टेबल पर लग गया था. सभी हंसीमजाक करते हुए खाना खाने में व्यस्त हो गए. खाना खातेखाते ही तय हुआ कि कार्तिक और तनुजा कुछ घंटों के लिए बाहर जाएंगे आपस में बात करने के लिए. खाना खातेखाते कार्तिक ने सोच लिया था कि तनुजा को सबकुछ बता दे या फिर यह रिश्ता टूटे या बचे.
‘‘बेटा कार्तिक, शारदा मैम को भी साथ ले जाओ. शारदा मैम यहां की लोकल है,’’ कार्तिक की मम्मी दीपा बोली,
‘‘क्यों नहीं, मैं गाड़ी निकाल लेती हूं,’’ शारदा मैम बोली.
‘‘हम दोनों बाइक से चले जाएंगे,’’ कार्तिक बोला, ‘‘क्यों परेशान कर रही हो शारदा मैम को.’’
‘‘अरे कैसी परेशानी? चलो आ जाओ,’’ कह कर शारदा मैम बाहर चली गईं.
जब कार्तिक और तनुजा अपार्टमैंट के नीचे पहुंचे, तब तक शारदा मैम ड्राइविंग सीट पर जम गई थीं.
‘‘क्या चक्कर है कार्तिक?’’ तनुजा ने सवाल किया. कार्तिक कुछ कहता उस से पहले ही शारदा मैम चिल्लाई, ‘‘आओ गाड़ी में बैठो.’’
दोनों कार की पिछली सीट पर जा कर बैठ गए.
‘‘शादी हो रही है तुम दोनों की, शरमाते रहोगे क्या? बोलो कहां चलेंगे?’’ शारदा ने साइड मिरर से कार्तिक को देखा.
‘‘गेट वे औफ इंडिया?’’ शारदा मैम ने पूछा.
‘‘वहीं चलते हैं,’’ कार्तिक बोला.
समंदर की लहरों का शोर लोगों की भीड़, फेरी वालों की आवाजें आ रही थीं.
‘‘चलो आओ भी,’’ शारदा मैम गाड़ी पार्क कर के आ रही थीं. तभी शारदा मैम का मोबाइल बज उठा. वे ऐक्सक्यूज मी कहती हुई थोड़ी दूरी पर चली गईं.
उसी समय तनुजा के मोबाइल पर मैसेज की आवाज आने लगी. तनुजा ने देखा ढेर सारी पिक हैं. अभी लोड नहीं हो पा रही थीं.
‘‘क्या हुआ तनुजा?’’ कार्तिक ने पूछा.
‘‘कुछ नहीं नैट की प्रौब्लम है, कोई अननोन नंबर है,’’ तनुजा ने कहा.
‘‘बताओ तो. अरे यह तो शारदा मैम का नंबर है. सुबह ही तो लिया था उन्होंने तुम से,’’ कार्तिक बोला.
‘‘अरे हां, शायद मैं सेव नहीं कर पाई,’’ तनुजा बोली.
कार्तिक ने तनुजा के हाथ को अपने हाथों में ले लिया. तनुजा को अच्छा लगा, सुकून भरा स्पर्श. दोनो बैंच पर बैठ गए.
‘‘मुंबई कितना सुंदर है,’’ तनुजा ने गेट वे औफ इंडिया को निहारते हुए कहा.
‘‘हां वाकई बहुत सुंदर है,’’ कार्तिक बोला.
इसी बीच तनुजा के मोबाइल में पिक्स लोड हो गई थीं.
‘‘देखें शारदा मैम ने कैसी पिक्स ली हैं,’’ कहते हुए तनुजा ने मोबाइल कार्तिक के सामने कर दिया, ‘‘अरे यह क्या?’’ तनुजा बोली.
‘‘क्या हुआ?’’ कार्तिक घबरा गया.
‘‘तुम खुद ही देख लो,’’ तनुजा बोली.
कार्तिक ने देखा उस के और शारदा मैम की न्यूड पिक्स सब तनुजा के सामने थीं.
‘‘कार्तिक यह क्या है?’’ कह कर वह एकदम चुप हो गई. सामने से शारदा मैम को आते देख लिया था.
‘‘क्या बात है तनुजा? कोई प्रौब्लम?’’ शारदा मैम मुसकराईं.
‘‘अब क्या बचा है यह सब देखने के बाद,’’ तनुजा बोली.
‘‘क्यों? अच्छा, पिक्स जो भेजी तुम्हें.’’
‘‘हां, वही पिक्स, ये सब क्या है?’’ तनुजा की आवाज ऊंची होने लगी थी, ‘‘कार्तिक क्या है ये सब? तुम्हारा संबंध शारदा मैम से है पहले बता देते तो हम मुंबई नहीं आते.’’
कार्तिक की आंखों में आंसू आ गए, वह डर गया. फिर बोला, ‘‘ऐसा कुछ नही है तनुजा. विश्वास करो मेरा.’’
‘‘कार्तिक जो सच है वह बता दो,’’ शारदा मैम बोलीं.
‘‘कार्तिक, शारदा मैम तुम्हारी मां की उम्र की हैं, इन के साथ… अरे, इन के साथ…’’
‘‘तनुजा यह क्या बोल रही हो?’’ शारदा मैम बोली.
‘‘तो फिर ये क्या है सब?’’ तनुजा की आवाज गुस्से से कांप रही थी.
‘‘अरे बाबा, यह तुम को इसलिए बताया ताकि तुम्हें मुंबई का माहौल पता चल जाए,’’ शारदा मैम बोली.
‘‘मतलब?’’ तनुजा समझ नहीं पाई.
‘‘मतलब यहां खुला माहौल है, शादी के बाद तुम को पता चलता कि हमारे सैक्सुअल रिलेशन हैं तो तुम्हें बुरा लगता. इसलिए बता दिया.’’
‘‘ऐसा कुछ नहीं है. प्लीज, मेरा विश्वास करो,’’ कार्तिक रो पड़ा.
‘‘चलो मैं निकलती हूं. आप दोनों टैक्सी या लोकल से आ जाना. कोई काम आ गया है मुझे, दोनों को फ्री छोड़ कर जा रही हूं, बाय टेक केयर,’’ कह कर मुसकराती हुई शारदा मैम चल गईं.
शारदा मैम सोच रही थीं कि अब तो तनुजा शादी करने से रही. मजा आ गया. अब तक वे थोड़ीबहुत बात कर रहे थे. वह भी नहीं करेंगे. अपनी जीत पर खुश होते हुए वे घर आ गईं.
शारदा को अकेला देख कर कार्तिक की मम्मी और बाबूजी दोनों चौंक गए, ‘‘अरे आप अकेलीं? कार्तिकतनुजा कहां है?’’
‘‘अरे, बहनजी दोनों को थोड़ी देर अकेला भी रहने दो, मैं कहां बीच में रहती कबाब में हड्डी की तरह,’’ शारदा मैम बोलीं. वे सोच रही थीं, आते ही दोनों का रिश्ता टूटना तय है.
कुछ घंटे बाद कार्तिक, तनुजा दोनों एकदूसरे का हाथ थामे घर आ गए.
‘‘आ गए तुम दोनों?’’ दीपा बोली.
‘‘हां मम्मी आ गए हम दोनों,’’ तनुजा मुसकराई.
उस की मुसकराहट देख कर शारदा मैम जल गईं, उन की समझ में कुछ नहीं आया कि दोनों गेटवे औफ इंडिया पर तो झगड़ रहे थे. अब यह क्या हुआ?
‘‘क्या सोचने लगीं शारदा मैम?’’ कार्तिक बोला.
‘‘कुछ नहीं, कुछ नहीं,’’ कह कर शारदा मैम उठ कर जाने लगीं.
‘‘शारदा मैम अभी रुकिए न, थोड़ी देर.’’
‘‘नहीं, मैं चलती हूं, फिर आऊंगी,’’ शारदा मैम बोलीं.
‘‘आएंगी नहीं आप, जाएंगी सीधा जेल,’’ कहते हुए लेडीज पुलिस घर के अंदर आ गई.
पुलिस को देखते ही शारदा मैम घबरा गईं, ‘‘क्यों क्या हुआ? यह पुलिस?’’
‘‘क्या हुआ आप नहीं जानतीं? लेडीज इंस्पैक्टर ने शारदा मैम का हाथ पकड़ा और उसे ले जाने लगीं.
‘‘मगर मैं ने किया क्या है?’’ शारदा मैम एकदम घबरा गईं, डर से कांप उठीं.
‘‘तुम ने कार्तिक का यौन उत्पीड़न किया है, उसे ब्लैकमेल कर रही हो इतने समय से. कार्तिक ने रिपोर्ट लिखवाई है… सुबूत के तौर पर वीडियो दिए हैं.’’
शारदा मैम की शर्म के मारे आंखें नीची हो गईं. वे नजरें ऊंची नहीं कर पाईं.
‘‘शर्म आनी चाहिए तुम्हें,’’ लेडीज इंस्पैक्टर गुस्से से चिल्लाईं.
‘‘मुझे माफ कर दो प्लीज,’’ वे हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाने लगीं.
इंस्पेक्टर बोलीं, ‘‘वीडिओ डिलीट करो और जेल जाने के लिए तैयार रहो.’’
‘‘नहींनहीं प्लीज मुझे माफ कर दो,’’ शारदा मैम बोलीं.
इंस्पैक्टर बोलीं, ‘‘ऐसा करो लिखित में दो कि तुम ने इतने सालों से कार्तिक का यौन उत्पीड़न कर ब्लैकमेल किया है… माफी मांगो.’’
‘‘ठीक है पर फिर मुझे जेल तो नही भेजेंगे?’’ शारदा मैम बोलीं.
‘‘नहीं,’’ इंस्पैक्टर बोलीं.
कार्तिक तुंरत अंदर से एक कागज ले आया. शारदा मैम ने तुरंत ही सब
लिख दिया. फिर इंस्पैक्टर को कागज देती हुई बोलीं, ‘‘प्लीज मुझे गिरफ्तार न करें.’’
‘‘बिलकुल नही करेंगे,’’ इंसेक्टर बोलीं,
‘‘आप खुद अपनी गलती स्वीकारें इसलिए यह खेल खेला गया था. मैं कार्तिक के फ्रैंड की वाइफ हूं.’’
कार्तिक और तनुजा के मम्मीपापा की समझ में कुछ नहीं आ रहा था.
फिर तनुजा ने बताया, ‘‘शारदा मैम ने कार्तिक को घर बुलाया था. किसी काम से
जब आप लोनावाला गए थे. वहां झूठी धमकी दे कर जबरदस्ती कार्तिक के साथ सैक्सुअल रिलेशन बना लिए थे. उसी वीडियो से ये उसे ब्लैकमेल करती रही. पहला रिश्ता भी इसी ने तुड़वाया था,’’ तनुजा ने संक्षिप्त में समझया.
सब यह सुन कर आश्चर्य में थे कि बेटे की उम्र के लड़के के साथ?
‘‘मम्मी गंदे लोग कहीं भी हो सकते हैं,’’ तनुजा ने आगे बताया, ‘‘जब ये हमें छोड़ कर यहां आ गई थीं तब कार्तिक ने सब बताया और मैं ने विश्वास किया कार्तिक पर. फिर कार्तिक के फ्रैंड से मिल कर यह योजना बनाई.’’
‘‘प्लीज, तनुजा यह विश्वास बनाए रखना,’’ कार्तिक की आंखों में आंसू थे.
‘‘हम पुलिस वाला उपाय नहीं करते तो ये परेशान करती रहतीं. अपनी गलती नहीं मानतीं,’’ तनुजा बोली,
‘‘तनुजा तुम वाकई समझदार निकली. हम तो समझ ही नहीं पाए शारदा मैम को.’’
शारदा मैम शर्म के मारे भाग खड़ी हुईं.