कियारा के गेट पर पांव रखते ही वाचमैन से ले कर औफिस के हर शख्स तक की आंखें चौड़ी हो जातीं. उस के अद्वितीय सौंदर्य व आकर्षक व्यक्तित्व के आगे किसी का जोर नहीं चलता. बिना डोर के सभी कियारा की ओर स्वत: खिंचे चले आते. हरकोई बस इसी प्रयास में लगा रहता कि वह कियारा को किसी भी प्रकार से आकर्षित कर ले या किसी भी बहाने से कियारा उस से बात कर ले, लेकिन कियारा अपनी ही धुन में मस्त रहती, उसे अपने हुस्न का अंदाजा था. उस से यह बात भी छिपी नहीं थी कि पूरा औफिस उस पर लट्टू है. वह हाई हील्स पहन कर इस अदा से बल खा कर चलती कि उसे देख केवल लड़कों या पुरुषों के ही दिल नहीं बल्कि लड़कियों और महिलाओं के भी दिल डोल जाते.
देश की राजधानी दिल्ली में पलीबढ़ी कियारा खुली और स्वत्रंत विचारधारा की लड़की थी जिस की वजह से कई बार लोग उसे गलत भी सम झ लेते और उस के खुलेपन का मतलब आमंत्रण सम झ लेते. उस की यही स्वच्छंदता और उस का बेबाकपन कई बार उस के लिए आफत भी बन जाता.
पिछले 2 सालों से कियारा बैंगलुरु की मल्टीनैशनल कंपनी में बतौर असिस्टैंट मार्केटिंग मैनेजर के पद पर कार्यरत थी. वह अपने घर से दूर यहां अपनी कलीग और रूममेट सलोनी के साथ रहती थी, सलोनी नागपुर से थी. वह अपने नाम के अनुरूप देखने में सांवली थी. कियारा और सलोनी दोनों एकदूसरे के विरोधाभास थे.
कियारा जितनी चंचल, शोख, बातूनी और दिल की साफ थी, सलोनी उतनी ही शांत, गंभीर और कम बोलने वाली, लेकिन काफी चालाक और मौकापरस्त थी. यह बात कियारा उस के साथ रहते हुए जान चुकी थी, लेकिन औफिस कलीग्स और उन के परिचित इस बात से अनभिज्ञ थे.
अकसर ऐसा देखा गया है जो महिला या लड़की अपने विचारों को बिना किसी हिचकिचाहट, निडर और बेबाक तौर पर बगैर किसी लागलपेट के कहती है लोग उसे खुली तिजोरी सम झ कर उस पर हाथ साफ करने की मंशा रखते हैं. यही हाल यहां भी था. हरकोई बस कियारा को फांसने में लगा रहता.
कियारा के चाहने वालों की लंबी लिस्ट थी इस बात से सलोनी अंदर ही अंदर कियारा से चिढ़ती भी थी. कभीकभी मजाक में उस से कह भी देती कि इस औफिस में क्या पूरे शहर के लड़के तो बस तु झ पर ही मरते हैं, एकाध हमारे लिए भी तो छोड़ दे.
कियारा जानती थी कि सलोनी यह बात मजाक में नहीं कह कर रही है, यह उस के अंदर का दर्द है जिसे वह मजाक का जामा पहनाए हुए है, इसलिए कियारा खिलखिला का हंसती हुई कहती कि मेरी जान तू किसी को भी दबोच ले, मु झे कोई फर्क नहीं पड़ता और मैं ने कौन सा किसी को पकड़ रखा है. मेरा दिल तो अब तक किसी पर आया ही नहीं है, हां. यह अलग बात है कि यहां हरेक का दिल मु झ पर ही अटका हुआ है.
जब भी कियारा ये सारी बातें सलोनी से कहती, वह एक और बात उस से जरूर कहती कि जब भी मु झे किसी से प्यार हो जाएगा या जिस किसी पर भी मेरा दिल आ जाएगा, मैं शादी उसी से करूंगी.
कियारा के इस बात पर सलोनी हंसने लगती और कियारा से कहती कि देख यार मेरा मानना है प्यार, महब्बत, इश्क, घूमनाफिरना यहां तक किसी के साथ फिजिकल रिलेशन रखने में भी कोई बुराई नहीं है, लेकिन शादी हमेशा वहीं करना चाहिए जहां हमारे मम्मीपापा चाहते हैं. इस से समाज में हमारी मानप्रतिष्ठा भी बनी रहती है और जीवन में मजे भी हो जाते हैं.
सलोनी का यह विचार उस के दोहरे चरित्र को दर्शाता था. एक ओर जहां सलोनी जिंदगी के मजे खुल कर लेना चाहती थी वहीं दूसरी ओर संस्कारी होने का टैग भी अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहती.
दोनों अपनेअपने सिद्धांतों और नियमों के अनुसार जी रहे थे. दोनों के विचारों में टकराव होने के बावजूद दोनों साथसाथ रहते, मूवी जाते, पार्टी करते और वीकैंड को खूब मजा भी करते. कियारा कहती मेरा तो बस यह सोचना है कि हर वह काम करो जिस में खुशी मिलती है. बस इस बात का ध्यान रखो कि हमारी खुशी से किसी को दुख न पहुंचे और किसी का भी नुकसान न हो.
दोनों यों ही अपनेअपने तरीके से जीवन का आनंद उठा रहे थे कि एक रोज लंच ब्रेक में सलोनी ने कियारा से कहा, ‘‘यार मु झे तु झ से हैल्प चाहिए, क्या तू मेरी हैल्प कर पाएगी?’’
कियारा ने बिना सोचे ही कह दिया, ‘‘तू बोल न एनी थिंग फौर यू.’’
कियारा के ऐसा कहने पर सलोनी ने उसे गले लगा लिया और बोली, ‘‘यार… आज मैं औफिस में सैकंड हाफ नहीं रहूंगी, मैं ने किसी से कुछ भी नहीं कहा है. अगर कोई कुछ पूछे तो तू संभाल लेना.’’
कियारा को कुछ सम झ नहीं आ रहा था कि आखिर बात क्या है. उस ने आश्चर्य से कहा, ‘‘लेकिन तू जा कहां रही है. हाफ डे ऐप्लिकेशन तो दे कर जा.’’
कागज का एक पन्ना कियारा के हाथों में थमाती हुई सलोनी बोली, ‘‘यह ले ऐप्लिकेशन अब मैं जाऊं?’’
‘‘लेकिन तू जा कहां रही है यह तो बता?’’ कियारा ने सलोनी से दोबारा कहा.
तब कियारा की दोनों हथेलियों को दबाती हुई सलोनी बोली, ‘‘वह मैं तु झे रूम पर आने के बाद बताऊंगी,’’ ऐसा कहती हुई तेजी से सलोनी वहां से निकल गई.
कियारा लंच ब्रेक के बाद अपने काम में लग गई. करीब 1 घंटे के बाद औफिस की एक कलीग ने कियारा से पूछा, ‘‘अरे कियारा सलोनी काफी देर से दिखाई नहीं दे रही है वह है कहां?’’
कियारा को कुछ सम झ नहीं आया कि वह क्या कहे तो उस ने कह दिया, ‘‘उस की तबीयत थोड़ी ठीक नहीं लग रही थी, इसलिए घर चली गई.’’
बात आईगई हो गई. शाम को जब औफिस से कियारा रूम पर लौटी तब तक सलोनी नहीं आई थी. कियारा ने सलोनी को फोन किया, लेकिन उस का नंबर स्विच्ड औफ आ रहा था. कियारा ने हाथमुंह धो कर अपने लिए चाय बनाई और फिर चाय पीने के बाद थोड़ा आराम कर खाना बनाने में जुट गई. इस बीच वह हर थोड़ी देर के अंतराल में सलोनी को फोन करती रही. लेकिन हर बार सलोनी का फोन स्विच्ड औफ ही आ रहा था.
खाना बनाने के बाद कियारा सलोनी के इंतजार में गैलरी में जा खड़ी हुई. उस ने खाना भी नहीं खाया. रात के 11 बज रहे थे. तभी एक बाइक फ्लैट के सामने आ कर रुकी. रात के अंधेरे और स्ट्रीट लाइट की धीमी रोशनी में कियारा को कुछ साफ दिखाई नहीं दिया. बस वह इतना देख पाई कि उस बाइक से सलोनी उतरी.
सलोनी के रूम पर आते ही कियारा ने उस से कहा, ‘‘कहां चली गई थी… इतना देर कैसे हो गई?’’
सलोनी के चेहरे पर खुशी झलक रही थी. उस ने कियारा के कांधों पर हाथ रखते हुए कहा, ‘‘चिल… यार मैं वरूण के साथ मूवी देखने गई थी और फिर वहां से वह मु झे डिनर पर ले गया इसलिए देर हो गई.’’
वरुण सुनते ही कियारा चिढ़ गई और सलोनी पर गुस्सा करती हुई बोली, ‘‘वरुण के साथ गई थी. तू पागल हो गई है क्या? वह शादीशुदा है और तू उस के साथ…’’
‘‘अरे यार कियारा तू ही तो कहती है न खुश होने का अधिकार सब को है और जिस काम को कर के खुशी मिलती है वह काम कर लेना चाहिए. तो मैं तेरा ही रूल तो फौलो कर रही हूं,’’ सलोनी बेपरवाह होती हुई बोली.
‘‘लेकिन मैं यह भी कहती हूं कि ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिस से किसी को दुख या नुकसान हो, तु झे यह बात याद नहीं,’’ कियारा थोड़ा चिढ़ती हुई बोली.
‘‘वरुण के साथ मेरे मूवी देखने से या उस के साथ डिनर करने से भला किस को दुख होने वाला है या फिर किस को नुकसान होने वाला है और तु झे क्यों बुरा लग रहा है? तेरे तो बहुत चाहने वाले हैं. तू तो जिस के साथ चाहे उस के साथ यह सब कर सकती है, लेकिन तु झे तो यह सब करना नहीं है फिर तू क्यों इतनी दुखी और परेशान हो रही है?’’ सलोनी अपने कंधे ऊंचकाती हुई बोली.
‘‘मैं परेशान इसलिए हूं क्योंकि तू ने मु झ से कहा था तू अपनी भाभी के छोटे भाई अंशु को पसंद करती है और उस से शादी करना चाहती है, फिर तू वरुण के साथ क्यों घूम रही और जरा सोच वरुण की वाइफ को पता चलेगा कि उस का पति उसे छोड़ कर तेरे साथ मूवी देखने और डिनर करने गया था तो उसे कितना दुख होगा और इस का असर उन के वैवाहिक जीवन पर भी पड़ सकता है,’’ कियारा सलोनी को सम झाती हुई बोली.
‘‘अरे यार ऐसा कुछ नहीं होगा. पहली बात तो उस की वाइफ को कभी कुछ पता ही नहीं चलेगा. मैं और वरुण रिलेशनशिप में हैं और हमारे बीच यह सब 6 महीने से चल रहा है. मेरी रूममेट हो कर तु झे कभी पता चला? औफिस में हम सब साथ रहते हैं. औफिस में अब तक किसी को पता चला? नहीं न तो उस की बीवी को कैसे पता चलेगा और कौन सी मु झे वरुण से शादी करनी है. रही बात अंशु की तो वह कभी जान ही नहीं पाएगा कि मैं यहां क्या कर रही हूं क्योंकि मैं तेरी तरह हर किसी से फ्री हो कर बात नहीं करती. मैं एक सीधी सादी कम बोलने वाली लड़की हूं.’’
सलोनी का एक और नया रूप देख कर कियारा हैरान थी. उस ने सलोनी से कुछ नहीं कहा. चुपचाप खाना खाश्स और सो गई. सुबह जब वह उठी तो उस ने देखा सलोनी दोनों के लिए चाय बना रही है. चाय बनाने के बाद दोनों ने साथ में चाय पी, लेकिन कियारा शांत रही. सलोनी चाय पीते वक्त कियारा से बात करने का प्रयास करती रही, लेकिन कियारा ने कुछ नहीं कहा.
उस के बाद वक्त पर तैयार हो कर दोनों औफिस भी आ गए. दोनों के बीच कतई असामानता थी उस के बावजूद कियारा के लिए सलोनी केवल उस की एक रूममेट नहीं उस की सहेली भी थी, जिसे वह अपने दिल की हर बात बताती, भले सलोनी उस से कई बात छिपा जाती थी. कियारा नहीं चाहती थी कि सलोनी कोई भी ऐसा काम करे जो गलत हो.
औफिस आने के बाद दोनों अपनेअपने काम में लग गईं. कियारा अपने काम में व्यस्त थी कि तभी वरुण उस के समीप आ कर बैठ गया. कियारा उसे अनदेखा कर अपने काम में लगी रही.
तभी वरुण बोला, ‘‘तुम अपनेआप को क्या सम झती हो. तुम सलोनी की लाइफ को कंट्रोल करने की कोशिश क्यों कर रही हो? वह मेरे साथ घूमे या फिर जिस के साथ चाहे उस के साथ घूमेंफिरे, तुम कौन होती हो उसे मना करने वाली? तुम खुद तो सब के साथ हंसहंस कर बातें कर सकती हो और वह मेरे साथ कहीं जा भी नहीं सकती… तुम उसे रोकनाटोकना बंद करो वरना…’’
वरुण का इतना कहना था कि कियारा कंप्यूटर स्क्रीन पर से अपनी नजरें हटाती हुई बोली, ‘‘वरना क्या? क्या कर लोगे तुम? मु झे तुम से कोई लेनादेना नहीं है. सलोनी मेरी फ्रैंड है और उसे सहीगलत बताना मेरा फर्ज है. वह माने या न माने यह उस की मरजी. यह मेरे और उस के बीच की बात है. तुम इन सब में मत पड़ो तो अच्छा होगा वरना तुम मु झे बहुत अच्छी तरह से जानते हो, मैं अभी जोरजोर से चिल्ला कर सब को बता दूंगी कि शादीशुदा हो कर तुम्हारा अफेयर चल रहा है और तुम्हारे घर जा कर तुम्हारी बीवी को तुम्हारे सारे कारनामे बता दूंगी, फिर सोचो तुम्हारी साफसुथरी, सभ्य पुरुष की इमेज का क्या होगा जो तुम ने इस औफिस और अपने घर में बना रखी है.’’
कियारा का इतना कहना था की वरुण के माथे पर पसीना आ गया और वह चलता बना. कियारा इन 2 सालों में इतना तो जान चुकी थी कि जो जैसा दिखता है वैसा होता नहीं है. यहां ज्यादातर लोगों के चेहरे पर मुखौटे होते हैं और मुखौटे के पीछे का असली चेहरा बिलकुल अलग.
वरुण के जाते ही सलोनी आ गई और कियारा से बोली, ‘‘यह वरुण तेरे पास क्यों आया था.’’
कियारा ने सलोनी को घूर कर देखा फिर बोली, ‘‘तेरे लिए. तू ने कल रात हमारे बीच हुई सारी बातें उसे बता जो दीं.’’
सलोनी नजरें चुराती हुई बोली, ‘‘नहीं ऐसी बात नहीं है. मैं ने तो बस वरुण से इतना कहा कि तुम मु झ से बात नहीं कर रही हो,’’ फिर धीरे से सलोनी बोली, ‘‘कियारा सच बता वरुण तेरे पास क्यो आया था. कहीं तेरा और वरुण का भी…’’ कहते हुए सलोनी रुक गई.
कियारा गुस्से में बोली, ‘‘मैं तु झे कैसे सम झाऊं कि मेरा न वरुण के साथ कोई संबंध है और न ही किसी और के साथ, हां मैं मानती हूं कि मैं सब से हंस कर घुलमिल कर बात करती हूं. इस का अर्थ यह कतई नहीं है कि मेरा किसी के साथ कोई संबंध है.’’
कियारा के ऐसा कहने पर सलोनी वहां से चली गई और कियारा यह सोचने लगी कि आखिर लोगों की मानसिकता इतनी संकीर्ण क्यों है? क्यों हरकोई यह सम झ लेता है कि जो लड़की सभी से फ्रीली बात करती है, हंसती, मुसकराती है वह चालू ही होगी या अवश्य ही उस का किसी न किसी के साथ कोई संबंध होगा ही और जो कम बोलती है सब के सामने छुईमुई बनी रहती है उस का किसी से कोई संबंध हो ही नहीं सकता.
इसी तरह से हर दिन अपने पीछे एक नई कहानी गढ़ते हुए गुजर रही थी. हरकोई बस कियारा को पाना चाहता था, लेकिन कियारा किसी के हाथ नहीं आ रही थी और सलोनी कपड़ों की तरह अपने बौयफ्रैंड बदल रही थी. जब भी कोई कियारा को पाने के अपने मंसूबे में नाकामयाब होता, वह कियारा को ही भलाबुरा कहने लगता और उस में ही कई खोट निकालने लगता बिलकुल वैसे ही जैसे अंगूर को न पा कर लोमड़ी कहती फिरती कि अंगूर खट्टे हैं.
कियारा से संबंध जोड़ने में असफल हुए लड़के व पुरुष सलोनी को आजमाते और सलोनी उसे एक अवसर के रूप में लेती और उस का भरपूर आनंद उठाती. साथ ही साथ सलोनी हरेक के संग सारी हदें लांघने में भी पीछे नहीं रहती. अब कियारा भी सलोनी से कुछ कहना या उसे सम झाना छोड़ चुकी थी, लेकिन दोनों के बीच दोस्ती अब भी बरकरार थी.
अचानक एक दिन औफिस के किसी काम से कियारा को अपने ही विभाग के दूसरे अनुभाग में जाना पड़ा, जहां उस की मुलाकात अनमोल नाम के एक ऐसे शख्स से हुई जिस से मिल कर कियारा को पहली बार लगा कि उस व्यक्ति ने उसे गलत नजरों से नहीं देखा और कियारा अपना दिल उसी पल उसे दे बैठी.
कियारा अपने अनुभाग में आते ही फौरन सलोनी के पास जा पहुंची और उसे अपना हाले दिल व अनमोल के बारे में बताने लगी.
यह सुनते ही सलोनी हंसती हुई बोली, ‘‘वाऊ… आखिर तु झे भी प्यार हो ही गया. अनमोल और तु झे मिलाने में मैं तेरी मदद कर सकती हूं.’’
यह सुनते ही कियारा बोली, ‘‘प्लीज बता न कैसे?’’
तब सलोनी थोड़ा इतराती हुई बोली, ‘‘मैं अनमोल के रूममेट को जानती हूं. पहले
वह तेरा दीवाना था और आजकल मेरा है.’’
कियारा आश्चर्य से बोली, ‘‘कौन?’’
सलोनी मुसकराती हुई बोली, ‘‘अजय.’’
कियारा मुंह बनाती हुई बोली, ‘‘वह… अजय.’’
‘‘हां अजय… अजय और अनमोल रूममेट भी हैं और फ्रैंड भी. अनमोल से तो मैं उस के रूम में कई बार मिल चुकी हूं. जब भी अजय से मिलने जाती हूं अकसर मेरी मुलाकात अनमोल से होती है और अनमोल तो तु झे भी अच्छी तरह से जानता है.’’
यह सुन कर कियारा को थोड़ा अजीब सा लगा क्योंकि अनमोल से बातें करते हुए उसे एक क्षण के लिए भी इस बात का एहसास नहीं हुआ कि अनमोल उसे जानता है.
वह यह सोच ही रही थी की कियारा के क्लासमेट संदीप का फोन आ गया. संदीप उस का स्कूल फ्रैंड था, उस के शहर दिल्ली से था और वह भी यहां बैंगलुरु की ही एक आईटी कंपनी में था. अकसर संदीप वीकैंड पर या फिर जब भी फ्री होता कियारा के साथ समय स्पैंड करने आ जाता या कियारा उस के पास चली जाती. दोनों के बीच इतना अच्छा तालमेल था कि लोगों को संदेह होता कि शायद संदीप और कियारा के बीच संबंध है.
कियारा के फोन रिसीव करते ही संदीप बोला, ‘‘हाय? किया क्या कर रही हो?’’
यहां बैंगलुरु में संदीप ही था जो कियारा को किया नाम से पुकारता था. उस के केवल कुछ खास दोस्त ही थे जो उसे किया पुकारते थे. उन में से एक संदीप भी था.
‘‘कुछ नहीं बस औफिस में हूं.’’
‘‘आज शाम मैं फ्री हूं डिनर पर चलोगी? बहुत दिनों से हम ने साथ डिनर नहीं किया है,’’ संदीप खुश होते हुए बोला.
कियारा डिनर के लिए मना कर देना चाहती थी क्योंकि उस का मन विचलित था, लेकिन वह संदीप को दुखी नहीं करना चाहती थी इसलिए बोली, ‘‘हां ठीक है. कहो मु झे कहां आना है?’’
‘‘अरे यार तुम्हें कहीं आने की जरूरत नहीं. मैं आ जाऊंगा तु झे लेने फिर साथ चलेंगे,’’ संदीप आत्मीयता और अपना पूरा हक जताते हुए बोला.
‘‘ओके आई विल वेट,’’ कह कर कियारा ने फोन रख दिया.
कियारा के फोन रखते ही सलोनी शरारती अंदाज में मुसकराती हुई बोली, ‘‘संदीप का फोन था?’’
कियारा के हां कहने पर सलोनी उसे छेड़ती हुई बोली, ‘‘क्या बात है कहां चलने को कह रहा है हीरो… तेरी तो ऐश है यार, संदीप जैसा हैंडसम लड़का भी तु झ पर ही मरता है और मु झ से ठीक से बात भी नहीं करता.’’
‘‘ऐसी कोई बात नहीं है वी आर जस्ट ए गुड फ्रैंड. तू भी साथ चलना… मजा आएगा.’’
डेढ़ साल पहले जब सलोनी संदीप से मिली थी तब से वह संदीप को आकर्षित करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन विफल ही रही. उसे इस बात से बहुत चिढ़ है कि संदीप का ध्यान केवल कियारा की ओर ही रहता है, लेकिन उस ने कभी कियारा को इस बात का आभास नहीं होने दिया.
‘‘ठीक है तू कह रही है तो मैं भी चलती हूं वरना संदीप के साथ कहीं जाना मु झे पसंद नहीं.’’
सलोनी के ऐसा कहने पर कियारा ने कोई जवाब नहीं दिया और फिर दोनों अपनेअपने काम में लग गईं.
शाम को औफिस से लौटने के बाद कियारा डिनर पर जाने के लिए तैयार होने लगी.
तभी उस ने देखा सलोनी हैडफोन लगा कर शांत बैठी हुई है. यह देख कियारा ने कहा, ‘‘अरे संदीप आने ही वाला है तू रैडी कब होगी?’’
‘‘नहीं मैं नहीं चल रही, मेरा मन नहीं कर रहा. तुम जाओ मेरी वजह से तुम अपना प्रोग्राम ड्राप मत करो,’’ सलोनी गंभीर होती हुई बोली.
‘‘क्या हुआ? कुछ है तो बता न मैं संदीप को डिनर के लिए मना कर दूंगी,’’ कियारा बोली.
‘‘अरे कुछ नहीं तू जा न… आई विल मैनेज,’’ सलोनी के ऐसा कहने पर कियारा अकेले ही संदीप के साथ डिनर पर चली गई.
जब वह डिनर से लौटी तो उस ने देखा सलोनी काफी खुश लग रही थी. कियारा को कुछ सम झ नहीं आया कि आखिर इन 2 घंटों में ऐसी क्या बात हो गई जो शांत उदास सलोनी अचानक इतनी खुश लग रही है. कियारा उस से यह जानना चाहती थी लेकिन चुप रही.
अगले दिन औफिस में अभी कियारा ने अपना डैस्कटौप खोला ही था कि वहां अनमोल आ गया. अनमोल को देखते ही सलोनी की धड़कनें तेज हो गईं. ऐसा पहली बार हुआ था
जब कियारा का दिल किसी के लिए इतना अधीर हुए जा रहा था. कियारा अपनी सीट से उठ खड़ी हुई और बोली, ‘‘अनमोल तुम? कहो कुछ काम है?’’
अनमोल ने सपाट सा जवाब दिया, ‘‘नहीं बस यों ही तुम से मिलने आ गया.’’
यह सुनते ही कियारा के आंखों में चमक आ गई और औफिस के बाकी लोगों के कान खड़े हो गए, कियारा थोड़ा हिचकिचाते हुए बोली, ‘‘ प्लीज हेव ए सीट.’’
कियारा के ऐसा कहते ही अनमोल बैठ गया और थोड़ी देर के लिए दोनों के बीच गहरी शांति ने स्थान ले लिया जिसे तोड़ते हुए अनमोल ने कहा, ‘‘कियारा कल रात मैं तुम से मिलने तुम्हारे फ्लैट पर आने वाला हूं यह जानते हुए भी तुम किसी संदीप के साथ डिनर पर चली गई, अगर तुम्हें मु झ से नहीं मिलना था तो फोन कर के मु झे बता भी सकती थी. सलोनी के पास तो मेरा और मेरे रूममेट अजय हम दोनों का नंबर है, लेकिन तुम इस तरह बिना बताए.
कियारा बीच में ही अनमोल को रोकती हुई बोली, ‘‘एक मिनट. एक मिनट. तुम ने मु झ से कब कहा कि तुम मु झ से मिलने आ रहे हो?’’
‘‘अरे… मैं ने सलोनी से फोन कर के कहा तो था कि मैं आ रहा हूं… तुम्हारा मोबाइल नंबर मेरे पास नहीं था, इसलिए मैं ने सलोनी से कहा था,’’ अनमोल थोड़ा हैरान होते हुए बोला.
कियारा को बात सम झने में देर नहीं लगी कि कल सलोनी उन के साथ डिनर पर क्यों नहीं गई और वह इतनी खुश क्यों लग रही थी.
कियारा के चेहरे पर दुख के भाव आ गए और वह बोली, ‘‘आई एम सौरी अनमोल मु झे नहीं पता था तुम आने वाले हो, सलोनी मु झे बताना भूल गई होगी.’’
अनमोल मुसकराते हुए बोला, ‘‘इट्स ओके अच्छा अब मैं चलता हूं.’’
अनमोल जैसे ही जाने लगा कियारा ने कहा ‘‘अनमोल फिर कभी आना हो तो…’’ ऐसा कहते हुए एक कागज का टुकड़ा उस की ओर बढ़ा दिया, जिस पर उस का फोन नंबर लिखा था. उस के बाद क्या था अनमोल और कियारा की प्यार की गाड़ी सुपरफास्ट ऐक्सप्रैस की तरह दौड़ने लगी. औफिस में भी अफसाने बनने लगे. किसी को कुछ सम झ नहीं आ रहा था. सभी के सम झ से परे थी यह बात कि आखिर किस का रिश्ता किस के साथ है.
कियारा का रिश्ता संदीप के संग है या अनमोल के संग, सलोनी कभी अजय के साथ नजर आती तो कभी अनमोल के साथ, लोगों को यह अंदाजा लगाना मुश्किल था. आखिर इन सभी पांचों में किस का संबंध किस के साथ. कियारा पहले की ही तरह संदीप के साथ आउटिंग पर जाती उस के साथ मूवी जाती और कभीकभी डिनर पर भी जाती, लेकिन जब संदीप और कियारा साथ जाते उन के साथ कोई तीसरा नहीं होता क्योंकि कोई भी संदीप के साथ कहीं जाना पसंद नहीं करता, लेकिन जब कियारा अनमोल के साथ कहीं जाती संदीप को छोड़ कर सलोनी और अजय भी साथ होते.
अनमोल को पा कर कियारा बेहद खुश थी. वह अनमोल में कुछ इस तरह डूबी हुई थी कि उस ने अपना सबकुछ अनमोल पर लुटा दिया. अपनेआप को अनमोल को समर्पित दिया. अनमोल के प्यार में कियारा इस कद्र अंधी थी कि उसे अनमोल के आगे कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा था. वह यह भी देखने को तैयार नहीं थी कि संदीप भी उस से बेइंतहा मुहब्बत करता है, लेकिन यह बात अनमोल भाप चुका था और यही वजह थी कि कियारा का संदीप से मिलना उसे पसंद नहीं था.
अकसर वीकैंड पर कियारा अनमोल के फ्लैट में रात रुक जाती या जब
भी अजय नहीं होता वह अनमोल के साथ ही रातें गुजारती. अब कियारा जल्द से जल्द अनमोल के संग ब्याह के बंधन में बंध कर अपना घर बसाना चाहती थी, इसलिए एक रात जब वह अनमोल की बांहों में अपना सिर रख कर लेटी हुई थी तो उस ने अनमोल से कहा, ‘‘अनमोल अब हमें शादी कर लेनी चाहिए.’’
यह सुनते ही अनमोल कियारा के लबों पर अपने प्यार की निशानी अंकित करते हुए बोला, ‘‘माई डियर मैं भी यही सोच रहा हूं कोई तुम्हें उड़ा कर ले जाए, उस से पहले मैं तुम्हें उड़ा ले जाऊं.’’
उस के बाद अनमोल और कियारा ने अपने घर वालों के समक्ष अपनी शादी की इच्छा जाहिर की और दोनों के ही परिवार वाले भी इस शादी के लिए सहर्ष तैयार हो गए क्योंकि दोनों एक ही बिरादरी से थे और दोनों का सामाजिक स्तर भी बराबरी का था. कुछ ही हफ्तों बाद अनमोल और कियारा की सगाई हो गई और औफिस में चल रही सारी अठखेलियां कियारा और अनमोल के सगाई के बाद समाप्त हो गईं.
सलोनी की शादी भी उस की भाभी के छोटे भाई अंशु से फिक्स हो गई. यों लग रहा था जैसे सबकुछ सही हो गया है. सभी के सपनों को पंख मिल गए थे और सभी ऊंची उड़ान भरने लगे थे, लेकिन जिंदगी जितनी सरल दिखती है उतनी आसान होती कहां है. अभी जिंदगी को अपना एक अलग ही रंग दिखाना बाकी था.
तभी एक दिन कियारा किसी से कुछ भी बताए बगैर अनमोल के फ्लैट में जा पहुंची. सगाई के बाद से अनमोल के फ्लैट की एक चाबी कियारा के पास भी थी. फ्लैट पहुंच कर जैसे ही उस ने दरवाजा खोला और कियारा की आंखों ने जो देखा उसे देख कियारा को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ. सलोनी को अनमोल की बांहों में देख कियारा स्तब्ध रह गई. उस ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि सलोनी और अनमोल उस के साथ ऐसा करेंगे. वह जानती थी कि सलोनी हर हफ्ते बौयफ्रैंड बदलती है, लेकिन वह यह नहीं जानती थी कि अनमोल और सलोनी उस की पीठ पीछे लुकाछिपी का ऐसा गंदा खेल खेल रहे हैं. वह सम झती थी कि अजय और सलोनी के बीच में कुछ है शायद इसलिए सलोनी बारबार अनमोल के फ्लैट में अजय से मिलने जाती है. उसे तो कभी भनक तक नहीं लगी कि सलोनी और अनमोल उसे धोखा दे रहे हैं.
अनमोल और सलोनी के बीच का यह दृश्य देखने के बाद कियारा वहां से उलटे पांव अपने फ्लैट पर लौट आई. यह देख अनमोल और सलोनी भी उस के पीछे भागते हुए आए.
अनमोल अपनी सफाई देते हुए बोला, ‘‘देखो कियारा मैं और सलोनी
केवल फिजिकल रिलेशनशिप में हैं और कुछ नहीं, मैं शादी सिर्फ और सिर्फ तुम से ही करना चाहता हूं और केवल तुम से ही करूंगा, किसी और से नहीं.’’
तभी सलोनी बोली, ‘‘हां कियारा मेरे और अनमोल के बीच में कुछ नहीं है. मेरा अजय और अनमोल के साथ एकजैसा ही रिलेशन है. तू तो जानती है न मेरा ऐसा रिलेशन कितनों के साथ रहा है. मैं ने तु झ से कहा भी था कि मैं किसी के साथ भी रिलेशनशिप में रहूं पर शादी अपनी कास्ट, अपनी बिरादरी के लड़के से ही करूंगी और तु झे भी ऐसा ही करना चाहिए. मु झे देख इतनों के साथ रिलेशन में होने के बावजूद मैं शादी तो अंशु से ही कर रही हूं.’’
यह सब चल ही रहा था कि संदीप भी वहां आ गया. संदीप को देखते ही कियारा उस से लिपट गई. यह देख अनमोल का पारा चढ़ गया और वह कियारा को संदीप से अलग करते हुए बोला, ‘‘ये सब क्या है कियारा? जब तक हमारी सगाई नहीं हुई थी, तब तक तुम्हारा इस संदीप के संग बेतकल्लुफ होना मैं बरदाश्त कर सकता था, लेकिन अब ये सब नहीं चलेगा.’’
अनमोल का इतना कहना था कि कियारा की आंखों में खून खौल गया और बोली, ‘‘तुम सगाई के बाद किसी और लड़की से हमबिस्तर हो सकते हो और मैं अपने दोस्त के गले भी नहीं लग सकती?’’
अनमोल गुस्से में बोला, ‘‘नहीं, अब तुम मेरी होने वाली पत्नी हो और मैं किसी भी हाल
में नहीं चाहूंगा तुम इस संदीप के साथ कोई
रिश्ता रखो.’’
यह सुनते ही कियारा संदीप की ओर देखने लगी. आज पहली बार संदीप की आंखों में
कियारा अपने लिए प्यार देख पाई थी. कियारा थोड़ी देर चुप रही फिर बोली, ‘‘अनमोल अभी हमारी शादी हुई नहीं है और शादी से पहले मेरी एक शर्त है.’’
अनमोल ने कहा, ‘‘कैसी शर्त?’’
संदीप और सलोनी आश्चर्य से कियारा को देखने लगे. तभी कियारा बोली, ‘‘मैं शादी से पहले एक रात संदीप के साथ अकेले गुजारना चाहती हूं.’’
कियारा का इतना कहना था कि सभी की भौंहें तन गईं. कियारा को झं झोड़ते हुए संदीप बोला, ‘‘पागल हो गई हो क्या? कुछ भी बोल रही हो…’’
तभी अनमोल बोला, ‘‘यह कैसी बेकार की शर्त
है. यह नहीं हो सकता. मेरी होने वाली बीवी किसी
पराए मर्द के साथ रात नहीं गुजार सकती.’’
‘‘मेरा होने वाला पति अगर पराई लड़की के साथ रात गुजार सकता है तो मैं क्यों नहीं? यदि शादी होगी तो इसी शर्त पर होगी नहीं तो नहीं होगी,’’ कहते हुए कियारा ने अपनी उंगली पर पहनी सगाई की अंगूठी निकाल कर अनमोल को थमा दी.
अनमोल ने फिर आगे कुछ नहीं कहा क्योंकि उसे यह शर्त मंजूर नहीं थी. वह कियारा को छोड़ सकता था, इस शादी को भी तोड़ सकता था, लेकिन एक ऐसी लड़की से शादी करने को तैयार नहीं था जो एक रात किसी दूसरे लड़के के साथ गुजार कर आई हो. अनमोल ने शर्त मानने से मना कर दिया.
तभी कियारा बोली, ‘‘हर लड़का एक ऐसी लड़की से शादी करना चाहता है जो लड़की जिस्मानी तौर पर पाक साफ हो, चाहे उस का खुद का कितनी भी लड़कियों के साथ जिस्मानी संबंध क्यों न हो. एक लड़की कई लड़कों से संबंध रखने के बाद शादी अपनी ही जातबिरादरी और धर्म में करना चाहती है ताकि समाज में उस की मानप्रतिष्ठा बनी रहे यह कैसी दोहरी मानसिकता है? यह कैसी सोच है? मु झे इस दोहरी सोच का हिस्सा नहीं बनना.
कियारा की शर्तों पर अनमोल ने उस से शादी करने से इनकार कर दिया.
तभी संदीप बोला, ‘‘कियारा अनमोल सच कह रहा है, मैं ने आज तक तुम से यह
बात छिपाई कि मैं तुम से प्यार करता हूं. आज तुम यह बात जान चुकी हो, इसलिए पूछ रहा हूं क्या तुम एक विजातीय लड़के के संग यानी मेरे संग शादी करना चाहोगी?’’
संदीप के ऐसा कहते ही कियारा बोली, ‘‘संदीप क्या तुम यह जानते हुए भी मु झ से शादी करना चाहोगे कि मैं ने अपनी कई रातें अनमोल के साथ गुजारी हैं और मैं पाक साफ नहीं हूं?’’
‘‘प्यार तो बस प्यार होता है कियारा इस में किस ने किस के साथ रात गुजारी है यह नहीं देखा जाता, तुम ने किस के साथ कितनी रातें गुजारी हैं इस से मु झे कोई फर्क नहीं पड़ता. मन की पवित्रता ही सब से बड़ी पवित्रता है और मैं यह बहुत अच्छी तरह से जानता हूं कि तुम दिल से पाक साफ हो, पवित्र हो और अपने जीवनसाथी के प्रति सदा ईमानदार थी और रहोगी. मु झे और क्या चाहिए,’’ ऐसा कहते हुए संदीप ने अपना हाथ कियारा की ओर बढ़ा दिया और कियारा ने बिना देर किए उस का हाथ थाम लिया. उस के बाद दोनों एकदूसरे की बांहों को थामे वहां से निकल गए. अनमोल और सलोनी उन्हें जाते हुए देखते रहे.