Diwali Special: हैप्पी दीवाली के सुझाव

दीवाली यानी धूमधड़ाका, हुड़दंग और ढेर सारी मौजमस्ती. बच्चे और युवा ब्रिगेड पूरे जोश में होती है. उसे काबू में करना काफी मुश्किल हो जाता है. मगर घर की परिस्थितियों और समय की नजाकत को देखते हुए युवा ब्रिगेड को भलाबुरा समझाना बड़ों का फर्ज बनता है. यदि आप अपने परिवार के साथ हैप्पी दीवाली मनाना चाहती हैं तो ये 9 भूलें न करें, जिन्हें हम अकसर कर बैठते हैं-

द्य दीवाली पर सब से ज्याद दुर्घटनाएं आतिशबाजी छोड़ते समय होती हैं. बच्चे जब अनार, फुलझडि़यां चलाते हैं तो बड़ों का उन के साथ होना बहुत जरूरी होता है ताकि उन्हें चलाने का सही तरीका बताया जा सके. फिर भी कुछ गलत घट जाए तो संभालने में सहूलियत रहती है. यदि कोई पटाखा या बम नहीं चल रहा है तो उसे पास जा कर न देखें और न ही उस में दोबारा आग लगाने की गलती करें. घर के अंदर, तंग गलियों आदि में आतिशबाजी न करें. आतिशबाजी करते समय देख लें कि पास में आग को पकड़ने वाली चीजें न हों. जैसे वाहन, सूखी लकड़ी, गैस आदि. आतिशबाजी छोड़ते समय रेशमी और ढीलेढाले कपड़े जैसे लहंगाचुन्नी आदि पहनने की गलती भी न करें.

– बीमार, बुजुर्गों, शिशुओं, पालतू जानवरों के आसपास पटाखे न छोड़ें. तेज आवाज और रोशनी से उन्हें परेशानी हो सकती है. जानवर बेकाबू हो कर किसी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं.

– मुसीबत कभी दरवाजा खटखटा कर नहीं आती, बल्कि बिन बुलाए मेहमान की तरह हमारे सामने आ खड़ी होती है. तब किसी न किसी तरह हमें उस से निबटना पड़ता है. दीवाली पर दुर्घटना की संभावना का प्रतिशत काफी बढ जाता है. इन आपदाओं से निबटने के लिए प्राथमिक उपचार हेतु आप के घर में पर्याप्त दवा, भरी पानी की टंकी, फ्रिज में बर्फ आदि अवश्य होनी चाहिए. बुजुर्गों और बच्चों वाले घर में तो प्राथमिक उपचार की व्यवस्था बेहद जरूरी है.

– दीवाली की खुशियों को सब से ज्यादा प्रभावित करता है तलाभुना खाना और बाहर की मिठाई. अत: स्वादस्वाद में इन्हें ज्यादा खाने की गलती न करें. खासतौर पर यदि आप के घर में कोई बुजुर्ग, परहेजी खाना खाने वाला, डायबिटीज, अस्थमा आदि बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति हो तो उस का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है. फिर अस्पताल के चक्कर में आप की सारी दीवाली का रंग फीका हो सकता है. साथ ही बजट भी बिगड़ सकता है.

– अकसर दीवाली की व्यस्तता में शौपिंग हम बाद में करने की गलती करते हैं. ऐन वक्त पर जरूरत का सामान हर हालत में खरीदने की मजबूरी होती है, जिस से महंगाई के इस दौर में बजट काफी बढ़ जाता है. यदि कुछ समय पहले ही उपहार, घर का सामान आदि की खरीदारी कर ली जाए तो काफी बचत हो सकती है. बाजार में भीड़भाड़ और भागदौड़ से होने वाली थकान से भी बचा जा सकता है और आप दीवाली पर तरोताजा महसूस कर सकती हैं.

– दीवाली पर बाजार में सेल और सस्ती चीजों की जैसे बाढ़ सी आ जाती है. 1 के साथ 1 फ्री के औफर से खुद को बचाना काफी मुश्किल होता है. ग्राहकों को ललचाने के लिए बाजार में बहुत कुछ होता है. दीवाली की बंपर सेल की भीड़भाड़ में तसल्ली से कुछ भी देखनासमझना मुश्किल होता है और अकसर हम लुट कर ही घर आते हैं. फिर त्योहार पर वैसे भी काफी अतिरिक्त खर्च हो जाता है. अत: बजट से बाहर खर्च करने की गलती न करें वरना महीनों हाथ तंग रह सकता है.

 दीयों को जला कर परदों, ज्लवलनशील चीजों आदि से दूर रखें.

– दीवाली पर शराब, जूआ आदि खेलने को धर्म से जोड़ कर न देखें. किसी भी धर्म में ऐसे बेकार के घर फूंकने, मनमुटाव पैदा करने वाले खेलों को कोई बढ़ावा नहीं दिया गया है. अत: अपनी मेहनत की कमाई को जूआ, शराब में बरबाद न कर के किसी योजना में लगाएं ताकि भविष्य में आय में बढ़ोतरी हो सके.

– आज इंसान ऊपरी चमकदमक में ज्यादा विश्वास करने लगा है. न चाहते हुए भी वही सब करता है, जो पड़ोसी कर रहा हो. कोई भी किसी से अपने को कम नहीं मानता. फिर चाहे इस के लिए जेब पर कितना ही दबाव क्यों न पड़े. अत: उपहारों के आदानप्रदान और सजावट, आतिशबाजी की खरीदारी वगैरह में अपने बजट से बाहर जाने की गलती न करें. वक्त का तकाजा यही है कि सादगी से परिजनों, पड़ोसियों, मित्रों के साथ मिलजुल कर ज्योतिपर्व मनाया जाए.

Diwali Special: सरप्राइज विजिट से ऐसे बनाएं फेस्टिवल यादगार

वक्त की कमी ने रिश्ते निभाने का अंदाज बदल दिया है. व्यस्तता के चलते आजकल लोग मोबाइल, इंटरनैट आदि के इस्तेमाल से एकदूसरे के संपर्क में रहते हैं. लेकिन जरा सोचिए कि क्या दोस्तों से मिल कर बातचीत करने और उन के घर जा कर ऐंजौय करने की कमी को इंटरनैट या फोन पूरा कर सकता है? नहीं न? तो क्यों न अब वह किया जाए जो बहुत दिनों से नहीं किया. अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर सरप्राइज विजिट की जाए. अधिकतर लोगों की यही परेशानी होती है कि बहुत दिनों से अपने किसी रिश्तेदार के यहां जाने का मन तो है पर समय न मिलने के कारण जा नहीं सके. लेकिन अब अगर सोच लिया है कि एक बार सरप्राइज विजिट करनी ही है तो कर डालिए. लेकिन ऐसा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, क्योंकि आप वहां ऐंजौय करने जा रहे हैं उन्हें परेशान करने नहीं. आइए, जानें कैसे करें सरप्राइज विजिट कि वह यादगार बन जाए:

उन की सुविधा का भी खयाल रखें

दोस्तों और रिश्तेदारों के यहां अचानक जाना अच्छी बात है, लेकिन ऐसा करते समय थोड़ा इस बात का भी ध्यान रखें कि किसी के भी घर जाएं तो वीकेंड पर ही जाएं ताकि उन्हें परेशानी न हो और वे आप को पूरा समय दे सकें. ट्रिक से लें इन्फौर्मेशन: इस बात का पता भी लगा लें कि जिन के घर आप जाना चाहते हैं, वे अपने घर पर हैं भी या नहीं? कहीं उन का उस दिन का कोई और प्रोग्राम तो नहीं है? उन के घर कोई और मेहमान तो आने वाला नहीं है? इसलिए पहले उन से फोन  पर इधरउधर की बातें करें फिर वे आज क्या कर रहे हैं, इस के बारे में जानकारी लें और फिर उसी के अनुसार जाने का प्रोग्राम बनाएं. खातिरदारी ही न करवाते रहें: आप उन के घर अचानक जा रहे हैं, तो इस बात का भी खयाल रखें कि उन्हें काम में ही न लगाए रखें, बल्कि आप कुछ देर के लिए वहां गए हैं तो हंसीमजाक और बातें भी करें. खानेपीने में ही न लगे रहें. अच्छा यह रहेगा कि मिठाई के साथ बैठ कर खाने का सामान भी ले जाएं.

पुरानी बातें याद करें

बहुत दिनों के बाद मिले हैं, तो क्या हुआ. यही वह समय है जब आप अपनी पुरानी अच्छी यादों को ताजा कर सकते हैं. अपने दोस्तों से अपने दिल की, स्कूलकालेज की हर तरह की बातें करें. उन्हें वे सब बातें याद दिलाएं जो आप को उन की और उन्हें आप की पसंद थीं. कुछ फेवर जो आप ने एकदूसरे के लिए किए थे, वे भी याद करें.

ज्यादा समय न लगाएं

सरप्राइज विजिट हमेशा छोटी रहे. 25-30 मिनट से हरगिज ज्यादा नहीं और उसी दौरान सभी हंसीमजाक कर लें.

गिलेशिकवे भी करें दूर

अगर आप लोग काफी समय के बाद मिल रहे हैं और पहले कुछ बातों को ले कर आप लोगों के बीच कोई मसला रहा है जिस का प्रभाव आप के रिश्तों पर पड़ा हो तो उसे अब क्लियर कर लें. अपने मन की हर बात उन से शेयर करें और उन की सुनें. यकीन मानिए आप के रिश्ते जरूर सुधरेंगे.

गिफ्ट भी हो कुछ खास

अपने रिलेटिव के यहां जा रहे हैं तो गिफ्ट या खानेपीने की चीजें यानी जो भी ले जा रहे हैं वह उन की पसंद का होना चाहिए या फिर वह यूजफुल हो. जैसेकि आप उन के लिए मिठाई की जगह डाईफ्रूट ले जाएं. वे उसे कई दिनों तक खाएंगे और आप को याद करेंगे. अगर गिफ्ट देने का मन है तो और्गैनिक गिफ्ट भी दे सकते हैं जैसेकि और्गैनिक चाय, कौफी, सोप, क्रीम, हेयर ऐंड स्किन केयर रेंज या प्लांट्स आदि. गिफ्ट कोई भी हो, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि वह बाद तक रखने वाला हो ताकि वे एक अरसे तक आप को याद रखें कि फलानी चीज आप लाए थे. अचानक बनाया प्रोग्राम अच्छा होता है: कई बार हम प्लान कर के जब कोई प्रोग्राम बनाते हैं तो बहुत से लोगों की रजामंदी लेने के चक्कर में प्रोग्राम बन ही नहीं पाता या फिर मन की बात पूरी न होने के कारण कोई न कोई व्यक्ति असंतुष्ट रह जाता है. लेकिन जब हम अचानक कोई प्रोग्राम बनाते हैं तो ज्यादा सोचने और प्लानिंग करने का समय नहीं होता. ऐसे में थोड़े से समय में ही जिस से जो हो पाता है वह द बैस्ट करता है. फिर चाहे वह मेजबान के घर जा कर खानेपीने की बात हो या फिर ऐंजौय करने की.

Diwali Special: जलाएं दूसरों के जीवन में दीप

दीवाली के त्योहार पर सभी अपने घर में दीप जलाते हैं, अपनों को तरहतरह की मिठाई तोहफे में देते हैं. मगर क्या आप ने कभी दूसरों के घर का अंधेरा दूर कर के देखा है. दीवाली के दिन ऐसा करने पर जो आनंद मिलता है कभी उसे भी महसूस कर के देखें.

मिल कर मनाएं दीवाली

आज के समय में कितने ही लोग महानगरों की भीड़ में अकेले, तनहा रहते हैं. दीवाली के दिन उन के साथ खुशियां बांटने वाला कोई नहीं होता. कहीं बूढ़े मांबाप अकेले रहते हैं, तो कहीं युवा लड़केलड़कियां पढ़ाई और नौकरी के कारण अपने घरों से दूर अकेले रह रहे होते हैं. कुछ ऐसे भी होते हैं जो शादी न करने की वजह से अकेले रहते हैं तो कुछ जीवनसाथी की मौत के बाद अकेले रह जाते हैं.

वैसे तो हर सोसायटी औफिस या फिर इंस्टिट्यूट्स में दीवाली की धूम दीवाली से एक दिन पहले ही मना ली जाती है, मगर महत्त्वपूर्ण पल वे होते हैं जब दीवाली की शाम कोई व्यक्ति तनहा अपने घर में कैद होता है. उस वक्त उस के साथ कोई और दीप जलाने वाला नहीं होता तो लाख कोशिशों के बावजूद उस के मन का एक कोना अंधेरा ही रह जाता है.

ऐसे में हमारा दायित्व बनता है कि हम ऐसे तनहा लोगों के जीवन में दीप जलाने का प्रयास करें. वैसे भी आजकल संयुक्त परिवारों की कमी की वजह से व्यक्ति अपने परिवार के साथ अकेला ही दीवाली मना रहा होता है. ऐसे में 2-3 परिवारों के लोग मिल कर त्योहार मनाएं तो यकीनन खुशियां बढ़ेंगी.

आप अपने आसपास के तनहा रह रहे बुजुर्गों या युवाओं को अपने घर दीवाली मनाने को आमंत्रित कर सकते हैं. उन के साथ मिल कर दीप, कैंडल जलाएं. पटाखे फोड़ें और एकदूसरे को मिठाई खिलाएं.

किसी के घर इस तरह दीवाली मनाने आ रहे शख्स को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस ने आप को आमंत्रित किया है, उस के परिवार के लिए भी कुछ मिठाई और पटाखे खरीद लिए जाएं. उस के घर जा कर घर सजाने में मदद करें और उस के बच्चों को अपने घर ले आएं, ताकि थोड़ी धूम और रौनक आप अपने घर में भी महसूस कर सकें.

बुजुर्गों के साथ मस्ती

पत्रकार प्रिया कहती हैं, ‘‘जब मैं जौब करने के लिए नईनई दिल्ली आई थी तो 3 साल एनडीएमसी के एक होस्टल में रही. वहीं बगल में एनडीएमसी का ओल्डऐज होम भी था जहां वृद्ध और एकाकी महिलाएं रहती थीं. मैं अकसर उन के पास जा कर बातें करती थी, उन के साथ टीवी देखती, खानेपीने की चीजें शेयर करती. कई वृद्ध महिलाओं से मेरा अच्छा रिश्ता बन गया था. पिछली दीवाली में मैं अपना घर सजा रही थी तो यकायक उन वृद्ध महिलाओं का खयाल आया. फिर क्या था मैं सजावट के कुछ सामान, पटाखे और मिठाई ले कर वहां पहुंच गई. मुझे देख कर उन के उदास चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई. मैं ने ओल्डऐज होम के बाहरी हिस्से को बड़ी खूबसूरती से सजा दिया. उन्हें मिठाई खिलाई और फिर उन के साथ मिल कर पटाखे छोड़े. सच बहुत मजा आया.

एक वृद्ध महिला जो मुझे बहुत मानती थीं, मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने साथ कमरे में ले गईं. और फिर मेरी पसंद के रंग का एक बेहद प्यारा सूट मुझे दिया. मैं वहां करीब 2 ही घंटे रुकी पर इतने समय में ही वह दीवाली मेरे लिए यादगार बन गई.

अपनों को खो चुके लोगों के जीवन में उम्मीद के दीप जलाएं: आप के किसी परिचित, पड़ोसी, रिश्तेदार या आसपास रहने वाले ऐसे परिवार जिस में हाल ही में कोई हादसा, मृत्यु, पुलिस केस, मर्डर या परिवार टूटने की स्थिति आई हो, दीवाली के दिन उस परिवार से जरूर मिलें. परिवार के लोगों के मन में नई संभावनाओं के दीप जलाएं और बताएं कि हर स्थिति में आप हमेशा उन के साथ हैं.

अनजान लोगों के चेहरों पर सजाएं मुसकान

आप के औफिस के कुलीग, क्लाइंट, रिलेटिव्स व अन्य जानपहचान वाले इस दिन मिठाई जरूर देते हैं. अत: जरूरत से ज्यादा आई मिठाई को पैक कर जरूरतमंद लोगों को बांटें. इस से उन के चेहरे खुशी से खिल उठेंगे. उन के चेहरों पर खुशी देख यकीनन आप भी खुशी महसूस करेंगे.

वौलंटियर बनें: हर साल कितने ही लोग दीवाली की रात दुर्घटना का शिकार होते हैं. पटाखों से जल जाते हैं. यह समय ऐसा होता है जब ला ऐंड और्डर मैनेज करना काफी कठिन होता है. ऐसे में यदि वौलंटियर बन कर जले लोगों की मदद को आगे आएंगे तो आप का यह कार्य पीडि़त व्यक्ति के घर में नई रोशनी जलाने जैसा सुखद होगा.

दीवाली के दिन काम कर रहे लोगों की हौसला अफजाई

बहुत से लोगों का काम ऐसा होता है जिन्हें दीवाली के दिन भी छुट्टी नहीं मिलती जैसे वाचमैन, पुलिसमैन आदि. ये आप की सुरक्षा के लिए काम करते रहते हैं. आप उन्हें खास महसूस कराएं. इन्हें ग्रीटिंग कार्ड्स, चौकलेट बार जैसी चीजें दे कर हैप्पी दीवाली कह कर देखें. आप की यह कोशिश और चेहरे की मुसकान उन के चेहरों पर भी खुशी ले आएगी.

काम की चीजें दूसरों को दें

दीवाली पर घर की सफाई करते समय अकसर हम बहुत सी बेकार की चीजें निकालते हैं. इन्हें फेंकने के बजाय उन्हें दे जिन्हें इन की जरूरत है. 45 साल की स्कूल टीचर दीपान्विता कहती हैं, ‘‘मेरी कामवाली करीब 15 सालों से हमारे यहां काम कर रही है. हर साल जब मैं दीवाली में अपने घर की साफसफाई करती हूं तो बहुत सी ऐसी चीजें निकल आती हैं जो मेरे लिए भले ही पुरानी या अनुपयोगी हो गई हों पर उस के काम आ सकती हैं. अत: ऐसी चीजें इकट्ठी कर उसे दे देती हूं.’’ इन में से एक भी बात पर यदि अमल कर लिया तो यह त्योहार आप के लिए यादगार बन जाएगा.

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Diwali Special: ये 6 फैशन और ज्वैलरी टिप्स आपको बनाएंगे ट्रैंडी

अगर इस दिवाली आप खुद को दूसरो से अलग दिखाना चाहती हैं तो कुछ ऐसा कीजिए जैसा पहले कभी न किया हो, कुछ ऐसा पहनें जो अनोखा और खूबसूरत हो. इस दीवाली पर आप कैसे खास दिख सकती हैं जानिए हमसे क्योंकि हम आपके लिए ये टौप 6 टिप्स लेकर आए हैं.

1. त्योहार के माहौल में आप बिना भारी भरकम ड्रेसिंग के भी खूबसूरत दिख सकती हैं. साधारण अक्सेसरीज के साथ आप माडर्न दिख सकती हैं या फिर आप अपने लिए केवल कोई एक ही उम्दा जूलरी चुनें, जो आपको डिफरेंट लुक देता हो. इस खास मौके पर आप अपने लिए डायमंड या नग वाले झुमके, चांद बालियां, बाला, कड़ा या पेंडेंट्स जैसे विकल्प रख सकती हैं.

2. यदि आपका आउटफिट इंडो-वेस्टर्न हो तो इसके साथ फ्यूजन जूलरी, डायमंड के मिक्स और मैच वाली जूलरी, नए स्टाइल के ब्राइट और कलरफुल स्टोन्स वाले पोल्की और जड़ाऊ जूलरी सिलेक्ट कर सकती हैं, क्योंकि ये किसी भी तरह के ड्रेस पर खूब फबेंगे.

3. इस बार अपने कपड़ों में प्रिंट वाले कपड़ों को शामिल करें. सादे ड्रेस के साथ डिजिटल प्रिंट दुपट्टा या डिजिटल प्रिंट कुर्ती के साथ आप बाला, कड़ा या फिर खूबसूरत कंगन पहन सकती हैं, जो आपको पूरी तरह ट्रेंडी और माडर्न लुक देता है.

4. अपने आउटफिट पर ध्यान दें. जरूरी नहीं कि हर चीज परफेक्टली मैच हो, इसलिए कुछ ऐसा ट्राई करें जो यूनीक और बेहद खास हो. आप इस बार अपने लिए रोज गोल्ड की जूलरी भी चुन सकती हैं.

5.  इन दिनों प्लाजो पैंट्स का फैशन है. इसे और खूबसूरत बनाया जा सकता है सही टौप, सिंगल इयर रिंग्स या फिर डिज़ाइनर कलाई बंद के साथ, जो आपको इस दीवाली पर यूनीक लुक देगा.

6. अपने लिए कुछ बोल्ड स्टेटमेंट पीस चुन सकती हैं. ऐसी इल्यूशन जूलरी पसंद करें जो आपके बजट में भी हो और ट्रेंडी लुक दे. फ्लोरल प्रिंट चलन में है तो अपने लिए कुछ ऐसा चुनें जो आपको गौरजस लुक के साथ-साथ फेमिनिन लुक भी दें.

Diwali Special: घर पर बनाएं स्वादिष्ट शकरपारे

फेस्टिव सीजन ने अगर आप मेहमानों को नमकीन के साथ कुछ घर की बनाई रेसिपी परोसना चाहते हैं तो शकरपारे आपके लिए बेस्ट रेसिपी है.

सामग्री

70 ग्राम चीनी

20 एमएल पानी

150 ग्राम मैदा

50 एमएल घी

चुटकी भर नमक

5 ग्राम मोटी सौंफ

तलने के लिए पर्याप्त तेल

जरूरतानुसार कैस्टर शुगर बुरकने के लिए

विधि

एक पैन में पानी और चीनी मिला कर चीनी गल जाने तक उबालें. बाउल में मैदा डाल कर उस में नमक मिलाएं. फिर घी डाल कर तब तक हाथों से रब करती रहें जब तक मिश्रण ब्रैडक्रंब्स की तरह न दिखने लगे.

अब मिश्रण में धीरेधीरे चीनी वाला पानी मिलाते हुए सख्त गूंध कर 10 मिनट ढक कर रख दें.

कड़ाही में तेल गरम कर के मिश्रण के 1/2 इंच मोटे रोल बना कर काटें और सुनहरा होने तक तल लें. कैस्टर शुगर बुरकें. ठंडा होने पर सर्व करें.

-व्यंजन सहयोग : रुचिता कपूर जुनेजा

Diwali Special: इस त्योहार मना लें रूठे यार

दुनिया का हर रिश्ता हमारी चौइस से परे होता है. मांबाप, भाईबहन और अन्य रिश्तेदार चुनने में हमारी कोई भूमिका नहीं होती है. हम जिस परिवार में पैदा होते हैं वहीं से हमें रिश्ते जिंदगीभर के लिए मिल जाते हैं. लेकिन दुनिया में सिर्फ एक ही रिश्ता ऐसा होता है जिसे हम बनाते हैं या कहें कि हम चुनते हैं. इस रिश्ते का नाम है दोस्ती.

दोस्त यानी फ्रैंडशिप ही ऐसा संबंध होता है जो वे बातें समझ सकता है, जो खून के रिश्ते भी नहीं समझ पाते. इसलिए दोस्ती के रिश्ते को हमेशा संभाल कर रखना चाहिए. लेकिन कई बार बीच की गलतफहमियां हमें अपने दोस्तों से दूर कर देती हैं. ऐसे में इस बार फैस्टिवल के मौके पर आप तय कीजिए कि अपने चहेते दोस्तों से न सिर्फ पुराने गिलेशिकवे दूर करने हैं बल्कि अपनी लाइफ में नए दोस्तों का स्वागत भी करना है. कैसे? आइए जानते हैं:

दोस्ती में दरार क्यों

अक्षय और रोहन मन ही मन अपनी क्लासमेट आकृति को चाहते थे. लेकिन दोनों ने अपने दिल की बात अभी तक उसे नहीं बताई थी. एक दिन आकृति की बर्थडे पार्टी में सही मौका देख कर अक्षय ने आकृति को प्रोपोज किया तो वह मना न कर सकी. इस तरह दोनों गर्लफ्रैंडबौयफ्रैंड बन गए. यहां तक तो ठीक था लेकिन कुछ दिनों से अक्षय ने नोटिस किया कि रोहन उस से दूर रहने के बहाने करने लगा. क्लास में जानबूझ कर अलग सीट पर बैठता. कभी लंच टाइम में अकेले ही कैंटीन चला जाता, कभी बीमारी का बहाना कर उस के साथ बने फिल्म के प्लान को कैंसल कर देता.

रोहन की इस आदत से तंग आ कर अक्षय ने भी अपने दोस्त से दूरी बना ली. कल तक के जिगरी दोस्तों के बीच आई दरार कुछ और नहीं, बल्कि गलतफहमी थी. अगर समय रहते दोनों इस टौपिक पर खुल कर बात करते व आकृति के बारे में अपनी फीलिंग्स जाहिर करते तो आज की तरह दोनों एक दूसरे के दुश्मन नहीं बनते.

हम दोस्तों के साथ स्कूलकालेज जाते हैं. उन के साथ हर असाइनमैंट या होमवर्क पूरा करते हैं. लंच से ले कर ब्रैकफास्ट और बर्थडे पार्टी से ले कर फैमिली गेटटूगेदर, बिना दोस्तों के कंप्लीट नहीं होता. फिर ऐसा क्यों होता है कि हम उन से नाराज हो जाते हैं. दरअसल, दोस्ती में दरार तब पड़ती है जब एक दोस्त को लगता है कि उस के दूसरे दोस्त ने उस का विश्वास तोड़ा है या फिर उस से कुछ ऐसी बात छिपाई है जो उसे पता होनी चाहिए थी.

अकसर ऐसी ही बातें जब दोस्ती में दरार पैदा कर देती हैं तो बजाय दूरी और दुश्मनी बढ़ाने के, खुल कर बात करनी चाहिए. याद रखें गर्लफ्रैंड आज है, कल नहीं भी हो सकती है, ब्रैकअप हो सकता है, लेकिन दोस्त हमेशा के लिए होते हैं. वे बिना किसी ऐक्सपैक्टेशन के ताउम्र आप के कदम से कदम मिला कर चलते हैं.

भूल जाएं गिलेशिकवे

फैस्टिवल ही ऐसा मौका लाते हैं जब हम पुराने गिलेशिकवे भूल कर रोशनी के रंगों में सरोबार हो जाते हैं. दीवाली आ रही है और इस दीवाली जब घर में सबकुछ खुशनुमा हो, क्यों न रूठे दोस्तों को मनाने का प्रोग्राम बनाएं. गारंटी है कि फैस्टिवल के मौके पर आप का रूठा यार आप को खाली हाथ वापस नहीं भेजेगा. इस के लिए उस के घर जाने का प्रोग्राम बनाएं. त्योहार में घर पर बनी उस की फेवरेट स्वीटडिश ले कर और उस से सारी गलतफहमी पर खुल कर बात करें. अगर आप की गलती हो तो उस से बिना संकोच के सौरी बोलें और अगर आप की गलती न भी रही हो तो अब तक उस से नाराज रहने के लिए सौरी बोलिए. दोस्ती में कोई छोटाबड़ा नहीं होता है. अगर आप के सौरी बोलने से आप का दोस्त वापस आप के पास आ सकता है तो आप के लिए  इस से बड़ा गिफ्ट भला और क्या हो सकता है.

ईगो खत्म कर दूसरा मौका दें

हर रिश्ते में उतारचढ़ाव होते हैं. दोस्ती में भी. ऐसा कोई रिश्ता नहीं हो सकता जिस में कभी नाराजगी न हो. रिश्तों के बने रहने की शर्त है कि एकदूसरे की गलतियों को माफ करने की हिम्मत हो. हम युवा हैं और गरम खून अपनी अकड़ ले कर चलता है. इसलिए जब कभी दोस्ती में जरा सी बात बिगड़ती है तो हमारा ईगो आड़े आ जाता है. सोचने लगते हैं दोस्त जाता है तो जाए, मैं क्यों झुकूं. इसी ईगो के चलते दोस्त दूर हो जाते हैं.

अपने मैं से बाहर निकलें, दोस्तों के साथ पहले की तरह घुलमिल जाएं. अकसर अहं और छोटीमोटी तकरार इतनी बड़ी हो जाती है कि रिश्तों की वे गांठें कभी नहीं जुड़ पातीं. अगर आप भी किसी ऐसी ही बात का बुरा मान कर किसी दोस्त या करीबी से नाराज हैं तो इस त्योहार उन्हें फिर से दुश्मन से दोस्त बना लें और अपनी दोस्ती को दूसरा मौका दें. किसी संबंध को हमेशा के लिए खत्म करने से बेहतर है कि दूसरा मौका दे कर देखें. हो सकता है आप के दोस्त को गलती का एहसास हो और यह खूबसूरत रिश्ता बना रहे.

खास दोस्तों के लिए करें खास

जरा सोचिए, अगर दोस्त नहीं होंगे तो आप किस के साथ क्लास जाएंगे, वीकैंड पार्टी करेंगे या फिर फैस्टिवल में हंगामा किस के साथ मचाएंगे. जाहिर है इस दीवाली जब आप पटाखे फोड़ेंगे तो बिना दोस्तों के रौनक ही नहीं आएगी. घर पर पकवान तो ढेर सारे बनेंगे, लेकिन साथ में बैठ कर खाने वाले दोस्त कहां से आएंगे.

जब आप यह जानते हैं कि दोस्त आप के लिए कितने खास हैं तो फिर आप की भी जिम्मेदारी बनती है कि उन्हें खास फील कराएं. ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप को दोस्तों का बर्थडे या उन से जुड़े खास दिनों की तारीखें याद न हों. उन्होंने कई बार आप को अपने घर डिनर पर बुलाया, लेकिन आप ने उन्हें कभी नहीं बुलाया. दोस्तों को भी एहसास कराएं कि आप की जिंदगी में उन की अहमियत है. बर्थडे पर विश करना या कभी कुछ स्पैशल गिफ्ट देना ऐसी चीजें हैं जो रिश्ते को मजबूत बनाती हैं.

अगर दोस्त कहीं दूर रहते हैं और किसी बात पर खफा हैं तो त्योहार की शुभकामनाओं के लिए उन्हें सब से पहले फोन करें और घर पर आमंत्रित कर उन का दिल जीतें. यकीनन उन की नाराजगी बहुत देर तक नहीं टिक पाएगी. अगर वे काफी दूर रहते हैं तो उन्हें बिना बताए कुछ अच्छा सा गिफ्ट ले कर उन के घर पहुंच जाएं और उन को हैरान कर दें. इस सरप्राइज विजिट से उन की हर नाराजगी दूर होते देर नहीं लगेगी. आड़े समय में दोस्त ही काम आते हैं. इसलिए इस फैस्टिवल संकल्प लें कि सभी दोस्तों की नाराजगी दूर कर उन्हें अपने घर बुलाएंगे और नए दोस्त भी बनाएंगे.

इस त्योहार में आप अपने दोस्तों को मनाने की पहल कर देखिए,  उत्सव का आनंद दोगुना हो जाएगा. याद रहे कोई भी गलतफहमी इतनी उलझी नहीं होती कि उसे सुलझाया न जा सके. तो समझ लीजिए दीवाली का यह त्योहार ऐसी ही किसी पुरानी गलतफहमी या कड़वाहट को मिठास में बदलने का मौका है, जो दोस्ती की राह में रोड़ा बन कर खड़ी है.

ऐसे करें दोस्ती की डोर मजबूत

दोस्ती में बहुत ज्यादा अपेक्षाएं न रखें. इस से संबंध बिगड़ते हैं. सब कीअपनी सीमाएं होती हैं, उन्हें समझें.

हर कोई अपनी लाइफ में व्यस्त है. लेकिन फिर भी दोस्तों के लिए समय निकालें.

अच्छे वक्त में भले ही दोस्तों को भूल जाएं लेकिन उन के बुरे समय में उन के साथ खड़े रहें.

उन के सामने अपनी अमीरी या बेहतरी का दिखावा न करें.

उन के लिए कभीकभी सरप्राइज पार्टी का आयोजन करें.

बहस की नौबत आए तो उसे कभी बढ़ने न दें.

उन की मजबूरी समझें. अगर समय न दे पाएं दोस्त, तो उसे अकड़ू या घमंडी कह कर इग्नोर न करें.

हर बार दोस्तों को ही दोषी न ठहराएं अपनी गलती भी मानें.

एकदूसरे की पसंदनापसंद व भावनाओं और इच्छाओं का सम्मान करें.

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Diwali Special: फैस्टिवल का फायदा उठाएं प्रेमी को परिवार से मिलवाएं

पिछले 2 साल कैसे बीत गए पता ही नहीं चला. खुशी इतनी थी कि लगता था जैसे समय को पंख लग गए हों. न दिन की खबर, न रात को चैन. बात बहुत पुरानी नहीं है. साल 2012 में सियाली और अबीर का कुछ ऐसा ही हाल था. प्यार में दोनों दुनिया से बेखबर थे और प्यार की खुमारी का आलम यह था कि दोनों के दोस्त उन से कटने लगे थे. ऐसा होना लाजिम भी था, क्योंकि जब भी औफिस के आपाधापी के माहौल से कुछ फुरसत के लमहे मिलते, तो दोनों का फेसबुक स्टेटस बताता कि दोनों साथ में हैं, वहां किसी तीसरे की जगह नहीं. उन के प्यार की प्रगाढ़ता इतनी उफान पर थी कि दोनों ने तय किया कि अब जल्दी ही सामाजिक बंधन में बंधना है. 2 साल की अंतरंगता को सामाजिक स्वीकृति देने के लिए सियाली ने अबीर को अपने परिवार से मिलने को कहा, तो इस के लिए अबीर राजी हो गया. तयशुदा समय पर अबीर दीवाली की शाम सियाली के घर आया. अबीर के स्वभाव से सियाली वाकिफ थी, इसलिए उस के घर आने से पहले उस ने उस को अपने घर वालों के बारे में कुछ बताया नहीं था. ऐसा ही सियाली ने घर वालों के साथ भी किया था. घड़ी की सूइयां शाम के 6 बजा रही थीं. बेचैनी सियाली के घर वालों के हावभाव से साफ झलक रही थी. आलम यह था कि दीवाली की रौनक में दमकते घर के अलावा सियाली के मम्मीडैडी भी नए कपड़ों में चमक रहे थे. डोरबैल बजने पर दरवाजा खोलते ही अबीर कीचड़ से सने जूते पहने रंगोली बिखेरता हुआ आया और बिना किसी फौर्मैलिटी के सोफे पर पसर गया.

उधर सियाली के मातापिता ने यह किया कि उस दिन चायनाश्ता आते ही सामने वाले से पूछे बिना खुद लेना शुरू कर दिया. सियाली मन ही मन कुढ़ती रही, क्योंकि दोनों ओर से फर्स्ट इंप्रैशन का सत्यानाश हो गया था. माना कि मौका बेहतरीन था, लेकिन मौके की नजाकत कोई नहीं समझ पाया और रिश्ते की बात फैस्टिव मूड में भी किसी को खुशी नहीं दे पाई. यह कहानी अकसर कुछ परिवारों में घटित होती है यानी सोचा था कुछ और हो गया कुछ. इसे हलके में न लें. अगली बार अगर आप अपने प्रेमी के साथ बंधन में बंधने के लिए उसे घर पर इन्वाइट करें, तो दोनों पार्टीज को फुल ट्रेनिंग दें, ताकि दोनों का इंप्रैशन शानदार रहे. और तो और मौके को देखते हुए हम आप को बता दें कि मिलनेमिलाने का बेहतरीन समय है फैस्टिव सीजन. इस में खुशी व उमंग पौजिटिव रिस्पौंस की उम्मीद जगाएगी.

पहली ट्रेनिंग घर वालों की

आप के बौयफ्रैंड की आप के मातापिता के साथ पहली मीटिंग शानदार रहे, इस के लिए आप को होमवर्क करना होगा. माना कि मांबाप आप से ज्यादा समझदार हैं, लेकिन कई बार जल्दबाजी में जबान से निकले साधारण शब्द भी सामने वाले का दिल छलनी कर सकते हैं, उस की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं. आप ने अपने प्रेमी को घर वालों से मिलाने की ठान ली है, तो सब से पहले जरूरी है मौमडैड को प्रेमी के जीवन संबंधित पूर्ण जानकारी देना. इस का फायदा यह होगा कि मौमडैड के सवालों की बौछार हैरतअंगेज नहीं होगी और बिना डरे, सकुचाए व घबराए आत्मविश्वास के साथ प्रेमी जवाब दे पाएगा. ऐसे ही अगर वह हाल ही में विदेश हो कर आया है तो यह मौमडैड को बताएं जरूर ताकि उन का उस के बारे में पूछना उसे यह महसूस कराए कि आप उस में दिलचस्पी ले रहे हैं. आप अपने मौमडैड को पहले ही बता दें कि वे कुछ संवेदनशील मुद्दों को पहली ही मुलाकात में न खगालें. यह जवाबतलबी सामने वाले को बेइज्जती का एहसास कराएगी. मसलन, सुना है कि फलां नौकरी आप को छोड़नी पड़ी थी या आप के मातापिता का तलाक हो गया है आदि. खैर, इन सवालों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. आखिर उन के जिगर के टुकड़े की जिंदगी का मामला है. वे तफतीश जरूर करें लेकिन पहली मुलाकात पर नहीं.

अगर आप के प्रेमी को किसी चीज से ऐलर्जी है या वह सौ फीसदी शाकाहारी है तो इसे छिपाएं नहीं. हो सकता है कि डिनर टेबल पर आप के मौमडैड का चिकन विद पीनट सौस पेश करने का प्लान हो और ऐसा होना उसे नागवार गुजरे. प्रेमी की फूड चौइस जानने से सभी डिनर टेबल पर हलकीफुलकी बातों के साथ डिश का मजा ले पाएंगे. यानी यहां सहजता को तरजीह मिलेगी और एकदूसरे को बेहतर समझने का मौका.

दूसरी ट्रेनिंग प्रेमी की

आप ने अपने मातापिता को होमवर्क करा दिया ताकि आप के प्रेमी से उन की पहली मुलाकात जानदार रहे. अब बारी है प्रेमी को घर में आने से पूर्व समझाने की ताकि उस के तौरतरीके आप के मातापिता का दिल जीत लें. लेकिन इस के लिए अपने प्रेमी के सामने घर वालों की बुराइयों का चिट्ठा न खोलें. जैसे आप की मां की पिता से नहीं बनती या आप की लंबे समय से घर वालों से बातचीत बंद है आदि. इन बातों से सहानुभूति जरूर मिल जाएगी, लेकिन प्रेमी के सामने आप के घर के लोगों की छीछालेदर हो जाएगी, जो आने वाले समय में रिश्ते बिगाड़ने के लिए पर्याप्त है.

बताएं कुछ कौमन बातें

अधिकांश लोगों को वही लोग पसंद आते हैं जिन के शौक उन जैसे हों. इस मानसिकता को कैश करें. प्रेमी को घर पर आने से पहले दोनों के बीच जो कुछ भी कौमन हो उसे बताएं. इस का फायदा यह होगा कि आप के मातापिता और प्रेमी के बीच बातचीत का पुल बन जाएगा. नतीजतन दोनों पार्टी बातचीत शुरू कर पाएंगे. मसलन, यदि आप के प्रेमी को गार्डनिंग पसंद है और आप जानते हैं कि मातापिता का भी गार्डनिंग में मन रमता है, तो प्रेमी को यह कौमन बात जरूर बताएं. किसी के घर आने पर आप के घर वालों की क्या प्रतिक्रिया होती है, इस से आप बखूबी वाकिफ होंगी. आप भलीभांति जानती होंगी कि उन्हें आने वाले से हाथ मिलाना पसंद है या नहीं. किसी का भी स्वागत वे गले मिल कर करते हैं या गले मिलना उन्हें कतई पसंद नहीं. कोई हाथ जोड़ कर उन्हें नमस्ते करे तो यह तरीका उन्हें लुभाता है और कोई पांव छू कर उन का सम्मान करे तो वह शख्स तो गुड लिस्ट में शुमार हो जाता है. आप अपने प्रेमी को यह बात जरूर बताएं कि पहली मुलाकात में उस का कौन सा तरीका मौमडैड को पसंद आएगा, ताकि पहली मुलाकात में ही आप के प्रेमी का नाम नेगेटिव लोगों की लिस्ट में शुमार न हो जाए.

नियमकायदे से परिचय

हर घर के कुछ नियमकायदे होते हैं, जिन्हें घर के सभी सदस्य आंख मूंद कर अपनाते हैं. किसी से भी नियमों को अपनाने में चूक हो जाए, तो देखिए कैसे घर की शांति भंग होती है. इसलिए घर वालों से पहली मुलाकात से पहले अपने प्रेमी को अपने घर के कुछ नियमों से वाकिफ जरूर कराएं, ताकि उन नियमों का पालन प्रेमी के लिए आसान हो जाए. मसलन, आप के घर में प्रवेश से पहले जूते बाहर उतारे जाते हैं और किसी भी प्रकार की अश्लीलता व द्विअर्थी संवाद पसंद नहीं किए जाते. खाने की प्लेट में जूठन छोड़ना आप के मौमडैड को पसंद नहीं और आते ही उस पर टूट पड़ना भी.

अब आप की बारी

आप अपने घर वालों के हावभाव पढ़ लेती हैं. उन्हें क्या पसंद है और क्या नहीं सब से वाकिफ हैं, इसलिए अपने प्रेमी के आने पर हरदम उस के साथ रहें, ताकि वह सहज महसूस करे. याद रहे कि प्रेमी आप के घर में नया है, आप नहीं. ऐसी परिस्थिति में आप की जिम्मेदारी है कि आप प्रेमी को अपनत्व महसूस कराएं और अपने मौमडैड के सामने उस की तारीफ करें. तारीफ प्रेमी में आत्मविश्वास जगाएगी, साथ ही मौमडैड की गुड बुक में उस के शुमार होने की संभावना बढ़ जाएगी. अकेला छोड़ने से प्रेमी असहज तो महसूस करेगा ही बातचीत में अनकही बात भी उजागर हो सकती है. इस से बचने के लिए एक पल के लिए भी उस को अकेला न छोड़ें.

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