सवाल

मैं 42 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. पिछले कछ दिनों से मुझे दांतों में संवेदनशीलता महसूस हो रही है. मुझे चायकौफी पीने में भी परेशानी हो रही है. क्या करूं?

जवाब

हमारे दांतों के ऊपर एक सुरक्षा परत होती है जिसे इनेमल कहते हैं. हम जो भी खाते हैं उस का पहला संपर्क हमारे दांतों से होता है. इनेमल हमें ताप और दूसरी चीजों से बचाता है. खानपान की गलत आदतों और कई अन्य कारणों से यह परत पतली या खराब हो जाती है. इस से दांतों में अति संवेदनशीलता की समस्या हो जाती है. दांतों में संवेदनशीलता विकसित होने के कारण ब्रश और फ्लौसिंग करने, खानेपीने के समय तेज दर्द होता है. अगर यह संवेदनशीलता अधिक नहीं है तो ऐंटीसैंसिटिविटी टूथपेस्ट से ठीक हो सकती है. अगर समस्या गंभीर है या ऐंटीसैंसिटिविटी टूथपेस्ट के इस्तेमाल के बाद भी ठीक नहीं हो तो उपचार करना जरूरी हो जाता है क्योंकि यह संवेदनशीलता किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकती है जैसे कैविटी या दांतों में दरार आ जाना.

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हमारे देश में ओरल कैंसर के बढ़ते हुए मामलों के बारे में सुन कर बहुत डर लगता है. मैं जानना चाहती हूं किन कारणों से ओरल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है?

जवाब

पूरे विश्व में हमारे देश में पुरुषों में ओरल कैंसर के मामले सब से अधिक सामने आते हैं. ओरल कैंसर को ओरल कैविटी या माउथ कैंसर भी कहते हैं. यह कैंसर होंठों, मसूड़ों, गालों की अंदरूनी भित्ती, तालू, जीभ के नीचे वाले हिस्से में हो सकता है. ओरल कैंसर को हैड ऐंड नैक कैंसर समूह में रखा जाता है. पश्चिमी देशों की तुलना में हमारे देश में ओरल कैंसर के काफी मामले सामने आते हैं. कुछ कारक हैं जो ओरल कैंसर का खतरा बढ़ा देते हैं जैसे तंबाकू चबाना या सूंघना, बीड़ी, सिगरेट, सिगार, हुक्का आदि पीना, अत्यधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन, अप्राकृतिक शारीरिक संबंधों के कारण एचपीवी का संक्रमण, कमजोर रोगप्रतिरोधक तंत्र, होंठों पर अत्यधिक सन ऐक्सपोजर आदि.

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