मैंने बालों में हेयर कलर करवाया था लेकिन अब खास फर्क नजर नहीं आ रहा, मैं अब क्या करूं?

सवाल

बालों में कलर करवाने से पूरा लुक गौर्जियस नजर आता है. यही सोच कर मैं ने 2 महीने पहले अपने बालों में कलर करवाया था पर अब मुझे कोई खास फर्क नजर नहीं आ रहा?

जवाब

हेयर कलर का असली लुक तभी आता है जब वह आप की स्किन टोन के मुताबिक हो. यदि आप की रंगत गोरी है तो आप ब्लौंड कलर का इस्तेमाल कर सकती हैं. इस के अलावा गोरेपन पर कौपर और लाल रंग की हाइलाइटिंग बहुत अच्छी लगती है यदि आप गेहुएं रंग की हैं तो आप कौपर कलर की हाइलाइटिंग करवा सकती हैं या फिर महोगनी कलर का इस्तेमाल कर सकती हैं.

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मेरी उम्र 25 साल है. मेरी समस्या यह है कि मेरे होंठ बहुत काले हो गए हैं. मेरे चेहरे का रंग काफी साफ है जिस से लिप्स और भी ज्यादा काले नजर आते हैं और देखने में बहुत बुरे लगते हैं. कोई उपाय बताएं?

जवाब

होंठों के कालेपन के कई कारण हो सकते हैं. सब से पहले तो आप अपने आहार को पौष्टिक और संतुलित बनाएं. दूध और दूध से बने खाद्यपदार्थों, फलों और हरी सब्जियों का सेवन करें. अगर लिपस्टिक न लगाती हों तो धूप की हानिकारक किरणों से बचाव के लिए किसी अच्छे किस्म के लिप गार्ड का इस्तेमाल करें. अगर आप नियमित रूप से लिपस्टिक का इस्तेमाल करती हैं तो उसे रोज रात को क्लीन जरूर करें. होंठों पर लिपस्टिक के अंश रहने से होंठ काले पड़ जाते हैं.

इस के साथ ही हमेशा अच्छी किस्म की लिपस्टिक का इस्तेमाल करें. होंठों के कालेपन का एक कारण अधिक धूम्रपान भी हो सकता है. अगर ऐसा है तो इस खराब आदत को छोड़ दें. काले होंठों के लिए आप मलाई में शहद व केसर मिला कर इस पेस्ट को होंठों पर लगाएं और हलकी मालिश करें या फिर थोड़ी सी मलाई में गुलाब की पत्तियां और ग्लिसरीन मिला कर भी लगा सकती हैं. 1 घंटे बाद धो कर लिप गार्ड लगा लें. आप किसी अच्छे कौस्मैटिक क्लीनिक से परमानैंट लिप कलर भी करवा सकती हैं.

-समस्याओं के समाधान

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अंडरआम्स के बालों को रेजर से रिमूव करती हूं, इस वजह से वह हिस्सा काला हो गया है, अब मैं क्या करुं?

सवाल

मैं 22 साल की कामकाजी युवती हूं. स्लीवलैस कपड़े पहनने के कारण मुझे अंडरआम्स के बाल जल्दीजल्दी साफ करने पड़ते हैं, जिस के लिए मैं लेडीज रेजर यूज करती हूं. पर इस से वह हिस्सा काला होता जा रहा है और बाल भी मोटे होते जा रहे हैं. क्या करूं?

जवाब

रेजर के नियमित इस्तेमाल से बालों की ग्रोथ और सख्त और स्किन भी काली हो जाती है. इसलिए रेजर का यूज टोटली बंद कर दें. इन बालों से नजात पाने के लिए वैक्सिंग कर सकती हैं. सही यही है कि पल्स लाइट ट्रीटमैंट (लेजर) ले लें. यह एक इटैलियन टैक्नीक है जो अनचाहे बालों को साफ करने का सब से तेज और सुरक्षित समाधान है. लेजर अंडरआर्म्स के बालों पर ज्यादा असरदार होती है. इसी कारण इस की कुछ ही सिटिंग लेने से बाल खत्म होने लग जाते हैं.

काले अंडरआर्म्स पर आप ब्लीच के जरीए भी उन्हें हलका कर सकती हैं. पर एक बात का खयाल रखें कि ब्लीच और वैक्सिंग कभी भी साथसाथ न करवाएं. घरेलू उपचार के तौर पर कच्चे पपीते के टुकड़े को अंडरआर्म्स में रब करें. इस के साथ ही चाहें तो स्क्रब भी कर सकती हैं. इस के लिए ऐलोवेरा जैल में चंदन पाउडर, अखरोट का पाउडर और थोड़ी खसखस मिला लें. इस से अपने अंडरआर्म्स में स्क्रब करें. रंग में जरूर फर्क नजर आएगा.

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मेरे पिता जी की उम्र 62 वर्ष है, क्या उनके लिए डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट, जरूरी है क्या?

सवाल

मेरे पिताजी की उम्र 62 वर्ष है. उन की एक किडनी 70% काम कर रही है. दूसरी लगभग 20% मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या इस के लिए डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र उपचार है?

जवाब

डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता तब होती है जब किडनी फेल्योर हो चुका हो. किडनी फेल्योर शब्दावली तब इस्तेमाल की जाती है जब दोनों किडनियां काम करना बंद कर देती हैं. अगर एक किडनी ठीक प्रकार से काम कर रही है तो सामान्य जीवन जीया जा सकता है. जिन्हें किडनी से संबंधित बीमारियां हैं वे ऐक्सरसाइज, डाइट और दवाइयों से इसे नियंत्रित कर किडनी फेल्योर के खतरे को कम कर सकती हैं और सामान्य जीवन जी सकते हैं. इसलिए बहुत जरूरी है कि आप के पिताजी की एक किडनी जो ठीक प्रकार से काम कर रही है उसे स्वस्थ रखने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जाएं ताकि उन्हें डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट जैसे स्थितियों का सामना न करना पड़े.

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मुझे पिछले 10 वर्षों से डायबिटीज है. कुछ दिनों से मुझे हाथों, टखनों और पैरों के पंजों में सूजन की समस्या हो रही है. इस का कारण क्या हो सकता है?

जवाब

दरअसल, डायबिटीज केवल एक रोग नहीं मैटाबौलिक सिंड्रोम है जिस का प्रभाव किडनियों सहित शरीर के प्रत्येक अंग और उस की कार्यप्रणाली पर पड़ता है. हाथों, टखनों और पैरों के पंजों में सूजन की समस्या डायबिटिक नैफरोपैथी के कारण हो सकती है. डायबिटीज से पीडि़त 30-40त्न लोगों में डायबिटिक नैफरोपैथी के कारण किडनियां खराब हो जाती हैं. आप अपने यूरिन की जांच कराएं. यूरिन में एल्ब्यूमिन का आना और शरीर में क्रिएटिनिन बढ़ना डायबिटिक नैफरोपैथी के संकेत हैं. अगर यूरिन में माइक्रो एल्ब्यूमिन नहीं आ रहा है तो किडनियों पर असर नहीं हुआ है. डायबिटिक नैफरोपैथी को ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन उपचार के द्वारा इस के गंभीर होने की प्रक्रिया को बंद या धीमा किया जा सकता है. उपचार में रक्त में शुगर के स्तर और रक्तदाब को जीवनशैली में परिवर्तन ला कर और दवाइयों से नियंत्रित रखा जा सकता है.

डा. जितेंद्र कुमार

चेयरमैन, रीनल साइंस ऐंड ट्रांसप्लांट मैडिसिन, एकार्ड सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल, फरीदाबाद

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मेरे पति की किडनियां क्षतिग्रस्त हो गई है, मैं जानना चाहती हूं किडनी फेल्योर आखिर क्या है?

सवाल

डायग्नोसिस में पता चला है कि मेरे पति की किडनियां काफी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. मैं जानना चाहती हूं कि किडनी फेल्योर क्या होता है?

जवाब

किडनी फेल्योर तब होता है जब किडनियां आप के रक्त से अचानक व्यर्थ पदार्थों को फिल्टर करना बंद कर देती हैं. जब किडनियां फिल्टर करने की क्षमता खो देती हैं तो शरीर में व्यर्थ पदार्थ खतरनाक स्तर तक इकट्ठा हो जाते हैं और रक्त में रसायनों का संतुलन गड़बड़ा जाता है. ऐक्यूट किडनी फेल्योर को ऐक्यूट रीनल फेल्योर भी कहते हैं. यह स्थिति कुछ घंटों या कुछ महीनों में विकसित हो सकती है. अत्यधिक बीमार लोगों में किडनी फेल्योर कुछ ही घंटों में हो जाता है. किडनी फेल्योर उसे कहा जाता जब दोनों किडनियां अपनी सामान्य गतिविधियों का 15-20त्न से भी कम कर पाती हैं. इस समस्या से डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के द्वारा निबटा जा सकता है.

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मैं किडनियों से संबंधित समस्याओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए जानना चाहती हूं कि किडनियों को स्वस्थ रखने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

जवाब

विश्व की लगभग 10त्न आबादी किडनी से संबंधित किसी न किसी समस्या से जूझ रही है. ऐसे में किडनियों को स्वस्थ्य रखना बहुत जरूरी है. जीवनशैली में कुछ जरूरी परिवर्तन ला कर किडनियों से संबंधित बीमारियों के खतरों को कम किया जा सकता है. इन में सम्मिलित हैं- संतुलित और पोषक भोजन का सेवन करना, नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करना, रक्त में शुगर के स्तर और रक्तदाब को नियंत्रित रखें, मोटापे से बचें, शराब और धूम्रपान से दूर रहें.

-डा. जितेंद्र कुमार

चेयरमैन, रीनल साइंस ऐंड ट्रांसप्लांट मैडिसिन, एकार्ड सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल, फरीदाबाद

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गर्मियों में मेरे होंठों के नीचे और ऊपर काली लाइन बन जाती है, मैं इसे दूर कैसे करूं?

सवाल

गरमी में मेरे ऊपरी और निचले होंठों पर एक काली लाइन बन जाती हैजो देखने में बहुत खराब लगती है. इसे कैसे दूर किया जा सकता है?

जवाब

गरमी के मौसम में काफी उमस हो जाती है जिस के कारण पसीना निकलता है. इस पसीने को साफ करने के लिए कई बार हाथों से ही चेहरे को रगड़ कर पसीना साफ कर लिया जाता है. इस से यह हिस्सा रगड़ा जाता है और काला पड़ जाता है जोकि देखने में बिलकुल अच्छा नहीं लगता है. होंठों के नीचे और ऊपर के हिस्से के कालेपन को दूर करने के लिए आप नीबू और चीनी से बना स्क्रब लगा सकती हैं जो काफी फायदेमंद है. नीबू में साइट्रिक ऐसिड होता है जो एक नैचुरल ब्लीचिंग एजेंट की तरह काम करता है और काली स्किन को गोरा बनाने का काम करता है. वहीं  चीनी एक नैचुरल ऐक्सफ्लोएटर है जो डैड स्किन हटाता है. चीनी स्किन को मौइस्चराइज कर सौफ्ट बनाती है.

समस्याओं के समाधान

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बीमारी के कारण मेरी आंखों के नीचे काले घेरे पड़ गए है. मुझे कोई उपाय बताएं

सवाल

मैं 24 वर्षीय छात्रा हूं. करीब 2 वर्ष से मैं बीमार रहती हूं, जिस कारण मेरी आंखों के नीचे काले घेरे हो गए हैं व रंग भी काला लगने लगा है. कृपया कोई ऐसा उपाय बताएं, जिस से मैं इन दोनों परेशानियों से छुटकारा पा सकूं?

जवाब

ये दोनों ही समस्याएं आप को बीमारी व उस के दौरान ली जा रही दवाइयों के साइडइफैक्ट के कारण हो रही हैं. आप अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक चीजें शामिल कीजिए जैसे हरी सब्जियां, दूध, दही, आंवला, संतरा, टमाटर, गाजर आदि. रंग निखारने के लिए घरेलू उबटन का प्रयोग भी कर सकती हैं. इस के लिए संतरे के सूखे छिलके, सूखी गुलाब

व नीम की पत्तियों को समान मात्रा में ले कर पीस लें और इस के बाद उस में कैलेमाइन पाउडर मिला कर रख लें. जब भी स्क्रब करना चाहें तब 1 चम्मच पाउडर में थोड़ा सा औरेंज जूस मिला कर पेस्ट बना लें और रोजाना चेहरे पर इस से स्क्रब करें. इस स्क्रब को करने से चेहरे की त्वचा साफ, चिकनी और निखरी रहती है. काले घेरों के लिए संतरे या गाजर का रस निकालें और रुई को उस में भिगो कर कुछ देर तक आंखों पर रखें.

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हेयर कलर करने के बाद मुझे फेस पर सूजन और आंखों में जलन होती है. मैं क्या करूं?

सवाल

मुझे कलर करने के बाद अकसर माथे, कानों, गरदन के पीछे सूजन और आंखों में जलन की शिकायत होती है. क्या यह ऐलर्जी हो सकती है?

जवाब

कुछ लोगों को बालों में कलर लगाने के बाद ऐलर्जिक रिएक्शन होता है. यह रिएक्शन मामूली असर वाला या फिर गंभीर भी हो सकता है. बालों में कलर करने के बाद यदि आप को सिर की स्किन में मामूली जलन या सनसनाहट महसूस हो तो यह ऐलर्जी की शुरुआत हो सकती है. अगर कलर करने के बाद आप के माथे, कानों, गरदन के पीछे सूजन और आंखों में जलन की शिकायत होती है तो यह ऐलर्जी का गंभीर मामला हो सकता है. आप निम्न सावधानियां बरत कर बालों में हेयर डाई से होने वाले नुकसान से बच सकती हैं:

  •  जब भी आप किसी नए ब्रैंड का इस्तेमाल करें तो पहले उस के बारे में अच्छे से जानकारी ले लें. ऐसा देखा गया है कि कई बार कुछ लोग कलर बदलने से ऐलर्जी का शिकार हुए हैं. कोशिश करें कि आप लगातार एक ही अच्छा ब्रैंड उपयोग करें.
  •  ऐलर्जी से बचने के लिए पैच टैस्ट कर के देख लें. पैच टैस्ट किसी प्रोडक्ट के प्रति आप की स्किन की संवेदनशीलता के बारे में बताता है, इस के साथ ही आप को ऐलर्जिक रिएक्शन से भी बचाता है. इसलिए हेयर कलर बनाते समय लेवल पर दिए गए निर्देशों को पढ़ लें. कानों के पीछे का हिस्सा सब से ज्यादा संवेदनशील होता है. यह किसी भी प्रकार के ऐलर्जिक रिएक्शन के लक्षणों को तुरंत दिखाता है. आप इयर बड हेयर कलर के मिश्रण में डुबो कर कान के पीछे लगा लें. इसे 24 घंटे तक लगाए रखने से आप ऐलर्जी के प्रकोप से बची रहेंगी.
  •  कभीकभी आप हेयर कलर को निर्धारित समय से ज्यादा समय तक लगा कर रखती हैं तो यह आप के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है.

मुझे कैंसर से डर लगता है, कैंसर से बचने के लिए मैं क्या कर सकती हूं?

सवाल

मुझे कैंसर से बहुत डर लगता है. लेकिन सब कहते हैं जिस को कैंसर होना है तो हो कर ही रहेगा. क्या इस से बचने के लिए हम कुछ नहीं कर सकते हैं?

जवाब

यह सही है कि कैंसर एक बहुत गंभीर और जानलेवा स्वास्थ्य समस्या है. कैंसर किसी को किसी भी उम्र में हो सकता है. लेकिन यह सही नहीं है कि इस से बचने के लिए आप कुछ नहीं कर सकते. कुछ उपाय हैं जिन के द्वारा आप कैंसर के खतरे को काफी कम कर सकते हैं जैसे कैंसर से होने वाली कुल मौतों में से एकतिहाई धूम्रपान के कारण होती हैं. इस के अलावा खानपान की गलत आदतें, वजन अधिक होना और शारीरिक सक्रियता की कमी भी कैंसर के प्रमुख रिस्क फैक्टर है.

विश्वभर में हुए कई शोधों में यह बात सामने आई है कि कैंसर के कुल मामलों में से 25 से 30त्न स्वस्थ्य व पोषक भोजन का सेवन कर के, शारीरिक रूप से सक्रिय रह कर और मोटापे का शिकार न हो कर बचे रह सकते हैं.

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परिवार के 2 लोग और एक परिचित कैंसर से जूझ रहे हैं. पूरे विश्वभर में कैंसर के मामले भयावह तरीके से बढ़ रहे हैं. मैं जानना चाहती हूं कि इस के कारण क्या हैं?

जवाब

आधुनिक जीवनशैली और खानपान की बदली आदतों ने कैंसर का खतरा बढ़ दिया है. आज फास्ट और जंक, प्रोसैस्ड फूड का चलन बढ़ गया है जिस में कैलोरी की मात्रा काफी अधिक और पोषकता कम होती है. गैजेट्स के बढ़ते चलन ने शारीरिक सक्रियता को काफी कम कर दिया है जिस के परिणामस्वरूप उर्जा का असंतुलन हो जाता है. विश्वभर में मोटापा एक महामारी की तरह फैल रहा है जो कैंसर का एक बड़ा रिस्क फैक्टर है. अनिद्रा और तनाव का बढ़ता स्तर भी इस समस्या को और बढ़ा रहा है. –डा. देनी गुप्ता

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मेरी सास को ब्रेस्ट कैंसर है, ऐसे में इम्यूनो थेरैपी कराना कितना सही होगा?

सवाल

मेरी सास को स्तन कैंसर है. क्या उन के लिए इम्यूनो थेरैपी से उपचार कराना ठीक रहेगा?

जवाब

कैंसर के उपचार के लिए कई थेरैपियां उपलब्ध हैं. इन का चयन इस आधार पर किया जाता है कि कैंसर कौन से चरण में हैमरीज का संपूर्ण स्वास्थ्य कैसा है और उस की उम्र कितनी है. जिन मरीजों की उम्र 75 से 80 वर्ष हैकीमोथेरैपी और रेडिएशन थेरैपी के साइड इफैक्ट्स को देखते हुए टारगेटेड थेरैपी और इम्यून थेरैपी से उपचार करने का प्रयास किया जाता है.

बायोलौजिकल या इम्यूनो थेरैपी कैंसर के एडवांस ट्रीटमैंट में अपना एक अलग ही महत्त्व रखती है. इस में कैंसर से ग्रस्त कोशिकाओं को मारने के लिए इम्यून तंत्र को स्टिम्युलेट किया जाता है. इस उपचार में मोनोक्लोनल ऐंटीबौडीजचैकपौइंट इनहिबिटर्सकैंसर वैक्सीनसाइटोकिन्स ट्रीटमैंट के द्वारा मरीज को ठीक किया जाता है.

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मेरे पति स्मोकिंग करते हैं. उन के फेफड़ों की स्थिति को देखते हुए डाक्टर ने उन्हें स्मोकिंग पूरी तरह बंद करने का सुझाव दिया है. क्या इस कारण मेरे और परिवार के दूसरे सदस्यों के लिए भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाएगा?

जवाब

विश्वभर में धूम्रपान को फेफड़ों के कैंसर का सब से बड़ा रिस्क फैक्टर माना जाता है. आप धूम्रपान नहीं करतीं लेकिन अपने पति के कारण आप पैसिव स्मोकर तो हैं ही. ऐसे में आप के लिए फेफड़ों के कैंसर का खतरा सामान्य लोगों से अधिक है. आप अपने पति को धूम्रपान पूरी तरह बंद करने के लिए सम?ाएं. यह न केवल उन के लिए बल्कि आप और आप के परिवार के लिए भी अच्छा रहेगा. स्मोकिंग और सैकंड हैंड या पैसिव स्मोकिंग केवल फेफड़ों के कैंसर का ही खतरा नहीं बढ़ाता बल्कि श्वासमार्गमुख गुहाआहार नालअग्नाशयपेटआंतमलाशयमूत्राशयकिडनी जैसे 12 प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ाता है.

-डा. देनी गुप्ता

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मेरे पेरेंट्स को कैंसर है, क्या कैंसर होने से मैं हाई रिस्क कैटेगरी में आती हूं?

सवाल

मेरी मां को लिवर कैंसर और पिता को प्रोस्टेट कैंसर है. मैं अपने स्वास्थ्य को ले कर बहुत चिंतित हूं. क्या मातापिता दोनों को कैंसर होने से मैं हाई रिस्क कैटेगरी में आती हूं?

जवाब

यह सही है कि आनुवंशिक कारण कैंसर के लिए एक प्रमुख रिस्क फैक्टर्स में से एक है, लेकिन परिवार में जब 3 पीढि़यों तक कैंसर के मामले लगातार होते हैं तब उसे आनुवंशिक या हेरिडिटरी माना जाता है. आप के मातापिता दोनों को कैंसर है, इस से आप को घबराने की जरूरत नहीं है. उन में आपस में कोई रक्त संबंध नहीं है क्योंकि वे अलगअलग परिवारों से आते हैं इसलिए इसे आनुवंशिकता से संबंधित नहीं माना जा सकता है.

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डाक्टर मुझे कीमोथेरैपी के बाद स्टेरौयड भी दे रहे हैं. मैं ने पढ़ा है कि स्टेरौयड का सेवन नहीं करना चाहिए. क्या यह सेहत के लिए नुकसानदायक होता है?

अगर आप के डाक्टर आप को कीमोथेरैपी के साथ स्टेरौयड्स दे रहे हैं तो आप को जरूर लेना चाहिए. ये कीमोथेरैपी के साइड इफैक्ट्स से बचने के लिए दिए जाते हैं. कई बार तो ये कीमोथेरैपी का ही हिस्सा होते हैं. ऐसे में इन्हें लेने से कोई दिक्कत नहीं होती. इसलिए डाक्टर द्वारा सु?ाई सभी दवाइयां नियत समय पर और निर्धारित मात्रा में जरूर लें.

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मेरी उम्र 54 साल है. 5 साल पहले मेनोपौज हो गया था, लेकिन कभीकभी वैजाइना से ब्लीडिंग होती है. कोई खतरे की बात तो नहीं?

जवाब

मेनोपौज के बाद वैजाइना से ब्लीडिंग होना बिलकुल सामान्य नहीं है. ब्लीडिंग चाहे मेनोपौज के बाद हो या महावारी के बीच अथवा शारीरिक संबंध बनाने के बाद, महिलाओं को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. यह सर्वाइकल कैंसर का संकेत हो सकता है. आप तुरंत किसी डाक्टर को दिखाएं, जरूरी जांचें कराएं और उपचार शुरू करें.

-डा. देनी गुप्ता

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