औफिस में करें प्यार पर छुप छुप कर

उस दिन शमशेर सिंह धीरे से नेहा चौहान के पीछे आकर फुसफुसाया, ‘आज लंच के लिए मेरे केबिन में आइये.’ नेहा ने पहले तो उसको घूर कर देखा और अगले ही क्षण वह पूरे स्टाफ के सामने उस पर बरस पड़ी. तेरी हिममत कैसे हुई… तूने मुझे समझ क्या रखा है… अपनी शक्ल देखी है कभी आइने में… जब से मैंने ये औफिस ज्वाइन किया है उल्लू की तरह आंखें फाड़-फाड़ कर घूरता रहता है… पहले कोई लड़की नहीं देखी क्या तूने…? मजनूं की औलाद, यौन उत्पीड़न का केस कर दूंगी तुझ पर… समझ क्या रखा है तूने मुझे? वगैरह वगैरह. शमशेर सिंह तो उस दिन मारे शर्म के चूहा सिंह बन गये.

अगले चार दिन तक औफिस से गायब रहे. बाद में औफिस आये तो पूरे वक्त अपने केबिन में ही बंद रहने लगे. अपमान, शर्म और तिरस्कार के तीर खाकर उनके प्रेम का उफान पूरी तरह ठंडा पड़ चुका था. कहां गलती हो गयी? शायद जल्दबाजी कर दी मैंने? उसको समझ नहीं पाया? ऐसे ही सवाल उनके दिमाग में चक्कर मारते रहते थे. काम में मन ही नहीं लग रहा था. उधर बौस तक बात पहुंचने से नौकरी पर भी तलवार लटक रही थी. जो तीन-चार दोस्त लंच टाइम में उनके केबिन में आकर साथ खाना खाते थे, वह भी नहीं आ रहे थे, कि कुछ सफाई पेश कर पायें. औफिस में बड़ी अटपटी सी स्थिति हो गयी थी. पहले वो औफिस में नेहा को घूरते रहते थे अब पूरा स्टाफ उन्हें घूर-घूर कर देखता है.

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दरअसल शमशेर सिंह को नेहा चौहान से प्रेम हो गया था. नेहा ने यह औफिस कोई महीना भर पहले ही ज्वाइन किया था. देखने में सुन्दर थी. काम में भी तेज. शमशेर तो देखते ही रीझ गया था. लगा कि कोई उनकी जीवनसंगिनी अगर बन सकती है तो वह बस नेहा ही है. वे दिन-रात उसके सपने में खोये रहते. बिना इस बात को समझे कि नेहा उनके बारे में कुछ पौजिटिव सोचती भी है या नहीं. नेहा ज्यादा किसी से बात नहीं करती थी, हर वक्त बस अपने काम में ही व्यस्त दिखती थी. मगर उसको इस बात का अहसास था कि शमशेर उसको घूरता रहता है. वह अक्सर सामने पड़ने पर नजरें झुका लेती थी. इस बात को शमशेर ने उसकी शर्म समझ ली. मन ही मन शर्मीली लजीली नेहा की कल्पनाएं करता बार-बार अपने केबिन से निकल कर उसकी कुर्सी के आसपास मंडराने लगा. उस दिन मौका पाते ही लंच का औफर दे दिया और तब पहली बार उसने नेहा का असली रूप देखा और अपने बारे में उसके विचार जाने.

शमशेर का प्यार एकतरफा था. वह न तो नेहा को अच्छी तरह जानता था और न ही उसने इस बात की कोई तस्दीक की थी कि नेहा के दिल में उसके लिए कुछ है भी या नहीं? नेहा की छठी इन्द्री ने उसको शमशेर के प्रति पहले ही सचेत कर दिया था. वह जानती थी कि यह व्यक्ति उस पर लगातार नजरें जमाये हुए है. उसको इस बात से शमशेर से चिढ़ हो गयी थी. इसलिए वह उसके सामने पड़ने पर उसे इग्नोर करने के इरादे से नजरें झुका लेती थी. मगर शमशेर ने इसका गलत अर्थ निकाल लिया. औफिस में एकतरफा रोमांस की ऐसी सजा शमशेर को मिली कि वह अवसादग्रस्त हो गया.

वहीं, अभिमन्यु और आरिफा का औफिस -रोमांस ऐसा परवान चढ़ा कि आज न सिर्फ वे अच्छे कलीग हैं, बल्कि अच्छे पति-पत्नी भी हैं. मगर जब तक दोनों की शादी नहीं हो गयी, तब तक उनके औफिस में किसी को भनक तक नहीं लगी कि डेढ़ साल से दोनों का औफिस में रोमांस चल रहा था. डेढ़ साल के लम्बे समय में दोनों ने एकदूसरे को बखूबी जांचा-परखा मगर दूसरों की नजरों से छुप-छुप कर. वे अलग-अलग औफिस आते. लंच टाइम पर अपने-अपने दोस्तों के साथ अलग-अलग खाना खाते. कभी एकदूसरे से बात भी करते थे तो ‘सर’ या ‘मैडम’ के सम्बोधन के साथ, जैसे कि औफिस में अन्य लोग करते थे. छुट्टी के वक्त भी अलग-अलग निकलते मगर दोनों के मिलने की जगह फिक्स थी. औफिस के बाहर वह लम्बे समय तक एक-दूसरे के साथ रहते. वीकेंड साथ बिताते और दो-तीन दिन की छुट्टियां पड़तीं तो आसपास किसी पिकनिक स्पाट या हिल स्टेशन पर चले जाते थे. मगर औफिस टाइम में अगर उन्हें कोई पर्सनल बात करनी होती थी तो वह मोबाइल मैसेज या इंटरनेट चैट के जरिये ही करते थे कभी एक-दूसरे के पास आकर निजी बातें करते उन्हें किसी ने नहीं देखा था.

औफिस में इश्क परवाना चढ़ने के किस्से अक्सर सुनने को मिलते हैं और अब एक सर्वेक्षण के जरिए भी यह बात सामने आयी है. इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि करीब 85 फीसदी लोगों को अपने सहकर्मी के साथ रोमांस में कोई झिझक नहीं है, बशर्ते दोनों के काम जुदा हों. किसी ने ठीक ही कहा है कि प्यार पर किसी का जोर नहीं चलता. प्यार कभी भी, कहीं भी, किसी से भी हो सकता है. लेकिन अगर ये प्यार अपने औफिस के ही किसी कलीग से हो जाए तो ये समझना थोड़ा मुश्किल हो जाता है कि उसके साथ औफिस में कैसा व्यवहार किया जाए.

आज का खुले दिल-दिमाग वाला युवा अपनी पसन्द और स्टेटस के अनुसार अपना जीवनसाथी चुनना चाहता है. घर-परिवार की पसन्द से होने वाली अरेंज मैरिज का सिस्टम अब धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है. अब तो जोड़ियां कौलेज या औफिस में ही बनने लगी हैं. हर औफिस में आपको दीवाने भी मिल जाएंगे और फ्लर्टी भी, जो हर समय लड़कियों से फ्लर्ट करने से नहीं चूकते. वहीं ऐसी लड़कियां भी मिलेंगी जो लड़कों को और खासतौर पर अपने युवा बौस को अपनी अदाओं से रिझाने में लगी रहती हैं. दफ्तरों में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो अपना भावी जीवनसाथी तलाशते रहते हैं. पेशेवर लोगों के 9 से 10 घंटे औफिस में गुजरते हैं. ऐसे में सहकर्मी के प्रति लगाव होना आम बात है. रोमांस करना बुरी बात नहीं है, लेकिन जब बात हो औफिस में रोमांस करने की तो थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत होती है. अकसर औफिस में रोमांस के दौरान लोग कई ऐसी बातों को भूल जाते हैं जिसका उन्हें भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

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वहीं अगर आप अपने रिश्ते को लेकर गम्भीर हैं तो कोशिश करें कि जब तक आप और आपका पार्टनर शादी के निर्णय तक न पहुंच जायें,  किसी को इस बात की खबर ना लगे. आप युवा हैं, शादी लायक हैं, आपको अपने औफिस में ही कोई पसन्द आ रहा है तो औफिस में रोमांस जरूर करिये, मगर कुछ सावधानी के साथ और दूसरों की नजरों से बच कर. हम आपको बताते हैं कि आप अपने कलीग, जिससे आपको प्यार हो गया है, के साथ औफिस में कैसा बर्ताव करें जिससे आप और आपके प्यारे साथी को लोगों के सामने शर्मिंदा न होना पड़े.

इन बातों का रखें ख्याल

आइये जानते हैं कि आफिस में किस तरह से रोमांस किया जाए कि वहां पर मौजूद किसी दूसरे इंसान को जरा सा भी शक ना हो पाए.

–  सबसे जरूरी बात यह जानने की है कि आप जिसे पसन्द करते हैं, वह भी आपको पसन्द करता है कि नहीं. रोजाना की मुलाकात में उसका आपके प्रति व्यवहार, आकर्षण, बात करने का तरीका इस बात का इशारा कर देता है कि वह आपके बारे में क्या धारणा रखता है.

–   औफिस में अपने प्रेमी से चैटिंग या रोमांटिक बातचीत करने के लिए कभी भी कम्पनी द्वारा दिये गये ई-मेल आई डी का प्रयोग ना करें क्योंकि कम्पनी को कभी भी आप पर शक हो सकता है और वह आपसे आपका अकाउंट खुलवा कर कुछ भी चेक कर सकती है.

–  छोटे औफिस में रोमांस करना बड़ा रिस्क होता है. वहां बातें तेजी से फैलती हैं. ऐसे में जरूरी है कि आपके प्रेम के चर्चे किसी तीसरे के कान में न पड़ें.

–  अगर आप नये-नये आफिस में आये हैं, तो कोशिश करिये कि कुछ महीने तक अपना बेस्ट बिहेवियर ही दिखाएं. इसी तरह अगर औफिस में आयी किसी नई लड़की से आपको इश्क हो गया है तो पहले कुछ महीने तक उसके बिहेवियर और पसन्द को समझने और जानने की कोशिश करिये. अगर वह आपमें इंटरेस्टेड होगी तो कोई न कोई संकेत जरूर करेगी. इसके बाद ही आप उससे अपने प्रेम का इजहार करें.

–   औफिस में एक दूसरे से बात करने की बजाये आप दोनों औफिस के बाहर कोई जगह निश्चित कर लें, जहां आप दोनों रोजाना मिल पाएं.

–   औफिस में आपके दूसरे दोस्त भी काम करते हैं, इसलिए यह जरूरी नहीं कि आप हर समय अपने प्रिय साथी के ही पास चिपके बैठे रहें. अन्य साथियों को भी समय दें और अपने काम पर भी उतना ही फोकस करें.

–  अगर आप उससे सीनियर हैं, जिससे आप प्यार करने लगे हैं तो औफिस में उससे एक सीनियर की तरह ही व्यवहार करें. दूसरों के सामने उससे ज्यादा घुलना-मिलना या हंस-हंस कर बात करना ठीक नहीं है, इससे लोगों को शक हो जाएगा और आप दोनों को लेकर अनेक कहानियां  औफिस में सुनायी देने लगेंगी, जो आप दोनों के करियर के लिए ठीक नहीं होगा. एक दूसरे के सम्मान का बराबर ख्याल रखें.

–  अपनी प्यार भरी बातों के लिए किसी तीसरे को मीडिएटर ना बनाएं यानी किसी तीसरे व्यक्ति से अपनी बातें साझा ना करें बल्कि सीधे अपने पार्टनर से बात करें.

–  अपने प्रेम प्रसंग को गलती से भी बॉस तक न पहुंचने दें क्योंकि इससे उन्हें लगेगा कि आप दोनों औफिस के काम के लिए सीरियस नहीं हैं.

–  अच्छा होगा कि औफिस में आप अपने पार्टनर से ज्यादा बात ना करें. साथ ही ब्रेकफास्ट, लंच और टी ब्रेक में भी उनके साथ जाने से बचें.

–   औफिस में जरूरी नहीं कि हर समय आप अपने पार्टनर को सपोर्ट करें. यदि आप ऐसा बार-बार करते हैं तो अन्य सहकर्मी आपके खिलाफ हो जाएंगे या आप दोनों के बारे में बातें बनाने लगेंगे.

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–  भले ही आप दोनों एक दूसरे के प्यार में हो, लेकिन औफिस के माहौल को बनाकर रखें. औफिस में आपका रोमांस और लोगों को परेशानी दे सकता है.

–  आप चाहे काम के प्रति कितने भी सीरियस हैं, लेकिन आपका रोमांस आपकी परफॉरमेंस बिगाड़ सकता है. इसलिए औफिस के दौरान सिर्फ और सिर्फ अपने काम पर ध्यान दें.

–   औफिस के कैफेटेरिया में आप दोनों अकेले बैठने के बजाय ग्रुप में साथ बैठें. इससे आप दूसरों को भी बराबर समय दे पाएंगे.

–  आपने कई बार अनुभव किया होगा कि कुछ लोग फ्लर्टिंग के चक्कर में डबल मीनिंग मजाक करते हैं, ऐसे में आप ध्यान रखें कि ना ही आप किसी से ऐसे मजाक करें और अगर कोई आप से करे तो उसे कोई प्रतिक्रिया ना दें या फिर असहमति जाहिर कर दें. इससे सामने वाला व्यक्ति समझ जाएगा कि आपको उसका मजाक बुरा लगा है. अगर आप पुरुष हैं तो किसी भी महिला से इस तरह के मजाक न करें. इससे आपका अपना किरदार खराब साबित होगा.

–  कलीग से प्यार हो जाए तो औफिस आने का उत्साह दस गुना बढ़ जाता है. वहां अच्छा काम करके तारीफ हासिल करना भी लक्ष्य बन जाता है, क्योंकि इससे आप अपने पार्टनर की नजर में भी चढ़ते हैं, मगर इस अतिउत्साह में अगर आपके प्रेम का पर्दाफाश हो जाए तो बाकी लोग बेकार की गौसिप करने लगते हैं, जिसका नकारात्मक प्रभाव आपके रिश्ते, व्यवहार और काम पर पड़ने लगता है. इसलिए औफिस में रोमांस जरूर करें, मगर चोरी-चोरी, चुपके-चुपके.

आप पापा बनने वाले हैं: जब सुनानी हो खुशखबरी, ट्राय करे ये 10 टिप्स

सही मायनों में पतिपत्नी एक परिवार तभी बनते हैं जब 2 से 3 होते हैं. ऐसे में ये खुशखबरी अपने पति को कैसे सुनाना है, इसकी भी तैयारी उतनी ही दिलचस्प होनी चाहिए. अगर आप के घर में भी इस खुशी का स्वागत होने वाला है तो आइए हम आप के साथ कुछ रोचक उदाहरण शेयर करते हैं. अपनी आने वाली खुशियों में चार चांद लगाने के लिए इन उदाहरणों में जो आप को पसंद आए उसे आप अपना सकती हैं:

  1. फोटो में छिपाया मैसेज:

प्रेरणा ने रोहित से जिद की, ‘‘चलो न आज स्टूडियो में फोटो खिंचवा कर आते हैं. कितने दिनों से हम ने एक अच्छी पिक नहीं ली. एक बहुत अच्छा फोटो स्टूडियो खुला है पास में.’’ वहां फोटोग्राफर ने दोनों को एकदूसरे की तरफ पीठ कर के खड़ा कर दिया और फिर दोनों के हाथ में 1-1 स्लेट देते हुए कहा, ‘‘इस पर एकदूसरे के बारे में कुछ अच्छा लिखें. जब मैं कहूं तब एकदूसरे की ओर मुंह करना और अपनी अपनी स्लेट दिखाना. कैमरे में आप के चेहरों के ऐक्स्प्रैशन कैच करूंगा.’’ दोनों को फोटोग्राफर की बात दिलचस्प लगी. रोहित ने लिखा कि तुम्हारे बिना मेरा जीवन जीने लायक नहीं होता तो प्रेरणा ने लिखा कि आप पापा बनने वाले हैं. दरअसल, प्रेरणा ने पहले ही फोटोग्राफर से मिल कर सब तय कर लिया था.

  1. मुंह मीठा कराते हुए बताया:

अनुश्री ने मीठा पसंद करने वाले ईशान के लिए एक प्लेट में उस की पसंदीदा मिठाइयां परोसी. खुशी से मिठाई खाते समय ईशान कारण पूछता रहा और अनुश्री बस मुसकराती रही. प्लेट खाली होने पर मिठाई के नीचे रखी परची साफ दिखने लगी जिस पर सुंदर अक्षरों में लिखा था ‘आप पापा बनने वाले हैं.’

  1. प्रेगनेंसी किट ने खोला राज:

आभा ने एक दिल शेप का लाल कागज काटा और उसे बैड के ठीक बीचोंबीच रख दिया. उस पर अपनी पौजिटिव प्रैगनैंसी किट रख दी. जब रात को गौतम कमरे में सोने आया तो माजरा समझते देर न लगी. आखिर वह पापा बनने वाला था.

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  1. तिलिस्मी गोला:

‘‘तुम कब से इन सब चक्करों में पड़ने लगीं?’’ नटखट स्वभाव की प्रीति को एक तिलिस्मी गोले के पास बैठे देख आर्यन ने पूछा. उस गोले पर एक सफेद रूमाल ढका था. ‘‘मेरी सहेली कहती है कि यह बिलकुल सच बताता है. जब हम इस रूमाल को हटाएंगे तो इस में हमारा भविष्य दिखेगा.’’ कहते हुए प्रीति ने आर्यन से रूमाल हटाने का निवेदन किया. रूमाल हटाते ही उस गोले के अंदर एक नन्हीं गुडि़या बैठी थी जिस के कपड़ों पर लिखा था ‘आप पापा बनने वाले हैं.’

  1. ग्रीटिंग कार्ड ने करी कानाफूसी:

यशिका को कलाकारी का बहुत शौक है. इप्सित जब नाश्ता कर के दफ्तर जाने लगा तो उसे गाड़ी की चाबी के साथ एक सुंदर सा ग्रीटिंग कार्ड थमाते हुए यशिका अंदर चली गई. उस पर लिखा- ‘हम और तुम, तुम और हम, 2 जिस्म 3 जान.’ बस फिर क्या था, इप्सित ने फौरन उस दिन दफ्तर से छुट्टी ले ली.

  1. नन्हे मुन्ने का सामान:

गौतम जब नहाने के लिए बाथरूम गया तो अपने ब्रश के साथ एक नन्हा ब्रश देख कर आश्चर्यचकित रह गया. पर बात समझ नहीं आई. फिर दफ्तर जाने के लिए तैयार होने लगा तो अपनी कमीज के साथ एक नन्ही कमीज टंगी देख कर एक बार फिर हैरान हुआ. अलमारी खोली तो उस के अंदर चिपका था ‘आप पापा बनने वाले हैं.’

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  1. आज की ताजा खबर:

अर्णव सुबह उठते ही चाय और अखबार मांगता. राजश्री ने अपनी रचनात्मकता दिखाई और अखबार की सुर्खियों में सब से ऊपर कटिंग कर के खबर चिपकाई ‘आप पापा बनने वाले हैं.’ उस सुबह जैसी चाय अर्णव ने कभी नहीं पी थी.

  1. नन्ही सी रोटी:

जब रचना ने खाना परोसा तो हर चपाती के साथ एक बेहद नन्ही सी चपाती भी प्लेट में आती देख भावेश का माथा ठनका. ‘‘दाल और देना,’’ भावेश की पुकार पर, रचना ने किचन से ही पूछा, ‘‘नन्हे को भी दाल चाहिए क्या?’’ बात समझते ही खुशी के मारे भावेश की भूख ही उड़ गई.

कहने से क्या होता है

  1. पैट ने दी गुड न्यूज:

सान्वी और शुभान ने मफिन नाम का एक कुत्ता पाला हुआ था. गुड न्यूज देने में सान्वी ने उस की मदद ली. जब शाम को शुभान शोरूम से घर लौटा तो मफिन के गले में एक पट्टी टंगी थी, जिस पर लिखा था ‘गार्ड ड्यूटी शुरू होने वाली है.’ पास ही खड़ी सान्वी के चेहरे की रौनक ने सारी बात साफ कर दी.

  1. गुब्बारों में छिपा सरप्राइज:

शोभित जब दुकान से लौटा तो अपने कमरे में कई गुब्बारे पंखे से लटके देखे. हरेक पर कुछ न कुछ लिखा था जैसे ‘जानू’, ‘मेरे शोना’, ‘स्वीटहार्ट’. इन प्यारभरे संबोधनों के बीच एक गुब्बारे पर लिखा था ‘पापा.’ शोभित ने खुशी से वाणी को गोद में उठा लिया.

 

खूबसूरत महिलाओं की पहली पसंद होते हैं ऐसे लड़के

महिलाओं को आखिर कैसे मर्द पसंद आते हैं. पुरुषों में हमेशा ही इस बात को जानने की उत्सुकता होती है. इस विषय पर हुए एक शोध में सामने आया है कि खूबसूरत महिलाओं की पहली पसंद वाले मर्दों में कौन-कौन सी खूबियां होती है.

महिलाओं को पसंद आते हैं ऐसे पुरुष…

यूनिवर्सिटी औफ क्रैंबिज में हुए एक शोध में थामस वर्सलुय्ज का कहना है कि इस औनलाइन सर्वे में अमेरिका की 800 महिलाओं ने ऐसे मेल फिगर्स को तरजीह दी जिनके पैर औसत से थोड़े ज्यादा लंबे थे. हालांकि बहुत ज्यादा लंबे पैर वालों को महिलाओं ने नकार दिया.

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19 से 76 साल की महिलाओं के बीच हुआ सर्वे…

19 से 76 साल के बीच की अलग-अलग उम्र वाली महिलाओं को कुछ पुरुषों की कंप्यूटर जेनरेटेड तस्वीरें दिखाईं गईं और उनसे पूछा गया कि इनमें से कौन सबसे ज्यादा अट्रैक्टिव दिख रहा है. इन सभी तस्वीरों में पुरुषों के हाथ और पैर की लंबाई में मामूली अंतर था. सर्वे में शामिल महिलाओं ने औसत से थोड़े ज्यादा लंबे पैर वाले पुरुषों को अट्रैक्टिव माना.

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सेक्शुअल सिलेक्शन में अहम रोल निभाती है लंबाई…

इस सर्वे के नतीजे बताते हैं कि पुरुषों के पैर की लंबाई उनके सेक्शुअल सिलेक्शन में एक अहम रोल निभाती है. यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक ऐसा फैक्टर है जो तब से चला आ रहा है जब से मानव का विकास शुरू हुआ. इसमें स्वास्थ्य और पोषण जैसी चीजें भी शामिल हैं.

तो मतलब अगर आप भी किसी महिला का ध्यान अपनी तरफ खींचना चाहते हैं तो आपको अपने कपड़ों और बिहेवियर के साथ-साथ अपनी लंबाई पर भी ध्यान देना होगा.

 

उम्र के साथ ऐसे बदलता है सैक्स बिहेवियर

शादीशुदा जिंदगी में दूरियां बढ़ाने में सैक्स का भी अहम रोल होता है. अगर परिवार कोर्ट में आए विवादों की जड़ में जाएं तो पता चलता है कि ज्यादातर झगड़ों की शुरुआत इसी को ले कर होती है. बच्चों के बड़े होने पर पतिपत्नी को एकांत नहीं मिल पाता. ऐसे में धीरेधीरे पतिपत्नी में मनमुटाव रहने लगता है, जो कई बार बड़े झगड़े का रूप भी ले लेता है. इस से तलाक की नौबत भी आ जाती है. विवाहेतर संबंध भी कई बार इसी वजह से बनते हैं.

मनोचिकित्सक डाक्टर मधु पाठक कहती हैं, ‘‘उम्र के हिसाब से पति और पत्नी के सैक्स का गणित अलगअलग होता है. यही अंतर कई बार उन में दूरियां बढ़ाने का काम करता है. पतिपत्नी के सैक्स संबंधों में तालमेल को समझने के लिए इस गणित को समझना जरूरी होता है. इसी वजह से पतिपत्नी में सैक्स की इच्छा कम अथवा ज्यादा होती है. पत्नियां इसे न समझ कर यह मान लेती हैं कि उन के पति का कहीं चक्कर चल रहा है. यही सोच उन के वैवाहिक जीवन में जहर घोलने का काम करती है. अगर उम्र को 10-10 साल के गु्रपटाइम में बांध कर देखा जाए तो यह बात आसानी से समझ आ सकती है.’’

शादी के पहले

आजकल शादी की औसत उम्र लड़कियों के लिए 25 से 35 के बीच हो गई है. दूसरी ओर खानपान और बदलते परिवेश में लड़केलड़कियों को 15 साल की उम्र में ही सैक्स का ज्ञान होने लगता है. 15 से 30 साल की आयुवर्ग की लड़कियों में नियमित पीरियड्स होने लगते हैं, जिस से उन में हारमोनल बदलाव होने लगते हैं. ऐसे में उन के अंदर सैक्स की इच्छा बढ़ने लगती है. वे इस इच्छा को पूरी तरह से दबाने का प्रयास करती हैं. उन पर सामाजिक और घरेलू दबाव तो होता ही है, कैरियर और शादी के लिए सही लड़के की तलाश भी मन पर हावी रहती है. ऐसे में सैक्स कहीं दब सा जाता है.

इसी आयुवर्ग के लड़कों में सैक्स के लिए जोश भरा होता है. कुछ नया करने की इच्छा मन पर हावी रहती है. उन की सेहत अच्छी होती है. वे हर तरह से फिट होते हैं. ऐसे में शादी, रिलेशनशिप का खयाल उन में नई ऊर्जा भर देता है. वे सैक्स के लिए तैयार रहते हैं, जबकि लड़कियां इस उम्र में अपनी इच्छाओं को दबाने में लगी रहती हैं.

30 के पार बदल जाते हैं हालात

महिलाओं की स्थिति: 30 के बाद शादी हो जाने के बाद महिलाओं में शादीशुदा रिलेशनशिप बन जाने से सैक्स को ले कर कोई परेशानी नहीं होती है. वे और्गेज्म हासिल करने के लिए पूरी तरह तैयार होती हैं. महिलाएं कैरियर बनाने के दबाव में नहीं होती. घरपरिवार में भी ज्यादा जिम्मेदारी नहीं होती. ऐसे में सैक्स की उन की इच्छा पूरी तरह से बलवती रहती है. बच्चों के होने से शरीर में तमाम तरह के बदलाव आते हैं, जिन के चलते महिलाओं को अपने अंदर के सैक्सभाव को समझने में आसानी होती है. वे बेफिक्र अंदाज में संबंधों का स्वागत करने को तैयार रहती हैं.

पुरुषों की स्थिति: उम्र के इसी दौर में पति तमाम तरह की परेशानियों से जूझ रहा होता है. शादी के बाद बच्चों और परिवार पर होने वाला खर्च, कैरियर में ग्रोथ आदि मन पर हावी होने लगता है, जिस के चलते वह खुद को थका सा महसूस करने लगते हैं. यही वह दौर होता है जिस में ज्यादातर पति नशा करने लगते हैं. ऐसे में सैक्स की इच्छा कम हो जाती है.

महिला रोग विशेषज्ञा, डाक्टर सुनीता चंद्रा कहती हैं, ‘‘हमारे पास बांझपन को दूर करने के लिए जितनी भी महिलाएं आती हैं उन में से आधी महिलाओं में बांझपन का कारण उन के पतियों में शुक्राणुओं की सही क्वालिटी का न होना होता है. इस का बड़ा कारण पति का मानसिक तनाव और काम का बोझ होता है. इस के कारण वे पत्नी के साथ सही तरह से सैक्स संबंध स्थापित नहीं कर पाते.’’

नौटी 40 एट

40 के बाद की आयुसीमा एक बार फिर शारीरिक बदलाव की चौखट पर खड़ी होती है. महिलाओं में इस उम्र में हारमोन लैवल कम होना शुरू हो जाता है. उन में सैक्स की इच्छा दोबारा जाग्रत होने लगती है. कई महिलाएं अपने को बच्चों की जिम्मेदारियों से मुक्त पाती हैं, जिस की वजह से सैक्स की इच्छा बढ़ने लगती है. मगर यह बदलाव उन्हीं औरतों में दिखता है जो पूरी तरह से स्वस्थ रहती हैं. जो महिलाएं किसी बीमारी का शिकार या बेडौल होती हैं, वे सैक्स संबंधों से बचने का प्रयास करती हैं.

40 प्लस का यह समय पुरुषों के लिए भी नए बदलाव लाता है. उन का कैरियर सैटल हो चुका होता है. वे इस समय को अपने अनुरूप महसूस करने लगते हैं. जो पुरुष सेहतमंद होते हैं, बीमारियों से दूर होते हैं वे पहले से ज्यादा टाइम और ऐनर्जी फील करने लगते हैं. उन के लिए सैक्स में नयापन लाने के विचार तेजी से बढ़ने लगते हैं.

50 के बाद महिलाओं में पीरियड्स का बोझ खत्म हो जाता है. वे सैक्स के प्रति अच्छा फील करने लगती हैं. इस के बाद भी उन के मन में तमाम तरह के सवाल आ जाते हैं. बच्चों के बड़े होने का सवाल मन पर हावी रहता है. हारमोनल चेंज के कारण बौडी फिट नहीं रहती. घुटने की बीमारियां होने लगती हैं. इन परेशानियों के बीच सैक्स की इच्छा दब जाती है.

इस उम्र के पुरुषों में भी ब्लडप्रैशर, डायबिटीज, कोलैस्ट्रौल जैसी बीमारियां और इन को दूर करने में प्रयोग होने वाली दवाएं सैक्स की इच्छा को दबा देती हैं. बौडी का यह सैक्स गणित ही पतिपत्नी के बीच सैक्स संबंधों में दूरी का सब से बड़ा कारण होता है.

डाक्टर मधु पाठक कहती हैं, ‘‘ऐसे में जरूरत इस बात की होती है कि सैक्स के इस गणित को मन पर हावी न होने दें ताकि सैक्स जीवन को सही तरह से चलाया जा सके.’’

रिलेशनशिप में सैक्स का अपना अलग महत्त्व होता है. हमारे समाज में सैक्स पर बात करने को बुरा माना जाता है, जिस के चलते वैवाहिक जीवन में तमाम तरह की परेशानियां आने लगती हैं. इन का दवाओं में इलाज तलाश करने के बजाय अगर बातचीत कर के हल निकाला जाए तो समस्या आसानी से दूर हो सकती है. लड़कालड़की सही मानो में विवाह के बाद ही सैक्स लाइफ का आनंद ले पाते हैं. जरूरत इस बात की होती है कि दोनों एक मानसिक लैवल पर चीजों को देखें और एकदूसरे को सहयोग करें. इस से आपसी दूरियां कम करने और वैवाहिक जीवन को सुचारु रूप से चलाने में मदद मिलती है.

बैडरूम रोमांस बढ़ाने के टिप्स

पतिपत्नी के इश्क को ज्यादा से ज्यादा रोमांस से भरपूर रखने में बैडरूम का बड़ा योगदान होता है. घर में उन का ज्यादा समय बैडरूम में ही बीतता है. वे आराम, सुकून, रोमांस, इश्क के लिए बैडरूम को ही चुनते हैं. बैडरूम की ऊर्जा का प्रभाव उन के संबंधों एवं मानसिकता पर भी पड़ता है. मनोचिकित्सक, दिनेश के मुताबिक यदि पतिपत्नी अपना जीवन प्यारमुहब्बत से भरना चाहते हैं, तो शुरुआत अपने बैडरूम से ही करें. बैडरूम को परफैक्ट रखें. इस से आप की सैक्स लाइफ हमेशा रोमांस से भरी रहेगी.

बैडरूम सजावट के टिप्स

लाइट: इश्क का इजहार करने में लाइट की अहम भूमिका होती है. अत: बैडरूम में हलकी गुलाबी, आसमानी रंग की लाइट का प्रयोग करें. कमरे में लाइट डाइरैक्ट नहीं इनडाइरैक्ट पड़नी चाहिए. लैंपशेड या कौर्नर लाइट हो तो और भी अच्छा. इस से बैडरूम रोमांस का मजा कई गुना बढ़ जाएगा.  फल रखें: अंगूर, स्ट्राबैरी, केला, चैरी या चीकू की खुशबू बहुत रोमांचित करती है. इस से प्यार करने का मजा दोगुना हो जाता है.

बैडरूम को रोमांटिक बनाएं: पतिपत्नी के अंतरंग संबंधों में मुहब्बत बनी रहे, इस के लिए वे कभी हिलस्टेशन जाते हैं, कभी समुद्र किनारे तो कभीकभी किसी बड़े होटल में. हर जगह की अपनी खूबसूरती होती है. मगर इसी खूबसूरती को, भिन्नता को अपने बैडरूम में शामिल करें, तो पतिपत्नी अपनी रोमांटिक लाइफ को एक डैस्टिनेशन पौइंट दे सकते हैं. कमरे में आर्टिफिशियल फाउंटेन, फूल, चित्र आदि  लगाने के साथसाथ अलमारी, सोफे, टेबल  आदि की जगह भी बदलते रहें ताकि बैडरूम आकर्षक लगे.

बैडरूम को रखें सुसज्जित: बैडरूम अच्छी तरह डैकोरेटेड हो. उस का इंटीरियर आप को बारबार रूम में जाने को उकसाए. परदे ऐसे कि आसमान नजर आए. हलके परदे इस्तेमाल करें. बैडरूम साफसुथरा हो. उस में तरहतरह के इनडोर पौधे लगाएं, बेल लगाएं. उस में हलकी रोशनी भी आनी चाहिए ताकि आप का मूड और ज्यादा रोमांटिक बने.  तसवीरें: बैडरूम में रोमांटिक तसवीरें लगाएं. लविंगबर्ड, हंस की तसवीर, रैडरोज  आदि लगाएं ताकि इन्हें देख कर रोमांस करने  का मन करे.

बिस्तर: मूड बनाने में बिस्तर का अहम रोल होता है. अत: गद्दे चुभनशील न हों. बैड से आवाज न आती हो. तकिए आरामदायक हों, बैडशीट का रंग इश्क को उकसाने वाला हो.

खुशबू: खुशबू हमारे अंदर कई तरह के भाव पैदा करती है. रोमांस के लिए कई तरह के परफ्यूम का प्रयोग किया जा सकता है. लैवेंडर, मोंगरा, ब्रूट, वन मैन शो जैसे परफ्यूम संबंध बनाने का मूड बनाते हैं. बैडरूम में खूबसूरत गुलदस्ते रखें. अरोमा कैंडल जलाएं. यह न  केवल बैडरूम में हलकी रोशनी देती है, बल्कि इस के जलने से भीनीभीनी खुशबू भी आती है, जो रोमांस, चुहुलबाजी के लिए प्रेरित करती है.

डिस्टर्बैंस न हो: अलार्मघड़ी, मोबाइल, सिंगिंग खिलौने आदि बैडरूम से दूर ही  रखें ताकि इन की आवाज प्यार में खलल  न डाले.

दीवारों के रंग: दीवारों के रंग भी  अपनी मूक भाषा में बहुत कुछ बोल जाते  हैं. हलका गुलाबी, औरेंज, आसमानी, तोतईरंग, पेस्टल शेड्स आदि मन में प्यार का भाव   जगाते हैं.

तू तो नामर्द निकला

अनिल और श्रुति का कई महीने से मिलनाजुलना था. वे दोनों इस रिश्ते को अब शादी में बदलना चाहते थे. एक दिन श्रुति ने उस से कहा कि शादी से पहले वह अनिल के साथ एक बार हमबिस्तर होना चाहती है, लेकिन अनिल शादी से पहले हमबिस्तर होने के पक्ष में नहीं था. दरअसल, श्रुति नहीं चाहती थी कि उसे शादी के बाद सैक्स संबंधों को ले कर किसी तरह की समस्या झेलनी पडे़, लेकिन जब अनिल श्रुति की दलील सुनने को तैयार नहीं हुआ तो श्रुति को अनिल की मर्दानगी पर कुछ शक होने लगा.

अब श्रुति अनिल को परखना चाहती थी. इसलिए उस ने अनिल के साथ एक दिन बाहर घूमने का प्रोग्राम बनाया और दोनों एक पिकनिक स्पौट पर साथसाथ एक ही कमरे में रुके, जहां श्रुति ने अनिल के साथ छेड़छाड़ शुरू की, लेकिन इस का अनिल पर कोई असर नहीं हुआ. वह अनिल को सैक्स संबंध बनाने के लिए खुला औफर दे रही थी, लेकिन अनिल के सैक्स के नाम पर दूर भागने से उस के मन में शक का कीड़ा कुलबुलाने लगा.

श्रुति ने कहा कि अगर उस ने उस के साथ सैक्स करने से इनकार किया तो वह लोगों से चिल्ला कर कहेगी कि होटल के कमरे में उसे अकेला पा कर उस ने जबरदस्ती करने की कोशिश की है. आखिर अनिल भी श्रुति के सामने अपने कपडे़ उतारने को तैयार हो गया, लेकिन लाख प्रयासों के बाद भी अनिल सैक्स के मामले में फुस्स साबित हुआ तो श्रुति का गुस्सा सातवें आसमान पर था, क्योंकि उसे अनिल के नानुकुर का राज पता चल चुका था. वह बोली कि तुम अपनी नामर्दी की बात जानते हुए भी मुझ से यह बात छिपाते रहे. तुम ने प्यार के नाम पर मेरे साथ धोखा किया है.

नामर्दी छिपाने के लिए की जाती है शादी

नामर्दी के मामले में होने वाली शादियां भी अकसर धोखे से ही की जाती हैं, जिस का बाद में खुलासा होना निश्चित होता है. फिर भी नामर्दी के शिकार लोग कालेज में घंटों लड़कियों का इंतजार करने व उन पर डोरे डालने से बाज नहीं आते और जब बात प्यार व सैक्स तक पहुंचती है तब वे अपने पार्टनर के साथ सैक्स करने में आनाकानी करते हैं, ज्यादातर मामलों में शादी से पहले सैक्स संबंध स्थापित न हो पाने की वजह से उस के होने वाले जीवनसाथी को यह पता ही नहीं चलता कि जो व्यक्ति उस के साथ अपनी मर्दानगी की बड़ीबड़ी बातें कर रहा है वह बिस्तर पर जाने के बाद फुस्स साबित होगा.

रिचा के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ. डाक्टरी की पढ़ाई के दौरान ही वह अपने सहपाठी से प्रेम कर बैठी और बाद में दोनों ने शादी कर ली, लेकिन जब शादी की पहली रात रिचा के लाख प्रयास के बाद भी उस का पति संबंध नहीं बना पाया तो उस ने पति से कहा कि जब उसे पता था कि वह नामर्द है तो फिर मुझे धोखे में रख कर शादी क्यों की? उस के पति राजेश ने उसे विश्वास दिलाया कि उस की यह नामर्दी अस्थायी है जो कुछ दवाओं से दूर हो सकती है, चूंकि रिचा और राजेश मैडिकल सैक्टर से ही थे, इसलिए उन्होंने इस बात को सावधानी से लिया और राजेश आज अपनी अस्थायी नामर्दी से मुक्ति पा कर सफल वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहा है.

चूंकि रिचा एक डाक्टर थी इसलिए उसे पता था कि नामर्दी क्या होती है और उस का निदान किस तरह से संभव है, लेकिन ज्यादातर नामर्दी के मामलों में समस्या को दूर नहीं किया जाता. ऐसे में स्थिति तलाक तक पहुंच जाती है या फिर महिला के अपने पति के अलावा किसी दूसरे के साथ शारीरिक संबंध स्थापित हो जाते हैं, जो आगे चल कर हत्या या आत्महत्या का कारण भी बन जाता है.

सौम्या के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ. उस ने कालेज लाइफ में एक युवक से प्रेम किया और उस की रजामंदी से शादी भी हो गई, लेकिन शादी की पहली रात जब सौम्या का पति उस से सैक्स संबंध न बना पाया तो सौम्या और उस के पति में तूतू मैंमैं हो गई और वह बोली कि जब तुम नामर्द थे तो तुम ने मुझ से प्रेम क्यों किया और यह बात छिपा कर शादी क्यों की.

शादी के दूसरे दिन ही सौम्या ने अपने सासससुर से कहा कि वह उन के बेटे से तलाक लेना चाहती है, क्योंकि वह नामर्द है.

सौम्या के मामले में उस का पति शादी न कर के अपनी किरकिरी से बच सकता था, लेकिन शादी के लिए उस ने नामर्दी की बात छिपा कर लोगों में अपनी जगहंसाई कराई, जिस की वजह से वह घोर मानसिक निराशा का शिकार हो गया.

इस तरह के तमाम मामले सामने आते हैं, जिस में युवकों द्वारा युवतियों से धोखे से शादी कर ली जाती है और बाद में पता चलता है कि उस के अंग में या तो तनाव ही नहीं आता या फिर वह सैक्स से पहले ही स्खलित हो जाता है.

शादी से पहले सैक्स संबंध

भारत में शादी से पहले सैक्स संबंध बनाना गलत माना जाता है. ऐसे में जब शादी हो जाए और बिस्तर पर जाने के बाद यह पता चले कि जिस मर्द के साथ उस की शादी हुई है वह नामर्द है तो शादी से पहले संजोए गए उस के सारे सपनों पर न केवल पानी फिर जाता है बल्कि वैवाहिक जीवन भी बरबाद हो जाता है. ऐसे में अगर युवती ने अपने होने वाले पति के साथ शादी से पहले सैक्स संबंध बनाए हैं तो निश्चित ही उस का वैवाहिक जीवन सुखमय बीतेगा, क्योंकि उसे यह पता होता है कि वह जिस के साथ शादी करने जा रही है उस के साथ सैक्स संबंध सफल होंगे या नहीं.

कालेज लाइफ के दौरान प्यार हो जाना आम बात है और ज्यादातर मामलों में प्यार शादी में बदल जाता है. ऐसे में प्यार करने वाले युवकयुवती में शादी से पहले सैक्स संबंध बन जाना आम बात है. इसे आमतौर पर अच्छा भी माना जा सकता है, क्योंकि इस तरह से शादी करने में धोखे की आशंका एकदम समाप्त हो जाती है.

शादी से पहले अपने होने वाले पति के सैक्स की जानकारी रखना हर महिला का अधिकार होना चाहिए और यह बिना सैक्स संबंध बनाए संभव नहीं है. इसलिए पुराने दकियानूसी खयालों से निकल कर युवाओं को इस की पहल करनी होगी.

नपुंसकता के कारण

सैक्स संबंध में संतुष्टि के मानदंडों का आकलन करना कठिन है, लेकिन शादी से पहले युवती व उस के परिवार वालों को चाहिए कि जिस युवक के साथ उस की बेटी की शादी होने जा रही है वे इस मसले पर उस से खुल कर बात करें और अगर कहीं शक की गुजाइंश हो तो उस युवक से दूरी बना लेनी चाहिए.

यह भी जरूरी नहीं कि पुरुष जिसे नामर्दी समझ रहा है वह असल में हो. यह उस का भ्रम भी हो सकता है, क्योंकि उस के अंग में तनाव न आना किन्हीं दूसरे कारणों की वजह हो सकता है. ऐसे में पुरुष को भी चाहिए कि एक बार सैक्स स्पैशलिस्ट से सलाह जरूर ले.

नामर्दी के ज्यादातर मामले स्थायी नहीं होते. अंग में तनाव न आना, कुछ ही क्षणों में हमबिस्तरी के दौरान पस्त हो जाना, अस्थायी नामर्दी में गिना जाता है. जिस का इलाज संभव है. अगर इस में उस की महिला मित्र द्वारा समझदारी और संयम दिखाया जाए तो पति की इस समस्या से नजात दिलाने में वह मदद कर सकती है.

सैक्स विशेषज्ञ डा. मलिक मोहम्मद अकमलुद्दीन का कहना है कि नामर्दी के मामले में यह देखा गया है कि या तो पुरुष के अंग में तनाव आता ही नहीं है और किसी तरह तनाव आता भी है तो वह सैक्स संबंध बनाने से पहले ही पस्त हो जाता है. इस का मतलब जरूरी नहीं कि वह नामर्द हो. हो सकता है कि वह अस्थायी नामर्दी का शिकार हो. इस अस्थायी नामर्दी के तमाम कारण हो सकते हैं, जिन में मानसिक अवसाद, नशा, धूम्रपान, मधुमेह, हृदय रोग, हाई ब्लडप्रैशर और दवा की अत्यधिक डोज लेना भी शामिल हैं. नामर्दी का कारण अंग में चोट लगने की वजह भी होता है, जिसे समय से इलाज कर दूर किया जा सकता है. इसलिए अगर कोई अस्थायी नपुंसकता का शिकार है तो उसे किसी योग्य डाक्टर को दिखाना चाहिए.

ज्यादा उम्र के शख्स से शादी करने से बचें

आप यदि अपनी उम्र से दोगुनी उम्र के बड़े व्यक्ति से शादी का विचार मन में ला रही हैं तो इस खयाल को मन से निकाल दीजिए, क्योंकि ज्यादातर मामलों में पति की उम्र में ज्यादा अंतर होने से सैक्स ताकत जल्दी खत्म हो जाती है फिर पत्नी को या तो सैक्स के बिना तड़पते हुए बाकी जीवन काटने पर मजबूर होना पड़ता है या तो किसी गैर मर्द से संबंध स्थापित करना पड़ता है, जो ठीक नहीं है.

दूर हो सकती है नामर्दी

पुरुषों की तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारियां भी नामर्दी का कारण बन सकती हैं. अगर इन समस्याओं से नजात पा ली जाए तो निश्चय ही नामर्दी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है. डा. अकमलुद्दीन के अनुसार अगर पुरुष को लगता है कि उस के अंग में तनाव नहीं आ रहा है तो उसे डाक्टर से परामर्श लेना नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि नामर्दी के 75त्न मामलों में नामर्दी से छुटकारा पाया जा सकता है.

पुरुष की नामर्दी को दूर करने में महिला पार्टनर भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. उसे कोशिश करनी चाहिए कि पार्टनर के साथ संयम और प्यार से पेश आए और उस में मानसिक तनाव और निराशा की भावना को न उपजने दे.

यदि पति की दिनचर्या अनियंत्रित है तो उस में भी सुधार करने के प्रयास करने चाहिए, पति के अच्छे खानपान व नियंत्रित लाइफस्टाइल को बढ़ावा देना चाहिए. इन उपायों को अपना कर कुछ हद तक नामर्दी की समस्या से नजात पाई जा सकती है.

नामर्दी से छुटकारा दिलाने वाली कई दवाएं भी बाजार में उपलब्ध हैं जिन का सेवन करने से अंग में पर्याप्त तनाव आ जाता है, लेकिन दवाओं का उपयोग बिना डाक्टर के परामर्श के नहीं करना चाहिए. यह जानलेवा भी साबित हो सकता है.

नार्मदी दूर करने में वैक्यूम पंप कारगर साबित हुआ है. रक्त कोशिका संबंधित समस्या या रक्त विकार से पीडि़त पुरुषों के लिए यह उपयोगी साबित हुआ है. यह एक तरह का वैक्यूम पंप होता है जिस को पुरुष अपने अंग में डाल कर पंप करता है. इस से उस के अंग में तनाव आ जाता है और वह सैक्स के लिए तैयार हो जाता है. इस पंप का उपयोग बिना डाक्टरी सलाह के नहीं किया जाना चाहिए. सैक्स से पहले फोरप्ले व आफ्टर प्ले भी कारगर उपाय हैं. इस से जोश में वृद्धि होती है जिस से अंग में रक्त संचार बढ़ने से तनाव आ सकता है.

स्थायी नामर्दी की दशा में पुरुष को शादीविवाह जैसे पचडे़ से दूर रहना चाहिए, क्योंकि न तो यह शादी सफल हो सकती है और न ही उस का विवाहित जीवन.

अगर मातापिता की तरफ से अरेंज मैरिज का दबाव बनाया जाए तो नामर्दी के शिकार युवक को खुल कर अपनी समस्या उन्हें बतानी चाहिए, ताकि सोचसमझ कर फैसला लिया जा सके और शादी के बाद होने वाली किल्लत और जिल्लत दोनों से बच सकें.

सैक्स : भ्रम से निकलें युवा

अकसर युवा सैक्स को ले कर कई तरह की भ्रांतियों से घिरे रहते हैं. अपनी गर्लफ्रैंड से सैक्स को ले कर अपने इमैच्योर फ्रैंड्स से उलटीसीधी ऐडवाइज लेते हैं और जब उस ऐडवाइज का सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ता है तो शर्मिंदगी से किसी से बताने में संकोच करते हैं. यहां युवाओं को यह बात समझनी जरूरी है कि सैक्स से सिर्फ मजा ही नहीं आता बल्कि इस से सेहत का भी बड़ा गहरा संबंध है.

सैक्स और सेहत को ले कर कम उम्र के युवकों और युवतियों में ज्यादातर नकारात्मक भ्रांतियां फैली हैं. स्वास्थ्य के लिए सैक्स कितना अच्छा है, यह बात न इन्हें स्कूल और कोचिंग सैंटर्स में पढ़ाई जाती है और न ही पैरेंट्स सैक्स ऐजुकेशन को ले कर इतने जागरूक हैं कि अपने युवा बच्चों को सैक्स और सेहत के बीच के सही तालमेल और पोजिटिवनैगेटिव फैक्टर्स से रूबरू करा सकें.

आएदिन देशदुनिया में कहीं न कहीं सैक्स और सेहत को ले कर रिसर्च होती रहती है जिस से अंदाजा लगाना आसान होता है कि सैक्स कोई बीमारी नहीं बल्कि आप की सेहत के लिए बहुत आवश्यक है बशर्तें इस के बाबत आप को सही गाइडैंस मिली हो.

सैक्स, सेहत और भ्रांतियां

सैक्स के बाद युवतियों के हिप्स और ब्रैस्ट का वजन बढ़ जाता है. सैक्स करने से कमजोरी आती है. सैक्स करने से शरीर में खून की कमी होती है. सैक्स के दौरान भयानक पीड़ा से गुजरना पड़ता है. सैक्स करने से पढ़ाई में मन नहीं लगता. ज्यादा सैक्स करने से वजन कम हो जाता है. सैक्स करने से लड़की तुरंत प्रैग्नैंट हो जाती है. सैक्स तनाव का बड़ा कारण है, सैक्स करने से हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है. सैक्स का याद्दाश्त पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, सैक्स करने से ब्लड प्रेशर अनियंत्रित रहता है… वगैरावगैरा.

यह तमाम भ्रांतियां आजकल के युवकयुवतियों के दिमाग में घर कर गई हैं. इन के चलते सैक्स को ले कर जो रवैया युवाओं में होना चाहिए, वह नहीं दिखता.

हर मिथक और गलतफहमी के वैज्ञानिक और मैडिकल तथ्य हैं जो इन को सिरे से खारिज करते हैं. मसलन, वजन बढ़ने वाली बात की जाए, तो सैक्सुअल रिलेशन की शुरुआत होते ही युवतियों के हिप्स और ब्रैस्ट का वजन नहीं बढ़ता है. एक तर्क यह है कि युवतियों और महिलाओं के खून में स्पर्म आत्मसात हो जाता है और वह बाहर नहीं निकल पाता, लेकिन समझने वाली बात यह है कि 2-3 मिलीलिटर स्पर्म से मात्र 15 कैलोरी बढ़ती हैं. इसलिए सैक्स को मनोवैज्ञानिक रूप से वजन बढ़ने का सही तथ्य नहीं माना गया है.

विल्किस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक और एक अन्य अमेरिकन शोध बताते हैं कि  सप्ताह में एक या दो बार सैक्स करने से इम्युनोग्लोबुलिन नाम के ऐंटीबौडी में बढ़ोतरी होती है. इसलिए रैगुलर ऐक्सरसाइज करें और हैल्दी डाइट से वजन मैंटेन करें न कि सैक्स न करने से. शोध में यह बात भी सामने आई है कि यह हार्ट के लिए बेहद फायदेमंद है. वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया कि सप्ताह में 2 बार या इस से ज्यादा बार सैक्स करने वाले पुरुषों में दिल की बीमारी होने की आशंका 45 फीसदी तक कम होती है. इतना ही नहीं सैक्स करना आप के ब्लडप्रैशर और हृदयगति के लिए भी अच्छा है. सैक्स के दौरान जितना ज्यादा स्खलन होगा उस से प्रोस्टैट कैंसर होने की आशंका उतनी ही कम होगी.

रिसर्च से यह सच भी सामने आया कि जो लोग ज्यादा तनाव में रहते हैं वे ज्यादा सैक्स करते हैं. ऐसा करने से तनाव दूर हो जाता है. यह शोध मैसाच्यूसैट्स स्थित न्यू इंगलैंड इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने किया है.

परफैक्ट टाइमिंग है जरूरी

सैक्स के दौरान अगर सेहत को भी अनुकूल रखना चाहते हैं तो युवाओं को सैक्स का समय, माहौल और मानसिक दशा पर सतर्कता बरतने की जरूरत होती है. मान लीजिए आप सैक्स रात को ढाई बजे कर रहे हैं. उस समय एक सैक्स पार्टनर को हलकीहलकी नींद आ रही है. ऐसे में जाहिर है सैक्स का भरपूर आनंद तो मिलेगा नहीं, मानसिक तनाव ही बढे़गा. सैक्स सर्वे भी स्पष्ट करते हैं कि मौर्निंग सैक्स करने वाले ज्यादा खुश रहते हैं और हैल्दी भी यानी सैक्स के साथ टाइमिंग की बड़ी भूमिका है. स्कूल या औफिस से लौट कर सैक्स करने में जो आनंद और शरीर को रिलैक्स मिलेगा उस का अनुपात सुबहसुबह तरोताजा मूड में सैक्स करने वाले कपल से अलग होगा. इस का एक कारण यह भी है कि मोर्निंग सैक्स करने वालों के शरीर में एक ऐसे तत्त्व का रिसाव होता है जो पूरे दिन प्यार बनाए रखने में लाभदायक सिद्ध होता है. हफ्ते में तीन बार सुबहसुबह सैक्स करने वालों को हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा भी कम हो जाता है.

इसी तरह अगर किसी से झगड़ा हुआ है किसी नुकसान के चलते मन अस्थिर है, तो ऐसे समय सैक्स करने से न तो शारीरिक संतुष्टि मिलती है और न सैक्स का मजा, उलटा यह गलती बारबार दोहराने में सैक्स के प्रति मन भी उचटने लगता है और उदासीनता सैक्स लाइफ के लिए बिलकुल भी ठीक नहीं है.

सैक्स से रहें हैल्दी

सैक्स का सेहत से कितना गहरा रिश्ता है इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते साल  स्वीडिश सरकार ने अपने देश के नागरिकों की सैक्स लाइफ से चिंतित हो कर व्यापक पैमाने पर एक स्टडी शुरू की. 2019 में पूरी होनी वाली यह स्टडी इसलिए करवाई गई क्योंकि लोगों का सैक्स के प्रति झुकाव कम हो रहा था. वहां के हैल्थ मिनिस्टर के मुताबिक यदि स्वीडिश नागरिकों की सैक्स लाइफ तनाव और अन्य हैल्थ समस्याओं के कारण प्रभावित हो रही है तब भी यह एक राजनीतिक समस्या है.

सैक्स स्टडी कर रहे शोधकर्ताओं के मुताबिक, ‘‘सैक्स से लोगों की सेहत पर व्यापक असर होता है. जो लोग हफ्ते में कम से कम एक बार सैक्स करते हैं वे सैक्स न करने वालों की तुलना में ज्यादा खुश और प्रोडक्टिव रहते हैं.’’

सैक्स के दौरान न सिर्फ इम्यून सिस्टम बेहतर होता है बल्कि शरीर की फुरती में भी इजाफा होता है. इतना ही नहीं सही मूड, अवस्था और जगह में किए गए सैक्स से बालों, स्किन और नाखूनों को भी बेहतर बनाने में मदद मिलती है. सैक्स करने से हड्डियां और मसल्स भी मजबूत होते हैं. जो सैक्स को ले कर उदासीन रहते हैं उन्हें मीनोपोज के बाद आस्टियोपोरोसिस की समस्या का खतरा रहता है. नियमित सैक्स से एस्ट्रोजन हारमोंस का रिसाव ज्यादा होता है जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है. सैक्स ऐक्सपर्ट मानते हैं कि युवाओं में अकसर सैक्स के दौरान एनर्जी लैवल और ऐक्ससाइटमैंट की कमी के चलते तनाव रहता है. ऐसे में वे सुझाव देते हैं कि ऐरोबिक्स शरीर को फिट रखने के लिए सब से बेहतरीन और शानदार वर्कआउट है. इस को करने से शरीर में हमेशा उत्तेजना और फुरती बनी रहेगी. ऐरोबिक्स एनर्जी लैवल को हमेशा बढ़ाए रखता है.

सैक्स, नुकसान और समाधान

जीवनयापन के लिए खाना, पानी, हवा की तरह सैक्स भी एक शारीरिक जरूरत है और इसे सक्रिय रखना युवा रहने के लिए बेहद जरूरी है. एक तरफ जहां सैक्स न करने के कई नुकसान हैं वहीं कुछ हमारी बिगड़ी आदतें ऐसी होती हैं जो हमें सेहत और सैक्स के मोरचे पर कमजोर कर देती हैं.

पहले बात करते हैं सैक्स से जुड़े नफेनुकसानों की. सैक्स न करने वाले हमेशा तनाव में डूबे रहते हैं और यह तनाव हमारे जीवन की सभी जरूरी चीजों को बुरी तरह से प्रभावित करता है. काम, पढ़ाई और निजी संबंधों में तनाव जहर का काम करता है.

जहां सैक्स के कई फायदे हैं वहीं कुछ नुकसान भी हैं. कहते हैं न कि अति हर चीज की बुरी होती है. सैक्स के मामले में यह बात लागू होती है. दिन में 2-3 बार सैक्स करना उसी को सूट करता है जिस का स्टेमिना बेहद अच्छा हो वरना इस से दिल के रोगियों के लिए मुश्किलें भी पैदा हो सकती हैं. इसी तरह जो युवा हस्तमैथुन के आदी हो जाते हैं, उन के लिए भी यह अनहैल्दी हो सकता है. गर्लफ्रैंड नहीं हो जिस की वजह से जो युवा पोर्न का सहारा लेते हैं, धीरेधीरे वे पोर्न के भी इतने आदी हो जाते हैं कि हर पल उन के दिमाग में वही चलता रहता है. इस एडिक्शन के चलते असली सैक्स के दौरान वह उत्तेजना नहीं आती जो पोर्न देखने के दौरान आती है. कई बार युवा अपने साथी दोस्तों, उन की गर्लफ्रैंड और सैक्स लाइफ के किस्से सुन कर कौंप्लैक्स के शिकार हो जाते हैं और चिड़चिडे़ और गुस्सैल होने लगते हैं. यह चीज आप के बोलचाल और व्यव्हार में भी दिखती है.

स्मोकिंग करने से भी सैक्स लाइफ बुरी तरह से बिगड़ जाती है. आजकल के युवा स्मोकिंग को फैशन और लाइफस्टाइल का हिस्सा मान कर कूल और टशन के नाम पर स्मोकिंग करते हैं. इस से सैक्स और्गन के सिकुड़ने से ले कर नपुंसक होने तक का खतरा रहता है.

मोटापा, अनियमित जीवनशैली और मानसिक तनाव जैसे कई तत्त्व सैक्स का खेल बिगाड़ सकते हैं. युवाओं को इन्ही कमियों को दूर करना होगा तभी वे युवावस्था का आनंद ले सकेंगे. याद रखें जिन युवाओं की सैक्सुअल जरूरतें समय से पूरी हो जाती हैं उन का स्वास्थ्य ऐसा न कर पाने वालों की तुलना में अच्छा होता है. इसलिए सैक्स से सेहत के तालमेल को सही बैठा कर बिंदास जिंदगी जीने के लिए कमर कस लीजिए, क्योंकि न तो जवानी बारबार आती है और न आप चिर युवा रह सकते हैं.

बुरा नहीं लाइफ पार्टनर से लड़ना

रिलेशनशिप में पार्टनर्स के बीच झगड़ा होना आम बात है लेकिन झगड़ा होने के बाद आप दोनों का ही मन उदास हो जाता है. साथ ही यह भी जरुरी है कि आप किस तरह से इस झगड़ें को सुलझाते हैं और वापस अपने रिश्ते को खुशमिजाज बनाते हैं. हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव तो आते ही रहते हैं. अच्छी और बुरी परिस्थितियों का असर आपके रिश्तों पर भी पड़ता है. लेकिन उस समय गलती चाहें किसी की भी हो झगड़ा खत्म होने के बाद आप और आपके पार्टनर सुलह कर ही लेते हैं और यही रिश्ते को मजबूत बनाता है. हालांकि अगर हम कहें कि पार्टनर से झगड़ा होना अच्छी बात है तो क्या आप मानेंगी? हम जानते हैं कि आपका जवाब ना ही होगा. लेकिन हम बता दें कि ऐसा हम नहीं कह रहे. यह दावा एक रिसर्च ने किया है. आइए जानते हैं क्या है मामला.

हाल ही में आए एक शोध में पता चला है कि किसी रिश्ते में होने पर लोग जब झगड़ा करते हैं तो उन्हें अपने मन की सभी नाराजगी को जाहिर कर देना चाहिए. अगर वो नाराजगी और गुस्से को मन में दबाकर रखते हैं इससे उनका स्वास्थ्य खराब हो सकता है साथ ही वो तनाव में रहते हैं.

शोध में कहा गया है कि जो लोग विवाद के दौरान पार्टनर से अपने गुस्से को बयां कर देते हैं वो लोग कम बीमार होते हैं. हालांकि रिसर्चर का कहना है कि इसके लिए जरुरी है कि आप विवाद से समान रूप से निपटें.

यह रिसर्च एरिजोना यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग के शोधकर्ताओं ने किया है. शोध में यह भी कहा गया है कि जो लोग पार्टनर से झगड़े के बाद अपने गुस्से को दबा लेते हैं उनमें बीमारियां होने का खतरा अधिक होता है साथ ही इसके जोखिम जानलेवा तक हो सकते हैं.

इस शोध के लिए 192 कपल्स के रिश्तों पर 32 साल से अधिक समय के लिए विश्लेषण किया गया था. विश्लेषण के दौरान शोधकर्ताओं ने इस बात पर ध्यान दिया कि झगड़े के दौरान अपने गुस्से को जाहिर करने या दबाव कर रखने से पार्टनर की जिंदगी पर क्या असर होता है.

शोध के अनुसार, अगर दंपति में से पुरुष अपने गुस्से को जाहिर नहीं करते हैं और महिलाएं अपने गुस्से को जाहिर करती हैं तो पुरुषों में मौत की संभावनाएं 51 प्रतिशत और महिलाओं में मौत की संभावनाएं 36 प्रतिशत बढ़ जाती हैं. इसलिए अगली बार जब आप पार्टनर से झगड़ा करें तो बा करके सुलझाएं नाकि चुप रहें.

कहीं आपने भी तो नहीं चुन लिया गलत पार्टनर, यहां जानें

कई बार आपको लगता है कि आपका पार्टनर आपके लिए बेस्ट है, लेकिन वाकई ऐसा हो यह जरूरी नहीं है. हो सकता है कि आपका प्यार उनके लिए इतना अधिक है कि आप समझ ही नहीं पाती हैं कि वो इंसान आपके लिए सही है या नहीं या फिर आप उनके साथ अपनी पूरी जिंदगी बिता पाएंगी या नहीं. अपने पार्टनर के साथ अपनी जिंदगी आगे बढ़ाने से पहले आपको इस बात को जरूर समझ लेना चाहिए कि क्या वह इंसान आपके लिए एक बेहतर लाइफ पार्टनर है ? अगर आप इस दुविधा में हैं कि कैसे जानें कि आपने गलत पार्टनर चुन लिया है तो पढिए हमारा यह लेख.

जब पार्टनर करे किसी और की तारीफ

यदि आपका पार्टनर आपके सामने हमेशा किसी और की तारीफ करता रहता है तो उसके मन में आपके लिए कोई भावनाएं नहीं हैं. इस बात से आपको इतना समझ आ जाना चाहिए कि आपके पार्टनर को आपमे कोई खास दिलचस्पी नहीं है और आपको उनसे दूरी बना लेनी चाहिए.

भावनात्मक रूप से साथ ना देना

क्या आपका पार्टनर आपके बुरे समय में आपका साथ नहीं देता है या फिर आपको भावनात्मक रूप से सपोर्ट नहीं करता है तो इसका मतलब यह है कि वो आपसे प्यार नहीं करता है और आप अपना समय व्यर्थ कर रही हैं.

आपकी बातें भूल जाना

कई बार ऐसा होता है कि आपको आपके पार्टनर कि हर बात याद रहती है, लेकिन आपका पार्टनर आपकी बातों को याद रखने की बजाय भूल जाता है. ऐसा होना भी एक संकेत है कि आपका पार्टनर आपके लिए सही नहीं है और आपको उनसे दूरी बना लेनी चाहिए.

पार्टनर के साथ खुश ना होना

यदि आप अपने पार्टनर के साथ रहने के बावजूद हमेशा दुखी रहती हैं या फिर उनकी कोई भी बात आपको किसी प्रकार की खुशी नहीं देती तो आपके लिए यह एक संकेत है कि आप अपने पार्टनर के साथ खुश नहीं हैं और वो आपके लिए एक सही इंसान नहीं है.

खास इवेंट पर नहीं बुलाना

क्या आपका पार्टनर आपको अपने खास मौकों पर नहीं बुलाता है, जैसे- हाउस पार्टी, बर्थ डे पार्टी या डिनर पर. यदि आप ऐसा कुछ महसूस कर रही हैं तो आपको समझ जाना चाहिए कि आपको वह अब अपनी जिंदगी का हिस्सा नहीं समझते हैं और आपका उनकी जिंदगी में कोई महत्व नही है. इसलिए आपको उनके साथ अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने से पहले सोचना चाहिए.

अपने साथी को खुश करने के लिए कहें ये बातें

हर किसी को अपने बारे में अच्छा सुनना काफी अच्छा लगता है और अगर आपका साथी आपको कौम्प्लीमेंट दे तो आपका दिन बन जाता है. रिलेशनशिप को मजबूत बनाने और एक-दूसरे के लिए अपना प्यार जाहिर करने के लिए कौम्प्लीमेंट देते रहना चाहिए. तो आइए आज आपको कुछ कौम्प्लीमेंट के बारे में बताते हैं जो आप अपने पार्टनर को देकर और अपना संबंध ज्यादा गहरा कर सकती हैं.

तुम स्मार्ट हो – अपने पार्टनर की तारीफ करने से उनके चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है. जिससे उन्हें बहुत ही स्पेशल महसूस होता है. व्यक्ति अपने साथी को आई लव यू तो कई बार कहता है लेकिन उसके काम, इमोशन के बारे में तारीफ कम करता है.

तुमने बहुत अच्छा काम किया – जब आप कोई अच्छा काम करती हैं तो इससे आपके पार्टनर का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है. कुछ अच्छा काम करने के बाद अपने साथी को जरुर बताएं. इससे वह आपके टैलेंट के बारे में जान पाएंगे. आपके साथी के अच्छा काम करने के बाद उनकी तारीफ करना ना भूलें.

तुम दयालु हो – आपके साथी को यह बात जानकर बहुत खुशी होती है कि आप उनकी दया और उदारता की भावना पर ध्यान देती हैं और उनको उस बात को लेकर कौम्प्लीमेंट भी देते हैं, जिससे उनको खुशी महसूस होती है.

थैंक यू – अपने पार्टनर की महत्व को हमेशा समझें. कौम्प्लीमेंट देने के साथ अपने पार्टनर की प्रशंसा करना जरुरी होता है. इससे आपके रिश्ते में एक-दूसरे के लिए सम्मान बढ़ता है. अपने साथी की किसी भी क्वालिटी या कोई और बात पर थैंक यू कहना ना भूलें. इससे आपके पार्टनर को ज्यादा अच्छा महसूस होगा.

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