अपने पार्टनर से कभी ना छुपाएं अतीत से जुड़ी ये 4 बातें

हर इंसान का एक अतीत होता है, जिससे ऐसी कई बातें जुड़ी होती हैं जो वह किसी को बताना नहीं चाहता है. खासकर जब आप किसी रिलेशनशिप में आते हैं तो अपने अतीत से जुडी कई बातें अपने पार्टनर से छिपाते हैं, जो आपके रिश्ते पर भी असर डालता है.

लेकिन कुछ बातें ऐसी होती हैं जो अपने पार्टनर के साथ जरूर शेयर की जानी चाहिए क्योंकि इससे दोनों का एक दूसरे के प्रति विश्वास और प्रेम बढ़ता है. तो आइये जानते हैं उन बातों के बारे में जो आपको अपने पार्टनर से नहीं छुपानी चाहिए.

1. रोमांटिक स्टोरी को बताएं

आप अपने पार्टनर को अपनी बीती हुई रोमांटिक स्टोरी के बारे में जरूर बताएं. ऐसा करने से आप दोनों के बीच विश्वास बढ़ेगा. लेकिन यदि आप अपनी रोमांटिक स्टोरी को अपने पार्टनर से बताती हैं तो उसका मूड तथा समय को अवश्य देख लें.

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आपके तथा आपके एक्स के संबंध

कई लोग ब्रेकअप के बाद भी अपने एक्स से दोस्ती का रिलेशन बनाएं रखते हैं. यदि आपके जीवन में भी कोई ऐसा संबंध है तो उससे अपने पार्टनर को जरूर परिचित कराएं.

अपने मेंटल स्टेटस के बारे में बताएं

यदि आपको पहले से कोई मानसिक समस्या है तो इस बारे में अपने पार्टनर से जरूर बात करें और उसको बताएं. इस प्रकार की बातों को छुपा कर न रखें.

आर्थिक स्थिति के बारे में अवश्य बताएं

यदि आपने अपने अतीत में कोई कर्ज या लोन लिया है तो उस बारे में अपने पार्टनर को जरूर बताएं. यदि आप ऐसा करती हैं तो आपका पार्टनर भी इस समस्या से निकलने में आपकी सहायता कर सकता है साथ ही आप दोनों मानसिक रूप से एक दूसरे के ज्यादा करीब आ पाएंगे.

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सुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने के बाद भी दर्द का कारण क्या है?

सवाल

मैं 23 साल की युवती हूं. कुछ दिनों पहले अपने बौयफ्रैंड के साथ शारीरिक संबंध स्थापित किया. हालांकि इस दौरान बौयफ्रैंड ने कंडोम का प्रयोग कर सैक्स किया पर दूसरे दिन सुबह मेरे यूटरस में दर्द होने लगा और मु झे बुखार भी हो गया. अत: बताएं कि सुरक्षित संबंध बनाने के बाद भी दर्द क्यों हुआ?

जवाब-

सैक्स संबंध हमेशा सुरक्षित ही बनाना चाहिए. सैक्स क्रिया में कंडोम एक सरल व सहज गर्भनिरोधक है, जिस से अनचाहे गर्भधारण से बचा जा सकता है.

यूटरस में दर्द और बुखार होने का सुरक्षित सैक्स संबंध बनाने से कोई वास्ता नहीं है. संभव है कि आप के साथ कोई अंदरूनी वजह रही होगी. बेहतर होगा कि आप अपने डाक्टर से मिल कर सलाह लें.

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महान मनौवेज्ञानिक सिगमंड फ्रौयेड ने कहा था, ‘कोई महिला-पुरुष जब आपस में शारीरिक सम्बन्ध बनाते हैं, तो उन दोनों के दिमाग में 2 और व्यक्ति मौजूद रहते हैं. जो उसी लम्हे में हमबिस्तर हो रहे होते हैं.’ इस बात को पढ़ते हुए मैं अचरज में था कि क्या ऐसा सच में होता है? अगर होता है तो ऐसा क्यों होता है?

यह साल था 2007. मैं उस वक्त 15 साल का टीनेज था और 9वीं क्लास में पढ़ रहा था. मुझे आज भी याद है, पहली बार क्लास में मेराएक क्लासमैटएक ‘पीले साहित्य की किताब’ ले कर आया था. जिस के कवर पेज पर एक जवान नग्न महिला की तस्वीर थी. किसी महिला को इस तरह नग्न देखना शायद मेरा पहला अनुभव था. जिसे देख कर उत्तेजना के साथ घबराहट भी होने लगी थी. आज के नवयुवक पीला साहित्य से परिचित नहीं हों तो उन्हें बता दूं यह आज के विसुअल पोर्न का प्रिंटेड वर्जन था.

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क्या कोरोना में ओरल और वैजाइनल सैक्स करना सेफ है?

सवाल-

मैं 26 साल की युवती हूं. मेरा बौयफ्रैंड 28 साल का है और हमारी दोस्ती पिछले कई सालों से है. वह मेरे साथ सुरक्षित यौन संबंध बनाना चाहता है. मैं यह जानना चाहती हूं कि अभी जबकि कोरोना का कहर है क्या ओरल और वैजाइनल सैक्स करना सेफ है? इस के अलावा अगर वैजाइना के अंदर ही कंडोम फट जाए तो क्या गर्भधारण हो सकता है? अगर हम सिर्फ ओरल सैक्स ही करें  तो इस के लिए सही कंडोम कौन सा हो सकता है?

जवाब-

विवाहपूर्व सैक्स संबंध बनाना कतई उचित नहीं होता मगर यदि इस में दोनों पार्टनर की सहमति हो तो संबंध बनाने से पहले जरूरी ऐहतियात जरूर बरतें.

यों सैक्स संबंध में कंडोम जरूरी सुरक्षा देने में सस्ता और बेहतर विकल्प जरूर है मगर कंडोम हमेशा ब्रैंडेड ही खरीदना सही रहता है. ब्रैंडेड कंडोम अधिक समय तक साथ देता है और जल्द फटता भी नहीं.

रही बात कोरोनाकाल में सैक्स संबंध को ले कर, तो अगर आप व आप का बौयफ्रैंड पिछले कई दिनों से शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं, सर्दी, खांसी या बुखार नहीं है तो सैक्स संबंध बनाने में कोई हरज नहीं.

रही बात ओरल सैक्स के दौरान कंडोम की, तो आजकल बाजार में कई फ्लैवर्स में कंडोम्स उपलब्ध हैं जो सैक्स को अधिक जोशिला और रोमांच देने में सक्षम हैं.

मगर जो भी करें सोचसमझ कर व आपसी रजामंदी से ही. जोश में चूक हो जाए और फिर पछताना पङे इस के लिए आप और आप का बौयफ्रैंड दोनों ही सचेत रहें तो ज्यादा बेहतर है.

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4साल की लंबी कोर्टशिप के बाद जब नेहा और शेखर ने अचानक अपनी दोस्ती खत्म कर ली तो सभी को बहुत आश्चर्य हुआ. ‘‘हम सब तो उन की शादी के निमंत्रण की प्रतीक्षा में थे. आखिर ऐसा क्या घटा उन दोनों में जो बात बनतेबनते बिगड़ गई?’’ जब नेहा से पूछा तो वह बिफर पड़ी, ‘‘सब लड़के एक जैसे ही होते हैं. पिछले 2 साल से वह मुझे शादी के लिए टाल रहा है. कहता है, इसी तरह दोस्ती बनाए रखने में क्या हरज है? असल में वह जिम्मेदारियों से दूर भागने वाला, बस, मौजमस्ती करने वाला एक प्लेबौय किस्म का इनसान है. आखिर मुझे भी तो कोई सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा चाहिए.’’

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मैं एक युवक से 4 साल से प्यार करती हूं?

सवाल

मैं एक युवक से 4 साल से प्यार करती हूं. पहले वह भी मुझ से बहुत प्यार करता था हमारे बीच सबकुछ हो चुका है. पहले वह बारबार मिलने आता था पर अब झूठ बोल कर मना करता है. क्या करूं?

जवाब

आप का रिलेशन 4 साल से है और आप अभी तक उसे नहीं समझ पाईं, हैरानी की बात है. आप ने बताया कि आप के बीच सबकुछ हो चुका है. अकसर प्रेमी शारीरिक संबंध बनाने के बाद विमुख हो जाते हैं कहीं आप के मामले में भी ऐसा ही तो नहीं?

याद कीजिए कि वह सबकुछ होने के बाद कटना शुरू हुआ या पहले से. उस के कटने की वजह जानने की कोशिश कीजिए. अगर अपने में सुधार लाने की आवश्यकता हो तो सुधार कीजिए. अगर उस की कोई कमी है तो उसे बताइए. आप का प्यार है प्यार से मनाइए मान जाएगा.

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पहले सेक्स करने के ये हैं फायदे

आपको इस नए रिश्ते में अभी कुछ ही महीने हुए हैं. अभी तक आप लोग एक दूसरे को ढंग से जान भी नहीं पाए हैं कि अचानक ही एक मुलाकात में आप दोनों की चर्चा इस दिशा में बढ़ जाती है कि पूर्व में आप दोनों के कितने रिश्ते रहे हैं. ना सिर्फ आपको अतीत में रहे आपकी गर्लफ्रेंड के बौयफ्रेंडों की संख्या जानकर आश्चर्य होता है, आपकी साथी की प्रतिक्रिया भी आपके पुराने रिश्तों के बारे में जानकर कुछ अजीब ही होती है.

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कई बार देखा गया है कि जब भी कोई नया रिश्ता शुरू होता है तो दोनों ही साथियो के पूर्व में शारीरिक सम्बन्ध भी रहे होते हैं. फिर चाहे वो सम्बन्ध गंभीर रिश्तों के दौरान बने हो या फिर वो एक रात के रिश्ते हो. ऐसा हो सकता है कि होने वाले साथी के पूर्व में रहे रिश्तों के बारे में जानना किसी के लिए कामोत्तेजक हो या फिर यह भी हो सकता है कि किसी को इस बारे में जानकर बिलकुल भी अच्छा नहीं लगे. लेकिन शोधकर्ता अभी भी निश्चित रूप से किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं कि स्पष्ट रूप से कह सकें कि आखिरकार अपने साथी के पूर्व में रहे रिश्तों के बारे में जानकर लोगों को कैसा लगता है.

सेक्स का अनुभव – कितना फायदेमंद?

यूके के शोधकर्ताओं के एक समूह ने इस बारे में जानने के लिए 18 से 35 साल के 188 युवाओं को इकठ्ठा किया. उन्हें कुछ काल्पनिक लोगों की एक सूची दी गयी जिनके पूर्व में शून्य से लेकर 60 तक या उससे ज्यादा रिश्ते रहे थे. फिर उनसे पूछा गया कि वो उन लोगों के साथ रिश्ता जोड़ने में कितने तैयार होंगे. उन्हें अपने जवाब में 1 से लेकर 9 तक अंक देने थे.

जो लंबे चलने वाले रिश्ते चाहते थे उनकी नजर में वो लोग पहली पसंद थे जिनके पूर्व में दो साथी रहे थे. ऐसे लोगों की औसतन उम्र 21 साल थी. जब सूचना को अलग तरीके से आयोजित किया गया तो यह साफ हो गया कि अधिक उम्र के सहभागियों की नजर में आदर्श साथी वो था जिसके पूर्व में दो से ज्यादा रिश्ते रहे थे.

लेकिन उम्र पर ध्यान दिए बिना गौर किया गया तो एक बात स्पष्ट हो गयी थी, खासकर यूके के नागरिकों के लिए. लोगों को यह तो अच्छा लगता है कि उनके संभावित साथी के पास थोड़ा बहुत यौनिक अनुभव हो, लेकिन अगर किसी के पूर्व में बहुत ज्यादा साथी रहे हों तो यह बात ज्यादातर लोगों को आकर्षित नहीं करती और यह अध्ययन में हिस्सा लेने आये पुरुषों और महिलाओं, दोनों के ही जवाबों से स्पष्ट थी.

लेकिन जब बात हो लघु अवधि के रोमांस के लिए साथी ढूंढने की तो पुरुष और महिलाओं के जवाबों में असमानता पायी गयी. पुरुषों को वो महिलाएं पसंद आयी जिनके पूर्व में दो से लेकर 10 साथी रहे हों, जबकि दूसरी और महिलाएं उन पुरुषों के साथ रिश्ता बनाने की इच्छुक थी जिनके पूर्व में दो से लेकर पांच महिलाओं के साथ शारीरिक सम्बंध रहे हों.

सेक्स और संस्कृति

तो पुरुषों और महिलाओं को दीर्घ-कालिक रिश्तों के लिए ऐसे साथी क्यों पसंद आते हैं जिनको सेक्स का बहुत ज्यादा नहीं, बस थोड़ा बहुत अनुभव हो?

शोधकर्ताओं का कहना था कि अध्ययन से निकले निष्कर्ष उन्हीं संस्कृतियों के लिए उपयुक्त होंगे जहाँ शादी से पहले सेक्स करना स्वीकार्य है. जाहिर सी बात है कि विश्व के उन हिस्सों में जहां शादी से पहले सेक्स को गलत समझा जाता है, वहां एक प्रतिबद्ध रिश्ते से पहले किसी भी प्रकार के यौनिक अनुभव का होना कतई वांछनीय नहीं है.

लेकिन शोधकर्ता यह भी कहते हैं कि ब्रिटैन जैसी कुछ उदार संस्कृतियों में बिलकुल भी यौन अनुभव नया होने का अर्थ यह निकाला जा सकता है कि शायद उस व्यक्ति में सामाजिक कौशल और रिश्तों की समझ की कमी है. अगर आपका अभी तक कोई बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड नहीं है तो हो सकता है कि आप में कोई कमी है!

इसके साथ-साथ कई बार यह भी देखा गया है कि लोग दूसरो के प्रति सिर्फ इसलिए आकर्षित हो जाते हैं क्योंकि और लोग भी उनकी तरफ आकर्षित हैं. इसे ‘मेट-चॉइस कोपयिन्ग’ का नाम दिया गया है. आपके पास यौन अनुभव है तो इसका मतलब है कि लोग आपको पसंद करते हैं और इसलिए किसी को आप अच्छे लग सकते हैं.

धोखेबाज?

संस्कृति चाहे कोई भी हो, शोधकर्ताओं को लगता है कि जिन लोगों के पूर्व में बहुत सारे प्रेमी रहे हैं, वो उन लोगों की पहली पसंद कभी नहीं बन पाते जो अपने साथी के साथ दीर्घ-कालिक रिश्ता बनाना चाहते हैं. शायद उन्हें यह लगता हो कि जिस व्यक्ति के इतने सारे साथी हो उससे यौन संक्रमण का ख़तरा हो सकता है. शोधकर्ता कहते हैं कि आंकड़ों पर नज़र डालें तो जिस व्यक्ति के कई साथी रहे हों, उसके लिए किसी दीर्घकालिक रिश्ते में रहना या किसी रिश्ते में ईमानदार रहना मुश्किल हो सकता है.

प्रेम के लिए दिल से समय निकालें

किसी शायर ने अपनी शायरी में कहा है, ‘तुम्हें जब कभी मिलें फुरसतें मेरे दिल से बोझ उतार दो. मैं बहुत दिनों से उदास हूं मुझे कोई शाम उधार दो.’

आज के संदर्भ में यह शायरी रिश्तों को समझने के लिए सटीक है. दौड़तीभागती जिंदगी में फुरसत ही है जो रिश्तों को समेटने में मदद करती है. लेकिन फुरसत है ही कहां? अगर है भी तो लोग लाइक और कमैंट में उलझ कर रह गए हैं. आज वास्तविक दुनिया में हमारा एकदूसरे से टच खोता जा रहा है. ऐसी वर्चुअल दुनिया से हम खुशी मना रहे हैं जो झठी और बनावटी है. और 4 इंच के मोबाइल स्क्रीन के माध्यम से नकली रिश्ते ढूंढ़े जा रहे हैं. ऐसे में वे सारे रिश्ते दम तोड़ रहे हैं जो हमारे आसपास हकीकत में हैं.

इस का असर खासकर प्रेमसंबंधों और शादी के बाद पतिपत्नी के रिश्तों में पड़ रहा है. रिश्ते बिखर रहे हैं. पार्टनर का मतलब सैक्सुअल प्लेजर हो गया है, जहां बिस्तर पर संबंध बनाते हुए ‘आज कैसा लगा’ तक पूछने कि जहमत नहीं उठाई जाती. अब जब रिश्ते में बने रहने का एकमात्र कारण सैक्स ही है तो इस की पूर्ति तो कहीं से भी की जा सकती है, फिर प्रेमसंबंध या रिलेशनशिप का नाम क्यों?

यानी, प्रेमसंबंध या मजबूत रिश्ते के बीच सैक्स एक हद तक काम कर सकता है लेकिन मजबूत रिश्ते को बनाए रखने के लिए यह सबकुछ नहीं होता. इस के लिए एकदूसरे के साथ ऐसा समय बिताना जरूरी है जिस में आप का जुड़ाव सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक भी हो, भावनात्मक भी हो, और वैचारिक भी हो.

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जाहिर सी बात है प्रेम एक प्रक्रिया है जो लगातार बढ़ती रहती है, जिसे जितना बढ़ाना चाहोगे उतना बढ़ेगा. इस की कोई सीमा नहीं. जिस के लिए हर इंसान को चाहिए कि उसे ऐसा फ्री टाइम मिले जिस में वह अपने पार्टनर के साथ मिल कर अपने रिश्ते को आगे बढ़ा सके और मजबूती दे सके. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इस के लिए कितनी कोशिश करते हैं और कितना अपने पार्टनर के लिए समय निकालते हैं. लेकिन आज के व्यस्त समय में सब से बड़ा सवाल यह होता है कि आप अपने पार्टनर के लिए क्वालिटी टाइम कहां से निकालेंगे? तो इस का सीधा सा जवाब है, क्वालिटी टाइम अलग से निकालना नहीं पड़ता, बल्कि जब भी आप अपने पार्टनर के साथ रह रहे हैं उसे ही क्वालिटी टाइम बनाया जा सकता है. इस के लिए जरूरी नहीं कि आप कोई विशेष दिन या समय चुनें, बल्कि अपने पार्टनर को खास महसूस कराने के लिए हर समय को खास बनाया जा सकता है.

क्वालिटी टाइम लव लैंग्वेज

क्वालिटी टाइम और कुछ नहीं, बल्कि एक तरह की प्यार वाली भाषा है जिस का सैंटर इमोशन होता है. इस का सीधा सा मतलब बिना किसी भटकाव के अपने पार्टनर के प्रति भावुक प्रेम जाहिर करना होता है. ऐसे में उन सभी गैरजरूरी चीजों, चाहे वह सैलफोन हो, लैपटौप हो या टीवी हो, दोस्तों के साथ घूमना हो, को साइड रख कर अपने पार्टनर पर फोकस करना होता है. जब आप ऐसा करते हैं तो ये चीजें सीधे दिल को छूती हैं जो आप के पार्टनर पर प्रभाव डालता है. ऐसे में वह खुद को स्पैशल फील करता/ती है कि आप उसे अपना खास टाइम दे रहे हो और आप के जीवन में उस की अहमियत है. इस से फर्क नहीं पड़ता कि आप अपना कितना समय उसे दे रहे हो, लेकिन अगर थोड़ा टाइम भी दे पा रहे हो, उतने में ही आप के पार्टनर को यह महसूस होना चाहिए कि यह उस के लिए आज का बैस्ट टाइम था. ऐसे में जरूरी है कि उस समय आप इन खास टिप्स से अपने पार्टनर के लिए समय निकाल कर उसे खास टाइम बनाएं.

आई कौंटैक्ट बनाएं

नजरें अपनेआप में बहुत चीजें कहती हैं. यह कहा जा सकता है कि दिल के लिए रास्ता आंखों से हो कर गुजरता है. बहुत बार 2 लोगों की आपसी बातचीत में अगर कोई एक नजर हटा कर बात करता है तो समझ जाता है कि वह आप की बातों पर ध्यान नहीं दे रहा. इसलिए बात करते हुए आंखों के बीच संपर्क जरूरी होता है, और जब बात रोमांस की हो तो यह बहुत जरूरी हो जाता है. इस से यह समझ आता है कि आप अपने पार्टनर के साथ बात करते हुए पूरा अटैंशन दे रहे हैं, जिस से उसे खुद के खास होने का एहसास होगा. वहीं, इस की जगह अगर आपस में बात करते हुए आप अपने फोन को साथ में चलाने लगते हैं, या लैपटौप पर कोई काम करने लगते हैं तो उसे लगेगा आप उस की बात पर ध्यान नहीं दे रहे.

पार्टनर की बातें ध्यान से सुनें

आमतौर पर बात करते हुए कुछ चीजें जो सब से ज्यादा इरिटेट करती हैं उन में से एक बातों पर ध्यान न दिया जाना होता है. अधिकतर समय बात करते हुए दिमाग में कुछ दूसरे खयाल चल रहे होते हैं, जैसे औफिस का बचा हुआ काम, दोस्तों की मस्ती या उसी बात पर खुद की अलग ओपिनियन. इस कारण कम्युनिकेशन कोलैप्स हो जाता है और बातें हांहूं तक सीमित हो जाती हैं. बहुत बार बात करते हुए प्रेजैंस औफ माइंड गड़बड़ा जाता है और क्याक्या बारबार सुनने को मिलता है.

ये चीजें आप के पार्टनर को शर्मिंदा कर सकती हैं. इसलिए जरूरी है कि जब आप के और आप के पार्टनर के बीच में कोई बातचीत चल रही हो तो उस दौरान ध्यान से उन की बातों को सुना जाए. अगर वह आप की ओपिनियन मांगे तो आप उस पर अपनी राय रख सकें.

कुछ नया ट्राई करें

नया मतलब, जो खास हो. भारतीय तौरतरीकों में आमतौर पर लड़केलड़की के बीच चीजें पहले से ही निर्धारित होती हैं, जिस में घर का काम लड़की और बाहर का काम लड़के करते हैं. यहां तक कि वर्किंग वूमन तक को घर पर आ कर घरेलू काम संभालना पड़ता है. ऐसे में उन के लिए तनाव वाला माहौल होता है. ऐसी स्थिति में जरूरी है कि काम को आपस में बांटा जाए और कोशिश की जाए कि दोनों काम में हैल्प करें. इस से एकदूसरे के प्रति प्रेम व सम्मान बढ़ता है. साथ ही, काम में एकदूसरे का हाथ बंटाते हुए इंटिमेसी लैवल भी बढ़ता है.

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बात करते हुए एक्साइटिंग प्लान बनाएं

हर दिन कुछ नया प्लान बने तो बढि़या है लेकिन अगर हफ्ते में भी कोई खास दिन चुन कर किसी तरह की एक्टिविटी या कोई प्लान आप तैयार करते हैं तो यह आपसी अंडरस्टैंडिंग बढ़ाएगा. जैसे, हफ्ते में एक दिन मूवी प्लान या घर में बैठ कर ही साथ में मूवी देखना, वीकैंड हौलिडे पर साथ में बाहर घूमने जाना, साथ में किताब पढ़ना या काम के बाद वाक पर निकलना, रैस्टोरैंट में नई डिश ट्राई करना, अनुभव साझ करना इत्यादि.

मुश्किल समय में साथ रहना

बहुत बार ऐसे मौके आते हैं जब कोई दुखद घटना घटती है और हो सकता है उस दौरान आप के पार्टनर को उस घटना को ले कर एक तरह की घबराहट या चिंता हो. ऐसे में जरूरी नहीं कि सुख के पल ही आप के लिए क्वालिटी टाइम हो, बल्कि सुख से अधिक दुख के पलों में आप कैसा व्यवहार करते हैं, यह आप के रिश्ते का आधार बनता है. इसलिए यह जरूरी है कि अपने पार्टनर को इस बात का एहसास करवाया जाए कि खराब से खराब समय में आप उस के साथ हैं. इस से आप के पार्टनर का हौसला बढ़ेगा और  उस के मन में आप के प्रति प्रेम व विश्वास जागेगा.

अकसर जब क्वालिटी टाइम की बात आती है तो लोगों का मानना होता है कि यह ऐसा समय होता है जब आप अपने पार्टनर के लिए कोई स्पैशल प्लान करते हैं या जब आप उन्हें बहुत सा समय देते हैं. यह सही है कि स्पैशल प्लान करना या पार्टनर के लिए ज्यादा टाइम निकालना अच्छा लगता है. लेकिन क्वालिटी टाइम किसी विशेष समय का मुहताज नहीं होता, बल्कि इसे हर वक्त जिया जा सकता है. इस के लिए खासतौर पर ध्यान रखा जाना जरूरी होता है कि ऐसी चीजों को किया जाए जिन से आप का पार्टनर अच्छा महसूस करे. जैसे, जब आप एकदूसरे के साथ टाइम स्पैंड करें तो शिकायत या नुक्ताचीनी कम हो, अपने पार्टनर के साथ बात करते हुए गैरजरूरी किसी और चीज पर ध्यान न जाए, उन बातों को न भूलें जो आप का पार्टनर क्वालिटी टाइम में आप से करे.

सैक्स संबंधों में उदासीनता क्यों?

बिना सैक्स के आदमी और औरत का संबंध अधूरा है.कुछ लोग चाहे जितना गुणगान कर लें कि सैक्स गंदा है, असल में आदमीऔरत में पूरा प्यार या लगाव सैक्स से ही होता है. यह बात दूसरी है कि कुछ मामलों में यह प्यार व लगाव कुछ मिनटों तक सिमट कर रह जाता है और शारीरिक प्रक्रिया पूरी होते ही दोनों अपनेअपने काम में व्यस्त हो जाते हैं. सैक्स के बराबर ही पेट भरना जरूरी है. शायद सैक्स से ज्यादा दूसरे मनोरंजन भी भारी पड़ते हैं.

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एक संस्थान जो लगातार अमेरिकी लोगों पर शोध कर रही है ने पता किया है कि अमेरिकियों में भी सैक्स की चाहत कम हो रही है और वे सैक्स की जगह वीडियो गेम्स या अपने कैरियरों पर समय और शक्ति अधिक लगाने लगे हैं. युवा लड़कियों में 18% और युवा लड़कों में 23% ने कहा कि उन्हें पिछले 1 साल में एक बार भी सैक्स सुख नहीं मिला. 60 वर्ष की आयु से अधिक के 50% लोग सैक्स से दूर रहते हैं.

बिना सैक्स के जीवन की बहुत महिमा गाई जाती है पर यह है गलत. आदमी-औरत का संबंध प्राकृतिक है, चाहे प्रकृति ने इस में आनंद डाला था या नहीं, कहा नहीं जा सकता. सभ्य समाज सैक्स पर आधारित है, क्योंकि सुरक्षित सैक्स और पार्टनर की ग्रांटेड मौजूदगी ने ही विवाह संस्था को जन्म दिया है. विवाह है तो घर है, घर है तो गांव है, गांव है तो शहर है, शहर है तो देश है. बिना सैक्स के लोग अकेले पड़ जाएंगे और जीवन के प्रति उन का नजरिया ही बदल जाएगा.

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सभ्यता की जड़ में जो सुख पाने की बलवती इच्छा है उस के पीछे सैक्स सुख है चाहे इस सैक्स सुख को पाने के लिए धर्म के सहारे औरतों को गुलाम बनाया गया, आश्रमों, मठों में औरतों को जमा किया गया, राजाओं ने महलों में हरमों का निर्माण किया. अगर सैक्स की चाहत न होती तो वह बहुत कुछ नहीं दिखता जो आज दिख रहा है.

आज डिजिटल क्रांति के पीछे पोर्न और औरतों का व्यापार भी बहुत छिपा है. असल पैसा यहीं से आता है चाहे लोग इस की चर्चा कम करते हों. पहले लोग सैक्स को ज्यादा बुरा मानते थे पर जम कर सैक्सुअली ऐक्टिव रहते थे. तब समय भी था और पार्टनर भी. अब समय भी कम है और पार्टनरों के नखरे भी बढ़ गए हैं.

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लड़कों को सैक्स सुख पाने के लिए बहुत कुछ कुरबान करना पड़ता है और लड़कियां मुफ्त में सैक्स सुख नहीं देना चाहतीं. जब दोनों तरफ से हिचकिचाहट होगी तो सैक्स संबंध तो कम बनेंगे ही. हमारे यहां क्या हो रहा है, पता नहीं पर बढ़ते तनाव और तलाकों का एक कारण सैक्स अभाव हो सकता है.

edited by-rosy

कोरोना महामारी में शादी की उलझनों से मैं परेशान हो गई हूं?

सवाल

मैं 24 वर्षीय युवती हूं. हाल ही में मेरी शादी होने वाली है. अभी चूंकि कोरोना महामारी का प्रकोप है इसलिए शादी सादे समारोह और 10-20 लोगों के बीच ही होगी. मगर समस्या सुहागरात को ले कर है. सुना है, इस समय सैक्स संबंध बनाना भी खतरे से खाली नहीं है. कृपया उचित सलाह दें?

जवाब

यह अच्छा है कि शादी समारोह में सावधानी बरतने को    ले कर आप व आप का परिवार सजग है. इस समय अधिक भीड़ न जुटाई जाए, यह दोनों पक्षों के लिए अच्छा है.

रही बात शादी के बाद सैक्स संबंध को ले कर, तो कोरोना काल में सुहागरात के दिन सैक्स संबंध को ले कर मन में किसी तरह का भय नहीं रखें.

अगर आप व आप का पार्टनर ऐहतियात बरत रहे हैं और भीड़भाड़ वाले इलाके में नहीं गए हैं तो डर की कोई बात नहीं है.

जब तक व्यक्ति में कोरोना का कोई लक्षण न दिखे, उसे बुखार, सर्दीजुकाम, नाक बहना, भूख न लगना व स्वादहीन होने को अनुभव न हो वह पूरी तरह सुरक्षित है और दैनिक कार्यों की तरह ही शारीरिक संबंध भी बना सकता है.

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अपनी शादी की बात सुन कर दिव्या फट पड़ी. कहने लगी, ‘‘क्या एक बार मेरी जिंदगी बरबाद कर के आप सब को तसल्ली नहीं हुई जो फिर से… अरे छोड़ दो न मुझे मेरे हाल पर. जाओ, निकलो मेरे कमरे से,’’ कह कर उस ने अपने पास पड़े कुशन को दीवार पर दे मारा. नूतन आंखों में आंसू लिए कुछ न बोल कर कमरे से बाहर आ गई.

आखिर उस की इस हालत की जिम्मेदार भी तो वे ही थे. बिना जांचतड़ताल किए सिर्फ लड़के वालों की हैसियत देख कर उन्होंने अपनी इकलौती बेटी को उस हैवान के संग बांध दिया. यह भी न सोचा कि आखिर क्यों इतने पैसे वाले लोग एक साधारण परिवार की लड़की से अपने बेटे की शादी करना चाहते हैं? जरा सोचते कि कहीं दिव्या के दिल में कोई और तो नहीं बसा है… वैसे दबे मुंह ही, पर कितनी बार दिव्या ने बताना चाहा कि वह अक्षत से प्यार करती है, लेकिन शायद उस के मातापिता यह बात जानना ही नहीं चाहते थे. अक्षत और दिव्या एक ही कालेज में पढ़ते थे. दोनों अंतिम वर्ष के छात्र थे. जब कभी अक्षत दिव्या के संग दिख जाता, नूतन उसे ऐसे घूर कर देखती कि बेचारा सहम उठता. कभी उस की हिम्मत ही नहीं हुई यह बताने की कि वह दिव्या से प्यार करता है पर मन ही मन दिव्या की ही माला जपता रहता था और दिव्या भी उसी के सपने देखती रहती थी.

‘‘नीलेश अच्छा लड़का तो है ही, उस की हैसियत भी हम से ऊपर है. अरे, तुम्हें तो खुश होना चाहिए जो उन्होंने अपने बेटे के लिए तुम्हारा हाथ मांगा, वरना क्या उन के बेटे के लिए लड़कियों की कमी है इस दुनिया में?’’ दिव्या के पिता मनोहर ने उसे समझाते हुए कहा था, पर एक बार भी यह जानने की कोशिश नहीं की कि दिव्या मन से इस शादी के लिए तैयार है भी या नहीं.

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मेरी समस्या वैजाइना के ढीलेपन को लेकर है, कृपया समाधान बताएं?

सवाल

मैं 16 वर्षीय युवती हूं. मेरी 3 समस्याएं हैं- पहली समस्या यह है कि मेरे नीचे का होंठ बहुत मोटा है, जिस की वजह से मैं अच्छी नहीं दिखती. कोई तरीका बताएं जिस से मैं मोटे होंठ को पतला दिखा सकूं.

मेरी दूसरी समस्या मेरे ब्रैस्ट को ले कर है. मेरी ब्रैस्ट बहुत छोटी है, जिस की वजह से मैं कुछ भी पहनूं ग्रेस नहीं आता.

तीसरी समस्या मेरी वैजाइना के ढीलेपन को ले कर है. मेरे 3 सालों से एक लड़के से शारीरिक संबंध हैं, जिस की वजह से यह समस्या हो गई है. कृपया मेरी इन समस्याओं के समाधान बताएं?

जवाब
मोटे होंठ को पतला दिखाने के लिए नैचुरल लिपलाइन को छिपाएं. इस के लिए फाउंडेशन का इस्तेमाल पूरे होंठ पर करें. फिर मनचाही आउटलाइन खीचें और लाइट शेड की लिपस्टिक से फिलिंग करें.

आप की दूसरी समस्या जैनेटिकली है. फिर भी आप अपना खानपान पौष्टिक व संतुलित रखें. चाहें तो पैडेड ब्रा पहनें. इस से आप की ब्रैस्ट का साइज बड़ा दिखेगा. वैसे भी अभी आप की उम्र मात्र 16 साल है. बढ़ती उम्र के साथ और विवाह व गर्भावस्था के बाद भी ब्रैस्ट के आकार में अंतर आता है.

अपनी तीसरी समस्या के लिए आप खुद जिम्मेदार हैं. आप अभी मात्र 16 साल की हैं और पिछले 3 वर्ष से आप के एक लड़के के साथ शारीरिक संबंध हैं. यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बिलकुल गलत है. फिर भी आप वैजाइना के ढीलेपन को दूर करने के लिए पैल्विक फ्लोर ऐक्सरसाइज करें.

इस से वैजाइना का ढीलापन दूर होगा. इस के अतिरिक्त बाजार में वी टाइट जैल उपलब्ध है. महिला डाक्टर की सलाह से आप उस का भी प्रयोग कर सकती हैं.

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जानें क्या होता है स्लीप डिवोर्स

क्या आपका पार्ट्नर,नींद में खरांटे लेता है,बार बार आपकी चादर खींच कर आपकी नींद में ख़लल पैदा करता है,रात में कई बार उठता है ,निजी हायजीन के प्रति लापरवाह है,उसे जल्दी सोने और आपको देर से उठने की आदत है,तो ,निश्चित रूप से आप का मन मस्तिष्क दोनों ही परेशान होंगें.

कुछ कपल ,बेमन से ,अपने पार्ट्नर के साथ निकटता और आत्मीयता का प्रदर्शन करने के लिए एक ही कमरे में सोते रहते हैं . हमारी संस्कृति भी शादी शुदा जोड़े को एक ही बिस्तर शेयर करने को उचित ठहराती है. यदि आपको निर्विघ्न अपने पार्ट्नर के साथ ,एक ही बिस्तर पर,पूरी रात नींद आती है तो ठीक है.लेकिन,अगर,अपने पार्ट्नर की इन आदतों की वजह से आपकी ,नींद में ख़लल पडता है ,तो ,स्वास्थ्य की दृष्टि से ये,आपके शरीर के लिए बेहद नुक़्सान दायक सिद्ध हो सकता है .क्योंकि,भोजन,हवा पानी के साथ ही अच्छी नींद भी हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है..

1-स्ट्रेस हॉर्मोन कौर्टिजोल के निष्कासन के वजह से आप हर समय तनाव में रहेंगी.आप ब्लड प्रेशर,और पेट सम्बंधी कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो सकती हैं.

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2- महिलाएँ अपने सोने की जगह को लेकर अधिक संवेदनशील होती हैं विशेषत:गर्भवती महिलाएँ.होर्मोनल चेंजेज़ के कारण अपना बिस्तर अपने पार्ट्नर के साथ रखने में असहजता का अनुभव करती हैं.ऐसे में,ग्लानि महसूस करने के बजाय(आपकी आदतों की वजह से आपके पार्ट्नर की नींद डिस्टर्ब हुई है,या उसे स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है)स्लीप डाईवोर्स एक अच्छा विकल्प होगा.
स्लीप डायवोर्स क्या है- अच्छी नींद लेने के लिए,कपल का अपने पार्ट्नर से अलग सोने का निर्णय ही ,सही मायने में स्लीपिंग डायवोर्स कहलाता है,अब चाहे ये एक ही रूम में अलग अलग बिस्तर पर हो या अलग अलग कमरों में अलग अलग बिस्तर पर हो.

1- अच्छी नींद “फ़ील गुड” का अहसास दिलाती है आपके काम की कार्यकुशलता बढ़ती है,और आपको,कई बीमारियों से निजात भी मिलती है.

2-एक कपल के अनुसार,स्लीपिंग डायवोर्स के वजह से उनका ,अपने पार्ट्नर के साथ कम्यूनिकेशन स्किल में इज़ाफ़ा हुआ है

कैसा हो सोने का अलग प्रबंध-

1- एक ही कमरे में ,एक ही साइज़ के दो अलग अलग बिस्तर,या एक बिस्तर बड़ा और दूसरा छोटा बिस्तर लगाया जा सकता है,ताकि जब आप अपने पार्ट्नर से घनिष्ठ होना चाहें तो किसी प्रकार की असुविधा न हो

2-अलग अलग कमरों में भी सोने का प्रबंध किया जा सकता है. ये उन कपल्स के लिए सुविधाजनक होता है जिनके सोने के समय ,निश्चित नहीं हैं.

नेशनल स्लीप फ़ाउँडेशन के एक सर्वे के अनुसार 10% शादी शूर कपों अलग अलग कमरों में सोते हैं जब की 25% अलग अलग बिस्तरों पर. कुछ कपल्स का मत है कि स्लीपिंग डायवोर्स के कारण उनके निजी सम्बंध ख़तरे में पड़ गए हैं. ऐसा तब होता है अगर आप इन बातों को ध्यान में नहीं रख रही हैं-

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याद रहे,

1-आप सिर्फ़ अपना बिस्तर अलग कर रही हैं,पार्ट्नर से अलग नहीं हो रहीं.

2-आप ऐसा क्यों कर रही हैं,अपने पार्ट्नर को स्पष्ट रूप से बता दें.

3- आपका आपके पार्ट्नर के साथ,हग्गिंग,किसिंग ,सेक्स ,एक साथ नाश्ता ,लंच,डिनर ,सैर सपाटा,टीवी ,और मूवी देखने का समय पूर्ववत ही रहना चाहिए.उसमें किसी प्रकार की अदल बदल नहीं होनी चाहिए.

4-अपने पार्ट्नर को आश्वस्त करें कि वो,जब चाहे आपके बेड पर बेहिचक आ सकता है.

सैक्स संबंध से जुड़ी प्रौब्लम के कारण मेरे पति नाराज रहने लगे हैं?

सवाल-

मैं 27 वर्षीय शादीशुदा महिला हूं. मेरी शादी 10 महीने पहले हुई है. पति बहुत प्यार करते हैं पर मैं उन्हें सैक्स में पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाती. वजह है मेरी वैजाइनल मसल्स का जरूरत से ज्यादा संकुचित यानी टाइट होना. सैक्स संबंध के दौरान इस वजह से मैं पति को पूरा साथ नहीं दे पाती. इस दौरान मुझे तेज दर्द होता है. पति के आग्रह को मैं ठुकरा भी नहीं सकती पर सैक्स करने के नाम से ही मेरे हाथपांव फूल जाते हैं और पूरी कोशिश करती हूं कि टाल जाऊं. इस से पति नाराज रहने लगे हैं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

पहले तो आप को सैक्स के प्रति मन में बैठा डर खत्म करना होगा, क्योंकि यह कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है जो दांपत्य जीवन की गरमाहट को बनाए रखता है.

दूसरा, वैजाइनल मसल्स का जरूरत से ज्यादा टाइट होना कोई गंभीर बीमारी नहीं है अलबत्ता शादी के बाद शुरुआती दिनों की एक आम समस्या हो सकती है या फिर मन में बैठे डर की वजह से आप वैजाइना को संकुचित कर लेती होंगी.

बेहतर होगा कि सैक्स संबंध बनाने से पहले फोरप्ले करें और इस की अवधि शुरुआत में इतनी अधिक हो कि आप सैक्स के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएं. इसे और मजेदार बनाने के लिए पति से कहें कि वे ल्यूब्रिकैंट या चिकनाईयुक्त औयल का प्रयोग करें.

बाजार में आजकल वैजाइनल मोल्ड्स भी उपलब्ध हैं, जिन के इस्तेमाल से सैक्स क्रिया को और अधिक आनंददायक बनाया जा सकता है. पति से कहें कि सैक्स संबंध के दौरान पैनिट्रेशन स्लो रखें. धीरेधीरे आप को भी इस में आनंद आने लगेगा और सैक्स का खुल कर लुत्फ उठाने लगेंगी. बावजूद इस के अगर समस्या जस की तस रहे तो बेहतर होगा कि पहले किसी स्त्रीरोग विशेषज्ञा से मिलें.

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