मेरा ब्रैस्ट का आकार बहुत छोटा है, मेरी हैल्प कीजिए?

सवाल

मेरी उम्र 22 साल है. मेरी शादी होने वाली है. मैं देखने में तो ठीक लगती हूं पर मेरी समस्या यह है कि मेरी ब्रैस्ट का आकार बहुत छोटा है. मैं जबरदस्त हीनभावना की शिकार होती जा रही हूं. मेरी हैल्प कीजिए?

जवाब

सब से पहले आप किसी गाइनेकोलौजिस्ट से अपने शरीर की अच्छी तरह से जांच करवाएं और हारमोंस की भी जांच करा लें. अगर उस में कुछ परेशानी होगी तो उस की दवा लें जिस से कि आप के स्तनों का आकार बढ़ सकता है. इस के अलावा आप कुछ ऐसे विशेष व्यायाम करें जिन से ब्रैस्ट के विकास में हैल्प मिलती है जैसेकि आप स्विमिंग बैकस्ट्रो कर सकती हैं, रस्सी को पीछे से आगे की ओर कूद कर भी आप व्यायाम कर सकती हैं. किसी अच्छे ब्रैस्ट डेवलपमैंट तेल से ब्रैस्ट पर नीचे से ऊपर की ओर ले जाते हुए मालिश करना शुरू कर दीजिए. इस से भी कुछ फर्क जरूर पड़ता है. इस से रक्तसंचार में वृद्धि होगी और ब्रैस्ट के विकास में सहायता मिलेगी.

आहार में दूध, पनीर, फल और अंडों आदि का इस्तेमाल करें. इस से आप को न्यूट्रिशन अच्छा मिलेगा और ब्रैस्ट में बढ़ोत्तरी होगी. किसी अच्छे कौस्मैटिक क्लीनिक में जा कर ब्रैस्ट के विकास की विशेष सिटिंग भी ले सकती हैं. बंदगोभी के बड़ेबड़े पत्ते ले कर बर्फ के ठंडे पानी में डालें और ठंडा होने पर उन्हें अपनी ब्रैस्ट पर लगा कर कुछ देर तक रखें. इस से भी स्तनों के आकार बढ़ाने में हैल्प मिलती है. अगर कोई भी उपाय कामयाब न हो तो सर्जरी भी करा सकती हैं. इस में जो कट होता है वह बिलकुल ब्रैस्ट के नीचे होता है जोकि आमतौर पर दिखाई नहीं देता और यह सर्जरी काफी सालों तक चल जाती है. इस से आप का आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप अपनी जिंदगी को बेहतर जी पाएंगी.

-समस्याओं के समाधान ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर, डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा 

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चशमा लगाने से मेरे आंखों के चारों ओर काले घेरे हो गए हैं, कोई उपाय बताएं?

सवाल

मेरी उम्र 21 साल है. लंबे समय से चश्मा लगाने से आंखों के चारों ओर काले घेरे बन गए हैं. ये घेरे बुरे लगते हैं. इन की वजह से मैं बहुत परेशान रहती हूं. घर से बाहर जाना भी अच्छा नहीं लगता. कृपया कोई उपाय बताएं?

जवाब

अगर आप चश्मे का प्रयोग आवश्यकता से कम करती हैं तो आप की आंखों की मांसपेशियां जोर डालने के कारण कमजोर हो जाती हैं. इस से आप का ब्लड सर्कुलेशन कम होने लगता है जिस के कारण आप के काले घेरे बढ़ जाते हैं. आप इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आंखों पर अतिरिक्त जोर न पड़े. चश्मा लगाने पर भी आप की आंखों पर दबाव लगे तो किसी विशेषज्ञ से आंखों की जांच दोबारा करवाएं अन्यथा अपने चश्मे का प्रयोग निरंतर करें. बेहतर होगा कि आप चश्मे की जगह लैंस लगवा लें. आजकल लैंस नैचुरल ही नहीं कई खूबसूरत रंगों में मिलते हैं और आप की खूबसूरती में चारचांद भी लगाते हैं.

इस के अलावा अपनी आंखों पर बादाम के तेल की कुछ बूंदों से आंखों पर रिंग फिंगर से हलकेहलके बाहर से अंदर की ओर लाते हुए गोले में मसाज करें. खीरे को कद्दूकस कर के अपनी आंखों पर 10 से 12 मिनट तक रखें. इस से भी आप के काले घेरे काफी हद तक सही हो जाएंगे. ऐलोवेरा के एक पत्ते को ले कर धो कर उस के अंदर से पल्प निकाल लें. गूदे में कुछ बूंदें विटामिन ए तेल डालने और कुछ बूंदें ड्रौप्स हनी की डाल लें. फिर इन तीनों को मिक्स कर के इस से अपनी आंखों के चारों तरफ कुछ देर तक मसाज करें और छोड़ दें. सुबह आंखों को धो लें.

ऐसा लगातार करने से आप की आंखों के काले घेरे काफी हद तक ठीक हो जाएंगे.

समस्याओं के समाधान ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर, डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा      

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मेरे बाल बहुत ही ज्यादा रफ है चमक लाने का कोई तरीका बताएं?

सवाल

मेरे बाल काफी रफ हैं. मुझे उन में चमक लानी है. चमक लाने का कोई तरीका बताएं?

जवाब

अगर बाल रफ हों तो उन्हें पोषण की जरूरत है. खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं जिस से बालों को न्यूट्रिशन मिलेगा और उन की रफनैस कम होगी. रफ बालों के लिए खास शैंपू मिलते हैं जिन्हें इस्तेमाल करने से आप के बालों की रफनैस कम हो जाती है. उस के बाद उन में कंडीशनर लगाना बहुत जरूरी है. बालों को धोने के बाद उन की लेंथ में कंडीशनर लगा कर 3 से 5 मिनट तक रहने दें और उसी वक्त उन्हें कंघी जरूर करें ताकि कंडीशनर पूरे बालों में सही से फैल जाए. उस के बाद कंडीशनर को धो लें. आप के बालों की शाइन काफी हद तक बढ़ जाएगी. फिर भी अगर आप को लगता है कि आप के बालों की रफनैस नहीं जा रही तो उस में ‘लिव इन’ कंडीशनर लगा लीजिए जिस से बालों में शाइन आ जाती है. बालों को सैट करने के बाद मौइस्चराइजिंग स्प्रे या शाइनिंग स्प्रे लगा लें तो बालों में शाइन आ जाती है.

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मैं 47 साल की हूं और मेरा मासिकचक्र बंद हो चुका है. मेरे चेहरे और ठुड्डी पर बहुत बाल निकल रहे हैं. इन्हें रोकने व परमानैंटली हटाने का तरीका बताएं?

जवाब

मासिकचक्र बंद होने पर शरीर पर बाल उगना शरीर में हारमोंस के स्तर में बदलाव के कारण होता है. सब से पहले तो आप किसी अच्छी स्त्रीरोग विशेषज्ञ से सलाह लें और यथोचित खून में हारमोनल जांच भी करवा लें. उसे बैलेंस करने के लिए जरूरी दवा लें. यह प्रोसीजर लंबा है मगर दवा लेने से काफी हद तक बैलेंस किया जा सकता है. इस के साथसाथ यदि आप के बालों का रंग काला है और उस से स्थाई रूप से मुक्ति प्राप्त करना चाहती हैं तो लेजर या पल्स लाइट तकनीक का इस्तेमाल करवा लें. इस से अनचाहे बालों से बहुत जल्दी परमानैंट छुटकारा मिल जाता है. यह तकनीक सुरक्षित, पेनलैस और क्विक है.

2 से 3 सिटिंग्स लेने के बाद बालों की ग्रोथ काफी कम हो जाती है. वैक्सिंग, थ्रैडिंग आदि के झंझट से छुटकारा मिल जाता है. 4 से 6 हफ्ते के अंतराल में इस की सिटिंग लेनी होती है. यदि आप के कुछ बाल सफेद हो गए हैं तो उन के लिए आप थर्मालिसिस करवा सकती हैं क्योंकि सफेद बालों पर लेजर या पल्स लाइट काम नहीं करती.

समस्याओं के समाधान ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर, डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा 

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मुझे जानना है कि मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में खानपान की क्या भूमिका है?

सवाल

अवसाद और दूसरे मानसिक विकारों के बढ़ते मामलों को देखते हुए मैं यह जानना चाहती हूं कि मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में खानपान की क्या भूमिका है?

जवाब

पोषक तत्त्वों से भरपूर डाइट का सेवन करें. फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और अच्छी वसा के साथ ही माइक्रो न्यूट्रिएंट्स जैसे मिनरल्स और विटामिंस उचित मात्रा में हों. अगर शरीर में ऊर्जा का स्तर ठीक होगा तो हम डिप्रैशन और ऐंग्जाइटी से बच जाएंगे. जंक और प्रोसैस्ड फूड्स के बजाय घर पर बना सादा खाना खाएं. अपने डाइट चार्ट में फलों, सब्जियों, सूखे मेवों और साबूत अनाज को अधिक मात्रा में शामिल करें. अगर जरूरी हो तो 2-3 महीनों तक मल्टी विटामिन लें, लेकिन उस से अधिक समय नहीं.

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अगले महीने मेरी डिलिवरी है. मैं जानना चाहती हूं पोस्ट पार्टम डिप्रैशन क्या होता है और क्या यह सामान्य है?

जवाब

बच्चे के जन्म के बाद6 सप्ताह तक बेबी ब्ल्यूजया प्रैगनैंसी ब्लूज होना सामान्य है. इस दौरान बहुत ज्यादा हारमोन परिवर्तन होते हैं, इसलिए महिलाएं बहुत अस्थिर महसूस करती हैं. उन्हें रोना आना, चिड़चिड़ापन, परेशान होना, उदासी, रात में नींद न आना, बच्चे को संभालने में परेशानी होना, थकान, स्तनपान कराने में परेशानी होना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस स्थिति को पोस्ट पार्टम डिप्रैशन भी कहते हैं. लेकिन अगर यह स्थिति 6 सप्ताह के बाद भी बनी रहे तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि अगर समय रहते इसे ठीक नहीं कराया जाए तो यह पोस्ट पार्टम डिप्रैशन चलता रहता है केवल इस के रूप बदलते रहते हैं.

-डा. जया सुकुलक्लीनिकल साइकोलौजिस्ट, हैडस्पेस हीलिंग, नोएडा द्य  

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मेरी उम्र 52 साल है और मैं कई बार अपनी चीजें कहीं रख कर भूल जाती हूं

सवाल

मैं 52 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मुझे चीजों को याद रखने में काफी परेशानी हो रही है. मैं कभी अपनी चीजें कहीं रख कर भूल जाती हूं तो कभी मामूली से जोड़घटाव भी बिना कैलकुलेटर के नहीं कर पाती हूं?

जवाब

आप की उम्र 52 साल है. इस उम्र तक अधिकतर महिलाएं मेनोपोज की स्थिति तक पहुंच जाती हैं. इस दौरान हारमोन संबंधी परिवर्तन बहुत अधिक होते हैं. कई महिलाओं में

प्री मेनोपोजल सिंड्रोम बहुत सालों तक चलता है. उस की वजह से ब्रेन फौग, याददाश्त कमजोर होना, मूड स्विंग जैसी समस्याएं होने लगती हैं. शरीर में हारमोनों का स्तर सामान्य बनाए रखने के लिए अनुशासित जीवनशैली का पालन करें. संतुलित व पोषक भोजन का सेवन करें और नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करें. जरूरी चीजों को लिख कर रखें.

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मैंने कहीं डिजिटल डिमेंशिया के बारे में पढ़ा था. मैं जानना चाहती हूं यह क्या होता है और इस से कैसे बचा जा सकता है? 

जवाब

आज हमारे जीवन में गैजेट्स का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है. हमारी इन पर निर्भरता इतनी बढ़ गई है कि हम अपने मस्तिष्क का इस्तेमाल ही नहीं करते. हमें कोई मोबाइल नंबर याद नहीं रहता, हम साधारण से जोड़घटाव भी बिना कैलकुलेटर के नहीं कर पाते हैं. धीरधीरे हमारी काग्नेटिव स्किल यानी सीखनेसम?ाने की क्षमता कम होने लगती है. यही डिजिटल डिमेंशिया है. इस के कारण मस्तिष्क का वह हिस्सा प्रभावित होता है जो याद रखने को ले कर निर्धारित है. इस के शिकार लोगों को जगह और रास्ते याद रखने में परेशानी होना, साधारण जोड़घटाव न कर पाना, चीजों को भूलने जैसी समस्याएं होने लगती हैं. जब जरूरत हो तभी गैजेट्स का इस्तेमाल करें. कुछ चीजों को बिना गैजेट्स के भी करने की आदत डालें. सप्ताह में एक दिन डिजिटल डिटौक्स करें. इस दिन गैजेट्स का इस्तेमाल बिलकुल न करें.

-डा. जया सुकुलक्लीनिकल साइकोलौजिस्ट, हैडस्पेस हीलिंग, नोएडा

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मेरा बच्चा बहुत उदास रहता है, मुझे बताएं क्या बच्चों में भी डिप्रैशन होता है?

सवाल

मेरा 11 साल का बेटा पिछले कुछ समय से बहुत उदास रहता है. मैं जानना चाहती हूं क्या बच्चों में भी डिप्रैशन होता है?

जवाब

बच्चों में ऐंग्जाइटी और डिप्रैशन दोनों के मामले बहुत होते हैं जो उन की पूरी जिंदगी पर प्रभाव डालते हैं और इन के कारण उन का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है. उन की समझ पूरी तरह विकसित नहीं हुई होती है इसलिए वे समझ नहीं पाते कि उन के साथ समस्या क्या है. न ही अपनी परेशानी किसी से साझा कर पाते हैं. बचपन का समय तो बहुत बेफिक्री का होता है. उस में उदासी और परेशानी जैसी समस्याएं सामान्यत: नहीं होती हैं. अगर घर और स्कूल में कोई समस्या नहीं है फिर भी आप का बच्चा उदास है और उस का व्यवहार सामान्य नहीं है तो तुरंत किसी साइकोलौजिस्ट या साइकिएट्रिस्ट को दिखाएं.

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सवाल

मेरे पति पिछले 2 सालों से डिप्रैशन के शिकार हैं. डाक्टर ने उन्हें काउंसलिंग के साथ कुछ दवाइयां भी दी थीं, लेकिन कुछ दिनों से वे मैडिसिन नहीं ले रहे हैं. क्या करूं?

दवाइयां बीच में बिलकुल नहीं रोकनी चाहिए. उपचार पूरा न कराने से बहुत ज्यादा नुकसान होता है. डिप्रैशन के लक्षण गंभीर हो जाते हैं और दूसरे मानसिक विकारों का खतरा भी बढ़ जाता है. दवाइयां छोड़ने के कुछ दिन बाद तक तो मरीज सामान्य महसूस करता है लेकिन फिर से उस में घबराहट, बेचैनी, रोने का मन करना और आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं. अपने पति को दवाइयां लेने के लिए समझाएं. अगर वे आप की बात नहीं मानें तो उन की फिर से काउंसलिंग कराएं.

सवाल

मैं 38 वर्षीय घरेलू महिला हूं. 2-3 महीनों से मेरा घर से बाहर निकलने का मन ही नहीं करता. मैं हंसना और खुश रहना चाहती हूं, लेकिन ऐसा कर नहीं पा रही हूं. कृपया कोई हल बताएं?

अधिकतर लोगों का अपनी भावनाओं पर काबू नहीं होता, यह बहुत सामान्य है. लेकिन थोड़े से प्रयास से अपने व्यवहार में बदलाव लाना संभव होता है. अगर आप का अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं है तो व्यवहार में बदलाव लाएं. व्यवहार बदलने से भावनाओं को बदलना संभव होता है. आप एक अनुशासित जीवनशैली का पालन करें, नियत समय पर सोएं, उठें और खाएं, पीएं. रोज 20-30 मिनट अपना मनपसंद वर्कआउट करें. इसे घर में करने के बजाय पार्क या अपने घर के टैरेस पर करें. वीकएंड पर गैजेट्स का इस्तेमाल न करें या बहुत जरूरी हो तभी करें. अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं.

डा. जया सुकुल

क्लीनिकल साइकोलौजिस्ट, हैडस्पेस हीलिंग, नोएडा 

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मेरे बौयफ्रैंड की शादी हो गई लेकिन वह दोबारा रिलेशन में आना चाहता है, कोई उपाय बताएं

सवाल

मेरा बौयफ्रैंड मुझे बहुत प्यार करता था लेकिन परिवार के दबाव के कारण उसे दूसरी जगह शादी करनी पड़ी. मैं अभी तक उस का प्यार नहीं भुला पा रही हूं. अब शादी के बाद उस ने फिर से मुझे अप्रोच करना शुरू कर दिया है. कहता है, हम अच्छे दोस्त तो रह सकते हैं न. मुझ से अपनी मैरिड लाइफ की प्रौब्लम शेयर करने लगा है. एक दिन तो घर भी आ गया जब मैं अकेली थी. मुझ से फिजिकल होने की कोशिश करने लगा. मैं भी कमजोर पड़ने लगी थी लेकिन अचानक घर की घंटी बज गई और मैं संभल गई. ठीक है कि मैं अभी भी उसे भुला नहीं पाई हूं लेकिन अब उस के साथ रिलेशन रख कर मैं उस की बीवी के साथ धोखा नहीं कर सकती. बौयफ्रैंड कहता है कि उस से बहुत बड़ी गलती हो गई शादी कर के. मेरे सामने रोता है. पुरानी बातें याद दिलाता है. तलाक लेने की बातें कहता है. समझ नहीं आ रहा मुझे कि मुझे क्या निर्णय लेना चाहिए. लाइफ उलझ रही है. मैं किसी झंझाट में पड़ना नहीं चाहती. आप ही मुझे कोई रास्ता सुझाएं.

जवाब

आप के बौयफ्रैंड में हिम्मत होती तो वह पहले ही दूसरी जगह शादी न करता, अपनी बात पर डटा रहता और आप से शादी करता. घरवाले आप दोनों की शादी के खिलाफ थे तो शादी न करने का फैसला लेता, न कि दूसरी जगह शादी कर के आप के सामने अब घडि़याली आंसू बहाता. दरअसल वह अब आप को बहका रहा है. वह आप के शरीर से खेलना चाहता है.

आप अपनी लाइफ को क्यों उलझ रही हैं. बौयफ्रैंड से साफ कह दें कि अब आप से कोई रिश्ता रखना नहीं चाहती. वह अपनी गृहस्थी पर ध्यान दें. आप के सामने आ कर अपना दुखड़ा न रोए. शादी कर ली है तो उसे निभाए. आप का ध्यान अब छोड़ दे. आप को सख्त रुख अपनाना होगा. उस से बात करना बिलकुल बंद कर दें. मोबाइल नंबर ब्लौक कर दें. सख्त हिदायत दे दें कि आप के घर आने की अब हिम्मत न करे.

आप को हम यही राय देंगे कि अब अपनी लाइफ को नए सिरे से देखने की कोशिश करें. अपनी शादी के बारे में सोचिए. अच्छा लाइफपार्टनर मिल जाएगा तो लाइफ अपनेआप सुखमय रहेगी.

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मैं जिस लड़के से प्यार करती हूं उसे खोना नहीं चाहती, मुझे कोई उपाय बताएं

सवाल 

मैं 12वीं में पढ़ती हूं, अगले साल एग्जाम्स के बाद कालेज में जाने की तैयारी शुरू हो जाएगी. मेरा स्कूल में बौयफ्रैंड है, मैं आर्ट स्टूडैंट हूं और वह साइंस का. वह बहुत एंबीशियस है. लाइफ में बहुतकुछ करना चाहता है. कहता है वह यह सब इसलिए भी चाहता है क्योंकि मुझ से बहुत प्यार करता है और मुझे लाइफ की सारी खुशियां देना चाहता है. मैं भी उसे बहुत प्यार करती हूं, जानती हूं कि स्कूल के बाद हायर स्टडीज के लिए हम दोनों अलगअलग हो जाएंगे. डरती हूं कि दूर जा कर? कहीं वह मुझ से दूर हो गया तो? उसे कोई और लड़की पसंद आ गई तो? मैं उसे किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती, बहुत प्यार करती हूं उस से. मैं ने हम दोनों को ले कर कितने सपने देखे हैं. उस से दूर होने की बात सोच कर ही दिल बैठ जाता हैं. यही सोचसोच कर आजकल मैं बहुत बेचैन रहने लगी हूं. पढ़ाई में भी दिल नहीं लग रहा. मम्मीपापा मेरी हालत देख कर परेशान हैं. उन्हें कुछ बताना नहीं चाहती, अभी कुछ भी. जानती  हूं, वे यही कहेंगे कि अभी पढ़ाई पर ध्यान दो. प्लीज, मुझे गाइड करें कि मैं कैसे अपने मन को समझऊं?

जवाब

आप की बातों से स्पष्ट है कि आप समझदार हैं, स्थितियों को समझती हैं. दूसरे, आप जैसे स्कूलगोइंग बच्चों को हमारी सलाह हमेशा से यही रही है कि यह उम्र कैरियर बनाने की, पढ़नेलिखने की होती है. इस का मतलब यह हरगिज नहीं कि प्यार करना गलत है. बिलकुल नहीं. लेकिन प्यार में होश नहीं खोना है.

आप का बौयफ्रैंड भी समझदार है, लाइफ में कुछ बनना चाहता है. आप भी पढ़ाई में ध्यान लगाइए और कैरियर की तरफ फोकस कीजिए. दूर रह कर भी रिश्ते निभाए जा सकते हैं. आप दोनों को एकदूसरे पर भरोसा है तो क्यों घबरा रही हैं. प्रेम है तो दूरियों के बावजूद भी रिश्ता मजबूत बना रहेगा. प्यार नहीं हो तो पास रह कर भी दूरियां आ जाती हैं.

आप को तो बौयफ्रैैंड को लाइफ में और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए. इस से आप दोनों का फ्यूचर ब्राइट होगा. चिंता में अपना टाइम बरबाद मत कीजिए. खुश रहिए और पढ़ाई में ध्यान दीजिए. यह आप ने पढ़ा ही होगा कि यदि आप किसी से प्यार करते हैं तो उन्हें आजाद कर दें. यदि वे वापस आते हैं तो वे आप के हैं.

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मुझे अपने परिवार की ओरल हाइजीन के लिए क्या करना चाहिए

सवाल

मैं 38 वर्षीय घरेलू महिला हूं. मैं जानना चाहती हूं कि मुझे अपने परिवार के ओरल हाइजीन को बेहतर बनाने के लिए क्या करना चाहिए?

जवाब

ओरल हाइजीन को बेहतर बनाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना सब से जरूरी है, साल में एक बार दांतों का चैकअप कराएं, ज्यादा पुराना ब्रश मसूड़ों और दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए हर 3 महीने में ब्रश बदल लें. सुबह और रात को 2 बार ब्रश करें. इस के अलावा कुछ भी खानेपीने के बाद साफ पानी से कुल्ला करें.

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मेरी उम्र 28 साल है. मैं एक इवेंट मैनेजमैंट कंपनी में काम करती हूं. मेरे दांत बहुत पीले हो रहे हैं. मैं क्लीनिंग कराना चाहती हूं. क्या यह ठीक रहेगा?

जवाब

दांतों की क्लींनिंग मुंह की दुर्गंध, दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारियों से बचाती है. इस के बाद दांतों का पीलापन दूर हो जाता है और वे सफेद और चमकीले दिखाई देने लगते हैं. वैसे तो यह सुरक्षित प्रक्रिया है लेकिन इस से जुड़े कुछ खतरे भी हैं. क्लींनिंग के बाद कई साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं.

दांतों में जमे प्लाक और टार्टर को निकालने के लिए कई बार एक से अधिक सिटिंग्स की जरूरत होती है. वैसे सामान्य क्लीनिंग की तुलना में डीप क्लीनिंग में साइड इफैक्ट्स होने का खतरा अधिक होता है. जैसे मसूड़ों में दांतों की मजबूत पकड़ ढीली हो सकती हैं, मसूड़ों का संक्रमण हो सकता है, दांतों में दर्द और मसूड़ों में सूजन हो सकती है, तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, दांतों में संवेदनशीलता विकसित हो सकती है. इसलिए दांतों की क्लीनिंग किसी अच्छे डैंटिस्ट से ही कराएं.

-डा. सुमन यादव

हैड, मैक्सिलोफैशियल ऐंड डैंटल डिपार्टमैंट, नुमेड हौस्पिटल, नोएडा. द्य

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मेरे मुंह में दुर्गंध आती है, कोई उपाय बताएं

सवाल

मेरे मुंह से बहुत दुर्गंध आती है. मुझे अपना मुंह खोलने में भी शर्म आती है. मुंह से दुर्गंध क्यों आती है और क्या इसे घरेलू उपायों से ठीक किया जा सकता है?

जवाब

मुंह से दुर्गंध आना एक आम समस्या है. लेकिन कई बार इस का कारण शरीर में पल रही कोई गंभीर बीमारी भी हो सकती है. अगर मुंह की दुर्गंध ओरल हाइजीन न रखने से है तो इसे सामान्य उपायों से दूर किया जा सकता है. लेकिन अगर यह दांतों, मसूड़ों या शरीर में पनप रही किसी बीमारी के कारण है तो उपचार बेहद आवश्यक है. आप कुछ घरेलू उपचार अपना सकती हैं जैसे खाना खाने के तुरंत बाद कुल्ला करें, मुंह की दुर्गंध से तुरंत छुटकारा पाने के लिए एक गिलास पानी में 1 चम्मच नमक डालें और उस से कुल्ला कर लें, प्याज या लहसुन खाने के बाद ताजा पुदीने की पत्तियों को चबा लें, इलायची चबाएं, अपने भोजन में संतरा, नीबू या अंगूर सम्मिलित करें, खाना खाने के बाद शुगर फ्री चूईंगम चबा लें.

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मैं ने सुना है कि मुंह की गंदगी हृदय रोगों का खतरा बढ़ा देती है. क्या यह सही है? अगर सही है तो इस के होने का कारण क्या है ?

जवाब

आप ने बिलकुल सही सुना है. जिन लोगों को दांतों और मसूड़ों से संबंधित समस्याएं होती हैं उन के हृदय रोगों की चपेट में आने का खतरा उन लोगों की तुलना में कई गुना बढ़ जाता है जिन्हें इन से संबंधित कोई समस्या नहीं होती है. चबाने और ब्रशिंग के दौरान बैक्टीरिया और दूसरे रोगाणु रक्त के प्रवाह में प्रवेश कर परिसंचरण तंत्र के दूसरे भागों में पहुंच सकते हैं और कार्डियोवैस्क्युलर डिजीज का कारण बनते हैं. जब ये सूक्ष्मजीव हृदय तक पहुंचते हैं तो ये किसी क्षतिग्रस्त भाग से जुड़ जाते हैं और सूजन का कारण बनते हैं. इस के कारण बीमारियां होती हैं जैसे ऐंडोकार्डिटिस, हृदय की सब से अंदरूनी परत का संक्रमण आदि. दूसरी कार्डियोवैस्क्युलर कंडीशंस जैसे धमनियों का ब्लौक हो जाना और स्ट्रोक भी उस सूजन से संबंधित है जो मुंह में पाए जाने वाले बैक्टीरिया और दूसरे रोगाणुओं के कारण होती है. जब ये सी रिएक्टिव प्रोटीन (रक्त नलिकाओं में सूजन का संकेत) का स्तर बढ़ा देते हैं तो इस के कारण हृदय रोगों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

डा. सुमन यादवहैड, मैक्सिलोफैशियल ऐंड डैंटल डिपार्टमैंट, नुमेड हौस्पिटल, नोएडा.

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