महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है बांझपन, ऐसे करें इलाज

औरतों के लिए मां बनना किसी सपने से कम नहीं होता. पर आज की खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण महिलाओं को प्रेग्नेंसी में काफी परेशानियां आ रही हैं. इस खबर में हम आपको इनफर्टिलिटी के बारे में और इसके इलाज के बारे में बताएंगे. तो आइए शुरू करें.

क्या होती है इनफर्टिलिटी

इनफर्टिलिटी यानी बांझपन एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी होती है. अगर कोई महिला लगातार कोशिशों के बाद भी एक साल से अधिक समय तक कंसीव नहीं कर पा रही है तो इसका मतलब हुआ वो इनफर्टिलिटी या बांझपन का शिकार हो सकती है.

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क्या हो सकते हैं बांझपन के कारण

  • बांझपन के कई कारण हो सकते हैं कई बार खाने से जुड़ा कोई रोग या एन्‍डोमीट्रीओसिस (महिलाओं से संबंधित बीमारी जिसमें पीरियड्स और सेक्स के दौरान महिला को दर्द होता है) भी बांझपन की वजह बन सकता है.
  • इसके अलावा तनाव के कारण कई बार महिलाएं इनफर्टाइल हो जाती हैं.
  • हार्मोनल इमबैलेंस भी बांझपन का कारण हो सकता है. इस अवस्था में शरीर में सामान्‍य हार्मोनल परिवर्तन ना हो पाने की वजह से अंडाशय से अंडे नहीं निकल पाते हैं.
  • पीसीओएस भी एक वजह है महिलाओं के बांझपन का. इस बीमारी में फैलोपियन ट्यूब में सिस्‍ट बन जाते हैं जिसके कारण महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं.
  • शादी में होने वाली देरी भी इस परेशानी का कारण हो सकती है. आज महिलाएं शादी करने से पहले अपना करियर बनाना चाहती हैं, जिसके कारण उनकी शादी में देरी होती है. बता दें, महिलाओं की ओवरी 40 वर्ष की आयु के बाद काम करना बंद कर देती है. अगर इस उम्र से पहले किसी महिला की ओवरी काम करना बंद कर देती है तो इसकी वजह कोई बीमारी, सर्जरी, कीमोथेरेपी या रेडिएशन हो सकती है. अत्यधिक जंकफूड का सेवन करने से भी महिलाओं को बांझपन की परेशानी होती है.

कैसे बचें बांझपन से

जानकारों की माने तो बांझपन से बचने के लिए अपनी जीवनशैली को दुरुस्त करना जरूरी है. इसके अलावा महिलाओं को अपने खानपान पर भी खासा ध्यान देना होगा. फास्टफूड या जंकफूड का अत्यधिक इस्तेमाल उनकी इस परेशानी का कारण है.

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मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करने से भी महिलाएं अपनी फर्टिलिटी बढ़ा सकती हैं. जानकारों का मानना है कि इस समस्या से बचने के लिए महिलाओं को अपने आहार में जस्ता, नाइट्रिक ऑक्साइड और विटामिन सी और विटामिन ई जैसे पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए.  इसके अलावा महिलाओं को अपनी दिनचर्या में वाटर इन्टेक भी बढ़ना चाहिए.

मां की इस एक गलती से बच्चे हो सकते हैं मोटापे का शिकार

धूम्रपान सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है, फिर चाहे वो पुरुष हो या महिला, धूम्रपान सभी की सेहत को बुरी तरह से प्रभावित करता है. खास कर के गर्भवती महिलाओं को और अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए. जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के वक्त स्मोकिंग करती हैं वो अपनी सेहत के साथ साथ अपने बच्चे की भी सेहत के साथ खिलवाड़ करती हैं. हाल ही में सामने आई एक स्टडी में ये बात सामने आई की जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के वक्त धूम्रपान करती हैं, उनके बच्चे बड़े हो कर मोटापे का शिकार हो सकते हैं.

क्या कहती है रिपोर्ट

स्टडी की रिपोर्ट में बताया गया है कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान धूम्रपान करती हैं उनके बच्चे की स्किन में केम्रीन प्रोटीन फैल जाता है. बता दें यह एक तरह का प्रोटीन है जो शरीर में फैट कोशिकाओं द्वारा बनता है.

smoking of mother causes obesity in child

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कहीं आपके प्रेग्नेंट ना होने का कारण आपके पति की ये कमी तो नहीं?

क्या कहती है पहले की रिपोर्ट

इसी मामले में आई पिछली रिपोर्ट में कहा गया था कि मोटापे से पीड़ित लोगों के ब्लड में केम्रीन प्रोटीन भारी मात्रा में पाया जाता है. जबकि हाल में इसपर आई नई रिपोर्ट के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग करने से बच्चों की जींस में बदलाव आते हैं, जो शरीर की फैट कोशिकाओं को बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं.

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बच्चों की अच्छी सेहत के लिए इस खबर को पढ़ें

क्या कहते हैं जानकार

शोध में शामिल जानकारों की माने तो स्टडी के आधार पर ये कहा जा सकता है कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान धूम्रपान करती हैं, उनके बच्चों को मोटे होने का अधिक खतरा होता है. हालांकि, इसके पीछे के कारण की अभी पूरी तरह से पुष्टि नहीं हो पाई है.

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ये हैं सैंपल

बता दें, इस स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने 65 प्रेग्नेंट महिलाओं को शामिल किया. नतीजों में सामने आया कि स्टडी में शामिल आधी से ज्यादा प्रेग्नेंट महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान धूम्रपान करती थीं.

अगर मां को है डायबिटिज तो बच्चों को हो सकती है ये बीमारी

आजकल लोगों में शुगर की शिकायत बेहद आम हो गई है. खानपान और खराब लाइफस्टाइल इसका सबसे बड़ा कारण है. ये परेशानी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है. ऐसे में गर्भवती महिलाएं जो शुगर से पीड़ित हैं उनके लिए खतरा और अधिक हो जाता है. हाल ही में हुए एक शोध में ये बात सामने आई कि गर्भवती महिलाएं जिनको शुगर की बीमारी है उनके बच्चों में अटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऔर्डर (एएसडी) का खतरा बढ़ जाता है.

क्या है अटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऔर्डर (एएसडी)

ये एक तरह की मानसिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति को समाजिक संवाद स्थपित करने में परेशानी आती है और वो आत्मकेंद्रित बन जाता है.

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क्या कहता है शोध

इस शोध में ये बात सामने आई कि यह खतरा टाइप-1 और टाइप-2 के विकार और गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से पीड़ित होने से संबंधित है. शोध में पाया गया कि एएसडी का खतरा मधुमेह रहित महिलाओं के बच्चों की तुलना में उन गर्भवती महिलाओं के बच्चों में ज्यादा होता है, जिनमें 26 सप्ताह के गर्भ के दौरान मधुमेह की शिकायत पाई जाती है.

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कौन हैं सैंपल

इस शोध में 4,19,425 बच्चों को शामिल किया गया, जिनका जन्म 28 से 44 सप्ताह के भीतर हुआ था. यह शोध 1995 से लेकर 2012 के दौरान किया गया.

नाखून चबाने की आदत है तो जरूर पढ़ें ये खबर

बहुत से लोगों को नाखून चबाने की बुरी लत होती है. कुछ लोग खाली वक्त में तो कुछ जब टेंशन में होते हैं नाखून खाते हैं. पर क्या आपको पता है कि इससे आपका कितना नुकसान होता है? ये गंदी आदत सेहत के लिए बहुत खतरनाक होती है. डाक्टरों और जानकारों की माने तो जिन लोगों को ये आदत है उन्हें कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.

इस खबर में हम आपको नाखून चबाने से होने वाले स्वास्थ हानियों के बारे में बताएंगे.

खराब होते हैं नाखून

उंगली के नीचे की एक परत होती है जिसे हम मैट्रिक्स कहते हैं. हमेशा नाखून चबाने से ये परत पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है. आगे चलकर इनसे इनग्रोन नेल्स जैसी समस्याएं हो जाती है.

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फैलता है इंफेक्शन

नाखून चबाने वक्त नाखून में मौजूद बैक्टीरिया आपके मुंह में चली जाती हैं. इससे आपके पेट में इंफेक्शन फैलने का खतरा होता है. इससे पैरोनशिया नामक इन्फेक्शन हो जाता है जिसमें सूजन, दर्द, रेडनेस और पस से भरे हुई गांठे पड़ जाती हैं.

हो सकता है जिन्जवाइटिस

नाखून काटने की वजह से दांतों की जड़ों में मौजूद सौकेट्स खराब हो जाते हैं, जिस वजह से आपके दांत टेढ़े हो जाते हैं. अमेरिका में हुए एक अध्ययनके अनुसार बार बार नाखून काटने की आदत की वजह से आपको जिन्जवाइटिस (gingivitis) जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

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खराब हो सकती हैं उंगलियां

हमेशा नाखून चबाने से आपकी उंगलियां खराब हो सकती हैं. आपके मुंह से निकलने वाले लार में मौजूद रसायन आपकी उमगलियों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. इससे आपकी उंगली की त्वचा में खुरचन के निशान आते हैं और ये देखने में काफी घिनौनी होती हैं.

 

प्रेग्नेंसी के अलावा पीरियड्स ना आने के हैं ये 4 कारण

हर महीने में 3-4 दिन हर लड़की के लिए मुश्किल भरा होता है. पीरियड्स में ना सिर्फ महिलाओं के आम दिनचर्या को प्रभावित करते हैं, बल्कि इस दौरान होने वाला दर्द उन्हें सबसे अधिक परेशान करता है. अगर पीरियड्स समय पर ना आए तो महिलाएं परेशान हो उठती हैं. आमतौर पर धारणा है कि प्रेग्नेंसी के वक्त ही पीरियड्स मिस होते हैं पर इस खबर में हम आपको ऐसे तमाम कारणों के बारे में बताएंगे जिससे महिलाओं के पीरियड्स मिस होते हैं या देरी से आते हैं.

तो आइए शुरू करें.

शरीर का कम वजन

अगर आपका वजन कम है तो आपका पीरियड साइकल प्रभावित होता है. कम वजन से आपका पीरियड में अनियमितताएं आती हैं.

तनाव

तनाव महिलाओं के पीरियड्स को बुरी तरह से प्रभावित होता है. अधिक तनाव आपके हार्मोंस को बुरी तरह से प्रभावित करता है. इस कारण कई बार पीरियड्स में देरी हो जाती है.

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पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम

आजकल की जैसी जीवनशैली हो चुकी है, महिलाओं में पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) की समस्या आम हो गई है. इस बीमरी के कारण महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की शिकायत हो रही है. ना सिर्फ पीरियड्स बल्कि इस बीमारी के कारण महिलाओं में वजन बढ़ने, बाल झड़ने, चेहरे पर दाग:धब्बे जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है.

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अधिक एक्सरसाइज

एक्सरसाइज शरीर के लिए बेहद जरूरी है. इससे हमारी सेहत पर काफी सकारात्मक असर पड़ता है. पर अत्यधिक एक्सरसाइज आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसका सीधा असर आपके हार्मोंस पर पड़ता है, और आपके पीरियड्स ठीक समय पर नहीं आते हैं.

गाय का दूध हो सकता है आपके लिए ‘बहुत खतरनाक’

गाय के दूध को लेकर लोगों के मन में धारणा है कि वो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. हड्डियों के लिए दूर काफी फायदेमंद होता है. ये कैल्शियम का प्रमुख स्रोत है. पर इस खबर में हम आपको कुछ ऐसा बताने वाले हैं जो आपकी इस धारणा को बदल कर रख देगी. हम आपको बताएंगे कि दूध पीने से क्या नुकसान होते हैं.

कैल्शियम का प्रमुख स्रोत है दूध

केवल दूध ही कैल्शियम का प्रमुख स्रोत नहीं है. कैल्शियम फल, मेवे, हरी पत्ते्दार सब्जि यां, बींस और अनाजों से भी प्राप्त  हो सकता है.

धारणा है कि मजबूत होती हैं हड्डियां

लोगों का मानना है कि गाय का दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं. हम आपको बता दें कि ये धारणा बिल्कुल गलत है. जानकारों की माने तो अधिक मात्रा में दूध पीने से कुल्हों के टूटने का खतरा रहता है.

होते हैं त्वचा पर दाग धब्बे

ज्यादा दूध पीने वालों को त्वचा पर दाग, धब्बों की शिकायतें आती है. इससे अक्सर लोगों में एक्जिामा और अन्य  तव्चा संबंधी बीमारियां होती हैं. इन परेशानियों से दूर रहना है तो अपनी डाइट से दूध को हटा दें.

होती हैं पेट की बीमारियां

बहुत से लोगों को दूध पीने से पेट की परेशानियां होती हैं. ऐसा इसलिये होता है क्यों कि उन्हें  लैक्टोसज इंटौलरेंस होता है. ऐसे में अगर आप दूध पीना बंद कर देंगे तो आपका पेट हमेशा अच्छा रहेगा.

तेजी से बढ़ता है वजन

दूध में प्रचूर मात्रा में कैलोरीज होती हैं. अगर आप नियमित रूप से दूध पीते हैं तो पका वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है. ऐसे में आप लोफैट मिल्क पी सकती हैं. इसमें केवल 2 फीसदी कैलोरी होती है.

 

गरमी में नींबू पानी पीने के हैं ये 6 फायदे

नींबू कई रोग और शारीरिक परेशानियों में काफी लाभकारी होता है. अगर आप प्रतिदिन एक गिलास नींबू पानी का सेवन करते हैं तो छोटी-मोटी बीमारियों से हमेशा दूर रहेंगे. लोग अक्‍सर नींबू पानी को मोटापा घटाने के लिए रामबाण मानते हैं. चूंकि नींबू में विटामिन सी होता है जो शरीर को रोगमुक्‍त रखने में सहायक होता है. आइए जानते हैं किन किन रोगों से बचने के लिए आपको नींबू का सेवन करना चाहिए:

1 किडनी में पथरी

किडनी में पथरी का होना काफी परेशान करता है. अगर किसी को स्टोन की परेशानी हो तो नींबू पानी उसके लिए काफी फायदेमंद होगी. दरअसल, नींबू पानी में प्राकृतिक साइट्रेट होता है जो स्‍टोन को तोड़ देता है या उसे बनने से रोकता है.

2 मांसपेशियों में दर्द

जिन लोगों को हमेशा मांसपेशियों में दर्द की शिकायत रहती है उनके लिए नींबू पानी काफी लाभकारी होता है. नींबू पानी शरीर में लैक्टिक के गठन को कम कर देता है और शरीर की क्रियाविधि अच्‍छी हो जाती है.

3 पेट सम्‍बंधी विकार

अगर किसी व्‍यक्ति को पेट सम्‍बंधी कोई भी विकार है तो उसे नींबू पानी का सेवन करना चाहिए. गैस, कब्‍ज, कुपाचन आदि समस्‍याएं चुटकी में हल हो जाएगी.

4 भूख बढ़ाने के लिए

नींबू पानी के सेवन से भूख अच्छी लगती है. जिन लोगों को भूख ना लगने की समस्या है उन्हें नींबू पानी का सेवन करना चाहिए, उनकी समस्‍या दूर हो जाएगी.

5 मुंहासे

जिन लोगों को मुंहासे की परेशानी है, उन्‍हें नींबू पानी का सेवन करना चाहिए. इससे उनके शरीर में मुंहासे के लिए जिम्मेदार बैक्‍टीरिया मर जाएंगे और त्‍वचा भी चमकदार हो जाएगी. साथ ही चेहरे से तेल भी निकल जाता है.

6 इम्‍यून सिस्‍टम मजबूत बनाना

जिन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होता है उन्‍हें प्रतिदिन नींबू पानी का सेवन करना चाहिए. इससे उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होगी.

कितना भी दर्द हो, किचन की ये 8 चीजें दूर करेंगी दर्द

शरीर में चाहे कैसा भी दर्द हो, निजात पाने के लिए हम तुरंत किसी पेन किलर की ओर भागते हैं. ये पेन किलर हमारे दिल के लिए, लिवर और गुर्दे के लिए काफी हानिकारक होते हैं. हमारी सेहत पर इनका नकारात्मक असर होता है.

किसी अंग्रेजी दवाई से बेहतर आप प्राकृतिक उपाय, या कहें कि घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करें. इस खबर में हम आपको कुछ ऐसे ही घरेलू नुस्खों के बारे में बताएंगे जिनका इस्तेमाल आप पेन किलर के तौर पर कर सकेंगे. सबसे अच्छी बात कि इनका सेहत पर किसी भी तरह का नकारात्मक असर नहीं होता.

1 सेंधा नमक

सेंधा नमक भी दर्द कम करने में बेहद कारगर होता है. इसमें थेरेपी वाले गुण होते हैं. किसी भी तरह के दर्द में सेंधा नमक को पानी में मिला कर नहाएं. ये आपके त्वचा से हो कर मांसपेशियों तक पहुंच कर आराम देता है.

2 पुदीना

पुदीने में भी थेरेपी के गुण होते हैं. ये मांसपेशियों की परेशानी में राहत दिलाते हैं. सिरदर्द, दांतों के दर्द और नसों में दर्द में ये काफी असरदार है. मांसपेशियों को और नसों को क्रैंप में भी ये काफी फायदेमंद होता है. अपच और मानसिक शांति के लिए पुदीने की कुछ पत्तियों को चबाएं.

3 लहसुन

लहसुन ऐंटीबैक्‍टीरियल, ऐंटीफंगल और ऐंटीवायरल गुणों से युक्‍त होता है. कान के संक्रमण, आंत परजीवी और अर्थराइटिस के दर्द से राहत दिलाता है. लहसुन को कच्चा चबाने में बेहद फायदेमंद है. मांसपेशियों या जोड़ों के दर्द में गर्म लहसुन का तेल से मालिश करने से बहुत आराम मिलता है.

4 कौफी

कौफी में कैफीन होता है जो सिरदर्द, मासंपेशियों में दर्द और दर्द की सनसनाहट से राहत दिलाता है. कैफीन दर्द निवारक दवाओं से भी तेजी से काम करता है. जानकारों का मानना है कि कौफी किसी भी तरह के दर्द में तेजी से असर करता है और आपको आराम देता है.

5 औलिव औयल

औलिव औयल में ऐंटी इंफ्लामेट्री गुण होते हैं. एक्‍स्‍ट्रा वर्जिन औलिव औयलमें इबुप्रोफेन होता है जोकि दर्द दूर करता है. सलाद या किसी अन्‍य डिश पर औलिव औयल की ड्रेसिंग कर सकते हैं.

6 हल्‍दी

किसी भी तरह के चोट या बीमारी में हल्दी प्रमुखता से उपयोग किया जाता है. मांसपेशियों के दर्द से लिए सभी प्रकार के दर्द में ये काफी असरदार होता है. हल्दी में ऐंटी इंफ्लामेट्री यौगिक होते हैं, जो मांसपेशियों या जोड़ों के दर्द में काफी असरदार होते हैं.

7 अदरक

अदरक भी ऐंटी इंफ्लामेट्री यौगिक के कारण दर्द में काफी कारगर होता है. किसी भी तरह के सूजन में, पेट दर्द, छाती, अर्थराइटिस और माहवारी के दौरान होने वाली परेशानियों में ये काफी कारगर होता है.

अदरक उपरी संक्रमण, खांसी, जुकाम, गले की खराश जैसी समस्याओं का मारक उपाय है. जानकारों की मानें तो अदरक की चाय से माइग्रेन से तुरंत आराम मिलता है और अदरक को चबाने से गैस की समस्‍या भी ठीक हो जाती है. मांसपेशियों के दर्द और सूजन में अदरक की सिकाई करें.

8 लौंग

लौंग में ऐंटी इंफ्लामेट्री के साथ ऐंटीऔक्‍सीडेंट और ऐंटीबैक्‍टीरियल यौगिक होते हैं. दांत या मुंह में होने वाली समस्याओं में लौंग बेहद असरदार होता है. ये एक प्राकृतिक पेन किलर है. मितली में, सर्दी, सिर दर्द और अर्थराइटिक में ये काफी फायदेमंद होता है. अगर आपके दांत में दर्द है तो 1 लौंग पीसकर उसमें औलिव औयल डालकर दांतों पर लगाएं. मुंह की बदबू से बचने और दांतों के दर्द से राहत पाने के लिए लौंग को चबा भी सकते हैं.

इंटरनेट के अत्याधिक इस्तेमाल से बढ़ रहा डिप्रेशन का खतरा

इंटरनेट आज लोगों की जरूरत बन चुकी है. एक ओर जहां इससे बहुत से फायदे होते हैं, वहीं हमारी मानसिक सेहत पर इसका काफी बुरा असर हो रहा है. हाल ही में हुए एक अध्ययन में पहली बार दावा किया गया कि इसकी वजह से किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

एक निजी समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार पहले के अध्ययनों में यह पता नहीं लगाया जा सका था कि इंटरनेट पर कितने घंटे काम करने से अवसाद का खतरा पैदा हो सकता है.

चीन में 15 वर्ष आयुवर्ग वाले 1,000 किशोरों पर अवसाद और चिंता का अध्ययन किया गया. अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि इंटरनेट की लत का शिकार बन चुके किशोरों में अवसाद करीब ढाई गुना ज्यादा खतरा रहता है.

औस्ट्रेलिया में सिडनी के स्कूल औफ मेडिसिन के लॉरेंस लाम और चीन में शिक्षा मंत्रालय के जी-वेन पेंग व गुआंगजोउ विश्वविद्यालय के सन यात-सेन ने इस अध्ययन का संचालन किया.

करीब छह फीसदी या 62 किशोरों को ऐसी श्रेणी में रखा गया जो इंटरनेट के उपयोग के चलते मामूली रूप से प्रभावित हैं जबकि 0.2 फीसदी या दो किशोरों में इससे गंभीर खतरा देखा गया.

नौ महीने बाद इनमें अवसाद और चिंता का दोबारा परीक्षण किया गया. आठ फीसदी से ज्यादा या 87 किशोर अवसाद की चपेट में आ गए थे.

लाम ने कहा, “इस निष्कर्ष से साफ है कि ऐसे किशोर जिन्हे मानसिक रूप से कोई शिकायत नहीं है, यदि इंटरनेट की लत का शिकार हो जाते हैं तो उनमें बाद में ये समस्याएं पैदा हो सकती हैं.”

प्रेग्नेंसी में नहीं आती है नींद? आजमाएं तुरंत असर करने वाली ये 6 आसान टिप्स

प्रेग्नेंसी का वक्त महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. इस दौरान महिलाओं को अधिक देखभाल की जरूरत होती है. इसके अलावा उन्हें अच्छी डाइट की जरूरत होती है ताकि जच्चा और बच्चा दोनों की सेहत पर किसी तरह का बुरा असर ना पड़े. इन्ही सारी जरूरी चीजों में अच्छी और पूरी नींद भी शामिल है.

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में ऐसे कई बदलाव होते हैं जो उनकी सेहत पर असर डालते हैं. इस दौरान महिलाओं के हार्मोन्स में भी बहुत से बदलाव होते हैं जो उनकी दिनचर्या पर बुरा असर डालते हैं. इन बदलावों का नतीजा है कि कई बार गर्भवती महिलाओं को घबराहट महसूस होती है. ऐसे में उन्हें नींद नहीं आती, जिसका सीधा असर उनके बच्चे पर भी होता है.

ऐसे में हम आपको कुछ टिप्स बताने वाले हैं, जिसे फौलो कर के प्रेग्नेंट महिलाएं सुकून की नींद ले सकेंगी.

  • सोने से पहले हल्का म्यूजिक सुने. इससे मन शांत रहता है और अच्छी नींद आती है.
  • प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने से कमर के बल ज्यादा देर तक ना सोएं. थोड़ी थोड़ी देर में करवट बदलते रहें. कोशिश करें कि अधिक समय बाईं करवट सोएं. इस तरह से सोने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है.
  • दिन भर हल्का ही सही, पर कुछ ना कुछ खाते रहें. खाली पेट रहने से जी मिचलता है.
  • सोने से पहले गुनगुने पानी से नहाएं. ऐसा करने से शरीर की थकान दूर होती है और आपको अच्छी नींद आएगी.
  • रात में हल्के खाने का सेवन करें. एसिडिटी और अपच की समस्या से बचने के लिए मसालेदार और तली हुई चीजों का सेवन ना करें.
  • हेल्दी रहने के लिए हल्के एक्सरसाइजेज करते रहें. इससे आपके पैर दर्द और ऐंठन कम होगी.
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