टीवी शो ‘पवित्र रिश्ता’ में अपनी दमदार भूमिका निभाकर चर्चित हुई अभिनेत्री अंकिता लोखंडे को बचपन से अभिनय का शौक था. इसी शौक की वजह से अंकिता मुंबई आई और साल 2006 में टैलेंट हंट रियलिटी शो की विजेता बनी. इसके बाद उन्हें बड़ा ब्रेक एकता कपूर ने धारावाहिक ‘पवित्र रिश्ता’ में दिया. उन्होंने इस शो में दो भूमिका निभाई थी और आज भी वह हर घर में अर्चना नाम से प्रसिद्ध हैं.
अंकिता काम के दौरान अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत से ‘पवित्र रिश्ता’ के सेट पर मिलीं, जिसमें वे भी अभिनय कर रहे थे. करीब 6 साल तक उनका रिलेशनशिप चला और वर्ष 2016 में कुछ कारणों से ये रिश्ता टूट गया, जिसके परिणामस्वरूप अंकिता को उस डिप्रेशन से निकलने में समय लगा.
अंकिता को संजय लीला भंसाली की तरफ से भी कई फिल्मों में अभिनय का मौका मिला, पर उसने उन्हें मना कर दिया. अब वह फिल्म ‘मणिकर्णिका’ में झलकरी बाई की मजबूत भूमिका अदा कर रही हैं उनसे बातचीत हुई, पेश है कुछ अंश.
इस किरदार को निभाना कितना मुश्किल था,क्योंकि इसकी अधिक जानकारी कहीं अधिक नहीं है?
मुझे इस भूमिका की जानकारी निर्माता कमल जैन ने दी थी. मैं जब उनसे मिली तो उन्होंने मुझे इस चरित्र के बारें में पूरी जानकारी दी. मुझे इसका नाम झलकारी बाई बहुत अच्छा लगा. फिर निर्देशक कृश ने इसका नैरेशन दिया उन्होंने मुझे सारी जानकारी दी और मैंने घर पर आकर काफी रिसर्च किया. मैंने इसे अपना रूप दिया है. उम्मीद है दर्शकों को मेरा किरदार पसंद आयेगा.
इस फिल्म के लिए कितनी तैयारियां करनी पड़ी?
मैंने ही नहीं इस फिल्म में सबको काफी तैयारियां करनी पड़ी. हौर्स राइडिंग, तलवार चलाना, गन शूटिंग आदि. इसके लिए 30 दिनों की वर्कशाप हुई, जिसमें हौलीवुड के निक पावेल आये और हमें ट्रेनिंग दी. उनके निर्देशन से ही सब शूटिंग हुई है.
ये चरित्र आपसे कितना मेल खाता है?
ये मुझसे काफी मिलता है, मैं तकरीबन वैसी ही हूं कभी भी किसी औरत पर कुछ समस्या आने पर मैं सबसे पहले उसके लिए खड़ी होती हूं. मैं थोड़ी फेमिनिस्ट हूं. इस फिल्म में मैं अपने देश के लिए कुछ कर रही हूं. इससे मेरे अंदर देशभक्ति की भावना आ गयी है. बौर्डर पर लड़ने वालों के लिए भी एक अलग भावना जाग उठी है.
पिछले कुछ सालों में आप कहीं नहीं दिखीं, इसकी वजह क्या रही? आप ने अपना धेर्य कैसे बनाए रखी?
मैंने हमेशा ही अपनी पूरी लाइफ में धैर्य बनाए रखा है. मुझे एक अच्छे स्क्रिप्ट का इंतजार था, जिसमें मुझे काम करने में मजा आयें और वह मुझे इस फिल्म से मिला. तभी तो इस फिल्म में नए सिरे से काम कर पायी. इस चरित्र ने मुझे बदल डाला है. मेरी सोच बदली है. मैं खुश हूं कि मुझे ऐसे ऐतिहासिक चरित्र को करने का अवसर मिला.
कंगना के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
बहुत अच्छा रहा. एक निर्देशक और अभिनेत्री होने के साथ ही उन्होंने सारी जिम्मेदारियां अच्छी तरह से निभाई. मेरे चरित्र को अच्छा करने के लिए वह हमेशा मेरे साथ रहीं और सुझाव दिए हैं.
अभी आप फिल्म में आ चुकी हैं, क्या टीवी पर फिर से जाने की कोई इच्छा है?
टीवी मेरा मायका है. वह हमेशा मेरे साथ रहेगा, पर अभी कहना थोडा मुश्किल है. मैंने ‘पवित्र रिश्ता’ 6 साल तक किया है. अभी मैंने अपने आप को कुछ समय दिया है और कुछ नया करने की कोशिश कर रही हूं.
जब आप कहीं काम नहीं कर रही थीं, उस दौरान आपने क्या किया?
मुझे डांस करना और बैडमिंटन खेलना अच्छा लगता है. मैंने स्टेट लेवल पर बैडमिंटन खेला भी है. उस दौरान डांस भी किया और अपने परिवार को बहुत समय भी दिया है, क्योंकि जब मैं मानसिक तनाव से गुजर रही थी, तो परिवार ने बहुत सहयोग दिया था. जिसके परिणामस्वरूप मैं उससे निकल पायी.
छोटे पर्दे और बड़े पर्दे में क्या अंतर पाती हैं?
अंतर कोई अधिक नहीं होता. सिर्फ कैमरा और काम करने के तरीके का अंतर होता है. टीवी पर एक साथ 15 सीन्स शूट किये जाते हैं, जबकि फिल्म में 10 दिन पहले एक सीन को भेजकर तैयार रहने के लिए कह दिया जाता है.
आपने संजय लीला भंसाली की फिल्मों में काम करने से मना कर दिया था, क्या कोई रिग्रेट है? इसकी वजह क्या थी?
मुझे दुःख है कि मैं उनके साथ काम नहीं कर पायी, पर मैंने मना डायरेक्टली नहीं किया था, मैं कन्फ्यूज हो गयी थी कि क्या करूं. मैं उस समय उसे करने के लिए तैयार नहीं थी. जब आपका गौडफादर न हो, तो मुझे सही गाइड भी नहीं मिली थी.
वेलेंटाइन डे पर यूथ को क्या मेसेज देना चाहती हैं?
मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि केवल एक दिन वेलेंटाइन डे पर ही लव को न मनाये, इसे हर दिन मनाने की कोशिश करें. प्यार हर दिन जरुरी है.
आप के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आये, आपने उसे कैसे लिया?
वह मेरे जीवन का सबसे कठिन समय था. जब मैं तनाव से गुजर रही थी, लेकिन माता-पिता के प्यार ने ही मेरे अंदर फिर से शक्ति का संचार किया. उससे मेरी सोच में फर्क आया. मेरे अंदर सकारात्मक विचार आये और मुझे लगा कि मुझे खुश रहने के लिए अपने लिए कुछ करने की जरुरत है. मेरे यहां तक पहुंचने में परिवार की खास भूमिका है. मुझे लगता है कि नयी पीढ़ी को मैडिटेशन करने की जरुरत है. मैं उसे करती भी हूं. मेरा पूरा खानदान और दोस्त सब मेरे स्ट्रेंथ हैं.
आपका फैशन और फिटनेस मंत्र क्या है?
जिसे पहनकर आपको आराम मिले वह फैशन है. मैं किसी को फोलो नहीं करती अपने तरीके से कपड़े पहनती हूं और फिटनेस वह है, जिसमें रोज कुछ न कुछ वर्कआउट किया जाय.
वर्ष 2019 में आप क्या-क्या करने वाली हैं?
मैं अच्छी-अच्छी फिल्में करना चाहती हूं. अगर अच्छी स्क्रिप्ट मिले, तो मराठी फिल्म भी करना चाहती हूं. मेरा पूरा परिवार महाराष्ट्रियन है और सब पूछते हैं कि मैं कब मराठी फिल्म में काम करूंगी. मुझे काम कर उन्हें गर्व महसूस करवाना है. मुझे मेरी मां के हाथ का बना पूरणपोली बहुत पसंद है.
समय मिलने पर क्या करती हैं?
समय मिलने पर मैं अपने दो डौग्स के साथ खेलती हूं और संगीत सुनती हूं.
कोई सामाजिक कार्य जिसे आप करना चाहे?
मैं एक वृद्धाश्रम खोलना चाहती हूं.