गरमी में इन फलों को खाइए, नहीं होगी पानी की कमी

हमारे शरीर के लिए खाने से अधिक जरूरी पानी होता है. पानी का महत्ता का अंदाजा इस बात से हम लगा सकते हैं कि हमारे शरीर का करीब एक तीहाई हिस्सा पानी से बना है. जैसे ही हमारे शरीर में पानी की कमी होती है, हमारे अंग इससे बुरी तरह से प्रभावित होने लगते हैं.

पानी ना सिर्फ हमारे अंगों का ख्याल रखता है बल्कि ये उन्हें उर्जा देता है और इनकी सफाई करता है. गरमी में हमारे अंगों का खास कर के पानी की जरूरत होती है. आमतौर पर जितनी हमें जरूरत होती है उसका 80 फीसदी हम पीते हैं और बाकी 20 फीसदी पानी को हम अपने सौलिड फूड यानी खानों से मिलता है.

ऐसे में इस बात पर ध्यान देना और जरूरी हो जाता है कि हम गरमी में खा क्.या रहे हैं और उससे हमारे शरीर को कितना पानी मिल रहा है.

इस खबर में हम आपको कुछ खास फलों के बारे में बताने वाले हैं. इनके सेवन से चिलचिलाती धूप में भी शरीर में पानी की कमी नहीं होगी.

तो आइए शुरू करें

पालक

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हरी सब्जियां सेहत के लिए काफी लाभकारी होती हैं. इनमें विटामिन्स और मिनरल्स प्रचूर मात्रा में होते हैं. आपको बता दें कि पालक में करीब 91.4 फीसदी पानी होता है. इसके अलावा मैग्निशियम और आयरन का ये प्रमुख स्रोत होता है. गरमी में पालक का सेवन स्वास्थ के लिए लाभकारी होता है.

टमाटर

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टमाटर आप किसी भी मौसम में खाएं सेहत के लिए फायदेमंद ही होता है. बहुत सी सब्जियां टमाटर के बिना अधूरी होती हैं. सब्जी, सलाद, सौस, चटनी और भी ना जाने किन चीजों के लिए टमाटर का इस्तेमाल होता है.

अंगूर

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पानी के लिए अंगूर भी एक प्रमुख फल है. अगर आप गरमी में अंगूर खाते हैं हो आपको कम प्याल लगेगी और शरीर में पानी की जरूरत पूरी रहती है. इसमें 91.6 फीसदी पानी होता है. इसके अलावा ग्लूकोज, मैग्नीशियम और साइट्रिक एसिड का ये प्रमुख स्रोत है.

खीरा

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सब्जी, सलाद और रायते में खीरे का प्रयोग धड्डले से होता है. खीरे में कई जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं. ये शरीर को पोषित रखते हैं. इसके अलावा इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है. इसमें लगभग 96.7% पानी होता है इसलिए इसे खाने से आपका शरीर हाइड्रेट रहता है इसलिए गरमी के मौसम में खीरे का खूब सेवन करें. ये आपकी सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है.

इसमें 94.3 हिस्सा पानी का होता है. आपको बता दें कि टमाटर में विटामिन सी और आयरन की मात्रा प्रमुखता से होती है. इसके अलावा टमाटर में एंटी औक्सिडेंट भी पाया जाता है.

तरबूज

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आमतौर पर गरमियों में तरबूज मिलता है. रस से भरे इस लाल फल में पर्याप्त मात्रा में पानी होता है. फल का करीब 92 फीसदी हिस्सा पानी का होता है. इसमें कई ऐसे एंटी औक्सिडेंट्स भी मौजूद होते हैं जो इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखते हैं और शरीर को स्वस्थ्य रखते हैं.

स्ट्रोक का खतरा कम करता है संतरे का जूस

गरमी ने दस्तक दे दी है, अब घर से बाहर निकलने से पहले धूप और लू से बचने की तैयारी अहम हो गई है. इसलिए जरूरी है कि आप प्रुर मात्रा में पानी पीने के साथ साथ फलों के जूस का भी सेवन करें. गरमी में संतरा अधिक प्रासंगिक हो जाता है. संतरा विटामिन सी का प्रमुख स्रोत है, इसके साथ ही इसमें बहुत से एंटीऔक्सिडेंट पाए जाते हैं. बेहतरीन स्वाद के साथ साथ तुरंत उर्जा के लिए भी ये ड्रिंक अहम है.

हाल ही में एक जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट की माने तो संतरे के जूस के नियमित सेवन से स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है. ब्रिटिश जर्नल औफ न्यूट्रिशन में छपी इस रिपोर्ट की माने तो जो भी लोग संतरे की जूस का सेवन करते हैं उनमें ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा दूसरे लोगों के मुकाबले 24 फीसदी कम होता है. इसके अलावा दिल की बीमारियों का खतरा भी कम होता है. इस स्टडी के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने करीब 20 से 70 वर्ष के 35,000 पुरुष और महिलाओं की जांच की है.

शुगर के मरीजों के लिए जरूरी है कि वो जूस का सेवन करते वक्त चीनी को अधिक मात्रा में ना सेवन करें. एक और रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ संतरा ही नहीं, बल्कि दूसरे जूस भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं और उनसे भी स्ट्रोक का खतरा कम होता है. हालांकि, शोधकर्ताओं की टीम ने ये भी कहा कि जूस के कई फायदे होते हैं, लेकिन फिर भी लोगों को ज्यादा मात्रा में ताजे फलों का सेवन करना चाहिए.

सोने से पहले भूल कर भी न खाए ये 6 चीजे

पहले कई स्टडीज में ये बात सामने आ चुकी है कि देर रात खाना खाने से अनिद्रा, वजन बढ़ने जैसी गंभीर स्वास्थ समस्याएं होती हैं. पर इसके बाद भी बहुत से लोग देर रात में कुछ ना कुछ खाते रहते हैं. खाना तब ही सेहत के लिए असरदार होता है जब उसे सही समय पर खाया जाए. फायदेमंद चीजों को भी अगर गलत वक्त पर खाया जाए तो सेहत पर उनका असर उल्टा होता है.

इस खबर में हम आपको उन 6 चीजों के बारे में बताने वाले हैं जिनका रात के वक्त में सेवन सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है.

आइसक्रीम

बहुत से लोग रात में आइसक्रीम खाने के शौकीन होते हैं. आइसक्रीम में वसा की मात्रा अधिक होती है. देर रात इसे खाने से एसिडिटी बनती है.

फ्रेंच फ्राइज

तले हुए क्रिस्पी फ्रेंच फ्राइज सभी के पसंदीदा होते हैं. पर स्वास्थ पर इनका असर बेहद खराब होता है. खास कर के रात के वक्त फ्रेंच फ्राइज या आलू चिप्स का सेवन करने से बचें. इनके सेवन से स्वास्थ की गंभीर समस्याएं और सेहत पर बुरा असर होता है.

चाय

बहुत से लोग सोने से पहले चाय का सेवन करते हैं. पर क्या आपको इससे होने वाले स्वास्थ नुकसानों के बारे में पता है? सभी प्रकार के चायों में कैफीन होता है, ये आपकी नींद के लिए बेहद हानिकारक होते हैं.

चौकलेट

किसे चौकलेट पसंद नहीं होगा. पर आपको ये जान कर हैरानी होगी कि रात में इसका सेवन सेहत के लिए हानिकारक होता है. इसमें कैफीन की मात्रा होती है जो आपकी नींद में खलल डालती है.

सोडा ड्रिंक्स

सोडा डिंक्स में भारी मात्रा में कैलोरी होती है. इसे पीने से सेहत का काफी नुकसान होता है. देर रात इसका सेवन करने से सेहत का काफी नुकसान होता है.

पिज्जा

जब भी लोगों को अधिक भूख लगी रहती है वो पिज्जा खाना पसंद करते हैं.  पर इसका सेवन करते वक्त सावधान रहें. पिज्जा में भारी मात्रा में फैट मौजूद होता है. इससे आपका पाचनतंत्र बुरी तरह से प्रभावित होता है.

जानिए प्रेग्नेंसी में बढ़े वजन को कम करने के आसान तरीके

प्रेग्नेंसी के बाद शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं. इसमें सबसे बड़ी चुनौती होती है वजन को कम करना. हम आपकी इस परेशानी की उपाय ले कर आए हैं. हम आपको कुछ बेहद आसान टिप्स बताएंगे जिनकी मदद से प्रेग्नेंसी के बाद बढ़ रहे वजन को कम करना आसान होगा.

अच्छी नींद और अच्छी खाना है जरूरी

तनाव कम लें, अच्छी नींद लें और संतुलित मात्रा में आहार लें. वजन कम करने के लिए ये चीजें बेहद आवश्यक है. बाहर का खाना बिलकुल बंद कर दें, घर का बना हल्का-फुल्का खाना खाएं और पर्याप्त नींद लें. छोटी-छोटी बातों के लिए स्ट्रेस न लें. योग इसमें आपकी मदद कर सकता है.

बच्चे को कराएं ब्रेस्ट फीड

कई  जानकारों का भी मानना है कि ब्रेस्ट फीड कराने वाली महिलाओं का वजन डिलीवरी के बाद जल्दी कम होता है. आपको बता दें कि ब्रेस्ट फीड कराने से शरीर  की 300 से 500 कैलोरी खर्च होता है. इस मसले पर हुए एक शोध की माने तो स्तनपान महिलाओं में प्रसव के बाद अतिरिक्त वजन कम करने में मददगार साबित होता है.

पानी पिएं

पानी पीने से वजन तेजी से कम होता है. प्रेग्नेंसी के बाद भी वजन को कम करने के लिए पानी काफी लाभकारी होता है. एक रिपोर्ट की माने तो रोजाना 10 से 12 गिलास पानी पीना वजन कम करने में काफी लाभकारी होता है.

टहलें जरूर

प्रेग्नेंसी के बाद वजन कम करने के लिए वौक बेहद कामगर है. अमेरिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट की माने तो वौक करने से प्रेग्नेंसी के बाद वजन घटाना आसान हो जाता है.

मिलावट वाले रंगों से रहें सावधान, करते हैं बड़ा नुकसान

कोई भी त्योहार मौज-मस्ती, खुशी-उल्लास, भागा-दौड़ी के बगैर अधूरा है. होली में लोग एक दूसरे पर रंग गुलाल डाल कर मनाते हैं. पर क्या आपको पता है कि होली में इस्तेमाल होने वाले रंग कई बार सेहत पर बुरा असर कर जाते हैं. बाजार में मिलने वाले रंग सिथेंटिक होते हैं. आर्टिफीशियल तरीके से बने ये रंग सेहत के लिए बेहद हानिकारक होते हैं. कई बार इनके परिणाम घातक हो जाते हैं.

कुछ डाक्टरों और जानकारों की माने तो बाजार में मिलने वाले अधिकतर रंग सस्ते होते हैं और इनको बनाने के लिए कुछ हानिकारक सामाग्रियों का इस्तेमाल होता है. इन रंगों को बनाने के लिए कुछ निर्माता डीजल, इंजन औयल, कौपर सल्फेट और सीसे का पाउडर आदि का इस्तेमाल करते हैं. इससे लोगों को चक्कर आता है, सिरदर्द और सांस की तकलीफ होने लगती है. जानकारों के अनुसार ये तत्व हमारी सेहत के लिए बेहद हानिकारक होते हैं. इन  रंगों में ऐसे रसायन मिले होते हैं जिनसे सेहत का काफी नुकसान होता है. एक विशेषज्ञ की माने तो काले रंग के गुलाल में लेड औक्साइड मिलाया जाता है जो गुर्दों को प्रभावित कर सकता है. हरे गुलाल के लिए मिलाए जाने वाले कौपर सल्फेट के कारण आंखों में एलर्जी, जलन, और अस्थायी तौर पर नेत्रहीनता की शिकायत हो सकती है.

जागरुकता के अभाव में अक्सर छोटे दुकानदार रंगों की गुणवत्ता की जानकारी के बिना इन रंगों को बेचते हैं. कई बार औद्योगिक इस्तेमाल के लिए बनाए गए रंगों को भी होली में इस्तेमाल किया जाता है जिनसे सेहत का काफी नुकसान होता है.

बाजार में हर्बल सामग्रियों से बनाए गए सूखे रंग उपलब्ध हैं. आपको बता दें कि तिहाड़ जेल की महिला कैदियों ने भी इस बार गुलाब के फूल जैसी हर्बल सामग्रियों की मदद से रंग गुलाल बनाए हैं.

तिहाड़ की महिला कैदियों के साथ पिछले पंद्रह सालों से कार्यरत्त दिव्य ज्योति जागृति संस्थान (डीजेजेएस) के प्रवक्ता विशाल नंद ने बताया कि इस रंग में अरारोट पावडर, खाने वाले रंग और प्राकृतिक सुगंध आदि का इस्तेमाल किया गया है और इनसे त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता.

वजन कम करना है तो इतने देर की नींद है जरूरी

नींद हमारे शरीर के साथ साथ हमारे दिमाग की भी जरूरत है. एक स्वस्थ व्यक्ति को दिनभर में कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेने चाहिए. इससे कई तरह की गंभीर स्वास्थ परेशानियां जैसे, दिल की बीमारी, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के साथ वजन बढ़ने का खतरा दूर होता है. जो लोग बढ़ते वजन से परेशान हैं उनके लिए नींद का पूरा होना एक्सरसाइज और जरूरी डाइटिंग से भी कहीं ज्यादा जरूरी है.

जो लोग कम सोते हैं उनमें वजन का बढ़ना और तनाव जैसी परेशानियां देखी जाती हैं. जानकारों की माने तो नींद की कमी से शरीर के घ्रेलिन और लेप्टिन हार्मोंस पर असर पड़ता है. शरीर में घ्रेलिन हार्मोन के निकलने पर भूख का ज्यादा एहसास होता है. ये हार्मोन मेटाबौलिज्म को कमजोर करता है और शरीर में फैट जमा करता है.

वहीं, शरीर की फैट कोशिकाओं से लेप्टिन हार्मोन निकलता है. भूख को कम करने में इस हार्मोन का बड़ा योगदान होता है. अगर शरीर में ये हार्मोन कम बनने की सूरत में हमें अधिक भूख लगती है. यही कारण है कि आपका वजन बढ़ जाता है.

लेप्टिन हार्मोन शरीर की फैट कोशिकाओं से निकलता है. ये हार्मोन को भूख को कम करता है. शरीर में लेप्टिन हार्मोन के कम मात्रा में बनने से भूख ज्यादा लगती है, जिस कारण आप जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं. ये आपका वजन बढ़ाने का काम करता है.

नींद की कमी के कारण वजन बढ़ने के साथ, दिमाग और सेहत पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है. इसलिए अगर आप अपने वजन को कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो 7-8 घंटे की नींद जरूर लें.

कम वजन के लिए खाएं ये चीजें, हैं बेहद असरदार

वजन कम करने के लिए लोग बहुत से तरीके अपनाते हैं. कोई डाइटिंग करता है, कोई जिम तो कोई एक्सरसाइज. कई बार डाइटिंग से सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. फूड इन टेक कम होने से लोगों में एनर्जी कम बचती है, जिससे उनका शरीर कमजोर होता है. खाने में कटौती करने से वजन कम नहीं होता, बल्कि बैलेंस्ड डिट से होता है.

वजन कम करने के लिए जरूरी है कि आप प्रोटीन, फाइबर और गुड फैट का इन टेक करते रहें. इससे आपका वजन समान्य रहेगा और कमजोरी भी नहीं होगी. इस खबर में हम आपको ऐसी ही डाइट के बारे में बताने वाले हैं. हमारी बताई डाइट को अपना कर आप अपनी इस बड़ी परेशानी से निजात पा सकती हैं.

तो आइए शुरु करते हैं.

नट्स

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नट्स में भरपूर मात्रा में एनर्जी. प्रोटीन और अनसैचूरेटेड फैट पाया जाता है. ये फैट हमारे शरीर को कई तरह की बीमारियों से दूर रखते हैं. हालांकि इनका प्रयोग बेहद ही सीमित मात्रा में करना चाहिए.

अंडा

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बहुत से लोगों का मानना है कि अंडा खाने से वजन तेजी से बढ़ता है. पर हम आपको बता दें कि ऐसा कुछ नहीं है. अंडे के सफेद हिस्से में प्रोटीन की मात्रा अधिक रहती है, वहीं उसके पीले हिस्से यानि जर्दी में कई तरह के विटामिन्स पाए जाते हैं.

फलियां

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इनमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है. इससे मेटाबौलिज्म मजबूत होता है. सबसे खास बात की इसके सेवन से प्रोसेस्ड फूड के खाने की क्रेविंग कम होती है और वजन कंट्रोल में रहता है.

अंडे से सेवन से हमारा मेटाबौलिज्म मजबूत होता है. अगर आपका मेटाबौलिज्म ठीक से काम करता है तो वजन भी कंट्रोल में रहता है. जानकारों की माने तो सप्ताह में 5 दिन तक नाश्ते में अंडा खाने वालों का वजन, अंडा ना खाने वालों की अपेक्षा 65 फीसदी कम हुआ है.

वेजिटेबल और फ्रूट सलाद

हमारे शरीर में कितना फैट बर्न होता है, इस पर निर्भर होता है कि हमारा वजन बढ़ेगा या घटेगा. जरूरत से अधक कैलोरीज का सेवन करने से वजन बढ़ता है. कैलोरीज बर्न करने के लिए लोग जिम और एक्सरसाइज का सहारा लेते हैं. पर वेजिटेबल और फ्रूट सलाद का सेवन कर हेल्दी तरीके से आप अपना वजन कम कर सकती हैं. इनका अधिक सेवन करने पर भी वजन नहीं बढ़ता है. लेकिन इसके लिए सब्जियों को उबालकर, ग्रील कर के या कच्चा ही खाएं.

पानी

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वजन कम करने में पानी अहम भूमिका निभाता है. डीहाइड्रेटेड मांसपेशियां वजन कम करने की प्रक्रिया में बाधा डालती हैं. शरीर में पानी कम होने से मेटाबौलिज्म पर भी खासा बुरा असर होता है. ज्यादा पानी पीने से भूख भी कंट्रोल में रहती है और वजन भी नहीं बढ़ता है.

यूरिक एसिड के बढ़ने पर ये जूस पिएं, होगा फायदा

यूरिक एसिड का नाम तो आपने सुना ही होगा. ये एक वेस्ट प्रोडक्ट होता है जिसकी बढ़ी मात्रा सेहत के लिए हानिकारक होती है. ये आपके शरीर में निश्चित से अधिक मात्रा में इक्कठ्ठा हो जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है और शरीर में जमा होने लगता है. धीरे धीरे ये खून के संपर्क में आता है और खून में यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ा देता है, जिससे पैर, एड़ी और टखनों में दर्द और सूजन हो जाती है. इस समस्या को दूर करने के लिए कुछ हेल्दी ड्रिंक्स आपके लिए काफी लाभकारी हो सकते हैं. तो आइए जाने उन ड्रिंक्स के बारे में.

पाइनएप्पल जूस

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पाइनएप्पल जूस में विटामिन सी के साथ साथ अन्य एंटीऔक्सिडेंट होते हैं. यूरिक एसिड को बाहर करने में ये ड्रिंक बेहद कारगर है. इसे बनाने के लिए पाइनेप्पल की तीन चौथाई जूस को एक चौथाई गिलास स्किम्ड मिल्क में मिलाकर आइस क्यूब डालकर सेवन करें.

योगर्ट और स्ट्रौबेरी

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योगर्ट यानि दही और स्ट्रौबेरी को ब्लेंड करने के बाद इसे हम स्मूदी कहते हैं. ये स्मूदी सूरिक एसिड के स्तर को कम करने में लाभकारी होता है.

मोसंबी और पूदीने का ड्रिंक

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इस ड्रिंक में विटामिन सी की मात्रा प्रचूर होती है. यूरिक एसिड को कम करने में ये बेहद कामगर है. एक मोसंबी को छील कर इसमें नींबू का रस और पुदीने के पत्ते डाल लें और अच्छे से मिक्स कर लें. अच्छे से ब्लेंड कर के जूस बना कर इसका सेवन करें.

खीरा सूप

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शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ साथ शरीर से यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने में ये ड्रिंक काफी लाभकारी होता है. इसे बनाने के लिए एक जार में खीरे का जूस, एक चौथाई कप दही, पुदीने के पत्ते और नींबू का रस डालकर ब्लेंड करें और थोड़े देर तक ठंडा करने के बाद सेवन करें. जल्दी ही आपको फायदा मिलेगा.

होली में रसायन वाले रंगों के बीच ऐसे रखें अपना ख्याल

होली का इंतजार सभी को रहता है, विशेषकर बच्चों में इस त्वहार का खासा उल्लास रहता है. पर जरूरी है कि इस दौरान हम कुछ खास बातों का ख्याल रखें नहीं तो हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. बाजार में मिलने वाले होली के ज्यादातर रंग हमारी त्वचा, बालों और आंखों के लिए काफी हानीकारक होते हैं. इससे जलन, रैशेज और एलर्जी की समस्याएं होती हैं.

होली के इस खास मौके पर आपको कोई भी परेशानी का सामना ना करना पड़े, होली की मौज मस्ती फीकी ना पड़ जाए इसलिए हम आपको कुछ खास टिप्स देने वाले हैं, जिनको ध्यान में रख कर आप अपनी होली को और ज्यादा इंजौय कर पाएंगी.

बरतें सावधानियां

होली से एक दिन पहले अपने पूरे शरीर पर सरसो का तेल लगा लें. खास कर के हाथ और पैरों में, क्योंकि ये अंग रंगों से सीधे संपर्क में आते हैं. तेल से आपकी त्वचा सुरक्षित रहेगी. रंग भी इससे आसानी से हट जाते हैं.

तेल के अलावा आप लोशन का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. त्वचा को साफ रखने में ये बेहद कामगर होते हैं.  इसके इस्तेमाल से मुश्किल रंग भी छूट जाते हैं. इसके अलावा बालों में आप बहुत सारा नारियल का तेल लगाएं. ये एक संरक्षक एजेंट के रूप में काम करता है और रंगों को बालों की गहराइयों में जाने से रोकता है.

क्या करें जब रंग आंखों में या मुंह में चला जाए

अगर आपकी आंखों या मुंह में सूखा रंग चला जाए तो उसे पानी से अच्छे से धोएं. आंखों को साफ करने के बाद उसमें गुलाब जल डालें और थोड़ी देर तक आराम करें. ससे आपकी आंखों को ठंडक मिलेगी.

ये मसाले रखेंगे आपके दिल का ख्याल

मसालों का सेवन केवल स्वाद के लिए नहीं किया जाता है बल्कि स्वास्थ की बेहतरी में भी इनका योगदान बेहद अहम होता है. मसालों में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जो आपके दिल के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.

इस खबर में हम आपको उन पांच मसालों के बारे में बताएंगे जिनके सेवन से आप अपने दिल को हेस्दी रख सकेंगी.

लहसुन

दिल का काफी नुकसान होता है बढ़े हुए कौलेस्ट्रोल से. लहसुन दिल की बीमारियों में काफी कारगर होता है. बढ़े हुए कौलेस्ट्रोल को कम करने में ये बेहद फायदेमंद होता है. आपको बता दें कि लहसुन में एलिसिन नाम का एक एंटीऔक्सिडेंट पाया जाता है, इसका काम होता है कौलेस्ट्रोल को नियंत्रण में रखना. इसके अलावा ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी लहसुन काफी असरदार होता है.

काली मिर्च

काली मिर्च कौर्डियोप्रोटेक्ट‍िव एक्शन को सक्रिय करने का काम करती है. ये औक्सीडेटिव डैमेज से हमे सुरक्षा देता है इसके साथ ही कार्डियक फंक्शन को भी सही रखता है.

धनिया के बीज

धनिया के बीजों में एंटीऔक्सिडेंट की मात्रा अधिक होती है. इसमें मौजूद तत्व हमारे दिल को फ्री रेडिकल्स से सुरक्षित रखते हैं. कौलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने के लिए और ब्लड फ्लो बढ़ाने के में धनिए का बीज बेहद कामगर होता है.

दाल चीनी

खाने में दालचीनी का इस्तेमाल शरीर में खून के बहाव को बोहतर बना कर रखता है. इससे शरीर में ब्लड क्लौटिंग का खतरा काफी कम हो जाता है. दिल की परेशानियों को दूर रखने के लिए जरूरी है कि आप रोज एक चुटकी दालचीनी का सेवन करें.

हल्दी

आपको बता दें कि हल्दी में एंटीऔक्सिडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. ये तत्व हमारे शरीर में ब्लड कौलेस्ट्रोल को कम करने में बेहद असरदार होते हैं. डायबिटिज से बचाव करन के लिए ये काफी प्रभावशाली उपाय है.

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