनी बात कह पाएगा.

6. सिखाएं बड़ों का आदरसम्मान करना 

कई बार अपने गुस्से और   झुं  झलाहट में टीनऐजर अपनी हदें पार कर जाते हैं और मातापिता को भलाबुरा बोल देते हैं. ऐसे में बड़े संयम बनाए रखें. मां उन से कहे कि वह उन का गुस्सा या परेशानी सम  झ सकते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें मां से इस तरह से बात नहीं करनी चाहिए.

उन्हें प्यार से सम  झाया जाए कि उन के शरीर और मन में जो बदलाव आ रहे हैं बड़े उन्हें अच्छी तरह से सम  झ रहे हैं. लेकिन फिर भी कुछ चीजें हैं जिन्हें बिलकुल बरदाश्त नहीं किया जाएगा जैसे   झूठ बोलना, गालीगलौच, बड़ों की बेइज्जती, बड़ों से तेज आवाज में बात करना. यदि किशोर या युवा ये चीजें करता है तो बड़े उसे बिना डांटे उस की गलती का एहसास दिलाएं और आगे से ध्यान रखने के लिए कहें.

7. उन पर भरोसा करें

इस उम्र में किशोर व युवा अपने दोस्तों के बहुत करीब होते हैं. वे परिवार वालों से ज्यादा अपने दोस्तों को अपनी पर्सनल बातें बताते हैं. ऐसे में बड़े टीनऐजरों के दोस्तों के बारे में बातें करें, पर उन की गलतियां जानने की कोशिश न करें. बस, यह जानने की कोशिश करें कि कहीं उन की कोई सहेली या दोस्त ऐसा तो नहीं जो कुछ गलत करने के लिए उकसा रहा हो?

यदि बड़ों को ऐसा लगता है तो युवा को आगाह करें और समझाएं. अगर युवा इस आयु में नई बातें जानने में उत्सुक होते हैं कि वह कोई गलत काम नहीं कर रहा है, तो उस की जासूसी न की जाए उस पर भरोसा किया जाए. कई बार वे खुद गलतियां करने के बाद ही सीखते हैं इसलिए उन्हें हक है अपनी गलतियों से सीखने का एक मौका जरूर मिले.

8. तुलना न करें

किशोर युवाओं को कोई भी गलत काम करते हुए देख कर मांबाप तुरंत उसे उस की क्लास के टौपर, अपने दोस्त के बच्चे या किसी पड़ोस के बच्चे से कंपेयर करने लगते हैं, ‘देखो, मडानाजी का लड़का तुम्हारी क्लास में ही है और स्कूल और कोचिंग दोनों जगह टौप करता है,’ ‘तुम से अच्छा तो तुम्हारा छोटा भाई है, खेलने पर कम और पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान लगाता है’ जैसी बातें लगभग सभी मातापिता जानेअनजाने में करते ही हैं. ऐसा भूल कर भी न कहें. उस में हीनभावना भी आ सकती है जो उस के लक्ष्य में आगे बढ़ने में बाधा बन सकती है. इस से आप अपने बच्चे को खुद से दूर कर लेंगे.

मांबाप को भी सम  झना होगा कि हर टीनऐजर अपनी अलग खासीयत और क्षमता के साथ बिलकुल अलग होते हैं. टीनऐजर मांबाप का पैदा किया होता है पर वह इंडीपैंडेंट ईकाई है, यह समझ लें. जरूरी नहीं है कि हरकोई टौप ही करे क्योंकि कोई बच्चा पढ़ाई में अच्छा होता है, कोई ड्राइंगपेंटिंग में, कोई खेलकूद में तो कोई और किसी फील्ड या गतिविधि में. इसीलिए बड़े हरेक की खासीयत यानी उस का टेलैंट पहचानें और उसे उसी की गति और सुविधा से आगे बढ़ने दें.

9.खुश रहें

यदि कोई किशोर युवा अपनी समस्याएं ले कर मांबाप के पास आता है तो उन को खुश होना चाहिए कि वह चाहता है कि उस की बात ध्यान से सुनी जाए. इस के लिए पर्याप्त समय दिया जाए. यह कह कर पीछा न छुड़ाया जाए कि अभी नहीं बाद में बताना, यह क्या बारबार तुम अपनी हर समस्या को ले कर आ जाते हो, अपनी समस्या खुद हल करना सीखो वगैरहवगैरह.

10. बनाएं कुछ रूल्स

हो सकता है कि वे ओवर स्मार्ट बनने के चक्कर में आप को या आप की बोली हुई चीजों को नजरअंदाज करने लगे. घर में बहुत ज्यादा सख्ती अच्छी नहीं लगती है, लेकिन पूरी तरह ढील देना भी ठीक नहीं है. घर में माहौल को बैलेंस बनाए रखने के लिए कुछ रूल्स बनाए जाएं तो युवा सहर्ष उन्हें अपना लेंगे. अगर रूल्स बताने के साथसाथ इन्हें बनाए जाने की वजह भी बताएं साथ ही इस से क्या फायदा होगा यह भी बताएं. ऐसे में वह यह सम  झ पाएगा कि उसे कब और कहां, कैसे, क्यों व्यवहार करना है.

11. हर सिचुएशन में रहें शांत

टीनऐजर खुद स्मार्ट होते हैं पर उन्हें लगता है कि पेरैंट्स का दिया हुआ ज्ञान पुराने जमाने का है. वे अपनी हर परेशानी या समस्या या कोई भी जानकारी मातापिता से पूछने के बजाय अपने दोस्तों या गूगल से पूछते हैं. तब कई बार पेरैंट्स और बच्चे का ईगो बीच में आने लगता है और यह   झगड़े या नैगेटिविटी का कारण बनने लगता है. इस सिचुएशन में आप को एक मैच्योर पर्सन की तरह व्यवहार करना चाहिए. शांत रह कर सिचुएशन को संभालने की कोशिश करें.

टीनऐज पेरैंट्स और टीनऐजर दोनों के लिए  एक कठिन दौर है लेकिन एक अच्छे मातापिता बन कर निश्चित रूप से वे जीवन के उम्र के इस पड़ाव को आसान बनाने में आप मदद कर सकते हैं. अपने व्यवहार और आदतों में बदलाव से यदि वे कूल पेरैंट्स रहेंगे तो इस बात की बहुत संभावना है कि किशोर व युवा मांबाप की बात मानें या सुनें और उन्हें बड़ों के साथ कुछ भी शेयर करने में किसी तरह की हिचक या संकोच न हो.

इसीलिए टीनऐजर को एक समझदार पेरैंट की सख्त जरूरत होती है. उस के साथ ही बड़ों को भी अपने व्यवहार में बदलाव लाने की जरूरत है.

Festival Special: इस दीवाली अपनों को दीजिए ये 7 यादगार तोहफे

पूरा साल तो घरगृहस्थी की जिम्मेदारियां इतना समय ही नहीं देतीं कि अपनों को खुश करने के लिए कुछ किया जा सके, मगर दीवाली में हर कोई अपने बजट के अनुसार खरीदारी की प्लानिंग करता है. ऐसे में हम आप को बताते हैं कि बजट में किस तरह के उपहार लें ताकि अपनों की जरूरत भी पूरी हो जाए और उन के चेहरे पर उपहार पा कर मुसकान भी तैर जाए.

1. सेहत वाला तोहफा

अगर परिवार का कोई सदस्य बीमार है तो उस के लिए रियल ट्रोपिकाना जैसी कंपनियों के जूस पैक ले सकती हैं. 3 लिटर का गिफ्ट पैक ₹400 के करीब मिल जाएगा. इसी तरह बास्केट गिफ्ट में 20-30 आइटम्स होती हैं- लस्सी, कोल्ड ड्रिंक, जूस, नमकीन, कुरकुरे, चौकलेट, चिप्स, बिस्कुट आदि. यह पैक घर के हर सदस्य के स्वाद को ध्यान में रखते हुए भी तैयार कराया जा सकता है.

2. शुगर फ्री गिफ्ट

दीवाली पर बुजुर्गों को तोहफा देते समय उन की पसंद के साथसाथ उन की सेहत का भी खयाल रखना जरूरी होता है. यह बात जगजाहिर है कि बुजुर्ग मीठा बहुत पसंद करते हैं. मगर अकसर उस के साथ इंसान डायबिटीज जैसी समस्याओं से भी ग्रस्त हो जाता है. ऐसे में आप उन के लिए शुगर फ्री मिठाई ले सकते हैं. उन्हें मुरब्बा पैक या फ्रूट्स पैक आदि दे सकते हैं. इस से मुंह तो मीठा होगा ही, साथ ही सेहत भी बनेगी.

3. नटखट के लिए

मात्र ₹100, ₹200 के पैक में बच्चों के लिए आटा नूडल्स, पास्ता और मसाला नूडल्स या फिर चौकलेट्स और बिस्कुट के पैक ले सकती हैं. दीवाली में हल्दीराम, क्रोनिका, सनफीस्ट, प्रिया गोल्ड जैसी तमाम बड़ी कंपनियां नमकीनबिस्कुट की ढेरों वैराइटी उतारती हैं.

4. गिफ्ट करें गिफ्ट कार्ड

दीवाली पर आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों या घर वालों को गिफ्ट देना चाहती हैं तो आप के लिए गिफ्ट कार्ड एक अच्छा औप्शन है. आप गिफ्ट कार्ड किसी भी बैंक की ब्रांच या नैटबैंकिंग के जरीए खरीद सकती हैं. इस का सब से बढि़या फायदा यह है कि इस के जरीए कोई भी व्यक्ति अपनी मरजी से शौपिंग कर सकता है. यह कार्ड मूवी टिकट, रेस्तरां बिल, औनलाइन शौपिंग आदि के लिए यूज कर सकते हैं.

एचडीएफसी बैंक गिफ्ट प्लस कार्ड, आईसीआईसीआई बैंक गिफ्ट कार्ड, ऐक्सिस बैंक गिफ्ट कार्ड, येस बैंक गिफ्ट कार्ड, स्टेट बैंक औफ इंडिया जैसे बहुत से बैंकों के ‘गिफ्ट कार्ड’ मिल जाते हैं.

5. कैंडल स्टैंड

दीवाली के मौके पर कैंडल स्टैंड गिफ्ट करना एक अच्छा औप्शन है. कैंडल्स का इस्तेमाल अब लोग आम दिनों में भी करने लगे हैं. इन की गिनती डैकोरेटिव आइटम्स के रूप में होने लगी है. कैंडल स्टैंड को घर के कोने में रखा जाए तो वह कमरे को बहुत अच्छा लुक देता है. कैंडल स्टैंड औनलाइन भी मिल जाएंगे. इन की कीमत ₹250 से ले कर ₹10 हजार तक हो सकती है.

6. ड्राई फ्रूट्स

मावा, बेसन की मिठाई में मिलावट के बढ़ते मामलों के चलते बेकरी प्रोडक्ट्स, बड़ीबड़ी कंपनियों के गिफ्ट पैक्स और ड्राई फ्रूट्स का चलन बढ़ गया है. आमतौर पर दीवाली के मौके पर ड्राई फ्रूट्स के पैकेट या डब्बे गिफ्ट के रूप में देने का चलन सब से ज्यादा रहता है. आप भी अपने करीबी लोगों को ड्राई फ्रूट्स के पैक के रूप में सेहत का वादा उपहारस्वरूप दे सकती हैं. इन की कीमत ₹1 हजार से शुरू हो कर ₹5 हजार तक हो सकती है. ये गिफ्ट औनलाइन और औफलाइन दोनों तरीकों से मिल जाते हैं.

7. पेंटिंग्स का यादगार उपहार

यह भी दीवाली गिफ्ट का एक शानदार औप्शन है. दीवाली पर जब साफसफाई होती है तो पुरानी पेंटिंग्स हटा दी जाती हैं. ऐसे में यदि आप कोई खूबसूरत पेंटिंग का उपहार देती हैं तो यह भी तारीफ पाने लायक गिफ्ट होगा. पेंटिंग की तरह ही कोई अच्छा आर्ट पीस भी गिफ्ट कर सकती हैं ताकि वह गिफ्ट उस व्यक्ति के घर के इंटीरियर में शामिल जाए. आप ऐसी पेंटिंग्स ईकौमर्स वैबसाइट, ओपन मार्केट या किसी आर्ट गैलरी से खरीद सकती हैं. यही नहीं, आप हैंडमेड चीजें जो मन के भावों को प्रदर्शित करती हैं, भी अपने हाथ से बना कर या फिर खरीद कर उपहार में दे सकती है. ऐसे उपहार आप के संबंधों को और मधुर बनाते हैं.

इन उपहारों के साथसाथ एक और बेशकीमती उपहार आप अपनों को जरूर दें. यह उपहार है आप का समय. अपनों के साथ बैठ कुछ उन की सुनें कुछ अपनी कहें और फिर देखें कि कैसे ये पल आप के दिलदिमाग को अगली दीवाली तक तरोताजा रखेंगे.

हार कर भी ऐसे जीतें

हर किसी व्यक्ति को अपने जीवन में कभी न कभी हार का सामना करना ही पड़ता है फिर हार चाहे कैरियर में हो, बिजनैस में हो, किसी रिश्ते में हो या जीवन की किसी भी परिस्थिति में, लेकिन यह हार हमें कुछ न कुछ नया सबक अवश्य सिखाती है और अकसर वही लोग अधिक कामयाब होते हैं जो अपनी हार से सीख लेते हैं न कि अपनी किस्मत को कोसते हैं. वृंद सतसई का दोहा, करतकरत अभ्यास के जड़मति होत सुजान. रसरी आवत-जात ते सिल पर पड़त निशान.

इस बात के लिए बिलकुल सटीक है कि यदि हम असफलता के बाद भी निरंतर प्रयास करते हैं तो कठिन से कठिन कार्य भी आसान बन जाता है इसलिए जरूरी है कि अपनी गलतियों से सीख लें और जीवन में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते रहें क्योंकि आप की सही सोच आप के लक्ष्य को पाने में मदद करती है.

तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे टिप्स ऐंड ट्रिक्स जो आप को सफल बनाने में मदद करते हैं:

गलतियों से लें सीख

यदि हम अपनी हार को खुद पर हावी कर लेते हैं तो हमें सिर्फ निराशा ही हाथ लगती है, लेकिन यदि अतीत में की गई गलती से हम सबक लेते हैं तो निश्चित ही एक न एक दिन कामयाबी हमारे कदम चूमती है. इसलिए अतीत में की गई गलती का पछतावा न करें बल्कि अपनी खामियों और खूबियों को जान कर उन पर और काम करें व सकारात्मक बदलाव के साथ आगे बढ़ें.

डरना मना है

एक मूवी का बहुत ही फेमस डायलौग है ‘जो डर गया सो मर गया’ और यह सही भी है. जो इंसान डर के सामने घुटने टेक देता है और पीछे हट जाता है वह अपना आत्मविश्वास बिलकुल खो देता है. रोजमर्रा के कामकाजों तक में निर्णय लेने में वह असहज महसूस करता है इसलिए जरूरी है कि असफलता से डरें नहीं बल्कि डट कर सामना करें और सफल बनें.

अपने सपने का पीछा करें

परिस्थिति कोई भी हो लेकिन असफलता मिलने पर हमें अपने सपनों को बिखरने नहीं देना चाहिए बल्कि अपने अनुभवों से सीख लेनी चाहिए क्योंकि दोबारा प्रयास करते समय आप की शुरुआत शून्य से नहीं बल्कि अनुभव से होती है. इसलिए अपने सपने को पूरा करे बिना हार न  मानें.

कंफर्ट जोन से हट कर कुछ नया करो

असफलता हमें सिखाती है कि हमें अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर कुछ अलग, कुछ नया करना है. कुछ लोग किसी भी काम को करने से पहले ही उस से डरने लगते हैं. लेकिन हमें नकारात्मक विचारों को त्याग कर सकारात्मक सोच के साथ कुछ नया करने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि जब तक नया करने की कोशिश नहीं करेंगे तब तक हम आगे नहीं बढ़ सकते. साथ ही हमें कभी भी किसी और के जीवन से खुद की तुलना नहीं करनी चाहिए क्योंकि हर किसी व्यक्ति की क्षमता अलग होती है.

अक्षरज्ञान ही नहीं जनून भी है जरूरी

हमें सफल बनने के लिए केवल डिगरी की आवश्यकता नहीं होती बल्कि जनून की आवश्यकता होनी बेहद जरूरी है. कुछ लोग बिना किसी डिगरी के भी कामयाब होते हैं तो कुछ लोग पढ़ेलिखे होने के बाद भी नाकामयाब रहते हैं. सफलता के लिए इंसान के अंदर जनून और आगे बढ़ने की भूख होनी चाहिए. फिर कामयाबी आप के कदम अवश्य चूमेगी.

बालकनी को बनाएं फूलों का बगीचा

सभी की चाहत रहती है जीवन में कभी इक बंगला बने न्यारा उस बंगले के बाहर लंबेलंबे बोटलपाम के पेड़ हों, उन के पत्तों से छनती धूप, द्वार के एक ओर गुलमोहर के लाल फूलों से लदा पेड़ हो, टूजी और चांदनी के फूलों से ठंडक बिखेरती मनमोहक छटा. घर तक आती सड़क के किनारे गुलाबी रंगों वाले बोगनवेलिया की बाड़. बंगले की चारदीवारी पर रखे गमलों में ऐस्पेरेगस, चाईना ग्रास, अंब्रेला पाम, फिंगर पाम, चाइना पाम, पत्थरचट्टा (ब्रायोफाइलम सिंगोनियम), सदाबहार, आईवी, शोभाकारी डेफनबेचिया, कैलेडियम, पेपरोमिया के पौधे लगे हों.

क्या हरियाली है, सोचसोच कर ही रोमांच हो रहा है कि इतने सजावटी पौधों से हरीभरी होगी चारदीवारी. भीतर से आती भीनीभीनी रजनीगंधा की खुशबू मानो गेट खोल कर भीतर आने का मूक निमंत्रण दे रही हो.

यह क्या यहां तो सुगंध बिखेरते गुलाब, पीले गैंदे के फूलों की महक मदहोश कर रही है. यकीन मानिए जब पैर इस नर्म दूब वाले लौन में रखेंगे तो बेसाख्ता कह उठेंगे कि मजा आ गया. उद्यान हो तो ऐसा.

अब हर किसी को बंगला तो मिलना संभव नहीं होता है क्योंकि शहरों में जमीन की कमी की वजह से घर में बाग संभव नहीं है पर अगर फ्लैट में रह रहे हैं तो अपनी बालकनी, घर के अंदर या सोसायटी के साथ काम कर के बंगले जैसा खुशनुमा माहौल बनाया जा सकता है. जिन के पास जगह है, छोटाबड़ा प्लाट है तो वे इन सब पेड़पौधों का आनंद ले सकते हैं.

जमा करें जानकारी

कल्पना को हकीकत में बदलने के लिए ढेर सारी जानकारी इकट्ठा करें. यह जानकारी कृषि अनुसंधान व बागबानी संबंधित टीवी शोज, यूट्यूब, इंटरनैट या फिर दोस्तोंमित्रों से भी प्राप्त कर सकते हैं.

फूलदार पौधों का चयन

थोड़ी सी कल्पनाशीलता, समझ, अनुभवी माली और आप की ग्रीन फिंगर्स की जरूरत है. आप को बताते हैं कि रंगबिरंगा माहौल लेने के लिए पौधों का चयन इस प्रकार करें कि पूरा साल घर में या आसपास खिलते रहें. देखभाल भी ज्यादा न करनी पड़े और हरियाली व रंगत भी बनी रहे.

गरमी और बरसात के पौधे: ये पौधे रंगबिरंगे फूल देंगे.

  •  पोटुलाका: लाल, पीले, सफेद, गुलाबी, केसरी, जामुनी.
  • जीनिया: विविध रंग.
  • गैंदा: विविध रंग.
  • बालसम: सफेद, गुलाबी, वैरिगेटेड. ये सब बालकनी या टैरेस गार्डन में लगाए जा सकते हैं.
  • वार्षिक पौधे: इन पौधों की ऊंचाई मध्यम आकार लिए है कौर्नफ्लावर, साल्विया (छाया में लगने वाला), डायनथस, ल्यूपिन, लार्कस्पुर, फ्लौक्स, ऐंटारहिनम, गैंदा, जाफरी को भी गमलों में लगा सकते हैं.
  • लघु ऊंचाई वाले: कैंडीटफ्ट, सिनानेरिया, ऐग्रेटम, बेसकम, गजानिया, नास्टर्टियम, स्वीट इलाइसम. इन के लिए थोड़े बड़े पौट्स की जरूरत होती है.
  • कंदीय: लिली, फुटबौल लिली, आइरस, रजनीगंधा, ग्लैडियोलस ये जमीन में ज्यादा फलते हैं.
  • सुगंधित पौधे: रंजनीगंधा, स्वीट पी, कार्नेशन, प्रेयसी गुलाब, जंगली गुलाब, बेला, जैस्मिन, मोतिया, मोगरा, चंपा, जूही, चमेली, रात की रानी, कामिनी, पिंकस डायनथस-1, गैंदा जैसे जाफरी, हजारी गैंदा, सुरमई, मखमली गैंदा तथा लैंवेडर का पौधा.
  • सुगंध बिखेरते: हरी चाय (सिंबोपोगान शूनेथेस).

लैमन ग्रास के नाम से मशहूर यह घास गमलों में लगाएं. यह अनूठी सुगंध के लिए कुछ थाई डिसेज व चाय में इस्तेमाल होती है. इस घास में फूल वर्षा ऋतु में आते हैं. चाहें तो जमीन में भी लगा सकते हैं. खुशबू बनी रहेगी.

  • गुलदाऊदी: इसी प्रकार वाटिका की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए सर्द ऋतु में सब से पहले निकलने वाला फूल गुलदाऊदी का जिक्र बागबानी के शौकीनों के लिए बहुत आवश्यक है. इसे क्राइसैंथीमम मोरीफोलियम भी कहते हैं. यदि पुष्प प्रतियोगिता में जा रहे हैं तो इस में उपलब्ध बटन गुलदाऊदी जैसी किस्मों से ले कर ग्राफ्टिंग तकनीक के जरीए इनकार्विंग, कोरियन पोर्न रिफलैक्सर, सपून और सेमी किलर कितनी ही किस्मों का लाभ उठा कर अपने उद्यान के गमलों, जमीन की शोभा बढ़ाने के साथसाथ पुष्प प्रतियोगिता भी जीत सकते हैं.
  • डहलिया: ऐसा ही कंपोजिट परिवार का सदस्य डहलिया मैक्सिको मूल का माना गया है. वहां यह जंगली पौधे के रूप में पैदा होता था. यह अपनेआप में अनोखा खूबसूरत पुष्प है. इस के फूलों का आकार छोटे बादाम से ले कर खाने की बड़ी प्लेट तक मिलता है. इस में रंगों की विविधता पाई जाती है. अब तो इस की 20 हजार तक किस्मों का उल्लेख मिलता है. ऐसा वनस्पति शास्त्र के वैज्ञानिकों का विचार है.

आप चाहें तो बालकनी, क्यारी बना कर इसे गमलों में कंद, बीज या समूल कलमों द्वारा लगा सकते हैं. डहलिया का अच्छा पुष्प लेने के लिए इस के मिश्रण की तैयारी कर ली जाती है और इसे गमलों में भर कर रख दिया जाता है.

खाद मिश्रण

भुरभुरी मिट्टी 3 भाग, गोबर अथवा घोड़े की लीद वाली सड़ी खाद 3 भाग, पत्ती की खाद 2 भाग. आप इस मिश्रण में इन निम्नलिखित चीजों को एक गमले के लिए इस अनुपात में मिलाएं:

नदी की मोटी रेत या बदरपुर 2 मुट्ठी, लकड़ी के कोयले का चूरा 2 मुट्ठी, हड्डियों का चूरा 1/2 मुट्ठी, नीम की खली 1/2 मुट्ठी, बीएचसी 10%, चाय का 1 चम्मच, डायमोनियम फास्फेट 1 मुट्ठी, पौटाशियम नाइट्रेट 1 मुट्ठी, पौटाशियम सल्फेट 1 मुट्ठी.

इन सब चीजों को मिट्टी मिले खाद मिश्रण में अच्छी तरह मिला लें. गमलों में भर कर रखें.

डहलिया की कलम को गमलों में अच्छे से दाब दें. रोज पानी दें. जब सर्दी अधिक हो तो एक दिन छोड़ कर दें. जल्द ही पौधा बढ़ने लगेगा. तने मोटे होने लगें तो तरल खाद दें. महीने में 2 बार तरल खाद की प्रक्रिया काफी है. एक ही पुष्प देता हो तो बाकी की कलियां नोच डालें. फूल के लिए खपच्ची का सहारा बहुत जरूरी है.

फूलों से आती गंध का महत्त्व: रंगबिरंगे फूलों वाली बगिया में महक, खुशबू की कामना रखना साधारण सी बात है. आजकल सिंथैटिक गुलाब उपलब्ध हैं. रंग सभी लेकिन खुशबू बिलकुल नहीं. यह जरूरी नहीं हर फूल की खुशबू हो, खुशबू न भी हो, एक अजीब गंध हो तो उस का भी अपना महत्त्व होता है. यह गंध या महक कीटपत्तंगों को पत्तियों से दूर रखने में सहायक होती है. प्लांट हैल्दी रहते हैं.

फूलों के साथसाथ चारदीवारी पर रखने वाले गमलों में, बगिया में, घर के आंगन में कुछ हरे पत्तेदार पौधे भी लगा दिए जाएं तो टैरेस या बालकनी गार्डन खिल उठेगा जैसे एरोकेरिया, ड्रैसिना, मरांटा, ऐग्लोनिया, कैलेडियम, बिग्नोनिया, पिलो डैंड्रोन, कोलियस, सरसों, पनसरिया, क्रोटन, फर्न यानी ऐस्पेरेगस, रबर प्लांट, मनी प्लांट आदि.

7 होम ऐप्लायंसिस काम बनाएं आसान

स्मार्ट ऐप्लायंसिस की हैल्प से आप अपने बचे हुए समय को अपनी हौबी को पूरा करने में इनवैस्ट कर सकती हैं. आप चाहें तो नई स्किल्स भी सीख सकती हैं. ये स्किल्स आप के भविष्य में जरूर काम आएंगी.

आइए, उन स्मार्ट ऐप्लायंसिस के बारे में जानते हैं जिन्हें अपना कर आप अपना समय बचा सकती हैं. इस के साथ ही आप इन ऐप्लायंसिस को अपना कर एक स्मार्ट हाउस मेकर कहलाएंगी.

  1. आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस वाला डिशवाशर

डिशवाशर का इस्तेमाल करने के बहुत फायदे हैं. इस में धुले बरतन साफ, स्वच्छ और बैक्टीरिया फ्री होते हैं. इन पर साबुन की चिकनाई नहीं रहती. एक बार में कई बरतन धो सकते हैं. इस में पानी कम खर्च होता है. इस में धुले बरतनों पर पानी की बूंदें नहीं रहती हैं. सब से जरूरी यह आप का समय बचाता है. डिशवाशर में बरतन धोने डाल कर आप अपने दूसरे काम भी कर सकती हैं.

बात करें कि डिशवाशर कौन सी कंपनी का लें और कहां से खरीदें तो मार्केट में डिशवाशर एलजी, सैमसंग, वोल्टास, वर्लपूल, बुश जैसी कई कंपनियों मिलते हैं. इन की कीमत क्व15 हजार से क्व80 हजार के बीच है. आप इसे औनलाइन साइट से भी खरीद सकती हैं. अमेजन, जियो मार्ट, विशाल मेगा मार्ट, फ्ल्पिकार्ट जैसी औनलाइन साइट्स पर यह आसानी से मिल जाएगा. इन सभी साइट्स पर त्योहारों के समय मेगा सेल भी लगती है.

2. इलैक्ट्रिक आटा गूंधने की मशीन

रोटी खानी है तो आटा तो गूंधना ही पड़ेगा. लेकिन आटा गूंधने की आफत कौन मोल ले. तो चलिए आज हम आप को इस आफत से छुटकारा दिलाते हैं. इलैक्ट्रिक आटा गूंधने की मशीन में आप 3 से 5 मिनट में रोटी और परांठा बनाने के लिए डो तैयार कर सकती हैं. डो बनाने के लिए मशीन के साथ दिए गए जार में आटा और पानी डालें. इस के बाद मशीन औन कर दें. 5 मिनट में आप का डो तैयार हो जाएगा.

वैसे तो मार्केट में आटा गूंधने की कई मशीनें मौजूद हैं. लेकिन आजकल इलैक्ट्रिक डो मेकर मशीन बहुत चलन में है, जिस की कीमत लगभग क्व4 हजार से शुरू होती है. यह मशीन औनलाइन और औफलाइन दोनों ही जगह उपलब्ध है.

इस मशीन को अमेजन, मितरां, फ्ल्पिकार्ट, जियो मार्ट, रसोई शौप, विशाल मेगा मार्ट जैसे औनलाइन प्लेटफौर्म से खरीद सकती हैं. इस के अलावा इसे कंपनी की साइट से भी खरीद सकती हैं. इनलासा, अगारो, कैंट, हैवल्स, होमप्लस मैजिक, क्लिरलाइन, महाराजा, रिको, विनर फेमस आटा मेकर मशीनें हैं. आटा मेकर मशीन को कई और कामों में भी लाया जा सकता है जैसे ब्रैड या पाओ बनाने का डो, क्रीम मिक्स करना आदि.

अगर आप एक बढि़या और टिकाऊ आटा मेकर मशीन खरीदना चाहती हैं तो आप अगारो ब्रैंड का रौयल स्टैंड मिक्सर खरीद सकती हैं. इस की कीमत मात्र क्व6 हजार है. इस में 2023 की जरूरत के हिसाब से सारे फंक्शन मिलते हैं. इस में 1000 वाट की मोटर है. इस में 8 स्पीड सैटिंग और एलईडी इंडिकेटर मौजूद है. कंपनी इस की 2 साल की वारंटी भी देती है.

3. रोटी मेकर मशीन

त्योहारों के समय घर में तरहतरह के पकवान बनाए जाते हैं. किसी को रोटी खानी होती है तो किसी को पूरी और परांठा. ऐसे में सब की डिमांड पूरी करतेकरते आप थक कर चूर हो जाएंगी. वहीं अगर आप जौइंट फैमिली में रहती हैं तो यह आप की रोजमर्रा की प्रौब्लम है. लेकिन आप रोटी मेकर मशीन अपने घर ला कर इस समस्या से छुटकारा पा सकती हैं. यह मशीन आप के घंटों के काम को मिनटों में पूरा कर देगी. यह बहुत कम समय में ढेर सारी रोटियां बनाने का हुनर रखती है.

इस में बस रोटी की लोई रखनी होती है और गरमगरम ताजा रोटीपरांठा सब मिनटों में तैयार हो जाता है. इन इलैक्ट्रिक रोटी मेकर पर नौनस्टिक कोटिंग रहती है, जिस से आप इस पर आसानी से परांठा भी बना सकती हैं. इस के अलावा चीला, डोसा, आमलेट, पापड़ आदि  बनाने के लिए भी रोटी मेकर मशीन का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह रोटी मेकर मशीन बैकलीट हैंडल के साथ आती है, जिस से आप के हाथों के जलने का खतरा नहीं रहता. इस में स्टेनलैस स्टील कवर और डबल इंडिकेटर लैंप भी होते हैं.

ऐसा भी नहीं है कि यह बहुत महंगी हो. इस मशीन की कीमत इतनी है कि यह आप के बजट में फिट हो जाएगी. इस की कीमत क्व18 सौ से शुरू हो कर क्व70 हजार तक होती है. अमेजन, मितरां, फ्ल्पिकार्ड, जियो मार्ट, रसोई शौप और भी बहुत सी शौपिंग साइट्स पर यह आसानी से मिल जाती है. प्रैस्टीज, ऐवरीडे, आईबैल, इलैक्ट्रो स्काई, बजाज, इजहार रोटी मेकर मशीन के कुछ फेमस ब्रैंड हैं.

4. योगर्ट मेकर

कई बार तो देखने में दही अलग और पानी अलग दिखता है. एक समस्या दही के खट्टेपन की होती है. सर्दी में जमने वाले दही में खट्टापन नाममात्र का होता है. इन सारी समस्याओं का समाधान दही मेकर के पास है.

योगर्ट मेकर को आप अमेजन, मितरां, फ्ल्पिकार्ट, रसोई शौप, जियो मार्ट जैसी शौपिंग साइट्स से खरीद सकती हैं. इस के अलावा आप इसे मौल और दुकानों पर जा कर भी खरीद सकती हैं. मार्केट में इस की कीमत क्व500 से शुरू होती है. क्वांटिटी और क्वालिटी के आधार पर इस की कीमत तय होती है.

अगर आप को एक अच्छे और सस्ते योगर्ट मेकर की तलाश है तो आप अगारो कंपनी का योगर्ट मेकर क्लासिक खरीद सकती हैं. इस की कीमत मात्र अगर 599 है. इस में आप को 1.2 लिटर का बाउल मिलेगा, जो चंद घंटों में योगर्ट जमा देगा. इस में बनने वाला योगर्ट मोटा होता है, जिस की वजह से यह टेस्ट में बहुत अच्छा लगता है. यह बिजली से चलने वाला इलैक्ट्रिक योगर्ट मेकर वजन में बहुत हलका है. इसे अमेजन पर बेहतरीन प्रौडक्ट बताया गया है. कस्टमर्स ने भी इस मेकर को अच्छे रिव्यू दिए हैं. मैक्सीमा, एचएसआर, इस्टाकप फेमस कर्ड मेकर ब्रैंड हैं.

5. डोंट वरी ऐलैक्सा है न

मान लीजिए आप किसी से कोई बात करना चाहतीं और आप के आसपास कोई मौजूद नहीं है तो फिक्र न करें ऐलैक्सा है न.

आप ऐलैक्सा से बातचीत भी कर सकती हैं. ऐलैक्सा आप के मूड को भी रिफ्रैश करने का काम करती है. वैसे तो ऐलैक्सा छोटेछोटे काम ही करती है लेकिन यह किसी हैल्पर से कम नहीं है.

अगर बात करें इस की कीमत की तो इस की कीमत क्व3 हजार से शुरू होती है. आप इसे अमेजन से आसानी से खरीद सकती हैं. सब से अच्छी क्वालिटी की ऐलैक्सा इको डोट फोर्थ जैनरेशन की मानी जाती है. जिस की कीमत करीब क्व3,799 है. इस के अलावा इस की फिफ्थ जैनरेशन भी खूब डिमांड में है.

इसे आप अपने फोन और प्ले स्टोर से भी कनैक्ट कर सकती हैं. ऐलैक्सा को आप अपने वाईफाई और हौटस्पौट से भी कनैक्ट कर सकती हैं. आप की भागतीदौड़ती जिंदगी में ऐलैक्सा आप के लिए एक वरदान है.

6. औटो क्लीनिंग स्मार्ट रोबोट

यह स्मार्ट रोबोट यूएसबी चार्जिंग मोड के साथ आता है. यह एक बार चार्ज होने के बाद लगातार 2 घंटे तक बिना रुके काम कर सकता है. इतना ही नहीं यह काम करने के बाद वापस जा कर चार्ज भी होने लगता है. इस का एक फायदा यह भी है कि अगर आप के घर में पैट हैं तो यह उन के गिरे हुए बालों को भी आसानी से क्लीन कर देगा. चाय का दाग हो या जूस का यह सब साफ कर देता है. इस की एक खूबी यह भी है कि अगर इस की सफाई के बीच में कोई सामान आ जाता है तो यह उस से टकराता नहीं है बल्कि अपना रास्ता बदल लेता है.

यह आप के लिविंगरूम, ड्राइंगरूम, किचन, बाथरूम, बैडरूम सभी जगह की अच्छे से सफाई कर सकता है. पैनासोनिक, इंडिगो, द स्टाइल सूत्रा, बूस्ट आईक्यू, थ्री इन वन, प्यूर क्लिन, बेसलैस, बी विनर, ड्रमस्टोन कुछ फेमस औटो क्लीनिंग स्मार्ट रोबोट की कंपनियों के नाम हैं. इस की स्टार्टिंग रेंज क्व2,300 है. इसे किसी भी शौप या शौपिंग साइट से आसानी से खरीदा जा सकता है. अमेजन पर यह आसानी से उपलब्ध है. कस्टमर्स ने इस की रेटिंग भी अच्छी दी है.

7. स्टीम पोर्टेबल क्लीनर

इस स्टीमर की हैल्प से आप किचन के शैल्फ, चिमनी, टाइल्स, काउच, सोफा, ग्लास, वाइपर सैट, पोर्ट की साइड्स, कार के ग्लासेज, कार और बाइक के व्हील बिना ज्यादा मेहनत के साफ कर सकती हैं. इतना ही नहीं इस स्टीमर की हैल्प से आप अपने कपड़े पर स्टीम भी कर सकती हैं. यह कपड़े पर लगे हलके दागों को हटाने में भी मददगार है.

इस क्लीनर के साथ अलगअलग जगह को साफ करने के लिए अलगअलग टूल दिए जाते हैं. इस में कुल 9 टूल दिए जाते हैं. क्व2,699 में यह एक पौकेट फ्रैंडली क्लीनर है, जो न सिर्फ आप के काम को आसान बनाएगा बल्कि यह आप के समय को भी बचाएगा. इसे आप अमेजन, मितरां, फ्ल्पिकार्ट, जियो मार्ट, रसोई शौप से खरीद सकती हैं. आप इसे गूगल पर सर्च कर के अलगअलग शौपिंग साइट्स से भी और्डर कर सकती हैं. एक गैजेट किस तरह से आप की लाइफ आसान कर सकता है यह आप इस गैजेट को खरीद कर जान सकती हैं.

इन स्मार्ट गैजेट्स को इस्तेमाल करने के बाद आप अपनी सहेलियों के बीच एक स्मार्ट हाउस मेकर के नाम से फेमस हो जाएंगी. इस के बाद कोई आप को सिर्फ एक हाउस मेकर नहीं कहेगा बल्कि स्मार्ट हाउस मेकर कहेगा. यह सुनने के बाद आप ज्यादा कौन्फिडैंट फील करेंगी.

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