सवाल-

मैं 2 महीने से प्रैगनैंट हूं. क्या इस समय सैक्स करना सेफ रहेगा?

जवाब-

प्रैगनैंसी के पहले 3 महीने या पहली तिमाही तक इंटरकोर्स या सैक्स करना सेफ नहीं होता है. इस से गर्भपात होने की संभावना रहती है. लेकिन दूसरी तिमाही में सैक्स कर सकते हैं. इंटरकोर्स करते समय इस बात का ध्यान रहे कि उस में प्यार और फोरप्ले का समावेश ज्यादा हो यानी पार्टनर से जबरदस्ती बिलकुल नहीं करनी चाहिए. सैक्स करने से दोनों पार्टनर एकदूसरे से ज्यादा कनैक्ट हो पाते हैं. दूसरी तिमाही के बाद सैक्स करने के बाद गर्भाशय में संकुचन महसूस होगा, औक्सीटोन नाम का लव हारमोन भी रिलीज होगा जो मातापिता और बच्चे के बीच के बंधन को मजबूत करता है. इसलिए सैक्स करने की बात को ले कर घबराएं नहीं. इस से नौर्मल डिलिवरी होने की संभावना और बढ़ जाती है. सैक्स करते वक्त बस हाइजीन मैंटेन करें और कंडोम का इस्तेमाल करना न भूलें. याद रखें, ऐंजौय सैक्स, सेफ सैक्स तो डिलिवरी भी सेफ होगी.

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बिना सैक्स के आदमी और औरत का संबंध अधूरा है.कुछ लोग चाहे जितना गुणगान कर लें कि सैक्स गंदा है, असल में आदमीऔरत में पूरा प्यार या लगाव सैक्स से ही होता है. यह बात दूसरी है कि कुछ मामलों में यह प्यार व लगाव कुछ मिनटों तक सिमट कर रह जाता है और शारीरिक प्रक्रिया पूरी होते ही दोनों अपनेअपने काम में व्यस्त हो जाते हैं. सैक्स के बराबर ही पेट भरना जरूरी है. शायद सैक्स से ज्यादा दूसरे मनोरंजन भी भारी पड़ते हैं.

एक संस्थान जो लगातार अमेरिकी लोगों पर शोध कर रही है ने पता किया है कि अमेरिकियों में भी सैक्स की चाहत कम हो रही है और वे सैक्स की जगह वीडियो गेम्स या अपने कैरियरों पर समय और शक्ति अधिक लगाने लगे हैं. युवा लड़कियों में 18% और युवा लड़कों में 23% ने कहा कि उन्हें पिछले 1 साल में एक बार भी सैक्स सुख नहीं मिला. 60 वर्ष की आयु से अधिक के 50% लोग सैक्स से दूर रहते हैं.

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