इन 10 आसान तरीकों को अपनाएं और बचाएं पैसे

क्या आपके पैसे वक्त से पहले खर्च हो जाते हैं, क्या आपने अब तक कुछ भी सेव नहीं किया है तो डरिये नहीं आज हम आपके लिये कुछ बहुत ही साधारण टिप्स लेकर आएं हैं जिसे अपने रोजमर्रा के जीवन में लागू कर थोड़े बहुत पैसे तो आप सेव कर ही लेंगी. चलिये आपको बताते हैं.

1. बेहतर प्लान बनाएं

आपको सुनने में भले ही यह अजीब लगे लेकिन शौपिंग पर जाते समय यह कभी डिसाइड न करें कि आपको क्या क्या खरीदना है. बेहतर है कि जब भी आपको जो सामान याद आए, उसे एक लिस्ट में अपडेट करते जाएं. और जब वो सामान आपके आस पास हो आप उसे फौरन खरीद लें.

2. शौपिंग की लिस्ट हमेशा साथ रखे

अक्सर दुकान पर पहुंच कर हमें पता चलता है कि हम लिस्ट घर पर ही भूल आएं है इसीलिए शौपिग पर जाने से पहले हमेशा याद से लिस्ट साथ रख लें. यह लिस्ट तब और भी जरूरी हो जाती है जब आपके पास सीमित समय हो और उसी दौरान आपको घर के लिए पूरा सामान अपडेट करना हो.

3. बाजार के हिसाब से लिस्ट बनाएं

हमेशा सामान को एक ग्रुप में बांट लें इससे आपको पता रहेगा कि किस दुकान में जाकर क्या लेना और आपको कुल कितनी अलग अलग दुकानों पर जाने की जरूरत है. इस बेहतर प्लानिंग से आप समय बचा सकते हैं. जैसे सब्जी के दुकान का अलग और राशन का अलग इस तरीके से आप ये लिस्ट बनाएं.

4. लिस्ट से भटकें नहीं

आपने लिस्ट किसी खास वजह से बनाई है इसलिए जरूरी है कि आप उस पर टिके रहें. अपनी लिस्ट के प्रति ईमानदार रहेंगे तो फिजूल के खर्च से बचेंगे. ऐसा नहीं की बाजार में गएं और जो मन में आया वो आप खरीदे जा रहीं हैं.

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5. सिर्फ जरूरत का सामान ही थोक में ले

अक्सर हम औफर्स, छूट जैसे लुभावने प्रस्ताव की वजह से किसी चीज को ज्यादा क्वांटिटी में खरीद लेते हैं. आपको हमेशा वैराइटी का ध्यान रखना चाहिए जिससे आप जल्दी उबेंगे भी नहीं और थोक का सामान बर्बाद भी नहीं होगा.

6. एक हफ्ते की खरीदारी मेन्यू बनाएं

रोजाना कुछ न कुछ खरीदने के लिए दुकान पर जाने से बेहतर है कि आप हफ्ते भर के सामान की लिस्ट एक साथ बना लें और उसी के मुताबिक सामान खरीदें. साथ ही, अगली शौपिंग की तारीख भी तय कर लें. इससे घर पर अचानक सामान खत्म होने की स्थिति का सामना आपको नहीं करना पड़ेगा.

7. पीक आवर्स में शौपिंग न करें

हमेशा शौपिंग ऐसे समय पर ही करने जाएं जब भीड़ कम हो और पेमेंट के लिए लाइन छोटी हो. साथ ही आपके पास भी फुर्सत हो. हमें कोशिश करनी चाहिए कि शाम, रात और रविवार की दोपहर में शौपिंग पर न जाएं. इस समय ज्यादातर लोग खरीदारी के लिए इकट्ठा होते हैं और समय का अभाव होने पर अक्सर कुछ न कुछ लेना छूट जाता है.

8. एक्सपायरी डेट चेक करें

जब भी कोई प्रोडक्ट खरीद रहे हों तो एक्सपायरी डेट चेक करें. इस बात को भी चेक करें कि पैकिंग में कोई खराबी न हो. कई बार कुछ चीजें जो छूट या कम रेट पर बेची जाती हैं वे अपनी एक्सपायरी डेट के नजदीक हो सकती हैं या उनकी पैकिंग में कोई खराबी हो सकती है. इसका सीधा-सा मतलब यह है कि उस चीज की क्वालिटी के साथ समझौता किया गया है.

9. किसी फ्रेंड के साथ शौपिंग पर जाएं

जहां तक मुमकिन हो अपनी किसी ऐसी सहेली या पड़ोसन के साथ खरीददारी करने जाएं जो स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो और हेल्दी फूड में विश्वास रखती हो. शौपिंग के दौरान जंक फूड के औप्शन आसानी से आपको ललचा देते हैं. खासकर जब जंक फूड के साथ ‘बाय वन गेट वन फ्री’ जैसे औफर मिलते हैं. ऐसे समय में ये फ्रेंड्स ही आपको ऐसी खरीदारी करने से रोकते हैं.

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10. लेबल्स समझें

कई प्रोडक्ट्स के पैक पर लो फैट जैसे शब्द लिखे होते हैं. अधिकतर इनको ढंग से समझ नहीं पाते हैं. अधिकतर लो फैट फूड्स में शुगर या नमक भरपूर मात्रा में होता है जो उसमें स्वाद के लिए डाला जाता है. खाने का सामान खरीदते समय उसमे मौजूद कैलोरीज के लिए न्यूट्रीशनल लेबल्स जरूर पढ़ें. कोई चीज कम कैलोरी वाली है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह हेल्दी भी है. आपको कैलोरी वैल्यू के लिए नहीं, बल्कि क्वालिटी वैल्यू के लिए खाना चाहिए.

Saving Tips In Hindi- ये हैं निवेश के बैस्ट औप्शन

अकसर लोग त्योहार के समय खरीदारी या नई शुरुआत को प्राथमिकता देते हैं. लेकिन कई बार आर्थिक तंगी के कारण उन का सपना पूरा नहीं हो पाता. ऐसे में बैंक आप की जरूरतों का ध्यान रखते हुए कई ऐसे औफर्स पेश करते हैं जिन से आप छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीजों की खरीदारी आसानी से कर सकते हैं और सस्ती ईएमआई का लाभ उठा सकते हैं. हम यहां आप को ऐसी जानकारी दे रहे हैं जो निवेश करने में आप की मदद करेगी:

1. 10 फीसदी कैशबैक

त्योहार के मौके पर कई बैंकों ने शौपिंग पर 10% कैशबैक की पेशकश की है. कुछ बैंकों का कई औनलाइन शौपिंग वैबसाइट्स से टाईअप भी है. यह कैशबैक लिमिटेड प्रोडक्ट और फिक्स अमाउंट पर ही होता है. इसलिए शौपिंग करते समय लिमिट का जरूर ध्यान रखें तभी आप इस औफर का फायदा उठा पाएंगे.

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2. बिना पैसों के कीजिए शौपिंग

कुछ बैंक अपने ग्राहकों को त्योहार का तोहफा देते हुए बिना पैसों के खरीदारी करने का सुनहरा मौका देते हैं. इस औफर के अनुसार ग्राहक को शौपिंग करते वक्त कोई पैसा नहीं देना होता और अगले महीने से उस के डैबिट कार्ड से ईएमआई शुरू होती है, जिसे ग्राहक 6 से 18 महीने में आराम से चुका सकता है. तो हुआ न किफायती सौदा. धीरेधीरे यह पैसा ईएमआई के रूप में कट जाएगा और आप को पता भी नहीं चलेगा.

3. कार ले जाओ भुगतान अगले साल

कई बैंकों ने तो यह भी सुविधा दी है कि अगर आप को कार खरीदनी है तो कर्ज अभी ले लो और इस की ईएमआई अगले साल से चुकाना. वहीं महिलाओं के लिए ब्याज दर में 0.25-0.50 फीसदी तक अतिरिक्त छूट भी दी जा रही है.

4. 77 रुपए रोज पर मिल रही है बाइक

अगर आप कई सालों से बाइक लेने की सोच रहे हैं और अभी तक यह सपना पूरा नहीं हो पाया है तो यह स्कीम आप के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. इस के लिए आप को कोई डाउन पेमैंट नहीं करना होगा और न ही कोई प्रोसैसिंग फीस लगेगी. लोन मंजूर होते ही पैसे कुछ ही देर में आप के खाते में आ जाएंगे. वहीं इस स्कीम के तहत विशेष कंपनी की बाइक और स्कूटर पर क्व2 हजार तक की छूट मिलेगी.

5. क्रैडिट कार्ड से लाभ

कुछ बैंक ऐसे क्रैडिट कार्ड भी लौंच कर रहे हैं जिन की ईएमआई ब्याज दर काफी कम होगी और आप को 4.50 करोड़ रुपए का एअर ऐक्सिडैंट कवर भी मिलेगा. साथ ही शौपिंग पर भी भारी छूट मिलेगी.

इस के अलावा कुछ विशेष क्रैडिट कार्ड धारकों के लिए एक ऐसा कार्ड भी जारी किया गया है जिस से वे सभी तरह की शौपिंग और बिल पर भुगतान 30% की छूट का लाभ उठा सकेंगे. इस के लिए कुछ सालाना फी देनी होगी जिस का 50% वापस मिल जाएगा. साथ ही बैंक की तरफ से आप को ब्रैंडेड गिफ्ट्स भी मिलेंगे.

6. लोन की ब्याज दरों में कटौती

दीवाली पर ग्राहकों को बड़ा तोहफा देते हुए कई बैंकों ने रैपो रेट से लिंक्ड रिटेल लोन की ब्याज दरों में 0.25 फीसदी से ले कर 0.10 फीसदी तक की कटौती की है, जिस से होम लोन, औटो लोन सहित सभी रिटेल लोन सस्ते हो गए हैं. तो आप भी इस सुनहरे मौके का फायदा उठा सकते हैं.

7. यहां कर सकते हैं निवेश

ज्यादातर लोग त्योहार पर फुजूलखर्ची करते हैं. उन का मानना होता है कि दीवाली का मतलब जम कर पैसा खर्च करना. इस में वे कपड़े, इलैक्ट्रौनिक सामान, लेटैस्ट गैजेट्स और सोना खरीदने को प्राथमिकता देते हैं जबकि आप को अपने पैसे ऐसी जगह निवेश करने चाहिए जिस से आगे चल कर आप को लाभ मिल सके.

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यहां हम आप को कुछ ऐसे ही किफायती निवेश विकल्पों के बारे में बता रहे हैं.

लोन रिपे कर हलका करें बोझ: मान लीजिए आप की कंपनी ने आप को अच्छाखासा बोनस दिया है. इस अमाउंट से आप लोन रिपे कर सकते हैं जिस से पैसा चुकाने का प्रैशर कम हो जाएगा और आप टैंशन फ्री हो खुशीखुशी दीवाली मना सकेंगे. इसे समझदारी भरा निवेश भी कहा जा सकता है.

लंबी अवधि का करें निवेश: अगर काफी समय से लंबी अवधि के लिए निवेश करने का सोच रहे हैं लेकिन अभी तक कर नहीं पाए हैं तो इस सपने को पूरा करने का यह सब से अच्छा समय है. इस निवेश से आप के परिवार का आर्थिक भविष्य सुरक्षित रहेगा.

इमरजैंसी फंड: आज के समय में कब बुरा वक्त आ जाए कुछ कह नहीं सकते. ऐसे में बुरे हालात से निबटने के लिए हमें पहले से ही तैयारी कर लेनी चाहिए. इसलिए इस त्यौहार आप इमरजैंसी फंड में निवेश करें और अपने परिवार को आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस करवाएं.

गोल्ड ईटीएफ में निवेश है समझदारी: ईटीएफ खरीद कर एक बेहतरीन निवेश कर सकते हैं. वैसे भी आज के समय में लोग फिजिकल सोना खरीदने के बजाय अन्य तरीकों से निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं. ऐसा कर आप अपनी परंपरा भी निभा पाएंगे और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत भी कर पाएंगे.

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जानें रिटायरमेंट के लिए उम्र के किस पड़ाव पर करनी चाहिए सेविंग

रिटायरमेंट के लिए हर कोई थोड़ी-थोड़ी सेविंग करता ही है. यह एक ऐसा समय होता है जो आपके जीवन में आराम के साथ-साथ कई तरह की चिंताएं भी लेकर आता है. बचत किन तरीकों से करनी चाहिए यह जानना भी सबसे अहम होता है. हमें यह मालूम होना चाहिए कि किस उम्र से रिटायरमेंट के लिए सेविंग करना शुरू करना बेहतर होता है.

आपको रिटायरमेंट को एक लक्ष्य बनाकर चलना चाहिए और उसी हिसाब से प्लानिंग करनी चाहिए. नौकरीपेशा लोगों के लिए रिटायरमेंट की उम्र आमतौर पर 60 होती है. सेविंग के लिए सजग रहने के बावजूद देखा गया है कि कई लोग रिटायरमेंट की प्लानिंग करने में देरी कर देते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता कि इसकी प्लानिंग कब से शुरू करनी चाहिए. हम आपको अपनी इस खबर में बता रहे हैं कि रिटायरमेंट के लिए कब से सेविंग करना बेहतर रहेगा.

युवा अवस्था:

वर्ष 1980 के बाद पैदा होने वाले लोग थोड़ी सी ही सेविंग करते हैं. इन लोगों में महंगी लाइफस्टाइल का शौक होता है. जैसे कि गैजेट्स रखना, रेस्टोरेंट में खाना खाना, ईएमआई पर चीजें खरीदना, एजुकेशन लोन लेना इत्यादि. इस उम्र में लोगों को रिटायरमेंट प्लानिंग से कुछ खास लेना-देना नहीं होता है. इस उम्र में जो लोग थोड़ा बुद्धिमान होते हैं उन्हें भी रिटायरमेंट की प्लानिंग की सुध बहुत बाद में आती है. नौकरीपेशा लोगों के लिए नौकरी का शुरूआती समय कार बंगला या एक लग्जरी लाइफ-स्टाइल मेंटेन करने में बीतता है. इस उम्र में आपको अपनी आय एक अंश रिटायरमेंट के लिए सेव जरूर करना चाहिए.

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35 से 45 साल की उम्र में:

यह वह उम्र होती है जब जिम्मेदारियां बढ़ती रहती हैं, जिससे फाइनेंस का दबाव बहुत अधिक रहता है. 35 से 45 वर्ष की आयु के दौरान आपको कई तरह की जिम्मेदारियां भी निभानी पड़ सकतीं हैं, लेकिन आपकी प्राथमिकता रिटायरमेंट के लिए सेविंग होनी चाहिए. आपको इस दौरान अपनी आय का 20 फीसद हिस्सा रिटायरमेंट के लिए बचाना शुरू कर देना चाहिए, आप इसे 40 से 50 फीसद तक भी ले जा सकते हैं.

रिटायरमेंट से कुछ समय पहले:

रिटायरमेंट के करीब बच्चों की शिक्षा और शादी के लिए रिटायरमेंट सेविंग बहुत जरूरी होती है. यह फेज हर व्यक्ति की लाइफ में आता है. अगर आपको लगता है कि आप पर शिक्षा संबंधी बहुत सारी जिम्मेदारियां आने वाली हैं तो आपको अपनी आय का 15 फीसद हिस्सा सेव करना ही चाहिए.

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अच्छी सेविंग के लिए ध्यान में रखें ये 5 जरूरी बातें

घर की पूरी जिम्मेदारी महिलाएं संभालती हैं. राशन से लिए हाउस मैनेजमेंट संबंधी सारी चीजें उनके हिस्से की होती हैं. महिलाएं पुरुषों से अच्छा घर संभाल सकती हैं इसका कारण उनके अंदर की बचत की भावना है. महिलाएं पुरुषों से बेहतर बचत करती हैं. उनकी इस आदत में चार चांद लगाने के लिए हम बताने वाले हैं कुछ जरूरी टिप्स. ये टिप्स महिलाओं को बेहतर बचत करने में सहायक होंगी.

1. हर महीने का खर्च की करें तुलना

आपकी बेहतर बचत के लिए जरूरी है कि आप कहां और कितना खर्च कर रही हैं इसका ब्योरा रखें. हर महीने के खर्च की तुलना करें. यह बचत का पहला चरण है. अगक किसी महीने में ज्यादा खर्च हो रहा है तो उसकी वजह जानने की कोशिश करें.

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2. ट्रांजेक्शन के स्‍टेटमेंट चेक करें

जोभी आपके खर्चे हैं उनको कहीं नोट कर के रखें. जो भी ट्रांजेक्शन बैंक से हैं उनका स्‍टेटमेंट चेक करें और पिछले कुछ महीने के खर्च पर ध्‍यान दें. इसके लिए आपके बैंक का मोबाइल ऐप की सहायता ले सकती हैं. इसके अलावा आप हर सप्‍ताह के खर्च की एक डायरी बना सकती हैं.

3. बजट बनाने की शुरूआत करें

जो भी आपके खर्चे होते हैं उनका बजट बना लें, अपने खर्च का सही ब्योरा रखने के लिए ये जरूरी है.  इसे आप साप्ताहिक, मासिक या हर तिमाही रख सकती हैं. सबसे जरूरी बात यह कि आपको यह ध्‍यान रहे कि आप इस बजट का पालन कर रही हैं या नहीं.

4. घर में करें सेविंग्स

बैंक की सेविंगस अपनी जगह हैं, कोशिश करें की आप अपने घर में भी एक मिनी बैंक बना कर रखें जिसमें हर महीने छोटी-छोटी राशि बचत के रुप में रखें. बजट बनाते समय आपको सेविंग के आप्‍शन पर भी ध्‍यान देना चाहिए. आपकी छोटी-छोटी बचत किसी दिन बड़े निवेश में काम आएगी.

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5. ना करें बिना सोचे समझे खर्च

अक्सर शौपिंग पर आप जरूरत से ज्यादा चीजें खरीद लेती हैं. कभी दोस्तों के साथ बाहर निकलने पर गैर जरूरी खर्च भी कर आती हैं. इन आदतों को छोड़े.

महिलाएं कैसे लें पर्सनल लोन

पर्सनल लोन वह कर्ज होता है, जिस के लिए कुछ गिरवी नहीं रखना पड़ता. इसी वजह से सुरक्षित ऋण के मुकाबले इस की ब्याज दर कुछ अधिक होती है. कर्ज लेने वाले व्यक्ति का क्रैडिट स्कोर, कर्ज चुकाने का इतिहास, आय और उस की नौकरी जैसे पैरामीटरों के आधार पर तय किया जाता है कि उसे कर्ज दिया जाए या नहीं.

पर्सनल लोन की पात्रता से जुड़ी कुछ महत्त्वपूर्ण बातों को हमेशा ध्यान में रखें:

अच्छा क्रैडिट स्कोर

पर्सनल लोन हेतु अच्छा क्रैडिट स्कोर बुनियादी जरूरत है. स्त्री हो या पुरुष, कर्ज देने से पहले कर्जदाता सब से पहले क्रैडिट स्कोर ही देखते हैं. दूसरी ओर फाइनैंशियल टैक्नोलौजी (फिनटैक) युक्त स्टार्टअप कर्जदाता कंपनियां इस शर्त में थोड़ी सी राहत देते हुए कम क्रैडिट स्कोर वालों को भी ऋण दे देती हैं. फिनटैक ऋणदाता सिर्फ क्रैडिट स्कोर नहीं देखते, बल्कि अन्य पैरामीटरों का भी इस्तेमाल करते हैं और इस प्रकार आवेदकों को सबप्राइम क्रैडिट स्कोर के साथ पर्सनल लोन हेतु आवेदन करने की सुविधा देते हैं.

कर्जअदायगी का इतिहास

दूसरी अहम बात ध्यान में रखने की यह है कि जब आप पर्सनल लोन के लिए जाएं तो पुराने कर्ज की अदायगी का अच्छा इतिहास हो. किसी भी व्यक्ति की रिपेमैंट हिस्ट्री बेहद महत्त्वपूर्ण पैरामीटर है और आवेदक के क्रैडिट स्कोर में इसे सब से अधिक महत्त्व मिलता है. आवेदक की रिपेमैंट हिस्ट्री से कर्जदाता को उस का क्रैडिट बिहेवियर समझने में मदद मिलती है और साथ ही उस की कर्जअदायगी क्षमता का भी पता लगता है. जो महिलाएं पर्सनल लोन के लिए आवेदन कर रही हैं उन के पुराने कर्ज चुकाने के इतिहास को सर्वाधिक अहमियत मिलेगी.

कंपनी का स्टेटस

ऋण आवेदन की स्वीकृति या मनाही में कंपनी का स्टेटस बहुत महत्त्व रखता है. निजी बैंक केवल उन्हीं लोगों को पर्सनल लोन देते हैं जो ‘ए’ श्रेणी या कभीकभार ‘बी’ श्रेणी की कंपनी में नौकरी करते हैं. ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी की कंपनी में नौकरी करने वालों को अकसर अस्वीकृत कर दिया जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि निजी बैंक क्रैडिट हैल्थ की जांच व कंपनियों की रिस्क प्रोफाइलिंग करते हैं और उन्हें उसी हिसाब से श्रेणियों में रखते हैं. निजी बैंक इस जानकारी का इस्तेमाल यह तय करने के लिए करते हैं कि आवेदक की कर्ज चुकाने की क्षमता क्या है. ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी में आने वाली कंपनियां नईनई स्टार्टअप कंपनियां होती हैं या वे होती हैं जिन के पास पर्याप्त नकद प्रवाह नहीं होता, इसलिए ऐसी कंपनियों में काम कर रहे लोगों की कर्ज चुका पाने की संभावना कम होती है.

फिनटैक कर्जदाता और पी2पी लैंडिंग प्लेटफौर्म के मामले में हालांकि कंपनी के स्टेटस की ज्यादा फिक्र नहीं की जाती और उस के बाद ही ऋण देते हैं. इसलिए अगर आप महिला हैं और आप को स्टेटस कंपनी में काम न करने की वजह से लोन नहीं मिला तो आप को फिनटैक कर्जदाता या पी2पी लैंडिंग प्लेटफौर्म के पास जाना चाहिए.

नौकरी में स्थिरता

वर्तमान संगठन में आप कितने सालों से नौकरी कर रहे हैं- यह पहलू भी पैरामीटर में शामिल होता है और लोन की स्वीकृति को प्रभावित करता है. कर्जदाता यह देखते हैं कि किसी आवेदक का नौकरी करने का रिकौर्ड कितना स्थिर है और उसी हिसाब से वे जोखिम का मूल्यांकन करते हैं. इसलिए कई वर्षों की नौकरी का अनुभव यह जताता है कि आवेदक कम जोखिम वाला है और इसीलिए कर्ज स्वीकृति की संभावना अपनेआप बढ़ जाती है.

कर्ज की रकम का इस्तेमाल

पर्सनल लोन में कई सारी ऐप्लिकेशंस शामिल होती हैं. एक महिला होने के नाते आप कर्ज की रकम का इस्तेमाल परिवार के साथ बढि़या छुट्टियां मनाने, शानदार शादी, घर को नया रूप देने या कैरियर में प्रगति हेतु अतिरिक्त शिक्षा प्राप्त करने के लिए कर सकती है.

एकसाथ बहुत सारे कर्जदाताओं के पास न जाएं

लोगों को यह बात मालूम नहीं है, लेकिन यह पहलू आप के क्रैडिट स्कोर पर गलत असर डाल सकता है, क्योंकि इस से कर्जदाताओं के पास यह छवि बनेगी कि आवेदक कर्ज का लालची है, जिस का परिणाम आवेदन की अस्वीकृति के रूप में हो सकता है. कर्ज की अस्वीकृति का भी क्रैडिट स्कोर पर गलत असर पड़ता है और एक से अधिक बार अस्वीकृति के बाद कर्ज स्वीकार होना अकसर कठिन हो जाता है.

सह आवेदक का विकल्प: यह बहुत बढि़या कदम हो सकता है. विशेषकर महिलाओं के लिए. पर्सनल लोन लेते वक्त सह आवेदक का विकल्प चुनना कोई नई बात नहीं है और सभी किस्म के कर्जदाता चाहे निजी बैंक हों या फिनटैक, लैंडर, सभी इसे अनुमति दे रहे हैं. सह आवेदक के होने से कर्ज के पुन: भुगतान का बोझ बहुत कम हो जाता है, साथ ही पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलता है. सह आवेदक को गारंटर चुनने के बारे में एक और अच्छी बात यह है कि प्रभावशाली क्रैडिट स्कोर के बिना भी कर्ज मिल जाता है, बशर्ते सह आवेदक का क्रैडिट स्कोर स्वीकार करने योग्य हो. खास तौर पर कामकाजी, विवाहित महिलाओं के लिए सह आवेदक का विकल्प चुनना बहुत ही लाभकारी हो सकता है. यद्यपि आवेदक के कर्ज चुकाने में नाकाम रहने पर सह आवेदक कर्ज अदायगी के लिए जिम्मेदार होगा.

जितना चाहिए उस से ज्यादा न लें

अकसर पर्सनल लोन लेने वाले इस चक्कर में फंस जाते हैं. क्रैडिट स्कोर, आय व कंपनी का स्टेटस जैसे पैरामीटरों के आधार पर कर्जदाता आवेदन की गई राशि से बहुत ज्यादा कर्ज स्वीकृत कर देते हैं. बड़े काम की बात यह है कि जितना आप को चाहिए उतना ही कर्ज लें.

वेतनभोगी होने के नाते

आजकल कर्जदाता वेतनभोगी और स्वरोजगार दोनों किस्म के लोगों को पर्सनल लोन की पेशकश कर रहे हैं. लेकिन फिनटैक कंपनियां और पी2पी लैंडिंग प्लेटफौर्म अधिकतर वेतनभोगी लोगों को ही कर्ज की पेशकश करते हैं. इसीलिए यदि आप वेतनभोगी महिला हैं और कम से कम कागजी कार्यवाही करते हुए तुरंत अपने बैंक खाते में लोन पाना चाहती हैं तो यह आप के लिए ज्यादा सरल व सुविधाजनक है.

-आदित्य कुमार

संस्थापक व सीईओ, क्यूबेरा

फायदा चाहिए तो 31 मार्च से पहले जुटाएं ये 7 डाक्यूमेंट्स

चालू वित्तीय वर्ष 2019, 31 मार्च को खत्म होने वाला है. ऐसे में विभिन्न स्रोतों से हुई आय की जानकारी जुटा लें. इसके लिए जरूरी है कि आप कुछ जरूरी कागजातों को इक्कठ्ठा कर लें. ये डाक्यूमेंट्स आपके आय की वैद्यता के लिए जरूरी हैं. इनमें इंटरेस्ट सर्टिफिकेट, ट्रांजेक्शन सर्टिफिकेट, कैपिटल गेन स्टेटमेंट, टीडीएस सर्टिफिकेट जैसे अन्य कागजात शामिल हैं. इन डाक्यूमेंट्स में कैपिटल गेन और इंटरेस्ट या डिविडेंट भी शामिल हैं. ये इस लिए भी जरूरी है ताकि रिटर्न फाइलिंग करते वक्त पकी कर देयता का निर्धारण आसानी से हो सके.

तो आइए जाने कि कौन कौन से दस्तावेजों को जुटाना आपके लिए जरूरी है.

सिक्योरिटी स्टेटमेंट

म्यूचुअल फंड निवेशक अपने निवेश के लिए एक कंसौलिडेटेड होल्डिंग स्टेटमेंट प्राप्त करते हैं. शेयर्स की सिक्योरिटी और अन्य डिमेट सिक्योरिटीज के लिए भी निवेशक एनुअल होल्डिंग स्टेटमेंट प्राप्त करते हैं.

टीडीएस सर्टिफिकेट

ब्याज के 10,000 रुपये से अधिक होने की सूरत में बैंक ब्याज आय पर टीडीएस की कटौती करता है. टीडीएस कटौती को बैंक की ओर से प्राप्त किया जा सकता है.

कैपिटल स्टेटमेंट

ब्रोकर और म्युचुअल फंड, यूजर के आग्रह पर कैपिटल गेन स्टेटमेंट उपलब्ध करवाते हैं. इससे पूरे वित्तीय पर्ष में कुल फायदा या नुकसान की जानकारी मिलती है.

होम लोन इंटरेस्ट

होम लोन लेने पर बैंक एक सर्टिफिकेट उपलब्ध करवाता है. इस सर्टिफिकेट में एक वित्तीय वर्ष के दौरान हुए कुल रीपेमेंट की जानकारी होती है. इसमें प्रिंसिपल औप मिले ब्याज का ब्रेकअप होता है. इनकम टैक्स डिडक्सन को क्लेम करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है.

बैंक स्टेटमेंट

निवेशक वित्तीय वर्ष के आखिर में अपना बैंक स्टेटमेंट जुटा लें जिसमें उनकी प्राप्त हुई आय और निवेश की पूरी जानकारी शामिल हो. बैंक जा कर लेने के अलावा इसे औनलाइन माध्यम से भी पाया जा सकता है.

इंटरेस्ट सर्टिफिकेट

निवेशक की सभी जमाओं पर एक वित्त वर्ष के दौरान ब्याज भुगतान के संबंध में बैंक एक सर्टिफिकेट औफ इंटरेस्ट भी उपलब्ध करवाता है. बचत खातों के लिए बैंक ये सर्टिफिकेट देता है. अगर किसी कारण से ये नहीं मिल पाता है तो इसे बैंक स्टेटमेंट से प्राप्त किया जा सकता है.

ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट

अगर किसी सूरतच में निवेशक सिक्योरिटी की बिक्री करता है या उसकी ट्रेडिंग करता है तो ऐसे में ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट और अकाउंट स्टेटमेंट को प्राप्त करना जरूरी है. ये एक वित्तीय वर्ष के लिए होता है.

इन 2 योजनाओं से अपना बिजनेस शुरू करें महिलाएं

देश की महिलाएं अब चौका बेलन से आगे निकल चुकी हैं. इंद्रा नूई, चंदा कोचर जैसी पौध पैदा करने वाले इस धरती पर अब उंची उड़ान भरने की ख्वाहिश के साथ औरते खुद को तैयार करती हैं. महिलाओं के लिए अब कोई काम मुश्किल नहीं रहा. नौकरी से लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर रही हैं महिलाएं. महिलाओं को और ज्यादा सशक्त करने के लिए सरकार भी काफी प्रयासरत है. यही कारण है कि उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं लाती रहती है. इस खबर में हम आपको ऐसी दो योजनाओं के बारे में बताएंगे जिनकी मदद से महिलाएं अपने सपनों को साकार कर सकती हैं.

ट्रेड सब्सिडी स्कीम

ट्रेड रिलेटेड एंटरप्रेनरशिप असिस्टेंस एंड डेवलपमेंट (ट्रेडर) स्कीम मिनिस्ट्री औफ माइक्रो, स्मौल एंड मीडियम एंटरप्राइजेस की ओर से कम पढ़ी-लिखी, अशिक्षित, असंगठित और जरूरतमंद महिला उद्यमियों के लिए है.

इस लोन के तहत जरूरतमंदों को लोन मुहैया किया जाता है.

छोटे मोटे रोजगार के लिए महिलाओं को 30 फीसदी की आर्थिक सहायता मिलती है.

ये सुविधा उन महिलाओं के लिए है, जिन्हें बैंक से लोन की सुविधा नहीं मिल पा रही है.

इस योजना के तहत आर्थिक मदद पाने के लिए आपको किसी एनजीओ की मदद लेनी होगी. सीधे तौर पर स़िर्फ किसी महिला को यह सुविधा नहीं दी जाती यानी अगर आप किसी ग़ैरसरकारी संगठन से जुड़ी हैं, तो आपको इस योजना का फ़ायदा मिलेगा.

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना

देश के लोगों को व्यवसाय के लिए प्रेरित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य था कि ज्यादा से ज्यादा लोग नौकरी की भीड़ से दूर हो कर कुछ खुद का काम शुरू करें. महिलाएं इस योजना का लाभ उठा कर अपना खुद का काम शुरू कर सकती हैं.

कैसे लें इस योजना का लाभ

  • इस योजना से पैसा उठा कर आप ब्यूटी पार्लर, टेलरिंग और ट्यूशन जैसे उद्यम की शुरुआत कर सकती हैं.
  • इसके अलावा कई महिलाएं मिल कर साथ में कुछ काम शुरू कर सकती हैं. इस योजना के तहत उन्हें लोन और फंड की सुविधाएं मिल सकेंगी.
  • इस योजना के तहत महिलाओं को 50 हजार से 10 लाख तक का लोन मुहैया किया जा सकता है.
  • इसका लाभ किसी भी सहकारी बैंक से लिया जा सकता है.
  • योजना के तहत लोन जारी होने पर आपको मुद्रा कार्ड मुहैया किया जाएगा. इसका उपयोग आप क्रेडिट कार्ड की तरह कर सकती हैं.
  • इस योजना को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जिसके तहत आपको 50 हजार से लिए 10 लाख तक का लोन मिल सकेगा.

निवेश के लिए जरूरी हैं ये बातें

समझदारी से निवेश करना आसान काम नहीं है. इसके लिए धैर्य, निवेश में भरोसा और अपनी गलती मानने जैसी आदतें डालनी पड़ती हैं. वौरेन बफेट जैसी शख्सियत ने भी बर्कशायर स्टौक्स में की गई गलती को माना था. निवेश के दौरान कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए. इस खबर में हम आपको ऐसी ही चार बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आप निवेश के बिल्डिंग ब्लौक्स भी कह सकती हैं.

सही लक्ष्य रखें

अपना पैसा किसी भी तरह के निवेश में डालने से पहले अपने लक्ष्य को परिभाषित कर लें. अपने लक्ष्य को तय करने के लिए कई तरीके हो सकते हैं. निवेश से पहले खुद से ये सवाल जरूर करें.

  • आपकी जोखिम क्षमता कितनी है?
  • आपको अपने पोर्टफोलियो पर कितना समय बिताना होगा?
  • आपके शौर्ट टर्म और लौन्ग टर्म योजनाएं क्या हैं?
  • आपके शौर्ट टर्म और लौन्ग टर्म योजनाएं क्या हैं?
  • क्या आपका निवेश उदेश्य अपनी पूंजी को जमा करना और लंबी अवधि में महंगाई को मात देने वाले रिटर्न रेट के साथ बढ़ने वाला होना चाहिए?

इन लक्ष्यों को निर्धारित करने से आप एसेट एलोकेशन तय कर सकती हैं. साथ ही इसके आप अपने पोर्टफोलियो की खरीद व बिक्री की रणनीति भी बना सकती हैं. लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि आप अपना लक्ष्य समय के अनुसार बदल भी सकती हैं.

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घबराएं नहीं

आमतौर पर निवेशक छोटी अवधि में हो रहे नुकसान को देखकर घबरा जाते हैं. ऐसी स्थिति में अपने स्वाभव पर नियंत्रण रखना आना चाहिए. कई निवेशक बाहरी संकेत जैसे कि न्यूजपेपर, टीवी चैनल्स पर चलाई गईं खबरों और वर्ड औफ माउथ के आधार पर अपनी निवेश रणनीति बदल लेते हैं. बाजार में हलचल दो कारणों से होती है पहला डर और दूसरा लालच. आपको अपनी निवेश रणनीति पर भरोसा रखना चाहिए और शांत रहना चाहिए. इस चीज को स्वीकार करें कि बाजार की प्रव़ृत्ति अस्थिर होती है. ऐसे में इस अस्थिरता को लाभ उठाना सीखें.

अच्छा फाइनेंशियल एडवाइजर हायर करें

ऐसा न सोचिए कि आप सब कुछ कर सकते हैं, अपनी मेहनत की कमाई को अच्छे से मैनेज करने और निवेश पर बेहतर रिटर्न पाने के लिए वित्तीय सलाहाकार की मदद जरूर लें. ये अपनी फील्ड में ट्रेंड होते हैं. साथ इनके पास वर्षों का अनुभव होता है. ये अपने क्षेत्र में फुल टाइम काम करते हैं. यह बाजार पर नजर बनाएं रखे होते हैं. इन्हें किसी भी आम निवेशक की तुलना में निवेश और उसके मैनेजमेंट के बारे में ज्यादा पता होता है.

समझदारी से करें एसेट एलोकेशन

अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें. बाजार में कई निवेश विकल्प मौजूद हैं. लेकिन हर विकल्प का अपना रिस्क फैक्टर है. अधिकांश लोग निवेश में कई गलतियां कर देते हैं. एसेट एलोकेशन एक ऐसी स्ट्रैटेजी है जिसके जरिए आप न सिर्फ सही एसेट क्लास का चुनाव करते हैं बल्कि यह आपके निवेश को भी उचित तरह से मैनेज करता है.

 

आप एटीएम से कर सकती हैं ये 10 काम

आम तौर पर लोग एटीएम (एटीएम मशीन) का इस्तेमाल केवल पैसा निकालने के लिए करते हैं. इसके अन्य सुविधाओं के बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती. हम आपको बताएंगे कि कैश निकालने के अलावा एटीएम और कौन से 10 काम कर सकता है. आइए जानते हैं एटीएम की अन्य सुविधाओं के बारे में.

करें बिल की पेमेंट

आजकल लगभग सभी एटीएम मशीनों में ये सुविधा मौजूद है. इससे कई तरह के बिल, जैसे इलेक्ट्रिसिटी, डीटीएच और गैस बिल, एटीएम मशीन में मौजूद पे यूटिलिटी बिल्स विकल्प पर क्लिक करके कर सकती हैं.

करें मोबाइल रिचार्ज

अपने मोबाइल फोन को रिचार्ज करें एटीएम से. जी हां, प्री-पेड फोन का रिचार्ज अब एटीएम से संभव है. इसके लिए आपको मशीन में मौजूद रिचार्ज मोबाइल ऑप्शन को सिलेक्ट करके ज़रूरी निर्देशों का पालन करना होगा.

करें क्रेडिट कार्ड का पेमेंट

अपने क्रेडिट कार्ड बिल का पेमेंट करने के लिए आप एटीएम का इस्तेमाल कर सकती हैं. इसके लिए आपको अपने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना होगा. इसकी बकायदा आपको रसीद दी जाएगी. इसके लिए जरूरी है कि आपका डेबिट और क्रेडिट कार्ड एक ही बैंक का हो.

पिन बदलना

एटीएम से आप अपने कार्ड का पिन जेनरेट करने के अलावा बदल भी सकती हैं.

मिनी स्टेटमेंट

एटीएम से आप अपने अकाउंट ट्रांजेक्शन्स की जानकारी ले सकती हैं. इसे मिनी स्टेटमेंट कहते हैं. इसके लिए आपको बैंक जाने की जरूरत नहीं है.

पता करें अकाउंट बैलेंस

अपके खाते में कितना पैसा है इसकी जानकारी आप एटीएम से ले सकती हैं.

करें फंड ट्रांसफर

एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसा भेजन की सुविधा एटीएम पर मिलती है. आपको बता दें कि एक बार में 15 हज़ार और एक दिन में आप 30 हजार तक ट्रांसफर कर सकती हैं.

करें कैश डिपौजिट

आजकल कई एटीएम में कैश डिपौजिट की सुविधा मिलती है. वहां से आप पैसे जमा कर सकती हैं.

फिक्ड डिपौजिट अकाउंट खोलें

बचत के लिए फिक्स्ड डिपौजिट एक बेहतर विकल्प है. इसके लिए किसी तरह के फौर्म को भरने की जरूरत नहीं है. एटीएम के ज़रिए भी आप यह कर सकती हैं. कुछ बैंक 10 हज़ार से लेकर 50 हजार तक के फिक्स्ड डिपौजिट एटीएम से करने की सुविधा देते हैं.

करें चेक बुक रिक्वेस्ट

अगर आपकी चेकबुक खत्म हो जाए और आप उसे दोबारा प्रिंट करवाना चाहती हैं तो एटीएम पर आपको ये सुविधा मिलेगी. एटीएम से रिक्वेस्ट भेजें और आपकी चेक बुक आपके घर पहुंच जाएगी.

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