Summer Special: आंध्र प्रदेश के 5 खूबसूरत समुद्र तट

आंध्र प्रदेश को प्रकृति ने कई समुद्र तट उपहार में दिए हैं, जिन की तट रेखा बंगाल की खाड़ी से लगती है. छुट्टियों में दक्षिण भारत के कुछ खूबसूरत समुद्र तटों का आनंद लेने के लिए अपनी यात्रा की योजना बना लें…

1. येरादा समुद्र तट

येरादा समुद्र तट, जिस की तटरेखा आंध्र प्रदेश की दूसरी सब से बड़ी तट रेखा है. यह पहाड़ियों और बंगाल की खाड़ी से घिरा है. यह घरेलू और विदेशी पर्यटकों की छुट्टियां बिताने की पसंदीदा जगह है. यह समुद्र तट हरी-भरी वनस्पतियों और नर्म सुनहरी रेत से सजा है, जिस के बीच ब्लैक मोर्स हिल पर डौल्फिंस नोज लाइटहाउस स्थित है. इस स्थान की खूबसूरत छटा को निहारने के लिए प्रकृति प्रेमियों के यहां आने का उपयुक्त समय अक्तूबर से मार्च के बीच है.

2. रामकृष्ण समुद्र तट

रामकृष्ण समुद्र तट ‘आर के बीच’ के नाम से लोकप्रिय है. यह विशाखापट्टनम के लोकप्रिय स्थानों में से एक है. यह खूबसूरत समुद्र तट भारत के कोरोमंडल तट का विस्तार है. देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक समुद्र स्नान, वाटर स्पोर्ट्स एवं तट रेखा के किनारे-किनारे तेज चलने के लिए इस स्थान पर आते हैं. रामकृष्ण समुद्र तट के चारों ओर कई बेहतरीन पर्यटन स्थल हैं जैसे ऐक्वेरियम, विशाखा म्यूजियम, सबमैरिन म्यूजियम और वाटर मैमोरियल.

3. कलिंगपटनम समुद्र तट

कलिंगपटनम समुद्र तट आंध्र प्रदेश के प्राचीन बंदरगाह शहरों में से एक है, जो खूबसूरत लोक शैली के मंदिरों, आकर्षक रंगों में रंगे बंगलों और फूलदार वृक्षों से सुशोभित है. यहां का पानी नीला है और समुद्र तट स्वच्छ है, जिस की छटा इस की सुनहरी रेत के चलते और अधिक बढ़ जाती है. इस समुद्र तट को ‘ओपन रोड सी’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि सड़क समुद्र तक पहुंच कर समाप्त हो जाती है. कलिंगपटनम का समुद्र तट आराम के पल बिताने के लिए सब से उपयुक्त स्थान है.

4. ऋषिकोंडा समुद्र तट

ऋषिकोंडा बीच लोगों के घूमनेफिरने के लिए उपयुक्त स्थान है. यह छोटा है व एकांत में स्थित है. दूर तक फैली रेत और समुद्र की आनंददायक लहरें इस समुद्र तट को यकीनन देखने लायक बनाती हैं. इस का स्वच्छ, निर्मल नीला पानी स्नान करने वालों को लुभाता है, लेकिन तीव्र धाराओं के चलते यहां तैरने पर प्रतिबंध है. ऋषिकोंडा समुद्र तट की शांति व नीरवता अद्भुत है.

5. भीमुनिपटनम समुद्र तट

भीमुनिपटनम समुद्र तट आंध्र प्रदेश के उत्कृष्ट पर्यटन स्थलों में से एक है. इस समुद्र तट का माहौल शांत एवं निर्मल है. यह यहां आने वालों के लिए संपूर्ण मनोरंजन भी सुनिश्चित करता है. एक तरफ हरेभरे नारियल के पेड़ तो दूसरी तरफ इस की सुनहरी रेत इसे आकर्षक रूप प्रदान करती है. डच कब्रिस्तान, प्राचीन क्लौक टावर, लाइटहाउस, पेंट की हुई मूर्तियों की विभिन्न प्रदर्शनियां और बौद्ध सन्यासियों की विभिन्न प्रदर्शनियां इसे जिंदादिल बनाती हैं. कुछ शांतिपूर्ण पल बिताने के इच्छुक पर्यटकों के लिए यह बेहद शांतिप्रद जगह है.

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Summer Special: अमरकंटक में बरसता है नेचर का वरदान

अमरकंटक में प्रकृति रोमांचित करती है. घने जंगल कान में फुसफुसाते हैं. आध्यात्म और धर्म इस नगरी में एक खास आयाम जोड़ते हैं. दरअसल, यह ऐसी जगह भी है, जो दो बड़ी नदियों नर्मदा और सोन का उद्गम स्थल भी है. इनके उद्गम को देखेंगे, तो लगेगा ही नहीं कि छोटे-छोटे कुंडों से निकलकर काफी दूर तक बहुत पतली धारा में बहने वाली ये नदियां देश की संस्कृति और धार्मिकता और विकास में खास जगह रखती हैं.

पहाड़ों पर बसा अमरकंटक

अमरकंटक ऊंचे पहाड़ों और घने जंगलों के बीच बसी सुंदर-सी जगह है. प्रकृति की तमाम संपदाओं से युक्त अमरकंटक काफी ऊंचाई पर है. यहां खदानें भी हैं और वाटरफॉल भी. अब यहां नए-नए मंदिर बन गए हैं. नर्मदा और सोन के करीब टहलने से, आपको शांति का अनुभव होगा. पहाड़ों के अदृश्य स्रोतों से नर्मदा और सोन का निकलना किसी अचरज से कम नहीं लगता है.

यहां एक और नदी भी निकलती है, उसका नाम जोहिला है. कुछ लोग जब यहां आते हैं और इन नदियों के उद्गम में जल की हल्की- फुल्की कुलबुलाहट के बीच इन्हें देखते हैं तो सोच नहीं पाते कि ये वही नदियां हैं, जो हजारों किमी.का सफर तय करती हैं. सोनमुदा नर्मदा कुंड से 1.5 किमी. की दूरी पर मैकाल पहाड़ियों के किनारे पर है. सोन नदी 100 फीट ऊंची पहाड़ी से एक झरने के रूप में यहां से गिरती है.

धार्मिक महत्व

पहले अमरकंटक शहडोल जिले में था. अब यह अनूपपुर जिले में है. समुद्र तट से कोई 1065 मीटर की ऊंचाई पर. विंध्य व सतपुड़ा की पर्वत शृंखला और मैकाल पर्वत शृंखला के बीचों बीच बसा हुआ. यहां पर्वत, घने जंगल,मंदिर, गुफाएं जल प्रपात हैं.

यहां आते ही हवा में ताजगी और शुद्धता का अहसास होने लगता है. यहां के जंगलों के बारे में कहा जाता है कि ये जड़ी-बूटियों का खजाना हैं. यहां का शांत वातावरण आमतौर पर सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देता है. यहां के अपने आंचलिक लोकगीत भी हैं. कालिदास भी यहां आए और यहां के कायल हो गए. उनके मेघदूत के बादल इसी नगरी के ऊपर से गुजरते हैं.

धार्मिक पर्यटकों को नर्मदाकुंड मंदिर, श्रीज्वालेश्वर महादेव, सर्वोदय जैन मंदिर, सोनमुदा, कबीर चबूतरा, कपिलाधारा, कलचुरी काल के मंदिर पर आना अच्छा लगेगा. नर्मदा कुंड के पास भी कई मंदिर हैं. सबका अपना महत्व है. जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ ने भी यहां आकर तप किया था. कंबीरपंथियों को भी यह जगह खासी प्रिय है, क्योंकि वे इसे कबीर से जोड़कर भी देखते हैं, यहां एक कबीर चबूतरा भी है. कबीर चबूतरे के ठीक नीचे एक जल कुंड है जिसके बारे में कहा जाता है कि सुबह की किरणों के साथ ही यहां के जलकुंड का पानी दूध की तरह सफेद हो जाता है.

कैसे जाएं

रेल: शहडोल रेलवे स्टेशन 80 किलोमीटर दूर है

पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन 45 किमी. दूर है.

हवाई अड्डा: जबलपुर अमरकंटक से करीब 200 किलोमीटर है

रोड: अमरकंटक जाने के लिए आपको लगातार बसें और गाड़ीयां मिल जायेंगी

कपिलधारा भी जाए

अमरकंटक की यात्रा बगैर कपिलधारा देखे अधूरी रहेगी. यहां 100 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है. धर्मग्रंथों में कहा गया है कि कपिल मुनि यहां रहते थे. कपिल मुनि ने सांख्य दर्शन की रचना इसी स्थान पर की थी. कपिलधारा के निकट की कपिलेश्वर मंदिर भी बना है. इस जगह के आसपास कई गुफाएं हैं, जहां अब भी साधु-संत ध्यानमग्न देखे जा सकते हैं.यहां धुनी पानी यानी गर्म पानी का झरना भी है. इसके बारे मे कहा जाता है कि यह झरना औषधीय गुणों से भरपूर है. ऐसा ही एक और झरना है दूधधारा, जो काफी लोकप्रिय है. ऊंचाई से गिरते इस झरने का जल दूध के समान प्रतीत होता है, इसीलिए इसे दूधधारा या दुग्धधारा के नाम से जाना जाता है.

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भारत में कई ऐसे लोकेशन हैं जो हनीमून कपल्स के लिए बहुत खास हैं. बीच, हिल स्टेशन और वाइल्ड लाइफ जैसी कई हनीमून स्पॉट हैं जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्य, शीतल हवाएं और समुद्र की लहरों से हनीमून को और यादगार बना देती हैं. अपने लाइफ पार्टनर की पसंद की जगह पर उसके साथ प्यार के अविस्मरणीय पल व्यतीत करना आपको ताउम्र याद रहेगा. अगर आपने अपने हनीमून की प्लानिंग नहीं की है या कर रहे हैं तो हनीमून डेस्टिनेशन के चुनाव में हम आपकी मदद कर देते हैं. आइए जानते हैं भारत के टॉप 10 हनीमून डेस्टिनेशंस..

1.गोवा

गोवा एक ऐसा स्थान है, जहां आप जिंदगी का भरपूर मजा ले सकते हैं. नवविवाहितों के लिए गोवा एकमात्र ऐसा हनीमून डेस्टीनेशन कहा जा सकता है जहां आप चाहें तो शांत सागरतट पर सपनों भरी दुनिया में खो जाएं. यह स्थान अपने आप में रोमांटिक और मनमोहक है.

राजधानी पणजी के निकट मीरामार बीच है जहां शाम के समय सूर्यास्त का दृश्य काफी सुकून देता है. जब रात को खुले आसमान के नीचे बीच के किनारे अपने साथी को अपनी बांहो में लेकर घूमेंगे वह पल कितना यादगार होगा. दोना पाउला, कलंगूट, अंजुना और बागा के अलावा कई अन्य बीचों की सुंदरता देखने लायक हैं.

मडगांव व वास्को डी गामा मुख्य स्टेशन हैं.

2.लक्षद्वीप

अरब सागर में स्थित छोटे द्वीप अपनी सुंदरता में अद्वितीय और आकर्षक हैं. इस जगह को वॉटर स्पोर्ट के लिए एक बेहतरीन जगह माना जाता है. यहां के द्वीप नए जोड़ों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेते हैं. लक्षद्वीप में बने रिसॉर्ट्स आपकी हनीमून को और भी बेहतर बना देंगे.

3.कन्याकुमारी

कन्याकुमारी हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का संगम है. भिन्न सागर अपने विभिन्न रंगो से मनोरम छटा बिखेरते हैं. दूर-दूर फैले समुद्र के विशाल लहरों के बीच यहां का सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा बेहद आकर्षक लगता है.

4.अंडमान निकोबार

अंडमान निकोबार को ‘गार्डेन ऑफ इडेन’ भी कहा जाता है. नारियल की सघन छाया, घने जंगल, असंख्य प्रजातियों के फूल और पक्षी, ताजी हवा प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. इस द्वीप पर आप स्कूबा डाइविंग जैसे रोमांचक खेलों का भी लुत्फ उठा सकते हैं.

5.पुदुच्चेरी

पुदुच्चेरी के समुद्र तट पर हनीमून मनाने वाले कुछ बेहतरीन समय एक साथ गुजार सकते हैं. पेराडाइज बीच के एक ओर छोटी खाड़ी है. यहां केवल नाव द्वारा ही जाया जा सकता है. नाव पर जाते समय पानी में डॉल्फिन के करतब देखना एक सुखद अनुभव है.

6.दार्जिलिंग

‘क्वीन ऑफ हिल्स’ के नाम से मशहूर दार्जिलिंग हमेशा से एक बेहतरीन हनीमून डेस्टिनेशन रहा है. कपल्स हनीमून के लिए आमतौर पर ठंडी जगहों का चयन करते हैं. यहां पर बर्फ से ढकी कंचनजंगा की चोटियां और प्राकृतिक सौंदर्य से लदे खूबसूरत पहाड़ आपको किसी स्वपन लोक से लगेंगे. ट्वाय ट्रेन में आप पहाड़ों और घाटियों के बीच प्रकृति के सौंदर्य को निहारते हुए सफर का आनंद ले सकते हैं. चाय के बगान और देवदार के जंगल का अति सुंदर नजारा देखा जा सकता है.

7. नैनीताल

नैनीताल में आप कम खर्च में हिल टूरिज्म का भरपूर आनंद उठा सकते हैं. नैनीताल उत्तराखंड का पहाड़ी पर्यटन स्थल है. शहर के बीचोंबीच नैनी झील इस पर्यटन स्थल में चार चांद लगा देती है. चीड़ के घने जंगल पर्यटकों का मन मोह लेते हैं. काठगोदाम और नैनीताल के बीच ज्योलीकोट स्थान पड़ता है. यहां पर दिन गरम और रातें ठंडी होती हैं. यहां भीनताल, नौकुचियाताल, माल रोड, मल्लीताल, तल्लीताल अनेक स्थान घूमने लायक हैं.

8. शिमला

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला हनीमून पर आए कपल्स के लिए बहुत ही प्यारा हिल स्टेशन है. यहां की खूबसूरती एक बार तो देखने वालों को आश्चर्यचकित कर देती है. यहां के सादगी भरे सौंदर्य में ऐसा आर्कषण है कि वापस जाने को मन ही नहीं करता. यहां पर आप बलखाती पहाड़ियों पर सुरंगों में से होते हुए ट्वाय ट्रेन का लुत्फ उठा सकते हैं. ट्वाय ट्रेन के सफर के दौरान आपको बहुत सारे हसीन नजारे दिखाई देंगे जिनको देखकर आप आश्चर्य में पड जाएंगे. माल रोड पर आप शॉपिंग का आनंद ले सकते हैं. जाखू हिल्स शिमला का सबसे ऊंचा स्थान है. यहां से पूरे शहर की खूबसूरती को देखा जा सकता है.

9. मनाली

मनाली की वादियां हनीमून कपल्स की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है. मनाली कुल्लु घाटी के उत्तर में स्थित हिमाचल प्रदेश का लोकप्रिय हिल स्टेशन है. यहां पर आपको जंगलों से घिरी मनाली घाटी में पक्षियों का कलरव सुनाई देगा. साथ ही गिरते जलप्रपात और फलों से लदे बाग-बगीचे पर्यटकों को अपनी ओर आर्कषित करते हैं. कुदरत ने मनाली को सदाबहार खूबसूरती से नवाजा है. यहां हर मौसम में मस्ती, रोमांस और रोमांच का पैकेज आपको मिलेगा. मनाली का हिडिंबा मंदिर अपने चार मंजिला पैगोड़ा और लकड़ी की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है. सोलंग घाटी में हैंड ग्लाइडिंग के रोमांच का मजा लूटा जा सकता है.

10.केरल

केरल को कुदरत ने बड़ी खूबसूरती से संवारा है इसलिए हनीमून के लिए केरल सबसे उपयुक्त जगह है. ऊंचे-ऊंचे पहाड़, मनोहारी समुद्री किनारा, नारियल और खजूर के पेड़ों के झुरमुट के बीच में से नाव पर सवारी, चारों ओर हरियाली और बेहद खूबसूरत नजारे, ये सब हैं केरल की खूबसूरती की असली पहचान. इन रुमानी नजारों में प्यार भरे दिलों की धड़कनें बढ़ना स्वाभाविक हैं.

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क्या आप गईं है फूलों की घाटी चमोली में, अगर नहीं तो जरूर जाएं

हम में से कई लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें नेचर और वाइल्डलाइफ के बारे में जानने का बड़ा शौक होता है. उन्हें किसी हिल स्टेशन या बीच पर घूमने से ज्यादा पेड़-पौधे, फूल, पक्षी देखने में मजा आता है, अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं, तो हम आपको बताने जा रहे हैं उत्तराखंड की ऐसी खूबसूरत जगह के बारे में जहां जाकर आपका मूड फ्रेश हो जाएगा. आज हम आपको सैर करवाएंगे चमोली की. चमोली जनपद की प्रसिद्ध तीर्थ स्थली बद्रीनाथ धाम के पास गंधमादन पर्वत पर स्थित फूलों की घाटी या वैली औफ फ्लावर्स. आइए जानते हैं यहां क्या है खास.

सांखरी जोहर

पुरौला से आगे है सांखरी जोहर की दून का बेस कैंप है. यहां तक बसें और टैक्सियां आती हैं. इसके बाद शुरू होती है लगभग 35 किमी. की ट्रैकिंग यानी पद यात्रा. यह खांई बद्दान क्षेत्र कहलाता है और यहां के सीधे-सादे निवासी अब भी आधुनिक सुख-सुविधाओं से वंचित हैं. सांखरी में आपको पोर्टर और गाइड मिल जाएंगे और आप रात्रि विश्राम के बाद सुबह अपनी रोमांचक यात्रा शुरू कर सकती हैं.

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गोपेश्वर

गोपेश्वंर शहर में तथा इसके आस-पास बहुत सारे मंदिर है. यहां के प्रमुख आकर्षण केन्दों में पुराना शिव मंदिर, वैतामी कुंड आदि है.

फूलों की घाटी

प्राकृतिक प्रेमियों के लिए यह जगह स्वर्ग के समान है. इस स्थान की खोज फ्रेंक स्मिथ और आर.एल. होल्डवर्थ ने 1930 में की थी. इस घाटी में सबसे अधिक संख्या में जंगली फूलों की किस्में देखी जा सकती हैं. पौराणिक कथा के अनुसार हनुमान जी लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा के लिए यहां से संजीवनी बूटी लेने के लिए आए थे. इस घाटी में पौधों की 521 किस्में हैं. 1982 में इस जगह को राष्ट्रीय उद्दान के रूप में घोषित कर दिया गया था. इसके अलावा यहां आपको कई जानवर जैसे, काला भालू, हिरण, भूरा भालू, तेंदुए, चीता आदि देखने को मिल जाएंगें.

कैसे पहुंचे

सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है. सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जोलीग्रांड है. यह चमोली से 221 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, नैनीताल और अल्मोड़ा सभी जगह से चमोली के लिए बसें चलती है.

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Summer Special: समर वेकेशन में घूम आयें यहां

गर्मियों की शुरूआत होते ही लगता है बस किसी ऐसी जगह चले जाएं, जहां इससे गर्मी से राहत मिल सके. अगर रिलैक्स होने के साथ ही वेकेशन एन्जॉय करने का मूड है तो पहाड़ों की सैर से छुट्टियों की शुरुआत करें. यहां का मौसम देता है गर्मियों में ठंडक का अहसास.

1. औली, उत्तराखंड

स्की के लिए बहुत ही एडवेंचरस और सेफ जगह है औली. उत्तराखंड की ये जगह काफी शांत और सुकून भरी है. अप्रैल के महीने में यहां घूमने का प्लान करें. इस वक्त यहां का टेंपरेचर 7-17 डिग्री होता है. चारों तरफ बर्फ से ढ़के पहाड़ यहां की खूबसूरती को दोगुना करते हैं. ट्रैकिंग के लिए यहां एक दिन काफी है. गर्मियों की शुरूआत औली टूर के साथ करना बेस्ट रहेगा.

2. पचमढ़ी, मध्य प्रदेश

सतपुरा टाइगर रिजर्व के पास पचमढ़ी, मध्य प्रदेश की सबसे खूबसूरत जगहों में शामिल है. ये यहां का एकमात्र हिल स्टेशन है जो चारों ओर से सतपुरा पहाड़ी से घिरा हुआ है. यहां कई खूबसूरत गुफाएं, जंगल और बैम्बू फॉरेस्ट देखने को मिलते हैं. ठंड और शांत इस इस जगह पर जाना गर्मियों से राहत दिलाएगा.

3. मॉन, नागालैंड

मॉन, नागालैंड जाने का प्लान अप्रैल के पहले वीक में बनाएं जिस वक्त यहां एलेआन्ग फेस्टिवल कोन्याक नागा सेलिब्रेट किया जाता है. पतझड़ मौसम खत्म होने और फसलों की बुआई के बाद नए साल का स्वागत इस फेस्टिवल को मनाकर किया जाता है. जिसमें ट्रेडिशनल से लेकर मॉडर्न दोनों तरह के कल्चर को एन्जॉय किया जा सकता है. ट्रेडिशनल डांस, म्यूजिक और कई प्रकार के खेल यहां होते हैं. यहां रहने वाले जन-जातियों में खुशी और शांति का संदेश देना होता है. इस दौरान यहां नागाओं का काफी भीड़ इकट्ठा होती है.

4. कदमत आइलैंड, लक्षद्वीप

कदमत आना आपके ट्रिप को यादगार बना सकता है. इस आइलैंड की नेचुरल ब्यूटी देखने लायक है. महज 3.12 स्क्वेयर किमी के एरिया में फैला बहुत ही छोटा-सा आइलैंड है. जहां डाइविंग और स्वीमिंग जैसी कई सुविधाएं मौजूद हैं. लक्षद्वीप के सबसे खूबसूरत आइलैंड में शामिल है कदमत.

5. कन्याकुमारी, तमिलनाडु

कन्याकुमारी को लैंड ऑफ हिडन वंडर्स भी कहा जाता है. ज्यादातर टूरिस्ट यहां कन्याकुमारी मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं. इसके अलावा गांधी मेमोरियल भी यहां देखने लायक है. साथ ही यहां का ध्यान मंडल जहां स्वामी विवेकानंद ने 3 दिनों तक तपस्या की थी. इस जगह को अब पब्लिक के लिए खोल दिया गया है. तमिल कवि तिरुवल्लूर की 133 मीटर ऊंचे स्टैचू भी है यहां. अप्रैल माह में यहां घूमने के लिए मौसम सबसे अच्छा होता है.

6. दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल

दार्जिलिंग खासतौर से अपने चाय के बागानों के लिए मशहूर है. इसके अलावा यहां का आर्किटेक्चर देखने और फर्मेन्टेड बियर का स्वाद लेने भी पहुंचा जा सकता है. पीस पेगोडा में बौद्ध कल्चर को देखने का मौका भी मिलता है. टाइगर हिल से कंचनजंघा पर उगते सूरज को देखने का नजारा ही अलग होता है. अप्रैल माह में यहां आकर इन सारे एक्सपीरियंस को एन्जॉय किया जा सकता है.

7. वायनाड, केरल

वायनाड के हरे-भरे पहाड़, खुशबू बिखेरते इलायची, वनीला, कॉफी और चाय के बागान मूड को रिफ्रेश करने के साथ ही ट्रिप को भी यादगार बनाने का काम करते हैं. पैदल घूमकर आप ट्रिप को ज्यादा अच्छे से एन्जॉय कर सकते हैं. वायनाड को खासतौर से पुरानी जनजातियों का गढ़ कहा जाता है. इनके कल्चर, लाइफ और खानपान का तरीका अपनाकर बॉडी का डिटाक्सीफाई भी किया जा सकता है. अप्रैल महीने में यहां आने की प्लानिंग बेस्ट रहेगी.

8. कलीमपोंग, पश्चिम बंगाल

हिमालय पर्वत और आसपास के हरे-भरे कलीमपोंग की खूबसूरत वादियां आपके ट्रिप को रोमांचक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़तीं. तीस्ता नदी के आसपास रुकने का प्लान करें जिससे यहां की खूबसूरती को बहुत ही करीब से जाना जा सकता है इसके अलावा अप्रैल माह में यहां चारों ओर इलायची और दालचीनी की खुशबू बिखरी रहती है. घने जंगलों में रेड पांडा और ब्लैक बियर जैसे कई सारे जानवर भी देखे जा सकते हैं.

9. कुन्नूर, तमिलनाडु

नीलगीरी पहाड़ों के नाम से मशहूर कुन्नूर की खूबसूरती को करीब से देखने का मजा तो अप्रैल माह में ही आता है. इस समय यहां टूरिस्टों की संख्या सबसे ज्यादा होती है. गर्मियों की शुरूआत में लगने वाले फ्रूट शो को एन्जॉय करने के साथ ही बोटेनिकल गॉडर्न और सिम्स पार्क भी देखने लायक होता है. डॉलफिन नोज प्वाइंट से नीलगीरी की खूबसूरती को निहारने का नजारा आप लाइफटाइम नहीं भूल पाएंगे.

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Summer Special: जाए वहां जहां ज्यादा लोग नहीं जाते

भारत में घूमने के लिए ऐसी जगह है की आपको बाहर जाने की जरूरत ही नही है. प्रकृति की गोद में बसा भारत की खुबसूरत जगहों की बात ही औरौं से जुदा है. यहां पर कुछ ऐसी खुबसूरत जगह हैं जिनके बारे में आपको पता नहीं होगा. अगर आप रोमांच प्रेमी है और एक बार कुछ नई जगह घूमना चाहते हैं तो एक बार इन जगहों पर जरूर जायें.

1. थॉसेघर फॉल्स, सतारा

अगर आप लोनावला या खंडाला गए हैं और थॉसेघर फॉल्स नहीं गए तो आपने बहुत ही खास चीज़ मिस कर दी. यह जगह बेहद ही छोटे से खेड़े में है. सतारा सिटी से 20 किमी की दूरी पर थॉसेघर फॉल्स है. यहां जाकर आप पानी में मस्ती कर सकते हैं. यहां का माहौल आपको काफी पसंद आएगा. यहां की ठंडी हवाएं आपको दिल को खुश कर देंगी. यहां इतनी शांति है कि आप सुकून के लिए बार-बार इस जगह पर आना चाहेंगे.

2. कास का पठार, महाराष्ट्र

पर्यटन की दृष्टि से कास का पठार नया नहीं. इस पठार की ख़ास बात यह है यहां के 850 अलग अलग प्रजातियों के फूल. अक्टूबर से नवम्बर का समय इस पठार की यात्रा का सबसे अच्छा समय है.

3. संदकफू, दार्जिलिंग

इस जगह को जहरीले पेड़ों का जंगल कहा जाता है क्योंकि यहां के पहाड़ों की चोटियों पर जहरीले एकोनाइट पेड़ पाए जाते हैं. इसलिए इसे संदकफू कहा जाता है जिसका मतलब है जहरीले पेड़-पौधों. इसे ‘पैराडाइज ऑफ ट्रैकर्स’ के नाम से भी जाना जाता है क्योकि यहां ट्रेकिंग होती है. दार्जिलिंग में स्थित संदकफू जंगल समुद्र तल से 3,636 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां से आप एवरेस्ट, कंचनजंघा, मकालू और ल्ओत्से की ऊंची चोटियों को देख सकते है.

4. द्रास, लद्दाख

द्रास को भारत देश की सबसे ठंडी जगह और दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह माना जाता है. सर्दियों में यहां का तापमान -45 तक होता है. जम्मू व कश्मीर के कारगिल जिले में स्थित एक बस्ती है द्रास. 10760 फीट की ऊंचाई पर बसा द्रास पहाड़ों से घिरा हुआ है. कश्मीर से लद्दाख जाने के लिए द्रास वादी से गुजरना पड़ता है. जिसके कारण इसे ‘लद्दाख का द्वार’ भी कहा जाता है.

5. इमामबाड़ा, लखनऊ

यह इमारत नवाबों के शहर लखनऊ में है. अपनी खासियत के कारण यह पूरी दुनिया में फेमस है. इस इमारत में ही दुनिया का सबसे बड़ा हॉल है जिसमें न खंभे है और न लोहा है और न ही लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है. इसका रहस्य जानने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते है. इस इमारत के अलावा यहां का गार्डन भी देखने लायक है. शाही हमाम नामक यह बावड़ी गोमती नदी से जुड़ी है. इसमें पानी से ऊपर केवल दो मंज़िले हैं, शेष तल पानी के अंदर पूरे साल डूबे रहते हैं.

6. लाहौल, हिमाचल प्रदेश

लाहौल हिमाचल प्रदेश राज्‍य में भारत-तिब्‍बत सीमा पर स्थित है. लाहौल और स्‍पीति पहले दो जिले थे, जिन्‍हे बाद में 1960 में एकीकृत कर दिया गया था. यहां कि प्राकृतिक सुंदरता आपको अशांत मन को बहुत शांति देगी.

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Summer Special: खूबसूरती का खजाना है मध्य प्रदेश का हिल स्टेशन ‘पचमढ़ी’

इतिहास और खूबसूरती का अद्भुत रंग समेटे मध्य प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी के नाम से भी जाना जाता है. प्रदेश के होशंगाबाद जिले में सतपुड़ा की पहाडि़यों के बीच पहाड़ों और जंगलों से घिरे हिल स्टेशन पचमढ़ी में पर्यटकों को कश्मीर जैसी खूबसूरती व नेपाल की शांति मिलती है. अगर आप भी कुदरत के सौंदर्य को नजदीक से निहारना चाहते हैं तो सुकून और प्रदूषणरहित वातावरण से भरपूर पचमढ़ी एक बेहतर प्लेस है. यहां की खूबसूरती और आबोहवा सिर चढ़ कर बोलती है. खुशबूदार हवा, फाउंटेन, मनमोहक पेड़पौधे, पहाड़ और दूरदूर तक फैली हरियाली आंखों के सामने नैसर्गिक सौंदर्य का संसार प्रस्तुत करते हैं. यहां का तापमान सर्दी में 4.5 डिगरी सैल्सियस और गरमी में अधिकतम 35 डिगरी सैल्सियस होता है.

यहां आप वर्षभर किसी भी मौसम में जा सकते हैं. यहां की गुफाएं पुरातात्त्विक महत्त्व की हैं क्योंकि यहां की गुफाओं में शैलचित्र मिले हैं. यहां की प्राकृतिक संपदा को पचमढ़ी राष्ट्रीय उद्यान के रूप में संजोया गया है. पर्यावरण की दृष्टि से पचमढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए यहां पौलिथीन का उपयोग नहीं करने दिया जाता.

दर्शनीय स्थल

पांडव गुफा

पचमढ़ी की एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित 5 गुफाओं को पांडव गुफा के नाम से जाना जाता है. माना जाता है कि ये गुफाएं गुप्तकाल की हैं और इन्हें बौद्ध भिक्षुओं ने बनवाया था. ऐसी भी मान्यता है कि 5 पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इन गुफाओं में कुछ समय बिताया था. गुफा के ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां से पूरी पचमढ़ी के सौंदर्य को निहारा जा सकता है.

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अप्सरा विहार

पांडव गुफा से आगे 30 फुट गहरा एक ताल है जहां नहाने और तैरने का आनंद लिया जा सकता है. बच्चों के साथ घूमने के लिए यह एक बेहतरीन पिकनिक स्पौट है.

रजत प्रपात

अप्सरा विहार से आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस प्रपात से 350 फुट की ऊंचाई से गिरता इस का पानी एकदम दूध की तरह दिखाई देता है. अपने साथ एक जोड़ा कपड़ा ले जाएं ताकि इस प्रपात में स्नान कर सकें.

हांडी खोह

300 फुट गहरी यह खाई पचमढ़ी की सब से गहरी खाई है. खाई का अंतिम छोर जंगल के ऊंचेऊंचे पेड़ों के कारण दिखाई नहीं देता. घने जंगलों में ढकी इस खाई के आसपास कलकल बहते झरनों की आवाज सुनना अद्भुत आनंद देता है. ऊपर से देखने पर एक रोमांचभरी सिहरन पैदा होती है. स्थानीय लोग इसे अंधी खोह के नाम से भी पुकारते हैं. यहां बनी रेलिंग प्लेटफौर्म से पूरी घाटी का नजारा दिखाई देता है.

धूपगढ़

धूपगढ़ सतपुड़ा रेंज की सब से ऊंची चोटी है. यहां से सनसैट का व्यू काफी सुंदर दिखाई देता है. धूपगढ़ तक जाने के लिए अंतिम 3 किलोमीटर का रास्ता काफी घुमावदार है. बादलों के बीच में ही धीरेधीरे मलिन होते सूरज को देखना एक अनोखा अनुभव होता है.

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान

524 वर्ग किलोमीटर में फैले इस उद्यान की स्थापना 1981 में हुई थी. प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह उद्यान जहां चीड़, देवदार, सफेद ओक, यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य छोटेबड़े वृक्षों से ढका हुआ है वहीं यहां आप को बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, गौर, चिंकारा, भालू और रंगबिरंगे पक्षियों के भी दर्शन हो जाएंगे.

डचेश फौल्स

यह पचमढ़ी का सब से दुर्गम स्पौट है. यहां पहुंचने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है. 700 मीटर का रास्ता जहां घने जंगलों के बीच से पार करना पड़ता है वहीं करीब 800 मीटर का रास्ता पहाड़ पर से सीधा ढलान का है, इसलिए काफी संभलसंभल कर चलना पड़ता है. लेकिन नीचे उतरने के बाद फौल में नहाने से सारी थकान पल में छूमंतर हो जाती है.

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इस का नाम बी फौल्स इसलिए पड़ा क्योंकि पहाड़ी से गिरते समय यह झरना बिलकुल मधुमक्खी की तरह दिखता है. यहां आते समय अपने साथ स्पोर्ट्स शूज लाना न भूलें क्योंकि पहाड़ी रास्तों पर चलने के दौरान उन की जरूरत पड़ती है. यह 3 बजे बंद हो जाता है.

समुद्रतल से 1,100 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस शहर की आबादी लगभग 12 हजार है और यहां की जीवनशैली आज भी बाहरी चकाचौंध से अछूती है. प्रदूषणरहित वातावरण में कुदरत के सौंदर्य को निहारने के लिए इस छोटी सी सैरगाह में स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लेना न भूलें. इन में कई जगह कैमरे या हैंडीकैम का शुल्क है, इसलिए गाइड से पूछ लें कि यह शुल्क कहां जमा कराया जाए.

कहां ठहरें

पचमढ़ी में ठहरने की बहुत अच्छी व्यवस्था है. मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के भी हेरिटेज होटल और गेस्ट हाउस हैं जो विभिन्न आयुवर्ग की जरूरतों को ध्यान में रख कर बनाए गए हैं.

ये हैं दिल्ली के 10 Haunted Places

अगर आपको रोमांच भरी जगहों पर जाना पसंद है और आपको भूत जैसी चीजों से डर नहीं लगता तो आप जा सकते हैं कि दिल्ली इन हॉन्टेड जगहों पर. जहां पर है आत्माओं और रूहों का साया. जानिए दिल्ली की डरावनी जगहों के बारे में.

माली-कमाली का मकबरा और मस्जिद

माली-कमाली का मकबरा और मस्जिद दिल्ली के महरौली में है. यहां पर सोलवहीं शताब्दी के सूफी संत जमाली और कमाली की कब्र मौजूद है. यहां के लोगों का कहना है कि यहां पर जिन्न रहते हैं. सूफी संत जमाली लोधी हुकूमत के राज कवि थे. इसके बाद बाबर और उनके बेटे हुमायूं के राज तक जमाली को काफी तवज्जो दी गई. माना जाता है कि जमाली के मकबरे का निर्माण हुमायूं के राज के दौरान पूरा किया गया. मकबरे में दो संगमरमर की कब्र हैं, एक जमाली की और दूसरी कमाली की. जमाली कमाली मस्जिद का निर्माण 1528-29 में किया गया था. यह मस्जिद लाल पत्थर और संगमरमर से बनी है.

भूली भतियारी का महल, झंडेवालान

यह महल किसी ज़माने में तुगलक वंश का शिकारगाह हुआ करता था. इस महल का नाम यहां की रखवाली करने वाली औरत भूली भतियारी के नाम में रखा गया है.

संजय वन

यह वन 10 किमी क्षेत्रफल में फैला हुआ है. कहा जाता है कि यहां पर अक्सर बच्चें खेलते हुए दिखतें है जो आत्माएं है. इसके साथ ही अन्दर से यह जंगल बहुत घना है. जिसके कारण लोग इसे हॉन्टेड मानते है.

खूनी नदी, रोहिणी

कम शोर गुल वाले इस इलाके में बहुत कम लोग आते हैं. लेकिन नदी के आसपास तो कोई नहीं जाता है. क्योंकि नदी के किनारे लाश मिलना एक आम बात है. यह लाशों का कारण हत्या, आत्महत्या, दुर्घटना चाहे जो हो. इसलिए इस जगह को हान्टेड जगहों के नाम में शुमार किया गया है.

म्यूटिनी हाउस, कश्मीरी गेट

यह स्मारक 1857 में मारे गए सिपाहियों की याद में अंग्रेजों ने बनवाया था. कहा जाता है कि आज भी इन सिपाहियों की आत्मा यहा घूमती है जिसके कारण इसे हॉन्टेड जगह माना जाता है.

मालचा महल

दिल्ली के दक्षिण रिज़ के बीहड़ में छुपा ‘मालचा महल’ जिसमे पिछले 28 सालों से अवध राजघराने के वंशज राजकुमार ‘रियाज़’ और राजकुमारी ‘सकीना महल’ रह रहे हैं. पहले इनके साथ इनकी माँ ‘विलायत महल’ भी रहा करती थी जिन्होंने 10 सितंबर 1993 को आत्महत्या कर ली थी. कहा जाता है कि अब भी उनकी रुह यहीं पर रहती है.

खूनी दरवाजा

दिल्ली का खूनी दरवाजा जो हॉन्टेड लिस्ट में शामिल है. इसी दरवाजें में अंग्रेजों ने बहादुर शाह जफर के तीन बेटों को मार डाला था. माना जाता है कि अब भी तीनों शहज़ादों की रूह इसी इलाके रहती हैं.

अग्रसेन की बावली, कॅनाट प्लेस

यह वही जगह है जहां पर आमिर खान अपनी फिल्म पीके में रहते हैं. माना जाता है इस बावली के गहराई में काला पानी भरा है जिसमें कई लोगों ने आत्महत्या की है जिसके कारण यह जगह भी हॉन्टेड मानी जाती है.

फिरोज शाह कोटला किला

इस किले को फिरोज शाह तुगलक ने साल 1354 में बनवाया था लेकिन आज रख-रखाव न होने के कारण यह किला खंडहर हो गया है. इस किले के बारे में आसपास के लोगों का कहना है कि हर गुरूवार को मोमबत्तियां और अगरबत्ती जलती दिखती है. साथ ही अगले दिन इस किले में दूध और कच्चा अनाज मिलता है.

इन जगहों पर संभल कर जाएं नहीं तो..

भारत के हर कोने में प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना है जो यात्रियों का मनमोह लेता है लेकिन यहां कि कई जगहें ऐसी हैं जहां पर जाने से पहले एक बार सोच लेना ही बेहतर है. भारत की खूबसूरती देसी-विदेशी पर्यटकों को ये जगह खूब लुभाती है और हर रोज हजारों की तादाद में विदेशी पर्यटक यहां घूमने आते हैं.

फुगताल मोनेस्ट्री, लद्दाख

इसे फुगताल गोस्पा के नाम से भी जाना जाता है. ऊंची खड़ी पहाड़ी के एक तरफ बनी हुई इस मोनेस्ट्री पर बाहरी लोगों का पहुंचना खतरे से खाली नहीं.

दमस बीच, गुजरात

गुजरात के समुद्री तट पर स्थ‍ित दमस बीच जिसे लोग डुमस बीच भी कहते हैं अपनी रहस्‍यमयी पहचान के लिए पर्यटकों के बीच चर्चा का विषय बना रहता है. यहां के स्थानीय लोगों के अनुसार इस बीच पर रूहों का बसेरा है और सूर्य अस्त होने के बाद यहां पर चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनाई देती हैं.

अकसई चिन, जम्‍मू-कश्‍मीर

अक्साई चिन या अक्सेचिन चीन, पाकिस्तान और भारत की सीमा पर स्थित तिब्बती पठार के उत्तरपश्चिम में स्थित एक विवादित क्षेत्र है. यह कुनलुन पर्वतों के ठीक नीचे स्थित है. किसी खूबसूरती आपको यहां जाने पर मजबूर कर देगी लेकिन क्‍या आप जानते हैं यह दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक है.

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द्रास, लद्दाख

इसको लद्दाख का द्वार भी कहते है. यह दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह है और इसी के साथ यह आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र भी है. यहां अगर आप आतंकियों की गोलियों से बच गए तो ठंड से बचना मुश्किल है.

चंबल घाटी, मध्‍यप्रदेश

चंबल घाटी अपने खौफनाक इतिहास के लिए जानी जाती है क्‍योंकि एक जमाने में यहां पर डाकुओं का राज था और कहा जाता है कि अभी भी यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए सुरक्षित नहीं है.

खरदुंग ला, लद्दाख

खरदुंग ला दुनिया की सबसे ऊंची रोड है. यहां पर सीधी चमकती धूप, तेज हवा और कम ऑक्सीजन अधिकतर लोगों को यहां से जल्द ही वापस लौटने पर मजबूर कर देती हैं.

मानस नेशनल पार्क, असम

मानस नेशनल पार्क असम का एक प्रसिद्ध पार्क है. इसे यूनेस्को नेचुरल वर्ल्ड हेरिटेज साइट के साथ-साथ प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व, बायोस्फियर रिजर्व और एलिफेंट रिजर्व घोषित किया गया है. इसकी सुंदरता में खो मत जाइएगा क्‍योंकि यहां पर बोडो उग्रवादियों का कब्‍जा है जो आपका स्‍वागत करने के लिए तैयार हैं.

निकोबार, आयलैंड

इस आयलैंड में समुद्री तट की खूबसूरती देखने के लिए पर्यटकों को प‍रमिशन की जरूरत होती है. यहां के जंगलों में आदिवासियों का कब्‍जा है इसलिए यहां जाने से पहले सारी जानकारी इकट्ठा कर लें.

फुलबानी, ओडिशा

भुवनेश्‍वर से 200 किलोमीटर दूर इस गांव का नैसर्गिक सौंदर्य आपको अपनी ओर खींचने के लिए काफी है लेकिन यहां जाना खतरे से खाली नहीं है. यहां पर भी माओवादी हर कोने पर फैले हुए हैं.

साइलेंट वैली, केरल

साइलैंट वैली राष्ट्रीय उद्यान उत्तरी केरल के पालक्काड जि‍ले के मन्नारकाड से 40 कि.मी. की दूरी पर स्थित है. पिछले कुछ समय से माओवादी हमलों के बाद इस जगह को पर्यटकों के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है.

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बस्‍तर, छत्‍तीसगढ़

भारत का नियाग्रा फाल कहा जाने वाला चित्राकूट बस्‍मर में ही स्थित है लेकिन यहां पर फैला नक्‍सली आतंक पर्यटन के लिहाज से बहुत खतरनाक है.

तुरा, मेघालय

तुरा में फैला प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है लेकिन यहां पर भी आतंक का खौफ फैला हुआ है.

बेरेन आयलैंड, अंडमान

अंडमान बंगाल की खाड़ी में स्थित भारत के अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह का उत्तरी भाग है. अंडमान के आंचल में मूंगे की दीवारों, साफ-स्वच्छ सागर तट, पुरानी यादों से जुड़े खंडहर और अनेक प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियां मौजूद हैं और इसी के साथ यहां पर भारत का एक मात्र ज्‍वालामुखी भी है.

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प्रकृति की गोद में बसे हैं भारत के ये 5 Tourist Spot

बात अगर इको फ्रेंडली टूरिस्ट डेस्टिनेशन के बारे में की जाए तो भारत में ऐसी कई जगहें है जहां जाकर आप प्रकृति का पूरा आनंद उठा सकतीं हैं. वैसे तो इन जगहों पर साल भर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है लेकिन कुछ कुछ मौसमों में तो ये और भी रोमांटिक लगने लगते हैं. इन जगहों पर आने के बाद आपको एहसास होगा की आप प्रकृति की गोद में बैठी हैं.

तो आज हम आपको ऐसे ही भारत के कुछ इको फ्रेंडली पर्यटन स्थलों के बारें में बताएंगे और उम्मीद करते हैं आपको ये जगहें पसंद आएंगी, क्योकि ये ट्रिप आपके लिये पैसा वसूल ट्रिप होगा.

केरल

इको फ्रेंडली टूरिस्ट डेस्टिनेशन के लिस्ट में केरल का नाम पहले आता है, केरल बहुत ही खूबसूरत और हरी भरी जगह है. यहां किसी भी मौसम में घूमा जा सकता है. केरल में प्रकृति‍ का एक अनोखा रूप देखने को मिलता है. इको-फ्रेंडली टूरिस्‍ट प्‍लेस पसंद करने वाले पयर्टकों के लिए यहां खूबसूरत रेतीले समुद्र तट, ताड़ के पेड़ और बैकवौटर जैसी चीजे हैं. जिनका अच्‍छे से मजा लिया जा सकता है. यहां की संस्कृति और परंपराएं भी पयर्टकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं.

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कुर्ग

कुर्ग भी इको-फ्रेंडली टूरिस्ट डेस्टिनेशंस में से एक है. यह भारत के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में भी गिना जाता है. यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. मिस्टी पहाड़ियों, घने जंगल और कोहरे वाली शाम पयर्टकों को बहुत पसंद आती हैं. इतना ही नहीं यहां बहने वाली कावेरी नदी इस स्थान को और ज्‍यादा खूबसूरत बनाती है. इसके अलावा वन्य जीव स्‍थल पुष्‍पागिरि वन्‍यजीव अभयारण्‍य भी घूमा जा सकता है.

गोवा

इको-फ्रेंडली टूरिस्ट डेस्टिनेशंस में गोवा का नाम न हो ऐसा शायद ही हो. यह भी भारत के खूबसूरत पयर्टन स्‍थलों में से एक है. गोवा की प्राकृतिक सुंदरता की भी जितनी तारीफ की जाए कम है. समुद्र तट के अलावा यहां बोंडला या कोटीगाओ वन्यजीव अभयारण्य जैसे स्‍थानों पर पयर्टकों को बहुत अच्‍छा लगता है. गोवा की यात्रा में सुंदर मंदिरों, चर्चों, किले और ऐतिहासिक स्मारकों को घूमा जा सकता है.

सिक्किम

हिमालय में एक छोटा सा पहाड़ी राज्य सिक्किम अपनी हरी भरी वनस्पति, घने जंगलों और असख्‍ंय किस्‍मों के फूलों से पयर्टकों को आकर्षित करता है. इसके अलावा यहां पयर्टकों को गहरी घाटियों, खूबसूरत झरनों और लहराती नदियों के किनारे शाम के समय वक्‍त बिताना अच्‍छा लगता है. एक खूबसूरत पयर्टन स्‍थल के रूप में सिक्किम के पास सबकुछ है. यहां पर विदेशी पयर्टकों की भी भीड़ रहती है.

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उत्तराखंड

उत्तराखंड धरती का स्वर्ग है. यह राज्‍य पूरे पहाड़ी इलाकों और खूबसूरत परिदृश्यों के लिए लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. गंगा और यमुना दो नदियां हैं जो उत्तराखंड में हिमालयी ग्लेशियरों से शुरू होती हैं. उत्तराखंड बहुत समृद्ध वनस्पतियों और जीवों का घर है. यहां हमेशा शुष्क सा मौसम बना रहता है. जिस वजह से पर्यटक इन जगहों के मुरीद हैं.

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