सवाल-
मैं 26 वर्षीय एक घरेलू महिला हूं. मु झे किशोरावस्था में टीबी हो गई थी जो ठीक हो गई थी. मेरी 1 माह की बेटी है. कहीं उस के इस बीमारी की चपेट में आने का खतरा तो नहीं है?
जवाब-
अगर गर्भवती महिला को टीबी है और वह अपना सही उपचार करा रही है तो बहुत ही कम मामलों में ऐसा देखा जाता है कि गर्भस्थ शिशु इस का शिकार हो. खतरा तब बढ़ जाता है जब गर्भवती महिला अपना उपचार ठीक तरह से नहीं कराती. आप को घबराने की बिलकुल जरूरत नहीं है क्योंकि आप का टीबी का उपचार आप के मां बनने से बहुत पहले ही हो चुका था. अपने शिशु को बीसीजी वैक्सीन लगवाएं, यह बच्चों को माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्कुलोसिस के संक्रमण से बचाता है.
ये भी पढ़ें- कुछ महीनों से सीढि़यां चढ़ने में मेरी सांस बहुत फूलने लगती है, मैं क्या करूं?
ये भी पढ़ें-
ट्यूबरक्लोसिस यानी कि टीबी एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है जो कि सामान्यतः हमारे फेफड़ों को प्रभावित करती है. इस घातक बीमारी का सही समय पर सही इलाज ना करने पर जान भी जा सकती है. टीबी केवल फेफड़ों को ही नहीं हमारे दिमाग को भी प्रभावित कर सकती है. ऐसे में दिमाग के ऊतकों में सूजन आ जाती है. जिसे मेनिनजाइटिस ट्यूबरक्लोसिस, मेनिनजाइटिस या ब्रेन टीबी भी कहा जा सकता है.
आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि यह बिमारी बच्चों और हर वर्ग के वयस्कों को हो सकती है. डाक्टर्स का कहना है कि भारत में टीबी के हर 70 मामलों में से बीस मरीज ब्रेन टीबी के होते हैं. आज हम आपको ब्रेन टीबी के लक्षणों और उसके उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं.