मुझे जानना है कि मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में खानपान की क्या भूमिका है?

सवाल

अवसाद और दूसरे मानसिक विकारों के बढ़ते मामलों को देखते हुए मैं यह जानना चाहती हूं कि मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में खानपान की क्या भूमिका है?

जवाब

पोषक तत्त्वों से भरपूर डाइट का सेवन करें. फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और अच्छी वसा के साथ ही माइक्रो न्यूट्रिएंट्स जैसे मिनरल्स और विटामिंस उचित मात्रा में हों. अगर शरीर में ऊर्जा का स्तर ठीक होगा तो हम डिप्रैशन और ऐंग्जाइटी से बच जाएंगे. जंक और प्रोसैस्ड फूड्स के बजाय घर पर बना सादा खाना खाएं. अपने डाइट चार्ट में फलों, सब्जियों, सूखे मेवों और साबूत अनाज को अधिक मात्रा में शामिल करें. अगर जरूरी हो तो 2-3 महीनों तक मल्टी विटामिन लें, लेकिन उस से अधिक समय नहीं.

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अगले महीने मेरी डिलिवरी है. मैं जानना चाहती हूं पोस्ट पार्टम डिप्रैशन क्या होता है और क्या यह सामान्य है?

जवाब

बच्चे के जन्म के बाद6 सप्ताह तक बेबी ब्ल्यूजया प्रैगनैंसी ब्लूज होना सामान्य है. इस दौरान बहुत ज्यादा हारमोन परिवर्तन होते हैं, इसलिए महिलाएं बहुत अस्थिर महसूस करती हैं. उन्हें रोना आना, चिड़चिड़ापन, परेशान होना, उदासी, रात में नींद न आना, बच्चे को संभालने में परेशानी होना, थकान, स्तनपान कराने में परेशानी होना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस स्थिति को पोस्ट पार्टम डिप्रैशन भी कहते हैं. लेकिन अगर यह स्थिति 6 सप्ताह के बाद भी बनी रहे तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि अगर समय रहते इसे ठीक नहीं कराया जाए तो यह पोस्ट पार्टम डिप्रैशन चलता रहता है केवल इस के रूप बदलते रहते हैं.

-डा. जया सुकुलक्लीनिकल साइकोलौजिस्ट, हैडस्पेस हीलिंग, नोएडा द्य  

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मेरी उम्र 52 साल है और मैं कई बार अपनी चीजें कहीं रख कर भूल जाती हूं

सवाल

मैं 52 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मुझे चीजों को याद रखने में काफी परेशानी हो रही है. मैं कभी अपनी चीजें कहीं रख कर भूल जाती हूं तो कभी मामूली से जोड़घटाव भी बिना कैलकुलेटर के नहीं कर पाती हूं?

जवाब

आप की उम्र 52 साल है. इस उम्र तक अधिकतर महिलाएं मेनोपोज की स्थिति तक पहुंच जाती हैं. इस दौरान हारमोन संबंधी परिवर्तन बहुत अधिक होते हैं. कई महिलाओं में

प्री मेनोपोजल सिंड्रोम बहुत सालों तक चलता है. उस की वजह से ब्रेन फौग, याददाश्त कमजोर होना, मूड स्विंग जैसी समस्याएं होने लगती हैं. शरीर में हारमोनों का स्तर सामान्य बनाए रखने के लिए अनुशासित जीवनशैली का पालन करें. संतुलित व पोषक भोजन का सेवन करें और नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करें. जरूरी चीजों को लिख कर रखें.

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मैंने कहीं डिजिटल डिमेंशिया के बारे में पढ़ा था. मैं जानना चाहती हूं यह क्या होता है और इस से कैसे बचा जा सकता है? 

जवाब

आज हमारे जीवन में गैजेट्स का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है. हमारी इन पर निर्भरता इतनी बढ़ गई है कि हम अपने मस्तिष्क का इस्तेमाल ही नहीं करते. हमें कोई मोबाइल नंबर याद नहीं रहता, हम साधारण से जोड़घटाव भी बिना कैलकुलेटर के नहीं कर पाते हैं. धीरधीरे हमारी काग्नेटिव स्किल यानी सीखनेसम?ाने की क्षमता कम होने लगती है. यही डिजिटल डिमेंशिया है. इस के कारण मस्तिष्क का वह हिस्सा प्रभावित होता है जो याद रखने को ले कर निर्धारित है. इस के शिकार लोगों को जगह और रास्ते याद रखने में परेशानी होना, साधारण जोड़घटाव न कर पाना, चीजों को भूलने जैसी समस्याएं होने लगती हैं. जब जरूरत हो तभी गैजेट्स का इस्तेमाल करें. कुछ चीजों को बिना गैजेट्स के भी करने की आदत डालें. सप्ताह में एक दिन डिजिटल डिटौक्स करें. इस दिन गैजेट्स का इस्तेमाल बिलकुल न करें.

-डा. जया सुकुलक्लीनिकल साइकोलौजिस्ट, हैडस्पेस हीलिंग, नोएडा

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मेरा बच्चा बहुत उदास रहता है, मुझे बताएं क्या बच्चों में भी डिप्रैशन होता है?

सवाल

मेरा 11 साल का बेटा पिछले कुछ समय से बहुत उदास रहता है. मैं जानना चाहती हूं क्या बच्चों में भी डिप्रैशन होता है?

जवाब

बच्चों में ऐंग्जाइटी और डिप्रैशन दोनों के मामले बहुत होते हैं जो उन की पूरी जिंदगी पर प्रभाव डालते हैं और इन के कारण उन का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है. उन की समझ पूरी तरह विकसित नहीं हुई होती है इसलिए वे समझ नहीं पाते कि उन के साथ समस्या क्या है. न ही अपनी परेशानी किसी से साझा कर पाते हैं. बचपन का समय तो बहुत बेफिक्री का होता है. उस में उदासी और परेशानी जैसी समस्याएं सामान्यत: नहीं होती हैं. अगर घर और स्कूल में कोई समस्या नहीं है फिर भी आप का बच्चा उदास है और उस का व्यवहार सामान्य नहीं है तो तुरंत किसी साइकोलौजिस्ट या साइकिएट्रिस्ट को दिखाएं.

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सवाल

मेरे पति पिछले 2 सालों से डिप्रैशन के शिकार हैं. डाक्टर ने उन्हें काउंसलिंग के साथ कुछ दवाइयां भी दी थीं, लेकिन कुछ दिनों से वे मैडिसिन नहीं ले रहे हैं. क्या करूं?

दवाइयां बीच में बिलकुल नहीं रोकनी चाहिए. उपचार पूरा न कराने से बहुत ज्यादा नुकसान होता है. डिप्रैशन के लक्षण गंभीर हो जाते हैं और दूसरे मानसिक विकारों का खतरा भी बढ़ जाता है. दवाइयां छोड़ने के कुछ दिन बाद तक तो मरीज सामान्य महसूस करता है लेकिन फिर से उस में घबराहट, बेचैनी, रोने का मन करना और आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं. अपने पति को दवाइयां लेने के लिए समझाएं. अगर वे आप की बात नहीं मानें तो उन की फिर से काउंसलिंग कराएं.

सवाल

मैं 38 वर्षीय घरेलू महिला हूं. 2-3 महीनों से मेरा घर से बाहर निकलने का मन ही नहीं करता. मैं हंसना और खुश रहना चाहती हूं, लेकिन ऐसा कर नहीं पा रही हूं. कृपया कोई हल बताएं?

अधिकतर लोगों का अपनी भावनाओं पर काबू नहीं होता, यह बहुत सामान्य है. लेकिन थोड़े से प्रयास से अपने व्यवहार में बदलाव लाना संभव होता है. अगर आप का अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं है तो व्यवहार में बदलाव लाएं. व्यवहार बदलने से भावनाओं को बदलना संभव होता है. आप एक अनुशासित जीवनशैली का पालन करें, नियत समय पर सोएं, उठें और खाएं, पीएं. रोज 20-30 मिनट अपना मनपसंद वर्कआउट करें. इसे घर में करने के बजाय पार्क या अपने घर के टैरेस पर करें. वीकएंड पर गैजेट्स का इस्तेमाल न करें या बहुत जरूरी हो तभी करें. अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं.

डा. जया सुकुल

क्लीनिकल साइकोलौजिस्ट, हैडस्पेस हीलिंग, नोएडा 

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मेरे बौयफ्रैंड की शादी हो गई लेकिन वह दोबारा रिलेशन में आना चाहता है, कोई उपाय बताएं

सवाल

मेरा बौयफ्रैंड मुझे बहुत प्यार करता था लेकिन परिवार के दबाव के कारण उसे दूसरी जगह शादी करनी पड़ी. मैं अभी तक उस का प्यार नहीं भुला पा रही हूं. अब शादी के बाद उस ने फिर से मुझे अप्रोच करना शुरू कर दिया है. कहता है, हम अच्छे दोस्त तो रह सकते हैं न. मुझ से अपनी मैरिड लाइफ की प्रौब्लम शेयर करने लगा है. एक दिन तो घर भी आ गया जब मैं अकेली थी. मुझ से फिजिकल होने की कोशिश करने लगा. मैं भी कमजोर पड़ने लगी थी लेकिन अचानक घर की घंटी बज गई और मैं संभल गई. ठीक है कि मैं अभी भी उसे भुला नहीं पाई हूं लेकिन अब उस के साथ रिलेशन रख कर मैं उस की बीवी के साथ धोखा नहीं कर सकती. बौयफ्रैंड कहता है कि उस से बहुत बड़ी गलती हो गई शादी कर के. मेरे सामने रोता है. पुरानी बातें याद दिलाता है. तलाक लेने की बातें कहता है. समझ नहीं आ रहा मुझे कि मुझे क्या निर्णय लेना चाहिए. लाइफ उलझ रही है. मैं किसी झंझाट में पड़ना नहीं चाहती. आप ही मुझे कोई रास्ता सुझाएं.

जवाब

आप के बौयफ्रैंड में हिम्मत होती तो वह पहले ही दूसरी जगह शादी न करता, अपनी बात पर डटा रहता और आप से शादी करता. घरवाले आप दोनों की शादी के खिलाफ थे तो शादी न करने का फैसला लेता, न कि दूसरी जगह शादी कर के आप के सामने अब घडि़याली आंसू बहाता. दरअसल वह अब आप को बहका रहा है. वह आप के शरीर से खेलना चाहता है.

आप अपनी लाइफ को क्यों उलझ रही हैं. बौयफ्रैंड से साफ कह दें कि अब आप से कोई रिश्ता रखना नहीं चाहती. वह अपनी गृहस्थी पर ध्यान दें. आप के सामने आ कर अपना दुखड़ा न रोए. शादी कर ली है तो उसे निभाए. आप का ध्यान अब छोड़ दे. आप को सख्त रुख अपनाना होगा. उस से बात करना बिलकुल बंद कर दें. मोबाइल नंबर ब्लौक कर दें. सख्त हिदायत दे दें कि आप के घर आने की अब हिम्मत न करे.

आप को हम यही राय देंगे कि अब अपनी लाइफ को नए सिरे से देखने की कोशिश करें. अपनी शादी के बारे में सोचिए. अच्छा लाइफपार्टनर मिल जाएगा तो लाइफ अपनेआप सुखमय रहेगी.

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मैं जिस लड़के से प्यार करती हूं उसे खोना नहीं चाहती, मुझे कोई उपाय बताएं

सवाल 

मैं 12वीं में पढ़ती हूं, अगले साल एग्जाम्स के बाद कालेज में जाने की तैयारी शुरू हो जाएगी. मेरा स्कूल में बौयफ्रैंड है, मैं आर्ट स्टूडैंट हूं और वह साइंस का. वह बहुत एंबीशियस है. लाइफ में बहुतकुछ करना चाहता है. कहता है वह यह सब इसलिए भी चाहता है क्योंकि मुझ से बहुत प्यार करता है और मुझे लाइफ की सारी खुशियां देना चाहता है. मैं भी उसे बहुत प्यार करती हूं, जानती हूं कि स्कूल के बाद हायर स्टडीज के लिए हम दोनों अलगअलग हो जाएंगे. डरती हूं कि दूर जा कर? कहीं वह मुझ से दूर हो गया तो? उसे कोई और लड़की पसंद आ गई तो? मैं उसे किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती, बहुत प्यार करती हूं उस से. मैं ने हम दोनों को ले कर कितने सपने देखे हैं. उस से दूर होने की बात सोच कर ही दिल बैठ जाता हैं. यही सोचसोच कर आजकल मैं बहुत बेचैन रहने लगी हूं. पढ़ाई में भी दिल नहीं लग रहा. मम्मीपापा मेरी हालत देख कर परेशान हैं. उन्हें कुछ बताना नहीं चाहती, अभी कुछ भी. जानती  हूं, वे यही कहेंगे कि अभी पढ़ाई पर ध्यान दो. प्लीज, मुझे गाइड करें कि मैं कैसे अपने मन को समझऊं?

जवाब

आप की बातों से स्पष्ट है कि आप समझदार हैं, स्थितियों को समझती हैं. दूसरे, आप जैसे स्कूलगोइंग बच्चों को हमारी सलाह हमेशा से यही रही है कि यह उम्र कैरियर बनाने की, पढ़नेलिखने की होती है. इस का मतलब यह हरगिज नहीं कि प्यार करना गलत है. बिलकुल नहीं. लेकिन प्यार में होश नहीं खोना है.

आप का बौयफ्रैंड भी समझदार है, लाइफ में कुछ बनना चाहता है. आप भी पढ़ाई में ध्यान लगाइए और कैरियर की तरफ फोकस कीजिए. दूर रह कर भी रिश्ते निभाए जा सकते हैं. आप दोनों को एकदूसरे पर भरोसा है तो क्यों घबरा रही हैं. प्रेम है तो दूरियों के बावजूद भी रिश्ता मजबूत बना रहेगा. प्यार नहीं हो तो पास रह कर भी दूरियां आ जाती हैं.

आप को तो बौयफ्रैैंड को लाइफ में और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए. इस से आप दोनों का फ्यूचर ब्राइट होगा. चिंता में अपना टाइम बरबाद मत कीजिए. खुश रहिए और पढ़ाई में ध्यान दीजिए. यह आप ने पढ़ा ही होगा कि यदि आप किसी से प्यार करते हैं तो उन्हें आजाद कर दें. यदि वे वापस आते हैं तो वे आप के हैं.

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मुझे अपने परिवार की ओरल हाइजीन के लिए क्या करना चाहिए

सवाल

मैं 38 वर्षीय घरेलू महिला हूं. मैं जानना चाहती हूं कि मुझे अपने परिवार के ओरल हाइजीन को बेहतर बनाने के लिए क्या करना चाहिए?

जवाब

ओरल हाइजीन को बेहतर बनाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना सब से जरूरी है, साल में एक बार दांतों का चैकअप कराएं, ज्यादा पुराना ब्रश मसूड़ों और दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए हर 3 महीने में ब्रश बदल लें. सुबह और रात को 2 बार ब्रश करें. इस के अलावा कुछ भी खानेपीने के बाद साफ पानी से कुल्ला करें.

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मेरी उम्र 28 साल है. मैं एक इवेंट मैनेजमैंट कंपनी में काम करती हूं. मेरे दांत बहुत पीले हो रहे हैं. मैं क्लीनिंग कराना चाहती हूं. क्या यह ठीक रहेगा?

जवाब

दांतों की क्लींनिंग मुंह की दुर्गंध, दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारियों से बचाती है. इस के बाद दांतों का पीलापन दूर हो जाता है और वे सफेद और चमकीले दिखाई देने लगते हैं. वैसे तो यह सुरक्षित प्रक्रिया है लेकिन इस से जुड़े कुछ खतरे भी हैं. क्लींनिंग के बाद कई साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं.

दांतों में जमे प्लाक और टार्टर को निकालने के लिए कई बार एक से अधिक सिटिंग्स की जरूरत होती है. वैसे सामान्य क्लीनिंग की तुलना में डीप क्लीनिंग में साइड इफैक्ट्स होने का खतरा अधिक होता है. जैसे मसूड़ों में दांतों की मजबूत पकड़ ढीली हो सकती हैं, मसूड़ों का संक्रमण हो सकता है, दांतों में दर्द और मसूड़ों में सूजन हो सकती है, तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, दांतों में संवेदनशीलता विकसित हो सकती है. इसलिए दांतों की क्लीनिंग किसी अच्छे डैंटिस्ट से ही कराएं.

-डा. सुमन यादव

हैड, मैक्सिलोफैशियल ऐंड डैंटल डिपार्टमैंट, नुमेड हौस्पिटल, नोएडा. द्य

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मेरे मुंह में दुर्गंध आती है, कोई उपाय बताएं

सवाल

मेरे मुंह से बहुत दुर्गंध आती है. मुझे अपना मुंह खोलने में भी शर्म आती है. मुंह से दुर्गंध क्यों आती है और क्या इसे घरेलू उपायों से ठीक किया जा सकता है?

जवाब

मुंह से दुर्गंध आना एक आम समस्या है. लेकिन कई बार इस का कारण शरीर में पल रही कोई गंभीर बीमारी भी हो सकती है. अगर मुंह की दुर्गंध ओरल हाइजीन न रखने से है तो इसे सामान्य उपायों से दूर किया जा सकता है. लेकिन अगर यह दांतों, मसूड़ों या शरीर में पनप रही किसी बीमारी के कारण है तो उपचार बेहद आवश्यक है. आप कुछ घरेलू उपचार अपना सकती हैं जैसे खाना खाने के तुरंत बाद कुल्ला करें, मुंह की दुर्गंध से तुरंत छुटकारा पाने के लिए एक गिलास पानी में 1 चम्मच नमक डालें और उस से कुल्ला कर लें, प्याज या लहसुन खाने के बाद ताजा पुदीने की पत्तियों को चबा लें, इलायची चबाएं, अपने भोजन में संतरा, नीबू या अंगूर सम्मिलित करें, खाना खाने के बाद शुगर फ्री चूईंगम चबा लें.

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मैं ने सुना है कि मुंह की गंदगी हृदय रोगों का खतरा बढ़ा देती है. क्या यह सही है? अगर सही है तो इस के होने का कारण क्या है ?

जवाब

आप ने बिलकुल सही सुना है. जिन लोगों को दांतों और मसूड़ों से संबंधित समस्याएं होती हैं उन के हृदय रोगों की चपेट में आने का खतरा उन लोगों की तुलना में कई गुना बढ़ जाता है जिन्हें इन से संबंधित कोई समस्या नहीं होती है. चबाने और ब्रशिंग के दौरान बैक्टीरिया और दूसरे रोगाणु रक्त के प्रवाह में प्रवेश कर परिसंचरण तंत्र के दूसरे भागों में पहुंच सकते हैं और कार्डियोवैस्क्युलर डिजीज का कारण बनते हैं. जब ये सूक्ष्मजीव हृदय तक पहुंचते हैं तो ये किसी क्षतिग्रस्त भाग से जुड़ जाते हैं और सूजन का कारण बनते हैं. इस के कारण बीमारियां होती हैं जैसे ऐंडोकार्डिटिस, हृदय की सब से अंदरूनी परत का संक्रमण आदि. दूसरी कार्डियोवैस्क्युलर कंडीशंस जैसे धमनियों का ब्लौक हो जाना और स्ट्रोक भी उस सूजन से संबंधित है जो मुंह में पाए जाने वाले बैक्टीरिया और दूसरे रोगाणुओं के कारण होती है. जब ये सी रिएक्टिव प्रोटीन (रक्त नलिकाओं में सूजन का संकेत) का स्तर बढ़ा देते हैं तो इस के कारण हृदय रोगों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

डा. सुमन यादवहैड, मैक्सिलोफैशियल ऐंड डैंटल डिपार्टमैंट, नुमेड हौस्पिटल, नोएडा.

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मुझे दांतो में सेंसिटिविटी महसूस होती है, कोई उपाय बताएं

सवाल

मैं 42 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. पिछले कछ दिनों से मुझे दांतों में संवेदनशीलता महसूस हो रही है. मुझे चायकौफी पीने में भी परेशानी हो रही है. क्या करूं?

जवाब

हमारे दांतों के ऊपर एक सुरक्षा परत होती है जिसे इनेमल कहते हैं. हम जो भी खाते हैं उस का पहला संपर्क हमारे दांतों से होता है. इनेमल हमें ताप और दूसरी चीजों से बचाता है. खानपान की गलत आदतों और कई अन्य कारणों से यह परत पतली या खराब हो जाती है. इस से दांतों में अति संवेदनशीलता की समस्या हो जाती है. दांतों में संवेदनशीलता विकसित होने के कारण ब्रश और फ्लौसिंग करने, खानेपीने के समय तेज दर्द होता है. अगर यह संवेदनशीलता अधिक नहीं है तो ऐंटीसैंसिटिविटी टूथपेस्ट से ठीक हो सकती है. अगर समस्या गंभीर है या ऐंटीसैंसिटिविटी टूथपेस्ट के इस्तेमाल के बाद भी ठीक नहीं हो तो उपचार करना जरूरी हो जाता है क्योंकि यह संवेदनशीलता किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकती है जैसे कैविटी या दांतों में दरार आ जाना.

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हमारे देश में ओरल कैंसर के बढ़ते हुए मामलों के बारे में सुन कर बहुत डर लगता है. मैं जानना चाहती हूं किन कारणों से ओरल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है?

जवाब

पूरे विश्व में हमारे देश में पुरुषों में ओरल कैंसर के मामले सब से अधिक सामने आते हैं. ओरल कैंसर को ओरल कैविटी या माउथ कैंसर भी कहते हैं. यह कैंसर होंठों, मसूड़ों, गालों की अंदरूनी भित्ती, तालू, जीभ के नीचे वाले हिस्से में हो सकता है. ओरल कैंसर को हैड ऐंड नैक कैंसर समूह में रखा जाता है. पश्चिमी देशों की तुलना में हमारे देश में ओरल कैंसर के काफी मामले सामने आते हैं. कुछ कारक हैं जो ओरल कैंसर का खतरा बढ़ा देते हैं जैसे तंबाकू चबाना या सूंघना, बीड़ी, सिगरेट, सिगार, हुक्का आदि पीना, अत्यधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन, अप्राकृतिक शारीरिक संबंधों के कारण एचपीवी का संक्रमण, कमजोर रोगप्रतिरोधक तंत्र, होंठों पर अत्यधिक सन ऐक्सपोजर आदि.

-डा. सुमन यादवहैड, मैक्सिलोफैशियल ऐंड डैंटल डिपार्टमैंट, नुमेड हौस्पिटल, नोएडा.

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मुझे ल्यूकोडर्मा के सफेद दाग हैं, कोई उपाय बताएं

सवाल

मेरे शरीर पर ल्यूकोडर्मा के सफेद दाग मेरी बड़ी परेशानी बन गए हैं. क्या यह सही है कि इन्हें त्वचा से मैचिंग रंग से पेंट किया जा सकता है?

जवाब

ल्यूकोडर्मा को ले कर समाज में कई अंधविश्वास फैले हुए हैं. आधुनिक समय में जहां एक ओर इस समस्या का समाधान खोजा जा रहा है वहीं दूसरी ओर आधुनिक विधि परमानैंट कलरिंग द्वारा अब इन सफेद दागों पर त्वचा से मेल खाता रंग भी किया जा सकता है. इस से दाग छिप जाते हैं और कई सालों तक आप की हीनभावना कम हो जाती है. यह रंग सफेद दाग वाली त्वचा को नौर्मल त्वचा से मिलताजुलता बना देता है. ज्यादातर इस रंग का असर 1 से 10 साल तक देखा गया है.

इस विधि में अधिक समय नहीं लगता. अगर आप के निशान बढ़ रहे हैं तो पहले उन का इलाज करना जरूरी है. बाद में परमानैंट मेकअप किया जाता है. इस विधि में शुरू में एक पैच टैस्ट किया जाता है और कलर रुकने पर पूरी त्वचा पर कलर किया जा सकता है. ये कलर्स अपू्रव्ड कलर्स होते हैं. इन का कोई साइड इफैक्ट नहीं होता क्योंकि इन में नीडल का इस्तेमाल होता है. इसलिए ल्यूकोडर्मा पैच को कलर किसी ऐक्सपर्ट से करवाएं और ध्यान रखें कि जहां भी आप परमानैंट मेकअप करवाएं वहां हाइजीन पर खास ध्यान दिया जाता हो.

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मैं 26 साल की हूं. डिलिवरी के बाद मेरी ब्रैस्ट का आकार बढ़ गया है. मैं अब ब्रैस्टफीडिंग नहीं करवा रही पर मेरी ब्रैस्ट बहुत ढीली हो गई है. कृपया कोई इलाज बताएं?

जवाब

डिलिवरी के बाद स्तनों का आकार बढ़ना स्वाभाविक है. जब तक आप ब्रेस्ट फीड करवा रही हैं तब तक स्तन स्वाभाविक रूप में रहते हैं. जब ब्रैस्टफीडिंग छोड़ देती हैं तो कई बार ब्रैस्ट ढीली पड़ जाती है. आप की मसल्स काफी ढीली पड़ गई हैं. आप इन्हें कसने के लिए कुछ ऐक्सरसाइज करना शुरू कर दें. आर्म्स को आगे से पीछे की ओर घूमाना काफी फायदेमंद रहता है या फिर पेट के बल लेट कर सांस को खींच कर कुछ देर रुकें.

इस से भी मसल्स टाइट हो जाती हैं. इस के अलावा आप सही माप की ब्रा पहनें जो ब्रैस्ट को नीचे से सहारा दें. किसी अच्छे कौस्मैटिक क्लीनिक में जा कर ब्रैस्ट फार्मिंग की सिटिंग्स भी ले सकती हैं. घर पर रोजाना नीचे से ऊपर की तरफ प्रैशर देते हुए विटामिन ई औयल की मसाज करें.

आप 1 कप कसूरीमेथी को रात को 1 कप पानी में भिगो दें. सुबह उसे पीस लें और उस में1 चम्मच औलिव औयल मिला लें. इस का ब्रैस्ट पर लेप कर लें और कुछ देर बाद धो लें. यह टाइटनिंग पैक की तरह काम करता है. इस से भी ब्रैस्ट फर्म हो जाती है.

समस्याओं के समाधानऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर,

डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा

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मुझे आईलाइनर लगाना पसंद है, मुझे किस रंग का आईलाइनर सूट करेगा बताएं

सवाल

मेरी उम्र 25 साल है. मुझे आईलाइनर लगाने का बहुत शौक है. मुझे किस रंग का आईलाइनरसूट करेगा?

जवाब

आप की उम्र में काला ही नहीं हर रंग का आईलाइनर लगाया जा सकता है. एक लाइन काले रंग से और उस के साथ एक लाइन किसी कलरफुल रंग की लगाई जा सकती है. यह बहुत ही सुंदर लगती है. आजकल अनेक रंग के आईलाइनर पैंसिल उपलब्ध हैं जिन्हें इस्तेमाल कर के आप आसानी से आईलाइनर लगा सकती हैं. ये स्मजपू्रफ और वाटरपू्रफ होते हैं. अगर आप का हाथ सधा हुआ है तो आप लिक्विड लाइनर का भी इस्तेमाल कर सकती हैं वरना आजकल कलरफुल आईलाइनर पैन भी अवेलेबल हैं जिन का इस्तेमाल करना बहुत ही आसान होता है. रात की पार्टी में आप की उम्र में ग्लिटरिंग आईलाइनर भी लगाया जा सकता है.

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कुछ साल पहले मुझे सिगरेट  पीने की गंदी लत लग गई थी. सुना है सिगरेट छोड़ने से मोटापा बढ़ जाता है. क्या यह सच है?

जवाब

सिगरेट छोड़ने सौंदर्य और सेहत दोनों के लिए अच्छा है. शुरू में थोड़ा वजन बढ़ सकता है क्योंकि सिगरेट छोड़ने के बाद मानसिक रूप से कुछ न कुछ खाते रहने की इच्छा बढ़ जाती है. ऐसे में ज्यादा खाने से मोटापा बढ़ सकता है. मगर चबाने की इच्छा हो तो मुंह में इलायची रख लें. भूख लगने पर पौपकौर्न खा सकती हैं. दिन में 1 या 2 बार चूईंगम भी चबा सकती हैं. ग्रीन सलाद व फलों का सेवन बहुत फायदा पहुंचाएगा. भूख लगने पर तलाभुना न खा कर सलाद खाएंगी तो वजन नहीं बढ़ेगा. सुंदरता व सेहत के लिए सिगरेट छोड़ना बहुत जरूरी है.

समस्याओं के समाधानऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर,

डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा 

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