Valentine’s Day 2024: बनें एक-दूजे के लिए

विवाह के पहले और विवाह के बाद जीने के उद्देश्य अलगअलग प्रकार के होते हैं. विवाह से पहले हम सैल्फ सैंटर्ड लाइफ जीते हैं. विवाह के बाद एकदूजे के लिए जीने का अभ्यास करना ही पतिपत्नी की सफलता का मानदंड होता है. आइए जानते हैं कि हम कैसे स्वस्थ मानसिकता के साथ परिस्थितियों के अनुकूल या प्रतिकूल होने पर दोनों स्थितियों में अपनी सही सोच के साथ जीवन के इस अहम पड़ाव पर स्थिरता और खुशनुमा पारिवारिक माहौल बना कर अपने लाइफपार्टनर के सुखदुख के साथी बनें:

क्या करें

एकदूसरे के लिए पर्याप्त समय सुनिश्चित करें, समय बात सुनने का, समय साथ रहने का, युगलरूप में काम में हाथ बंटाने का. जल्दीबाजी छोड़ कर धैर्य के साथ यह सब करने का पर्याप्त समय होना चाहिए.

जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति  करते हुए टीम भावना से छोटीछोटी बातों को भी ऐंजौय करें.

सभी के साथ रिलेशनशिप को मुसकरा कर उत्साह के साथ जीएं. ऐसा करेंगे तो संपर्क में आने वाले सभी लोग मुसकराहट और उत्साह के साथ पेश आएंगे.

इन शब्दों का इस्तेमाल उचित अवसर पर करते रहें- धन्यवाद, हां, डियर, आप ठीक हैं, क्षमा कीजिए, मैं गलत था, आई एम सौरी आदि.

महीने में कम से कम 1 दिन पूरा समय एकदूसरे के साथ बिताएं. जो दोनों को रुचिकर लगे वैसा कार्यक्रम बना कर उस में समय व्यतीत करें.

जो भी बात अच्छी लगे उस के लिए एकदूसरे से धन्यवाद की अभिव्यक्ति करें.

अपनी बातचीत में हास्य का पुट भरें. यहां तक कि यदि मतभेद हो तो उस का अंत भी हास्य के पुट के साथ करें.

टोटल मेकओवर और ड्रैस एकदूसरे की पसंद के अनुसार हो. इस से एकदूसरे के लिए आकर्षण बढ़ता है.

हमेशा खुश रहने का फैसला करें. पौजिटिव सोच अपना कर अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखें.

सामान्य जीवन बिताने के लिए भीड़ में समय बिताने से बचें. सरल तरीके से जीएं. जीवन जटिल न हो तो अच्छा है.

वार्त्तालाप करें वह स्नेह और प्यार की भावना के साथ करें. एकदूसरे को समझने की ईमानदारी से कोशिश करें.

मोनालिसा मिश्रा ने संबंधित विषय पर कई शोधपत्र लिखे हैं जिन का सार संक्षेप में प्रस्तुत है. वैवाहिक जीवन में प्रवेश करने पर इस पर ध्यान देना बहुत लाभदायक रहेगा:

अच्छे संवाद और वार्त्तालाप: एकदूसरे से बातें करने में संकोच न करें. बातें कीजिए. एकदूसरें की बात ध्यान से सुनें. सीक्रेट भी शेयर करें. किंतु विवेक के साथ. बातें करते समय आईकौंटैक्ट का भी ध्यान रखें. संवाद और वार्त्तालाप मधुर हो. मुद्दे बना कर क्रोध और झगड़ा न करें: क्रोध झगड़े में आग में घी का काम करता है. जब क्रोध में हों तो संवाद स्थगित कर दें. बातचीत के लिए सौहार्दपूर्ण माहौल का इंतजार करें. एकदूसरे के लिए त्याग की भावाना रखें. मिथ्या भ्रम न पालें कि हर बात आप की मानी जाए. गिव ऐंड टेक की पौलिसी अच्छी पौलिसी है. तनावरहित होने पर सभी बातें उचित नजरिए के साथ ली जा सकती हैं. अपने लाइफपार्टनर को उत्साहित करते रहें. उस के हर अच्छे कार्य की सराहना करें. उस की सहायता करें. क्षमाशील बनें. उस की योग्यता बढ़ाने के लिए हमेशा प्रयत्न करें. उसे वयस्क रूप में लें. किडिंग से परहेज करें.

क्रिया और प्रतिक्रिया: मानवी रिलेशंस के लेखकों का मत है कि हर व्यवहार और कार्य की प्रतिक्रिया स्वाभाविक होती है, इसलिए प्रतिक्रिया उचित सीमा के भीतर और समय के अनुसार होनी चाहिए. ऐसा न हो अपनी बात मनवाने में आप संबंध बिगाड़ लें. किसी भी कीमत पर संबंध बनाए रखना वैवाहिक जीवन का आधार होता है, यह ध्यान रखें. उचित मानसिकता के साथ शांति बनाए रखें.संबंध में संतुष्टि प्रमुख है: चिंता दीमक की तरह हानिकारक होती है. किसी भी समस्या को आवश्यकता से अधिक तूल न दें. संबंध बनाए रखने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं. अपने लाइफपार्टनर का सैल्फ कौन्फिडैंस बनाए रखें. उसे कमजोर बना कर कुछ हासिल नहीं होने वाला है. समयसमय पर विश्वास की अभिव्यक्ति करते रहें. मतभेद की स्थिति में मतभेद न पैदा होने दें. गौतम बुद्ध ने कहा है कि विजयी बनने के लिए दूसरे को हर्ट नहीं करना चाहिए.

परफैक्ट मैच बनने के लिए निम्न सुझाव अमल में लाएं:

विवाह दीर्घकालीन समन्वय और नजदीकी रिश्ता है, जो एकदूसरे की पसंद पर आधारित है. इसे खुले दिलदिमाग से स्वीकारें.

नजरिए को लचीला रखें ताकि पार्टनर के दृष्टिकोण और भावनाओं का आदर कर सकें. ऐसा करने से प्यार पनपता रहेगा. रिश्ता बनाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है.

वैवाहिक संतुष्टि को बढ़ाने के लिए एकदूसरे को इमोशनल सपोर्ट दें ताकि आपसी सूझबूझ से भावनात्मक जुड़ाव बना रहे. इस से कर्तव्यबद्धता और कमिटमैंट जैसे गुणों का विकास होगा.

पार्टनर की अपेक्षाओं पर खरे उतरें. उस की मानसिकता को पहचानें. संदेह द्वारा असंतुष्टि और असुरक्षा की भावना एकदूसरे को न दें.

अपने लाइफपार्टनर के बारे में कोई गलत धारणा न बनाएं. तथ्यों के बिना अर्थपूर्ण बातचीत होना संभव नहीं होता है. महत्त्वपूर्ण डिस्कशन पतिपत्नी अकेले में ही करें. किसी अन्य व्यक्ति से समस्या पर विचारविमर्श न करें. अपनी प्राइवेसी बनाए रखें.

अवास्तविक अपेक्षाएं रखेंगे तो दुख ही मिलेगा. गिव ऐंड टेक की भावना होगी तो अपेक्षाएं अवश्य पूरी होंगी. धैर्य बनाए रखें.

प्रसिद्ध कवि रूप नारायण त्रिपाठी की निम्न पंक्तिया सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रेरक हैं:

जहां पर फूल खिलते हैं उसे उद्यान कहते हैं,
जहां पर रूप जलता है उसे श्मशान कहते हैं,
मगर उद्यान और श्मशान में बस फर्क इतना है,
कि हम उजड़े हुए उद्यान को श्मशान कहते हैं.

अब आप ही फैसला करें कि अपने जीवन को आप ने महकता हुआ उद्यान बनाना है या उन खुशियों से वंचित रहना है जिन के आप सही माने से हकदार हैं.

Valentine’s Day 2024: तो हो जाएगा उन से प्यार

आज हरीश बहुत अच्छे मूड में था. सोच रहा था कि आज नेहा को मूवी दिखाने ले जाएगा. बहुत दिन हो गए मूवी देखे. मूवी देखने के बाद डिनर कर के ही लौटेंगे. लेकिन जब उस ने नेहा को फोन कर यह सब बताया तो सुन कर नेहा के मुंह से निकला कि कमाल है, आज आप को मेरे लिए टाइम मिल गया? वैसे जब कभी मैं बोलती हूं तो आप के पास टाइम नहीं होता है मेरे लिए. नेहा की बात सुन कर हरीश का अच्छाखासा मूड खराब हो गया.

नेहा जैसी बहुत सी पत्नियां ऐसी होती हैं, जो पति अगर उन्हें समय न दे तो ताने देती हैं और समय मिल जाए तो भी अपनी जलीकटी बातों से उसे खराब करने से बाज नहीं आती हैं. सच तो यह है कि जब आप किसी से प्यार करते हैं तो यह माने नहीं रखता है कि आप ने अपने साथी के साथ कितना समय बिताया. उस समय तो यही माने रखता है कि आप दोनों ने जो भी समय बिताया वह कितना अच्छा बीता. अगर आप ने अपने समय को एकदूसरे से उलझने में ही बिता दिया तो फिर यह मान कर चलिए कि अगर आप का ऐटिट्यूड यही रहेगा तो आप दोनों कभी खुश नहीं रह पाएंगे, क्योंकि खुश रहने की पहली शर्त यही है कि आप अपने साथी की भावनाओं का ध्यान रखें. कोई ऐसा काम न करें, जिस से साथी हर्ट हो. खुशहाल जीवन के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप दोनों एकदूसरे की भावनाओं की कद्र करें और एकदूसरे की पसंदनापसंद का ध्यान रखें. यह सिर्फ पत्नी की ही जिम्मेदारी नहीं है, पति के लिए भी यह बात उतनी ही माने रखती है जितनी पत्नी के लिए. वैसे भी कहा जाता है कि पतिपत्नी का संबंध बेहद संवेदनशील होता है. दोनों को एक गाड़ी के 2 पहियों की तरह माना गया है. जिस तरह अगर 1 पहिए में हवा कम हो जाए या वह पंक्चर हो जाए तो गाड़ी का संतुलन बिगड़ जाता है, ठीक उसी तरह पतिपत्नी में से अगर एक भी अपने साथी की भावनाओं का ध्यान नहीं रख पा रहा है, तो फिर इस प्यार भरे संबंध में दरार आते देर नहीं लगती है.

आजकल ज्यादातर पतिपत्नी दोनों वर्किंग हैं. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि जिस तरह से दोनों मिलजुल कर आर्थिक जिम्मेदारियों को निभाते हैं, उसी तरह घरेलू काम में भी एकदूसरे का साथ दें. अगर पत्नी वर्किंग न भी हो तो भी घर में इतने काम होते हैं कि वह थक जाती है. ऐसे में अगर आप उस की थोड़ी सी मदद कर दें, तो उस के मन में आप के प्यार की डोर और ज्यादा मजबूत होगी. आमतौर पर पतियों की यह धारणा होती है कि घर का काम करने का जिम्मा सिर्फ पत्नी का है. जबकि अब तो यह कतई जरूरी नहीं है कि घर का सारा काम केवल पत्नी ही करे. अगर पत्नी खाना बना रही है, तो कम से कम आप अपने बच्चों का होमवर्क तो करवा ही सकते हैं. इसी तरह बाजार से सब्जी लाना या फिर कमरे में बिखरी चीजों को ठीक करना आदि छोटेमोटे काम कर के भी आप अपने संबंधों को प्रगाढ़ बना सकते हैं. आप की यह छोटी सी पहल आप की पत्नी के मन में प्यार के साथसाथ आप के प्रति सम्मान भी बढ़ाएगी. यकीन मानिए इस बात पर अमल कर के आप अपनी पत्नी के दिल के और ज्यादा करीब होते जाएंगे.

पसंदनापसंद का रखें ध्यान

प्यार भरे संबंधों के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने साथी की पसंदनापसंद का ध्यान रखें. अगर उसे आप की कोई बात अच्छी नहीं लगती है, तो उसे बदलने की कोशिश करें. इसी तरह से इस बात का भी खयाल रखें कि ऐसी कौनकौन सी बातें हैं, जिन के जिक्र मात्र से आप के जीवनसाथी के चेहरे पर मुसकान छा जाती है और जिन का जिक्र ही उसे पसंद नहीं है. इन सारी बातों के अलावा आप के साथी को खाने में क्या पसंद है, उस का पसंदीदा रंग कौन सा है जैसी छोटीछोटी बातें भी आप दोनों के प्यार को और बढ़ाएंगी.

एकदूसरे के परिवार का सम्मान करें

अगर आप यह चाहते हैं कि आप का साथी आप को प्यार करे और आप की बात को मान दे, तो इस के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने जीवनसाथी से जुड़े सारे संबंधों को खुले दिल से स्वीकार करें. उस के परिवार के सदस्यों का सम्मान करें. जब आप अपने जीवनसाथी के मातापिता को अपने मातापिता की तरह मान देंगे और उस के भाईबहनों को भी अपने भाईबहनों की तरह प्यार करेंगे, तो यकीनन आप के संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी. यह सच है कि जहां प्यार होता है वहां टकराव भी होता है. फिर एक गाना भी है, ‘तुम रूठी रहो मैं मनाता रहूं…’ थोड़ीबहुत नोंकझोंक प्यार बढ़ाती है. लेकिन जब यह जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो फिर संबंधों में खटास आते देर नहीं लगती. इसलिए अपने जीवनसाथी के साथ बातचीत करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप जो भी बात कहें उस से उस का ईगो हर्ट न हो. इस बात पर भी ध्यान देना जरूरी है कि अपनी बहस को झगड़े में न बदलें. अगर आप दोनों के बीच किसी बात को ले कर मनमुटाव हो भी गया हो, तो फिर उसे उसी दिन सुलझा लें. कहने का मतलब यह कि अपनी तकरार को लंबा न खींचें. जितनी जल्दी हो सुलझा लें.

किसी भी संबंध को तभी अच्छी तरह से चलाया जा सकता है जब उस में विश्वास हो. बिना भरोसे के यह संबंध दिखावा मात्र रह जाता है. आज जब पतिपत्नी दोनों वर्किंग हैं, दोनों काम पर जाते हैं तो उन के बीच एकदूसरे के सहकर्मियों को ले कर अनायास ही शक पैदा होने लगता है. ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आप का संबंध खुशियों से भरा रहे, तो इस के लिए यह जरूरी है कि आप अपने साथी पर विश्वास करें. सच यही है कि खुश रहने के लिए धनदौलत की उतनी ज्यादा जरूरत नहीं होती है जितनी अपने साथी के साथ म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग और प्यार की. अपने जीवनसाथी की छोटीछोटी जरूरतों और खुशियों का ध्यान रखें और अपनी जिंदगी से सारे तनाव निकाल कर जीवनसाथी का प्यार पाएं.

Valentine’s Day 2024: वैलेंटाइन डे को मनाना चाहते हैं यादगार, तो अपने पार्टनर के लिए करें ये प्लान

इस वैलेंटाइन डे पर आप छोटीछोटी खुशियों से अपने प्यार के पुराने पलों को याद कर सकती हैं. एकदूसरे को स्पैशल फील करा सकती हैं, कुछ इस तरह:

तुम हो खास

जब कोई हमारे लिए सरप्राइज प्लान करता है, तो हम स्पैशल फील करते हैं. इस वैलेंटाइन डे आप भी अपने पति के लिए कुछ स्पैशल प्लान करें, जो उन के चेहरे पर प्यारी सी मुसकान ला सके. आप उन की पसंदीदा चीज औनलाइन और्डर कर के उन्हें सरप्राइज दे सकती हैं या फिर मूवी के टिकट बुक करा कर उन के फोन पर मैसेज कर सरप्राइज दे सकती हैं.

तोहफा उन के लिए

इस दिन पति को गिफ्ट जरूर दें. जरूरी नहीं कि कोई महंगी चीज ही गिफ्ट करें. आप उन की जरूरत की छोटीछोटी चीज भी गिफ्ट कर सकती हैं.

बातोंबातों में हो जाए प्यार

पतिपत्नी साथ तो रहते हैं, लेकिन घरपरिवार की जिम्मेदारियों की वजह से उन्हें इतना समय नहीं मिलता कि एकदूसरे से प्यार भरी बातें कर सकें. अत: कोशिश करें कि इस वैलेंटाइन डे थोड़े रोमांटिक अंदाज में पेश आएं. पति से प्यार भरी बातें करें.

माहौल हो रोमानी

इस दिन अपने घर को अच्छी तरह सजाएं. घर को रोमांटिक माहौल दें. दीवारों पर अपनी कुछ तसवीरें लगा सकती हैं. घर को फूलों से सजा सकती हैं. इस दिन बैडरूम को स्पैशल तरीके से सजाएं ताकि वे आप से चाह कर भी दूर न रह पाएं.

बस हमतुम

आप इस दिन कहीं बाहर घूमने का भी कार्यक्रम बना सकती हैं. बाहर एकदूसरे के साथ को ऐंजौय करें. इस दिन पार्टनर को ‘आई लव यू’ जरूर कहें. ये 3 शब्द मैजिक भरे होते हैं, जो रिश्ते में मिठास लाते हैं.

क्या न करें

महिलाओं में अकसर देखा जाता है कि वे तुलना करती हैं कि मेरी सहेली के पति ने उस के लिए पार्टी रखी, इतना महंगा गिफ्ट दिया. आप ऐसा न करें. पैसे को महत्त्व न दें, बल्कि जो पति कर रहे हैं उसी में खुश हो ऐंजौय करें.

सैलिब्रेट करने के बजाय शिकायत ले कर न बैठ जाएं कि आप ने उन के लिए इतना अच्छा सरप्राइज प्लान किया है, लेकिन वे आप के लिए कुछ ले कर नहीं आए.

गिफ्ट पसंद न आने पर तीखी प्रतिक्रिया तो कतई न दें. कई बार कुछ महिलाएं गिफ्ट पसंद नहीं आने पर पति के सामने ही कह देती हैं कि यह क्या लाए हो? यह मेरे किसी काम का नहीं है.

समाज में कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जो इस तरह के उत्सव या खास दिन को धर्म व संस्कृति से जोड़ कर देखते हैं. उन का मानना होता है कि इस तरह के उत्सवों को नहीं मनाना चाहिए. ये हमारी संस्कृति में नहीं हैं. लेकिन यह बेतुकी बात है. यह किसी धर्म या संस्कृति का दिन नहीं है, बल्कि प्यार का दिन है और इसे एकदूसरे के साथ प्यार से मनाना चाहिए.

कब बोरिंग होती है मैरिड लाइफ

विवाह के कुछ वर्ष बाद न सिर्फ जीवन में बल्कि सैक्स लाइफ में भी एकरसता आ जाती है. कई बार कुछ दंपती इस की तरफ से उदासीन भी हो जाते हैं और इस में कुछ नया न होने के कारण यह रूटीन जैसा भी हो जाता है. रिसर्च कहती है कि दांपत्य जीवन को खुशहाल व तरोताजा बनाए रखने में सैक्स का महत्त्वपूर्ण योगदान है. लेकिन यदि यही बोरिंग हो जाए तो क्या किया जाए?

पसंद का परफ्यूम लगाएं

अकसर महिलाएं सैक्स के लिए तैयार होने में पुरुषों से ज्यादा समय लेती हैं और कई बार इस वजह से पति को पूरा सहयोग भी नहीं दे पातीं. इसलिए यदि आज आप का मूड अच्छा है तो आप वक्त मिलने का या बच्चों के सो जाने का इंतजार न करें. अपने पति के आफिस से घर लौटने से पहले ही या सुबह आफिस जाते समय कानों के पीछे या गले के पास उन की पसंद का कोलोन, परफ्यूम लगाएं, वही खुशबू, जो वे रोज लगाते हैं. किन्से इंस्टिट्यूट फौर रिसर्च इन सैक्स, जेंडर एंड रिप्रोडक्शन के रिसर्चरों का कहना है कि पुरुषों के परफ्यूम की महक महिलाओं की उत्तेजना बढ़ाती है और सैक्स के लिए उन का मूड बनाती है.

साइक्लिंग करें

अमेरिकन हार्ट फाउंडेशन द्वारा जारी एक अध्ययन में स्पष्ट हुआ कि नियमित साइक्लिंग जैसे व्यायाम करने वाले पुरुषों का हृदय बेहतर तरीके से काम करता है और हृदय व यौनांगों की धमनियों व शिराओं में रक्त के बढ़े हुए प्रवाह के कारण वे बेडरूम में अच्छे प्रेमी साबित होते हैं. महिलाओं पर भी साइक्लिंग का यही प्रभाव पड़ता है. तो क्यों न सप्ताह में 1 बार आप साइक्लिंग का प्रोग्राम बनाएं. हालांकि साइक्लिंग को सैक्स विज्ञानी हमेशा से शक के दायरे में रखते हैं, क्योंकि ज्यादा साइक्लिंग करने से साइकिल की सीट पर पड़ने वाले दबाव के कारण नपुंसकता हो सकती है. लेकिन कभीकभी साइक्लिंग करने वाले लोगों को ऐसी कोई समस्या नहीं होती.

स्वस्थ रहें

वर्जिनिया की प्रसिद्ध सैक्स काउंसलर एनेट ओंस का कहना है कि कोई भी शारीरिक क्रिया, जिस के द्वारा आप के शरीर के रक्तप्रवाह की मात्रा कम होती है, सैक्स से जुड़ी उत्तेजना को कम करती है. सिगरेट या शराब पीना, अधिक वसायुक्त भोजन लेना, कोई शारीरिक श्रम न करना शरीर के रक्तप्रवाह में गतिरोध उत्पन्न कर के सैक्स की उत्तेजना को कम करता है. एक स्वस्थ दिनचर्या ही आप की सैक्स प्रक्रिया को बेहतर बना सकती है.

दवाइयां

वे दवाइयां, जिन्हें हम स्वस्थ रहने के लिए खाते हैं, हमारी सैक्स लाइफ का स्विच औफ कर सकती हैं. इन में से सब से ज्यादा बदनाम ब्लडप्रेशर के लिए ली जाने वाली दवाइयां और एंटीडिप्रेसेंट्स हैं. इन के अलावा गर्भनिरोधक गोलियां और कई गैरहानिकारक दवाइयां भी सैक्स की दुश्मन हैं. इसलिए कोई नई दवा लेने के कारण यदि आप को सैक्स के प्रति रुचि में कोई कमी महसूस हो रही हो तो अपने डाक्टर से बात करें.

सोने से पहले ब्रश

बेशक आप अपने साथी से बेइंतहा प्रेम करती हों, लेकिन अपने शरीर की साफसफाई का ध्यान अवश्य रखें. ओरल हाइजीन का तो सैक्स क्रीडा में महत्त्वपूर्ण स्थान है. यदि आप के मुंह से दुर्गंध आती हो तो आप का साथी आप से दूर भागेगा. इसलिए रात को सोने से पहले किसी अच्छे फ्लेवर वाले टूथपेस्ट से ब्रश जरूर करें.

स्पर्श की चाहत को जगाएं

आमतौर पर लोगों को गलतफहमी होती है कि अच्छी सैक्स क्रीडा के लिए पहले से मूड होना या उत्तेजित होना आवश्यक है, लेकिन यह सत्य नहीं है. एकसाथ समय बिताएं, बीते समय को याद करें, एकदूसरे को बांहों में भरें. कभीकभी घर वालों व बच्चों की नजर बचा कर एकदूसरे का स्पर्श करें, फुट मसाज करें. ऐसी छोटीछोटी चुहलबाजी भी आप का मूड फ्रेश करेगी और फोरप्ले का काम भी.

थ्रिलर मूवी देखें

वैज्ञानिकों का मानना है कि डर और रोमांस जैसी अनुभूतियां मस्तिष्क के एक ही हिस्से से उत्पन्न होती हैं, इसलिए कभीकभी कोई डरावनी या रोमांचक मूवी एकसाथ देख कर आप स्वयं को सैक्स के लिए तैयार कर सकती हैं.

फ्लर्ट करें

वैज्ञानिकों का मानना है कि फ्लर्टिंग से महिलाओं के शरीर में आक्सीटोसिन नामक हारमोन का स्राव होता है, जो रोमांटिक अनुभूतियां उत्पन्न करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसलिए दोस्तों व सहेलियों के बीच सैक्सी जोक्स का आदानप्रदान करें, कभीकभी किसी हैंडसम कुलीग, दोस्त के साथ फ्लर्ट भी कर लें. अपने पति के साथ भी फ्लर्टिंग का कोई मौका न छोड़ें. आप स्वयं सैक्स के प्रति अपनी बदली रुचि को देख कर हैरान हो जाएंगी.

मेरा होने वाला पति विवाह से पहले मेरा मैडिकल चैकअप कराना चाहता है?

सवाल-

मैं 20 वर्षीय युवती हूं. सगाई हो चुकी है. जल्द ही शादी होने वाली है. मैं कई बार शारीरिक संबंध बना चुकी हूं. अब समस्या यह है कि मेरा होने वाला पति विवाह से पहले मेरा मैडिकल चैकअप कराना चाहता है. यदि ऐसा हुआ तो मेरे अवैध संबंधों की बाबत सब जान जाएंगे. जब से उस ने यह बात कही है मेरी रातों की नींद उड़ गई है. बताएं, क्या करूं?

जवाब-

आप को ऐसे शक्की व्यक्ति से विवाह हरगिज नहीं करना चाहिए, जो शादी से पहले ही इस तरह की शर्तें रख रहा है वह बाद में न जाने क्या करे. ऐसे दकियानूसी खयाल रखने वाला मनोरोगी लगता है. अत: किसी प्रकार का संकोच न करें और साफसाफ मना कर दें.

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श्वेता और अमन की कुंडली व गुण मिला कर विवाह कराया गया. ज्योतिषी ने दावा करते हुए कहा था, ‘‘श्वेता और अमन जीवनभर खुश रहेंगे.’’

मगर विडंबना देखिए कि शादी के दूसरे दिन ही श्वेता आंखों में आंसू लिए घर लौट आई. उसे शादी में आए किसी रिश्तेदार से पता चला कि अमन को एड्स है. विवाह से पहले अमन ने उस से इतनी बड़ी बात छिपा ली थी. यदि ज्योतिष के पाखंड में न पड़ कर दोनों की मैडिकल जांच की गई होती तो श्वेता को यह दुख न भोगना पड़ता.

आज के विज्ञान के युग में भी ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि मैडिकल टैस्ट कराना बेकार है. मैडिकल टैस्ट कराने में उन के अहंकार को चोट पहुंचती है. उन्हें लगता है कि जब उन्हें बीमारी है ही नहीं तो बेकार में मैडिकल टैस्ट क्यों कराया जाए. कुछ लोग सबकुछ भाग्य के भरोसे छोड़ देते हैं. कुछ सोचते हैं कि शादी के बाद कोई बीमारी हो जाएगी तब भी तो निभाना पड़ेगा. कुछ को ऐसा भी लगता है कि मैडिकल टैस्ट पर क्यों बेकार में इतने रुपए खर्च किए जाएं. मगर यदि डाक्टर की सलाह ले कर छोटी सी सावधानी बरतते हुए विवाह से पहले कुछ टैस्ट करा लिए जाएं तो दोनों परिवार बहुत सी परेशानियों से बच सकते हैं.

अब समय बदल रहा है. आजकल बड़ी उम्र में विवाह होते हैं. मैडिकल साइंस भी दिनप्रतिदिन तरक्की कर रही है. आज का युवावर्ग बहुत समझदार हो गया है. पहले की तरह मात्र जन्मपत्री मिला कर शादी कर लेना युवाओं को भी अब मान्य नहीं. सफल एवं सुरक्षित वैवाहिक जीवन के लिए यह जरूरी है कि विवाह से पहले लड़कालड़की अपनी इच्छा से अपनी मैडिकल जांच जरूर कराएं ताकि औलाद और खुद को रोगों से बचाया जा सके. इस से वैवाहिक जीवन में प्रेम और स्थिरता बनी रहेगी.

माई बैटर हाफ: शादी का रिश्ता बनाना चाहते हैं मजबूत, तो अपनाएं ये बातें

हमारे रिश्तेनाते हमारा सामर्थ्य होते हैं. इन में पतिपत्नी का रिश्ता एकदूसरे के प्रति विश्वास, प्रेम और अपनेपन पर आधारित होता है. दो अजनबी प्यार में पड़ कर विवाहित होते हैं और फिर एक तरह से उन के बीच एक अटूट प्रेम का रिश्ता पनपने लगता है. इसी से ही आगे चल कर स्नेह, प्रेम और अपनेपन की भावनाओं से रिश्तों का धागा बुना जाता है.

यह अपनापन ही हमारे मन को हमेशा से उमंग देता रहता है और यही अनुभूति पतिपत्नी के रिश्तों में भी होती है. इस रिश्ते में एक मन होता है विश्वास रखने वाला तो दूसरा मन होता है समझने वाला. कई बार पत्नी अपने पति के काम के बारे में, उस की अच्छीबुरी आदतों के बारे में, उस के स्नेहशील नेचर के बारे में बातें करती रहती है. उस का पति के प्रति प्रेम का अभिमान उस के चेहरे से साफ झलकता है, तो कई बार कामयाब पति के पीछे उस की पत्नी दृढ़ निश्चय से खड़ी रहती है. लेकिन क्या एक कामयाब पत्नी के पीछे, उस की सराहना करने के लिए पुरुष वर्ग भी आगे रहता है?

सिर्फ एक स्टैंप नहीं: समीक्षा गुप्ता

हकीकत में एक कामयाब पत्नी का पति होना गर्व की अनुभूति कराता है. ऐसा ही एक अनूठा रिश्ता है ग्वालियर की मेयर समीक्षा गुप्ता और उन के पति राजीव गुप्ता का. बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से इकोनौमिक्स में स्नातक समीक्षा मूलत: मध्य प्रदेश के राजगढ़ की हैं. शादी के बाद उन्होंने कई साल एक घरेलू महिला की तरह बिताए और अपनी भूमिका को अच्छी तरह निभाया. फिर उन की सासूमां ने उन्हें कौरपोरेटर का चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया तो वे कौरपोरेटर हुईं. यहीं से समीक्षा के नए सफर की शुरुआत हुई. लेकिन समीक्षा ने कभी अपनी जिम्मेदारियों को अनदेखा नहीं किया.

चुनाव जीतने के बाद वे एक स्टैंप न रह कर वार्ड में लोगों के रुके हुए कामों व उन की परेशानियों की तरफ ध्यान देने लगीं. ऐसा कर के ही दूसरी पारी में भी वे अपने चुनाव क्षेत्र से जीतीं. इस के बाद ग्वालियर की जनता ने उन्हें मेयर की कुरसी पर बैठाया. एक कौरपोरेटर के तौर पर उन के काम सिर्फ अपने वार्ड तक ही सीमित थे, लेकिन मेयर होते ही पूरे ग्वालियर शहर के विकास के काम धड़ल्ले से करने शुरू कर दिए.

शहर का सौंदर्यीकरण, चौड़े रास्ते, पार्क, रोड, कन्यादान जैसी योजनाओं पर उन्होंने सफलतापूर्वक काम किया. इस दौरान उन्हें लोगों का विरोध भी सहना पड़ा. पति राजीव कहते हैं, ‘‘जब समीक्षा शहर या शहर के लोगों के बारे में कोई निर्णय लेती हैं तब वे सिर्फ एक शहर की मेयर होती हैं. बाहर के काम के बारे में या किसी समस्या के बारे में वे घर पर विचारविमर्श तो करती हैं, लेकिन अंतिम निर्णय खुद ही लेती हैं.

‘‘घर आने के बाद वे 2 बेटियों की प्यारी मां होती हैं, हमारे अम्मां, बाबूजी की बहू होती हैं. हमारा परिवार संयुक्त परिवार है. वे हर एक रिश्ते का मान रखती हैं. आज समीक्षा स्त्री भू्रण हत्या के साथसाथ महिलाओं पर होने वाले अत्याचार पर काम कर रही हैं, इस का मुझे गर्व है.’’

घर की छांव: छाया नागपुरे

एफआरआर फोरेक्स में सीनियर मैनेजर के पद पर आसीन छाया के पति विजय के चेहरे पर अभिमान स्पष्ट रूप से झलकता है. इस परिवार का बेटा यशराज और बेटी ऐश्वर्या के साथ खुद विजय इन सभी की सफलता का संगम छाया के असीम स्नेह की छांव में ही हो सका, ऐसा उन्हें लगता है.

पहली मुलाकात, पहली तकरार, पहला गिफ्ट, सालगिरह आदि बातें आमतौर पर सिर्फ महिलाओं को ही याद रहती हैं, लेकिन विजय ने उन के प्यार को 26 साल किस दिन हुए, यह बात बहुत ही गौरव से बताई.

उन की जिंदगी में छाया के आने के बाद सब अच्छा ही होता गया, ऐसा बताते हैं विजय. उन्होंने बताया कि छाया ने अपनी पढ़ाई बहुत ही प्रतिकूल हालात में पूरी की है. घर में ट्यूशन पढ़ा कर बी.एससी. पूरी की. उस के बाद विजय के अनुरोध पर उन्होंने लेबर स्टडीज विषय पर एम.एस. किया.

पहली ही नौकरी में उन्हें कामगारों द्वारा की गई हड़ताल की समस्या सुलझाने के लिए सिल्व्हासा में भेजा गया. उस वक्त वे अपनी छोटी बेटी और पति को साथ ले कर गई थीं. वहां पर कामगारों ने उन के साथ अच्छा बरताव नहीं किया था. ‘एक औरत हमारी समस्याएं क्या हल करेगी.’ यही भाव उस वक्त उन के चेहरों पर थे. तब छाया ने वहां का माहौल हलका करने के लिए कहा कि मैं अपने पति और बेटी को ले कर आप के शहर आई हूं. आप का शहर कैसा है यह तो दिखाइए. यह कहने के बाद वहां का माहौल हलका हुआ और मालिक और कामगारों के बीच का तनाव कम हुआ.

विजय कहते हैं कि आज भी परिवार के सगेसंबंधी अपनी समस्याएं ले कर छाया के पास आते हैं तब छाया उन्हें ‘मैं जो कहती हूं वह करना ही चाहिए’ न कह कर उस बात के फायदे और नुकसान के विकल्प उन के सामने रखती हैं. इस से अपनी समस्याओं का हल उन्हें वहीं मिल जाता है. कभीकभी सामने वालों से डीलिंग करते वक्त उन्हें कठोर कदम भी उठाना पड़ता है. इस बारे में छाया खुद कहती हैं, ‘‘आखिर मैं ह्यूमन रिसोर्स यानी व्यक्तियों के साथ डील करती हूं. हर व्यक्ति एक जैसा नहीं होता.

संवाद साधने वाली: लीना

लीना प्रकाश सावंत. लीना यानी नम्र. लेकिन नाम में नम्रता होते हुए भी कहां पर नम्र होना है और कहां पर प्रतिकार करना है, इस की जानकार लीना सावंत के पति कंस्ट्रक्शन के बिजनैस में हैं. कौमर्स से स्नातक लीना नौकरीपेशा प्रकाश सावंत के साथ शादी होने के बाद जब गोवा, पूना घूम रही थीं, तो वहां भी वे समय का सदुपयोग करने के लिए छोटीमोटी नौकरी कर रही थीं.

लेकिन प्रकाश ने जब नौकरी छोड़ कर बिजनैस करने का फैसला कर लिया तब लीना ने उन की कल्पनाओं को साकार करने में मदद की और खुद भी बिजनैस में ध्यान देने लगीं. इस के बारे में प्रकाश ने कहा कि सब से पहले हमें वोडाफोन के ग्लो साइन एडवरटाइजमैंट का कौंट्रैक्ट मिला था. तब आर्थिक प्रबंधन व बाकी सभी कामों की जिम्मेदारी लीना ने स्वयं ही अपने कंधों पर ली थी. इंटरनैशनल क्रिएशन नाम की उन की कंपनी ग्लो साइन बोर्ड में टौपर कंपनी है.

आज उन के घर का इंटीरियर हो या बच्चों का कमरा, हर एक चीज उन्होंने अपनी बेहतरीन कल्पना से डिजाइन की है. आज उन का बड़ा बेटा प्रसाद यूएस में शिक्षा ले कर उन के बिजनैस में मदद कर रहा है, तो दूसरा बेटा केदार इकोल मोंडेल जैसे मशहूर स्कूल में पढ़ रहा है. बच्चों की पढ़ाई घर की जिम्मेदारियां संभालते हुए लीना आज बिजनैस में पति की खूब मदद कर रही हैं.

बदलते समय के कदमों को भांप कर 2006 में प्रकाश सावंत ने कंस्ट्रक्शन के कारोबार में कदम रखा तब लीना उन के पीछे खड़ी रहीं. आज भी कारोबार की रूपरेखा तय करते वक्त सब से पहले लीना के सुझाव ध्यान में रखे जाते हैं.

कई बार हंसीमजाक में कहा जाता है कि आप सुखी हैं या शादीशुदा हैं? लेकिन इन पतियों का उन के बैटर हाफ के बारे में झलकता हुआ प्यार, विचार और विश्वास देख कर हम कह सकते हैं कि कामयाब महिलाओं के कारण ही उन का जीवन अधिकतम समृद्ध और खुशहाल हो पाया.

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बात समझ नहीं आती थी, लेकिन बड़े होने के बाद इसे बड़ी शिद्दत से महसूस किया. मन पर कितना भी भारी बोझ क्यों न हो अगर आप उसे किसी अपने से कह देते हैं, तो आप का मन हलका हो जाता है. जीवन में खुशियों को निमंत्रित करने के लिए इन बातों पर करें अमल:

1. पौजिटिव थिंकिंग रखें

सकारात्मक सोच न केवल बीमारियों को दूर रखती है वरन इस से कार्यक्षमता में भी बढ़ोतरी होती है. व्यक्ति सब से ज्यादा दुखी अपने कैरियर को ले कर रहता है. उस के मन में हमेशा इस बात का भय रहता है कि कहीं मैं अपनी खराब परफौरमैंस की वजह से अपनी नौकरी न खो दूं या फिर पता नहीं मेरी प्रमोशन होगी या नहीं. इस तरह की सोच उस की वर्क ऐफिशिएंसी को कम करती है. अगर आप चाहते हैं कि आप को अपने काम में सफलता मिले और नौकरी में आप को प्रमोशन मिले, तो इस के लिए यह जरूरी है कि आप हमेशा खुश रहें और अपनी सोच को सकारात्मक रख कर सिर्फ अपने काम पर फोकस करें यकीनन आप को सफलता मिलेगी. जिंदगी में कुछ भी पाने के लिए किसी किस्म का पूर्वाग्रह पालने के बजाय सिर्फ अपनी सोच को सकारात्मक रखने की जरूरत है. एक बार अच्छा सोच कर और बुराई में अच्छाई खोजने की कोशिश कर के देखिए यकीनन आप के जीवन में खुशियों की बरसात होगी और सफलता आप के कदम चूमेगी.

2. नकारात्मक सोच को निकाल फेंकें

अगर अपने आसपास नजर दौड़ाएं, तो आप को ऐसे बहुत सारे लोग देखने को मिल जाएंगे, जो अपने आसपास नकारात्मक सोच का जाल सा बना कर रखते हैं. हर तरह की सुखसुविधा मौजूद रहने के बावजूद उन के चेहरे पर मायूसी ही नजर आती है, इस का कारण उन की सोच में नकारात्मक भावों की प्रधानता है, जिन की वजह से वे अच्छी बातों पर भी खुश नहीं हो पाते हैं. अगर आप जीवन में खुश रहना चाहते हैं, तो सब से पहले अगर आप के आसपास ऐसे लोगों का जमावड़ा है, तो उन से उचित दूरी बनाएं. उस के बाद अपने अंदर के नैगेटिव थौट को निकाल बाहर करें. मैडरिड यूनिवर्सिटी ने अपने एक शोध में यह बताया कि अपने मन के नकारात्मक विचारों से छुटकारा पाने का सब से आसान तरीका अपनी नकारात्मक सोच को एक सादे कागज पर लिख कर उसे फाड़ देना है. इस से आप के नकारात्मक भाव स्वत: समाप्त हो जाते हैं.

3. खूब ऐक्सरसाइज करें

जीवन में खुश रहने के लिए स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है. इस संबंध में यूनिवर्सिटी औफ टोरंटो ने 25 से अधिक बार रिसर्च किया है. उस के द्वारा किए गए शोधों में यह सिद्ध हो चुका है कि ऐक्सरसाइज करने से मूड अच्छा होता है. इस से न केवल आप का तनाव खत्म होता है वरन नियमित व्यायाम से आप डिप्रैशन से भी दूर रहते हैं. जब आप अपने पास के पार्क के 2-4 चक्कर लगा कर आते हैं, तो अंदर से खुशी महसूस होती है. इस का कारण यह है कि जब आप अपने घर से बाहर जाते हैं, तो फिर आप की मुलाकात बहुत सारे नए लोगों से होती है. पार्क में जाते हैं, तो वहां खेलते बच्चों को देख कर आप अपना सारा तनाव भूल जाते हैं. आप को अपने बचपन के दिन याद आने लगते हैं, जो यकीनन खुश करने वाले होते हैं.

4. गहरी नींद

समयसमय पर हुए विभिन्न सर्वेक्षणों में यह सिद्ध हुआ है कि गहरी नींद न केवल स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है वरन इस से आप के अंदर की नकारात्मकता भी समाप्त होती है. जब आप सो कर उठते हैं, तो आप पूरी तरह तरोताजा होते हैं. उस समय आप के अंदर अपने काम को बेहतर तरीके से करने की इच्छा जाग्रत होती है जोकि आप को अपने काम को अच्छी तरह करने की ऐनर्जी प्रदान करती है. जब आप किसी काम को बेहतर तरीके से अंजाम देते हैं, तो आप के अंदर स्वत: ही अद्भुत खुशी का संचार होता है. अत: गहरी नींद लें, क्योंकि गहरी नींद से आप के अंदर की सारी नैगेटिविटी खत्म हो जाती है.

5. अच्छी यादों को सहेजें

हमेशा खुश रहने के लिए अपनी अच्छी यादों को सहेज कर रखें. अगर आप के साथ कुछ बुरा हुआ है, तो उसे भूल कर अच्छी बातों को याद करने की कोशिश करें. इस संबंध में कौरनेल यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक थौमस गिलोविच ने एक शोध किया था, जिस में यह बात सामने आई कि आप को महंगी चीजों की शौपिंग कर के भी वह खुशी नहीं मिलेगी, जो अपने अच्छे लमहों को याद कर के और उन लोगों के साथ समय बिता कर मिलेगी, जो आप के दिल के करीब हैं और जिन के साथ आप अपनी भावनाओं और विचारों को बांट सकते हैं. सच तो यह है कि अच्छी यादों से मिलने वाली खुशी का कभी अंत नहीं होता है. खुद को तरोताजा रखने के लिए अपने पुराने दोस्तों से मिल कर उन के साथ बीते दिनों की यादों को ताजा कर के तो देखिए, आप को असीम आनंद की प्राप्ति होगी.

6. थोड़ी सी मदद ढेर सी खुशी

कभी किसी की मदद कर के देखिए, आप को ऐसी अद्भुत खुशी मिलेगी कि आप का मन हमेशा किसी मदद को तैयार रहेगा. सच तो यह है कि किसी के चेहरे पर थोड़ी सी मुसकान लाने में जो आनंद और सुकून मिलता है वह आप को बेशुमार दौलत और बड़ा घर खरीदने पर भी नहीं मिलेगा. समयसमय पर किए गए विभिन्न सर्वेक्षणों में यह बात सामने आई है कि अपनी व्यस्त दिनचर्या से थोड़ा सा समय निकाल कर किसी की मदद करने पर अपार खुशी का एहसास है.

7. अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें

आप के जीवन में खुशियों का समावेश तभी हो सकता है, जब आप अपने कार्यक्षेत्र में सफल हैं और सामाजिक रूप से सक्रिय हैं. अपने काम में सफलता पाने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप बेकार की बकवास के बजाय आप वह करेें, जो आप की प्राथमिकता हो. अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर के न केवल आप अपनी नौकरी और व्यवसाय में सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं वरन अपने लिए खुशियों के संसार की भी संरचना कर सकते हैं.

8. खुद से करें प्यार

आमतौर पर आप अपने बारे में, अपनी खुशियों के बारे में सोचने के बजाय दूसरों के बारे में सोच कर ही अपनी जिंदगी का आधा हिस्सा बरबाद कर देते हैं. खुश रहने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने बारे में सोचें, अपनेआप से प्यार करें. आप दूसरों के बारे सोचने के साथसाथ अपने बारे में भी सोचें. यह ठीक है कि जिम्मेदारियों का निर्वाह करना जरूरी होता है, लेकिन यह भी उतना ही सच है कि जब आप अपनेआप को संतुष्ट रखेंगे, तभी अपने जीवन में खुशियां ला पाएंगे. अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल कर अपना मनपसंद काम करे आप अपनेआप से प्यार करें तभी आप स्वयं भी खुश रह पाएंगे और दूसरों को भी प्यार कर पाएंगे.

9. विकसित करें लेट गो की प्रवृत्ति

आमतौर पर लोगों की यह आदत होती है कि वे अपने जीवन की बुरी बातों को आसानी से भूल नहीं पाते हैं. यह सच है कि किसी ने आप के साथ बुरा किया है, तो उस की कसक हमेशा बनी रहती है. लेकिन जीवन में खुश रहने की मूलमंत्र है कि आप बीती बातों को भूल कर आगे बढ़ने की कला सीखें. अपने अंदर लेट गो की प्रवत्ति डैवलप करें और दूसरों को माफ कर के जीवन मे आगे बढ़ने का प्रयास करें. आप के अंदर जो हुआ उसे भूल जा की भावना आएगी, तो आप उन्हीं बातों का याद रखेगें, जो आप को खुशी प्रदान करती हैं.

क्या पति को धोखा देना सही है?

सवाल-

मैं 32 वर्षीय विवाहिता हूं. मेरे पति बैडरूम में घुसते ही मुझ पर बलात्कारी की तरह टूट पड़ते हैं. दिन भर घर का काम और बच्चों की देखभाल करतेकरते मैं पूरी तरह थक चुकी होती हूं और चाहती हूं कि रिलैक्स करूं पर उन्होंने कभी मेरी इच्छाअनिच्छा की परवाह नहीं की. इसीलिए मेरी न तो सहवास में कोई रुचि रही है और न ही पति में. इधर कुछ दिनों से एक लड़का, जो मेरे पड़ोस में रहता है मुझे बहुत आकर्षित कर रहा है. चाहती हूं उस से दोस्ती कर लूं और एक बार उस के साथ संबंध बनाऊं. क्या मेरा प्रस्ताव वह स्वीकार करेगा और यह भी बताएं कि ऐसा करना ठीक होगा?

जवाब-

आप अपने पति की आदत जानती हैं, तो खुद को तैयार कर लिया करें ताकि जो भी हो रजामंदी से हो. ऐसा करने पर आप भी सहवास को ऐंजौय करेंगी. रात को आप को थकावट हो या न हो सैक्स ऐंजौय करने की प्लानिंग आप को करनी चाहिए. पड़ोस के लड़के से दोस्ती करना और संबंध बनाना न तो आसान है न ही व्यावहारिक.

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धोखा देना इंसान की फितरत है फिर चाहे वह धोखा छोटा हो या फिर बड़ा. अकसर इंसान प्यार में धोखा खाता है और प्यार में ही धोखा देता है. लेकिन आजकल शादी के बाद धोखा देने का एक ट्रेंड सा बन गया है. शादी के बाद लोग धोखा कई कारणों से देते हैं. कई बार ये धोखा जानबूझकर दिया जाता है तो कई बाद बदले लेने के लिए. इतना ही नहीं कई बार शादी के बाद धोखा देने का कारण होता है असंतुष्टि. कई बार तलाक का मुख्‍य कारण धोखा ही होता है. लेकिन ये जानना भी जरूरी है कि शादी के बाद धोखा देना कहां तक सही है, शादी के बाद धोखे की स्थिति को कैसे संभालें. क्या करें जब आपका पार्टनर आपको धोखा दे रहा है.

शादी के बाद धोखा देने के कारण

1. असंतुष्टि- कई बार पुरूष को अपनी महिला साथी से संभोग के दौरान असंतुष्टि होती है जिसके कारण वह बाहर की और जाने पर विविश हो जाता है और जल्दी ही वह दूसरी महिलाओं के करीब आ जाता है, नतीजन वो चाहे-अनचाहे अपनी महिला साथी को धोखा देने लगता है.

2. खुलापन- समाज में आ रहे खुलेपन के कारण भी पुरूष अपनी महिला साथी को धोखा देने से नहीं चूकता. दरअसल, समाज में खुलापन आने के कारण लोग खुली मानसिकता के हो गए हैं जिससे उन्हें विवाहेत्तर संबंध बनाने में भी कोई दिक्कत नहीं होती और महिलाएं भी बहुत बोल्ड हो गई हैं. इस कारण भी पुरूष अपनी महिला साथी का धोखा देते हैं.

3. संभावनाओं के कारण- आजकल विवाहेत्तर संबंध बनने की संभावनाएं अधिक हैं यानी विवाहेत्तर संबंध आसानी से बन जाते हैं. जिससे पुरूष अपनी पत्नी को धोखा देने लगते हैं, यह सोचकर कि उन्हें कुछ पता नहीं चलेगा.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Wedding Special: वैवाहिक रिश्ते कभी प्यार कभी तकरार

रमोला और अक्षत के प्रेमविवाह को करीब 4 वर्ष हो चुके थे. दोनों की एक छोटी बेटी भी थी, पर ऐसा लगता था कि दोनों के बीच प्रेम कपूर बन उड़ गया हो. दोनों ही गरममिजाज थे. उन का झगड़ा कहीं भी कभी भी, किसी भी जगह शुरू हो जाता. जब दोनों गुस्से में होते तो उन्हें यह भी ध्यान नहीं रहता कि वे किस के सामने झगड़ रहे हैं. जब वे एकदूसरे पर दोषारोपण कर रहे होते तो बेटी उन्हें सहमी सी देखती.

एक बार रमोला की मम्मी बेटीजमाई के घर गई हुई थी. आएदिन दोनों आदत के अनुसार उन के समक्ष भी बहस कर लेते. ज्यादातर बहस घरेलू कामों को ले कर होती थी. चूंकि रमोला भी नौकरी थी तो उसे लगता अक्षत उस की मदद करे. मगर अक्षत मनमौजी सा इंसान था. जब मन होता करता वरना हाथ नहीं बंटाता.

उन के घर के कलहयुक्त वातावरण से घबरा कर रमोला की मम्मी एक दिन बोल पड़ीं, ‘‘यदि नहीं पटती है तो दोनों अलग हो जाओ. जबरदस्ती साथ रह कर दुखी मत रहो. बच्ची पर भी इस का गलत असर पड़ रहा है.’’

‘‘पर पहले जरा यह सोचो कि एकदूसरे की किन खूबियों को देख कर तुम दोनों ने प्रेमविवाह किया था. हमें तो लगा था एकदूजे को पसंद करते होंगे पर तुम दोनों के व्यवहार से तो ऐसा नहीं लगता है. ऐसे में ?अच्छा है कि अलग ही हो जाओ.’’

फिर उन्होंने विपरीत मानसिकता से दोनों को हैंडल किया. कहना नहीं होगा कि उस के बाद दोनों के व्यवहार में एकदूसरे के प्रति संवेदनशीलता बढ़ी, दोनों एकदूसरे का ध्यान रखने लगे.

छोटीछोटी बातों पर झगड़ा

यहां तो खैर दोनों ही एक स्वभाव के थे और संयोग से बात बन गई पर कई बार एक नए जोड़े में कोई एक बहुत गुस्सैल स्वभाव का होता है. यह गुस्सैल व्यवहार किसी का भी हो सकता है. ऐसे व्यवहार वाले दूसरे पर हावी हो जाते हैं.  छोटीछोटी बातों पर उन का पारा गरम हो उठता है. ऐसे लोग अपने जीवनसाथी के प्रति बेहद कटु होते हैं. प्रेम, इज्जत, संवेदनशीलता इन के शब्दकोश से नदारद रहते हैं.

कई बार ऐसे पति या पत्नी दूसरों के समक्ष अच्छा व्यवहार करते हैं. दूसरों के प्रति भी उन का व्यवहार प्यारभरा रहता है. गुस्सैल जीवनसाथी 2 तरह के होते हैं. एक जो हमेशा अपने जीवनसाथी से नाराज रहते हैं और दूसरे वे जिन की नाराजगी अप्रत्याशित होती है. वे कभी भी तिल का ताड़ बनाने लगते हैं. माना कि जहां 2 बरतन रहेंगे वहां थोड़ीबहुत टकराहट तो होगी ही पर जब थोड़ी दोहराव कम हो और बहुत का ज्यादा तो बात चिंतनीय होती है.

रम्या और संदीप की शादी को 4-5 वर्ष होने को थे. रम्या पढ़ीलिखी युवती थी पर ससुराल वालों की इच्छा का सम्मान करते हुए उस ने नौकरी नहीं की और संयुक्त परिवार में तालमेल बैठाने की कोशिश करने लगी. संदीप की तो जैसे नाक पर गुस्सा बैठा रहता था. इकलौता होने के कारण बड़ा ही नकचढ़ा भी था. आएदिन खाने की थाली पटक देता तो कभी पार्टी में जाने को तैयार रम्या को बदसूरत कह देता. कभी औफिस की भड़ास निकाल देता. एकाध मौके पर संदीप ने रम्या पर हाथ भी उठा दिया था. उस पर रम्या की सास कहतीं, ‘‘मर्द है न, आखिर हक बनता है तुम पर. सहना तो हम स्त्रियों के हिस्से में लिखा है.’’

रम्या ने अपने व्यवहार से बहुत कोशिश की कि संदीप सम?ो कि वह उस के पैरों की जूती नहीं है पर संदीप पर इस का कोई असर नहीं होता. अंत रम्या ने चुपकेचुपके नौकरी के लिए आवेदन भेजना शुरू कर दिया और नौकरी लगने पर वह बिना किसी की आज्ञा लिए जाने लगी. आत्मविश्वास के साथसाथ उस ने प्रतिकार करना भी सीख लिया. अब खाने की थाली पटकने पर वह उसे साफ करना तो दूर दूसरा कुछ खाने के लिए भी नहीं पूछती और वहां से हट जाती.

विवाह की नींव

कुछ मनोरोगी ऐसे भी होते हैं जिन्हें क्षणिक आवेश में शक और नाराजगी का दौरा पड़ता है और फिर दूध के उफान की तरह उतर जाने पर पछतावा करते हैं और माफी भी मांगने लगते हैं. कई बार मैरिज काउंसलिंग या मनोचिकित्सकों से मिलने पर भी समस्या का समाधान मिल जाता है.

इस तरह हर जोड़े का अलग समीकरण होता है. हर की कहानी दूसरे से भिन्न होती है. कोई एक फौर्मूला नहीं है कि गुस्सैल जीवनसाथी से कैसे निबटा जाए. विवाहविच्छेद एक दुखद प्रक्रिया है. जहां तक संभव हो इसे टालना ही उचित है. मगर शादी के नाम पर जिंदगी को जहन्नुम बना कर ढोना भी बहुत गलत है.

विवाह की नींव आपसी प्यार और तालमेल पर टिकी होती है. 2 लोग चाहे वे पूर्वपरिचित हों या सर्वदा अपरिचित जब साथ रहने लगते हैं तो कुछ शुरुआती दिक्कतें आती ही हैं. कई बार शादी के कुछ सालों के बाद जब रोमांस का ज्वार उतरता है तो पार्टनर का एक अलग ही स्वरूप दिखने लगता है. इसीलिए कहा जाता है कि इतने कड़वे भी न बनो कि लोग थूक दें और इतने मीठे भी न बनो कि कोई निगल जाए.

मेरे पति का अपनी सहकर्मी से संबंध हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं शादीशुदा गृहिणी हूं. पति स्मार्ट व हैंडसम हैं और अपनी उम्र से काफी छोटे दिखते हैं. वे सरकारी महकमे में अधिकारी हैं. 2 बेटे हैं जो अपनेअपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रहे हैं. मेरी समस्या यह है कि पिछले 1 साल से पति ने मेरे साथ सैक्स नहीं किया, हालांकि हमारे में कोई विवाद नहीं है. 1-2 लोगों ने मुझे बताया है कि उन के अपनी सहकर्मी से संबंध हैं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

जैसाकि आप ने बताया कि आप दोनों के बीच कोई विवाद नहीं है पर पति सैक्स में दिलचस्पी नहीं लेते तो आप को इस की वजह जानने की कोशिश करनी होगी. संभव है कि वे बतौर अधिकारी काम के बोझ तले दबे हों और तनाव में रहते हों या फिर उन्हें कोई अंदरूनी परेशानी हो. वक्त और मूड देख कर आप को पति से बात करनी चाहिए. रही बात उन का अपनी सहकर्मी से संबंध की, तो सुनीसुनाई बातों पर भरोसा करना दांपत्य जीवन में जहर ही घोलता है. दूसरों की कही बातों पर भरोसा न करें. वैसे भी विवाहेतर संबंध ज्यादा दिनों तक नहीं टिकते. देरसवेर इस रिश्ते पर विराम लग ही जाता है. बावजूद इस के अगर आप अपने रिश्ते में जान फूंकना चाहती हैं तो पति के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताएं, उन्हें भरपूर प्यार दें, कामकाज के बारे में पूछें, साथ घूमने जाएं. हां, अगर उन में किसी शारीरिक विकार के लक्षण दिखें तो डाक्टर से परामर्श लें.

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मैं 33 साल की विवाहिता हूं. पति और 2 बच्चों के साथ खुशहाल जीवन जी रही हूं. शादीसे पहले मेरी जिंदगी में एक युवक आया था, जिस से मैं प्यार करती थी, पर किन्हीं वजहों से हमारी शादी नहीं हो पाई थी. अब उस का भी अपना परिवार, पत्नी व बच्चे हैं. इधर कुछ दिनों पहले फेसबुक पर हम दोनों मिले. मोबाइल नंबरों का आदान प्रदान हुआ और अब हम घंटों बातचीत, चैटिंग करते हैं. वह मुझ से मिलना चाहता है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

वह आप का अतीत था. अब आप दोनों के ही रास्ते अलग हैं. पति, परिवार, बच्चे व सुखद जीवन है. पुरानी यादों को ताजाकर आप दोनों की नजदीकियां दोनों ही परिवारों की खुशियों पर ग्रहण लगा सकती हैं. इसलिए बेहतर यही होगा कि इस रिश्ते को अब आगे न बढ़ाया जाए. हां, अगर वह एक दोस्त के नाते आप से मिलना चाहता है, तो इस में कोई बुराई नहीं. आप घर से बाहर किसी रेस्तरां, पार्क आदि में उस से मिल सकती हैं.बुनियाद दोस्ती की हो तो मिलने में हरज नहीं, बशर्ते मुलाकात मर्यादित रहे. हद न पार की जाए.

पाठक अपनी समस्याएं इस पते पर भेजें : गृहशोभा, ई-8, रानी झांसी मार्ग, नई दिल्ली-110055.

स्रूस्, व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या 9650966493 पर भेजें.   

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