Diwali Special: मेकअप से दिखें परफेक्ट

दिवाली के त्यौहार आने में कुछ ही समय बाकि है और इस दिन भला खूबसूरत दिखने की चाहत किसकी नहीं होगी. लेकिन त्योहार पर सजने-संवरने और खूबसूरत दिखने की होड़ में अक्सर हम कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे हमारी सारी तैयारी फीकी पड़ जाती है.

अगर इस अवसर पर आप भी परफेक्ट दिखना चाहती हैं तो दिवाली पर मेकअप के दौरान इन बातों का जरूर रखें ध्यान.

न लगें आउटडेटेड

मेकअप करते समय सबसे बड़ी गलती जो हम लोग अक्सर कर जाते हैं वह ये कि हम लोग फेस्टिव सीजन के हिसाब से अपनी ड्रेस सेलेक्ट नहीं करते. इसके अलावा, बहुत डार्क और हेवी मेकअप कर लेते हैं. सबसे अहम व महत्वपूर्ण बात यह है कि मेकअप करते समय उसके लेटेस्ट ट्रेंड को जरूर जानें और मेकअप हमेशा ट्रेंड के हिसाब से ही करें.

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स्किन के मुताबिक करें मेकअप

यदि आपकी त्वचा ड्राइ है तो फेस क्लीनिंग के लिए हमेशा क्लींजिंग मिल्क का प्रयोग करें. साथ ही मेकअप के लिए क्रीमी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर सकतें हैं. जबकि औयली सिकन वालों को फेस क्लीन करने के लिए एसिट्रंजेंट का प्रयोग करना चाहिए और मेकअप के लिए वाटर बेस्ड प्रोडक्ट इस्तेमाल करें.

आइशैडो को पाउडर फार्म में ही लगाना चाहिए. ड्राइ त्वचा पर क्रीमी ब्लशर और औयली पर पाउडर वाला ब्लशर इस्तेमाल कर सकते हैं. मैट लिपसिटक की बजाय यदि क्रीमी लिपस्टिक का प्रयोग करेंगे तो बेहतर होगा.

आंखों के लिए न्यूड मेकअप

लेटेस्ट ट्रेंड की यदि बात की जाएं तो इस समय आंखों पर न्यूड मेकअप का चलन है. आंखों को बिल्कुल लाइट रखने के लिए ब्रौन्ज, सिल्वरिश गोल्ड, कौपर या लाइट ब्राउन कलर के आइशैडो लगाएं. आंखों के कोनों पर डार्क ब्राउन कलर का आइशैडो लगाएं.

नाइट पार्टी के मेकअप में एक लाइन स्पार्कल की आइब्रोज के नीचे लगाकर हाइलाइट कर सकती हैं. आइलाइनर ब्लैक या ब्राउन कलर का सेलेक्ट कर सकती हैं और पलकों को घनी व खूबसूरत बनाने के लिए आइलैशज को आइलैश कर्लर से कर्ल करके लांग-लैश या मैजिक मस्कारा लगाएं. कंप्लीट लुक के लिए काजल जरूर लगाएं.

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Diwali Special: फर्नीचर चमके तो घर दमके

मौका दीवाली का हो, घर को खूबसूरत दिखाने की बात हो तो फर्नीचर की साफसफाई को भला कैसे अनदेखा किया जा सकता है. इस दीवाली अपने घर के फर्नीचर को सही साफसफाई से कैसे दें नए जैसा लुक, बता रही हैं अनुराधा गुप्ता.

प्रकाशोत्सव के नजदीक आते ही हर कोई अपने आशियाने की साफसफाई में जुट जाता है. दीवारों पर रंगरोगन के साथ ही लोग घर के फर्नीचर की सफाई कर उसे ब्रैंड न्यू लुक देने की कोशिश करते हैं. लेकिन इस कोशिश में वे अकसर अपने फर्नीचर की सूरत बिगाड़ लेते हैं. इस बाबत दिल्ली के लक्ष्मीनगर स्थित वुड विला फर्नीचर ऐंड इंटीरियर के मालिक अशोक कहते हैं, ‘‘हर घर में तरहतरह का फर्नीचर होता है. यदि फर्नीचर की सफाई सही तरीके से न की जाए तो वह कम समय में ही पुराना सा लगने लगता है.’’

आइए जानें इस दीवाली पर विभिन्न प्रकार के फर्नीचर की सफाई किस तरह करें कि वह नयानया सा लगने लगे.

लैदर फर्नीचर

लैदर फर्नीचर दिखने में जितना अच्छा लगता है, उस की देखभाल करना उतना ही कठिन होता है. खास बात यह है कि लैदर फर्नीचर की उचित देखभाल न करने से वह जगहजगह से क्रैक हो जाता है.

फर्नीचर पर किसी तरह का तरल पदार्थ गिर जाए तो उसे तुरंत साफ कर दें क्योंकि लैदर पर किसी भी चीज का दाग चढ़ते देर नहीं लगती. यहां तक कि पानी की 2 बूंद से भी लैदर पर सफेद निशान बन जाते हैं. फर्नीचर को किसी भी तरह के तेल के संपर्क में न आने दें, क्योंकि इस से फर्नीचर की चमक तो खत्म होती ही है, साथ ही उस में दरारें भी पड़ने लगती हैं.

फर्नीचर की रोज डस्टिंग करें जिस से वह लंबे समय तक सहीसलामत रहे. फर्नीचर को सूर्य की रोशनी और एअरकंडीशनर से दूर रखें. इस से फर्नीचर फेडिंग और क्रैकिंग से बचा रहेगा.फर्नीचर को कभी भी बेबी वाइप्स से साफ न करें, इस से उस की चमक चली जाती है.

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वुडन फर्नीचर

वुडन फर्नीचर की साफसफाई में अकसर लोग लापरवाही बरतते हैं जिस से वह खराब हो जाता है. ध्यान से फर्नीचर की सफाई की जाए तो उस में नई सी चमक आ जाती है. महीने में एक बार अगर नीबू के रस से फर्नीचर की सफाई की जाए तो उस में नई चमक आ जाती है. पुराने फर्नीचर को आप मिनरल औयल से पेंट कर के भी नया बना सकते हैं और अगर चाहें तो पानी में हलका सा बरतन धोने वाला साबुन मिला कर उस से फर्नीचर को साफ कर सकते हैं.

लकड़ी के फर्नीचर में अकसर वैक्स जम जाता है जिसे साफ करने के लिए सब से अच्छा विकल्प है कि उसे स्टील के स्क्रबर से रगड़ें और मुलायम कपड़े से पोंछ दें. कई बार बच्चे लकड़ी पर के्रयोन कलर्स लगा देते हैं. इन रंगों का वैक्स तो स्टील के स्क्रबर से रगड़ने से मिट जाता है लेकिन रंग नहीं जाता. ऐसे में बाजार में उपलब्ध ड्राई लौंडरी स्टार्च को पानी में मिला कर पेंटब्रश से दाग लगे हुए स्थान पर लगाएं और सूखने के बाद गीले कपड़े से पोंछ दें.

माइक्रोफाइबर फर्नीचर

माइक्रोफाइबर फर्नीचर को साफ करने से पहले उस पर लगे देखभाल के नियमों के टैग को देखना बेहद जरूरी है. क्योंकि कुछ टैग्स पर डब्लू लिखा होता है. यदि टैग पर डब्लू लिखा है तो इस का मतलब है कि उसे पानी से साफ किया जा सकता है और जिस पर नहीं लिखा है उस का मतलब है कि अगर फर्नीचर को पानी से धोया गया तो उस पर पानी का दाग पड़ सकता है. सब से सौफ्ट ब्रश से माइक्रोफाइबर फर्नीचर की पहले डस्ंिटग करें.

इस के बाद ठंडे पानी में साबुन घोलें और तौलिए से फर्नीचर की सफाई करें. ध्यान रखें कि तौलिए को अच्छे से निचोड़ कर ही फर्नीचर की सफाई करें ताकि ज्यादा पानी से फर्नीचर गीला न हो. तौलिए से पोंछने के बाद तुरंत साफ किए गए स्थान को हेयरड्रायर से सुखा दें.सुखाने के बाद उस स्थान पर हलका ब्रश चलाएं ताकि वह पहली जैसी स्थिति में आ सके.बेकिंग सोडा में पानी मिला कर गाढ़ा सा घोल बना लें. अब इस घोल को दाग लगे हुए स्थान पर लगा कर कुछ देर के लिए छोड़ दें. फिर उसे हलके से पोंछ दें.फर्नीचर पर लगे दाग को पानी से साफ करने के स्थान पर बेबी वाइप्स से साफ करें. ध्यान रखें कि दाग लगे स्थान को ज्यादा रगड़ें नहीं.

यदि फर्नीचर पर ग्रीस जैसा जिद्दी दाग लग जाए तो उसे हटाने के लिए बरतन धोने वाला साबुन और पानी का घोल बनाएं और दाग वाले स्थान पर स्प्रे करें. कुछ देर बाद गीले कपडे़ से उस स्थान को पोंछ दें.

प्लास्टिक फर्नीचर

अकसर देखा गया है कि जब बात प्लास्टिक के फर्नीचर को साफ करने की आती है तो उसे या तो स्टोररूम का रास्ता दिखा दिया जाता है या फिर कबाड़ में बेच दिया जाता है. लेकिन वास्तव में अगर प्लास्टिक के फर्नीचर की सही तरह से सफाई की जाए तो उसे भी चमकाया जा सकता है. ब्लीच और पानी बराबरबराबर मिला कर एक बोतल में भर लें और फर्नीचर पर लगे दागों पर स्प्रे करें. स्प्रे करने के बाद फर्नीचर को 5 से 10 मिनट के लिए धूप में रख दें.

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ट्यूब और टाइल क्लीनर से भी प्लास्टिक का फर्नीचर चमकाया जा सकता है. इस के लिए ज्यादा कुछ नहीं, बस दाग लगी जगह पर स्प्रे कर के 5 मिनट बाद पानी से धो दें. दाग साफ हो जाएंगे.

बरतन धोने वाला डिटरजैंट भी प्लास्टिक के फर्नीचर में लगे दाग को छुड़ाने में सहायक होता है. इस के लिए 1:4 के अनुपात में डिटरजैंट और पानी का घोल बना लें. इस घोल को फर्नीचर पर स्प्रे कर के 5 से 10 मिनट के लिए छोड़ दें. इस के बाद कपड़े से फर्नीचर को पोंछें. नई चमक आ जाएगी.

प्लास्टिक पर लगे हलके दागों को बेकिंग सोडा से भी धोया जा सकता है. इस के लिए स्पंज को बेकिंग सोडा में डिप कर के दाग वाली जगह पर गोलाई में रगड़ें. दाग हलका हो जाएगा.

नौन जैल टूथपेस्ट से प्लास्टिक फर्नीचर पर पड़े स्क्रैच मार्क्स हटाए जा सकते हैं.

यह सच है कि घर की रंगाईपुताई तब तक अधूरी ही लगती है जब तक घर के फर्नीचर साफसुथरे न दिखें. उपरोक्त तरीकों से घर के सभी प्रकार के फर्नीचर को चमका लिया जाए तो दीवाली की खुशियों का मजा कहीं ज्यादा हो जाएगा.

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Diwali Special: दीवाली पर करें औफिस की साफसफाई

दीवाली को साफसफाई का त्योहार भी माना जाता है. इस दिन से पहले ही लोग अपने घरों की सफाई करने लग जाते हैं. पुराना सामान निकाल कर नया खरीदते हैं या पुराने की ही मरम्मत करा कर अपने घर को सजा लेते हैं.

इस के अलावा घर की दीवारों पर रंगरोगन करा लेते हैं. इस सब में बहुत से लोग अपने औफिस की साफसफाई कराना भूल जाते हैं, जबकि वह भी बहुत जरूरी है. अब चूंकि बहुत से औफिसों में दीवाली मनाने का चलन बढ़ा है, इसलिए भी वहां की साफसफाई माने रखती है.

अगर हम कुछ बातों का ध्यान रखें तो अपने औफिस को भी दीवाली पर चमका सकते हैं. इस सिलसिले में औफिस में साफसफाई की सेवाएं देने वाली कंपनी आदर्श रौयल आर्म्स की कर्ताधर्ता सुनीता पूनिया ने कुछ टिप्स दिए हैं, जो इस तरह हैं :

-दीवाली का त्योहार हो या कोई आम दिन साफसफाई का समय सुबह या शाम का ही चुनना चाहिए, ताकि औफिस के काम में कोई रुकावट पैदा न हो. सफाई की शुरुआत बौस के केबिन से करें.

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-सब से पहले सारे डस्टबिन खाली करें. पुराने अखबार, मैगजीन और बेकार कागजात या तो कबाड़ी को दे दें या फिर किसी बड़े डब्बे में पैक कर के स्टोर रूम में रख देने चाहिए.

-डस्टिंग शुरू करने से पहले सभी फर्नीचर को अच्छे से ढक देना चाहिए, फिर सभी परदे उतार दें. इस के बाद टौप से ले कर डाउन और लैफ्ट से राइट की ओर डस्टिंग करें.

-डस्टिंग के समय सफाई कर्मचारी अपने मुंह पर मास्क लगा कर रखें, ताकि सफाई के समय वे धूल के कणों और गंदगी से बच सकें.

-फिर सब से पहले छत, पंखे, वैंटिलेशन, खिड़की, दरवाजे की सफाई करें. इस के बाद दीवार की डस्ट को साफ करें.

-इस के बाद अलमारी और फर्नीचर, जिन्हें पहले ही ढक दिया गया था, पर डस्टिंग करते समय इन पर भी धूल जम जाती हैं, तो इन्हे भी साफ कर लें.

-इस के बाद लैफ्ट से राइट की ओर फर्श की डस्टिंग करें, साथ ही फर्श की डस्टिंग से पहले फर्नीचर के सारे कवर हटा कर उन्हें सफाई के लिए लौंड्री भेज दें.

-इसी तरह औफिस के सभी कमरे, गैलरी, बालकनी और मीटिंग हाल की सफाई करें.

-डस्टिंग के बाद खिड़कीदरवाजे, एयरकंडीशनर, अलमारी को अच्छी क्वालिटी के लिक्विड सोप से साफ करें.

-अगर रूम में टाइटल्स लगी हैं तो उन्हें भी लिक्विड सोप से साफ करें.

-अब बारी आती है पोंछा लगाने की. अगर जगह है तो फर्नीचर को एक तरफ कर लेना चाहिए. यह ध्यान रखना है कि पोंछा ज्यादा गीला न हो, नहीं तो फर्श पर निशान रह जाएंगे. 2-3 बार लैफ्ट से राइट पोंछा लगाना चाहिए.

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-इस के बाद बाथरूम की सफाई करें साथ ही, यह भी जांच लें कि डस्टबिन खाली हों, उन में ब्लैक पौलीथिन लगा दिया गया हो, हैंड वाश, टिशू पेपर, टौवल सभी सामान सही जगह पर रखा हो.

-इस के बाद औफिस के सभी रूम के परदे दोबारा लगा दें और फर्नीचर और दूसरे सामान को अच्छी तरह से सजा कर रख दें.

-इस के बाद कोई अच्छी क्वालिटी का रूम फ्रैशनर का स्प्रे करें, जिस से औफिस का माहौल महक जाए.

Diwali Special: इन 4 टिप्स से बनाएं दिवाली को खास

कोरोना ने अच्छेअच्छों की कमर तोड़ कर रख दी है. इसलिए इस दीवाली लेनदेन के चक्कर में अपनी पौकेट पर बोझ न डालें, बल्कि जो भी खरीदना है खुद के लिए खरीदें. अपने घर को, अपनी स्टडी टेबल को, अपने घर के इंटीरियर को नया रूप दें ताकि आप का पैसा आप के घर में ही रहे और आप अपना घर भी खूबसूरत बना सकें. यह समय ऐसा नहीं है कि हम सोशल डिस्टैसिंग को ब्रेक कर के बाहर जाएं, लोगों से मिलेंजुलें, शौपिंग करें, गिफ्ट्स खरीदें और एकदूसरे को दें.

इतने साल आप ने त्योहार दूसरों के लिए मनाए हैं, दूसरों के लिए गिफ्ट्स खरीदे हैं, लेकिन इस बार आप गिफ्ट्स अपने लिए खरीदें. यकीन मानिए आप को ऐसा कर के अलग ही खुशी होगी, क्योंकि आप इस बार खुद के लिए जो सोच पा रही हैं.

किचन को दें स्टाइलिश लुक

घर में किचन ऐसी जगह होती है, जहां हम अपनों की हैल्थ का खास ध्यान रखते हैं और महिलाओं का तो अधिकांश समय किचन में ही बीत जाता है. ऐसे में अगर आप की तरह आप की किचन भी स्टाइलिश होगी तो आप को वहां काम करने में ज्यादा मजा आएगा, साथ ही आप का किचन आप के घर के लुक को भी बदल देगा. क्योंकि आजकल ओपन मौडलर किचन का जो चलन है.

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तो फिर इस दीवाली अपनी किचन को दें न्यू लुक. इस के लिए आप अपनी किचन में एडवांस्ड कंटेनर्र्स रख सकती हैं. अभी तक आप दालों, मसालों को सिंपल से कंटेनर्स में रखती होंगी, लेकिन अब आप इन्हें कटिंग एज ट्विस्टर एयरटाइट कंटेनर्स में, 4 ग्रिड एयरटाइट कंटेनर्स, जिन में एक कंटेनर में एक साथ 4 चीजें रखी जा सकती हैं. साथ ही आप किचन में मसालादानी रखने के बजाय वुडन मूविंग कंटेनर रख सकती हैं, जो दिखने में स्मार्ट होने के साथसाथ आप के काम को भी इजी बनाता है. कुछ कंटेनर्स ऐसे होते हैं जिन पर पहले से ही मसालों व दालों के नाम लिखे होते हैं, जिन्हें खरीद कर किचन को स्मार्ट लुक देने के साथसाथ अपने किचन वर्क को भी स्मार्टली हैंडल कर सकती हैं.

कीमत: ये स्मार्ट कंटेनर्स मार्केट से ₹500 से ₹1,500 की कीमत में आसानी से मिल जाएंगे. इन्हें आप औनलाइन भ आसानी से खरीद सकती हैं. पसंद नहीं आने पर वापस करने का भी औप्शन होता है.

टिप: जब भी किचन के लिए स्टोरेज बौक्स खरीदें तो ध्यान रखें कि वे बीपीए फ्री हो, क्योंकि बीपीए पौली कार्बोनेट प्लास्टिक में पाया जाता है, जो हैल्थ के लिए बिलकुल भी सेफ नहीं माना जाता है. इस से हारमोंस पर प्रभाव पड़ता है. यहां तक कि स्पर्म काउंट भी प्रभावित होता है. इसलिए खरीदते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें.

परदों से बढ़ाएं घर की रौनक

घर के इंटीरियर को खूबसूरत बनाने में परदों का अहम रोल होता है. परदों की डिजाइन और कलर घर की रौनक बढ़ाने का काम करते हैं. ऐसे में अगर आप अपने घर में एक ही तरह के परदे देखदेख कर ऊब गए हैं तो इस दीवाली नए परदों से घर को दें नया लुक.

अब आप सोच रही होंगी कि घर को खूबसूरत बनाने के लिए कैसे परदे खरीदें तो आप को बता दें कि इस के लिए आप को इस बात को ध्यान में रखना होगा कि आप परदे खाली शो के लिए लगा रही हैं या फिर बाहर की लाइटिंग को भी कंट्रोल करने के लिए. आप लाइनिंग वाले परदे भी ले सकती हैं, जिन में डिजाइन भी काफी अच्छी होती हैं और आप बाहर की लाइट को भी रूम में आने से रोक सकती हैं.

मार्केट में आप को नैट, सिमरी, कौटन, प्रिंटेड, प्लेन, लेस काफी तरह के परदे मिल जाएंगे, जिन्हें आप अपनी इच्छा के अनुसार लगा सकती हैं. बस जब भी परदों का चयन करें तो अपने रूम में पेंट का जरूर ध्यान रखें. अगर दीवारों पर गहरा रंग हुआ है तो थोड़े लाइट कलर्स के परदे चूज करें. इस से कमरे में रौनक आने के साथसाथ रोशनी भी रहती है, साथ ही परदों के लिए रोड्स भी मैटीरियल के हिसाब से ही चूज करें. जैसे अगर भारी परदे हैं तो भारी रौड्स लें ताकि परदों के गिरने का डर न रहे. यकीन मानिए आप के नए परदे आप के घर में नई जान डालने का काम करेंगे.

कीमत: परदों की कीमत उन के फैब्रिक व साइज पर निर्भर करती है. एक फैंसी परदे की कीमत कम से कम ₹800 से 900 के बीच पड़ जाएगी.

टिप: जब भी परदे औनलाइन खरीदें तो इस बात का ध्यान रखें कि आप परदों की नाप के हिसाब से ही और्डर करें और रिव्यू जरूर चैक करें ताकि आप को बाद में दिक्कत न हो.

स्टडी टेबल से दें नया लुक

कोरोना ने वर्क फ्रौम होम के कल्चर को काफी बढ़ा दिया है. अब अधिकांश लोग घर से काम कर रहे हैं. ऐसे में अगर काम करने के लिए कंफर्ट न मिले तो न तो काम में मन लगता है और न ही काम में प्रोडक्टिविटी आ पाती है. ऐसे में अगर आप काफी समय से स्टडी टेबल लेने की सोच रही हैं तो इस दीवाली स्टडी टेबल खरीद कर घर को दें नया लुक.

इस के लिए आप कौर्नर स्टडी टेबल भी खरीद सकती हैं. जो डैकोरेशन के भी काम आएगी और आप उस पर काम भी कर सकती हैं. डबल साइड वर्क वाली स्टडी टेबल, फोल्डेड स्टडी टेबल, अटैच अलमारी स्टडी टेबल, स्टोरेज वाली स्टडी टेबल भी खरीद सकती हैं. यह कमरे के लुक को तो बढ़ाती ही है, साथ ही आप इस में सामान भी रख सकती हैं, डैकोरेटे भी कर सकती हैं. अब यह आप की चौइस पर निर्भर करता है कि आप अपने लिए कौन सी स्टडी टेबल चूज करती हैं.

कीमत: आप को स्टडी टेबल ₹3 हजार से ले कर ₹15 हजार तक मिल जाएगी. इसे आप औनलाइन भी आसानी से खरीद सकती हैं.

टिप: जब भी स्टडी टेबल खरीदें तो अपने कमरे के साइज का जरूर ध्यान रखें ताकि स्टडी टेबल परफैक्ट साइज की आ सके.

स्टीकर से सजाएं दीवारें

हर बार की तरह इस बार दीवारों को पेंट करवाना इतना आसान नहीं है, क्योंकि सेफ्टी के लिहाज से इसे अभी टालना ही बेहतर है. ऐसे में घर में दीवारें ही वह सैंटर औफ अट्रैक्शन होती हैं, जिन पर सब से पहले नजर पड़ने के साथसाथ घर के लुक में भी चार चांद लग जाते हैं. ऐसे में इस बार भले ही आप को वौल पेंट के आइडिया को छोड़ना पड़े, लेकिन आप दीवारों को वौल स्टीकर से सजा सकती हैं, जो दीवारों को नया लुक देने का काम करते हैं.

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इस के लिए आप फ्लौवर स्टीकर, स्टार स्टाइल, ऐक्रिलिक स्टाइल, वाटरपू्रफ वौल स्टीकर आदि खरीद कर अपने घर को फैस्टिव लुक दे सकती हैं. यहां तक कि आप वौल डैकोरेशन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इस के लिए आप हैंडक्राफ्ट शोपीस, पौट शेप्ड वौल हैंगिंग, पैनटड पेंटिंग्स लगा सकती हैं. ये सालोंसाल चलने के साथसाथ दीवारों की रौनक को भी बढ़ा देंगी.

कीमत: आप को वौल स्टीकर ₹300 से ₹700 के बीच आसानी से मिल जाएंगे. इन की कीमत साइज पर निर्भर करती है. वौल डैकोर ₹700 से ₹3 हजार के बीच मिल जाएंगे.

टिप: जब भी वौल स्टीकर लगाएं तो उस पर लिखे सभी दिशानिर्देशों का पालन करें ताकि स्टीकर एक बार में ही वौल पर अच्छी तरह लग जाए वरना उस के खराब होने का भी डर बना रहता है.

म्यूजिक प्लेयर दे पार्टी जैसा माहौल

त्योहारों पर घर में म्यूजिक न हो, तो त्योहार जैसा फील नहीं हो पाता है. ऐसे में अगर आप के पास म्यूजिक प्लेयर नहीं है तो इस दीवाली म्यूजिक प्लेयर खरीद कर घर में पार्टी जैसा माहौल पैदा कर सकती हैं. इस के लिए आप एलेक्सा, ब्लूटूथ म्यूजिक डिवाइस इत्यादि खरीद सकती हैं, जो आप के स्मार्ट फोन से जुड़ कर नैट की मदद से आप की पसंद के गाने बजाने का काम करेगा. इसे औनलाइन भी खरीद सकती हैं, क्योंकि त्योहारों पर अच्छाखासा औफर भी मिल जाता है और आप को अपनी पसंद की चीज भी. तो फिर देर किस बात की.

कीमत:  आप को म्यूजिक प्लेयर ₹3 हजार से ₹5 हजार के बीच आसानी से मिल जाएगा.

टिप: जब भी म्यूजिक प्लेयर खरीदें तो उस के स्पीकर्स कैसे हैं इस बात का जरूर ध्यान रखें.

सीलिंग लाइट्स से जगमगाएं घर

दीवाली हो और घर को लाइट से न सजाया जाए ऐसा हो ही नहीं सकता. तो इस बार आप घर के बाहर तो लाइट्स लगाएं ही, साथ ही लिविंगरूम में सीलिंग लाइट््स लगा कर रूम को दें एकदम नया लुक. इस के लिए आप के पास ढेरों औप्शंस हैं जैसे आप पैंडेंट सीलिंग लाइट लगवा सकती हैं. एलईडी सीलिंग लाइट्स, चंदेलियर्स सीलिंग लाइट्स, कोव लाइट्स, ट्रैक लाइट्स लगवा सकती हैं. यकीन मानिए सीलिंग लाइट्स को देख कर आप को जो खुशी होगी इस का अंदाजा भी आप को नहीं होगा, क्योंकि लाइट्स का सीधा असर हमारी खुशी से जुड़ा होता है. तभी तो हर अच्छे मौके पर लाइट्स से घर को जगमगाया जाता है.

कीमत: ये आप को कम से कम ₹2 हजार से 5 हजार में मिल जाएंगी.

टिप: सीलिंग लाइट्स अच्छी तरह हैंग हुई हों, साथ ही वाट का ध्यान रखें ताकि कमरे में लाइटिंग अच्छीखासी हो.

इलैक्ट्रौनिक आइटम्स से बढ़ाएं घर की शोभा

इस दीवाली अगर आप का बजट है और आप काफी समय से इलैक्ट्रौनिक आइटम खरीदने का मन बना रही थी तो इस बार अपनी पसंद की इलैक्ट्रोनिक आइटम खरीदें, क्योंकि त्योहारों पर अच्छाखासा डिस्काउंट मिलता है. ऐसे में आप टीवी, ब्लैंडर, ओवन, एयर प्यूरीफायर, कौफी मेकर आदि कुछ खरीद सकती हैं. इसे खरीद कर न सिर्फ आप की जरूरत पूरी होगी, साथ ही आप को इसे देख कर लगेगा कि इस दीवाली आप ने अपनों के चेहरे पर खुशी लाने के लिए कुछ खरीदा है.

कीमत: हर प्रोडक्ट की कीमत अलगअलग होती है. जहां आप को एयर प्यूरीफायर कम से कम ₹8 हजार से ले कर ₹35 हजार में मिल जाएगा.

वहीं टीवी ₹14 हजार से ले कर ₹50 हजार के बीच मिल जाएगा. ब्लैंडर व कौफी मेकर आप को ₹1 हजार से ₹5 हजार में आसानी से मिल जाएगा.

टिप: इलैक्ट्रौनिक आइटम्स हमेशा ब्रैंडेड ही खरीदें और प्रोडक्ट की वारंटी जरूर चैक  कर लें.

खरीदें पार्टनर के लिए आभूषण

महिलाओं को सजनासंवरना काफी अच्छा लगता है खासकर त्योहारों पर. ऐसे में इस दीवाली आप अपनी पार्टनर को बजट में इयररिंग्स, पैंडेंट, चेन, मंगलसूत्र दिलवा सकते हैं, क्योंकि हर बार तो देनेलेने के चक्कर में अपनों को ही मना करना पड़ता है. लेकिन इस बार सिर्फ आप अपनों के लिए ही सोचें ताकि उन के चेहरे की मुसकान देख कर आप को जो खुशी मिले उस का अंदाजा भी आप को न हो.

कीमत: चाहे बात हो इयररिंग्स की, चेन की या फिर पैंडेंट की, ये आप को कम से कम ₹15 हजार से ले ₹30 हजार में मिल जाएंगे. इन की कीमत गोल्ड रेट व वजन पर निर्भर करती है.

टिप: जब भी गोल्ड आइटम खरीदें तो नामी दुकान से लेने के साथसाथ उस की पक्की रसीद भी जरूर लें.

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रहेंगी थकावट से दूर

त्योहार अपनों से मिलने, उन से मेलजोल बढ़ाने का एक माध्यम हैं. लेकिन अब जब कोरोना के कारण हमें सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना है तो फिर इस दीवाली अपने ही घर में सिर्फ अपनों के साथ सैलिब्रेट करें. इस से उन्हें त्योहारों पर क्वालिटी टाइम भी दे पाएंगी, साथ ही बिना थकावट के आप त्योहारों को ऐंजौय भी कर पाएंगी. क्योंकि हर बार तो मेहमानों के स्वागत के कारण खुद को समय नहीं देने के कारण ऐंजौय नहीं कर पाती हैं. लेकिन इस बार त्योहारों को ऐंजौय करें और वह भी बिना थकावट के.

Diwali Special: इस दीवाली ट्राय करें ‘धक-धक गर्ल’ माधुरी के ये ट्रेडिशनल लुक

बौलीवुड में डांसिंग क्वीन के रूप में फेमस 52 साल की उम्र में भी एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित जितना अपने डांस और एक्टिंग के लिए फेमस है उतना ही अपने फिटनेस और इंडियन फैशन के लिए भी जानी जाती हैं. माधुरी दो बच्चों की मां हैं फिर भी वह अपने फैशन और फिटनेस का ख्याल रखती हैं. माधुरी का इंडियन फैशन लड़कियां और महिलाएं ट्राय कर सकती हैं. ये आपको अलग लुक के साथ फैशनेबल भी बनाएगा. इसीलिए आज हम आपको माधुरी के कुछ इंडियन फैशन के बारे में बताएंगे, जिसे आप चाहें किसी पार्टी या शादी में ट्राय कर सकती हैं.

1. फ्लौवर प्रिंट लहंगे में माधुरी की ये ड्रेस करें ट्राय

अगर आप भी फ्लावर प्रिंट की शौकीन हैं आर कुछ नया ट्राय करना चाहती हैं तो माधुरी के ड्रेस आपके लिए अच्छा औप्शन है. फ्लौवर प्रिंट औफस्लीव ब्लाउज और लहंगे के साथ सिंपल प्लेन दुपट्टा आपके लुक को सिंपल लेकिन परफेक्ट बनाएगा. इस ड्रैस को आप चाहें तो दोपहर में होने वाली किसा पार्टी में पहन सकती हैं.

 

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Let your confidence shine ?

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2. माधुरी का गाउन है परफेक्ट

 

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शादी या पार्टी में आजकल गाउन एक ट्रैंड हो गया है. आजकल हर कोई गाउन ट्राय कर रहा है. आप चाहें तो माधुरी का ये औफस्लीव गाउन ट्राय कर सकती हैं. महरून कलर का ये गाउन नाइट पार्टी या शादी के लिए परफेक्ट है.

3. प्लाजो के साथ माधुरी का ये सूट करें ट्राय

 

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#DanceDeewane2 ?

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आजकल प्लाजो फैशन ट्रैंड में है. वहीं माधुरी दीक्षित भी इस ट्रैंड में पीछें नहीं हैं. माधुरी हाल ही में एक पार्टी के लिए प्लाजो के साथ सूट ट्राय कर चुकीं है. अगर आप भी कुछ नया ट्राय करना चाहती हैं तो माधुरी का ये ग्रे सूट ट्राई कर सकती हैं. सिंपल ज्वैलरी के साथ ये लुक आपको ट्रैंडी के साथ-साथ लोगों की निगाह में भी रखेगा.

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4. माधुरी की ये साड़ी है आपके लिए बेस्ट

 

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अगर आप कहीं गैट टूगैदर में जा रहीं हैं तो माधुरी का ये लुक आपके लिए परफेक्ट रहेगा. सिंपल पिंक बौर्डर वाली ब्लैक साड़ी के साथ औफ स्लीव ब्लाउज आपको कूल लुक देगा. आप चाहें तो इस साडी के साथ हैवी इयरिंग्स ट्राई कर सकती हैं.

अपने बच्चों को मोटापे से ऐसे बचाएं

बच्चों में मोटापा बढ़ने के कई कारण होते हैं, लेकिन ज्यादातर ये परेशानी माता-पिता की अनदेखी या लापरवाही के कारण भी हो सकती है. इसीलिए आज हम आपको बच्चों में मोटापे की वजह और कैसे इस बीमारी से बच्चों को दूर रखें इसके बारे में बताएंगे.

इतना मोटापा क्यों?

– दुनियाभर में बच्चे जिस तरह मोटापे का शिकार हो रहे हैं, उस में एक कारण उन के जींस और हार्मोंस भी हो सकते हैं, यानी मोटापा उन्हें आनुवंशिक रूप से प्राप्त हो रहा है. लेकिन इस कारण का प्रतिशत बहुत कम है.

– मोटापे की खास वजह बच्चों में खानपान की गलत आदतें हैं. बच्चे खाते बहुत हैं और कसरत न के बराबर करते हैं.

– नौकरीपेशा मातापिता के पास खाना पकाने के लिए न तो समय होता है और न ही ताकत. नतीजा, वे फास्टफूड यानी झटपट तैयार खाने पर निर्भर होते जा रहे हैं.

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– आज दुनियाभर में जहां देखो वहां फास्टफूड रैस्तरां खुलते जा रहे हैं. एक अध्ययन से पता चला है कि अमेरिका में 4 से 19 साल के एकतिहाई बच्चे हर दिन फास्टफूड पर ही जीते हैं. इस तरह के खाने में शक्कर और चिकनाई बहुत ज्यादा होती है. साथ ही, इन्हें इतनी बड़ी मात्रा में परोसा जाता है कि देखने वालों की लार टपकने लगती है.

– आज लोग दूध और पानी के बजाय सौफ्टड्रिंक पीना ज्यादा पसंद करते हैं. मिसाल के लिए, मैक्सिको में हर साल लोग उतना पैसा 10 तरह के व्यंजनों पर भी खर्च नहीं करते जितना वे सिर्फ  सौफ्टड्रिंक पर खर्च कर देते हैं. हर दिन सिर्फ 600 मिलीलिटर सौफ्टड्रिंक पीने से सालभर में एक व्यक्ति का वजन करीब 11 किलो तक बढ़ सकता है.

– अध्ययन के अनुसार, औसतन 3 साल के बच्चे हर दिन सिर्फ 20 मिनट ही खेलकूद या किसी तरह की शारीरिक हरकत में बिताते हैं. बच्चों में बैठेबैठे काम करते रहने की आदत आम होती जा रही है, जिस के कारण मोटापा शरीर में घर कर रहा है.

  मोटापे से छुटकारा पाने के लिए क्या करें

– बच्चों को फास्ट फूड खिलाने के बजाय फल, सलाद और सब्जियां ज्यादा खिलाएं.

– सौफ्टड्रिंक, शरबत और ज्यादा मीठे व चिकनाईयुक्त नाश्ते पर रोक लगाइए. इस के बजाय बच्चों को पानी या बिना मलाईवाला दूध और पौष्टिक नाश्ता दीजिए.

– खाना पकाने के ऐसे तरीके अपनाइए, जिन में घीतेल का ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता, जैसे सेंकना, भूनना या भाप में पकाना. नईनई रैसिपीज सीखें और खाने में ज्यादा स्वाद पैदा करें. एकजैसी सब्जी खातेखाते बच्चे बोर हो जाते हैं.

– खाना कम परोसिए. खाना चबाचबा कर धीरेधीरे खाने और भूख से 2 निवाले कम खाने का निर्देश बच्चों को दीजिए.

– कोई काम कराने और इनाम देने के नाम पर बच्चों को खाने की चीजें मत दीजिए.

– साथ बैठ कर खाना खाइए. टीवी या कंप्यूटर के सामने खाने से एक व्यक्ति को इस का अंदाजा नहीं लगता कि उस ने कितना खा लिया है.

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– कसरत करने को बढ़ावा दीजिए, जैसे साइकिल चलाना, गेंद से खेलना और रस्सी कूदना.

– ज्यादा देर तक टीवी देखने, कंप्यूटर का इस्तेमाल करने या वीडियो गेम खेलने की इजाजत मत दीजिए.

– पूरा परिवार मिल कर कहीं बाहर घूमने की योजना बनाइए, जैसे कि चिडि़याघर देखना, पार्क में खेलना या तैराकी के लिए जाना.

– बढि़या खाना खाने और कसरत करने की अच्छी मिसाल बच्चों के सामने रखिए.

DIWALI 2019: फेस्टिवल में न भूलें नींद पूरी करना

दीवाली के दिन खुशी और उल्लास से भरपूर होते हैं, इसलिए चाहे युवा हों या वयस्क सभी इन दिनों खुशी से झूम उठते हैं और बिना अपनी हेल्थ और नींद की परवाह किए बगैर सेलिब्रेशन की तैयारियों में लगे रहते हैं. रात भर डांस पार्टी और हैवी डाइट हमारी हेल्थ को बिगाड़ देती है. फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलौजिस्ट डा. गिरीश नायर का कहना है कि किसी उत्सव या पार्टी को मनाते वक्त व्यक्ति यह भूल जाता है कि उस ने सही नींद नहीं ली है. इससे कई बार तो उस की वह बीमारी जो पहले से है वह बढ़ जाती है या फिर नई बीमारी की शुरुआत हो जाती है.

इस के आगे डाक्टर बताते हैं कि नींद 2 तरह की होती है. गहरी नींद, जिस में व्यक्ति अगर 5 घंटे भी सो ले तो बौडी रिलैक्स हो जाती है. दूसरी कच्ची नींद, जो भले ही 8 घंटे की हो बौडी रिलैक्स नहीं होती. देर रात सोने से बौडी और मस्तिष्क पर जो प्रभाव पड़ता है वह निम्न है:

– देर रात सोने से आप की 6 से 8 घंटे की नींद पूरी नहीं होती, जिस से आप सुबह देर से उठने के बाद भी सुस्त रहते हैं. फ्रैश महसूस नहीं करते. नींद पूरी न होने पर ब्लडप्रैशर बढ़ सकता है.

– माईग्रेन यानी सिरदर्द हो सकता है. अगर माइगे्रन पहले से है तो उस के बढ़ने की आशंका रहती है, क्योंकि आप नियमित दिनचर्या से अलग हट कर काम करते हैं.

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– नींद पूरी न होने से आप की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है, जिस से कफ, कोल्ड, बदहजमी जैसी बीमारियां होने लगती हैं.

देर रात सोने से होती हैं कई और समस्याएं

डाइजेस्टिव सिस्टम पर असर पड़ता है, जिस से ऐसिडिटी बढ़ती है. आप हाइपरटैंशन के शिकार हो सकते हैं. इरिटेबल बाउल सिंड्रोम हो सकता है, जिस में सुबह उठने पर बारबार दस्त होना, पेटदर्द, नौशिया आदि होती है.

अस्थमा के मरीज का अस्थमा बढ़ सकता है, उसे अटैक आ सकते हैं. हारमोनल बैलेंस बिगड़ता है जिस से मधुमेह की बीमारी का बढ़ना या नई शुरुआत हो सकती है.

फर्टिलिटी पर भी असर पड़ता है. पुरुषों का ‘स्पर्म काउंट’ कम हो सकता है. जबकि महिलाओं के ‘मेंसुरेशन साइकिल’ पर असर पड़ता है.

सुझाव

डा. नायर आगे कहते हैं कि देर रात सोने की आदत हमेशा खराब होती है. पर ग्लोबलाइजेशन या पढ़ाई की वजह से या फिर किसी खास अवसर की वजह से आप रात को देर से सोते हैं, तो निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखें:

किसी कारणवश अगर आप देर से सोए हों, और आप की नींद पूरी नहीं हुई हो तो हो सके तो दोपहर में थोड़ी देर नींद ले लें.

खाने पर ध्यान दें. औयली, फ्राइड और प्रोसैस्ड फूड न खा कर घर का भोजन, जिस में फ्रैश फ्रूट्स, सब्जियां और सलाद हो, खाने की कोशिश करें. कम से कम 3 से 4 लिटर पानी पिएं.

अगर आप अगले दिन फ्रैश न हों तो गाड़ी न चलाएं. देर तक जागने की वजह से आप की एकाग्रता कम होगी, जिस से आप का गाड़ी पर कंट्रोल कम हो सकता है, जो कई बार खतरनाक होता है.

मौजमस्ती, कितनी भी करें, पर अपनी जरूरत की नींद अवश्य पूरी करें, क्योंकि नींद टायर्ड मसल्स को रिलैक्स करती है, जिस से आप दूसरे दिन की भागदौड़ के लिए तैयार होते हैं. नींद आप को सही और तुरंत निर्णय लेने में भी मदद करती है, तब आप एक खुशनुमा जीवन बिता सकते हैं.

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DIWALI 2019: मैंगो कोकोनट बर्फी

गरमी में मार्केट में आमों की भरमार होती है. जिससे आप आम की कईं नईं-नई डिश बना सकते हैं तो आज हम आपको मैंगो कोकोनट बर्फी के बारे में बताएंगे जिसे खिलाकर आप अपने फैमिली और फ्रैंड्स का दिल जीत सकती हैं.

हमें चाहिए

आम का गूदा ½ किलो

नारियल पाउडर 200 ग्राम

चीनी 100 ग्राम

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मावा 250 ग्राम

काजू 30 ग्राम

पिस्ता 20 ग्राम

इलायची पाउडर ¼ छोटा चम्मच

बनाने का तरीका

– मध्यम आंच पर एक पैन में नारियल पाउडर लें. इसे लगातार तब तक भूनें जब तक यह सूखकर हल्का भूरा न हो जाए साथ ही एक अच्छी खूशबू न आ जाए.

– फिर दूध/मावा, चीनी और आम का पल्प डालकर मिक्स करें और मध्यम आंच पर पकाते रहें. यह पकने के बाद सूख जाता है और गाढ़ा हो जाता है. जिसमें कम से कम 18 से 20 मिनट का समय लगता हैं.

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– अब इस पेस्ट में ड्राई फ्रूट डालकर गैस बंद करें, साथ ही इलायची पाउडर डालें और इसे एक बढ़ी ट्रे या कंटेनर में निकालें. फिर इसे समान रूप से ट्रे पर घी लगाकर पेस्ट को फैलाएं और इसके ऊपर कटा हुआ पिस्ता और काजू डालें

– एक बार सेट होने पर टुकड़ों में काटें और डिनर या कभी भी अपनी फैमिली और फ्रैंड्स को सर्व करें.

Edited by Rosy

DIWALI 2019: गोल्ड खरीदने के गोल्डन रूल्स

भारत में गोल्ड को लग्जरी से ज्यादा इन्वैस्टमैंट के रूप में देखा जाता है. फिर सोने की लगातार बढ़ती कीमत ने इस बात को साबित भी कर दिया है कि गोल्ड निवेश का एक अच्छा जरीया है.

फाइनैंस सलाहकार अभिनव गुलेचा कहते हैं, ‘‘गोल्ड में निवेश करने से महिलाओं के दोनों शौक पूरे हो जाते हैं. पहला उन के गोल्ड कलैक्शन में इजाफा हो जाता है और दूसरा उन की इन्वैस्टमैंट की ख्वाहिश भी पूरी हो जाती है.’’

सोने में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं. गहनों के रूप में या फिर सिक्कों के रूप में सोना खरीदने के अलावा भी सोने में और कई तरीकों से पैसे लगाए जा सकते हैं. इन के अलावा सोने में निवेश के लिए म्यूचुअल फंड प्रारूप भी उपलब्ध है. गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड फंड भी अच्छे विकल्प हैं. यह निवेशक की अपनी सहूलियत पर निर्भर करता है कि वह इन में से किस विकल्प को चुनता है. आइए, इन विकल्पों पर एक नजर डालते हैं.

1. गोल्ड ईएमआई स्कीम

गोल्ड में निवेश का यह सब से आसान तरीका है. आजकल हर ज्वैलरी ब्रैंड गोल्ड पर तरहतरह की स्कीमें ला रहा है. जैसे 12 महीनों में 11 किस्तें ग्राहक भरे और 12वीं किस्त ज्वैलरी ब्रैंड खुद भरेगा. यदि आप 1,000 की किस्त हर महीने भरें तो 12वें महीने एक निश्चित तिथि पर आप 12,000 की कोई भी गोल्ड ज्वैलरी ले सकती हैं. लेकिन अभिनव की मानें तो यह ज्यादा फायदे का सौदा नहीं है. वे कहते हैं, ‘‘इस तरह की स्कीम तब फायदेमंद होगी जब आप को अपना ज्वैलरी कलैक्शन बढ़ाना हो, क्योंकि इस स्कीम से आप को जमा की गई किस्तों के मूल्य की ज्वैलरी ही मिलेगी. यदि आप इसे पैसों में कन्वर्ट कराना चाहें तो भी नहीं करा सकतीं.’’

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2. गोल्ड फ्यूचर्स

गोल्ड फ्यूचर्स के जरीए सोना खरीदने के लिए पूरी राशि की जरूरत नहीं पड़ती. इस प्रक्रिया में मार्जिन मनी से काम चल जाता है. किसी भी वक्त सौदा किया जा सकता है और समाप्त भी. इस में लिक्विडिटी की समस्या नहीं होती. आप चाहें तो कैश में सौदे का निबटान कर दें या फिर इस की फिजिकल डिलिवरी ले सकती हैं.

आप के पास यह सुविधा भी होती है कि आप अगली ऐक्सपायरी में सौदे को रोलओवर कर लें. लेकिन इस के कुछ नुकसान भी हैं. पहली बात तो यह कि फ्यूचर्स में जोखिम अधिक होता है. इस के अलावा सौदे की ऐक्सपायरी से पहले आप को निर्णय लेना ही होता है. गोल्ड फ्यूचर्स में खरीदारी और बिक्री दोनों ही वक्त ब्रोकरेज देना पड़ता है. इसलिए इस प्लान में इन्वैस्ट करने से पहले किसी अच्छे इन्वैस्टमैंट सलाहकार से राय जरूर ले लें.

3. गोल्ड फंड

गोल्ड फंड म्यूचुअल फंड का ही एक रूप है, जिस में अंतर्राष्ट्रीय फंडों के जरीए सोने की माइनिंग से संबंधित कंपनियों में निवेश किया जाता है. गोल्ड फंड में निवेश के कई फायदे हैं. यह इलैक्ट्रौनिक फौर्म में रखा होता है, जिस से इस की हिफाजत की चिंता नहीं रहती है. इस तरह की योजनाओं में निवेश करने से निवेशकों को फंड मैनेजर के कौशल और सक्रिय फंड प्रबंधन का फायदा मिलता है.

अभिनव बताते हैं, ‘‘गोल्ड फंड का सब से बड़ा फायदा यह है कि इसे बगैर डीमैट अकाउंट के औपरेट किया जा सकता है और इस में एसआईपी (सिप) सुविधा भी है. सिप के जरीए छोटी रकम से भी निवेश किया जा सकता है. इस प्लान में आप महज कुछ सौ रुपए की राशि से भी सोने में निवेश कर सकती हैं. गोल्ड फंड में सिप से मिलने वाले रिटर्न पर कोई संपत्ति कर भी नहीं लगता. लेकिन इस की कुछ सीमाएं हैं. कौस्ट औफ होल्डिंग के हिसाब से गोल्ड फंड ईटीएफ से थोड़ा महंगा पड़ता है.’’

4. गोल्ड ईटीएफ

गोल्ड ईटीएफ वे म्यूचुअल फंड होते हैं, जो सोने में निवेश करते हैं और शेयर बाजार में लिस्टेड होते हैं यानी इन के जरीए सोने में निवेश करने के लिए यह जरूरी है कि आप के पास डीमैट और ट्रेडिंग खाता हो. हालांकि यह घरेलू महिलाओं के लिए थोड़ा कठिन है, लेकिन कामकाजी महिलाओं के लिए डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना आजकल कोई मुश्किल काम नहीं है. लेकिन अभिनव की मानें तो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना भले ही आसान है, लेकिन इस की भी अपनी सीमाएं हैं.

वे बताते हैं, ‘‘इस के लिए आप को ब्रोकरेज चार्ज और फंड मैनेजमैंट चार्ज देना होता है. गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने वाले निवेशकों को फंड मैनेजर के कौशल और सक्रिय फंड प्रबंधन का भी कोई फायदा नहीं मिल पाता.’’

पूरे भारत में लोग दीवाली पर सोने की शौपिंग करते हैं. अगर आप भी इस बार दीवाली पर सोना खरीदने का मूड बना रही हैं, तो कुछ बातों का खयाल जरूर रखें. खासतौर पर गोल्ड की क्वालिटी और प्योरिटी का वरना लेने के देने पड़ सकते हैं. आइए, जानते हैं इन जरूरी बातों को:

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5. कैरेट रेटिंग चैक करें

यह सभी को पता होता है कि गोल्ड की प्योरिटी कैरेट से मापी जाती है. कैरेट के मुताबिक ही गोल्ड की कीमत तय की जाती है. प्योर गोल्ड 24 कैरेट में आता है, लेकिन यह बेहद सौफ्ट होता है, इसलिए ज्वैलरी बनाने के लिए इस में कुछ इंप्योरिटी डाली जाती है, जिस से 24 की जगह 22 कैरेट गोल्ड से ज्वैलरी तैयार होती है.

कई बार ज्वैलरी खरीदते वक्त जौहरी ग्राहक को 24 कैरेट गोल्ड कह कर ज्यादा पैसे ऐंठ लेता है जबकि ज्वैलरी हमेशा 22 कैरेट या 18 कैरेट गोल्ड से ही तैयार की जाती है. गोल्ड में कैरेट के हिसाब से ही ज्वैलरी की कीमत लगाई जाती है. इसलिए ज्वैलरी खरीदते समय इस बात का पूरा खयाल रखें कि आप कितने कैरेट की गोल्ड ज्वैलरी ले रही हैं और फिर उसी हिसाब से पेमैंट करें.

6. हौलमार्क चार्ज

हौलमार्क के गहने खरीदते वक्त आप को थोड़ी कीमत अधिक देनी होगी. उस में इस परीक्षण की लागत को भी शामिल किया जाता है. कई बार हौलमार्क के गहनों की कीमत भी अलगअलग दुकानों पर अलगअलग हो सकती है. इसलिए कई जगहों पर पता कर के ही सही जगह से हौलमार्क ज्वैलरी खरीदें.

7. गोल्ड रेट जरूर चैक करें

आप जब गोल्ड खरीदने जाएं तो उस दिन गोल्ड का रेट क्या है, यह जरूर पता कर लें. इस के बाद पेमैंट करते वक्त भी गोल्ड की कीमत जरूर पूछें, क्योंकि गोल्ड की कीमत घटतीबढ़ती रहती है.

8. मेकिंग चार्ज

मेकिंग चार्ज अलगअलग गहनों के मुताबिक अलगअलग होता है, जिसे ज्वैलर्स सोने के गहने बनाने के मेहनताने के रूप में लेते हैं. ऐसे में ज्वैलरी खरीदते वक्त अलगअलग जगहों के मेकिंग चार्ज की जानकारी जरूर लें ताकि आप के गहनों की कीमत में कम से कम मेकिंग चार्ज हो, क्योंकि जब भी आप गहने बेचेंगी मेकिंग चार्ज की कीमत का नुकसान आप को ही उठाना पड़ेगा. ऐसे में कम मेकिंग चार्ज वाली खरीदारी ही फायदे का सौदा है. हां, ध्यान रखें आप सोने में जितने अधिक नगों और डिजाइनों की मांग करेंगी, उन पर मेकिंग चार्ज भी उतना ही अधिक होगा और फिर सोने की शुद्धता भी उतनी ही कम होगी.

9. रिटर्न पौलिसी जान लें

ज्वैलर या सेल्समैन से रिटर्न पौलिसी और प्रामाणिकता के सर्टिफिकेट के बारे में जानकारी जरूर ले लें. हो सकता है कल को आप का अपनी ज्वैलरी बेचने का मन बन जाए, तब यह सर्टिफिकेट आप के काम आएगा. दूसरे, इस सर्टिफिकेट से यह भी पता चल जाएगा कि आप ने जो गोल्ड खरीदा है वह असली है. इस बात को याद रखें कि प्योर गोल्ड रिटर्न के दौरान लेबर चार्जेज के अलावा दूसरा कोई चार्ज नहीं काटा जाता.

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त्यौहारों पर ट्रैफिक जाम, करके रखें इंतजाम

पिछले साल दीवाली पर ही तय कर लिया था कि कुछ भी हो जाए खरीदारी के लिए अब दीवाली से 5-6 दिन पहले ही बाजार जाएंगे. एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे कपिल तिवारी पिछले साल के इस तकलीफदेह तजरबे से फिर दोचार नहीं होना चाहते जब वे अपने ही शहर के ट्रैफिक जाम में फंस गए थे. कंपनी में दीवाली पर काम ज्यादा था, इसलिए उन्होंने सोचा था कि औफिस से फुरसत पा कर ही पत्नी और दोनों बच्चों सहित शौपिंग पर जाएंगे.

इस बाबत उन्होंने घर फोन कर कह भी दिया था कि शाम 7 बजे के लगभग तैयार रहना और हौर्न देते ही ताले लगा कर सभी बाहर आ जाना. सीधे बाजार चलेंगे. घर आए और बाहर से ही रवाना भी हो गए, लेकिन 3 किलोमीटर की दूरी तय करते ही ट्रैफिक में फंस गए. सड़क पर चारों तरफ रोशनी जगमगा रही थी. कहींकहीं पटाखे भी फूट रहे थे.

लेकिन कपिल की खीज शवाब पर थी. वे कभी खुद को तो कभी ट्रैफिक को कोस रहे थे. इधर पत्नी और दोनों बच्चों की हालत भी जुदा नहीं थी, जिन के हाथों में सामान की लिस्ट थी. ट्रैफिक था कि केंचुए की चाल से रेंग रहा था. जैसे ही आगे की गाडि़यां थोड़ा खिसकती तो मन में उम्मीद जागती कि अब रास्ता साफ हो जाएगा. लेकिन चंद कदम के बाद फिर गाडि़यों के पहिए थम जाते. भले ही ऊपर से चारों ट्रैफिक व्यवस्था, सरकार और एकसाथ सभी की बाजार निकलने की मानसिकता व रिवाज को कोस रहे थे, लेकिन उस से ज्यादा मन ही मन खुद को भी कोस रहे थे कि दीवाली की खरीदारी जैसा अहम काम 5-6 दिन पहले ही कर लेते तो जाम में न फंसते. लेकिन फंस ऐसे चुके थे कि न तो आगे बढ़ सकते थे और न ही पीछे जा सकते थे. बच्चों का उत्साह और धैर्य जवाब देने लगा था. छोटा बेटा रोहित भूख लगने की बात करने लगा था तो बड़ा रोहन बारबार बाजार बंद हो जाने की आशंका जता रहा था कि जब 9 यहीं बज गए तो इस चाल से बाजार पहुंचतेपहुंचते 11 तो बज ही जाएंगे.

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तब तक दुकानें बंद हो चुकीं होगी. दीवाली की खुशी एक रात पहले ही काफूर हो चली थी. खरीदारी के जोश में बच्चे मोबाइल भी नहीं चला रहे थे. 11 तो नहीं पर 10 बजे बाजार पहुंचे तो सब से पहले रोहित के लिए स्नैक्स लिए फिर शुरू की खरीदारी जो वैसी नहीं हो पाई जैसा प्लान पूरा परिवार महीने भर से कर रहा था. पिछले साल की मानसिक और शारीरिक यंत्रणा को याद कर सिहर उठते कपिल ने तय कर लिया है कि त्योहारों की खरीदारी 5-6 दिन पहले ही करेंगे, बजाय शाम या रात को निकलने के दोपहर को ही बाजार के लिए निकल लेंगे. इस पर भी ट्रैफिक का भरोसा नहीं. इसलिए गाड़ी में बच्चों के लिए स्नैक्स और पानी भरपूर मात्रा में रखेंगे और गाड़ी का पैट्रौल टैंक फुल करा कर रखेंगे. पिछली बार इकलौता अच्छा काम यह हुआ था कि गाड़ी में पर्याप्त पैट्रोल था वरना कहीं बीच में फंस कर रह जाते और फिर खरीदारी नहीं कर पाते. बचें फंसने से भोपाल के एक सरकारी महकमे के इंजीनियर असीम चक्रवर्ती का अनुभव तो कपिल तिवारी से भी ज्यादा कटु है.

वे हर बार की तरह दीवाली का त्योहार मनाने के लिए मातापिता के पास इंदौर जाने के लिए सुबह भोपाल से यह सोच कर निकले थे कि दोपहर तक आराम से पहुंच जाएंगे. सिर्फ साढ़े तीन घंटे का रास्ता है. अगर रास्ते में देर भी लगी तो 5 घंटे में तो पहुंच ही जाएंगे. परिवार सहित भोपाल से चले तो आधा सफर तो बढि़या कटा. हाइवे पर ट्रैफिक ज्यादा था, लेकिन जाम कहीं नहीं मिला तो उन्हें उम्मीद बंधी कि समय से पहुंच जाएंगे और फिर सुकून से मम्मीपापा के साथ दीवाली मनाएंगे. लेकिन आष्टा नाम के कसबे की घाटी पर उन की 4 साल पुरानी कार बीच रास्ते रुक गई. बोनट खोल कर कुछ देर इंजन के तारों को हिलाने के बाद भी कार स्टार्ट नहीं हुई तो उन्हें समझ आ गया कि कोई बड़ी खराबी आ गई है. उधर पीछे गाडि़यों की कतार लगनी शुरू हो गई थी.

कुछ देर बाद एक ट्रक ड्राइवर ने आ कर गाड़ी देखी तो उसे भी कुछ समझ नहीं आया. जातेजाते वह ये नसीहतें देना नहीं भूला:

  • जब लंबी दूरी पर निकलो खासतौर पर त्योहारों के मौके पर तो कार की सर्विसिंग जरूर करा लिया करो.
  • गाड़ी की छोटीमोटी खराबी ठीक करना खुद सीखो.
  • इंजन औयल, ब्रेक वगैरह चैक कर चला करो.
  • वाटर कूलेंट की जांच करते रहा करो.
  • गाड़ी में ऐक्स्ट्रा फ्यूल डलवा कर रखा करो.
  • गाड़ी में ऐक्स्ट्रा बल्ब, यूज व लाइट अवश्य रखो.

5-10 मिनट तक वह ड्राइवर धर्मगुरुओं की तरह प्रवचन देता रहा और असीम भक्त की तरह चुपचाप उन्हें ग्रहण करते रहे. मम्मीपापा को उन्होंने फोन कर बता दिया कि रास्ते में गाड़ी खराब हो गई है इसलिए देर हो जाएगी. फिर 2-4 ट्रक ड्राइवरों ने उन की गाड़ी को धक्का दे कर किनारे कर किया. दिन दीवाली का था, इसलिए कोई मैकेनिक भी नहीं मिला. जैसेजैसे रात 8 बजे भोपाल से विभाग के एक कर्मचारी को बुलाया और गाड़ी उस के हवाले कर दी.

बचने के उपाय त्योहारों पर भीड़भाड़ और जगहजगह ट्रैफिक जाम होना आम बात है. इसलिए शहर में जाएं या बाहर कुछ एहतियात बरतना जरूरी है:

– पहली कोशिश यह होनी चाहिए कि ट्रैफिक में फंसा ही न जाए, लेकिन इस के लिए कोई तयशुदा फौर्मूला नहीं है, लेकिन जो हैं उन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.

स्मार्ट फोन से ट्रैफिक जाम की जानकारी लेना उन में से एक है.

– झांकियों और सार्वजनिक धार्मिक उत्सवों, चल समारोहों के दौरान घर से गाड़ी में न निकलना ही बेहतर होता है. वजह धर्म के नाम पर हमारे देश में लोगों को जो डिस्काउंट तरहतरह के मिले हुए हैं. सड़क पर मजमे लगा कर ट्रैफिक जाम करना उन में से एक है.

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– अपनी गाड़ी को अपडेट रखें. त्योहार के पहले ही पैट्रोल टैंक फुल करवा लें ताकि बारबार पैट्रोल पंप की लाइन में न लगना पड़े. कई बार त्योहार पर भी इमरजैंसी आ जाती है, इसलिए गाड़ी में पर्याप्त पैट्रोल होना जरूरी है.

– दूर जाएं या पास रास्तों की जानकारी ले लें कि कौन सा खाली है. वही रास्ता चुनें जहां ट्रैफिक कम होता हो. इस बाबत दूसरों से सलाह ले लेना भी बेहतर रहता है.

– ट्रैफिक नियमों का पालन करें. गाड़ी में कोई खराबी हो तो उस का इस्तेमाल त्योहार के वक्त न करें.

– त्योहार आनंद और खुशी के प्रतीक होते हैं, जिन पर गाड़ी को ले कर लापरवाही का ग्रहण आप का व परिवार का मजा किरकिरा कर सकता है. इसलिए शौपिंग वाकई कुछ दिन पहले कर लेना सुविधाजनक रहता है और दूर जाना हो तो त्योहार के दिन का इंतजार न करें बल्कि 1-2 दिन पहले निकलने का प्लान करें.

– ट्रैफिक जाम से बचने के लिए जरूरी है कि लंबी दूरी की यात्रा सुबह शुरू की जाए और अपने ही शहर में जाना हो तो व्यस्त समय से पहले या बाद में निकलें.

– जाम में फंसने पर पैट्रोल ज्यादा फुंकता है, इसलिए टंकी फुल रखें. मैकेनिकों के मोबाइल नंबर भी संभाल कर रखने चाहिए.

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