धड़कते दिल के साथ नेहा हैरी के म्यूजिक स्कूल पहुंची. गौरव उसे पहुंचा कर चला गया. स्कूल की भव्य इमारत देख कर यह सहज ही अनुमान हो गया कि स्कूल बहुत अच्छा चल रहा है. हैरी के रूम में पहुंची नेहा का हैरी ने खड़े हो कर स्वागत किया. नेहा से हाथ मिलाते हुए हैरी का चेहरा चमक रहा था, ‘‘वेलकम. इट्स ए प्लेजर टु हैव यू विद अस.’’
‘‘थैंक्स,’’ कहती नेहा ने अपना हाथ खींच लिया.
‘‘ओह,’’ हैरी को जैसे अपनी भूल ज्ञात हो गई.
नेहा का अन्य अमेरिकी टीचरों से परिचय कराते हुए हैरी ने गर्व से कहा, ‘‘अब हम म्यूजिक के माध्यम से इंडियन कम्युनिटी के और ज्यादा नजदीक आ सकेंगे.’’
पास खड़ी नेहा से उस ने कहा, ‘‘हमारे पास आलरेडी 10 ऐप्लिकेशंस आ चुकी हैं.
1 घंटे बाद तुम्हारे स्टूडेंट्स आने वाले हैं. आर यू रेडी टु स्टार्ट योर क्लास?’’
‘‘जी,’’ नेहा के चेहरे पर हलकी मुसकान थी.
नेहा की म्यूजिक क्लास में 7 लड़कियां और 3 लड़के थे. सब के नाम पूछ कर नेहा ने समझाया, ‘‘मुझे खुशी है कि तुम सब को इंडियन म्यूजिक अच्छा लगता है. अगर तुम मन लगा कर अभ्यास करोगे तो जल्दी ही हिंदी गीत गा सकोगे.’’
‘‘मैम, असल में मुझे तो आप के म्यूजिक में कोई इंटरैस्ट नहीं है, पर मौम कहती हैं, इसलिए आना पड़ा,’’ एक लड़की ने कुछ उद्दंडता से कहा.
उस के सपाट जवाब से एक पल को नेहा चौंक सी गई, फिर उसे याद आया, वह भी तो नई टीचर को ऐसे ही परेशान करती थी. नहीं, उसे हार नहीं माननी है.
उस ने प्यार से कहा, ‘‘मुझे इंडियन और वैस्टर्न म्यूजिक दोनों अच्छे लगते हैं. दोनों में मिठास होती है. देखो, उस में डो रे मी फा सो ला… की सरगम है तो इंडियन म्यूजिक की सरगम में सा रे गा मा पा… है. अगर हिंदुस्तानी संगीत नहीं सीख पाओगी तो मैं तुम्हें वैस्टर्न संगीत की क्लास में खुद भेज दूंगी, पर कोशिश कर के देखो, तुम्हारा गला बहुत मधुर है. तुम इंडियन म्यूजिक सीख कर अच्छी गायिका बन सकती हो.’’
‘‘सच मैम, तब तो मैं जरूर ट्राई करूंगी.’’
अचानक एक लड़की ने कहा, ‘‘मैम, आप जींस क्यों नहीं पहनतीं? यू.एस.ए. में वर्क पर जाने के लिए प्रौपर ड्रैस पहननी होती है.’’
‘‘तुम्हें मेरी साड़ी अच्छी नहीं लगती? देखो, इस में कितने सुंदर रंगों वाला डिजाइन बना है. साड़ी हमारी इंडिया की ड्रैस है.’’
‘‘आई लाइक योर ड्रैस,’’ एक लड़के ने प्रशंसा में कहा.
‘‘थैंक यू. कल मैं सलवारसूट पहन कर आऊंगी. वह ड्रैस जींस से मिलती है. हमारे देश में अलगअलग जगहों का अलगअलग पहनावा होता है. चलो, बहुत बातें हो गईं, अब काम की बातें करें. आज हम सरगम से शुरू करते हैं.’’
नेहा ने अपनी मीठी आवाज में सरगम शुरू की तो सब मंत्रमुग्ध रह गए. सरगम दोहराते वे संकुचित थे, पर नेहा के प्रोत्साहन पर उन्होंने प्रयास शुरू किया. थोड़ी देर में माहौल बदल गया, सब सरगम दोहराते खुश थे.
क्लास के बाद नेहा को विदा करते हुए हैरी ने कहा, ‘‘इतनी मीठी आवाज के साथ इंडियन ब्यूटी तुम में साकार है, नेहा. आई कैन से गौरव इज ए लकी चैप.’’
हैरी की बात पर नेहा सोच में पड़ गई, क्या गौरव भी ऐसा ही महसूस करता है? शादी के बाद से आज तक उस ने कभी नेहा के संगीत या रूप की प्रशंसा में शायद ही कभी कुछ कहा हो. उस की उदासीनता को नेहा ने उस का स्वभाव मान अपने मन को समझा लिया था.
घर आई नेहा बेहद उत्साहित थी. उस ने गौरव से कहा, ‘‘संगीत सिखाना उतना कठिन नहीं जितना मैं सोच रही थी, गौरव. स्टूडेंट्स अगर रुचि लेने लगें तो काम और भी आसान हो जाएगा.’’
‘‘चलो, तुम्हारा शौक पूरा हो गया. तुम्हें मुझ से शिकायत थी, मैं ने कभी तुम्हारे संगीत ज्ञान को जानने की कोशिश नहीं की. सच कहूं तो संगीत से मेरा कोई लगाव नहीं है. चलो, बधाई,’’ होंठ भींच, गौरव ने बधाई दी.
नेहा को एक कड़वा सच याद हो आया, शादी के बाद दबी फुसफुसाहटों ने उसे जता दिया था, गौरव के साथ उस की शादी उस के घर से आए भारी दहेज के कारण हुई थी, वरना उस का मन तो कहीं और बंधा था. गौरव उस लड़की की गायकी पर फिदा था, पर उस लड़की की गरीबी के कारण गौरव के माता पिता ने संबंध स्वीकार नहीं किया. अपनी 3 अनब्याही बहनों के विवाह की समस्या ने गौरव को नेहा से विवाह करने को विवश कर दिया. उस के रिटायर्ड पिता कैसे बेटियों के विवाह निबटाते?
विवाह की पहली रात नेहा ने जानना चाहा था, ‘‘सुना है, आप किसी और को चाहते थे?’’
‘‘एक बात याद रखो, मेरे अतीत को कुरेदने की कोशिश न करने में ही सुख है. मुझे भी तुम्हारे अतीत से कुछ लेनादेना नहीं है. जिंदगी शांति से काटना चाहता हूं, बस. तुम से इतने सहयोग की उम्मीद रखता हूं, इसी में हमारी भलाई है. अगर तुम ऐसा न कर सकीं तो अशांति के लिए तुम जिम्मेदार होगी. तुम पढ़ीलिखी, समझदार लड़की हो, निर्णय तुम्हारे हाथ में है.’’
नेहा चुप रह गई, पर विवाह के बाद एक प्रेमी पति पाने के उस के सपने चूरचूर हो गए. नेहा के मीठे गीतों ने सब की प्रशंसा पाई, पर गौरव उदासीन ही रहा. नेहा के प्रति पति का कर्तव्य गौरव उसी तटस्थता से निभाता रहा.
नेहा ने उस की उदासीनता को अपनी नियति मान कर जीवन जीना शुरू किया था. अचानक अमेरिका से मिले नौकरी के प्रस्ताव ने नेहा को उत्साहित कर दिया. नए परिवेश में शायद पुरानी यादें धूमिल हो जाएं और वह गौरव को पूरी तरह से पा सके.
अमेरिका में नए काम के उत्साह के साथ अच्छा वेतन मिलने से गौरव भी सामान्य हो चला था, पर अचानक जौब चली जाने से गौरव फिर उदास हो गया था.
नेहा के विचार में उन की उस परेशानी में नेहा को जौब मिलना एक वरदान ही था. गौरव की कुंठा वह समझ रही थी, पर उस का सोचना था, शांत रह कर अच्छे समय की प्रतीक्षा करने में ही समझदारी है.
दूसरे दिन स्कूल पहुंची नेहा को रोक कर हैरी ने कहा, ‘‘तुम्हारी क्लास में एक नया स्टूडेंट आना चाहता है, एडमिट करोगी?’’ परिहास हैरी के चेहरे पर स्पष्ट था.
‘‘यह तुम्हारा स्कूल है, तुम्हें डिसाइड करना है,’’ नेहा ने कहा.
‘‘तुम्हारा नया स्टूडेंट मैं हूं, नेहा. मैं ने इंडियन म्यूजिक हमेशा सीखना चाहा, पर कोई गुरु नहीं मिला. मुझे सिखाओगी? विश्वास रखो, मैं एक अच्छा स्टूडेंट साबित होऊंगा.’’
‘‘बच्चों के साथ तुम सीख सकोगे, हैरी? वे हंसेंगे नहीं?’’
‘‘नहीं, मेरी क्लास लेने के लिए तुम्हें अपने समय से 1 घंटा पहले आना होगा. स्कूल के समय तो मैं अपनी गिटार क्लासेस लेता हूं. मेरी क्लास के लिए तुम्हें अलग से ऐक्स्ट्रा पैसे मिलेंगे. वैसे कोई जबरदस्ती नहीं है, तुम मेरी रिक्वैस्ट पर सोच लो.’’
‘‘ठीक है, मैं जल्दी आ सकती हूं. अच्छा स्टूडेंट भी मुश्किल से मिलता है, हैरी, पर क्या तुम सचमुच सीरियस हो?’’
‘‘इस में तुम्हें शक क्यों है, नेहा? मेरे पास भीमसेन जोशी और जगजीत सिंह की सीडीज हैं. कभी फुरसत में हम दोनों साथसाथ उन गीतों और गजलों का आनंद लेंगे.’’
‘‘सच? मेरे पास भी कुछ अच्छे म्यूजीशियंस की सीडीज हैं, तुम्हें दूंगी. मैं नहीं जानती थी, तुम्हें इंडियन म्यूजिक से प्यार है.’’
‘‘मेरे ग्रैंड फादर इंडिया में काफी टाइम तक रहे थे. उन से इंडिया की बहुत तारीफ सुनी थी. वे इंडिया को दिल से चाहते थे. उन के पास इंडियन गीतों के रेकार्ड थे. मुझे भी वे गीत बहुत अच्छे लगते थे. तब से इंडियन म्यूजिक सीखना चाहता था.’’
‘‘तुम जैसे संगीतप्रेमी को संगीत सिखाने में मुझे खुशी होगी, हैरी.’’
‘‘थैंक्स, नेहा. मैं कल अपनी नई क्लास का वेट करूंगा.’’
हैरी को संगीत सिखाना आसान था, उसे स्वर का ज्ञान था, पर हिंदी का उच्चारण ठीक कराती नेहा अकसर हंस पड़ती. बच्चों जैसा भोला मुंह बना हैरी ‘सौरी’ कह क्षमा मांग लेता. कभीकभी गीत गाती नेहा को हैरी मुग्ध देखता रह जाता और गीत की पंक्ति भूल जाता. नेहा नाराज होती, ‘‘तुम ध्यान से क्यों नहीं सुनते, हैरी?’’
‘‘एक्सक्यूज मी. असल में तुम्हारा चेहरा जैसे खुद गीत बन गया था, मैं भूल गया कि तुम गा रही हो, बस, और कुछ याद नहीं रहा,’’ हैरी ने सचाई से कहा.
‘‘गीत में जो भाव होते हैं वे चेहरे पर तो आ ही सकते हैं, पर इस का मतलब यह नहीं कि तुम गीत की जगह चेहरा देखो.’’
सचाई यह थी कि हैरी की उस बात ने नेहा को गुदगुदा दिया. ऐसी बात सुनने का उसे अभ्यास नहीं था.
‘‘ओ.के., टीचरजी, अब मिस्टेक नहीं होगी.’’
दोनों की सम्मिलित हंसी से संगीत कक्ष गूंज उठा. अकसर नेहा की क्लास में हैरी अपने गिटार के साथ आ जाता और स्टूडेंट्स के गीतों के साथ अपना गिटार बजा, उन की खुशी बढ़ा देता. नेहा का समय अच्छा बीत रहा था. हैरी की बातें और उस का गिटार नेहा को अच्छा लगता. स्कूल में नेहा अपने घर की समस्याएं भूल जाती, लगता मानो वक्त पंख लगा कर उड़ जाता. घर में गौरव की मायूसी उसे उदास कर देती. काश, गौरव को कोई जौब मिल जाती.
हर ओर से मायूस गौरव ने एक छोटी सी स्टार्टअप कंपनी में सहायक मार्केटिंग मैनेजर की जौब कर ली. कंपनी को अपने काम को बढ़ाने के लिए अमेरिका के कई शहरों में सैंटर्स खोलने थे. पहले तो वह उन केंद्रों में दौरे पर जाया करता था, पर एक नया सैंटर खोलने के लिए उसे 2 महीनों के लिए अपने शहर से बहुत दूर जाने के आदेश मिले. गौरव परेशान हो उठा, पर नेहा ने समझाया, ‘‘परेशान क्यों होते हो, हो सकता है तुम्हारे अच्छे काम से खुश हो कर तुम्हें इसी कंपनी में प्रमोशन मिल जाए. तुम्हें सफलता जरूर मिलेगी.’’
‘‘तुम अकेली कैसे मैनेज करोगी?’’
‘‘क्यों, यहां इंडिया से न जाने कितनी लड़कियां अकेले पढ़ने या जौब के लिए आती हैं. मेरे पास तो एक जौब भी है यानी मैं एक वर्किंग वुमन हूं, जनाब. मेरी मदद के लिए यहां मंगला और हैरी भी तो हैं,’’ नेहा ने मजाक कर गौरव को हंसाना चाहा.
‘‘फिर भी अचानक मुश्किल के समय 911 काल करना मत भूलना. फोन पाते ही पुलिस तुरंत मदद के लिए आ जाती है.’’
‘‘जानती हूं, गौरव. तुम मेरी चिंता छोड़, अपनी पैकिंग कर डालो. मैं मदद करती हूं.’’ गौरव को विदा करती नेहा ने कब सोचा था कि उस के जाते ही सचमुच मुश्किल आ जाएगी. सीढ़ी से उतरती नेहा का अचानक पांव फिसल गया. पांव में इतना जबरदस्त दर्द था कि एक कदम चलना असंभव लग रहा था. मंगला अपने काम पर जा चुकी थी. किसी तरह अपने को घसीट नेहा कमरे में पहुंच सकी. फोन मिलते ही हैरी पहुंच गया.
हास्पिटल में एक्सरे से पता लगा, एड़ी के पास हड्डी चटक गई थी. नेहा के पैर पर प्लास्टर लगा दिया गया, चलनेफिरने के लिए बैसाखी का सहारा लेना जरूरी हो गया.
‘‘मैं अब स्कूल नहीं आ सकूंगी, हैरी. सोचती हूं, गौरव को खबर कर दूं.’’
‘‘बिलकुल नहीं, पहली बात तो तुम्हारी छुट्टी ग्रांट नहीं करूंगा. यह अमेरिका है, मैडम. यहां पूरी तरह से इन्वैलिड लोग भी काम करते हैं. इतनी मामूली तकलीफ के लिए स्कूल सफर नहीं कर सकता. दूसरी बात, गौरव को इन्फार्म नहीं करना है. अभी उस ने नई जौब ली है, पहले असाइन्मैंट पर गया है, उस का छुट्टी लेना क्या ठीक होगा?’’ हैरी ने समझाने के अंदाज में कहा.
‘‘तुम्हीं बताओ, मैं कैसे मैनेज करूंगी?’’ नेहा की बड़ीबड़ी आंखों में आंसू आ गए.
‘‘मुझ पर यकीन नहीं है, नेहा? मैं तुम्हारे साथ हूं. तुम्हें संभालना मेरी रिसपौंसिबिलिटी है,’’ प्यार से नेहा के आंसू पोंछ, हैरी ने कहा.
‘‘नहीं, तुम्हें अपना घर और स्कूल दोनों देखने हैं. एलिजाबेथ को तुम्हारा टाइम चाहिए. मैं तुम्हें तकलीफ नहीं दे सकती, हैरी.’’
‘‘ओह, मैं बताना ही भूल गया, एलिजाबेथ अपनी बेटी के साथ समर कैंप के लिए 1 महीने के लिए कनाडा गई है. तुम्हारी सेवा के लिए मैं पूरी तरह फ्री हूं. ऐनी अदर प्रौब्लम?’’ हैरी हंस रहा था. हैरी की बात पर नेहा अपना दर्द भूल कर हंस पड़ी.
‘‘यह हुई न बात, इसी बात पर कौफी बनाता हूं. हां, लंच में क्या लोगी, मुझे इंडियन कुकिंग नहीं आती. मेरी कुकिंग तुम्हें पसंद नहीं आएगी,’’ हैरी परेशान था.
‘‘अभी तो फ्रिज में काफी खाना रखा है. वैसे अब यहां इंडियन स्टोर्स में भी पकापकाया खाने का सारा सामान पैक्ड मिलता है. तरहतरह की तैयार सब्जियों के साथ बढि़या नान, रोटी, परांठे, चाट सब कुछ मिलता है. तुम ने सेवा का फैसला किया है तो लिस्ट दे दूंगी, सामान लाना होगा. वैसे भी मेरे हाथ सहीसलामत हैं, आराम से चेयर पर बैठ कर खाना बना सकती हूं और तुम्हें खिला भी सकती हूं,’’ नेहा भी मजाक कर बैठी.
‘‘इंपौसिबिल, इस हाल में तुम कोई काम नहीं करोगी. आई एम ऐट योर सर्विस मैम,’’ हैरी ने झुक कर आदाब किया.
नेहा के साथ कौफी पी कर हैरी ने नेहा के साथ लंच भी लिया. दूसरे दिन अपने साथ स्कूल ले जाने को कह, हैरी ने विदा ली. बैसाखी के साथ दरवाजे तक आई नेहा को देख मंगला चौंक गई. वह अपनी 1 बजे तक की ड्यूटी कर के वापस आई थी.
‘‘रामा रामा, यह क्या होने का, नेहा, कैसे हुआ?’’
नेहा से पूरी बात सुन कर मंगला बोली, ‘‘तुम फिक्कर नहीं करने का. हम काम से छुट्टी लेने का. इधर गौरवजी भी नहीं, हम तुम को हैल्प करेगा, नेहा.’’
‘‘थैंक्यू, मंगला बहन. अमेरिका में काम से बेकार छुट्टी लेना ठीक नहीं, मैं भी तो काम पर जाऊंगी. अगर जरूरत हुई तो मैं आप की हैल्प जरूर लूंगी.’’
‘‘ठीक है, पर तुम को खाना नहीं बनाने का, हम खाना देगा.’’
‘‘अभी फ्रिज में खाने का बहुत सामान है, संडे को अगर आप का इडली बनाने का प्रोग्राम हुआ तो जरूर दीजिएगा. आप जैसी इडली कोई नहीं बना सकता.’’
‘‘जरूर बनाएगा. उधर होटल में भी सब ऐसा ही कहता है,’’ मंगला खुश हो गई.
दूसरी सुबह नेहा स्कूल जाने को तैयार थी. हैरी ठीक कहता है, जहां तक हो सके तकलीफ में भी काम करने की हिम्मत रखनी चाहिए. खुद नेहा ने यहां ऐसे व्यक्तियों को काम करते देखा है, जिन के हाथपांव बेकार हैं, पर व्हीलचेयर और अन्य इलैक्ट्रोनिक उपकरणों की सहायता से सामान्य व्यक्तियों की तरह काम करते हैं.
इस देश में विकलांगता अभिशाप नहीं है. विकलांगों पर सरकार की ओर से हर संभव सुविधा और सहायता उपलब्ध कराई जाती है. ठीक समय पर हैरी की कार की आवाज ने नेहा के विचारों की शृंखला तोड़ दी. हैरी के सहारे नेहा आसानी से सीढि़यां उतर कर कार में बैठ गई.
अब हैरी का रोज का नियम हो गया, सुबह नेहा को स्कूल ले जाता और शाम को उस के साथ कौफी पीता. कभीकभी नेहा के अनुरोध पर डिनर भी लेना पड़ता. कोई अच्छी सी गजल या गीत सुनते हुए दोनों को साथ समय बिताते अच्छा लगता. कभीकभी हैरी अपने हाथों से कुकिंग कर के नेहा को चमत्कृत कर देता.
‘‘वाह, तुम तो बहुत अच्छे कुक हो, हैरी. तुम्हें तो गिटारिस्ट नहीं, किसी होटल का शैफ होना चाहिए,’’ नेहा परिहास करती.
‘‘तब तो इस शैफ को इनाम मिलना चाहिए, नहीं, क्या कहते हैं, बख्शीश दो,’’ नेहा से संगीत सीखने के साथसाथ वह हिंदी बोलना भी सीख रहा था.
‘‘तुम्हें इनाम तो जरूर मिलना चाहिए. तुम्हारी वजह से आज हम यहां रह रहे हैं. गौरव जब भी फोन करता है तुम्हारा हाल पूछता है. तुम्हें थैंक्स देता है.’’
‘‘गौरव का काम कैसा चल रहा है, तुम्हें तो बहुत मिस करता होगा. अगर वह cजान जाए उस की ऐबसेंस में मैं तुम्हारी कंपनी एंजौय कर रहा हूं तो वह शायद काम छोड़ कर वापस आ जाए. ऐसी वाइफ को छोड़ कर दूर रहना पौसिबिल नहीं होता,’’ हैरी की मुग्ध दृष्टि अपने पर गड़ी पा कर नेहा संकुचित हो गई.
‘‘ऐसी कोई बात नहीं है. गौरव बहुत प्रैक्टिकल इनसान हैं, भावुक तो शायद मैं
बहुत हूं. वैसे उस का मन इस नए काम में नहीं लग रहा है. पता नहीं वह इस काम को कंटीन्यू करेगा या नहीं?’’ नेहा ने अपना भय प्रकट किया.
‘‘इस इकोनोमिक क्राइसिस के समय जौब छोड़ना मिस्टेक होगी. आई होप वह ऐसा न करे,’’ हैरी ने सलाह दी.
‘‘मैं उस तक तुम्हारी सलाह पहुंचा दूंगी. तुम ने हमारी बहुत मदद की है, हैरी.’’
‘‘चलो, इस टौपिक को यहीं छोड़ते हैं, आज एक प्रेम गीत सुनने का मन चाह रहा है. देखो, मैं इसलिए अपना गिटार भी लाया हूं. मेरा गिटार तुम्हारे गीत का साथ देगा.’’
‘‘प्रेम गीत? क्या एलिजाबेथ की याद आ रही है?’’ नेहा के चेहरे पर शरारत थी.
‘‘जरूरी तो नहीं प्रेम गीत के साथ वाइफ की याद आए. प्रेम तो एक ऐसा भाव है, कभी भी जाग जाए. अब प्लीज, गीत गाना शुरू करो, नेहा. इट्स माई रिक्वैस्ट,’’ हैरी गंभीर था.