एक बेटी होने के नाते मैं ससुराल या मायके में कैसे बैलेंस बनाऊं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल-

मैं 25 वर्षीय शादीशुदा महिला हूं. ससुराल और मायका आसपास ही है. इस वजह से मेरी मां और अन्य रिश्तेदार अकसर ससुराल आतेजाते रहते हैं. पति को कोई आपत्ति नहीं है पर मेरी सास को यह पसंद नहीं. वे कहती हैं कि तुम अपनी मां से बात करो कि वे कभीकभी मिलने आया करें. हालांकि ससुराल में मेरे मायके के लोगों का पूरा ध्यान रखा जाता है, मानसम्मान में कमी नहीं है मगर सास का मानना है कि रिश्तेदारी में दूरी रखने से संबंध में नयापन रहता है. इस वजह से घर में क्लेश भी होता है पर मैं अपनी मां से कहूं तो क्या कहूं? एक बेटी होने के नाते मैं उन का दिल नहीं दुखाना चाहती. कृपया उचित सलाह दें?

जवाब-

आप की सास का कहना सही है. रिश्ते दिल से निभाएं पर उन में उचित दूरी जरूरी है. इस से रिश्ता लंबा चलता है और संबंधों में गरमाहट भी बनी रहती है.

अधिकांश मामलों में देखा गया है कि जब बेटी का ससुराल नजदीक होता है तब उस के मायके के रिश्तेदारों का बराबर ससुराल में आनाजाना होता है और वे अकसर पारिवारिक मामलों में दखलंदाजी करते हैं. इस से बेटी का बसाबसाया घर भी उजाड़ जाता है.

भले ही हरेक सुखदुख में एकदूसरे का साथ निभाएं पर रिश्तों में दूरियां जरूर रखें. इस से सभी के दिलों में प्रेम व रिश्तों की मिठास बनी रहती है.

आप अपनी मां से इस बारे में खुल कर बात करें. वे आप की मां हैं और यह कभी नहीं चाहेंगी कि इस वजह से घर में क्लेश हो. हां, एक बेटी होने का दायित्व भी आप को निभाना होगा और इसलिए एक निश्चित तिथि या अवकाश के दिन आप खुद भी मायके जा कर उन का हालचाल लेती रहें.

आप उन से फोन पर भी नियमित संपर्क में रहें, मायके वालों के सुखदुख में शामिल रहें. यकीनन, इस से घर में क्लेश खत्म हो जाएगा और रिश्तों में मिठास भी बनी रहेगी.

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मैं दकियानूसी विचारों वाली जेठानी से परेशान हो गई हूं…

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सवाल-

मैं 31 वर्षीय शादीशुदा महिला हूं. हमारे 2 बच्चे हैं और हम एक ही छत के नीचे सासससुर, जेठजेठानी व उन के बच्चे के  साथ रहते हैं. मेरी जेठानी बातबेबात मु झ से  झगड़ती हैं  और सासूमां के कान भी भरती रहती हैं. मैं खुले विचारों वाली महिला हूं जबकि जेठानी दकियानूसी विचारों वाली और कम पढ़ीलिखी हैं. वे आएदिन मु झ से  झगड़ती रहती हैं. घर में जेठानी से बारबार लड़ाई होने की वजह से क्या हमें अलग घर में रहना चाहिए? सासूमां इस के लिए मु झे मना करती हैं पर जेठानी की बात सहते रहने के लिए भी कहती हैं. पति से इस बारे में बात करना चाहती हूं पर कभी कर नहीं पाई क्योंकि, वे अपने मातापिता को छोड़ अलग रहना नहीं चाहते. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

सुलह के सभी रास्ते बंद हों और गृहक्लेश आएदिन हो तो अलग रहने में कोई बुराई नहीं मगर इस से पहले अगर आप एक सार्थक पहल करें तो घर में सुकून और शांति का वातावरण स्थापित हो सकता है.

पहले आप के लिए यह जानना जरूरी होगा कि आपसी  झगड़े की असल वजह क्या है? आमतौर पर गृहक्लेश बजट की हिस्सेदारी को ले कर, रसोई में कौन कितना काम करे, घर के कामकाज के बंटवारे आदि को ले कर होता है. कभीकभी एकदूसरे से ईर्ष्या रखने पर भी आपसी मनमुटाव का वातावरण पैदा हो जाता है.

बेहतर होगा कि  झगड़े की असल वजह जान कर सुलह की कोशिश की जाए. सास और पति से जेठानी के  झगड़ालू बरताव की वजह जानने की कोशिश भी आपसी संबंधों को सही कर सकती है. जेठानी कम पढ़ीलिखी हैं तो संभव है यह भी एक वजह हो. आप को ले कर उन में हीनभावना हो सकती है. आप के लिए बेहतर यह भी होगा कि जेठानी से उपयुक्त समय देख कर बात करें. अगर सास आप को अलग घर लेने से मना कर रही हैं तो जाहिर है वे आप को व जेठानी को बेहतर रूप से जानतीसम झती हैं, इसलिए सही निर्णय आप की सास ही ले सकती हैं. यदि 1-2 बातों को नजरअंदाज कर दें तो संयुक्त परिवार आज की जरूरत है, जहां रहते हुए हरकोई अपने सपनों के पंखों को उड़ान दे सकता है.

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जीजा मेरे साथ दुर्व्यवहार करते हैं, मैं क्या करूं ?

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सवाल-

मैं 20 वर्षीय युवती हूं. कालेज की पढ़ाई पूरी करने के लिए मैं पिछले कुछ महीनों से अपनी बड़ी बहन के पास रह रही हूं. मेरी बहन विवाहित है और उस के पति हंसीमजाक करने वाले हैं. पर इधर कुछ दिनों से मैं उन के व्यवहार को ले कर मन ही मन बहुत परेशान हूं. वे अकसर मेरे साथ शारीरिक छेड़छाड़ करते रहते हैं. कभी हंसीमजाक में मेरे स्तनों को छू लेते हैं और कभी मौका पा कर मसल भी देते हैं. जीजा होने की वजह से मेरा किसी से कुछ कहते भी नहीं बनता. एकाध बार दीदी से मैं ने कहने की हिम्मत जुटाई तो उन्होंने मेरी बात यह कह कर टाल दी कि मुझे गलतफहमी हुई होगी. इच्छा होती है कि घर लौट जाऊं. मन ही मन डरने लगी हूं कि इस शारीरिक छेड़छाड़ के कारण आगे चल कर कहीं मुझे ब्रैस्ट कैंसर जैसा कोई गंभीर रोग तो नहीं हो जाएगा? मैं अपने जीजा से बचने की हर संभव कोशिश करने लगी हूं, पर वे मौका पाते ही दुर्व्यवहार करने से बाज नहीं आते. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

इन परिस्थितियों में आप का बहन के घर में रहना ठीक नहीं. अच्छा होगा कि आप अपनी बहन से गंभीरता के साथ बात करें. अगर वह फिर भी आप की बात अनसुनी कर देती है तो भलाई इसी में होगी कि छुट्टी ले कर घर जाएं और अपने मातापिता से खुल कर बात करें. इन स्थितियों का सब से व्यावहारिक समाधान कालेज के होस्टल या उस के आसपास कहीं पेइंग गैस्ट सुविधा में शिफ्ट करना होगा. जब तक ऐसा कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं हो जाता और आप बहन के घर में रहती हैं, तब तक आप ऐसी परिस्थितियों से बचें जिन में आप की सुरक्षा को ठेस पहुंच सकती है. फिर भी कभी ऐसी स्थिति बने और आप की बहन के पति किसी प्रकार का दुर्व्यवहार करें, तो न सिर्फ आप उन का पुरजोर प्रतिरोध करें, बल्कि साफ चेता भी दें कि आप किसी भी प्रकार के अशोभनीय व्यवहार को सहन नहीं करने वाली.

और हां, आप की बहन के पति ने आप के साथ जो दुर्व्यवहार किया है उस से ब्रैस्ट कैंसर होने का कोई अंदेशा नहीं. अच्छा होगा कि आप इसे दु:स्वप्न मान भुला दें वरना मनोवैज्ञानिक तौर पर इस की काली परछाईं आप के भावी जीवन पर बुरा असर डाल सकती है. पतिपत्नी या 2 परस्पर चाहने वालों के बीच शारीरिक सुख वैवाहिक बंधन और प्रेम के सेतु को मजबूत बनाता है, लेकिन इस प्रकार की दुर्घटनाएं परेशानी का सबब बन सकती हैं.

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Relationship Tips : जब आप को कोई करे इस्तेमाल, तो रिश्ते तोड़ने में कैसा संकोच?

Relationship Tips : भले ही सदियों से यही कहा जाता रहा हो कि रिश्तों को निभाओ, रिश्तों को रोजाना प्यार के जल से सींचते रहें. पर क्या हमारी जिंदगी के सभी रिश्ते इतनी अटैंशन के लायक होते हैं? ऐसे रिश्तों को पहचानना बहुत जरूरी है जो आप को खुशियां नहीं बल्कि टैंशन देते हैं और जिस रिश्ते में आप का केवल इस्तेमाल किया जाता है, ऐसे रिश्ते को अलविदा कहना ही अच्छा होता है.

अपनी किताब ‘सिंगल वूमन लाइफ, लव ऐंड अ डैश औफ सैंस’ में रिलेशनशिप ऐक्सपर्ट मैंडी हेल इस सचाई की ओर इशारा करती लिखती हैं, ‘‘हम वाकई क्या चाहते हैं बनाम हम किस चीज के लिए सैटल होने के लिए तैयार हैं, इस बात को समझने का एक मौका है ब्रेकअप. जीवन और प्यार में चीजों को सैटल करने की सोच से ऊपर उठिए और अगली बार जब कोई आप से यह कहे कि आप का स्टैंडर्ड बहुत ऊंचा है तो माफी मत मांगिए क्योंकि यह स्टैंडर्ड ही तो तय करता है कि हमें कैसा जीवन मिलेगा.’’

कई महिलाओं की आदत होती है कि वे यह देखना ही नहीं चाहती कि इस रिश्ते से उन्हें मिल क्या रहा है?

मगर जीवन और रिश्तों के प्रति यह नजरिया उचित नहीं. आप के पास हक है कि आप खुद को इस्तेमाल होने देने से इनकार करें और वह पाएं जिस की आप हकदार हैं.

उस रिश्ते को तोड़ने में जरा भी संकोच न करें जहां आप को जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा हो. किसी को इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है:

रुतबे और ओहदे का इस्तेमाल

नीता आईएएस अफसर थी जबकि उस का भाई एक साधारण क्लर्क था. पिता की आकस्मिक मौत के बाद अपने छोटे भाईबहन को पढ़ाने के लिए नीता ने शादी नहीं की. नीता का भाई प्रेम शुरू से मेहनत करने में विश्वास नहीं रखता था. उसे सब पकापकाया खाने की आदत हो गई थी.

प्रेम अपनी बहन के रुतबे का जी भर कर इस्तेमाल करता था. बहन की गाड़ी में घूमता और बहन के ही आलिशान बंगले में रहता. किसी से कोई काम होता तो झट बहन के नाम की मदद ले लेता.

नीता कई साल चुप रही और भाई को हर तरह से फायदे देती रही. मगर फिर उसे भाई के स्वार्थी स्वभाव का एहसास हुआ और उस ने अपना घर बसाने की सोची. इस से पहले उस ने भाई से संबंध तोड़ते हुए उस को अपना घर अलग लेने और अपने बल पर जीने की सलाह दे डाली. भाई का चेहरा उतर गया क्योंकि उसे पता था कि बहन के रुतबे की उसे कैसी आदत हो गई है. वह बहुत गिड़गिड़ाया मगर नीता फैसला ले चुकी थी.

कई दफा लोग हम से रिश्ता बना कर इसलिए रखना चाहते हैं ताकि वे हमारे रुतबे और ओहदे का इस्तेमाल करते हुए अपना भला कर सकें. ऐसे में हम से रिश्ता बना कर रखने के पीछे उन की मंशा यह होती है कि वे हमारे नाम का इस्तेमाल कर अपने लिए सुविधाएं या फिर फेवर पा सकें.

अकसर आप ने भी गौर किया होगा कि ऐसे लोग परिचय होते ही सब से पहले आप का ओहदा जानना चाहते हैं. यदि आप किसी अच्छी पोस्ट पर हैं या ऊंचे खानदान से ताल्लुक रखते हैं तो उन का रवैया ही बदल जाता है. दुनिया ऐसी ही है पर ऐसे लोग आप का खराब समय आते ही अपना रास्ता बदलने से गुरेज नहीं करते. इसलिए इन से बच कर रहना बहुत जरूरी है.

धनसंपत्ति का इस्तेमाल

जैसे चीनी के साथ चीटियों का रिश्ता है वैसा ही कुछ पैसों के साथ स्वार्थी लोगों का होता है. ऐसे लोग कोई भी हो सकते हैं, भाईबहन, रिश्तेदार, दोस्त, पड़ोसी जिन्हें आप से नहीं बल्कि आप की दौलत से प्यार होता है. एक बार जब आप ऐसे लोगों की पहचान कर लें तो उन से दूरी बढ़ाने में गुरेज न करें.

34 साल की सीमा बताती है कि उस की एक सहेली निशा हमेशा उस से बहुत प्यार से बातें करती थी. उस ने हमेशा सीमा के पैसों का इस्तेमाल किया. सीमा करोड़पति पिता की बेटी थी, इसलिए उसे कोई समस्या नहीं थी. सीमा कहीं भी घूमने जाती या शौपिंग के लिए निकलती तो निशा साथ हो लेती और फिर सारे रुपए सीमा के क्रैडिट कार्ड से खर्च होते.

एक बार सीमा अपने पापा से रूठ कर अकेली निशा के घर रहने आ गई. पापा ने उस का क्रैडिट कार्ड भी ब्लौक कर दिया. ऐसे में वह निशा के घर पहुंची तो 2 दिन के अंदर निशा के व्यवहार की कलई खुल गई. सीमा ने उसी वक्त उस से संबंध समाप्त कर लिए.

दिखावे के लिए इस्तेमाल

अकसर पति अपनी खूबसूरत बीवी को अपनी शान का दिखावा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. वे औफिशियल पार्टीज में पत्नी को सजाधजा कर ले जाते हैं ताकि बौस या दोस्तों पर अच्छा इंप्रैशन पड़े. रिश्तेदारों को जलाने और अपना कद ऊंचा दिखाने के लिए भी वे बखूबी बीवी का इस्तेमाल करते हैं. वे चाहते हैं कि उन की बीवी इंग्लिश में बातें करें और हौट ड्रैसेज पहने ताकि वह आधुनिक दिखे और पति का स्टेटस ऊंचा नजर आए.

इमोशंस का इस्तेमाल

प्रमोद जब भी शराब पी कर घर लौटता तो पत्नी को बहुत गालियां देता, घर में तोड़फोड़ करता और जुए में रुपए हार कर आता वह अलग. उस के कारनामे देख कर उस का पिता बहुत नाराज होता और उसे एक कमरे में बंद कर ताला लगा देता और खाने को भी नहीं देता. तब प्रमोद अपनी पत्नी के इमोशंस का इस्तेमाल करता.

पत्नी के आगे भोला सा चेहरा बना कर शराब पीने के पीछे कोई न कोई बहाना बना देता और वादा करता कि अब कभी नहीं पीएगा. वह पत्नी से कहता कि पिता को मना ले. पत्नी भावनाओं में बह कर उस का काम कर देती. एक बार तो वह एक औरत को ले आया और कहने लगा कि यह मेरे साथ रहेगी. पिता ने पिटाई की तो पत्नी के आंसुओं का सहारा ले कर पिता से बच पाया. पत्नी धीरेधीरे समझने लगी थी कि पति केवल उस का इस्तेमाल करता है.

एक बार वह सच में किसी के साथ सात फेरे ले कर आ गया. पिता ने उसे जायदाद से बेदखल कर दिया तब उसे होश आया. वह फिर पत्नी के पास सहायता मांगने आया. मगर इस बार पत्नी इमोशनल नहीं हुई उलटे उस ने दो टूक कह दिया कि अब हमारा कोई रिश्ता नहीं. मैं इस घर की बहू हूं, मगर तुम्हारी कुछ नहीं. प्रमोद बिचारा घरपरिवार और जायदाद से तो बेदखल हुआ ही पत्नी ने भी दुत्कार दिया. नई पत्नी पहले ही उस की हालत देख कर जा चुकी थी.

कमियां छिपाने के लिए इस्तेमाल

कई पुरुष अपनी खूबसूरत बीवी का इस्तेमाल कर बौस के आगे अपनी गलतियां और कमियां छिपाने का प्रयास करते हैं. वे यह नहीं समझते कि बीवी के मन में क्या है. वे बस किसी भी तरह बौस को अपनी बीवी की खूबसूरती से बांधे रखना चाहते हैं ताकि बौस उस की गलतियां दिखाना भूल जाए. इसी तरह कुछ पुरुष घर में भी अपनी गलतियां छिपाने के लिए पत्नी को आगे कर देते हैं.

ऐसे पति अपने मांबाप के आगे बहुत भोले बन कर खड़े हो जाते हैं और सारा दोष अपनी पत्नी पर डाल देते हैं. बात सिर्फ पतिपत्नी की नहीं है बल्कि कई भाईबहन भी इस हथियार को अपनाते हैं. अकसर भाई बचपन से ही हर गलती की जिम्मेदारी बहन पर थोपने से नहीं हिचकते. बड़े होने या बहन के ससुराल जाने के बाद भी वे अपनी आदत से बाज नहीं आते. यदि आप के साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है तो उस रिश्ते में बने रहने की मजबूरी छोडि़ए और देखिए आप के लिए जीवन कितना आसान हो जाता है.

शारीरिक जरूरतें पूरी करने के लिए इस्तेमाल

कुछ पति ऐसे होते हैं जो पत्नी का इस्तेमाल महज अपनी शारीरिक जरूरतों की पूर्ति के लिए करते हैं. उन्हें पत्नी की खुशी या उस की इच्छा से कोई मतलब नहीं होता. वे अपनी पत्नी से भावनात्मक रूप से बिलकुल भी जुड़े नहीं होते और उन्हें पत्नी की कोई परवाह नहीं होती.

प्रमोशन के लिए इस्तेमाल

हाल ही में कोच्चि में नौसेना के एक अधिकारी की पत्नी ने अपने पति पर आरोप लगाया कि उस के पति ने अपनी प्रमोशन कराने के लिए उस का इस्तेमाल किया और उसे अपने अधिकारियों के साथ हमबिस्तर होने को मजबूर किया. महिला ने आरोप लगाया कि इस का विरोध करने पर उस का पति और अधिकारियों ने उस के साथ मारपीट भी की. उस की शिकायत के आधार पर उस के पति सहित 10 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 498 के तहत मामला दर्ज किया गया.

इसी तरह गुजरात में पति ने प्रमोशन पाने के लिए अपनी पत्नी को बौस के सामने परोस दिया. यह घटना अहमदाबाद के नारानपुरा इलाके की है. पति ने पत्नी को अपने बौस के साथ सोने के लिए मजबूर कर दिया. वह पत्नी और बौस को कमरे में बंद कर बाहर से कुंडी लगा कर बाहर निकल गया.

जानकारी के मुताबिक युवक ने पत्नी पर जबरन संबंध बनाने के लिए दबाव डाला और ऐसा नहीं करने पर उस के साथ मारपीट भी की. महिला ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ थाने में केस दर्ज कराया. महिला का कहना था कि शादी के 4 साल तक सब ठीक चलता रहा. लेकिन फिर धीरेधीरे उस के पति ने उस के साथ गंदी हरकतें शुरू कर दीं और दूसरों के साथ जबरन संबंध बनाने के लिए दबाव डालने लगा. इनकार करने पर वह पत्नी को पीटता भी था.

एकतरफा हो जब रिश्ता

याद रखिए जब आप दोनों के बीच हर फैसले या बातचीत की वजह उन की सुविधा या फायदा है, आप की सोच हमेशा उन के बारे में रहती है, मगर वे कभी आप के बारे में बात नहीं करते तो जाहिर है कि वे आप के रिश्ते का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहे हैं. हालांकि उन के साथ एक ईमानदार बातचीत करने से कभीकभी मुद्दों को सुलझने में मदद मिल सकती है. मगर यदि आप को यह विश्वास हो जाता है कि आप के रिश्ते में सबकुछ एकतरफा है तो इसे नजरअंदाज करना लंबे समय में आप के लिए मुश्किल बढ़ा देगा.

आर्थिक मसलों पर चर्चा

एक खुशहाल रिश्ते के लिए आवश्यक है कि सामने वाला आप से खुल कर रुपएपैसों के बारे में चर्चा करे, कुछ छिपाए नहीं. रिश्ते को परखने के लिए आप ध्यान दें कि क्या आप के पति या रिश्तेदार आप के साथ पैसों का हिसाबकिताब करने में कंफर्टेबल हैं? क्या वे निश्चिंत हो कर आप से इनवैस्टमैंट्स और प्रौफिट आदि के बारे में बात करते हैं? यदि वे रिश्ते को वैल्यू देते हैं और आप से गहराई से जुड़े हैं तो सबकुछ डिसकस करेंगे और ऐसा नहीं है तो जाहिर है उन्होंने आप को महज इस्तेमाल करने के लिए रखा है, आप से कोई जुड़ाव नहीं है.

मैं भतीजी से प्यार करता हूं, क्या हम दोनों की शादी संभव नहीं है?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं 28 वर्षीय युवक हूं. एक लड़की से 2 साल से प्यार करता हूं. वह भी मुझे चाहती है. हम दोनों शादी करना चाहते हैं. लड़की के घर वालों को एतराज नहीं है, परंतु मेरे घर वाले इस शादी का विरोध कर रहे हैं. कारण लड़की दूर के रिश्ते में मेरी भतीजी लगती है. क्या हम दोनों का विवाह संभव नहीं है? यदि है तो मैं अपने घर वालों को कैसे मनाऊं?

जवाब

लड़की से चूंकि आप की दूर की रिश्तेदारी है, इसलिए यह आप के रिश्ते में आड़े नहीं आएगी. खासकर तब जब लड़की वालों को इस रिश्ते से कोई एतराज नहीं है. आप को अपने घर वालों पर दबाव बनाना होगा. यदि आप की बात वे नहीं सुन रहे तो किसी सगेसंबंधी या पारिवारिक मित्र से मदद ले सकते हैं. वे उन्हें समझा सकते हैं कि इतनी दूर की रिश्तेदारी माने नहीं रखती. यदि लड़की आप के लिए उपयुक्त जीवनसंगिनी है और विवाह के लिए गंभीर है, तो घर वाले देरसवेर मान ही जाएंगे. लड़की के घर वाले भी उन्हें मना सकते हैं.

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‘‘सुनो, आप को याद है न कि आज शाम को राहुल की शादी में जाना है. टाइम से घर आ जाना. फार्म हाउस में शादी है. वहां पहुंचने में कम से कम 1 घंटा तो लग ही जाएगा,’’ सुकन्या ने सुरेश को नाश्ते की टेबल पर बैठते ही कहा.

‘‘मैं तो भूल ही गया था, अच्छा हुआ जो तुम ने याद दिला दिया,’’ सुरेश ने आलू का परांठा तोड़ते हुए कहा.

‘‘आजकल आप बातों को भूलने बहुत लगे हैं, क्या बात है?’’ सुकन्या ने चाय की चुस्की लेते हुए कहा.

‘‘आफिस में काम बहुत ज्यादा हो गया है और कंपनी वाले कम स्टाफ से काम चलाना चाहते हैं. दम मारने की फुरसत नहीं होती है. अच्छा सुनो, एक काम करना, 5 बजे मुझे फोन करना. मैं समय से आ जाऊंगा.’’

‘‘क्या कहते हो, 5 बजे,’’ सुकन्या ने आश्चर्य से कहा, ‘‘आफिस से घर आने में ही तुम्हें 1 घंटा लग जाता है. फिर तैयार हो कर शादी में जाना है. आप आज आफिस से जल्दी निकलना. 5 बजे तक घर आ जाना.’’

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मेरी भाभी नहीं चाहती हैं कि मैं उनके भाई से शादी करूं…

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सवाल

मैं अपने भाभी की भाई से प्यार करती हूं. वह भी मुझे बहुत चाहते हैं. हम 4 सालों से रिलेशनशिप में है. लेकिन हाल ही में ये बात मेरी भाभी को पता चला. हमदोनों शादी करना चाहते हैं. इससे मेरे परिवार वालों को ज्यादा दिक्कत नहीं है. लेकिन मेरी भाभी नहीं चाहती कि मैं उनके भाई से शादी करूं, समझ नहीं आ रहा है, भाभी को इस शादी के लिए कैसे मनाऊं?

जवाब

अगर आपके परिवार वाले शादी के लिए तैयार है, तो आपकी भाभी को क्या दिक्कत है, ये सोचने वाली बात है. हो सकता है पहले भाभी के साथ आपके रिश्ते अच्छे नहीं हो, इसलिए वह इस शादी से खुश नहीं है. सबसे जरूरी चीज अगर आप अपनी भाभी के भाई से रिश्ता जोड़ने जा रही है, तो उनके साथ रिश्ता ठीक करना जरूरी है. क्योंकि अगर वह इस शादी के लिए तैयार हो जाती है, तो आपको बहुत बड़ी मदद मिल जाएगी. आप अपनी भाभी को अपनी फ्रैंड बनाएं, उनके साथ शौपिंग करने जाएं. आप उनका कोई मनपसंद तोहफा भी उन्हें दे सकती हैं. रिश्ते को सुधारने में तोहफा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उन्हें एहसास दिलाएं कि आप अपने उनके भाई से कितना प्यार करती हैं.  आप अपने भाभी को खुश रखने की कोशिश करें, समय के साथ उनका भी मन बदल जाएगा.

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कितने सिक्योर हैं आप रिलेशनशिप में

कोई भी रिश्ता उस समय दोगुना खूबसूरत और प्यारा लगने लगता है, जब आप उसमें अपने आपको सुरक्षित महसूस करते हैं. एक सुरक्षित रिश्ता, खूबसूरत जिंदगी की नींव है. इसी नींव पर आपके प्यार का आशियाना बनता है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपने रिश्ते को सिक्योर बनाने पर पूरा ध्यान दें. समय-समय पर आपको ऐसे कई संकेत मिलते हैं आइए जानते हैं, इन संकेतों के बारे में…

कितना खुलकर बात करते हैं आप

दो लोगों के रिश्ते में कम्युनिकेशन बहुत जरूरी है.  जिस दिन आप अपने पार्टनर से बिना कुछ डरे, निसंकोच अपनी सारी फिलिंग्स, राय और समझ को साझा करने में सहज महसूस करते हैं, उस दिन  मान लीजिए कि आपका रिश्ता सिक्योर है. एक ऐसा रिश्ता, जहां आपका पार्टनर आपको किसी भी बात के लिए जज नहीं करेगा, ना ही आपकी बात से नाराज होगा. यह है सिक्योरिटी का पहला संकेत है.

विश्वास  रिश्ते की मजबूत नीव है. यह रिश्ते की नाजुक डोर को मजबूती देता है. इसके बिना दुनिया का हर रिश्ता बेईमानी है. खासतौर पर एक कपल के रिश्ते में विश्वास बहुत मायने रखता है. जब आप महसूस करें कि आपका पार्टनर आपके लिए पूरी तरीके से समर्पित है और आपके अलावा वह किसी और का ख्याल अपने दिल और दिमाग में नहीं लाता तो ऐसा रिश्ता सुरक्षित कहलाता है.

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मेरे पति ‘मम्माज बौय’ हैं, जिसके कारण मैं बहुत परेशान हूं?

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सवाल-

28 वर्षीय महिला हूं. पिछले साल ही शादी हुई थी. शादी के बाद ससुराल आई तो 2-3 दिन में ही सम झ गई कि पति ‘मम्माज बौय’ हैं. वे अपनी मां से पूछ कर ही कोई काम करते हैं और मेरी एक भी बात नहीं मानते. खाने से ले कर परदे के रंग तक का चयन मेरी सास ही करती हैं और मेरी बातों को जरा भी अहमियत नहीं देतीं. इस से मैं काफी तनाव में रहती हूं. सम झ नहीं आ रहा क्या करूं?

जवाब-

अभी आप की नईनई शादी हुई है. आप के पति सम झदार हैं और इसीलिए वे नहीं चाहते होंगे कि अचानक मां को नजरअंदाज कर आप की बातों को उन के सामने ज्यादा तवज्जो दें. इस से घर में अनावश्यक ही तनाव भरा माहौल हो जाएगा.

आप को धीरेधीरे समय के साथ घर में अपनी जगह बनानी चाहिए. बेहतर होगा कि आप अपनी सास को सास नहीं मां सम झें. उन के साथ खाली वक्त में साथ बैठें, टीवी देखें, शौपिंग करने जाएं, उन की पसंद की ड्रैस खरीद कर उन्हें दें. घर के कामकाज में उन की सहायता करें.

जब आप की सास को यह यकीन हो जाएगा कि अब आप अच्छी तरह से गृहस्थी संभाल सकती हैं, तो धीरेधीरे वे आप को पूरी जिम्मेदारी सौंप देंगी.

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नेहा की नई-नई शादी हुई है. वह विवाह के बाद जब कुछ दिन अपने मायके रहने के लिए आई तो उसे अपने पति से एक ही शिकायत थी कि वह उस का पति कम और ‘मदर्स बौय’ ज्यादा है. यह पूछने पर कि उसे ऐसा क्यों लगता है? उस का जवाब था कि वह अपनी हर छोटीबड़ी जरूरत के लिए मां पर निर्भर है. वह उस का कोई काम करने की कोशिश करती तो वह यह कह कर टाल देता कि तुम से नहीं होगा, मां को ही करने दो.

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मैं जौइंट फैमिली में रहती हूं, रोजरोज की किचकिच और झगड़े से परेशान हूं, क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल-

मैं संयुक्त परिवार में रहती हूं. सासससुर अच्छे ओहदे पर थे. अब रिटायर्ड हैं जबकि मेरे पति और जेठजी अच्छी कंपनियों में काम करते हैं. ननद की शादी अभी नहीं हुई है. घर में किसी चीज की दिक्कत नहीं है यानी हर सुखसुविधा है पर आएदिन रोजरोज की किचकिच और झगड़े से परेशान रहने लगी हूं. पति चाहते हैं कि हम सब एक ही परिवार में रहें इसलिए चाह कर भी उन्हें अलग फ्लैट में रहने के लिए नहीं कह सकती. कृपया बताएं क्या करूं?

जवाब-

घर में छोटीबड़ी बातों पर तकरार होना आम बात है. कहते हैं जहां तकरार होती है वहीं प्यार भी होता है. मगर जब मतभेद मनभेद में बदल कर बड़े झगड़े का रूप लेने लगें तो यह जरूर चिंता की बात होती है. फिलहाल, आप के घर में हालात इतने खराब नहीं हुए हैं कि पति के साथ अलग रहने की सोची जाए. घर का झगड़ा किसी बड़े झगड़े का रूप न ले, इस से बचने की पहल आप को खुद करनी होगी.

इस दौरान अगर कोई गुस्से में है अथवा कुछ बोल रहा हो तो फायदा इसी में है कि दूसरे को शांत रहना चाहिए. ताली एक हाथ से नहीं बजती.

संयुक्त परिवार में तकरार आमतौर पर कामकाज को ले कर भी होती है. इसलिए बेहतर यही होगा कि घर के कामकाज को भी व्यवस्थित रूप से मिलजुल कर

करा जाए. छोटीबड़ी बातों को नजरअंदाज कर आगे बढ़ने में ही समझदारी है.

लोग एकल परिवारों में रहते हुए अपने सपनों को पंख नहीं दे पाते, जबकि संयुक्त परिवार इस के बेहतर अवसर देता है. संयुक्त परिवार में पलेबढ़े बच्चे भी आम बच्चों की तुलना में मानसिक व शारीरिक रूप से अधिक श्रेष्ठ होते हैं. इसलिए इस अवसर को आपसी झगड़ों में न गंवा कर मिलजुल कर रहने में ही भलाई है.

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पतिपत्नी के बीच कब होती है ‘वो’ की एंट्री, जानें एक्सट्रा मैरिटल अफेयर के कारण

रूटीन जहां हमें व्यवस्थित रखता है वहीं कई बार बोर भी कर देता है. वर्षों तक साथ रहने के बाद जीवनसाथी के प्रति हम लापरवाह से हो जाते हैं. ‘टेकन फौर ग्रांटेड’ होते ही हर अच्छाई कर्तव्य और हर बुराई अवगुण हो जाती है. आज के जमाने की तकनीक भी हमारी निजता को बनाए रखने में कारगर है. फलतया ऐक्सट्रा मैरिटल अफेयर्स आज आम हो गए हैं. क्यों हो जाते हैं पार्टनर बेवफा? क्या दैहिक विविधता की तलाश होती है या जीवन में नएपन की, रोमांस की जरूरत महसूस करते हैं या भावनात्मक साथ की? छिपाने और झूठ बोलने का रोमांच उन्हें अच्छा लगता है या वाकई वे आसक्त रहते हैं? आइए जानते हैं:

महिलाएं ध्यान चाहती हैं: विवाह काउंसलर और विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाएं अकेलेपन को कम करना चाहती हैं. वे इसीलिए मित्रता करती हैं कि कोईर् उन्हें ध्यान से सुने. विवाहित जीवन में अकसर पति या बच्चे महिला को समझ नहीं पाते और यही उन के जीवन की सब से बड़ी विडंबना बन जाती है.

बीइंग ऐप्रिशिएटेड: ऐप्रिशिएट होने की इच्छा हम सब को होती है. हम में से प्रत्येक दूसरे से प्रशंसा सुन कर संतुष्टि पाता है. पर विवाह के गुजरते वर्षों में एकदूसरे को ऐप्रिशिएट करना हम कम कर देते हैं.

पुरुष अपनी पावर और इंटेलैक्ट के लिए पहचाने जाना चाहते हैं: पुरुषों को अपनी व्यवस्था संबंधी योग्यताओं पर बहुत नाज होता है. वे स्ट्रौंग ह्यूमंस के रूप में पहचाने जाना चाहते हैं.

स्त्रियों को डिजायरेबल लगना पसंद है: स्त्रियों को सैल्फ ऐस्टीम और सैक्सी फील करने के लिए पुरुषों के ध्यान की आवश्यकता महसूस होती है.

ईगो बूस्ट होता है: विपरीत लिंगी के साथ बिताए थोड़े समय में ईगो को बूस्ट मिलता है और मन को तसल्ली. स्वयं के प्रति आप पुन: आश्वस्त से हो जाते हैं. कौन्फिडैंस वापस लौट आता है.

स्पाउस एकदूसरे का भावनात्मक सहारा नहीं बनना चाहते: शादी के बाद पतिपत्नी एकदूसरे की भावनात्मक जरूरतें पूरी करने से बचते हैं. उन्हें डर होता है कि दूसरा कहीं उन्हें अपना गुलाम न बना ले. वे सच सुनना पसंद नहीं करते. अपनी भावनाएं भी कई बार एकदूसरे से छिपा लेते हैं. शादी, शादी नहीं युद्ध का मैदान बन जाती है.

असंतोष पनपता है: विवाह में जब मन नहीं मिलते, अंडरस्टैंडिंग गड़बड़ा जाती है तो असंतोष सा पनपने लगता है. यही असंतोष किसी दूसरे की तरफ आकर्षित करता है और ऐक्सट्रा मैरिटल अफेयर पनपते हैं.

साइकिएट्रिस्ट के अनुसार, इनसान हमेशा किसी ऐसे साथ की तलाश में रहता है जो उसे उस की कमियों और खूबियों के साथ स्वीकार सके. जब आप किसी के साथ कंफर्टेबल होते हैं तो आप ज्यादा संयम नहीं रख पाते, बस यहीं से शुरुआत होती है अफेयर की.

आप को अपना तथाकथित पार्टनर (अफेयर वाला) जन्मोंजन्मों का साथी लगने लगता है. उस का साथ आप में एक नशा सा भरने लगता है और फिर आप नैतिकताअनैतिकता की सारी सीमाएं लांघ जाते हैं. सामने आया अवसर और अफेयर थ्रिल आप से कई ऐसे काम करवाता है जिस पर खुद आप को भी यकीन नहीं आता.

आप अपनी प्रत्येक हरकत को सही ठहराते हैं, आप को लगने लगता है कि आप को नए संबंध बनाने का पूरा हक है. शारीरिक भूख अफेयर को एक मदमस्त कर देने वाले रोमांच से भर देती है. नएपन की चाह, उस से उपजा एहसास बहुत हद तक इन रिश्तों को टिकाए रखता है.

यदि आप के साथ भी ऐसा कुछ हुआ हो, आप के पार्टनर का यह सच आप को पता चले कि वह आप को बिना बताए किसी और से मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है, तो यकीनन आप टूट जाएंगे.

आप अलग तरीके से रीऐक्ट करेंगे: गुस्से, दुख, उत्तेजना से भरे आप उस के हर काम को, हर क्रिया को शक की निगाहों से देखेंगे. आप सोचने लगेंगे कि क्या वह हमेशा से आप से झूठ बोलता रहा? दूसरे के प्रति आकर्षित होने का उस का कारण क्या था? क्या वह आप से बेहतर था?

शारीरिक भावनात्मक स्तर पर बेवफाई से दिल टूटता है: रिश्ते छिन्नभिन्न हो जाते हैं. जिस का दिल टूटता है कई बार तो वह अपनेआप में सिमट सा जाता है पर कई लोग पार्टनर को उसी अफेयर के बारे में बारबार जाहिर कर के बेइज्जत करते हैं.

हर अफेयर का मतलब पुराने रिश्तों का हमेशा के लिए टूट जाना नहीं होता: हो सकता है आप के बच्चों की खातिर आप को साथ रहना पड़े या बूढ़े मांबाप को आप दुख न पहुंचाना चाहते हों. तलाक से जुड़े हर पहलू पर सोचसमझ कर निर्णय लेने के बाद आप यदि हर तरह के परिणाम के लिए तैयार हों तो संबंध खत्म कर दीजिए.

क्या रिश्ता तोड़ने योग्य मुद्दा है: अपने जीवन पर नजर डालिए. क्या आप दोनों साथ में खुश और संतुष्ट रहे हैं? क्या आप एकदूसरे के पूरक हैं? यदि उत्तर हां में है तो फिर सिर्फ एक अफेयर के कारण अपना रिश्ता खत्म न कीजिए.

धमकाइए मत और भीख भी मत मांगिए: अफेयर का पता चलने के बाद साथी को ब्लैकमेल करना, धमकाना या उस से दया की भीख मांगना गलत है. अपनी गरिमा बनाए रखें. अपने पार्टनर के साथ कनैक्टेड रहने के लिए आप को स्वयं का व्यक्तित्व लुभावना और बोल्ड बनाए रखना पड़ेगा.

ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर रिश्ते का अंत नहीं: रिसर्च बताते हैं कि शुरुआत में भले ही लगे पर ऐसे अफेयर 3-4% ही विवाह में तबदील होते हैं. बाकी भी ज्यादा समय नहीं चलते.

समय निकालिए: ऐक्सट्रा मैरिटल अफेयर का पता चलते ही निष्कर्ष पर मत पहुंचिए. समय निकाल धैर्य से सोचिए. कह देने के बाद आप वापस नहीं आ सकते या तो रिश्ता निभाना पड़ेगा या तुरंत छोड़ना पड़ेगा.

सोचसमझ कर निर्णय लें:  सचाई उगलवाने से पहले आप को मालूम होना चाहिए कि आप कितना सह पाएंगे. क्या आप उस के शारीरिक संबंधों की बात सुन कर उद्वेलित हो उठेंगे या उस के भावनात्मक स्तर पर जुड़ाव से परेशान होंगे.

सचाई जानें: क्या आप तलाक ले कर अकेले गुजारा कर लेंगे? क्या आप आर्थिक रूप से सक्षम हैं? पतिपत्नी पर घर के कामों के लिए और पत्नी पति पर आर्थिक दृष्टि से निर्भर होती है. अत: सोचसमझ कर निर्णय लेना सही रहता है.

माफ करना सीखें: यदि पार्टनर गलती मान रहा है और ‘आगे से कभी ऐसा नहीं होगा’ कह रहा है तो आप भी उस के आचरण को परखने के बाद उसे माफ कर दीजिए. गलती सभी से होती है.

प्रोफैशनल की मदद लें: विवाह काउंसलर इस काम में अपने प्रोफैशनल स्किल्स से आप की मदद कर सकता है. उस से मदद लेना रिश्ता जोड़ने के लिए अच्छा है.

हम सभी इनसान हैं. मानव स्वभाव के कारण हम से कईर् गलतियां हो जाती हैं. शादी जैसे बंधन जिसे निभाने में सालों लग जाते हैं, उसे ऐसे ही तोड़ देना सही नहीं.

विवाह के टूटने का दंश समाज को, बच्चों को, बुजुर्ग मातापिता को भुगतना पड़ता है. इसीलिए ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स पर भी कड़ा मन रख कर माफ कर के नए अटूट रिश्ते की शुरुआत की जा सकती है.

मैं पत्नी के गुस्से से परेशान हो गया हूं, क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं 33 साल का विवाहित पुरूष हूं. बीवी पढ़ीलिखी और केयरिंग है. समस्या उस के गुस्सैल स्वभाव को ले कर है. वह छोटीछोटी बात पर गुस्सा हो जाती है और झगङा करने लग जाती है. इस से घर का माहौल बेहद बोझिल हो जाता है. हां, गुस्सा उतरने के बाद वह सौरी भी बोलती है पर फिर कब किस बात पर झगङने लगे यह कहा नहीं जा सकता. मैं उस के इस व्यवहार से बहुत दुखी रहने लगा हूं. कृपया उचित सलाह दें?

जवाब-

पतिपत्नी के रिश्ते में प्यार के साथ तकरार होना लाजिम है. शायद तभी तो कहते हैं कि जहां प्यार होता है वहां झगड़ा होना कोई बड़ी बात नहीं है, अलबत्ता पतिपत्नी के बीच होने वाली नोकझोंक से प्यार कम होने के बजाय और बढ़ता ही है. इसलिए अधिक परेशान न हों.

यह सही है कि जिन महिलाओं का स्वभाव गुस्सैल और झगड़ालू किस्म का होता है वे अकसर छोटीछोटी बातों पर तूफान खड़ा कर देती हैं, मगर इस का मतलब यह भी नहीं होता कि वे घरपरिवार को ले कर संजीदा नहीं होतीं. पति को ऐसे समय समझदारी और सूझबूझ से काम लेना चाहिए.

यदि आप की बीवी को किसी बात पर गुस्सा आ जाए तो यह आप की जिम्मेदारी बनती है कि घर का माहौल न बिगड़ने दें. इस स्थिति में बीवी के लिए समय निकाल कर उन्हें कहीं घुमाने ले जाएं ताकि उन का मन परिवर्तित हो जाए.

यह भी सही है कि घर की अधिक जिम्मेदारियों के चलते वे परेशान हो जाती हों. इस स्थिति में बीवी के साथ खास पलों को ऐंजौय करें ताकि रिश्ते में मधुरता बनी रहे.

बीवी के गुस्से को शांत करने के लिए समयसमय पर उन की तारीफ करना न भूलें साथ ही कोशिश करें कि जितना संभव हो घर के कामों में उन का हाथ बटाएं.

इस से बीवी को थोङा आराम मिलेगा और वे भी समझने लगेंगी कि आप न सिर्फ उन्हें प्यार करते हैं, बल्कि उन का केयर भी करते हैं.

कुछ ही दिनों में आप पाएंगे कि बीवी के साथ आप की बौंडिंग पहले से अधिक अच्छी हो जाएगी और घर में आएदिन किचकिच भी नहीं होगा.

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