मौनसून में ऐसे रखें डाइट का ख्याल

लेखक- अनु जायसवाल (फाउंडर डाइरैक्टर वैदिक सूत्र वैलनैस सैंटर)

मौनसून सीजन में अगर आप का खानपान सही है तो आप डिहाइड्रेशन, डायरिया, पसीना, थकान, भूख न लगना, उलटियां, हीट स्ट्रोक, फूड पौइजनिंग जैसी समस्याओं से दूर रहेंगी. इस मौसम में इन परेशानियों से बचने के लिए आप अपने डाइट चार्ट में निम्न चीजों को शामिल कर सकती हैं:

1. सलाद को करें डाइट में शामिल

टमाटर में विटामिन ए, विटामिन सी और लाइकोपीन होने से पोषक तत्त्वों का यह पावरहाउस फलों और सब्जियों दोनों में गिना जाता है. एक टमाटर में सिर्फ 35 से 40 कैलोरी होती है, लेकिन यह एक दिन में विटामिन सी की 40% और विटामिन ए की 20% जरूरत को पूरा कर सकता है.

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टमाटर के और भी कई फायदे हैं. लाइकोपीन जैसे ऐंटीऔक्सीडैंट के कारण यह कई तरह के कैंसर से लड़ने में सहायक होता है. शोध बताते हैं कि लाइकोपीन एलडीएल या बैड कोलैस्ट्रौल से बचाता है, जिस से हृदय रोगों की आशंका कम होती है.

खीरा सलाद के रूप में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. इस में पोटैशियम होता है जो हाई ब्लड प्रैशर को कंट्रोल करने में मददगार होता है. अल्सर के इलाज में भी खीरे का सेवन राहत पहुंचाता है. पैपर या कालीमिर्च में भी बीटा कैरोटिन जैसा ऐंटीऔक्सीडैंट होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत  बनाता है और फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है. रोज एक बाउल टमाटर का सलाद जरूर खाएं. लेकिन कुछ बीमारियों जैसे पथरी में टमाटर का सेवन डाक्टर से पूछ कर ही करें.

2. लो कैलेरी फ्रूटस को मौनसून में करें ट्राई

इस मौसम में कई लो कैलोरी फ्रूट्स उपलब्ध होते हैं, जिन में फाइबर, कैल्सियम एवं अन्य महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्वों की पर्याप्त मात्रा होती है. ये शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखते हैं. इस मौसम में मौसमी फलों जैसे तरबूज, लीची, खीरा, खरबूजा, संतरा, अंगूर आदि का सेवन बहुत फायदेमंद रहता है. सोडियम, पोटैशियम और विटामिन बी से भरपूर तरबूज शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है. अत: इन सब मौसमी फलों को अपने डाइट चार्ट में शामिल करना न भूलें.

3. बौडी को रखें जूस से हाइड्रेटिड

चिपचिपी गरमी के मौसम में बौडी को पानी की ज्यादा जरूरत होती है, इसलिए पेयपदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए ताकि शरीर को पर्याप्त पानी मिले और आप को मिले उमस भरी दोपहरी में चुस्तीफुरती. अत: डाइट चार्ट में जूस को भी शामिल करें. नीबू पानी से बेहतर कोई जूस नहीं. संतरा, मौसमी जैसे फलों जूस भी ले सकती हैं. नारियल पानी में कई जरूरी मिनरल्स होते हैं, जो शरीर को हाइड्रेट रखते हैं. यह पोटैशियम का अच्छा स्रोत है.

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4. मौसमी सब्जियों को करें डाइट में शामिल

डाइट में मौसमी सब्जियां जैसे लौकी, भिंडी, करेला, सीताफल, टमाटर, खीरा और मिर्च को जरूर शामिल करें. लौकी में कैलोरी कम, लेकिन फाइबर और पानी अधिक होता है. लो कैलोरी होने की वजह से इन सब्जियों को खाने से मोटापे का भी खतरा नहीं होता. करेले में कौपर, आयरन और पोटैशियम होता है. इसे खाने से शरीर की ब्लड शुगर और इंसुलिन का स्तर नियंत्रित रहता है. करेला शरीर में क्षारीय प्रभाव डालता है, जिस से शरीर से विषैले तत्त्व बाहर निकलते हैं. ऐसिडिटी और अपच की परेशानी में भिंडी बहुत फायदेमंद होती है. जिन्हें यूरिन से जुड़ी समस्याएं होती हैं उन के लिए भिंडी बहुत लाभकारी होती है.

सीताफल यानी कद्दू में आयरन, फास्फोरस, मैगनीशियम जैसे तत्त्व होते हैं. कच्चे सीताफल का रस शरीर से विषैले तत्त्वों को बाहर निकालता है. ऐसिडिटी दूर करने और वजन कम करने में भी यह बहुत फायदेमंद होता है.

Edited by- Rosy

7 टिप्स: सही आहार में छिपा है खूबसूरती का राज

भोजन आप की त्वचा के रंग, बालों और यहां तक कि आप के मूड को भी प्रभावित करता है. अगर आप भीतर से सेहतमंद हैं, तो आप की त्वचा खुदबखुद चमकती रहेगी. त्वचा से ही आप की सेहत का पता चल जाता है. खाने में एंटीऔक्सीडैंट और मिनरल्स होते हैं, जो न केवल आप के तनाव को नियंत्रित रखते हैं, बल्कि त्वचा को भी चमकदार बनाए रखते हैं. आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ दिलचस्प बातें जिन्हें अपनाकर आप खूबसूरत और सेहतमंद बन सकती हैं…

1. सही खाने से वजन नियंत्रित रहता है: 

बहुत ज्यादा खाने और गलत आहार लेने से वजन बढ़ता है. मगर इस का यह अर्थ नहीं कि आप मौडल की तरह अपनेआप को बिलकुल पतला बना लें, मोटापा भी अच्छी चीज नहीं, क्योंकि यह डायबिटीज और दिल की बीमारियों तक का कारण बन सकता है.

2. सही आहार न लेने से बाल रूखे और बेजान हो जाते हैं:

आप के बालों को भी पोषण की जरूरत होती है. आहार का सीधा असर बालों पर पड़ता है. अगर आप के भोजन में विटामिन और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में नहीं होंगे तो हेयर फौलिकल कमजोर हो जाएंगे, जिस से बाल कमजोर हो कर पतले होने लगेंगे.

3. नाखूनों को भी चाहिए पोषण:

अगर आप के नाखून आसानी से टूट जाते हैं, तो इस का मतलब है कि आप को अपने आहार में बदलाव लाना चाहिए. बालों की तरह ही नाखूनों को भी पोषण की जरूरत होती है. इसलिए अंडा, कम फैट युक्त डेयरी पदार्थोंं और लीन मीट का सेवन करें. इस से नाखूनों को पर्याप्त प्रोटीन मिलेगा.

4. पोषक पदार्थों के अभाव में मांसपेशियां कमजोर और छोटी हो जाती हैं:

आप की मांसपेशियों का खूबसूरती से सीधा संबंध है. अगर आप की मांसपेशियां कमजोर होने लगें तो आप वर्कआउट नहीं कर पाएंगी. इस का असर आप के शरीर की मुद्रा पर पड़ेगा. अपनी पेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए प्रोटीन से युक्त खाद्यपदार्थों का सेवन करें ताकि वे अपना काम ठीक से करती रहें.

5. आप जो भी खाते हैं, वह आप की त्वचा से झलकता है:

रूखी व बेजान त्वचा आप के आहार का ही परिणाम होती है. अगर आप प्रोटीन का पर्याप्त सेवन करें, फल और सब्जियां भरपूर मात्रा में खाएं तो आप की त्वचा जवां और चमकदार बनी रहेगी. वसा से युक्त खाद्यपदार्थों एवं प्रोसैस्ड फूड का सेवन न करें. इस से त्वचा चिकनी हो जाती है और कील मुंहासों की समस्या बढ़ सकती है.

6. सेहतमंद आहार एजिंग की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है:

आप के भोजन का असर आप के शरीर में हो रही एजिंग की प्रक्रिया पर भी पड़ता है. एंटीऔक्सीडैंट युक्त आहार जैसे और्गेनिक फल और सब्जियां फ्री रैडिकल्स को दूर कर त्वचा को झुर्रियों और फाइन लाइंस से बचाती हैं.

7. आहार का असर आंखों और पलकों पर भी पड़ता है:

अगर आप सही आहार न लें और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीएं तो इस का असर आप की आंखों और पलकों पर पड़ने लगता है. पलकों के बाल भी सही पोषण न मिलने पर गिरने लगते हैं और हलके हो जाते हैं. सही आहार न लेने से आंखों की चमक भी जाती रहेगी.

पहली डेट के लिए 7 ब्‍यूटी टिप्‍स

खूबसूरती के लिए आवश्यक पोषक तत्त्व…

विटामिन सी: विटामिन सी शक्तिशाली एंटीऔक्सीडैंट है. यह कोलोजन बनाने में मदद करता है, जो त्वचा को मुलायम बनाए रखने के लिए जरूरी है. ब्रोकली, अंकुरित अनाज अमरूद, अंगूर, स्ट्राबेरी, पार्सले में विटामिन सी बहुत अधिक पाया जाता है.

सेलेनियम: सेलेनियम भी शक्तिशाली एंटीऔक्सीडैंट है, जो त्वचा का लचीलापन बनाए रखता है. अखरोट, ट्यूना, लिवर, व्हीट जर्म, प्याज, सीफूड, साबूत अनाज, भूरे चावल और पोल्ट्री उत्पादों में सेलेनियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

विटामिन ई: विटामिन ई त्वचा के लिए बेहद जरूरी है. यह विटामिन ए के साथ मिल कर त्वचा को कैंसर से बचाता है. विटामिन ई में ऐंटीऔक्सीडैंट गुण होते हैं, जो प्रदूषण, धुएं, प्रोसैस्ड फूड एवं धूप के कारण त्वचा में बनने वाले फ्री रैडिकल्स को दूर करते हैं. बादाम, अंडा, अखरोट, ऐवोकाडो, ऐस्पैरेगस, सूरजमुखी के बीज, पाइन नट, पालक, ओटमील और जैतून विटामिन ई से युक्त खाद्यपदार्थ हैं.

ओमेगा 3: ये ऐसेंशियल फैटी ऐसिड कहलाते हैं और त्वचा की कई बीमारियों जैसे एक्जिमा में कारगर पाए गए हैं. ऐसेंशियल फैटी ऐसिड त्वचा में नमी और लचीलापन बनाए रखते हैं. शरीर खुद इन का निर्माण नहीं कर सकता, इसलिए इन का सेवन भोजन के साथ करना बहुत जरूरी है. ओमेगा-3 के अच्छे स्रोत हैं- अखरोट, सालमन, अलसी, चाइना सीड.

विटामिन ए और बीटा कैरोटिन: विटामिन ए त्वचा की मरम्मत और रखरखाव के लिए बहुत जरूरी है. अगर आप की त्वचा रूखी है, उस से पपड़ी उतरती है तो समझ लीजिए कि आप के शरीर में विटामिन ए की कमी है. यह धूप से त्वचा को होने वाले नुकसान से भी बचाता है. विटामिन ए और बीटा कैरोटिन के अच्छे स्रोत हैं- लिवर, ऐस्पैरेगस, आड़ू, बीट ग्रीन, पालक, अंडा, शकरकंदी, रैड पैपर.

जिंक: जिंक एक महत्त्वपूर्ण ट्रेस मिनरल है, जो त्वचा के क्षतिग्रस्त उतकों की मरम्मत करने और घाव भरने में मददगार होता है. अगर आप कील मुंहासों से परेशान हैं तो हो सकता है कि शरीर में जिंक की कमी हो. जिंक के स्रोत हैं- ओएस्टर, पेकान, पोल्ट्री उत्पाद, कद्दू के बीज, अदरक, दालें, सीफूड, मशरूम, साबूत अनाज आदि.

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सेहतमंद त्वचा के लिए 6 सुझाव….

खूब पानी पीएं: पानी पीने से त्वचा की नमी बरकरार रहती है और उस में मौजूद विषैले पदार्थ निकल जाते हैं, जिस से त्वचा मुलायम बनी रहती है.

सलाद खाएं: सलाद, कच्चा पालक व उबले अंडों का सेवन करें. इन में कैरोटिनौएड, ऐटीऔक्सीडैंट होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं.

हल्दी का सेवन करें: भूरे चावल, मांस के व्यंजनों और शेक आदि को हल्दी डाल कर लें.

सेहतमंद पशु उत्पाद: सप्ताह में 2-3 सालमन लें. इन में बेहतरीन गुणवत्ता के ओमेगा-3 फैटी ऐसिड होते हैं. ग्रास फेड मीट और ग्रास फेड बटर का सेवन करें.

चीनी का सेवन कम मात्रा में करें: चीनी और चीनी युक्त पदार्थों के सेवन से बचें. ये ग्लाइसैशन को बढ़ाते हैं, जिस का त्वचा के उतकों पर बुरा असर पड़ता है.

बुरे फैट से बचें, अच्छे फैट का सेवन करें: वनस्पति तेल जैसे कौर्न औयल, कपास का तेल, कनोला और मूंगफली के तेल का सेवन न करें. इन के बजाय नारियल का तेल, ऐवोकाडो, जैतून का तेल, ऐक्स्ट्रा वर्जिन औलिव औयल और ग्रास फेड बटर या घी का सेवन करें.

 श्रुति शर्मा, बैरिएट्रिक काउंसलर और न्यूट्रिशनिस्ट, (जेपी हौस्पिटल, नोएडा) 

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