मास्क पहनें, मगर प्यार से 

मास्क अभी हर किसी के जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है. क्योंकि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का एकमात्र साधन मास्क ही है. हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स अब किसी भी मरीज़ की जांच के लिए मास्क पहनने लगे है. ये पूरा विश्व कर रहा है. आम जनता को भी कही भी जाने पर आज मास्क पहनने के अलावा कोई चारा नहीं है. क्योंकि भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत कठिन है.

यह अब लाइफस्टाइल में शामिल होकर स्टाइल स्टेटमेंट बन चुका है. यही वजह है कि डिज़ाइनर्स आजकल पोशाक के साथ-साथ तरह-तरह के मास्क भी बना रहे है. इतना ही नहीं ज्वेलर्स भी रत्न और सेमी प्रिसीयस स्टोन्स के साथ अलग-अलग डिजाईन के मास्क बनाकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है.

इस बारें में स्ट्रेटेजिक मेडिकल एफेयर एड्रोइट बायोमेड लिमिटेड के डायरेक्टर डॉ.अनिश देसाई का कहना है कि इस समय मास्क पहनना जरुरी है. लेकिन सही मास्क का भी पहनना बहुत आवश्यक है. क्योंकि जब आप बाहर जा रहे है. तो घंटो मास्क पहनकर रहना पड़ता है. जिससे निम्न समस्या आ सकती है.

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  • टाइट मास्क से चेहरे की स्किन का डैमेज होना.
  • मास्क एरिया पर एक्ने का बढ़ना.
  • खासकर हेल्थ केयर से जुड़े लोगों को टाइट मास्क पहनना पड़ता है. ऐसे में मास्क वाले जगह पर लाल धारियों का उभरना. इरीटेशन होना. पिम्पल्स का बढ़ना. स्किन का डार्क हो जाना आदि होता है. क्योंकि इन स्थानों की चमड़ी नरम होती है और बार-बार मास्क के किनारों के रगड़ से उस स्थान पर इन्फ्लेमेशन होने लगता है. जिससे वहां की चमड़ी सेंसेटिव हो जाती है. सेंसरी नर्व्स एक्टिव हो जाते है. इसका अधिक प्रभाव सेंसेटिव स्किन पर पड़ता है. लोशन और क्रीम भी इसे कम करने में असमर्थ होता है.

डॉक्टर अनिश आगे कहते है कि असल में मास्क पहनने से त्वचा पर डायरेक्ट फ्रिक्शन होता है. जिससे इरीटेशन और इन्फ्लेमेशन का होना साधारण है. इसके अलावा मास्क अपने अंदर नमी. सेलाईवा. म्यूकस. आयल. गन्दगी और पसीने को बाहर आने से रोकती है. इससे माइल्ड से मॉडरेट एक्ने. स्क्ज़ेमा. आदि कई त्वचा सम्बंधित बिमारियां हो सकती है. सेंसेटिव त्वचा वाले व्यक्ति को फेसियल रेडनेस. रोजेसिया और स्केलिंग का सामना करना पड़ सकता है. ये अधिकतर उन व्यक्तियों को होता है. जिनकी स्किन अधिक सेंसेटिव हो या उनके आसपास नमी युक्त या अधिक शुष्क वातावरण हो. कुछ सुझाव निम्न है.

  • मास्क त्वचा को चोट पहुंचाए बिना. नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढकी हुई होनी चाहिए. लेकिन टाइट न हो.
  • चेहरे को मुलायम साबुन से दिन में दो बार धोने की कोशिश करें.
  • अगर आप हेल्थ केयर से जुड़े नहीं है. तो मास्क लम्बी अवधि के लिए पहनने से परहेज करें.
  • मास्क के गीले हो जाने पर इसे उतार कर दूसरा पहने.
  • अगर आपको अधिक समय तक मास्क पहननी है तो एक्स्ट्रा मास्क साथ में लें और यूस्ड मास्क को एक अलग प्लास्टिक बैग में जमाकर घर आने पर अच्छी तरह से धोकर सुखा लें.
  • कॉटन के फेस मास्क त्वचा के लिए अच्छा होता है. इसे निकालने के बाद गरम पानी और साबुन से धो लें.
  • मास्क उतारने के बाद हाइपोएलर्जेनिक मोयसस्चराइजर चेहरे पर लगाए. ऑइंटमेंट बेस्ड मोयास्चराइजर न लगायें. क्योंकि ये पसीने और आयल को अपने में समेटती है.
  • मास्क से स्किन इरीटेशन को कम करने के लिए नाक और सेंट्रल चीक के पास जहाँ नोजपीस होता है. वहां ठंडक पहुँचाने वाले क्रीम का प्रयोग करें.
  • त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए क्लींजिंग के बाद मोयास्चराइज करें. आयल फ्री मोयसस्चराइजर दिन में कई बार त्वचा की इन्फ्लेमेशन को कम करने के लिए प्रयोग करें.

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  • स्क्रब और एक्सफोलिएटर्स का प्रयोग इस समय चेहरे पर न करें.
  • पेट्रोलियम जेली या मुलायम क्रीम से त्वचा की ड्राईनेस को कम किया जा सकता है.
  • अगर ये सब करने के बाद भी कुछ समस्या आती है तो चर्मरोग विशेषज्ञ से तुरंत संपर्क कर दवा लें.
  • मास्क पहनने से पहले भूलकर भी हैवी मेकअप या फाउंडेशन न लगायें. क्योंकि इससे दाग धब्बे के अलावा एक्ने होने की संभावना बढ़ जाती है.

मानसून में घर को रखें सुरक्षित कुछ ऐसे

रिमझिम बारिश सबके लिए खुशियाँ लाती है, क्योंकि भीषण गर्मी से राहत मानसून ही दिलाती है, पर इस मौसम में नमी की अधिकता की वजह से घरों और आसपास के सामानों में जंग और फफूंद की समस्या बढ़ जाती है, जिसका उपाय कर लेने से इस मौसम का आनंद अच्छी तरह से लिया जा सकता है. मुंबई जैसे शहर में जहाँ मानसूनी बरसात लगातार कुछ दिनों तक बरसता रहता है. चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई पड़ता है. नदी तालाब सब उफान पर होते है, ऐसे में घर को मानसून की नमी से बचाने के लिए कुछ उपाय पहले से करना जरुरी होता है.

मसलन दीवारों से पानी की रिसाव को रोकना,  फर्नीचर के सामानों में फफूंद लगने से बचाना, घर की सतहों को गीलेपन से बचाना, कपड़ों को सही तरह से अलमारी में रखना, कमरों में फ्रेश सुगंध को फैलाना आदि कई है. इस बारें में गोदरेज लॉक्‍स एंड आर्किटेक्‍चरल फिटिंग्‍स एंड सिस्‍टम्‍स के बिजनेस हेड, श्री श्‍याम मोटवानी का कहना है कि बारिश में घरों को स्वच्छ और प्रदुषण रहित रखना हर किसी के लिए चुनौती होती है. लगातार की बारिश से नमी का प्रवेश घरों में होता रहता है,जिससे घर को बचाना आवश्यक है. खासकर इनदिनों जबकि पूरा देश कोरोना संक्रमण की वजह से घरों में कैद है. कुछ सुझाव निम्न है, 

1. बिजली के ढीले तारों को ठीक करना इस समय बहुत आवश्यक है, क्योंकि बारिश के दौरान ढीले तार  सुरक्षित हो सकते हैं, तेज हवा और भारी बारिश के कारण कई बार बिजली बंद भी करनी पड़ती है, क्योंकि गीले तार के चलते शॉर्ट सर्किट हो सकता है, घर या इमारत में आग लग सकती है, जान माल की क्षति हो सकती है, जो बेहद खतरनाक हो सकता है.

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2. दीवारों और छतों में लीक होने से बारिश का पानी दीवारों और छतों की दरारों से रिस कर अंदर आने लगती है, ऐसे में दीवारों में सड़न से बदबू, फफूंदी, दीवारों का कमजोर होना आदि की समस्या आती है, इसे हटाने के लिए फफूंदी को साफ़ कर ब्लीच और पानी के मिश्रण का घोल तैयार कर उन जगहों पर लगा दें, यह सफाई के अलावा कीटनाशक भी है और फिर से फफूंदी लगने से दीवारों को बचाता भी है, इससे बचने के लिए जलरोधी कोटिंग के साथ दीवार को पेंट करके इस तरह के लीकेज से बचा जा सकता है, ताजी हवा और प्राकृतिक प्रकाश को अंदर जाने के लिए खिड़कियां और दरवाजे बीच-बीच में खोलें, कमरों का रंग ब्राइट रखे ताकि आपका मन हमेशा प्रसन्न रहे, इसके अलावा बारिश के बाद छतों और दीवारों के लीक को जल्दी से ठीक करवाना न भूलें. 

3. बारिश में लोहे के सामानों पर जंग जल्दी लग जाता है, जिसमें तालों के रखरखाव पर अधिक ध्यान देनी पड़ती है. ताला ख़राब न हो इससे पहले उसकी देखभाल कर लेनी चाहिए, हर तीन महीने पर अपने घर के तालों को चेक कर लें कि वो ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं, यदि ताला ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो बाज़ार में मिलने वाले WD40 स्प्रे का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि इससे ताले के अंदरूनी हिस्से में जमा धूल को हटाने में मदद मिलती है, इसके अलावा ताले की सतह को साफ करने के लिए एक नरम कपड़े का उपयोग करनी चाहिए. 

4. ज्यादातर घरों में लकड़ी के फर्नीचर या चमड़े के समान होते है, नमी युक्त हवा होने की वजह से बारिश में इस पर फंगस आ जाती है, इसलिए इन सामानों को खिडकियों और दरवाजों से दूर रखे. सामानों को नमी से बचाने के लिए अलमारी में कपूर के गोलेनीम के पत्ते या लौंग डालें. नमी को दूर करने के लिए लकड़ी के फर्नीचर और चमड़े के सामनों पर पॉलिश या मोम का उपयोग भी कर सकती है, क्योंकि नमी के चलते कीड़े या दीमक भी लग सकते हैं। 

5. दरवाजों और खिड़कियों को सुरक्षित रखन भी इस मौसम में एक चुनौती है, क्योंकि हवा में नमी की मात्रा अधिक होने की वजह से लकड़ी के दरवाजे फूल सकते हैं, इन्‍हें फूलने से बचाने के लिए दरवाजे के किनारों पर तेल लगाएं, इसके अलावा दरवाजे का जो हिस्‍सा फूला हुआ है और बंद करते समय फंस रहा है, उस हिस्से पर सैंडपेपर का उपयोग करें, घरों की खिड़कियों को बारिश से अधिक खतरा होता है और यदि इसे ठीक नहीं रखा जाये, तो इससे पानी का रिसाव हो सकता है. यूपीवीसी (अनप्‍लास्टिसाइज्‍ड पॉलीविनाइल क्‍लोराइड भी कहा जाता है) से बने खिड़की के फ्रेम नमी प्रतिरोधी होता है, जिससे बारिश का पानी और नमी को अंदर आने से रोका जा सकता है. इसके अलावा खिड़की और दरवाजे के कब्जे ठीक से लगे है या नही इसकी भी जाँच करते रहना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सकें.

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6. मानसून के दौरान बाथरूम और किचन की नालियों को साफ़ रखना और ढके रहने की अत्यंत जरुरी है. सप्ताह में एक बार उन्हें साफ़ करने की कोशिश करें, भरे हुए नाली से दुर्गन्ध आती है और कीड़े-मकोड़े जन्म लेते है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, इसके लिए बाज़ार में मिलने वाले कई उत्पाद का प्रयोग करें, साथ ही फ्रेशनेस के लिए फिनायल की गोली नालियों के पास रखें. 

बेसन के इस्तेमाल से दूर करें ये 3 ब्यूटी प्रौब्लम

निखरी त्वचा पाने के लिए आप कई तरीके अपनाती हैं. लेकिन बेसन एक ऐसी चीज है, जो हर घर में इस्तेमाल होता है. कुछ लोग इसका इस्तेमाल फेस-वाश की तरह करते हैं तो कुछ फेस-मास्क के तौर पर.

त्वचा और बालों से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान के लिए आप बेसन का इस्तेमाल कर सकती हैं. अगर आपके चेहरे पर अनचाहे बाल हैं, धूप की वजह से आपको टैनिंग हो गई है या फिर आपके बाल रूखे हो गए हैं तो, आप भी बेसन का इस्तेमाल कर सकती हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसका कोई साइड-इफेक्ट नहीं है.

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  1. हेल्दी बाल

बेसन के पाउउर में बादाम, दही, और एक चम्मच औलिव औयल मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें. आप चाहें तो इसमें अंडा भी मिला सकती हैं. इस पेस्ट को बालों में लगाकर, कुछ देर के लिए छोड़ दें. इससे बाल सौफ्ट और सेहतमंद हो जाएंगे.

2. अनचाहे बालों से छुटकारा पाने के लिए

अगर आप अनचाहे बालों से परेशान हैं तो बेसन पाउडर में मेथी पाउडर मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें. इस पेस्ट को उन हिस्सों पर लगाएं जहां अनचाहे बाल हैं. जब ये पैक सूख जाए तो इसे बालों की ग्रोथ की उल्टी दिशा में हल्के हाथों से रगड़ कर छुड़ाएं. इसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें.

3. टैनिंग दूर करने के लिए

बेसन पाउडर में दही, नींबू का रस, चुटकीभर हल्दी मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें. इसे शरीर के प्रभावित हिस्सों में लगाएं. जब ये सूख जाए तो पानी से धो लें. उसके बाद मसाज करना न भूलें.

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Raksha Bandhan 2020: बरसते सावन में भी निखरता मेकअप

बचपन में एक बुढ़िया की कहानी सुनी थी जिस में उस गरीब औरत को अंधियारी बरसती रात में अपनी झोंपड़ी के बाहर बैठे शेर से ज्यादा बारिश के उस टपके का डर था जो उस की झोंपड़ी को भारी नुकसान पहुंचा सकता था.

आज के समय में घर पक्के हो गए हैं और जंगल सिमट गए हैं तो टपके और शेर का डर अब ज्यादा रहा नहीं, पर नए तरह के डर महिलाओं में घर कर गए हैं. मेकअप को ही ले लो. हाल यह है कि महिलाओं को किसी पार्टी में देर से पहुंचने का कोई गम नहीं होता है, पर अगर उन का मेकअप जरा सा बिगड़ जाए तो आफत आ जाती है. बारिश के रिमझिम मौसम में तो उन के मेकअप पर खराब होने की तलवार हमेशा लटकती रहती है.

फिलहाल दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है, पर धीरेधीरे जब हर जगह आवाजाही बढ़ने लगी है तो महिलाओं की मित्र मंडलियां भी जुड़ने लगी हैं. पर बारिश के मौसम में उन के सामने मेकअप के जल्दी खराब की समस्या आती है.

पर जब कोई समस्या आती है तो उस का हल भी निकल आता है. दिल्ली की नेहा सागर, जो प्रोफैशन से डाइटीशियन और मेकअप आर्टिस्ट हैं, ने बताया, “बारिश के मौसम में हमें वाटरप्रूफ मेकअप ही इस्तेमाल करना चाहिए. मेकअप करने से पहले और मेकअप हटाने के बाद स्किन को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए.”

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प्राइमर

नेहा सागर ने बताया, “मेकअप में फाउंडेशन का बड़ा खास रोल होता है और फाउंडेशन के लिए प्राइमर एक बहुत ही अहम प्रोडक्ट होता है जो फाउंडेशन से पहले लगाया जाता है. ये प्राइमर स्किनटोन के अनुरूप बाजार में मिलते हैं, लेकिन बरसात के दिनों में जैल बेस्ड प्राइमर को ही इस्तेमाल करें.”

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फाउंडेशन

“फाउंडेशन की बात की जाए तो बारिश के मौसम में कोशिश की जानी चाहिए कि वाटर बेस्ड फाउंडेशन की जगह वाटरप्रूफ या सिलिकौन बेस्ड फाउंडेशन ही यूज करें. ये हर तरह की स्किन के लिए सही रहते हैं.”

कौम्पैक्ट

“फिर नंबर आता है कौम्पैक्ट का. ड्राई स्किन पर कौम्पैक्ट अवौइड करना चाहिए. इस से आप की स्किन और ज्यादा ड्राई और फ्लैकी दिखेगी. पर औयली और कौम्बिनेशन स्किन पर फाउंडेशन सैट करने के लिए इसे जरूर यूज करें.”

ब्लशर

“ब्लशर के बिना मेकअप अधूरा होता है. ड्राई स्किन और कौम्बिनेशन स्किन पर क्रीमी या लिक्विड बेस्ड ब्लशर यूज कर सकते हैं लेकिन औयली स्किन के लिए सिर्फ पाउडर ब्लशर ही इस्तेमाल करें.”

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हाइलाइटर

नेहा सागर ने बताया, “दिन के समय हाइलाइटर को अवौयड करना चाहिए और रात को पाउडर हाइलाइटर का ही इस्तेमाल करना चाहिए.”

आईलाइनर

“मानसून में लिक्विड लाइनर का यूज न करें. जैल लाइनर ही सब से अच्छा औप्शन है. इसे काजल की जगह भी आंखों में नीचे लगाया जा सकता है. याद रखें कि बारिश के मौसम में सिर्फ वाटरप्रूफ मस्कारा ही यूज करें.”

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लिपस्टिक

लिपस्टिक के बारे में नेहा सागर ने बताया, “मानसून में मैट लिपस्टिक ही सही रहती है. लेकिन जिन के लिप्स बहुत ज्यादा ड्राई होते हैं वे सैमी मैट या क्रीमी मैट लिपस्टिक यूज कर सकती हैं.”

Raksha Bandhan 2020: प्रैगनैंसी में मेकअप के साइड इफैक्ट्स

खूबसूरत दिखने के लिए मेकअप करना जरूरी है, मगर प्रैगनैंसी यानी गर्भावस्था के दौरान मेकअप करने में कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है, क्योंकि इस समय आप को अपना सब से ज्यादा खयाल रखने की जरूरत होती है. इस समय आप किसी भी तरह का रिस्क नहीं ले सकती हैं. इस का कारण यह है कि ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने में कई ऐसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, जो आप की त्वचा से अंदर जा कर आप के पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती हैं.

प्रैगनैंसी के दौरान इन सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग करने से बचना चाहिए:

डियो या परफ्यूम: प्रैगनैंसी के दौरान ज्यादा खुशबू वाले प्रोडक्ट्स जैसेकि डियो, परफ्यूम, रूम फ्रैशनर आदि का इस्तेमाल कम करें या फिर करें ही नहीं. मार्केट में मौजूद ज्यादातर डियो में हानिकारक कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो त्वचा के अंदर प्रवेश कर आप या आप के होने वाले बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इन से शिशु के हारमोंस में गड़बड़ी पैदा हो सकती है.

लिपस्टिक: इस का इस्तेमाल अमूमन हर महिला और युवती करती है. लेकिन प्रैगनैंट महिला को लिपस्टिक लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह मां और होने वाले बच्चे दोनों के लिए बेहतर होगा. लिपस्टिक में लेड होता है, जो खानेपीने के दौरान शरीर के अंदर चला जाता है. शरीर में लेड भ्रूण के विकास में बाधा बन सकता है या उस में और कई परेशानियां पैदा कर सकता है. अत: इस के प्रयोग से बचें.

टैटू: टैटू आजकल युवा लड़केलड़कियों में काफी ट्रैंडी है. प्रैगनैंसी के समय या उस की प्लानिंग कर रही हैं, तो टैटू न गुदवाएं वरना वह आप के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि टैटू कई बार इन्फैक्शन का कारण भी बनता है. टैटू बनाने में प्रयोग किए जाने वाले कैमिकल्स भी त्वचा के लिए सुरक्षित नहीं माने जाते हैं. इसलिए इस दौरान टैटू बनवाने से परहेज करें.

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सनस्क्रीन मौइश्चराइजर: अमूमन महिलाएं सनस्क्रीन लगाए बिना बाहर नहीं निकलतीं, मगर प्रैगनैंट महिला इस का प्रयोग कम करे या हो सके तो बाहर निकलना कम कर दे.  ज्यादातर सनस्क्रीन में रैटिनील पामिटेट या विटामिन पामिटेट होता है. ये तत्त्व धूप के संपर्क में आने पर त्वचा से रिएक्शन करते हैं. लंबे समय तक इस्तेमाल करने से कैंसर का कारण भी बनते हैं. इसलिए गर्भावस्था के दौरान सनस्क्रीन के इस्तेमाल से पहले चैक कर लें कि आप जो सनस्क्रीन इस्तेमाल करने जा रही हैं उस में ये दोनों तत्त्व मौजूद तो नहीं हैं.

हेयर रिमूवर क्रीम: ऐसे तो अभी तक यह सिद्ध नहीं हुआ है कि प्रैगनैंसी के समय हेयर रिमूवर क्रीम इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए, पर यह ध्यान रखना जरूरी है कि इस में थियोग्लाइकोलिक ऐसिड पाया जाता है, जो गर्भावस्था में हानिकारक साबित हो सकता है. गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई तरह के हारमोंस परिवर्तन होते हैं, जिन के कारण कैमिकल युक्त हेयर रिमूविंग क्रीम का इस्तेमाल करने से त्वचा में ऐलर्जी भी हो सकती है और होने वाले बच्चे को भी नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए खुद की और होने वाले बच्चे की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस का इस्तेमाल न करें. इस की जगह किसी नैचुरल हेयर रिमूवर क्रीम का इस्तेमाल कर सकती हैं.

नेल केयर: प्रैगनैंसी के दौरान नेल प्रोडक्ट्स का प्रयोग भी न करें, क्योंकि इन के अंदर मौजूद जहरीले पदार्थ आप के होने वाले बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं. एक शोध में पाया गया है कि नेल केयर प्रोडक्ट्स के निर्माण से जुड़ी कंपनियों में काम करने वाली महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा. कई महिलाओं का भू्रण विकास धीमा रहा तो कुछ में जन्म के बाद भी बच्चे के विकास में धीमी गति पाई गई.

फेयरनैस क्रीम: अगर आप किसी भी फेयरनैस क्रीम का प्रयोग करती हैं, तो इस दौैरान इस के प्रयोग से बचें, क्योंकि इस का प्रयोग आप और होने वाले बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है. इस में हाइड्रोक्यूनोन नाम का एक कैमिकल मिलाया जाता है जो जन्म से पहले शिशु के ऊपर गलत प्रभाव डाल सकता है, इसलिए गोरा करने वाली क्रीम प्रैगनैंसी के दौरान बिलकुल यूज न करें.

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एक शोध के मुताबिक जो महिलाएं प्रैगनैंसी के दौरान बहुत अधिक मेकअप का इस्तेमाल करती हैं, उन में समय से पहले प्रसव होने की आशंका बढ़ जाती है यानी प्रीमैच्योर बेबी. इस के अलावा इस से शिशु के वजन और आकार पर भी असर पड़ता है.

हर घंटे हाथ धोने या सैनिटाइज करने से मेरी त्वचा ड्राई और बेजान हो रही है?

सवाल-

कोरोना वायरस से दूर रहना है तो हाथों को नियमित धोना और उन्हें लगातार सैनिटाइज करना बेहद जरूरी है, लेकिन हर घंटे हाथ धोने या सैनिटाइज करने से मेरी त्वचा ड्राई और बेजान हो रही है. मैं अपने हाथों की देखभाल कैसे करूं?

जवाब-

आप अपने हाथों की केयर के लिए मौइस्चराइजिंग वाले साबुन से हाथ धोएं या जैल युक्त सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकती हैं. हर बार हाथ धोने के बाद सामान्य मौइस्चराइजर या वैसलीन का इस्तेमाल करें. रूखी त्वचा और दरारों को ठीक करने के लिए हाथों पर बारबार नारियल तेल का इस्तेमाल करें. झाड़ूपोंछा, बरतन, कपड़े धोते समय जब आप डिटर्जैंट या डिस्इनफैक्टैंट का इस्तेमाल करती हैं तो ग्लब्स पहन कर रखें. अगर आप की त्वचा पर कट या हाथों पर ड्राई पैच बन गए हैं और मौइस्चराइजर के उपयोग से ठीक नहीं हो रहे हैं तो जल्दी अपने डर्मैटोलौजिस्ट से जल्दी संपर्क करें.

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लौकडाउन के दौरान घर का काम करते हुए हाथों और पैरों का इस्तेमाल सब से ज्यादा होता है. आजकल हमें ऐसे कई तरह के काम करने पड़ रहे हैं जो हाथों की त्वचा को सीधा नुकसान पहुंचाते हैं. जैसे कपड़े धोते समय तरहतरह के डिटर्जेंट का उपयोग करना पड़ता है. उन में केमिकल्स कंपोनेंट काफी हाई होता है. यही नहीं कपड़े धोते समय कभी गर्म तो कभी ठंडे पानी का इस्तेमाल होता है. यह सब हमारे हाथों के लिए काफी परेशानी पैदा करते हैं. त्वचा पर रैशेज या फिर इरिटेशन हो जाती है.

इसी तरह बर्तन धोते समय भी हम कई बार जूना, हार्ड स्पंज वाले स्क्रबर या ब्रश का प्रयोग करते हैं. बर्तन की सफाई के लिए लिक्विड सोप या गर्म पानी का इस्तेमाल करते हैं. इस से नाखूनों के साथसाथ हथेलियों की आगे और पीछे की त्वचा पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.

झाड़ूपोछा लगाते समय भी कई मसल्स ऐसे होते हैं जिन पर खास जोर पड़ता है. कुछ खास मूवमेंट्स ऐसे होते हैं जिन से हाथों की पर त्वचा ज्यादा प्रभावित हो सकती है. सब्जियां काटते समय जैसे, मूली कद्दूकस करने के बाद कुछ लोगों को हाथों में इरिटेशन जलन या खुजली की समस्या हो सकती है. इसी तरह किसी को प्याज काटने से तो किसी को करैला या कटहल काटने से भी प्रॉब्लम होती है.

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मास्क लगाने से चेहरे पर मुंहासे, दाने और स्किन की परेशानी बढ़ रही है?

सवाल-

मैं कोरोना वायरस से बचाव के लिए चेहरे पर मास्क लगाती हूं. मास्क लगा कर कोरोना से तो हिफाजत हो गई, लेकिन इस की वजह से चेहरे पर मुंहासे, दाने और स्किन की परेशानी बढ़ रही है. मैं अपनी फेस स्किन कैसे सेफ रख सकती हूं?

जवाब-

घंटों मास्क लगा कर काम करने से जहां स्किन में नमी, पसीना और गंदगी जमी रह जाती है, वहीं अगर आप बिना धोया हुआ मास्क यूज करती हैं तो इस वजह से फेस पर लाल रंग के निशान, पिंपल्स, स्वैलिंग, ऐक्ने जैसी दिक्कतें होने लगती हैं. इन सब परेशानियों से बचने के लिए दिनभर मास्क का इस्तेमाल करने के बाद मास्क को धो कर फिर यूज करें. मास्क धोने से उस में जमा पसीना धुल जाएगा.

फेस को नमी, पसीने से बचाने के लिए मास्क पहनने से पहले क्रीम की जगह आप ऐंटीइनफ्लैमेटरी मौइस्चराइजर लगाएं ताकि आप के फेस पर औयल और पसीना कम आए. अगर तेज धूप से बचने के लिए सनस्क्रीन लगा रही हैं तो वाटर बेस्ड सनस्क्रीन लगाएं, ताकि आप का पसीना और औयल कंट्रोल हो सके. मास्क उतारने के बाद सब से पहले फेस वाश करें.

अगर मास्क पहनने से आप के फेस पर मुंहासे हो गए हैं तो मास्क को उतारने के बाद फेस पैक लगाएं. इस के लिए 1 चम्मच मुलतानी मिट्टी, 1 चम्मच चंदन पाउडर, 1 चम्मच चंदन पाउडर और 1 चम्मच टमाटर का गूदे में 2 बूंद नीबू की डाल कर फेस पैक बन कर इसे चेहरे पर लगा कर छोड़ दें. सूखने पर पानी के साथ हलके हाथों से चेहरा वाश करें. इस पैक को लगाने से मुंहासों से छुटकारा मिलेगा.

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बेदाग़ चेहरा कौन नहीं चाहता .चाहे पुरुष हो या महिला कोई भी ये नहीं चाहता की उसके चेहरे पर दाग -धब्बो के निशान हो.चेहरे पर दाग धब्बे होना बहुत ही गंभीर समस्या है .दरअसल लोग हमे हमारे चेहरे से जानते हैं.और अगर हमारे चेहरे पर दाग धब्बों के निशान होंगे तो कही न कही हमारा सेल्फ कॉन्फिडेंस कम हो जायेगा.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- अगर आप भी है मुहांसों के जिद्दी दागों से परेशान तो अपनाये ये घरेलू टिप्स

रूखे और बेजान बालों के लिए हेयर स्पा ले सकती हूं?

सवाल-

मेरी उम्र 24 साल है. मेरे बाल रूखे और बेजान हैं. क्या मैं हेयर स्पा ले सकती हूं और यह कितने दिनों के गैप में लेना ठीक रहता है?

जवाब-

हां बालों के लिए हेयर स्पा सब से बढि़या उपाय है. इसे रैग्युलर हफ्ते में 1 बार करने से अच्छे नतीजे मिलते हैं. इस से फिर से बालों में चमक और नमी लाने में मदद मिलती है जो पौल्यूशन और सूखेपन के कारण खो जाती है. इस इलाज से आप बालों को शाइनी व सिल्की बना सकती हैं. हेयर स्पा में औयल मसाजिंग, शैंपू, हेयर मास्क और कंडीशनिंग शामिल होते हैं. स्पा में 45 मिनट से ले कर 1 घंटा तक लगता है. हेयर स्पा नैचुरल ट्रीटमैंट है. इस का कोई बुरा असर नहीं होता.

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अकसर देखा जाता है कि हम बालों के मुकाबले अपनी स्किन की ज्यादा केयर करते हैं. जबकि हर मौसम में बालों को भी खास केयर की जरूरत होती है वरना धीरे धीरे हमारे बाल बेजान होने लगते हैं. और फिर चाहे हमारा फेस कितना भी ग्लो क्यों न करे लेकिन फिर भी चेहरे पर वो बात नहीं आ पाती जो आनी चाहिए. ऐसे में ढेरों ऐसे इंग्रीडिएंट्स है , जो हमारे बालों व स्कैल्प को भी डीटोक्स करने में अहम रोल निभाते हैं. इनकी खास बात यह है कि ये केमिकल्स और प्रिज़र्वेटिव्स फ्री भी है. यानि बालों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते. और आप इन्हें घर में रखी चीजों से आसानी से बना भी सकती हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- बालों को कैसे करें डीटोक्स

मेरी शादी की बात चल रही है, क्या कौंटैक्ट लैंस की बात लड़के वालों को बताई जाए?

सवाल

मैं 23 वर्षीय युवती हूं. रिश्ते की बात चल रही थी. कई अच्छे प्रस्ताव इसलिए हाथ से निकल गए कि उन्हें चश्मा लगाने वाली बहू नहीं चाहिए. मैं ने अब कौंटैक्ट लैंस लगवा लिए हैं ताकि मेरे लिए उपयुक्त वर मिल सके.

1-2 जगह रिश्ते की बात चल भी रही है. क्या उन्हें कौंटैक्ट लैंस की बात बताई जाए? घर में काफी तनातनी चल रही है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब
कौंटैक्ट लैंस चश्मे का बेहतर विकल्प है और यह कोई ऐब नहीं है. शादी से पहले दोनों पक्षों की ओर से पारदर्शिता बरतना जरूरी होता है. यदि आप के घर वाले नहीं चाहते कि लड़के वालों से इस का जिक्र किया जाए तो आप अकेले में लड़के से बात कर सकती हैं.

लड़का समझदार हुआ तो आप की साफगोई का कायल हो जाएगा और शादी के बाद आप को मलाल नहीं होगा कि आप ने उन्हें सचाई से रूबरू नहीं कराया.

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जिस्म का हर अंग बेहद अहम है, लेकिन आंखों से ज्यादा अहम दूसरा अंग नहीं होता. आप के आंखों की रोशनी सही है, देखने में कोई दिक्कत नहीं है तो आप को इस बात की फिक्र नहीं होगी कि आंखों पर कोई आंच आ सकती है. यह और बात है कि उम्र बढ़ने के साथ आंखों की रोशनी आज जैसी मजबूत नहीं रहेगी.

आंखों के सिलसिले में आंख खोलने वाली बात यह है कि आंख से जुड़ी बीमारियों के अलावा भी कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जो आंखों की रोशनी को इतना ज्यादा प्रभावित कर सकती हैं कि इंसान अंधेपन के करीब पहुंच जाए.

विशेषज्ञ डाक्टरों का कहना है कि ऐसी कई बीमारियां हैं जो आंखों से जुड़ीं नहीं होती हैं लेकिन वे आंखों की रोशनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं. वे कहते हैं कि डायबिटीज और हाइपरटेनसिव रेटिनोपैथी, तम्बाकू और अल्कोहल एम्ब्लौयोपिया, स्टेरौयड का इस्तेमाल और ट्रामा इंसान को अंधा बना सकते हैं और लोगों को इस का पता बहुत देर से चलता है.

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फेस हेयर हटाने के लिए लेजर ट्रीटमेंट सही है या नही?

सवाल-

मेरे चेहरे पर बहुत ज्यादा बाल हैं. मैं लेजर ट्रीटमैंट कराना चाहती हूं. इस से कोई नुकसान तो नहीं होता है?

जवाब-

शरीर के अनचाहे बालों को हटाने के लिए लेजर ट्रीटमैंट का इस्तेमाल किया जाता है. इस ट्रीटमैंट के लिए इंटेंस पल्स्ड लेजर और इंटेंस पल्स्ड डाइऔक्साइड लेजर का इस्तेमाल किया जाता है. लेजर का चुनाव अलगअलग लोगों के लिए अलगअलग होता है. डाक्टर लेजर के जरीए अनचाहे बालों के फौलिकल्स को नष्ट कर देते हैं. लेजर हेयर रिमूवल में पिगमैंट नष्ट किया जाता है. लेजर हेयर रिमूवल के दौरान और बाद में खुजली जैसी परेशानी आ सकती है.

कभीकभी लेजर वाला हिस्सा जल भी जाता है. मगर यह जल्दी ठीक हो जाता है. किसीकिसी को हाइपरपिगमैंट की परेशानी आ सकती है, क्योंकि लेजर पिगमैंट को जलाती है. इस से स्किन का रंग अलगअलग हो सकता है. लेजर पसीने वाली ग्रंथियों पर भी, असर डाल सकती है.

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चेहरे पर अत्यधिक बाल होना कुछ महिलाओं के लिए बहुत बड़ी समस्या होती है. कुछ पार्लर इस से छुटकारा पाने के लिए वैक्सिंग कराने की सलाह देते हैं परंतु विशेषज्ञों का मानना है कि चेहरे पर वैक्सिंग कराना नुकसानदायक हो सकता है. चेहरे की स्किन बहुत मुलायम होती है तथा इसे कराने से समय से पहले झुर्रियां पड़ सकती हैं. यदि बाल मोटे हैं तो लेजर हेयर रिमूवल सर्वश्रेष्ठ विकल्प है. आप ब्लीचिंग का विकल्प भी चुन सकती हैं. वैक्सिंग से हेयर फॉलिकल्स को बहुत नुकसान पहुंचता है जिससे संक्रमण और सूजन हो सकती है. इसके कारण दाग भी पड़ सकते हैं, जिनका उपचार करना कठिन होता है.

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