समाजिक दूरी से ‘एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर’ में तनाव

सामाजिक दूरी और कोराना का संक्रमण एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में तनाव का कारण बन रहा है. जिसके कारण नजदीकियां दूरियों में बदल गई है. नजदीकियों दूरियों में बदलने से आपस में तनाव बढ रहा है. शादीशुदा जोडों में तनाव घरेलू हिंसा को जन्म दे रहा है तो युवा कपल्स में बढने वाला तनाव मन पर असर डाल रहा है. जिसके चलते लोग बडी संख्या में मेंटल हेल्थ को लेकर परेशान हो रहे है. भारत में मेंटल हेल्थ कभी मुद्दा नहीं रहा इस कारण यहां कपल्स के बीच दिक्कते अधिक बढ रही है.

सरला एक बडी अधिकारी है. उनके पति भी बडे अफसर है. दोनो के बीच कई सालों से पतिपत्नी के बीच वाले स्वाभाविक रिश्ते नहीं चल रहे. 2 साल से दोनो अलग रह रहे है. दोनो को ही एक दूसरे से शिकायत है कि वह अलग रिश्ते रखे हुये है. यह बात सच है कि सरला का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर बन गया था. दोनो ही आपस में खुश थे. सरला पूरी तरह से अपने संबंधों को समाज से दूर रखकर चल रही थी. लोगों में सरला के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की चर्चा भर थी पर किसी को भी पुख्ता जानकारी नहीं थी. यह सरला की समझदारी ही थी. सरला अपना वीकएंड ही उसके साथ गुजारती थी और बाकी सप्ताह अपने घर और औफिस के काम में व्यतीत करती थी. सरला ने अपनी एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर वाली लाइफ को सोशल लाइफ से दूर ही रखा था.

सब कुछ अच्छा चल रहा था. अचानक कोविड 19 का संकट आ गया. जहां आपस में मिलना मुश्किल होने लगा. पार्क, होटल, सिनेमाघर तो बंद हो ही गये साथ ही साथ अपने शहर से दूर जाकर मिलना भी बद हो गया. यह तनाव सरला को परेशान करने लगा. सरला अपने साथी से मिल नहीं पा रही थी तो उसका तनाव उसके व्यवहार पर झलकने लगा था. इस बीच लौकडाउन तो खुल गया पर इसके बाद भी माहौल सहज नहीं हो सका. कोविड 19 का संक्रमण बढने लगा. इससे होने वाली मौंतें डराने लगी. सरला को कभी मिलना भी होता तो वह डरने लगी. कोविड के दौरान अकेलापन दूर करने के लिये कपल्स के बीच डेटिंग शुरू हो गई. कपल्स में इसमें पहले वाली फीलिंग्स नहीं मिल रही.

कोरोना का डरः

सरला कहती है ‘लौकडाउन खुलने के बाद हमने मिलने का प्लान बनाया. हम अपनी प्रिय जगह पर मिलने गये तो वहां पहुंचते ही डर लगने लगा. यह डर केवल मेरे मन में ही नहीं था उसके मन में भी था. हमें यह पता था कि हममे से किसी को कोरोना नहीं है. इसके बाद भी हम एक दूसरे के करीब जाने से डर रहे थे. हमने आपसी बातचीत में यह स्वीकार किया किया कि मिलने के लिये हम अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते है. हमने यह तय किया कि मिलने से पहले कोरोना टेस्ट करा लेगे. इसके बाद फिर लगा कि कोरोना टेस्ट कराकर मिलना भी कोई सहज बात नहीं है.

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असल में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर लोग इसलिये ही बनाते है जिससे वह अपनी जिदंगी खुल कर जी सके. कोरोना सकंट के दौर में इस जिंदगी पर पहरा सा लग गया. यह पहरा ऐसा है जिसका तोडने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा है. ऐसे में कपल्स को लग रहा कि दूरदूर बैठ कर बात करने से अच्छा है कि मिले ही ना. इससे किसी के देखने और जानने का खतरा भी नहीं होगा और कोरोना का डर भी नहीं रहेगा. सरला कहती है ‘इस बात समझना और इस पर अमल करना दो अलग बातें होती है. जो संबंध आपकी आदत बन गये हो अगर अचानक बंद हो जाये जो लाइफ में तनाव बढ जाता है. इस तनाव के बढने से तमाम तरह से खतरे भी बढ जाते है. मुझे सिरदर्द और सुस्ती का अनुभव होने लगा. मुझे लगने लगा कि यह रिश्ते अब कैसे चलेगे ? ’

ओवर पजेसिव होने से बिगड रही बातः

चेतना को अचानक नींद ना आने की शिकायत रहने लगी. इससे उसका दिन खराब रहने लगा. चिडचिडापन उसके स्वभाव का हिस्सा बन गया. कई दिनों तक परेशान रहने के बाद वह अपने पति के साथ डाक्टर के पास गई. डाक्टर ने उनको साइक्लोजिस्ट के पास जाने सलाह दी. चेतना पहले दिन पति के साथ गई. कांउसलर ने जब खुलकर बात करना शुरू किया तो वह ठीक तरह से सवालों के जवाब देने में हिचकने लगी. डाक्टर ने अगले दिन उसे अकेले आने को कहा. अगले दिन चेतना अकेले गई. तब उसने खुलकर बातचीत करते काउंसलर से कहा कि उसकी एक्स्ट्रा मैरिटल लाइफ सहीं नहीं चल रही. जिसकी वजह से वह तनाव में रहती है. रात में नींद नहीं आती. हम लोग लौकडाउन में एक दूसरे से औन लाइन बातचीत करते थे. किसी तरह से वह समय कट गया पर 5 महीने से आपस में ना मिल पाने का तनाव अब सहन नहीं हो रहा है. हमें यह भी लग रहा कि कहीं इस दूरी की वजह से उसके संंबंध कही और किसी से ना हो जाये. जिससे वह हमें छोडकर चला जाये.‘

साइक्लौजिस्ट सुप्रीती बाली कहती है ‘एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के मामलों में यह डर सामान्य बात होती है. एक दूसरे को लेकर यह चिंता बनी रहती है कि कहीं हमारा ब्रेकअप किसी और की वजह से ना हा जाये. यह चिंता अपने पार्टनर को लेकर ओवर पजेसिव होने की हद तक चली जाती है. शंका बढने के साथ साथ यह हालात और भी खराब होते जाते है. ऐसे में मानसिक रोग बढने लगता है. अगर सही समय पर लोग अपनी बात नहीं बताते तो हालात अपने को नुकसान पहंुचाने तक के लेवल पर पहंुच जाते है. ऐसे लोग को कोविड और कोरोना के दौरान बिगडे हालातों को देखकर समझदारी से काम लेना चाहिये.‘

सुप्रीती बाली कहती है ‘कई बार कपल्स मिलने का प्लान करते है. डर के कारण मिल नहीं पाते. ऐसा अगर दो-तीन बार हो गया तो शकंा होने लगती है कि कहीं अगला संबंधों को खत्म करने के लिये बहाने तो नहीं बना रहा. यह शंका करने से पहले अपने संबंधों को समझना चाहिये. उसके भरोसे और विश्वास को सामने रखकर सोचना चाहिये. तभी तनाव को दूर किया जा सकता है.‘

चेतना ने बताया कि एक-दो बार जब हम मिले भी तो ना हाथ मिलाया, ना गले मिले और ना ही करीब बैठे ऐसे में हमें लग रहा था जैसे हमारे रिश्ते सामान्य नहीं है. उसको हमसे मिलकर पहले जैसी खुशी का अनुभव नहीं हो रहा था. यह बात हमें और भी परेशान करने वाली लग रही थी. इस तरह रिश्तों में दूरी और ठंडापन अनुभव हो रहा था. हमारे बीच रिश्तों की पहले जैसी गर्माहट का अभाव दिख रहा था. डाक्टर के समझाने पर मुझे लगा कि हम बेकार ही अपने बीच दूरी को लेकर चिंता कर रही थी.

मार्केटिंग विभाग में काम करने वाली शोभा कहती है ‘पहले जब मिलने जाना होता था तो मेकअप, ड्रेसअप, सेंट आदि लगाकर खुश्बू बिखेरते जाना होता मन में खुशी होती थी. लगता था कि कुछ समय के ही लिये सही पर अपनी दुनियां बदल जाती थी. अब मिलने से पहले सेनेटाइजर, मास्क लगाना पडता है. मिलने के लिये खुली जगह देखनी पडती है. कई बार घूमते फिरते बात करनी होती है. जिससे पता ही नहीं चलता कि हम मिलने आये है. ऐसी मुलाकातों में अजनबीपन का अनुभव होता है. एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में जो क्लोजनेस आती थी उसका एहसास अब खत्म हो गया है.

कपल्स के आपस में मिलने जुलने की बात करें तो अब लोगों की प्राथमिकताएं बदली है. वह एक दूसरे के करीब जाने और छूने को लेकर सहज अनुभव नहीं कर रहे है. ऐसे में कपल्स के बीच प्यार मोहब्बत की जगह गुस्सा बढने लगा है. लोग चाहते है यह दूरी ना हो पर कपल्स में यह भरोसा नहीं हो रहा कि सामने वाले से कोई खतरा नहीं है. कपल्स के रिश्ते के बीच कोरोना आ गया है. कोराना पति पत्नी और वह जैसी हालत में पहुंच कर एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के रिश्ते बिगाडने का काम कर रहा है. इसी कारण से आपस में तनाव खतरनाक हालत तक पहुंच रहा है. इससे बचने के लिये मेंटल हेल्थ पर काम करने की बहुत जरूरत है.‘

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जानलेवा हो रहा तनावः

नेशनल क्राइम ब्यूरों के आंकडे बताते है कि पिछले 5 माह में उत्तर प्रदेश ही राजधानी लखनऊ में 250 लोगों से अधिक ले सुसाइड किया. सुसाइड के मामलों में उत्तर प्रदेश देश का 8 सबसे बडा राज्य है. इन सुसाइड में अधिकतर की वजह पारिवारिेक तनाव रहा है. इन तनाव में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के कारण का अलग से कोई विवेचना नही की गई है. इसकी वजह यह है कि हमारे समाज में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर छिपाने का चलन है. ऐसे में सुसाइड के मामलों में जो मुकदमें कायम भी होते है उनमें इन वजहों को छिपा लिया जाता है. जानकार मानते है कि लौकडाउन का असर पारिवारिक संबंधों खासकर  एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पर भी पडा है. इस तनाव के भी बहुत लोग शिकार हुये है.

सुसाइड करने वालों में 33 फीसदी लोग पारिवारिक कारणों यह कर रहे है. इनमें 30 फीसदी महिलाये और 70 फीसदी पुरूष है. साइक्लोजिस्ट सुपीती बाली कहती है कि खराब हालात हर किसी के जीवन में आता है. जिन लोगो की मेंटल हेल्थ अच्छी होती है वह हालात को संभाल लेते है पर जिनकी मेंटल हेल्थ खराब होती है वह मेंटल बीमारियों का शिकार हो जाते है. आत्महत्या करने के पीछे की सबसे बडी वजह मेंटल हेल्थ का सही ना होना होता है.‘

मेंटल हेल्थ जागरूकताकी जरूरतः

मानसिक बीमारियों से समाज को बचाने के लिये जरूरी है कि मेंटल हेल्थ की तरफ अधिक से अधिक ध्यान दिया जाये. मानसिक बीमारियो को रोकने के लिये यह बेहद जरूरी है. लौकडाउन के दौरान सबसे पहले इस बात की जरूरत महसूस की जा रही है. कोविड 19 महामारी के दौरान बडी संख्या में ऐसे लोग सामने आये जो किसी ना किसी वजह से मानसिक बीमारी से ग्रसित थे. मेंटल हेल्थ के प्रति जागरूकता, समाज की सोंच और डाक्टरों की कमी से हालत और भी बिगड गये. सुसाइड प्रिविंशन इन इंडिया फाउडेशन के एक सर्वे में यह बात सामने आई कि मरीजो में खुद को हानि पहुंचाने की प्रवृत्ति तेजी से बढ रही है. इस सर्वे में यह भी पाया गया कि 40 फीसदी लोग किसी ना किसी वजह से अवसाद से जूझ रहे थे.

यह बात भी मानी जा रही कि मेंटल हेल्थ को लेकर जागरूकता लोगों में आई है पर बाकी दुनिया के मुकाबले भारत बहुत पीछे है. अब पहले के मुकाबले मेंटल हेल्थ के मामले अस्पताल पहुचने लगे है. मानसिक रोगों के डाक्टरों और काउसलरों की देश में कमी का ही कारण है कि केाविड के दौरान मेंटल केस के मामले बढने से डाक्टर खुद काम की अधिकता से प्रभावित हो रहे है. यह हमारे देश की त्रासदी है कि मेंटल हेल्थ को पागलपन से जोडा दिया जाता है. परिवारों में मेंटल हेल्थ पर बात करना अभी भी सामान्य बात नहीं है. ऐसे में मेंटल हेल्थ के मामलों को रोकना मुश्किल होगा.

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जब सहेली के साथ पकड़ा जाए प्रेमी

आशा और सुरेश का एक साल पहले अफेयर शुरू हुआ था. आशा ने सुरेश के साथ जीनेमरने की जाने कितनी कसमें खाईं, साथ रहने के सपने देखे लेकिन उस के ये सपने तब धराशायी हो गए जब एक दिन वह अपने रूम में कालेज से जल्दी आ गई और दरवाजा खोलते ही अपनी रूममेट और सब से अच्छी सहेली रोमा को अपने ही बौयफ्रैंड सुरेश के साथ हमबिस्तर पाया. यह उस की वही सहेली थी जो इन दोनों के प्यार की गवाह थी और उन के बीच होने वाली हर छोटीबड़ी बात जानती थी. यह सिर्फ आशा की ही कहानी नहीं है बल्कि यह अकसर सुनने में आता है कि एक सहेली ने दूसरी सहेली के बौयफ्रैंड को छीन लिया या अपना बना लिया.

वैसे तो ऐसा करना गलत है, लेकिन अगर ऐसा हो भी गया है तो रोनेधोने से काम नहीं चलेगा, बल्कि समझदारी से काम लेते हुए इस सिचुएशन को हैंडल करने की जरूरत है. आइए, जानें इस सिचुएशन से कैसे निकलें बाहर :

प्रेमी की असलियत सामने आई

यह तो अच्छी बात है कि प्रेमी की पोल आप के सामने जल्दी ही खुल गई वरना ये सब आप के घर में पता चल जाता तब आप उन की नजरों में भी गिर जातीं. अभी तो बात सहेली के सामने ही है और वह भी कोई आप की सगी नहीं है बल्कि उस ने तो आप की पीठ पीछे वार किया है, आप के प्रेमी को अपना बना कर. अच्छा हुआ, उस के करैक्टर के बारे में पहले ही पता चल गया. जो लड़का आप की सहेली पर बुरी नजर रख सकता है कल वह आप की बहन के साथ क्या करता, आप सोच भी नहीं सकतीं.

सहेली भी धोखेबाज निकली

वह सहेली चाहे बरसों से आप की कितनी भी अच्छी दोस्त क्यों न रही हो, लेकिन अब आप के साथ उस ने जो किया उस के बाद आप की जिंदगी में उस की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. ऐसी दोस्त बनाने से अच्छा है आप अकेली ही रह लें.

जिंदगी का बड़ा सबक सीख लिया

इस रिलेशनशिप से आप जिंदगी का गहरा सबक लें. अब आप आगे जो भी कदम उठाएंगी सोचसमझ कर ही उठाएंगी. यह गम लंबे समय तक तंग करेगा लेकिन आप को इस से लड़ कर बाहर आने की हिम्मत लानी होगी, इस से आप को जीवन में आए दुखों से लड़ने की ताकत मिलेगी.

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पढ़ाई पर ध्यान लगाएं

इस हादसे से आप अपना एक नुकसान कर चुकी हैं, अब पढ़ाई में पिछड़ कर दूसरा नुकसान न करें. अपने जीवन में सब से ज्यादा अहमियत पढ़ाई को ही दें, इस से अपनी स्टै्रंथ बना लें और ध्यान से पढ़ाई करने में जुट जाएं.

आप बदनाम होने से बच गईं

प्रेमी की फितरत ही धोखा देने की थी, तभी तो उस ने आप को चीट किया. एक तरह से देखा जाए तो अच्छा ही हुआ. ऐसे दोगले इंसान से आप को जल्दी छुटकारा मिल गया, वह भी अपना कोई नुकसान किए बिना. वह लड़का सही नहीं था. हो सकता है कि वह आगे चल कर आप को ब्लैकमेलिंग आदि के जाल में फंसाने की कोशिश करता. ऐसे लोगों से दूर होना ही बेहतर है.

ध्यान दें

परदे में रहने दो

जी हां, हर बात सहेली को बताई जाए यह जरूरी तो नहीं. अपने और प्रेमी के बीच की बातों को सहेली के साथ डिसकस करना ठीक नहीं. फिर चाहे वह कितनी भी अच्छी क्यों न हो या कितनी ही गहरी मित्र क्यों न हो. आप की बातों और प्रेमी की इतनी तारीफ से हो सकता है कि सहेली का मन पलट जाए और वह प्रेमी की तरफ आकर्षित हो कर उसे फंसाने में लग जाए. ऐसे में प्रेमी के साथसाथ सहेली से भी आप को हाथ धोना पड़ सकता है.

ब्रेकअप का रोना न रोती रहें

जिन लोगों को इस रिलेशनशिप के बारे में पता था उन्हें हर बार यही बात कह कर न पकाएं. आप दुनिया में पहली नहीं हैं जिस का ब्रेकअप हुआ है, ऐसा कर के आप खुद को हंसी और बेचारगी का पात्र बना लेंगी. यह आप का गम है और इसे अकेले ही भूलना होगा.

विश्वास करना न छोड़ें

माना यह थोड़ा मुश्किल है, लेकिन अगर एक सहेली ने पीठ पीछे धोखा दिया है तो इस का मतलब यह कतई नहीं है कि आप अपनी सारी सहेलियों से मुंह मोड़ कर अकेली हो जाएंगी. अपनी बाकी सहेलियों के टच में रहें.

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बच के रहना रे बाबा

आप ने किसी एक से नहीं बल्कि अपने दो अजीजों से धोखा खाया है. इस का मतलब चूक कहीं न कहीं आप से भी हुई है,

जो आप ने अपनी जिंदगी में ऐेसे प्रेमी और सहेली को जगह दी इसलिए इस से सीख लें व जांचपरख कर ही किसी से रिलेशन बनाएं.

किसी भी युवक को बौयफै्रंड बनाने से पहले उस के बारे में अच्छी तरह से तहकीकात कर लें. अगर थोड़ा भी शक हो तो उस के साथ रिलेशनशिप बनाने की जरूरत नहीं है.

सैक्स संबंधों में उदासीनता क्यों?

बिना सैक्स के आदमी और औरत का संबंध अधूरा है.कुछ लोग चाहे जितना गुणगान कर लें कि सैक्स गंदा है, असल में आदमीऔरत में पूरा प्यार या लगाव सैक्स से ही होता है. यह बात दूसरी है कि कुछ मामलों में यह प्यार व लगाव कुछ मिनटों तक सिमट कर रह जाता है और शारीरिक प्रक्रिया पूरी होते ही दोनों अपनेअपने काम में व्यस्त हो जाते हैं. सैक्स के बराबर ही पेट भरना जरूरी है. शायद सैक्स से ज्यादा दूसरे मनोरंजन भी भारी पड़ते हैं.

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एक संस्थान जो लगातार अमेरिकी लोगों पर शोध कर रही है ने पता किया है कि अमेरिकियों में भी सैक्स की चाहत कम हो रही है और वे सैक्स की जगह वीडियो गेम्स या अपने कैरियरों पर समय और शक्ति अधिक लगाने लगे हैं. युवा लड़कियों में 18% और युवा लड़कों में 23% ने कहा कि उन्हें पिछले 1 साल में एक बार भी सैक्स सुख नहीं मिला. 60 वर्ष की आयु से अधिक के 50% लोग सैक्स से दूर रहते हैं.

बिना सैक्स के जीवन की बहुत महिमा गाई जाती है पर यह है गलत. आदमी-औरत का संबंध प्राकृतिक है, चाहे प्रकृति ने इस में आनंद डाला था या नहीं, कहा नहीं जा सकता. सभ्य समाज सैक्स पर आधारित है, क्योंकि सुरक्षित सैक्स और पार्टनर की ग्रांटेड मौजूदगी ने ही विवाह संस्था को जन्म दिया है. विवाह है तो घर है, घर है तो गांव है, गांव है तो शहर है, शहर है तो देश है. बिना सैक्स के लोग अकेले पड़ जाएंगे और जीवन के प्रति उन का नजरिया ही बदल जाएगा.

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सभ्यता की जड़ में जो सुख पाने की बलवती इच्छा है उस के पीछे सैक्स सुख है चाहे इस सैक्स सुख को पाने के लिए धर्म के सहारे औरतों को गुलाम बनाया गया, आश्रमों, मठों में औरतों को जमा किया गया, राजाओं ने महलों में हरमों का निर्माण किया. अगर सैक्स की चाहत न होती तो वह बहुत कुछ नहीं दिखता जो आज दिख रहा है.

आज डिजिटल क्रांति के पीछे पोर्न और औरतों का व्यापार भी बहुत छिपा है. असल पैसा यहीं से आता है चाहे लोग इस की चर्चा कम करते हों. पहले लोग सैक्स को ज्यादा बुरा मानते थे पर जम कर सैक्सुअली ऐक्टिव रहते थे. तब समय भी था और पार्टनर भी. अब समय भी कम है और पार्टनरों के नखरे भी बढ़ गए हैं.

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लड़कों को सैक्स सुख पाने के लिए बहुत कुछ कुरबान करना पड़ता है और लड़कियां मुफ्त में सैक्स सुख नहीं देना चाहतीं. जब दोनों तरफ से हिचकिचाहट होगी तो सैक्स संबंध तो कम बनेंगे ही. हमारे यहां क्या हो रहा है, पता नहीं पर बढ़ते तनाव और तलाकों का एक कारण सैक्स अभाव हो सकता है.

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कोरोना महामारी में शादी की उलझनों से मैं परेशान हो गई हूं?

सवाल

मैं 24 वर्षीय युवती हूं. हाल ही में मेरी शादी होने वाली है. अभी चूंकि कोरोना महामारी का प्रकोप है इसलिए शादी सादे समारोह और 10-20 लोगों के बीच ही होगी. मगर समस्या सुहागरात को ले कर है. सुना है, इस समय सैक्स संबंध बनाना भी खतरे से खाली नहीं है. कृपया उचित सलाह दें?

जवाब

यह अच्छा है कि शादी समारोह में सावधानी बरतने को    ले कर आप व आप का परिवार सजग है. इस समय अधिक भीड़ न जुटाई जाए, यह दोनों पक्षों के लिए अच्छा है.

रही बात शादी के बाद सैक्स संबंध को ले कर, तो कोरोना काल में सुहागरात के दिन सैक्स संबंध को ले कर मन में किसी तरह का भय नहीं रखें.

अगर आप व आप का पार्टनर ऐहतियात बरत रहे हैं और भीड़भाड़ वाले इलाके में नहीं गए हैं तो डर की कोई बात नहीं है.

जब तक व्यक्ति में कोरोना का कोई लक्षण न दिखे, उसे बुखार, सर्दीजुकाम, नाक बहना, भूख न लगना व स्वादहीन होने को अनुभव न हो वह पूरी तरह सुरक्षित है और दैनिक कार्यों की तरह ही शारीरिक संबंध भी बना सकता है.

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अपनी शादी की बात सुन कर दिव्या फट पड़ी. कहने लगी, ‘‘क्या एक बार मेरी जिंदगी बरबाद कर के आप सब को तसल्ली नहीं हुई जो फिर से… अरे छोड़ दो न मुझे मेरे हाल पर. जाओ, निकलो मेरे कमरे से,’’ कह कर उस ने अपने पास पड़े कुशन को दीवार पर दे मारा. नूतन आंखों में आंसू लिए कुछ न बोल कर कमरे से बाहर आ गई.

आखिर उस की इस हालत की जिम्मेदार भी तो वे ही थे. बिना जांचतड़ताल किए सिर्फ लड़के वालों की हैसियत देख कर उन्होंने अपनी इकलौती बेटी को उस हैवान के संग बांध दिया. यह भी न सोचा कि आखिर क्यों इतने पैसे वाले लोग एक साधारण परिवार की लड़की से अपने बेटे की शादी करना चाहते हैं? जरा सोचते कि कहीं दिव्या के दिल में कोई और तो नहीं बसा है… वैसे दबे मुंह ही, पर कितनी बार दिव्या ने बताना चाहा कि वह अक्षत से प्यार करती है, लेकिन शायद उस के मातापिता यह बात जानना ही नहीं चाहते थे. अक्षत और दिव्या एक ही कालेज में पढ़ते थे. दोनों अंतिम वर्ष के छात्र थे. जब कभी अक्षत दिव्या के संग दिख जाता, नूतन उसे ऐसे घूर कर देखती कि बेचारा सहम उठता. कभी उस की हिम्मत ही नहीं हुई यह बताने की कि वह दिव्या से प्यार करता है पर मन ही मन दिव्या की ही माला जपता रहता था और दिव्या भी उसी के सपने देखती रहती थी.

‘‘नीलेश अच्छा लड़का तो है ही, उस की हैसियत भी हम से ऊपर है. अरे, तुम्हें तो खुश होना चाहिए जो उन्होंने अपने बेटे के लिए तुम्हारा हाथ मांगा, वरना क्या उन के बेटे के लिए लड़कियों की कमी है इस दुनिया में?’’ दिव्या के पिता मनोहर ने उसे समझाते हुए कहा था, पर एक बार भी यह जानने की कोशिश नहीं की कि दिव्या मन से इस शादी के लिए तैयार है भी या नहीं.

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मेरी समस्या वैजाइना के ढीलेपन को लेकर है, कृपया समाधान बताएं?

सवाल

मैं 16 वर्षीय युवती हूं. मेरी 3 समस्याएं हैं- पहली समस्या यह है कि मेरे नीचे का होंठ बहुत मोटा है, जिस की वजह से मैं अच्छी नहीं दिखती. कोई तरीका बताएं जिस से मैं मोटे होंठ को पतला दिखा सकूं.

मेरी दूसरी समस्या मेरे ब्रैस्ट को ले कर है. मेरी ब्रैस्ट बहुत छोटी है, जिस की वजह से मैं कुछ भी पहनूं ग्रेस नहीं आता.

तीसरी समस्या मेरी वैजाइना के ढीलेपन को ले कर है. मेरे 3 सालों से एक लड़के से शारीरिक संबंध हैं, जिस की वजह से यह समस्या हो गई है. कृपया मेरी इन समस्याओं के समाधान बताएं?

जवाब
मोटे होंठ को पतला दिखाने के लिए नैचुरल लिपलाइन को छिपाएं. इस के लिए फाउंडेशन का इस्तेमाल पूरे होंठ पर करें. फिर मनचाही आउटलाइन खीचें और लाइट शेड की लिपस्टिक से फिलिंग करें.

आप की दूसरी समस्या जैनेटिकली है. फिर भी आप अपना खानपान पौष्टिक व संतुलित रखें. चाहें तो पैडेड ब्रा पहनें. इस से आप की ब्रैस्ट का साइज बड़ा दिखेगा. वैसे भी अभी आप की उम्र मात्र 16 साल है. बढ़ती उम्र के साथ और विवाह व गर्भावस्था के बाद भी ब्रैस्ट के आकार में अंतर आता है.

अपनी तीसरी समस्या के लिए आप खुद जिम्मेदार हैं. आप अभी मात्र 16 साल की हैं और पिछले 3 वर्ष से आप के एक लड़के के साथ शारीरिक संबंध हैं. यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बिलकुल गलत है. फिर भी आप वैजाइना के ढीलेपन को दूर करने के लिए पैल्विक फ्लोर ऐक्सरसाइज करें.

इस से वैजाइना का ढीलापन दूर होगा. इस के अतिरिक्त बाजार में वी टाइट जैल उपलब्ध है. महिला डाक्टर की सलाह से आप उस का भी प्रयोग कर सकती हैं.

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जानें क्या होता है स्लीप डिवोर्स

क्या आपका पार्ट्नर,नींद में खरांटे लेता है,बार बार आपकी चादर खींच कर आपकी नींद में ख़लल पैदा करता है,रात में कई बार उठता है ,निजी हायजीन के प्रति लापरवाह है,उसे जल्दी सोने और आपको देर से उठने की आदत है,तो ,निश्चित रूप से आप का मन मस्तिष्क दोनों ही परेशान होंगें.

कुछ कपल ,बेमन से ,अपने पार्ट्नर के साथ निकटता और आत्मीयता का प्रदर्शन करने के लिए एक ही कमरे में सोते रहते हैं . हमारी संस्कृति भी शादी शुदा जोड़े को एक ही बिस्तर शेयर करने को उचित ठहराती है. यदि आपको निर्विघ्न अपने पार्ट्नर के साथ ,एक ही बिस्तर पर,पूरी रात नींद आती है तो ठीक है.लेकिन,अगर,अपने पार्ट्नर की इन आदतों की वजह से आपकी ,नींद में ख़लल पडता है ,तो ,स्वास्थ्य की दृष्टि से ये,आपके शरीर के लिए बेहद नुक़्सान दायक सिद्ध हो सकता है .क्योंकि,भोजन,हवा पानी के साथ ही अच्छी नींद भी हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है..

1-स्ट्रेस हॉर्मोन कौर्टिजोल के निष्कासन के वजह से आप हर समय तनाव में रहेंगी.आप ब्लड प्रेशर,और पेट सम्बंधी कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो सकती हैं.

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2- महिलाएँ अपने सोने की जगह को लेकर अधिक संवेदनशील होती हैं विशेषत:गर्भवती महिलाएँ.होर्मोनल चेंजेज़ के कारण अपना बिस्तर अपने पार्ट्नर के साथ रखने में असहजता का अनुभव करती हैं.ऐसे में,ग्लानि महसूस करने के बजाय(आपकी आदतों की वजह से आपके पार्ट्नर की नींद डिस्टर्ब हुई है,या उसे स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है)स्लीप डाईवोर्स एक अच्छा विकल्प होगा.
स्लीप डायवोर्स क्या है- अच्छी नींद लेने के लिए,कपल का अपने पार्ट्नर से अलग सोने का निर्णय ही ,सही मायने में स्लीपिंग डायवोर्स कहलाता है,अब चाहे ये एक ही रूम में अलग अलग बिस्तर पर हो या अलग अलग कमरों में अलग अलग बिस्तर पर हो.

1- अच्छी नींद “फ़ील गुड” का अहसास दिलाती है आपके काम की कार्यकुशलता बढ़ती है,और आपको,कई बीमारियों से निजात भी मिलती है.

2-एक कपल के अनुसार,स्लीपिंग डायवोर्स के वजह से उनका ,अपने पार्ट्नर के साथ कम्यूनिकेशन स्किल में इज़ाफ़ा हुआ है

कैसा हो सोने का अलग प्रबंध-

1- एक ही कमरे में ,एक ही साइज़ के दो अलग अलग बिस्तर,या एक बिस्तर बड़ा और दूसरा छोटा बिस्तर लगाया जा सकता है,ताकि जब आप अपने पार्ट्नर से घनिष्ठ होना चाहें तो किसी प्रकार की असुविधा न हो

2-अलग अलग कमरों में भी सोने का प्रबंध किया जा सकता है. ये उन कपल्स के लिए सुविधाजनक होता है जिनके सोने के समय ,निश्चित नहीं हैं.

नेशनल स्लीप फ़ाउँडेशन के एक सर्वे के अनुसार 10% शादी शूर कपों अलग अलग कमरों में सोते हैं जब की 25% अलग अलग बिस्तरों पर. कुछ कपल्स का मत है कि स्लीपिंग डायवोर्स के कारण उनके निजी सम्बंध ख़तरे में पड़ गए हैं. ऐसा तब होता है अगर आप इन बातों को ध्यान में नहीं रख रही हैं-

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याद रहे,

1-आप सिर्फ़ अपना बिस्तर अलग कर रही हैं,पार्ट्नर से अलग नहीं हो रहीं.

2-आप ऐसा क्यों कर रही हैं,अपने पार्ट्नर को स्पष्ट रूप से बता दें.

3- आपका आपके पार्ट्नर के साथ,हग्गिंग,किसिंग ,सेक्स ,एक साथ नाश्ता ,लंच,डिनर ,सैर सपाटा,टीवी ,और मूवी देखने का समय पूर्ववत ही रहना चाहिए.उसमें किसी प्रकार की अदल बदल नहीं होनी चाहिए.

4-अपने पार्ट्नर को आश्वस्त करें कि वो,जब चाहे आपके बेड पर बेहिचक आ सकता है.

सैक्स संबंध से जुड़ी प्रौब्लम के कारण मेरे पति नाराज रहने लगे हैं?

सवाल-

मैं 27 वर्षीय शादीशुदा महिला हूं. मेरी शादी 10 महीने पहले हुई है. पति बहुत प्यार करते हैं पर मैं उन्हें सैक्स में पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाती. वजह है मेरी वैजाइनल मसल्स का जरूरत से ज्यादा संकुचित यानी टाइट होना. सैक्स संबंध के दौरान इस वजह से मैं पति को पूरा साथ नहीं दे पाती. इस दौरान मुझे तेज दर्द होता है. पति के आग्रह को मैं ठुकरा भी नहीं सकती पर सैक्स करने के नाम से ही मेरे हाथपांव फूल जाते हैं और पूरी कोशिश करती हूं कि टाल जाऊं. इस से पति नाराज रहने लगे हैं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

पहले तो आप को सैक्स के प्रति मन में बैठा डर खत्म करना होगा, क्योंकि यह कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है जो दांपत्य जीवन की गरमाहट को बनाए रखता है.

दूसरा, वैजाइनल मसल्स का जरूरत से ज्यादा टाइट होना कोई गंभीर बीमारी नहीं है अलबत्ता शादी के बाद शुरुआती दिनों की एक आम समस्या हो सकती है या फिर मन में बैठे डर की वजह से आप वैजाइना को संकुचित कर लेती होंगी.

बेहतर होगा कि सैक्स संबंध बनाने से पहले फोरप्ले करें और इस की अवधि शुरुआत में इतनी अधिक हो कि आप सैक्स के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएं. इसे और मजेदार बनाने के लिए पति से कहें कि वे ल्यूब्रिकैंट या चिकनाईयुक्त औयल का प्रयोग करें.

बाजार में आजकल वैजाइनल मोल्ड्स भी उपलब्ध हैं, जिन के इस्तेमाल से सैक्स क्रिया को और अधिक आनंददायक बनाया जा सकता है. पति से कहें कि सैक्स संबंध के दौरान पैनिट्रेशन स्लो रखें. धीरेधीरे आप को भी इस में आनंद आने लगेगा और सैक्स का खुल कर लुत्फ उठाने लगेंगी. बावजूद इस के अगर समस्या जस की तस रहे तो बेहतर होगा कि पहले किसी स्त्रीरोग विशेषज्ञा से मिलें.

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जब हो जाए दूसरे पति को संदेह

सुभाष डायमंड कैफे के कोने की सीट पर अपने क्लाइंट के साथ बैठा बिज़नेस प्लांस डिस्कस कर रहा था. तभी उस ने कैफे में विभा को किसी के साथ घुसते देखा. गौर से देखने पर सुभाष ने पाया कि विभा के साथ बैठा पुरुष कोई और नहीं बल्कि उस का पुराना पति केशव है.

अब उस का दिमाग बिजनेस प्लांस में कम और विभा की एक्टिविटीज पर अधिक लग गया था. थोड़ी देर में उस ने क्लाइंट को विदा कर दिया ताकि अच्छी तरह विभा को ऑब्ज़र्व कर सके. इधर विभा केशव के साथ बातें करने में मशगूल थी.

कुछ देर में विभा ने अपना मोबाइल निकाला और केशव को मोबाइल पर कुछ दिखाने लगी. मोबाइल दिखाते समय वह केशव के काफी करीब खिसक आई थी. सुभाष के तनबदन में आग लग रही थी. उस से वहां बैठा नहीं गया और पैर पटकता हुआ वह कैफे से बाहर निकल आया.

अब तो ऑफिस में भी किसी भी काम में उस का दिल नहीं लगा. अंदर ही अंदर शक का कीड़ा कुलबुला रहा था. वह ऑफिस से समय से पहले ही निकल आया.

केशव और विभा की शादी हुए अभी मुश्किल से एक साल बीता था. विभा तलाकशुदा थी और केशव विधुर था. मेट्रीमोनियल साइट्स के जरिए उन का रिश्ता जुड़ा था.

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विभा का पुराना पति इसी शहर में रहता था मगर सुभाष उस से कभी नहीं मिला था. विभा भी यही कहती थी कि पुराने पति और उस के परिवार के साथ अब वह बिल्कुल भी कांटेक्ट में नहीं है. पर आज विभा को इतनी सहजता से केशव के साथ वक्त बिताते देख सुभाष के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था.

शाम के समय जब वह घर पहुंचा तो विभा किसी से फोन पर बातें कर रही थी. सुभाष को देख कर उस ने फोन काट दिया और चाय बनाने चली गई. सुभाष ने विभा के मोबाइल पर कॉल हिस्ट्री चेक की तो उस ने पाया कि वह पिछले 1 घंटे से अपने पूर्व पति यानी केशव से ही बातें कर रही थी. यही नहीं एक दिन पहले भी उस ने केशव से 35 मिनट बात की थी. तब तक विभा चाय ले कर आ गई.

सुभाष ने तुरंत उस का मोबाइल छुपा दिया और उस पर गहरी नजर डालता हुआ बोला,” यह सब क्या चल रहा है?”

“क्या चल रहा है मतलब? क्या कह रहे हो सुभाष?”

“वही कह रहा हूं जो तुम मुझ से छुपा कर कर रही हो .”

सुभाष की आंखों में अपने लिए गुस्से और नाराजगी के भाव देख कर और इस तरह के सवाल सुन कर विभा असहज होती हुई बोली,” साफसाफ कहो न सुभाष क्या कहना चाहते हो?”

“आज दोपहर 12 बजे मैं डायमंड कैफे में था और तुम वहां केशव के साथ कॉफी का आनंद ले रही थी. उस के एकदम करीब बैठ कर पुरानी यादें ताजा कर रही थी. अब बताओ और भी कुछ कहना बाकी है?”

“ओह तो यह बात है…, ” विभा ने कुछ कहना चाहा तब तक सुभाष चिल्लाया,” कब से चीट कर रही हो मुझे? ऐसा क्यों किया तुम ने ? अगर उस से इतना ही प्यार था तो मेरी जिंदगी खराब करने की जरूरत क्या थी?”

“तुम गलत समझ रहे हो सुभाष. मैं कैफे में उस के साथ थी पर इस का मतलब यह तो नहीं कि….”

“ज्यादा भोली मत बनो. सब कुछ समझ गया हूं मैं. ”

“तुम कुछ नहीं समझे सुभाष. प्लीज एक बार मेरी बात तो सुन लो. मैं आज केशव से मिलने गई थी मगर पुरानी यादें ताजा करने नहीं बल्कि भविष्य के लिए उसे सचेत करने. दरअसल मैं अपनी ननद नताशा के बहकते कदमों के बारे में केशव को चेताने गई थी. नताशा कम उम्र की है. रात में 9-10 बजे मैं ने उसे शराब पी कर एक आवारा लड़के के साथ घूमते देखा. ऐसा 2 बार हो चुका है. मैं ने उस की फोटो ले ली थी. वीडियो भी बनाई थी. वही सब डिस्कस कर रही थी. नताशा मेरी छोटी बहन जैसी है. मुझे बहुत मानती थी. इसलिए बड़ी बहन होने का दायित्व निभा रही थी और कुछ नहीं. ”

विभा की बातें सुन कर सुभाष ने नजरें नीची कर ली. शर्मिंदा होता हुआ माफी मांगने लगा.

इस तरह की घटनाएं आम बात है. तलाकशुदा महिलाओं को दूसरी शादी के बाद अक्सर ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है जब पूर्व पति से मुलाकात वर्तमान पति की नजरों में बेवफाई बन जाती है. नए पति के मन में शक के बीज अंकुरित होने लगते हैं.

दरअसल स्त्री को नाजुक हृदय का माना जाता है. वह रिश्तेनातों और किसी के प्रति लगाव को बहुत सहजता से खत्म नहीं कर पाती. इसलिए पुरुषों को अक्सर यह संदेह रहता है कि वर्तमान जिंदगी में जरा सी भी ऊंचनीच होने या असंतुष्टि रहने पर पहले पति की तरफ आकर्षित हो सकती है. पर ऐसी सोच अक्सर गलत साबित होती है.

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एक स्त्री अपने पुराने पति की तरफ तभी आकर्षित होगी जब—-

1. उस का तलाक आपसी सहमति से हुआ हो

यदि स्त्री ने पुराने वैवाहिक रिश्ते में लंबा अरसा बिताया हो और पूरी तरह खुश और संतुष्ट जीवन जीवन जीया हो मगर किसी हादसे या विपरीत परिस्थितियों के आने पर लाचारगी मैं उसे तलाक लेना पड़ा हो.

स्त्री ने अपने पुराने वैवाहिक रिश्ते में अपना 100% दिया हो और पति से बहुत प्यार करती हो. मगर पति ने किसी और स्त्री से अपने अफेयर की वजह से पत्नी को आजाद कर दिया हो.

बच्चा न होने या पारिवारिक मनमुटाव की वजह से उसे रिश्तों को तोड़ना पड़ा हो जबकि वह पति से प्यार करती रही हो. इस तरह के मामलों में स्त्री अपने पति से प्यार करती है इसलिए तलाक के बाद भी उस के मन में पति के लिए प्यार जिंदा रह सकता है. पर अमूमन ऐसी परिस्थिति में स्त्री दूसरी शादी नहीं करती. यदि वह दूसरी शादी कर भी ले तो भी पहले पति की यादें उस के मन में कायम रहती हैं. ऐसे में यदि वर्तमान शादी में वह खुश नहीं तो संभव है कि वह पूर्व पति की तरफ लौट जाए.

अक्सर पहले पति से तलाक के बाद और दूसरी शादी करने के बीच जो अकेलापन होता है उस में औरत न चाहते हुए भी पहले पति के बारे में सोचती रहती है. पहले पति से हमेशा के लिए दूर होने के बाद महिला के मन में अक्सर उस के साथ बिताए गए अच्छे पल और उस की अच्छाइयां घूमने लगती हैं. वह यह भी सोचती है कि कहीं उस से गलती तो नहीं हो गई. पर तलाक के बाद अक्सर वापस लौटने का रास्ता बंद हो जाता है. भावी जीवन की सुरक्षा के लिए घर वालों के कहने पर यदि वह दूसरी शादी कर भी लेती है तो मन के किसी कोने में वह नए पति की तुलना पुराने वाले पति से करती रहती है. यही बात पुराने पति के साथ भी हो सकती है और दोनों के मन में एकदूसरे के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर बन सकता है.

2.जब कड़वाहट के बाद टूटा हो रिश्ता

यदि स्त्री की पहली शादी काफी संतापपूर्ण और मानसिक यातनाओ से पूर्ण रही हो, पति मारतापीटता हो, कष्ट देता हो, मैरिटल रेप करता हो या फिर उस के और उस के घरवालों के प्रति नीच रवैया रखता हो तो स्त्री तलाक के बाद एक पल के लिए भी पुरानी यादों को दिमाग में वापस लाना नहीं चाहेगी. तलाक के बाद वह कभी पूर्व पति की शक्ल भी नहीं देखना चाहेगी.

इसी तरह यदि दोनों का तलाक लंबी कानूनी कार्यवाही के बाद हुआ हो और कोर्ट में एकदूसरे की इज्जत की धज्जियां उड़ाई गई हों तो ऐसे में भी स्त्री कभी भूल कर भी पुराने पति की तरफ आंख उठा कर देखना पसंद नहीं करेगी.

वस्तुतः तलाक एक लंबी, जटिल और यातनापूर्ण प्रक्रिया है. तलाक के बाद केवल स्त्रीपुरुष ही अलग नहीं होते बल्कि उन की सोच, उन मंजिल, उन के रास्ते और उन का परिवार सब कुछ अलग हो जाता है.

नई शादी कर के वह नए जीवन की शुरुआत करती है. नए पति को याद रखना चाहिए कि तलाकशुदा पत्नी को पूरी तरह छूट है कि वह किस से संपर्क रखे और किस से नहीं. उसे जिंदगी से जुड़े फैसले लेने और रिश्ते निभाने का हक है क्योंकि वह परिपक्व है. वह पहले ठोकर खा चुकी है और अब उस में इतनी समझ आ चुकी है कि उस का कौन सा कदम क्या परिणाम ला सकता है.

इसी तरह गौर करने वाली बात है कि शादी के बाद किसी भी पुरुष या महिला के बहुत से संबंध साथी की वजह से बनते हैं और वे सिर्फ तलाक के कारण समाप्त नहीं हो सकते. महिला किसी की भाभी बनती है, किसी की बहू, किसी की चाची और किसी की मामी बनती है. ये प्यारेप्यारे रिश्ते दिल से जुड़े होते हैं. दूसरी शादी के बाद भी पिछली शादी की वजह से बने यह रिश्ते जिंदा रहते हैं. इस सच को झुठलाया नहीं जा सकता. ऐसे में यदि महिला इन रिश्तों की वजह से पहले पति या उस के घरवालों से मिलती है तो इस का मतलब यह नहीं कि वह पुराने पति की तरफ फिर से आकर्षित हो जाएगी.

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दूसरी शादी में यदि पतिपत्नी के बीच प्रेम और भरोसा पूरी तरह कायम न हो पाया हो तब इस तरह के संदेह उठते हैं और रिश्तो में कड़वाहट लाते हैं.

इसलिए जरूरी है कि जब आप दूसरी शादी करें तो नए रिश्ते में अपना 100% दे. प्यार और विश्वास की नींव पर नई जिंदगी शुरू करें और एकदूसरे के बीच कोई भी सीक्रेट न रखें. नए पति से हर बात शेयर कर उसे विश्वास में ले कर ही आगे बढ़े.

आपकी पत्नी को ये बातें लग सकती हैं बुरी, इसलिये रखें खास ख्याल

पति –पत्नी का रिश्ता बहुत अहम होता है खासतौर पर उस वक्त जब आपकी नई-नई शादी हुई हो और आपको एक-दूसरे को वक्त देना ज्यादा जरूरी होता है. क्योंकि अगर आपने अपना रिश्ता उस वक्त नहीं संभाला तो आने वाने समय में आपको बहुत सारी समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है इसलिए कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनका खास खयाल आपको रखना चाहिए.

जब आपकी शादी होती है तो सब कुछ नया होता है ऐसे में एक पति को पत्नी को ज्यादा वक्त देना चाहिए ये नहीं की आप बस अपने में मस्त हैं. दिन-भर बस फोन पर लगे हुए हैं.क्योंकि पत्नी जो की आपकी जीवन संगिनी है उसको सिर्फ आपका प्यार औऱ वक्त के अलावा कुछ भी नहीं चाहिए होता है.यदि आप वक्त नहीं देंगे तो ये आपके रिश्ते के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा.

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अक्सर ऐसा होता है जब पति की गर्लफ्रैंड रही होगी शादी से पहले लेकिन जब आपकी शादी हो चुकी है और आप अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुके हैं तो आपको पिछले रिश्ते से ज्यादा अपनी पत्नी को अहमियत देनी होगी यदि आप ऐसा नहीं करेंगे औऱ अभी भी अपनी गर्लफ्रैंड से वैसे ही बात करेंगे आगे बढ़ने की कोशिश नहीं करेंगे तो आपको दिक्कत हो सकती है.क्योंकि एक पत्नी कुछ भी बर्दाश्त कर सकती है लेकिन अपने पति का किसी औऱ लड़की से बात करना वो भी उस लड़की जो पहले से उसके पति के जीवन में अहम थी ये बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकती है एक पत्नी,क्योंकि जाहिर है उसे बुरा लगेगा क्योंकि वो सबकुछ समझती है.वो उसे सिर्फ औऱ सिर्फ एक सौतन के रूप में देखेगी.इससे आपकी शादीशुदा जिंदगी बहुत प्रभावित होगी और ये रिश्ता टूट भी सकता है.

कभी-कभी कुछ पति अपने दोस्तों को अपने घर में हद से ज्यादा जगह दे देते हैं औऱ रोक-टोक भी नहीं करते हैं.लेकिन जब उनकी पत्नी घर में हैं औऱ पति को बेहतर तरीके से ये बात पता है कि अब उसकी जिंदगी बदल चुकी है,उसकी पत्नी है वो शादीशुदा है,उसका अपनी एक छोटा सा परिवार है तो उसे भी खुद को बदलना होगा वो भले ही दिनभर अपने दोस्तों के साथ रहता होगा शादी से पहले लेकिन अब आप अकेले नहीं है औऱ आपकी पत्नी को आपके दोस्तों का ज्यादा करीब आना या उनका खुलापन बुरा लग सकता है लेकिन वो हर बात आपसे नहीं कहेगी क्योंकि उसे लगेगा कि उसके पति के दोस्त हैं तो उनको बुरा लगेगा. इसलिए ये बातें उसके पति को समझनी होगी उसे समझना होगा कि उसके दोस्त की लिमिट कहां तक है.

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आपकी पत्नी नई है आप उसके लिए नए हैं यदि वो अपना सबकुछ छोड़कर आपके भरोसे आपके साथ आई है तो आपको भी उसके लिए थोड़ा बदलना पड़ेगा और उसका साथ देना पड़ेगा.बहुत सी ऐसा बातें वो कह नहीं पाती है संकोच में तो ये भी आपको समझना होगा क्योंकि जब तक आप कोशिश नहीं करेंगे आपका रिश्ता बेहतर नहीं बनेगा.क्योंकि रिश्ते को बिगाड़ना या बनाना उसे संवारना ये आपके हांथ में होता है और ये बातें सिर्फ पति पर ही नहीं बहुत से सिचुएशन में पत्नी पर भी लागू होती हैं.

मैं अपनी बीवी की एक असंगत समस्या से परेशान हूं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं विवाहित युवक हूं. अपनी बीवी की एक असंगत समस्या से परेशान हूं. जब भी रात को हम सहवास करने के लिए बिस्तर पर जाते हैं, तो पत्नी पूछती है कि करोगे क्या? उठो करो. इससे मैं खीज जाता हूं कि न कोई फोरप्ले, न कोई उत्साह. कृपया बताएं कि क्या करूं कि बीवी अपना व्यवहार बदले और हम दोनों सहवास का पूरा-पूरा आनंद उठा सकें?

जवाब-

आप अपनी पत्नी को समझाएं कि सहवास अन्य दैनिक कार्यों से अलग क्रिया है. यह वह कार्य नहीं है जिसे झटपट निबटा लिया जाए. इस में तन के साथसाथ मन से भी सक्रिय होना होता है, इसलिए हड़बड़ी न मचाए. सहवास में प्रवृत्त होने से पहले स्पर्श, आलिंगन, चुंबन आदि रतिक्रीड़ाएं करनी चाहिए. इस से मजा दोगुना हो जाता है. यदि आप पत्नी को प्यार से समझाएंगे तो वह आप की बात पर जरूर गौर करेगी. उस के बाद सहवास दोनों के लिए रुचिकर हो जाएगा.

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लगभग एक साल पहले भंवरताल गार्डन जबलपुर में रहने वाली आयशा ने स्वास्थ्य महकमे में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात अपने पति डा. शफातउल्लाह खान की हत्या इसलिए करवा दी थी, क्योंकि उस का पति अपने विभाग की कई महिला कर्मचारियों से अवैध संबंध रखता था. अपनी अय्याशी की वजह से पत्नी के साथ संबंध भी नहीं बनाता था और पत्नी को प्रताडि़त करता था. हद तो तब हो गई जब पति ने पत्नी की नाबालिग भतीजी को अपनी हवस का शिकार बना लिया और इस से नाबालिग को गर्भ ठहर गया. तंग आ कर पत्नी ने सुपारी दे कर उस की हत्या करवा दी. इसी तरह दिसंबर 2019 में नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव थाना क्षेत्र में एक युवक आशीष की हत्या उस के दोस्त पंकज ने इसलिए कर दी थी, क्योंकि आशीष ने पंकज की पत्नी से सैक्स संबंध बना रखे थे.

ये घटनाएं साबित करती हैं कि समाज में बढ़ते व्यभिचार और विवाहेत्तर संबंधों के कारण अपराधों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है. आमतौर पर विवाह होने के बाद पति और पत्नी के बीच के सैक्स संबंध प्रारंभ के कुछ वर्षों में तो ठीक रहते हैं, परंतु बच्चों के जन्म के बाद पार्टनर की जरूरतों पर पर्याप्त ध्यान न देना और सैक्स संबंधों के प्रति लापरवाही कलह का कारण बन जाते हैं.

सैक्स स्पैशलिस्ट बताते हैं कि सुखद सैक्स उसी को माना जाता है जिस में दोनों पार्टनर और्गेज्म पा सकें. यदि पतिपत्नी सैक्स संबंधों में एकदूसरे को संतुष्ट कर पाने में सफल होते हैं तो उन के दांपत्य संबंधों की कैमिस्ट्री भी अच्छी रहती है.

राकेश और प्रीति की शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं. उन की 2 साल की एक बेटी भी है, परंतु बेटी के जन्म के साथ ही प्रीति का ध्यान अपनी बेटी में ही रम गया है. पति की छोटीछोटी जरूरतों का ध्यान रखने वाली प्रीति अब पति के प्रति बेपरवाह सी हो गई है. कभी रोमांटिक मूड होने पर राकेश सैक्स संबंधी बातों के साथ जब सैक्स करने की पहल करता है तो प्रीति उसे यह कह कर झिड़क देती है कि तुम्हें तो बस एक ही चीज से मतलब है. इस से राकेश कुंठित हो कर चिड़चिड़ाने लगता है. वह अपनी कामेच्छा को मन मसोस कर दबा लेता है, परंतु सैक्स न करने की कुंठा से उस के मन में कहीं और शारीरिक संबंध बनाने के खयाल भी आने लगते हैं. प्रीति जैसी अनेक महिलाओं का यही व्यवहार राकेश जैसे पुरुषों को दूसरी स्त्री के साथ संबंध बनाने को प्रोत्साहित करता है.

जिस तरह स्वादिष्ठ भोजन करने के बाद कुछ और खाने की इच्छा नहीं होती, ठीक उसी तरह सैक्स क्रिया से संतुष्ट पतिपत्नी अन्यत्र सैक्स के लिए नहीं भटकते. दांपत्य जीवन में सुख प्राप्त करने के लिए पतिपत्नी को उन की सैक्स जरूरतों का भी ध्यान रखना चाहिए.

सैक्स की पहल आम तौर पर पति द्वारा की जाती है. पत्नी को भी चाहिए कि वह सैक्स की पहल करे. पतिपत्नी में से किसी के भी द्वारा की पहल का स्वागत कर सैक्स संबंध स्थापित कर एकदूसरे की संतुष्टि का खयाल रख कर विवाहेत्तर संबंधों से बचा जा सकता है.

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