Holi 2023: रंगों की बात रंगों की जुबानी

होली रंगो का त्योहार है ,रंग-गुलाल हमारे जीवन में महत्वर्पूण भूमिका अदा करती है. आदि काल से मानव सभ्यता मे रंगो का महत्वर्पूण भूमिका रहा है. रंगो के इतिहास , कृत्रिम रंगो की जानकारी ,प्राकृतिक रंगो और मिलावटी रंगो के बारे में जानकारी देता , यह आलेख.

( राधा-कृष्णा की गुलाल से यादगार बनने वाली होली समय के साथ अपने बदलते स्वरूपो के साथ मानव-सभ्यता पर अपना असर डालते हुए होली के रंग, आज के समय मे पूरी तरह बदल गया है. जिन रंगो को कपडे, जूट,मशीन या प्लास्टिक रंगने के लिए बनाया गया था , आज उन्ही रंगो से हम अपने अंग रंगते है.)

रंगो का इतिहास

रंगो का इतिहास काफी पुराना है. मानवविकास के पहले चरण से रंगो का खुल कर प्रयोग करता आ रहा है.कई मानव सभ्यता इस बात की गवाही देती नजर आती हैं. रामायण काल मे ंरंगो का उपयोग बखूबी होता था ,तभी तो महारानी कैकयी अपने कक्ष को रंगो से सजवाया करती थी , महाभारत काल मे भी पंडावो का इन्द्रप्रथरंगो के उपस्थिति को बताता है. भारत के कई मध्यकालीन शासक रंगो का जमकर उपयोग करते थे , तभी तो चित्रकला उन शासको के पसंदिदा र्काय में से एक होता था. हडप्पा-मोहनजोदडो की सभ्यता अपने आप मे मानव की सबसे बडी सभ्यता मानी जाती है , इस सभ्यता काल में भी रंगो का उपयोग मानव द्वारा किया जाता था , जैसे कि खोदई से प्राप्त अवशेष बता रहे है .

यह कहना गलत नही होगा कि रंग भारतीय परंपरायो मे आदि काल से ही रचा बसा है.अगर आप सोच रहे है कि रंगो का उपयोग कब से हो रहा है , तो इस सवाल का जवाब देना थोडा मुश्किल जरूर है ,क्योकि प्रमाणिक रूप से रंगो के पहले प्रयोग का कोई जिक्र नही है. हां बस इतना कहा जाता है कि पांच हजार र्वष पूर्व रंग मानव जीवन के अहम अंग बन चुके है. तभी तो वेद , पुराण एवम् उपनिष्दो मे हर जगह रंगो का जिक्र है. आदि काल से आधुनिक काल तक रंगो का उपयोग नित्य हमारे जीवन मे नया जगह बनाने लगा , तभी तो चित्रकारी , छायाकारी, सौदर्य और सजावट को इतना बढावा मिला. पहले भी रंग हमारे जीवन के अहम अंगो मे एक हुआ करते थे और आज भी है. यही वजह है कि इस आधुनिक काल मे भी हमलोग शुभ-अशुभ कार्यो के लिए अलग-अलग रंगो का उपयोग करते है.कृत्रिम रंगदुनिया का पहला कृत्रिम रंग तब बना ,जब प्रोफेसर विलियन पार्किन एनीलीन से मलेरिया की दवा कुनैन बनाने का प्रयास कर रहे थे, परन्तु कुनैन तो नही बना लेकिन पर्पल यानी जामुनी रंग की उत्पति हुई.राँयल कालेज आँफ केमिस्टी में 1856 में र्निमित यह रंग दुनिया का पहला कृत्रिम रंग था. इस के बाद प्रयोगशाला में कृत्रिम रंगबनाने के कार्य मे वैज्ञानिको को कई सफलता मिलते रही और बनता रहा कृत्रिम रंग. कुछ ही बर्षो मे कई प्रकार के कृत्रिम रंग बन कर तैयार हो गए.

प्राकृतिक रंग

प्राचीन काल में ऋषि मुनि के आश्रम में प्राकृतिक रंगो को र्धामिक कार्यो के तैयार किया जाता था, कुदरत के खजाने से चुने हुए पत्तो एवम् फूलो से रंग बनाया जाता था.आज भी प्राकृतिक रंगो का हर जगह उपयोग होता है, क्योकि इसको उपयोग करने वाले जानते है कि यह रंग हमारे लिए नुकसानदायक नही बल्कि फायदेमंद है. गावो के बजार में आज भी इसप्रकार के रंग आराम से मिल जाता है. इन रंगोको आप खुद बना सकते है , तो जानते है कि घर पर रंग कैसे बनाए –

लाल सूखा रंग-

लाल चंदन की लकडी के पाउडर में सूखे लाल गुलाब के फूल को पीश कर सूखा ले, सूखने के बाद आपका लाल सूखा रंग तैयार हो चुका होगा.लाल गीला रंग-चार चम्मच लाल चंदन को 4 लीटर पानी मे डाल कर उबाले और फिर ठंढा करने के लिए 20 लीटर मेडाल कर कुछ पल के लिए छोड दे , उसके बाद जो रंग तैयार होगा वही लाल गीला रंग है.

हरा सूखा रंग-

हरे सूखा रंग के रूप मे हिना पाउडर का उपयोग किया जा सकता है या गुलमोहर के पतो को सूखा कर बारीक पीश कर हरा रंग तैयार किया जा सकता है. हरा गीला रंग – एक लीटर पानी मे दो चम्मच हिना पाउडर अच्छी तरह मिलाकर गीला हरा रंग तैयार किया जाता है.

पलाश का रंग-

100 ग्राम पलाश के सूखे फूलको एक बाल्टी पानी में उबाल कर ठण्ढा कर के बाल्टी भर रंग तैयार किया जा सकता है.पलाश का रंग काफी फायदेमंद होता है.

Holi 2023: होली अपने घर पर बनाएं मावा गुझिया

होली के त्योहार पर घर में गुझिया न बने ऐसा हो ही नहीं सकता .गुझिया एक बहुत ही पारम्परिक मिठाई है जिसे होली के अवसर पर जरूर बनाया जाता है. वैसे तो गुझिया बनाना कोई कठिन काम नहीं है पर हाँ इसे बनाने में समय जरूर लगता है.

गुझिया में कलौरी भरपूर मात्रा में होती है. इसलिए इसे खाने के साथ साथ अपनी सेहत का ख्याल जरूर रखें .

वैसे तो गुझिया बहुत तरह की बनायीं जाती है पर आज हम बनायेंगे मावा और मेवा की गुझिया .जो स्वादिष्ट होने के साथ साथ सेहत से भरपूर है.चलिए बनाते है मावा गुझिया-

हमें चाहिए (25-30 गुझिया के लिए)-

मैदा – 2 कप (250 ग्राम)

घी – 1/4 कप (60 ग्राम)

मावा – 250  ग्राम

चिरौंजी -2 बड़े चम्मच

बूरा या पिसी हुई चीनी – 3/4 कप (150 ग्राम)

बादाम – 10 से 12 (बारीक कटे हुए)

काजू – 10 से 12 (बारीक कटे हुए)

सूखा नारियल – 1/3 कप (कद्दूकस किया हुआ)

किशमिश – 1 टेबल स्पून

इलायची – 6 से 7

घी या रिफाइंड  – तलने के लिए

बनाने का तरीका-

1- गुझिया बनाने के लिए सबसे पहले एक थाली में मैदा  और हल्का गरम (पिघला)  घी लें .घी को मैदे में अच्छे से मिलाकर हथेली से रगड़े .घी को मैदे में अच्छे से मिलाने के बाद आप देखेंगे की मैदे को मुट्ठी में भरने से लड्डू जैसा बंध जायेगा .यह इस बात की पहचान है की मोयन एकदम सही मात्रा में है.अब  पानी डालकर थोड़ा सख्त आटा गूंथ लें. 15 मिनट के लिए सूती गीले कपड़े से आटे को ढककर रख दें.

2-अब एक कटोरी में एक बड़ा चम्मच मैदा लेकर उसमे एक बड़ा चम्मच पानी मिलाकर पतला घोल तैयार कर लीजिये .मैदे के इस घोल को हम गुझिया को बन्द करने में इस्तेमाल करेंगे.

stuffing के लिए

1-फीलिंग बनाने के लिए एक नॉनस्टिक पैन में खोया डालकर 3 मिनट के लिए  भूनें ले . फिर इसे ठंडा होने के लिए एक साइड रख दें.अब इसी पैन में घिसे हुए नारियल को भी 1 मिनट के लिए भून लें .

2 -इसके बाद इसमें चीनी का बूरा ,बारीक कटा हुआ बादाम,काजू,किसमिस,चिरौंजी ,इलाइची और भुना हुआ नारियल डाल कर अच्छे से मिला लें .

3-अब मैदे की छोटी-छोटी लोईयां बनाकर पूरियों के आकार में बेल लें. अब इसके बीच में तैयार की हुई फीलिंग भरकर किनारों पर तैयार किया हुआ घोल  लगाकर अच्छे से बंद कर दें और गुजिया की शेप दें.(आप चाहे तो पूरी की शेप में बिली हुई लोई को साचे के बीच में रखकर इसके चारों तरफ मैदे का घोल लगाकर बीच में फिलिंग भरकर सांचे को बन्द कर दे .फिर सांचे को अच्छे से दबाने के बाद सांचा खोल कर उसमे से गुझिया निकाल ले .)

4 –इसी प्रकार से सभी गुझिया को भरकर बना लें.एक बात का और ध्यान रखे की भरी हुई गुझिया को हलके गीले कपडे से ढककर रखें जिससे गुझिया सूखे नहीं.

5-अब एक कढाई में धीमी आंच पर रिफाइंड या घी गरम करें.अब इसमें हलके से 3-4 गुझिया डाले .ज्यादा गुझिया एक साथ डालने की जरूरत नहीं है.

6-अब गुझिया को घी में डालने के बाद उसे धीरे से पलटे .  गुझिया को गोल्डन ब्राउन होने तक डीप फ्राई करें.

7-तली हुई गुझिया को किचन पेपर पर निकाल लें.तैयार है स्वादिष्ट गुझिया.

8 – जब गुजिया पूरी तरह ठंडी हो जाए तो इसे आप एयरटाइट कंटेनर में भरकर रख सकते हैं.

Holi 2023: रिश्तों में उल्लास भरें त्योहार

रिश्तों की डोर बहुत नाजुक होती है. कभीकभी न चाहते हुए भी इन में दूरियां आ जाती हैं. ऐसे में त्योहार रिश्तों में आई दूरियों को मिटाने के लिए बेहतरीन मौका साबित हो सकते हैं और वैसे भी त्योहारों और संबंधियों का रिश्ता गहरा होता है. त्योहारों में संबंधी साथ न हों तो वे बेहद फीके लगते हैं, उन का मजा अधूरा ही रहता है.

रिश्तों में ताजगी लाते त्योहार

त्योहार हमें खुशी मनाने का मौका देते हैं, रूटीन लाइफ से अलग करते हैं. खुशी के ये ऐसे मौके होते हैं जिन्हें सगेसंबंधियों के साथ ऐंजौय करने से रिश्तों की खोई ताजगी को भी वापस लाया जा सकता है. परी अपना अनुभव बताती हैं, ‘‘मेरे पति और मेरे बीच अकसर इस बात को ले कर झगड़ा होता था कि वे अपने परिवार को समय नहीं देते. मैं जब भी उन से यह शिकायत करती कि वे मेरे साथ ऐंजौय क्यों नहीं करते तो हमारी बहस शुरू हो जाती, जिस की वजह से हमारा वैवाहिक जीवन बहुत ही नीरस होता जा रहा था. ‘‘लेकिन दीवाली के दिन तब हमारे सारे गिलेशिकवे दूर हो गए जब उन्होंने मुझे बिना बताए मेरी बहन और भाई को हमारे घर बुलाया और जब मैं सुबह सो रही थी तो उन सभी ने मुसकरा कर मुझे दीवाली की मुबारकबाद दी. मैं ने अपने पति, बहन और भाई के साथ बहुत ऐंजौय किया. उन के इस सरप्राइज ने तो मेरे सारे मूड को ही बदल दिया.’’

करीब लाते हैं त्योहार

समय के अभाव में एकदूसरे के साथ वक्त बिताना आज एक मुश्किल काम है. ऐसे में त्योहार इस का अच्छा उपाय हैं. त्योहारों पर सभी की छुट्टी रहती है, इसलिए इन्हें सगेसंबंधियों के साथ मिलजुल कर मनाना चाहिए. इस से रिश्ते मजबूत होते हैं.

अपनों को न भूलें

अरुण एम.बी.ए. करने के लिए अमेरिका गया था. लेकिन हर त्योहार पर अपने सभी रिश्तेदारों व दोस्तों को बधाई जरूर देता. उन्हें मैसेज और ईमेल भेजता. यानी वह दूर होते हुए भी सभी रिश्तेदारों, मित्रों से जुड़ा रहता. एकदूसरे से मेलमिलाप बढ़ाने का त्योहारों से अच्छा माध्यम और कोई नहीं हो सकता. बस जरूरत है, इन्हें याद रखने की चाहे आप अपनी जिंदगी में कितने भी व्यस्त क्यों न रहते हों अथवा दूर. त्योहारों पर अपनों को याद करने पर आप यकीनन उन के दिलों में एक खास जगह बना लेंगे.

उपहार भेजें

त्योहारों के खास मौकों पर मार्केट में बहुत सुंदरसुंदर उपहार उपलब्ध होते हैं. उपहार छोटा हो या बड़ा, यह माने नहीं रखता. आप को दिखावा नहीं करना है, बल्कि उपहारों के जरिए करीबियों के प्रति अपनी भावनाएं दर्शानी हैं.

बधाई अवश्य दें

यदि आप मिल कर मिठाई या गिफ्ट नहीं दे पाए तो कम से कम बधाई तो अवश्य दें. त्योहार पर किया गया एक मैसेज या फोन भी आप के भावों को दर्शाने का अच्छा तरीका होता है. बधाई भरे मैसेज हर किसी के चेहरे पर मुसकान बिखेर जाते हैं.

सरप्राइज दें

त्योहार के दिन बिना बताए ही संबंधियों व दोस्तों के घर उन की मनपसंद मिठाई ले कर पहुंच जाएं और उन्हें चौंका दें. यह निमंत्रण दे कर बुलाने से कहीं ज्यादा ऐक्साइटिंग तरीका बन जाता है. प्लानिंग से ऐंजौयमैंट करने से ज्यादा मजा चौंकाने में है. 

Holi 2023: होली पर बनाएं शाही गुजिया

हर कोई चाहता है कि होली हो या दीवाली, हर त्यौहार खुशियों से भरा हुआ बीते. जहां अपनों का साथ और दिलों में त्यौहारों की उमंग हो. कई लोगों के लिए तो होली का त्यौहार इतना पसंद होता है, कि इसे मनाने के लिए वो किसी खास जगह या लोगों के साथ चले जाते हैं. तो कई घर पर नई नई रेसिपी के साथ फैमिली इस फैस्टिवल को सैलिब्रेट करते हैं. इसीलिए आज हम आपको होली पर बनने वाली गुजिया को शाही बनाने की टेस्टी रेसिपी के बारे में बताएंगे.

सामग्री

– 4 कप मैदा

– 6 बड़े चम्मच घी

– तेल या घी

– 6 कप मावा

– एक चम्मच इलायची पाउडर

– एक कप नारियल कद्दूकस किया हुआ

– 3 बड़े चम्मच किशमिश

– 5 बड़े चम्मच काजू कटे हुए

– कप चीनी का बूरा (पिसी हुई चीनी)

– 4 कप चीनी

– 4 कप पानी

बनाने की  विधि

गुजिया की बाहरी परत बनाने के लिए मैदा छान लें.

इसमें घी मिलाएं और फिर जरूरत के हिसाब से पानी डालते हुए सख्त गूंद लें.

इसे थोड़ी देर के लिए गीले कपड़े से ढक कर रख दें.

अब भरावन तैयार करने के लिए गैस पर कड़ाही गर्म करें.

इसमें मावा डालकर मध्यम आंच पर 3 मिनट तक भूनें.

मावा चलाते रहें ताकि जले न, जब मावा सुनहरा हो जाए तो गैस बंद कर दें.

कढ़ाई में तेल या घी गर्म करें और मध्यम आंच पर एक बार में 4-5 गुझिया डीप फ्राई कर लें.

जब गुझिया हल्की सुनहरी होने लगे तो इन्हें प्लेट में निकाल लें.

इसी तरह सारी गुझिया तल लें.

चाशनी तैयार करने के लिए गैस पर बर्तन में पानी गर्म करें इसमें चीनी डालकर चलाएं.

चीनी पिघलने तक पानी चलाते रहें.

जब चीनी पिघल जाए तो मध्यम आंच पर चाशनी के पकाएं.

चाशनी को उंगली में चिपकाकर देखें एक तार बनने तक इसे पकाएं.

फिर गैस बंद कर दें, इसके बाद चाशनी में गुझिया डालकर चलाएं.

अब गुझिया को चाशनी से निकालकर प्लेट में रखें और गर्मागर्म मेहमानों को परोसें.

Holi 2023: विदेशी धरती पर होली के रंग

होली का त्योहार हमारे देश के सीमा से बहार विदेशो मे भी मनाया जाता है . होली के रंग मे सब रंगना चाहते है,चाहे वो भारतवाशी हो या अलग-अलग देशो के दिलदार देशवाशी.सभी रंगो मे रंगना चाहते है , बस तरीके अलग-अलग होते है ,लेकिन खुशी और हर्षोल्लास का माहौल ठीक वही यहां होली मे होता है . तो आईए जानते है ,परदेश मे होली का रूप .

रूस:- भारत का पड़ोसी राष्ट्र रूस मे होली का पर्व अनोखे रूप से मनाया जाता है ,यहां लोग मौज मस्ती और आनंद के लिए अजीबो-गरीब हरकत करते है. लोग पेेड़ पर चढ़कर तने के उपर लकडि़या जला कर उनके बीच झंडा गाड़ देते है और दूर जाकर इस झंडे को डंडेे से गिराने की कोशीश करते है. क्यो कि यहा ऐसा मानना है कि जो झंडा गिरा देगा वो  अति भाग्य शाली होगा.

जापान: – जापान में इस त्योहार को बे मौजी ओकुरिबी के नाम से जाना जाता है. अनुमानतः यह आयोजन हर साल 17 अगस्त की रात को की जाती है. इस रात लोग आग जला कर होली का उत्सव मनाते है.

चीन: – भारत का पड़ोसी राष्ट्र चीन में होली कोफोच्शेइच्यिे कहा जाता है. चार दिन तक चलने वाले इस उत्सव में जमकर आतिश बाजी की जाती है और रंगों के साथ हर्षोंल्लास सेे इस पर्व को मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह पर्व नव वर्ष के स्वागत के रूप में मनाया जाता है.

अमेरिका: – होबो के नाम से अमेरिका में होली का पर्व मनाया जाता है. इस दिन एक अजिबो गरीब प्रतियोगिता सभा का आयोजन होता है. इस सभा में लोग एक से बढ़कर एक बेहुदा हरकतें करते हैं. सबसे अच्छे बेहुदा हरकत करने वाले को पुरस्कृत किया जाता है. इस आयोजन में अमेरिका के लोग जमकर मजे लेते हैं.

इटली: – इटली में यह पर्व अन्न की देवी को खुश करने के लिए बेलिमाकोनोन्स के नाम से मनाया जाता है. इस दिन लोग अपनेे मित्रों और रिश्तेदारों से मिलते है और उन्हे तोहफे भोट देते हैं.

रोम:- रोमन वासियों के कुल देवता सैटर्न को प्रसन्न करने के लिए साटरनालियां के नाम से यह पर्व मनाया जाता है. अनुमानतः हर साल इसका आयोजन 17 दिसंबर को होता है. लोग सात दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में जम के भाग लेते हैं.

अफ्रीका:- अफ्रीका में हिरण्यकश्यप की कथा काफी प्रचलित है. अफ्रीका में हिरण्यकश्यप की कथा को लोेग वहा के अत्याचारी राजा सेे जोड़ कर देेखते हैं. यहां यह त्योहार आमेन या ओगेना वोगा के नाम से मनाया जाता है.

इजिप्ट:- इजिप्ट में यह पर्व  भारत से कुछ मिलता जुलता मनाया जाता है. 13 अप्रैल की रात यहा होली उत्सव की रात होती है. लोग जंगलों में इकट्ठा होकर आग जलाते है और अपने पुर्वजों को याद करते है. इस रात नृत्य और संगीत का भरपूर मजा लोग उठाते हैं.

जर्मनी:- जर्मनी के सारे शहर पंद्रह दिन तक रंगों में सराबोर रहता है. वसंत के आगमन से ही यह पर्व कार्निवास के नाम से मनाया जाता है. इस दौरान मुर्ख सम्मेलन हंसी सम्मेलन एवं उमंग और मस्ती से जुड़े अनोकों सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है.

स्विट्जरलैड:- फरवरी के अंतिम सप्ताह में यहा होली का पर्व मनोंत्सव के रूप में मनाया जाता है. तीन दिन तक चलने वाले इस उत्सव में लोग जम कर मजा लेते हैं.

Holi 2023: जानें क्या पहनें होली वाले दिन?

जैसे की हम जानते हैं होली बिल्कुल आ ही गई है और होली न केवल एक त्यौहार है बल्कि देश भर में खुशियों और मस्ती करने का भी एक प्रतीक है. इस त्यौहार के लिए केवल मिठाई और रंग आदि लेना ही जरूरी नही होता बल्कि होली वाले दिन क्या पहनना है वह तय करना भी बहुत जरूरी होता है. अगर आपको भी होली के दिन कोई पार्टी अटेंड करनी है तो अब आपको यह चिंता करने की जरूरत नहीं है की आपको उस दिन क्या पहनना है क्योंकि हम आपके लिए लाए हैं कुछ परफेक्ट आउटफिट आइडिया.

होली 2021 मनाने के लिए पटियाला सूट में हो जाएं कंफर्टेबल

पटियाला सूट जिसे पंजाबी सूट भी कहा जाता है, आपको बहुत स्टाइलिश और आरामदायक लूक दे सकता है. इसे पहनना और कैरी करना भी बहुत आसान होता है और यह आप पर बहुत अच्छा भी लगने वाला है इसलिए पटियाला सूट अवश्य ट्राई करें.

ग्लास

होली के दौरान आपकी आंखों को भी बहुत खतरा रहता है क्योंकि इस दिन बहुत से लोग कुछ ऐसे स्प्रे या रंगों का प्रयोग करते हैं जो बहुत ही केमिकल से युक्त होते हैं इसलिए अपनी आंखों को उन केमिकल्स के नुकसान से बचाने के लिए आंखों पर ग्लास अवश्य लगाएं. अगर आप बाहर होली खेलते हैं तो सन ग्लास लगाएं यह आपको धूप से भी बचायेंगे. आपकी आंखों की सुरक्षा करने के साथ साथ ही सन ग्लास आपके होली आउटफिट को और भी ज्यादा स्टाइलिश बना देंगे. अगर आप लेंस पहनते हैं तो यह ग्लास आपकी लेंस को केमिकल के कारण डेमेज होने से बचाते हैं.

फुट वियर

होली के लिए अपनी ड्रेस के हिसाब से फुट वियर चुनना भी बहुत आवश्यक और थोड़ा सा मुश्किल काम हो जाता है. इसलिए आपको होली के लिए फ्लिप फ्लॉप ही पहनने चाहिए. अगर आप भीग जाएंगे या रंगों से भी लथपथ हो जायेंगे तो इन रंगों और भीगने के कारण आपके फ्लिप फ्लॉप खराब नही होंगे. यह पहनने में भी बहुत अधिक कंफर्टेबल रहते हैं.

होली के लिए एसेसरी

आपके होली आउटफिट को इस बार बेसिक रखने की बजाय उसमें कुछ एसेसरी एड करें. आप अपने लूक को और ज्यादा स्टाइलिश बनाने के लिए गॉगल्स, कैप आदि का प्रयोग कर सकते हैं. यह न केवल आपके लुक को एक और लेवल पर पहुचायेगी बल्कि आपको सूर्य और गर्मी से भी बचाएंगी.

होली से पहल करें हेयर केयर

हो सकता है आपके वहां के लोगों को होली खेलना बहुत पसंद हो और इसलिए वहां आपको कोई भी यह कह कर भिगो सकता है की बुरा न मानो होली है. इसलिए अपने बालों को खराब होने से बचाने के लिए आपको होली से पहले अपने बालों की भी केयर करनी चाहिए. सबसे पहले अपने बालों में पर्याप्त तेल लगाएं. आप कोई भी नारियल का तेल या कैस्टर ऑयल लगा सकते हैं. यह आपके बालों को केमिकल्स के द्वारा खराब होने से बचायेंगे.

पके कपड़ों का फैब्रिक

होली के दिन जितना आवश्यक नए कपड़े खरीदना होता है उतना ही उसके फैब्रिक के बारे में ध्यान देना भी होता है. कोई भी ऐसे फैब्रिक में कपड़ा न लें जिससे आपको कंफर्टेबल महसूस होने में दिक्कत हो. इस त्यौहार के लिए बेस्ट फैब्रिक कॉटन ही होता है. यह न केवल आरामदायक होता है बल्कि सभी पर बहुत अच्छा भी लगता है.

 

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पुरुषों के लिए होली स्क्वा टी शर्ट

आरामदायक रहने के साथ साथ स्टाइलिश भी लगना है तो टी शर्ट से ज्यादा आप पर कोई चीज नहीं सूट कर सकती. इस होली पहनिए अपने स्क्वाड के जैसी मिलती जुलती टी शर्ट और इस होली को अपनी जिंदगी की सबसे अधिक यादगार होली बनाएं.

रंगों मगर प्यार से टी शर्ट

अगर आप अब भी होली पर क्या पहनें इसको लेकर दुविधा में हैं तो बॉलीवुड कोट से युक्त यह टी शर्ट पहन सकते हैं जिस पर आपको रंगो मगर प्यार से लिखा मिलेगा. यह एक सफेद टी शर्ट है जिसमें रंग बिरंगे कलर्स से यह स्लोगन लिखा हुआ है. आप इसे भी ट्राई कर सकते हैं और इसे पहनने से ही आपको सही होली वाली वाइब्स देखने को मिलेंगी.

Shivam Soni, Founder & CEO, Beyoung Folks Private Limited

Holi 2023: अगर वह उसे माफ कर दे

Top 7 Holi Tips In Hindi: इन टिप्स से बनाएं अपनी होली को खास

Holi 2023: होली के मौके पर अपनी स्किन से लेकर घर की हालत रंगों के कारण बेहद खराब हो जाती है, जिसके चलते आपकी होली बेकार हो जाती है. लेकिन इस बार हम आपको स्किन, हेयर केयर, हेल्थ, फैशन और होमकेयर से जुड़ी कुछ टिप्स बताएंगे, जिसे अपनाकर अपने होली सेलिब्रेशन में चार चांद लगा सकती हैं. तो अगर आप भी अपनी होली को बिना किसी परेशानी के शानदार बनाना है तो पढ़िए गृहशोभा की Top 7 Holi Tips in Hindi.

1. Holi 2023: होली के रंगों में भी आप दिख सकती हैं फैशनेबल

fashionable look

होली रंगों का त्योहार है. होली के मौके पर अगर आप किसी होली इवेंट में जा रही हैं तो आपके फैब्युलस लुक का होना जरूरी है. अगर आप इस बात से चिंतित हैं कि होली इवेंट में किस तरह से ड्रेसअप करना चाहिए या किस तरह का मेकअप करना चाहिए तो चलिए हम आपकी ये परेशानी भी दूर कर देते हैं. यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे टिप्स जिसमें आप फैब्युलस लग सकती हैं.

1. ड्रेसअप

व्हाइट कलर होली पर पहनने वाला एक पुराना फैशन बन चुका है. अब आप व्हाइट के साथ अलग-अलग कलर को पेयर करके अपने पहनावे को और भी वाइब्रेंट और आकर्षक बना सकती हैं. ऐसे ड्रेस चुनें जो आपको होली सेलिब्रेशन के दौरान कंफर्ट का एहसास कराये.

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2. Holi 2023: इन 7 टिप्स को अपनाएं और लें होली का मजा

colorful holi

होली के दिन आपका भी मन करता होगा रंगो में डूब जाने का और जी खोल कर मस्ती करने का. करें भी क्यों ना आखिर कितने इंतजार के बाद तो ये दिन आता है. तो खुद को जरा भी रोके बिना रंग का पूरा लुत्फ उठाइये पर जरा सानधानी से.

एक पुराना समय था जब लोग हल्‍दी, चदंन, गुलाब और टेसू के फूल से रंग बनाया करते थे पर आजकल तो रासायनिक रंगों का ही बोलबाला है. ऐसे मे सावधानी बरतना बहुत जरूरी है. ऐसे रंगों मे कई तरह के रासायनिक और विषैले पदार्थ मिले होते हैं, जो त्वचा, नाखून व मुंह से शरीर मे प्रवेश कर अदंरूनी हिस्सों को क्षति पहुंचा सकते हैं. ऐसे में अगर होली खेलने से पहले कुछ सावधानियां बरती जायें तो त्वचा को रासायनिक रंगों से होने वाले नुक्सान से काफी हद तक बचाया जा सकता है.

चलिए जानते हैं कि होली खेलने से पहले हमें क्‍या-क्‍या सावधानियां बरतने की जरुरत है-

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3. Holi 2023: होली पर बनाएं शाही गुजिया

ghujiya for holi

हर कोई चाहता है कि होली हो या दीवाली, हर त्यौहार खुशियों से भरा हुआ बीते. जहां अपनों का साथ और दिलों में त्यौहारों की उमंग हो. कई लोगों के लिए तो होली का त्यौहार इतना पसंद होता है, कि इसे मनाने के लिए वो किसी खास जगह या लोगों के साथ चले जाते हैं. तो कई घर पर नई नई रेसिपी के साथ फैमिली इस फैस्टिवल को सैलिब्रेट करते हैं. इसीलिए आज हम आपको होली पर बनने वाली गुजिया को शाही बनाने की टेस्टी रेसिपी के बारे में बताएंगे.

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4. Holi 2023: जानें क्या पहनें होली वाले दिन?

fashionable tips for holi

जैसे की हम जानते हैं होली बिल्कुल आ ही गई है और होली न केवल एक त्यौहार है बल्कि देश भर में खुशियों और मस्ती करने का भी एक प्रतीक है. इस त्यौहार के लिए केवल मिठाई और रंग आदि लेना ही जरूरी नही होता बल्कि होली वाले दिन क्या पहनना है वह तय करना भी बहुत जरूरी होता है. अगर आपको भी होली के दिन कोई पार्टी अटेंड करनी है तो अब आपको यह चिंता करने की जरूरत नहीं है की आपको उस दिन क्या पहनना है क्योंकि हम आपके लिए लाए हैं कुछ परफेक्ट आउटफिट आइडिया.

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5. Holi 2023: विदेशी धरती पर होली के रंग

society

होली का त्योहार हमारे देश के सीमा से बहार विदेशो मे भी मनाया जाता है . होली के रंग मे सब रंगना चाहते है,चाहे वो भारतवाशी हो या अलग-अलग देशो के दिलदार देशवाशी.सभी रंगो मे रंगना चाहते है , बस तरीके अलग-अलग होते है ,लेकिन खुशी और हर्षोल्लास का माहौल ठीक वही यहां होली मे होता है . तो आईए जानते है ,परदेश मे होली का रूप .

रूस:- भारत का पड़ोसी राष्ट्र रूस मे होली का पर्व अनोखे रूप से मनाया जाता है ,यहां लोग मौज मस्ती और आनंद के लिए अजीबो-गरीब हरकत करते है. लोग पेेड़ पर चढ़कर तने के उपर लकडि़या जला कर उनके बीच झंडा गाड़ देते है और दूर जाकर इस झंडे को डंडेे से गिराने की कोशीश करते है. क्यो कि यहा ऐसा मानना है कि जो झंडा गिरा देगा वो  अति भाग्य शाली होगा.

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6. Holi 2023: एक्सपर्ट से जानें होली के रंग से कैसे करे अपने चेहरे का बचाव

skin care for holi

होली एक ऐसा त्यौहार है जिसमें हम भरपूर मस्ती और उत्साह के साथ एक दुसरे पर रंग डालते हुए मनाते है. लेकिन हमें यह भी पता होना चाहिए की यही रंग हमारे चेहरे और शरीर को नुकसान पंहुचा सकता है. शरीर को नुकसान से बचाने के लिए कुछ आसान से उपाय अपना कर त्यौहार का पूरा मजा ले सकते हैं. त्यौहार के दिन हम अपने परिवार और दोस्तों के साथ व्यस्त रहते है लेकिन जब रिलेक्स करने की बारी आती है तो थकावट से उभर नहीं पाते. इस समस्या से कैसे निपटे इस बारे में बता रहीं हैं Cleopatra beauty wellness & makeovers की beauty expert, R.cha aggarwal.

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7. Holi 2023: होली में रखें स्किन का ख्याल

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रंगो के इस मौसम में स्किन का खास ख्याल रखे,ताकि होली के मस्ती के साथ आपका स्क्रीन पहले की तरह बना रहे. तों इस होली स्किन मेकअप को अपने चेहरे पर ट्राई करो और मस्ती से होली कों  इंज्वॉय करो .

शुरुआत बेस प्रोटेक्टिंग क्रीम या सनस्क्रीन से करो. इसके बाद पैन केक लगाओ ताकि स्किन लेयर खतरनाक केमिकल्स के संपर्क में न आएं, जो होली के रंगों में रहते हैं. इस समय मेकअप ट्रेंड भले ही जो भी हो, तुम मल्टीकलर और मेटैलिक मेकअप यूज करो.  ब्लू, ग्रीन, ब्राइट यलो, फूचिशा, पर्पल, ऑरेंज जैसे कलर्स को ट्राई करना मत भूलो. अपने गाल पर पीच शेड के रूज लगाओ. आंखों के सारे मेकअप काजल, आईलाइनर, मस्कारा को डिच कर दो. रंग खेलते समय ये आंखों में जा सकते हैं. खासकर पानी वाले रंग तो आंखों में चले जाएं और काजल भी लगा हो तो आंखें जल उठेंगी. यदि आपकी  इच्छा कुछ डिफरेंट ट्राई करने की हो तो चेहरे को पेंट करवा सकते हो या खुद भी कर सकते हो.

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Holi 2023: रंगों के बीच ऐसे रखें अपनी खूबसूरती को बरकरार

होली मतलब रंगों का त्योहार, अपनों का साथ, मस्ती और खूब सारा धमाल. रंगों की हमजोली में हर कोई डूब जाना चाहता है, लेकिन रंगों का ये त्योहार खुशियों के साथ में कभी कभी कुछ तकलीफें भी दे जाता है. कई बार हम इस डर से भी रंगों से तौबा कर लेते हैं कि कहीं इससे हमारे बाल या त्वचा खराब न हो जाए. लेकिन अब चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ब्यूटी टिप्स लेकर आएं हैं जो ना कि आपको रंगो से होने वाली समस्याओं से छुटकारा दिलाएगा बल्कि आपकी खूबसूरती में चार चांद भी लगाएगा.

अगर आप होली के रंगों की खुशियों में रंगने के साथ अपनी खूबसूरती भी बरकरार रखना चाहती हैं, तो इसके लिए आपको पहले से ही तैयार होना पड़ेगा. होली में रंगों से होने वाले नुकसान से बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स-

ढीले-ढाले और फुलस्लीव कपड़े पहनें

रंगों से खुद को ज्यादा से ज्यादा बचा कर रखने का सबसे बेहतर तरीका है फुलकवर्ड कपड़े. होली में दोस्तों के संग टोलियों में रंगों का मजा लेने के लिए ढीले-ढाले कपड़े जैसे फुल जींस और फुलस्लीव टीशर्ट, सलवार कमीज आदि पहनने चाहिए. ऐसा करने से आपका बदन ढंका रहेगा और काफी हद तक रंगों से बचा भी रहेगा. इतना ही नहीं इन कपड़ों में आप खुद को कंफर्टेबल भी महसूस करेंगी.

अपनी स्किन पर चढ़ाएं सुरक्षा कवच

सुबह उठकर सबसे पहले अपने शरीर पर तिल का तेल, सरसों का तेल, औलिव औयल या फिर कोई अन्य बौडी औयल लगाएं. चेहरे और गर्दन की त्वचा को रंग के असर से बचाने के लिए उस पर वाटर प्रूफ बेस लगाएं. ऐसा करने से रंग त्वचा पर चढ़ेगा नहीं और नहाते समय आसानी से धुल जाएगा.

बालों की करें देखभाल

बालों को रंगों के प्रभाव से बचाने के लिए तेल अच्छा विकल्प है. बालों पर जोजोबा, रोजमेरी या नारियल तेल की मसाज करें. अगर बाल लंबे हैं, तो तेल लगाकर टाइट जूड़ा या पोनी बना लें. इससे स्कैल्प और बालों में रंग जड़ों तक नहीं समाएगा और आसानी से निकल भी जाएगा. यदि आपके बाल छोटे हैं, तो बालों में तेल लगाएं और फिर हेयर जेल लगाकर बालों को सेट करें.

नेलपेंट का डबलकोट लगाएं

होली के रंग सबसे ज्यादा हमारे नाखूनों को प्रभावित करते हैं. क्योंकि ये जल्दी छूटने का नाम ही नहीं लेता है और काफी दिनों तक हमारे नाखूनों को बदसूरत बनाए रखता है. इससे बचने के लिए किसी स्ट्रॉङ्ग नेलपेंट का डबलकोट अपने हाथों और पैरों के नाखूनों पर लगाएं. होली के बाद जब आप थिनर से अपना नेलपेंट हटायेंगे, तो आपके नाखून पहले जैसे ही खूबसूरत और बेदाग नजर आयेंगे.

होंठों पर लगाएं मैट लांग-स्टे लिपस्टिक

नाजुक होंठों को रंगों के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए उस पर अच्छी क्वालिटी की मैट लांग-स्टे लिपस्टिक लगाएं. ये लिपस्टिक आपके होठों पर काफी घंटों तक बरकरार रहेगी और रंग के प्रभाव से होंठों की रंगत भी फीकी नहीं पड़ेगी. अगर आप कलर लिपस्टिक नहीं लगाना चाहती हैं, तो नेचुरल शेड का लिप कलर लगाएं. ये होंठों पर सुरक्षा कवच का काम करेगा और इससे होठों पर रंग चिपकेगा भी नहीं.

होली खेलने के बाद

अगर आपने सूखी होली खेली है, तो धोने से पहले अच्छे से रंगों को कपड़े से झाड़ लें. चेहरे से रंग छुड़ाने के लिए बहुत अधिक स्क्रब ना करें, इससे त्वचा रूखी हो सकती है. रंग साफ करने या चेहरा धोने के लिए साबुन की जगह क्लींजर का इस्तेमाल करें.

होली खेलने के तुरंत बाद बालों को माइल्ड शैंपू से धोएं और अच्छे से कंडीशनिंग करें. ये रंगों से बालों को डैमेज होने से बचाता है. दो बड़े चम्मच शहद में दो अंडे और एक बड़े चम्मच नारियल का तेल अच्छे से मिलाएं. इसे अपने बालों पर लगाएं और करीब एक घंटे तक रहने दें. इसके माइल्ड शैंपू और एक अच्छे कंडीशनर से धो लें. इस घरेलू कंडीशनिंग से आप अपने बालों को ज्यादा खूबसूरत पाएंगी.

आंखों को साफ पानी से धोने के बाद गुलाब जल आंखों में डाल सकती हैं या गुलाब जल में भीगे कौटन को आंखों पर कुछ देर रख आंख बंद करें.

किचन इन्ग्रीडियेंट का इस्तेमाल

चने का आटा, शहद और दूध को मिक्स करके स्क्रब बना लें और इसे फेस और बौडी पर स्क्रब करें. ये बौडी से कलर हटाने में आपकी मदद करेगा. साथ ही स्किन को चमकदार और मुलायम भी बनाता है. ज्यादा पोषण के लिए मौइस्चराइजिंग के पहले फ्रेश एलोवेरा जेल बौडी पर लगाएं.

Holi 2023: थोड़े से दूर… नॉट ब्रेक-अप

बहुत दिनों से एक बात कहना चाह रहा था, अर्जुन ने फिल्मी अंदाज में वैदेही का हाथ अपने हाथ में लिए कहा. अर्जुन कुछ और आगे कह पाता इससे पहले ही वैदेही ने मज़ाकिया लहजे में कहा, अगर एक स्मार्ट लड़की को कुछ कहना हो, तो लड़के के लिए सबसे जरूरी बात आई लूव यू ही होती है. और वह तो तुम तीन साल पहले ही बड़े अच्छे से कह चुके हो. अर्जुन बालों में हाथ घुमाते और गाल एक हाथ से खीचते हुए वैदेही आगे कहती हैं, आई लव यू ही क्या तुम उससे भी ज्यादा कह चुके हो.

वैदेही के बातों को मानो अनसुना सा करते हुये अर्जुन अपने में ही कुछ खो सा जाता है, मानों वह अपने सवालों का खुद ही जबाब तलाश कर रहा हो. अर्जुन के फिल्मी हीरो वाले सीरियस पोज को देखते हुए वैदेही कहती है, ऐसा क्या हुआ तुम तो चुप्पी ही साध गए. चलो बताओ क्या कहना चाहते हो?

अब वैदेही को सीरियस होते देख अर्जुन ने तुरंत ही बात को बदलते हुये कहता है चलो रहने दो फिर बाद में बताउगा, इतनी भी सीरियस होने की बात नहीं है. अर्जुन कुछ और कहता इससे पहले ही वैदेही बोलती है, इट इज नोट गुड, तुम हमेशा ऐसे ही करते हो. जब कुछ बताना नहीं होता तो कोई बात चालू ही क्यों करते हो.

अब वैदेही के मूड को बदलते हुये देखकर अर्जुन कहता है बिना सुने तो तुम इतनी नाराज हो रही हो सुनकर न जाने क्या करोगी?

तुरंत जबाब देते हुये वैदेही कहती है, यदि अच्छी बात होगी तो प्यार भी मिल सकता है और कुछ बकबास हुयी तो एक चाटा भी. वैदेही के मूड को कुछ नॉर्मल देख अर्जुन कहता है, सच में कहूँ जो मैं कहना चाहता हूँ.

वैदेही – हाँ कहो ना, क्या बात है.

अर्जुन – लेकिन एक शर्त है, अगर मंजूर हो तो बात शुरू करूँ.

वैदेही – अगर फालतू की कोई शर्त है तो बिलकुल नहीं मंजूर.

अर्जुन – यार हद है, एकदम छोटी सी शर्त है.

वैदेही – चलो मंजूर, बोलो अब.

वैदेही की शर्त बाली बात को मानने के बाद अर्जुन मन ही मन अब यह सोच रहा था कि वैदेही को यह बात कैसे कहूँ, जिससे वह मेरे मन में जो है वह समझ सके. क्योंकि शब्दों की कुछ सीमाएं तो हमेशा ही होती हैं, शब्द हमेशा आपकी भावनाओं को पूर्णता में अभिव्यक्त नहीं कर पाते. व्यक्ति चाहे जितना सोच ले, पहले से तैयारी कर ले, लेकिन जो वह सोचता है उसको शब्दों के जरिए नहीं बता सकता.

अर्जुन की कुछ पल की चुप्पी को देख वैदेही के मन में भी सैकड़ों बातों आने-जाने लगी, जैसे कोई रीमोट से चैनल बदल रहा हो. इस बात को कहते हुये अर्जुन भी कुछ सहज महसूस नहीं कर रहा था, इतना नर्वस तो वह उस समय भी नहीं था जब उसने वैदेही को प्रपोज किया था. एक छोटी खामोशी को तोड़ते अर्जुन वैदेही के हाथ को पकड़ते हुये कहता है, शर्त के अनुसार तुम आज इस बात पर कोई रिएक्ट नहीं करोगी, आज रात के बाद कल हम इस पर बात करेंगे.

वैदेही – ओके, अब आगे भी तो कुछ बोलो.

हाथ में हाथ लिए आसमान को देखते हुये अर्जुन कहता है मैंने पिछले कुछ महीनों से महसूस किया है कि हम मिलने पर बहुत बाते करने लगे हैं, और कभी-कभी तो ये बाते हमारी तुम्हारी न होकर किसी और की ही होती हैं. मिलने पर इतनी बाते तो हम पहले कभी नहीं करते थे. और पहले जो बाते होती भी थी वह मेरी और तुम्हारी ही थी. मुझे तो लगता है वैदेही हमारे अंदर कुछ बदल सा गया है. अब तो कभी-कभी हमारा झगड़ा भी होने लगा है, भले अभी यह ज्यादा लंबा नहीं होता.

वैदेही के चेहरे के हावभाव कुछ बदलते हुये देखकर भी अर्जुन अपनी बात को आगे बढ़ाते हुये कहता है, अगर हम अपने इस प्यार को यूं ही आगे इसी सिद्दत से जारी रखना चाहते हैं.  तो हमें प्यार के इस मोड पर कुछ समय के लिए दूर हो जाना चाहिए. लड़ने झगड़ने के बाद तो सभी अलग होते हैं… ब्रेकअप करते हैं. हम दोनों कुछ एकदम नया करते हैं. तुम जानती हो रूटीन लाइफ से में कुछ बोर सा हो जाता हूँ, इसलिए हम कुछ एक्साइटिंग कुछ हटके करते हैं.

वैदेही – यू मीन ब्रेक-अप, मतलब तुम मुझसे अलग होने कि बात कह रहे हो, और वो भी ब्रेकअप विदाउट रीज़न.

अर्जुन – यार मैंने कहा था, कि आज रिएक्ट नहीं करोगी, प्लीज कल बात करेंगे ना.

वैदेही – लेकिन तुम्हें पता है तुम क्या कह रहे हो?

इतना कहते की वैदेही की पलके आंसुओं से भारी होने लगी, उसे समझ ही नहीं आ रहा था. वह क्या कहे, और ऐसा अचानक क्या हो गया जो अर्जुन ऐसा कह रहा है.

अर्जुन – हाँ बिलकुल मैं सोचकर यह बात तुमसे कह रहा हूँ, और वैदेही प्यार में प्रपोज, एक्सेप्ट, रोमांस, ब्रेक-अप के अलाबा भी बहुत कुछ होता है. हाँ एक बात और मैं तुमसे कह दूँ तुम ये जो ब्रेक-अप जैसी फालतू बात कर रही हो मेरा मतलब बो बिलकुल भी नहीं है.

अब समझ में आने की जगह अर्जुन कि बाते और अबूझ पहेली की तरह हो रही थी, वैदेही मन ही मन सोचे जा रही थी, अगर ब्रेक-अप नहीं तो क्यों यह दूर जाने की बात कह रहा है. वैदेही के कंधे पर हाथ रखते हुए अर्जुन कहता है, पता नहीं तुम अभी मेरी बात समझी या नहीं, पर अब जो मैं कह रहा हूँ, उस पर तुम कल ध्यान से खूब सोचकर विचार कर आना.

वैदेही के बालों को सहलाते हुये अर्जुन अपने मन में उठे प्रश्नों को वैदेही के सामने रखता है. वैदेही याद करो प्यार की शुरुआत में फोन पर हम घंटों बाते करते थे, पर आज फोन पर हम कितनी बात करते हैं? पहले मिलने पर क्या हमारे पास इतनी बाते थी, जितनी आज हम करते हैं? और आजकल हमारी बाते मेरी तुम्हारी ना होकर किसी और टॉपिक पर ही क्यों होती हैं? और दूसरे की बातों में हम कभी-कभी वेवजह झगड़ भी लेते हैं.

अर्जुन की यह सारी बाते अभी भी वैदेही के समझ के बाहर थी, अब इसी कनफ्यूज से  मन और दिमाग की स्थिति के साथ कुछ मज़ाकिया अंदाज में वैदेही कहती है, लोग सच ही कहते हैं साइकोलोजी और फिलोसफी पढ़ने-पढ़ाने वाले लोग आधे खिसक जाते हैं. और तुमने तो दोनों ही पढ़े हैं, इसलिए लग रहा है, कि तुम तो पूरे….

अर्जुन – अब तुम्हें जो कहना है वह कहो या समझो पर कल जरूर मेरी इन बातों को सोचकर आना .

आज घर जाते हुए भले दोनों हाथों में हाथ लिए चल रहे थे, पर दोनों खोये हुये थे किसी और ही दुनिया में. वैदेही चलते-चलते सोचे जा रही थी कि अर्जुन की तो आदत ही है, इस टाइप के इंटेलेक्चुयल मज़ाक करने की, लेकिन दूसरे ही पल वह यह भी सोच रही थी कि छोड़ने या अलग होने की बात तो आजतक कभी अर्जुन ने नहीं की है. इसलिए वह ऐसा मजाक तो नहीं करेगा. मन की उधेड़बुन तो नहीं थमी, लेकिन चलते-चलते पार्किंग स्टैंड जरूर आ गया.

जहां से दोनों को अलग होना था. दोनों ने एक दूसरों को सिद्दत भरी निगाहों और प्यार के साथ अलविदा किया और अपनी-अपनी गाड़ी को स्टार्ट करते हुये, अपने-अपने रास्ते पर चल दिए.

भले अर्जुन की बातों से वैदेही ज्यादा उदास और सोचने को मजबूर थी, पर अर्जुन भी कम बैचेन नहीं था. इसलिए ही तो कहते हैं कि अगर हम किसी के मन में अपनी बातों या कामों से उथल-पुथल मचाते हैं तो उसका प्रभाव हम पर भी कुछ ना कुछ जरूर ही होता है. हम चाहे कितने प्रबल इच्छाशक्ति वाले क्यों ना हों.

बारह घंटे के बाद स्माइली इमोजी और गुड्मोर्निंग के साथ अर्जुन का मेसेज वैदेही के मोबाइल पर आता है. बताओ कहाँ मिलना है? और आई होप तुमने जरूर सोचा होगा. वैदेही भी कनफ्यूज इमोजी के साथ गुड्मोर्निंग भेजती है और लिखती है. कल कहानी तुमने ही चालू की थी, तो आज तुम ही बताओ कहा खत्म करोगे. रिप्लाई करते हुये अर्जुन कहता है आज संडे भी है तो यूनिवर्सिटी के उसी पार्क में मिलते हैं जहां पहली बार मिले थे.

पार्क में अर्जुन हमेशा की तरह टाइम से पहले बैठा मिलता है. वैदेही भी पार्क के गेट से ही अर्जुन को देख लेती है मानों पार्क में उसके अलावा कोई और हो ही ना.

अर्जुन कुछ बोलता उससे पहले ही वैदेही कहती है तुमने जो भी कहा था उस पर खूब सोचा और उससे आगे-पीछे भी बहुत कुछ सोचा. हाँ तुम सही कहते हो पहले हम फोन पर ज्यादा बाते करते थे और मिलने पर हमारे पास बाते कम और अहसास ज्यादा थे. एक-दूसरे से मिलने पर बातों की जरूरत ही महसूस नहीं होती थी. एक दूसरे की मौजूदगी ही सब कह देती थी. और यह भी सही है पिछले कुछ दिनों से हम लोग एक दूसरे की बात या विचार का उतना सम्मान नहीं करते जैसा पहले था. पहले मुझे तुम्हारी गलत बाते भी सही लगती थी और अब कभी-कभी सही बात पर भी हम वेवजह बहस करने लगते हैं.

वैदेही कुछ और कहती इसी बीच में अर्जुन कहता है, तो बताओ ऐसा क्यों है?

वैदेही- अरे अब मैंने फिलोसफी थोड़े पढ़ी है, मैंने तो आर्किटेक्ट पढ़ी है, और आर्किटेक्ट में पहेलियाँ नहीं सीधे-सीधे पढ़ाई होती है. इसलिए तुम ही बताओ ऐसा क्यों है?

अर्जुन कुछ बोलता इससे पहले ही वैदेही कहती है, जो तुमने कहा था वह तो सोचा ही साथ ही मैंने यह भी सोचा कि अपने रिलेशन के पिछले तीन सालों में वैसा व्यवहार एक दूसरे से बिल्कुल नहीं किया, जो किसी प्यार करने वालों में एक साल के अंदर ही होने लगता है, एक भी बार हम दोनों ने एक-दूसरे से इरीटेट होकर ना फोन काटा ना ही स्विच आफ किया. न तुम कभी मुझसे गुस्सा हुये और न ही मैं तुमसे, फिर ना जाने तुम क्यों ब्रेकअप ओह सॉरी-सॉरी दूर होने की बात कर रहे हो.

वैदेही की सारी बातों को हमेशा की तरह उसी तल्लीनता से सुनकर अर्जुन कहता है, वैदेही तुम जो कह रही हो मेरे मन भी यही सब बाते आई थी. तुमसे अलग होने की बात करने से पहले. मैं भी यही सोचता रहा कि अगर दो प्यार करने वाले मिलने पर ज्यादा बात करने लगे हैं, थोड़ा सा बहस करने लगे, थोड़ा सा लड़ ले, तो इसमें क्या गलत है.

पर वैदेही मुझे लगता है जब अहसास कुछ कम होने लगते हैं तब शब्दों की जरूरत ज्यादा पड़ती है, और हम दोनों क्या, अगर किसी भी संबंध में सिर्फ शब्द ही रह जाए तो मान लेना चाहिए संबंध या तो खत्म हो गया है या फिर अगर है भी तो बस औपचारिकता भर है, ऐसे संबंध में आत्मा या जीवंतता नहीं है.

आज हमारे रिलेशन में भले कोई बड़ी समस्या नहीं है पर मुझे लगता है ये छोटी-छोटी  नोकझोक ही आगे चलकर बड़ी प्रोबलम बन जाती हैं. अर्जुन अपनी बातों को और समझाने का प्रयास करते हुये कहता है, वैदेही मैंने कई लोगों के प्यार के सफर में देखा हैं, पहले छोटी मोटी नोकझोक, फिर बेमतलब की बहसे, फिर आरोप-प्रत्यारोप और फिर चुप्पी, और अंत की चुप्पी बहुत ही दर्द देती है.

अर्जुन कुछ और कहता उसके बीच में ही वैदेही कहती है तो तुम्हारा मतलब है हमारे बीच अब अहसास नहीं बचा या प्यार नहीं है.

अर्जुन – नहीं नहीं मैंने ऐसा कब कहा कि हमारे बीच प्यार नहीं. बल्कि मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ कि जो हमारे बीच अहसास है, प्यार है वह बरकरार रहे. वैदेही अभी बहुत कुछ है हमारे बीच जो हमें एक दूसरे की ओर आकर्षित और रोमांचित करता है. मैं यही चाहता हूँ कि यही अहसास बने रहें.

वैदेही – तो अब तुम्ही बताओ कि हमें क्या करना चाहिए?

अर्जुन – हमें कुछ दिनों या महीनों के लिए दूर हो जाना चाहिए ताकि फिर से हम एक दूसरे से कुछ अजनबी हो सके, कुछ दिनों कि दूरी फिर से वह आकर्षण या कशिश पैदा करेगी, जहां शब्दों की फिर कम ही जरूरत होगी. और जितनी बात हम दोनों के फिर से मिलने पर होगी वह मेरी और तुम्हारी ही होगी, क्योंकि कुछ दिनों का अजनबीपन से बहुत कुछ हम दोनों के पास होगा जो हम एक-दूसरे से सुनना और बताना चाहेंगे.

वैदेही – ठीक है मान लिया तुम चाहते हो कि हँसते-हँसते कुछ समय के लिए हम दूर हो जाए, एक अच्छे रिलेशन को और मजबूर करने के लिए, पर ये होगा कैसे?

अर्जुन – अरे यार तुम आर्किटेक्ट में डिप्लोमा करने के लिए जो मूड बना रही हो, उसे अहमदाबाद में जॉइन करो, और हो जाओ अजनबी. और फिर मिलते हैं कुछ नए-नए से होकर, विथ न्यू एक्साइटमेंट के साथ.

वैदेही – थोड़े-थोड़े अजनबी बनने के चक्कर में कहीं इतनी दूर नहीं हो जाए कि फिर कभी मिल ही ना सकें.

अर्जुन – अगर कुछ दिनों कि दूरी हमें अलग कर देती है तो फिर तो हम दोनों को ही मान लेना होगा की हमारा रिश्ता उतना मजबूत था ही नहीं, और ये दूरी तोड़ने या दूर जाने के लिए नहीं बल्कि और नजदीक आने के लिए है.

वैदेही अर्जुन के इस प्रपोज़ल को दिल से स्वीकार कर पायी थी या नहीं, पर अर्जुन के इस दिमागी फितूर को मानते हुए अहमदाबाद में उसने अपना कोर्स जॉइन कर लिया. वैदेही नयी जगह, नए दोस्तों और पढ़ाई में कुछ व्यस्त से हो गयी थी, पर रात में अर्जुन की यादें हमेशा उसके साथ रहती थी.

अर्जुन और वैदेही को दूर हुए अभी दो महीने ही तो हुये थे पर अर्जुन का 6 महीने बाद मिलने का वादा जबाब देने लगा. छः महीने के पहले न फोन करने और न ही मिलने वाली अपनी ही बात को ना मानते हुए, अर्जुन ने आज वैदेही को मोबाइल पर मेसेज भेजा.

कुछ घंटे के इंतजार के बाद उसने फिर मेसेज भेजा, पर पहले मेसेज की तरह ही दूसरा मेसेज न तो रिसीव हुआ और न ही कोई जबाब आया.

मेसेज का जबाब न आने पर अर्जुन की बैचेनी बढ़ने लगी थी, बढ़ती बैचेनी ने अर्जुन के मेसेज की संख्या और लंबाई को भी बड़ा दिया. और अब मेसेज क्या वैदेही ने तो कॉल भी रिसीव नहीं किया था.

अब अर्जुन के मन में सौ सवाल उठ रहे थे, क्या वैदेही गुस्सा हो गयी? कहीं वैदेही को कुछ हो तो नहीं गया? या कहीं कोई और बात तो नहीं? अर्जुन के मेसेज और कॉल करने और वैदेही के जबाब न देने का सिलसिला लगभग 15-20 दिन चला. अंततः अर्जुन ने ठान लिया की वह अब खुद ही अहमदाबाद जाएगा.

माना जाता है कि स्त्री के व्यक्तिव की यह खूबी और पुरुष के व्यक्तिव की यह कमी होती है, जिसके कारण पुरुष अपनी ही सोची बात, विचार या निर्णय पर अक्सर कायम नहीं रह पाता, जबकि एक स्त्री किसी दूसरे की बात, विचार या निर्णय को उतनी ही सिद्दत से निभाने का सामर्थ्य रखती है, जैसे वह विचार या निर्णय उसने ही लिया हो.

जिस दिन अर्जुन को अहमदाबाद जाना था उसके एक दिन पहले अचानक रात में अर्जुन के मोबाइल पर वैदेही के आने वाले मेसेज की खास रिंगटोन बजती है, इतने लंबे इंतजार के बाद वैदेही के मेसेज आने से मोबाइल की स्क्रीन के साथ अर्जुन की आंखे भी चमक रही थी.

पर मेसेज में न जाने ऐसा क्या लिखा हुआ था, जैसे-जैसे अर्जुन मेसेज की लाइने पढ़ रहा था, पढ़ने के साथ उसके चेहरे की रंगत भी उड़ती जा रही थी.

मेसेज पढ़ने के बाद अर्जुन वैदेही से पहली बार मिलने से लेकर उस अंतिम मुलाक़ात को याद कर रहा था, बेड पर लेटकर एकटक ऊपर की ओर देखते हुये अर्जुन की आँखों से नमी झलकने लगी थी. कहा जाता है जब दर्द गहरा होता है तो आँसू बिना रोये, बिना आबाज के ही बहने लगते हैं. कुछ पल पहले जिस मेसेज के आने से अर्जुन की आंखे खुशी से चमकी थी, वही आंखे मेसेज पड़ने के बाद नम थी. वैदेही के मेसेज को कई बार पढ़ने के बाद भी अर्जुन को यकीन नहीं हो रहा था कि यह सब सही है…

…..डियर अर्जुन इतने दिनों से तुम मेसेज और कॉल कर रहे हो पर मैंने कोई जबाब नहीं दिया उसके लिए सॉरी… मैं तुमसे बिल्कुल भी गुस्सा नहीं हूँ, पर क्या करूँ तुमने जो कहा था  मैं वही तो कर रही हूँ. और तुम जानते हो तुम्हारी हर खवाहिस को मैं दिल से पूरा करने की कोशिश करती हूँ. सच अर्जुन अभी भी मुझे पता नहीं कि दूर होने के लिए तुमने यह मजाक में कहा था, या फिर किसी और वजह से, हो सकता है मेरे कैरियर बनाने के लिए तुमने ऐसा किया हो, पर अर्जुन यह सच है कि मैं तुमसे दूर होने की सोच भी नहीं सकती थी. अर्जुन पिछले दिनों एक बात मेरे मन में रोज ही आती है, अभी तो हम सिर्फ प्यार में थे और शादी जैसा कोई बंधन भी नहीं था, पर तुम्हारे रूटीन लाइफ से बोर हो जाने के कारण हम कुछ दिनों के लिए दूर हो गए. पर अर्जुन यदि शादी के बाद भी तुम रूटीन लाइफ से बोर होने लगे तब क्या होगा. अर्जुन हम जैसी लड़कियों का गुण कहें या मजबूरी हम तो दिल से जिस कन्धें और हाथ को एक बार थाम लेते हैं, उसे ही ज़िंदगी भर के लिए अपना साहिल समझ लेते हैं, लड़कियों की ज़िंदगी में खासकर इंडिया में रूटीन लाइफ से बोर होने का आपसन नहीं होता है.  इसलिए मेरे और तुम्हारे बीच की इस कुछ दिनों की दूरी को फिलहाल अपना ब्रेक-अप ही समझ रही हूँ. हाँ ज़िंदगी बहुत लंबी है इसलिए आगे का मुझे भी कुछ पता नहीं क्या होगा? दुआ करती हूँ हम दोनों की ज़िंदगी में अच्छा ही हो. अब मेसेज और कॉल नहीं करना क्योंकि तुम्हारे सवालों और बातों का मेरे पास इस मेसेज के अलावा कोई और जबाब नहीं है, लव यू…तुम्हारी वैदेही.

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