सवाल-
मेरी 35 साल की बेटी के घुटनों में दर्द है, तो उस के औफिस में किसी को सर्वाइकल की तो किसी को कमर दर्द की समस्या है. इस की क्या वजह है?
जवाब-
पहले आर्थ्राइटिस की समस्या केवल बुजुर्गों में ही देखने को मिलती थी, लेकिन अब युवाओं को भी इस समस्या से जूझना पड़ रहा है. आजकल युवावर्ग टैक्नोलौजी और सुविधाओं पर इतना ज्यादा निर्भर हो गया है कि शारीरिक परिश्रम करना कहीं पीछे छूट गया है. बच्चों का भी यही हाल है. वे इंटरनैट और टीवी के सामने ही समय बिताना पसंद करते हैं. खेलनाकूदना, पसीना बहाना या शारीरिक मेहनत करना बहुत कम देखने को मिलता है. पहले लोग शारीरिक काम बहुत करते थे, इसलिए स्वस्थ व फिट रहते थे. इस के अलावा युवाओं की अनियमित दिनचर्या, दिन भर डैस्क जौब, टैक्नोलौजी व मशीनों पर बढ़ती निर्भरता, शारीरिक व्यायाम न करने और पोषक खानपान न होने की वजह से आर्थ्राइटिस होने का रिस्क बढ़ जाता है. गौरतलब है कि व्यायाम या शारीरिक गतिविधियां न करने से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिस से हड्डियों पर वजन पड़ने से जोड़ प्रभावित होने लगते हैं. इसलिए नियमित व्यायाम करने के साथसाथ, खानपान भी पोषक तत्त्वों से युक्त हो.
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रह्यूमेटाइड आर्थ्राइटिस एक जटिल बीमारी है, जिस में जोड़ों में सूजन और जलन की समस्या हो जाती है. यह सूजन और जलन इतनी ज्यादा हो सकती है कि इस से हाथों और शरीर के अन्य अंगों के काम और बाह्य आकृति भी प्रभावित हो सकती है. रह्यूमेटाइड आर्थ्राइटिस पैरों को भी प्रभावित कर सकती है और यह पंजों के जोड़ों को विकृत कर सकती है.