ड्राय स्किन और स्किन प्रौब्लम से परेशान हो गई हूं, मैं क्या करुं?

सवाल-

मेरी त्वचा वैसे तो रूखी है पर जब भी मैं क्रीम लगाती हूं तो कुछ देर में रंग काला लगने लग जाता है. कालापन हटाने के लिए साबुन से धोती हूं तो रूखापन नजर आने लगता है. मैं क्या करूं?

जवाब-

आप की त्वचा को नमी की आवश्यकता है तेल की नहीं. ऐसी त्वचा को डिहाइड्रेटेड स्किन कहते हैं जिस का सर्वोत्तम उपाय है आइओनिजेशन. इस ट्रीटमैंट में आप की त्वचा के भीतर गैलवेनिक मशीन के जरीए कुछ ऐसे मिनरल डाले जाते हैं जो त्वचा के अंदर पानी ठहराने में मदद करते हैं. यह ट्रीटमैंट आप किसी अच्छे कौस्मैटिक कौस्मैटिक क्लीनिक से करवा सकती हैं. ऐलोवेरा फेशियल भी करवा सकती हैं. दिन में 10-12 गिलास पानी जरूर पीएं और हमेशा क्रीम के बजाय किसी मौइस्चराइजर का इस्तेमाल करें.

सवाल-

ज्यादा धूप में जाने के कारण मेरी गरदन का रंग गहरा हो गया है. इसे कैसे ठीक करूं?

जवाब-

यदि गरदन का रंग गहरा हो गया है तो सब से पहले आप ब्लीच कर सकती हैं. पपीते की फांक से उस स्थान पर धीरेधीरे मसाज करें. इस से कालापन काफी हद तक दूर हो जाता है. नीबू को आधा काट लें. उस के अंदर चीनी के कुछ दाने डाल दें और गरदन पर हलके हाथों से रगड़ें. दें इस से स्किन गोरी भी होगी और मौइस्चराइज भी रहेगी. धूप में निकलने से पहले चेहरे व गर्दन पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं. ऐसा करने से आप की गरदन फिर चमक उठेगी.

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कई बार रूखी त्वचा की वजह से चेहरे पर ड्राई पैचेस होने लगते हैं जो अलग से ही चेहरे पर दिखने लगते हैं. ड्राई स्किन की वजह से मेकअप भी जल्दी सैट नहीं होता और चेहरे की खूबसूरती ढल जाती है.

रूखी त्वचा को ठीक करने के लिए महिलाएं तरहतरह के फेसमास्क का इस्तेमाल करती हैं, जिन का असर कुछ दिनों तक ही रहता है. लेकिन कुछ ऐसे नैचुरल फेसमास्क हैं जिन्हें आप आसानी से घर पर बना सकती हैं. इन फेसमास्क की मदद से त्वचा में लंबे समय तक नमी बनी रहती है.

एलोवेरा फेसमास्क

एलोवेरा में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो शरीर और त्वचा दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं. इस में पाए जाने  वाले एंटीऔक्सीडैंट से चेहरे की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं. एलोवेरा के इस्तेमाल से चेहरे में नमी आती है और जरूरी पोषण भी मिलता है.

एलोवेरा का फेसमास्क बनाने के लिए एलोवेरा जैल निकाल लें. इस में खीरे का जूस मिला लें. इस मास्क को आप फेस वाश करने के बाद चेहरे पर लगाएं और कुछ देर के लिए छोड़ दें. इस से चेहरे का रूखापन तो दूर होगा ही, चेहरे पर ग्लो भी नजर आने लगेगा.

 एवोकाडो फेसमास्क

फलों का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होता है. फलों से सेहत तो अच्छी रहती ही है, चेहरे पर चमक भी बनी रहती है. एवोकाडो पोषक तत्त्वों से युक्त होता है जो त्वचा को स्वस्थ बनाने में फायदेमंद होता है.

चिपचिपे मौसम में भी रखें अपनी स्किन को तरोताज़ा और खूबसूरत

मानसून चिलचिलाती गर्मी से राहत के साथ आता है, लेकिन साथ ही मौसम स्किन की समस्याओं के साथ-साथ चिपचिपी स्किन की समस्या भी लाता है. और जब स्किन सीधे रूप से सूर्य के संपर्क में आती है और गंदगी के संपर्क में आती है तो इससे स्किन की कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए यह सलाह दी जाती है कि इससे पहले कि स्किन को कोई नुकसान हो, इसकी रोकथाम के लिए पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए. आपको मानसून के मौसम में नियमित रूप से स्किन की देखभाल करने का रूटीन बनाना चाहिए और अपनी स्किन को यथासंभव साफ और गंदगी से मुक्त रखने की कोशिश करनी चाहिए.

ब्यूटी और मेकओवर एक्सपर्ट , ऋचा अग्रवाल शेयर कर रही हैं ऐसे टिप्स जो चिपचिपे या फिर मानसून के मौसम में भी आपकी स्किन को तरोताज़ा रखते हुए आपकी स्किन को पोषण देगा और लम्बे समय तक स्किन को यूथफुल रखेगा.

सबसे पहले, आपको नियमित अंतराल पर अपने चेहरे को धोने की आदत डालनी चाहिए. माइल्ड जेल बेस्ड फेस वॉश का इस्तेमाल करें जो स्किन की प्राकृतिक नमी को नहीं चुराता और स्किन को डीपर लेयर तक अच्छी तरह से साफ करता है, दिन में एक बार फेस वॉश का इस्तेमाल ज़रूर करें. आप अपनी स्किन के अनुकूल फलों से क्लींजर भी बना सकते हैं, पपीते का गूदा या खीरे का गूदा किसी भी प्रकार की स्किन के लिए उपयोग करने के लिए बहुत सुरक्षित है, ये प्राकृतिक चीजे स्किन के लिए क्लींजर हैं.

आप महीने में एक बार फेशियल के लिए भी जा सकते हैं और या फिर घर पर ही अपनी स्किन को पोषण दे सकते हैं. इसके लिए आप लौंग के तेल की कुछ बूंदें गर्म पानी में डालें और 10 मिनट के लिए भाप लें, इस प्रक्रिया से आप अपनी स्किन से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हुए आपनी स्किन की सफाई कर सकती हैं.

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इसके बाद आपको अपनी स्किन को टोन करना चाहिए, इससे स्किन का पीएच संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी. घर पर ही टोनिंग के लिए आप खीरे के रस में गुलाब जल की बूंदों को मिलाकर एक प्रभावी टोनर बना सकते हैं. इस मौसम में स्किन को हाइड्रेशन की आवश्यकता होती है, यह आपकी स्किन के लिए भोजन है इसलिए आपकी स्किन को मॉइस्चराइज़ करना एक दैनिक आदत होनी चाहिए. यदि आप प्राकृतिक मॉइस्चराइजर लगाना चाहते हैं तो एलोवेरा और गुलाब जल के साथ मॉइस्चराइजिंग करें या फिर
क्रूएलिटी फ्री ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें , यह पैक लगाने के बाद आप 15 मिनट बाद चेहरा ठन्डे पानी से धो लें.

हाईड्रेशन के अलावा स्किन को एक्सफोलिएट करना बहुत महत्वपूर्ण है जो हाइड्रेशन के लिए भी अच्छा है, आप गुलाब जल, ओट्स फ्लेक्स और नींबू के रस के साथ एक पैक बना सकते हैं, अपनी स्किन पर 15 मिनट तक रखें धीरे से स्क्रब करते करते हुए फेस वाश करे.

अगर आपकी स्किन संवेदनशील है तो आप एलोवेरा के गूदे और चिया सीड्स के पैक का भी उपयोग कर सकते हैं, चिया सीड्स को रात भर भिगो दें और अगले दिन सुबह ओट्स फ्लेक्स के साथ बीजों को मिलाएं, स्किन पर धीरे से रगड़ें और स्किन को धो लें, पैक को ज्यादा देर तक न रखें. यह नेचुरल पैक स्किन के हाइड्रेशन और मॉइस्चराइजिंग का ख्याल रखेगा, पीएच संतुलन बनाए रखेगा और स्किन से मृत कोशिकाओं को भी हटा देगा. पैक यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी स्किन लंबे समय तक क्लीन और हाइड्रेट महसूस करे.

चिपचिपी स्किन से निपटने में मड पैक भी बहुत प्रभावी होते हैं, और चिपचिपे मौसम में में मिट्टी के फेस पैक का उपयोग करें, अगर आपकी स्किन रूखी है तो आप ठंडक के लिए दूध और चंदन पाउडर मिला सकते हैं. यह खुले रोमछिद्रों की देखभाल करते हुए स्किन को चिपचिपाहट से मुक्त रखेगा. 20 मिनट के लिए पैक को लगाएं और अगर आप अपनी स्किन को चमकाना चाहते हैं तो पैक में नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाएं.

नमी वाले दिनों में आपकी स्किन के लिए टोनिंग बहुत महत्वपूर्ण रहती है, गुलाब जल के टुकड़े, खीरे के रस के क्यूब्स को फ्रिज में रख दें और सुबह और शाम लगाएं. मेकअप करने से पहले उन्हें अवश्य लगाएं और ठंडे पानी से धो लें, इससे खुले रोमछिद्रों का ध्यान रखा जाएगा और स्किन को अत्यधिक पसीना नहीं आने देगा जैसा कि इस दौरान होता है. यह आपकी स्किन को मेकअप मेल्टडाउन से भी बचाएगा.

इसके अतिरिक्त आप नीचे दिए हुए टिप्स भी लगातार इस्तेमाल कर सकते हैं, क्यूंकि ये किचन बेस्ड हैं और पूरी तरह से नेचुरल हैं तो आप इनका इस्तेमाल रेगुलर बेसिस पर कर सकते हैं.

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अपने चेहरे पर बर्फ के ठंडे पानी के छींटे मारें क्योंकि यह छिद्रों को कस देगा और तेल के स्राव को एक हद तक रोक देगा.

• तैलीय स्किन के लिए खीरे के रस और कच्चे दूध को प्राकृतिक टोनर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

अपनी स्किन और शरीर को लगातार हाइड्रेट रखने का ध्यान रखें. चिपचिपा मौसम बाहर रखने के लिए लोशन-आधारित एक के बजाय पानी आधारित मॉइस्चराइज़र के लिए जाएं.

• कम से कम 8-10 गिलास ताजा पानी पिएं. बीच-बीच में आप पानी में नींबू के रस की कुछ बूंदें मिला सकते हैं. नींबू तेल के स्राव को नियंत्रित करने में मदद करता है और यह एक बेहतरीन क्लींजर है.

• अपने चेहरे पर बर्फ के ठंडे पानी से छींटे मारें क्योंकि यह रोमछिद्रों को कस देगा और तेल के स्राव को कुछ हद तक रोक देगा. अपनी स्किन और शरीर को लगातार हाइड्रेट रखने के लिए ध्यान रखें.

चिपचिपा मौसम को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं, भले ही इसके परिणामस्वरूप बार-बार पेशाब आए. यह सिर्फ विषाक्त पदार्थ है जो शरीर से बाहर निकल रहा है.
अगर आपकी स्किन रूखी है तो अल्कोहल आधारित टोनर से दूर रहने का नियम बना लें, क्योंकि ये स्किन का रूखापन बढ़ाते हैं. पानी आधारित विकल्पों की तलाश करें और अपनी स्किन को बेहतर बनाएं.

मेरे चेहरे पर 2 – 3 जगह मस्से हो गए हैं, मैं क्या करुं?

सवाल-

मेरे चेहरे पर 2 – 3 जगह मस्से हो गए हैं ? जो धीरेधीरे अपने आकार में भी बढ़ने लगे हैं ? मुझे चिंता हो रही है कि कहीं ये बढ़कर पूरे चेहरे पर ही न फैल जाएं ? कृपया कोई उपाय बताएं जिससे ये मस्से हट भी जाएं और आगे भी न होएं?

जवाब

मस्सों को अंग्रेजी में वार्ट्स कहते हैं. ये अकसर ज्यादा धूप में रहने के कारण होते हैं या फिर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस नामक विषाणु के कारण होते हैं. भले ही ये मस्से दर्द नहीं करते हैं. लेकिन न तो ये दिखने में अच्छे लगते हैं और साथ ही हमारी सुंदरता को भी कम करने का काम करते हैं. ऐसे में अगर ये मस्से आपकी गर्दन , पीठ की जगह आपके चेहरे पर उग आए , तो ये आपके लिए चिंता की बात है. ऐसे में हम आपको कुछ एडवांस्ड ट्रीटमेंट्स से अवगत करवाते हैं , जिससे आपको मस्सों की समस्या से छुटकारा मिलने के साथसाथ आपके चेहरे की खूबसूरती भी बरकरार रह सके. तो आइए जानते हैं इस संबंध में फरीदाबाद के एशियन इंस्टिट्यूट ओफ मेडिकल साइंसेज के डर्मेटोलॉजिस्ट डाक्टर अमित बंगिया से.

क्या है ट्रीटमेंट 

बता दें कि काफी हद तक मस्से खुद से ठीक हो जाते हैं. इसका कारण यह है कि जब इम्यून सिस्टम , जिनके कारण मस्से होते हैं , उनसे फाइट करने में सक्षम हो जाता है. लेकिन इसमें कितना समय लगेगा , इस बारे में कहां नहीं जा सकता. ऐसे में बहुत से लोग इन मस्सों के बढ़ने की परेशानी को देखते हुए मेडिकल ट्रीटमेंट का सहारा लेते हैं. तो आपको बताते हैं उन ट्रीटमेंट के बारे में-

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–  co2 लेज़र ट्रीटमेंट  जिस तरह से चेहरे व शरीर के अनचाहे बालों को हटाने के लिए लेज़र ट्रीटमेंट का सहारा लिया जाता है. ठीक उसी तरह से मस्सों यानि वार्ट्स को हटाने के लिए लेज़र ट्रीटमेंट का सहारा लिया जाता है. लेज़र एनर्जी के जरिए काम करता है. इस प्रक्रिया में सबसे पहले मरीज का चेहरा क्लीन किया जाता है. उसके बाद मस्से के ऊपर एनेस्थेटिक क्रीम को अप्लाई किया जाता है, जिसे एक घंटे तक लगा छोड़ दिया जाता है, जिससे वो जगह सुन हो जाती है. इसके बाद आगे की प्रक्रिया को शुरू करने से पहले एनेस्थेटिक क्रीम को हटाया जाता है , उसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाती है. जिसमें मस्सों पर लेज़र ,ट्रीटमेंट दिया जाता है. आखिर में हीलिंग क्रीम लगाई जाती है.  अगर कम व छोटे मस्से होते हैं तो एक सिटिंग में काम हो जाता है. लेकिन अगर ज्यादा मस्से होते हैं तो 3 – 4 सिटिंग की जरूरत पड़ती है.

–  रेडियो फ्रीक्वेंसी कॉटरी इस प्रक्रिया में वार्ट को हीट वेव के जरिए हटाया जाता है. जिससे सोफ्ट टिश्यू को काट दिया जाता है. इसमें सबसे पहले लोकल एनेस्थीसिया देने के लिए क्रीम अप्लाई की जाती है. जिससे जरा भी दर्द की अनुभूति न हो. रेडियो फ्रीक्वेंसी कॉटरी प्रक्रिया के जरिए मस्से हटाने के बाद छोटे एरिया की स्किन में हल्का सा घाव रह जाता है. जो 4 -5 दिन में ठीक हो जाता है. जिसके लिए हीलिंग क्रीम दी जाती है.

केमिकल पील   अगर फ्लैट वार्ट होते हैं , तो डाक्टर केमिकल पील की ही सलाह देते हैं. जिसमें आपको हर दिन पीलिंग मेडिसिन लगवाने की जरूरत होती है. पीलिंग मेडिसिन में सैलिसिलिक एसिड, ग्ल्य्कोलिक एसिड इत्यादि होते हैं. ये स्किन सेल्स को तब तक एक्सफोलिएट करने का काम करते हैं , जब तक वार्ट हट नहीं जाते. यहां तक कि ये हैल्दी स्किन सेल्स को भी प्रमोट करने का काम करते हैं. इससे कुछ ही महीनों में आपको वार्ट की समस्या से छुटकारा मिल जाता है. इस तरह से आप वार्ट्स की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.

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कुछ सावधानियां भी  इन ट्रीटमेंट्स के बाद आपको कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है, जिसमें शामिल है आपको कुछ दिनों तक प्रभावित जगह को धूप व पानी से बचा कर रखना चाहिए. साथ ही फेशियल , शेविंग, हार्श क्रीम से चेहरे को बचाना चाहिए.  डाक्टर के बताए सनस्क्रीन, फेस वाश लगाने के साथ ट्रोपिकल एंटीबायोटिक क्रीम जरूर लगानी चाहिए. इससे कुछ ही दिनों में घाव ठीक होने के साथ आपकी ब्यूटी में लगा दाग ठीक हो जाता है.

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ड्राय स्किन के लिए कौन सा स्क्रब अच्छा रहेगा?

सवाल-

मेरी स्किन ड्राई है. उस के लिए कौन सा स्क्रब अच्छा रहेगा?

जवाब-

रूखी स्किन को स्क्रब करने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है. यह भी संवेदनशील स्किन की ही तरह काफी नाजुक होती है. आप ओटमील का प्रयोग कर सकती हैं. ओटमील में यदि थोड़ा सा दूध मिला लिया जाए तो स्क्रब करने के बाद आप की स्किन छिलेगी नहीं और मुलायम हो जाएगी.

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आजकल के बिजी लाइफस्टाइल में हेल्थ के लिए लोग ओट्स खाना ज्यादा पसंद करते हैं. ओट्स हेल्दी एक हेल्दी ब्रेकफास्ट है. साथ ही इसे बनाने में टाइम भी कम लगता है, लेकिन क्या आपको पता है ओट्स स्किन के लिए भी फायदेमंद है. ओट्स में एक्सफोलिएटिंग, मौश्चराइजिंग और क्लींजिंग के तत्व मौजूद होते हैं जो स्किन को यंग और ब्यूटी फुल बनाने में मदद करते हैं. आज हम आपको ओट्स के फेस पैक के बारे में बताएंगे, जिसे आप घर पर मौनसून में ट्राय कर सकते हैं.

1. एलोवेरा स्क्रब और ओट्स करें ट्राय

लंबे समय से एलोवेरा का इस्तेमाल मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए किया जाता है. एलोवेरा के इस्तेमाल से फेस पर हुए मुहांसे, संक्रमण और टैनिंग जैसी प्रौब्लम्स से छुटकारा पाया जाता है क्योंकि इसमें इन्फ्लेमेटरी एलिमेंट होता है. ओटमील पाउडर को ऐलोवेरा जेल में मिलाकर फेस पर तीन से पांच मिनट तक मसाज करें. जब फेस पर पेस्ट सूख जाए, तो साफ पानी से अपने फेस को आराम से धो लें.

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2. ओट्स और गुलाब जल का पेस्ट करें इस्तेमाल

ओट्स और गुलाब जल का फेसपैक बनाने के लिए दो चम्मच ओट्स में एक चम्मच शहद और एक चम्मच गुलाब जल मिला कर अच्छे से मिक्स कर लें. अब इस पेस्ट को दस मिनट के लिए फेस पर लगाकर रखें. इस पैक को लगाने से आपकी स्किन शाइनी नजर आने लगेगी.

3. दूध, नींबू और ओटमील से लाएं फेस पर ग्लो

दूध, नींबू और ओटमील के फेसपैक से आपका फेस ग्लो करने लगेगा. इस फेसपैक को बनाने के लिए दो चम्मच उबले ओट्स, चार चम्मच नींबू का रस और दो चम्मच दूध मिला लें. इसके बाद इस पैक को चेहरे पर लगा लें. 20 से 25 मिनट बाद गुनगुने पानी से अपना चेहरा धो लें.

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प्रैग्नेंसी और आईवीएफ से जुड़ी प्रौब्लम का सौल्यूशन बताएं?

सवाल-

मैं 25 साल की विवाहित महिला हूं. मेरे कुछ सपने हैं, इसलिए मैं अभी मां नहीं बनना चाहती. यदि मैं 35-36 की उम्र में मां बनना चाहूं तो क्या इस में कोई समस्या आ सकती है? कुछ लोग कहते हैं कि इस उम्र में मां बनना संभव नहीं है. क्या यह सच है?

जवाब-

बढ़ती उम्र के साथ अंडों की संख्या और गुणवत्ता दोनों ही कम होने लगती है, जिस कारण इस उम्र में कंसीव कर पाना मुश्किल होता है. यदि आप ने ठान लिया है कि आप 35 की उम्र में मां बनना चाहती हैं, तो इस में कोई समस्या नहीं है. आज साइंस और टैक्नोलौजी में प्रगति के कारण कई ऐसी तकनीकें उपलब्ध हैं, जिन के माध्यम से इस उम्र में भी गर्भधारण किया जा सकता है. इस के लिए आप आईवीएफ की मदद ले सकती हैं.

आप की उम्र अभी कम है, इसलिए आप के अंडों की गुणवत्ता अच्छी होगी. आप अपने स्वस्थ अंडे फ्रीज करवा सकती हैं जो भविष्य में मां बनने में आप के लिए सहायक साबित होंगे और आईवीएफ ट्रीटमैंट भी आसानी से पूरा हो जाएगा. फ्रीज किए अंडे को आप के पति के स्पर्म के साथ मिला कर पहले भू्रण तैयार किया जाएगा और फिर उस भ्रूण को आप के गर्भ में इंप्लाट कर दिया जाएगा. कुछ ही दिनों में आप को प्रैगनैंसी की खुशखबरी मिल जाएगी.

सवाल-

मेरी उम्र 35 साल है. मेरी शादी को 8 साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कंसीव नहीं कर पाई हूं. मु  झे धूम्रपान की भी आदत है. क्या कोई तरीका है, जिस से मैं मां बन सकूं?

जवाब-

इस उम्र में कंसीव करने में समस्या आना आम बात है, लेकिन इस का सब से बड़ा कारण धूम्रपान है. यदि आप मां बनना चाहती हैं तो धूम्रपान को पूरी तरह छोड़ना होगा. यदि आप के पति भी स्मोकिंग करते हैं, तो उन्हें भी इस आदत को छोड़ने के लिए कहें. आप की उम्र अधिक है, इसलिए जल्दी गर्भधारण करना जरूरी है, वरना वक्त के साथ समस्या और बढ़ सकती है. इस के लिए पहले आप किसी डाक्टर से परामर्श लें. यदि इलाज से फायदा न हो तो आप आईवीएफ ट्रीटमैंट की मदद ले सकती हैं.

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सवाल-

मेरी उम्र 40 साल है. मैं एक बार आईवीएफ ट्रीटमैंट करवा चुकी हूं, लेकिन वह असफल रहा. मैं फिर से आईवीएफ ट्राई करना चाहती हूं. क्या इस में कोई खतरा है?

जवाब-

आप ने आईवीएफ ट्रीटमैंट की असफलता का कारण नहीं बताया. खैर आईवीएफ ट्रीटमैंट की कोई लिमिट नहीं है, इसलिए आप इसे बिना घबराए दोबारा करवा सकती हैं. हां, इसे बारबार करने से गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है. सफल आईवीएफ के लिए तनाव से दूर रहें और वजन को संतुलित रखें.

आजकल आईवीएफ के क्षेत्र में कई नईनई तकनीकों का विकास हो रहा है. चिकित्सक के द्वारा जरूरत के हिसाब से तकनीक का चुनाव करने पर गर्भधारण करने में मदद हो सकती है.

सवाल-

मैं 35 साल की विवाहित महिला हूं. मैं आईवीएफ तकनीक की मदद से मां बनना चाहती हूं और उम्मीद करती हूं कि तकनीक सफल रहे. इसलिए मैं जानना चाहती हूं कि क्या भ्रूण की संख्या गर्भवती होने की संभावना को प्रभावित करती है?

जवाब-

गर्भवती होने के लिए एक भू्रण के साथ सफलता की उम्मीद 28% होती है, जबकि 2 भू्रण के साथ सफलता की उम्मीद 48% होती है. लेकिन इस के साथ ही जुड़वां बच्चे होने की संभावना भी अधिक हो जाती है. यदि आप जुड़वां बच्चों का रिस्क नहीं लेना चाहती हैं, तो आप एक ही भू्रण को इंप्लांट करवा सकती हैं. इस के लिए आप के स्वस्थ अंडे का भू्रण तैयार किया जाएगा और फिर उस भू्रण को आप के गर्भ में इंप्लांट कर दिया जाएगा. यह आप की प्रैगनैंसी की संभावना को भी बढ़ाएगा और आप को अधिक समस्या का भी सामना नहीं करना पड़ेगा.

सवाल-

मैं 31 साल की कामकाजी महिला हूं. मैं जानना चाहती हूं कि क्या आईवीएफ में जुड़वां या एकसाथ कई बच्चे होने की संभावना रहती है?

जवाब-

पहले विशेषज्ञ अच्छे गर्भधारण के लिए एकसाथ कई भू्रण ट्रांसफर करने की सलाह देते थे, क्योंकि तब यह पता लगा पाना मुश्किल होता था कि ट्रांसफर किया गया भू्रण कमजोर है या नहीं. इस की वजह से कभीकभी जुड़वां या एकसाथ कई बच्चों का जन्म हो जाता था, लेकिन अब वक्त बदल चुका है और टैक्नोलौजी भी. आज की ऐडवांस टैक्नोलौजी के चलते यह पता लग जाता है कि भू्रण कमजोर तो नहीं. आप अपनी इच्छा से 1 या जुड़वां बच्चों की मां बन सकती हैं.

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सवाल-

मेरी उम्र 34 साल है. मैं 2 सालों से गर्भवती होने की कोशिश कर रही हूं, लेकिन अब उम्मीद हार रही हूं. मेरी सहेली ने मु  झे आईवीएफ तकनीक के बारे में बताया. मैं जानना चाहती हूं कि आईवीएफ तकनीक में कोई रिस्क तो नहीं? यह तकनीक मेरे स्वास्थ्य को नुकसान तो नहीं पहुंचाएगी?

जवाब

जी हां, आईवीएफ तकनीक भले ही मां बनने में एक वरदान की तरह है, लेकिन इस के कुछ साइड इफैक्ट भी हो सकते हैं. लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि आईवीएफ कराने वाले हर मरीज को इन साइड इफैक्ट्स से गुजरना पड़े.

आईवीएफ ट्रीटमैंट में प्रीमैच्योर बेबी जन्म ले सकता है, इसलिए आप को पूरी प्रैगनैंसी के दौरान खास खयाल रखने को कहा जाता है. बारबार जांच की जाती है ताकि आप की और आप के बच्चे के स्वास्थ्य की हर खबर रखी जा सके.

इस के अलावा इस में व्यवहार में बदलाव, थकान, नींद आना, सिरदर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द, चक्कर आना आदि समस्याएं भी शामिल हैं. यदि आप को इन में से कोई भी समस्या हो तो तुरंत डाक्टर से परामर्श लें. खुद का खास खयाल रखने से आप इन समस्याओं से बच सकती हैं.

-डा. सागरिका अग्रवाल

स्त्रीरोग विशेषज्ञा, इंदिरा आईवीएफ हौस्पिटल, नई दिल्ली 

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क्या मास्क के साथ मैं मेकअप नहीं कर सकती?

सवाल-

लौकडाउन में फेस मास्क के कारण मेकअप पूरी तरह बिगड़ जाता है. क्या मास्क के साथ मैं मेकअप नहीं कर सकती?

जवाब-

मास्क के साथ मेकअप टिकाने के लिए आप मैट फिनिश और लौंग वेयरिंग फाउंडेशन तथा कंसीलर यूज करें. इस से आप का मेकअप फैलेगा नहीं.

ये दोनों आप की स्किन में अच्छी तरह से मिक्स हो जाते हैं और सैटल हो कर ड्राई फिनिश लाते हैं. आप को बेस मेकअप करने से पहले लाइट वेट, हाइड्रेटिंग प्राइमर का इस्तेमाल करना होगा. इस से आप की स्किन क्लीयर और स्मूथ भी लगेगी.

मेकअप अप्लाई करने के बाद आप को अपने चेहरे पर मेकअप स्पंज या बड़े फ्लकी ब्रश की मदद से थोड़ा लूज पाउडर पूरे फेस और गरदन पर लगाना होगा. बहुत ही थोड़ा हलका पाउडर लगाने से आप की स्किन अच्छी लगेगी और आप का मेकअप भी पूरा दिन बरकरार रहेगा. इस के बाद आप पाउडर के ऊपर सैटिंग स्प्रे करें. इसे सूखने दें. इस के बाद ही मास्क लगाएं ताकि आप का मेकअप सही रहे.

लिपस्टिक के फैलने की गुंजाइश कम करने के लिए मैट फौर्मूला या फिर लिक्विड लिपस्टिक जिस में हाइड्रेटिंग इनग्रीडिऐंट्स हों यूज करें. यह आप के लिप्स को ड्राई होने से बचाता है.

एक विकल्प के रूप में आप परमानैंट लिपस्टिक भी लगवा सकती हैं. आप के चेहरे पर सिर्फ आप की आंखें ही होती हैं जो मास्क पहनने के बाद भी नजर आती हैं. इस के लिए आप कुछ भी ट्राई कर सकती हैं.

सौफ्ट स्मोकी आईज से ले कर कलरफुल आईशैडो, ग्राफिक आईलाइनर्स से कुछ भी ट्राई कर सकती हैं. अपनी आईब्रोज को फिल करना और लैशेज पर मसकारा लगाना न भूलें.

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-समस्याओं के समाधान ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा

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कोविड-19 के इस समय में मास्क हमारी जिंदगी का अनिवार्य हिस्सा बन चुका है. जिंदगी भले ही ढर्रे पर लौटने लगी है लेकिन मास्क ने हमारे आधे चेहरे को ढक रखा है. ऐसे में ऑफिस जाना हो, दोस्तों के साथ बाहर निकलना हो या किसी शादी की पार्टी वगैरह में जाना हो, मेकअप करते समय मास्क आड़े आने लगता है. इसलिए यह जानना जरूरी है कि मास्क के साथ हमारा मेकअप कैसा होना चाहिए ताकि हम ऑलटाइम खूबसूरत भी दिखें और सावधानी के लिए मास्क का साथ भी न छूटे. आइए जानते हैं मास्क के साथ मेकअप करते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए;

पूरी खबर पढ़ने के लिए- मास्क के साथ मेकअप में किन बातों का रखें ध्यान

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गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

लौकडाउन में घर में रहने से मेरे चेहरे का ग्लो खत्म हो गया है, मैं क्या करुं?

सवाल-

कोविड-19 जैसी पैंडेमिक में लौकडाउन के समय हर वक्त घर में रहने से मेरे चेहरे का ग्लो खत्म होता जा रहा है. क्या इसे वापस लाया जा सकता  है?

जवाब-

कोविड-19 में फिजीकल ऐक्टिविटी में कमी का इफैक्ट स्किन और हेयर्स पर पड़ता है. फिजीकल ऐक्टिविटी की वजह से बौडी में बनने वाली ऐनर्जी से मैटाबोलिज्म अच्छा रहता है.

आप का मैटाबोलिज्म कम न पड़े इस के लिए आप घर में ही वर्कआउट करें. भोजन में प्रोसैस्ड फूड की जगह आप नारियल का पानी या फिर ताजा जूस शामिल करें. इस के अलावा ताजे फल और सब्जियां खाएं.

स्किन का ग्लो बढ़ाने के लिए आप एक खीरा, टमाटर और आलू को धो कर उन्हें मिक्सी में पीस लें. आप इसे आइसट्रे में डाल कर जमा दें. जब सुबह आप अपना काम शुरू करें तो एक क्यूब से चेहरे पर मसाज करें और उसे सूखने दें. थोड़ी देर बाद धो लें.

आप की त्वचा चमकती रहेगी. शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने और डैड स्किन निकलने के लिए 1 छोटे चम्मच बेसन में 1/2 चम्मच दलिया/सूजी मिला लें. अगर आप की त्वचा औयली है तो इस में गुलाबजल मिला लें. अगर आप की त्वचा नौर्मल है तो इस में दही मिला लें. वहीं अगर बेहद रूखी है तो इस में मलाई मिला कर मसाज करें. इस से आप की त्वचा पर फौरन रौनक आ जाएगी.

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त्वचा के लिए बेसन के फायदे कमाल के होते हैं. उबटन के रूप में बेसन का इस्तेमाल खूब किया जा रहा है. बेसन को आप कई तरह से इस्तेमाल में ला सकती हैं.

औयली स्किन पर कमाल

अगर आप चेहरे पर बारबार औयल आने से परेशान हों तो बेसन और दही मिक्स कर के चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद इसे धो लें. साफ, चमकती त्वचा पर सब की निगाहें टिकी रह जाएंगी.

पल में हटाए बाल

कई लड़कियां चेहरे के अनचाहे बालों से परेशान रहती हैं. इन्हें हटाने के लिए वैक्स का सहारा लेती हैं. मगर आप नहीं जानतीं कि इस समस्या का निदान बेसन के पास भी है. इस के लिए 2 चम्मच बेसन और बराबर मात्रा में सरसों का तेल मिला कर इस लेप को चेहरे पर लगाएं और हलके हाथों से मसाज करें. इस प्रक्रिया को 2-3 बार दोहराएं. अनचाहे बाल हट जाएंगे.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- Beauty Tips: ग्लोइंग स्किन के लिए बेसन का करें इस्तेमाल

कोरोना होने के बाद बाल बहुत झड़ रहे हैं, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैं कोरोना से रिकवरी के बाद बाल झड़ने से परेशान हूं. प्लीज मुझे सलाह दें कि मैं अपने बालों की केयर कैसे करूं?

जवाब-

इस समस्या को ‘टेलोजन एफ्लुवियम’ के नाम से जाना जाता है. इस के कारण किसी बीमारी या सदमे की वजह से कुछ समय के लिए हेयर फौल होने लगता है. इस के कारण बौडी के सिस्टम को शौक मिलता है. इस से हेयर की नई ग्रोथ बंद हो जाती है और कुछ समय बाद बाल गिरने लगते हैं.

कोविड-19 से ठीक होने के बाद कुछ हफ्ते या महीनों तक उन के बाल झड़ते रहते हैं क्योंकि वे उस शौक से बाहर नहीं आ पाते हैं. जब मरीज धीरेधीरे शारीरिक रूप से ठीक होने लगते हैं तब उन के बालों की ग्रोथ वापस आ जाती है.

इसलिए तब तक आप खानेपीने में प्रोटीन लें जो बौडी और हेयर के लिए बेहद जरूरी हैं. आयरन, विटामिन डी और दूसरे न्यूट्रिएंट्स का सेवन भी जरूर करें जो बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं. बालों को झड़ने से रोकने के लिए ताजा ऐलोवेरा को मिक्सी में पीस कर जितना जैल है उस में

1/4 औलिव औयल मिला कर स्कैल्प में रोज मसाज करें.

मसाज के बाद सिर पर एक शौवर कैप पहन लें और इसे करीब 1 घंटे बाद शैंपू से धो लें. इस के नियमित उपयोग से बालों का झड़ना कम होता है.

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लंबे-खूबसूरत और काले बाल किसे पसंद नहीं आते…लेकिन लाइफस्टाइल और सही देखभाल के अभाव में अक्सर हमें बालों से जुड़ी किसी न किसी परेशानी को फेस करना पड़ता ही है. महंगे हेयर ट्रीटमेंट और कॉस्मेटिक्स के इस्तेमाल के बावजूद हमें इन परेशानियों से छुटकारा नहीं मिलता.

इसके अलावा बहुत अधिक केमिकल इस्तेमाल करने से भी बाल खराब हो जाते हैं. ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप नेचुरल तरीके अपनाए. बहुत से ऐसे कुदरती उपाय हैं जिनकी मदद से आप बालों से जुड़ी परेशानियों को दूर कर सकते हैं. आमतौर पर लोगों को बालों से जुड़ी तीन तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रूखे-बेजान बाल, रूसी और ग्रोथ की समस्या…

आमतौर पर इन परेशानियों के लिए अलग-अलग उपाय बताए जाते हैं लेकिन आलू एक ऐसी चीज है, जिसके इस्तेमाल से आप इन सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं. आलू में शहद, दही और नींबू मिलाकर आप अलग-अलग समस्याओं से मुक्त‍ि पा सकते हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- बालों की प्रौब्लम्स के लिए ट्राय करें आलू के ये टिप्स

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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पसीने के कारण मेरे बालों में बदबू आने लगती है, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैं 24 वर्षीय कालेजगोइंग गर्ल हूं. मेरी समस्या यह है कि मु झे पसीना बहुत आता है. सिर में इतना पसीना आता है कि बाल चिपचिपे हो जाते हैं और यदि शैंपू न किया हो तो पसीने की गंध आती है. समस्या तब आती है जब मु झे बौयफ्रैंड से मिलने जाना होता है. उसे मेरे बालों से कोई बदबू न आए, इसलिए बालों पर परफ्यूम स्प्रे कर लेती हूं. क्या ऐसा करने से मेरे बाल खराब हो जाएंगे?

जवाब-

जी हां, बौडी परफ्यूम में कुछ अल्कोहल की मात्रा होती है जो बालों को रूखा और फ्रीजी बना सकती है. आजकल बाजार में हेयरपरफ्यूम या हेयरमिस्ट उपलब्ध हैं. बेहतर रिजल्ट के लिए आप अपने बालों के साथसाथ स्कैल्प पर भी थोड़ा सा हेयरपरफ्यूम स्प्रे करें. इस से आप के बालों को थोड़ा हाईड्रेशन मिलेगा और भीनीभीनी खुशबू तो आएगी ही.

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लंबे-खूबसूरत और काले बाल किसे पसंद नहीं आते…लेकिन लाइफस्टाइल और सही देखभाल के अभाव में अक्सर हमें बालों से जुड़ी किसी न किसी परेशानी को फेस करना पड़ता ही है. महंगे हेयर ट्रीटमेंट और कॉस्मेटिक्स के इस्तेमाल के बावजूद हमें इन परेशानियों से छुटकारा नहीं मिलता.

इसके अलावा बहुत अधिक केमिकल इस्तेमाल करने से भी बाल खराब हो जाते हैं. ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप नेचुरल तरीके अपनाए. बहुत से ऐसे कुदरती उपाय हैं जिनकी मदद से आप बालों से जुड़ी परेशानियों को दूर कर सकते हैं. आमतौर पर लोगों को बालों से जुड़ी तीन तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रूखे-बेजान बाल, रूसी और ग्रोथ की समस्या…

आमतौर पर इन परेशानियों के लिए अलग-अलग उपाय बताए जाते हैं लेकिन आलू एक ऐसी चीज है, जिसके इस्तेमाल से आप इन सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं. आलू में शहद, दही और नींबू मिलाकर आप अलग-अलग समस्याओं से मुक्त‍ि पा सकते हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- बालों की प्रौब्लम्स के लिए ट्राय करें आलू के ये टिप्स

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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टुकड़ों में नींद लेना पड़ सकता है भारी

खूब थके हों और झपकी आ जाए तो आप तरोताजा हो जाते हैं. लेकिन ऐसी दशा में पूरी नींद न लेना या लगातार टुकड़ों में सोना सेहत लिए अच्छा नहीं है. एक स्टडी की मानें तो बार-बार नींद टूटने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है

वैसे लंबी और चैन की नींद सौभाग्यशाली लोगों को ही मिलती है, सभी के लिए एक बार में 7-9 घंटे सोना संभव नहीं है. नींद की कमी से कई सारी बीमारियां भी होने लगती हैं. जो लोग एक बार में भरपूर नींद नहीं ले पाते हैं या फिर देर रात तक जगने के बाद सोते हैं उनके मन में अक्सर ख्याल आता है कि क्यों न टुकड़ों में नींद पूरी की जाए.

ऐसे में अमेरिका की जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी में दो तरह की नींद का अध्ययन किया. बिना व्यवधान की लंबी नींद और दूसरी कम समय के लिए टुकड़ों में ली जाने वाली नींद. इस स्टडी में 62 सेहतमंद पुरुषों को शामिल किया गया और एक लैबरेटरी में रखा गया. इनमें कुछ लोगों को बार-बार जगाया गया.

वैज्ञानिकों ने इस शोध में पाया कि पहली रात के बाद दोनों ही समूह के प्रतिभागियों को थकान थी. बाद की रातों में टुकड़ों में सोने वाले समूह की अपेक्षा देर रात के बाद शांति से सोने वाले समूह के लोगों का मूड 30 प्रतिशत बेहतर था. यह भी पता चला कि टुकड़ों में सोने वाले लोग अगले दिन ज्यादा थके और सुस्त नजर आए

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दिन में सोना खतरनाक

स्लीप जर्नल में पब्लिश हुए एक दूसरे शोध की मानें तो जो लोग दिन में 6 घंटे की नींद लेते हैं, उन्हें रात में सात घंटे रोज नींद लेने वालों की अपेक्षा बीमारी का खतरा चार गुना ज्यादा रहता है.

याद्दाश्त कमजोर होना

कम नींद लेने का प्रभाव दिमाग पर पड़ता है और दिमाग सही तरीके से काम नहीं करता. इसकी वजह से पढ़ने, सीखने व निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है.

भूख ज्यादा लगना

टुकड़ों में नींद लेने से मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाता है. कम नींद लेने के कारण हॉर्मोन में असंतुलन भी होता है जिससे कारण ज्यादा भूख लगती है. इसके कारण ही अच्छी नींद न लेने वाले लोगों को पेट भरने का आभास देर से होता है. इसलिए टुकड़ों में नींद लेने के बजाय एक साथ लंबी नींद लीजिए.

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