सवाल-

मेरा 24 साल की कामकाजी महिला हूं. मौनसून का मौसम जल्द ही शुरू होने वाला है. मैं ने सुना है कि इस मौसम में आंखों के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है. क्या यह सच है? यदि यह सच है तो कृपया इस से बचाव का उपाय बताएं?

 जवाब-

आप ने बिलकुल सही सुना है. दरअसल, बारिश के पानी में कई प्रकार के बैक्टीरिया जन्म लेते हैं और साथ ही इस मौसम में कीड़ेमकोड़ों की भरमार हो जाती है.

वातावरण में नमी और बैक्टीरिया के कारण आंखों के संक्रमण का खतरा बढ़ता है. इस से बचने के लिए व्यक्तिगत स्वछता जरूरी है. आंखों को छुएं नहीं, रगड़ें नहीं और दिन में कम से कम 2-3 बार आंखों पर साफ और ठंडे पानी के छींटे मारें. इस से संक्रमण का खतरा कम होता है.

जिस जगह पानी भरा हो उस से दूर रहें, क्योंकि वहां पर बैक्टिरिया सब से ज्यादा पनपते हैं. आंखों में बारिश का पानी बिलकुल न जानें दें.

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कई बीमारियों के भी चपेट में आ जाते है. ऐसे में शरीर के सबसे नाजुक अंगों में से एक आंखों की देखभाल बहुत जरूरी है क्योंकि आंखों में होने वाली जरा सी दिक्कत चिंता का सबब बन सकती है. अक्सर लोग आंख में धूल या मिट्टी चले जाने पर उसे तेजी से रगड़ने लगते हैं जिसके कारण आंखे लाल हो जाती है और उन्हें परेशानियां होने लगती है. गर्मी के मौसम में सबसे आम दिक्कत है एलर्जिक रिएक्शन. आंखों में एलर्जी होने से आंखों में पानी, चुभन होना और लालपन आने लगता है. एलर्जिक कांजेक्टिवआइटिस इस मौसम में सबसे आम है जो कि एलर्जिक रिएक्शन के कारण होता है.

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