नाखून चबाने की आदत है तो जरूर पढ़ें ये खबर

बहुत से लोगों को नाखून चबाने की बुरी लत होती है. कुछ लोग खाली वक्त में तो कुछ जब टेंशन में होते हैं नाखून खाते हैं. पर क्या आपको पता है कि इससे आपका कितना नुकसान होता है? ये गंदी आदत सेहत के लिए बहुत खतरनाक होती है. डाक्टरों और जानकारों की माने तो जिन लोगों को ये आदत है उन्हें कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.

इस खबर में हम आपको नाखून चबाने से होने वाले स्वास्थ हानियों के बारे में बताएंगे.

खराब होते हैं नाखून

उंगली के नीचे की एक परत होती है जिसे हम मैट्रिक्स कहते हैं. हमेशा नाखून चबाने से ये परत पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है. आगे चलकर इनसे इनग्रोन नेल्स जैसी समस्याएं हो जाती है.

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फैलता है इंफेक्शन

नाखून चबाने वक्त नाखून में मौजूद बैक्टीरिया आपके मुंह में चली जाती हैं. इससे आपके पेट में इंफेक्शन फैलने का खतरा होता है. इससे पैरोनशिया नामक इन्फेक्शन हो जाता है जिसमें सूजन, दर्द, रेडनेस और पस से भरे हुई गांठे पड़ जाती हैं.

हो सकता है जिन्जवाइटिस

नाखून काटने की वजह से दांतों की जड़ों में मौजूद सौकेट्स खराब हो जाते हैं, जिस वजह से आपके दांत टेढ़े हो जाते हैं. अमेरिका में हुए एक अध्ययनके अनुसार बार बार नाखून काटने की आदत की वजह से आपको जिन्जवाइटिस (gingivitis) जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

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खराब हो सकती हैं उंगलियां

हमेशा नाखून चबाने से आपकी उंगलियां खराब हो सकती हैं. आपके मुंह से निकलने वाले लार में मौजूद रसायन आपकी उमगलियों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. इससे आपकी उंगली की त्वचा में खुरचन के निशान आते हैं और ये देखने में काफी घिनौनी होती हैं.

 

प्रेग्नेंसी के अलावा पीरियड्स ना आने के हैं ये 4 कारण

हर महीने में 3-4 दिन हर लड़की के लिए मुश्किल भरा होता है. पीरियड्स में ना सिर्फ महिलाओं के आम दिनचर्या को प्रभावित करते हैं, बल्कि इस दौरान होने वाला दर्द उन्हें सबसे अधिक परेशान करता है. अगर पीरियड्स समय पर ना आए तो महिलाएं परेशान हो उठती हैं. आमतौर पर धारणा है कि प्रेग्नेंसी के वक्त ही पीरियड्स मिस होते हैं पर इस खबर में हम आपको ऐसे तमाम कारणों के बारे में बताएंगे जिससे महिलाओं के पीरियड्स मिस होते हैं या देरी से आते हैं.

तो आइए शुरू करें.

शरीर का कम वजन

अगर आपका वजन कम है तो आपका पीरियड साइकल प्रभावित होता है. कम वजन से आपका पीरियड में अनियमितताएं आती हैं.

तनाव

तनाव महिलाओं के पीरियड्स को बुरी तरह से प्रभावित होता है. अधिक तनाव आपके हार्मोंस को बुरी तरह से प्रभावित करता है. इस कारण कई बार पीरियड्स में देरी हो जाती है.

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पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम

आजकल की जैसी जीवनशैली हो चुकी है, महिलाओं में पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) की समस्या आम हो गई है. इस बीमरी के कारण महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की शिकायत हो रही है. ना सिर्फ पीरियड्स बल्कि इस बीमारी के कारण महिलाओं में वजन बढ़ने, बाल झड़ने, चेहरे पर दाग:धब्बे जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है.

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अधिक एक्सरसाइज

एक्सरसाइज शरीर के लिए बेहद जरूरी है. इससे हमारी सेहत पर काफी सकारात्मक असर पड़ता है. पर अत्यधिक एक्सरसाइज आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसका सीधा असर आपके हार्मोंस पर पड़ता है, और आपके पीरियड्स ठीक समय पर नहीं आते हैं.

गाय का दूध हो सकता है आपके लिए ‘बहुत खतरनाक’

गाय के दूध को लेकर लोगों के मन में धारणा है कि वो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. हड्डियों के लिए दूर काफी फायदेमंद होता है. ये कैल्शियम का प्रमुख स्रोत है. पर इस खबर में हम आपको कुछ ऐसा बताने वाले हैं जो आपकी इस धारणा को बदल कर रख देगी. हम आपको बताएंगे कि दूध पीने से क्या नुकसान होते हैं.

कैल्शियम का प्रमुख स्रोत है दूध

केवल दूध ही कैल्शियम का प्रमुख स्रोत नहीं है. कैल्शियम फल, मेवे, हरी पत्ते्दार सब्जि यां, बींस और अनाजों से भी प्राप्त  हो सकता है.

धारणा है कि मजबूत होती हैं हड्डियां

लोगों का मानना है कि गाय का दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं. हम आपको बता दें कि ये धारणा बिल्कुल गलत है. जानकारों की माने तो अधिक मात्रा में दूध पीने से कुल्हों के टूटने का खतरा रहता है.

होते हैं त्वचा पर दाग धब्बे

ज्यादा दूध पीने वालों को त्वचा पर दाग, धब्बों की शिकायतें आती है. इससे अक्सर लोगों में एक्जिामा और अन्य  तव्चा संबंधी बीमारियां होती हैं. इन परेशानियों से दूर रहना है तो अपनी डाइट से दूध को हटा दें.

होती हैं पेट की बीमारियां

बहुत से लोगों को दूध पीने से पेट की परेशानियां होती हैं. ऐसा इसलिये होता है क्यों कि उन्हें  लैक्टोसज इंटौलरेंस होता है. ऐसे में अगर आप दूध पीना बंद कर देंगे तो आपका पेट हमेशा अच्छा रहेगा.

तेजी से बढ़ता है वजन

दूध में प्रचूर मात्रा में कैलोरीज होती हैं. अगर आप नियमित रूप से दूध पीते हैं तो पका वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है. ऐसे में आप लोफैट मिल्क पी सकती हैं. इसमें केवल 2 फीसदी कैलोरी होती है.

 

गरमी में नींबू पानी पीने के हैं ये 6 फायदे

नींबू कई रोग और शारीरिक परेशानियों में काफी लाभकारी होता है. अगर आप प्रतिदिन एक गिलास नींबू पानी का सेवन करते हैं तो छोटी-मोटी बीमारियों से हमेशा दूर रहेंगे. लोग अक्‍सर नींबू पानी को मोटापा घटाने के लिए रामबाण मानते हैं. चूंकि नींबू में विटामिन सी होता है जो शरीर को रोगमुक्‍त रखने में सहायक होता है. आइए जानते हैं किन किन रोगों से बचने के लिए आपको नींबू का सेवन करना चाहिए:

1 किडनी में पथरी

किडनी में पथरी का होना काफी परेशान करता है. अगर किसी को स्टोन की परेशानी हो तो नींबू पानी उसके लिए काफी फायदेमंद होगी. दरअसल, नींबू पानी में प्राकृतिक साइट्रेट होता है जो स्‍टोन को तोड़ देता है या उसे बनने से रोकता है.

2 मांसपेशियों में दर्द

जिन लोगों को हमेशा मांसपेशियों में दर्द की शिकायत रहती है उनके लिए नींबू पानी काफी लाभकारी होता है. नींबू पानी शरीर में लैक्टिक के गठन को कम कर देता है और शरीर की क्रियाविधि अच्‍छी हो जाती है.

3 पेट सम्‍बंधी विकार

अगर किसी व्‍यक्ति को पेट सम्‍बंधी कोई भी विकार है तो उसे नींबू पानी का सेवन करना चाहिए. गैस, कब्‍ज, कुपाचन आदि समस्‍याएं चुटकी में हल हो जाएगी.

4 भूख बढ़ाने के लिए

नींबू पानी के सेवन से भूख अच्छी लगती है. जिन लोगों को भूख ना लगने की समस्या है उन्हें नींबू पानी का सेवन करना चाहिए, उनकी समस्‍या दूर हो जाएगी.

5 मुंहासे

जिन लोगों को मुंहासे की परेशानी है, उन्‍हें नींबू पानी का सेवन करना चाहिए. इससे उनके शरीर में मुंहासे के लिए जिम्मेदार बैक्‍टीरिया मर जाएंगे और त्‍वचा भी चमकदार हो जाएगी. साथ ही चेहरे से तेल भी निकल जाता है.

6 इम्‍यून सिस्‍टम मजबूत बनाना

जिन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होता है उन्‍हें प्रतिदिन नींबू पानी का सेवन करना चाहिए. इससे उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होगी.

कितना भी दर्द हो, किचन की ये 8 चीजें दूर करेंगी दर्द

शरीर में चाहे कैसा भी दर्द हो, निजात पाने के लिए हम तुरंत किसी पेन किलर की ओर भागते हैं. ये पेन किलर हमारे दिल के लिए, लिवर और गुर्दे के लिए काफी हानिकारक होते हैं. हमारी सेहत पर इनका नकारात्मक असर होता है.

किसी अंग्रेजी दवाई से बेहतर आप प्राकृतिक उपाय, या कहें कि घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करें. इस खबर में हम आपको कुछ ऐसे ही घरेलू नुस्खों के बारे में बताएंगे जिनका इस्तेमाल आप पेन किलर के तौर पर कर सकेंगे. सबसे अच्छी बात कि इनका सेहत पर किसी भी तरह का नकारात्मक असर नहीं होता.

1 सेंधा नमक

सेंधा नमक भी दर्द कम करने में बेहद कारगर होता है. इसमें थेरेपी वाले गुण होते हैं. किसी भी तरह के दर्द में सेंधा नमक को पानी में मिला कर नहाएं. ये आपके त्वचा से हो कर मांसपेशियों तक पहुंच कर आराम देता है.

2 पुदीना

पुदीने में भी थेरेपी के गुण होते हैं. ये मांसपेशियों की परेशानी में राहत दिलाते हैं. सिरदर्द, दांतों के दर्द और नसों में दर्द में ये काफी असरदार है. मांसपेशियों को और नसों को क्रैंप में भी ये काफी फायदेमंद होता है. अपच और मानसिक शांति के लिए पुदीने की कुछ पत्तियों को चबाएं.

3 लहसुन

लहसुन ऐंटीबैक्‍टीरियल, ऐंटीफंगल और ऐंटीवायरल गुणों से युक्‍त होता है. कान के संक्रमण, आंत परजीवी और अर्थराइटिस के दर्द से राहत दिलाता है. लहसुन को कच्चा चबाने में बेहद फायदेमंद है. मांसपेशियों या जोड़ों के दर्द में गर्म लहसुन का तेल से मालिश करने से बहुत आराम मिलता है.

4 कौफी

कौफी में कैफीन होता है जो सिरदर्द, मासंपेशियों में दर्द और दर्द की सनसनाहट से राहत दिलाता है. कैफीन दर्द निवारक दवाओं से भी तेजी से काम करता है. जानकारों का मानना है कि कौफी किसी भी तरह के दर्द में तेजी से असर करता है और आपको आराम देता है.

5 औलिव औयल

औलिव औयल में ऐंटी इंफ्लामेट्री गुण होते हैं. एक्‍स्‍ट्रा वर्जिन औलिव औयलमें इबुप्रोफेन होता है जोकि दर्द दूर करता है. सलाद या किसी अन्‍य डिश पर औलिव औयल की ड्रेसिंग कर सकते हैं.

6 हल्‍दी

किसी भी तरह के चोट या बीमारी में हल्दी प्रमुखता से उपयोग किया जाता है. मांसपेशियों के दर्द से लिए सभी प्रकार के दर्द में ये काफी असरदार होता है. हल्दी में ऐंटी इंफ्लामेट्री यौगिक होते हैं, जो मांसपेशियों या जोड़ों के दर्द में काफी असरदार होते हैं.

7 अदरक

अदरक भी ऐंटी इंफ्लामेट्री यौगिक के कारण दर्द में काफी कारगर होता है. किसी भी तरह के सूजन में, पेट दर्द, छाती, अर्थराइटिस और माहवारी के दौरान होने वाली परेशानियों में ये काफी कारगर होता है.

अदरक उपरी संक्रमण, खांसी, जुकाम, गले की खराश जैसी समस्याओं का मारक उपाय है. जानकारों की मानें तो अदरक की चाय से माइग्रेन से तुरंत आराम मिलता है और अदरक को चबाने से गैस की समस्‍या भी ठीक हो जाती है. मांसपेशियों के दर्द और सूजन में अदरक की सिकाई करें.

8 लौंग

लौंग में ऐंटी इंफ्लामेट्री के साथ ऐंटीऔक्‍सीडेंट और ऐंटीबैक्‍टीरियल यौगिक होते हैं. दांत या मुंह में होने वाली समस्याओं में लौंग बेहद असरदार होता है. ये एक प्राकृतिक पेन किलर है. मितली में, सर्दी, सिर दर्द और अर्थराइटिक में ये काफी फायदेमंद होता है. अगर आपके दांत में दर्द है तो 1 लौंग पीसकर उसमें औलिव औयल डालकर दांतों पर लगाएं. मुंह की बदबू से बचने और दांतों के दर्द से राहत पाने के लिए लौंग को चबा भी सकते हैं.

इंटरनेट के अत्याधिक इस्तेमाल से बढ़ रहा डिप्रेशन का खतरा

इंटरनेट आज लोगों की जरूरत बन चुकी है. एक ओर जहां इससे बहुत से फायदे होते हैं, वहीं हमारी मानसिक सेहत पर इसका काफी बुरा असर हो रहा है. हाल ही में हुए एक अध्ययन में पहली बार दावा किया गया कि इसकी वजह से किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

एक निजी समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार पहले के अध्ययनों में यह पता नहीं लगाया जा सका था कि इंटरनेट पर कितने घंटे काम करने से अवसाद का खतरा पैदा हो सकता है.

चीन में 15 वर्ष आयुवर्ग वाले 1,000 किशोरों पर अवसाद और चिंता का अध्ययन किया गया. अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि इंटरनेट की लत का शिकार बन चुके किशोरों में अवसाद करीब ढाई गुना ज्यादा खतरा रहता है.

औस्ट्रेलिया में सिडनी के स्कूल औफ मेडिसिन के लॉरेंस लाम और चीन में शिक्षा मंत्रालय के जी-वेन पेंग व गुआंगजोउ विश्वविद्यालय के सन यात-सेन ने इस अध्ययन का संचालन किया.

करीब छह फीसदी या 62 किशोरों को ऐसी श्रेणी में रखा गया जो इंटरनेट के उपयोग के चलते मामूली रूप से प्रभावित हैं जबकि 0.2 फीसदी या दो किशोरों में इससे गंभीर खतरा देखा गया.

नौ महीने बाद इनमें अवसाद और चिंता का दोबारा परीक्षण किया गया. आठ फीसदी से ज्यादा या 87 किशोर अवसाद की चपेट में आ गए थे.

लाम ने कहा, “इस निष्कर्ष से साफ है कि ऐसे किशोर जिन्हे मानसिक रूप से कोई शिकायत नहीं है, यदि इंटरनेट की लत का शिकार हो जाते हैं तो उनमें बाद में ये समस्याएं पैदा हो सकती हैं.”

प्रेग्नेंसी में नहीं आती है नींद? आजमाएं तुरंत असर करने वाली ये 6 आसान टिप्स

प्रेग्नेंसी का वक्त महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. इस दौरान महिलाओं को अधिक देखभाल की जरूरत होती है. इसके अलावा उन्हें अच्छी डाइट की जरूरत होती है ताकि जच्चा और बच्चा दोनों की सेहत पर किसी तरह का बुरा असर ना पड़े. इन्ही सारी जरूरी चीजों में अच्छी और पूरी नींद भी शामिल है.

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में ऐसे कई बदलाव होते हैं जो उनकी सेहत पर असर डालते हैं. इस दौरान महिलाओं के हार्मोन्स में भी बहुत से बदलाव होते हैं जो उनकी दिनचर्या पर बुरा असर डालते हैं. इन बदलावों का नतीजा है कि कई बार गर्भवती महिलाओं को घबराहट महसूस होती है. ऐसे में उन्हें नींद नहीं आती, जिसका सीधा असर उनके बच्चे पर भी होता है.

ऐसे में हम आपको कुछ टिप्स बताने वाले हैं, जिसे फौलो कर के प्रेग्नेंट महिलाएं सुकून की नींद ले सकेंगी.

  • सोने से पहले हल्का म्यूजिक सुने. इससे मन शांत रहता है और अच्छी नींद आती है.
  • प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने से कमर के बल ज्यादा देर तक ना सोएं. थोड़ी थोड़ी देर में करवट बदलते रहें. कोशिश करें कि अधिक समय बाईं करवट सोएं. इस तरह से सोने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है.
  • दिन भर हल्का ही सही, पर कुछ ना कुछ खाते रहें. खाली पेट रहने से जी मिचलता है.
  • सोने से पहले गुनगुने पानी से नहाएं. ऐसा करने से शरीर की थकान दूर होती है और आपको अच्छी नींद आएगी.
  • रात में हल्के खाने का सेवन करें. एसिडिटी और अपच की समस्या से बचने के लिए मसालेदार और तली हुई चीजों का सेवन ना करें.
  • हेल्दी रहने के लिए हल्के एक्सरसाइजेज करते रहें. इससे आपके पैर दर्द और ऐंठन कम होगी.

ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए अखरोट खाएं

सेहते के लिए खरोट काफी फायदेमंद होता है. इसमें कई स्वास्थवर्धक गुण होते हैं. पर क्या आपको पता है कि महिलाओं में तेजी से पाए जा रहे ब्रेस्ट कैंसर में भी अखरोट काफी लाभकारी होता है. हाल ही में सामने आई एक स्टडी में ये बात स्पष्ट हुई कि अखरोट का सेवन कर के ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है.

क्या कहती है स्टडी

न्यूट्रिशन रिसर्च जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में दावा किया गया है कि दो हफ्तों तक रोजाना 56 ग्राम अखरोट का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं की जींस में बदलाव आते हैं. शोध में शामिल एक जानकार की माने तो अखरोट का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर की ग्रोथ को रोका जाना संभव है.

शोधार्थियों के अनुसार अखरोट के सेवन से पैथोलॉजिकल रूप से पुष्टि की गई स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की जीन में बदलाव होता है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर की ग्रोथ और इसके खतरे को कम किया जा सकता है.

कैसे पहुंचे इस नतीजे पर

स्टडी के दौरान ऐसी महिलाओं को शामिल किया गया जिनकी ब्रेस्ट में गांठ है. इन महिलाओं की पहली बायोप्सी के 2 हफ्ते बाद अगली सर्जरी तक रोजाना लगभग 56 ग्राम अखरोट खाने के लिए कहा गया. इसके 2 हफ्ते बाद महिलाओं की दोबारा जांच की गई तो स्थिति में बेहतरी देखी गई.

इसके बाद पैथोलौजी स्टडी में ये बात सामने आई कि ब्रेस्ट में होने वाली गांठ कैंसर की ही थी. बायोप्सी के 2 सप्ताह बाद ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं की दोबारा जांच की गई. इस पूरी जांच के आधार पर जानकारों ने माना कि अखरोट खाने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना कम हो सकती है. हालांकि जानकारों ने ये भी माना कि इस क्षेत्र में अभी बड़े पैमाने पर स्टडी की जरूरत है, जिससे पता लगे कि अखरोट खाने से क्या वाकई ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है या इसे दोबारा होने से रोक देता है.

सुबह का नाश्ता तन और मन रखे स्वस्थ

सेहतमंद रहने के लिए सुबह का नाश्ता बहुत जरूरी है. इस पर आप की दिनभर की दिनचर्या निर्भर करती है. आप दिनभर ऊर्जावान बने रहते हैं. जानकारों का मानना है कि सुबह का पौष्टिक नाश्ता आप को अपने कामकाज को अच्छी तरह से करने के लिए भरपूर ऊर्जा देता है. आप का नाश्ता कितना पौष्टिक होना चाहिए और इस के फायदे क्या हैं, आइए जानें :

सुबह का पौष्टिक और अच्छा नाश्ता करने से स्वास्थ्य लाभ होता है. यदि आप अपने स्वास्थ्य को ले कर गंभीर हैं और तंदुरुस्त रहना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप नियमित रूप से नाश्ता करें. इस में बिलकुल भी लापरवाही न बरतें.

फलों का नियमित सेवन करें

सुबह के नाश्ते में आप अपने मनपसंद फलों का सेवन कर सकते हैं. कुछ फलों जिन में, केला, अनार, संतरा, सेव आदि काफी लाभदायक हैं और इच्छानुसार इन का जूस या फिर इन्हें साबुत भी खा सकते हैं. वैसे फलों का बजाय जूस निकालने के साबुत खाना ज्यादा फायदेमंद रहता है, क्योंकि इस में आप को पर्याप्त फाइबर मिलता है जो शरीर के लिए बहुत जरूरी है.

अंडे का सैंडविच

अंडे का सेवन सुबह के नाश्ते में काफी जरूरी है. इस से आप का स्टेमिना बढ़ता है. अंडे में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है जो शरीर को भरपूर ऊर्जा देता है. यह मसल्स को मजबूत करता है. इसलिए नाश्ते में अंडे का सैंडविच काफी फायदेमंद होता है. सैंडविच के लिए आप उबले अंडे को बारीकबारीक टुकड़ों में काट लें और ब्राउन ब्रेड के पीस फ्राइपेन में गरम कर उन में अंडे के टुकड़ों को रखें इस के बाद ऊपर से हलका सा नमक बुरक दें. इस के ऊपर आधा चम्मच शहद लगा कर भी खाया जा सकता है. आप चाहें तो थोड़ी सी मियोनीज भी इस में मिला सकते हैं. यह खाने में काफी स्वादिष्ठ और पौष्टिक होता है.

जैमपीनट बटर के साथ ब्रैड

कई बार सुबह आप इतनी जल्दी में रहते हैं कि नाश्ता बनाने के लिए समय ही नहीं मिलता. ऐसे में आप भूखे पेट घर से निकल जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदेह है. कोशिश करें कि कभी भी घर से खाली पेट न निकला जाए.

जब आप को सुबह जल्दी जाना होता है और आप के पास नाश्ता बनाने के लिए बिलकुल भी समय नहीं रहता तो ऐसे में आप को चाहिए कि दो पीस ब्रैड के लें, एक पर जैम लगाएं और दूसरे पर पीनट बटर यानी मूंगफली का मक्खन लगाएं. दोनों को एकसाथ जोड़ कर खाएं. यह काफी पौष्टिक होता है और आसानी से तैयार हो जाता है.

ओट्स का सेवन करें

ओट्स कोलेस्ट्रौल के स्तर को कम करने में काफी कारगर है. यह जल्दी ही घुल भी जाता है और फाइबर से भरपूर है. इस में बीटा ग्लूकेन भी होता है. यह नाश्ते का स्वस्थ विकल्प है. इस का सेवन आप फलों व मेवों के साथ भी कर सकते हैं. यह बनाने में भी काफी आसान होता है.

उपमा और पोहा भी है फायदेमंद

उपमा और पोहा दोनों काफी हैल्दी आहार हैं. खास कर इन का सेवन गुजराती ज्यादा करते हैं. आप इन्हें पौष्टिक बनाने के लिए इन में मटर, प्याज, पनीर, शिमला मिर्च आदि पसंदीदा सब्जियां डाल सकते हैं. इन में आप को स्वाद और पोषण दोनों मिलेगा. इन के सेवन से जहां आप को ऊर्जा मिलेगी वहीं पेट भरा होने से काम करने में भी आसानी होगी.

लो कैलोरी ब्रेकफास्ट

सप्ताह में एक दिन आप लो कैलोरी ब्रेकफास्ट भी ले सकते हैं. मैक्सिकन खाना इस के लिए सही माना जाता है, क्योंकि इस में कैलोरी और वसा की मात्रा काफी कम रहती है. आप चाहें तो बे्रकफास्ट बरीटो से नाश्ता कर सकते हैं.

सब्जियों का सूप है फायदेमंद

वैजिटेबल जूस यानी सब्जियों का सूप स्वास्थ्यवर्धक है. सब्जियों का सूप के रूप में सेवन करने से शरीर इस से पोषक तत्त्वों को बेहतर तरीके से ग्रहण करता है. स्वाभाविक तौर पर वैजिटेबल सूप पीने से शरीर को उच्च स्तरीय पोषक तत्त्व और एंटीऔक्सिडैंट की आपूर्ति होती है. सुबह के नाश्ते में एक गिलास सूप आप को ऊर्जावान बना देता है.

नाश्ता क्यों है जरूरी

नाश्ते से भरपूर ऊर्जा तो मिलती ही है, इस के अलावा इस में खास खाद्य पदार्थ कैल्शियम, आयरन, विटामिन बी, प्रोटीन और फाइबर जैसे महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्वों का भी अच्छा स्रोत है. शरीर को इन आवश्यक पोषक तत्त्वों की जरूरत रहती है. एक शोध से मालूम हुआ कि यदि आप नाश्ता नहीं करते या इसे इग्नोर करते हैं तो शरीर में काफी सारे पोषक तत्त्वों की कमी हो जाती है जिन की भरपाई करना मुश्किल होता है.

नाश्ते के 5 फायदे

टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है नाश्ता रेगुलर करना चाहिए. नियमित नाश्ता करने से आप डायबिटीज के खतरे से बच सकते हैं. इस से लगभग 30 फीसदी डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है.

भूख नहीं लगती है

यदि आप नाश्ता नहीं करते या फिर अतिरिक्त कैलोरी लेने की वजह से नाश्ता ही छोड़ देते हैं तो यह काफी नुकसानदेह है. ऐसा कर के आप अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. नाश्ता बहुत जरूरी है. यदि सुबहसुबह आप उच्च फाइबर व पोषक तत्त्वों से युक्त नाश्ता करते हैं तो दिनभर आप को खाना न भी मिले दिक्कत नहीं होती.

हैवी ब्रेकफास्ट

यदि आप सुबह हैवी ब्रेकफास्ट करते हैं तो दिनभर आप को भूख नहीं लगती और आप अपने काम में मग्न रहते हैं. वैसे भी नाश्ता करने से से दिन में कम ही भूख लगती है. इस के विपरीत जो लोग नाश्ता नहीं करते उन्हें बारबार भूख लगती है जो ठीक नहीं है.

याददाश्त में सुधार होता है

सुबह का नाश्ता आप की तंदुरुस्ती ही ठीक नहीं रखता, बल्कि इस से आप को याददाश्त भी दुरुस्त रहती है. स्वस्थ मस्तिष्क के कामकाज के लिए कार्बोहाइड्रेट बहुत जरूरी है. पौष्टिक नाश्ता कर के आप अपनी याददाश्त और एकाग्रता के स्तर में भी सुधार ला सकते हैं, साथ ही अपने मूड और तनाव को भी ठीक कर सकते हैं.

मोटापे का खतरा कम होता है

सुबह नियमित रूप से नाश्ता करने वाले लोगों में मोटापा नहीं आता. क्रिटिकल रिव्यू इन फूड साइंस एंड न्यूट्रीशन में भी ऐसा एक शोध प्रकाशित हुआ है, जिस में नाश्ते का महत्त्व बताया गया है.

गुणों से भरपूर है नारियल पानी, जानिए फायदे

गरमी के मौसम में नारियल के पानी का महत्व और अधिक हो जाता है. पेट की ठंडक और ताजगी के लिए ये बेहद फायदेमंद होता है. इसके सेवन के इतने फायदे होते हैं जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.

नारियल के पानी में पाए जाने वाले एंटी औक्सिडेंट और पोषक तत्व इसकी गुणवत्ता को और बढ़ाते हैं. शरीर को स्वस्थ रखने के साथ साथ बहुत सी बीमारियों को दूर करने में भी ये बेहद असरदार होते हैं.

इस खबर में हम आपको गरमी में नारियल पानी पीने के फायदों के बारे में बताएंगे. तो आइए शुरू करें.

होते हैं बहुत से न्यूट्रिएंट्स और मिनरल्स

नारियल के पानी में बहुत से खनीज और पोषक तत्व पाए जाते हैं. एक मध्य आकार के नारियल में 200 से 250 मिलीग्राम पानी होता है. इसके एक कप पानी में करीब 46 कैलोरीज होती हैं. इसमें 3 ग्राम फाइबर और 2 ग्राम प्रोटीन होता है. इसके अलावा विटामिन सी, मैग्नीशियम, मैग्नीज, पोटैशियम, सोडियम और कैल्शियम का प्रमुख स्रोत है.

एंटी औक्सिडेंट्स से भरपूर

मेटाबौलिज्म के दौरान सेल्स में फ्री रेडिकल्स बनते हैं जो अस्थिर होते हैं. इनके बनने से व्यक्ति में तनाव की समस्या हो सकती है. इससे दिल और किडनी से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. नारियल पानी में मौजूद एंटीऔक्सिडेंट्स इन फ्री रेडिकल्स को खत्म करते हैं और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.

डायबिटीज में है मददगार

बल्ड में शुगर के लेवल को समान्य रखने में भी नारियल पानी का अहम योगदान होता है. डायबिटीज की मुख्य वजह शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कमी है. नारियल पानी में मौजूद एंटी औक्सिडेंट शरीर में इंसुलीन के स्राव में मदद करता है.

किडनी की पथरी में है असरदार

किडनी में पथरी के होने पर डाक्टर अक्सर पेय पदार्थों के सेवन की सलाह देते हैं. ऐसे में नारियल पानी का सेवन और भी असरदार होता है. क्योंकि अन्य तरल पदार्थ तो किडनी की पथरी को यूरिन के रास्ते निकालने के लिए जरूरी हैं ही मगर नारियल इसमें विशेष फायदेमंद है.

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