ये हैं बैस्ट कार्ब्स

ऐक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि इंडियन खाने में कार्ब्स की मात्रा अधिक और जरूरी न्यूट्रिऐंट्स जैसे प्रोटीन व फाइबर की मात्रा कम होती है, जिस से धीरेधीरे शरीर में ढेरों कमियां होने के साथ शरीर फैटी होने लगता है और फिर जब यह फैट हम पर भारी पड़ने लगता है तो हम अपनी डाइट से तुरंत कार्ब्स को आउट कर देते हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमें  ऊर्जावान व फिट रहने के लिए अपनी डाइट से किसी भी न्यूट्रिशन को कम करने की जरूरत  नहीं होती है, बल्कि उसे मौडिफाई करने की जरूरत होती है ताकि हमें उस के सेवन से लाभ मिले और शरीर में किसी भी प्रकार की कोई कमी न हो.

जी हां, हम यहां कार्ब्स रहित या लो कार्ब्स की बात नहीं कर रहे, बल्कि कौंप्लैक्स कार्ब्स की बात कर रहे हैं, जिस में प्रोटीन कंटैंट ज्यादा होता है और ग्लाइसेमिक इंडैक्स कम होता है, जो धीरेधीरे ब्लड में घुल कर लंबे समय तक आप की भूख को शांत करने का काम करता है.

कार्ब्स वी एस कौंप्लैक्स कार्ब्स

सिंपल कार्ब्स लोगों को पसंद तो बहुत होते हैं, लेकिन ये काफी अनहैल्दी होते हैं, जबकि कौंप्लैक्स कार्ब्स आप की शुगर को कंट्रोल करने के साथसाथ आप की सेहत का भी भरपूर ध्यान रखते हैं, क्योंकि ये प्रोटीन, फाइबर, विटामिन व मिनरल्स से भरपूर जो होते हैं. इन्हें सुपरफूड्स भी कहा जाता है.

फरीदाबाद के ‘एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज’ की डाइटीशियन डा. विभा के अनुसार, एक इंसान को रोज कुल कैलोरी का 50-55% हैल्दी कार्बाेहाइड्रेट्स लेने की जरूरत होती है, जो उस के शरीर में शुगर के लैवल को नियंत्रित रखने के साथसाथ पूरा दिन ऐनर्जेटिक फील करवाने व शरीर की जरूरतों को पूरा करने का काम करे. लेकिन जो लोग 40% से कम और 70% से ज्यादा कार्ब्स लेते हैं, उन में गंभीर बीमारियों के साथसाथ मृत्यु का भी खतरा बना रहता है.

ये भी पढ़ें- बदलते मौसम में संक्रमण से बचने के लिए सुधारें डाइट

डाइट में कैसे शामिल करें

सलाद: सलाद हैल्दी डाइट के लिए बहुत जरूरी माना जाता है, क्योंकि यह विटामिन ए, सी और अन्य न्यूट्रिऐंट्स से भरपूर होता है. खासकर रैड और ग्रीन वैजिटेबल्स ऐंटीऔक्सीडैंट्स और विटामिन बी 6 में रिच होने के कारण शरीर के लिए फायदेमंद होती हैं. ये इम्यूनिटी बूस्टर का भी काम करती हैं, स्किन को ग्लोइंग बनाती हैं, ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करती हैं. इन में विटामिन बी6 की मौजूदगी रैड ब्लड सैल्स को बनाने के साथसाथ आप के मैटाबोलिज्म को बूस्ट करने में भी मदद करती हैं.

अगर आप रोजना 1 बाउल सलाद को अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो इस से आप को 2 से 5 ग्राम कार्ब्स मिलेगा, जो आप के लिए फायदेमंद होगा. इसे आप रोजाना 2-3 बार ले सकते हैं.

ओट्स बिस्कुट: ओट्स फाइबर व न्यूट्रिशन में रिच होने के साथ ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भी भरपूर होते हैं. इन में सोलबल फाइबर होने के साथ ये पचने में आसान होने के साथसाथ वजन को कंट्रोल करने में भी मदद करते हैं. कोलैस्ट्रौल लैवल व ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करते हैं. इसलिए इन का सेवन आप के लिए फायदेमंद साबित होगा.

अगर आप 2 पीस बिस्कुट लेते हैं तो इन से आप को 13 से 15 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

फू्रट्स: फल डाइटरी फाइबर के अच्छे स्रोत माने जाते हैं, जो मोटापे व दिल से संबंधित बीमारियों के खतरे को कम करते हैं. ये विटामिंस व मिनरल्स के भी अच्छे स्रोत होते हैं. इन में फीटोकैमिकल्स होने के कारण ये ऐंटीऔक्सीडैंट्स व ऐंटीइन्फ्लैमेटरी एजेंट के रूप में कार्य करते हैं. शरीर को अंदर से मजबूत बना कर ऊर्जा प्रदान करते हैं. कोशिश हमेशा मौसमी फलों को ही खरीदने की करनी चाहिए, तभी आप को उन के न्यूट्रिऐंट्स का भरपूर लाभ मिल सकता है.

अगर आप रोजाना 1 बाउल फ्रूट्स लेते हैं तो इस से आप को 7-8 ग्राम व अधिकतम  10 ग्राम तक कार्ब्स मिलेंगे. इसे आप रोजाना  2 बार ले सकते हैं.

ढोकला: ढोकला प्रोटीन में काफी ज्यादा हाई होता है. इस में रिबोफ्लेविन, नियासिन, थाइमिन, विटामिन के और बायोटिन भरपूर मात्रा में होता है. यह न्यूट्रिशन फूड होने के साथ तेजी से वजन को कम करने वालों के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है. यह पचने में भी काफी आसान होता है. आप इसे रोजाना अपने ब्रेकफास्ट में शामिल कर सकते हैं.

अगर आप इस के 2 बड़े पीस लेते हैं तो इस से आप को 15 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

ओट्स: इस की गिनती हैल्दी ग्रेंस में की जाती है. यह ग्लूटेन फ्री साबूत अनाज होता है, जो विटामिंस, मिनरल्स, फाइबर व ऐंटीऔक्सीडैंट्स रिच होता है. रिसर्च में यह साबित हुआ है कि अगर आप अपने वजन व शुगर लैवल को नियंत्रित रखने के साथसाथ दिल की सेहत को भी दुरुस्त रखना चाहते हैं तो आप अपनी डाइट में ओट्स व ओट्समील जरूर शामिल करें.

आप इसे खिचड़ी, कटलेट, पोहा आदि किसी भी तरह से बना कर अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. यह खाने में स्वादिष्ठ होने के साथसाथ आप की हैल्थ के लिए भी उतना ही फायदेमंद होता है.

अगर आप एक मीडियम आकार का  बाउल ओट्स खाते हैं तो उस से आप को  15 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

किनोवा: यह प्रोटीन से भरपूर अनाज है. इस में ऐमिनो ऐसिड होता है, जो स्वस्थ ऊतकों के लिए बहुत जरूरी होता है, साथ ही यह आयरन, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटैशियम का अच्छा स्रोत माना जाता है. इस में ओमेगा 3 फैटी ऐसिड होने के साथ यह दिल की सेहत के लिए भी काफी अच्छा रहता है. इसे आप रोजाना अपने ब्रेकफास्ट या डिनर में शामिल कर के हैल्दी रह सकते हैं.

आप को एक बाउल किनोवा से 13 से  15 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

स्टफिंग ब्राउन ब्रैड: ब्राउन ब्रैड फाइबर में रिच होने के कारण इस से कब्ज की दिक्कत नहीं होती, साथ ही यह आसानी से पच भी जाती है. यह ब्लड शुगर लैवल को भी कंट्रोल रखने का काम करती है. जब इस में वैजिटेबल्स को ऐड किया जाता है तो इस की न्यूट्रिशन वैल्यू काफी बढ़ जाती है. आप इस में पनीर को ऐड कर के इसे प्रोटीन रिच भी बना सकते हैं.

अगर आप एक दिन में 2 स्टफिंग ब्राउन बै्रड लेते हैं तो उस से आप को 16-18 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

थेपला या परांठा: अगर आप थेपला  या परांठा खाने के शौकीन हैं तो जान लें कि थेपला विटामिन बी कौंप्लैक्स और फाइबर में  रिच होने के कारण तेजी से कैलोरीज को बर्न करने के कारण आप के वजन को कम करने  का काम करेगा.

वहीं अगर आप साबूत अनाज से बना  परांठा खाते हैं तो यह प्रोटीन में रिच होने के साथ इस में मैग्नीशियम, आयरन और कौपर जैसे मिनरल्स भी होते हैं, जो दिल के लिए अच्छे  माने जाते हैं. इसलिए परांठे से परहेज नहीं बल्कि इस की क्वांटिटी को सीमित करने की जरूरत होती है.

ये भी पढ़ें- World Hearing Day: बहरेपन का कारण, लक्षण और रोकथाम

अगर आप 1 थेपला खाते हैं तो उस से  आप को 13-14 कार्ब्स मिलते हैं, वहीं अगर आप 1 परांठा खाते हैं तो उस से आप को  15-16 कार्ब्स मिलते हैं.

बेक्ड टैको शैल: यहां हम डीप फ्राई  टैको शैल की बात नहीं कर रहे, बल्कि 6 इंच  के बेक्ड टैको शैल की बात कर रहे हैं, जो न्यूट्रिशन से भरपूर होता है. इस में सब्जियां ऐड करने के कारण यह विटामिंस व मिनरल्स से भर जाता है.

अगर आप 1 बेक्ड टैको शैल खाते हैं तो उस से आप को 15 से 17 कार्ब्स मिलते हैं.

धानसक: यह सब्जियों से बना होने के कारण इस में फौलिक ऐसिड, विटामिन बी, सी, ई, प्रोटीन, फाइबर, कैल्सियम, आयरन, मैग्नीशियम आदि होते हैं, जो आप की फिटनैस का खयाल रखने के साथसाथ आप की टम्मी को भी फुल रखने के साथसाथ शरीर की अन्य जरूरतों को भी पूरा करने का काम करता है.

आप को 1/2 कप धानसक से 14-15 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

रसम : इसे विटामिंस और मिनरल्स का पावरहाउस कहा जाए तो गलत नहीं होगा, साथ ही यह ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर होता है. यह पाचनतंत्र को ठीक रखने के साथसाथ तेजी से वजन को भी कम करने का काम करता है.

1 कप रसम से आप को 15 ग्राम  कार्ब्स मिलेंगे.

बींस, पीज ऐंड लेनटिल्स : ये तीनों विटामिंस और मिनरल्स के अच्छे स्रोत होते हैं खासकर इन में फौलेट और आयरन होने के कारण खून की कमी को होने से रोकने के साथसाथ मैटाबोलिज्म को बूस्ट करने का भी काम करते हैं. इसलिए इन्हें अपनी डाइट से आउट करने की गलती न करें.

अगर आप इन को आधाआधा कप लेते हैं तो उस से आप को 14-15 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

ग्रेनोला : यह हाई फाइबर व ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर होने के कारण आप के पेट की हैल्थ के लिए अच्छा माना जाता है. यह कोलैस्ट्रौल व ब्लड शुगर लैवल को भी कंट्रोल रखने का काम करता है.

ग्रेनोला के एकचौथाई कप से आप को  13-14 ग्राम कार्ब्स मिलेंगे.

इस तरह के हैल्दी औप्शंस को आप अपनी डाइट में शामिल कर के कार्ब्स, फाइबर, प्रोटीन, विटामिंस व मिनरल्स जैसे सभी जरूरी न्यूट्रिऐंट्स ले सकते हैं.

कार्ब्स रहित डाइट लेने के नुकसान

अकसर जब भी हम तेजी से वजन को कम करने के बारे में सोचते हैं तो सब से पहले अपनी डाइट से कार्ब्स को ही आउट करते हैं, जबकि कार्ब्स शरीर के लिए ऊर्जा का बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्रोत होते हैं. इन के अभाव में शरीर प्रोटीन व फैट से ऊर्जा प्राप्त करने की कोशिश करता है, लेकिन ऐसा अगर लंबे समय तक चलता रहता है तो आप गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं. जानते हैं इस से होने वाले नुकसान के बारे में:

हड्डियों का कमजोर पड़ना  

जब भी हम कार्ब कंटेनिंग फाइबर  को अपनी डाइट से आउट करते हैं, तो उस से शरीर में कैल्सियम की कमी होने लगती है, क्योंकि फाइबर में फैटिक ऐसिड, औक्सलेट्स और टेनिंस नामक महत्त्वपूर्ण फाइटोकैमिकल्स  होते हैं, लेकिन इस के अभाव में पेट  कैल्सियम को अवशोषित करना बंद कर देता  है. जिस से हड्डियां कमजोर होने से टूटने  लगती हैं. पैरों में दर्द

जब हम अपनी डाइट से ऐसे न्यूट्रिऐंट्स और मिनरल्स को निकाल देते हैं, जो मसल्स के कार्य करने के लिए जरूरी होते हैं, जिन में सोडियम, कैल्सियम और पोटैशियम शामिल हैं, तो उस से कमजोरी होने से पैरों में दर्द की समस्या काफी बढ़ जाती है.

थकान महसूस होना

वर्कआउट तो पहले की तरह ही करते हैं, लेकिन अपनी डाइट से ऐनर्जी के स्रोत यानी कार्ब्स को आउट कर देते हैं, जिस से शरीर अन्य चीजों से ऐनर्जी प्राप्त करने की कोशिश करता है, जिस से थकान के साथ चक्कर आने की भी शिकायत शुरू हो जाती है, जो धीरेधीरे गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है.

पीरियड सर्किल का बिगड़ना

जब आप लंबे समय तक कार्ब रहित डाइट लेते हैं तो उस से आप के वजन पर असर पड़ने के साथसाथ आप के हारमोन पर भी असर पड़ता है, जिस से पीरियड सर्किल बिगड़ जाता है.

भूख लगना

बता दें कि साबूत अनाज, दाल, बींस में कार्ब्स व फाइबर होते हैं. लेकिन जब आप ऐसे खाने से दूरी बना लेते हैं तो आप को ज्यादा भूख लगने के साथसाथ कब्ज की भी शिकायत हो सकती है, क्योंकि फाइबर पेट को लंबे समय तक फुल रखने के साथसाथ हमेशा फिट रखने का काम करता है.

सिरदर्द की शिकायत

लंबे समय तक कार्ब्स रहित डाइट लेने से सिरदर्र्द की शिकायत होनी शुरू हो जाती है, क्योंकि आप का मस्तिष्क ग्लूकोस के साथ कार्य करना पसंद करता है. लेकिन जब उस तक इस की आपूर्ति होनी बंद हो जाती है तो काम में ध्यान नहीं लगता है, जो आगे चल कर सिरदर्द का कारण बनता है.

  क्या है ग्लाइसेमिक इंडैक्स

ग्लाइसेमिक इंडैक्स वह माप है, जिस से पता लगाया जाता है कि किसी खाने की चीज में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स कितनी देर में ग्लूकोस बनता है और फिर उस से कितनी देर में शुगर लैवल प्रभावित होता है. इस के अलावा और भी कई कारण होते हैं, जो कार्बोहाइड्रेट्स के प्रति शरीर में होने वाली प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं, जिन में उम्र, हमारे ऐक्सरसाइज करने का रूटीन इत्यादि शामिल हैं.

बदलें अपनी सोच

आम धारणा यही है कि आलू में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं जिन्हें वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है. इसलिए जब भी हम वजन कम करने के बारे में सोचते हैं तो आलू से दूरी बनाने में ही समझदारी समझते हैं.

जर्नल न्यूट्रिशन में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, आलू एक स्टार्ची फूड है, जिस में कौंप्लैक्स कार्बोहाइड्रेट्स ज्यादा होते हैं, जो वजन बढ़ाने का नहीं, बल्कि उसे कम करने का काम करते हैं, क्योंकि इसे खाने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती. यह हमारी फूड क्रेविंग को कम करने का काम करता है.

ये भी पढ़ें- साइकिल चलाएं और सेहत पाएं

अब आप सोच रहे होंगे कि स्टार्च क्या होता है तो आप को बता दें कि मुख्यरूप से चीनी को ही स्टार्च कहते हैं, जो शरीर में ग्लूकोस में बदल कर शरीर की थकावट या कमजोरी को कम समय में ऊर्जा प्रदान करने का काम करती है और जान लें कि जिन फूड्स में कौंप्लैक्स कार्बोहाइड्रेट्स होता है जैसे ब्रैड, दाल, चावल, आलू, साबूत अनाज, फलियां, वे डाइटरी फाइबर, मिनरल्स व विटामिन बी से भरपूर होते हैं, जो ब्लड शुगर लैवल को मैंटेन रखने के साथसाथ हमें फिट व ऊर्जा प्रदान करने का काम करते हैं. इसलिए आप को अपनी इस सोच को बदलना होगा कि आलू से वजन बढ़ता है.

यह जान लें कि वजन आलू से नहीं बल्कि उसे स्वादिष्ठ बनाने के चक्कर में जब हम उस में बटर, चीज या फिर उसे डीप फ्राई कर देते हैं तब उस में कैलोरीज बढ़ती है और उस में जो भी न्यूट्रिशन वैल्यू होती है वह घट जाती है.

दांतों से जुड़ी प्रौब्लम से छुटकारा पाने के लिए फायदेमंद है ये फल

लोगों में दांत की समस्या काफी आम हो गई है. असंतुलित आहार और अनियमित सफाई से दांतों में कई तरह की परेशानियां पैदा हो जाती हैं. इस खबर में हम आपको  एक ऐसे फल के बारे में बताएंगे जिसके सेवन से आप दांतों में होने वाली परेशानियों से नीजात पा सकेंगी. एक ओरल केयर संस्था का मानना है कि  अगर मैन्यूफैक्चरर टूथपेस्ट और माउथवौश में ब्लूबेरी का इस्तेमाल करें तो दांतों की सेहत बनी रहेगी.

1. दांत खराब होने का खतरा कम करता है ब्लू बेरी

इस दावे से पहले ही कई वैज्ञानिकों ने माना था कि मुंह में बैक्टीरिया की गतिविधि कम करके दांत खराब होने का खतरा कम किया जा सकता है. आपको बता दें कि ब्लूबेरी जैसे फल पौलीफिनौल्स का अच्छा स्रोत होते हैं. पौलिफिनौल्स एंटीऔक्सिडेंट होते हैं जो शरीर को बैक्टीरिया के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं.

ये भी पढ़ें : शादी से पहले कौंट्रासैप्टिव पिल लें या नहीं

2. मुंह में बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है ब्लू बेरी

कई जानकार डेंटल प्रोडक्ट के इन्ग्रेडिएंट्स में ब्लू बेरी को भी शामिल करने की मांग कर रहे हैं. विशेषज्ञों की माने तो पौलिफिनौल्स हमारे सलाइवा में चिपके रह जाते हैं और लंबे समय तक मुंह में बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं. इसके अलावा ये शुगर फ्री होते हैं जिससे इन्हें ओरल केयर प्रोडक्ट्स में कई तरीकों से शामिल किया जा सकता है.

3. कैविटीज से मिलता है छुटकारा

शोधकर्ताओं ने मुंह के बैक्टीरिया पर क्रैनबेरी, ब्लूबेरी और स्ट्राबेरी के असर का परीक्षण किया. नतीजों में पाया गया कि ब्लूबेरी के सेवन से बैक्टीरिया की संख्या में काफी कमी देखी गई. शोधकर्ताओं का मानना है कि इन्हें कैविटीज से लड़ने में प्राकृतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. पौलिफिनौल्स हार्ट डिसीज और कैंसर से भी लड़ने में मदद करता है. इसके अलावा इसमें एंटीऔक्सिडडेंट होते हैं जो हाइड्रेशन में मदद करते हैं.

ये भी पढ़ें- पीरियड्स में पर्सनल हाइजीन का रखें ख्याल

Winter Special: इन 5 जूस से बढ़ाएं इम्यूनिटी

कुछ लोगों को मौसम के बदलते ही मौसमी बीमारियों का शिकार होना पड़ता है. उन्हें सर्दीजुखाम, बुखार तुरंत अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं. ऐसे में वे बस यही सोचते हैं कि ऐसा हमारे साथ ही क्यों होता है, जबकि हमारी डाइट तो अच्छीखासी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ खाने से काम नहीं चलता, बल्कि हैल्दी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने की जरूरत होती है ताकि आप की इम्यूनिटी बूस्ट हो सके.

अगर आप की इम्यूनिटी स्ट्रौंग होगी तो आप बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो पाते हैं. इस के लिए आप अपनी डाइट में ऐसे जूस शामिल कर सकती हैं, जो आप को फिट रखने के साथसाथ आप की इम्यूनिटी को भी बूस्ट करने का काम करते हैं.

आइए, जानते हैं इम्यूनिटी बूस्टर के बारे में:

वैजिटेबल व फ्रूट जूस हैं बैस्ट

आप ने हर घर में किसी न किसी को यह कहते जरूर सुना होगा कि मु?ो सब्जियां व फ्रूट्स पसंद नहीं हैं. मु?ो तो बाहर का खाना व फास्ट फूड ही ज्यादा पसंद आता है. ऐसे में उन के लिए वैजिटेबल व फ्रूट जूस बैस्ट औप्शन हैं, ताकि उन्हें जूस के जरीए वैजिटेबल्स व फू्रट्स भी मिल जाएं, जिस से उन्हें जरूरी न्यूट्रिऐंट्स मिलने के साथसाथ उन की इम्यूनिटी भी बूस्ट हो सके.\

ये भी पढे़ं- Winter Special: हरियाली पनीर क्यूब

ये जूस आप की टम्मी को लंबे समय तक फुल रख कर आप के पेट की हैल्थ के साथसाथ आप की पूरी हैल्थ का भी खयाल रखने का काम करते हैं. ये हर उम्र के लोगों के लिए परफैक्ट हैं. खासकर बच्चों के लिए काफी अच्छा रहते हैं, क्योंकि पेरैंट्स के लिए बच्चों को सब्जियां खिलाना काफी मुश्किल होता है. ऐसे में जूस टेस्टी होने के कारण उन में बिटामिंस व मिनरल्स की कमी को पूरा कर के उन्हें हैल्दी बनाए रखने का काम करते हैं. ये ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर होने के कारण पूरा दिन ऊर्जा से भरपूर रखते हैं.

इन से लिवर क्लीन होने के साथसाथ ये बौडी को डीटौक्स करने का भी काम करते हैं, जिस से शरीर अंदर से हैल्दी रह कर आप बीमारियों से बच पाते हैं. ये आप की अनहैल्दी स्नैक्स की हैबिट को छुड़ा कर आप को पूरा दिन लाइट फील करवाने का भी काम करते हैं.

जानते हैं इम्यूनिटी बूस्टर जूस के बारे में

टमाटर का जूस

टमाटर लाइकोपीन नामक ऐंटीऔक्सीडैंट में रिच होने के कारण इम्यूनिटी को बूस्ट करने के साथसाथ आप की हैल्थ के लिए भी मैजिक का काम करता है.

इस में लाइकोपीन नामक तत्त्व आप के सैल्स को फ्री रैडिकल्स से बचा कर शरीर में सूजन को कम करता है व कैंसर से बचाने के साथसाथ दिल की सेहत का भी खास खयाल रखता है, क्योंकि इस में मैग्नीशियम व पोटैशियम मिनरल्स दिल के लिए अच्छे माने जाते हैं. साथ ही इस में विटामिन बी और फौलेट होने के कारण यह मैटाबोलिज्म को बूस्ट करने के साथ ही आप के वजन को भी नियंत्रित रखने का काम करती है.

कैसे बनाएं सामग्री

–  3-4 टमाटर

–  थोड़ा सा भुना जीरा

–  थोड़ा सा कद्दूकस किया लहसुन.

विधि

सब से पहले टमाटरों को उबाल कर ठंडा कर लें. फिर मिक्सी में पीस कर छलनी से छान कर इस में थोड़ा पानी डालें. फिर कड़ाही में कुछ बूंदें घी की डाल कर उस में कद्दूकस किए लहसुन को थोड़ा चलाएं. फिर इस में टमाटर सूप डाल कर थोड़ा पकाएं और स्वाद बढ़ाने के लिए इस में जीरा पाउडर ऐड करें.

आप चाहें तो इसे गरम भी पी सकते हैं या फिर ठंडा कर के भी. इस से आप को विटामिन ए, बी, सी, पोटैशियम, मैग्नीशियम मिल जाएगा. इस में ऐंटीऔक्सीडैंट््स और ऐंटीइनफ्लैमेटरी प्रौपर्टीज होने के कारण यह जूस आप के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा.

गाजर, सेब व संतरे का जूस

इन तीनों का कौंबिनेशन आप को बीमारियों से लड़ने में मददगार साबित होगा, क्योंकि सेब व संतरा विटामिन सी के अच्छे स्रोत होते हैं. वहीं गाजर में विटामिन ए और विटामिन बी6 होने के कारण ये इम्यून सैल्स को बनाने के साथसाथ ऐंटीबौडीज बनाने में मददगार साबित होते हैं. इसलिए इसे इम्यूनिटी बूस्टर ड्रिंक कहा जाए तो गलत नहीं होगा.

कैसे बनाएं सामग्री

–  2 गाजर छिली हुए

–  2 सेब

–  3 संतरे छिले.

विधि

सारी सामग्री को जूसर में डाल कर जूस तैयार करें. फिर ऊपर से इस के स्वाद को बढ़ाने के लिए चाट मसाला या फिर काला नमक डाल कर सर्व करें. इस से आप को विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी6, विटामिन बी12, पोटैशियम, फाइबर, ऐंटीऔक्सीडैंट्स मिल जाएंगे, जो आप की हैल्थ का खयाल रखने का काम करेंगे.

वाटरमैलन व लौकी जूस

इस में 90% वाटर कंटैंट होने के कारण यह आप को रिफ्रैश करने के साथसाथ इस में ढेरों न्यूट्रिऐंट्स भी होते हैं, जो आप की भूख को कंट्रोल करने में मदद करते है. साथ ही टेस्टी होने के कारण आप इसे बड़े चाव से अपनी डाइट  मेें ऐड कर सकते हैं.

ये भी पढे़ं- Winter Special: पाइनएप्पल से झटपट बनाएं ये स्वादिष्ट व्यंजन

अगर आप को कब्ज, डायबिटीज की शिकायत है तो आप इस ड्रिंक को जरूर अपनी डाइट में शामिल करें. लौकी सैचुरेटेड फैट व कोलैस्ट्राल में लो होने के साथ फाइबर में रिच होता है, जिस से आप को न्यूट्रिशन भी मिल जाता है और इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है. इन में आयरन, मिनरल, विटामिन बी, ऐंटीऔक्सीडैंट्स होने के कारण ये आप की इम्यूनिटी को बूस्ट करने का भी काम करते हैं.

कैसे बनाएं सामग्री

–  1 कप कद्दूकस की लौकी

–  1 कप टुकड़ों में कटा तरबूज

–  थोड़ी सी धनियापत्ती

–  थोड़ा सा काला नमक

–  थोड़ा सा भुना जीरा पाउडर.

विधि

सारी सामग्री को जूसर में डाल कर उस का स्मूद पेस्ट तैयार करें. फिर इसे जीरा पाउडर से गार्निश कर के सर्व करें. इस से आप को मैग्नीशियम, जिंक, आयरन, गुड फैट्स, विटामिन सी, कैल्सियम, विटामिन बी 3, विटामिन बी 5, विटामिन 6 मिल जाएगा, यह ड्रिंक आप के अंदर की कमजोरी को भी दूर करेगा और आप को हैल्दी बनाने में मददगार होगा.

खीरा व पाइनऐप्पल जूस

बता दें कि पाइनऐप्पल में ब्रोमेलाइन ऐंजाइम्स होते हैं, जो दर्द व सूजन से लड़ने में मददगार होते हैं. साथ ही यह जूस विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के कारण आप की इम्यूनिटी को स्ट्रौंग बनाने का काम भी करता है. वहीं खीरे में 95% वाटर होने के कारण यह आप को हाइड्रेट रखने का काम करता है.

इस में विटामिन ए की मौजूदगी आप की इम्यूनिटी को स्ट्रौंग बनाने के साथ ही आप की किडनियों, लंग, हार्ट के कार्यों को सुचारु रखने में मददगार है.

कैसे बनाएं सामग्री

–  1 छोटा खीरा

–  2 बड़े टुकड़े पाइनऐप्पल के

–  थोड़ी सी पुदीनापत्ती

–  आधे नीबू का रस

–  थोड़ा सा काला नमक.

विधि

सारी सामग्री को मिला कर ब्लैंड करें. फिर इस में थोड़ा सा पानी डाल कर तुरंत सर्व करें. इस से आप को विटामिन ए, के, बी, सी, जिंक, कैल्सियम मिल जाएगा. यह जूस आप की इम्यूनिटी के साथसाथ आप की स्किन की हैल्थ के लिए भी अच्छा होता है.

बीटरूट जूस

बीटरूट गुड बैक्टीरिया की क्वांटिटी को इंप्रूव करने के साथसाथ आप के पेट की हैल्थ को भी ठीक रखता है. यह विटामिन सी में रिच होने के साथ आप की स्ट्रौंग इम्यूनिटी के लिए अच्छा माना जाता है. इन में मौजूद मिनरल्स आप दांतों को हैल्दी रखने का काम करता है.

यही नहीं ब्लड सर्कुलेशन को इंपू्रूव करने के साथ ही आप के हीमोग्लोबिन को बढ़ाने का काम करती हैं, जिस से आप को थकान व कमजोरी महसूस नहीं होती है और आप की कार्यक्षमता बढ़ती है.

कैसे बनाएं सामग्री

–  1-2 मध्यम आकार के बीटरूट

–  थोड़ा सा अदरक का टुकड़ा

–  थोड़ा सा नीबू का रस

–  थोड़ा सा काला नमक.

विधि

सब से पहले बीटरूट व अदरक को छील कर इन का जूसर में जूस तैयार करें. फिर उस में नीबू का रस व काला नमक डाल कर सर्व करें. इस जूस से आप को कैल्सियम, आयरन, विटामिन ए, सी, फौलिक ऐसिड, मैग्नीशियम, पोटैशियम मिल जाएगा. यह वजन को कम करने के साथ ही कैंसर से भी बचाता है, दिल के लिए भी अच्छा होता है. आप के ऐक्सरसाइज करने के स्टैमिना को बढ़ाता है. इस जूस के रोज सेवन से आप को तुरंत सुधार दिखने लगेगा.

एक दिन में कितना जूस लें

अगर आप अपनी हैल्थ को ठीक रखना चाहते हैं, इम्यूनिटी को बूस्ट करना चाहते हैं तो रोज 1 गिलास जूस बैस्ट है. यह आप को हाइड्रेट रखेगा, फिटनैस का खयाल रखेगा, साथ ही आप की न्यूट्रिशन संबंधित जरूरतों को भी काफी हद तक पूरा करने का काम करेगा.

इन जूस का ज्यादा फायदा लेने के लिए हमेशा फ्रैश फू्रट्स और वैजिटेबल्स का ही इस्तेमाल करें. इस बात का भी ध्यान रखें कि इस की अति से बचें. यह न सोचें कि आप रोटी, सब्जी, दाल की जगह पूरा दिन जूस पर ही टिके रहें. इस से आप की हैल्थ को नुकसान पहुंच सकता है.

किस समय लेना ज्यादा फायदेमंद

जूस को सुबह के ब्रेकफास्ट के साथ लेना ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि इस से आप पूरा दिन हाइड्रेट रहने के साथसाथ ज्यादा फुरती के साथ काम कर सकते हैं. आप की इम्यूनिटी बूस्ट होने में मदद मिलती है, जिस से आप किसी भी तरह के इन्फैक्शन व बीमारी से बच सकते हैं. बस खाली पेट जूस लेने से बचें, क्योंकि यह एसिडिटी, तुरंत शुगर लैवल को बढ़ाने का काम करता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए ठीक नहीं होता है.

पैक्ड जूस फ्रैश जूस

अगर आप हैल्दी औप्शन के बारे में सोच रहे हैं तो आप के लिए फ्रैश जूस ही बैस्ट है. चूंकि पैक्ड जूस शुगर व कैलोरीज में काफी हाई होता है, इसलिए यह वेट को कंट्रोल करने वालों व डायबिटीज के मरीजों के लिए सही है.

ये भी पढे़ं- Winter Special: इडली डाईस

बता दें कि इस में न्यूट्रिशन वैल्यू भी काफी कम होती है, क्योंकि प्रोसैसिंग व स्टोरेज के कारण इस में मौजूद ऐंटीऔक्सीडैंट्स खत्म हो जाते हैं, जिस से न तो यह आप की इम्यूनिटी को बूस्ट कर पाता है, साथ ही मोटापे का खतरा भी काफी बढ़ जाता है, जबकि फ्रैश जूस से आप को उस के पूरे न्यूट्रिशन का फायदा मिल पाता है. साथ ही आप उस में जरूरत होने पर ही शुगर डालते हैं, जिस से आप का कैलोरीज पर कंट्रोल रहता है.

8 TIPS: बस एक चुटकी हींग

हींग को भारतीय रसोइयों में एक मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है. हींग किसी भी डिश में एक अलग स्वाद शामिल कर देती है. यह इसकी खुशबू और स्वाद के लिए बहुत प्रयोग की जाती है. इसके जितने लाभ आपको खाना बनाते समय मिलते हैं उतने ही इसके स्वास्थ्य लाभ भी है.

जी हां क्या आप जानते हैं कि हींग भी आपको बहुत से स्वास्थ्य लाभ दे सकती है. तो आइए जानते हैं हींग से हमें क्या क्या लाभ मिल सकते हैं और केवल एक चुटकी हींग ही हमारे शरीर में क्या क्या बदलाव कर सकती है.

1. ब्लोटिंग से राहत दिलाती है :

जब आपको कोई चीज अच्छे से नहीं पचती है या आपको गैस हो जाती है तो उसका नतीजा यह होता है कि आपका पेट फूल जाता है. यदि आपको भी अक्सर कुछ भी खाने के बाद ब्लोटिंग हो जाती है तो आप हींग का प्रयोग कर सकते हैं. इसके एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण सभी प्रकार की पाचन समस्याओं के लिए एक बढ़िया हल है. अतः आप किसी भी पाचन समस्या से राहत पाने के लिए हींग का प्रयोग कर सकते है.

ये भी पढ़ें- एक्सरसाइज से ब्रेक भी है फायदेमंद

2. रेस्पिरेटरी समस्याओं के लिए लाभदायक :

यदि आप को किसी भी प्रकार की रेस्पिरेटरी समस्या है तो आपके लिए हींग बहुत बढ़िया रहने वाली है. हींग में एंटी माइक्रोबियल, एंटी फंगल, एंटी बैक्टेरियल गुण होते हैं जो आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम में पथोगेंस आदि बैक्टेरिया से राहत दिलाने में मदद करते है.

3. एसिडिटी से राहत दिलाती है :

हींग में एल्कलाइन प्रकृति होती है जिस कारण यह आपके पेट में एसिड रिफ्लेक्स होने से बचा सकती है. अतः यदि आपको भी हर बार एसिडिटी हो जाती है तो आप केवल एक चुटकी हींग का प्रयोग करें और इस समस्या से राहत पाएं.

4. स्ट्रेस कम करने में लाभदायक :

यह थोड़ा हैरान कर देने वाला हो सकता है परन्तु हींग आपकी स्ट्रेस को कम करने में भी लाभदायक मानी जाती है. स्ट्रेस लेने से आपको बहुत से स्वास्थ्य सम्बन्ध समस्या हो सकती है इसलिए स्ट्रेस कम करने से हींग आपको बहुत सी बीमारियों से बचा सकती है. यह आपको बांझपन से लेकर हृदय रोगों जैसी बड़ी बड़ी समस्याओं से भी बचा सकती है.

5. पीरियड्स के क्रैंप्स से छुटकारे में लाभदायक :

यदि आपको पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा क्रैंप्स होते हैं तो आप हींग का प्रयोग कर सकते है. इस मसाले के प्रयोग से आपके पेट की मसल्स को राहत मिलती है जिस कारण आपको कम दर्द महसूस होता है.

6. खांसी, जुखाम व गले दर्द को ठीक करने में सहायक :

आप हींग का प्रयोग करके स्वयं को खांसी, जुखाम व गले में होने वाले दर्द से भी बचा सकते है. हींग में पाई जाने वाली एंटी एलर्जन गुण इस लाभ के पीछे का कारण होते है. यह आपके शरीर में वायरस को बढ़ने से रोकते हैं और आपको बुखार व अन्य बीमारियां होने से बचाते हैं.

ये भी पढ़ें- ताकि सांसें महकती रहें

7. यह आपके स्कैल्प के लिए भी बहुत लाभदायक है :

यदि आपका स्कैल्प बहुत ड्राई है और उसे केयर की जरूरत है तो आप हींग का प्रयोग एक होम रेमेडी के रूप में कर सकते हैं. यह आपके सिर के लिए एक बहुत अच्छे एक्सफोलिएटर का काम करती है. आप इसे शहद या दही के साथ मिला कर एक मास्क के रूप में भी अप्लाई कर सकते हैं. ऐसा करने से आपके स्कैल्प को मॉइश्चर मिलता है.

8. आपकी स्किन के लिए बहुत लाभदायक :

हींग आपकी स्किन का भी एक सच्चा दोस्त होती है. हींग में एंटी ऑक्सिडेंट पाए जाते हैं और एंटी आक्सिडेंट हमारी स्किन के फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं और आपकी स्किन को अच्छा बनाने में मदद करते हैं. इसलिए आप किसी भी फेस मास्क में एक चुटकी हींग मिला सकते है.

जीभ के स्वाद के लिए खुद को बीमार ना करें, हानिकारक है अचार

शहर हो या गांव, अमीर हो या गरीब, सबके खाने का स्वाद बढ़ाने की जिम्मेदारी अचार पर होती है. अचार के बिना जैसे खाना ही अधूरा है. खाने का अहम तत्व है अचार. एक ओर जहां अचार खाने का स्वाद बढ़ाता है वहीं दूसरी ओर इससे कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं. चूंकि इसमें अत्यधिक मात्रे में तेल नमक और मसाले होते हैं, ये स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है.

जानकारों का मानना है कि  जो लोग बहुत ज्यादा अचार खाते हैं उन्हें दिल की बीमारी, सुगर, अल्सर, आंतों की बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि अचार के अत्यधिक प्रयोग से किस तरह की शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं.

हो सकती है आंतों में सूजन

ज्यादा मात्रा में अचार लेने से आंतों में सूजन होने का खतरा भी बना रहता है. ऐसा इस लिए क्योकि इससे शरीर में वाटर रिटेंसन होती है.

ये भी पढ़ें- ऐसे करें सर्दियों में बेबी की स्किन की केयर

अल्सर का है खतरा

अचार बनाने में ज्यादा मसाले का प्रयोग किया जाता है. ये मासले सभी को सूट नहीं करते. इससे आंत में अल्सर होने की संभावना तेज होती है.

होता है हाई ब्लड प्रेशर का खतरा

जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की परेशानी है उन्हें अचार से परहेज करना चाहिए. अचार में भारी मात्रा में नमक होता है जिससे ब्लड प्रेशर के और बढ़ने का खतरा होता है.

होती है दिल की बीमारी

अचार ज्लदी खराब ना हो इस लिए प्रिजरवेटिव के तौर पर उसमें तेल डाला जाता है. दिल के लिए इतना तेल अच्छा नहीं होता है. इससे दिल की बीमारी के होने का खतरा बना रहता है.

हो सकता है गैस्ट्रिक कैंसर

जानकारों का मानना है कि ज्यादा अचार के सेवन से गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इसीलिए ज्यादा अचार का सेवन करने से बचना जरूरी है.

ये भी पढ़ें- 6 टिप्स: ऐसे रहें सर्दियों में हेल्दी

सुंदरता और स्वास्थ्य चाहिए तो दालचीनी का इस्तेमाल है फायदेमंद

देश की ज्यादातर रसोइयों में दालचीनी मसाले के तौर पर इस्तेमाल होता है. पर क्या आप इसके सेहत पर होने वाले फायदों के बारे में जानती हैं? आपको बता दें कि दालचीनी एक पेड़ की छाल होती है, जिसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों को दूर करने में होता है. इसमें एंटी इंफ्लेमेंट्री, संक्रामक विरोधी जैसे कई गुण पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें एंटी-औक्सीडेंट, मैंगनीज, फाइबर जैसी जरूरी तत्व भी होते हैं. कई तरह की बामारियों में शरीर को स्वस्थ रखने में ये बेहद कारगर है. इस खबर में हम आपको दालचीनी से होने वाले स्वास्थ लाभ के बारे में बताएंगे.

1. सर्दी जुकाम में है असरदार 

सर्दी जुकाम में भी ये काफी असरदार . दालचीनी के पाउडर को पानी में उबाल लें. अर्क को छान कर रख लें. फिर इस पानी में शहद मिला कर पिएं. जल्दी आपको आराम मिलेगा.

2. वजन कम करने के लिए है फायदेमंद

वजन कम करने के लिए दालचीनी को पानी में उबाल कर पानी को छान लें. उसमें नींबू का रस मिला कर पिएं. कुछ ही दिनों में आपको अंतर दिखेगा. गैस या पेट दर्द संबंधी समस्याओं में दालचीनी को शहद में मिला कर खाने से काफी राहत मिलती है.

ये भी पढ़ें- महिलाओं को ओवरी के बारे में पता होनी चाहिए ये बातें

3. जोड़ों के दर्द में करें इस्तेमाल

जोड़ों के दर्द में दालचीनी एक बेहतर विकल्प है. पहले दालचीनी को पीस कर पाउडर बना लें. एक कप गर्म पानी में इस पाउडर और शहद को मिला कर पीने से दर्द में काफी आराम मिलता है.

4. हेयरफौल की परेशानी में करें इस्तेमाल

हेयरफौल की परेशानी में ये काफी फायदेमंद होता है. जैतून के तेल में शहद और दालचीनी का पेस्ट बना कर रख लें. नहाने से पहले 30 मिनट तक इसे लगा कर रखें, फिर बाल धो लें. बालों के झड़ने की समस्या में ये काफी फायदा पहुंचाएगा.

5. सुंदरता बरकरार रखने है फायदेमंद

सुंदरता बरकरार रखने में भी ये बेहद कारगर है. मुहांसों की परेशानी में दालचीनी को नींबू के रस में मिलाकर लगाने से काफी फायदा मिलता है.

ये भी पढ़ें- केले का छिलका है बेहद फायदेमंद, जानिए इसके गुण

हैल्दी लाइफस्टाइल है जरूरी

काव्या आईटी कंपनी में काम करती है. उम्र 28 साल. अविवाहित है. लौकडाउन के बाद कंपनी ने वर्क फ्रौम होम शुरू कर दिया. शुरू में जैसे हालात थे उन से लगता था कि जिंदगी 2-3 महीने में वापस अपने पुराने ढर्रे पर आ जाएगी. लेकिन कोरोना का ऐसा कहर बरपा कि स्थिति सामान्य होने के बजाय और भी खराब हो गई. काव्या की कंपनी ने सभी को साल के अंत तक वर्क फ्रौम होम करने की हिदायत दी.

शुरू में घर पर रहते हुए काव्या ऐक्टिव थी. सुबह 6 बजे तक उठ जाती थी. वाक पर जाती थी. वाक पर नहीं जा पायी तो घर पर आधा घंटा ऐक्सरसाइज करती. खानपान पर ध्यान देती थी. लेकिन जैसेजैसे वक्त बीतता गया घर पर ही रहते हुए काव्या को आलस ने घेरना शुरू कर दिया. औफिस जाना नहीं था तो सुबह 8-9 बजे तक भी सोई रहती. वाक पर जाना बंद हो गया, क्योंकि 10 बजे तक उसे औफिस कौल पर लैपटौप के आगे बैठना होता था. तलाभुना, अनहैल्दी फूड खाने का चसका कुछ ज्यादा ही लग गया. टाइम की कोई पाबंदी नहीं, इसलिए वक्तबेवक्त खाने के लिए मुंह चलता ही रहता.

कहां तो पहले 9 बजे तक डिनर कर 11 बजे तक हर हाल में सो जाती थी, लेकिन अब डिनर करने का कोई टाइम ही नहीं था. देर रात तक वैब सीरीज देख कर अपनी नींद खराब करती और इसलिए सुबह देर से उठती.

ये भी पढ़ें- कोविड 19 के लिए वैक्सीन लगाना कितना जरुरी, जानें यहां

अब अकसर उस का पेट खराब रहने लगा था. कुछ दिन से महसूस कर रही थी कि कुछ मेहनत वाला काम करती है तो जल्दी थक जाती है.

एक रात जब सोने लगी तो उसे पेट में दर्द होना शुरू हो गया, जो धीरेधीरे बढ़ता गया. किसी तरह रात निकाली. अगले दिन डाक्टर को दिखाया. जांच के बाद पता चला कि उसे अपैंडिक्स हो गया है. चूंकि अभी बीमारी आरंभिक स्तर पर थी, इसलिए सर्जरी के बाद काव्या जल्दी ठीक हो गई.

मगर ये सब हुआ क्यों? काव्या के पूछने पर डाक्टर ने बताया कि खानेपीने की गलत आदत की वजह से यह बीमारी होती है.

काव्या अपने खानेपीने और हैल्थ को ले कर बहुत लापरवाह हो गई थी. कुछ बीमारियां हो जाती हैं, लेकिन कुछ बीमारियों को हम खुद बुलावा देते हैं जैसेकि काव्या के साथ हुआ. इसलिए अपने को हैल्दी रखना है तो हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बहुत जरूरी है.

यदि आप हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहते हैं लेकिन सम झ नहीं आ रहा है कि कैसे, क्या, कहां से शुरुआत करें तो फौलो करें इन टिप्स को:

ऐक्सरसाइज और सैर करना:

यों तो गरमी के मौसम में बाहर जा कर वर्कआउट करना या सैर करना फिट रहने का सब से अच्छा विकल्प है, मगर सर्दी के मौसम में आउटडोर वर्कआउट की सलाह नहीं दी जाती. ऐसे में घर पर रह कर भी डांस इत्यादि के जरीए फिटनैस को बरकरार रखा जा सकता है. फिजिकल ऐक्टिविटी का मतलब है ऐसी कोई भी ऐक्सरसाइज, जिस से शरीर से पसीना निकले और आप को उस के लिए ऐक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़े. इस से व्यक्ति की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. ज्यादा नहीं तो कम से कम रोज 30 मिनट तक ऐक्सरसाइज जरूर करें.

पौष्टिक भोजन करें :

खानेपीने का हमारे शरीर पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है. पौष्टिक भोजन से शरीर को ऐनर्जी मिलती है. सिंपल कार्बोहाइड्रेट के लिए पोहा, उपमा, स्टीम्ड इडली, ओट्स, मूसली और प्रोटीन के लिए अंडा, मलाई रहित दूध ले सकते हैं. फैट के लिए बादाम, अखरोट, अलसी के बीज खाएं. शाम के समय कोई भी सब्जियों से बना सूप या ग्रीन टी लें. रात के भोजन में एक कटोरी सलाद या उबली सब्जियों अथवा पपीते का सेवन करें. सब्जियों में प्याज और लहसुन भी डालें.

डाइट को 6-7 बार टुकड़ों में बांट लें. यदि 3 बार ही खाते हैं तो बीच में स्प्राउट्स, मौसमी फल, सब्जियों का सलाद खाने व जूस पीने की आदत डालें.

गेहूं की रोटी के बजाय सर्दियों में मक्का व बाजरा खाएं. सफेद के बजाय ब्राउन राइस खाएं. इन में मौजूद प्रोटीन, कैल्सियम, मैग्नीशियम, फाइबर, पोटैशियम जैसे तत्त्व वजन को नियंत्रित कर पाचन क्रिया और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखते हैं.

पर्याप्त मात्रा में पानी पीना:

रोज 8-10 गिलास पानी तो पीना ही चाहिए. सुबह उठते ही 1 गिलास पानी पीना अपनी आदत में शामिल करें. इस से पेट साफ रहता है. पानी पीने से स्किन में रूखापन नहीं आता. मांसपेशियों का 80% भाग पानी से बना होता है. इसलिए पानी से मांसपेशियों की ऐंठन भी दूर होती है.

ये भी पढ़ें- कोविड से जुड़े गैस्ट्रोइंटेस्टिनल लक्षण जो आपको इग्नोर नहीं करने चाहिए

चीनी व नमक का कम मात्रा में सेवन:

अगर खाने में नमक, चीनी व तेल की मात्रा कम रखा जाए तो मोटापा, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और हृदय रोगों से दूर रहा जा सकता है. चीनी में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है. चीनी में कोई विटामिन, मिनरल या पौष्टिक तत्त्व नहीं होता. यह सिर्फ शरीर को ऊर्जा देती है. पूरे दिन में 25 ग्राम से ज्यादा चीनी न लें. ऐसे ही सिर्फ 6 ग्राम नमक ही खाना चाहिए.

नशे व धूम्रपान से दूर रहें:

ज्यादा शराब पीने और धूम्रपान करने से व्यक्ति की सेहत तो खराब होती ही है, वह समय से पहले बूढ़ा भी नजर आने लगता है. शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो जाती है.

आज के दौर में बहुत सारी बीमारियां फैल रही हैं, जिन का समय रहते इलाज  कराया जाए तो कई फायदे होते हैं जैसे व्यक्ति  का वजन संतुलित रहता है, दिल की बीमारी  होने की संभावना कम होती, संक्रमण से बचे  रहते हैं, व्यक्ति  लंबी जिंदगी जीता है, अपने  को तरोताजा महसूस करता है, जिस से खुश  रहता है. आज लोगों के लिए हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बहुत जरूरी है तो फिर सोच क्या रहें हैं.  चलिए, आज ही से शुरुआत करें अपने रूटीन को बदलने की.

जानें क्या है सर्दियों में आवंले के 10 फायदे

आंवला काफी गुणकारी है और हर मौसम में इस का सेवन किया जाता है. लेकिन सर्दियों में आंवले के कुछ खास फायदे हैं. आंवले का सब से बड़ा गुण है कि इसे पकाने के बाद भी इस में मौजूद विटामिन सी खत्म नहीं होता. आंवले में क्रोमियम अधिक मात्रा में होता है. आंवला हरा, ताजा हो या सुखाया हुआ हो लेकिन इस के गुण कभी भी खत्म नहीं होते. यह खांसीजुकाम, त्वचा, नेत्र रोग और बालों के लिए काफी उपयोगी टौनिक है.

आंवले के फायदे

1. अगर आप मोटापा कम करना चाहती हैं तो सुबह खाली पेट शहद के साथ 5 आंवलों का रस एक गिलास कुनकुने पानी के साथ लें.

2. आप अगर एसीडिटी की समस्या से ग्रस्त हैं तो एक ग्राम आंवला पावडर और थोड़ी सी चीनी को एक गिलास पानी या दूध में मिला कर लें.

3. आंवला खाने से सर्दी के कारण होने वाली खांसीजुकाम से भी नजात पाई जा सकती है.

ये भी पढ़ें- डेली वर्क आउट सबके लिए जरुरी– सोफी चौधरी

4. आंवले के जूस में शहद मिला कर पीने से मोतियाबिंद की परेशानी में फायदा होता है.

5. आंवला हमारे पाचनतंत्र और किडनी को स्वस्थ रखता है.

6. आंवले के सेवन से बालों का झड़ना काफी हद तक रुक जाता है, यह बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान करता है.

7. कब्ज दूर करने में भी आंवले का सेवन हितकर है. यह डायरिया जैसी बीमारी को दूर करने में काफी फायदेमंद है.

8. दिल को सेहतमंद बनाने के लिए सर्दियों में रोजाना आंवला खाने की आदत डालें. इस से आप के दिल की मांसपेशियां मजबूत होंगी, जिस से दिल शरीर को साफ खून सप्लाई कर पाएगा और आप स्वस्थ रहेंगी.

9. आंवला डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी लाभकारी है. दरअसल, यह क्रोमियम इंसुलिन बनाने वाले सैल्स को ऐक्टिवेट करता है और इस हार्मोंस का काम शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करना होता है.

10. सर्दियों में सुबह नाश्ते में आंवले का मुरब्बा लेने से आप सालभर तंदुरुस्त बनी रहेंगी.

ये भी पढ़ें- अगर बच्चा करता है बिस्तर गीला तो ऐसे करें इलाज

हैल्थ के लिए फायदेमंद है नैचुरल स्वीटनर

आप ही सोचिए अगर आप अपने फ्रैंड्स के बीच में बैठे हों और वहां अपने मोटापे के कारण आप अपनी मनचाही चीज नहीं खा पा रहे हैं तो आप को कितना बुरा लगेगा. ऐसी स्थिति में आप न फंसे इस के लिए जरूरी है शुरुआत से ही अपने वजन को कंट्रोल करने की और यह तभी संभव है जब आप अपनी डाइट में पौष्टिक तत्वों की मात्रा बढ़ाएं और वसा व शुगर की मात्रा को घटाएं.

वैसे तो आजकल मार्केट में सप्लिमैंट्स व आर्टिफिशियल सप्लिमैंट्स स्वीटनर्स की बाढ़ आई हुई है लेकिन जो बात स्टीवोकल नैचुरल स्वीटनर में है वो किसी और में नहीं. क्योंकि यह नैचुरल होने के साथसाथ सेहत के लिए भी काफी लाभदायक होता है.

क्या है स्टीवीओकल

नैचुरल स्वीटनर है जिस में जीरो कैलोरी है. यह स्टीविया पौधे से बना होने के कारण नैचुरल है जो इस के फायदे को और बढ़ा देता है. साथ ही टैस्ट भी ऐसा जो आप को चीनी की कमी महसूस ही नहीं होने देता.

जहां चीनी डायबिटीज व मोटापे का कारण बनती है वहीं स्टीवीओकल इसे कंट्रोल कर आप को हैल्दी बनाए रखने का काम करती है जो सब से जरूरी है. क्योंकि अगर हैल्थ बिगड़ी तो उस का असर हमारी दिनचर्या पर पड़ेगा ही.

ये भी पढ़ें- हार्ट प्रौब्लम्स के लिए बेस्ट एक्सरसाइज है गाने सुनना

नैचुरल स्वीटनर स्टीवीओकल बड़ा फायदेमंद

स्टीविया पौधे से बना होने के कारण यह नैचुरल होने के साथ काफी लाभकारी हो जाता है, जिसे आप अपनी मनपसंद स्वीट डिशेज में डाल कर उस के स्वाद को कई गुना बढ़ा सकते हैं, जिस से आप फिट भी रहते हैं और टेस्ट भी मिल जाता है.

कैसे हैं फायदेमंद

  • चीनी और अन्य आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के मुकाबले में नैचुरल स्वीटनर में जीरो कैलोरी होती है.
  • स्टीविया पत्तियों से बना होने के कारण यह पूरी तरह प्राकृतिक है.
  • डायबिटीज होने की स्थिति में ब्लड शुगर लैवल को कम करने में कारगर.
  • उच्च तापमान पर भी पकाने के लिए उपयुक्त.
  • इस में किसी तरह के आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल नहीं होने के कारण यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद है.
  • टेस्ट भी बेहतर होने के कारण इसे ऐक्सैप्ट करना बहुत आसान.

स्टेविया क्या है

स्टेविया एक पौधा है जो उत्तर और दक्षिण अमेरिका के उष्ण कटिबंधीय भागों में उगता है. इस में फाइबर, प्रोटीन, लोहा, पोटेशियम, मैग्नीशियम, सोडियम, विटामिन ए व विटामिन सी होने के कारण यह काफी लाभकारी होता है. और जिस में भी इसे मिलाया जाता है उस के गुण कई गुना बढ़ जाते हैं.

आप को बता दें कि सब से पहले स्टीविया को 1971 में स्वीटनर के रूप में स्वीकृत किया गया था जब वहां पर एसपारटेम और सुक्रोज बैन हो गया था. विश्व में 2016 तक 5000 प्रोडक्ट्स में स्टीविया का इस्तेमाल होने लगा था. और अब तो 100 देशों में यह स्वीकृत हो गया है.

स्टीविया में रिबोडियोसाइड ए जो चीनी से 300 गुणा और स्टीवियोसाइड जो चीनी से 250 गुणा मीठा होता है.

क्यों स्टीवीओकल ही

इस में रिबोडियोसाइड ए होने के कारण यह चीनी से कहीं अधिक मीठा होता है जिस में जीरो कैलोरी होने के कारण यह डायबिटीज के मरीजों, मोटापे से ग्रसित लोगों व हैल्थ कौंशियस लोगों के लिए फायदेमंद है.

इसे गरम करने पर कोई विघटन नहीं होता.

इस के सेवन से गैस व डायरिया की समस्या उत्पन्न नहीं होती जो अकसर आर्टिफिशियल शुगर लेने से होती है.

ये भी पढ़ें- सेहत और स्वाद के रंग

ये भी जानें

चीनी: ये नैचुरल होने के साथ इस में कैलोरीज बहुत ज्यादा होती हैं.

सुक्रोज: ये चीनी के क्लोरोनेशन से पैदा होता है जिस में कैलोरी नहीं होती.

एसपारटेम: ये सिंथेटिक और फेनिलामाइन और सिंथेटिक एसपारटी ऐसिड से मिल कर बनता है जिस में कैलोरी नहीं होती.

स्टीविया: ये नैचुरल होने के साथ इस में जीरो कैलोरी होती है, जो हमारे ब्लड शुगर लैवल को कंट्रोल कर हैल्दी लाइफस्टाइल रखने में मदद करता है. बच्चों से ले कर प्रैग्नैंट वूमन तक बिना डरे इस का इस्तेमाल कर सकती है. तो फिर सोचना क्या अपनी डाइट से शुगर को कट कर जीरा कैलोरी को अपनाएं.

वजन कम करने के लिए करें घी का सेवन

घी को लेकर लोगों के मन में एक आम धारणा है कि इसका सेवन करने से इंसान मोटा होता है. पर असल बात ये है कि इससे ना सिर्फ मोटापा कम होता है बल्कि आपके पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखता है.

इस खबर में हम आपको घी से होने वाले स्वास्थ्य फायदों के बारे में बताने वाले हैं.

दूर रहता है कब्ज

कब्ज की समस्या में देशी घी काफी असरदार होता है. इससे कब्ज जैसी बीमारियां दूर होती हैं. घी का सेवन करने से शरीर के विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं और व्यक्ति को कब्ज की शिकायत नहीं रहती है.

ये भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी के बाद बढ़े वजन को ऐसे करें कम

मजबूत रहती हैं हड्डियां

घी में विटामिन के2 की मात्रा होती है, जिसकी मदद से आपकी हड्डियों तक कैल्शियम पहुंचता है. जानकारों की माने तो इसमें कई ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो हड्डियों के लिए जरूरी तरल पदार्थ का निर्माण करते हैं, जिससे जोड़ मजबूत होते हैं.

त्वचा और बालों का रखे ख्याल

देसी घी से रोजाना फेस की मसाज करने से त्‍वचा की खोई नमी वापस आ जाती है. जिसकी वजह से त्‍वचा का रूखापन खत्म होकर त्वचा की कांति बढ़ जाती है.

मोटापा दूर करता है घी

घी का सेवन करने से मोटापा दूर होता है. देशी घी में सीएलए होता है जो शरीर की मेटाबौलिज्म को ठीक रहता है. इससे वजन कंट्रोल में रहता है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि गाय के घी में कोलेस्ट्रोल नहीं होता. यह शरीर में जमे, जिद्दी फैट को पिघलाकर मेटाबोलिज्म बढ़ाने में मदद करता है. जिसकी वजह से व्यक्ति मोटापे का शिकार नहीं बनता.

ये भी पढ़ें : महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है बांझपन, ऐसे करें इलाज

संतुलित रहते हैं हार्मोन्स

देशी घी में विटामिन A, विटामिन K2, विटामिन D, विटामिन E जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं. ये तत्व शरीर के हार्मोंस को संतुलित रखने में काफी मददगार होते हैं. यही वजह है कि जानकार गर्भवती स्त्रियों और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए घी का सेवन करने की सलाह देते हैं.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें