बिना पिन डाले करें पेमेंट, जानिए इस नई तकनीक को

एटीएम कार्डों की तकनीक में 1 जनवरी से एक बड़ा बदलाव हुआ है. अब बैंक कौंटेक्टलेस एटीएम कार्ड भी जारी करेंगे. इन कार्ड्स की खासियत है कि इनसे पेमेंट करने के लिए पीओएस पर आपको पिन डालने की जरूरत नहीं है. बस पीओएस पर कार्ड को टच करने की जरूरत है और आपका पेमेंट हो जाएगा. आपको बता दें कि इस तकनीक से आप

2000 रुपये तक का पेमेंट कर सकती हैं. इससे ज्यादा का भुगतान करने के लिए पिन डालने की जरूरत होगा.जानकारों की माने तो सुरक्षा के मामले में ये बेहद कमजोर है. अगर आपका कार्ड खो जाता है तो बिना पिन जाने कोई भी आपके कार्ड से खरीदारी कर भुगतान कर सकता है. एक्सपर्ट्स की माने तो इस दिशा में लोगों को और अधिक जागरुक करने की जरूरत है.  ग्राहकों को भी इस कार्ड का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए. आपको बता दें कि इस  मामले में मौजूदा कानून पर्याप्त नहीं हैं.

कार्ड चोरी होने या गिरने की स्थिति में ग्राहक को साबित करने में परेशानी होगी कि कौंटेक्टलेस फीचर का इस्तेमाल कर उसने पेमेंट नहीं किया है.एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में होने वाले कुल वित्तीय लेन-देन में 60% दो हजार रुपए से कम का होता है. इसे आसान बनाने के लिए कौंटेक्टलेस कार्ड का आइडिया इस्तेमाल किया जा रहा है.

आपको बता दें कि वीजा ने देश में पहली बार 2015 में कौंटेक्टलेस कार्ड जारी किए थे. तब से अब तक यह 2 करोड़ से ज्यादा ऐसे कार्ड जारी कर चुका है. विभिन्न बैंकों की बिना पिन/ओटीपी के ट्रांजैक्शन सीमा की बात की जाए तो एसबीआई, एक्सिस और यूनियन बैंक ने एक दिन में अधिकतम 5 कौंटेक्टलेस ट्रांजैक्शन की सीमा तय कर रखी है. कई बैंकों ने कौंटेक्टलेस तकनीक से एक दिन में 10,000 रुपये का प्रावधान किया है.

औनलाइन फ्रौड से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

आज अधिकतर बैंक ग्राहकों को नेट बैंकिंग की सुविधा दी जाने लगी है. इससे लेनदेन आसान, सुविधाजनक और सुरक्षित हो गई है. आसानी से घर बैठे तमाम तरह के पेमेंट्स नेट बैंकिंग के माध्यम से होते हैं. पर इसकी अपनी चुनौतियां भी हैं. अगर आप इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करती हैं तो आपको सर्तक रहने की भी जरूरत है. इस लिए आपको कुछ जरूरी बातों का खासा ख्याल रखना होगा. इसी बाबत हम आपके लिए लाएं हैं ये खबर. इस खबर में हम आपको कुछ जरूरी टिप्स बताएंगे जिन्हें ध्यान में रख कर आप अपने पैसों को और अधिक सुरक्षित रख सकती हैं.

सिस्टम से लौग आउट करना ना भूलें

जब भी आप अपने नेट बैंकिंग खाते को किसी सिस्टम में लौगइन करते हैं तो ध्यान रखें कि काम होने के बाद आपने लौग आउट किया है. ऐसा ना करने से आपका पूरा पैसा लूट लिया जा सकता है और आपको पता भी नहीं चलेगा.

किसी भी तरह के फ्रौड की जानकारी बैंक को दें

किसी भी अनजान स्रोत से आपको पैसा मिल रहा है तो बैंक को तुरंत सूचित करें. या अगर आपके खाते से कोई बिना आपकी जानकारी के पैसा जा भी रहा है तो सतर्क रहें. किसी भी तरह के संदेहास्पद लेनदेन होने पर जानकारी बैंक को दें.

url बार में लौक का निशान देखें

अपने इंटरनेट बैंकिंग क्रेडेंशियल्स को इंटर करते वक्त ध्यान में रखें कि यूआरएल बार में लौक का निशान आ रहा है या नहीं. अगर लौक का निशान नहीं है तो उस पेज पर अपना अकाउंट लौकइन ना करें. ये निशान वेबसाइट की गोपनीयता और सुरक्षा का सूचक है.

फर्जी ई-मेल्स से रहें सावधान

जब कोई फ्रौड व्यक्ति या संस्था आपको फर्जी ई-मेल भेजती है तो इसे फिशिंग कहते हैं. इस ई-मेल के माध्यम से अगला इंसान आपके बैंक से जुड़ी गोपनीय जानकारियां लेने की कोशिश करता है. इन जानकारियों में बैंक अकाउंट नंबर, लौगइन पासवर्ड, पिन जैसी जानकारियां होती हैं. इस तरह  के ई-मेल के किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें.

किसी से भी शेयर ना करें गोपनीय जानकारियां

किसी भी सूरत में किसी भी व्यक्ति से अपने बैंक  से जुड़ी गोपनीय जानकारियां शेयर ना करें. इससे आपको नुकसान झेलना पड़ सकता है. अगर आपने मोबाइल से पेमेंट के दौरान अपने कार्ड की जानकारी सेव कर दी है तो ध्यान रखें कि मोबाइल लौक रहे और किसी गलत व्यक्ति के हाथों में न जाए.

बचत करने के लिए इन बातों को ध्यान में रखें महिलाएं

घर के वित्तीय मामलों में घर की औरतों का खासा दखल होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वो घर की वित्तीय कार्यों को पुरुषों से बेहतर ढंग से संभाल लेती हैं. उनमें प्रबंधन और बचत की भावना भी पुरुषों की अपेक्षा बेहतर रहती है. ऐसे में हम महिलाओं के लिए कुछ जरूरी टिप्स ले आए हैं जो उन्हें इन बातों में खासा मदद करेंगे और इन मामलों में उनकी समझ को और अधिक विकसित करने में मदद करेंगे.

सोचें निवेश के बारे में

पैसों के बचत के लिए जरूरी है कि आप निवेश जरूर करें. पैसा बचा कर घर में रखने से कोई लाभ नहीं होता. बेहतर होगा कि आप उसे बाजार और पौलिसी में निवेश करें. इससे आपका पैसा भी सुरक्षित रहेगा और निवेश से पैसों में बढ़ोत्तरी होगी.

वित्तीय मामलों की समझ

एक महिला के लिए ये बेहद जरूरी है कि वो वित्तीय मामलों के बारे में समझ अच्छी रखे. इसके लिए आप चाहें तो फाइनेंशियल प्लानर की मदद ले सकती है.

जरूरत की चीजों की करें खरीदारी

जो भी चीजें जरूरी हैं उसे खरीदने से पीछे ना हटें पर गैर जरूरी खर्चों से दूर रहें. अगर आप शौपिंग करने जा रहीं और आपको अचानक कुछ खरीदने का मन होने लगा तो खुद से पूछें कि क्या आपको उस सामान की जरूरत है. क्या जरूरत है उस सामन की आपको?  इसके बाद भी अगर आपको लगता है कि आपको सामान खरीदना चाहिए तो खरीदें नहीं तो छोड़ दें.

ध्यान रखें कहां और कितना करना है खर्च

जहां भी आपको पैसे खर्च करने हैं उसकी पूरी जानकारी रखें. बेहतर होगा कि आप अपने खर्चों को नोट करते रहें. ध्यान रखें कि जहां और जितनी जरूरत हो उतना ही खर्च करें.

कई बैंकों में खाते होने के हैं ये नुकसान

कई कारणों से लोगों के कई बैंकों में खाते खुल जाते हैं. कई लोग बिजनस पर्पज या सैलरी अकाउंट की प्राइवेसी बनाए रखने के लिए कई खाते खोल लेते हैं. एक ओर कई बैंकों में खाते के कुछ फायदे हैं वहीं इसके बहुत से नुकसान भी होते हैं. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि कई बैंकों में खाते खोलने के कौन से मुकसान होते हैं.

यूजर नेम और पासवर्ड याद रखना होगा

आपके जितने बैंक खाते होंगे उतने ही क्रेडेंशियल्स होंगे. ऐसे में सबके पिन, युजरनेम, पासवर्ड को याद रखना एक मुश्किल काम है. अगर आप एक भी पासवर्ड भूलते हैं तो आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. कई बार गलत पासपृवर्ड डालने से आपका खाता भी बंद हो सकता है.

आयकर की रडार पर  आसकती हैं आप

अगर आप इनकम टैक्स भरती हैं तो आपको सारे खातों की जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी. किसी भी खाते की जानकारी ना देने की सूरत में आयकर विभाग से आपको नोटिस भी मिल सकता है.

सबमें रखना होगा मिनिमम बैलेंस

आपके जितने भी बैंक खाते होंगे सबमें मिनिमम बैलेंस रखना आपकी मजबूरी होगी. आपके पैसे बिखरे रहेंगे. आपको बता दें कि हालिया सरकारी निर्देश के बाद सभी बैंक खातों में एक निश्चित न्यूनतम राशि रखना जरूरी है. ऐसा ना करने की सूरत में आपको जूर्माना भरना पड़ सकता है.

डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का शुल्क

ज्यादा बैंक खाता यानि उतने ही डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स. इन सारे कार्ड्स से बैंक चार्जेस वसूलते हैं. बिना किसी कारण आपको ज्यादा चार्जेस देने पड़ेंगे.

ट्रांजेक्शन अलर्ट के चार्जेज

आपको बता दें कि बैंक के ग्राहकों को कई तरह के चार्जेज देने पड़ते हैं. इन चार्जेज में वार्षिक मेनटेंस, मंथली स्टेटमेंट चार्ज, एसएमएस अलर्ट चार्ज आदि शामिल हैं. आपके पास जितने भी खाते हैं उन सभी खातों पर बैंक आपसे ये चार्जेज वसूलते हैं.

मिनिमम बैलेंस से कम राशि पर कौन सा बैंक लेता है कितना जुर्माना

देश के सभी बैंकों ने ग्राहकों को अपने नियमित बचत खाते में मासिक औसत बैलेंस बनाए रखने के लिए नए नए प्रावधान लाते हैं. जो भी ग्राहक अपने खाते में मिनिमम राशि नहीं रखते उनसे जुर्माना के रूप में निश्चित रकम वसूला जाता है. इस खबर में हम आपको दो बैंकों के मिनिमम बैलेंस संबंधित जानकारी देंगे. और ये बैंक हैं भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी. तो आइए जाने कि इन दोनों बैंकों में निश्चित मिनिमम बैलेंस ना रखने पर कितने जुर्माने का प्रावधान है.

भारतीय स्टेट बैंक

भारतीय स्टेट बैंक या कहें तो एसबीआई ने अपने सभी ग्राहकों को उनके खाते में न्यूनतम राशि रखना अनिवार्य कर दिया है. आपको बता दें कि एसबीआई में मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता शाखाओं के आधार पर अलग-अलग होती है. एसबीआई की शाखाओं को मेट्रो, ग्रामीण, शहरी और अर्ध शहरी में बांटा गया है.

मेट्रो और शहरी इलाकों में एसबीआई शाखाओं में ग्राहकों को अपने खाते में कम से कम 3000 रुपये की औसत राशि अपने खाते में रखनी है. अर्ध शहरी इलाकों के लिए ये लिमिट 2000 रूपये की है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ये राशि 100 रुपये है. मेट्रो और शहरी क्षेत्र की बैंक शाखाओं में जो ग्राहक खातों में 1500 रुपये या उससे कम का बैलेंस रखते हैं उनपर 10 रुपये प्रति महीना और जीएसटी लगता है. अगर उनका बैलेंस निर्धारित सीमा से 50-75 फीसद से कम है तो उन्हें 12 रुपये और जीएसटी पेनाल्टी के रूप में देना होगा. वहीं अगर बैलेंस 3000 रुपये के 75 फीसद से कम है तो पेनाल्टी राशि 15 रुपये होगी और साथ में जीएसटी भी देना होगा.

एचडीएफसी बैंक

मेट्रो और शहरी क्षेत्र में स्थित एचडीएफसी बैंक में बचत खातों में ग्राहकों को औसत मासिक 10,000 रुपये रखने का प्रावधान है. वहीं अर्धशहरी क्षेत्रों के लिए ये न्यूनतम औसत राशि 5000 रुपये है. ग्रामीण क्षेत्र के शाखाओं में ये राशि 2,500 रुपये हैं. अब बात करते हैं औसत बैलेंस से कम राशि होने पर लगने वाले फाइन के बारे में. मेट्रो और शहरी क्षेत्रों के शाखाओं में न्यूनतम औसत बैलेंस ना रखने पर 150 रुपये प्रति महीने जुर्माना है.

वहीं 5,000 से 7,500 रुपये तक के बैलेंस पर 300 रुपये का जुर्माना है. 2,500 से 5000 रुपये तक के बैलेंस पर 450 रुपये का जुर्माना और 0 से 2500 रुपये तक के बैलेंस पर 600 रुपये प्रति माह जुर्माना का प्रावधान है. इसके अलावा अर्ध शहरी क्षेत्रों में 2,500 से 5000 रुपये तक के बैलेंस पर 150 रुपये और 0 से 2500 रुपये तक के बैलेंस पर 300 रुपये का जुर्माना प्रति महीना देना पड़ता है.

कैश से बेहतर है डिजिटल लेनदेन

देशभर में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है, ऐसे में सरकार भी इसके इंफ्रास्ट्रक्चर पर लग के काम कर रही है. इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है यूपीआई. सरकार लोगों को डिजिटल पेमेंट के लिए लोगों को जागरुक भी कर रही है. जागरुकता फैलाने के लिए सरकार विज्ञापनों की फेहिस्त लाई है, इनके सहारे वो जनता को डिजिटल ट्रांजेक्शन के फायदों के बारे में बता रही है. इसके साथ ही कैश को छोड़ डिजिटल मनी की ओर रुख करने की जानकारी लोगों को दी जा रही है.

इसी क्रम में हम आपको बताने वाले हैं कि डिजिटल लेनदेन क्यों जरूरी है, क्यों लोगों को कैश से इतर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना चाहिए.

सुरक्षित होता है डिजिटल लेनदेन

कैश रखना सुरक्षित नहीं माना जात. आए दिनों पर्स का चोरी होना, चोरी, लूट मार जैसी चीजें आम हो गई हैं. ऐसे में ई-मनी एक सुरक्षित स्थान है. डिजिटल ट्रांजेक्शन करने के लिए आपके पास पैसा फिजिकल स्टेट में होने की जरूरत नहीं है. बैंक खाते से सीधे आपके मनमुताबिक जगह पर पैसा जा सकता है.  अगर आपका कार्ड गुम हो जाता है तो इसे तुरंत ब्लौक भी कराया जा सकता है. इसके अलावा अपने लेनदेन पर आप दावा भी कर सकती हैं. अगर किसी तरह की गड़बड़ी हुई है तो उस पैसे के लिए आप दावा भी ठोंक सकती हैं.

सुविधाजनक है डिजिटल ट्रांजेक्शन

डिजिटल लेनदेन बेहद सुविधाजनक है, इससे लेनदेन बेहद आसान हो जाता है. कैश का टेंशन दूर हो जाता है और लेनदेन का पूरा रिकार्ड सुरक्षित रहता है.

कई वित्तीय लाभ मिलते हैं

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए बहुत से बैंक्स और पेमेंट कंपनियां अगल अगल और आकर्षक औफर्स के साथ बाजार में मौजूद हैं. इन औफर्स में से पेमेंट करने पर पेट्रोल खरीदने पर छूट, रेल टिकट पर छूट, बीमा खरीदने जैसे कई छूट शामिल हैं. ई-वालेट कंपनियां कैशबैक औफर, रिवार्ड पौइंट्स भी देती हैं.

आयकर से रिफंड पाना है तो आज ही कराएं ये काम

अगले महीने से आयकर विभाग विभाग इलेक्ट्रौनिक मोड से करदाताओं के खाते में रिफंड ट्रांसफर करेगा. इसके लिए जरूरी शर्त है कि करदाताओं को अपने बैंक खाते से पैन कार्ड को लिंक करना होगा.

आयकर विभाग का कहना है कि जैसे ही रिफंड जारी किया जाएगा रकम को सीधे करदाताओं के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. आयकर विभाग मार्च 2019 के ई-रिफंड जारी करेगा. विभाग की ओर से बुधवार को जारी की गई पब्लिक एडवाइजरी में कहा गया कि अपना रिफंड सीधे, आसान और सुरक्षित तरीके से प्राप्त करने के लिए अपने पैन नंबर को बैंक खाते से लिंक करा लें. एडवाइजरी में कहा गया है कि बैंक अकाउंट सेविंग (बचत), करेंट (चालू), नकद या ओवरड्राफ्ट खाता हो सकता है.

वर्तमान स्थिति की बात करें तो आयकर विभाग करदाताओं का रिफंड बैंक खाते में या चेक के माध्यम से देता है. विभाग ने वेबसाइट पर जानकारी दी कि करदाता विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/ पर लौग इन करके यह पता कर सकते हैं कि उनका बैंक खाता पैन से जुड़ा है या नहीं. जनकारी में ये भी कहा गया है कि जिन लोगों का पैन खात से नहीं लिंक है वो नजदीकी शाखा में जा कर अपने बैंक खाते को पैन कार्ड से लिंक कर लें और इसे आयकर विभाग की ई-फाइलिंग की वेबसाइट पर जा कर वैलिडेट कर लें.

अगर पैन कार्ड ना हो तो हो सकती हैं ये परेशानियां

आज के वक्त में पैन कार्ड हर उस इंसान के लिए बेहद जरूरी है जो किसी भी तरह का वित्तीय लेनदेन करता है. पैन 10 डिजिट्स का वो कार्ड है जो आयकर विभाग की ओर से करदाताओं को जारी किया जाता है. इसके जरिए व्यक्ति की लेनदेन की पूरी जानकारी सरकारी रिकौर्ड में दर्ज होती है. इसके अलावा इसमें टैक्स का भुगतान, टीडीएस कटौती और इनकम टैक्स रिटर्न प्रमुखता से शामिल होता है.

इस खबर में हम आपको पैन से जुड़े कुछ नियमों के बारे में बताएंगे और ये भी बताएंगे कि आपके पास पैन कार्ड का होना क्यों जरूरी है.

  • क्रेडिट या डेबिट कार्ड प्राप्त करने के लिए पैन का होना अनिवार्य है.
  • एक लाख से अधिक की कीमत वाली सिक्यूरिटी या म्युचुअल फंड्स की खरीद पर 50,000 से अधिक की भुगतान पर पैन कार्ड का होना अनिवार्य है.
  • किसी कंपनी के शेयर्स खरीदने के लिए उसे 50,000 रुपये या उससे अधिक का पेमेंट करने की सूरत में भी पैन की जानकारी देनी होती है.
  • लाइफ इंश्योरेंस के प्रिमियम में 50,000 से अधिक के पेमेंट पर भी आपको पैन नंबर मुहैया कराना अनिवार्य है.
  • सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देश के अनुसार इनकम टैक्स फाइलिंग के दौरान आपका पैन का आधार से लिंक होना अनिवार्य है. ऐसा ना होने पर आपका आईटीआर प्रोसेस नहीं होगा.
  • किसी भी वित्तीय संस्थान में किसी भी तरह की जमा के सूरत में अगर राशि 50,000 से अधिक है तो पैन का उल्लेख करना जरूरी हो जाता है. जमा की ये शर्त केवल बैंकों के लिए नहीं है, बल्कि पोस्ट औफिस के लिए भी है.
  • होटल या रेस्तरां में 25,000 से अधिक की बिल पर पैन कार्ड का उल्लेख जरूरी है.
  • आयकर विभाग की माने तो बैंक ड्राफ्ट की नकद खरीद, पे और्डर या एक दिन में 50,000 रुपये या उससे ऊपर के बैंकर्स चेक के लिए भी आपको अपना पैन कार्ड देना होता है.

इन पांच बातों का रखें ध्यान, नहीं होंगी औनलाइन लूट का शिकार

आज अधिकतर बैंक ग्राहकों को नेट बैंकिंग की सुविधा दी जाने लगी है. इससे लेनदेन आसान, सुविधाजनक और सुरक्षित हो गई है. आसानी से घर बैठे तमाम तरह के पेमेंट्स नेट बैंकिंग के माध्यम से होते हैं. पर इसकी अपनी चुनौतियां भी हैं. अगर आप इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करती हैं तो आपको सर्तक रहने की भी जरूरत है. इस लिए आपको कुछ जरूरी बातों का खासा ख्याल रखना होगा. इसी बाबत हम आपके लिए लाएं हैं ये खबर. इस खबर में हम आपको कुछ जरूरी टिप्स बताएंगे जिन्हें ध्यान में रख कर आप अपने पैसों को और अधिक सुरक्षित रख सकती हैं.

फर्जी ई-मेल्स से रहें सावधान

जब कोई फ्रौड व्यक्ति या संस्था आपको फर्जी ई-मेल भेजती है तो इसे फिशिंग कहते हैं. इस ई-मेल के माध्यम से अगला इंसान आपके बैंक से जुड़ी गोपनीय जानकारियां लेने की कोशिश करता है. इन जानकारियों में बैंक अकाउंट नंबर, लौगइन पासवर्ड, पिन जैसी जानकारियां होती हैं. इस तरह  के ई-मेल के किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें.

url बार में लौक का निशान देखें

अपने इंटरनेट बैंकिंग क्रेडेंशियल्स को इंटर करते वक्त ध्यान में रखें कि यूआरएल बार में लौक का निशान आ रहा है या नहीं. अगर लौक का निशान नहीं है तो उस पेज पर अपना अकाउंट लौकइन ना करें. ये निशान वेबसाइट की गोपनीयता और सुरक्षा का सूचक है.

किसी से भी शेयर ना करें गोपनीय जानकारियां

किसी भी सूरत में किसी भी व्यक्ति से अपने बैंक  से जुड़ी गोपनीय जानकारियां शेयर ना करें. इससे आपको निकसान झेलना पड़ सकता है. अगर आपने मोबाइल से पेमेंट के दौरान अपने कार्ड की जानकारी सेव कर दी है तो ध्यान रखें कि मोबाइल लौक रहे और किसी गलत व्यक्ति के हाथों में न जाए.

लौग आउट जरूर करें

जब भी कभी आप अपना नेट बैंकिंग खाता को लौग इन कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि हर हाल में उसे लौगआउट करें. इस चीज में लापरवाही आप पर भारी हो सकती है. ऐसे में खाते का पूरा पैसा लूटा जा सकता है.

किसी भी तरह के फ्रौड की जानकारी बैंक को दें

किसी भी अनजान स्रोत से आपका पैसा निकलता है तो इसकी जानकारी तुरंत बैंक को दें. इसके अलावा अपने इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड बदल दें. एटीएम का पिन भी तुरंत बदलें.

31 मार्च के बाद रद्दी हो जाएंगे 19 करोड़ पैन कार्ड, ऐसे चेक करें अपना स्टेटस

अगर आपके पास पैन कार्ड है तो ये खबर है आपके लिए हद जरूरी. आपको बता दें कि 31 मार्च के बाद 19 करोड़ पैन कार्ड बेकार होने वाले हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये सारे पैन कार्ड आधार कार्ड से लिंक नहीं हैं. आपको बता दें कि अब पैन को आधार से लिंक कराना बेहद जरूरी हो गया है. 31 मार्च सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई सीमा है.

आको बता दें कि अभी तक करीब 42 करोड़ लोगों को पैन कार्ड जारी किया गया है. जबकि अभी तक केवल 23 करोड़ लोगों ने ही अपने पैन को आधार से जोड़ा है. सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर सुनवाई करते हुए आयकर दायर करते वक्त आधार से पैन का लिंक रहना अनिवार्य कर दिया है. शीर्ष अदालत ने आधार से पैन को लिंक करने की समय सीमा 31 मार्च तक कर दी है.

आपका पैन कार्ड आधार से लिंक है या नहीं इसको पता करने के लिए आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की आधिरिक वेबसाइट पर जाना होगा. वहां जा कर आप अपने पैन का स्टेटस जान सकती हैं. इसके लिए आपको इन स्टेप्स को फौलो करना होगा.

  • सबसे पहले आपको आयकर विभाग की वेबसाइट  gov.in पर जाएं.
  • यहां पर Know Your PAN के विकल्प पर क्लिक करें.
  • जो विंडो खुलेगी उसमें सरनेम, नेम, स्टेट्स, जेंडर, डेट औफ बर्थ और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालिए.
  • इसके बाद आपके फोन नंबर पर एक ओटीपी आएगा. खुले हुए पेज पर प ओटीपी डालें.
  • इसके बाद आपके सामने आपका पैन नंबर, नाम, सिटिजन, वार्ड नंबर और रिमार्क आ जाएगा.
  • यहां पर लिखा होगा कि आपके पैन से आधार लिंक है या नहीं.

अगर आपके पैन से आधार कार्ड लिंक नहीं है तो लिंक करने के लिए इन स्टेप्स को फौलो करें

  • आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट (incometaxindiaefiling.gov.in) पर जाएं.
  • यहां बाईं ओर आपको लिंक आधार का विक्लप दिखेगा.
  • लिंक के लिए आपके पास आधार कार्ड का होना जरूरी है. अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो आज ही पंजीकरण कराएं.
  • पेज पर लौगइन करते ही एक नया पेज खुलेगा, जिसमें ऊपर दिख रही नीली पट्टी में प्रोफाइल सेटिंग पर क्लिक करें.
  • नए पेज पर आपको आधार से लिंक करने का विकल्प दिखेगा. यहां पर क्लिक करें.
  • नए पेज में आपको आधार नंबर डालना होगा और एक कैपचा भरना होगा.
  • पूरी जानकारी को भरने के बाद आधार लिंक पर क्लिक करें और आपका प्रोसेस पूरा होता है.
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