सवाल-
मैं 25 वर्षीय महिला हूं. मेरे पिता 38 वर्ष की उम्र से हीमोक्रोमैटोसिस से पीडि़त हैं. यह आनुवंशिक बीमारी है. भले ही मेरा स्वास्थ्य अभी अच्छा है, फिर भी मुझे यह बीमारी होने का डर है. मैं व्यायाम करती हूं और संतुलित आहार लेती हूं. यह बीमारी मुझे न हो, इस के लिए मुझे क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
जवाब-
हीमोक्रोमैटोसिस को ले कर आप की चिंता स्वाभाविक है, क्योंकि यह आप के जींस में है. लेकिन इस बीमारी के कारण महिलाओं के अंगों को नुकसान जीवन के काफी बाद के चरणों में पहुंचता है, क्योंकि हर महीने माहवारी के जरीए उन के शरीर से खून निकल जाता है. अंग खराब होने के सभी संकेत एवं लक्षण पुरुषों की तुलना में महिलाओं में 10 वर्ष बाद देखे जाते हैं. यदि आप के पूरे शरीर में बिना किसी चोट के रक्त के थक्के दिखाई देते हैं, तो फौरन डाक्टर से जांच करवाएं. आप इस बीमारी से बचने के लिए आयरन चीलेशन थेरैपी, थेरैप्यूटिक फ्लीबोटोमी करा सकती हैं, साथ ही आहार में भी कुछ बदलाव कर सकती हैं.
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गर्भ से ही कुछ बच्चों में उन के शरीर के अंगों में विकृतियां आने से ले कर उन की ऐक्टिविटीज और ऊर्जा तक बदलने आदि की समस्याएं शुरू हो जाती हैं. वे बच्चे जब इन स्वास्थ्य समस्याओं के साथ जन्म लेते हैं तो उन्हें हम जन्मदोष कहते हैं. जन्मदोष के 4,000 से अधिक विभिन्न प्रकार हैं. इन में वे भी हैं जिन्हें ठीक करने के लिए किसी तरह के इलाज की जरूरत नहीं पड़ती और दूसरे वे गंभीर बीमारियां भी हैं, जिन के लिए शल्य चिकित्सा की जरूरत पड़ती है, जिस के न होने से बच्चे के अपंगता के शिकार होने की भी संभावना रहती है. एक सर्वे के अनुसार, हर 33 में से 1 बच्चा जन्मदोष के साथ पैदा होता है. उस में भी अगर कोई बच्चा कुरूप हो कर जन्म ले या उस बच्चे के शरीर का कोई अंग गायब हो, तो उसे भी संरचनात्मक जन्मदोष ही कहा जाता है. हार्ट डिफैक्ट भी संरचनात्मक जन्मदोष का एक प्रकार है, तो हड्डियों का विस्थापित होना भी.