जब घर में अविवाहित देवर या जेठ हों

हाल ही में (22, फरवरी 2020) मध्य प्रदेश के विदिशा में देवरभाभी के प्यार में एक शख्स को अपनी जान गंवानी पड़ गई. दरअसल पति को अपनी पत्नी और अपने भाई के बीच पनप रहे अवैध संबंधों की भनक लग गई थी. उस ने एकदो बार दोनों को रंगे हाथों पकड़ भी लिया था. इस के बाद पतिपत्नी के बीच अकसर झगड़े होने लगे थे. भाभी के प्यार में डूबे देवर को अच्छेबुरे का कुछ भी ख़याल नहीं रहा. उस ने भाभी के साथ मिल कर भाई को रास्ते से हटाने का षड्यंत्र रच डाला.

इसी तरह उत्तर प्रदेश के बिजनौर की एक घटना भी रिश्तों को शर्मसार करने वाली है. यहाँ की एक महिला ने अपने साथ हुए अपराध के बारे में पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट लिखवाई. महिला के मुताबिक़ उसे घर में अकेला देख उस के देवर ने जबरन क्रूरता से उस के साथ दुष्कर्म किया और धमकी दे कर वहां से भाग गया.

ऐसी घटनाएं हमें एक सबक देती हैं. ये हमें बताती हैं कि कुछ बुरा घटित हो उस से पहले ही हमें सावधान रहना चाहिए खासकर कुछ रिश्तों जैसे नई भाभी और साथ रह रहे अविवाहित देवर या जेठ के मामले में सावधानी जरूरी है.

दरअसल जीजासाली की तरह ही देवरभाभी का रिश्ता भी बहुत खूबसूरत पर नाजुक होता है. नई दुल्हन जब नए घर में कदम रखती है तो नए रिश्तों से उस का सामना होता है. हमउम्र ननद और देवर जल्दी ही उस से घुलमिल जाते हैं. जेठ के साथ उसे थोड़ा लिहाज रखना पड़ता है. पर कहीं न कहीं देवर और जेठ के मन में भाभी के लिए सैक्सुअल अट्रैक्शन जरूर होता है. वैसे भी युवावस्था में विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण बहुत सहज प्रक्रिया है. ऐसे में जरूरी है अपने रिश्ते की मर्यादा संभाल कर रखने की ताकि भविष्य में कोई ऐसी घटना न हो जाए जिस से पूरे परिवार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़े.

1. काउंसलिंग

सब से पहले घर के बड़ों का दायित्व है कि शादी से पूर्व ही घर में मौजूद भावी दूल्हे के अविवाहित भाइयों की काउंसलिंग करें. उन्हें समझाएं कि जब घर में नई दुल्हन कदम रखे तो उसे आदर की नजरों से देखें. रिश्ते की गांठ के साथसाथ आने वाली जिम्मेदारियां भी निभाऐं. भाभी का अपना व्यक्तित्व है और अपनी पसंद है इसलिए उस की इज्जत का ध्यान रखें.

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लड़की के मांबाप भी अपनी बेटी को विदा करने से पहले उसे ससुराल में रहने के कायदे सिखाएं. अपनी आंखों में लज्जा और व्यवहार में शालीनता की अनिवार्यता पर बल दें. बातों के साथसाथ अपने कपड़ों पर भी ध्यान देने की बात कहें.

2. थोड़ी प्राइवेसी भी जरुरी

अक्सर देखा जाता है कि छोटे घरों में भाभी, देवर, जेठ, ननद सब एक ही जगह बैठे हंसीमजाक या बातचीत करते रहते हैं. परिवार के सदस्यों का मिल कर बैठना या बातें करना गलत नहीं है. पर कई दफा देवर या जेठ नहाने के बाद केवल टॉवेल लपेट कर खुले बदन भाभी के आसपास घूमते रहते हैं. बहू को कोई अलग कमरा नहीं दिया जाता है. यह उचित नहीं है.

हमेशा नवल दंपत्ति को एक कमरा दे देना चाहिए ताकि बहू की प्राइवेसी बनी रहे. यदि संभव हो तो दूल्हादुल्हन के लिए छत पर एक कमरा बनवा दिया जाए या ऊपर का पूरा फ्लोर दे दिया जाए और अविवाहित देवर या जेठ मांबाप के साथ नीचे रह जाएं. इस से हर वक्त देवर या जेठ बहू के आसपास नहीं भटकेगें और लाज का पर्दा भी गिरा रहेगा.

3. जरूरत पड़े तो इग्नोर करें

इस संदर्भ में मनोवैज्ञानिक अनुजा कपूर कहती हैं कि यदि आप नईनवेली दुल्हन है और आप को महसूस हो रहा है जैसे अविवाहित देवर या जेठ आप की तरफ आकर्षित हो रहे हैं तो आप को उन्हें इग्नोर करना सीखना पड़ेगा. भले ही देवर छोटा ही क्यों न हो. मान लीजिए कि आप का देवर मात्र 15 -16 साल का है और आप उसे सामान्य नजरों से देख रही हैैं. पर संभव है कि वह आप को दूसरी ही नजरों से देख रहा हो. याद रखें किशोरावस्था से ही इंसान विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होने लगता है. इसलिए उसे कभी भी बढ़ावा न दें.

दिल्ली में रहने वाली 40 वर्षीया निधि गोस्वामी कहती हैं,” जब मेरी नईनई शादी हुई और मैं ससुराल आई तो मेरा इकलौता देवर मुझ से बहुत जल्दी ही हिलमिल गया. घर में सासससुर भी थे पर दोनों बुजुर्ग होने की वजह से अक्सर अपने कमरे में ही रहते थे. इधर मेरे पति के जाने के बाद मेरा देवर अक्सर कमरे में आ जाता. मैं खाली समय में पेंटिंग बनाने का शौक रखती थी. पेंटिंग देखने के बहाने देवर अक्सर मुझे निहारता रहता या फिर मेरे हाथों को स्पर्श करने का प्रयास करता. पहले तो मैं ने इस बात को तूल नहीं दिया. पर धीरेधीरे मुझे एहसास हुआ कि देवर की इंटेंशन सही नहीं है. बस मैं ने उसे दूर रखने का उपाय सोच लिया. अब मैं जब भी अपने कमरे में आती तो दरवाजा बंद कर लेती. वह एकदो बार दरवाजा खुलवा कर अंदर आया पर मेरे द्वारा इग्नोर किए जाने पर बात उस की समझ में आ गई और वह भी अपनी मर्यादा में रहने लगा.”

इग्नोर किए जाने पर भी यदि आप के जेठ या देवर की हरकते नहीं रुकतीं तो उपाय है कि आप सख्ती से मना करें. इस से उन के आगे आप का नजरिया स्पष्ट हो जाएगा.

4. जब घर वाले दें प्रोत्साहन

प्राचीन काल से ही हमारे समाज में ऐसे रिवाज चलते आ रहे हैं जिस के तहत पति की मौत पर देवर या जेठ के साथ विधवा की शादी कर दी जाती है. इस में महिला की इच्छा जानने का भी प्रयास नहीं किया जाता. यह सर्वथा अव्यावहारिक है. इसी तरह कुछ घरों में ऐसी घटनाएं भी देखने को मिल जाती हैं जब पतिपत्नी की कोई संतान नहीं होती तो घर के किसी बुजुर्ग व्यक्ति की सलाह पर चोरीचुपके देवर या जेठ से बहू के शारीरिक संबंध बनवा दिए जाते हैं ताकि घर में बच्चे का आगमन हो जाए. इस तरह की घटनाएं भी महज शर्मिंदगी के और कुछ नहीं दे सकतीं. रिवाजों के नाम पर रिश्तों की तौहीन करना उचित नहीं.

कई घटनाएं ऐसी भी नजर आती हैं जब पत्नियां जेठ या देवर से अवैध सैक्स सम्बन्ध खुद खुशी खुशी बना लेती हैं. यह भी सर्वथा अनुचित है. क्योंकि इस का नतीजा कभी अच्छा नहीं निकलता. कितने ही घर ऐसे हालातों में बर्बाद हो चुके हैं. कुछ दिन बाद पोल खुल ही जाती है और घर तो टूटते ही हैं, कई जोड़ों में तलाक की नौबत आ सकती है.

5. बात करें

यदि कभी आप को महसूस हो कि देवर या जेठ की नजर सही नहीं और आप में ज्यादा ही इंटरेस्ट ले रहे हैं तो पहले तो खुद उन से दूर रहने का प्रयास करें. मगर यदि उन की कोई हरकत आप को नागवार गुजरे तो घर के किसी सदस्य से इस संदर्भ में बात जरूर करें. बेहतर होगा कि आप पति से बात करें और उन्हें भी सारी परिस्थितियों से अवगत कराएं. आप अपने मांबाप से भी बात कर सकती हैं. सास के साथ कम्फर्टेबल हैं तो उन से बात करें. घर में ननद है तो उस से सारी बातें डिसकस करें. इस से आप का मन भी हल्का जाएगा और सामने वाला आप को समस्या का कोई न कोई समाधान जरूर सुझाएगा. संभव हो तो आप उस देवर या जेठ से भी इस संदर्भ में बात कर उन्हें समझा सकती हैं और अपना पक्ष स्पष्ट कर सकती हैं.

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6. जब देवर /जेठ को किसी से प्यार हो जाए

मान लीजिये कि आप के देवर को किसी लड़की से प्यार हो जाए. ऐसे में ज्यादातर देवर भाभी से यह सीक्रेट जरूर शेयर करते है. यदि वह बताने में शरमा रहा है तो भी उस के हावभाव से आप को इस बात का अहसास जरूर हो जाएगा. ऐसे समय में आप को एक अभिभावक की तरह उसे सही सलाह देनी चाहिए और कोई भी गलत कदम उठाने से रोकना चाहिए.

बेवफा पति: जब रंगे हाथ पकड़े पत्नी

हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ. इस वीडियो में एक महिला अपने पति को रंगे हाथों दूसरी के साथ पकड़ लेती है और फिर उस का जो रिएक्शन होता है वह देखने लायक है.

दरअसल उस महिला को शक था कि उस के पति का किसी के साथ अफेयर चल रहा है. इस वजह से उस ने अपने पति की गाड़ी का पीछा किया और मुंबई के पेडर रोड पर पति की रेंज रोवर गाड़ी को रोक दिया. गाड़ी में पति के साथ उस की प्रेमिका बैठी हुई थी. यह दृश्य देख कर महिला आपे से बाहर हो गई. अपनी गाड़ी पति की कार के आगे लगा कर वह पागलों की तरह चीखनेचिल्लाने लगी. गाड़ी के शीशे पीटने लगी. वह कार के बोनट पर चढ़ गई और जूते से कार के शीशे पर मारने लगी.

उस की इन हरकतों का अंजाम यह हुआ कि सड़क पर अच्छाखासा जाम लग गया. महिला का पति जब बाहर निकला तो महिला ने उस पर हमला कर दिया. मारपीट की नौबत आ गई. सड़क पर तमाशा बनता देख वहां मौजूद ट्रैफिक पुलिस ने चालान काटा और गाड़ी के साथ उन तीनों को पुलिस स्टेशन ले जाया गया. शांति भंग करने के लिए महिला को तलब किया गया.

इस सारी वारदात में गलती किस की है? पति को इस तरह तमाशा बन कर क्या मिला और उस महिला को भी बाद में अपनी इस वीडियो को देख कर क्या शर्म नहीं आ रही होगी?

सच तो यह है कि पति और पत्नी का रिश्ता बहुत ही निजी और कोमल होता है. आप अपने संबंधों की हकीकत सड़क पर लाएंगे तो तमाशा आप का ही बनेगा. सच यह भी है कि कोई भी महिला अपने पति को दूसरी औरत के साथ देखना बर्दाश्त नहीं कर सकती.

सालोंसाल जिस रिश्ते को उस ने अपना सब कुछ दिया, जो पति रोज उस के पास आता है, हमबिस्तर होता है और प्यार की बातें करता है, जिस पति और बच्चों के लिए उस महिला ने अपने शरीर और सुंदरता की चिंता छोड़ दी, जिस घर को सजाने में वह दिनरात लगी रहती है. यदि अचानक वही पति बेवफा निकले, घर छूटता हुआ और रिश्ता टूटता हुआ दिखे तो महिला की मानसिक स्थिति कैसी होगी इस की कल्पना कोई भी कर सकता है.

क्या बीतता है महिला के मन पर

सोशल वर्कर और साइकोलॉजिस्ट अनुजा कपूर कहती हैं कि जब स्त्री अपने पति को रंगे हाथों पकड़ती है तो सब से पहले तो एक अधूरापन उस के दिलोदिमाग पर हावी हो जाता है. वह सोचती है कि आखिर ऐसी क्या कमी रह गई थी जो पति को दूसरी की जरूरत पड़ गई.

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पति के साथ गुजारे हुए पुराने लम्हे उस के जेहन में उभरने लगते हैं. उसे याद आते हैं वे पल जब वह पति की बाहों में समा कर दुनिया जान भूल जाया करती थी. अब उसी पति की यादें उसे डंक की तरह चुभने लगती है.

महिला को भविष्य की चिंता भी सताने लगती है. घर टूटता हुआ दिखता है. बच्चे का भविष्य डगमगाता नजर आता है. उसे महसूस होता है जैसे वह पति के लिए महत्वपूर्ण नहीं रह गई. एक दूसरी औरत बन गई है. उस का आत्मविश्वास टूटने लगता है. असुरक्षा की भावना घर करने लगती है.

वह आगे की बात भी सोचती है कि उसे क्या फैसला लेना चाहिए. क्या वह तलाक लेगी? क्या अब उसे भी लंबी कानूनी प्रक्रिया के दौर से गुजरना पड़ेगा? उस की आर्थिक जरूरतें कैसे पूरी होंगी? यदि उस ने तलाक नहीं लिया तो क्या वह घरेलू हिंसा का शिकार बन जाएगी?

क्यों आती है यह परिस्थिति

कभी कभी महिला इस स्थिति के लिए खुद ही जिम्मेदार होती है. वह पति को जीवनसाथी कम और ड्राइवर, पैसे कमाने की मशीन या सेक्स ऑब्जेक्ट अधिक समझने लगती है. कई बार स्त्री की कुछ कमियां जैसे अधिक बोलना, गंदा रहना या फिर बेवकूफी वाली हरकतें करना और चौकेचूल्हे में सिमटे रहने की आदत पति के मन में विरक्ति पैदा करती है. ऐसे में दूसरी औरतों की तरफ उस का रुझान बढ़ जाता है.

यही नहीं पुरुषों को जब अपनी पत्नी में सेक्स अपील, खूबसूरती या कंफर्ट जोन की कमी दिखती है तो वे दूसरी औरतों की तरफ आकर्षित होते हैं. वे दूसरी औरत में अपनी महबूबा, हमराज या दोस्त तलाशते हैं.

नतीजा सुखद नहीं होता

दूसरी औरत की तरफ आगे बढ़ने वाले पुरुषों को खतरनाक परिणाम भुगतने पड़ते हैं. कभी न कभी असलियत पत्नी और परिवार वालों के आगे खुल ही जाती है. इस तरह पुरुष अपने ही घर में आग लगा लेते हैं. अपनी गृहस्थी जला बैठते हैं. मांबाप, रिश्तेदार और दोस्तों के आगे एक तरह से नंगे हो जाते हैं. अपने ही बच्चों की नजरों में गिर जाते हैं. दूसरी स्त्री उसे संभाल लेगी इस बात की कोई गारंटी नहीं होती. वे कानूनी प्रक्रिया के मकड़जाल में उलझ कर रह जाते हैं. मैंटेनेंस और कंपनसेशन के तौर पर एक लंबीचौड़ी रकम से हाथ धो बैठते हैं.

एक पुरुष जब पत्नी की कमी दूसरी औरतों से पूरा करने का प्रयास करता है तो दूसरी औरत के साथ बेशर्मी और नंगापन भी विरासत या दहेज़ के रूप में उस के जीवन में प्रवेश करते हैं. जब कोई पुरुष अपनी लक्ष्मण रेखा पार करता है तो एक तूफान आता है और हमेशा के लिए उस की जिंदगी में सन्नाटा पसर जाता है. उसे इस अवैध रिश्ते को खुद के आगे, मांबाप के आगे, जज और बच्चों के आगे जस्टिफाई करना पड़ता है.

स्पाइस ऑफ मैरिड लाइफ

दरअसल पुरुष की जिंदगी में दूसरी औरत तब आती है जब उस की जिंदगी से मैरिड लाइफ में मौजूद स्पाइस खत्म हो जाता है. यानी पतिपत्नी के रिश्ते के बीच में आकर्षण और चार्म नहीं रह जाता. पुरुष इसी स्पाइस को बाहर ढूंढने लगता है और जब वह इस कोशिश में अपनी लक्ष्मण रेखा लांघता है तो फिर दोबारा लौट कर नहीं आ पाता. एक बार बेवफाई साबित हो जाने पर स्त्री दोबारा पति पर विश्वास नहीं कर पाती. रिश्ते में जो दरार आती है वह दोबारा भर नहीं पाती.

स्त्री को लगता है कि जिस पुरुष के लिए उस ने इतना कुछ किया, अपना शरीर, जवानी ,करियर, वक्त सबकुछ दांव पर लगा दिया वही पति अब खूबसूरती और जवानी की तलाश में दूसरों के पास जा रहा है. यह जो थप्पड़ महिला के मुंह पर पड़ता है वह उसे बर्दाश्त नहीं कर पाती और डिप्रेशन में चली जाती है. सुसाइड तक करने की नौबत आ जाती है.

कुछ भी हासिल नहीं होता

ऐसी घटनाओं के बाद घर टूट जाते हैं. दुनिया में तमाशा बन जाता है. पतिपत्नी दोनों के ही जीवन से सुख, शांति और सुकून पूरी तरह गायब हो जाते हैं. बच्चों का भविष्य अधर में लटक कर रह जाता है.

बुढ़ापे में अकेलापन

बेवफाई का असली खामियाजा बाहर मुंह मारने वाले साथी को साठ साल की उम्र के बाद झेलना पड़ सकता है. इस उम्र में इंसान का शरीर थकने लगता है. ऐसे में पैसे या शारीरिक सुख के आधार पर बनाए गए रिश्ते काम नहीं आते. इस वक्त इंसान को सच्चे साथी और हमदर्द की जरूरत होती है और सच्चा साथी पत्नी से बढ़ कर कोई नहीं हो सकता. मगर बेवफा पुरुष के पास पत्नी नहीं होती. बच्चे भी मुंह मोड़ चुके होते हैं. इस वक्त कोई उस के साथ नहीं होता और उसे अकेलापन सालने लगता है. पश्चाताप की भावना मुखर हो उठती है. ऐसे में उस के ऊपर यह कहावत सटीक बैठती है , अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत..

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समय रहते करें चिंतन

ऐसे हालात लाने से बेहतर है कि पुरुष यह समझे कि यदि यही काम उस की पत्नी करती तो क्या वह उसे बर्दाश्त कर पाता?पुरुष को चाहिए कि यदि उसे पत्नी में कोई कमी दिख रही है तो ऐसी बात सीधा अपनी पत्नी से कहे. परिवार वालों से सलाह ले. मैरिज काउंसलर के पास जाए. न कि उस कमी की पूर्ति बाहर करने का प्रयास करें.

समस्या कोई भी हो पहले उसे सुलझाने का प्रयास करना चाहिए

पुरुषों को यह समझना पड़ेगा कि बेवफाई का रास्ता बहुत गंदा और नंगा है जिस पर चल कर कुछ हासिल नहीं होता. इसी तरह स्त्री को भी ध्यान में रखना चाहिए कि वह बच्चों, चौकाचूल्हा और गृहस्थी में इतनी व्यस्त न हो जाए कि पति को भुला बैठे.

पति की जरूरतों का भी ख़याल रखें. खुद को हमेशा फिट और स्मार्ट बनाएरखने का प्रयास करें. पति की महबूबा बनें न कि मजबूरी. साफ़ सुथरी, स्मार्ट महिलाएं सब को पसंद आती हैं. लटकीझटकी बहनजी टाइप की महिला न बनें. अपने ऊपर भी ध्यान दें और अपनी रोमांटिक लाइफ पर भी काम करती रहें.

 जब पति फूहड़ कह मारपीट करने लगे

 किसी भी पति को अपनी पत्नी पर हाथ उठाने का हक नहीं होना चाहिए भले ही वह दावा करे कि उसे फूहड़ पत्नी मिली है, वह उस से परेशान है. किसी भी स्त्री को यह कह कर प्रताडि़त किया जाना बेहद शर्मनाक है.

एक छोटे से शहर की मेधा जब विवाह के बाद एक बड़े शहर में आई तो वह बहुत खुश थी. सुशिक्षित थी, सुंदर थी, पर पति को बातबात पर उसे फूहड़ कह कर अपमान करने की आदत थी.

मेधा बताती है, ‘‘मेरा पति विनोद मु झे फूहड़ कह कर ऐसीऐसी जलीकटी सुनाता है कि मेरा मन कराह उठता है. मैं छोटे शहर की हूं, यह तो उसे शादी के समय भी पता था. मेरे जीने के आसान तरीके उसे फूहड़ों वाले लगते हैं. कहता है कि तुम फूहड़ हो, मु झे तो डर लगता है कि तुम बच्चों को भी कैसे संभालोगी, तुम्हारे जैसी फूहड़ तो मां कहलाने के लायक भी नहीं होगी. सब मु झे ही देखना पड़ेगा.

‘‘वह मु झे फूहड़ कह कर सारा पैसा अपने पास रखता है. मु झे फूटी कौड़ी भी नहीं देता. अब तो फूहड़ कहने के साथसाथ हाथ भी उठाने लगा है. बेकार की बातों पर मेरा अपमान करना उस की आदत बन गई है. तभी तो बच्चे भी नहीं हुए. होंगे तो उन के सामने भी फूहड़ कह कर यही सब करेगा. सोच कर ही बहुत परेशान रहने लगी हूं.’’

सुमन को ड्राइविंग आती है पर उस का पति उसे कार को हाथ तक नहीं लगाने देता, कहता है कि तुम फूहड़ हो. सुमन बताती है कि शादी से पहले वह अपने पापा की कार चला कर आराम से घर के काम कर आती थी, मगर अब उस का पति कपिल वह कहां है, क्या कर रही है यानी उस की पलपल की खबर रखने के लिए बारबार फोन करता है. वह गलती से भी किसी बात पर अपनी राय जाहिर कर दे तो उस पर हाथ तक उठा देता है, इसीलिए अब वह अपने मन की बात जबान पर नहीं लाती.

किस ने दिया पिटाई का हक

अपनी पत्नी को फूहड़ कह कर उस पर हाथ उठाने वाला हर पति यह कहता है कि उस का इस में कोई कुसूर नहीं है पत्नी ही उसे गुस्सा दिलाती है. परिवार के दोस्त भी ऐसे पतियों की बातों में आ जाते हैं और मानने लगते हैं कि पत्नी ही फूहड़ होगी, जिस वजह से पति परेशान हो कर कभीकभी हाथ उठा देता होगा. मगर यह तो वही बात हुई कि उलटा चोर कोतवाल को डांटे यानी पत्नी मार भी सहे और अपने को फूहड़ कहलाए जाने की बदनामी भी  झेले, जबकि सच यह है कि मारपीट की शिकार पत्नी अपने पति को खुश रखने के लिए क्या कुछ नहीं करती. पति का पत्नी को मारना किसी भी हालत में उचित नहीं ठहराया जा सकता.

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पत्नी के साथ दुर्व्यवहार एक ऐसा मामला है, जिसे आसानी से नहीं सुल झाया जा सकता. ऐसी पत्नियों की मदद करने के लिए पहला कदम यह उठाया जा सकता है कि हम प्यार से उन की हर बात सुनें. हम यह याद रखें कि मारपीट की शिकार औरतों को यह बताना अकसर बहुत मुश्किल लगता है कि उन पर क्या बीत रही है. जैसेजैसे ये महिलाएं अपने हालात का सामना करना सीखती हैं, हर कदम पर उन की हिम्मत बंधाई जानी चाहिए. फिर चाहे ऐसा करने में कितना ही समय क्यों न लगे.

पत्नी ले सकती कानून की मदद

मारपीट की शिकार कुछ औरतों को शायद कानून की मदद लेने की जरूरत हो सकती है. कभीकभी बात हद से पार हो जाने पर पुलिस की दखलंदाजी पति को यह एहसास दिला सकती है कि उस की हरकत मामूली नहीं. उसे उस के किए पर शर्मिंदा किया जा सकता है. यह भी होता है कि मामला रफादफा होने पर ऐसा इंसान अकसर पश्चात्ताप या बदलने का कोई भी इरादा अपने मन से निकाल देता है.

ऐसे मामले में अंजलि अपना अच्छा अनुभव बहुत खुशी से शेयर करती हुई कहती है, ‘‘मेरी शादी हुई तो मैं सच में कई चीजों में बहुत फूहड़ थी. न खाना ठीक से बनाना आता था, न साफसफाई का शौक था. मेरे पति अजय को हर चीज ठीक से करने की आदत थी. उसे मु झ पर  झुं झलाहट होती, पर मैं  झट सौरी बोल कर काम में लग जाती और फिर वह प्यार से मु झे सिखाता चला गया और मैं सीखती चली गई. मेरी सासूमां ने भी मु झे कई चीजें बहुत प्यार से सिखाईं, वहीं अगर ससुराल में सब मु झे फूहड़ बताबता कर ताने मारते तो यकीनन अजय और मेरे संबंध काफी खराब होते. कई पति भी तो कई चीजों में अनाड़ी होते हैं, तब पत्नी भी तो उन के साथ खुशीखुशी ऐडजस्ट करती ही है न. फिर थोड़ाबहुत पति भी कर ले तो इस में क्या बुराई है.’’

सीमा अपना दुखद अनुभव शेयर करते हुए कहती है, ‘‘मु झे अपने पति को छोड़ने में 30 साल लगे. यह लंबा समय मैं ने सिर्फ यह सुनते हुए बिताया कि मैं फूहड़ हूं. बच्चे पूछते हैं कि मैं ने पहले क्यों नहीं अलग रहने के बारे में सोचा. मगर मैं सोचती थी कि बच्चों को कैसे पालूंगी? कहां ले कर जाऊंगी, पति न होने से मारपीट करने वाला पति ही ठीक है, पर आज सोचती हूं कि मैं कितनी गलत थी. अपनी लाइफ का कितना समय मैं ने दुखों में बिता दिया. हम कितने ही तरीकों से ऐसे रिश्ते में खुद को बांधे रहने में खुद को ही सम झाते रहते हैं, जबकि हाथ उठाने वाले पति को छोड़ने का एक यही कारण ही बहुत बड़ा है.’’

पेरैंट्स से न छिपाएं

अगर किसी भी पत्नी को फूहड़ कहकह कर उस पर हाथ उठाया जाता रहे तो उसे अपने पेरैंट्स से यह समस्या शेयर कर लेनी चाहिए और इस पर स्ट्रौंग ऐक्शन लेना चाहिए. कई बार पत्नी ही यह सोचने लगती है कि इस मारपीट की वही जिम्मेदार है. उसी ने अपने पति को गुस्सा दिलाया है. मगर यदि यह सिलसिला रुक न रहा हो तो पुलिस की हैल्प लेने की धमकी भी दें. अगर उसे यह सिर्फ धमकी लगे तो पुलिस की हैल्प लेने से पीछे न हटें. किसी भी सूरत में अपने साथ मारपीट न होने दें.

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पत्नी पर हाथ उठाने का कोई भी कारण बताया जाए, स्वीकार्य नहीं है. अगर पत्नी ने यह मारपीट रोकने के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया तो यह मारपीट कभी नहीं रुकेगी. एक स्त्री बहुत कुछ सहन कर लेती है. बचपन में भेदभाव, ससुराल के उलाहने सहने के बाद भी नहीं टूटती, पर वह तब टूट जाती है जब वह जिस के लिए सबकुछ छोड़ आती है, वही उस के साथ दुर्व्यवहार करता है.

जब किसी पुरूष का टूटता है दिल

जिंदादिल और दूसरों को हमेशा खुश रखने वाला समीर आजकल तनाव में रह रहा है. वह न तो किसी से ज्यादा बात करता है और न ही कहीं आताजाता है. औफिस से आते ही वह खुद को अपने कमरे में बंद कर लेता है. दरअसल, कुछ दिनों पहले उस का अपनी गर्लफ्रैंड से ब्रेकअप हो गया और जिस कारण वह तनाव में रहने लगा.

समीर का कहना है कि जब उस की गर्लफ्रैंड से उस का ब्रेकअप हुआ तो लगा मानो उस की पूरी दुनिया ही उजड़ गई. वह ब्रेकअप के दर्द से बाहर नहीं आ पा रहा है.

आज के संदर्भ में यह कहना गलत नहीं होगा कि व्यस्त जिंदगी के बीच रिश्ते भी बहुत तेजी से बदल रहे हैं. आज जितनी जल्दी लोगों को प्यार हो जाता है, उतनी ही जल्दी रिश्ते टूट भी जाते हैं.

लव अफेयर में जब ब्रेकअप होता है, तो इस का महिलाओं के जीवन में भी बहुत बुरा असर होता है. वे डिप्रैशन और असुरक्षा की भावना का शिकार हो जाती हैं. उन में उदासी घर कर जाती है. ब्रेकअप के कारण कई बार वे आत्महत्या तक कर लेती हैं, क्योंकि पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक भावुक और संवेदनशील होती हैं.

वहीं आमतौर पर यह माना जाता है कि पुरुषों पर ब्रेकअप का कुछ खास असर नहीं पड़ता. लेकिन ऐसा नहीं है. कई बार पुरुष भी ब्रेकअप से प्रभावित होते हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि ब्रेकअप होने पर महिलाएं अपना दर्द व्यक्त कर पाती हैं, जिस से उन के दिल का बोझ कुछ कम हो जाता है, जबकि पुरुष अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं और ब्रेकअप के दर्द को अकेले ही झेलते हैं.

कई बार पुरुष ब्रेकअप से इस कदर टूट जाते हैं कि लोगों से मिलनाजुलना और यहां तक कि खानापीना तक छोड़ देते हैं. लेकिन लोग यह बात कम ही समझ पाते हैं.

ब्रेकअप का पुरुषों पर असर

जब किसी पुरूष का ब्रेकअप होता है, तो वे किस कदर इस से प्रभावित होते हैं, आइए जानते हैं :

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खुद को दोषी मानने लगना :

ब्रेकअप होने के बाद ज्यादातर पुरुष खुद को ही दोषी मानने लगते हैं. भले ही लोगों के सामने वे कुछ भी कह लें, पर मन ही मन ब्रेकअप के लिए खुद को ही जिम्मेदार मानने लगते हैं. ब्रेकअप के बाद पुरूष गहरे तनाव में आ जाते हैं. अधिक तनाव में रहने के कारण सोचनेसमझने की क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ने लगता है.  जो पुरुष अधिक संवेदनशील होते हैं, वे अपने पार्टनर की गलतियों को जानते हुए भी, उस की गलती न मान कर खुद को ही दोषी ठहरा देते हैं. ब्रेकअप के बाद ऐसे संवेदनशील लोग भीतर से टूट जाते हैं.

अकेलापन :

ब्रेकअप के बाद पुरूष अकेलापन महसूस करने लगते हैं और अपना दुख जाहिर नहीं कर पाते, जबकि महिलाएं अपने दिल का हाल दूसरों से शेयर कर लेती हैं. इस से उन का दर्द कम हो जाता है, पर पुरुषों के साथ ऐसा नहीं होता.

तनाव के शिकार हो जाते हैं :

ब्रेकअप के बाद तनाव और डिप्रैशन का शिकार सिर्फ महिलाएं ही नहीं होतीं, बल्कि पुरुष भी होते हैं. भले ही ब्रेकअप के तुरंत बाद कोई पुरूष खुद आजादी महसूस करता हो, पर धीरेधीरे वह अकेलापन और तनाव महसूस करना लगता है. वह शराबसिगरेट जैसी गलत लत का भी शिकार हो जाता है.

बारबार गलतियां दोहराते हैं :

पुरुष ब्रेकअप के बाद खुद को दोषी जरूर मानते हैं, लेकिन वे खुद में बिलकुल भी सुधार नहीं करते. जहां ब्रेकअप के बाद महिलाएं तुरंत किसी नए रिलेशनशिप में नहीं पड़ना चाहतीं, वहीं पुरुष ब्रेकअप के गम को भुलाने के लिए किसी दूसरे पार्टनर की तलाश में लग जाते हैं, जबकि कई बार यह तलाश सही साबित नहीं होती. अगर उन्हें कोई पार्टनर मिल भी जाता है तो ब्रेकअप के बाद  जल्दी उस पर भरोसा नहीं कर पाते और टाइमपास करने लगते हैं.

एक्स की याद में बेचैन हो जाना :

आमतौर यह देखा गया है कि ब्रेकअप के बाद भी ज्यादातर पुरुषों को यही उम्मीद रहती है कि उन की प्रेमिका फिर लौट कर उन के पास वापस आ जाएगी और इस के लिए वे प्रयास भी करते हैं. मौका मिलने पर वे अपनी ऐक्स से माफी भी मांग लेते हैं.

काम से लेते हैं ब्रैक :

कई पुरुष ब्रेकअप के बाद इतने दुख में डूब जाते हैं कि उन्हें कुछ करने का मन नहीं होता, यहां तक की औफिस में भी उन का मन नहीं लगता और वे काम से छुट्टी ले लेते हैं. लेकिन इस से भी उन्हें चैन नहीं मिलता, क्योंकि खाली बैठेबैठे फिर वही ब्रेकअप की बातें उन्हें परेशान करने लगती है और उन का दर्द घटने के बजाय और बढ़ने लगता है. वहीं महिलाएं मानसिक परेशानियों के बावजूद भी अपने काम बेहतर ढंग से करती रहती हैं.

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ब्रेकअप के दर्द से कैसे उबरें पुरुष

किसी भी रिश्ते को भुलाना आसान नहीं होता, उस से हमारी भावनाएं जुड़ी होती हैं. खासकर जब रिश्ता प्यार का हो. जब हम किसी अपने से अलग होते हैं, तो उस दर्द को बरदाश्त कर पाना आसान नहीं होता. हम उस रिश्ते से निकलना चाहते हैं, पर हमारी भावनाएं हम पर हावी रहती हैं और यही डिप्रैशन का कारण बनती है, क्योंकि हम उसे भुलाने की कोशिश करते हैं, पर बारबार उसी की याद आती है.

ऐसे में अकसर हम वे गलतियां कर जाते हैं जो हमें नहीं करनी चाहिए. जैसे बारबार हम अपने ऐक्स को फोन लगाते हैं, उसे मैसेज करने लगते हैं. कभी खुद को कमरे में बंद कर लेते हैं, तो कभी नशे में डूब जाते हैं, क्योंकि ब्रेकअप का वक्त बहुत बुरा होता है.

हम किसी से भावनात्मक रूप से इतने जुङ जाते हैं कि हमें उस की आदत लग जाती है और जब वह किसी कारणवश अचानक से साथ छोड़ जाए, तो यह हम से बरदाश्त  नहीं होता. लेकिन भलाई इसी में है कि इस सचाई को स्वीकार कर  जीवन में आगे बढ़ा जाए.

अकेले न रहें :

ब्रेकअप के बाद अकसर लोग अकेले रहना पसंद करते हैं. यह सही नहीं है. दोस्तों से मिलें, परिवार को समय दें, उन के साथ थोड़ा वक्त बिताएं. घूमने जाएं. इस से आप के मन को सुकून मिलेगा और आप खुश भी रहेंगे.

कैरियर पर ध्यान दें :

ब्रेकअप का असर कभी भी अपने कैरियर पर न पड़ने दें. अकसर लोग ब्रेकअप के बाद अपने काम में मन नहीं लगाते और पर्सनल के साथ प्रोफैशनल लाइफ भी खराब कर लेते हैं. यह गलती कतई न करें, क्योंकि जिसे आप के जीवन से जाना था वह चला गया. फायदा इसी में है कि उसे भूल जाएं और अपने काम पर फोकस करें.

खुद को दोष देना बंद करें :

आप का ब्रेकअप हुआ है, इस का यह मतलब नहीं कि सारी गलती आप की ही थी. हर इंसान का अपनाअपना स्वभाव होता है. हो सकता है कि आप दोनों का स्वभाव एकदूसरे से मेल नहीं खाता हो, इसलिए आप दोनों का ब्रेकअप हो गया. ‘यह तो एक दिन होना ही था’, ऐसा सोचिए और खुश हो जाइए कि जो कल होना था, आज हो गया. अपनी गलतियों से सीख लें और सैल्फ गिल्ट में न जाएं.

सकारात्मक सोचें :

यह सोचें कि जो हुआ अच्छा हुआ और जो होगा वह भी अच्छा ही होगा. इसलिए हमेशा सकारात्मक सोच रखें.

समाजिक बनें :

खुद को अच्छा महसूस कराने के लिए वह करें जिस से आप को खुशी मिलती हो. आप अपनी पसंद की कोई हौबी चुनें और उस में व्यस्त रहें.

नशे को दोस्त न बनाएं :

अकसर लोग ब्रेकअप के बाद, उसे भुलाने के लिए नशे आदि का सहारा लेने लगते हैं, जोकि गलत है. ब्रेकअप हुआ है, कोई जिंदगी खत्म नहीं हो गई. रास्ते और भी हैं, बस चलने की ताकत रखिए. इसलिए नशे से खुद को दूर रखिए.

कमियों को सुधारें :

आप का ब्रेकअप क्यों हुआ? यह सोचें और सबक लें, ताकि आगे यह गलती न होने पाए.

मनोचिकित्सक की सलाह लें :

अपनी फिलिंग्स हर किसी से शेयर न करें, क्योंकि जितनी मुंह उतनी बातें होंगी. जानें कौन आप की बातें किस तरह से लें. इस के बजाय आप किसी अच्छे मनोचिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं. वे आप को सही सलाह देंगे.

आप बीमार नहीं हैं :

यह एक ऐसी परिस्थिति है जो धीरेधीरे वक्त के साथ ठीक हो जाएगी. इस दौरान अगर नींद नहीं आती है तो किसी अच्छे लेखक की किताब पढ़िए, पत्रिकाएं पढ़िए, संगीत सुनिए.

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ब्रेकअप को करें सैलिब्रेट :

जिस तरह हर छोटीबड़ी खुशियों को सैलिब्रेट करना जरूरी है, वैसे ही अपने ब्रेकअप को भी सैलिब्रेट करें. इस दौरान खुद को ट्रीट दें. आप को निश्चित ही अच्छा महसूस होगा.

जानें कैसे करें लव मैरिज

राशि और अमन का अफेयर पिछले 2 साल से चल रहा है. अब उन्होंने शादी करने का फैसला ले लिया, लेकिन वे इस बात को अच्छी तरह जानते थे कि उन के पेरैंट्स इस रिश्ते के सख्त खिलाफ होंगे और वे चाह कर भी घर वालों की रजामंदी से शादी नहीं कर पाएंगे. इसलिए उन्होंने कोर्टमैरिज के बारे में सोचा, लेकिन कोर्ट में शादी की क्या औपचारिकताएं होती हैं, इस बारे में उन्हें कुछ पता नहीं था. उन्होंने अपने एक कौमन फ्रैंड राजेश से बात की जिस ने अभी कुछ साल पहले ही कोर्टमैरिज की थी, लेकिन उस से भी उन्हें आधीअधूरी जानकारी ही मिली.

ऐसा कई जोड़ों के साथ होता है, वे शादी करना तो चाहते हैं, लेकिन उस का क्या प्रोसीजर है, इस के बारे में उन्हें कुछ पता नहीं होता और संकोचवश वे खुद इस की जांचपड़ताल करने से हिचकिचाते हैं. आइए जानें कि अगर पेरैंट्स राजी नहीं हैं और आप शादी के फैसले तक पहुंच गए हैं, तो आप विवाह कैसे कर सकते हैं.

1. आर्य समाज मंदिर में विवाह प्रक्रिया

आर्य समाज मंदिर में जो विवाह होते हैं, वे सभी हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत होते हैं. आर्य समाज मंदिर आमतौर पर विवाह की पंजिका रखते हैं और प्रमाणपत्र जारी करते हैं. विवाह से पहले यह भी जानकारी लेते हैं कि दोनों पक्ष विवाह के योग्य हैं भी या नहीं और विवाह दोनों की पूर्ण सहमति से हो रहा है.

  • आर्य समाज मंदिर वही विवाह कराते हैं जोकि कानूनन वैध हों. वहां दोनों की आयु के प्रमाणपत्र देखे जाते हैं. विवाह सूत्र में बंधने जा रहे युवकयुवती में कोई ऐसा संबंध तो नहीं जिस से विवाह अवैध हो, साथ ही यह भी देखा जाता है कि उन में से कोई विवाह के अयोग्य तो नहीं है. इस तरह हिंदू विवाह के लिए आवश्यक बातों को देखते हुए आर्य समाज मंदिर एक वैध विवाह संपन्न कराता है. वहां विवाह के साक्षी भी होते हैं. आर्य समाज मंदिर अपने रजिस्टर में इन सभी तथ्यों को अंकित करते हुए विवाह के बाद विवाह प्रमाणपत्र भी जारी करते हैं.
  • आर्य समाज मंदिर में शादी करने के लिए युवती की उम्र 18 साल और युवक की उम्र 21 साल होनी चाहिए.
  • युवकयुवती की डेट औफ बर्थ का पू्रफ होना चाहिए जैसे कि उन का 10वीं का सर्टिफिकेट या बर्थ सर्टिफिकेट आदि.
  • एड्रैस प्रूफ होना चाहिए.
  • 2 गवाह होने चाहिए.
  • शादी से 2 दिन पहले एक आवेदनपत्र भरना होगा और उस के साथ डेट औफ बर्थ सर्टिफिकेट अटैच करना होगा. इस तरह सभी औपचारिकताएं पूरी कर आवेदन करने के 2 दिन बाद आप वहां जा कर शादी कर सकते हैं.

लेकिन आर्य समाज मंदिर में विवाह के बारे में गे्रटर नोएडा आर्य समाज मंदिर के धर्माचार्य जनमेजय शास्त्रीजी का कहना है कि मई, 2013 में हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के आर्य समाज मंदिरों के लिए एक गाइडलाइन तैयार की है. अपने फैसले में जस्टिस एन के मोदी ने कहा कि कई युवतियां किशोरावस्था पार करते ही अचानक घर छोड़ कर गायब हो जाती हैं और आर्य समाज मंदिर में शादी कर के आसानी से शादी का प्रमाणपत्र ले लेती हैं. बिना मांबाप की सहमति और उन्हें पूर्व सूचना दिए होने वाले इस तरह के विवाह के कारण ही सामाजिक परेशानियां खड़ी हो रही हैं. इसी वजह से हाईकोर्ट ने ऐसी शादियों के नियम कड़े कर दिए हैं. अब आर्य समाज पद्धति से विवाह करना आसान नहीं होगा.

आर्य समाज मंदिर में शादी कराने से 6 दिन पहले युवकयुवती के पेरैंट्स को सूचना देनी होगी. इस के साथ ही संबंधित थाने में भी जानकारी देनी होगी. आर्य समाज मंदिर को शादी कराने से पहले युवकयुवती से लिखित में स्वीकृति लेनी होगी साथ ही यह भी तय करना होगा कि शादी के समय युवक और युवती की ओर से 5-5 परिजन मौजूद रहें. अदालत ने इस आदेश की कौपी थाने में चिपकाने के भी आदेश दिए हैं. यह आदेश पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश में लागू हो चुका है, लेकिन दिल्ली एनसीआर में अभी यह नियम लागू नहीं है, इसलिए यहां अभी पुराने तरीकों से ही विवाह संपन्न हो रहे हैं.

2. बिना धर्म बदले हो सकती है शादी

स्पेशल मैरिज ऐक्ट के तहत बिना धर्म बदले भी शादी हो सकती है. इस के लिए आप को अपने क्षेत्र के मैरिज अधिकारी, एसडीएम, डीएम, मैरिज पंजीयक या किसी भी सक्षम अधिकारी के पास अर्जी लगानी पड़ेगी. इस के लिए अधिकारी 30 दिन का नोटिस जारी कर आपत्ति मंगवाएंगे कि कहीं कोई पार्टी नाबालिग या शादीशुदा तो नहीं है. इस के 30 दिन बाद आप शादी कर सकते हैं, क्योंकि अगर आप 21 साल के हैं, तो शादी हो सकती है. हां, यदि युवती के मातापिता राजी नहीं हैं तो आर्य समाज मंदिर में जा कर शुद्धिकरण यज्ञ के बाद शादी कर सकते हैं, जो बाद में हिंदू मैरिज ऐक्ट के तहत रजिस्टर हो सकती है. इस में कोई नोटिस नहीं दिया जाता है.

अमूमन आर्य समाज मंदिर में शादी के तुरंत बाद प्रमाणपत्र मिल जाता है और उस के बाद 2-3 दिन में ही आप हिंदू मैरिज ऐक्ट के तहत अपनी शादी रजिस्टर करवा सकते हैं. उस के बाद आप के खिलाफ यदि कोई मामला दर्ज कराता है, तो वह खारिज हो जाएगा. लेकिन ध्यान रहे कि शादी रजिस्टर्ड आर्य समाज मंदिर जो सार्वदेशिक आर्य सभा से संबंधित हो, से ही करवाएं. अन्य संस्थाएं फर्जी हैं, जिन के शादी के पू्रफ मान्य नहीं होते हैं. आप अपने किसी बालिग मित्र जो पैनकार्ड व पासपोर्ट धारक हो, को साथ ले जाएं ताकि आसानी से उन का रजिस्टे्रशन हो जाए. अब राजपत्रित अधिकारी या पारिवारिक सदस्य की आवश्यकता नहीं होती.

3. मुसलिम लौ जान लें

15 वर्ष या उस से ज्यादा उम्र की मुसलिम युवती अगर प्यूबर्टी यानी शारीरिक रूप से बालिग है, तो वह शादी कर सकती है. ऐसी शादी को अवैध नहीं ठहराया जा सकता. मुसलिम ला के तहत निकाह सिविल कौंटैक्ट है और निकाह के लिए प्रस्ताव दिया जाता है, जिसे युवती स्वीकार करती है. इस के तहत मेहर की रकम तय होती है, जो युवती को दी जाती है. निकाह कबूल करने के बाद यह पूरा माना जाता है. काजी और गवाह की मौजूदगी में यह निकाह होता है. यह निकाह मौलवी साहब कहीं भी पढ़वा सकते हैं, फिर चाहे वह घर ही क्यों न हो. इस के लिए युवक और युवती का मुसलिम होना जरूरी है.

4. हिंदू मैरिज एक्ट में ये है औप्शन

हिंदू मैरिज ऐक्ट 1955 के तहत 18 साल से कम उम्र की युवती की अगर शादी होती है, तो वह भी अमान्य नहीं है. हिंदू मैरिज ऐक्ट के तहत हिंदू रीतिरिवाज से शादी होनी चाहिए. इस के तहत हिंदू युवक और युवती जो प्रोहिबिटेड रिलेशन यानी नजदीकी रिश्तेदार और स्पिंडा रिलेशन यानी पिता की 5 पीढ़ी और मां की 3 पीढ़ी में होना न हो, शादी कर सकते हैं. इस के लिए अग्नि के सामने फेरे और वचन के साथसाथ अन्य कई रीतिरिवाजों का पालन होता है. इस के बाद ही शादी पूर्ण मानी जाती है, लेकिन अगर कोई शख्स 18 साल से कम उम्र का है और वह शादी करता है, तो बालिग होने के बाद ऐसी शादी को अमान्य करार देने के लिए गुहार लगा सकता है. अगर शादी को अमान्य करने के लिए गुहार नहीं लगाई जाती, तो शादी मान्य मानी जाती है.

5. वकीलों का प्रेमी जोड़ों के लिए मैरिज पैकेज

जून, 2013 में अखबार में छपी एक खबर के अनुसार हाईटैक होती शादियों के बीच अब प्रेमी जोड़ों के विवाहबंधन में बंधने का नया ट्रैंड चल पड़ा है. परिजनों की मरजी के खिलाफ विवाह करने के इच्छुक जोड़ों को वकील बाकायदा मैरिज पैकेज दे रहे हैं. इस में मंदिर, पुजारी, फेरे, कोर्टमैरिज व सुरक्षा खर्च तक की व्यवस्था शामिल है. नए ट्रैंड का फायदा उठाते हुए पंडित भी वकीलों को ग्राहक लाने के लिए एसएमएस कर रहे हैं.

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की वकेशन बैंच के सामने इन दिनों आधे से ज्यादा केस प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा से संबंधित हैं. जब कोई प्रेमी जोड़ा हाईकोर्ट में सुरक्षा लेने के लिए आता है, तो वकील विवाह कराने के लिए पंडितों की सेवा लेते हैं. विभिन्न मंदिरों के पुजारियों समेत कई अन्य धार्मिक संस्थानों के प्रतिनिधि हाईकोर्ट के वकीलों के संपर्क में रहते हैं.

6. भाग कर शादी करने वाले जोड़ों को मिलेगी शैल्टर होम्स की सुरक्षा

जून, 2013 में छपी एक खबर के अनुसार पेरैंट्स की इच्छा के विरुद्ध प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों के लिए एक अच्छी खबर है. राजस्थान सरकार प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों के लिए कपल शैल्टर होम्स बनाने जा रही है.

गैर सरकारी संगठनों की पहल पर पहले चरण में सरकार जयपुर में इस तरह के कपल शैल्टर होम की योजना बनाने जा रही है, जो बाद में संभाग मुख्यालयों पर भी बनाए जा सकते हैं. पड़ोसी राज्य हरियाणा में ब्लौक स्तर पर शैल्टर कपल होम बनाए गए हैं, जहां सरकारी खर्च पर प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों के रहने का इंतजाम किया जाता है. प्रेमी युगल के खिलाफ खाप पंचायतों के फरमानों के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने यह कदम उठाया. राज्य में पिछले कुछ वर्षों से प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों के खिलाफ हिंसक घटनाएं हो रही हैं.

खासतौर पर दोनों के परिवार वाले और समाज की ओर से आएदिन उत्पीड़न की खबरें मिलती रहती हैं. पुलिस सूत्रों की मानें, तो पेरैंट्स की ओर से दर्ज कराए जाने वाले अपहरण से संबंधित करीब आधे मामले प्रेम विवाह से संबंधित होते हैं. जिन में युवकयुवती अपनी मरजी से या तो घर छोड़ कर चले जाते हैं या फिर भाग कर शादी रचा लेते हैं.

अकसर ऐसे मामलों में पुलिस का व्यवहार भी प्रेमी युगल के खिलाफ ही होता है. यही वजह है कि इस तरह के कपल के लिए शैल्टर होम्स बनाए जा रहे हैं.

सैफ और करीना ने की कोर्टमैरिज

शादी से पहले करीना के धर्म बदलने की खबरों के बीच सैफ ने सुरक्षित रास्ता अपनाते हुए निकाह के लिए कानून का रास्ता अपनाया. इस के लिए सैफ और करीना बांद्रा स्थित रजिस्ट्रार औफिस गए और शादी के लिए जरूरी कागजात जमा किए व आवेदन के 30 दिन के भीतर कोर्टमैरिज कर ली.

चिरंजीवी की बेटी ने भाग कर शादी की

तेलुगु सुपरस्टार चिरंजीवी की दूसरी बेटी श्रीजा ने परिवार की मरजी के खिलाफ घर से भाग कर अपने प्रेमी श्रीश भारद्वाज से हैदराबाद के एक आर्य समाज मंदिर में शादी की.

नरगिस और सुनील दत्त ने आर्य समाज में किया था विवाह

11 मार्च, 1958 को जानेमाने फिल्मी कलाकार नरगिस और सुनील दत्त ने भी आर्य समाज मंदिर में शादी की थी.

कोर्टमैरिज भी है आसान रास्ता

अगर आप ने शादी का फैसला ले लिया है और आप के पास थोड़ा सा भी समय है, तो आप कोर्टमैरिज कर सकते हैं. दरअसल, विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत होने वाले विवाह को ही कोर्टमैरिज कहते हैं.

– इस के लिए युवकयुवती को निर्धारित प्रपत्र में विवाह करने के आशय की सूचना जिला विवाह अधिकारी को प्रस्तुत करनी होती है.

– साथ ही नोटिस जारी करने का शुल्क जमा करना होता है जोकि नाममात्र का होता है.

– इस आवेदन के साथ युवकयुवती के फोटो पहचानपत्र भी प्रस्तुत करने होते हैं. इस संबंध में पूरी जानकारी जिला कलैक्टर कार्यालय में विशेष विवाह अधिनियम के मामले देखने वाले लिपिक से प्राप्त की जा सकती है.

– यह आवेदन कलैक्टर के कार्यालय की नोटिस बुक में रहता है, जिसे कोई भी देख सकता है और उसे कार्यालय के किसी सार्वजनिक स्थान पर चिपकाया जाता है. यदि विवाह के इच्छुक दोनों व्यक्ति या दोनों में से कोई एक किसी दूसरे जिले का निवासी है, तो यह नोटिस उस जिले के कलैक्टर को भेजा जाता है और वहां सार्वजनिक स्थान पर चिपकाया जाता है. इस नोटिस का उद्देश्य यह जानना है कि युवकयुवती दोनों विवाह के लिए पात्रता रखते हैं या नहीं.

– यदि विवाह में कोई कानूनी बाधा न हो, तो नोटिस जारी करने के 30 दिन के अंदर या फिर आवेदन प्रस्तुत करने के 3 माह समाप्त होने से पहले कभी भी जिला विवाह अधिकारी के समक्ष विवाह संपन्न कराया जा सकता है, जिस के बाद जिला विवाह अधिकारी विवाह का प्रमाणपत्र जारी कर देता है.

– कोर्ट में युवकयुवती जाति और धर्म के अंतर के बावजूद विवाह कर सकते हैं.

मेरी समस्या वैजाइना के ढीलेपन को लेकर है, कृपया समाधान बताएं?

सवाल

मैं 16 वर्षीय युवती हूं. मेरी 3 समस्याएं हैं- पहली समस्या यह है कि मेरे नीचे का होंठ बहुत मोटा है, जिस की वजह से मैं अच्छी नहीं दिखती. कोई तरीका बताएं जिस से मैं मोटे होंठ को पतला दिखा सकूं.

मेरी दूसरी समस्या मेरे ब्रैस्ट को ले कर है. मेरी ब्रैस्ट बहुत छोटी है, जिस की वजह से मैं कुछ भी पहनूं ग्रेस नहीं आता.

तीसरी समस्या मेरी वैजाइना के ढीलेपन को ले कर है. मेरे 3 सालों से एक लड़के से शारीरिक संबंध हैं, जिस की वजह से यह समस्या हो गई है. कृपया मेरी इन समस्याओं के समाधान बताएं?

जवाब
मोटे होंठ को पतला दिखाने के लिए नैचुरल लिपलाइन को छिपाएं. इस के लिए फाउंडेशन का इस्तेमाल पूरे होंठ पर करें. फिर मनचाही आउटलाइन खीचें और लाइट शेड की लिपस्टिक से फिलिंग करें.

आप की दूसरी समस्या जैनेटिकली है. फिर भी आप अपना खानपान पौष्टिक व संतुलित रखें. चाहें तो पैडेड ब्रा पहनें. इस से आप की ब्रैस्ट का साइज बड़ा दिखेगा. वैसे भी अभी आप की उम्र मात्र 16 साल है. बढ़ती उम्र के साथ और विवाह व गर्भावस्था के बाद भी ब्रैस्ट के आकार में अंतर आता है.

अपनी तीसरी समस्या के लिए आप खुद जिम्मेदार हैं. आप अभी मात्र 16 साल की हैं और पिछले 3 वर्ष से आप के एक लड़के के साथ शारीरिक संबंध हैं. यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बिलकुल गलत है. फिर भी आप वैजाइना के ढीलेपन को दूर करने के लिए पैल्विक फ्लोर ऐक्सरसाइज करें.

इस से वैजाइना का ढीलापन दूर होगा. इस के अतिरिक्त बाजार में वी टाइट जैल उपलब्ध है. महिला डाक्टर की सलाह से आप उस का भी प्रयोग कर सकती हैं.

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प्यार का दर्द बड़ा बेदर्द

नैना बहुत देर से अर्पित से बातें करना चाह रही थी मगर अर्पित का फोन बारबार व्यस्त आ रहा था. एक बार फोन लगा तो भी अर्पित ने उठाया नहीं. फिर नैना ने उसे मैसेज किया कि फ्री होने पर कॉल करना मगर 2 दिन बीत गए अर्पित ने कोई जवाब नहीं दिया.

आजकल नैना के साथ ऐसा अक्सर अक्सर होने लगा था. नैना के ज्यादातर मैसेजेस का अर्पित कोई जवाब नहीं देता था. कभी जवाब देता भी तो बहुत संक्षेप में या केवल हां या ना में उत्तर देता. कभी अपनी तरफ से कोई फोन नहीं करता.

ऐसा पहले नहीं था. पहले तो अर्पित हर रोज नैना से एकदो घंटे बात न कर ले तो उसे चैन नहीं पड़ता था. बारबार मैसेज करता था. वह कॉलेज में होती तो दोनों घंटों का समय साथ बिताया करते. मगर धीरेधीरे अर्पित के दिल से नैना का प्यार उतरने लगा.

कॉलेज में एकदो स्मार्ट और खूबसूरत लड़कियां आ गईं थीं और अर्पित का ध्यान उधर ज्यादा रहने लगा था. नैना अब उस के लिए महत्व नहीं रखती थी. मगर नैना अब भी अर्पित के प्यार में डूबी हुई थी. अर्पित बातबात पर उसे झिड़कता पर वह खामोशी से सुन लेती. अर्पित ने कई बार उसे सब के आगे बुराभला कहा. दूसरों के सामने बिना बात उस का मजाक उड़ाता.

मगर नैना का प्यार कम नहीं हुआ. यह बात अलग थी कि जो प्यार पहले उस की जिंदगी को नई उमंगों से भरता था वही प्यार अब दर्द देने लगा था. नैना को बहुत तकलीफ होती थी पर अर्पित के प्रति उस की दीवानगी में कोई अंतर नहीं आया था.

एक दिन नैना की सहेली प्रिया उसे एक कोने में बिठा कर समझाने लगी,” नैना मैं मानती हूं कि प्यार करना अच्छा है. पर याद रखना हमें जीवन में प्यार की जरूरत तो है पर इतनी भी नहीं कि हम अपने सेल्फ रिस्पेक्ट की व्हाट लगा दें. ”

“यह क्या कह रही है तू प्रिया?”

“सच कह रही हूं नैना. तू जरा अपनेआप को ही देख. अर्पित के पीछे अपनी क्या हालत बना ली है तूने. आज से डेढ़दो साल पहले कितनी खुश रहा करती थी तू. क्लास में हमेशा प्रथम आती थी. क्लास की हर एक्टिविटीज में हिस्सा लेती थी. प्राइज जीतती थी. टीचर्स की तारीफें मिलती थीं. जानती है क्यों ?”

“क्यों”

“क्यों कि तेरे अंदर आत्मविश्वास था पर अब तू ऐसी रहती है जैसे तुझे खुद पर कोई भरोसा ही नहीं रह गया है. तेरे अंदर कोई उत्साह कोई उमंग नजर नहीं आती नैना.”

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“पर मैं क्या करूं प्रिया, अर्पित……”

“बस जो यह घूमफिर कर तेरी सुई अर्पित पर जा कर टिकती है न यही सारी समस्याओं की जड़ है. उस के प्यार के पीछे तूने अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट खो दी है. अपने आत्मसम्मान की धज्जियां उड़ा ली हैं. जानती है, आत्मसम्मान से जुड़ा होता है खुद पर विश्वास जो अब तेरे पास नहीं है. इस तरह तुझे कुछ हासिल नहीं होने वाला. अर्पित को तेरी कदर नहीं तो तू क्यों भाव देती है उसे. उस अर्पित को अपनी जिंदगी से निकाल फेंक फिर देख. कैसे तू खुद को दोबारा हासिल करती है.”

प्रिया की बातें नैना को समझ में आने लगीं थीं. घर जा कर भी वह इस बारे में सोचती रही. फिर उस ने अपना फोन उठाया और कांटेक्ट लिस्ट से अर्पित का नंबर डिलीट कर दिया. व्हाट्सएप पर उस की सारी चैटिंग भी डिलीट कर दी. ऐसा कर के उसे अजीब सा सुकून महसूस हुआ और वह मुस्कुरा उठी.

इस बात में कोई शक नहीं कि प्यार जिंदगी का सब से खूबसूरत एहसास है. सिडनी स्मिथ के शब्दों में प्रेम करना और प्रेम पाना इंसान के जीवन का सब से बड़ा सुख है. रविंद्रनाथ टैगोर ने भी सही कहा था कि हमारे दिल में यदि प्रेम जाग्रत न हो तो दुनिया हमारे लिए जेल के समान है. जब कि प्लेटो का मानना था कि प्रेम के स्पर्श से हर व्यक्ति कवि बन जाता है.

वस्तुतः यह एक ऐसा नशा है जो इंसान को पूरी तरह बदल कर रख देता है. यह मखमली अहसास कब दिल के साथसाथ दिमाग पर भी काबिज हो जाए पता ही नहीं चलता. मगर प्यार में सावधान रहना बहुत जरूरी है.

ध्यान रखें;

1. प्यार में कभी सेल्फ रिस्पेक्ट न खोएं

प्यार तभी तक खूबसूरत है जब तक उसे जबरदस्ती का बोझ न उठाना पड़े. प्यार का एहसास दोनों को होना चाहिए. यदि ऐसा नहीं है और सामने वाला आप से पीछा छुड़ाने का प्रयास करने लगे या आप को दूसरों के सामने झिड़कने लगे तो समझ जाइए समय आ गया है जब आप को इस प्यार पर विराम लगाना है.

कुछ लोग इग्नोर किए जाने के बावजूद अपने प्रेमी/प्रेमिका के पीछे पड़े रहते हैं, प्यार की भीख मांगते हैं और दोबारा प्यार पाने की आस नहीं छोड़ते. जब यह आस पूरी तरह टूट जाती है और दूसरों के सामने जी भर कर बेईज्जती हो जाती है तो वे खुद को ही समाप्त करने की सोचने लगते हैं.

पर ध्यान रखें एक इंसान के पीछे अपनी जिंदगी से हाथ धोना बेवकूफी से अधिक कुछ नहीं. प्यार जिंदगी का एक अध्याय हो सकता है पर जिंदगी की पूरी किताब नहीं. बेहतर है उस अध्याय को बंद कर दें यानि दर्द देने वाले चैप्टर को क्लोज कर जीवन में आगे बढ़ जाएं.

2. यह प्यार नहीं आसान

38 साल की कत्थक डांसर नेहा पारिजात जब कॉलेज में थी तो एक लड़का उस के पीछे पड़ा हुआ था. आतेजाते, सोतेजगते हर वक्त उस लड़के के मैसेजेस नेहा को परेशान करते. एक दिन नेहा ने उसे एक रेस्टोरेंट में मिलने के लिए बुलाया.
वह लड़का बहुत तैयार हो कर और हाथों में फूलों का गुलदस्ता ले कर अंदर दाखिल हुआ. नेहा को फूल और चॉकलेट्स देता हुआ बोला,” आई लव यू डार्लिंग.”

“नेहा ने सवाल किया,” मगर क्यों?”

“क्योंकि आप बेहद खूबसूरत हैं.”

“और यदि मैं खूबसूरत न होती तो क्या तुम मुझ से प्यार नहीं करते?”

वह लड़का थोड़ा अचकचाता हुआ बोला,” ऐसा नहीं है.”

“तो कैसा है? यदि मैं कहूं कि मुझे 40 साल की उम्र तक शादी नहीं करनी. अभी मुझे कैरियर बनाना है. तो क्या तुम मेरा इंतजार करोगे और क्या इतने साल किसी और लड़की की तरफ आकर्षित हुए बिना सिर्फ मेरे इंतजार में बैठे रह सकोगे?’

“जी कोशिश करूंगा.”

“कोशिश करोगे ….,” कह कर वह हंसने लगी और बोली,” यदि मैं कहूं कि मैं अपने घर में अकेली कमाने वाली सदस्य हूं और मेरे पापा बीमार हैं. वे बेड पर हैं और अगले कई सालों तक मुझे और मेरे पति को उन की देखभाल करनी होगी. तो भी क्या तुम…. ”

उस लड़के को ऐसे सवालों की अपेक्षा कतई नहीं थी. वह तो टाइमपास लव की जुगाड़ में था ताकि कॉलेज में दूसरे लड़कों के आगे शान से नेहा को अपनी गर्लफ्रेंड कह सके. वह बगले झांकने लगा इधर नेहा को बहुत हंसी आ रही थी.

नेहा ने उसे डपटते हुए कहा,” बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं किसी का होने के लिए. मैं कोई मैगी तो हूं नहीं कि 2 मिनट में तुम्हारी बन जाऊं.”

नेहा के तेवर देख कर वह यकायक उठा और वहां से भाग गया. इस के बाद उस ने कभी भी नेहा को परेशान नहीं किया.

दरअसल प्यार को जितना आसान और टाइमपास फीलिंग समझा जाता है वैसा है नहीं. प्यार करना और उसे निभाना बहुत कठिन है. प्यार की राह पर तो सब बढ़ जाना चाहते हैं. मौजमस्ती, रोमांस, घूमनाफिरना, मजे लेना इसे ही प्यार का नाम देते हैं. पर दरअसल प्यार दिल से दिल को जोड़ता है. एक बार किसी से सच्चा प्यार हो जाए तो इंसान वह कर गुजरता है जो सामान्य लोगों के लिए संभव नहीं है.प्यार इंसान को जुनून और ताकत देता है.

पर ऐसा प्यार आसानी से नहीं होता. बहुत ही कुर्बानियां देनी पड़ती हैं. किसी को खुद से ज्यादा अहमियत देनी पड़ती है. तभी प्यार सच्चे रूप में सामने आता है.

3. आजकल प्यार अंधा कम और गंदा ज्यादा है

पहले कहा जाता था कि प्यार अंधा होता है मगर अब आप कह सकते हैं कि प्यार गंदा होता है. पहले किसी पर दिल आ जाता था तो इंसान यह नहीं सोचता था कि वह खूबसूरत है या नहीं, धनवान है या नहीं, अपनी हैसियत का है या नहीं. प्यार छिपछिप कर होता था और इंसान किसी एक का ही हो कर रह जाता था. मगर आजकल अक्सर प्यार करने से पहले लड़केलड़कियां यह सोचते हैं कि वह अपने काम आ सकता है या नहीं? वह खूबसूरत और स्मार्ट है या नहीं? उस की बॉडी में कितना अट्रैक्शन है? जेब में कितने पैसे हैं और बंगला कितना बड़ा है?

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ऐसे लड़कों की भी कमी नहीं है जो प्यार के नाम पर फंसा कर लड़कियों से जिस्म का व्यापार कराते हैं. लड़कियां भी बहुत भोली हों ऐसा नहीं है. जिस लड़के की पॉकेट में माल है उस के करीब जाने से नहीं हिचकतीं. पल भर में रिश्ते जुड़ते हैं. एक के बाद एक कई लोगों से नजरें मिलती हैं. जिस्मों का मिलन होता है और फिर ब्रेकअप. जैसे प्यार न हुआ कपड़े हो गए. जब चाहे यूज करो और जब चाहे फेंक दो.

ऑरसन वेलैस ने सही कहा था कि अकेले पैदा हुए, अकेले जिए, अकेले ही मर जाएंगे. हम अकेले नहीं, ऐसा भ्रमजाल सिर्फ प्रेम और दोस्ती के माध्यम से रचा जाता है.

4. प्यार जरा सावधानी से परोसना

हाल ही में ( अप्रैल, 2020) बिहार के नालंदा जिले में एक युवती का रेप वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया. शर्म की बात यह है कि रेप करने वाला युवक उक्त लड़की का तथाकथित प्रेमी था. युवक ने अपनी प्रेमिका का रेप किया और उस का वीडियो बनाया. जब कि दूसरे युवक ने दोस्त के मोबाइल से उक्त वीडियो अपने मोबाइल में ट्रांसफर किया और उसे वायरल कर दिया. सोशल मीडिया में वीडियो पहुंचते ही तेजी से फैलने लगी.

प्यार के नाम पर फंसा कर लड़की के करीब आना और फिर अश्लील वीडियो बना कर पैसे कमाने का धंधा आजकल बहुत चल निकला है. आजकल हर किसी के पास मोबाइल फोन है. जिस पर कभी भी कहीं भी आप वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर सकते हैं. दो पल में ये वीडियो प्यार की खूबसूरती नोच कर इंसान को नंगा कर सकते है. इसलिए आजकल प्यार को बहुत सावधानी से परोसना चाहिए. वरना क्या पता आप की जिंदगी में कोई भूचाल आ जाए. फिर आप भी मिर्ज़ा ग़ालिब के ये शब्द दोहराते रह जाएंगे ,’ इश्क ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया, वरना हम भी आदमी थे काम के.’

5. सच्चा प्यार सभी को पचता नहीं

जिंदगी में सब को सच्चा प्यार हासिल नहीं होता. पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें सच्चा प्यार मिल जाए तो भी वे उस की कदर नहीं करते. उन्हें महसूस ही नहीं होता कि सामने वाला उन्हें सच्चा प्यार कर रहा है. किसी और नकली और आडंबर भरे प्यार की आड़ में वे सच्चे प्यार को खो देते हैं और बाद में जब उन्हें इस का अहसास होता है तो सिवा पछतावे के उन के पास कुछ नहीं बचता.

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सम्बन्धों को सही ढंग से निभाने के लिए जानें जरूरी बातें

हमे अपने रिश्तो को निभाने के लिए रिश्तों में नरम रहना और स्थिति के अनुसार हमे अपने आप को ढाल लेना चाहिए साथ ही हमें बुरा व्यवहार नही करना चाहिए. कुछ चीजें जिन पर नियंत्रण जरूरी  है ध्यान रखना चाहिए. सभी रिश्तों में बराबरी का एहसास की आवश्यकता है, क्योकि  ऐसा होता है कि एक व्यक्ति तो अपनी इच्छा और जरुरतों को छोड़ देता है और दूसरा हावी होता रहता है. लेकिन सवाल यह है कि ,जब आप प्यार करते है तो आपका ब्रेक अप कैसे होता है.

ब्रेकअप का कारण

1. चरित्र(Character):-

आप नई बातें , नया व्यवहार तो सीख सकते हैं .लेकिन चरित्र को नही सीख सकते.व्यक्ति की पहचान उसके चरित्र से होती है. उसको पहचानने के लिए हमे जानना होगा कि वह कौन है, क्या है तभी उसके चरित्र की पहचान की जा सकती है. अगर आपके रिश्ते में कोई बात हो भी जाती है और आप उसको ज्यादा बढ़ाने की जगह समझौता कर लेते है तो भी आपके रिश्ते की उम्र बढ़ जाती है.आपका रिश्ता अच्छा बना रहता है.

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2. बच्चे(Kids):-

बच्चा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हमारी जिंदगी का हिस्सा. अगर हम किसी व्यक्ति के साथ रिश्ते में है और वह बच्चे नही चाहता या चाहती .तो  जोर जबरदस्ती से विवश करना, गलत होगा.बच्चे पैदा करने  के लिए दोनों की सहमति होनी चाहिए. तभी कोई रिश्ता लंबा सफर तय कर सकता है.

3. विवाह प्रथा(Monogamy):-

विवाह करने के लिए दोनों के विचार मिलना बहुत जरूरी  हैं. जिसमे दोनों की सहमति हो.तभी  रिश्ता बना रहेगा. नही तो रिश्ते में बस विवाद ही विवाद और क्लेश होंगे. किसी भी बात या मुद्दे पर समझौता करने के लिए दोनों की एक ही इच्छा और सहमति होनी चाहिए.

4. शादी(Marriage):-

अगर शादी आपके लिए जरूरी है तो आपको शादी करनी ही चाहिए आपको किसी रिश्ते में ही बंधकर नही रहना चाहिए. चाहें आप किसी से कितना भी प्यार करते हो पर उसके पीछे ही बंधकर अगर आप अपनी इच्छा पूरी नही कर पा रहे हों तो वो आपके रिश्ते के लिए खराब हो सकता है. वो आपको गुस्से और असंतोष की ओर ले जा सकता है.

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5. बुनियादी वैल्यू(Core values):-

जो अपनी नैतिकता और मूल्यों के साथ समझौता करता है वह सही जीवन साथी नहीं हो सकता.जब तक आपको उस व्यक्ति पर विश्वास न बने रिश्ते को सहमति की मोहर न लगाएं.

जानें क्या है रिश्ते में झूठ स्वीकार करने का सही तरीका

आजकल रिश्तों में झूठ बोलना आम बात है लेकिन हमें ऐसा झूठ नही बोलना चाहिए जो हमारे रिश्तो में दूरियां पैदा कर दे. कई बार झूठ बोलते हैं तो हमारा झूठ पकड़ा जाता है जो हमारे लिए हानिकारक होता है.इसलिए हमें किसी भी रिश्ते में कोई भी झूठ बोलने के सही समय और सही स्थिति देखनी चाहिए कि अगर हम झूठ बोलेंगे तो पकड़े जाएंगे.जब आपके झूठ से किसी को नुकसान नहीं पहुंच रहा हो तभी सही है.

1. झूठ को स्वीकार करना चाहिए

आपने अपने साथी को कोई झूठ बोला है और आपका झूठ पकड़ा जाए तो बिना कोई बहस करे आपको झूठ स्वीकार कर लेना चाहिए. उसको इस बारे में विश्वास दिलाएं कि आपने झूठ क्यों बोला था.इस से रिश्ते में अच्छे सम्बन्ध बने रहते हैं. अगर आपका साथी आप पर शक करता है तो ये आपके लिए चिंता का विषय है.

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2. धर्य रखें

अगर आपका झूठ आपका साथी पकड़ लेता है या उसको पता चल जाता है तो आप घबराएं नही धर्य रखे.और उसको जितनी बार समझाना पड़े उसको प्यार से समझाएं. उसकी देखभाल रखे जिस से उसको आप पर शक ना हो. उसको ये विश्वास दिलाएं कि आप उस झूठ को बोलने के बाद शर्मिन्दा है. अगर आप प्यार से विश्वास दिलाएंगे तो आपका रिश्ता अच्छा बना रहेगा.

3. सही बनाने की कोशिश करें

अगर आपका झूठ पकड़ा जाता है और आप झूठ को स्वीकार कर लेते हैं तब भी आपके साथी को आप पर विश्वास नही होता है. तो उस विश्वास को वापिस लाने की कोशिश करे. उस से पूछें कि उसे किस बात पर शक हुआ है और क्यों हुआ है उसका सही कारण जानने की कोशिश करें. क्योंकि विशवास वापिस पाने के लिए सही कारण जानना जरूरी है.

4. खुद के साथ अपने बयान शुरू करें

ये बात हमेशा याद रखिए कि आपकी बातों की शुरुआत ‘मैं’ से होनी चाहिए. जैसे कि ,’मैं गलत था’. ‘मैने तुम्हारे साथ गलत किया’! इस स्थिति में आपका साथी आपकी झूठ को प्यार से स्वीकार कर लेगा. अपने साथी को गलत ठहराने की गलती मत करना वरना बात बिगड़ सकती है.

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5. जब तुम झूठ बोलते हुए पकड़े जाते हो तो सच बताओ 

अगर आप अपने साथी से झूठ बोलते हुए पकड़े गए हैं तो उस झूठ को ज्यादा बड़ा ना बनाएं. अपने साथी को सच बता दे नही तो आपके रिश्ते में दूरियां पैदा हो सकती है. अपने साथी का भरोसा ना तोड़े.

जानें क्यों आप अपने रिश्ते में हर तर्क खो देते हैं

हमारे सभी रिश्तों में प्यार और स्नेह होता है लेकिन जहां प्यार होता है वहा मतभेद भी हो सकता है. हमारे साथी के साथ हमारी बहस हो जाती है दोनों अपने विचार रखते हैं.और हमारा साथी हर बार अपनी बात पर विजय पाने में सफल हो जाता है.लेकिन हर बार अपने साथी को विचार पर विजय पाना आपके दिल मे शक पैदा कर देता है. जिस से आपको अपने खुद के विचारों पर संदेह हो जाता है.

1. आपने अपनी गलती स्वीकार की है

जब आपकी गलती होती है और आप स्वीकार कर लेते हैं तो ये बहुत अच्छी बात है ये विनम्रता की निशानी है. लेकिन आपकी गलती नही होती है और आप बहस से बचने के लिए हर बार उस गलती को स्वीकार कर लेते हैं तो यह आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है .क्योंकि कभी कभी जब आपकी गलती नही होगी तो भी आपको ही गलत बताया जाएगा. इसलिए बिना गलती के अपनी गलती स्वीकार नही करे.

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2. आप सिर्फ जीतना चाहते हैं

अगर आप अपने साथी के साथ हमेशा बहस करके जीतना चाहते हैं और अपने साथी को गलत साबित करना चाहते हैं तो यह आपके रिश्ते के लिए हानिकारक हो सकता है. अगर आपके रिश्ते में कोई भी दिक्कत है तो आप अपने साथी को गलत साबित करने की जगह उस बात को सुलझाने की कोशिश करें. इस से आपके रिश्ते में प्यार बना रहता है.

3. आप अपनी गलतियों को टालना चाहते हैं

यदि आप अपनी साथी की गलती पर गलती गिनवाए जाते हैं और आप अपनी गलती को स्वीकार नही करते हैं तो ये आपकी सबसे बड़ी भूल है. ऐसा करने से आपकी समस्याएं बढ़ सकतीं हैं और आपके रिश्ते में दरार पैदा हो सकती है. इसलिए आपको ऐसा नही करना चाहिए.

4. आप जिद्द करते हैं और गलती स्वीकार नही करना चाहते

यदि आप जिद्दी है और रिश्ते में किसी तरह का समझौता नही करना चाहते. तो आपका रिश्ता खराब हो सकता है. आपकी जिद्द रिश्ते से बड़ी नहीं होती है. अगर आप बार बार जिद्द करके जीतने की कोशिश करेंगे तो आप खुद को हारा हुआ इंसान महसूस करेंगे. इसलिए अपनी जिद्द को साइड रखकर बात को सुलझाने की कोशिश करें. इस से आपका रिश्ता बना रहेगा.

शादी रे शादी, तेरे कितने रूप

5. आप अपनी भावनाओं से अधिक शक्तिशाली है

कभी कभी आप अपने साथी से बहस कर रहे होते हैं और अपनी भावनाओं के कारण अपना नियंत्रण खो देते हैं. जिनका आपको बाद में बहुत पछतावा होता है. अगर आप भावनाओं में बहने वाले व्यक्ति है तो आपको शांत रहना चाहिए. और प्यार से ही मामले को सुलझाना चाहिए.

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