सवाल
इस साल मैं 24 वर्ष की हो जाऊंगी. मेरी जौब भी लग गई है. अब मैं पढ़ाईलिखाई से फ्री हो गई हूं. नौकरी करने के अलावा कोई दूसरा काम करने को नहीं है. लेकिन मैं एक महीने के अंदर ही अपनी रूटीन लाइफ से बोर हो गई हूं. दरअसल कालेज टाइम में कई बौयफ्रैंड बनाए थे. कई बौयफ्रैंड वाली बात जान कर आप को लगेगा कि मैं लड़कों के साथ फ्लर्ट करती हूं लेकिन ऐसा हरगिज नहीं, बल्कि मैं ‘वन मैन वुमन’ थिंकिंग वाली लड़की हूं लेकिन मुझे लड़के ही ऐसे मिले जो प्यार को ले कर सीरियस ही नहीं होते थे जबकि मैं इमोशनल हूं और बहुत जल्दी किसी एक से जुड़ जाती हूं और उस के प्रति वफादार रहती हूं लेकिन मुझे लड़के ऐसे मिले जिन्होंने मुझ से सिर्फ अपने मतलब के लिए दोस्ती की और फिर प्यार का वास्ता दिया जिसे मैं सच मान बैठती थी.
लेकिन अब मुझे लड़कों की फितरत के बारे में पता चल गया. मेरा अब कोई बौयफ्रैंड नहीं है. मैं बिलकुल सीधीसपाट लाइफ जी रही हूं. लेकिन जब दूसरे लड़केलड़कियों को साथ देखती हूं तो मन रोता है. मैं ने तो सब को सच्चे मन से प्यार किया था लेकिन मुझे कोई सच्चा दिलवाला नहीं मिला. मेरा भी मन करता है कि कोई मुझे सच्चा प्यार करने वाला मिले. लेकिन पता नहीं क्यों मुझे धोखेबाज मिलते हैं. जबकि मैं देखने में सुंदर हूं, स्मार्ट हूं, पढ़ीलिखी हूं. अब तो जौब भी कर रही हूं. क्यों मुझे कोई सच्चा इंसान नहीं मिल रहा जो सच्चे मन से मुझे प्यार करे और जीवनभर साथ रहे? क्या कमी है मुझ में?
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