जोड़ों में अकसर दर्द बना रहता है, क्या इससे छुटकारा पाने का कोई और तरीका है?

सवाल-

मेरी उम्र 70 साल है. मेरे जोड़ों में अकसर दर्द बना रहता है. इलाज चल रहा है, लेकिन कोई खास फायदा नहीं मिल रहा है. परिवार वालों का कहना है कि इस उम्र में तो दर्द होना आम बात है, लेकिन मेरे लिए यह दर्द बरदाश्त करना मुश्किल हो रहा है. क्या इस से छुटकारा पाने का कोई और तरीका है?

जवाब-

इस उम्र में शरीर कई बीमारियों की चपेट में आने लगता है. इस उम्र में दर्द की शिकायत सभी को होने लगती है लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि इस से छुटकारा नहीं पाया जा सकता है. आप ने बताया कि आप का इलाज चल रहा है. हर इलाज की एक प्रक्रिया होती है, जिस का असर होने में समय लगता है. हालांकि आज दर्द से नजात पाने के कई नौन इनवेसिव विकल्प मौजूद हैं, जैसेकि रेडियोफ्रीक्वैंसी ट्रीटमैंट, जौइंट रिप्लेसमैंट, रीजैनरेटिव मैडिसिन आदि. अपने डाक्टर से सलाह कर जरूरत के अनुसार उचित विकल्प का चुनाव कर सकती हैं. इस के साथ ही अपनी जीवनशैली और आहार में सुधार करें. अच्छा खाना खाएं, व्यायाम करें, हफ्ते में 2 बार जोड़ों की मालिश कराएं, शराब और धूम्रपान से दूर रहें, नियमित रूप से जोड़ों की जांच कराएं.

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उत्तर भारत में ठंड की दस्तक हो चुकी है. ठंड का मौसम वैसे तो अधिकतर लोगों के चेहरे पर मुस्कान ले आता है लेकिन दूसरी ओर कइयों की परेशानी का कारण भी बनता है. क्या ठंड का नाम सुन कर आप को भी जकड़े हुए जोड़ याद आते हैं? क्या ठंड आप को बीमारियों की याद दिलाता है?

ऐसा नहीं है कि ये समस्या केवल एक निर्धारित उम्र के लोगों को ही परेशान करती है. वास्तव में गतिहीन जीवनशैली के कारण ये समस्या अब हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है. जोड़ों का दर्द ही नहीं बल्कि मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सिरदर्द, गर्दन दर्द, तंत्रिका दर्द, फाइब्रोमायल्जिया आदि समस्याएं इस मौसम में बहुत ज्यादा परेशान करती हैं.

सर्दी के मौसम में दर्द से बचाव के लिए खास टिप्स

दर्द से बचाव के लिए जीवनशैली का खासतौर से ध्यान रखना चाहिए. निम्नलिखित टिप्स की मदद से दर्द की समस्या से बचा जा सकता है:

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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सर्दियों में स्किन को खिलने दे कुछ ऐसे

सर्दियों के आते ही ठंड को एन्जॉय करने के लिए लोग ऊनी कपड़ों का प्रयोग करना शुरू कर देते है, क्योंकि गरमा गरम खाना इस मौसम को और अधिक बेहतर बना देती है, लेकिन ठंड में चारो तरफ ठंडी हवाएं चलने की वजह से त्वचा रुखी और बेजान होने लगती है,ऐसे में अगर त्वचा की रूटीन देखभाल की जाय, तो पुरस्कार के रूप में चमकदार त्वचा और गुलाबी ग्लो चेहरे पर आ जाती है.

इस बारें में द एस्थेटिक क्लिनिक्स की कॉस्मेटिक डर्मेटोलोजिस्ट & डर्मेटो-सर्जन डॉ. रिंकी कपूर कहती है कि जाड़े के दिनों में दूसरे मौसम की अपेक्षा त्वचा का अधिक ध्यान देने की जरुरत है, क्योंकि इस समय ठंडी और सूखी हवाएं त्वचा से नमी को सोख लेती है. इससे स्किन ड्राईनेस, खुजली, परतदार स्किन आदि की संभावना रहती है, जिससे स्किन रफ, ड्राई और डिहाइड्रेटेड हो जाती है. कुछ सरल और आसान तरीके से स्किन की देखभाल की जा सकती है , जो निम्न है,

• अधिक हैवी या मोयस्चर युक्त क्रीम न चुने, क्योंकि इससे त्वचा के रोम छिद्र बंद हो सकते है, स्किन के लिए हाइड्रेटिंग प्रोडक्ट्स, जो त्वचा की नेचुरल आयल और नमी को बनाये रखने में सहायक हो, उसे लें. ठंड में मास्क, पील्स और अल्कोहल बेस्ड प्रोडक्ट्स खरीदने से बचें.

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• महंगे उत्पाद खरीदने के वजाय सही और वेटलेस हाइड्रेटिंग ब्रांडेड प्रोडक्ट्स ,जो एक लेयर्स में मिलें, उसे लें और ध्यान दें कि ये प्रोडक्ट त्वचा को जरुरत के अनुसार पोषक तत्व दे सकें और उसकी चमक को बिना किसी समस्या के बनाए रखें. इस सीरीज में क्लींज-टोन-सीरम-मोयास्चराइजर- सनस्क्रीन होनी चाहिए. लाइटवेट फार्मूला स्किन को मुलायम और बेजान होने से पूरे दिन बचाती है.

• जाड़े में अधिकतर लोग गरम पानी का सेवन और नहाते है, जिससे स्किन में क्रेक्स और एक्जिमा होने का डर रहता है. कम गरम पानी का सेवन और नहाने से स्किन में ग्लो बनी रहती है.

• अगर किसी को एक्ने या किसी अलग प्रकार की चमड़े की बीमारी है तो डॉक्टर की परामर्श के आधार पर उत्पाद खरीद कर प्रयोग करें.

• क्रीमी क्लींजर को छोड़कर पानी में घुलनशील, जेंटल और बिना किसी सुगंध के क्लींजर ख़रीदे. इसके अलावा इसमें चमोमिले और ओटमील भी होने पर स्किन को सेफगार्ड अच्छा मिलता है.

• लोशन के बजाय क्रीम ख़रीदे, उसमें एपल सीडर विनेगार, सिरामाइड्स, सोडियम लेक्टेट, शिया बटर, आर्गन आयल आदि होना जरुरी होता है. ये स्किन की pH बैलेंस को बनाये रखने के अलावा पूरे दिन ताजगी का एहसास करवाती है. इसके अलावा स्किन में नमी होने पर किसी प्रकार की स्किन प्रॉब्लम और झुर्रियां भी दूर रहती है. शावर के बाद स्किन को मोयस्चराइज अवश्य करें.

• ठंडी की मौसम में साबुन से अधिक शावर जेल स्किन के लिए अच्छा होता है. एलोवेरा जेल, नेचुरल आयल आदि का शावर जेल में होना आवश्यक है.

• जेंटल लूफा का प्रयोग कर अपने त्वचा से मृत चमड़ी को साफ कर दें, इसे सप्ताह में एक या दो दिन करें, त्वचा को रगड़े नहीं, इससे स्किन ख़राब हो सकती है. नीम, तुलसी, स्ट्राबेरी, पपीता आदि के निचोड़ से एक्स्फोलिएट करें. इससे स्किन साफ़ रहती है और किसी भी प्रोडक्ट को लगाने से उसे अच्छी तरह से एब्जोर्ब करती है.

• रूटीन में एल्कोहल फ्री टोनर का प्रयोग स्किन के लिए करें. ये बेजान त्वचा को फिर से ताजगी देने में सहायक होती है.

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• फेसियल आयल, जिसमें चमोमिले, लेवेंडर, जैस्मिन, लेमन, जोजोबा आयल, चन्दन आदि सभी ड्राई स्किन के लिए उपयोगी होता है. टोनर के बाद आयल की कुछ बूंदे चेहरे पर लगाकर सर्कुलर मोशन में धीरे-धीरे मालिश करें.

• हाथों और पैरों को इग्नोर न करें, अच्छी कंपनी की क्रीम और मोयस्चराइजर का प्रयोग हाथ पैर धोने के तुरंत बाद करें. पैरों में रात को सोने से पहले फीट क्रीम लगाकर मोज़े पहन ले, ताकि बिस्तर ख़राब न हो. इसके अलावा ग्लिसरीन बेस्ड क्रीम या पेट्रोलियम जेली हाथ और पांव के लिए हमेशा अच्छा रहती है.

• बिना भूले सनस्क्रीन का प्रयोग हर दिन करें, सर्दियों में भी सूर्य की किरणें त्वचा के लिए हानिकारक होती है. सनस्क्रीन 30+++SPF का प्रयोग करें, जिसमें टाईटेनियम या जिंक ऑक्साइड हो.

• इस मौसम में बाहर निकलने पर सनग्लासेस पहनना न भूलें, इससे आँखों के आसपास दाग- धब्बे, झाइयाँ आदि से बचा जा सकता है.

• क्ले बेस्ड हाइड्रेटिंग शीट मास्क का प्रयोग बीच-बीच में करें, इससे खिली-खिली त्वचा का रंग चेहरे पर दिखता है.

• सर्दियों में होठों की त्वचा मुलायम होने की वजह से काफी फंटते है, ऐसे में बार-बार लिप बाम का प्रयोग करना जरुरी होता है, अपनी लिप बाम को कभी किसी से शेयर न करें.

सर्दियों में सताता है जोड़ों का दर्द ऐसे पाएं राहत

डॉक्टर अमोद मनोचा, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत

उत्तर भारत में ठंड की दस्तक हो चुकी है. ठंड का मौसम वैसे तो अधिकतर लोगों के चेहरे पर मुस्कान ले आता है लेकिन दूसरी ओर कइयों की परेशानी का कारण भी बनता है. क्या ठंड का नाम सुन कर आप को भी जकड़े हुए जोड़ याद आते हैं? क्या ठंड आप को बीमारियों की याद दिलाता है?

ऐसा नहीं है कि ये समस्या केवल एक निर्धारित उम्र के लोगों को ही परेशान करती है. वास्तव में गतिहीन जीवनशैली के कारण ये समस्या अब हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है. जोड़ों का दर्द ही नहीं बल्कि मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सिरदर्द, गर्दन दर्द, तंत्रिका दर्द, फाइब्रोमायल्जिया आदि समस्याएं इस मौसम में बहुत ज्यादा परेशान करती हैं.

सर्दी के मौसम में दर्द से बचाव के लिए खास टिप्स

दर्द से बचाव के लिए जीवनशैली का खासतौर से ध्यान रखना चाहिए. निम्नलिखित टिप्स की मदद से दर्द की समस्या से बचा जा सकता है:

नियमित व्यायाम

सर्दियों में छोटे दिन और अधिक ठंड के कारण लोगों में आलस एक आम समस्या बन जाती है. गतिविधियों में कमी के कारण जोड़ों में जकड़न और दर्द के साथ वजन भी बढ़ता है. शारीरिक गतिविधियों में कमी कुछ ही समय में मांसपेशियों और शरीर को कमजोर बना देता है. जब कि एक्सरसाइज से न सिर्फ मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ता है बल्कि शरीर में जरूरी रसायन भी रिलीज होने लगते हैं. इस से रक्त प्रवाह बेहतर होता है और जोड़ों में लचीलापन बढ़ता है, जिस की मदद से व्यक्ति हर वक्त स्वस्थ महसूस करता है.

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एक्सरसाइज शुरू करने से पहले वॉर्मअप जरूर करें क्योंकि इस से शरीर को अतिरिक्त गर्माहट मिलती है जिस से चोट लगने की संभावना कम रहती है. कम और हल्की एक्सरसाइज से शुरुआत करें. आप धीरेधीरे एक्सरसाइज का स्तर बढ़ा सकते हैं. नियमित रूप से की गई एक्सरसाइज मांसपेशियों और जोड़ों के लिए बेहद फायदेमंद रहती है. जोड़ों का दर्द शुरू हो चुका है तो कोई भी व्यायाम करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें. आमतौर पर, हल्की एरोबिक्स, स्विमिंग, साइकलिंग और टहलना आदि एक्सरसाइज आपके दर्द में राहत देंगी. बाहर के वातावरण से बचने के लिए जिम भी जॉइन किया जा सकता है.

संतुलित वजन

सर्दी का मौसम त्यौहारों और छुट्टियों से भरा होता है जिस के कारण अक्सर लोग इस मौसम में वजन बढ़ा लेते हैं. जबकि संतुलित वजन जोड़ों में लचीलापन बढ़ाता है और उन पर अतिरिक्त दबाव भी नहीं पड़ता है. जिस से दर्द में राहत मिलती है. संतुलित, स्वस्थ और प्राकृतिक आहार जिस में जरूरी मिनरल्स और विटामिन जैसे कि कैल्शियम और विटामिन डी जुड़े होते हैं, जोड़ों और हड्डियों के स्वास्थ्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. विटामिन डी हड्डियों की मजबूती, लचीलेपन, नमी आदि के लिए ज़िम्मेदार माना जाता है इसलिए इस का सेवन बेहद जरूरी है. इस के लिए धुप में बैठने के अलावा विटामिन डी के सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं.

समझदारी से गर्म कपड़े पहनें

सर्दी के मौसम में हमारे कपड़े ठंड से बचाव में एक अहम भूमिका निभाते हैं. इस का मतलब यह नहीं है कि आप शरीर पर कपड़ों का भंडार लगा लें. इस प्रकार के कपड़े पहने जो शरीर को गर्माहट तो दें साथ ही चलनेफिरने में समस्या भी न पैदा करें. भारी और मोटे कपड़ों से काम करना मुश्किल हो जाता है. आप एक साथ कई कपड़े पहन सकते हैं लेकिन वे भारी बिल्कुल नहीं होने चाहिए. इस का फायदा यह होगा कि आप गर्म वातावरण में कपड़ों को कम कर सकते हैं. हाथ और पैरों को ठंड से बचाने के लिए दस्तानों और मोज़ों का इस्तेमाल करें.

बेहतर रक्त प्रवाह, लचीलापन, दर्द में राहत के लिए हीट थेरेपी का इस्तेमाल करें. हॉट वॉटर बॉटल, गर्म पानी से स्नान आदि इसके अच्छे विकल्प हैं.

जल्द से जल्द मदद लें

हम सभी ने यह अनुभव किया है कि ठंडे मौसम में चोट हमें ज्यादा परेशान करती है. इसलिए अपने दर्द को नज़रअंदाज़ न करें क्योंकि घुटनों और पीठ में हल्का दर्द भी जीवन की गुणवत्ता को खराब करता है. कई बार लोग इसे बढ़ती उम्र की समस्या मानकर इलाज करवाने से परहेज करते हैं जो समस्या को गंभीर बनाता है.

यदि दर्द समय के साथ ठीक नहीं होता है तो समस्या क्रोनिक हो जाती है. क्रोनिक दर्द से ग्रस्त लोगों का जीवन उस दर्द से राहत पाने की तरफ काम करने में ही निकल जाता है. विश्वस्तर पर, लगभग 20% आबादी क्रोनिक दर्द का शिकार है.

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क्रोनिक दर्द खुद में एक अलग बीमारी है जिसे आमतौर पर गंभीरता से नहीं लिया जाता है. इस की रोकथाम और इलाज के लिए कई एडवांस विकल्प मौजूद हैं. एक सही विशेषज्ञ से इलाज कराने से इलाज के परिणाम कहीं बेहतर हो सकते हैं.

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