सवाल-
मेरी मां को डिंबाशय का कैंसर था. लेकिन अब वे उपचार से ठीक हो चुकी हैं. हाल ही में मेरी चाची को भी डिंबाशय के कैंसर का पता चला है. मैं ने सुना है कि डिंबाशय का कैंसर आनुवंशिक रोग है, जिस के कारण मुझे इस की चपेट में आने की आशंका है. कृपया बताएं कि मुझे किन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए और क्या मुझे किस प्रकार की जांच करानी चाहिए?
जवाब-
डिंबाशय के कैंसर के कुल मामलों में 5 से 10% मामले ही आनुवंशिक होते हैं. इस रोग का पारिवारिक इतिहास होने के कारण आप के समक्ष जीन के उत्परिवर्तित होने का उच्चस्तरीय खतरा रहता है. कैंसर के शीघ्र डाइग्नोसिस के लिए कुछ जांचें कराना जरूरी होता है. डिंबाशय के कैंसर के शुरू के चरणों में कोई लक्षण प्रकट नहीं होता, लेकिन यदि आप श्रोणिक्षेत्र अथवा आमाशय अथवा गैस, पेट फूलने जैसी आंत्रजठरीय समस्याओं जैसे लक्षणों को महसूस करती हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. अल्ट्रासाउंड के जरीए इस का डाइग्नोसिस किया जा सकता है.
सवाल-
मैं 30 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मैं और मेरे पति 2 वर्षों से गर्भधारण के लिए प्रयास कर रहे हैं. हाल ही में मुझ में गर्भग्रीवा के कैंसर का पता चला है. क्या मैं भविष्य में गर्भवती हो सकती हूं? यदि मैं गर्भवती हो जाती हूं, तो क्या कैंसर का उपचार बच्चे के लिए नुकसानदायक होगा?
जवाब-
ऐसी स्थिति में गर्भधारण मुमकिन नहीं है. विकिरण चिकित्सा से आप के डिंबाशय काम करना बंद कर सकते हैं तथा आप के गर्भाशय को रिमूव कर दिए जाने के कारण गर्भधारण मुमकिन नहीं हो सकता. यदि 2 सैंटीमीटर से कम ग्रोथ वाले गर्भग्रीवा के कैंसर का पहला चरण होता है, तो लैप्रोस्कोपिक पैल्विक लिंफैडेनैक्टोमी के साथ वैजाइनल ट्रैचेलैक्टोमी की सर्जरी के द्वारा गर्भाशय को बचाया जा सकता है. इस औपरेशन के बाद गर्भधारण के मामले देखे गए हैं. यदि कैंसर का जल्दी पता लग जाता है अथवा गर्भावस्था की आखिरी तिमाही में कैंसर का पता चलता है, तो इस के उपचार को प्रसव के बाद तक टाला जा सकता है.