सवाल-
मेरी 34 वर्षीय घरेलू महिला हूं. प्रसव के बाद मेरे जोड़ों में काफी दर्द रहने लगा है. बताएं मुझे क्या करना चाहिए?
जवाब-
गर्भावस्था और प्रसव के दौरान शरीर में कई रासायनिक और हारमोनल परिवर्तन होते हैं, जिन का प्रभाव जोड़ों पर भी पड़ता है. गर्भावस्था में वजन बढ़ने से भी कमर, कूल्हों और घुटनों के जोड़ों पर दबाव पड़ता है और उन में टूटफूट की प्रक्रिया तेज हो जाती है. कई महिलाएं गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान अपने खानपान का ध्यान नहीं रखतीं, जबकि इस दौरान उन के शरीर को पोषक तत्त्वों की काफी अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है, जिस से उन के शरीर में पोषण तत्त्वों की कमी हो जाती है और यह हड्डियों की कमजोरी का कारण बन जाता है. अपने खानपान का ध्यान रखें, बढ़े हुए वजन को कम करें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें.
सवाल-
मेरी उम्र 57 साल है. पिछले 1 साल से मेरे घुटनों में इतना दर्द है कि मुझे अपनी दैनिक गतिविधियां करने में भी परेशानी हो रही है. मैं जानना चाहती हूं कि मेरे लिए आंशिक घुटना प्रत्यारोपण कितना कारगर रहेगा?
जवाब-
अगर आप के घुटनों में इतनी तकलीफ है तो तुरंत किसी अच्छे और्थोपैडिक सर्जन से जांच कराएं. अगर सर्जरी कराना जरूरी हो तो उस में देरी न करें. आप के लिए कौन सी सर्जरी बेहतर रहेगी यह इस पर निर्भर करेगा कि आप के घुटनों के दर्द का कारण क्या है और समस्या किस स्तर पर है. अगर पूरा घुटना खराब नहीं है तो आंशिक घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी एक बेहतर विकल्प है, क्योंकि इस में पूरे घुटने को नहीं केवल क्षतिग्रस्त भाग को बदला जाता है. संपूर्ण घुटना प्रत्यारोपण के विपरीत, इस में घुटनों का जोड़ 70% सुरक्षित रहता है. इस में मरीज रिकवर भी जल्दी होता है और सर्जरी के बाद उसी दिन या अगले दिन घर जा सकता है.