टीनएज जीवन का ऐसा पड़ाव होता है, जहां अपने पराए लगने लगते हैं और पराए अपने. इस उम्र में हमारी आंखों पर ऐसी पट्टी पड़ जाती है कि हमें अपने भाईबहन भी अपने जानी दुश्मन लगने लगते हैं. हम उनसे भी अपनी बातें शेयर करना पसंद नहीं करते हैं. यहां तक कि मुसीबत में पड़ने पर भी उन्हें बताने से डरते हैं कि इन्हें बताने से पापामम्मी को पता चल जाएगा और जिससे उन्हें डांट पड़ेगी , जिसका नतीजा यह होता है कि हम गलतियां करते जाते हैं और उनका खामियाजा अकेले ही भुगातना पड़ता है और कई बार तो हमें इसकी वजह से कई मुसीबतों का भी सामना करना पड़ता है. इसलिए ये समझना बहुत जरूरी है कि भाईबहन हमारे दुश्मन नहीं बल्कि हमारी असली संपत्ति होते हैं. जी हां , आइए जानते हैं कैसे.
1. मुसीबत में हमें बचाते
नेहा जो बहुत ही स्मार्ट और पैसे वाली थी, जिसके कारण हर लड़का उससे फ्रेंडशिप करने को उत्सुक रहता था. और जिसके कारण नेहा भी किसी को खुद के सामने कुछ नहीं समझती थी. और उसकी इसी बेवकूफी का फायदा उसके बोयफ्रेंड साहिल ने उठाया. उसने नेहा से पैसे ऐंठने के चक्कर में उससे कुछ न्यूड फोटोज क्लिक करने को कहा. कहते हैं न कि प्यार में सब जायज होता है. उसने बिना सोचेसमझे साहिल को फोटोज भेज दी. अब तो वह उसे इन फोटोज से ब्लैकमेल करके पैसे ऐंठने लगा. जिसके कारण वह परेशान रहने लगी. लेकिन उसके भाई से ये सब देखा न गया और उसने बहन को कसमें देकर उससे परेशानी की वजह को जान ही लिया. और फिर भाई का फर्ज निभाते हुए उसने मम्मीपापा को बताए बिना साहिल को ऐसा सबक सिखाया कि आगे वह कभी नेहा जैसी लड़कियों को धोखा देने के बारे में सोचेगा भी नहीं. इस घटना के बाद नेहा को समझ आ गया कि भाई से प्यारा कोई नहीं. इससे धीरेधीरे दोनों के बीच बोंडिंग स्ट्रोंग बनती चली गई.
2. चीजें शेयर करने में हिचकिचाते नहीं
भाईबहन का रिश्ता ऐसावैसा नहीं होता है. चाहे आपस में कितनी भी लड़ाई क्यों न हो जाए , लेकिन मुसीबत या फिर एकदूसरे के चेहरे पर खुशी लाने के लिए दोनों एकदूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं. यहां तक कि अपनी सबसे प्यारी चीज भी शेयर करने से नहीं हिचकिचाते हैं. शोभा जो पढ़ाई के साथसाथ पार्टटाइम जोब करती थी, क्योंकि एक तो वह खुद कुछ करना चाहती थी और दूसरा पिता के बीमार होने के बाद से उसके घर की हालत भी ठीक नहीं थी. उसने मेहनत करके पैसा कमाया. और फिर घर की जरूरतों को पूरा करते हुए फिर अपने लिए एक लैपटोप भी खरीदा. जिसे खरीदने का वह काफी समय से सपना देख रही थी. इसे पाकर वह बहुत खुश भी थी. लेकिन इस बीच उसके भाई की भी ऑनलाइन क्लासेज शुरू हो गई और उसे भी लैपटोप की जरूरत पड़ी. तो शोभा ने बिना कुछ सोचे अपनी सबसे प्यारी चीज को अपने भाई को दे दिया. ताकि उसे किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो. जो इस बात की और इशारा करता है कि चाहे चीज कितनी भी कीमती व जरूरी क्यों न हो, लेकिन इस रिश्ते से बड़ी व कीमती नहीं हो सकती.
3. करते हैं मोटिवेट
कई बार जीवन में ऐसे पड़ाव भी आते हैं , जिसमें हम हिम्मत छोड़ने लगते हैं. जीवन जीने की इच्छा ही खत्म होने लगती है. हमें ऐसा लगने लगता है कि हम कुछ नहीं कर सकते, बस सामने हार ही हार नजर आती है. ऐसे में भाई हो या बहन एकदूसरे का हौसला बढ़ाकर उसे आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करते हैं. राहुल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. उसके नौंवी में बहुत कम मार्क्स आए , जिससे उसके मन में ये बात बैठ गई कि उसका कैरियर चौपट सा हो गया है, अब इसकी वजह से न ही घर में उसे प्यार सम्मान मिलेगा और न ही स्कूल में. सब उसका मजाक बनाएंगे. जिसकी वजह से उसके चेहरे की हंसी भी गायब होने लगी थी. ऐसे में उसकी बहन ने उसे समझाया कि जरूरी नहीं कि जो जीवन में एक बार हार जाए या फिर असफल हो जाए , उसे बारबार हार का ही सामना करना पड़ेगा. हमारे सामने है अल्बर्ट अ ाइंटरिन का उदाहरण. जो दुनिया में जीनियस के तौर पर जाने जाते हैं. वे चार साल तक बोल और सात साल तक की उम्र तक पढ़ नहीं पाते थे. जिससे उनके शिक्षक और पेरेंट्स उन्हें सुस्त छात्र के रूप में देखते थे. जिसके कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया. इन सबके बावजूद वे भौतिक विज्ञान की दुनिया में सबसे बड़ा नाम साबित हुए. तुम्हें भी इससे सीख लेकर आगे कुछ कर दिखाने के लिए जीतोड़ मेहनत करने की जरूरत है न की आज की परिस्तितियों से हार मानकर बैठ जाने की. और इसमें मैं तुम्हें जितना सपोर्ट कर सकूंगी करूंगी , लेकिन तुम्हें इस तरह हार नहीं मानने दूंगी. यही होती है भाईबहन के रिश्ते की असली सच्चाई.
4. इमोशनली स्ट्रौंग बनाते
हम जिससे सबसे ज्यादा प्यार करते हैं , कई बार हम उनसे दूर हो जाते हैं. जैसे अचानक से परिवार के किसी प्रिय सदस्य का निर्धन हो जाना , या फिर पढ़ाई या जॉब के कारण अपनों से दूर हो जाना या फिर बेस्ट फ्रेंड का दूर हो जाना, जो हमें अंदर ही अंदर परेशान करके रख देता है. ऐसे में भाईबहन ही वो टूल होते हैं , जो हमें इन परिस्तितियों से लड़कर आगे बढ़ना सिखाते हैं. हमें प्यार से समझाते हैं कि भले ही आज ये वक्त थम सा गया है, लेकिन हमें खुद को अंदर से इतना ज्यादा कमजोर नहीं बनाना है कि हम भी बस इस वक्त के साथ थम कर रह जाएं. बल्कि स्ट्रौंग बनकर आगे बढ़ना सीखना होगा. परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा, एकदूसरे को समझना होगा. अगर खुद को इमोशनली स्ट्रौंग बनाओगे तो ये वक्त भी गुजर जाएगा. ऐसे समय में भले ही भाईबहन खुद टूट जाए , लेकिन चेहरे पर नहीं दिखाते हैं और अपने भाईबहन को फुल सपोर्ट करके इस परिस्तिथि से लड़कर आगे बढ़ना सिखाते हैं.
5. हमारे लिए लड़ जाते हैं लोगों से
ये तो दुनिया की रीत है कि आप चाहे लोगों के लिए कितना भी अच्छा कर लो, लेकिन जरूरी नहीं कि वह आपकी तारीफ करे ही. किसी बात पर कोई आपकी तारीफ भी कर सकता है तो कोई आपकी बुराई भी . लेकिन हम किसी का मुंह नहीं रोक सकते. तनवी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. उसने एक बार अपने फ्रेंड के साथ असाइनमेंट क्या शेयर नहीं किया, कि उसके फ्रेंड्स ने उससे बात करनी ही छोड़ दी. और वे सब यूनिटी बनाकर उसका मजाक बनाने लगे. जिससे परेशान होकर तनवी ने कॉलेज जाना ही छोड़ दिया. ऐसे में उसके भाई ने उसे लोगों का मुकाबला करना सिखाया और यहां तक कि उसके लिए उसके दोस्तों तक से भी लड़ गया. वे ये हरगिज नहीं देख पाया कि किसी और की वजह से उसकी बहन की आंखों में आंसू आए. यही वो रिश्ता है , जिसमें चाहे भाईबहन आपस में कितना भी लड़ लें , लेकिन कोई और उनके अपने को परेशान करे, ये उन्हें गवारा नहीं होता.
6. लाइफ को मेमोरेबल बनाते
कभी बहन के कपड़े छुपा देना तो कभी भाई का फोन छुपा देना, खाना खाते हुए कोई ऐसी बात कर देना, जिससे भाई या बहन गुदगुदा कर हंस दे. बचपन में तू कैसे कपड़े पहनती थी, कैसी सी लगती थी, बालों में तेल और दो चोटी करके स्कूल जाना, जिसके कारण तेरे फ्रेंड्स तुझे चिपकूचिपकू कहते थे. भाई तू भी कुछ कम नहीं था. याद है मुझे वो श्रुति का किस्सा , जिसके पीछे तूने मम्मीपापा से भी झूठ बोला था. तू कितना उसके पीछे पड़ा था और वो तुझे पतलू कहकर तुझे घास तक नहीं डालती थी. यही सब बातें भाईबहन के रिश्ते को यादगार बनाती है और ताउम्र हसने का मौका देती है.
7. उदासी को पल में दूर भगाते
तुम मेरे लिए कितने कीमती हो, इसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है. बस इतना कह सकता हूं कि तुझे उदास देख मैं भी हो उठता हूं उदास. ऐसे में भाईबहन एकदूसरे की उदासी को दूर करने के लिए कभी उनकी पसंद की डिश बनाते हैं , तो कभी उन्हें घुमाने के बहाने उनका दिल बहलाने की कोशिश करते हैं. उनके चेहरे की उदासी को दूर करने के लिए उनके लिए गुनगुनाते हैं , क्योंकि संगीत से मन को खुशी जो मिलती है. उनके साथ खेलते हैं , साथ वक्त बिताते हैं , उनकी परेशानी को दूर करने की कोशिश करते हैं. उन्हें कोई कुछ न कहे , और परेशान न करें इसके लिए उनके बॉडीगार्ड बनकर आगे पीछे घूमते रहते हैं. बस इसी प्रयास में लगे रहते हैं कि भाई या बहन के चेहरे की उदासी दूर हो जाए और वह फिर से मुस्कुराने लगे. इस तरह भाईबहन का रिश्ता बहुत अनमोल होता है, जिसकी हमेशा कद्र करनी चाहिए.