दीपिका-रणवीर से सीखें परफेक्ट रिलेशनशिप टिप्स

बौलीवुड में कईं ऐसी कपल्स हैं जो एक अच्छे रिलेशनशिप की निशानी है. उन्हीं जोड़ियों में लोगों के बीच पौपुलर जोड़ी दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की है. दोनों की कुछ महीनों पहले ही शादी हुई है. दीपिका-रणवीर की जोड़ी इंडिया में ही नही विदेशों में भी पौपुलर है. दोनों की मुलाकात 6 साल पहले फिल्म रामलीला के सेट पर हुई थी, जिसके बाद भी दीपिका और रणवीर दोनों की बौंडिग कायम है. अगर आप भी दीपिका-रणवीर की तरह अपने रिलेशनशिप को मजबूत बनाना चाहते हैं तो ये टिप्स आपके काम आएंगी.

एक-दूसरे की फैमिली में इंटरेस्ट रखना है जरूरी

दीपिका और रणवीर के रिलेशन की बात करें तो दोनों एक दूसरे की फैमिली में इटरेस्ट दिखाते हैं. वक्त निकाल कर अपने पार्टनर के दोस्तों और परिवार वालों से मिलते हैं और अगर आप भी अपने रिलेशनशिप को मजबूत बनाना चाहते हैं तो एक-दूसरे की फैमिली को अपने घर पर इनवाइट करते रहें. इससे आपके सोशल और फैमिली रिलेशन भी मजबूत होंगे. साथ ही, रिश्ते में एक नया विश्वास भी आएगा.

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टाइम बीतने के बाद भी करें पार्टनर की केयर

अगर आप भी शादी या रिलेशनशिप के कईं साल बीत जाने के बाद अपने पार्टनर की केयर करना कम कर देतें हैं तो ऐसा बिल्कुल न करें. यह न भूलें कि प्यार की बुनियाद अट्रेक्शन है. इसलिए दीपिका और रणवीर की तरह अपना अट्रेक्शन पार्टनर के लिए हमेशा बनाए रखें. अक्सर जब आप किसी के प्यार में पड़ते हैं तो उसकी कोई आदत आपको बहुत अच्छी लगी होती है. लेकिन कुछ वक्त बाद रिश्ते की पेचीदगियों में आपके पार्टनर की वो आदत खो जाती है. ऐसी ही कोई पुरानी आदत अपने पार्टनर को याद दिलाएं. यकीन मानिये उस आदत के साथ आपका पुराना प्यार भी वापस आ जाएगा.

पार्टनर को दें टाइम

आमतौर पर लोग सफल शादी के लिए फाइंनेशल कंडीशन का सही होना मानते हैं और ऐसा कहीं हद तक ठीक है, लेकिन पार्टनर को टाइम देना भी एक अच्छे रिलेशनशिप को कायम करने में मदद करता है.  पार्टनर यदि एक-दूसरे के साथ समय बिताएंगे तो ही वे अधिक से अधिक खुश रह पाएंगे. रिलेशनशिप में आ जाने के बाद आपकी जिम्मेदारियां समाप्त नहीं हो जाती, बल्कि और बढ़ जाती हैं. ऐसे में आप दोनों के बीच का प्यार कहीं खो न जाए, इसके लिए प्रयास करते रहें. कभी कोई फिल्म तो कभी कैंडल लाइट डिनर को अपनी दिनचर्या में जगह में दें. अपने पार्टनर को कोई तोहफा लाकर दें. कभी कोई लेटर लिखें या फिर कार्ड भिजवाएं.

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एक-दूसरे की सोच का करें सम्मान

कई बार किन्ही कारणों से पार्टनर एक-दूसरे के विपरीत होने और अलग विचार होने के कारण आपस में सौहार्द नहीं बना पाते.  शादी के बंधन में बंधने से पहले ऐसी बातों पर उनका ध्यान नहीं जा पाता. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि दोनों को एक-दूसरे की सोच और विचारों का सम्मान करते हुए एक दूसरे को समझना. कुछ लोगों की अपने पार्टनर से शिकायत होती है कि वो उनकी बात ठीक से नहीं सुनते. या उनके पास उनकी बात सुनने के लिए वक्त नहीं होता. आपका पार्टनर जो भी कहे, उसे ध्यान से सुनें. अगर आपके पास उस समस्या का कोई हल ना भी हो तो उन्हें अहसास दिलाए की आप उन्हें समझ सकते हैं.

कईं बार अपने पार्टनर की नापसंद और पसंद का ख्याल रखना भी जरूरी होता है. इसीलिए अगर आपको कोई चीज न पसंद हो और आपके पार्टनर को वो चीज पसंद है तो उनकी च्वौइस का सम्मान करें. इससे आपके रिलेशनशिप में फ्रैशनेस बनी रहेगी.

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देवरानी-जेठानी के दिलचस्प रिश्ते….

आज हम बात करेंगे उस रिश्ते की जो काफी नाजुक होता है. ऐसा रिश्ता जिसमें समझदारी होना बहुत आवश्यक है…वो रिश्ता है देवरानी और जेठानी का….ये रिश्ता बिल्कुल वैसा ही है जैसा सब्जी में नमक और मिर्च का होता है. इस रिश्ते को निभाना उतना भी आसान नहीं है क्योंकि जब दो अलग-अलग परिवार की लड़की एक ही जगह पर आकर बहू बनती है और उनके बीच देवरानी और जेठानी का रिश्ता बनता है तो अलग-अलग महौल की इन बहुओं को एक साथ ,सामंजस्य बिठाना मुश्किल होता है.

आज लगभग हर धारावाहिकों में इन रिश्तों में मिर्च-मसाला लगाया जाता है और दर्शक यही देखकर काफी इन्जौय भी करते हैं.जेठानी और देवरानी एक दूसरे के खिलाफ साजिशें रचती नजर आती हैं तो कभी एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगी रहती हैं. कभी दोनों में गहनों को लेकर भेदभाव होता है ,तो कभी घर की जिम्मेदारी को लेकर और सबसे ज्यादा तो ये देखकर जलन होती है कि अरे उसके पास मुझसे अच्छी साड़ी कैसे……हालांकि ये तो हुई धारावाहिकों की बात. असल जिंदगी ऐसी नहीं है लेकिन काफी हद तक इससे मिलती है.

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जब एक लड़की शादी करके नए घर में जाती है तो काफी घबराई हुई होती है कि पता नहीं कैसे वो सारे रिश्ते निभाएगी और पता नहीं कैसा परिवार मिलेगा. पता नहीं सास कैसी होंगी,और सबसे ज्यादा तो इस बात से घबराई हुई होतीं हैं कि पता नहीं ननद और जेठानी कैसी होंगी और जेठानी भी सोचती है की देवरानी पता नहीं कैसी होगी?ये सारे सवाल का जवाब तब मिलता है जब वो लड़की उस घर में कुछ दिन बिता लेती है. अगर देवरानी और जेठानी शुरू से ही अपने रिश्ते को अच्छ से निभाती हैं, एक-दूसरे के साथ समन्वय और सामंजस्य बिठा कर चलती हैं तो रिश्ते में खटास नहीं होती है बल्कि मजबूत रिश्ता बनता है.

कभी-कभी जब देवरानी वर्किंग वुमन होती है और जेठानी हाउसवाइफ होती है तो जेठानी के मन में जलन की भावना पैदा होती है कि वो तो घर के काम नहीं करती मैं ही सब करती हूं. दिनभर बाहर मस्ती में रहती है और घर वालों के ताने सहूं,उनके काम करूं.इस तरह की भावना उसके मन में पैदा होती है और तो और वो सास से देवरानी की चुगली भी करती है साथ ही देवरानी के खिलाफ सास के कान भरती है. देवर और भाभी का रिश्ता थोड़ा हंसी-मजाक वाला होता है लेकिन कभी-कभी देवरानी इसको शक के घेरे में खड़ा करके उस रिश्ते को खराब कर देती है.

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आइए आपको बताते हैं कि कैसे इस देवरानी और जेठानी के रिश्ते को अच्छा बना सकते हैं……

  1. देवरानी को छोटी बहन की तरह मानना चाहिए,इससे कभी भी रिश्ते में खटास पैदा नहीं होगी और देवरानी भी जेठानी की इज्जत करेगी.
  2. कभी-कभी भी मन में जलन की भावना पैदा नहीं करनी चाहिए क्योंकि कुछ चीजें अगर देवरानी के पास अच्छी हैं तो कुछ जेठानी के पास. जो है उसमें खुश रहना चाहिए.
  3. सास से कभी भी एक-दूसरे की बुराई नहीं करनी चाहिए….अपने मतभेद आपस में ही मिटा लो तो ज्यादा अच्छा होगा.
  4. काम हमेशा मिल बांट कर करना चाहिए.अगर देवरानी या जेठानी में से कोई भी वर्किंग वुमन है तो एक-दूसरे का सर्पोट करना चाहिए.
  5. आपस में कभी मेरा तुम्हारा की भावना नहीं आने देना जो है सब पर सब का अधिकार होना. मिलजुल कर रहना.

ये सभी तरीके एक देवरानी और जेठानी के रिश्ते को अच्छा बनाते हैं….

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सास करती हैं बहुओं में भेदभाव…..

शायद ये सुन कर आपको हैरानी हो और थोड़ा अजीब लगे लेकिन आज भी समाज में ससुराल में बहुओं के साथ भेदभाव होता है.इसमें कोई दोराय नहीं कि सास और बहू के बीच में नोक-झोंक न हो. कहीं पढ़ा था मैंने कि बेटी अगर चीनी है जिसके बिना जिंदगी में कोई मिठास नहीं,तो बहू नमक है जिसके बिना जीवन में कोई स्वाद नहीं. अक्सर सास और बहू के रिश्तों में खटास सी पैदा हो जाती है….इसका एक सबसे बड़ा कारण हैं सासों का यह मानना कि बहू तो बहू होती है और बेटी…बेटी होती है..हालांकि कुछ प्रतिशत ऐसी सासें हैं जो बहू को केवल बेटी का दर्जा देते ही नहीं हैं बल्कि उसको बेटी मानती  भी हैं. सास बहू के रिश्तों में और भेदभाव के कुछ कारण हैं…..

1. बहू को सिर्फ एक बहू के नजरिये से देखना

सास का ये मानना की बहू कभी बेटी नहीं बन सकती है. बहू को सिर्फ एक बहू के नजरिये से देखना. कभी उसके साथ बेटी जैसा बर्ताव न करना. बहुएं घर का सारा काम करती हैं साथ अपने पति के जरूरतों का भी खयाल रखती हैं. ऐसे में ये जरूरी है कि सास अपने बहू को बेटी के समान रखें ताकि बहू भी उतनी ही इज्जत दें सास को जितनी वो अपनी मां को देती हैं.

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2. दूसरा भेदभाव का सबसे बड़ा कारण है दहेज.. 

दूसरा भेदभाव का सबसे बड़ा कारण है दहेज.. अगर कई बहुएं होती हैं तो अक्सर सास उस बहू को ज्यादा तवज्जों देती हैं जो ज्यादा दहेज लाती है और अपने सास की चकचागिरी करती हैं. सास को लगता है कि उसके लिए ज्यादा दहेज वाली बहू ही अच्छी होती है. इसलिए बाकी बहुओं को ज्यादा तवज्जों न देकर भेदभाव करती हैं.

3. अक्सर सासें ये सोचती हैं कि उनका बेटा कितना बदल गया है

अक्सर सासें ये सोचती हैं कि उनका बेटा कितना बदल गया है. शादी के बाद सिर्फ अपनी पत्नी पर ध्यान देता है और उसी के बारे में सोचता है मेरी तो सुनता ही नहीं है. एक ये सोच भी सास को भेदभाव की दहलीज तक ला ही देता है जब सास बेटी और बहू में भेदभाव करती हैं.

4.अगर बहू वर्किंग वुमन है तो 

अगर बहू वर्किंग वुमन है तो वो शादी के बाद भी अपना काम जारी रखती है जिसके चलते वो घर के कामों में ज्यादा योगदान नहीं दे पाती तो बाकी की बहुओं को सास से उसकी चुगली करने और कान भरने का मौका मिल जाता है. आजकल सास,बहु और सस्पेंस जैसी कहानी केवल धारावाहिकों में ही नहीं बल्कि असल जिंदगी में भी दिखती है.

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हम एक उदाहरण से ये समझ सकते हैं कि इंदिरा गांधी को  पूरब और पश्चिम का मिश्रण बहुत पसंद था इसलिए उन्होंने अपने एक बहू को मानेकशौ से कार्डन ब्लू बनाना सीखने के लिए भेजा तो दूसरी बहू सोनिया गांधी को हिंदुस्तानी सीखने के लिए भेजा.लेकिन कहा जाता है कि इंदिरा गांधी मेनका से ज्यादा सोनिया गांधी को चाहती थी. मतलब उस वक्त भी भेदभाव था और आज तो है ही. अगर बहू सेवा न करे तो बूरी बन जाती है सास के नजरों में भले ही घर के सारे काम करती हो और सास को आराम देती हो,  लेकिन आज समाज को आइना देखने की जरूरत है. सासों को बदलने की जरूरत है…जब तक वो अपनी बहू को बेटी नहीं मानेंगी और बाकी बहुओं से तुलना करना बंद नहीं करेंगी तब तक उनको भी वो प्यार और अपनापन नहीं मिल पाएगा जो एक बहू से मिलना चाहिए…क्योंकि वक्त है बदलाव का….

Edited by Rosy

खाएं ये 4 फूड और झुर्रियों से रहें हमेशा दूर…

बढ़ती उम्र में भी खूबसूरत दिखना सबको अच्छा लगता है. पर जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपकी त्वचा लूज होती जाती है और चेहरें पर फाइन लाइन यानी झुर्रियां आ जाती हैं. पर अगर आप बढ़ती उम्र में भी जवान दिखना चाहते हैं, तो वैज्ञानिकों ने आपके सवाल का जवाब ढूंढ लिया हैं.

वैज्ञानिकों ने एक प्रोटीन की पहचान की है जो स्किन सेल्स को बढ़ाती है, जो आपके स्किन टिशूज को फिट रखने के लिए ममद करती है. यह प्रोटीन कमजोर कोशिकाओं को मिटाता है.

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प्रोटीन हैं आपके लिए वरदान

प्रोटीन आपकी त्वचा को युवा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए प्रोटीन से भरे आहार का सेवन करना महत्वपूर्ण है. यहां, 4 फूड आइटम्स हैं जिन्हें आपको अपने खाने में शामिल करना चाहिए ताकि आप अपनी फाइन लाइन यानी झुर्रियां को कम कर सके.

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1.साल्‍मन मछली का करें सेवन

यह सबसे आम समुद्री साल्मन मछली है. जो आमतौर पर  सभी मांसाहारी लोग खाते हैं. ओमेगा-3 फैटी एसिड के साथ समृद्ध होने के अलावा, यह चिकन के बराबर प्रोटीन और न्यूट्रिएंट्स को आपके शरीर में पहुंचाता है. 100 ग्राम साल्‍मन में 20 ग्राम प्रोटीन होता है.

2.कोलेजन प्रोटीन है फायदेमंद

कोलेजन आपके शरीर के अंदर एक प्रोटीन है जो आपकी त्वचा को संरचना प्रदान करता है. इसमें प्रोलिन, ग्लाइसिन और आर्जिनिन जैसे अमीनो एसिड होते हैं जो आपके शरीर के कनेक्टिव टिशूज को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. आप बाजार में आसानी से इस प्रोटीन के पूरक पा सकते हैं, लेकिन इस प्रोटीन का सेवन करने से पहले आपको एक फूड स्पेशलिस्ट से राय लेनी चाहिए.

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3.ड्राई फ्रूट खाना है जरुरी

बादाम और अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट प्रोटीन का एक बहुत सोर्स हैं. अगर आप 50 ग्राम बादाम का खाते हैं, तो आपको 10 ग्राम प्रोटीन मिलेगा. इसके अलावा, बादाम आपके कोलेस्ट्रौल के स्तर को मैनटेन करने में मदद करता हैं जो हृदय से संबंधित समस्याओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

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4.एवोकाडो है स्किन के लिए असरकारक

एवोकाडो को सुपरफूड माना जाता है जो फाइटोकेमिकल्स और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को ले जाता है, जो आपको उम्र बढ़ने में मदद करते हैं. एवोकाडोस 73% पानी, 15% वसा, 8.5% कार्बोहाइड्रेट और 2% प्रोटीन से बना है.

झप्पी के हैं 7 फायदे

मीठी सी झप्पी रिश्तों को बदलने का माद्दा रखती है. यह बात अलग है कि उस के पीछे कोई साजिश या राजनीति न हो. कुछ अरसा पहले राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झप्पी खूब खबरों में रही. संसद के मानसून सत्र के अविश्वास प्रस्ताव की बहस के दौरान राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को जादू की झप्पी दी. राहुल ने भाषण के बाद यकायक मोदी की सीट के पास जा कर उन्हें गले लगा लिया. यह बात अलग है कि बाद में इस का राजनीतिकरण होने लगा. दोनों नेताओं की इस झप्पी ने 2013 में एक पार्टी के दौरान शाहरुख और सलमान की जादू की झप्पी की भी याद दिला दी. इस झप्पी ने फिल्म अभिनेता शाहरुख खान और हर दिल अजीज सलमान खान की 5 साल पुरानी कड़वाहट खत्म कर दी थी. आप जब किसी को गले लगाते हैं, तो सामने वाले को आत्मीयता और हर हाल में साथ देने का संदेश देते हैं. आप दोनों एकदूसरे से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं. इस से रिश्ता तो सुधरता ही है, दूसरे कई तरह के फायदे भी होते हैं. सिर्फ हग करना या गले लगाना ही काफी नहीं. अमेरिका में अनजान लोगों से भी मिलने पर मुसकरा कर ‘आप कैसे हैं’ पूछा जाता है. ऐसी छोटीछोटी बातों में 2 लोगों के बीच अच्छे एहसास जगते हैं और दोनों के चेहरों पर मुसकान आ जाती है. आज की दुनिया में परेशान और व्यस्त तो हर इंसान है पर ऐसे छोटेछोटे प्रयासों से थोड़ा सुकून हासिल किया जा सकता है.

आइए, जानते हैं कि शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए गले लगना और लगाना कितना जरूरी है:

घटता है तनाव

जब एक दोस्त या परिवार का सदस्य किसी तरह के दुखदर्द से गुजर रहा हो तो उसे गले लगाएं. इस तरह किसी को स्पर्श करते हुए सपोर्ट देना उस व्यक्ति के तनाव को घटाता है.

बीमारियों से होता है बचाव

400 एडल्ट्स पर किए गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि वैसे प्रतिभागी जिन के पास बेहतर सपोर्ट सिस्टम था वे कम बीमार पड़े. यही नहीं ऐसे व्यक्ति बीमार पड़े भी तो उन्हें कम तकलीफ हुई.

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दिल की तंदुरुस्ती

गले लगाना आप के दिल की सेहत के लिए भी अच्छा है. एक अध्ययन के तहत शोधकर्ताओं ने 200 लोगों के एक गु्रप को 2 भागों में बांटा. पहले गु्रप में वैसे रोमांटिक पार्टनर थे, जिन्होंने पहले 10 मिनट तक एक- दूसरे का हाथ थामे रखा और फिर 20 सैकंड तक बैठे रहे. पाया गया कि पहले ग्रुप के लोगों के ब्लड प्रैशर लैवल और हार्ट रेट में दूसरे गु्रप की तुलना में अधिक कमी पाई गई. एक खुशनुमा रिश्ता आप के दिल की तंदुरुस्ती के लिए भी जरूरी है.

खुशी के लिए है जरूरी

औक्सीटोसिन हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक हार्मोन है, जिसे वैज्ञानिक कभीकभी कैडल हारमोन भी कहते हैं, क्योंकि इस का लैवल तब बढ़ता है जब हम किसी को गले लगाते हैं, प्यार से स्पर्श करते हैं या फिर किसी के बहुत करीब बैठते हैं. औक्सीटोसिन हमारी खुशी को बढ़ाता है और तनाव में कमी लाता है. अध्ययनों में पाया गया है कि इस हारमोन का महिलाओं पर गहरा असर पड़ता है. जब वे अपने बच्चे को हग करती हैं तो इस का असर बढ़ जाता है. ओक्सीटोसिन ब्लड प्रैशर और स्ट्रैस हारमोन नोरेपिनफ्रीन में कमी लाता है.

डर कम होना

वैज्ञानिकों ने पाया है कि किसी अपने के प्यारभरे स्पर्श का एहसास लो ऐस्टीम वालों के मन में चिंता और भय की भावना घटाता है. एडल्ट इंसान ही नहीं, किसी बच्चे या फिर टैडीबियर जैसे किसी औब्जैक्ट को गले लगाना भी काफी असरकारी होता है.

संवाद का जरिया

ज्यादातर संवाद बोल कर या फेसियल ऐक्सप्रैशंस द्वारा बयां होते हैं. मगर गले लगाना संवाद का ऐसा जरिया है जिसे हर व्यक्ति समझ जाता है. इस गतिविधि से हम सामने वाले को एहसास दिलाते हैं कि वह अकेला नहीं है हम उस के साथ हैं.

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बढ़ता है आत्मसम्मान

बचपन के दिनों में मांबाप द्वारा हमें गले लगाना बताता था कि हम उन के लिए कितने अहम और प्यारे हैं. इसी तरह जब दोस्त और रिश्तेदार अथवा पार्टनर गले लगाता है तो भी हमारा दिल सुकून पाता है. हमें अपने महत्त्वपूर्ण होने का एहसास होता है. हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है.

अच्छी तरह जीने के लिए दिन में कम से कम 4 हग जरूरी हैं. अच्छी ग्रोथ के लिए दिनभर में 12 हग जरूरी हैं. भारत के बड़े शहरों में और दूसरे बड़े देशों जैसे अमेरिका आदि में लोगों को इस एहसास से महरूम रहना पड़ता है. वे व्यस्त जिंदगी जीते हैं. अलग-अलग और तनहा रहते हैं, जबकि जितना ज्यादा हम दूसरों को गले लगाना सीखेंगे उतनी ही अधिक खुशी और सेहत हमें मिलेगी.

अध्ययनों में यह बात साबित हो चुकी है कि गले लगाने की आदत डिप्रैशन, घबराहट और तनाव दूर कर हमें अधिक सेहतमंद और प्रसन्न बनाती है. इस में वह जादू है जो 100 शब्दों से कहीं अधिक प्रभावशाली साबित होता है.

पुरुषों में बढ़ता तनाव: ये 5 टिप्स करेंगे आपकी मदद…

अपने रोजमर्रा के जीवन में  पुरुष अक्सर छोटी-छोटी बातों पर तनाव ले लेते हैं. जो उनकी हेल्थ के लिए हानिकारक तो है ही साथ ही उनके वैवाहिक जीवन के लिए चिंता का सबब बन सकता है. पुरुषों के बीच तनाव की समस्या, इसके लक्षणों की पहचान और इससे कैसा बचा जाए ये हम आपको बताते है.

इन बातों का रखे ध्यान

तनाव पुरुषों के जीवन के लगभग सभी क्षेत्र को प्रभावित करता है, इसलिए जीवनशैली में बदलाव तनाव की समस्या को कम करने में मदद करता है. तनाव के कारण पुरुषों के स्वास्थ्य में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते है जैसे…

1.ब्लड प्रेशर का बढ़ना- 

बढ़ते तनाब के चलते पुरुषों में ब्लड प्रेशर की समस्या आम बात है. हाईपर टेंशन के चलते भी ब्लड प्रेशर में परिवर्तन आता है, जिसके चलते पुरुष ज्यादा गुस्सा और चिड़-चिड़े हो जाते है.

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2.थका हुआ महसूस करना – 

तनाव पुरुषों को शारिरीक रुप से तो कमजोर करता ही है पर मानसिक रुप से भी नुकसान पहुंचाता है. जिसके चलते पुरुष थका हुआ महसूस करने लगते है.

3.दिल तेजी से धड़कना-  

तनाव में घबराहट होना एक आम बात है जिसके चलते आपकी दिल की धड़कन तेजी से बढ़ने लगती है.

4.इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होना-

तनाव, घबराहट होना, हाईपर टेंशन और दिल की धड़कन तेजी से  बढ़ना इन सभी कारणों से इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है.

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लाइफस्टाइल में बदलाव बचा सकता है तनाव से

  • योग और मेडिटेशन का प्रयोग करें, इससे मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार के तनाव दूर करने में मदद मिलती है.
  • तनाव से बचाव के लिए पर्याप्त नींद लें.
  • अपनी परेशानियों को दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें.
  • तनाव को कम करने के लिए आप अपनी पसंद का गाना सुनें.
  • लाफ्टर थेरेपी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

इन सभी टिप्स को फौलो करने से आप तनाव मुक्त रहेंगे.

जब देना हो गर्लफ्रेंड को सरप्राइज, फौलो करें ये 5 टिप्स

एक रिश्ते में अपने साथी से प्यार करना काफी नहीं होता है जब तक आप अपने साथी को इसका एहसास नहीं कराते हैं. रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए प्यार, भरोसा, और सरप्राइज देना बहुत जरूरी होता है. अगर आप अपनी गर्लफ्रेंड को हमेशा सरप्राइज देते हैं तो इससे आपके रिश्ते में नयापन और गहराई बनी रहती है. आप अपनी गर्लफ्रेंड को कभी भी सरप्राइज दे सकते हैं और सरप्राइज का मतलब बस किसी उपहार से ही नहीं है. बहुत से चीजों से आप उन्हें सरप्राइज दे सकते हैं. तो आइए आपको अपनी गर्लफ्रेंड को किन तरीकों से सरप्राइज देना चाहिए बताते हैं.

  1. लव लेटर दें:

ई-मेल और मैसेज करने के बजाय हाथ से लिखे लेटर अधिक रोमांटिक होते हैं. लव लेटर हमेशा से रोमांटिक और विचारशील होते हैं. अगर आप अपने दिल की बात बताने में घबराते हैं या संकोच करते हैं तो उसे लेटर के जरिए बताएं. आपकी गर्लफ्रेंड को यह बात बहुत आकर्षित करेगी. अक्सर ऐसा होता है कि हम कुछ बात कह नहीं पाते. इसलिए उन बातों को लिखकर बताना ज्यादा आसान होता है और गर्लफ्रेंड को स्पेशल भी महसूस होता है.

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  1. बाहर घुमाने लें जाएं:

हमेशा कोशिश करें कि आप अपनी गर्लफ्रेंड के लिए कुछ ऐसा करें जिससे उसके चेहरे पर मुस्कान आ जाएं. उदाहरण के लिए, आप अपनी गर्लफ्रेंड को शौपिंग के लिए ले जा सकते हैं. अगर उसे शौपिंग करना कुछ खास पसंद ना हो तो आप उसे किसी नाटक या कौन्सर्ट में ले जा सकते हैं जो उसे पसंद हो. आप उसे लौन्ग ड्राइव पर भी ले सकते हैं, इससे आपको एक-दूसरे के लिए समय भी मिल जाता है और अपनी बात एक-दूसरे से शेयर भी कर पाएंगें.

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  1. एक फोटो या मेमोरी एलबम बनाएं:

एक ऐसी एलबम बनाएं जिसमें आप दोनों के खास पल मौजूद हो, जिसे देखकर आपकी गर्लफेंड इमोशनल हो जाए. सबसे आसान तरीका यह है कि आप उसे एक साधारण फोटो एलबम दें जिसमें आप दोनों के साथ बिताए हुए पल कैद हों. इसके अलावा आप मेमोरी एल्बम में फोटो के साथ-साथ आपके विचारों और भावनाओं के बारे में भी लिख सकते हैं.

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  1. कुछ अच्छा बनाकर खिलाएं:

अपनी गर्लफ्रेंड के लिए कुछ अच्छा सा बनाकर खिलाना बहुत रोमांटिक होता है, खासकर तब जब आपको बहुत अच्छी कुकिंग आती हो. ऐसा जरूरी नहीं है कि कुछ ऐसा बनाकर खिलाएं जिसमें बहुत मेहनत लगे. अगर प्यार से आप अपनी गर्लफ्रेंड को कुछ सिंपल सा भी बनाकर खिलाएंगें तो वह उसके लिए काफी खास होगा क्योंकि आपने प्यार से उसके लिए ऐसा किया है. अगर आपको उसके पसंदीदा खाने के बारे में पता है तो आप वह भी बना सकते हैं.

  1. उन्हें कौम्प्लीमेंट दें:

किसी भी इंसान को अपनी तारीफ सुनना बहुत पसंद होता है और लड़कियों को तो अपनी तारीफ सुनने में बहुत आनंद आता है. इसलिए अगर आप अपनी गर्लफ्रेंड की तारीफ करेंगे तो उसे अच्छा लगेगा और आपके रिश्ते तो और गहरा करने में आपकी मदद करेगा.

एक अच्छे बौयफ्रेंड में होती हैं ये 5 खूबियां

आज के समय में एक भरोसेमंद पार्टनर का साथ होने का मतलब है कि आप बहुत भाग्यशाली हैं क्योंकि बहुत मुश्किल से ऐसे साथी मिलता है जिस पर आप भरोसा कर सकते हैं. अगर आपको भरोसेमंद बौयफ्रेंड मिला है तो कोशिश करें कि आप उसके भरोसे को बनाकर रखें. ताकि वह हमेशा आपके साथ रहे. एक सच्चे साथी या बौयफ्रेंड का मतलब है कि वह आपका ख्याल रखे, छोटी-छोटी बातों पर आपके साथ खड़ा रहे और आपसे प्यार करें. अगर आपका साथी ऐसा है तो आपकी पूरी जिंदगी बहुत खुशनुमा रहेगी. आइए जानते हैं कि किसी स्पेशल पार्टनर के होने से कैसे आपकी जिंदगी संवर जाती है.

  1. जो आपका ख्याल रखें:

अगर आपका बौयफ्रेंड अच्छा और भरोसेमंद हो तो वह आपके बारे में जरूर सोचेगा और आपका ख्याल भी रखेगा. जब आप प्यार में होते हैं तो आपका साथी आपको स्पेशल फील कराता है. वह आपकी भावनाओं और जज्बातों का ख्याल रखता है. आपके माता-पिता के अलावा आपका पार्टनर ही आपको यह एहसास कराता है कि आप सबसे अलग हैं. पार्टनर के साथ होने से आपको लगता है कि आपके पास कोई है जिसके होते आपको किसी बात के लिए चिंता करने कि जरूरत नहीं होती है.

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  1. वह आपको हमेशा कुछ खास महसूस कराता है:

एक अच्छा साथी आपको हमेशा खुश रखने या अच्छा महसूस कराने की कोशिश करता है. हर छोटे-बड़ें मौकों पर आपको सरप्राइज देकर आपको खुश करता है. चाहें आप दूर हो या पास हमेशा कोशिश करता है कि आपके लिए कुछ ऐसा करे जिससे आपको कुछ खास महसूस हो और आपके चेहरे पर मुस्कुराहत आ जाए.

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  1. आपके हर दुख में आपके साथ रहे:

एक सच्चा साथी हमेशा कोशिश करता है कि वह आपके हर तनाव, दुख और चिंताओं को दूर कर सके और आपको बहुत सारी खुशियां दे सकें. आपको दुख में भी खुश रखने की कोशिश करता है जिससे आप अपने दुख को भूल जाएं चाहे वह आपको कोई जोक सुनाए या आपको गले लगा ले. जब भी आपको कोई परेशानी हो तो हमेशा आपका सहारा बनकर आपके साथ खड़ा रहता है. उसके साथ आप हर दर्द या चिंता भूल जाते हैं.

रिलेशनशिप: गंदी बात नहीं औरत का और्गेज्म

  1. आपको हमेशा कुछ विशेष पल देगा:

एक अच्छा साथी आपको हमेशा कुछ ऐसे पल देने कि कोशिश करता है जो आपके लिए यादगार हो. हमेशा आपको अच्छी-अच्छी जगहों पर ले जाकर आपको कुछ खास महसूस कराता है.

  1. साथ में भविष्य के बारे में सोचेगा:

एक अच्छा और भरोसेमंद साथी हमेशा आपके साथ आने वाले भविष्य के बारे में योजनाएं बनाएगा. हर उस चीज से लड़ेगा जो उसे आपसे अलग करने कि कोशिश करती है. आपके साथ-साथ आपके माता-पिता के बारे में भी सोचेगा.

औफिस में करें प्यार पर छुप छुप कर

उस दिन शमशेर सिंह धीरे से नेहा चौहान के पीछे आकर फुसफुसाया, ‘आज लंच के लिए मेरे केबिन में आइये.’ नेहा ने पहले तो उसको घूर कर देखा और अगले ही क्षण वह पूरे स्टाफ के सामने उस पर बरस पड़ी. तेरी हिममत कैसे हुई… तूने मुझे समझ क्या रखा है… अपनी शक्ल देखी है कभी आइने में… जब से मैंने ये औफिस ज्वाइन किया है उल्लू की तरह आंखें फाड़-फाड़ कर घूरता रहता है… पहले कोई लड़की नहीं देखी क्या तूने…? मजनूं की औलाद, यौन उत्पीड़न का केस कर दूंगी तुझ पर… समझ क्या रखा है तूने मुझे? वगैरह वगैरह. शमशेर सिंह तो उस दिन मारे शर्म के चूहा सिंह बन गये.

अगले चार दिन तक औफिस से गायब रहे. बाद में औफिस आये तो पूरे वक्त अपने केबिन में ही बंद रहने लगे. अपमान, शर्म और तिरस्कार के तीर खाकर उनके प्रेम का उफान पूरी तरह ठंडा पड़ चुका था. कहां गलती हो गयी? शायद जल्दबाजी कर दी मैंने? उसको समझ नहीं पाया? ऐसे ही सवाल उनके दिमाग में चक्कर मारते रहते थे. काम में मन ही नहीं लग रहा था. उधर बौस तक बात पहुंचने से नौकरी पर भी तलवार लटक रही थी. जो तीन-चार दोस्त लंच टाइम में उनके केबिन में आकर साथ खाना खाते थे, वह भी नहीं आ रहे थे, कि कुछ सफाई पेश कर पायें. औफिस में बड़ी अटपटी सी स्थिति हो गयी थी. पहले वो औफिस में नेहा को घूरते रहते थे अब पूरा स्टाफ उन्हें घूर-घूर कर देखता है.

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दरअसल शमशेर सिंह को नेहा चौहान से प्रेम हो गया था. नेहा ने यह औफिस कोई महीना भर पहले ही ज्वाइन किया था. देखने में सुन्दर थी. काम में भी तेज. शमशेर तो देखते ही रीझ गया था. लगा कि कोई उनकी जीवनसंगिनी अगर बन सकती है तो वह बस नेहा ही है. वे दिन-रात उसके सपने में खोये रहते. बिना इस बात को समझे कि नेहा उनके बारे में कुछ पौजिटिव सोचती भी है या नहीं. नेहा ज्यादा किसी से बात नहीं करती थी, हर वक्त बस अपने काम में ही व्यस्त दिखती थी. मगर उसको इस बात का अहसास था कि शमशेर उसको घूरता रहता है. वह अक्सर सामने पड़ने पर नजरें झुका लेती थी. इस बात को शमशेर ने उसकी शर्म समझ ली. मन ही मन शर्मीली लजीली नेहा की कल्पनाएं करता बार-बार अपने केबिन से निकल कर उसकी कुर्सी के आसपास मंडराने लगा. उस दिन मौका पाते ही लंच का औफर दे दिया और तब पहली बार उसने नेहा का असली रूप देखा और अपने बारे में उसके विचार जाने.

शमशेर का प्यार एकतरफा था. वह न तो नेहा को अच्छी तरह जानता था और न ही उसने इस बात की कोई तस्दीक की थी कि नेहा के दिल में उसके लिए कुछ है भी या नहीं? नेहा की छठी इन्द्री ने उसको शमशेर के प्रति पहले ही सचेत कर दिया था. वह जानती थी कि यह व्यक्ति उस पर लगातार नजरें जमाये हुए है. उसको इस बात से शमशेर से चिढ़ हो गयी थी. इसलिए वह उसके सामने पड़ने पर उसे इग्नोर करने के इरादे से नजरें झुका लेती थी. मगर शमशेर ने इसका गलत अर्थ निकाल लिया. औफिस में एकतरफा रोमांस की ऐसी सजा शमशेर को मिली कि वह अवसादग्रस्त हो गया.

वहीं, अभिमन्यु और आरिफा का औफिस -रोमांस ऐसा परवान चढ़ा कि आज न सिर्फ वे अच्छे कलीग हैं, बल्कि अच्छे पति-पत्नी भी हैं. मगर जब तक दोनों की शादी नहीं हो गयी, तब तक उनके औफिस में किसी को भनक तक नहीं लगी कि डेढ़ साल से दोनों का औफिस में रोमांस चल रहा था. डेढ़ साल के लम्बे समय में दोनों ने एकदूसरे को बखूबी जांचा-परखा मगर दूसरों की नजरों से छुप-छुप कर. वे अलग-अलग औफिस आते. लंच टाइम पर अपने-अपने दोस्तों के साथ अलग-अलग खाना खाते. कभी एकदूसरे से बात भी करते थे तो ‘सर’ या ‘मैडम’ के सम्बोधन के साथ, जैसे कि औफिस में अन्य लोग करते थे. छुट्टी के वक्त भी अलग-अलग निकलते मगर दोनों के मिलने की जगह फिक्स थी. औफिस के बाहर वह लम्बे समय तक एक-दूसरे के साथ रहते. वीकेंड साथ बिताते और दो-तीन दिन की छुट्टियां पड़तीं तो आसपास किसी पिकनिक स्पाट या हिल स्टेशन पर चले जाते थे. मगर औफिस टाइम में अगर उन्हें कोई पर्सनल बात करनी होती थी तो वह मोबाइल मैसेज या इंटरनेट चैट के जरिये ही करते थे कभी एक-दूसरे के पास आकर निजी बातें करते उन्हें किसी ने नहीं देखा था.

औफिस में इश्क परवाना चढ़ने के किस्से अक्सर सुनने को मिलते हैं और अब एक सर्वेक्षण के जरिए भी यह बात सामने आयी है. इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि करीब 85 फीसदी लोगों को अपने सहकर्मी के साथ रोमांस में कोई झिझक नहीं है, बशर्ते दोनों के काम जुदा हों. किसी ने ठीक ही कहा है कि प्यार पर किसी का जोर नहीं चलता. प्यार कभी भी, कहीं भी, किसी से भी हो सकता है. लेकिन अगर ये प्यार अपने औफिस के ही किसी कलीग से हो जाए तो ये समझना थोड़ा मुश्किल हो जाता है कि उसके साथ औफिस में कैसा व्यवहार किया जाए.

आज का खुले दिल-दिमाग वाला युवा अपनी पसन्द और स्टेटस के अनुसार अपना जीवनसाथी चुनना चाहता है. घर-परिवार की पसन्द से होने वाली अरेंज मैरिज का सिस्टम अब धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है. अब तो जोड़ियां कौलेज या औफिस में ही बनने लगी हैं. हर औफिस में आपको दीवाने भी मिल जाएंगे और फ्लर्टी भी, जो हर समय लड़कियों से फ्लर्ट करने से नहीं चूकते. वहीं ऐसी लड़कियां भी मिलेंगी जो लड़कों को और खासतौर पर अपने युवा बौस को अपनी अदाओं से रिझाने में लगी रहती हैं. दफ्तरों में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो अपना भावी जीवनसाथी तलाशते रहते हैं. पेशेवर लोगों के 9 से 10 घंटे औफिस में गुजरते हैं. ऐसे में सहकर्मी के प्रति लगाव होना आम बात है. रोमांस करना बुरी बात नहीं है, लेकिन जब बात हो औफिस में रोमांस करने की तो थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत होती है. अकसर औफिस में रोमांस के दौरान लोग कई ऐसी बातों को भूल जाते हैं जिसका उन्हें भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

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वहीं अगर आप अपने रिश्ते को लेकर गम्भीर हैं तो कोशिश करें कि जब तक आप और आपका पार्टनर शादी के निर्णय तक न पहुंच जायें,  किसी को इस बात की खबर ना लगे. आप युवा हैं, शादी लायक हैं, आपको अपने औफिस में ही कोई पसन्द आ रहा है तो औफिस में रोमांस जरूर करिये, मगर कुछ सावधानी के साथ और दूसरों की नजरों से बच कर. हम आपको बताते हैं कि आप अपने कलीग, जिससे आपको प्यार हो गया है, के साथ औफिस में कैसा बर्ताव करें जिससे आप और आपके प्यारे साथी को लोगों के सामने शर्मिंदा न होना पड़े.

इन बातों का रखें ख्याल

आइये जानते हैं कि आफिस में किस तरह से रोमांस किया जाए कि वहां पर मौजूद किसी दूसरे इंसान को जरा सा भी शक ना हो पाए.

–  सबसे जरूरी बात यह जानने की है कि आप जिसे पसन्द करते हैं, वह भी आपको पसन्द करता है कि नहीं. रोजाना की मुलाकात में उसका आपके प्रति व्यवहार, आकर्षण, बात करने का तरीका इस बात का इशारा कर देता है कि वह आपके बारे में क्या धारणा रखता है.

–   औफिस में अपने प्रेमी से चैटिंग या रोमांटिक बातचीत करने के लिए कभी भी कम्पनी द्वारा दिये गये ई-मेल आई डी का प्रयोग ना करें क्योंकि कम्पनी को कभी भी आप पर शक हो सकता है और वह आपसे आपका अकाउंट खुलवा कर कुछ भी चेक कर सकती है.

–  छोटे औफिस में रोमांस करना बड़ा रिस्क होता है. वहां बातें तेजी से फैलती हैं. ऐसे में जरूरी है कि आपके प्रेम के चर्चे किसी तीसरे के कान में न पड़ें.

–  अगर आप नये-नये आफिस में आये हैं, तो कोशिश करिये कि कुछ महीने तक अपना बेस्ट बिहेवियर ही दिखाएं. इसी तरह अगर औफिस में आयी किसी नई लड़की से आपको इश्क हो गया है तो पहले कुछ महीने तक उसके बिहेवियर और पसन्द को समझने और जानने की कोशिश करिये. अगर वह आपमें इंटरेस्टेड होगी तो कोई न कोई संकेत जरूर करेगी. इसके बाद ही आप उससे अपने प्रेम का इजहार करें.

–   औफिस में एक दूसरे से बात करने की बजाये आप दोनों औफिस के बाहर कोई जगह निश्चित कर लें, जहां आप दोनों रोजाना मिल पाएं.

–   औफिस में आपके दूसरे दोस्त भी काम करते हैं, इसलिए यह जरूरी नहीं कि आप हर समय अपने प्रिय साथी के ही पास चिपके बैठे रहें. अन्य साथियों को भी समय दें और अपने काम पर भी उतना ही फोकस करें.

–  अगर आप उससे सीनियर हैं, जिससे आप प्यार करने लगे हैं तो औफिस में उससे एक सीनियर की तरह ही व्यवहार करें. दूसरों के सामने उससे ज्यादा घुलना-मिलना या हंस-हंस कर बात करना ठीक नहीं है, इससे लोगों को शक हो जाएगा और आप दोनों को लेकर अनेक कहानियां  औफिस में सुनायी देने लगेंगी, जो आप दोनों के करियर के लिए ठीक नहीं होगा. एक दूसरे के सम्मान का बराबर ख्याल रखें.

–  अपनी प्यार भरी बातों के लिए किसी तीसरे को मीडिएटर ना बनाएं यानी किसी तीसरे व्यक्ति से अपनी बातें साझा ना करें बल्कि सीधे अपने पार्टनर से बात करें.

–  अपने प्रेम प्रसंग को गलती से भी बॉस तक न पहुंचने दें क्योंकि इससे उन्हें लगेगा कि आप दोनों औफिस के काम के लिए सीरियस नहीं हैं.

–  अच्छा होगा कि औफिस में आप अपने पार्टनर से ज्यादा बात ना करें. साथ ही ब्रेकफास्ट, लंच और टी ब्रेक में भी उनके साथ जाने से बचें.

–   औफिस में जरूरी नहीं कि हर समय आप अपने पार्टनर को सपोर्ट करें. यदि आप ऐसा बार-बार करते हैं तो अन्य सहकर्मी आपके खिलाफ हो जाएंगे या आप दोनों के बारे में बातें बनाने लगेंगे.

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–  भले ही आप दोनों एक दूसरे के प्यार में हो, लेकिन औफिस के माहौल को बनाकर रखें. औफिस में आपका रोमांस और लोगों को परेशानी दे सकता है.

–  आप चाहे काम के प्रति कितने भी सीरियस हैं, लेकिन आपका रोमांस आपकी परफॉरमेंस बिगाड़ सकता है. इसलिए औफिस के दौरान सिर्फ और सिर्फ अपने काम पर ध्यान दें.

–   औफिस के कैफेटेरिया में आप दोनों अकेले बैठने के बजाय ग्रुप में साथ बैठें. इससे आप दूसरों को भी बराबर समय दे पाएंगे.

–  आपने कई बार अनुभव किया होगा कि कुछ लोग फ्लर्टिंग के चक्कर में डबल मीनिंग मजाक करते हैं, ऐसे में आप ध्यान रखें कि ना ही आप किसी से ऐसे मजाक करें और अगर कोई आप से करे तो उसे कोई प्रतिक्रिया ना दें या फिर असहमति जाहिर कर दें. इससे सामने वाला व्यक्ति समझ जाएगा कि आपको उसका मजाक बुरा लगा है. अगर आप पुरुष हैं तो किसी भी महिला से इस तरह के मजाक न करें. इससे आपका अपना किरदार खराब साबित होगा.

–  कलीग से प्यार हो जाए तो औफिस आने का उत्साह दस गुना बढ़ जाता है. वहां अच्छा काम करके तारीफ हासिल करना भी लक्ष्य बन जाता है, क्योंकि इससे आप अपने पार्टनर की नजर में भी चढ़ते हैं, मगर इस अतिउत्साह में अगर आपके प्रेम का पर्दाफाश हो जाए तो बाकी लोग बेकार की गौसिप करने लगते हैं, जिसका नकारात्मक प्रभाव आपके रिश्ते, व्यवहार और काम पर पड़ने लगता है. इसलिए औफिस में रोमांस जरूर करें, मगर चोरी-चोरी, चुपके-चुपके.

इन टिप्स को करेंगे फालौ तो अरेंज मैरिज में मिलेगा लव मैरिज का मजा

भारत में अरेंज मैरिज काफी आम है. हमारी सोसायटी में हर दूसरा व्यक्ति अरेंज मैरिज करता होता है खासतौर पर महिलाएं. माता-पिता ऐसा सोचते हैं कि अरेंज मैरिज अधिक सफल होती हैं. हालांकि, शादी तो आप कर लेते हैं लेकिन उसके बाद जो असहजता होती है, उससे निकलना काफी मुश्किल होता है. किसी भी ऐसे व्यक्ति के साथ रहना जिसे आप ठीक से जानते भी नहीं हैं, ऐसे में असहज होना स्वभाविक है. हालांकि, समय के साथ आप इस रिश्ते और अपने साथी को समझने लगते हैं। अगर आप हाल ही में शादी के बंधन में बंधे हैं या बंधने वाले हैं तो अरेंज मैरिज में भी प्यार लाने के लिए ये टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं.

1. सबसे जरुरी है बात करना…
हर रिश्ते को मजबूत करने और आगे बढ़ाने के लिए संचार एक महत्पूर्ण हिस्सा है. आप जितना अधिक आपस में बाते करेंगे उतने बेहतर तरीके से आप एक-दूसरे को जान और समझ पाएंगे. बात करने के अलावा एक दूसरे की आदतों, पसंद, नापसंद और शौक के बारे में जानना भी जरुरी है. इससे आप उनके बारे में वो सभी जानकारी ले पाएंगे जो आवश्यक है. साथ ही आप अपनी आदतें, पसंद और नापसंद उनके साथ साझा कर पाएंगे.

2. एक-दूसरे में दिलचस्पी दिखाएं…
आपको अपने पति या पत्नी की छोटी सी दुनिया में कदम रखना है तो उसमें शामिल होने की कोशिश भी करें. उनसे जुड़ी चीजों में दिलचस्पी दिखाएं. एक दूसरे के लिए जिज्ञासु होंगे तो आप दोनों अरेंज मैरिज में भी एक दूसरे के बारे में नई चीजें सीख पाएंगे. अगर आप अपने साथी में रुचि नहीं दिखाएंगे तो आपका रिश्ता नीरस हो जाएगा और आप अपनी शादी में प्यार नहीं ढूढ़ पाएंगे.

3. शिकायतें ना करें…
अरेंज मैरिज में जिम्मेदारियां और उम्मीदें अधिक होती हैं साथ ही दोनों पार्टनर पर इस रिश्ते को संभालने का दबाव भी ज्यादा होता है. आपका साथी आपकी हर एक पसंद और नापसंद को साझा कर पाएं, ऐसा जरुरी नहीं है. उसके परिवार और आपके मूल्यों में भी फर्क हो सकता है. खासतौर पर महिलाओं को नए परिवार में जाना होता हैं तो उन्हें बहुत से नए मूल्यों का पालन करना होता है. हो सकता है आपको बहुत सी नई चीजें सीखनी पड़े लेकिन इन सभी बातों को लेकर परेशान ना हो और शिकायतें करना शुरु ना कर दें. अरेंज मैरिज में सामंजस्य बनाना बेहद जरुरी है और इसके लिए आप अपने साथी के साथ चर्चा करें. उनसे बताएं कि कौन सी चीजें आपको चिंतित कर रही हैं और उन्हें किस तरह से सुधारा जा सकता है.

4. प्यार का जादू…
किसी भी रिश्ते में प्यार एक अहम हिस्सा है जो आप दोनों के बीच दूरियों को कम करता है. ऐसा जरुरी नहीं है कि हर किसी को पहली नजर में प्यार हो जाएं. अरेंज मैरिज में सभी चीजें व्यवस्थित होने में समय लग सकता है. धीरे-धीरे आप एक-दूसरे को प्यार करने लगेंगे. अपने साथी को आपकी भावनाएं समझने के लिए समय दें और सोचें कि आप उनके प्यार को कैसे पा सकते हैं. सबसे जरुरी है कि इस दौरान आप धीरज रखें और निराश ना हो.

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