खर्च हो जाती है पूरी सैलरी? इस स्कीम में करें इंवेस्ट, मिलेगा बड़ा रिटर्न

महंगाई के इस दौर में जिसकी जितनी कमाई है उसमें वो परेशान है. किसी के लिए उसकी कमाई पर्याप्त नहीं होती. फ्यूचर के लिए सेविंग्स भी बेहद जरूरी है. पर महीने के खर्चे से कुछ सेविंग्स कर पाना बड़ा मुश्किल होता है. ऐसे में जरूरत है थोड़ी सूझबूझ की. थोड़ी सी स्मार्टनेस से आप अपने लिए अच्छी खासी सेविंग्स का जुगाड़ कर सकती हैं. अगर आप बाजार में निवेश विकल्पों के बारे में जानकरी रखती हैं तो जाहिर तौर पर सीप (सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लानिंग) के बारे में जानती होंगी. इस प्लान से आप अच्छा खासा बचत कर सकती हैं.

बैंक अकाउंट से लिंक करें एसआईपी

आज के समय में आप चाहे कितना ही कमा लें, कम पड़ता है. बढ़ती महंगाई के साथ आप बहुत सी चीजों की आपूर्ति नहीं कर पाती हैं. ऐसे में आप बचत के लिहाज से एसआईपी अकाउंट खुलवा सकती हैं. इसे बस अपने बैंक खाते से लिंक कराना होता है. बैंक के सेविंग अकाउंट से सिप प्लान को लिंक करवाने से मासिक आधार पर एक निश्चित तारीख को आपके खाते से पैसा कटने लग जाएगा. यानी आपकी ओर से खुद-ब-खुद एक निश्चित मासिक सेविंग शुरु हो जाएगी.

एसआईपी है अन्य निवेश विकल्पों से बेहतर

सेविंग्स के नाम पर लोग सेविंग अकाउंट या फिक्स्ड डिपौजिट का चुनाव करते हैं. बचत खाते में आपको 3.5 से 6 फीसदी तक की ब्याज दर मिलती है. इसके अलावा एफडी में अधिक से अधिक 7.5 फीसद की दर से ब्याज पा सकती हैं. जबकि एसआईपी आपको 15 से 18 फीसदी का ब्याज दर दे  सकता है.

कितना करें निवेश

मान लीजिए आपकी सैलरी 50,000 रुपये महीना है तो आप इससे 5000 रुपये की मासिक सेविंग से शुरुआत कर सकती हैं. अगर आप अगले 10 वर्षों तक इस निवेश को जारी रखती हैं तो आप 15 फीसद के अनुमानित रिटर्न के लिहाज से करीब 10 लाख रुपये जोड़ लेंगी.

बिना पिन डाले करें एटीएम से पेमेंट, जानिए पूरी जानकारी

एटीएम कार्डों की तकनीक में 1 जनवरी से एक बड़ा बदलाव हुआ है. अब सभी बैंक कौंटैक्टलेस एटीएम कार्ड जारी केरेंगे. इस कार्ड से पेमेंट करने के लिए उपभोक्ता को पिन डालने की जरूरत नहीं है. बस कार्ड को पेमेंट मशीन से टच करते ही पेमेंट हो जाएगा. इस कार्ड से बिना पिन डाले आप 2000 तक की पेमेंट कर सकती हैं. 2000 रुपये से ज्यादा की रकम के भुगतान के लिए आपको पिन डालने की जरूरत होगी.

हालांकि कई जानकार इसे सुरक्षा के लिहाज से कमजोर बता रहे हैं. जानकारों की माने तो इस तरह का लेन-देन असुरक्षित हो सकता है और साइबर फ्रौड को बढ़ावा दे सकता है. जानकारों का मानना है कि इसकी सुरक्षा को लेकर और अधिक स्पष्टता लाने और ग्राहकों को जागरूक करने की जरूरत है. ग्राहकों को भी इस कार्ड का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए. इस  मामले में मौजूदा कानून पर्याप्त नहीं हैं.

आपको बता दें कि तमाम बैंक इस कार्ड की सिक्यूरिटी को बेहतर बता रहे हैं. पर सच तो ये है कि इसकी सुरक्षा को अभी और ज्यादा बेहतर बनाने की जरूरत है. कार्ड चोरी होने या गिरने की स्थिति में ग्राहक को साबित करने में परेशानी होगी कि कौंटेक्टलेस फीचर का इस्तेमाल कर उसने पेमेंट नहीं किया है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में होने वाले कुल वित्तीय लेन-देन में 60% दो हजार रुपए से कम का होता है. इसे आसान बनाने के लिए कौंटेक्टलेस कार्ड का आइडिया इस्तेमाल किया जा रहा है. आपको बता दें कि वीजा ने देश में पहली बार 2015 में कौंटेक्टलेस कार्ड जारी किए थे. तब से अब तक यह 2 करोड़ से ज्यादा ऐसे कार्ड जारी कर चुका है. विभिन्न बैंकों की बिना पिन/ओटीपी के ट्रांजैक्शन सीमा की बात की जाए तो एसबीआई, एक्सिस और यूनियन बैंक ने एक दिन में अधिकतम 5 कौंटेक्टलेस ट्रांजैक्शन की सीमा तय कर रखी है. ऐसे में कुछ बैंकों में प्रतिदिन 10000 रुपए तक का कौंटेक्टलेस पेमेंट किया जा सकता है.

जेबखर्च : पैसा संभालने की पहली शिक्षा

औरतें अकसर दफ्तरों में वेतन में भेदभाव व ग्लास सीलिंग  की शिकायतें करती हैं. यह शिकायत वैसे वाजिब है क्योंकि एक तरह का सा काम करने वाली औरतों को पुरुषों के मुकाबले 20 से 40 फीसदी कम वेतन मिलता है और पदोन्नति के उन के अवसर आधे ही होते हैं. पर इस का सारा दोष दफ्तरों में पुरुष प्रधान माहौल को देना पूरा सच न होगा.

प्यू की एक शोध के अनुसार, मांओं की मरजी को ले कर ही भेदभाव बचपन से ही शुरू हो जाता है जहां औसतन बेटों को 13 डौलर साप्ताहिक जेबखर्च मिलता है, वहीं बेटियों को 6 डौलर ही मिलते हैं. लड़कियां इसी उम्र से कम में गुजारा करने की आदी हो जाती हैं और जीवन के हर क्षेत्र में इस भेदभाव को स्वीकार कर लेती हैं.

यह भेदभाव घरों में हर तरफ बिखरा होता है. बेटियों पर बाहर आनेजाने के समय, अपना वाहन खरीदने, घूमने जाने, टीवी, कंप्यूटर खरीदते समय यानी हर बात पर अंकुश लगाया जाता है. लड़कियों पर ये अंकुश मांएं ही ज्यादा लगाती हैं, क्योंकि ये बचपन में अपनी मां से सीख कर आई होती हैं. उन में न तो इस परंपरा को बदलने की इच्छा होती है न साहस. अगर पति कभी बेटी का पक्ष लेता नजर आए भी, तो मां ही बेटों के साथ खड़ी हो जाती हैं.

घर की अर्थव्यवस्था में जेबखर्च बहुत बड़ी बात नहीं है, पर यह भेदभाव गहराई तक मन में बैठ जाता है और लड़कियां कम में गुजारा करना सीख जाती हैं.

इस का दुष्परिणाम भी होता है. लड़कियां जब अपना पूरा मानसम्मान नहीं पातीं तो उन की उत्पादकता व कुशलता कम हो जाती है. इस कमी को कार्यक्षेत्र में औरतों की प्रवृत्ति कह कर टाल दिया जाता है और औरतों से भेदभाव करने में यह बहुत काम आता है.

जेबखर्च लगभग बराबर मिलना चाहिए और मांबाप को बेटेबेटी दोनों के खर्चों पर बराबर नजर रखनी चाहिए. दोनों को बचत का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि बचत ही मजबूती होती है. जेबखर्च पैसा संभालने की पहली शिक्षा है और इस में भेदभाव न करना परिवार के हित में है.

नए साल में पैसा बचाने के ये हैं 4 तरीके

2019 साल का पहला महीना चल रहा है. नए साल की शुरुआत से ही आपको अपनी वित्तीय प्लान में लग जाना चाहिए. इस खबर में हम आपको पांच ऐसे ट्रिक्स बताएंगे जिनकी मदद से आपको पैसे बचाने में काफी मदद मिलेगी.

उधारी को कहें छुटकारा

नए साल में अपने सारे ऋणों से छुटकारा पाएं. आपके पास जो पैसे हैं उसका इस्तेमाल अपना लोन चुकाने में करें. क्रेडिट कार्ड पेमेंट के वक़्त कोशिश करें कि सारा बिल एक बार में देय हो जाए. अगर आपने मिनिमम बिल का भुगतान किया तो बाकी बचे रकम पर आपको ब्याज चुकाना होगा.

इमरजेंसी फंड

अपने गोल को सेट करने से पहले इमरजेंसी फंड तैयार कर लें. जानकारों की माने तो घर पर या अल्पकालिक फंड में एक निश्चित राशि रखने से आपात स्थिति के दौरान आपको इससे मदद मिलेगी.

सेट करें गोल

सबसे पहले अपने वित्तीय क्षमताओं को समझें और उसी के हिसाब से अपना वित्तीय लक्ष्य सेट करें. इससे आपके आगे का समय सुखमय बीतेगा. सबसे जरूरी अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें. जरूरत के हिसाब से पैसे खर्च करें. निवेश करें.

क्रेडिट कार्ड खर्च पर करें नियंत्रण

कोशिश करें कि क्रेडिट कार्ड से ज्यादा खरीदारी ना हो. इमरजेंसी में ये एक पैसे का बेहतरीन साधन है क्रेडिट कार्ड. इसका प्रयोग करते वक्त इसके भुगतान के बारे में सजग रहें. ध्यान रखें कि आप एक महीने में जितना भुगतान कर सकती हैं, उससे अधिक उधार खर्च न करें.

इस तरह से सेविंग्स कर बने स्मार्ट हाउसवाइफ

आज के समय में पैसों की बचत बेहद जरूरी है. जिंदगी में कब कैसी परेशानी आ जाए, किसी को नहीं पता होता है. चूंकि महिलाएं घर की सारी चीजें संभालती हैं, जरूरी होता है वो इन बातों को ले कर सजग रहें. हम आपको कुछ स्मार्ट टिप्स बताने वाले हैं, जिनकी मदद से आप अच्छी सेविंग्स कर सकेंगी.

करें डेली बजट प्लानिंग

मंथली बजट के साथ साथ जरूरी है कि आप डेली बजट पर भी काम करें. जैसे कि आप रोज सुबह प्लान करें कि दिनभर भी आपके क्या खर्चे होने हैं, कौन से जरूरी काम हैं. कुल मिला कर पूरे दिना का बजट एक साथ तय कर लें. इस तरह से हर दिन कुछ रकम बचाएं.

आरडी का विकल्प चुनें

पैसे को घर में रखने से बेहतर है आप निवेश करना शुरू करें. हर माह इसमें कुछ रकम जमा करती रहें. छोटी छोटी बचत आपके लिए बड़ी बचत साबित होगी.

पहले ही बनाएं शौपिंग लिस्ट

शौपिंग के लिए पूरी प्लानिंग के साथ निकलें. बिना तैयारी के शौपिंग करने से ज्यादा पैसा खर्च होता है. कभी भी शौपिंग पर निकलने से पहले सामान की पूरी लिस्ट तैयार करें. अपनी जरूरत की चीजें नोट कर के रखें और केवल उन्हीं की खरीदारी करें. इस तरह से आपके ज्यादा पैसे खर्च नहीं होंगे.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट का करें प्रयोग

अपनी कार या बाइक का ज्यादा इस्तेमाल करने से बचें. इससे ना सिर्फ पैसा कम खर्च होंगे, बल्कि आपकी जर्नी भी सेफ रहेगी.

क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने से बचें

क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने से आपने कितने पैसे खर्च कर लिए हैं पता नहीं चलता. इसका मुख्य कारण है कार्ड फिजिकली आपको पैसा पे नहीं करना होता. इससे आपके दिमाग़ में खर्च का खाका नहीं बनता.

इन 5 बातों का रखें ध्यान, सुरक्षित होगा भविष्य

देश में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काफी कुछ हो रहा है, पर इसके बाद भी हम उस मुकाम को हासिल नहीं कर सकें जहां हमें पहुंचना था. आज भी ज्यादातर महिलाएं अपने पैरों पर खड़े होने के बजाए, शादी कर के हाउसवाइफ बनना पसंद करती हैं. देश में ऐसी बहुत सी औरते हैं जो सिर्फ हाउसवाइफ बन कर रह जाती हैं. हालांकि इसके बाद भी पूरे घर की जिम्मेदारी उनपर ही होती है. दूसरे शब्दों में कहें तो वही घर की मैनेजर होती हैं.

हर स्थिति में वो घर संभालती हैं. कम पैसे में भी घर चलाना कोई महिलाओं से सीखे. वो घर की फाइनेंशियल प्लैनर होती हैं.

हर औरत को इन पांच चीजों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, जिससे वो अपनी फैमिली को किसी भी तरह की वित्तीय संकट में संभाल सके.

मनी फ्लो मैनेजमेंट

आम तौर पर हाउसवाइफ की जिम्मेदारी घर की साग सब्जियों तक ही रह जाती है. पर एक स्मार्ट हाउसवाइफ को इससे आगे बढ़ते हुए फाइनेंस मैनेजमेंट भी आना चाहिए. इससे आपको पता रहेगा कि आपको कहां और कितना खर्च करना है और कहां बचाना है.

खर्च कंट्रोल करना

जब आप खर्च और बचाने की बातों को अच्छे से समझ जाएं, तब खर्च कंट्रोल करना सीखें. तब आपको सोचना होगा कि घर के खर्च को कम कैसे किया जाए. घर के छोटे छोटे खर्चों से बचत कर के आप अच्छी रकम बचा सकती हैं.

बचत और सिर्फ बचत

बचत बहुत जरूरी है. इसके लिए आप बैंक में खाता खोल सकती हैं. आप अपने बचाए हुए रकम को बैंक में जमा करिए. आप चाहें तो बैंक की स्कीमों में पैसा इंवेस्ट कर सकती हैं.

घर बैठे कमाएं पैसे

आज कई तरीकों से घर बैठे पैसा कमाना संभव है. आप फ्रीलांसिंग कर सकती हैं. इसके अलावा अगर आपकी पेंटिंग, डांसिंग, टीचिंग जैसी कोई हौबी है तो आप इसके लिए अलग से क्लास चला सकती हैं और घर में क्लास लेकर पैसे कमा सकती हैं.

निवेश करें

बचत के बाद जरूरी है कि आप अपने रकम को अलग अलग स्कीमों में निवेश करें. इससे आपका पैसा सुरक्षित होगा और वक्त के साथ आपके रकम में वृद्धि होती रहेगी.

ज्यादातर साइबर फ्रौड की शिकार होती हैं महिलाएं, जानिए क्यों

आज के समय में औनलाइन फ्रौड लोगों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बना हुआ है. ये मुद्दा ना सिर्फ आम लोगों को परेशान करता है बल्कि सरकारी महकमें के लिए भी ये किसी चुनौती से कम नहीं है. जानकारी और जागरुकता के अभाव में लोग अक्सर इसके शिकार होते हैं.

हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें ये स्पष्ट हुआ है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं औनलाइन फ्रौड का ज्यादा शिकार होती हैं. रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि औनलाइन शौपिंग के दौरान पुरुषों के मुकाबले महिलाएं 6 गुना अधिक फ्रौड का शिकार होती हैं. फ्रौड के लिए महिलाओं को झांसे में लाना ज्यादा आसान होता है. वो महिलाओं को टारगेट कर गुमराह करते हैं और आसानी से उन्हें लूट लेते हैं.

क्यों महिलाएं हो रही ज्यादा शिकार

रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इस लिए भी औनलाइन फ्रौड की शिकार होती हैं क्योंकि वो ज्यादातर शौपिंग औनलाइन प्लौटफौर्म से करती है. आपको बता दें कि ये सारे साइबर क्राइम कंप्यूटर वायरस, मालवेयर, हैकिंग आदि के जरिए किया जाता है. इस सर्वे में बात सामने आई कि इस फ्रौड में शिकार हुए ज्यादातर लोगों की उम्र 20 से 49 सालों तक की है.

पुरुष भी बच ना सकें

हालांकि इस रिपोर्ट का एक दूसरा पहलू भी सामने आया है जिसमें कहा गया है कि भले ही पुरुष महिलाओं से 6 गुना कम फ्रौड का शिकार होते हों लेकिन औसतन वे 3 गुना ज्यादा पैसे का नुकसान उठाते हैं. इसका मतलब ये हुआ कि कुल रकम के लुटाने में पुरुष महिलाओं से 3 गुना आगे हैं.

कैसे बचें इन फ्रौड्स से

इन फ्रौड्स से बचने के लिए जरूरी है कि आप सूचित और सतर्क रहें. किसी भी व्यक्ति से अपने कार्ड की जानकारियां साझा ना करें. लोग आपको फोन कर के आपके कार्ड की जानकारी लेते हैं, आपकी निजी जानकारियां हांसिल कर के आपके खाते से राशि उड़ा ले जाते हैं. इससे बचने के लिए आप किसी भी व्यक्ति से अपने बैंक या कार्ड संबंधी जानकारियों को साझा ना करें. अगर कोई आपको फोन कर खुद को बैंक का प्रतिनिधि बताता है और आपसे आपकी निजी सूचनाएं मांग रहा है तो तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दें और शिकायत करें. औनलाइन खरीदारी करते वक्त खासा सतर्क रहें. कोशिश करें कि आपके कार्ड या बैंक की जानकारी ब्राउजर में सेव ना हो.

इन छोटी छोटी सूझबूझ से आप खुद को इन फ्रौड्स से बचा सकेंगी.

1200 रुपये का करें निवेश, मिलेंगे 1 लाख रुपये

हर साल लाखों स्टूडेंट्स कालेजों से पढ़ाई कर के नौकरी की ओर बढ़ते हैं. शुरू शुरू में उन्हें बहुत ज्यादा पैसों की जरूरत नहीं होती और ना ही उतने खर्चे होते हैं, लिहाजा उनके लिए सेविंग्स ज्यादा आसान होती है. और यकीन मानिए, इसी वक्त की सेविंग्स आपके भविष्य में काफी काम आती है.

इस खबर में हम आपको एक ऐसी स्कीम के बारे में बताएंगे जिससे आप छोटी छोटी सेविंग कर के अच्छी खासी रकम इक्कठ्ठा कर सकेंगी. अगर नौकरी शुरू करते ही पहले वेतन से 1200 रुपए महीना भी बचा लिया जाए तो दो 5 सालों में एक लाख रुपए का फंड आसानी से तैयार किया जा सकता है. ये बचत आप पोस्ट औफिस, बैंक और म्युचुअल फंड में निवेश कर के कर सकती हैं.

करें बैंक-पोस्ट, औफिस या म्युचुअल फंड में निवेश

आप एक लाख तक का फंड तैयार करने के लिए 2 से 5 साल की अवधि का निवेश कर सकती हैं. इसके लिए आपको पोस्‍ट आफिस में 1400 रुपए महीने से निवेश शुरू करना होगा, वहीं बैंक में 1900 रुपए से निवेश शुरू करके 1 लाख रुपए का फंड तैयार हो जाएगा. वहीं अगर आप कम निवेश कर के एक लाख तक का फंड इक्कठ्ठा करना चाहती हैं तो आप म्‍युचुअल फंड में निवेश करें. यहां पर 1200 रुपये महीने के निवेश से यह फंड तैयार हो जाएगा.

पोस्ट औफिस के लिए निवेश योजना

  • 1400 रुपए महीने से शुरू करें हर माह निवेश
  • 5 साल तक चलाना होगा यह निवेश
  • इस वक्‍त है ब्‍याज दर 6.9 फीसदी
  • 1 लाख रुपए का तैयार हो जाएगा फंड

पहली नौकरी लगते ही इन आदतों को अपनाएं, कभी नहीं होंगी परेशान

पढ़ाई पूरी होने के बाद जब आपको पहली नौकरी मिलती है, अनुभव अनोखा होता है. पहली बार आत्मनिर्भर होने की भावना का सुख खास होता है. हालांकि इसके बाद आप पर कई तरह की जिम्मेदारियां आ जाती हैं. बेहतर होता है कि जब आप नौकरी शुरू करें तो कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखें. इस खबर में कुछ ऐसी ही बातों पर हम चर्चा करेंगे.

शुरू करें बचत

नौकरी लगने के बाद लोग अपने अधूरे शौक को पूरा करने के लिए ज्यादा पैसा खर्च करने लगते हैं. इस वक्त होने वाली कमाई काफी अहम होती है. इस वक्त आपके पास बचत के काफी मौके होते हैं. आप पर कोई जिम्मेंदारी नहीं होती. शुरू से आपकी ये आदत आपके लिए काफी फायदेमंद होगी.

बनाएं इमरजेंसी फंड

किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहें. किसी भी तरह की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आपके पास अपना एक फंड होना चाहिए. इस फंड में बैंक आरडी, सोना, फिक्स्ड डिपौजिट के रूप में पैसा लगाना चाहिए.

नए तरह से जीएं जीवन

नौकरी आपके जीवन में काफी अगल अनुभव लाती है. पढ़ाई के दौरान अल्हड़ जीवन जीने के बाद जौब आपके लिए काफी व्यवस्थित और सक्रिय पहलु लाती है. इसलिए जरूरी है कि आप अपनी जीवनशैली अनुशासित कर लें.

लोन चुकाना करें शुरू

अगर आप पर लोन है तो सबसे पहले आप उसे भरना शुरू करें. नौकरी की शुरुआत में कम खर्चों के कारण लोन लेना ज्यादा खतरनाक नहीं है. आप चाहें तो वित्तीय सलाहकार से इस बारे में बात कर सकती हैं.

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